Incest मम्मी मेरी जान

Well-known member
1,713
3,748
143
61948-mummy-response-the-question-right-mother-love-fucking-her-sonny-mother-sonny-family-orgy-family-captions-mommy-captions-family-confessions.gif
 
Well-known member
1,713
3,748
143
UPDATE-54

“ओह गॉड”!

सतीश भगवान का शुक्र मना रहा था के उसने पहले मम्मी की चुत चाट ली थी. मम्मी की चुत अंदर से इतनी भीगी हुयी थी के सतीश का लंड फिसलता हुआ सीधा उसकी चुत में घुसता चला गया. मगर वह साफ़ साफ़ महसूस कर सकता था के उसकी तंग चुत को इतनी बुरी तरह से भरने की आदत नहीं थी जैसे उसके लम्बे तगड़े लंड के अंदर जाने पर वो भर गयी थी और बुरी तरह से फैल कर उसके नये यार का स्वागत कर रही थी......उसका नया यार-उसका बेटा.

सतीश ने बिलकुल भी समय बरबाद नहीं किया. सतीश सानिया को पूरी बेदर्दी से ठोकने लगा. उसके ताबड़तोड़ धक्को से उसका जिस्म इधर उधर डोलने लगा. उसकी मादक आहें और सिसकियाँ सतीश का जोश और भी बढा रही थी. अखिरकार जब सतिशने उसकी चुत को अपने वीर्य से भर दिया तो वह बुरी तरह से थक चुका था. सानिया की टांगों के अंदरूनी हिस्से पर बेटे का वीर्य निचे को बहता जा रहा था और सतीश की खुद की टांगे इतना ज़ोर लगाने के कारन कांप रही थी. शुक्र था सतिशने सानिया को खड़े खड़े ही चोद दिया था और उसने भी खड़े खड़े चुदवा लिया था. अगर कहीं वह उसे फर्श पर लिटा देता ताकि उसकी टांगे उठाकर उसके घुटने उसके मम्मो पर दबाकर उसे चोद सके या फिर उसे पेट् के बल उसकी कमर ऊपर खींच उसे किसी कुतीया की तरह चोदता तो उनकी जांघो के टकराने की आवाज़ शायद हमारे पडोसीयो के कानो तक भी पहुँच जाती. मम्मी की वो ताबड़तोड़ चुदाई और वो जबरदस्त स्खलन हमेशा एक यादगार बन गया था
एक दिन पक्का करने के बाद के उसके डैड हर संडे की तेरह उस दिन भी टेनिस खेलने के लिए निकल गए थे, सतीश चुपके से दबे पांव अपने परेंट्स के बैडरूम में दाखिल हुआ बिलकुल नंगा. सानिया पेट् के बल सो रही थी. सतिशने बिलकुल धीरे धीरे उसके ऊपर से कम्बल उतारना सुरु किया, एक एक इंच कर. कम्बल उतरने के बाद वो उसके सामने थी एक नाइटी पहने जो उसकी गांड से हल्का सा निचे थी. उसकी टांगे खुली हुयी थी और उसने बायीं टांग मोढ़ कर आगे को रखी हुयी थी. सावधानी से में बेड पर चढ़ गया और मम्मी की खुली टांगों के बिच पहुँच गया. फिर सतिशने एक हाथ उसकी बगल में रखते हुये अपना वजन उस पर डाल कर आगे को झुक गया.

सानिया कुछ फुसफुसाती है. शायद उसको अर्ध निद्रा में अभास हुआ के उसका पति वापस आ गया है. अचानक नींद में वो अपनी टांगे थोड़ी सी और खोल देती है और बिलकुल उलटी पेट् के बल हो जाती है. उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था खास कर अगर उसकी इच्छा ज़ोरदार चुदाई करवाने की नहीं थी. सतिशने अपने कुल्हे निचे किये और अपना पूरा सख्त लंड उसकी बेपरदा चुत के पास लेजाने लगा और अंत में सतीश का सुपडा उसकी चुत के होंठो के बिच था.

"नही , विशाल! तुम भूलगये. आज संडे है, शनिवार नही. तुमने कल का दिन मिस कर दिया." सानिया उसे विशाल समझ के बोल उठती है. ओह गॉड इसका मतलब डैड हर शनिवार के शनिवार ही मम्मी को चोदते थे. उफ्फफ्फ्फ़ लानत थी उन पर. इतनी सेक्सी बीवी हो और आदमी हफ्ते में बस एक बार उसे चोदे तो उस को लानत ही दी जा सकती थी. खैर चाहे विशाल ने अपना शनिवार मिस कर दिया था मगर सानिया मिस नहीं कर पायी. बेटे की मेहरबानी से कल उसकी लांड्री रूम में खूब ज़ोरदार चुदाई हुयी थी. सतिशने अपने लंड का दबाव बनाया और सुपाडा उसकी चुत के होंठो को चीरता हुआ अंदर घुस गया.

एक झटके से मम्मी की ऑंखे खुल गयी, उसे सुपाडे के साइज से जरूर एहसास हो गया होगा के उसकी चुत में घूसने वाला लंड उसके पति का नहीं हो सकता था. सतिशने ज़ोर लागते हुए लंड कुछ इंच और अंदर दाल दिया मगर आज उसकी चुत भेदना कल से कहीं अधिक मुश्किल था तब उसकी चुत पूरी तरह भीगी हुयी थी.

"आगे से मम्मी की चुत मारने से पहले अच्छी तेरह चाट लिया करुँगा" सतिशने सोचा मगर अब बहुत देर हो चुकी थी. पूरी बेदर्दी से वह अपनी मम्मी की चुत में अपना लंड ठेलता गया. सतीश का विरोध करने की बजाय सानिया ने अपनी गांड हवा में ऊँची उठा दी ताकि सतीश पूरा लंड उसकी चुत में पेल दे.

"हाय,...,.............." पूरा लंड घुसते ही सानिया की चीखें घर में गूंजने लगी. वो अपने दांत भींचे उसके कन्धो को पकडती है और ज़ोर से चिल्लाती है. "चोद मुझे.......चोद मुझे........आह चोद......"

ओर सतिशने ठीक वैसे ही किया जैसे उसने कहा था. पूरे जोश से वह उसकी चुत में अपना लंड पेलने लगा. एक तो सतीश का मोटा लंड वो सिर्फ दुसरी बार अपनी चुत में ले रही थी और ऊपर से उसकी तंग चुत बिलकुल सूखि थी.

"आह...आह…..ओह…..ओह" उसकी दर्द से चीखे निकल रही थी मगर उसने एक बार भी बेटे को धीमे होने के लिए नहीं कहा. साफ़ था सतीश का मोटा लंड जितनी उसे तकलीफ दे रहा था उससे कई गुणा अधिक मज़ा दे रहा था. उसे खुद चुत के सूखेपन से लंड की रगढ का बड़ा ही अनोखा मज़ा आ रहा था. मम्मी की चुत की कोमलता और नाजुजकता चुत के सूखेपन ने और भी बढा दी लगती थी. "कभी कभी मम्मी की चुत सूखी ही मारा करुन्गा" सतिशने भविष्य के लिए योजना बनाते हुए सोचा. फिलहाल चुत को रगड रगड कर उसके अंदर बाहर हो रहे लंड की मेहनत रंग लाने लगी. सानिया की चुत भीगने लगी थी और लंड अब आराम से फिसलने लगा था. उसके धक्को की रफ़्तार अब दुगनी हो चुकी थी.
 
Well-known member
1,713
3,748
143
UPDATE-55

"अअअअअहःहःहःहः............उउउउउउउऊँणह्ह्हह्ह्........बेटा......बेटा....मार मेरी चुत.........हाये ऐसे ही मार......उउउफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़.......उउउऊँणगग्गहहहाय....ओह भगवान........चोद दाल अपनी मम्मी को मेरे लाल....चोद दाल अपनी मम्मी को......." सानिया की सिसकियाँ पूरे कमरे में गुंज रही थी.


सतिश ने आगे को होकर मम्मी कंधे पकड़ लिए ताकि उसे निचे दबाये रख सके और उसके सर को ऊपर को उठाये ताकि पसीने से भीगा उसका चेहरा जिस पर ज़माने भर की उत्तेजना और कामुकता छायी हुयी थी, को देख सके. उसके चेहरे के मादक भाव उसकी उत्तेजना को कई गुणा बढा रहे थे. उसके चेहरे से मालूम चल रहा था के उसके मोटे लंड से चुदवाने में उसे कितना आनंद आ रहा था.

"हाय......ज़ोर से.......और ज़ोर से ........आह..........एस...,........बेटा.........आह मेरी चुत......मेरी चुत......ठोक अपना मोटा लंड मेरी चुत में.......ठोकता रह........यस ओह चोद मुझे......." सानिया की सिसकियाँ बढ़ती जा रही थी.

सतीश ने धक्के मारते हुये मम्मी की टांगे पकड़ी उन्हें खोलता और फिर से बंद कर देता. कभी कभी वह उसके नितम्बो को पकड़ कर फ़ैलाता ताकि उसकी चुत में अंदर बाहर हो रहे अपने लंड को देख सके और कभी उन्हें आपस में दबा देता. फिर सतिशने उसे ऊपर खींच कर घुटनो के बल कर दिया और पांव के बल मम्मी के पीछे झुलता हुआ उसे चोदने लगा. फिर उसने वापस उसे बेड पर दबाके उसकी चुत मारने लगा.

चाहे वह उसे जिस तरह भी, जिस पोजीशन में भी चोदता सानिया पहले से भी ज्यादा सीत्कार भरती और जाहिर करती उसे इस नयी पोजीशन में चुदवाने में पहले से भी ज्यादा मज़ा आ रहा है. उसकी सिसकियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थी. सतीशने उसे पूरा दम लगाकर दिल खोलकर चोदा और सानिया ने दिल खोलकर उससे चुद्वाया. अखिरकार सतिशने उसकी चुत अपने वीर्य से भर दी, एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार. दो बार चोदने के बाद ही सतिशने उसे बेड से निचे उतरने दिया. पहली बार झड़ने के बाद जब दोनों कुछ शांत पढ़ गए और सानिया बेड से निचे उतरने लगी तो सतिशने उसे वापस बेड पर खींच लिया. उसने विरोध किया, मगर उसका विरोध बहुत हल्का सा था और सतिशने उसके विरोध की कोई परवाह न की और उसे वापस बेड के बीचो बिच खींच कर पीठ के बल पीछे को दबाया. सतीश उसकी टांगे तब तक ऊपर उठता रहा जब तक सतिशने उसके घुटने उसके सर के पीछे नहीं दबा दिये.

उफ........ उस स्थिति में सानिया कितनी अश्लील कितनी कामुक दिख रही थी.............. किस तरह उसकी चुत बेपरदा थी खुली हुयी थी...,.बिल्कुल किसी रंडी की तरह........ गिली चुत रस से चमक रही थी, सुजी हुयी थी, उसका गुलाबीपन और भी गहरा हो गया था. सतिशने उसकी गांड को और भी ऊँचा उठाया और अपना लंड धम्म से उसकी चुत में पेल दिया. दूसरी बार लंड घुसने पर सानिया के मुंह से आनंद की ऐसी सिसकारियां निकलने लगी के सतीश का जोश दुना चौगुना हो गया. सतीश हुमच हुमच कर उसे चोदने लगा. सिसकती कराहती वो बेटे को अपनी चुत को और भी ज़ोर ज़ोर से मारने का आग्रह कर रही थी. सतिशने भी उसकी खवाहिश पूरी करने में कोई कसार बाकि ना रखी और जब दूसरी बार उसके लंड ने उसकी चुत को भरा तो दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे.
 

Top