"मीरा तुम्हे ढूँढना आसान नहीं था," उसने कहा और वह आराम से दरवाजे की चौखट के पे अपनी पीठ टिका खड़ा हो गया। वह एक आकर्षक आदमी था, दुबला-पतला , लम्बा, गोरा। जब वो मुस्कुरा रहा था तब मीरा ने उसके गाल पर डिंपल देखे।
मीरा खड़ी हो गई और अपना चाकू बचाव करने के लिए पकड़ लिया, "एक भी कदम आगे नहीं आना," वो चिल्लायी, "मैं तुम्हें छुरा घोंप दूंगी, मैं सच कह रही हु!"
वह आदमी मुस्कुराया और आराम से अपनी जेबों में हाथ डाला और कहा, "दम तो है लड़की तुममे ये बात तो माननी ही होगी।"
"क्या चाहते हो तुम?" मीरा ने पूछा।
"बस बात करना चाहता हूँ," उसने मुस्कान के साथ उसकी आँखों में देखते हुए कहा।
"किस बारे में?" मीरा ने अभी भी धमकी भरे स्वर में अपनी छुरी अपनी ओर करते हुए कहा।
वो आदमी अभी भी अपने सरीर को रिलैक्स्ड रखते हुए मुस्कुरा रहा था, "क्या तुम ये चाकू निचे रखोगी प्लीज?" उसने एक मुस्कान के साथ कहा, "अगर मैं तुम्हें मरना चाहता, तो मैं तुम्हें गोली मार देता।"
मीरा ने घबराकर अपना चाकू फर्श पर रख दिया।
"ये हुई ना बात," उसने कहा, "अब सुनो। मेरा नाम आर्यन है। मैं यहाँ कबीर के कारण आया हूँ। वो चाहता था मैं तुम्हे खोजू।"
"कबीर!" मीरा ने रोते हुए पूछा, "वो जिन्दा है?"
"नहीं," आर्यन ने कहा, "लेकिन उसकी दुर्घटना के तुरंत बाद उसकी मौत नहीं हुई। गोली उनके हाथ में लगी और उसका संतुलन बिगड़ गया। वह सड़क पर गिर गया और बेहोश हो गया। उसके सिर में गहरी चोट थी। उसे अस्पताल ले जाया गया और वह मुझे फोन करने तक जिन्दा था। जब मैं उसे देखने गया तो उसकी हालत नाजुक थी। पर उसने मुझे तुम्हारा नाम और फोटो दिया, और मुझ से बिनती की कि मैं तुम्हे बचा लूं। लेकिन...मैं देख रहा हूं कि तुमने अपने आप को बचा लिया है।"
अस्पताल में अकेले कबीर के मरने की बात सोचकर मीरा दुःख में घुट रही थी।
"उसने मुझे ये दिया," आर्यन ने मीरा को एक बक्सा सौंपते हुए कहा, "उसने मुझसे कहा कि जब मैं तुम्हें मिलु तो तुम्हें दे दूँ।"
मीरा ने बक्सा लिया और कांपते हाथ से उसे खोला। अंदर उसे एक चमकदार हीरे की अंगूठी और एक चिठ्ठी मिली। उसने पत्र खोला और कबीर की लिखावट को पहचान लिया। वह दुख के मारे रो पड़ी और फर्श पर गिर पड़ी। अंगूठी बॉक्स से बाहर लुढ़क गई और गद्दे पर गिर गई। उसने चिठ्ठी पढ़ने की कोशिश की लेकिन उसकी आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे जिससे उसकी नज़र धुंधली हो रही थी। उसने चिठ्ठी को अपने सीने से लगा लिया और बेकाबू होकर रो पड़ी।
आर्यन ने उसे टूटते हुए देखा और आह भरी। "मैं माफी चाहता हूं। मुझे लगता है कि तुम्हे थोड़ा वक़्त चाहिए खुद को सँभालने के लिए," आर्यन ने मीरा से कहा और कमरे से बाहर निकलने के लिए मुड़ा, "मैं बाहर इंतजार कर रहा हूँ।"
मीरा काफी देर तक रोती रही। कुछ देर बाद वह शांत हुई और पत्र पढ़ने में सफल रही।
मेरी प्यारी मीरा,
जब तक तुमको ये चिठ्ठी मिलेगी, मैं शायद नहीं रहूँगा। मुझे दुःख है की मैं तुम्हे एकदम अकेला छोड़ के जा रहा हु, मुझे दुःख है की मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाया। मैंने हमेशा तुमसे प्यार किया है मीरा, तुम मेरे लिए दुनिया हो। मैं सच में तुमसे शादी करना चाहता था, अपना पूरा जीवन तुम्हारे साथ बिताना चाहता था। मैं सच में जीना चाहता हूं, तुम्हारे लिए जीना चाहता हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरे पास अब ज्यादा समय बचा है। मेरी हर एक सांस के साथ मेरी जिंदगी खत्म हो रही है। मेरा दिल ये सोच के ही बैठा जा रहा है की तुम किस चीज़ से गुजर रही होगी। मुझे दुःख है की मैं अपने वादे पुरे नहीं कर सका। मैंने कुछ पैसे बचाए थे और तुम्हारे लिए यह अंगूठी खरीदी थी। तुम्हे देने को बस यही है मेरे पास। काश मैं इसे अपने हाथ से तुम्हारी उंगली में डाल पाता , काश मैं तुम्हारे पास हो पाता... मुझे पता है कि तुम्हे मुझसे और भी बहुत कुछ चाहिए था। मुझे दुःख है की मैंने तुम्हे निराश किया। पर याद रखना मैंने तुमसे हमेशा प्यार किया है।
तुम्हारा,
कबीर
मीरा ने अंगूठी को उठाया और रोते हुए प्यार से उसको चूमा। अंगूठी पे कुछ नकाशी किया था जिसमें लिखा था, "मीरा, मेरे जीवन का प्यार"
मीरा ने अँगूठी को अपनी उंगली पर पहन लिया और अपने आँसू पोंछ लिए। वह धीरे से उठी और बाहर चली गई।
बरसात की सुबह थी। आर्यन फैक्ट्री के प्रवेश द्वार के पास खड़ा था, शांति से सिगरेट पी रहा था और बारिश को देख रहा था।
"क्या तुम कबीर के दोस्त थे?" मीरा ने पूछा।
"नहीं," आर्यन ने कहा, "उसने एक बार मेरी मदद की थी। उसका मुझपे एक अहसान था। ”
"धन्यवाद," उसने कहा, "यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।"
आर्यन मुस्कुराया।
"तो, मुझे कैसे खोजा?" मीरा ने पूछा।
"ये ही मेरा काम है लड़की," आर्यन ने कहा,"मैं खोजता हु लोगो को चीज़ों को
"मेरा मतलब है," उसने पूछा, "तुमने मुझे यहाँ ढूंढने के बारे में कैसे सोचा?"
"अब तुम मेरे व्यापार का राज़ पूछ रहे हो," आर्यन ने मुस्कुराते हुए कहा और एक कश लिया।
मीरा निराश हो गयी।
आर्यन ने मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक है, इतना उदास मत हो, मैं तुम्हे बताता हूं," जैसा मैंने कहा, तुम्हे ढूंढना मुश्किल था, अस्पताल के बाद तुम लगभग एक सप्ताह तक लापता रही, "आर्यन ने कहा," लेकिन तुमने कल रात पास की दुकान से कुछ दवाएं खरीदीं और मेरे एक लड़के ने तुम्हें देखा।”
"क्या तुम उस गिरोह के बारे में कुछ जानते हैं जिसने मेरा अपहरण किया था?" मीरा ने पूछा।
"हाँ। वे स्थानीय ओपोइड डीलरों का एक गिरोह हैं, जो खुद को "द वाइपर" कहते हैं। वो बॉस शकील, जिसके दाहिने हाथ पर टैटू है, एक जाना माना रेपिस्ट है। वे अभी छुपे हुए हैं, उसी रात उनका एक शिपमेंट पकड़ा गया था जब तुमने उस बन्दे का सिर फोड़ दिया और भाग गई, ”आर्यन ने शांति से एक और कश लेते हुए कहा।
मीरा यह जानकर चौंक गई कि आर्यन को मर्डर के बारे में पता है।
"चोको मत," उसने उसकी ओर मुस्कुराते हुए कहा, "ये सब पाता करना मेरा काम है।"
"क्या पुलिस जानती है?" मीरा ने घबराकर पूछा।
“तुम्हारे केबिन को जलाने के बाद पुलिस को अजीत राठौड़ की लाश मिली। उन्होंने उसकी फोन लोकेशन के जरिए उसका पता लगाया। तुम भाग्यशाली थे कि तुमको सबूत मिटने के लिए तीन दिन का समय मिला क्योंकि राठौड़ को एक बिजनेस ट्रिप पर जाना था और उसके परिवार ने उसके लापता होने के 5 दिन बाद ही शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस को पता है कि वहां एक महिला को बंधक बनाकर रखा गया था। वैसे भी, उनके पास अभी तक तुम्हारा नाम नहीं है, इसलिए उनके पास उस डीएनए का मिलान करने वाला कोई नहीं है। उस रात वहां मौजूद गिरोह का वो दूसरा सदस्य जंगल में मृत पाया गया। सांप के काटने से मरा वह ... तुम फिर से भाग्यशाली थी। लेकिन मेरा मानना है कि पुलिस से पहले तुम वाइपर गिरोह को ढूंढ लो, क्योंकि अगर वे तुम्हारा नाम बताते है पुलिस को, तो तुम मुश्किल में पड़ जाओगी, ”आर्यन ने कहा।
"यह वाइपर गिरोह अब कहाँ है?" उसने पूछा।
"पता नहीं, शायद कहीं छुप गया है..." उसने जवाब दिया।
"क्या तुम उन्हें मेरे लिए ढूंढ सकते हैं?" मीरा ने पूछा।
"बेशक," आर्यन ने कहा, "लेकिन मुझे उसकी कीमत की उम्मीद है। मैं चैरिटी नहीं चलाता, तुम जानते हो। और मैं सस्ता नहीं हूं।"
मीरा ने एक पल के लिए सोचा और अपनी उंगली से अंगूठी निकालकर आर्यन की हथेली पर रख दी। "अभी मेरे पास बस यही है तुम्हे देने को ," उसने आंसू बहाते हुए कहा।
"अगर मैं इस अंगूठी को लेना चाहता, तो मैं इसे तुम्हारे पास लाने का कष्ट नहीं उठाता और तुम्हे कभी पता नहीं चलता कि यह है भी या नहीं," आर्यन ने अंगूठी को वापस उसकी हथेली में रखते हुए कहा, "कबीर ने एक बार मुझे कुछ ऐसा खोजने में मदद की जो मेरे लिए कीमती थी। मैं बस उस एहसान चुकाने की कोशिश कर रहा हूं। यह अंगूठी...यह उसके लिए बहुत मायने रखती थी, और वह चाहता था कि तुम्हारे पास ये हो। इसका ख्याल रखना, लड़की, ऐसे ही इसका सौदा मत करना । ”
"उन्होंने कबीर को मार डाला! उन्होंने मेरा बलात्कार किया!" मीरा चिल्लाई, "मैं उन्हें मरना चाहती हूँ!"
"ठीक है," आर्यन ने शांति से कहा, "तुम्हे इसके बारे में सोचना होगा। क्यूंकि मैं वह व्यक्ति हूं जो तुमको बस जानकारी देगा। और कुछ नहीं। तुम उस जानकारी के साथ क्या करना चाहती हो, यह तुम पर निर्भर है। तुम चाहती हो कि उनकी हत्या कर दी जाए, तुमको इसे खुद करना होगा, या इसे करने के लिए किसी को नियुक्त करना होगा। हत्या करना मेरा काम नहीं है।"
मीरा एक पल के लिए चुप रही, सोच रही थी और अपने विकल्पों का विश्लेषण कर रही थी।
"क्या मुझे एक सिगेरेट मिलेगी?" उसने पूछा।
आर्यन ने उसे एक सिगरेट दी और मीरा ने उसे जलाकर एक कश लिया। वह शांत थी लेकिन उसका दिमाग दौड़ रहा था। वह सोच रही थी कि कैसे वह इस झंझट से निकलकर कबीर का बदला ले सकती है। उसने कुछ देर सोचा और अंत में बोली।
"आर्यन," उसने अपने चेहरे पर दृढ़ निश्चय के साथ कहा, "मुझे किसी दलाल के पास ले चलो।"
" सच में?" आर्यन ने गंभीर भाव से पूछा।
मीरा ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "यह एकमात्र वास्तविक विकल्प प्रतीत होता है," आपको क्या लगता है कि मैं और क्या कर सकती थी? सड़कों पर भीख माँगना? बैंक लूटना ? या जब तक शकील का गैंग मुझे ढूंढ़ नहीं लेता, तब तक यहीं छुपे रहना?”
आर्यन ने एक गहरी सांस ली और कहा, "ठीक है, मैं तुम्हें एक दलाल के पास ले जाऊँगा अगर तुम यही चाहते हो।"
वे धैर्यपूर्वक बारिश के थमने का इंतजार कर रहे थे। दोनों ने एक दूसरे से एक शब्द भी नहीं कहा।
एक बार जब बारिश कम हो गई, तो आर्यन मीरा को अपनी कार तक ले गया। कार में बैठा और चल दिया ।
आर्यन ने कहा, "मैं तुम्हे जिस आदमी के पास ले जा रहा हूं, उसका नाम आदिल है," वह कई सालों से इस संगठित व्यवसाय को चला रहा है और उसे उच्च स्थानों पर कनेक्शन मिले हैं। उसके पास पैसा है, उसके पास बाहुबल है, वह इतना शक्तिशाली है कि तुम्हे सुरक्षित रख सकता है।"
मीरा ने आर्यन की ओर देखा और झट से सिर हिला दिया।
मैं तुम्हारे पहले तीन सौदों का 20 प्रतिशत लूंगा," आर्यन ने मीरा को एक त्वरित नज़र मारते हुए कहा, "फाइंडर की फीस।"
"ठीक है," मीरा ने सीधे आगे देखते हुए कहा।
आर्यन गाड़ी चला रहा था कि मीरा के दिमाग में कुछ आ गया।
"क्या समय हुआ है?" मीरा ने पूछा।
"सुबह के 9 बजे है," आर्यन ने कहा, "तुम क्यों पूछ रही हो?"
" मेरी एक छोटी सी मदद करोगे?" मीरा ने आर्यन से पूछा।
"ज़रूर," आर्यन ने कहा।
"क्या तुम मुझे अस्पताल ले जा सकते हैं जहां मुझे भर्ती कराया गया था?" उसने अनुरोध किया।
"ठीक है," आर्यन ने कहा, "क्या मैं इसका कारण जान सकता हूँ?"
"बस कुछ जांचना चाहती थी," उसने कहा, "इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। प्लीज...मुझे वहाँ ले चलो।"
आर्यन ने सिर हिलाया और अस्पताल की ओर चलने लगा। एक बार जब वे अस्पताल के गेट पर पहुँचे, तो मीरा ने कहा, "प्लीज ... सड़क के किनारे कार पार्क करें।"
आर्यन ने कार पार्क की और देखा कि मीरा अस्पताल के गेट में प्रवेश कर रही कारों को गौर से देख रही है। उसने समय देखा, सुबह के 9.30 बज रहे थे। मिथिला अक्सर सुबह 10 बजे अपनी सुबह का चक्कर लगाती थी, इसलिए मीरा उम्मीद कर रही थी कि वह अब किसी भी समय अस्पताल पहुंच जाएगी।
करीब 5 मिनट बाद मीरा की नजर मिथिला की कार पर पड़ी। मीरा मिथिला को अच्छी तरह देखने के लिए खिड़की की ओर झुक गई। वह अपनी कार चला रही थी, जैसे वह हर रोज अस्पताल जाती थी। मिथिला ठीक, जिंदा और अच्छी लग रही थी। मीरा यह देखकर मुस्कुराई कि वह ठीक है। "भगवान का शुक्र है कि वह ठीक है!" मीरा ने मन ही मन प्रार्थना में हाथ जोड़कर कहा, "हे भगवान, उसे सुरक्षित रखें। उसे कोई नुकसान न होने दें।" मिथिला की दया को याद करते ही उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
आर्यन मीरा को करीब से देख रहा था।
"तुम तुम उस जगह जाने के बारे में दोबारा सोच रही हो?" मीरा को अपने आँसू पोंछते हुए देखते हुए उसने पूछा, "हमें वहाँ जाने की ज़रूरत नहीं है, तुम्हें पता है, मैं तुम्हें कहीं और छोड़ सकता हूँ, जैसे किसी दोस्त की जगह या किसी रिश्तेदार की या ...जंहा कहीं तुम जा सकते हो ..."
"बस मुझे दलाल के पास ले चलो," मीरा ने अपने चेहरे पर दृढ़ निश्चय के साथ कहा।
आर्यन ने सिर हिलाया और चला गया।
"मीरा, मुझे पहले ही पूछ लेना चाहिए था..." आर्यन ने गाड़ी चलाते हुए कहा, "क्या तुम कबीर के अंतिम विश्राम स्थल पर जाना चाहती हो? मैं तुम्हें वहाँ ले जा सकता था...मुझे पता है कि उसे कहाँ दफनाया गया है।"
"नहीं जब तक मैं उसका बदला नहीं लेती," मीरा कटुता से बोली, "कबीर को इस तरह मरना नहीं था।"
जल्द ही वे अपने गंतव्य पर पहुंच गए।
"वे इस जगह को 'एमराल्ड पैलेस' कहते हैं," आर्यन ने मीरा को ऊपर की ओर ले जाते हुए कहा।
मीरा ने इधर-उधर देखा। यह एक फैंसी वेश्यालय की तरह लग रहा था। कई महिलाएं छोटे छोटे कपडे पहने हुई थी।
आर्यन उसे आदिल के कमरे में ले गया। मीरा ने कमरे में प्रवेश किया और देखा कि आदिल एक मेज के उस पार एक कुर्सी पर बैठा है। वह एक करिश्माई व्यक्तित्व वाले मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति था।
"अरे आर्यन!" उस आदमी ने कहा, "कैसी हो लड़के? और ये प्यारी महिला कौन है?"
"मीरा, आदिल से मिलो," आर्यन ने कहा, "आदिल, मीरा। नई लड़की, व्यवसाय में शामिल होना चाहती है। ”
"ये बात है," उसने मीरा को सिर से पाँव तक देखते हुए कहा, "यहाँ आओ लड़की मुझे करीब से देखने दो।"
मीरा धीरे-धीरे आदिल की ओर चल पड़ी। उसकी निगाहें इतनी चुभती थीं कि मीरा कांप उठती थी। वह खड़ा हुआ और उसके शरीर के हर मोड़ को स्कैन करते हुए उसके चारो ओर घुमा। फिर उसने उसकी ठुड्डी के नीचे एक उंगली रखी और उसके चेहरे की ओर देखा।
"ये ठीक है, मैं इसका इस्तेमाल कर सकता हूँ," आदिल ने आर्यन से कहा, "लेकिन ये ऐसी क्यों है ? क्या तुमने उसे कूड़ेदान में पाया?"
आर्यन ने चुटकी ली। "लड़की की एक कहानी है। लेकिन मुझे यकीन है कि वह ठीक काम करेगी, ”उन्होंने कहा।
मीरा ने उदास आँखों से आदिल से धीरे से कहा, "तुम्हे कुछ और देखना चाहिए।"
आदिल ने उत्सुकता से उसकी ओर देखा। मीरा ने अपनी पोशाक उसके कंधों से उतार दी और उसे अपने पैरों पर गिरने दिया। वह अपनी पैंटी में दो आदमियों के सामने खड़ी हो गई और उन्हें अपने शरीर पर लिखे अपमानजनक शब्दों को देखने लगी।
आदिल स्पष्ट रूप से चकित था। उसकी अभिव्यक्ति तुरंत नरम हो गई।
आर्यन ने एक त्वरित नज़र चुरा ली और आहें भर दी। फिर उसने मीरा को शर्मिंदा करने से बचने के लिए दूर देखा।
"तुम कितने साल की हो लड़की?" आदिल ने नरम भाव से पूछा।
"मुझे नहीं पता...20, सायद..." मीरा ने कहा।
"हम्म हम्म ..." उसने अपना सिर हिलाया। उन्होंने एक फोन किया और कहा, "शबनम, मुझे यहां तुम्हारी जरूरत है।"
एक खूबसूरत युवती ने कमरे में प्रवेश किया। "शबनम, ये मीरा है," आदिल ने कहा, "ये हमारे साथ काम करेगी। उसे आराम से ले जाओ। एक बार जब ये तैयार हो जाए तो मुझे बताना।"
शबनम ने मीरा को अपनी ड्रेस वापस पहनने में मदद की और उसे कमरे के बाहर ले गई। उसने उसे एक स्नान कराया और उसे खाने के लिए कुछ दिया। उसने मीरा को कुछ नए कपड़े पहनाए और उसके बाल तैयार किए। मीरा ने बहुत वक़्त बाद शीशे की ओर देखा था। वह खूबसूरत लग रही थी। वह अपने आप पर मंद-मंद मुस्कुराई।
उसके पीछे का दरवाजा खुला और आदिल अंदर आया।
"मीरा, तुम सुंदर लग रही हो," उसने उसकी ओर मुस्कुराते हुए कहा।
"धन्यवाद," उसने एक मुस्कान के साथ कहा।
उसने उसका हाथ थाम लिया और उसे अपने सामने बैठा दिया। उसने धीरे से उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया, सीधे उसकी आँखों में देखा और पूछा, "क्या तुम्हें यकीन है कि तुम यह काम करना चाहती हो?"
"हाँ," मीरा ने कहा, उसकी आँखों में आंसू आ रहे हैं।
"तुम कोई गलती तो नहीं करने जा रही ना?" उसने दृढ़ता से उससे पूछा, "क्योंकि यह व्यवसाय के लिए बुरा होगा।"
"मैं नहीं करूंगी," उसने मासूमियत से उसकी आँखों में देखते हुए कहा, "जैसा तुम कहोगे मैं वैसा ही करूँगी ।"
आदिल मुस्कुराया और कहा, "तुम्हारा व्यापारिक नाम नताशा होगा। सभी क्लाइंट तुम्हे इसी नाम से जानेंगे। मैं ग्राहकों को अपनी लड़कियों की तस्वीरें या वीडियो लेने की अनुमति नहीं देता, इसलिए अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो तुमको मुझे बताना होगा, ताकि मैं इससे निपट सकूं।”
मीरा मुस्कुराई और सिर हिलाया।
आदिल ने कहा, "एक बुजुर्ग आदमी है जिसने आज रात एक युवा लड़की, तुम्हारी उम्र की कोई लड़की मांगी है," उसे यह विकृत कल्पना मिली है, और वह चाहता है कि तुम एक स्कूल की लड़की की तरह कपड़े पहनो। हो सकता है ...वो थोड़ा कठोर हो। क्या यह ठीक रहेगा?"
मीरा मुस्कुरा दी। "ठीक होगा," उसने शांति से कहा,
"अच्छा," उन्होंने कहा, "शबनम आपको तैयार करेगी और आपको इस बारे में जानकारी देगी कि आपको क्या करना है।
बाद में उस शाम शबनम ने मीरा को तैयार किया। उसने उसके पूरे शरीर को वैक्स किया, और उसे पॉलिश किया ताकि मीरा की त्वचा चमकने लगे और मोमबत्ती के मोम की तरह चिकनी महसूस हो। उसने शैम्पू किया और उसके बालों को कंडीशन किया। फिर उसने मीरा को स्कूल यूनिफॉर्म पहनाया। उसने उसके ऊपर एक बहुत ही छोटी प्लेटेड स्कर्ट के साथ एक सफेद ब्लाउज पहनाया था। फिर उसने एक टाई और मोज़ा पहनाया। उसने अपने बालों को दो साइड चोटी में बांधकर और उन्हें रिबन से बांधकर मीरा लुक पूरा किया। उसने हल्का मेकअप किया, और उसके ब्लाउज के पहले दो बटन खोले जिससे उसके क्लीवेज दिखाई दे रहे थे।
"क्या वे मुझे कहीं ले जाएंगे?" मीरा ने पूछा।
"नहीं, हमारे पास सबसे ऊपरी मंजिल पर एक अतिथि कक्ष है," शबनम ने मुस्कुराते हुए कहा, "कुछ ग्राहक इसका उपयोग करना पसंद करते हैं, जबकि अन्य तुम्हे होटल के कमरे में बुलाते हैं। चूंकि आज तुम्हारा पहला मौका है, आदिल तुमको यहां निगरानी में रखना पसंद करता हैं।”
"आदिल ने कहा कि तुम मुझे बताओगी कि मुझे क्या करना है।" मीरा ने कहा।
अच्छा," शबनम ने कहा, "यह आदमी चाहता हैं कि तुम उन्हें डैडी कहो। वह एक बिगड़ी हुई स्कूली लड़की चाहता है जिसे वह सजा दे सके तो तुम्हे थोड़ा रोलप्ले करने की जरुरत है। हो सकता है कि वह तुम्हे थोड़ा डांटे, लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए, क्लाइंट को उल्टा जवाब नहीं देना है और ना ही उसपे हाथ उठाना है ,समझी?
मीरा ने सिर हिलाया।
शबनम उसे उस कमरे में ले गई जहां वह आदमी इंतजार कर रहा थी।
मीरा घबराई सी कमरे में दाखिल हुई। उसे एक 50 साल का बूढ़ा आदमी मिला, बिस्तर पे बैठा हुआ। मीरा को देख उसकी आँखों में हवस साफ़ झलक रहा था। मीरा धीरे धीरे उसके पास जाने लगी।
वह बिस्तर से उठा और उसकी ओर चल दिया। उसने मीरा के दूध के उबार की तरफ ललचा के देखा जो बटन खुले होने के वजह से और साफ़ दिख रहे थे।
"तुम्हारे ब्लाउज के बटन क्यों खुले हैं?" उसने गुस्से से पूछा।
मीरा ने जवाब दिया, "मैं चाहती हूं कि लड़के मुझे नोटिस करें और सोचें कि मैं सेक्सी हूं।"
"बेशर्म रांड! तुम कितनी गंदी हो!" उस आदमी ने कहा, तुम्हे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा जाता है, न कि चुदाई करने के लिए, लेकिन तुम अपने अंदर की रांड को संभल नहीं सकती, है ना?"
"आई एम सॉरी डैडी," मीरा ने कहा।
उस आदमी ने अपना हाथ उसके दूध पे चलना शुरू कर दिया।
"क्या तुम लड़कों को अपने स्तनों को इस तरह छूने देती हो?" उसने पूछा।
मीरा ने नजरें नीची कर लीं।
"शर्मीली मत बनो," उसने कहा, "मुझे पता है कि तुम एक रांड स्कूली छात्रा हो जो चाहती है कि स्कूल के सभी लड़के उसे चोदें। मुझे बताओ, क्या तुम लड़कों को अपने स्तनों को इस तरह महसूस करने देती हो?" उसने तेजी से उसके निप्पलों को उसके ब्लाउज के ऊपर से चुटकी काट ली जिससे वो कराहने लगी।
मीरा यह सोचकर टूट गई कि उसने कितनी हिम्मत से उसके शरीर को छुआ और वह उसके बारे में कुछ नहीं कर सकती थी। उसको उससे वो सब करने देना है जिससे वो खुश हो जैसे छुने महसूस करने और बाकी सब भी। अब वह एक रांड थी , और उसका शरीर बस उस आदमी को खुश करने का एक सामान था जो उसको पैसे देने वाला था।
"इस स्कर्ट को देखो, इतनी छोटी कि तुम्हारी चूत और गांड सच में बाहर निकल रही है" उसने उसकी जांघों पर हाथ फेरते हुए कहा, "तुम इतनी छोटी स्कर्ट क्यों पहनती हो? क्या इसलिए कि तुम चाहती हो कि लड़के तुम्हारी पैंटी देखें?”
"हाँ डैडी," मीरा ने उत्तर दिया
"मुझे अपनी पैंटी दिखाओ," उसने आदेश दिया।
मीरा ने बेमन से अपनी लेसी जाँघिया दिखाते हुए अपनी स्कर्ट उठाई। जैसे ही मीरा ने अपनी स्कर्ट ऊपर करने लगी, वह आदमी उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। उसने उसके ब्लाउज के सारे बटन हटा दिए जिससे उसकी लेसी ब्रा दिख रही थी।
"बाप रे, स्कूल के लिए तुम अंदर से इस तरह रांड जैसे कपडे पहनती हो? मुझे लगता है कि यह तुम्हे सेक्सी महसूस कराता है, हैं ना? ऐसे तो तुम्हारी चूत हमेशा गीली रहे है और कभी भी चुदाई की जा सकती है?" उसने पूछा।
"आई एम सॉरी डैडी," मीरा ने कहा।
"मैं आज तुम्हे एक अच्छा सबक सिखाने जा रहा हूं, ताकि तुम सीख सको कि एक अच्छी महिला की तरह कैसे व्यवहार करना है," उन्होंने कहा, "अब अपने कपड़े उतारो और मुझे देखने दो कि तुम्हारे इस रांड जैसे बदन कितना इस्तेमाल किया हुआ है।
मीरा ने अपना ब्लाउज और स्कर्ट फर्श पर गिरा दिया। उसने अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी और आदमी के सामने नग्न खड़ी हो गई। उस आदमी ने उसके अपमानजनक टैटू को देखा और मुस्कुराया।
"तुम पक्का सबसे घटिया किसम की रांड होगी जो तुम्हारे शरीर पे ये सजावट किया गया है," उसने उस पर उपहास किया, तुम चाहती हो कि हर कोई यह जान सके कि तुम एक लंड की बुखी चुड़क्कड़ रांड हो, है ना?"
मीरा अब आंसू बहा रही थी। "हाँ डैडी," उसने आंसू बहाते हुए कहा।
उस आदमी ने उसके चेहरे पर जोरदार थप्पड़ मारा। जिसकी वजह से वो पूरी तरह हिल गयी।
"यहाँ देखो," उसने आदेश दिया, "मुझे तुम्हें फिर से थप्पड़ मारना।"
मीरा के पास कोई चारा नहीं था। उसने अपना चेहरा उस आदमी की ओर घुमाया जो अभी भी अपनी निगाह नीची रखे हुए थी। आदमी ने उसे फिर से दूसरे गाल पर मारा।
"यहाँ फिर से देखो," उसने कहा, "मैं तुम्हें तब तक थप्पड़ मारता रहूंगा जब तक तुम अपना सबक नहीं सीख लेते।"
मीरा गाली-गलौज और उसकी मार चुपचाप सहती रही। उसने उसे 5 बार थप्पड़ मारे, जब तक कि उसके दोनों गालों पर उसकी उंगलियों के निशान नहीं थे और उसके होंठों से खून बहने लगा।
"अब रोने की क्या बात है?" उन्होंने कहा, "भगवान जाने कितने लंड तुमने अपनी गंदी चूत में लिया होगा। लेट जाओ और अपने पैर फैलाओ और मुझे देखने दो।”
मीरा ने उस आदमी की बात मानी। उसने धीरे से अपनी टांगें खोलीं और अपनी चूत उसके सामने खोल दी।
"यह सबसे अधिक इस्तेमाल की हुई बदबूदार चूत है जिसे मैंने देखा है," उस आदमी ने उसका अपमान किया, "और देखो यह और चुदने के लिए गीला है! तुम क्या हो, किसी तरह की कुटिया जो हमेसा गरम रहती है चुदाई के लिए तैयार ?
वह उसकी चूत को छूने लगा। मीरा कराह उठी क्योंकि स्पर्श ने उसके शरीर में सुखद अनुभूतियों की तरंगें भेजीं। फिर उसने उसकी चूत के अंदर दो उंगलियाँ डालीं और उँगली चोदने लगा। मीरा उस खुशी से नहीं लड़ सकती थी जो वह उस पर थोपे रहा था।
"देखो, तुम कैसे इसका मजे ले रहे हो," उन्होंने कहा, "तेरी ईसी हवस मुझे ठीक करने की जरूरत है।"
उस आदमी ने अपनी चमड़े की बेल्ट उतार दी और उसे एक हाथ में पकड़ लिया। दूसरे हाथ से वह उसकी चूत को ऊँगली से चोदता रहा। वह अपनी उंगलियों से कुशल था, उसने अपने अंगूठे से उसकी योनि को रगड़ा, जबकि उसकी दो उंगलियों ने उसकी गीली चूत के अंदरूनी हिस्से की मालिश की। मीरा को एक ऑर्गेज्म महसूस हुई। उसने सजगता से अपने पैरों को चौड़ा किया और वह जोर से कराहने लगी। और जैसे ही वह चर्मसुख पर पहुंचने वाली थी, उस आदमी ने उसकी चूत के साथ खेलना बंद कर दिया और उसके स्तन पर चमड़े की बेल्ट के साथ इतनी जोर से मारा की उसके स्तन ने एक झालर छोड़ दिया। मीरा दर्द में चिल्लाने लगी
वह आदमी उसे देखकर मुस्कुराया और कहा, "ये तुम जैसी रांड को समझने का सबसे अच्छा तरीका है तुम्हारी ये रांड की चुत को पता होना चाहिए की कैसे चरमसुख को काबू में करे , तब जाके तुम लंड लेने की भूख पे काबू बा सकती हो।
उसने फिर से उसकी चूत मे उंगली करना शुरू कर दी, उसे किनारे या कामोन्माद तक पहुँचाया। जैसे ही उसे लगा कि वह चर्मसुख तक पहुंचने वाली है, उसने उसे बेल्ट से जोर से मारा। प्रभाव ने उसकी त्वचा को डंक मार दिया और उसकी चीख निकल गई। मीरा बेबस होकर रो पड़ी। उसके साथ जो हो रहा था, उस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। वह उसे खुश करने से नहीं रोक सकती थी, वह उसे चोट पहुँचाने से नहीं रोक सकती थी। जब तक वह चाहे तब तक उसकी यातना सहने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं था।
उस आदमी ने उसे बार-बार चरमसुख की ओर लेके गया, और अपनी बेल्ट से एक तेज प्रहार करके उसकी यौन उत्तेजना को नीचे ले आया। जल्द ही उसका पूरा शरीर झालरों से ढँक गया।
"प्लीज स्टॉप डैडी!" मीरा ने विनती की।
"क्या बंद करू? तुम्हे उंगली करना या पीटना? ” उसने पूछा।
"प्लीज मारना बंद करो..." मीरा ने दर्द से कराहते हुए कहा। उसकी आँखों में आंसू थे।
"तो तुम अभी भी चाहती हो कि मैं तुमको छूता रहूं ताकि तुम एक रांड की तरह चरमसुख पा सको?" उसने पूछा।
मीरा ने कोई उत्तर नहीं दिया। उसने बस अपनी आँखें बंद कर लीं और रो पड़ी।
"चलो देखते हैं कि क्या तुमने अपना सबक सीखा है," उन्होंने कहा, "मैं तुम्हें उंगली करता रहूँगा लेकिन मैं तुम्हें झड़ने नहीं दूंगा। अगर तुम अपने चरम सुख को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो मैं तुम्हारी गांड चोदूंगा।"
वह बहुत तेजी से अपनी उँगली उसकी चूत में से अंदर-बाहर करने लगा। अपने दूसरे हाथ से उसने उसके निप्पल को घुमाया जिससे उसकी चीख बहुत तेज़ हो गई। फिर उसने धीरे से उसके निपल्स के साथ खेला और उसे एक संभोग सुख के करीब लाया। मीरा ने सह नहीं करने की पूरी कोशिश की, लेकिन अंततः लड़ाई हार गई और उसका शरीर अनैच्छिक रूप से कामोन्माद में आ गया।
झड़ने के बाद जैसे ही उसने अपनी आंखें खोलीं, उसने देखा कि वह आदमी उसे देखकर मुस्कुरा रहा है।
"तुम अपने आप को नियंत्रित नहीं कर सकती क्या तुम कर सकती हो, रांड?" उसने कहा, "या शायद तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारी गांड चोदूँ, है ना?"
मीरा ने बस आंसू बहाते हुए सिर हिलाया।
"घोड़ी बन जाओ," उसने आदेश दिया।
मीरा ने आज्ञा मानी। उस आदमी ने उसके गांड के छेद का निरीक्षण किया और टिप्पणी की, जरूर तुमने पहले भी गांड मरवाई है, है ना?"
"हाँ डैडी," मीरा ने उत्तर दिया।
उसने उसके चुत के पानी से उसके गांड के छेद को थोड़ा चिकना किया और फिर एक बार में ही अपना पूरा लुंड उसके अंदर दाल दिया जिससे वो चिल्लाने लगी। उसने उसके बाल पकड़ लिए और हर जोर से उसकी गांड को और गहरा चोदने लगा। हर झटके के साथ दर्द तेज होने पर मीरा लगातार चिल्लाती रही। उसने अपनी चीख को शांत करने के लिए अपनी कलाई के पिछले हिस्से को काटा। और अचानक उसे अपने गले में कुछ महसूस हुआ। उस आदमी ने अपनी बेल्ट उसके गले में डाल दी थी और उसकी गांड चोदने के साथ ही उसे झटक दिया था। उसने महसूस किया कि बेल्ट प्रत्येक झटके से कसता है और अब उसको सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। और थोड़ी ही देर में उसकी नज़रें धुंधली हो गयी थी सब काला हो गया था। और तभी उसको कुछ दिखाई दिया।
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वह एक घर के सामने खड़ी थी। मिथिला भी मौजूद थीं। तभी एक आदमी एक महंगी गाड़ी चलाते हुए गेट के सामने आया। वह वही नीली आंखों वाला आदमी था जिसे मीरा ने पहले भी सपने में देखा था । वह मुस्कुराया और वह और मिथिला पैसेंजर सीट पर बैठ गई और मीरा को देखकर मुस्कुरा दी।
"आओ मीरा," मिथिला ने मुस्कुराते हुए कहा, "अंदर आ जाओ!"
मीरा कार पीछे की सीट में बैठ गई और देखा मिथिला नीले आंखों आदमी को चुम रही थी। उस आदमी ने मीरा की ओर देखा और उसकी ओर देखकर मुस्कुरा दिया। उसने उसे एक चॉकलेट भेंट की।
"यह लो मीरा," मिथिला ने कहा, "और धन्यवाद कहो।"
मीरा ने चॉकलेट ली और उस आदमी को धन्यवाद दिया।
फिर उसने कार चालू करी और उन्हें समुद्र तट पर ले गया। मिथिला और वह व्यक्ति कार से उतर गए जबकि मीरा पीछे की सीट पर बैठी रही।
मीरा उन्हें कार से देखती रही। वे एक साथ खुश लग रहे थे। तभी अचानक उस शख्स ने मिथिला को थप्पड़ मार दिया. उसने उसे बार-बार मारा। मीरा चिल्लाई और मिथिला की मदद के लिए कार से बाहर निकलने की कोशिश की।
लेकिन वह कार में बंद थी। फिर उस आदमी ने मिथिला के बाल पकड़ लिए और उसे समुद्र में खींच लिया और उसके सिर को पानी के नीचे धकेल दिया। मीरा ने मिथिला को अपने जीवन के लिए संघर्ष करते देखा। कुछ देर बाद मिथिला डूब गई और पानी में गायब हो गई। नीली आंखों वाला आदमी वापस कार की तरफ चलने लगा। मीरा उस आदमी पर हमला करने के लिए चीखती-चिल्लाती रही लेकिन वह कार से बाहर नहीं निकल पाई। वह पूरी ताकत से खिड़की के शीशे पीटती रही और फिर सब कुछ धुंधला पड़ गया।
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मीरा की गांड चोदने वाले आदमी आखिरकार उसके अंदर झाड़ गया और बेल्ट को छोड़ दिया।
"ऐ रांड चल उठ," उन्होंने कहा, "मीरा के गांड पे मारते हुए कहा हैं," मेरे लंड को चाट के साफ़ कर। "
मीरा बेहोश पड़ी थी। उसने कोई जवाब नहीं दिया, वह हिली नहीं।
"अरे, रांड, उठ" उस आदमी ने मीरा को जोर से हिलाते हुए कहा। उसने फिर भी जवाब नहीं दिया।
कई बार कोशिश करने के बाद भी जब मीरा ने कोई जवाब नहीं दिया तो उस आदमी ने आदिल को फोन किया। " यह कैसी रांड भेजी है तूने? नखरे कर रही है साली।” वह चिल्लाया।
"उसने क्या किया?" आदिल ने पूछा।
"वह जाग नहीं रही है, किसी तरह का नाटक कर रही है ये कुतिया, इसकी अकल ठिकाने लाओ वरना,,," आदमी ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा।
"शांत हो जाओ," आदिल ने कहा, "मैं आता हु वहाँ।"
कुछ ही देर में आदिल अपने कुछ आदमियों और शबनम के साथ वहाँ पहुँच गया।
"ये सब क्या है?" मीरा के शरीर पर चोट के निशान देखकर आदिल ने क्लाइंट की ओर गुस्से से देखा।
"उसकी नब्ज है," शबनम ने मीरा के सिर को अपनी बाँहों में दबाते हुए कहा।
"अरे," आदिल ने धीरे से उसके गाल को सहलाते हुए कहा, "जागो लड़की!"
मीरा ने फिर भी कोई जवाब नहीं दिया। शबनम ने उसके चेहरे पर थोड़ा पानी छिड़का और आदिल धीरे से उसे थपथपाता रहा। उसने कमजोर आँखें खोलीं।
"मीरा!" आदिल ने कहा, "क्या तुम ठीक हो?"
मीरा ने कमजोरी से हँ मे सिर हिलाया। शबनम ने आदिल को मीरा की गर्दन पर गला घोंटने के निशान की तरफ इशारा किया। आदिल ने गुस्से में आकर उस आदमी की की गर्दन पकड़ ली।
"तू रंडी का औलाद," वह चिलाय हुआ, "तुझे क्या लगता है कि तू क्या कर रहा था ? मैं लड़कियों को सेक्स के लिए सप्लाई करता हूं, मरने के लिए नहीं.”
वह आदमी उसकी अचानक आक्रामकता से घबरा गया।
"साजिद, लड़की को ले जाओ," आदिल ने अपने एक आदमी को आदेश देते हुए कहा। फिर उसने अपनी उग्र निगाहें उस आदमी की ओर फेर ली।
"देखो, मुझे माफ़ कर दो," आदमी ने कहा, "मेरा मतलब यह नहीं था ..."
आदिल ने कहा, "तुम तय कीमत से दोगुना भुगतान करोगे," या "यहाँ मेरे आदमी तुम्हारे शरीर की हर हड्डी तोड़ देते हैं।"
"क्या डबल ?!" वह आदमी चिल्लाया, "लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं।"
"तो लेके आओ" आदिल चिल्लाया, और उसने अपने एक आदमी को सिर हिलाया, जिसने ग्राहक की बाँहों को पकड़कर उसकी पीठ के पीछे घुमा दिया।
वह आदमी डर के मारे चिल्लाने लगा। "ठीक है, मैं पैसे की व्यवस्था करूँगा, कृपया मुझे चोट न पहुँचाएँ..."
"यह पैसे दिए बिना इस कमरे से बाहर ना जाने पाये" आदिल ने अपने आदमियों को आदेश दिया और कमरे से बाहर चला गया।
वह सीधे उस कमरे की ओर गया जहां शबनम ने मीरा को लेटाया था। मीरा जाग रही थी और वह आदिल को देखकर कमजोर मुस्कुरा दी।
शबनम ने कहा, "डॉक्टर जल्द ही यहां आएंगे।"
"मुझे आशा है कि मैंने निराश नहीं किया," उसने धीरे से कहा।
"नहीं, तुमने नहीं किया स्वीटहार्ट, तुम बहुत बहादुर हो," उसने उसके बालों हलके से हाथ चलाते हुए कहा, "मुझे खेद है कि मैंने तुम्हें खतरे में डाल दिया, मुझे पता होना चाहिए कि वह आदमी अच्छा नहीं था।"
"मैं ठीक हूँ आदिल," उसने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं बस बेहोश हो गयी थी। लेकिन मैं अब ठीक हूं।"
आदिल ने आश्वासन दिया, "अगली बार, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं तुम्हे ऐसे पागलों के पास न भेजूं।"
"मैं वास्तव में इसके विपरीत सोच रही थी," मीरा ने कहा, "मैं तुम्हारी दर्द सहने वाली रांड बना चाहती हु । तुम मुझे सभी प्रकार के विक्रित मानसिकता वाले ग्राहकों के पास भेज सकते हैं जो दर्द और नीचता दिखने का आनंद लेते हैं।"
"क्या? नहीं!" आदिल ने हांफते हुए कहा, "तुम बहुत छोटी हो मीरा!"
"और भी बेहतर," मीरा ने कहा, "उन्हें इतने ज्यादा पैसे देने होंगे।"
आदिल को विश्वास नहीं हो रहा था कि वह क्या कह रही है। "मीरा, तुम्हें पता नहीं है कि यह कितना खतरनाक हो सकता है," उन्होंने कहा, "तुम आज मर सकती थी!"
मीरा ने अपनी आंखों से से आंसू बहाते हुए कहा, "मैं समझती हूं कि यह पागलपन लग रहा है ...पर मैं ये कबीर के लिए कर रही हूँ। कबीर को खोना मेरे लिए सबसे ज्यादा दर्दनाक था इससे और ज्यादा दर्द मुझे नहीं हो सकता। वह मेरी दुनिया था और मैंने उसे खो दिया। जिन लोगों ने उसकी हत्या की और मेरा बार-बार बलात्कार किया, वे आज़ाद और निडर होकर चलते हैं। मैं उन्हें मरना चाहती हूँ! और उसके लिए मुझे पैसे की जरूरत है, बहुत सारा पैसा... और इसके लिए जो कुछ भी करना होगा मैं करने को तैयार हूं। और अगर मैं कोशिश करते हुए मर जाऊं... कोई बात नहीं...मैं बस अपने कबीर के साथ रहूंगी..."
"मैं इसके बारे में सोचूंगा," आदिल ने कहा, "तुम थोड़ा आराम करो।"
आदिल कमरे से बाहर चला गया। कुछ समय बाद एक डॉक्टर मीरा के पास गया और उसकी चोटों का इलाज किया। शबनम ने उसे दवाइयाँ दीं और उस पर एक कंबल डाल दिया ताकि वह आराम कर सके।
जब सभी लोग कमरे से चले गए, तो मीरा ने जो देखा था उसके बारे में सोचने लगी। नीली आंखों वाला आदमी उसके सपनों मैं इतनी बार दिखाई दिया कि उसे अब यकीन हो गया था कि उसका उसके अतीत से कुछ लेना-देना है। मिथिला अभी भी एक पहेली थी, मीरा समझ नहीं पा रही थी कि वह मिथिला को इतनी बार नीली आंखों वाले आदमी के साथ क्यों देखती है। वह बस समय के साथ इसका पता लगाने की उम्मीद कर रही थी।