UPDATE-55
"अअअअअहःहःहःहः............उउउउउउउऊँणह्ह्हह्ह्........बेटा......बेटा....मार मेरी चुत.........हाये ऐसे ही मार......उउउफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़.......उउउऊँणगग्गहहहाय....ओह भगवान........चोद दाल अपनी मम्मी को मेरे लाल....चोद दाल अपनी मम्मी को......." सानिया की सिसकियाँ पूरे कमरे में गुंज रही थी.
सतिश ने आगे को होकर मम्मी कंधे पकड़ लिए ताकि उसे निचे दबाये रख सके और उसके सर को ऊपर को उठाये ताकि पसीने से भीगा उसका चेहरा जिस पर ज़माने भर की उत्तेजना और कामुकता छायी हुयी थी, को देख सके. उसके चेहरे के मादक भाव उसकी उत्तेजना को कई गुणा बढा रहे थे. उसके चेहरे से मालूम चल रहा था के उसके मोटे लंड से चुदवाने में उसे कितना आनंद आ रहा था.
"हाय......ज़ोर से.......और ज़ोर से ........आह..........एस...,........बेटा.........आह मेरी चुत......मेरी चुत......ठोक अपना मोटा लंड मेरी चुत में.......ठोकता रह........यस ओह चोद मुझे......." सानिया की सिसकियाँ बढ़ती जा रही थी.
सतीश ने धक्के मारते हुये मम्मी की टांगे पकड़ी उन्हें खोलता और फिर से बंद कर देता. कभी कभी वह उसके नितम्बो को पकड़ कर फ़ैलाता ताकि उसकी चुत में अंदर बाहर हो रहे अपने लंड को देख सके और कभी उन्हें आपस में दबा देता. फिर सतिशने उसे ऊपर खींच कर घुटनो के बल कर दिया और पांव के बल मम्मी के पीछे झुलता हुआ उसे चोदने लगा. फिर उसने वापस उसे बेड पर दबाके उसकी चुत मारने लगा.
चाहे वह उसे जिस तरह भी, जिस पोजीशन में भी चोदता सानिया पहले से भी ज्यादा सीत्कार भरती और जाहिर करती उसे इस नयी पोजीशन में चुदवाने में पहले से भी ज्यादा मज़ा आ रहा है. उसकी सिसकियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थी. सतीशने उसे पूरा दम लगाकर दिल खोलकर चोदा और सानिया ने दिल खोलकर उससे चुद्वाया. अखिरकार सतिशने उसकी चुत अपने वीर्य से भर दी, एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार. दो बार चोदने के बाद ही सतिशने उसे बेड से निचे उतरने दिया. पहली बार झड़ने के बाद जब दोनों कुछ शांत पढ़ गए और सानिया बेड से निचे उतरने लगी तो सतिशने उसे वापस बेड पर खींच लिया. उसने विरोध किया, मगर उसका विरोध बहुत हल्का सा था और सतिशने उसके विरोध की कोई परवाह न की और उसे वापस बेड के बीचो बिच खींच कर पीठ के बल पीछे को दबाया. सतीश उसकी टांगे तब तक ऊपर उठता रहा जब तक सतिशने उसके घुटने उसके सर के पीछे नहीं दबा दिये.
उफ........ उस स्थिति में सानिया कितनी अश्लील कितनी कामुक दिख रही थी.............. किस तरह उसकी चुत बेपरदा थी खुली हुयी थी...,.बिल्कुल किसी रंडी की तरह........ गिली चुत रस से चमक रही थी, सुजी हुयी थी, उसका गुलाबीपन और भी गहरा हो गया था. सतिशने उसकी गांड को और भी ऊँचा उठाया और अपना लंड धम्म से उसकी चुत में पेल दिया. दूसरी बार लंड घुसने पर सानिया के मुंह से आनंद की ऐसी सिसकारियां निकलने लगी के सतीश का जोश दुना चौगुना हो गया. सतीश हुमच हुमच कर उसे चोदने लगा. सिसकती कराहती वो बेटे को अपनी चुत को और भी ज़ोर ज़ोर से मारने का आग्रह कर रही थी. सतिशने भी उसकी खवाहिश पूरी करने में कोई कसार बाकि ना रखी और जब दूसरी बार उसके लंड ने उसकी चुत को भरा तो दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे.