Incest ठुकराया हुआ इंसान (शैतान)

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UPDATE 8

मैं अपनी रांड पुष्पा के घर से निकल कर सीधा खेत चला गया।खेत मे थोड़ा काम किया और झोपड़ी की भी सफाई की।झोपड़ी से बाहर निकला अंधेरा भी हो गया था।आपको पहले भी बता चुका हूँ बारिश का मौसम था।तो बारिश होने वाली तो मैं सोचा जल्दी अपनी रण्डी के पास चला जाता हूँ नहीं तो भीग जाऊंगा।और मैं खेत से चल दिया अपनी रांड के घर की तरफ मगर मैं आधे रास्ते में था और बारिश शुरू हो गई।मैं भागता हुआ पुष्पा के घर पहुंच गया मगर पूरा भीग गया था। घर मे अंधेरा था क्योंकि बारिश की वजह से लाइट चली गई थी ।तो मैं उस रूम में चला गया जिस रूम में पुष्पा को रण्डी बनाकर चोदा ओर मैंने पुष्पा को आवाज़ लगाई।तो पुष्पा हाथ में हाथबत्ती (battery)लेकर दौड़ती हुई आई और बोली मालिक आप तो पूरा भीग गए है आप कपड़े उतारिये में टॉवेल लेकर आती हूँ फिर आपका शरीर पोंछती हूँ नही तो आप बीमार पड़ जाएंगे।
पुष्पा टॉवेल लेने चली गई औऱ मैं कपड़े उतारने लगा और सोचने लगा कल मुझे धुत्कारने वाली आज मेरी कितनी परवाह कर रही हैं साली ये चुदाई भी क्या चीज़ है जो बादशाह को गुलाम और कनीज़ को मल्लिका बना देता है और इतने में पुष्पा तौलिया लेकर आ गई।औऱ मेरा शरीर पोंछने लगी।तो मैं बोला-तूझे काम होगा तो काम कर ये खुद कर लूंगा।

पुष्पा- काम मैं बाद कर लुंगी।आप खुद ये करेंगे तो मैं आपकी सेवा कब करूँगी।फिर आपने मुझे अपनी रखैल अपनी रण्डी क्यूँ बनाया जब आप अपनी सेवा करने का मौका ही नहीं दे रहे है।या फिर आप मुझे अभी तक अपनी पक्की रण्डी मानते ही नहीं।

साली मेरी रांड इमोशनल हो गई थी।

मैं-अरे मेरी रांड मेरी रण्डी मेरी रखैल मेरी गुलाम उदास क्यूँ होती है।तुझसे ज़िन्दगी भर अपनी सेवा करवाऊंगा और मैं जानता हूँ तू अपने मालिक को कभी निराश नहीं करेगी क्योंकि मेरी असली रण्डी है।तू अपने मालिक को खुश रखने के लिए कुछ भी करेगी वो हर काम करेगी जिससे तेरे मालिक को मज़ा आये।तेरा मालिक तुझे रंडीधर्म निभाने के लिए कभी नहीं रोकेगा।और मैं भी अपना मालिक धर्म निभाउंगा।तुझे ज़िन्दगी भर अपनी रण्डी बनाकर रखूंगा।तो अब तू अपने मालिक का कहा मानकर अपना रंडीधर्म निभा और जा घर का काम कर।

पुष्पा-जी मालिक जैसी आपकी आज्ञा।

फिर मेरे भीगे हुए कपड़े लेकर चली गई।

फिर मैंने अपना शरीर पोंछा और पुष्पा एक और तौलिया लाई थी उसे पहनने लगा फिर सोचा यहाँ मुझे कौन देखेगा ओर नंगा ही चादर ओढ़ कर बैड पे सो गया। ओर सोचने लगा मुझे ज़िन्दगी भर सबने कुत्ते की तरह धुत्कारा ओर सबने मुझसे नफरत की मगर आज एक दिन लिए ही सही मैं एक राजा की तरह मेहसूस कर रहा हूं। और अगर मेने गांव की सारी औरतों को अपनी रण्डी बना लिया तो मैं ज़िन्दगी भर की तरह रह सकता हूँ।अब मैं लालची होने लगा था।अब मैं एक इंसान की तरह नहीं शैतान की तरह सोचने लगा था।और मैंने फैसला किया कि अब मैं पुष्पा से प्यार से बात नहीं करूंगा। अगर मैने एक रखैल से प्यार से बात की तो वो अपने आप को मेरी प्रेमिका समझेगी मगर मेरा फायदा उसको रण्डी बनाने में था प्रेमिका बनाने में नहीं।पहले मैं उनसे बदला लेने के लिए सबको अपनी रण्डी बनाना चाहता था मगर अब मैं बदला भी लूंगा ओर एक राजा की तरह भी रह सकता हूँ।मैं एक ऐसा राजा बनूँगा जो गांव की सारी औरतों को अपनी रंडी बनाकर इनसे बदला लुंगा और इन रंडियो के पति,बाप,भाई, बेटे, के पैसे से ऐश करूँगा।ओर इस बात की मुझे कोई शर्म नहीं क्योंकि अब मैं हीरो बनकर नहीं विलेन बनकर जीऊंगा इंसान नहीं शैतान बनकर जीऊंगा।मुझे ऐसा इन्ही गांववालों ने बनाया है।


(नोट-किसी इंसान को उसकी शक्ल की वजह से उसके रंग की वजह से उसकी कमजोरियां की वजह से कभी इतना मत सताना कि उसकी ज़िन्दगी नरक बन जाएं।नहीं तो वो इंसान या तो सुसाइड कर लेगा या वो ऐसा बन जायेगा जो उसे सताने वाले लोगों की ज़िंदगी तहस-नहस कर देगा। और अपनी बर्बादी के जिम्मेदार वो लोग खुद होंगे। फिर उन लोगों को पछताने का मौका नहीँ मिलेगा। आज के लिए इस बेवकूफ राइटर का ईतना ज्ञान काफी है नहीं तो आप लोग कहोगे एक कामुक चुदाई की कहानी में अपनी फिलॉसफी झाड़ रहा है।)

तो हम कहाँ थे हाँ तो में गांववालों के भलाई के बारे में सोच रहा था।सॉरी सॉरी गलती हो गयी ये साला राइटर ही चूतिया है।मैं तो गांव की सारी औरतों को अपनी पर्सनल रण्डी बनाने की बारे में सोच रहा था अजीब बात है ना अक्सर सुना है रण्डी रखेल अपने मालिक के पैसों पे ऐश करती है मगर मैं उल्टा सोच रहा था मैं तो इन इन रंडियों के पति भाई बाप बेटे के पैसे पे ऐश करने वाला मालिक बनूँगा।ये सोचते हुए मैं मुस्कराने लगा।इंसान जब ऐसी गन्दी बातें सोचता है तो समय का पता ही नहीं चलता। मैं ये सब सोच रहा था कि इतने में पुष्पा आ गई और बोली -मालिक मैंने खाना बना दिया है आप हाथ धो लीजिये मैं खाना लेकर आती हूँ।

और वो खाना लेने चली गई ।मैंने फोन में टाइम देखा 8:00 बज चुके थे मैं नंगा ही बेड से उठा और मैने हाथ धोये वापिस बेड पे आके बैठ गया।साला बहुत अंधेरा था।

थोड़ी देर मैं मेरी रांड मेरे लिए खाना लेकर आ गई।बोली- मालिक खाना हाजिर है।

बारिश अब भी हो रही थी फिर लाइट आ गई और मैने जैसे ही पुष्पा की तरफ देखा तो उसे देखता ही रह गया और मैं सोचने लगा कि क्या ये वही औरत है जिसे मैंने आज दिन में एक रण्डी की तरह चोदा था।मुझे यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि जो औरत अभी सामने खड़ी थी वो एक रण्डी नहीं महारानी लग रही थी। उसने लाल लिबास पहना हुआ था हाथों में चूड़ियाँ पहनी हुई थी। कानों में झुमके माथे पे लाल बिंदी नाक में नथ होंठो पे लाइट लिपस्टिक आँखों में काजल लगा हुआ था। एक बिल्कुल झीनी चुनरी में घूंघट ओढ़कर खड़ी थी। उसकी झीनी चुनरी में उसका चेहरा उसके काजल बिंदी झुमके सब दिखाई दे रहे थे।वो पुष्पा बिलकुल नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी ना की एक रण्डी। आज एक विधवा नही सुहागन लग रही थी बस कमी थी तो बस सिंदूर और मंगलसूत्र की। दिल कर रहा था उसे ज़िन्दगीभर ऐसे ही देखता रहूँ। तभी मेरे दिमाग से आवाज़ आई भाई तू कब दिल से सोचने लगा तू तो हमेशा लण्ड से सोचता है और तू उसीमें खुश है।फिर मेने अपने दिल की नहीं दिमाग की बात मानी और होश में आ गया। और पुष्पा से बोला

मैं- क्या बात है मेरी रांड़ तू तो एकदम असली रण्डी लग रही है। आज से मेरे सामने तू ऐसे ही सजधज के रण्डी की तरह आना या फिर बिल्कुल नंगी आना। अब मुझे लग रहा है मैंने तुझे अपनी रखैल बनाकर कोई गलती नहीँ की,तू भी अपना रंडीधर्म अच्छे से निभाएगी मुझे यकीन है तुझपर।

फिर पुष्पा हाथ में खाने की थाली लेकर धीरे धीरे चलती हुई मेरे पास आई थाली बेड पे रखकर बोली।
पुष्पा- धन्यवाद मालिक मेरी तारीफ करने के लिए और धन्यवाद मुझे अपनी रण्डी बनाने के लिए।आप नहीं जानते मुझे कितना अच्छा लगता है जब आप मुझे अपनी रांड रण्डी रखैल कुतिया कहकर बुलाते हैं।मैं तो धन्य हो गई आपकी रण्डी बनकर।मैं हमेशा अपना रंडीधर्म अच्छे से निभाऊंगी कभी आपका यकीन नहीं तोडूंगी।अब आप खाना खाईए मैंने आपके लिए सब्जीपूरी,हलवा, खीर बनाई है। आपने मुझे अपनी सेवा करने का मौका दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।मैं आपकी रण्डी हूँ इसलिए मैं आपसे कुछ कह नहीं सकती मगर मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि मुझे ऐसे ही हर रोज ज़िन्दगी भर आपकी सेवा करने का मौका दीजिये।

मैं- क्यूँ नहीं मेरी राँड तुझे जरूर मौका दुंगा।मैं तुझे तेरा रंडीधर्म निभाने से नहीं रोकूँगा।औऱ मैं भी अपना मालिक धर्म निभाउंगा, तुझे कभी शुक्रिया नहीं बोलूंगा,तुझे हमेशा गन्दी गालियां दूंगा तुझे हमेशा जलील करूंगा।तुझे पता है एक रण्डी को उसका मालिक अगर शुक्रिया कहे उससे प्यार से बात करे उसकी प्यार से चुदाई करे तो उस रण्डी की तोहिन होती है।एक रण्डी हमेशा यही चाहती है कि उसका मालिक हमेशा उसे नीचे दबाके रखे उसे हमेशा गालियां दें और जब भी चुदाई करे तो बड़ी बेरहमी से उसको थप्पड़ मार मार कर चुदाई करे ओर इसीमें वो रण्डी अपनी शान समझती है। चल ओर मैं खा लेता हूँ।
मैं खाना खाने लगा और पुष्पा एक समझदार रण्डी की तरह खडी रही जब तक मैंने खाना नहीँ खा लिया।
जब मैने खा लीया तो वो बर्तन लेकर जाने लगी तो मैं बोला रांड तू खाना अच्छा बना लेती है।खाकर मजा आ गया।तूने मुझे खुश कर दिया।तू भी खाना खा ले फिरमैं भी तुझे गंदी गंदी गालिया देकर बड़ी बेरहमी से तेरी गांड मारूंगा।औरतुझे रातभर चोंदूगा।


पुष्पा=मालीक मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे मालीक को अपनी रण्डी के खाना पसंदआया। आपकी ये रण्डी जिंदगी भर हर रोज इससे भी अच्छा खाना बनाकर खिलायेगी।
फिर पुष्पा थाली लेकर नीचे फर्श पर बैठ गई और मेरा झूठा खाना खाने लगी।फिर मुझे शरारत सूझी और मैंने खीरवाली कटोरी मेंअपनेपैर का अंगुठा डाला और फिर बाहर निकाल दिया। मैं उससे कुछ नहीं बोला मगर वो मेरा पैर पकड़कर खीरसे सना अंगूठा अपने मुंह में लेकर चूसने।मुझे बहुत मजा आ रहा था ।मैंने फिर वैसा ही किया वो रंडी मेरे अंगूठे पर लगी खीर को अपनी जबान से बड़ेही कामुक तरीके से चाटने लगी। मैंने सारी खीर ऐसे ही खिलाई।फिर सारा खाना ऐसे ही खीलाया और मेरी रण्डी बड़े मजे से सारा खाना खा गई।फिर हमने हाथ मूँह धौए ।फिर वो थालीऔर बाकी बर्तन लेकर रसोई में चली गई और आधे घंटे बाद वापिस आ गई। मेरे बेड के पास आकर खड़ी हो गई। तो मैं पुष्पा से बोला।

मैं- मेरी रांड तुझे नाचना आता है।

पुष्पा - मालीकआता था मगर शादी के बाद कभी नाची नही।अपने गांव में अपनी संहलियों के साथ बहुत नाचती थी।मेरी मां मुझे बहुत डाँटती थी। कहीं मैं बिगड़ ना जाऊं इसलिए छोटी उम्र में मेरी शादी करदी।यहां ससुराल में तो नाचना तो दूर की बात किसीका नाच देखने को नही मिला।भैया ने जब ये टीवी लाके दिया तो टीवीमें नाचती लड़कियौं को देखकर मेरा भी नाचने का दिल करता था मगर लोकलाज क़ी वजह से नाच नहीं पाई।पर मालीक आप क्यूँ पूछ रहे हैं।

में= क्योंकि तेरे मालीक को तेरा नाच देखना है।तेरी भी इच्छा है ना नाचने की आज पूरी कर और जैसे तू अपने मायके में नाचती थी वैसे नही बल्कि बड़ी बेशर्मीवाला नाच कर।ओर तुने अगर अपने मालिक को खुश कर दिया तो तेरा मालिक तुझे नंगी भी नाचने का मौका देगा।

पुष्पा=धन्यवाद मालिक आपने मेरी नाचने तमन्ना पूरी कर रहे है। रही बात नंगी होकर नाचने की तो अपने मालिक के सामने नंगी नाचना तो मेरा सौभाग्य होगा। आपकी रंडी अभी आपके सामने बेशर्मी से नाचेगी।

मैंने अपने मोबाईल में रईश मूवी का नया आया हुआ गाना लैला ओ लैला चालू किया ।
फिर मेरी रांड नाचने लगी।क्या बेशर्मी से डांस कर रही थी सनी लिओन को भी मात दे २ही थी डांस भी अच्छा कर लेती थी मैंने तो सोचा भी नहीं था की ये रण्डी इतना अच्छा डांस भी कर सकती है।उसे ऐसे डांस करते देख् मुझे बहुत मजा आ रहा था इसलिए मैं अपना लौड़ा हिला रहा था।वैसे मेरा पहले से ही खड़ा था। कुछ देर वो नाचती रही फिर मैं उससे बोला अब नाच छोड़ बेड पे आजा।और हाँ घुटनों के बल चलके आ कुतिया की तरह।

वो बैठ गई और कुतिया तरह चलती हुई मेरे पैरों के पास आकर बेठ गई और फिर मेरे पैरों को चाटने लगी एकदम कुतिया की तरह।
फिर मैने उसके बालों को एक हाथ में पकड़ा और दो थप्पड उसके गालों पे मारे तो मेरी रांड हँसने लगी तो मैंनेदो थप्पङ ओर मारे और उसको उपर उठाया और अपनी गोद में उल्टा सुलाके उसकी बड़ी गांड पे एक थप्पड़ मारा धीरे धीरे उसके चुतड़ों को मसलने लगा।तो वो सिसकियां लेने लगी।फिर मैने उसके चुतड़ों पे थप्पड़ों की बारिश कर दी। वो जोर जोर से सिसकियां लेने लगी और बोली ओहहह मालिइइक और जोरररर से मारओओ।
उसकी कामुक आवाज सुनकर मैं उसकी बड़ी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा।मुझे उसे मारने में बड़ा मजा आ रहा था।मैं बोला साली रांड आज तेरी गांड लाल कर दूंगा।फिर इसी गांड में अपना लोड़ा डालकर तेरी गांड फाड़ दूंगा तू कई दिनों तक लंगडाके चलेगी।


पुष्पा-मैं भी यही चाहती हूँ मेरे मालिक मेरी गांड चीर दे बहुत सताया है मैंने अपने मालिक को म|लिक आप मेरी गांड फाड़कर मेरे को थोड़ा करदो।मैं जानती हूँ मेरे पापों की कोई माफी नहीं हैं मगर आप मुझपे इतना जल्म करो कि मैं अपने आप से नजर मिला सकूं।मालिक आपके खेत जाने के बाद मैं बहोत रोई थी येसोचकर कि मैने मालिक को कितना सताया फिर भी मालिक ने मुझे अपनी रंडी बनाया और खुशी खुशी मेरी चूत भी मारी।

मैं - फिक्र मतकर मेरी रांड तुझे तेरे सारे गुनाहो से मुक्त करूंगा। मेरी कुतिया तुझपे जुल्म करने के लिए ही तो तुझे अपनी रांड बनाया है। तेरे आधे पाप तो आधे पाप तो पप्पू के घर आने से पहले धो दूंगा आधे जिंदगी भर तुझे अपनी रांड बनाकर धोऊंगा।

पुष्पा= मालिक मैं तो धन्य हो जाऊंगी आपके जुल्म सहकर।

मैं = मेरी रखैल नंगी हो जा और हा ये चुड़ीया,पायल,झमके,नथ, बींदी इन्हें मत निकालना तेरे मालिक को तुझे ऐसे ही चोदना है।

पुष्पा बिना किसी शर्म के नंगी हो गई हो मैं भी लेट गया।

फिर वा नंगी होकर मेरे के पास बैठ गई और फिर पैर चाटने लगी पैर चाटते चाटते उपर आने लगी मेरे घुटनों को चाटने लगी थोड़ी देर घुटने चाटने के बाद मेरी जाँघे चाटने लगी फिर मेरे लोड़े को हाथ लगाए बिना मेरे झांटो से भरे आंड चाटने लगी ।मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा था। मेरे आंड चाटते के बाद अपनी आंखे बंद करके मेरे आंड में नाक रखकर सुंघने लगी। जैसे कोई नशेड़ी नशा सूंघ रहा हो।
फिर मुझसे बोली= कीतनी अच्छी महक आ रही है आपके इन आंडों से। ऑर फिर सूंघने लगी।कुछ देर आंड सूंघने के बाद मेरे झांटों को जबान से अपने मुंह मे भरकर चूसने लगी।फिर मुझे लगा ये रांड एसी ही हरकतें करती रही तो मैं बिना हाथ लगाए झड़ जाऊंगा।
फिर मैंने उस रांड के बाल पकड़े ओर दो तीन थप्पड़ उसके गालों पर मारे और फिर एक ही झटके में पूरा लोड़ा उसके मुँह में घुसा दिया उसकी आंखे बाहर आ गई।मैं उसके बालों को पकड़कर उसका मुँह चोदने लगा कुछ देर मुँह चोदने के बाद फिर थप्पड़ उसके गालों पे मारे तो वो हसने लगी। उसके मुँह से ढेर सारा थूक ट्पक रहा था। तो मैंने उसका ये कामुक रूप देखकर लौड़ा फिर से उसके मुँह मे डाल दिया ओर बड़ी बेरहमीसे उसका मुँह चोदने लगा।
कुछ देर उसका मुँह चोदने के बाद मैंने उसके बाल छोड़ दिये।उस रंडी ने लोड़ा अपने मुँह से बाहर निकाला और खांसने लगी फिर उसने मेरा लोड़ा मुंह में ले लिया और ऐक पोर्न स्टार की तरह लोड़ा चूसने लगी।देर तक मेरा लोड़ा चूसती रही अब मुझे लगा में झड़ने वाला हूँ तो मैने सोचा झड़ जाता हूं ।साला लोड़ा गांव की रेंडीयों के बारे में सोचकर कब से खड़ा था बाद में इस रंडी का डांस देखा तो और ज्यादा टाईट हो गया था अब इस रंडी की हरकतें ।साला मर्द कितना बर्दास्त करें ज्यादा रोका तो आंड में दर्द होगा।अब झड़ना पड़ेगा।

मैं- रांड और जोर से चूस मेरा लोड़ा ।और जोर से चूस साली रंडी साली कुतिया हरामजादी चूस अपने मालिक का लोड़ा।तेरी बेटी को चोदूं।चूस मैरी रखेल जोर से चूस मेरा माल निकलने वाला है।आहहहहा मैं गययया ओहहह।
उस रंडी के बाल पकड़कर जोरदार धके लगाते हुए मैं उसके मूँह में झड़ने लगा। कुछ देर ऐसे ही धके लगाता रहा फिर मैंने अपना लोड़ा बाहर निकाल दिया।
वो सारा माल पी गई कुछ माल उसकी चुचीयाँ पर गिर गया उसने वो माल उसने अपने हाथ मे लेकर चाट गई।
फिर मैंने पूछा कैसा लगा मेरी रांड वो बोली बहोत मजा आया मालीक आपकी कुतिया को।

फिर मैने उससे कहा मेरा लोड़ा चाटके साफ कर और फिर अपना मूँह धोके आ फिर मेरे साथ आके लेट जा।तुझसे बातें करनी है तेरी गांड भी मारनी है और बालों में लगाने वाला तेल भी लाके रखदे तेरी गांड मारने में काम आयेगा।

उसने मेरा लोड़ा चाट के साफ किया और मुँह धोके तेल लेके वापस आ गई तेल साइड में रख दिया और मेरे साथ आके लेट गई। मैंने उसे अपनी ओर खींचा और खुद से चिपका दिया।वो मुझसे चिपक गई।

मैं उसकी गांड दबाते हुए बाेला -कैसा लग रहा है मेरी रान्ड को


पुष्पा= मजा आ रहा मालिक

मैं जानता था पुष्पा पूरी तरह से बेशर्म हो गई है और ये पूरी मेरी मूठी में है अब ये मेरे लिये कुछ करेगी मझे किसी भी चीज के ना नहीं कहेगी मेरी हरबात मानेगी पर मैं फिर भी पक्का करना चाहता था। क्योंकि इंसान का क्या भरोसा कब बदल जाए। इस रंडी के भी मैंने दो रूप देखे है एक मुझसे नफरत करने वाली एक ये जो मेरी गुलाम बनी हुई थी।इसलिए आज रात मैं पक्का करूंगा कि ये फिर ना बदल जाए।इसलिए मैं बोला

में- तो बता मेरी रंडी ये मजा तू कबतक करना चाहती है

पुष्पा - मालिक जिंदगी भर आगे आपकी मर्जी।

मैं= चार दिन बाद पप्पू आ जाएगा फिर कैसे मजा करेगी ओर अपने मालिक को कैसे खुश रखेगी अपने मालिक की सेवा कैसे करेगी या फिर तुने मुझे सिर्फ आज के लिए अपना मालिक बनाया सिर्फ अपने मजे के लिए।और हां मैं तेरी गांड दबा रहा हूँ ओर तू ऐसे मजे ले रही है लंड कौन तेरी माँ पकड़ेगी साली रंड़ी।

पुष्पा= मैं आपको बताया था कि मैं पप्पू के सामने चुदवा लूगी।मैं अपने मालिक की खुशी के लिए कुछ भी करूंगी।मेरा बस एक ही काम है अपने मालिक की सेवा करना।मैं आज के लिए आपकी रंडी नहीं बनी हुँ जिंदगी भर के लिए आपको मालिक माना है।रही बात मेरी माँ के लोड़ा पकड़ने की तो उसके नशीब में आपका ये लोड़ा लिखा है तो वो उसका सौभागय होगा ( मेरा लोड़ा हिलाते हुए मुस्कराने लगी )

मैं = तो तू पप्पू के सामने चुदवा लेगी।

पुष्पा = हाँ चुदवा लूंगी

मैं = तुझे शर्म नहीं आयेगी अपने सगे के सामने किसी गैरमर्द से चुदवाते हुए।उसने तुझे मना किया तो।

पुष्पा= आपको लगता है अब मुझे किसी के भी सामने आपसे चुदवाते हुए आयेगी। आप गैरमर्द नहीं हो आप मेरे मालिक है। पप्पू मुझे आपसे चुदवाते हुए खुश देखेगा तो पप्पू मुझे मना नहीं करेगा।और अगर मना करेगा भी तो मैं बेसर्म होकरआपसे चुदवाऊंगी क्योंकि मैं अब पप्पू की माँ होने से पहले आपकी रंडी हूँ। अब मेरा एक ही धर्म है रण्डीधर्म और मैं अपना रंडीधर्म निभाऊंगी।

मैं = ये ठीक है, पर तु पप्पू के सामने नंगी होके मुझसे चुदवायेगी। तू हरदम पप्पू के सामने नंगी रहेगी आंगन में नंगी घूमेगी तो पप्पू का लौड़ा खड़ा नीं होगा उसने तुझे चोदना चाहा तो तू क्या करेगी वह भी जवान है तुम जैसी बेशर्म रंडी को दिन-रात नंगी देखेगा तो वो अपना लंड तेरी चूत में जरूर डालेगा।

पष्पा= अगर पप्पू ने मुझे चोदने की कोशिश भी की तो मैं उसका लंड काट दूंगी अगर मेरे मालिक हुकुम होगा तो मैं अपने बेटे पप्पू से चुदवा लूंगी।अपने बेटे से क्या पूरे गांव से चुदवाऊंगी अगर मेरे मालिक का हुकुम हुआ तो।

मैं खुश हो गया अपनी रंडी का जवाब सुनकर और उसकी नंगी गांड पर थप्पड़ मारने लगा।अब मेरा लौड़ा भी खड़ा होने लगा था। वो मेरे लौड़े को अपने कोमल हाथों से मुठीया रही थी।

मैं = अच्छा कुतिया बता तुने कभी अपने बेटे पप्पू का लौड़ा देखा है

पुष्पा= न्हीं मालिक नही देखा हाँ जब पप्पू 10 साल का था तब तक देखा था जब मैं उसे नहलाती थी तब उसका लंड बहुत छोटा था लंड़ क्या नुनी थी।

मैं - मेरी रखैल अब ये बता पप्पू को तुमने कभी लड़कियों से बात करते सुना है।

पुष्पा= नहीं मालिक कभी नहीं देखा वो लड़कियों से बात करते हुए बहोत शर्माता है।मैंजब भी मजाक मैं उसकी शादी की बात करती हूं वो घबरा जाता है बिलकुल लड़कियों की तरह।

मैं= तो इसका मतलब स्कूल लड़के सही कह रहे थे।

पुष्पा= मालिक लड़के क्या कह रहे थे।

मैं - बताता हूँ पर उससे तू ये बता कि तूं अब किसी की माँ है किसी की बहन है किसी की बेटी है या सिर्फ मेरी पक्की रंडी है।मेरा सिवा तेरा किसी के साथ तेरा अब किसी से रिस्ता है या सिर्फ मेरे साथ रंडी मालिक का रिश्ता है।

पुष्पा= मालिक मैं जानती हूं एक औरत जब एक मर्द की रंडी या रखेल बनती है तो वो किसी की माँ बहन बेटी नहीं सिर्फ रंडी कहलाती है।अब मैं सिर्फ आपकी रंडी हूँ अब मेरा किसी से कोई रिश्ता नहीं। तो अब आप बताईए गाँव के लड़के पप्पू के बारे में क्या बातें कर रहे थे।( पुष्पा ये सब कामुक आवाज में बोली थी क्योंकि मैं अब गांड के साथ उसकी चूचीयां भी दबा २हा था मेरा लंडभी उसके हाथ में था।)

मैं = लड़के बात कर रहे थे पप्पू को लड़कियां नहीं लड़के पसंद है।

पुष्पा सिसकते हुए बोली लड़के पप्पू के बारे में और क्या बोल रहे थे।

मैं उसकी गांड के छेद पर उंगली घुमाते हुए बोला

मैं = एक लड़का बोल रहा था कि मैंने पप्पू की गांड नंगी देखी है और वो बोला यार पप्पू की गांड एकदम लड़कियों जैसी है चिकनी गोरी बाहर निकली हुई उसकी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

पुष्पा = इसका मतलब पप्पू को लड़कियों की चूत नहीं लड़कों गांड पसंद है।
मैं = नहीं मेरी रांड तेरे बेटे को गांड नहीं लौड़े पसंद है। वो भी बड़े बड़े । तैरा बेटा गांडू है।मैंने उन लड़को की बातें सुनी एक लडका बोल २हा था कि पप्पू अपनी किताबों में बड़े बड़े लौड़ों वाली तस्वीरें छुप्पा कर रखता है।( मैं पुष्पा के गालों को चुमते हुए बोला)क्या मेरी रांड को दुख हुआ ये जानकर की उसका बेटा अपनी माँ की तरह बड़े लौड़ों को पसंद करता है उसका बेटा बेटा भी अपनी माँ की बड़े लौड़े से अपनी गांड मरवाना चाहता है।

पुष्पा = मुझे क्यूँ दुःख होगा।मैं अब उसकी माँ नहीं अपने मालिक की रंडी हूँ और रंडी को सिर्फ अपने मालिक की फिक्र करनी चाहिए।

मैं = तो तू क्या चाहती है कि तेरा बेटा किसीसे भी तेरे सामने अपनी चिकनी गांड मरवाए।

पुष्पा = ( बड़ी बेशर्मी से बोली) मालिक आप बुरा ना माने तो एक बात कहूँ ।
मैं = बोल मेरी रांड

पुष्पा= मालिक अगर पप्पू को गांड मरवाने का शौक है उसे बड़े लौड़े भी पसंद है तो आप ही उसकी गांड मार र्लीजीए।
मैं = मेरी रांड वैसे तैरा बेटा है तो एकदम लड़कियों जैसा मगर तू तो जानती है मैं कैसे चोदता हूँ।और मैं उसे ही चोदता हूँ जो मेरी रंडी हो।क्या तेरा बेटा मेरी रंडी बनेगा मेरा गुलाम बनेगा।

पुष्पा= पप्पू क्यूं नहीं बनेगा आपका गुलाम आपकी रंडी। वो बड़े लोंड़ो का शौकीन है आप उसे अपना ये बड़ा लौड़ा दिखा दीजिए वो अपनी गांड मरवाने के लिए आपका गुलाम बनेगाफिर हम दोनों आपकी सेवा करेंगे।

मैं = ठीकहै अगर पप्पू ने मुझे खुश किया और मुझे उसकी गांड पसंद आई तो मैं उसे अपनी रंङी जरूर बनाऊँगा।और हाँ सिर्फ तेरे लिए उसे अपना गुलाम बनाऊंगा क्योंकि वो तेरा सगा बेटा है।अब ये मत कहना मालिक मेरी माँ और बेटी को भी अपनी रंडी बनालो।

पुष्पा= मालिक मैं आपको नाराज नहीं करना चाहती मगर रेखाः और राध़ा है मस्त माल वो दोनों आपकी रंडी बनने कै लायक है। वो आपकी रंडी बनकर धन्य हो जायेगी।आगे आपकी मर्जी।

मैं - ठीक है सोचूंगा उन दोनों कै बारे में। अब मुझे पेशाब लगी है तू कोई बरतन लेकर आ मैं उसमें मूतता हूं तू गांङ मराने के बाद पी लेना।

पुष्पा= जी मालिक

फिर पुष्पा बर्तन लेके आ गई और में बर्तन में मूतने लगा जब मैंने पेशाब कर दीया तो पुष्पा बोली

पुष्पा- मालिक मै थोड़ा पेशाब पी लूं।
मैं - नहीं बाद मैं पीना अभी सिर्फ सूंघ ले कल सुबह मैं सीधा तेरे मुँह में मुतुंगा।

फिर पुष्पा मेरा पेशाब सुंघने लगी और बोली मालिक आपके पेशाब की खुशबु कितनी नशीली है पीने में ओर मज़ा आएगा।
फिर पुष्पा ने पेशाब से भरा बर्तन बेड के नीचे रख दिया और मेरे से चिपक कर सो गई। मेरा लौड़ा उसकी माँ बेहन के बारे में उससे गंदी बातें सुनने के बाद उन दोनों को अपनी रण्डी बनाने की बात से अब मेरे काबू से बाहर हो रहा था वो रण्डी भी अब ज्यादा गरम हो गई थी उसकी आंखें चुदाई की आग में दहक रही थी।अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था जिस गांड को मारने के मैं सपने देख देख रहा था वो गांड मेरे सामने है। मै उसकी गांड दबाते हुए सोचा क्या गांड है इस रंडी की इस गांड में अपना लौड़ा डालूंगा हाय क्या नसीब है मेरा मुझे लगता था मुझे लाइफ में कभी चूत नहीं मिलेगी और आज इतनी चूतें है कि सोच रहा हूँ पहले किसकी मारूँ। और मुस्कराने लगा।

मैं- मेरी रांड मेरी कुत्तिया तेल ला और मेरे लौड़े पे ढेर सारा तेल लगा और अपनी गांड पर मत लगाना क्योंकि वो पहले से चिकनी है। तेल लगाकर तेरी गांङ मारूँगा बिना तेल के मारी तो तेरी गांड फट जाएगी फिर तू अपने मालिक की सेवा कैसे करेगी।
वो तेल लाई और बड़े प्यार से मेरे लौड़े पे लगाने लगी। मेरा काला लौड़ा तेल से चमक रहा था। फिर मैंने उससे कहा-मेरी रांड अब कुत्तिया बन जा तेरा मालिक आज तेरी गांड फाड़ेगा तुझे बहुत दर्द देगा तेरी गांड मारके तुझे अपनी पर्सनल रण्डी का दर्जा देगा।

तो मेरी रखैल मेरे आगे कुत्तिया बन गई
मैंने पहले उसकी गांड पे थप्पड़ मारे तो वो रांड बोली मालिक और जोर से मारिये थप्पड़। तो मैं जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा। फिर मैंने उसके चूतड़ों को फैलाया और तेल से सना हुआ लौड़ा उसके गांड के छेद पे रखा और अपनी रांड से बोला
मैं - बोल मेरी रांड लौड़ा तेरी गांड में धीरे धीरे घुसाउं या एक झटके में पूरा घुसादूँ।
पुष्पा- आप मेरे मालिक है मैं आपकी रंडी हूँ आप पूछ क्यों रहे है एक ही झटके में पूरा घुसा दीजिये।

मैं जानता था एक झटके लौड़ा डाला तो ये रंडी बर्दास्त नहीं कर पाएगी। अभी वो चाहे कितनी भी चुदाई के नशे में हो पर है तो एक इंसान ही जब ये 11 इंच का मूसल उसकी गांड के छोटे से छेद को चिरेगा तो दर्द तो होगा ही ना। पर वो साली रंडी मेरी पत्नी या प्रेमिका नहीं थी जो प्यार से उसकी गांड मारू।ये वो रंडी थी जिसने पहले बहुत जलील किया था और अब वो मेरी रण्डी है। इसपे रहम नहीं करूंगा।
इसलिए मैंने कसके उसकी कमर पकड़ी पूरी ताकत लगाकर उसकी गांड में धक्का मारा और मेरा पूरा लौड़ा उसकी गांड में उतार दिया वो रंडी बेड पे लम्बी हो गई मैं भी लौड़ा उसकी गांड में फसाये हुए उसके ऊपर गिर गया। मेरे लौड़े में भी बहुत दर्द हुआ मगर वो साली इतनी जोर से चीखी की शायद उसकी आवाज़ मेरे और असलम पंचर वाले के घर तक सुनाई दी होगी क्योंकि उनका घर ही नज़दीक है और किसीका नहीं।पर वो समझ नही पाए होंगे कि आवाज़ कहाँ से आई है।और वो जोर जोर से रोने लगी। पर मैं कहाँ उसपे रहम करने वाला था वो रो रही थी पर मैं अपने लोड़े को धीरे धीरे उसकी गांड में आगे पीछे करने लगा।
5मिनट ऐसे ही धीरे धीरे करने के बाद उसे भी अब दर्द कम हो गया था तो मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाल दिया और उसको गांड उठाकर कुत्तिया बनने को कहा।वो बन गई तो मैंने फिर पूरी ताकत से एक ही धके में पूरा लौड़ा गांड में उतार दिया साली ने इसबार अपने मुंह पर हाथ रख दिया तो उसकी आवाज़ मुँह में ही दबकर रह गई।तो मैं बोला -साली रांड मुँह से अपना हाथ हटा मुझे तेरी चीखें सुननी है।तो उसने हाथ हटा लिया।
और मैं अब तेज धक्के लगाते हुए बड़ी बेरहमी से उसकी गांड मारने लगा।और वो चीखने लगी।साली की गांड इतनी टाइट थी कि मेरे लोड़े को पकड़ रखा था।बड़े मज़े से उसकी गांड मार रहा था और उसकी गांड पे जोर जोर से थप्पड़ मार रहा था मार मार के साली की गांड लाल करदी।10 मिनट के बाद उसका दर्द थोड़ा कम हो गया था उसे भी मज़ा आ रहा था इसलिए अब चीखों की जगह वो सिसकारियां ले रही थी। फिर मैंने उसे पीठ के बल लिटाया और उसको टांगे और गांड ऊपर उठाने को बोला उसने वैसा ही किया।
फिर ने लौड़ा उसकी गांड में डाला और गांड मारने लगा साथ मे उसकी चूचीयां दबाते हुए उसके होंठ चुसने लगा।
अब मैं उसकी गांड बड़ी बेरहमी से मार रहा था कभी उसकी चूचीयां दबाता कभी चूचीयां पे थप्पड़ मारता कभी उसके होंठ चूसता कभी गालों पर थप्पड़ मारता कभी उसकी चूत में उंगली डालकर आगे पीछे करता ।
फिर मेने उसे खड़ा किया और उसको झुकाकर घोड़ी बनाकर गांड मारने लगा।अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था
ओर ऐसे रात को 3 बजे तक उसकी उसकी गांड और चूत मारता रहा।फिर सो गया वो भी मेरा माल ओर पेशाब पीकर सो गई।

कहानी जारी रहेगी
Nice update...
 
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UPDATE 8

मैं अपनी रांड पुष्पा के घर से निकल कर सीधा खेत चला गया।खेत मे थोड़ा काम किया और झोपड़ी की भी सफाई की।झोपड़ी से बाहर निकला अंधेरा भी हो गया था।आपको पहले भी बता चुका हूँ बारिश का मौसम था।तो बारिश होने वाली तो मैं सोचा जल्दी अपनी रण्डी के पास चला जाता हूँ नहीं तो भीग जाऊंगा।और मैं खेत से चल दिया अपनी रांड के घर की तरफ मगर मैं आधे रास्ते में था और बारिश शुरू हो गई।मैं भागता हुआ पुष्पा के घर पहुंच गया मगर पूरा भीग गया था। घर मे अंधेरा था क्योंकि बारिश की वजह से लाइट चली गई थी ।तो मैं उस रूम में चला गया जिस रूम में पुष्पा को रण्डी बनाकर चोदा ओर मैंने पुष्पा को आवाज़ लगाई।तो पुष्पा हाथ में हाथबत्ती (battery)लेकर दौड़ती हुई आई और बोली मालिक आप तो पूरा भीग गए है आप कपड़े उतारिये में टॉवेल लेकर आती हूँ फिर आपका शरीर पोंछती हूँ नही तो आप बीमार पड़ जाएंगे।
पुष्पा टॉवेल लेने चली गई औऱ मैं कपड़े उतारने लगा और सोचने लगा कल मुझे धुत्कारने वाली आज मेरी कितनी परवाह कर रही हैं साली ये चुदाई भी क्या चीज़ है जो बादशाह को गुलाम और कनीज़ को मल्लिका बना देता है और इतने में पुष्पा तौलिया लेकर आ गई।औऱ मेरा शरीर पोंछने लगी।तो मैं बोला-तूझे काम होगा तो काम कर ये खुद कर लूंगा।

पुष्पा- काम मैं बाद कर लुंगी।आप खुद ये करेंगे तो मैं आपकी सेवा कब करूँगी।फिर आपने मुझे अपनी रखैल अपनी रण्डी क्यूँ बनाया जब आप अपनी सेवा करने का मौका ही नहीं दे रहे है।या फिर आप मुझे अभी तक अपनी पक्की रण्डी मानते ही नहीं।

साली मेरी रांड इमोशनल हो गई थी।

मैं-अरे मेरी रांड मेरी रण्डी मेरी रखैल मेरी गुलाम उदास क्यूँ होती है।तुझसे ज़िन्दगी भर अपनी सेवा करवाऊंगा और मैं जानता हूँ तू अपने मालिक को कभी निराश नहीं करेगी क्योंकि मेरी असली रण्डी है।तू अपने मालिक को खुश रखने के लिए कुछ भी करेगी वो हर काम करेगी जिससे तेरे मालिक को मज़ा आये।तेरा मालिक तुझे रंडीधर्म निभाने के लिए कभी नहीं रोकेगा।और मैं भी अपना मालिक धर्म निभाउंगा।तुझे ज़िन्दगी भर अपनी रण्डी बनाकर रखूंगा।तो अब तू अपने मालिक का कहा मानकर अपना रंडीधर्म निभा और जा घर का काम कर।

पुष्पा-जी मालिक जैसी आपकी आज्ञा।

फिर मेरे भीगे हुए कपड़े लेकर चली गई।

फिर मैंने अपना शरीर पोंछा और पुष्पा एक और तौलिया लाई थी उसे पहनने लगा फिर सोचा यहाँ मुझे कौन देखेगा ओर नंगा ही चादर ओढ़ कर बैड पे सो गया। ओर सोचने लगा मुझे ज़िन्दगी भर सबने कुत्ते की तरह धुत्कारा ओर सबने मुझसे नफरत की मगर आज एक दिन लिए ही सही मैं एक राजा की तरह मेहसूस कर रहा हूं। और अगर मेने गांव की सारी औरतों को अपनी रण्डी बना लिया तो मैं ज़िन्दगी भर की तरह रह सकता हूँ।अब मैं लालची होने लगा था।अब मैं एक इंसान की तरह नहीं शैतान की तरह सोचने लगा था।और मैंने फैसला किया कि अब मैं पुष्पा से प्यार से बात नहीं करूंगा। अगर मैने एक रखैल से प्यार से बात की तो वो अपने आप को मेरी प्रेमिका समझेगी मगर मेरा फायदा उसको रण्डी बनाने में था प्रेमिका बनाने में नहीं।पहले मैं उनसे बदला लेने के लिए सबको अपनी रण्डी बनाना चाहता था मगर अब मैं बदला भी लूंगा ओर एक राजा की तरह भी रह सकता हूँ।मैं एक ऐसा राजा बनूँगा जो गांव की सारी औरतों को अपनी रंडी बनाकर इनसे बदला लुंगा और इन रंडियो के पति,बाप,भाई, बेटे, के पैसे से ऐश करूँगा।ओर इस बात की मुझे कोई शर्म नहीं क्योंकि अब मैं हीरो बनकर नहीं विलेन बनकर जीऊंगा इंसान नहीं शैतान बनकर जीऊंगा।मुझे ऐसा इन्ही गांववालों ने बनाया है।


(नोट-किसी इंसान को उसकी शक्ल की वजह से उसके रंग की वजह से उसकी कमजोरियां की वजह से कभी इतना मत सताना कि उसकी ज़िन्दगी नरक बन जाएं।नहीं तो वो इंसान या तो सुसाइड कर लेगा या वो ऐसा बन जायेगा जो उसे सताने वाले लोगों की ज़िंदगी तहस-नहस कर देगा। और अपनी बर्बादी के जिम्मेदार वो लोग खुद होंगे। फिर उन लोगों को पछताने का मौका नहीँ मिलेगा। आज के लिए इस बेवकूफ राइटर का ईतना ज्ञान काफी है नहीं तो आप लोग कहोगे एक कामुक चुदाई की कहानी में अपनी फिलॉसफी झाड़ रहा है।)

तो हम कहाँ थे हाँ तो में गांववालों के भलाई के बारे में सोच रहा था।सॉरी सॉरी गलती हो गयी ये साला राइटर ही चूतिया है।मैं तो गांव की सारी औरतों को अपनी पर्सनल रण्डी बनाने की बारे में सोच रहा था अजीब बात है ना अक्सर सुना है रण्डी रखेल अपने मालिक के पैसों पे ऐश करती है मगर मैं उल्टा सोच रहा था मैं तो इन इन रंडियों के पति भाई बाप बेटे के पैसे पे ऐश करने वाला मालिक बनूँगा।ये सोचते हुए मैं मुस्कराने लगा।इंसान जब ऐसी गन्दी बातें सोचता है तो समय का पता ही नहीं चलता। मैं ये सब सोच रहा था कि इतने में पुष्पा आ गई और बोली -मालिक मैंने खाना बना दिया है आप हाथ धो लीजिये मैं खाना लेकर आती हूँ।

और वो खाना लेने चली गई ।मैंने फोन में टाइम देखा 8:00 बज चुके थे मैं नंगा ही बेड से उठा और मैने हाथ धोये वापिस बेड पे आके बैठ गया।साला बहुत अंधेरा था।

थोड़ी देर मैं मेरी रांड मेरे लिए खाना लेकर आ गई।बोली- मालिक खाना हाजिर है।

बारिश अब भी हो रही थी फिर लाइट आ गई और मैने जैसे ही पुष्पा की तरफ देखा तो उसे देखता ही रह गया और मैं सोचने लगा कि क्या ये वही औरत है जिसे मैंने आज दिन में एक रण्डी की तरह चोदा था।मुझे यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि जो औरत अभी सामने खड़ी थी वो एक रण्डी नहीं महारानी लग रही थी। उसने लाल लिबास पहना हुआ था हाथों में चूड़ियाँ पहनी हुई थी। कानों में झुमके माथे पे लाल बिंदी नाक में नथ होंठो पे लाइट लिपस्टिक आँखों में काजल लगा हुआ था। एक बिल्कुल झीनी चुनरी में घूंघट ओढ़कर खड़ी थी। उसकी झीनी चुनरी में उसका चेहरा उसके काजल बिंदी झुमके सब दिखाई दे रहे थे।वो पुष्पा बिलकुल नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी ना की एक रण्डी। आज एक विधवा नही सुहागन लग रही थी बस कमी थी तो बस सिंदूर और मंगलसूत्र की। दिल कर रहा था उसे ज़िन्दगीभर ऐसे ही देखता रहूँ। तभी मेरे दिमाग से आवाज़ आई भाई तू कब दिल से सोचने लगा तू तो हमेशा लण्ड से सोचता है और तू उसीमें खुश है।फिर मेने अपने दिल की नहीं दिमाग की बात मानी और होश में आ गया। और पुष्पा से बोला

मैं- क्या बात है मेरी रांड़ तू तो एकदम असली रण्डी लग रही है। आज से मेरे सामने तू ऐसे ही सजधज के रण्डी की तरह आना या फिर बिल्कुल नंगी आना। अब मुझे लग रहा है मैंने तुझे अपनी रखैल बनाकर कोई गलती नहीँ की,तू भी अपना रंडीधर्म अच्छे से निभाएगी मुझे यकीन है तुझपर।

फिर पुष्पा हाथ में खाने की थाली लेकर धीरे धीरे चलती हुई मेरे पास आई थाली बेड पे रखकर बोली।
पुष्पा- धन्यवाद मालिक मेरी तारीफ करने के लिए और धन्यवाद मुझे अपनी रण्डी बनाने के लिए।आप नहीं जानते मुझे कितना अच्छा लगता है जब आप मुझे अपनी रांड रण्डी रखैल कुतिया कहकर बुलाते हैं।मैं तो धन्य हो गई आपकी रण्डी बनकर।मैं हमेशा अपना रंडीधर्म अच्छे से निभाऊंगी कभी आपका यकीन नहीं तोडूंगी।अब आप खाना खाईए मैंने आपके लिए सब्जीपूरी,हलवा, खीर बनाई है। आपने मुझे अपनी सेवा करने का मौका दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।मैं आपकी रण्डी हूँ इसलिए मैं आपसे कुछ कह नहीं सकती मगर मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि मुझे ऐसे ही हर रोज ज़िन्दगी भर आपकी सेवा करने का मौका दीजिये।

मैं- क्यूँ नहीं मेरी राँड तुझे जरूर मौका दुंगा।मैं तुझे तेरा रंडीधर्म निभाने से नहीं रोकूँगा।औऱ मैं भी अपना मालिक धर्म निभाउंगा, तुझे कभी शुक्रिया नहीं बोलूंगा,तुझे हमेशा गन्दी गालियां दूंगा तुझे हमेशा जलील करूंगा।तुझे पता है एक रण्डी को उसका मालिक अगर शुक्रिया कहे उससे प्यार से बात करे उसकी प्यार से चुदाई करे तो उस रण्डी की तोहिन होती है।एक रण्डी हमेशा यही चाहती है कि उसका मालिक हमेशा उसे नीचे दबाके रखे उसे हमेशा गालियां दें और जब भी चुदाई करे तो बड़ी बेरहमी से उसको थप्पड़ मार मार कर चुदाई करे ओर इसीमें वो रण्डी अपनी शान समझती है। चल ओर मैं खा लेता हूँ।
मैं खाना खाने लगा और पुष्पा एक समझदार रण्डी की तरह खडी रही जब तक मैंने खाना नहीँ खा लिया।
जब मैने खा लीया तो वो बर्तन लेकर जाने लगी तो मैं बोला रांड तू खाना अच्छा बना लेती है।खाकर मजा आ गया।तूने मुझे खुश कर दिया।तू भी खाना खा ले फिरमैं भी तुझे गंदी गंदी गालिया देकर बड़ी बेरहमी से तेरी गांड मारूंगा।औरतुझे रातभर चोंदूगा।


पुष्पा=मालीक मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे मालीक को अपनी रण्डी के खाना पसंदआया। आपकी ये रण्डी जिंदगी भर हर रोज इससे भी अच्छा खाना बनाकर खिलायेगी।
फिर पुष्पा थाली लेकर नीचे फर्श पर बैठ गई और मेरा झूठा खाना खाने लगी।फिर मुझे शरारत सूझी और मैंने खीरवाली कटोरी मेंअपनेपैर का अंगुठा डाला और फिर बाहर निकाल दिया। मैं उससे कुछ नहीं बोला मगर वो मेरा पैर पकड़कर खीरसे सना अंगूठा अपने मुंह में लेकर चूसने।मुझे बहुत मजा आ रहा था ।मैंने फिर वैसा ही किया वो रंडी मेरे अंगूठे पर लगी खीर को अपनी जबान से बड़ेही कामुक तरीके से चाटने लगी। मैंने सारी खीर ऐसे ही खिलाई।फिर सारा खाना ऐसे ही खीलाया और मेरी रण्डी बड़े मजे से सारा खाना खा गई।फिर हमने हाथ मूँह धौए ।फिर वो थालीऔर बाकी बर्तन लेकर रसोई में चली गई और आधे घंटे बाद वापिस आ गई। मेरे बेड के पास आकर खड़ी हो गई। तो मैं पुष्पा से बोला।

मैं- मेरी रांड तुझे नाचना आता है।

पुष्पा - मालीकआता था मगर शादी के बाद कभी नाची नही।अपने गांव में अपनी संहलियों के साथ बहुत नाचती थी।मेरी मां मुझे बहुत डाँटती थी। कहीं मैं बिगड़ ना जाऊं इसलिए छोटी उम्र में मेरी शादी करदी।यहां ससुराल में तो नाचना तो दूर की बात किसीका नाच देखने को नही मिला।भैया ने जब ये टीवी लाके दिया तो टीवीमें नाचती लड़कियौं को देखकर मेरा भी नाचने का दिल करता था मगर लोकलाज क़ी वजह से नाच नहीं पाई।पर मालीक आप क्यूँ पूछ रहे हैं।

में= क्योंकि तेरे मालीक को तेरा नाच देखना है।तेरी भी इच्छा है ना नाचने की आज पूरी कर और जैसे तू अपने मायके में नाचती थी वैसे नही बल्कि बड़ी बेशर्मीवाला नाच कर।ओर तुने अगर अपने मालिक को खुश कर दिया तो तेरा मालिक तुझे नंगी भी नाचने का मौका देगा।

पुष्पा=धन्यवाद मालिक आपने मेरी नाचने तमन्ना पूरी कर रहे है। रही बात नंगी होकर नाचने की तो अपने मालिक के सामने नंगी नाचना तो मेरा सौभाग्य होगा। आपकी रंडी अभी आपके सामने बेशर्मी से नाचेगी।

मैंने अपने मोबाईल में रईश मूवी का नया आया हुआ गाना लैला ओ लैला चालू किया ।
फिर मेरी रांड नाचने लगी।क्या बेशर्मी से डांस कर रही थी सनी लिओन को भी मात दे २ही थी डांस भी अच्छा कर लेती थी मैंने तो सोचा भी नहीं था की ये रण्डी इतना अच्छा डांस भी कर सकती है।उसे ऐसे डांस करते देख् मुझे बहुत मजा आ रहा था इसलिए मैं अपना लौड़ा हिला रहा था।वैसे मेरा पहले से ही खड़ा था। कुछ देर वो नाचती रही फिर मैं उससे बोला अब नाच छोड़ बेड पे आजा।और हाँ घुटनों के बल चलके आ कुतिया की तरह।

वो बैठ गई और कुतिया तरह चलती हुई मेरे पैरों के पास आकर बेठ गई और फिर मेरे पैरों को चाटने लगी एकदम कुतिया की तरह।
फिर मैने उसके बालों को एक हाथ में पकड़ा और दो थप्पड उसके गालों पे मारे तो मेरी रांड हँसने लगी तो मैंनेदो थप्पङ ओर मारे और उसको उपर उठाया और अपनी गोद में उल्टा सुलाके उसकी बड़ी गांड पे एक थप्पड़ मारा धीरे धीरे उसके चुतड़ों को मसलने लगा।तो वो सिसकियां लेने लगी।फिर मैने उसके चुतड़ों पे थप्पड़ों की बारिश कर दी। वो जोर जोर से सिसकियां लेने लगी और बोली ओहहह मालिइइक और जोरररर से मारओओ।
उसकी कामुक आवाज सुनकर मैं उसकी बड़ी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा।मुझे उसे मारने में बड़ा मजा आ रहा था।मैं बोला साली रांड आज तेरी गांड लाल कर दूंगा।फिर इसी गांड में अपना लोड़ा डालकर तेरी गांड फाड़ दूंगा तू कई दिनों तक लंगडाके चलेगी।


पुष्पा-मैं भी यही चाहती हूँ मेरे मालिक मेरी गांड चीर दे बहुत सताया है मैंने अपने मालिक को म|लिक आप मेरी गांड फाड़कर मेरे को थोड़ा करदो।मैं जानती हूँ मेरे पापों की कोई माफी नहीं हैं मगर आप मुझपे इतना जल्म करो कि मैं अपने आप से नजर मिला सकूं।मालिक आपके खेत जाने के बाद मैं बहोत रोई थी येसोचकर कि मैने मालिक को कितना सताया फिर भी मालिक ने मुझे अपनी रंडी बनाया और खुशी खुशी मेरी चूत भी मारी।

मैं - फिक्र मतकर मेरी रांड तुझे तेरे सारे गुनाहो से मुक्त करूंगा। मेरी कुतिया तुझपे जुल्म करने के लिए ही तो तुझे अपनी रांड बनाया है। तेरे आधे पाप तो आधे पाप तो पप्पू के घर आने से पहले धो दूंगा आधे जिंदगी भर तुझे अपनी रांड बनाकर धोऊंगा।

पुष्पा= मालिक मैं तो धन्य हो जाऊंगी आपके जुल्म सहकर।

मैं = मेरी रखैल नंगी हो जा और हा ये चुड़ीया,पायल,झमके,नथ, बींदी इन्हें मत निकालना तेरे मालिक को तुझे ऐसे ही चोदना है।

पुष्पा बिना किसी शर्म के नंगी हो गई हो मैं भी लेट गया।

फिर वा नंगी होकर मेरे के पास बैठ गई और फिर पैर चाटने लगी पैर चाटते चाटते उपर आने लगी मेरे घुटनों को चाटने लगी थोड़ी देर घुटने चाटने के बाद मेरी जाँघे चाटने लगी फिर मेरे लोड़े को हाथ लगाए बिना मेरे झांटो से भरे आंड चाटने लगी ।मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा था। मेरे आंड चाटते के बाद अपनी आंखे बंद करके मेरे आंड में नाक रखकर सुंघने लगी। जैसे कोई नशेड़ी नशा सूंघ रहा हो।
फिर मुझसे बोली= कीतनी अच्छी महक आ रही है आपके इन आंडों से। ऑर फिर सूंघने लगी।कुछ देर आंड सूंघने के बाद मेरे झांटों को जबान से अपने मुंह मे भरकर चूसने लगी।फिर मुझे लगा ये रांड एसी ही हरकतें करती रही तो मैं बिना हाथ लगाए झड़ जाऊंगा।
फिर मैंने उस रांड के बाल पकड़े ओर दो तीन थप्पड़ उसके गालों पर मारे और फिर एक ही झटके में पूरा लोड़ा उसके मुँह में घुसा दिया उसकी आंखे बाहर आ गई।मैं उसके बालों को पकड़कर उसका मुँह चोदने लगा कुछ देर मुँह चोदने के बाद फिर थप्पड़ उसके गालों पे मारे तो वो हसने लगी। उसके मुँह से ढेर सारा थूक ट्पक रहा था। तो मैंने उसका ये कामुक रूप देखकर लौड़ा फिर से उसके मुँह मे डाल दिया ओर बड़ी बेरहमीसे उसका मुँह चोदने लगा।
कुछ देर उसका मुँह चोदने के बाद मैंने उसके बाल छोड़ दिये।उस रंडी ने लोड़ा अपने मुँह से बाहर निकाला और खांसने लगी फिर उसने मेरा लोड़ा मुंह में ले लिया और ऐक पोर्न स्टार की तरह लोड़ा चूसने लगी।देर तक मेरा लोड़ा चूसती रही अब मुझे लगा में झड़ने वाला हूँ तो मैने सोचा झड़ जाता हूं ।साला लोड़ा गांव की रेंडीयों के बारे में सोचकर कब से खड़ा था बाद में इस रंडी का डांस देखा तो और ज्यादा टाईट हो गया था अब इस रंडी की हरकतें ।साला मर्द कितना बर्दास्त करें ज्यादा रोका तो आंड में दर्द होगा।अब झड़ना पड़ेगा।

मैं- रांड और जोर से चूस मेरा लोड़ा ।और जोर से चूस साली रंडी साली कुतिया हरामजादी चूस अपने मालिक का लोड़ा।तेरी बेटी को चोदूं।चूस मैरी रखेल जोर से चूस मेरा माल निकलने वाला है।आहहहहा मैं गययया ओहहह।
उस रंडी के बाल पकड़कर जोरदार धके लगाते हुए मैं उसके मूँह में झड़ने लगा। कुछ देर ऐसे ही धके लगाता रहा फिर मैंने अपना लोड़ा बाहर निकाल दिया।
वो सारा माल पी गई कुछ माल उसकी चुचीयाँ पर गिर गया उसने वो माल उसने अपने हाथ मे लेकर चाट गई।
फिर मैंने पूछा कैसा लगा मेरी रांड वो बोली बहोत मजा आया मालीक आपकी कुतिया को।

फिर मैने उससे कहा मेरा लोड़ा चाटके साफ कर और फिर अपना मूँह धोके आ फिर मेरे साथ आके लेट जा।तुझसे बातें करनी है तेरी गांड भी मारनी है और बालों में लगाने वाला तेल भी लाके रखदे तेरी गांड मारने में काम आयेगा।

उसने मेरा लोड़ा चाट के साफ किया और मुँह धोके तेल लेके वापस आ गई तेल साइड में रख दिया और मेरे साथ आके लेट गई। मैंने उसे अपनी ओर खींचा और खुद से चिपका दिया।वो मुझसे चिपक गई।

मैं उसकी गांड दबाते हुए बाेला -कैसा लग रहा है मेरी रान्ड को


पुष्पा= मजा आ रहा मालिक

मैं जानता था पुष्पा पूरी तरह से बेशर्म हो गई है और ये पूरी मेरी मूठी में है अब ये मेरे लिये कुछ करेगी मझे किसी भी चीज के ना नहीं कहेगी मेरी हरबात मानेगी पर मैं फिर भी पक्का करना चाहता था। क्योंकि इंसान का क्या भरोसा कब बदल जाए। इस रंडी के भी मैंने दो रूप देखे है एक मुझसे नफरत करने वाली एक ये जो मेरी गुलाम बनी हुई थी।इसलिए आज रात मैं पक्का करूंगा कि ये फिर ना बदल जाए।इसलिए मैं बोला

में- तो बता मेरी रंडी ये मजा तू कबतक करना चाहती है

पुष्पा - मालिक जिंदगी भर आगे आपकी मर्जी।

मैं= चार दिन बाद पप्पू आ जाएगा फिर कैसे मजा करेगी ओर अपने मालिक को कैसे खुश रखेगी अपने मालिक की सेवा कैसे करेगी या फिर तुने मुझे सिर्फ आज के लिए अपना मालिक बनाया सिर्फ अपने मजे के लिए।और हां मैं तेरी गांड दबा रहा हूँ ओर तू ऐसे मजे ले रही है लंड कौन तेरी माँ पकड़ेगी साली रंड़ी।

पुष्पा= मैं आपको बताया था कि मैं पप्पू के सामने चुदवा लूगी।मैं अपने मालिक की खुशी के लिए कुछ भी करूंगी।मेरा बस एक ही काम है अपने मालिक की सेवा करना।मैं आज के लिए आपकी रंडी नहीं बनी हुँ जिंदगी भर के लिए आपको मालिक माना है।रही बात मेरी माँ के लोड़ा पकड़ने की तो उसके नशीब में आपका ये लोड़ा लिखा है तो वो उसका सौभागय होगा ( मेरा लोड़ा हिलाते हुए मुस्कराने लगी )

मैं = तो तू पप्पू के सामने चुदवा लेगी।

पुष्पा = हाँ चुदवा लूंगी

मैं = तुझे शर्म नहीं आयेगी अपने सगे के सामने किसी गैरमर्द से चुदवाते हुए।उसने तुझे मना किया तो।

पुष्पा= आपको लगता है अब मुझे किसी के भी सामने आपसे चुदवाते हुए आयेगी। आप गैरमर्द नहीं हो आप मेरे मालिक है। पप्पू मुझे आपसे चुदवाते हुए खुश देखेगा तो पप्पू मुझे मना नहीं करेगा।और अगर मना करेगा भी तो मैं बेसर्म होकरआपसे चुदवाऊंगी क्योंकि मैं अब पप्पू की माँ होने से पहले आपकी रंडी हूँ। अब मेरा एक ही धर्म है रण्डीधर्म और मैं अपना रंडीधर्म निभाऊंगी।

मैं = ये ठीक है, पर तु पप्पू के सामने नंगी होके मुझसे चुदवायेगी। तू हरदम पप्पू के सामने नंगी रहेगी आंगन में नंगी घूमेगी तो पप्पू का लौड़ा खड़ा नीं होगा उसने तुझे चोदना चाहा तो तू क्या करेगी वह भी जवान है तुम जैसी बेशर्म रंडी को दिन-रात नंगी देखेगा तो वो अपना लंड तेरी चूत में जरूर डालेगा।

पष्पा= अगर पप्पू ने मुझे चोदने की कोशिश भी की तो मैं उसका लंड काट दूंगी अगर मेरे मालिक हुकुम होगा तो मैं अपने बेटे पप्पू से चुदवा लूंगी।अपने बेटे से क्या पूरे गांव से चुदवाऊंगी अगर मेरे मालिक का हुकुम हुआ तो।

मैं खुश हो गया अपनी रंडी का जवाब सुनकर और उसकी नंगी गांड पर थप्पड़ मारने लगा।अब मेरा लौड़ा भी खड़ा होने लगा था। वो मेरे लौड़े को अपने कोमल हाथों से मुठीया रही थी।

मैं = अच्छा कुतिया बता तुने कभी अपने बेटे पप्पू का लौड़ा देखा है

पुष्पा= न्हीं मालिक नही देखा हाँ जब पप्पू 10 साल का था तब तक देखा था जब मैं उसे नहलाती थी तब उसका लंड बहुत छोटा था लंड़ क्या नुनी थी।

मैं - मेरी रखैल अब ये बता पप्पू को तुमने कभी लड़कियों से बात करते सुना है।

पुष्पा= नहीं मालिक कभी नहीं देखा वो लड़कियों से बात करते हुए बहोत शर्माता है।मैंजब भी मजाक मैं उसकी शादी की बात करती हूं वो घबरा जाता है बिलकुल लड़कियों की तरह।

मैं= तो इसका मतलब स्कूल लड़के सही कह रहे थे।

पुष्पा= मालिक लड़के क्या कह रहे थे।

मैं - बताता हूँ पर उससे तू ये बता कि तूं अब किसी की माँ है किसी की बहन है किसी की बेटी है या सिर्फ मेरी पक्की रंडी है।मेरा सिवा तेरा किसी के साथ तेरा अब किसी से रिस्ता है या सिर्फ मेरे साथ रंडी मालिक का रिश्ता है।

पुष्पा= मालिक मैं जानती हूं एक औरत जब एक मर्द की रंडी या रखेल बनती है तो वो किसी की माँ बहन बेटी नहीं सिर्फ रंडी कहलाती है।अब मैं सिर्फ आपकी रंडी हूँ अब मेरा किसी से कोई रिश्ता नहीं। तो अब आप बताईए गाँव के लड़के पप्पू के बारे में क्या बातें कर रहे थे।( पुष्पा ये सब कामुक आवाज में बोली थी क्योंकि मैं अब गांड के साथ उसकी चूचीयां भी दबा २हा था मेरा लंडभी उसके हाथ में था।)

मैं = लड़के बात कर रहे थे पप्पू को लड़कियां नहीं लड़के पसंद है।

पुष्पा सिसकते हुए बोली लड़के पप्पू के बारे में और क्या बोल रहे थे।

मैं उसकी गांड के छेद पर उंगली घुमाते हुए बोला

मैं = एक लड़का बोल रहा था कि मैंने पप्पू की गांड नंगी देखी है और वो बोला यार पप्पू की गांड एकदम लड़कियों जैसी है चिकनी गोरी बाहर निकली हुई उसकी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

पुष्पा = इसका मतलब पप्पू को लड़कियों की चूत नहीं लड़कों गांड पसंद है।
मैं = नहीं मेरी रांड तेरे बेटे को गांड नहीं लौड़े पसंद है। वो भी बड़े बड़े । तैरा बेटा गांडू है।मैंने उन लड़को की बातें सुनी एक लडका बोल २हा था कि पप्पू अपनी किताबों में बड़े बड़े लौड़ों वाली तस्वीरें छुप्पा कर रखता है।( मैं पुष्पा के गालों को चुमते हुए बोला)क्या मेरी रांड को दुख हुआ ये जानकर की उसका बेटा अपनी माँ की तरह बड़े लौड़ों को पसंद करता है उसका बेटा बेटा भी अपनी माँ की बड़े लौड़े से अपनी गांड मरवाना चाहता है।

पुष्पा = मुझे क्यूँ दुःख होगा।मैं अब उसकी माँ नहीं अपने मालिक की रंडी हूँ और रंडी को सिर्फ अपने मालिक की फिक्र करनी चाहिए।

मैं = तो तू क्या चाहती है कि तेरा बेटा किसीसे भी तेरे सामने अपनी चिकनी गांड मरवाए।

पुष्पा = ( बड़ी बेशर्मी से बोली) मालिक आप बुरा ना माने तो एक बात कहूँ ।
मैं = बोल मेरी रांड

पुष्पा= मालिक अगर पप्पू को गांड मरवाने का शौक है उसे बड़े लौड़े भी पसंद है तो आप ही उसकी गांड मार र्लीजीए।
मैं = मेरी रांड वैसे तैरा बेटा है तो एकदम लड़कियों जैसा मगर तू तो जानती है मैं कैसे चोदता हूँ।और मैं उसे ही चोदता हूँ जो मेरी रंडी हो।क्या तेरा बेटा मेरी रंडी बनेगा मेरा गुलाम बनेगा।

पुष्पा= पप्पू क्यूं नहीं बनेगा आपका गुलाम आपकी रंडी। वो बड़े लोंड़ो का शौकीन है आप उसे अपना ये बड़ा लौड़ा दिखा दीजिए वो अपनी गांड मरवाने के लिए आपका गुलाम बनेगाफिर हम दोनों आपकी सेवा करेंगे।

मैं = ठीकहै अगर पप्पू ने मुझे खुश किया और मुझे उसकी गांड पसंद आई तो मैं उसे अपनी रंङी जरूर बनाऊँगा।और हाँ सिर्फ तेरे लिए उसे अपना गुलाम बनाऊंगा क्योंकि वो तेरा सगा बेटा है।अब ये मत कहना मालिक मेरी माँ और बेटी को भी अपनी रंडी बनालो।

पुष्पा= मालिक मैं आपको नाराज नहीं करना चाहती मगर रेखाः और राध़ा है मस्त माल वो दोनों आपकी रंडी बनने कै लायक है। वो आपकी रंडी बनकर धन्य हो जायेगी।आगे आपकी मर्जी।

मैं - ठीक है सोचूंगा उन दोनों कै बारे में। अब मुझे पेशाब लगी है तू कोई बरतन लेकर आ मैं उसमें मूतता हूं तू गांङ मराने के बाद पी लेना।

पुष्पा= जी मालिक

फिर पुष्पा बर्तन लेके आ गई और में बर्तन में मूतने लगा जब मैंने पेशाब कर दीया तो पुष्पा बोली

पुष्पा- मालिक मै थोड़ा पेशाब पी लूं।
मैं - नहीं बाद मैं पीना अभी सिर्फ सूंघ ले कल सुबह मैं सीधा तेरे मुँह में मुतुंगा।

फिर पुष्पा मेरा पेशाब सुंघने लगी और बोली मालिक आपके पेशाब की खुशबु कितनी नशीली है पीने में ओर मज़ा आएगा।
फिर पुष्पा ने पेशाब से भरा बर्तन बेड के नीचे रख दिया और मेरे से चिपक कर सो गई। मेरा लौड़ा उसकी माँ बेहन के बारे में उससे गंदी बातें सुनने के बाद उन दोनों को अपनी रण्डी बनाने की बात से अब मेरे काबू से बाहर हो रहा था वो रण्डी भी अब ज्यादा गरम हो गई थी उसकी आंखें चुदाई की आग में दहक रही थी।अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था जिस गांड को मारने के मैं सपने देख देख रहा था वो गांड मेरे सामने है। मै उसकी गांड दबाते हुए सोचा क्या गांड है इस रंडी की इस गांड में अपना लौड़ा डालूंगा हाय क्या नसीब है मेरा मुझे लगता था मुझे लाइफ में कभी चूत नहीं मिलेगी और आज इतनी चूतें है कि सोच रहा हूँ पहले किसकी मारूँ। और मुस्कराने लगा।

मैं- मेरी रांड मेरी कुत्तिया तेल ला और मेरे लौड़े पे ढेर सारा तेल लगा और अपनी गांड पर मत लगाना क्योंकि वो पहले से चिकनी है। तेल लगाकर तेरी गांङ मारूँगा बिना तेल के मारी तो तेरी गांड फट जाएगी फिर तू अपने मालिक की सेवा कैसे करेगी।
वो तेल लाई और बड़े प्यार से मेरे लौड़े पे लगाने लगी। मेरा काला लौड़ा तेल से चमक रहा था। फिर मैंने उससे कहा-मेरी रांड अब कुत्तिया बन जा तेरा मालिक आज तेरी गांड फाड़ेगा तुझे बहुत दर्द देगा तेरी गांड मारके तुझे अपनी पर्सनल रण्डी का दर्जा देगा।

तो मेरी रखैल मेरे आगे कुत्तिया बन गई
मैंने पहले उसकी गांड पे थप्पड़ मारे तो वो रांड बोली मालिक और जोर से मारिये थप्पड़। तो मैं जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा। फिर मैंने उसके चूतड़ों को फैलाया और तेल से सना हुआ लौड़ा उसके गांड के छेद पे रखा और अपनी रांड से बोला
मैं - बोल मेरी रांड लौड़ा तेरी गांड में धीरे धीरे घुसाउं या एक झटके में पूरा घुसादूँ।
पुष्पा- आप मेरे मालिक है मैं आपकी रंडी हूँ आप पूछ क्यों रहे है एक ही झटके में पूरा घुसा दीजिये।

मैं जानता था एक झटके लौड़ा डाला तो ये रंडी बर्दास्त नहीं कर पाएगी। अभी वो चाहे कितनी भी चुदाई के नशे में हो पर है तो एक इंसान ही जब ये 11 इंच का मूसल उसकी गांड के छोटे से छेद को चिरेगा तो दर्द तो होगा ही ना। पर वो साली रंडी मेरी पत्नी या प्रेमिका नहीं थी जो प्यार से उसकी गांड मारू।ये वो रंडी थी जिसने पहले बहुत जलील किया था और अब वो मेरी रण्डी है। इसपे रहम नहीं करूंगा।
इसलिए मैंने कसके उसकी कमर पकड़ी पूरी ताकत लगाकर उसकी गांड में धक्का मारा और मेरा पूरा लौड़ा उसकी गांड में उतार दिया वो रंडी बेड पे लम्बी हो गई मैं भी लौड़ा उसकी गांड में फसाये हुए उसके ऊपर गिर गया। मेरे लौड़े में भी बहुत दर्द हुआ मगर वो साली इतनी जोर से चीखी की शायद उसकी आवाज़ मेरे और असलम पंचर वाले के घर तक सुनाई दी होगी क्योंकि उनका घर ही नज़दीक है और किसीका नहीं।पर वो समझ नही पाए होंगे कि आवाज़ कहाँ से आई है।और वो जोर जोर से रोने लगी। पर मैं कहाँ उसपे रहम करने वाला था वो रो रही थी पर मैं अपने लोड़े को धीरे धीरे उसकी गांड में आगे पीछे करने लगा।
5मिनट ऐसे ही धीरे धीरे करने के बाद उसे भी अब दर्द कम हो गया था तो मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाल दिया और उसको गांड उठाकर कुत्तिया बनने को कहा।वो बन गई तो मैंने फिर पूरी ताकत से एक ही धके में पूरा लौड़ा गांड में उतार दिया साली ने इसबार अपने मुंह पर हाथ रख दिया तो उसकी आवाज़ मुँह में ही दबकर रह गई।तो मैं बोला -साली रांड मुँह से अपना हाथ हटा मुझे तेरी चीखें सुननी है।तो उसने हाथ हटा लिया।
और मैं अब तेज धक्के लगाते हुए बड़ी बेरहमी से उसकी गांड मारने लगा।और वो चीखने लगी।साली की गांड इतनी टाइट थी कि मेरे लोड़े को पकड़ रखा था।बड़े मज़े से उसकी गांड मार रहा था और उसकी गांड पे जोर जोर से थप्पड़ मार रहा था मार मार के साली की गांड लाल करदी।10 मिनट के बाद उसका दर्द थोड़ा कम हो गया था उसे भी मज़ा आ रहा था इसलिए अब चीखों की जगह वो सिसकारियां ले रही थी। फिर मैंने उसे पीठ के बल लिटाया और उसको टांगे और गांड ऊपर उठाने को बोला उसने वैसा ही किया।
फिर ने लौड़ा उसकी गांड में डाला और गांड मारने लगा साथ मे उसकी चूचीयां दबाते हुए उसके होंठ चुसने लगा।
अब मैं उसकी गांड बड़ी बेरहमी से मार रहा था कभी उसकी चूचीयां दबाता कभी चूचीयां पे थप्पड़ मारता कभी उसके होंठ चूसता कभी गालों पर थप्पड़ मारता कभी उसकी चूत में उंगली डालकर आगे पीछे करता ।
फिर मेने उसे खड़ा किया और उसको झुकाकर घोड़ी बनाकर गांड मारने लगा।अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था
ओर ऐसे रात को 3 बजे तक उसकी उसकी गांड और चूत मारता रहा।फिर सो गया वो भी मेरा माल ओर पेशाब पीकर सो गई।

कहानी जारी रहेगी
zabardast update..!!
bhai pushpa ne ab tak jo apne hero ke sath kiya hai uske liye usse mafi mangwao..ab maja aayega jab dono maa bete ko apna hero ek sath chodega..!!
 

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