Adultery ठरकी दामाद

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जैसा की नाम से ही आपको पता चल रहा है, ये कहानी है एक ऐसे ठरकी इंसान (दामाद) की जो शादी के बाद खुले सांड जैसा हो गया है और उसे अपने आस पास की हर चूत मारने लायक लगती है, चाहे वो छोटी हो या बड़ी, जवान हो या बूढ़ी ..उन्हे देखकर ऐसी ठरक चड़ती है इसपर की वो दीन- दुनिया भूलकर बस उन्हे पाने के सपने देखने लगता है..और ये सपने कितने पूरे होते है ये तो आपको कहानी पढ़कर ही पता चलेगा..


वैसे तो हर दामाद ठरकी ही होता है,पर किस्मत साथ दे तो ऐसी ठरक अपने मुकाम पर पहुँचाकर उन्हें क्या-2 मज़े दिलवा सकती है वो बताने की ज़रूरत नही है..



इस कहानी मे आपको वाइफ चीटिंग और एक्सट्रा मॅरिटल अफेयर्सकी दुनिया दिखेगी |


तो आइए दोस्तो, मैं आपको ले चलता हू इस ठरकी दामाद की लाइफ में
 
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इसका नाम है अजय, देखने मे स्मार्ट, बिल्कुल बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन जैसा...

अजय 25 साल का नवयुवक है जो गुडगाँव की एक मल्टिनैशनल कंपनी मे काम करता है, सैलरी है 40000 ,माँ -बाप तो गाँव में रहते है उसके बड़े भाई और भाभी के साथ, जिन्हे ये हर महीने मिलने चला जाता है...वहाँ काफ़ी ज़मीने और खेत है इनके जिन्हे बड़ा भाई और उसके पिता संभालते है, उन्हे अजय के पैसों की ज़रूरत नही पड़ती, और इसलिए अजय अपनी कमाई के सारे पैसे खुद पर ही लुटाता है ...

दिल्ली के विकासपुरी में एक बिल्डर फ्लोर किराए पर लेकर रह रहा था अजय, 3 बेडरूम का काफ़ी बड़ा फ्लेट था वो..अडोस पड़ोस के लोग भी काफ़ी मिलनसार थे, और मकान मालिक नीचे के फ्लोर पर रहता था..लगभग एक साल हो चुका था अजय को वहां रहते हुए.

वो जहाँ रहता था, वो पूरी गली एक से बढ़कर एक भाभियों और उनकी जवान बेटियों से भरी पड़ी थी...

और इस एक साल में उसने आस पास की हर लड़की और भाभी को अच्छी तरह से जाँचा - परखा था.. यानी, अपनी आँखो से..किसी के साथ ज़्यादा बोलकर वो अपनी इमेज खराब नही करना चाहता था..लेकिन था वो बड़ा ही घुन्ना टाइप का बंदा..

रोज रात को उनके बारे में सोच-सोचकर वो जोरदार मूठ ज़रूर मारता था.....ग़जब का स्टेमीना था उसका..सुबह ऑफीस जाने से पहले और रात को सोने से पहले वो मूठ मारता था....ये उसका लगभग रोज का नीयम था.

नहाते हुए वो आँखे बंद करके भाभियों और उनकी बेटियों के बारे मे सोचता और मूठ मारता...अपने ख़यालो मे बस यही सोचता रहता की वो अगर मिल जाए तो कैसे मारेगा उसकी..क्या - क्या करेगा..

उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी के साथ भी सैक्स नहीं किया था

और सबसे ज़्यादा वो सोचता था अपने पड़ोस मे रहने वाली रजनी आंटी के बारे मे..जो लगभग 45 साल की थी..पर लगती थी सिर्फ़ 35 की ...हल्का भरा हुआ सा शरीर

Bengali-Model-Maria-hot-3.jpg



उनके 3 बच्चे थे, एक बड़ा लड़का, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, वो अपनी बीबी के साथ मुंबई में रहता था..और 2 लड़कियाँ जो अभी कॉलेज में पड रही थी, दोनो पूना में पढ़ती थी ..घर पर सिर्फ़ वो अपने पति के साथ रहती थी..इसलिए अक्सर वो अजय के साथ घंटों छत पर गप्पे मारती रहती..और अजय का ध्यान तो बस उसके बड़े-2 मुम्मों पर ही रहता था..

रजनी को अजय काफ़ी पसंद था...वो उसके लिए अक्सर घर का बना खाना भिजवाती रहती थी...और हमेशा उसे शादी करने की भी सलाह देती रहती थी..

पर वो शायद नही जानता था की इन सब बातों के पीछे रजनी भाभी की क्या मंशा है
 
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एक दिन संडे मॉर्निंग अजय के दरवाजे पर दस्तक हुई , उसने टाइम देखा तो सिर्फ़ 8 बजे थे, आज तो उसने 10 बजे तक सोने का प्लान बनाया था..

उसने झल्लाते हुए दरवाजा खोला तो सामने रजनी भाभी खड़ी थी..

इतनी सुबह उन्हे देखकर वो हैरान रह गया.


रजनी : "सॉरी अजय, बट तुम्हे मेरे साथ अभी रेलवे स्टेशन चलना पड़ेगा....मेरी दोनों बेटियां आ रही हैं पूना से, मैने कैब बुक करवाई थी और वो अभी तक नही पहुंची ...और उनकी ट्रेन के आने का टाइम हो रहा है...''


अजय उन्हे किसी बात के लिए मना नही कर सकता था, इसलिए जल्दी से तैयार होकर वो उनके साथ चल दिया..कुछ ही देर में वो स्टेशन पहुँच गए ।


रजनी भाभी अंदर चली गयी और वो बाहर कार में बैठकर उनका वेट करने लगा..

कुछ ही देर मे उसे रजनी आंटी और उनकी दोनो लड़कियाँ आती हुई दिखाई दी...

और उन्हे देखकर अजय की आँखे फटी की फटी रह गयी..

ये लड़कियाँ एक साल में ही कैसे इतनी जवान सी हो गयी हैं..

दोनो की उम्र में 3 साल का फ़र्क था..



बड़ी वाली का नाम था प्राची, स्लिम ट्रिम सी, स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था उसने , और काफी सेक्सी लग रही थी वो



sofia-lee-8.jpg




और छोटी का नाम था पूजा, . जीन्स के उपर टी शर्ट पहनी हुई थी..और उसका चेहरा बड़ा ही क्यूट सा था



img




प्राची एम बी ए के फाइनल ईयर में थी और पूजा बी बी ए के फाइनल ईयर में


दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..


प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..


दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''


उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..


आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..


तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है.


खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही..


और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..

यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..


कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..

और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...


इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..


और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
 
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एक दिन अजय को रजनी भाभी ने अपने घर बुलाया

वो वहाँ पहुँचा तो देखा की रजनी भाभी और उनके पति सोफे पर बैठे है


अजय जैसे ही उनके साथ बैठा, रजनी भाभी ने उसके उपर बंब फोड़ दिया


"देखो अजय ...मैं घुमा फिरा कर बात नही करती...मैं चाहती हू की हमारी बेटी प्राची की शादी तुमसे कर दे...अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो आज ही हम दोनों तुम्हारे माँ बाप से बात कर लेते हैं...''


अजय के तो होश उड़ गये उसने ये एक्सपेक्ट ही नही किया था। मतलब प्राची के बारे में उसने मन में सोचा तो बहुत कुछ था, पर शादी का आइडिया दिमाग़ में नही आया था कभी।


वैसे उसमे कोई कमी नही थी...जवान थी, खूबसूरत थी और वो लोग भी पंजाबी ही थे अजय की तरह पर उसने इतनी जल्दी शादी करने की सोची नही थी।


पर अभी शादी नही की तो कब करेगा...आज तक वो सिर्फ़ दूर से ही ललचा कर लड़कियों और भाभियों को देखता रहता था और उसने नोट भी किया था की अकेले छड़े लड़के होने की वजह से कई बार गली की भाभियाँ और लड़कियाँ उससे बात करने से भी कतराती थी...


रजनी : "देखो अजय तुम मुझे शुरू से ही पसंद थे...बस अपनी बेटी के वापिस आने का वेट कर रही थी...अब वो जॉब कर रही है, सेट्ल हो गयी है और सबसे बड़ी बात वो भी तुम्हे पसंद करती है,

मैने उससे पूछ कर ही तुमसे बात की है, वो हमारी लाडली बेटी है, इतने साल पुणे में रहने के बाद कहीं दूर भेजने का मन नही है,

यहीं पड़ोस में रहेगी तो मेरा भी मन लगा रहेगा और तुम्हारे साथ रहकर वो अपनी जॉब भी कंटिन्यू रख सकती है...''


एक ही साँस में उसने अपनी पूरी योजना अजय के सामने रख दी...वैसे देखा जाए तो बात सही भी थी
 
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इसका नाम है अजय, देखने मे स्मार्ट, बिल्कुल बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन जैसा...

अजय 25 साल का नवयुवक है जो गुडगाँव की एक मल्टिनैशनल कंपनी मे काम करता है, सैलरी है 40000 ,माँ -बाप तो गाँव में रहते है उसके बड़े भाई और भाभी के साथ, जिन्हे ये हर महीने मिलने चला जाता है...वहाँ काफ़ी ज़मीने और खेत है इनके जिन्हे बड़ा भाई और उसके पिता संभालते है, उन्हे अजय के पैसों की ज़रूरत नही पड़ती, और इसलिए अजय अपनी कमाई के सारे पैसे खुद पर ही लुटाता है ...

दिल्ली के विकासपुरी में एक बिल्डर फ्लोर किराए पर लेकर रह रहा था अजय, 3 बेडरूम का काफ़ी बड़ा फ्लेट था वो..अडोस पड़ोस के लोग भी काफ़ी मिलनसार थे, और मकान मालिक नीचे के फ्लोर पर रहता था..लगभग एक साल हो चुका था अजय को वहां रहते हुए.

वो जहाँ रहता था, वो पूरी गली एक से बढ़कर एक भाभियों और उनकी जवान बेटियों से भरी पड़ी थी...

और इस एक साल में उसने आस पास की हर लड़की और भाभी को अच्छी तरह से जाँचा - परखा था.. यानी, अपनी आँखो से..किसी के साथ ज़्यादा बोलकर वो अपनी इमेज खराब नही करना चाहता था..लेकिन था वो बड़ा ही घुन्ना टाइप का बंदा..

रोज रात को उनके बारे में सोच-सोचकर वो जोरदार मूठ ज़रूर मारता था.....ग़जब का स्टेमीना था उसका..सुबह ऑफीस जाने से पहले और रात को सोने से पहले वो मूठ मारता था....ये उसका लगभग रोज का नीयम था.

नहाते हुए वो आँखे बंद करके भाभियों और उनकी बेटियों के बारे मे सोचता और मूठ मारता...अपने ख़यालो मे बस यही सोचता रहता की वो अगर मिल जाए तो कैसे मारेगा उसकी..क्या - क्या करेगा..

उसने आज तक अपनी लाइफ में किसी के साथ भी सैक्स नहीं किया था

और सबसे ज़्यादा वो सोचता था अपने पड़ोस मे रहने वाली रजनी आंटी के बारे मे..जो लगभग 45 साल की थी..पर लगती थी सिर्फ़ 35 की ...हल्का भरा हुआ सा शरीर

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उनके 3 बच्चे थे, एक बड़ा लड़का, जिसकी शादी पिछले साल ही हुई थी, वो अपनी बीबी के साथ मुंबई में रहता था..और 2 लड़कियाँ जो अभी कॉलेज में पड रही थी, दोनो पूना में पढ़ती थी ..घर पर सिर्फ़ वो अपने पति के साथ रहती थी..इसलिए अक्सर वो अजय के साथ घंटों छत पर गप्पे मारती रहती..और अजय का ध्यान तो बस उसके बड़े-2 मुम्मों पर ही रहता था..

रजनी को अजय काफ़ी पसंद था...वो उसके लिए अक्सर घर का बना खाना भिजवाती रहती थी...और हमेशा उसे शादी करने की भी सलाह देती रहती थी..

पर वो शायद नही जानता था की इन सब बातों के पीछे रजनी भाभी की क्या मंशा है
 
Expert Member
9,161
3,913
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एक दिन संडे मॉर्निंग अजय के दरवाजे पर दस्तक हुई , उसने टाइम देखा तो सिर्फ़ 8 बजे थे, आज तो उसने 10 बजे तक सोने का प्लान बनाया था..

उसने झल्लाते हुए दरवाजा खोला तो सामने रजनी भाभी खड़ी थी..

इतनी सुबह उन्हे देखकर वो हैरान रह गया.


रजनी : "सॉरी अजय, बट तुम्हे मेरे साथ अभी रेलवे स्टेशन चलना पड़ेगा....मेरी दोनों बेटियां आ रही हैं पूना से, मैने कैब बुक करवाई थी और वो अभी तक नही पहुंची ...और उनकी ट्रेन के आने का टाइम हो रहा है...''


अजय उन्हे किसी बात के लिए मना नही कर सकता था, इसलिए जल्दी से तैयार होकर वो उनके साथ चल दिया..कुछ ही देर में वो स्टेशन पहुँच गए ।


रजनी भाभी अंदर चली गयी और वो बाहर कार में बैठकर उनका वेट करने लगा..

कुछ ही देर मे उसे रजनी आंटी और उनकी दोनो लड़कियाँ आती हुई दिखाई दी...

और उन्हे देखकर अजय की आँखे फटी की फटी रह गयी..

ये लड़कियाँ एक साल में ही कैसे इतनी जवान सी हो गयी हैं..

दोनो की उम्र में 3 साल का फ़र्क था..



बड़ी वाली का नाम था प्राची, स्लिम ट्रिम सी, स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था उसने , और काफी सेक्सी लग रही थी वो



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और छोटी का नाम था पूजा, . जीन्स के उपर टी शर्ट पहनी हुई थी..और उसका चेहरा बड़ा ही क्यूट सा था


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प्राची एम बी ए के फाइनल ईयर में थी और पूजा बी बी ए के फाइनल ईयर में


दोनो लगभग भागती हुई कार की तरफ आई, जिसकी वजह से अजय ने उन दोनो के उछलते हुए मुम्मे देखकर एक दूसरे से कंपेयर करना भी शुरू कर दिया..


प्राची भले ही बड़ी थी, पर उसकी ब्रेस्ट पूजा के मुक़ाबले छोटी थी..पर थी पूरी तनी हुई सी..बिल्कुल दीपिका पादुकोंन जैसी..


दोनो दौड़ती हुई सी कार के पास पहुँची और प्राची जल्दी से आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी..और चिल्लाई : "मैं जीत गयी....याहूऊऊऊऊऊ...''


उसके चेहरे की खुशी देखकर अजय भी बिना हँसे रह नही पाया..


आज अजय उन दोनो को लगभग एक साल के बाद देख रहा था, इन दोनो को उसने रजनी भाभी के बेटे की शादी में देखा था, एक साल पहले, और वो नया-2 ही आया था उनके पड़ोस में , फिर भी उसको इन्वाइट किया था भाभी ने..


तब में और अब में काफ़ी फ़र्क आ चुका था इन दोनो के शरीर में ...ये पुणे की हवा ही शायद कुछ नशीली सी है..जो लड़कियों को इतनी जल्दी जवान कर देती है.


खैर, सभी को लेकर अजय घर पहुँचा, रास्ते भर दोनो बहनें अपने-2 कॉलेज की बातें उन्हे सुनाती रही..


और तभी अजय को पता चला की प्राची की तो पड़ाई ख़त्म हो चुकी है और अब वो जॉब करेगी..पूजा भी आगे की पढ़ाई यानी एम बी ए अब दिल्ली में रहकर ही करना चाहती है..

यानी अब उन्हे रोज-2 देखने का मौका होगा अजय के पास..


कुछ ही दिनों में प्राची की जॉब गुडगाँव में एक अच्छी कंपनी में लग गयी..और अजय के ऑफीस के बिल्कुल पास ही था उसका ऑफीस भी..

और पूजा का एडमिशन भी गुडगाँव के एक अच्छे इंस्टिट्यूट में हो गया...


इसलिए अब अजय को एक और ड्यूटी मिल गयी, उन दोनो को एक साथ लेकर जाने की...और शाम को प्राची को वापिस लाने की भी...पूजा तो दोपहर तक वापिस आ ही जाती थी अपने आप..


और इन दिनों में अजय ने अच्छी तरह से आँखे सेंक-2 कर उन दोनो बहनों की कच्ची जवानी को देखा-परखा ..
 

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