Incest ससुर कमीना और बहू नगीना (Completed)

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सुबह रानी के हाथ की चाय पीते हुए राजीव पूछा: रानी तुम्हारा पिरीयड कब आता है?
रानी: जी अगले चार पाँच दिन में आ जाना चाहिए।
राजीव मुस्कुराया: इस बार नहीं आएगा। मुझे पक्का विश्वास है कि तुम गर्भ से हो जाओगी।
रानी ख़ुशी से उसकी गोद में बैठ कर उसको चूम ली और बोली: बस राजा आपकी बात सच हो जाए तो मेरा जीवन ही सँवर जाएगा।
राजीव: उसकी चूचि दबाते हुए बोला: अच्छा अपने पति से भी चुदवाती रहती हो कि नहीं?
रानी मुँह बना कर: हाँ वह भी तीन चार दिन में एक बार कर ही लेता है पर पाँच मिनट में आहह्ह करके साला खलास हो जाता है।
राजीव: चलो ना मैं तो तुमको एक एक घंटे रगड़ता ही हूँ ना। वो चोदे या ना चोदे क्या फ़र्क़ पड़ता है।
तभी सरला का sms आया: अभी बात कर सकती हूँ?
राजीव ने रानी की बुर को सलवार के ऊपर से दबाकर आँख मारकर कहा: समधन से बात करूँगा।
रानी: हमको भी सुनना है प्लीज़।
राजीव ने फ़ोन लगाया और स्पीकर मोड में डाल दिया। रानी की सलवार का नाड़ा खोला और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी बुर को सहलाते हुए बोला: हाय सरला कैसी हो?
सरला : मैं ठीक हूँ, आपको ये बताना था कि श्याम भाई सांब तो मना कर दिए आने के लिए। अब मैं अकेली ही आऊँगी ।
राजीव ने रानी की बुर में दो ऊँगली डाली और बोला: कितने बजे तक आ जाओगी?
सरला: मैं क़रीब ११ बजे तक तो आ ही जाऊँगी। मैं आपको फ़ोन कर दूँगी बस अड्डे से।
राजीव: नहीं, तुम मुझे पहले फ़ोन कर देना, ताकि तुम्हें बस अड्डे पर इंतज़ार ना करना पड़े।
फिर राजीव ने उसके बुर से उँगलियाँ निकाली और उनको चाट लिया। रानी ने उसके हाथ में हाथ मारा और कान में कहा: छी क्या गंदे आदमी हो।
सरला: ठीक है भाई सांब।
रानी की चूचि दबाते हुए राजीव बोला: वो काली साड़ी याद है ना और स्लीव्लेस ब्लाउस भी। तुम्हें इस रूप में देखने की बहुत इच्छा है।
सरला: अब मैं आपको क्या बोलूँ, साड़ी तो है पर ब्लाउस चार साल पुराना है छोटा हो गया है। उसमें साँस रुक रही है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ।
राजीव: अरे ये समस्या तो सरिता को भी आती थी, हर दो साल में उसका बदन भर जाता था और ब्लाउस यहाँ तक की ब्रा भी छोटी हो जाती थी। वो इसका दोष मुझे देती थी हा हा कहती थी कि मैंने दबा दबा कर बड़ा कर दिया, हा हा । बहुत मज़ाक़िया थी वो।
बातों बातों में राजीव कमीनेपन पर उतर आया था।
सरला: क्या भाई सांब कैसी बातें कर रहे हैं वह भी स्वर्गीय भाभी जी के बारे में।
राजीव: अरे वही तो, फिर वह ब्लाउस की सिलाई खोल लेती थी और फिर से सिल लेती थी ढीला करके। पर ब्रा तो नई लाता था मैं बड़े साइज़ की, हा हा।
रानी उसको देखते हुए फुसफुसाई : बहुत कमीने साहब हो आप।
सरला: आप भी ना कुछ भी बोले जा रहे हैं। मैं समझ गयी कि मुझे क्या करना है। अच्छा अब रखती हूँ, बाई।
राजीव : ठीक है मिलते हैं। बाई।
अब फ़ोन काटकर वह रानी को बोला: आज सरला आ रही है क़रीब १२ बजे। मैं चाहता हूँ कि तुम अपना काम करके खाना लगा कर ११:३० बजे तक चले जाना।
रानी: तो आज समधन की चुदाई का प्लान है, है ना?
राजीव: सही सोचा तुमने, कोशिश तो करूँगा ही। अब चुदाई होगी या नहीं यह तो सरला पर निर्भर है।
रानी: ठीक है मैं जल्दी चली जाऊँगी आप मज़े करना। वह यह कहकर उसकी गोद से उठी और किचन में जाने लगी।
राजीव: रानी आज तुमको नहीं चोदूंग़ा । मैं चाहता हूँ कि अपना माल बचा कर रखूँ सरला के लिए।
रानी हंस कर बोली: कहीं उसको भी प्रेगनेंट मत कर देना?
राजीव: हा हा नहीं अब इस उम्र में क्या होगा उसका?
फिर वह नहाने चला गया। थोड़ी देर बाद शिवा भी उठकर आया और रानी ने उसे भी चाय दी।
राजीव: आज तुम्हारी सास आ रही है।
शिवा: हाँ मालिनी का SMS आया है अभी। क्यों आ रहीं हैं?
राजीव: सगाई के बारे में कुछ बात करनी है उसने।
शिवा: ओह तो क्या मेरा होना भी ज़रूरी है?
राजीव: अरे नहीं बेटा तुम उसमें क्या करोगे? वैसे मैं उनको तुमसे मिलवाने दुकान में ले आऊँगा ।
शिवा: ठीक है पापा अब मैं नहा लेता हूँ।
फिर बाद में दोनों नाश्ता किया और शिवा दुकान चला गया। रानी भी खाना बनाने लगी।
राजीव ने अपने बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और तिजोरी से हीरे के तीन सेट निकाले और कुछ सोने के भी निकाले । फिर वह उनको देखकर सोचने लगा कि सरला पर कौन सा ear ring अच्छा लगेगा। फिर उसने एक हीरे का कान का झुमका पसंद किया। अब वह तय्यार था सरला का दिल जीतने के लिए।

राजीव ने आज एक बढ़िया टी शर्ट और जींस पहनी और सेंट लगाकर स्पोर्ट्स शू पहने। आज वह सरला को पटाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ना चाहता था।
रानी जा चुकी थी और वह अब तय्यार था तभी सरला का फ़ोन आया : मैं बस अड्डे पहुँचनी वाली हूँ।
राजीव: बस मैं अभी दस मिनट मे पहुँच रहा हूँ।
राजीव की कार जब बस अड्डे पहुँची तो बस अभी आइ नहीं थी।
वह इंतज़ार कर रहा था तभी बस आयी और फिर उसमें से सरला उतरी काली साड़ी में। आह क्या जँच रही थी। उसका गोरा दूधिया बदन मस्त दिख रहा था काली साड़ी में। कसी साड़ी में छातियों का उभार पहाड़ सा दिख रहा था। जब वह पास आइ तो पारदर्शी साड़ी से उसका गोरा पेट और गहरी नाभि देखकर राजीव का लौड़ा झटके मार उठा।
तभी एक स्कूटर उसके पास आकर हॉर्न बजाया और वह पलटी उससे दूर होने के लिए और राजीव की तो जैसे साँस ही रुक गयी। क्या मस्त बड़े बड़े गोल गोल चूतर थे। बहुत ही आकर्षक दिख रहे थे।टाइट पहनी साड़ी से पैंटी की लकीरें भी साफ़ दिख रही थीं। अब तो उसको अपना लौड़ा पैंट में अजस्ट करना ही पड़ा।
जब वह पास आइ तो उसने हाथ जोड़कर उसे नमस्ते की और उसने भी उसके हाथ को पकड़कर कहा: नमस्ते। सफ़र में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
सरला: दो घंटे में क्या परेशानी होगी?
राजीव: अरे इतनी हॉट दिख रही हो किसी ने रास्ते में तंग तो नहीं किया?
सरला: आप भी ना ,मेरे साथ एक महिला ही बैठी थी ।
राजीव : चलो तब ठीक है, अगर कोई आदमी होता तो तुमको तंग कर डालता।
सरला: अब चलिए यहाँ से पता नहीं क्या क्या बोले जा रहे हैं।
राजीव: चलो,कार वहाँ है।
फिर राजीव ने कार चालू की और बातें करने लगा।
राजीव: तो काली साड़ी पहन ही ली। थैंक्स मेरी बात रखने के लिए।
सरला: अब आप इतनी बार बोले थे तो आपकी बात तो रखनी ही थी।
राजीव उसकी ब्लाउस को देखते हुए बोला: पर वो ब्लाउस का हल कैसे निकला?
सरला हँसकर: वैसे ही जैसे आपने कहा था। साइड से थोड़ा ढीला करी हूँ।
राजीव: और ब्रा का ? अब तुम काले ब्लाउस के नीचे सफ़ेद ब्रा तो पहन नहीं सकती ना?
सरला शर्माकर: आप भी ना, कोई महिला से ऐसा सवाल करता है भला?
राजीव: फिर भी बताओ ना ?
सरला: मालिनी के पास काली ब्रा थी वही पहनी हूँ।
राजीव चौंक कर: मालिनी बेटी की? पर उसके तो तुमसे काफ़ी छोटे हैं ना ? उसकी ब्रा तुमको कैसे आएगी?
सरला: वह कोई बच्ची नहीं है २२ साल की लड़की है। मेरा और उसके साइज़ में दो नम्बर का ही अंतर है।इसलिए उसकी मुझे थोड़ी टाइट है पर काम चला ली हूँ। राजीव बेशर्मी से उसकी छाती को देखकर बोला: तुम्हें तो ४० की आती होगी?
सरला: आप भी ना, कोई ४० का साइज़ नहीं है।
राजीव: तो ३८ तो होगा ही, मेरी बीवी का भी यही साइज़ था।
सरला: अब आप सही बोल रहे हैं।
राजीव : इसका मतलब मालिनी का भी ३६ के आसपास होगा। हालाँकि लगता नहीं उसका इतना बड़ा । तो मालिनी की ब्रा भी तुमको तंग तो होगी ही ना।
सरला: पर मेरी पुरानी ३४ वाली से तो बेटर है।
राजीव: हाँ वो तो है।
सरला: आप मालिनी की ब्रा का साइज़ भी भाँप रहे थे क्या? ये तो बड़ी ख़राब बात है।
राजीव: अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है। पर तुम्हारे और उसके साइज़ की तुलना की बात कर रहा था।
सरला: चलिए अब इस बात को ख़त्म कीजिए।
राजीव: मैं तुम्हें घर जाकर सरिता की ब्रा दे दूँगा वो तुमको बिलकुल फ़िट आ जाएगी। हाँ कप साइज़ थोड़ा तुम्हारा बड़ा लगता है। चलो अभी के लिए चला लेना।
और सुनाओ सगाई की तय्यारियाँ कैसी चल रही है?
सरला: ठीक ही चल रही है। बस श्याम भाई सांब काफ़ी मदद कर रहे हैं।
राजीव: श्याम भी तुम्हारी बड़ी तारीफ़ कर रहा था।
सरला चौंक कर: कैसी तारीफ़?
राजीव: अरे ऐसे ही जैसे तुम बहुत समझदार और शांत हो वगेरह वगेरह।
सरला : ओह , वो भी तो बहुत अच्छे हैं।
राजीव: वो तो है। पर बिचारा पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत दुखी रहता है। पता नहीं उसका विवाहित जीवन कैसा होगा? उसकी बीवी को देखकर तो लगता है कि वो पता नहीं बिस्तर पर उसका साथ भी दे पाती होगी कि नहीं?
सरला थोड़ी सी परेशान हो गयी, वो बोली: चलिए छोड़िए ना कोई और बात करिए ना।
राजीव: तुम्हें तो ऐसा नहीं कहना चाहिए, क्योंकि हम तीनों की एक जैसी हालत है। तुम्हारे पति नहीं है , मेरी पत्नी नहीं रही और श्याम की पत्नी होकर भी ना होने के बराबर है। सही कह रहा हूँ ना?
सरला: हाँ ये तो है।
राजीव: मुझे तो बहुत परेशानी होती है अकेले रहने में। मुझे तो औरत की कमी बहुत खलती है। पता नहीं तुम्हारा और श्याम की क्या हालत है।
सरला: देखिए सभी को अकेलापन बुरा लगता है, पर किया क्या जाए?
राजीव: करने को तो बहुत कुछ किया जा सकता है, पर थोड़ी हिम्मत करनी पड़ती है।क्यों ठीक कहा ना?
सरला: मैं क्या कह सकती हूँ।
घर पहुँचकर राजीव उसे सोफ़े पर बिठाकर उसे पानी पिलाता है। फिर सरला: आपकी मेड रानी नहीं दिख रही है?
राजीव: आज उसे कुछ काम था इसलिए वो खाना बनाके जल्दी चली गयी है।
सरला: मैं आपके लिए चाय बना दूँ?
राजीव : अरे आप क्यूँ बनाएँगी? मैं आपके लिए बना देता हूँ।
सरला उठी और किचन की ओर जाते हुए बोली: आप बैठिए मैं बनाती हूँ। वह जब उठ कर जाने लगी तो उसकी चौड़ी मटकती गाँड़ देखकर वह पागल सा हो गया और उसके चूतरों में थोड़ी सी साड़ी भी फँस गयी थी। वह अपना लौड़ा मसलने लगा।
तभी किचन से आवाज़ आइ: भाई सांब थोड़ा आइए ना।
राजीव अपना लौड़ा अजस्ट करते हुए किचन में गया।
सरला एक चाय के डिब्बे को निकालने की कोशिश कर रही थी जो की काफ़ी ऊपर रखा था। राजीव उसके पीछे आकर उसके चूतरों में अपना लौड़ा सटाते हुए उस डिब्बे को निकाला और उसके बदन से आ रही मस्त गंध को सूंघकर जैसे मस्त हो गया। सरला ने भी उसके डंडे का अहसास किया और काँप उठी।
फिर वह चाय बना कर लाई। राजीव कमरे में नहीं था।
तभी वह बेडरूम से बाहर आया और उसके हाथ में एक काली ब्रा थी। वो बोला: देखो, ये ट्राई कर लो , इसमें तुम्हें आराम मिलेगा।
सरला लाल होकर: ओह आप भी , मुझे बड़ी शर्म आती है। ठीक है बाद में पहन लूँगी।
राजीव: अरे जाओ अभी बदल लो। इसने शर्म की क्या बात है।
सरला उठी और उसके बेडरूम में जाकर ब्रा बदल कर वापस बाहर आइ तो वह बेशर्मी से उसकी छाती को घूरते हुए बोला: हाँ अभी ठीक है। आराम मिला ना? मालिनी के इतने बड़े थोड़ी है, इसी लिए उसमें तुम्हारी साँस रूकती होगी। सरिता और तुम्हारा एक साइज़ है तो आराम मिल रहा होगा। हैं ना?
सरला सिर झुका कर: हाँ ये ठीक है।
अब दोनों चाय पीने लगे।
सरला शिवा और उसके बिज़नेस का पूछने लगी। वो बातें करते रहे। राजीव को नज़र बार बार उसके उभरे हुए पेट और नाभि पर जाती थी।
राजीव: चलो अब तुम्हें गहने दिखाता हूँ।
वह बेडरूम की ओर चला। सरला थोड़ा हिचकते हुए उसके पीछे वहाँ पहुँची।
राजीव ने उसे बेड पर बैठने का इशारा किया और वह सेफ़ खोला और उसमें से ज़ेवर के डिब्बे निकाल कर लाया। फिर उसने सब डिब्बे खोकर बिस्तर पर फैला दिए । सरला की आँखें फट गयीं इतने ज़ेवर देख कर।
सरला: भाई सांब ये तो एक से एक बढ़िया हैं।
राजीव : इनमे से कौन सा मालिनी बिटिया पर जँचेगा बोलो।
सरला: ये बहुत बढ़िया है। देखिए ।
राजीव: हाँ सच कह रही हो। और ये वाला तुमपर जचेंगा । ये कहते हुए उसने एक सेट उसको दिखाया।
सरला: मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हो मालिनी को सेट देकर। अब मैं आपसे ये कैसे ले सकती हूँ।
राजीव: चलो छोड़ो ये ear rings देखो । ये तुम्हारे कान में बहुत जचेंगा।
सरला: मैं नहीं ले सकती।
राजीव: चलो मैं ही पहना देता हूँ।
यह कहकर वो उसके कान के पास आकर उसे ख़ुद पहनाने लगा। वह अब मना नहीं कर रही थी। उसकी साँसे सरला की साँस से टकरा रही थीं। उसकी नज़दीकियाँ उसे गरम कर रही थीं। उसका लौड़ा अब कड़ा होने लगा था। सरला भी गरम हो रही थी। उसकी छाती भी अब उठने बैठने लगी थी। राजीव को उसके बदन की मादक गंध जैसे मदहोश कर रही थी।
राजीव उसे रिंग्स पहना कर बोला: देखो कितनी सुंदर लग रही है तुमपर।
सरला ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखकर बोली: सच ने बहुत सुंदर है।
राजीव उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ा और बोला: पर तुमसे ज़्यादा सुंदर नहीं है। यह मेरे तरफ़ से तुमको सगाई का गिफ़्ट है। मना मत करना।
सरला: पर ये तो बहुत महँगा होगा।
राजीव: अरे तुम्हारे सामने इसकी क्या हैसियत है।
यह कहकर उसने सरला को अपनी बाँहों में खिंचा और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। सरला एक मिनट जे लिए चौकी पर फिर चुपचाप उसके चुम्बन को स्वीकार करने लगी। कमरा गरम हो उठा था।
 
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राजीव की बाहों में आकर सरला जैसे पिघलने लगी। राजीव उसके होंठों को चूसे जा रहा था। उनका पहला चुम्बन क़रीब पाँच मिनट तक चला, जिसमें राजीव की जीभ सरला के मुँह के अंदर थी और सरला भी उसे चूसे जा रही थी। अब राजीव ने भी अपना मुँह खोला और अनुभवी सरला ने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। अब राजीव उसकी जीभ चूस रहा था। राजीव के हाथ सरला के गालों पर थे और सरला के हाथ उसकी पीठ से चिपके हुए थे ।अब राजीव और सरला हाँफते हुए अलग हुए और राजीव ने अब उसके गरदन और कंधे को चूमना शुरू किया ।जल्दी ही राजीव गरम हो गया और उसने सरला की साड़ी का पल्लू गिरा दिया। अब उसके तने हुए चूचे जो कि मानो ब्लाउस फाड़ने को बेचैन थे, उसके सामने थे।
वह थोड़ी देर उनको देखा और फिर आगे झुक कर चूचियों के ऊपर के नंगे हिस्से को चूमने लगा। गोरे गोरे मोटे दूध को देखकर वह मस्त हो गया। अब वह दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ दबाया और बोला: आऽऽऽह जाऽऽंन क्या चूचियाँ है। मस्त नरम और सख़्त भी।
वह अब उनको थोड़ा ज़ोर से दबाने लगा। सरला हाऽऽऽय्य कर उठी और बोली: धीरे से दबाओ ना। वह फिर से आऽऽऽऽऽह कर उठी । और अपने नीचे के हिस्से को मस्ती में आकर राजीव के नीचे के हिस्से से चिपकाने लगी। तभी उसको अपने पेट पर राजीव के डंडे का अहसास हुआ, वह सिहर उठी।
राजीव भी अब उसके नंगे पेट को सहलाया और नाभि में ऊँगली डालने लगा।
राजीव: सरला, साड़ी खोल दूँ?
सरला मुस्कुराकर बोली: मैं मना करूँगी तो नहीं खोलेंगे?
राजीव हँसकर उसकी साड़ी को कमर से खोला और एक झटके में साड़ी उसके पैरों पर थी। क्या माल लग रही थी वो ब्लाउस और पेटिकोट में।
राजीव ने उसको अपने से चिपका लिया और फिर से होंठ चूसने लगा। अब उसके हाथ उसकी पीठ , नंगी कमर और फिर पेटिकोट के ऊपर से उसके मस्त मोटे उठान लिए चूतरों पर पड़े और वह उनको दबाने लगा।
सरला की आह निकल गयी।
राजीव: आऽऽऽऽह जाऽऽऽन क्या मस्त चूतर है तुम्हारे।
सरला मुस्कुराकर: और क्या क्या मस्त है मेरा?
राजीव: अरे जाऽऽंन तुम तो ऊपर से नीचे तक मस्ती का पिटारा हो।
सरला हंस दी और राजीव की गरदन चूमने लगी।
राजीव ने ब्लाउस के हुक खोले और सरला ने हाथ उठाकर अपना सहयोग दिया ब्लाउस उतारने में। उसकी चिकनी बग़ल देख कर वह मस्त हुआ और उसके हाथ को उठाकर बग़ल को सूँघने लगा और फिर जीभ से चाटने लगा। दोनों बग़लों को चूमने के बाद वह उसका पेटिकोट का नाड़ा भी खोल दिया और अब सरला सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी।
अब वो पीछे हटा और थोड़ी दूर से उसके गोरे बदन को काली ब्रा और काली ही पैंटी में देखकर मस्ती से अपना लौड़ा मसलने लगा। सरला की निगाहें भी उसके फूले हुए हथियार पर थी और उसकी पैंटी गीली होने लगी थी।
सरला: वाह मेरे कपड़े तो उतारे जा रहे हैं और ख़ुद पूरे कपड़े में खड़े हैं।
राजीव: लो मैं भी उतार देता हूँ। ये कहते हुए उसने अपनी टी शर्ट उतार दी। उसका चौड़ा सीना सरला की बुर को और भी गीला करने लगा।फिर उसने पैंट भी उतारी और अब बालों से भरी पुष्ट जाँघों के बीच फूली हुई चड्डी को देखकर उसकी आँखें चौड़ी हो गयी।
अब सरला के पास आकर वह उसको बाहों में ले लिया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। उसकी ब्रा निकालकर वह उसकी चूचियों को और उसके खड़े निपल्ज़ को नंगा देख कर वह मस्त हो गया। फिर वह झुक कर घुटने के बल बैठा और उसकी पैंटी भी धीरे से उतार दिया। अब उसके सामने सरला की मस्त फूली हुई बुर थी। उसने देखा कि उसके पेड़ू पर बालों को दिल का शेप दिया हुआ था। हालाँकि बुर बिलकुल बाल रहित थी।
राजीव ने उसके दिल के शेप के बालों को सहलाते हुए बोला: वाह जान क्या शेप बनाई हो? फिर वह आगे होकर उसके उस दिल को चूमने लगा। फिर वह नीचे होकर उसकी बुर को सहलाया और उसे भी चूम लिया। फिर वह उसे घुमाया और और उसके बड़े चूतरों को दबाने लगा और चूमने भी लगा। सरला आऽऽहहह कर उठी। फिर वह उठा और उसके दूध दबाकर उनको भी मुँह में लेकर चूसने लगा। उसके निप्पल्स को दबाया और सरला हाऽऽऽऽऽय्यय कर उठी। सरला भी उससे चिपक रही थी और चड्डी में से उसका लौड़ा उसकी नंगी जाँघों पर रगड़ रहा था। सरला ने हाथ बढ़ाकर राजीव की चड्डी के ऊपर से उसका लौड़ा पकड़ लिया, और बोली: आऽऽऽऽह आपका तो बहुत बड़ा है।
राजीव उसकी चूचि दबाके बोला: तुम्हारे पति से भी बड़ा है?
सरला: आऽऽऽह उनका तो बहुत कमज़ोर था। आऽऽहहह आपके वाले से तो आधा भी नहीं होगा। वह उसके चड्डी में हाथ डालकर उसकी पूरी लम्बाई को फ़ील करते हुए बोली।
राजीव: तुम्हारे दूध बहुत ही मस्त है। चलो अब बिस्तर में लेटो। राजीव ने भी चड्डी उतार दी। सरला ने उसके लौड़े को देखा और एक बार उसकी लम्बाई और मोटाई को सहला कर और दबाकर बिस्तर पर लेट गयी।
सरला के लेटने के बाद राजीव भी उसकी बग़ल में आकर लेटा और उसको अपनी बाहों में लेकर चूमने लगा। वह भी उससे लिपट कर उसको चूमने लगी।
अब वह उसकी चूचियाँ दबाते हुए चूसने लगा। सरला की हाऽऽऽऽऽऽयययय निकलने लगी। अब उसके हाथ उसके पेट से होते हुए उसकी बुर पर घूमने लगे। उसकी दो उँगलियाँ उसकी बुर की गहराई नापने लगी। वह हैरान हो गया कि उसकी उम्र के हिसाब से उसकी बुर भी काफ़ी टाइट थी। फिर वह उठकर उसके ऊपर आया और उसकी टाँगें सहलाकर फैलाया और मस्त गीली बुर देखकर वह झुका और उसको चूमने लगा। जल्दी ही उसकी जीभ उसके बुर के अंदर थी और वहाँ हलचल मचाने लगा। सरला चीख़ी: उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽऽ।
राजीव: जाऽऽऽऽंन मज़ा आऽऽऽया ना?
सरला: आऽऽऽह वहाँ जीभ डालोगे तो मज़ा नहीं आऽऽऽऽऽऽयेगाआऽऽऽऽ क्याआऽऽऽऽऽ उइइइइइइइ ।
अब वह उसके चूतरों को दबाते हुए उसकी गाँड़ के छेद को देखकर मस्ती से भर गया और उसकी गाँड़ की पूरी दरार को जीभ से चाटने लगा। उसकी जीभ बुर की clit से होकर उसकी बुर को चाटा और नीचे जाकर गाँड़ के छेद को भी चाटा। सरला हाऽऽऽऽय्य्य्य्य्य आऽऽऽऽऽऽज माऽऽऽऽर ड़ालोगेएएएएएए क्याआऽऽऽऽऽऽ।
वह बोला: जाऽऽऽंन क्या माल हो तुम? अब मेरा लौड़ा चूसोगी या अभी चोदूँ पहले।
सरला: आऽऽऽह चोद दीजिए आऽऽऽह अब नहीं रुक सकती। बाद में आपका चूस दूँगी। हाऽऽय्यय ड़ालिए नाऽऽऽऽऽऽ ।प्लीज़ आऽऽहहह ।
राजीव ने अब पोजीशन बनाई और सरला भी अपनी टाँगे घुटनो से मोड़कर अपनी छाती पर रखी और पूरा खेत उसे जोतने को ऑफ़र कर दिया। राजीव ने अपने लौड़े पर ढेर सा थूक लगाकर उसकी बुर के मुँह पर रखा और दबाने लगा। जैसे जैसे सुपाड़ा अपनी जगह बुर के अंदर बनाकर उसमें समाने लगा। सरला की आऽऽऽऽह्ह्ह्ह्ह निकलने लगी।फिर जब पूरा लौड़ा अंदर समा गया तो वह झुक कर उसके होंठ चुमते हुए उसकी चूचियाँ मसलने लगा और निपल्ज़ को ऐंठने लगा।साथ ही अब उसने धक्के भी लगाने शुरू कर दिए।
सरला: हाय्य्य्य्य्य्य। करके अपनी कमर उछालकर मज़े से चुदवाने लगी।
कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ें और पलंग की चूँ चूँ की आवाज़ भी गूँजने लगी।
राजीव: आऽऽऽहब जाऽऽन क्या टाइट बुर है तुम्हारी?एक बात बताओ दो दो बच्चे पैदा करने के बाद भी बुर इतनी टाइट कैसी है?
सरला. आऽऽऽह मेरे दोनों बच्चे सिजेरीयन से हुए है।
राजीव: आऽऽऽहहह तभी तो, सविता की बुर तो काफ़ी ढीली पड़ गयी थी मेरी बड़ी बेटी के जन्म के बाद। और शिवा के जन्म के बाद और भी ढीली पड़ गयी। तुम्हारी मस्त है जानू।
ये कहते हुए वह और ज़ोर से सरला के चूतरों को दबाकर धुआँ धार चुदाई करने लगा। अब सरला भी हाऽऽऽऽय्यय मरीइइइइइइइ उईइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽ कहकर नीचे से अपनी गाँड़ उछालकर बड़बड़ाती हुई चुदवाने लगी।
थोड़ी देर बाद सरला और राजीव दोनों आऽऽऽहहह मेरा होने वाला है , कहते हुए झड़ने लगे।
दोनों पस्त होकर अग़ल बग़ल लेट गए। फिर राजीव बाथरूम से फ़्रेश होकर आया और बाद ने सरला भी फ़्रेश होकर आयी और अपने कपड़े की ओर हाथ बढाइ।
राजीव: अरे जानू अभी कपड़े कैसे पहनोगी? अभी तो एक राउंड और होगा। तुम्हारे जैसे माल से एक बार में दिल कहाँ भरेगा।
सरला हँसकर बोली: मैं सोची कि आप शांत हो गए तो अब बस करें।
राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसको अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ चूसने लगा। उसके हाथ सरला की पीठ और गोल गोल चूतरों पर घूम रहे थे।
राजीव: एक बात बताओ कि डिलीवरी के समय सिजेरीयन करना किसका सुझाव था? तुम्हारा , तुम्हारे पति का या श्याम का?
सरला: इसमे श्याम भाई सांब कहाँ से आए?
 
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राजीव उसकी गाँड़ में ऊँगली करते हुए बोला: मुझे पता है कि तुम अपने जेठ श्याम से शादी के बाद से ही चुदवा रही हो। और उस समय तुम्हारे पति का ऐक्सिडेंट भी नहीं हुआ था।
सरला: आऽऽह ऊँगली निकालिए ना, सूखी ही डाल दिए हैं। जलन होती है ना।ये आप क्या कह रहे है, श्याम भाई सांब से मेरा कोई चक्कर नहीं है।
राजीव : जानू झूठ मत बोलो, जब मैं तुम्हारे घर गया था तभी मैंने तुमको और श्याम को लिपट कर चूमा चाटी करते देखा था। जब मैंने कल श्याम से पूछा तो शराब के नशे में वह सब बक गया और यह भी की मालिनी और उसका भाई श्याम के ही बच्चें हैं।
सरला का चेहरा सफ़ेद पड़ गया। वह गिड़गिड़ाते हुए बोली: आप ये सब किसी को नहीं बताओगे ना। प्लीज़ प्लीज़।
राजीव ने अपनी ऊँगली ने थूक लगाया और फिर से उसकी गाँड़ में डालकर बोला: नहीं जानू किसी को नहीं बताऊँगा।
सरला: आऽऽह मैं आपसे बहुत प्यार करने लगी हूँ, प्लीज़ मेरा ये राज राज ही रहने दीजिएगा। हाय्य्य्य्य्य।
वह अपनी गाँड़ उठाकर उसकी ऊँगली का मज़ा लेने लगी।
राजीव उसके होंठ चूसते हुए बोला: बिलकुल निश्चिन्त रहो जानू किसिको नहीं बताऊँगा। पर ये तो बताओ कि क्या मालिनी बेटी को तुम्हारे श्याम से सम्बन्धों के बारे में पता है?
सरला; मुझे लगता है कि उसे शक तो है पर पक्का नहीं कह सकती।
राजीव उसकी चूचि दबाते हुए बोला: आह क्या बड़ी बड़ी चूचियाँ है तुम्हारी। एक बात बताओ अगर मालिनी का साइज़ तुमसे दो नम्बर ही छोटा है इसका मतलब वह भी किसी से चु मतलब उसका भी कोई बोय फ़्रेंड तो होगा, जिसने दबा दबा कर उसकी चूचियाँ इतनी बड़ी
कर दी होंगी। ये कहते हुए वह अब दो ऊँगली उसकी गाँड़ में डालकर अंदर बाहर करने लगा।
सरला आऽऽऽऽऽह करके बोली: आप भी उसके बारे में ऐसा कैसे बोल सकते हैं। उसका कोई बोय फ़्रेंड नहीं है। आह वह बहुत सीधी लड़की है।
राजीव: ओह पर चूचि तो उसकी काफ़ी बड़ी है, हालाँकि पता नहीं चलता पर अब तुमने ही उसका साइज़ बताया है कि ३४ का है।
फिर वह उसके दिल के आकर की झाँट को सहलाकर पूछा: ये कौन बनाया है इस आकर का? तुम ख़ुद तो ऐसे काट नहीं सकती अपनी झाँट को।
सरला शर्मा कर बोली: ये श्याम भाई सांब का काम है। उनको मेरी झाँटें बनाने में बहुत मज़ा आता है। ये उन्होंने ही बनाया है।
ओह , कहते हुए वह बोला: चलो मेरा लौड़ा चूसो।
सरला : पहले ऊँगली तो निकालो बाहर।
राजीव ने उँगलियाँ बाहर निकाली और उनको सूँघने लगा। सरला चिल्लाई: छी छी क्या करते हो? फिर वह उसके लौंडे को सहलाकर बोली: हाय ये तो खड़ा हो गया। फिर उसने अपनी जीभ निकाली और उसके लौड़े के एक एक हिस्से को चाटा और चूमने लगी। फिर उसके बॉल्ज़ को सहलायी और बोली: बाप रे कितने बड़े है ये। फिर वह उनको भी चाटने लगी। फिर वह पूरा लौड़ा मुँह में लेकर डीप थ्रोट देने लगी। अब राजीव अपनी कमर उछालकर उसके मुँह को चोदने लगा।
राजीव ने उसे रोका और पेट के बल लिटाया और उसके मस्त चूतरों को दबाकर चूमने लगा। फिर वह उसे अपने चूतरों को उठाने को बोला: जानू क्या मस्त चूतर हैं । फिर वह उसकी गाँड़ का छेद चाटने लगा और बोला: जानू तुम्हारा छेद देख कर लगता है कि श्याम तुम्हारी गाँड़ भी मारता होगा। दरसल सरिता की भी मैं गाँड़ मारता था और उसका छेद भी ऐसे ही दिखता था। सही कहा ना? फिर वह उसकी गाँड़ में क्रीम डाला और उँगलियाँ डालकर क्रीम को अच्छी तरह से छेद में लगा दिया।
सरला: आऽऽह हाँ श्याम को मेरी गाँड़ मारना बहुत पसंद है।
राजीव: और तुम्हें गाँड़ मरवाने में मज़ा आता है ना?
उसकी गाँड़ में अब वो तीन ऊँगलियाँ डाल कर हिला रहा था।
सरला: आऽऽह। हाँ बहुत मज़ा आता है । पर आपका बड़ा ही मोटा और लम्बा है शायद दुखेगा।
राजीव : अरे नहीं मेरी जान नहीं दुखेगा। मैं बहुत धीरे से करूँगा। तो डालूँ अंदर?
सरला: आऽऽऽह डालिए ना अब क्यों तड़पा रहे हैं।
राजीव मुस्कुराया और अपना क्रीम से चुपड़ा हुआ लौड़ा उसकी गाँड़ में डाला और वह चिल्लाने लगी : आऽऽऽह धीइइइइइइइरे से डालो। राजीव ने अपना दबाव बढ़ाया और उसका लौड़ा उसकी गाँड़ में घुसता चला गया। अब सरला की चीख़ें बढ़ गयीं और वह चिल्लाई: उइइइइइइइइ मरीइइइइइइइइइ । आऽऽऽऽह मेरीइइइइइइइ फटीइइइइइइइइइ ।
अब राजीव ने उसकी गाँड़ मारनी शुरू की और साथ ही अपना एक हाथ उसकी बुर में लेज़ाकर उसकी clit को रगड़कर उसकी बुर में तीन उँगलियाँ डालकर उसकी बुर को गीली करने लगा।
अब ठप ठप की आवाज़ के साथ वह पूरे ज़ोरों से गाँड़ मारने लगा। अब सरला भी बुर में ऊँगली और गाँड़ में मोटे लौड़े की चुदाई से मस्त हो कर अपनी गाँड़ पीछे दबा दबा कर अपनी मस्ती दिखाई और गाँड़ मरवाने लगी।
जल्दी ही उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू किया और वह आऽऽऽक़्ह्ह्ह्ह मैं गईइइइइइइइइइइ कहकर गाँड़ हिला हिला कर झड़ने लगी। इधर राजीव के हाथ में जैसे पानी का सैलाब भरने लगा। उसकी बुर से पानी निकले ही जा रहा था तभी वह भी झड़ने लगा और आऽऽह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर उसकी पीठ पर लेट सा गया।
अब वह अपना वज़न उसके ऊपर से हटाकर उसकी बग़ल ने लेट गया। वह आँखें बंद करके उन लमहों को याद करके मस्त होने लगा जब वह उसकी गाँड़ मार रहा था। आह क्या मस्त टाइट गाँड़ और बुर हैं। बहुत दिन बाद वह इतनी मज़ेदार चुदाई का आनंद लिया था।
उधर सरला भी लेटे हुए सोच रही थी कि क्या मस्त मर्द है , कितना मज़ा दिया है इन्होंने। श्याम से भी ज़्यादा मज़ा दिया है इन्होंने।
वह पलटी और राजीव को अपनी ओर देखते हुए देख कर बोली: आज बहुत मज़ा आया सच में आपने जो मज़ा दिया है , मैं तो आपकी ग़ुलाम हो गयी हूँ।
राजीव: इसका मतलब जब चाहूँ तुमको चोद सकता हूँ।
सरला हँसकर: ये भी कोई पूछने की बात है।
ये कहते हुए उसने उसके लटके हुए लौड़े को सहलाया और उसे दबा दिया। फिर बोली: ये जब चाहे मेरे अंदर जाकर मज़ा कर सकता है।
राजीव मस्ती से उसके होंठों को चूम लिया। और वो दोनों एक दूसरे से चिपक गए और चुम्बन में लीन हो गए।
दोनों दो राउंड की चुदाई के बाद थकान महसूस कर रहे थे। सरला उठकर बाथरूम से फ़्रेश होकर आइ और ब्रा और पैंटी पहनकर ब्लाउस और पेटिकोट भी पहन ली। फिर वह किचन में जाकर फ्रिज से जूस निकाल कर लाई तब तक राजीव भी फ़्रेश होकर आ गया था। वह अभी भी नंगा था और फिर दोनों जूस पीने लगे। राजीव अभी भी नंगा पड़ा था और उसका लंड साँप की तरह उसकी एक जाँघ पर पड़ा था और उसके बॉल्ज़ लटके से थे।
सरला उसकी कमर के पास बैठी और उसकी छाती को सहला कर बोली: यहाँ आइ हूँ तो दामाद से भी मिलवा दीजिए ना।
राजीव: हाँ हाँ क्यों नहीं? अभी खाना खाकर चलते हैं।
सरला अब अपना हाथ उसकी छाती से नीचे लाकर उसके पेट से होते हुए उसके लौड़े के पास लाई। अब वो उसकी छोटी कटी झाँटों से खेलने लगी । फिर उसने लौड़े को दबाया और बॉल्ज़ को भी सहला कर बोली: आपके बॉल्ज़ बहुत बड़े हैं।
राजीव: अरे इसी बॉल्ज़ की सहायता से मैंने कई लड़कियों को माँ बनाया है।
सरला चौंक कर: मतलब? मैं समझी नहीं। वह अभी भी उसके बॉल्ज़ को सहलाए जा रही थी।
राजीव: लम्बी कहानी है । असल में मैंने तीन लड़कियों को माँ बनाया है उनके अनुरोध पर ही।
सरला: उनको कैसे पता चला कि आपसे अनुरोध करना है इसके लिए?
राजीव: देखो हुआ ये कि एक लड़की को मैंने फँसाया और वह एक महीने में ही प्रेगनेंट हो गयी। उसका तो मैंने गर्भपात करवा दिया। जब मैंने ये बात एक और औरत सारिका को बताई जो उन दिनो मेरे से फँसी हुई थी तो वह अपनी बहू जूली को मुझसे चुदवाइ और वो भी एक महीने में ही प्रेगनेंट हो गई।
सरला: वो अपनी बहू को आपसे चुदवाइ ? क्यों भला?
राजीव: क्योंकि उसका बेटा बाप नहीं बन सकता था और वो दोनों नहीं चाहतीं थीं कि ये बात लड़के को पता चले क्योंकि उसके डिप्रेशन में जाने का डर था।
सरला: ओह तो आप उस लड़की से बाद में मिले जब वह माँ बन गयी थी?
राजीव: हाँ सास बहू दोनों उसे लेकर मेरे पास आइ थीं। बहुत ही प्यारा बच्चा था। उस दिन मैंने जिभरके बहू का दूध पिया और उन दोनों को भरपूर चोदा । वो तो मेरी अहसान मंद थीं ना। बस उस दिन के बात कभी नहीं मिला।
 
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सरला: आपने तीन लड़कियाँ कहीं, दो और कौन थीं?
राजीव: असल में सारिका जो कि तुम्हारी उम्र की थी अपनी बहू जूली को जब मुझे चुदवा कर माँ बना ली तो ये बात उसने एक औरत को बताई जो कि अपनी बेटी के माँ ना बन पाने के कारण परेशान थी। उस औरत का नाम आयशा था और उसकी बेटी का नाम नूरी था।
सरला: ओह फिर क्या हुआ? वो अब राजीव के लौड़े को सहलाने लगी थी। राजीव ने भी उसके ब्लाउस के ऊपर से उसकी चूचि दबायी और बोला: सारिका और आयशा एक क्लब की मेमबर थीं। वहाँ आयशा ने अपना दुखड़ा सुनाया कि उसके बेटी के ससुराल वाले उसको ताने मारते हैं कि वो बाँझ है और उसकी दूसरी शादी की धमकी देते हैं। जबकि उसकी बेटी में कोई कमी नहीं है। वो लोग उसके पति का चेकअप भी नहीं करवा रहे हैं।
सरला: ओह फिर ?
राजीव: आयशा की बात सुनकर सारिका उसे मेरे बारे में बतायी और आयशा अपनी बेटी से बात की और वह मुझसे चुदवा कर मॉ बनने तो तय्यार हो गयी। इसी सिलसिले में सारिका आयशा को लेकर मेरे पास मेरे दोस्त के ख़ाली फ़्लैट में आयी। वहीं मैं उनका इंतज़ार कर रहा था। सारिका और आयशा अंदर आइ। सारिका ने मुझे पहले फ़ोन पर बता दिया था कि वो आयशा को बता दी है कि वो भी मुझसे चुदवाती थी। इसलिए मैंने सारिका को अपनी बाहों में लेकर चूम लिया। वह। भी मुझसे चिपक गयी। आयशा ये सब देखकर शर्मा रही थी।
सरला: आप उस औरत के सामने ही सारिका से चिपक गए। ये कहकर वह राजीव के लौड़े को दबाई और वह अब खड़ा होने लगा था। फिर वो पूछी: फिर क्या हुआ?
राजीव: फिर मैं सारिका से अलग हुआ और वो मेरा परिचय आयशा से करवाई। आयशा एक गोरी दुबली औरत थी और उसने सलवार कुर्ता पहना था। वह चेहरे से सुंदर थी और उसकी छातियाँ भी उसके दुबले शरीर के लिहाज़ से काफ़ी बड़ी थीं जो डुपट्टे के नीचे से झाँक रही थीं।हम सब बैठे और सारिका ने आयशा के बारे में बताया कि वो एक आर्मी ऑफ़िसर की बीवी है और उसकी बेटी नूरी शादी के ५ साल भी माँ नहीं बन पा रही है और जैसे आपने मेरी बहू को माँ बनाया है वह भी अपनी बेटी नूरी को मुझसे गर्भवती करवाना चाहती है।
सरला: वाह आपके तो मज़े ही मज़े हो गए होंगे?
राजीव: हाँ , मैंने पूछा कि नूरी की उम्र क्या है? वो बोली कि २६ साल की है। मेरा लौड़ा जींस के अंदर खड़ा होने लगा। और मेरी पैंट के ऊपर से उसको दबाया। मैंने देखा कि आयशा और सारिका की आँखें मेरे लौड़े पर ही थी।
सरला: हाय बड़े बेशर्म हो आप? फिर क्या हुआ?
राजीव: अब तुम मेरा लौड़ा चूसो और बीच में नहीं बोलना तो मैं पूरी कहानी सुनाऊँगा।
सरला ख़ुशी से उसका लौड़ा चूसने और चाटने लगी और राजीव ने बोलना चालू किया---------

मैं: नूरी मान गयी है इसके लिए?
आयशा : हाँ वो मान गयी है।
मैं: फिर ठीक है, तो आज ही उसे ले आना था? मैंने अपना लौड़ा मसल कर कहा।
आयशा: जी मैं पहले आपसे मिलकर ये देखना चाहती थी कि आप कैसे हैं, वगेरह । आख़िर मेरी बेटी का सवाल है ।
मैं अपना लौड़ा दबाते हुए बोला: आपने मुझे देख लिया अब आपका क्या इरादा है?
आयशा: जी मैं कल उसे ले आऊँगी।
मैं मुस्कुराकर: पर आपने मेरी असली काम की चीज़ तो देखी नहीं है, जिसकी मदद से आपकी बेटी माँ बनेगी?
आयशा झेपकर: उसकी कोई ज़रूरत नहीं है।
मैं: पर मुझे तो आपको दिखाना ही होगा ताकि बाद में आप कोई शिकायत ना करो। ये कहते हुए मैंने अपनी जीन के बटन खोले और ज़िपर नीचे किया और अपनी जीन बैठे बैठे ही नीचे कर दी।अब मेरी चड्डी में खड़ा हुआ लौड़ा उनके सामने था। आयशा उसे ग़ौर से देख रही थी। इसके पहले कि वह कुछ और सोच पाती मैंने अपनी चड्डी भी नीचे कर दी और जींस और चड्डी मेरे पैरों पर आ गयी और मेरे नीचे का पूरा हिस्सा नंगा उन दोनों औरतों के सामने था।
आयशा की तो जैसे आँखें ही फट गयीं , वो बोली: इतना बड़ा?
मैंने उसे सहलाया और आयशा को दिखाकर बोला: अरे ऐसा कोई बड़ा नहीं है , सारिका तो बड़े आराम से ले लेती है। क्यों सारिका?
सारिका: हाऽऽय सच में बहुत मस्त मज़ा देता है। इसको मैं बहुत मिस करती हूँ।
मैंने देखा की आयशा सबकी नज़र बचा कर अपनी सलवार से बुर को खुजा रही थी। मैं मन ही मन मुस्कुराया।
मैं: आओ ना सारिका एक बार चुदवा लो इसके बाद आयशा को भी मज़ा दे देंगे।
सारिका: आह नहीं मुझे यूरीनरी इन्फ़ेक्शन हो गया है, अभी मैं नहीं ले सकती आपको भी इन्फ़ेक्शन हो जाएगा।
मैं: ओह फिर इसका क्या होगा? मैंने लौड़ा दबाकर कहा|
सारिका: चूस दूँ क्या?
मैं: अरे इसे मुँह से ज़्यादा बुर की ज़रूरत है। आयशा तुम ही अपनी बुर से दो ना।
आयशा एकदम से चौक गयी और इस तरह की भाषा से भी वह हड़बड़ा गयी।
वह: नहीं नहीं ये कैसे हो सकता है? मैं शादी शूदा हूँ और मैं तो यहाँ अपनी बेटी की मजबूरी के वजह से ही आयी हूँ।
मैं: अरे तो ये तो देख लो कि मैं तुम्हारी बेटी को कैसे चोदूँगा । तुम पर प्रैक्टिकल कर के बता देता हूँ।
आयशा: नहीं नहीं इसकी कोई ज़रूरत नहीं है।
तब मैं खड़ा हो गया और अपने पैरों से पैंट और चड्डी निकालकर सोफ़े पर बैठी आयशा के पास आकर उसके मुँह के पास अपना लौड़ा लहराकर उसके होंठों से अपना लौड़ा छुआ दिया।
वह एक मिनट के लिए सिहर गई और अपना मुँह पीछे कर लिया। अब मैं झुका और उसकी छातियों को कुर्ते के ऊपर से दबाने लगा और उसके होंठों पर अपना होंठ रखकर उनको चूसने लगा। वह मुझसे अलग होने के लिए छटपटाने लगी। मैंने अब भी उसकी छाती को दबाना जारी रखा। अब मैंने सलवार के ऊपर से उसकी बुर भी दबाने लगा। मैंने देखा कि उसकी सलवार नीचे से गीली थी।
अब उसका विरोध कम होने लगा था। तभी सारिका उठकर आयी और बोली: आयशा क्यों मना कर रही है, चुदवा ले ना , मैं ठीक होती तो मैं ही इसका मज़ा ले लेती। सारिका मेरे लौड़े को सहलाकर बोली।
अब आयशा ने मानो सरेंडर कर दिया। वह मेरा विरोध बंद कर दी। अब मैंने उसको अपनी बाँह में उठा लिया किसी बच्चे की तरह और जाकर बेडरूम में बिस्तर पर लिटा दिया। सबसे पहले मैंने अपनी शर्ट उतारी और पूरा नंगा हो गया। मैंने उसकी आँखों में अपने कसरती बदन के लिए प्रशंसा के भाव देखे। तभी मैंने देखा कि सारिका भी वहाँ खड़ी थी।
मैंने सारिका से कहा: तुम क़ुरती उतारो मैं सलवार उतारता हूँ। वह मुस्कुरा कर मेरा साथ देने लगी। जल्दी ही वह अब ब्रा और पैंटी में थी। पूरी तरह स्वस्थ बदन कोई चरबी नहीं। मज़ा आ गया देखकर। फिर मैं उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा और वह भी अपना हाथ मेरी कमर पर ले आयी और मेरी पीठ सहलाने लगी ।
अब मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले और उसकी ३४ साइज़ की चूचियाँ दबाने और चूसने लगा। वह मस्ती से आहबह्ह्ह्ह्ह्ह कर उठी। फिर मैंने उसके पेट को चूमते हुए उसकी गीली पैंटी उतारी और उसे सूँघने लगा। वह शर्माकर मेरी हरकत देख रही थी।
मैंने उसकी जाँघों को सहलाया और चूमा और फिर उसकी जाँघें फैलाके उसकी ४७ साल की बुर को देखा। पूरी चिकनी बुर थी और साफ़ दिख रहा था कि अच्छेसे चुदीं हुई बुर है। उसमें से गीला पानी निकल रहा था। मैंने झुक कर उसे चूमा और जीभ से कुरेदने लगा। वह उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कर उठी। मैंने समय ख़राब किए बग़ैर अपना लौड़े का सुपाड़ा उसकी बुर के छेद में रखा और वह कांप उठी और बोली: आऽऽऽऽह धीरे से डालिएगा। आपका बहुत बड़ा है , मैंने इतना बड़ा कभी नहीं लिया है।
मैं: सच क्या तुम्हारे पति का छोटा है?
वो: उनका नोर्मल साइज़ का है पर आपका तो ज़्यादा ही बड़ा है और मोटा भी बहुत है ।
मैं: ठीक है मैं धीरे से शुरू करूँगा।
अब मैं धीरे से सुपाड़ा दबाया और वह उसकी बुर में धँसता चला गया। वह हाऽऽऽऽऽऽऽय्य कर उठी।
मैं : अरे तुम तो इसमे से नूरी को भी बाहर निकाली हो इसलिए कोई समस्या नहीं होगी।
वो: नूरी सिजेरीयन से हुई थी।
सारिका: अरे मुझे भी पहली बार इनका लेने में थोड़ी तकलीफ़ हुई थी पर बाद में कोई समस्या नहीं थी और मज़ा ही मज़ा किया।
अब आयशा के होंठ चूसते हुए और उसकी चूचियाँ दबाते हुए मैंने अपना लौड़ा अंदर करना शुरू किया। आधा लौड़ा अंदर जा चुका था और तभी मैंने ज़ोर से धक्का मारा और पूरा लौड़ा अंदर जड़ तक समा गया। वह अब हाऽऽऽऽऽय्य्य्य्य मरीइइइइइइइइइइइ कहकर थोड़ी सी छटपटाई और फिर शांत हो गयी। मैं भी रुककर उसके होंठ चूसता रहा और चूचियाँ भी चूसने लगा। निपल्ज़ को दबाने से उसकी मस्ती वापस आने लगी और जल्दी ही वह ख़ुद कमर हिलाकर मुझे इशारा कि चलो अब मुझे चोदो।
पर मैं उसके मुँह से सुनना चाहता था सो बोला: रानी मज़ा आ रहा है कि नहीं।
वो: आऽऽऽह हाँ आ रहा है।
मैं: तो चोदूँ अब?
वो : हाऽऽऽऽक्ययय हाँ।
मैं: हाँ क्या करूँ? साफ़ साफ़ बोलो।
वो: उइइइइइइइओ आऽऽऽऽह चोओओओओओओओओदो मैं मुस्कुराकर अब ज़ोर से चुदाई में लग गया और मेरे धक्कों से पलंग बिचारा भी कराह उठा और चूँ चूँ करने लगा। सारिका वहाँ पलंग पर बैठ कर चुदाई का मज़ा ले रही थी, और अपनी बुर सहला रही थी।
अब आयशा भी अपनी गाँड़ उछालकर चुदाई में मेरा साथ देने लगी। हम दोनों पसीने से भीग गए थे और तभी वो और मैं दोनों एक साथ चिल्लाए : हाऽऽऽऽऽऽय्य मैं झड़ीइइइइइइइइइइइइ और मैं भी ह्म्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। वो चिल्लाई: मेरे अंदर मत गिराना।
मैंने समय रहते उसे निकाला और उसके दूध पर अपना वीर्य गिराने लगा और फिर उसके मुँह की तरफ़ भी अपना लौड़ा किया और उसका मुँह खुला और उसके अंदर मेरे वीर्य की एक पिचकारी चली गयी। वह उसे निगल गयी। अब मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह में ठूँस दिया और वह प्यार से उसपर लगा वीर्य चाटने लगी और फिर चूस कर और चाट कर मेरे लौड़े को साफ़ कर दी। उसने अपनी छातियों के ऊपर गिरा वीर्य भी ऊँगली में लिया और चाटने लगी।
सारिका: मज़ा आया आयशा?
आयशा शर्माकर: हाँ बहुत मज़ा आया। सच में नूरी को बहुत मज़ा मिलने वाला है। पहली बार तो उसको लेने में थोड़ा दर्द होगा पर बाद में मज़े करेगी। वैसे इनका जूस भी बहुत गाढ़ा और स्वाद है। वह अपनी ऊँगली चाट कर बोली।
मैं: नूरी के साथ तुम भी आ जाना और मज़े कर लेना माँ बेटी दोनों एक साथ। बिर्य उसके अंदर डालूँगा और चुदाई दोनों की करूँगा। बोलो ठीक है ना ?
आयशा: नहीं नहीं आप उसे नहीं बताना कि मैं आपसे करवा चुकी हूँ वरना उसे बुरा लगेगा।
मैं: एक बात बताओ, तुम दोनों क्लब जाती हो माडर्न हो और ज़रूर बाहर भी मुँह मारती होगी।
वो दोनों एक दूसरे के देखने लगीं।
सारिका: अब आपसे क्या छिपाना , हाँ हम शादी के बाहर भी मज़े ले रहे हैं। मेरा तो आपको पता ही है।
आजकल घर का घर में ही चल रहा है।मैं और बहू दोनों मेरे बेटे से चुदवा रही हैं। तुम भी बता दो आयशा या मैं बोलूँ?इसका पति तो आर्मी में है यहाँ कम ही रहता है।
आयशा: मैंने भी घर का घर में ही इंतज़ाम किया हुआ है। मेरा एक २२ साल का नौकर है वही मुझे मज़ा देता है। मैंने उससे बेटी को नहीं चूदवया क्योंकि वह काला है और मुझे गोरा बच्चा चाहिए। सारिका मुझे बतायी थी कि आप बहुत गोरे हैं इसीलिए आपके पास आयी हूँ।
मैं: ओह तो तुम दोनों मज़े से चुदवा रही हो। बिलकुल सही है अगर मर्द मज़ा ना दे पाएँ तो क्या किया जाए।
आयशा बोली: अब मैं बाथरूम जाती हूँ।
 

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