पापी परिवार--8
दीप को तनवी के बारे मे बता कर जीत ने जो झटका दिया दीप उसे सह नही पाया और ऑफीस के बेड पर ही उसे नींद ने अपने आगोश मे ले लिया
वहीं घर पर सभी मेंबर्ज़ अपने अपने कमरो मे बंद थे ..रात को तकरीबन 12 बजे निम्मी अपने कमरे से बाहर निकली ..दिन मे अपने डॅड के साथ हुई घटना के बाद ये उसका पहला कदम था अपने रूम से बाहर निकल्ने का ..शायद भूख की वजह से वो नीचे हॉल से होती हुई किचन मे पहुचि और देखा तो उसकी प्लेट ज्यों की त्यों सजी रखी थी ..कम्मो ने डिन्नर के वक़्त उसे 20 सों आवाज़ें दी कि हॉल मे आ जाए लेकिन निम्मी ने उसका कोई जवाब नही दिया ..एक मा होने के नाते वो निम्मी की प्लेट को लेकर उसके कमरे मे भी गयी लेकिन निम्मी ने सोने का ऐसा नाटक किया जैसे सच मे बहुत गहरी नींद मे हो और थक हार कर कम्मो ने वापस उसकी प्लेट को किचन मे रख दिया ..रात लेट सोने की आदत से वाकिफ़ कम्मो ने सोचा जब उसकी नींद खुलेगी अपने आप खाना खा लेगी
माइक्रोवेव मे खाना गरम कर निम्मी ने सिर्फ़ एक रोटी खाई और पलट कर किचन से बाहर निकल गयी ..हॉल मे पहुच कर डाइनिंग - टेबल पर रखे 2 - 3 केलों पर झपट्टा मार वो स्टेर्स चढ़ती इससे पहले उसकी नज़र ग्राउंड फ्लोर पर बने अपनी बड़ी बहेन निक्की के कमरे की विंडो की तरफ घूमी ..खिड़की से बाहर आती ट्यूब - लाइट की रोशनी देख उसे अंदाज़ा हो गया कि निक्की अभी सोई नही है ..उसने एक बनाना छील कर उसका छिल्का आदत अनुसार . फ्लोर पर गिराया और धीमे कदमो से उसके रूम की तरफ बढ़ने लगी
" दी बहुत बोर इंसान है ..फिर आज मुझे नींद भी नही आ रही ..कोई मुर्गा भी नेट चॅट के लिए नही है क्यों ना आज दी का दिमाग़ खाया जाए ..वैसे भी उस बस्टर्ड से बदला लेने के लिए मुझे उसकी ज़रूरत पड़ सकती है "
ऐसा मंन मे सोच निम्मी के शैतानी मंन ने अंगड़ाई ली और उसके हाथ ने रूम का गेट नॉक कर दिया
लगभग 5 सेकेंड का वक़्त भी नही बीत पाया होगा और निक्की ने गेट खोल दिया ..सामने खड़ी अपनी छोटी बहेन को देख कर उसे एक करेंट सा लगा ..बात दरअसल ये थी कि आज पूरे 3 महीने बाद निम्मी उसके कमरे मे आई थी ..भले ही दोनो बहनो की आपसी बात - चीत हमेशा से अच्छी रही लेकिन रूम मे आना जाना ना के बराबर था ..निक्की ने तो अक्सर यही चाहा कि वो निम्मी को वक़्त दे सके ताकि उसकी छोटी बहेन के नेचर मे थोड़ी तो कूलनेस आए लेकिन उसे क्या पता कि निम्मी का माइंड सेन्स तो आइनस्टाइन को भी फैल करने के लिए काफ़ी था
निक्की ने जिस स्पीड से गेट खोला अगर निम्मी का गेट किसी ने नॉक किया होता तो उसे 5 मिनट तो खुद के नंगे बदन को कपड़ो से ढकने मे लग जाते और निम्मी की इस गंदी आदत से घर का हर सदस्य अच्छी तरह से वाकिफ़ होने से गेट पर वेट करना किसी को भी आखरता था
" मिस वैजयंती माला ..अगर आप की इजाज़त हो तो क्या ये मल्लिका शेरावत आपके कमरे मे आ जाए ? "
निम्मी ने हँसते हुए निक्की से कहा ..अकसर अपनी बहेन का ड्रेसिंग सेन्स देख उसे पुरानी अदाकारा वैजयंती माला की याद आ जाती और तो और अब वो निक्की को इसी नाम से बुलाती भी थी
" हां हां आजा ..वैसे आज तेरे पवन कदम मेरे ग़रीब खाने मे कैसे पधारे ? "
निक्की ने भी सेम उसी मजाकिया अंदाज़ मे जवाब दिया
" ऊफ्फ ओह ..गेट से तो हट दी "
निक्की की बात सुन निम्मी भी बड़ी कातिल अदा के साथ हाथ मे पकड़े केले को अपने मूँह मे डाल कर चूसा और हल्का सा दांतो का कट बना कर बाहर निकाल दिया ..सीन देख निक्की के तन बदन मे तो जैसे आग ही लग गयी ..केला बिल्कुल लंड के आकार मे आ गया था
" सुधर जा ..सुधर जा ..वरना बहुत मार खाएगी मुझसे "
निक्की ने गेट से हट कर उसे रूम के अंदर आने दिया और बिना गेट को लॉक किया उसके पीछे चलती हुई खुद भी बेड पर बैठ गयी
" दी गेट तो लॉक कर दे ..ऐसे खुला अच्छा नही लगता "
निम्मी ने केले के साथ की हुई हरकत को दोहराते हुए कहा
" उससे क्या प्राब्लम है ..वैसे भी मैं अपने रूम मे कुछ भी ऐसा नही करती जिससे मुझे गेट को लॉक करना पड़े "
निक्की ने अपना चेहरा उसी किताब मे झुका कर कहा जिसे वो थोड़े वक़्त पीछे निम्मी के कमरे मे आने से पहले पढ़ रही थी
" दी क्या तू भी मुझे बेशरम समझती है ? "
निम्मी ने अपने हाथ मे पकड़े फ्रेश केले से उसकी कमर को गुद गुदाते हुए पूछा
" ओउछ्ह्ह..... निम्मी मुझे ऐसे मज़ाक कतयि पसंद नही ..तो ये लास्ट वॉर्निंग है तेरे लिए ..समझी "
निक्की की कमर पर केले के एहसास ने उसे बेड पर उच्छलने पर मजबूर कर दिया ..बाद मे उसने गुस्से से निम्मी को अपनी उंगली दिखाते हुए डांटा
" क्या यार मेरा सारा रोमॅंटिक मूड ख़तम कर दिया ..छोड़ अगर तुझे बुरा लगा हो तो सॉरी ..मैं जा रही हूँ "
निम्मी ने बुरी सी शकल बनाते हुए ड्रामा किया और बेड से उतर कर रूम के बाहर जाने लगी
" मतलब कि कमरे से चली जाएगी लेकिन सुधर नही सकती ..ओये नोतंकी चल वापस जा "
निक्की उसके नाटक को समझ कर बोली ..उसको पता था कि निम्मी एक नंबर. की ड्रामे बाज़ है
" पहले मुझे सॉरी बोल "
निम्मी ने बिना पलते ही अपना फ़ैसला सुनाया और इंतज़ार मे अपने बढ़ते कदमो को रोक लिया
" तो मल्लिका जी ..मैं अपने कान पकड़ कर आप से क्षमा मांगती हूँ ..क्या आप इस वैजयंती को माफी दे कर कृतार्थ करेंगी "
निक्की ने उसका मूड बनाते हुए कहा और निम्मी ने उसकी तरफ पलट ते हुए अपने मोती जैसे दाँत बाहर निकाल दिए ..निम्मी के इस खूबसूरत अंदाज पर तो कामदेव भी फिदा हो जाते ..वो इस वक़्त एक ब्लॅक 1 पीस स्कर्ट पहने खड़ी थी जो स्ट्रॅप से उसके कंधे को और नीचे से सुडोल जाँघो को कवर कर रहा था ..ब्रा ना पहेन होने का एहसास उसकी चूचियों के तने निपल स्कर्ट के उपर हिस्से पर निशान बनाते हुए गवाही दे रहे थे और तो और स्कर्ट के नीचे पहनी डार्क रंग की छोटी सी थ्रेड पैंटी का धागा उसकी जाँघ से नीचे लटक रहा था ..माना निक्की का बदन अपनी छोटी बहेन के मुक़ाबले ज़्यादा भरा था लेकिन जो अदाए लड़को पर कहेर ढाने के लिए एक लड़की मे होनी चाहिए वो निम्मी मे कूट - कूट कर भरी थी ..उसका ये रिलॅक्स्ड पोज़ देख एक पल को निक्की की पलके झपकना भूल गयी और उसके अंतर मंन ने अपनी छोटी बहेन की तारीफ़ मे ' वाह ' की अर्ज़ी ठोक दी
" ऐसे नही ..अपने दिल से सॉरी बोल "
निक्की को अपने सपने मे खोता देख निम्मी ने उसे बात के ज़रिए जागाया
" हां - हां दिल से सॉरी "
निक्की ने खुद की सोच पर मुस्कुराते हुए अपनी दोनो बाहें हवा मे उठा दी जैसे अपने प्रेमी को आलिंगन मे लेने की भीख माँग रही हो
" अब तो तू गयी दी ..तेरा रेप हुआ समझ "
प्यार के वशीभूत निम्मी खुद को रोक नही पाई और हाथ मे पकड़े केले को ज़मीन पर गिरा कर दौड़ती हुई बेड पर उच्छल गयी ..निक्की को कतयि इसकी उम्मीद नही थी ..कहीं निम्मी को चोट ना लग जाए इस के चलते उसे भी तुरंत ही बेड पर लेटना पड़ा और अगले ही पल निम्मी उसके लेटे बदन से बुरी तरह लिपट गयी ..या यूँ कहिए गिर पड़ी ..वजन और हाइट सेम होने से दोनो लड़कियों के उभार एक ज़ोरदार दबाव से आपस मे टकराए तो जैसे चिंगारी निकल गयी ..दोनो के अनटच बूब्स पर ये पहला घर्षण था फिर चाहे मर्द का हो या किसी औरत जात का ..निक्की एक ढीले टॉप मॅचिंग का फुल लोवर पहने थी और ब्रा से उसके बूब्स बुरी तरह से जकड़े हुए थे ..वहीं निम्मी की गान्ड हवा मे लहरा रही थी और अपने मुड़े घुटने उसने निम्मी की कमर के आजू बाजू निकाल रखे थे ..नतीजा उसकी स्कर्ट खिसक कर लगभग आधी पीठ पर आ गयी और शानदार व्यू बनाती थेराड पैंटी से 70 % बाहर निकले गोल चूतडो की दरार पूरी तरह से विज़िबल हो गयी
जाने क्यू निक्की को उसके शरीर का भार अपने शरीर पर बिल्कुल भी महसूस नही हो रहा था और तो और निम्मी की ऊपर उठी गान्ड को ढकने की भी उसने कोई कोशिश नही की
" अब बोल ..कभी डान्टेगी मुझे "
निम्मी ने उसके दोनो हाथो पर अपने हाथ रखते हुए कहा लेकिन दोनो के बूब्स अभी भी उसी दवाब से चिपके थे ..निम्मी को आज वैसे भी डीप ने बहुत गरम कर दिया था बट निक्की इस मीठे दर्द से बिल्कुल अंजान थी
" नही डाटुन्गि मेरी मा ..अब उठ मेरे ऊपर से "
निक्की ने उसकी उठी गान्ड से नज़र हटाते हुए कहा ..दोनो के मूँह से निकलती गरम साँसे और उन सांसो के चलते बूब्स का घर्षण बेहद आनंद दायक था ..जो फीलिंग निक्की को आज हुई उसे पा कर वो बहुत अजीब सा महसूस कर रही थी
" नही उठ ती ..आज मैं तेरा रेप करने के मूड मे हूँ ..हा हा हा हा ..मैं गब्बर तू बसंती "
निम्मी ने उसकी मनोदशा को ताड़ते हुए जवाब दिया ..कहीं ना कहीं वो इसे अपने गेम का ही पार्ट मान चुकी थी
" पागल गेट खुला है और निकुंज भैया का रूम बिल्कुल बगल मे है ..ठीक नही होगा अगर वो इस वक़्त कमरे से बाहर निकल आए तो "
निक्की ने उसे अपनी समस्या बताई लेकिन वो चाहती थी कि निम्मी उसके उपर इसी तरह से थोड़ी देर और लेटी रहे
[ यहाँ एक बात बताना चाहूँगी ..घर के 1स्ट्रीट फ्लोर पर निम्मी और उसके पेरेंट्स का कमरा है और ग्राउंड फ्लोर पर निक्की और उसके भाई निकुंज का ..बात सिर्फ़ नेचर की थी जिसने करमो का डिस्ट्रिब्यूशन अपने आप ही कर दिया था ]
" तो अगर ये गेट लॉक होता तो क्या तू मुझे अपना रेप करने देती ? "
निम्मी ने अपने होंठ उसके होंठो के करीब ला कर पूछा ..वो जान कर साँसें भी बड़ी गहरी और तेज़ी से ले रही थी
" समझा कर ..बचपना छोड़ ..भले भैया की नींद कुंभकारण को मात करती हो लेकिन अच्छा नही लगता ..अगर वो बाहर आ गये तो बेवजह डाँट पड़ेगी "
निक्की ने इस बार उसकी स्कर्ट को अपने हाथ से पकड़ा और नंगे पैंटी बंद चूतडो को ढकने लगी अचानक से उसका हाथ गान्ड पर घूम गया और वो निम्मी की पकड़ से आज़ाद हो गयी
" उईईइ मा ..छ्हीई मेरे पिछवाड़े को हाथ लगाती है "
ये बोल कर निम्मी ने बदला लेने की गर्ज से उसके लेफ्ट बूब को हाथ मे भर कर ज़ोर से पंप किया और उसके ऊपर से हट गयी
" आअहह ...निम्मी...... "
निक्की ने लगभग चीख छोड़ दी
" क्या हुआ दी ? "
निम्मी ने फिर से उसी बूब को छुना चाहा लेकिन तब तक निक्की ने खुद को सम्हाल लिया और उसका हाथ हटा कर खुद भी बेड पर बैठ गयी
" तेरा दिमाग़ तो सही है "
निक्की ने उसे डांटा ..उसके टॉप पर निम्मी के हाथ से रिंकल बन गये थे
" मैने क्या किया ..तूने मुझे वहाँ छुआ तो मैने तेरे वहाँ छु कर बदला ले लिया "
निम्मी ने अपने एक हाथ की उंगली से बूब्स की तरफ इशारा किया और दूसरे हाथ की उंगली अपनी गान्ड की तरफ कर दी ..सब जानते हुए भी भोलेपन का नाटक उसे बचपन से ही पसंद था
" वो तो मैने उसे तेरी स्कर्ट से ढका था लेकिन तूने तो मेरी जान ही निकाल दी "
निक्की ने उसकी बात से शरमाते हुए उसके मुलायम गाल पर प्यार की थपकी दे कर कहा
" सॉरी दी "
निम्मी ने अबकी बार मायूसी का नाटक किया तो निक्की ज़ोरो से हंस दी
" अच्छा छोड़ तू ये बता किसी ख़ास काम से कमरे मे आई थी क्या ? "
निक्की ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा
" वो दी वो..... "
निम्मी क्या बहाना उसे देती ये सोचने मे उसके शैतानी दिमाग़ ने अपना काम शुरू कर दिया
" हां हां बोल "
निक्की अब पूरी तारह से नॉर्मल हो चुकी थी
" वो दी ..पहले प्रॉमिस करो डान्टोगी नही "
जब तक निम्मी के माइंड ने उसे रूम मे आने का एक बढ़िया सा बहाना सूझा दिया तो उसके चेहरे पर एक अजीब तरीके के भाव तैरने लगे
" गेट लॉक कर दू क्या ? "
निक्की भी समझ गयी कि बात कुछ पर्सनल है
" नही दी खुला रहने दो लेकिन मैं कैसे पूच्छू मुझे समझ नही आ रहा "
निम्मी ने अपना चेहरा नीचे झुका लिया
" अरे मैं तेरी बड़ी बहेन हूँ और उससे पहले एक लड़की ..मुझसे कैसा घबराना ..तू बेझीजक पूछ जो पूछना है "
बात का सीरीयस - पन निक्की के चेहरे पर भी शो होने लगा
" हेर रिमूवर यूज़ करने से कोई प्राब्लम तो नही होती ना "
निम्मी ने एक साँस मे अपनी बात पूरी की और अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा छुपा लिया ..जब निक्की को उसकी बात समझ आई तो उसके भी गाल शरम से लाल हो गये
" हेर रिमूवर "
शब्द मूँह से निकाल कर निक्की अतीत की यादों मे खो गयी जब उसके सर पर एक बोल्ड मॉडेल बनने का भूत सवार था ..तब उसके शरीर मे बहुत से बदलाव भी आना शुरू हो गये थे ..MC ..ब्रा की उपयोगिता ..पॅड चेंजिंग ..बॉडी के अन्द्रुनि हिस्सो पर बाल और भी कयि तरह की बातें ..लेकिन अपने शर्मीले नेचर के चलते ना तो वो इन चीज़ो के बारे मे अपनी माँ से कभी पूछ पाई नही ही किसी फ्रेंड से ..बाद मे कम्मो ने ही उसकी मनोदशा को भापते हुए थोड़ा वक़्त निकाल कर उसे हर बदलाव के बारे मे बखूबी समझाया ..यहाँ बात अगर निम्मी की नेचर की करें तो वो बिल्कुल अपनी बहेन से अलग थी और इंटरनेट के ज़रिए उसने खुद ही सब कुछ सीख लिया ..आज हालात ने निम्मी को अपनी बहेन से 80 % ज़्यादा आगे निकाल दिया था
" क्या सोच रही हो दी ? "
निम्मी की आवाज़ से निक्की का ध्यान टूट गया
" कुछ नही ..खेर हेर - रिमूवर यूज़ करने से कोई प्राब्लम नही आती "
निक्की ने उसके सर पर हाथ फेर कर कहा
" वो दी मुझे हेर्स से अपने यहाँ बहुत स्ट्रेंज सी फीलिंग आती है ..मैं कल ही खरीद कर यूज़ करूँगी "
निम्मी ने ये बोलते हुए अपनी चूत पर उंगली से इशारा किया और चेहरे को वापस ढक लिया
" अरे इसमे इतनी शरमाने वाली बात कहाँ है ..रुक मैं देती हूँ ..मेरे पास है "
ये बोल कर निक्की बेड से उतर कर अपने बाथ - रूम मे चली गयी लेकिन सच बात तो ये थी कि आज तक उसने कभी अपनी झान्टे सॉफ नही की थी ..बहुत घना जंगल उसकी चूत पर उगा हुआ था ..साथ ही उसे निम्मी की बात पर थोड़ी हैरानी भी हुई ..कहाँ इतना मोर्डर्न गेट - अप और अब तक हेर - रिमूवर यूज़ नही किया
" ये ले ..खुद लगा लेगी या मैं मदद करूँ "
निक्की ने क्रीम निम्मी के हाथ मे दे कर कहा
" ःऔउउउउउउ ......आप कितनी गंदी हो दी "
निम्मी ने उसकी बात का ये मतलब लगाया कि निक्की खुद उसकी झाटों को सॉफ कर देगी
" अरे मैं सॉफ नही करूँगी ..सिर्फ़ मेतड बताने के लिए ऐसा बोला ..बेवकूफ़ "
निक्की हंसते हुए बोली और साथ मे निम्मी भी मुस्कुरा दी
" मैं यूज़ कर लूँगी ..डोंट वरी "
ये बोल कर निम्मी बेड से उतर कर खड़ी हो गयी
" अच्छा सुन ..कल के लिए मुझे एक लोवर दे दे ..मेरे दोनो लोवर बुककेट मे गीले पड़े हैं "
हर रोज़ 5 बजे सुबह निक्की निकुंज के साथ दौड़ने जाती थी और साथ मे योगा भी करती
" दी आप को टाइट होगा ..मेरा वाला तो मुझे भी बहुत फिट आता है "
निम्मी ने कुछ दिन पहले एक लोवर खरीदा था ..लेकिन छोटे कपड़ो की आदत के चलते पहेन नही पाई
" चल ठीक है ..मैं ट्राइ कर लूँगी "
निक्की की आँखें वापस उसी किताब मे खो गयी जिसे पढ़ने मे वो थोड़ी देर पहले बिज़ी थी
" मैं अभी ला कर देती हूँ ..थॅंक्स फॉर दिस क्रीम और; "
निम्मी रूम से बाहर जाते हुए .........और......... पर रुक गयी
" और; क्या ? "
निक्की ने उसका चेहरा देख कर पूछा
" आइ लव यू मिस वैजयंती माला "
निम्मी ने एक फ्लाइयिंग किस उसकी तरफ उछाल दी
" लव यू टू मिस मल्लिका "
निक्की ने किस को हाथ मे पकड़ कर अपने गालो से लगा लिया और निम्मी दौड़ती हुई अपने रूम मे आ गयी ..वॉर्डरोब से लोवर निकाल कर वो वापस निक्की के रूम मे जाने को पलटी ही थी कि उसके दिमाग़ मे एक बात आई
" क्यों ना कल कोई ड्रामा किया जाए ..अगर लोवर मुझे इतना फिट आता है तो दी को कितना आएगा "
ये सोच कर उसने टेबल के कपबोर्ड से एक ब्लेड निकाली और लोवर की स्ट्रेचिंग थ्रेड काटने लगी
" हे हे हे हे ..कल आएगा मज़ा "
ब्लेड से थ्रेड काटने के बाद उसने लोवर को बॅक साइड से खीच कर देखा तो समझ गयी कि अगर निक्की कल इस लोवर को पहेन कर झुकी तो उसका पिच्छवाड़ा ओपन हो जाएगा वो भी निकुंज के सामने
उसने लोवर को वापस रॅप किया और निक्की के बेड पर फेक कर लौट आई ..निक्की ने एक नज़र लोवर पर डाल कर देखा और वापस अपनी पढ़ाई मे व्यस्त हो गयी ......
क्रमशः.....................................