Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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उस दिन गाँड़ मरवाने के बाद मालिनी दिन भर थोड़ा लँगड़ाती रही। राजीव ने शाम को भी उसकी गाँड़ में बड़े प्यार से क्रीम लगाई। यह सब शिवा और आयशा ने देखा । इसके पहले असलम खाना खाने आया तो शिवा और उसने मिलकर आयशा की ज़बरदस्त चुदाई की। बदल बदल कर उसके मुँह , बुर और गाँड़ में लंड डाला। असलम तीन बजे चला गया था।
राजीव और मालिनीड्रॉइंग रूम में चाय पीकर बातें कर रहे थे तभी राजीव पूछा: बेटा अब पीछे का दर्द कैसा है?

मालिनी: पापा जलन तो अभी भी हो रही है।

राजीव उठकर अपने कमरे से एक क्रीम लाया और मालिनी ने अपनी सलवार खोली और दीवान में उलटी लेट गयी। राजीव ने उसकी गाँड़ के छेद को चेक किया और बोला: बेटा कल तक ठीक हो जाएगी। यह कहकर उसने ख़ूब सारी क्रीम एक ऊँगली में लगाई और उसकी गाँड़ में ऊँगली डालकर थोड़ा सा घुमा दिया। मालिनी: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पाआऽऽऽऽऽपा। दुखता है।

राजीव अपनी ऊँगली निकाला और बोला: बस बस हो गया बेटा।
मालिनी सीधी होकर सलवार पहनी और तभी राजीव ने उसे दिखाकर अपनी ऊँगली सूंघी और बोला: म्म्म्म्म्म मस्त गंध है।

मालिनी झूठा ग़ुस्सा दिखाकर बोली: पापा जाइए हाथ धो कर आइए।

राजीव हँसकर अपनी ऊँगली सूंघता हुआ हाथ धोने चला गया।

उसके बाद कुछ ख़ास नहीं हुआ।

शाम को असलम आया और सब चाय पीने लगे। तभी असलम जो कि लैप्टॉप देख रहा था बोला: देखो कुछ प्रोग्राम बन रहा है।

उधर ड्रॉइंग रूम में अब मालिनी राजीव की गोद में बैठी थी और वो बोला: बेटा चलो तुमको कुछ गिफ़्ट दिलाता हूँ। रात का खाना भी बाहर खाएँगे। तुम बाई को कल आने से मना कर देना। कल बस मैं और तुम और कोई नहीं बीच में हमारे। ठीक है ना?

मालिनी: पापा बाई काम करके चली जाएगी। आप उसको क्यों मना कर रहे हो?

राजीव: बेटा कल हम दोनो दिन रात पूरे नंगे रहेंगे। बाई के होने से काम बिगड़ेगा ना।

मालिनी: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पापा क्या बात करते हैं। पूरे रात दिन नंगा। छी ऐसे भी कोई करता है क्या?

राजीव: अरे मैं तो तेरी सासु माँ को तो कई बार ऐसे नंगी रखता था बच्चों के पैदा होने से पहले।

शिवा हैरान रह गया कि उसकी माँ के बारे में भी इस तरह की बातें हो रही हैं।

असलम आयशा से बोला: सच में ये बुढ़उ तो बहुत ही कमीना है। यार शिवा बुरा नहीं मानना ।

शिवा: हाँ यार सच में ये मालिनी जैसी प्यारी लड़की को एक रँडी में बदल रहा है। देखो क्या हो रहा है?

वहाँ लैप्टॉप में अब राजीव उसकी चूचियाँ दबाकर उसके होंठ चूस रहा था। वो बोला: जानू चलो लौड़ा चूसो ना। बहुत मन कर रहा है तुम्हारे मुँह में झड़ने का।

मालिनी हँसकर बोली: चलिए दीवान पर लेटिए मैं चूसती हूँ।

वो लूँगी खोलकर लेटा और वो उसकी जाँघों को सहलायी और उसके लौड़े को ऊपर उठाई और उसके बॉल्ज़ को चूमने लगी और फिर जीभ से चाटने भी लगी। अब वो उसके लंड को भी चूसी और चाटी। क़रीब २० मिनट चूसने के बाद वो आऽऽह करके झड़ गया और मालिनी उसके वीर्य को पीती चली गयी। आख़री बूँद भी उसने सुपाडे के छेद से चाटी और फिर बोली: पापा आपका वीर्य कितना गाढ़ा है।

राजीव: अरे बेटा इसीलिए तो लड़कियाँ फट से गर्भ से हो जाती हैं मुझसे चुदवा कर ।

शिवा पापा की इस बात से चौंका। इसका क्या मतलब हुआ?

मालिनी: वो तो सच है पापा कि आप कई लड़कियों को माँ बना चुके हो। इसका मतलब ये हुआ ना कि मैं भी अब माँ बन जाऊँगी?

राजीव: बिलकुल बेटा अब तुम्हारी बारी है। मुझे तो पूरा विश्वास है कि इस महीने तुम अपना पिरीयड मिस करोगी।

मालिनी: पापा वो बच्चा आपको दादा बोलेगा या पापा?

राजीव: बोलेगा तो दादा ही मगर हम दोनों को तो पता ही होगा कि वो हमारा ही बच्चा है।

शिवा सन्न रह गया। ये क्या नई बात हो रही है?

असलम: यार शिवा तू उसका पापा भी होगा और भाई भी।

शिवा: यार सच में पापा ने कई लड़कियों को माँ बनाया है क्या? बड़ा अजीब लगता है ये सुनकर।

असलम: वैसे जिस तरह से मालिनी की चुदाई करते हैं उससे पता लगता है कि क्या मर्दाना बदन है। यार मैं तो रिकॉर्डिंग देखकर ही मस्ती में आ गया हूँ।

उधर मालिनी अब बाथरूम से बाहर आयी और बोली: पापा बताइए कहाँ चलना है?

राजीव: बेटा तुम्हारे लिए गिफ़्ट लेंगे और खाना भी बाहर खाएँगे।

शिवा देखा कि पापा कपड़े बदल रहे हैं। उन्होंने मस्त सेंट भी स्प्रे किया। वो तो बहु को घुमाने ले जाने को ऐसे तय्यार हो रहे थे मानो कोई गर्ल फ़्रेंड घुमाने ले जा रहे हैं। उधर मालिनी जब तय्यार होकर राजीव के कमरे में आयी तो शिवा असलम आयशा और राजीव सब की आऽऽऽह निकल गयी। सच में आज वो बहुत सुंदर और मादक दिख रही थी। गदराया मांसल बदन साड़ी में लिपटा हुआ और भी कामुक दिखाई पड़ रहा था। असलम अपने लौड़े को दबाकर बोला: देखना अभी अंकल इसे चोद देंगे। क्या माल दिख रही है साली।

शिवा ये सोचकर बहुत उत्तेजित हो चुका था कि उसकी बीवी कितनी कामुक दिख रही है? उफफफ पता नहीं पापा क्या करेंगे इसके साथ अभी?

राजीव पलटके जब बहु को देखा तो मानो उसकी साँस ही रुक गयी। वो बोला: उफफफफ बेटा क्या लग रही हो? किसी हीरोइन की तरह सुंदर लग रही हो। आज मुझे बाज़ार में तुम्हारा ध्यान रखना पड़ेगा। तुमको कोई उठाकर ना ले जाए।

मालिनी मुस्कुराती हुई: पापा आपके रहते कोई मेरे पास आने की हिम्मत नहीं करेगा। वो उसकी टी शर्ट से बाहर झाँक रहे बाँह की मछली को दबाकर बोली।

दोनों हँसने लगे और राजीव ने बहु को अपनी बाहों में ले लिया और उसके गाल और होंठ चूमने लगा। मालिनी भी उसे चूमने लगी। अब मालिनी हँसकर बोली: क्या पापा आप मेरी पूरी लिपस्टिक़ खा गए। मुझे फिर से लगानी पड़ेगी।

थोड़ी देर बाद वो बाहर चले गए और शिवा असलम से बोला: देखो पापा मेरी बीवी को ना सिर्फ़ चोद रहे हैं बल्कि उसको घुमा भी रहे हैं और उसको अपने बच्चे की माँ भी बनाने जा रहे हैं । उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ये सब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है। वो अपना लौड़ा दबाकर बोला।

आयशा: मतलब आप अंकल से लड़ाई करोगे?

असलम: अरे नहीं इसका मतलब है कि उत्तेजना बर्दाश्त से बाहर हो रही है। यही ना?

शिवा : हाँ यार कितना इक्साइटिंग है ये सब । उफफफ पापा भी मस्ती से मज़ा दे रहें हैं अपनी लाड़ली बहु को।

आयशा उसके पैंट को खोली और उसका मस्ताना लौड़ा बाहर निकालके चूसने लगी। असलम मस्ती से उन दोनों को देख रहा था। सिर्फ़ पाँच मिनट में ही शिवा आऽऽऽऽहहह कहकर उसके मुँह में झड़ गया। आयशा उसका रस पीकर बोली: बहुत गरम हो गए थे आप। अब अच्छा लगा?

शिवा: आऽऽऽऽह सच में बहुत अच्छा लगा ।
फिर वो बातें करते हुए मालिनी और पापा का इंतज़ार करने लगे।

रात को क़रीब १० बजे मालिनी और पापा आए। दोनों साफ़ साफ़ पिए हुए दिख रहे थे। लगता था पापा ने बहु को पिला दिया था। मालिनी के हाथ में कुछ डिब्बे थे जो कि शायद पापा ने उसे दिलाए थे। अब शिवा और वो दोनों लैप्टॉप पर झुक कर देखने लगे। पापा ने बहु को पकड़ा और कहा : चलो बेटा मेरे कमरे में ही चलो। वो दोनों कमरे में आए। अब उसने बहु को बाँह में भरकर चूमना शुरू किया। अब वो बोला: बेटा ये कपड़े पहन कर बताओ ना।

मालिनी भी मुस्कुराई: ठीक है पापा। अब वो उसके सामने ही साड़ी खोली और फिर ब्लाउस और पेटिकोट भी उतारी। दूधिया बदन ब्रा और पैंटी में बहुत सेक्सी दिखाई दे रहा था। अब तक राजीव भी सिर्फ़ चड्डी में आ चुका था। वो ऐसे ही बिस्तर पर पैर लटका कर बैठ गया। उसका लंड अलग से फूला हुआ दिखाई पड़ रहा था।
मालिनी ने अब डिब्बा खोला और उसमें से एक लिंगरी निकाली और बाथरूम में चली गयी। थोड़ी देर में वो बाहर आयी और राजीव उसे मस्त निगाहों से देखने लगा। मालिनी के निपल्ज़ बाहर थे । चूचियाँ आधी से ज़्यादा नंगी थीं। नीचे भी एक जाँघ पूरी नंगी थी। पेट भी आधा नंगा था। उसकी गहरी नाभि दिखाई दे रही थी। उसकी बुर का हिस्सा भी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था और फाँकें और बीच का हिस्सा भी मस्त लग रहा था। वो किसी मॉडल की तरह चलकर राजीव को मस्त कर रही थी। अब वो गोल गोल गाँड़ मटका मटका कर चल के दिखा रही थी। गाँड़ की दरार में फँसी हुई रस्सी मस्त दिख रही थी। राजीव अपने लंड को चड्डी के ऊपर से मसल कर बोला: उफफफ क्या मस्त माल दिख रही हो बेटा । आओ मेरी गोद में बैठो।

शिवा अपना लंड दबाकर : देखो किसी रँडी से कम लग रही है क्या? पापा भी आज इसको बुरी तरह चोदेंगे देखना तुम लोग?
वह आकर राजीव की गोद में बैठी और राजीव ने उसके कंधे चूमे और उसकी छातियों के निपल्ज़ को दबाने लगा जो कपड़े से बाहर झाँक रहे थे। मालिनी उइइइइइ कर उठी। अब वो उसकी लिंगरी का ऊपरी हिस्सा निकाले और उसकी गोल गोल चूचियों को दबाकर चूसने लगे। फिर वो उसको उठाये और उसकी नीचे का हिस्सा भी निकाल दिए और अपनी चड्डी भी उतारे और बोले: बेटा बस आज जो हम नंगे हुए हैं तो अब परसों सुबह ही कपड़े पहनेंगे शिवा के आने के पहले।

अब वो दोनों बिस्तर पर एक दूसरे की ओर करवट लेकर लेटे और चिपक कर चुम्बन में डूब गए। राजीव का हाथ उसके बदन से खेल रहा था और वो उसकी चूचियाँ और कमर के साथ चूतरों को भी दबा रहा था। मालिनी का हाथ भी उसके पीठ और चूतरों से होता हुआ उसके लौड़े पर आ गया था। वह उसे मुठियाने लगी। वह उसके बड़े बॉल्ज़ भी सहला रही थी।

शिवा और वो दोनों भी देख रहे थे। और सब गरम हुए जा रहे थे।

अब राजीव बोला: बेटा आओ ६९ करते हैं। वो उलटी होकर करवट में ही लेट गयी और अपनी एक टाँग उठा ली और राजीव ने अपना मुँह उसकी बुर में डाल दिया और चूसने लगा। वह भी उसका लंड और बॉल्ज़ चूसने लगी।अब वो बोला: बेटी चलो ऊपर आकर मुझे चोदो।

मालिनी ऊपर आयी और अपनी बुर ने उसका लौड़ा डाली और बोली: पापा मैं नीचे रहूँ या ऊपर चोदोगे तो आप ही। मैं तो हर हाल में सिर्फ़ चूदूँगी ही।

राजीव हँसने लगा और नीचे से धक्के मारने लगा और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। मालिनी कमर उछालकर चुदवा रही थी। पलंग बुरी तरह हिल रहा था और फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी। मालिनी: पापा आऽऽऽह मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽ है। अब आऽऽऽऽऽप ऊपर अअअअअअअअओ नाआऽऽऽऽऽऽ।

राजीव उसको अपने से सटा कर पलटा और ऊपर आकर उसकी चूचियाँ दबोचकर ज़बरदस्त तरीक़े से चोदने लगा। मालिनी भी हाय्याय पाआऽऽऽऽऽपा और जोओओओओओओओओओओर से चोओओओओओओदो । उइइइइइइइइ माँआऽऽऽ। राजीव की कमर पिस्टन की तरह आगे पीछे हो रही थी।

असलम: उफफफ इस उम्र में भी इतना दम। सही में यार अंकल तो साँड़ हैं।

तभी मालिनी अपनी गाँड़ उछाल कर चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽऽह उन्न्न्न्न्न्न पापा मैं तो गयीइइइइइइइइइ ।

राजीव साँस लेने के लिए रुका और अपना लौड़ा उसकी पूरी तरह गीली बुर से बाहर निकाला । अब वो पास के टेबल से क्रीम उठाया और मालिनी को उलटा लिटाया और उसकी गाँड़ में क्रीम लगाया २ उँगलियों की मदद से । फिर अपने लौड़े में भी क्रीम लगाया और धीरे से उसकी कमर को ऊपर की ओर खींच कर उसे चौपाया बनाया और उसकी गाँड़ में अपना लौड़ा दबाने लगा। मालिनी: आऽऽऽऽऽह पापा उफफफफ दुखता है।

राजीव: बस बेटा अभी आराम मिलेगा। ये कहकर उसने अपना लौड़ा उसकी गाँड़ में अंदर तक पेल दिया।

मालिनी: उफफफफ पापा मरीइइइइइइइइइ।

अब राजीव ने धीरे धीरे आधा लंड निकालके धक्के मारने शुरू किए। मालिनी उन्न्न्न्न ऊँननन कहकर मज़े से भरने लगी।

शिवा आँखें फाड़े देख रहा था किपापा अब बहु की गाँड़ भी उसी स्पीड से मार रहे थे जैसे बुर मारी थी। अब थप्प थप्प की आवाज़ आ रही थी जो कि पापा की जाँघें उसके चूतरों से टकराने की वजह से आ रही थीं। अब बहु रानी भी अपनी गाँड़ पीछे करके पूरा लौड़ा अंदर ले रही थी और बड़बड़ा रही थी: आऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽपा मज़ाआऽऽऽऽऽ आऽऽऽ गयाआऽऽऽऽ। आऽऽऽऽऽह मुझे नहीं पता था आऽऽऽऽऽह कि इसमे भी इतना मज़ा है उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़। और जोओओओओओओओर से फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो पाआऽऽऽऽऽऽऽपा मेरी गाँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ ।

अब राजीव भी अपने क्लाइमैक्स की तरफ़ बढ़ रहा था सो उसने उसकी बुर में तीन उँगलियाँ डाली और अंदर बाहर करने लगा। जब उसका झड़ने वाला था तब वो उसकी क्लिट को मसला और अब दोनों एक साथ झड़ गए।

राजीव अब उसके ऊपर से हट कर बग़ल में लेटा और वो ऐसे ही उलटी पड़ी रही। उसकी गाँड़ के छेद से सफ़ेद रस बाहर आ रहा था ।
राजीव: बेटा मज़ा आया ना? रात की चुदाई का मज़ा और ही ज़्यादा आता है। है कि नहीं?
मालिनी: जी पापा सच में बहुत मज़ा आया। पर परसों के बाद शिवा आ जाएँगे तो यह मज़ा बंद हो जाएगा।

राजीव: बेटा दिल छोटा मत करो। कोई ना कोई रास्ता निकालेंगे रात की चुदाई का।

मालिनी मुस्कुराई: ठीक है पापा। देखो क्या होता है?

राजीव: अच्छा बेटा एक बात बोलूँ तुमको क्या लगता है कि अगर शिवा को ये पता चला कि तुम और मैं फँसे हुए हैं तो वो कैसा रीऐक्ट करेगा?

मालिनी: पापा शायद मुझे तलाक़ ही दे दे । क्या पता?

राजीव: वो मेरी गारंटी है कि नहीं देगा। वो भी तो तुमसे बेवफ़ाई कर चुका है तुम्हारी माँ को चोद कर।

मालिनी: हाँ वो तो है। मैंने इस बारे में सोचा ही नहीं।

राजीव: अच्छा बेटा अगर कभी ऐसी स्तिथि बने कि शिवा और मैं मिलकर तुम्हारी और तुम्हारी माँ के साथ चुदाई करें, तो तुम्हारा क्या रीऐक्शन होगा?

मालिनी: ओह क्या ये सम्भव है?

राजीव: हाँ सम्भव है पर तुम इसके लिए तय्यार होगी?

मालिनी: वैसे पापा आप और शिवा मुझे चोदते ही हो। और मम्मी भी आपसे और शिवा से चुदवा ही चुकी है। बस अब आप सबको साथ में होकर चुदाई की बात कर रहे हो ना?

राजीव: हाँ वही तो?

मालिनी: मुझे कोई समस्या नहीं है पर शिवा शायद नहीं मानेंगे।

राजीव: अरे वो मुझ पर छोड़ दो। चलो सोया जाए अब?

फिर वो नंगे ही लिपट कर सो गए।

उधर शिवा बोला: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या रँडी की तरह पापा के बग़ल में पड़ी है और अब बुर और गाँड़ मरवा कर कितनी शांति से लेटी है देखो। पर ये पापा सामूहिक चुदाई का क्या बोल रहे हैं। और हे भगवान ! मालिनी को पता है कि मैंने उसकी माँ को चोदा है। आज तक उसने मुझे कभी नहीं पूछा?

असलम: यार तुम्हारे परिवार में बहुत कुछ चल रहा है जो तुमको अभी पता नहीं है।

शिवा: हाँ यार ऐसा ही लगता है। पर मालिनी क्या बोली सुना? उसे सामूहिक चुदाई मंज़ूर है? ये मैंने कभी नहीं सोचा था कि वो इस तरह की चुदाई के लिए हाँ कर देगी? उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया है।

असलम: लगता है जल्दी ही तुम्हारे परिवार में चुदाई का धमाल होने वाला है।
आयशा: ये सब अब छोड़ो। आऽऽऽऽह अब चलो ये तो झड़ गए। चलो अब आप दोनों मुझे भी शांत करो। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ असलम मुझे तो अंकल से चुदवाना ही है। ये कैसे होगा तुम जानो।

उसके बाद आयशा की ज़बरदस्त चुदाई हुई और उसकी बुर और गाँड़ की आग को दोनों जवानों ने पूरी तरह से शांत कर दिया।

सोने से पहले शिवा ने लैप्टॉप चेक किया। दोनों ससुर बहु नंगे ही लिपटकर सो रहे थे।

वो भी सो गया और सपने में देखा कि वो और पापा दोनों मालिनी को ऐसे ही चोद रहे हैं, जैसे अभी आयशा चुदवाई थी।
 
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रात को करींब ३ बजे राजीव को पेशाब लगी। वो मोबाइल उठाया और टाइम चेक करने लगा। तभी बिजली चली गयी और घर में अँधेरा हो गया। मालिनी नंगी एक चादर ओढ़ के सो रही थी। वो मोबाइल का टॉर्च चालू किया और बाथरूम से फ़्रेश होकर वापस आया और टोर्च को दीवाल घड़ी की ओर करके टाइम देखा। तभी उसने ध्यान दिया कि वहाँ कुछ अजीब सी लाइट चमक रही थी। वो घड़ी के पास आया और उसने फिर से टोर्च की रोशनी की घड़ी पर। वह देखा कि कोई लेंस सा था जो कि चमक रहा था। वो घड़ी को धीरे से नीचे लाया और उसकी साँस रुक सी गयी। उफफफफ ये तो स्पाई कैम का लेंस था। उसने कुछ सोचा और लेंस को वैसे ही रहने दिया। घड़ी को वापस अपनी जगह पर रख दिया।
तभी बिजली आ गयी। वो चुपचाप ड्रॉइंग रूम में जाकर वहाँ की घड़ी चेक किया और वहाँ के कैम को भी देखा और फिर किचन और मालिनी के बेडरूम में भी चेक किया। उसे पता चल गया था कि सिर्फ़ दो ही कैम थे। उसे पक्का विश्वास था कि ये काम शिवा का ही है। उसे शक हो गया है कि मैं मालिनी को चोद रहा हूँ। इसीलिए उसने ये किया है। वो और शिवा कैम के बारे में जानते थे क्योंकि उन्होंने दुकान में भी लगा रखे थे। अब वो आकर बिस्तर पर लेटा और अपने बॉल्ज़ खुजाते हुए सोचने लगा कि इससे शिवा को क्या हासिल होगा? इस सबूत का वो किस तरह से इस्तेमाल कर सकता है? वह कुछ सोचा और मुस्कुराने लगा कि हाँ ये ही सम्भव है। उसका लौड़ा अकड़ने लगा और वह सोती हुई मालिनी के भोले चेहरे को देखा और मन ही मन बोला: बहु तुमको मुझसे कोई अलग नहीं कर सकता। शिवा भी नहीं। वह झुक कर उसके गाल को चूमा और मालिनी उसकी चौड़ी छाती में घुसकर सो गयी। उसने अपने आप को शांत किया और एक कुटिल मुस्कान के साथ सो गया।

अगली सुबह मालिनी की नींद खुली तो वह बहुत शर्मिंदा हुई कि कल उसने पापा के साथ मस्ती के चक्कर में शिवा को एक बार भी फ़ोन नहीं किया। उसे हैरानी भी थी कि शिवा का फ़ोन भी क्यों नहीं आया। वह चुपचाप नंगी ही ड्रॉइंग रूम में आयी और शिवा को फ़ोन लगायी।

उधर शिवा और असलम आयशा को बीच में दबाकर सो रहे थे जब शिवा का फ़ोन बजा। वो उठा और जाकर ड्रॉइंग रूम से फ़ोन मिलाया। साथ ही लैपटॉप भी चालू किया। वो चालू होने लगा।
मालिनी: गुड मॉर्निंग । आपने कल फ़ोन ही नहीं किया?

शिवा: जानू मेरी बेटरी डेड हो गयी थी। कॉन्फ़्रेन्स में भी बहुत देर हो गयी थी।

मालिनी: आप ठीक तो है ना? वापस कब आएँगे?

शिवा: कल सुबह आ जाऊँगा।
अब तक लैप्टॉप चालू हो गया था। शिवा देखा कि मालिनी पूरी नंगी बैठी है सोफ़े पर। उसकी ठोस बड़ी छातियाँ और लम्बे काले निपल बहुत सेक्सी दिख रहे थे। अब वो उठी और झुक कर फ्रिज से पानी की बोतल निकाली और शिवा उसके मादक पिछवाड़े को देखकर सोचा: उफफफ क्या माल है। मेरा माल है पर मेरा ही जी नहीं भरता इसको इस हाल में देखकर, तो बिचारे पापा का क्या दोष है।

शिवा और मालिनी थोड़ी देर प्यार भारी बातें किए । मालिनी हाथ उठाकर अपनी बग़ल खुजाई और अपनी छाती भी खुजाई। उसे क्या पता था कि शिवा उसे देख रहा है। फिर वो बाथरूम जाने के लिए उठी और अपनी बुर खुजा कर बोली: अच्छा रखती हूँ। बाथरूम जाना है। ये कहकर वह अपने कमरे के बाथरूम में घुस गयी। वह उसकी मटकती गाँड़ देखता ही रह गया। शिवा का लण्ड पूरा तन गया था। अब उसने पापा के बेडरूम को देखा तो पाया कि पापा अभी भी सोए हुए थे। वो भी नंगे ही थे और एक चादर से आधा बदन ही ढका हुआ था। अब वो लैप्टॉप को चालू रखा और फ़्रेश होने बाथरूम में घुसा । वो एक लूँगी ही पहना था। वो चाय बनाने किचन में गया। थोड़ा खोजने पर सब सामान मिल गया और तीन कप चाय बना के वो बेडरूम में पहुँचा। आयशा अभी अभी उठकर बैठी थी और असलम को उठा रही थी। उसने एक बिना ब्रा के टॉप और स्कर्ट पहनी थी। असलम भी लूँगी में ही था।

आयशा : वाह आप तो चाय बना लाए। कुछ इनको भी सिखाइए ना।

शिवा: घर में मैंने भी कभी नहीं बनाई है मालिनी के आने के बाद से । हाँ पहले मैं बनाता था।
असलम: आऽऽऽह सुबह से लैप्टॉप देखा ?

शिवा: हाँ मालिनी का फ़ोन आया था । नंगी ही है अभी भी। लगता है सच में वो दोनों आज नंगे ही रहेंगे। वैसे नोर्मल बात कर रही थी।

असलम: चल मैं भी आता हूँ देखने कि वहाँ क्या हो रहा है? पहले फ़्रेश हो जाता हूँ।

आयशा: आगे का क्या सोचा है? क्या ये सबूत दिखाओगे पापा और मालिनी को?

शिवा उसकी नंगी टाँगों पर हाथ फेरकर बोला: उससे क्या होगा? वैसे भी मैं ये सब इसलिए तो कर नहीं रहा हूँ।

आयशा: सच बताओ ना क्या चाहते हो?

शिवा: मैं उनकी चुदाई का हिस्सा बनना चाहता हूँ बस और कुछ नहीं।

आयशा: तो फिर इसमें समस्या क्या है ? जाकर बोल दो ना सीधे सीधे। वो तो मान ही जाएँगे।

शिवा: हिम्मत नहीं जुटा पाता । यही सच है।

आयशा खड़ी हुई और अपनी स्कर्ट ठीक करके उसके पास से जाने लगी। शिवा उसको पकड़ लिया और बोला: पैंटी पहनी हो क्या?

आयशा हँसकर : ख़ुद ही चेक कर लो ना?

शिवा ने उसकी स्कर्ट उठाई और बिना पैंटी की उसकी मस्त गाँड़ और बुर देखकर बोला: यार तुम भी मालिनी की तरह एक गरम औरत हो। ह्म्म्म्म्म। वह उसके बुर और चूतरों को सहलाया और चिकने बदन के स्पर्श से मज़े से भर उठा।

आयशा हँसती हुई चली गयी। शायद वो दूसरे कमरे का बाथरूम उपयोग करेगी शिवा सोचा।

वो फिर लैप्टॉप को देखा और वहाँ अब पापा और मालिनी नंगे सोफ़े पर बैठ कर चाय पी रहे थे।

राजीव जानता था कि शिवा उनको देख रहा है। वो फ़ैसला किया कि उसको ऐसा शो दिखाएगा कि वो भी क्या जीवन भर याद रखेगा। अब वो चाय पीते हुए उसकी चूचियाँ सहला कर बोला: बेटा रात को मज़ा आया ना?

मालिनी: जी पापा बहुत मज़ा आया। पर ये नंगे बैठना बड़ा अजीब लग रहा है। सिर्फ़ नायटी पहन लूँ?

राजीव: अरे नहीं । इसी में तो मज़ा है मेरी बहू रानी। वो उसके निपल्ज़ ऐंठ कर बोला।

मालिनी: उफफफफ पापा सुबह सुबह क्या कर रहे हो?

राजीव: बेटा सुबह की चुदाई भी मस्त होती । आओ शुरू करते हैं।

अब वो आकर सोफ़े में बैठा और मालिनी को अपनी गोद में बिठाकर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। बारी बारी से दोनों चूचियाँ चूसकर बोला: बेटा जब माँ बनोगी ना। तो मैं इसका ही दूध चाय में पीऊँगा । ठीक है ना? वैसे जब तुम्हारी सास दो बार माँ बनी थी तो वो भी मुझे दो दो साल इसका दूध चाय में पिलाती थी।

शिवा का लण्ड खड़ा हो गया था और असलम बोला: साला तेरा बाप कुत्ता है। तेरी स्वर्गीय माँ के बारे में कुछ भी बोले जा रहा है।

शिवा अपना लंड रगड़ते हुए बोला: उफफफफ यार तू मेरी माँ को नहीं जानता ना इसलिए ऐसा कह रहा है।उफफफ क्या माल थी वो भी अपने ज़माने में।

आयशा हैरानी से : क्या कह रहे हो ?

शिवा: हाँ सच कह रहा हूँ। बहुत गरम माल थी मेरी मम्मी भी। पापा शायद उनकी तरफ़ ध्यान नहीं देते थे हम बच्चों के बड़े होने के बाद। इसलिए मम्मी ने अपनी ही मज़े और मस्ती का सामान तय्यार किया हुआ था।

असलम: ओह शायद इसीलिए तुम अपने पापा के साथ मालिनी को चोदने की फ़ैंटसी लेकर आगे बढ़ रहे हो। सही कहा ना?

शिवा: हाँ सच है मैंने मम्मी को कई तरह से रंगरेलियाँ मनाते हुए देखा है। इसलिए मुझे भी ये सब करने की इच्छा होती है।

असलम: पर शादी तक तो तुम बिलकुल कुँवारे थे । उस समय कैसे कंट्रोल किया?

शिवा: हाँ शादी तक मैंने अपने आप को पूरा कंट्रोल किया था और सोचा था कि मम्मी जैसे कभी नहीं बनूँगा। पर शादी के बाद एक बार जो सेक्स का चस्का लगा तो बस पुरानी फंतासी वापस ज़ोर मारी और उसकी चक्कर में अपनी सास को भी चोद दिया। अब तो मन वेरायिटी चाहता है जैसे मम्मी चाहती थीं। ये है सच्चाई।

आयशा: बेचारा शिवा। इस काम में हम तो हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे। पर क्या ये हो सकता है की आपकी मम्मी मस्ती करती थीं और पापा को भनक भी नहीं होती होगी ?

शिवा: शायद नहीं होती होगी। क्योंकि कल मालिनी भी बोली थी ना कि पापा ने कई लड़कियों को माँ बनाया है। मुझे नहीं लगता है कि मम्मी को इसकी कुछ भी ख़बर थी।

असलम: तुम इतने विश्वास से कैसे कह सकते हो?

शिवा: इसलिए कि मैंने कभी पापा और मम्मी को इस मुद्दे पर लड़ते नहीं देखा।

आयशा: हो सकता हो तुमको पता नहीं चला हो।

शिवा: हो ही नहीं सकता क्योंकि मैं एक वोएर हूँ। मतलब मुझे पापा मम्मी के बेडरूम में ताँक़ झाँक करने की आदत थी। मैंने उनको कई बार चुदाई करते भी देखा था।

कमरे में पिंडरोप चुप्पी छा गयी। असलम और आयशा सोचने लगे कि शिवा और ऐसा चरित्र? अविश्वनीय सा लगता है।

उधर लैप्टॉप में सबकी निगाह चिपक गयी थी। मालिनी अब पापा के घुटनों के बीच आकर उनका लण्ड चूस रही थी। राजीव इस ऐंगल से बैठा था ताकि सब कुछ कैम में साफ़ साफ़ दिखे। फिर मालिनी उठी और राजीव ने बैठे हुए उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रखी और उसकी बुर चूसने लगा। मालिनी आऽऽऽह कर उठी। अब राजीव उसको उठाकर सामने अपनी गोद में बिठाया और मालिनी अपने हाथ से उसके लौड़े को अपनी बुर में डाली और ऊपर नीचे होने लगी। राजीव उसके दोनों चूतरों को पकड़कर फैलाकर उसे चोद रहा था।वो झुक कर उसकी चूचि भी चूस रहा था। थोड़ी देर बाद वो उसे उठाया और घुमाया ताकि उसकी पीठ राजीव की तरफ़ हो जाए और इस हालत में फिर से मालिनी ने लौड़ा अंदर अपनी बुर में डाला और चुदवाने लगी।

इस पोज़ीशन में शिवा लोगों को सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था,यही राजीव चाहता था कि शिवा सब कुछ अच्छे से देख ले।यहाँ तक कि लंड अंदर बाहर होते हुए भी दिख रहा था । थोड़ी देर बाद राजीव उसको फिर से उठाया और उसको इस तरह से घोड़ी बनाया ताकि उसकी चुदाई सबको कैम में दिखाई दे। वह अब सोफ़े के सहारे खड़ी थी और झुक कर आगे को हो गयी थी। इसकी लटकी हुई चूचियाँ दबाकर वो उसके पीछे आके उसको चोदने लगा।
 

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