Incest वर्जिन ट्यूशन टीचर की चुदाई घर में

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फिर वो बोली कि क्या तुम्हे आगे से प्यार की गहराई नहीं पता चली तो मैंने मुस्कुराते हुए लंड को थोड़ा बाहर खींचा और दोबारा अंदर डाल दिया.. वो उछल पड़ी और बोली कि हटो मुझे बहुत दर्द हो रहा है तो मैंने कहा कि थोड़ी देर रुक जाओ.. सब ठीक हो जाएगा और में धीरे धीरे धक्का मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा। अब हमे चुदाई करते हुए एक घंटा हो चुका था और में तेज़ी से उसकी गांड मार रहा था और वो भी कूद कूदकर मेरा साथ दे रही थी और मुझे लगने लगा कि में अब झडने वाला हूँ तो मैंने उससे पूछा कि लंड पानी कहाँ पर डालूं तो वो बोली कि मेरी गांड में ही झाड़ दो और उसके इतना कहते ही मेरे लंड की ज्वालामुखी फूट पड़ी और गरम गरम लावे ने उसकी गांड को भर दिया। फिर हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे और फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला और जब उसने मेरे लंड को देखा तो वो चौंक गई और वो बोली कि इतना बड़ा लंड मेरी चूत और गांड में घुसा हुआ था.. तभी तो मेरी जान निकलने को तैयार थी। फिर उसने मेरा लंड अपनी पेंटी से साफ किया और अपनी चूत भी साफ की और अपने कपड़े पहनने लगी.. कपड़े पहनने के बाद वो मेरे गले लगी और बोली कि कभी मुझे छोड़कर मत जाना.. में तुम्हारे बिना जी नहीं सकूँगी। फिर वो मेरे रूम से जाने लगी लेकिन दर्द की वजह से उससे चला नहीं जा रहा था और वो लंगड़ाकर चल रही थी और यह देखकर मैंने अपने लंड को सहलाया और उसे शाबासी दी.. क्योंकि आज उसने एक कुँवारी चूत को फाड़ा था।
 

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