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अब राजीव नीचे होकर उसके पेटिकोट का नाड़ा खोला और मालिनी ने अपनी गाँड़ उठाकर उसको निकालने में मदद की। राजीव की आँखें उस लिंगरी वाली पैंटी पर पड़ी जिसकी जाली से उसकी बुर की फाँक साफ़ नज़र आ रही थी। वो मस्ती में आकर उसकी बुर को देखता रहा और बोला: बेटा क्या मस्त बुर है और इस पैंटी में तू मस्त माल लग रही है। अब वो उसकी एक टाँग उठाया और उसके पैर के तलवे को चूमने और चाटने लगा। अब वो उसकी एक एक ऊँगली को मुँह में लेकर चूस रहा था। मालिनी के लिए ये नया अनुभव था। वो सिसकारियाँ भरने लगीं। फिर वो उसकी पिंडली चाटते हुए उसके घुटने और फिर जाँघ चाटने लगा। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मालिनी सोची कि पापा आज तो उसकी जान ही ले लेंगे। अब वो उसकी बुर के पास जाकर रुका और फिर दूसरी जाँघ चाटते हुए वापस नीचे दूसरी पैर की उँगलियों तक आया। मालिनी अब गरम होने लगी थी। वो अपनी कमर हिलाकर अपनी बेचैनी दिखाई। राजीव अब उसके पेट को चूमता हुआ उसके हाथों तक पहुँचा। अब वो उसकी हाथ की उँगलियाँ एक एक कर चूस रहा था। वो उसकी उँगलियों के जोड़ भी चाटकर मस्त हो रहा था। अब वो कलाई और बाँह चाटा और फिर उसका हाथ उठाकर उसकी बग़ल को सूँघा और फिर वहाँ भी जीभ से चाटने लगा। मालिनी को लगा कि वो पागल ही हो जाएगी।
अब वो मालिनी का ब्लाउस का हुक खोलने लगा। मालिनी ने हाथ उठा कर अपना ब्लाउस उतारने में उसकी मदद की। अब उसका गोरा बदन सिर्फ़ लिंगरी में बहुत ही मादक लग रहा था। वह उसके इस रूप को मुग्ध होकर देखता रहा और बोला: बेटी उफफफ क्या फ़िगर है और इस लिंगरी में तो बहुत क़ातिलाना लग रही हो। ये लिंगरी मैंने तुम्हारी सास के लिए ख़रीदा था। वो तो पहनी नहीं पर सच में तुमपे यह बहुत सेक्सी लग रही है।देखो तुम्हारे निपल्ज़ कितने मस्त दिख रहे हैं, नेट के अंदर से ।
मालिनी: पापा मैं तो ये लिंगरी पहन कर अपने आप को नंगी ही महसूस करती हूँ। और आप तो अभी भी पूरे कपड़े पहने हो।
राजीव: चलो मैं भी कपड़े उतार देता हूँ।
यह कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगा और चड्डी में आकर बोला: सच में बहुत कामुक बदन है तुम्हारा। अब वो झुका और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके गोरे दूध को चूमने लगा। मालिनी के बदन में भी सिहरन होने लगी। चड्डी में से राजीव का खड़ा लौड़ा बहुत मस्त दिख रहा था और चड्डी में दो बूँद प्रीकम भी चमक रहा था। मालिनी हाथ बढ़ा कर उसके चड्डी के ऊपर से उसके लौड़े को दबाई।
अब वो उसकी ब्रा के पीछे हाथ डाल कर उसका हुक खोला। अब उसने धीरे से उसके ब्रा का कप उठाया और उसके मदमस्त करने वाले सख़्त दूधिया अनार उसकी आँखों के सामने थे। काले बड़े निपल उन गोलायियों के ऊपर उफफफ क्या सज रहे थे। वह इन चूचियों को दबाने , सहलाने और चूसने के लिए पागल हुआ जा रहा था इतने दिनों से ।
अब वो झुका और उसने उसकी मस्त छातियों को सहलाना शुरू किया मानो वो उनकी मालिश कर रहा हो। उसकी ऊँगली और अंगूठे ने निपल को मसलना शुरू किया । अब मालिनी आऽऽहहहह कर उठी। उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। अब राजीव ने उसकी एक छाती मुँह में लेकर चूसना और दूसरे को मस्ती से दबाना चालू किया। अब मालिनी आऽऽह कर उठी। वह अपनी जीभ से उसके निपल को सहलाने लगा। मालिनी उइइइइइइ करके उसका सिर पकड़कर अपनी चुचि पर दबा दी। क़रीब दस मिनट तक चूसने के बाद वो अपना सिर उठाया और मालिनी के होंठ चूसने लगा। अब वो अपनी जीभ उसके मुँह में डाला और मालिनी उसे चूसने लगी। अब दोनों बहुत गरम हो गए थे। राजीव नीचे होकर उसकी पैंटी को नीचे किया । मालिनी ने भी गाँड़ उठाकर पैंटी उतारने में मदद की। अब उसको पनियाई हुई गीली बुर उसके सामने थी। वो उसकी जाँघें फैलाया और उनके बीच में फूलि हुई बुर को सहलाया और फिर दो ऊँगली अंदर डाला और बोला: आऽऽह कितनी गरम हो गयी हो तुम। बिलकुल गीली हो।
मालिनी: आऽऽह पापा अब डाआऽऽऽऽऽऽल दो ना। अब नहीं रहा जा रहा ।
राजीव झुक कर उसकी बुर को चूमा और चाटने लगा।
मालिनी: आऽऽऽह पापा इतने दिनों से बस चटवा ही तो रही हूँ और आपका चूस रही हूँ। अब बस चोओओओओओओद दीजिए। आऽऽहहहह बहुत खुजा रही है।
राजीव: हाँ बेटा मैं भी अब बस अंदर डाले बिना नहीं रह सकता। वो अपने लौडे को चड्डी से मुक्त करके बोला। मालिनी ने देखा कि उनका लौड़ा बहुत मस्त दिख रहा था।
वो बोली: पापा अब और मत तड़पाओ अंदर डाऽऽऽऽऽऽऽऽल दो।
वो उसकी टाँगें उठाकर अपने लौडे के सुपाड़े को उसकी बुर के छेद पर सेट किया और उसे वहाँ रगड़ने लगा। मालिनी उइइइइइइइ करके चिल्लाई :आऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽपा । क्यों तड़पा रहे हो डाआऽऽऽऽऽलो।
राजीव मज़े से भर गया और अपनी बहू की तड़प का मज़ा लेकर बोला: आऽऽऽह बेटा अब डालता हूँ। लो मेरा लौड़ा अपनी बुर में। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म्म्म। अब उसका सुपाडा उसके बुर में घुस गया। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या टाइट बुर है। अब वो एक धक्का मारा और आधा लौड़ा उसकी बुर में समा गया। मालिनी: आऽऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽपा। धीरे सेएएएएएएए प्लीज़। बहुत मोटा है हाऽऽऽऽऽय।
राजीव अब अगले धक्के में पूरा लौड़ा अंदर कर दिया और अब पूरा लौड़ा उसकी बुर में समा चुका था। मालिनी भी मस्ती से बोली: आऽऽऽहहह पापा बहुत बड़ा है आऽऽऽऽऽपका ।
राजीव: शिवा का भी तो बड़ा होगा ना? वो भी मेरे जैसा ही तगड़ा मर्द है।
मालिनी: आऽऽऽह उनका भी मस्त है मगर आपका मोटा ज़्यादा है। आह्ह्ह्ह्ह। अब चोदिए प्लीज़।
अब राजीव ने उसकी चुदाई शुरू की और मालिनी भी अपनी गाँड़ उछालकर चुदावने लगी। राजीव उसकी चूचियाँ दबाकर उसके होंठ चूस रहा था। अब फ़च फ़च की आवाज़ के साथ पलंग की भी चूँ चूँ की आवाज़ आ रही थी। तभी राजीव ने महसूस किया कि उसकी बुर के मसल्स ने उसके लौडे को जैसे अपने ग्रिप में ले लिया है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ वह सोचा कि ऐसी चुदाई का मज़ा बरसों बाद मिल रहा था। कुछ तो बात है इस कामुक जवानी में। क्या मज़े से चुदवा रही है। पूरा मज़ा दे रही है। तभी मालिनी : आऽऽहहह पाआऽऽऽऽपा मैं गयीइइइइइइइ। और वो झड़ने लगी । राजीव भी ह्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा।
दोनों झड़कर अग़ल बग़ल लेटे थे और एक दूसरे के बदन पर हाथ फेर रहे थे। मालिनी हाथ से राजीव के नरम लौड़े को दबा रही थी। अब वो उसके बड़े बॉल्ज़ को सहला कर बोली: पापा आपके इन बॉल्ज़ ने तो कई लड़कियों को माँ बनाया है। मुझे लगता है अब मेरा भी नम्बर आ जाएगा अब।
राजीव: ओह हाँ ये हो तो सकता है । मगर तुम अगर प्रेगनेंट हुई तो कैसे पता चलेगा कि बाप शिवा है या मैं?
मालिनी हँसकर बोली: मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आप उस बच्चे के पापा हैं या दादा? मुझे तो प्यारा से बच्चा मिल जाएगा। अगर शिवा का होगा तो वो पापा और आप दादा।
राजीव उसे हैरानी से देखता रह गया।
दिन के १२ बजे थे और शिवा बेचैन था। उसे पता नहीं क्यों लग रहा था कि मालिनी कुछ करने वाली है। उसे याद आया कि वो बोली थी कि आज कामवाली बाई नहीं आएगी। इसका मतलब वो दिन भर आज पापा के साथ अकेली रहेगी। क्या वो कुछ करने वाली है? ये बात तो तो उसे पता चल गयी थी कि दोनों एक दूसरे के सब अंग छूते और चूमते और चाटते हैं! पर उनकी बातों से ऐसा लगा था कि चुदाई अब तक नहीं हुई है। वह कैसे पता करे ? तभी उसे असलम का ख़याल आया और वो उसको फ़ोन लगाकर बोला: यार मैं बहुत परेशान हूँ और जानना चाहता हूँ कि मालिनी पापा से चुदी या नहीं? कैसे पता करूँ?
असलम: यार इन सब चीज़ों में आयशा का दिमाग़ चलता है। मैं अभी खाना खाने जा रहा हूँ। तू भी आ जा। हम दोनों मिलकर आयशा की चुदाई भी कर लेंगे और उससे सलाह भी कर लेंगे कि कैसे पता करें मालिनी और तेरी पापा की चुदाई का?
शिवा का लण्ड तनने लगा ये सोचकर कि आयशा दोनों से चुदेगी । वो बोला: देख यार तू तो अपनी बीवी को मुझसे चुदवाए जा रहा है, मगर मैं नहीं जानता कि मालिनी तुमसे चुदवाएगी या नहीं।बाद में दोष नहीं देना।
असलम: यार तू आयशा को चोद लेगा तो क्या उसकी बुर घिस जाएगी? वैसे भी वो कई दिनों से डबल चुदाई का मज़ा नहीं ली है। उसे भी मज़ा आ जाएगा।
शिवा: ठीक है मैं आता हूँ। वो ये कहकर अपना लण्ड पैंट में ऐडजस्ट किया।
उधर सरला और राकेश की चुदाई के बाद अब राकेश उससे बहुत खुल गया था। अब वो किचन में सरला को पकड़कर चूम लेता था और उसके मस्त दूध दबाकर उनको ब्लाउस के ऊपर से खुले हिस्से को चूम भी लेता था। सरला भी अब उसके लण्ड को पैंट के ऊपर से जब तब दबा देती थी। उस दिन सबके जाने के बाद क़रीब १२ बजे वो सरला को लेकर उसके बेडरूम में घुस गया और उसकी ज़बरदस्त चुदाई करने लगा। सरला भी मज़े से उसका साथ दी और बाद में बोली: बेटा तेरा आख़री साल है अब पढ़ाई पर ध्यान दे । रात को मैं तेरी प्यास बुझा दिया करूँगी। राकेश मुस्कुरा कर उसकी चूचि चूसा और तय्यार होकर कोलेज चला गया। सरला अपने घर के काम में लग गयी।
उधर मालिनी और राजीव चुदाई के बाद सुस्ता रहे थे।
अब वो मालिनी का ब्लाउस का हुक खोलने लगा। मालिनी ने हाथ उठा कर अपना ब्लाउस उतारने में उसकी मदद की। अब उसका गोरा बदन सिर्फ़ लिंगरी में बहुत ही मादक लग रहा था। वह उसके इस रूप को मुग्ध होकर देखता रहा और बोला: बेटी उफफफ क्या फ़िगर है और इस लिंगरी में तो बहुत क़ातिलाना लग रही हो। ये लिंगरी मैंने तुम्हारी सास के लिए ख़रीदा था। वो तो पहनी नहीं पर सच में तुमपे यह बहुत सेक्सी लग रही है।देखो तुम्हारे निपल्ज़ कितने मस्त दिख रहे हैं, नेट के अंदर से ।
मालिनी: पापा मैं तो ये लिंगरी पहन कर अपने आप को नंगी ही महसूस करती हूँ। और आप तो अभी भी पूरे कपड़े पहने हो।
राजीव: चलो मैं भी कपड़े उतार देता हूँ।
यह कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगा और चड्डी में आकर बोला: सच में बहुत कामुक बदन है तुम्हारा। अब वो झुका और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके गोरे दूध को चूमने लगा। मालिनी के बदन में भी सिहरन होने लगी। चड्डी में से राजीव का खड़ा लौड़ा बहुत मस्त दिख रहा था और चड्डी में दो बूँद प्रीकम भी चमक रहा था। मालिनी हाथ बढ़ा कर उसके चड्डी के ऊपर से उसके लौड़े को दबाई।
अब वो उसकी ब्रा के पीछे हाथ डाल कर उसका हुक खोला। अब उसने धीरे से उसके ब्रा का कप उठाया और उसके मदमस्त करने वाले सख़्त दूधिया अनार उसकी आँखों के सामने थे। काले बड़े निपल उन गोलायियों के ऊपर उफफफ क्या सज रहे थे। वह इन चूचियों को दबाने , सहलाने और चूसने के लिए पागल हुआ जा रहा था इतने दिनों से ।
अब वो झुका और उसने उसकी मस्त छातियों को सहलाना शुरू किया मानो वो उनकी मालिश कर रहा हो। उसकी ऊँगली और अंगूठे ने निपल को मसलना शुरू किया । अब मालिनी आऽऽहहहह कर उठी। उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। अब राजीव ने उसकी एक छाती मुँह में लेकर चूसना और दूसरे को मस्ती से दबाना चालू किया। अब मालिनी आऽऽह कर उठी। वह अपनी जीभ से उसके निपल को सहलाने लगा। मालिनी उइइइइइइ करके उसका सिर पकड़कर अपनी चुचि पर दबा दी। क़रीब दस मिनट तक चूसने के बाद वो अपना सिर उठाया और मालिनी के होंठ चूसने लगा। अब वो अपनी जीभ उसके मुँह में डाला और मालिनी उसे चूसने लगी। अब दोनों बहुत गरम हो गए थे। राजीव नीचे होकर उसकी पैंटी को नीचे किया । मालिनी ने भी गाँड़ उठाकर पैंटी उतारने में मदद की। अब उसको पनियाई हुई गीली बुर उसके सामने थी। वो उसकी जाँघें फैलाया और उनके बीच में फूलि हुई बुर को सहलाया और फिर दो ऊँगली अंदर डाला और बोला: आऽऽह कितनी गरम हो गयी हो तुम। बिलकुल गीली हो।
मालिनी: आऽऽह पापा अब डाआऽऽऽऽऽऽल दो ना। अब नहीं रहा जा रहा ।
राजीव झुक कर उसकी बुर को चूमा और चाटने लगा।
मालिनी: आऽऽऽह पापा इतने दिनों से बस चटवा ही तो रही हूँ और आपका चूस रही हूँ। अब बस चोओओओओओओद दीजिए। आऽऽहहहह बहुत खुजा रही है।
राजीव: हाँ बेटा मैं भी अब बस अंदर डाले बिना नहीं रह सकता। वो अपने लौडे को चड्डी से मुक्त करके बोला। मालिनी ने देखा कि उनका लौड़ा बहुत मस्त दिख रहा था।
वो बोली: पापा अब और मत तड़पाओ अंदर डाऽऽऽऽऽऽऽऽल दो।
वो उसकी टाँगें उठाकर अपने लौडे के सुपाड़े को उसकी बुर के छेद पर सेट किया और उसे वहाँ रगड़ने लगा। मालिनी उइइइइइइइ करके चिल्लाई :आऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽपा । क्यों तड़पा रहे हो डाआऽऽऽऽऽलो।
राजीव मज़े से भर गया और अपनी बहू की तड़प का मज़ा लेकर बोला: आऽऽऽह बेटा अब डालता हूँ। लो मेरा लौड़ा अपनी बुर में। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म्म्म। अब उसका सुपाडा उसके बुर में घुस गया। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या टाइट बुर है। अब वो एक धक्का मारा और आधा लौड़ा उसकी बुर में समा गया। मालिनी: आऽऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽपा। धीरे सेएएएएएएए प्लीज़। बहुत मोटा है हाऽऽऽऽऽय।
राजीव अब अगले धक्के में पूरा लौड़ा अंदर कर दिया और अब पूरा लौड़ा उसकी बुर में समा चुका था। मालिनी भी मस्ती से बोली: आऽऽऽहहह पापा बहुत बड़ा है आऽऽऽऽऽपका ।
राजीव: शिवा का भी तो बड़ा होगा ना? वो भी मेरे जैसा ही तगड़ा मर्द है।
मालिनी: आऽऽऽह उनका भी मस्त है मगर आपका मोटा ज़्यादा है। आह्ह्ह्ह्ह। अब चोदिए प्लीज़।
अब राजीव ने उसकी चुदाई शुरू की और मालिनी भी अपनी गाँड़ उछालकर चुदावने लगी। राजीव उसकी चूचियाँ दबाकर उसके होंठ चूस रहा था। अब फ़च फ़च की आवाज़ के साथ पलंग की भी चूँ चूँ की आवाज़ आ रही थी। तभी राजीव ने महसूस किया कि उसकी बुर के मसल्स ने उसके लौडे को जैसे अपने ग्रिप में ले लिया है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ वह सोचा कि ऐसी चुदाई का मज़ा बरसों बाद मिल रहा था। कुछ तो बात है इस कामुक जवानी में। क्या मज़े से चुदवा रही है। पूरा मज़ा दे रही है। तभी मालिनी : आऽऽहहह पाआऽऽऽऽपा मैं गयीइइइइइइइ। और वो झड़ने लगी । राजीव भी ह्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा।
दोनों झड़कर अग़ल बग़ल लेटे थे और एक दूसरे के बदन पर हाथ फेर रहे थे। मालिनी हाथ से राजीव के नरम लौड़े को दबा रही थी। अब वो उसके बड़े बॉल्ज़ को सहला कर बोली: पापा आपके इन बॉल्ज़ ने तो कई लड़कियों को माँ बनाया है। मुझे लगता है अब मेरा भी नम्बर आ जाएगा अब।
राजीव: ओह हाँ ये हो तो सकता है । मगर तुम अगर प्रेगनेंट हुई तो कैसे पता चलेगा कि बाप शिवा है या मैं?
मालिनी हँसकर बोली: मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आप उस बच्चे के पापा हैं या दादा? मुझे तो प्यारा से बच्चा मिल जाएगा। अगर शिवा का होगा तो वो पापा और आप दादा।
राजीव उसे हैरानी से देखता रह गया।
दिन के १२ बजे थे और शिवा बेचैन था। उसे पता नहीं क्यों लग रहा था कि मालिनी कुछ करने वाली है। उसे याद आया कि वो बोली थी कि आज कामवाली बाई नहीं आएगी। इसका मतलब वो दिन भर आज पापा के साथ अकेली रहेगी। क्या वो कुछ करने वाली है? ये बात तो तो उसे पता चल गयी थी कि दोनों एक दूसरे के सब अंग छूते और चूमते और चाटते हैं! पर उनकी बातों से ऐसा लगा था कि चुदाई अब तक नहीं हुई है। वह कैसे पता करे ? तभी उसे असलम का ख़याल आया और वो उसको फ़ोन लगाकर बोला: यार मैं बहुत परेशान हूँ और जानना चाहता हूँ कि मालिनी पापा से चुदी या नहीं? कैसे पता करूँ?
असलम: यार इन सब चीज़ों में आयशा का दिमाग़ चलता है। मैं अभी खाना खाने जा रहा हूँ। तू भी आ जा। हम दोनों मिलकर आयशा की चुदाई भी कर लेंगे और उससे सलाह भी कर लेंगे कि कैसे पता करें मालिनी और तेरी पापा की चुदाई का?
शिवा का लण्ड तनने लगा ये सोचकर कि आयशा दोनों से चुदेगी । वो बोला: देख यार तू तो अपनी बीवी को मुझसे चुदवाए जा रहा है, मगर मैं नहीं जानता कि मालिनी तुमसे चुदवाएगी या नहीं।बाद में दोष नहीं देना।
असलम: यार तू आयशा को चोद लेगा तो क्या उसकी बुर घिस जाएगी? वैसे भी वो कई दिनों से डबल चुदाई का मज़ा नहीं ली है। उसे भी मज़ा आ जाएगा।
शिवा: ठीक है मैं आता हूँ। वो ये कहकर अपना लण्ड पैंट में ऐडजस्ट किया।
उधर सरला और राकेश की चुदाई के बाद अब राकेश उससे बहुत खुल गया था। अब वो किचन में सरला को पकड़कर चूम लेता था और उसके मस्त दूध दबाकर उनको ब्लाउस के ऊपर से खुले हिस्से को चूम भी लेता था। सरला भी अब उसके लण्ड को पैंट के ऊपर से जब तब दबा देती थी। उस दिन सबके जाने के बाद क़रीब १२ बजे वो सरला को लेकर उसके बेडरूम में घुस गया और उसकी ज़बरदस्त चुदाई करने लगा। सरला भी मज़े से उसका साथ दी और बाद में बोली: बेटा तेरा आख़री साल है अब पढ़ाई पर ध्यान दे । रात को मैं तेरी प्यास बुझा दिया करूँगी। राकेश मुस्कुरा कर उसकी चूचि चूसा और तय्यार होकर कोलेज चला गया। सरला अपने घर के काम में लग गयी।
उधर मालिनी और राजीव चुदाई के बाद सुस्ता रहे थे।