Adultery Porn Creator मम्मी और में

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दिन बीतने लगा हम नए घर में शिफ्ट हो गए । पर पापा जिद्द लगाए बैठा था वो नए घर में नही जाएगा । अकेले ही रहेगा । जिस दिन गृह प्रवेश का पूजा था उस दिन सारे रिश्तेदार आए हुए थे और सभी ने पापा समझाया पर पापा नही समझे । मैंने भी बोहोत अनुरोध किया और बताया की नए घर के सामने मार्केट में मम्मी पार्लर खोलेगी और अपनी पसंद की दुकान खोल लेना । लेकिन नही अपनी बीवी की कमाई नही खायेगा ऐसा बोल कर माना कर दिया ।


कुछी दिनों में मम्मी ने पार्लर खोल ली । उन्होंने चार लड़कियां काम पर रख ली । धीरे धीरे मम्मी भी पार्लर का काम सीखने लगी । सब कुछ अच्छा चल रहा था । में कॉलेज से लौटते वक्त रोज पापा को देखने जाता और उनके लिए खाना बना के अपने नए घर आ जाता था ।



लेकिन वक्त ने खेल दिखा ही दिया । पापा की एक पैसे की कमाई नही थी और खुद खाना बना के खाना सजा लगने लगा । मुझसे परोक्ष रूप से हमारे साथ आने की बात करने लगा । तो मम्मी और में खुद उनके आगे छोटा हो के अनुरोध करते हुए नए घर ले के आया । मम्मी और मुझे उनकी हरकतों पर हसी आती थी ।



पापा को मम्मी के बगल में ही एक गिफ्ट और स्टेशनरी का दुकान खोल दिया हमने । और पापा भी काम में मन लगाने लगे क्यू की पैसा जो हाथ में आ रहा था। दिन भर तो ठीक ही रहते थे लेकिन शाम होते ही दुकान बंद कर के पीने जाते थे और देर रात लौट आते थे इसलिए उन्होंने खुद नीचे की फ्लोर का कमरा ले लिया ।




रविवार के दिन बंद रहता था । एक दिन की बात है । पापा हल में बैठ कर टीवी देख रहा था । वक्त दोपहर के 1 बज रहे थे । मम्मी किचन में खाना बना रही थी । में बाहर घूम फिर के आया और मम्मी के साथ मस्ती करने किचन में घुस गया ।



मम्मी वोही टॉप और टाइट लैगिंग्स में थी उनका खाना बनाना लगभग हो चुका था । में सीधा जा कर उनके चेहरे को पकड़ के किस करने के लिए हाथ आगे बढाया था की मम्मी पीछे हो के बोली " पागल हो गए हो क्या । तेरे पापा घर पे हे "



" तो । तो क्या हुआ वो टीवी देख रहे हे फिल्म देखने में व्यस्त हे " में बोला


" यहां आएगा तो "

" नही आएगा "


मैंने मम्मी को घुमाया और सेल्फ पर जबरदस्ती उठाने लगा मम्मी ना ना करने लगी " नही पागल नहीं। मरवाएगा खुद भी मुझे भी नही "



में मम्मी की जांघो के बीच खड़ा हो के उनके चेहरे को पकड़ के चूमने ही वाला था की तभी पापा " अरे ओ कितना देर लगाएगी खाना बनाने में अब । "



पापा के कदमों की आहट सुनाई देने लगी । मम्मी मुझे धक्का दे कर उतार गई और चूल्हे पर बन रही सब्जी देखने लगी में भी दूर खड़ा हो गया । पापा अंदर आए और मुझे देख के बोला " तू कब आया "

में बोला " अभी । ओह मे तो भूल ही गया मुझे दोस्त के घर जाना हे "


पापा ने पूछा " किसके घर कौन दोस्त । अभी तो आवारागर्दी कर के आए "


में कुछ नही बोला और निकल गया बाहर ।
 
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3 बजे में घर लौटा । मम्मी पापा मुझे नही दिख रहे थे । मैंने दोनो को आवाज नही दी सीधा मम्मी की कमरे की तरफ बढ़ा लेकिन उनके कमरे के दरवाजे के पास ही उन दोनो की बाते सुनाई देने लगी । में धीरे से झांक के देखा और मेरा अंदाजा सही निकला । दोनो ही नंगे और मस्त लगे हुए थे । पापा की पीठ मेरी तरफ था । मम्मी टेबल पर टांगे फैला के बैठी हुई पापा का कमर लपेटे हुए और पापा धीरे धीरे कमर हिला रहे थे ।



दोनो ने मुझे नही देखा था । मम्मी सिसकारियां भरती हुई कह रही थी " दरवाजा भी नहीं लगाया बाबू आएगा तो उह्ह "



पापा भी जवाब दे रहे थे " नही आयेगा लोंडा अभी । दोस्तो के साथ मजे कर रहा होगा । तू बता आज मजा आ रहा हे "




मम्मी कामुक दृष्टि से देखती हुई पापा की गाल चूम चूम के बाहों में भरे दरवाजे की और नजर पड़ी तो मम्मी की आंखे हैरानियत से बड़ी हो गई "



कुछ सेकंड के लिए मम्मी आंखे फाड़ कर मुझे देखती रही । में भी शरारत से मम्मी को देख के मुस्कुरा दिया । तब मम्मी हाथ जोड़ के आखों से बिनती कर के मुझे जाने के लिए बोल दी । पर में ना में सर हिलाते हुए अपना मोबाइल निकाल के वीडियो रिकॉर्ड करने लगा ।



मम्मी गुस्से से आग बबूला हो कर मुझे देख रही थी । उधर पापा मजे में मम्मी की चूत में धक्का मारता हुआ मम्मी की गर्दन चूमता हुआ बोल रहा था " क्या हुआ डार्लिंग । मजा नही आ रहा है क्या । लेट के करना हे "

मम्मी दर गई और तुरंत बोली " आह्ह्हह्ह बोहोत मजा आ रहा हे जी । ऐसे ही रहिए हा ऐसे ही जी "


में मम्मी को चिढ़ाते हुए रिकॉर्डिंग करने लगा । मम्मी मेरी पिटाई करने की इशारा करती हुई मुझे घूरने लगी और फिर खुद ही शर्म के मारे पापा के कंधे पर मुंह छुपा ली ।



में भी गर्म था मजा उठा रहा था । अच्छे से रिकॉर्डिंग कर रहा था मम्मी बीच बीच में नजरे उठा के देखती मुझे और गुस्सा दिखा के बापाछ पापा के साथ मजे लेने लगती ।




10 मिनिट तक पापा ने मम्मी को चोदा और बोला " तुम्हारा कब होगा "

मेरे आगे मजूद रहने मम्मी की मूड नही बन रही होगी उसने बोला " बोहोत देर लगेगी आज "


पापा बोले " में और नही रोक पाऊंगा । ये लो "



पापा मम्मी की चूत में झाड़ गए । मम्मी मुझे खा जाने वाली नजरो से देखती हुई पापा को बाहों में भर के मुझे जाने का इशारा किया । और में मुस्कुराता हुआ चला गया ।
 
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शाम को में अपने लैपटॉप पर था । अचानक मम्मी आई और मेरे कमरे का दरवाजा बंद कर बोली " बोहोत बिगड़ गया है ना तू । रुक बताती हूं तुझे ।"


में समझ गया और बेड के दूसरी और भाग गया मुझे हसी आ रहा था " देखो हिंसा करना पाप है मम्मी "


मम्मी गुस्से में लाल हो कर मुझे पकड़ने के लिए आती हुई बोली " अच्छा मां बाप कि मिलन देखना पाप नही है कमीने ऊपर से रिकॉर्ड भी कर लिया। कहा हे मोबाइल दो मुझे अभी के अभी दो "



में हास हस के बोला " मुझे लगा इस विडियो से अच्छी कमाई होगी व्यूज बोहोत आयेंगे "

मम्मी बोली " तू तो आज गया बच्चे । तुझे सबक सिखाना ही होगा "



बंद कमरे में और कहा भागता में में बिस्तर पर खड़ा हो के मम्मी से दूर रहने की कशिश करने लगा पर मम्मी भी आ गई । और मुझे पीटने लगी में उनकी हाथों को पकड़ने की कशिश करने लगा । लेकिन वो भी हट्टी कट्टी थी । दोनों भिड़ने लगे बिस्तर पर गिरे में बसने के लिए भागने की कशिश किया मम्मी ने बाल पकड़ के मुझे खींचते हुए बिस्तर पर पटका ।



और इसी तरह हम दोनो थक गए मम्मी बाहें फैला के लेट जाती है और में उनके ऊपर चढ़ कर उनकी होठ चूसने लगा । मम्मी भी मुझे चूमने लगी ।



मन भरने के बाद में मम्मी की बगल में लेट गया । मम्मी मुझे अपनी नाजुक छाती पर चिपकाती हुई बोली " बेटा तू मेरा वीडियो देखता हे"



में हा में सर हिलाया । तो मम्मी नजरे झुका ली और कुछ देर शांत रह कर बोली " तेरे पापा अब धीरे धीरे कुछ लाइन में आ रहे हे। सुधार आ गया हे उनमें "


में आंख मार के बोला " सब आपकी वजह से आप जो उन्हे प्यार देने लगी हो "


मम्मी मेरा मतलब अच्छी तरह समझ के शरमा जाती है और बोलती हे " धेत्त् ऐसा नही हे । "



में बच्चों की तरह मिनियाते हुए बोला " मम्मी दूदू पिलाओ ना "



मम्मी बोली " फट्ट अभी कहा दूदू आता हे । कुछ भी "



में मम्मी की टॉप ऊपर उठाने लगा मम्मी ने जरा भी विरोध नही की " प्लीज मम्मी पीने दो ना "



मम्मी ने अंदर ब्रा नही पहनी हुई थी । एक चूची उनकी उन्मुक्त हुई ही थी की मम्मी ने मेरे आखों में हाथ रख के मेरी मुंह में अपनी चूची पकड़ के निपल घुसा दिया । क्या एहसास था अंगूर जैसे में लपक लपक के चूसने लगा मम्मी मेरे सर को बाहों में भर के मेरे सर के बालो पर चूमने लगी ।



में प्यार से मम्मी की दाईंने चूची की घुंडी चूसता रहा । मेरा तो मन था की मम्मी की चुचियों को मसल दूं लेकिन हिम्मत नही कर पा रहा था । अब बाई चूची चूसने लगा और इस बार एक हाथ से दाईने चूची को पकड़ के धीरे से मसल दिया । मम्मी की मुंह से अह्ह्हह बेटा ये क्या कर रहे हो ।



में मम्मी की निपल मुंह में घुसा के ही रुक गया । एक दो पल करते करते 2 मिनिट शायद समय निकल गया । और मम्मी मेरे सर सहला के प्यार से पूछा " क्या हुआ बाबू "



में धीरे से बोला " मम्मी थोरी मस्ती करना चाहता हूं । आप परमिशन दो ना "

मम्मी सीधा बोली " नही बेटा ये सरासर गलत हे । एक दम गलत । नही बाबू "


में उठ गया और खिड़की की तरफ जा कर खड़ा हो गया । मम्मी भी अपनी कपड़े सही करती हुई मेरे पास आई और मेरे पीठ पर चिपक कर बिना कुछ बोले खड़ी रही ।



दोनो ने कुछ न बोला कुछ देर । फिर मम्मी ही मुझसे बोली " मस्ती मतलब कैसा मस्ती कितना मस्ती "



में मम्मी की तरफ घुमा और उनकी कमर पकड़ के बोला " इसके ऊपर की जो भी मस्ती हो सके उतना ही और कुछ नही "


मम्मी एक गहरी सांस ले कर बोली " मुझे सोचने दो । मेरा जमीर मुझे इसकी इजाजत देती है या नही समझने दो । ठीक हे "


में हा में सर हिलाया तो मम्मी मेरा होठ चूम के मेरे कमरे से निकल कर चली गई ।
 
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बड़ी बेबसरी में इंतजार में था उम्मीद कर रहा था की मम्मी मान जाय । पापा तो पीने चले गए थे रात 11 , 12 से पहले तो आने वाले थे नही । खाना खा कर में मम्मी के कमरे की तरफ ही मंडरा रहा था मम्मी कमरे में थी । पता नही क्या कर रही थी वो कमरे में ।



ऐसे ही 10 बज गए में सोचने लगा की उनके कमरे में जा के पूछ लूं क्या पर अजीब सा दर लगा कही मम्मी ना करे तो । और में ऐसे ही अपने कमरे में आया । कुछि देर में मम्मी मेरे कमरे में आई और मेरा दिल खुशी से झूम उठा अभी तक मम्मी ने हा नही कहा था पर पाता नही क्यू मम्मी को देख के ही मेरी मुस्कान फेल गया ।


मम्मी धीरे धीरे मेरे करीब आई मैंने मम्मी को बाहों में भर लिया । और पूछा " तोह क्या सोचा मम्मी हह्ह्ह "


मम्मी भी मीठी आह्ह्ह्ह् ले के बोली " में तैयार हूं "



में मम्मी की चेहरे को हथेलियों में ले के उनकी आखों में झांक के बोला " सच्ची । सच में । लेकिन कैसे । क्यू मां गई "



मम्मी शर्मीली मुस्कान से बोली " मुझे नही पता । " और फिर प्यार से धमकाती हुई बोली " में क्या इंसान नही हूं । मेरा मस्ती करने का मन नही करता क्या "


में मुस्कुराते हुए देर किए बिना सीधा मम्मी की होठ चूसने लगा । में उनकी कमर पकड़ के उनकी मखमली कमर की चर्बी मसल दिया मम्मी सेहक उठी मेरी छाती पर मेरी टी शर्ट कस के पकड़ के उम्ह्ह्ह्ह कर के आवाज निकाली । और खुद मेरी होठ दातों में दबाने लगी में उनकी पीठ सहलाने लगा । होठ चूसते चूसते में उनकी गर्दन चूमने लगा मम्मी इधर उधर गर्दन घुमाती हुई मेरी सुविधा बढ़ा रही थी । में होठ खोल के जीव लगा मम्मी का गला चूमने लगा । मम्मी भी आंख बंद करती हुई मेरी बदन से चिपकने की कशिश करती सहलाती मेरा सर पकड़ के अपनी गर्दन चूमने में मेरा मदद करती ।



उनकी नाक से गर्म सासें निकलने लगी और सांस की गूंज मुझे मदहोश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था । में धीर धीर मम्मी की टी शर्ट ऊपर उठाते हुए निकालने लगा तो वो भी अपनी दोनो हाथ ऊपर कर दी । वो ब्रा पहनी हुई थी में धीरे से उनकी चूचियां ब्रा के ऊपर सहलाया वो शरमा गई ।



में उन्हे धीर धीरे से बिस्तर के ऊपर ले गया और में उनके ऊपर चढ़ कर उनकी चुचियों की ऊपर छाती के ऊपर के हिस्सा में जीव लगा के चूमने लगा । मम्मी पता नहीं शरम के कारण या आनंद के आंखे नही खोल रही थी लेकिन मेरा पूरा साथ दे रही थी हल्की हल्की सिसकारियों के साथ ।



में उनकी कंधा और छाती अच्छे से चूम चूम के उनकी सुथौल चर्बीयों से नाजुक बाह दातों से काटते हुए चूसने लगा तब मम्मी मुझे आधी खुली आंखों से देखती हुई मेरा गाल सहला देते हे । उनकी क्लीन कांख से गंध मुझे सूंघने को मिला में और भी उत्तेजित हो रहा था । में सीधा मम्मी की कांख पर मुंह रगड़ के चूमने लगा ।



मम्मी मेरा सर पकड़ के बोलने लगी " ओह मेरे बच्चे गंदा है नही करते । उन्ह्ह्हु"



मेरा चेहरा और मेरी आंखे वासना से लाल हो चुका था और में मम्मी को देख बोला " जब भी आपकी बगल देखता हूं तो मन करता है खा जाऊं । और जब गीली रहती है पसीने से तब और ज्यादा सेक्सी लगती हो आप "


मम्मी बोली " तो तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते थे "


में बोला " पहले नही । पर आप भी जमीदार हो आपको इतनी सेक्सी होने की क्या जरूरत हे "


मम्मी शर्म से मुस्कुराई और मुंह फेर ली । में फिर उनकी कांख चूम चूम के उनकी ब्रा की हूक खोल दिया और मम्मी ने खुद अलग किया। में उठ कर मम्मी की नंगी जिस्म देखने लगा मम्मी शर्ममिली मुस्कान से पूछा ऐसे क्या देख रहे हो ।


में बोला " आपको नही पता आप कितनी सेक्सी हो । आपकी बदन में कितना रस भरा हुआ हे। पापा बोहोत किस्मत वाला हे जो आपको भोगने मिला उन्हे "



मैं मम्मी के ऊपर झुक गया और मम्मी मुझे कस के गले लगा के कान में बोली " आज तू भी तो आधी मस्ती करने वाला है "


में मुस्कुरा के मझाक कर के बोला " हा। आपकी दोनो आम निचोड़ के पोपला बना दूंगा "


मम्मी मेरा कान मोड़र के बोली " चुप बदमाश गंदी बाते करता हे "
 
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में मुस्कुराने लगा " अच्छा और जो आप वीडियो पे लाइव वीडियो पे गंदी गंदी बाते बोलती हो वो "


मम्मी बुरी तरह शरमा गई और बोली " चुप । वो मेरा काम हे लोगो को रिझाने का । वो जिंदगी अलग हे समझा । और तू आज काल मुझसे कुछ ज्यादा ही खुलने लगा है। हद में रहना नही तो बिगड़े हुए को ठीक करना आता है मुझे "


में बत्तीशी दिखा के मम्मी की चुचियों की तरफ चड़क आया मम्मी मुझे देखने लगी। पहले में उनकी गर्म फरफराती हुई चूचियां दोनो हाथो से पकड़ते हुए दरार पर चूम के घ्राण लिया गहरी सांस के साथ मैने देखा मम्मी तड़प उठी कसमसाती हुई बाजुए सर के ऊपर मसलने लगी । में दोनो चूची दबाते हुए मसलते हुए कभी ये कभी वो ऐसे ही चूसने लगा ।




कुछ देर बाद मम्मी मेरे सर पकड़ के चूची पर मुंह दबाने लगी आअह्ह्हह आह्ह्ह्ह्ह इस्स्ष्ठ आईएसएसएसएसएस करने लगी । धीर धीरे उनकी शर्म आनंद के बदल रही थी । में भी उनकी चेहरे की आओ भाव कभी कभी देखते हुए उसी हिसाब से चूसता ।


एक बार मैने दातों में कटा मम्मी की निपल तो वो सिहर उठी तो मैने थोड़ा जोर से काट दिया । मम्मी उछल पड़ी और मेरा सर पकड़ ऊपर उठाते हुए बोली " उईह बदमाश । ऐसा नही करते मम्मी के साथ प्यार से मस्ती करो "
मम्मी अपनी नाक से मेरे नाक रगड़ के प्यार जताई ।





में मासूम सा चेहरा ले कर फिर मम्मी की चूची चूसने लगा । मम्मी तेज आहे भरने लगी मुझे समझने देर नही लगी की मम्मी काफी उत्तेजित है वो मुझे खुद पे गर्व होने लगा की में पहली बार किसी औरत को छू रहा हूं और मेरा तरीका उसे पसंद आया वो उपोभोग कर रही हे ।




में धीर धीरे से चड़कते हुए मम्मी की मखमली गुदाज पेट होठों से दबा के चूसने लगा और कही कही जगह दातों से काटने लगा । मम्मी उत्तेजित मधुमक्खी की तरह गुनगुना उठी सर पटकते हुए " आई आई । उह्ह्ह्ह्ह बाबू । उह्ह्ह्ह्ह मेरा बाबू "



में भी जोश में उनकी पेट चूम चूम के जीव से चाट के उनकी नाभि जीव से कुरेद कुरेद के बोहोत उत्तेजित किया। मम्मी इतनी उत्तेजित थी वो तड़पती हुई करवट में उलट पड़ी तो में उनकी मखमली चिकनी पीठ चूमने लगा । कंधे से धीर धीरे चूमते चूमते उनकी कमर तक चूमने लगा । उनकी उभरी हुई कूल्हे देख कर मेरा मन उस मसलने को हो रहा था पर सोचा आज के लिए इतना ही काफी कही लेने का देना पर जाय ।



मैंने मम्मी को फिर पलटा और इस बार मम्मी घुटने मोड़ के टांगे खोल दी तो में भी मौका देख के में उनके टांगो के बीच झुक के उनकी दोनो चूचियां हाथों से मसलते हुए उनकी नाभि जीव से फिर कुरेद कुरेद के चाटने लगा ।



मम्मी तड़प तड़प कर आहे भरने लगी । उनकी चुचियों की निपल अपनी उंगलियों से पीचता मोड़र देता वो और भी बलखा जाती और अचानक वो अपनी कमर झटका देन लगी तो में पहले कुछ समझ नहीं पाया उन्हें छोड़ दिया और मेरी नज़र उनकी लैगिंग के बीच पड़ी जो गीली धब्बा बन चुका था
 
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मम्मी मुझे खींच कर मुझे अपने बाहों में भर कर बोहत प्यार जताने लगी तो में भी शैतान उसे परेशान करने लगा " मम्मी आप कांप क्यू उठी थी "

मम्मी नजरे नही मिला रही थी शर्म आ रही थी । तो मैने उनका गाल चूम के पूछा " बताओ ना क्यू आप कांप उठी थी । आपको मेरी कसम"



अब मेरी कसम कैसे तोड़ती उसने शर्म से मेरी तरफ ना देखते हुए बोली " क्यू की मम्मी को शर्मसुख हो गईं है "



में मुस्कुरा के बोला " मम्मी बिना किए कैसे हुआ "


मम्मी प्यार से मुझे थप्पड़ मारती है " सब तेरा कमाल तूने बोहोत अच्छे से मस्ती की इसलिए "



में बोला " अच्छा लेकिन ये तो चीटिंग हुई ना। आपने पूरा मजा ले लिया लेकिन में तो अधूरा हूं "


मम्मी मेरा कान पकड़ के बोली " मम्मी की वीडियो देख के जो करता हे जा के वो कर बाथरूम में पूरा हो जाएगा "



में हास के बोला " ना ये कोई तरीका नहीं है। जैसे आपने पूरा मजा लिया ठीक वैसे ही में भी मजा लूंगा *



मम्मी बोली " तू चाहता क्या है"


में हमारी कपड़ों के ऊपर से ही उनकी चूत पर दो धक्के मार के बोला " ऐसे ही ऊपर से मजा लूंगा "


मम्मी तुरंत सख्ती से मना कर दिया " नही कभी नही ऐसा कभी नही होगा "


में मम्मी को कस के पकड़ते हुए उनकी चूत पर धक्का मारते हुए मम्मी को मनाने लगा " प्लीज मम्मी सच में नही कर रहा हूं ऐसे ही मस्ती करूंगा "



पर मम्मी को आया गुस्सा और उसने जड़ दिए मेरे दोनो गाल पर उल्टे पलते थप्पड़ । मम्मी थी में भी दर गया और दिल भी टूट गया। क्या करता में मम्मी से अलग हो कर दूर हो गया । अब मम्मी खुद ही मुंह छुपा के सुबक सुबक के रोने लगी और कहने लगी " ये सब क्या हो रहा है। हो क्या रहा हे। ना चाहते हुए भी हो रहा हैं। बेटा तुम भी ना। मुझसे ही क्यू हा। उफ्फ मां हो क्या रहा है ।"



में भी मम्मी के पास जाने की हिम्मत नही की और मम्मी 5 मिनिट तक सुबकती रही । और पता नही मम्मी को क्या हुआ वो मुझे रवानी आवाज में बुलाई । में भी उनके पास कसमाकास ले कर बैठ गया ।


मम्मी बोली " सॉरी मुन्ना "


में उनकी हाथ पकड़ के बोला " आप क्यू सॉरी हो में सॉरी हूं "


मम्मी बोली " तुम नही समझोगे पर इसका जमीदार भी तो में ही हूं । अच्छा लाइट बंद कर दो "



मैंने लाइट तो बंद कर एकदम अंधेरा था । मम्मी बोली " अपने सारे कपड़े उतारो "


मुझे तो कुछ समझ नहीं आया पर मैने मम्मी के कहे अनुसार सारे कपरे उतार लिए। मम्मी बोली आप ऊपर । में बिस्तर पर चढ़ा ।
 
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मम्मी ने मुझे अंदाजे से मेरा हाथ पकड़ती हुई मुझे खींचा । और मुझे एक झटका लगा क्यू में मम्मी की पीठ के ऊपर और हम दोनो नंगे । मम्मी प्यार से बोली " बुबू मुझे पकड़ो "


में मम्मी की छाती पर हाथ घुसाते हुए उनकी दोनो चूचियां हाथो में पकड़ के बाहों में भर लिया । मम्मी धीमी धीमी लफ्ज़ में कहने लगी " बाबू तुम अंदर मत करना हा । जहा में तुम्हारा लगा दूं तुम वोही पे रगड़ने लगा "



एक अद्भुत एहसास था दिल जोरो से ढक ढक करने लगा । मन में सवाल था की मम्मी मेरी खुशी के लिए अपनी जमीर को मार तो नही रही हे । मम्मी ने मेरे आधे खड़े लंद को पकड़ के अपनी बड़ी बड़ी पुथ्ठों की दरार में रख के धीरे से बोली " हा बाबू यहां पे शांत हो जाओ "



में बोहोत भाबुक हो गया और मम्मी को चूम के बोला " मम्मी आई लव यू। में सिर्फ मस्ती नही करना चाहता मेरे मस्ती में प्यार हे"


मम्मी भी बोली " हा रे मेरा मुन्ना में जानती हूं । इसलिए तो चाह कर भी तेरी ख्वाइस रोक नही पाती । अच्छा अब तू शांत हो जा आराम से रगड़ "



मैंने धीर धीरे धक्का देने लगा मेरा लन्ड खड़ा होने लगा मम्मी ने अपनी टांगे पूरी तरह से चिपका रखी थी और पता नही मम्मी ने अपनी नितंब पर तेल लगा लिया था जिसकी वजह से आराम से पिछले हुए मेरा लन्ड उनकी चर्बियो से भरी बड़े और मुलायम गांड की दरार में रगड़ खा रहा था ।


मुझे मजा आ रहा था और मेरा मन उत्तेजित की और बढ़ता जा रहा था मेरी कमर की रफ्तार बढ़ गया तप तप ताप ताप मम्मी की कूल्हों से आवाज उत्पन्न होने लगी । में बेहेकता हुआ मम्मी की चूचियां दबाते हुए बोले जा रहा था " मम्मी मुझे मजा आ रहा हे। मम्मी बोहोत मजा आ रहा हे। बोहोत मजा आ रहा है"


मम्मी भी सिसकारियां दे रही थी " हा मुन्ना हा । लो मजा लो । मुना मेरा मुन्ना "



और उम्मीद नही थी की ऐसा होगा में कमर उठा उठा के लंबे लंबे धक्के दे रहा था की अचानक मेरे लन्ड का सुपाड़ा मम्मी की गांड की छेद के घुस गया । मम्मी बिलबिलाती हुई " ओहो ओओआई । मर गई मैया "


मम्मी उठने को तड़प उठी मुझे लगा की अब नही मिलेगा तो में भी मम्मी को कस के पकड़ के कमर की दवाब दिया और शायद मेरा आधा लंद तो घुस ही गया था । क्या एहसास था हद से ज्यादा गर्म और ऐसा लगा जैसे मैने अपना लन्ड मक्खन की बॉटल में घुसा दिया हे। और मम्मी की गांड की छेद इतनी कसी हुई थी की जैसे उनकी छेद का घेरा मेरे लन्ड के घेरे को कस के जकड़ ली हे ।



में रुका और मम्मी गहरी सांस लेती हुई " उफ उफ बाबा । उफ्फ इसी का दर था अह्ह्ह्ह। आह रुक जा "
 
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एक मिनिट दो मिनिट कर के में रुका रहा मम्मी भी कुछ ना बोल के कराहती रही ।


में मम्मी की कान में बोला " मम्मी अब "


मम्मी भी कुनमुनाई " हा अब "


में बोला " वोही तो अब क्या "


मम्मी भी बोली " वोही तो अब क्या उन्ह्ह "



में हास के मम्मी की गर्दन काट के बोला " मम्मी सोच समझ के मजाक किया करो । आपकी गर्दन मेरे तलवार के निशाने पर । सारा मोर्चा मेरे हाथ पर "



मम्मी की भी हसी निकल आई " अच्छा अच्छा । आराम आराम से करो मेरी वाहा आदत नही हे " मम्मी मेरा गाल चुने लगी ।



और में धीरे धीरे से धक्का देने लगा मम्मी भी अपनी टांग खोल देती है। मेरी हर धक्के में मम्मी आह्ह्हह्ह् उन्ह्ह्घ कर कराहने लगी । मुझे एहसास था पर में मम्मी की बड़ी गांड मार रहा हूं विश्वाश नही हो रहा था । मम्मी को आनंद थी वो मेरा प्यार पाना चाहती थी बार बार गाल मुंह आगे कर देती थी और में उनकी गाल उनकी गर्दन चूम चूम के ढेर प्यार जटा रहा था । मम्मी की गांड बोहोत चुस्त छेद थी जिसके कारण मेरा लन्ड ठीक से जा ही नहीं पा रहा था लेकिन सुपाड़े में ही तो असली मजा हे मुझे अनोखा मज़ा आ रहा था । मम्मी की कामुक आह " आह उई उई । बेटा आह आराम से आह। हुईं उह्ह्ह् बेटा उह्ह्ह्ह्ह्"



मम्मी की चूचियां भी दबा के धक्का देने में बोहोत मजा आ रहा था । जो मजा मैने कभी नही लिया वो आज मुझे मिल रहा था जब रोम रोम काम आनंद हो तो क्या गलत क्या सही विचार सोचना । ऊपर से मम्मी की सच में इतनी कामुक सिसकारियां निकल रही थी या फिर मुझे आनंद देने के लिए जान बूझ कर सिसकारियां मार रही थी मम्मी के रही थी " आह ओए बाबू । आराम से दुखता हे । उह्ह्हह धीर धीरे मेरा सोना उह्ह्"


हा मुझे भी तो बोहोत टाईट लग रहा था उनकी गांड मेरे लन्ड को कस के जैसे जकड़ रखना चाहता हों जैसे प्लास्टिक रब्बर हो । मुझे मेहसूस होने लगा की मेरी आनंद बढ़ गई है और नशों में जैसे उबाल आ रहा है। और में आवेश में जोर लगा के धक्का देने लगा तो मम्मी सर पटक पटक के अपनी टांगे चिपका ली " आह उई आह आह उई आह बाबू ना आह "


मेरा फबक फबक के निकलने लगा मम्मी की गांड के अंदर अपने आप लंद झटका खाते हुए अंदर की और दबा दबा के धक्के देने को मजबूर किया और में धीर धीरे शांत होने । मेरी शरीर ऐसा लगा मेरी सारी शक्ति निकल गई हो । में हाफ हाफ के निधल हो कर मम्मी की ऊपर से गिर पड़ा । अंधेरा था कुछ ठीक से दिखाई नही दे रहा था मम्मी की भी थकान को सांसे सुनाई देने लगा मुझे । कुछ देर बाद मुझे आभास हुआ कि मम्मी मुझसे बिना कुछ कहे मेरे कमरे से निकल गई । में भी नंगा ही रहा और बस सुखद एहसास करता रहा ।
 
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एक मिनिट दो मिनिट कर के में रुका रहा मम्मी भी कुछ ना बोल के कराहती रही ।


में मम्मी की कान में बोला " मम्मी अब "


मम्मी भी कुनमुनाई " हा अब "


में बोला " वोही तो अब क्या "


मम्मी भी बोली " वोही तो अब क्या उन्ह्ह "



में हास के मम्मी की गर्दन काट के बोला " मम्मी सोच समझ के मजाक किया करो । आपकी गर्दन मेरे तलवार के निशाने पर । सारा मोर्चा मेरे हाथ पर "



मम्मी की भी हसी निकल आई " अच्छा अच्छा । आराम आराम से करो मेरी वाहा आदत नही हे " मम्मी मेरा गाल चुने लगी ।



और में धीरे धीरे से धक्का देने लगा मम्मी भी अपनी टांग खोल देती है। मेरी हर धक्के में मम्मी आह्ह्हह्ह् उन्ह्ह्घ कर कराहने लगी । मुझे एहसास था पर में मम्मी की बड़ी गांड मार रहा हूं विश्वाश नही हो रहा था । मम्मी को आनंद थी वो मेरा प्यार पाना चाहती थी बार बार गाल मुंह आगे कर देती थी और में उनकी गाल उनकी गर्दन चूम चूम के ढेर प्यार जटा रहा था ।
Wahh bhai akhir kar bete ne maa ko chod hi diya uski mast badi gadrayi gand mar di ab chut ki bari puri aag bujha dena iski
 

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