सतीश फ़ौरन जा के अपना शेविंग किट ले आता है... ओर मम्मी को पकड़ के बाथरूम में ले जाता है... वहाँ वो कमोड पे बैठ जाता है... और अपनी मम्मी को सामने खड़ी होने को कहता है... मम्मी का पेट् ठीक उसके मुह के सामने है... सतीश फ़ौरन मम्मी का पेट् चूम के नाभि में अपनी जुबान फिराने लगता है... सानिया मस्ती में सिसकार के फ़ौरन पीछे हो जाती है... सानिया : सतीश मस्ती नही... तुम जो करने आये थे वो करो... नहीं तो में चली... सतीश : नहीं मम्मी.. तुम मत जाव... प्लीज्... मैं क्या करूँ मम्मी तुम्हे देख के मुझे मस्ती चढ़ने लगती है... सानिया :वो में कुछ नहीं जानति... अगर तुम ने मस्ती की तो... मैं चली... सतीश : अच्छा मम्मी अब में कोई मस्ती नहीं करुँगा... ये कह के सतीश ने शेविंग ब्रश गीला किया और मम्मी से कहा की अपना एक हाथ उठा के सर के ऊपर कर लो... सानिया ने वैसा ही किया... सतीश ने ब्रश पे शेविंग क्रीम लगयी और उनकी आर्मपिट पे रख के पहला स्ट्रोक लगया तो वह मचल उठी... सानिया : आआआह्ह्... है... जानु गुदगुदी हो रही है... सतीश : मम्मी थोड़ा गुदगुदी बर्दाश्त करलो... सानिया ने ठीक से खड़ी रहने की कोशिश की... लेकिन सतीश के ब्रश लगते ही वह फिर से मस्ती और गुदगुदी में हिल गयी... उस को बड़ी गुदगुदी लग रही थी... सतीश : मम्मी ऐसे काम नहीं चलेगा... रुको में कुछ करता हु... ये कह के सतीश ने अपनी मम्मी का एक स्तन अपने हाथ में पकड़ ली और मम्मी की बगल में ब्रश चलने लगा... सानिया मस्ती में सिसकार उठि... आह... मम... सतीश ये क्या कर रहा है... सतीश : मम्मी ऐसे तुम्हे गुदगुदी कम लगेगी... सानिया : है... ऐसे भले ही मुझे गुदगुदी कम लगेगी... मगर मस्ती जो चढेगी उसका क्या...? सानिया की चुत में सनसनी दौडने लगी... और मुह से सिसकारी निकलने लगी... आंह... मम... ओह... सतीश मज़े से मम्मी के स्तन को दबाते हुये उनकी आर्मपिट में ब्रश घुमाने लगा... इस तरहा से दोनों को मज़ा आ रहा था... एक आर्मपिट पर फोम बनाने के बाद सतीश खुद उठ के खड़ा हो गया और उसने अपनी मम्मी को कमोड़ पे बैठा दिया... और अपना खड़ा लंड मम्मी के मुह के पास हिलाते हुए उसने मम्मी की आर्मपिट पे रेजर चलाया... सानिया मस्ती में सिसकार उठि... ओह... ममा... आह...
सतीश मस्ती में अपनी मम्मी का स्तन दबाते हुए आर्मपिट शेव करने लगा... वो अपना खड़ा लंड मम्मी के होठो के पास ऊपर निचे करके हिलाने लगा... जल्दी ही सानिया का वह आर्मपिट शेव हो गया... फिर सतीश दूसरे आर्मपिट को शेव करने लगा... सतीश के लंड से प्रिकम निकल के सुपाडे पे चमकने लगा... सतीश ने अपनी मम्मी की दूसरी आर्मपिट शेव करते हुए अपने लंड के सुपाडे पे लगे हुए प्रिकम को अपनी मम्मी के होठो पे लगा दिया... सानिया इतनी मस्ती में थी की उसे इस बात का पता भी नहीं चला... वो तो बस मस्ती में अपनी आँखें बंद करके अपना मुह खोले सिसकारी ले रही थी... आह... ओह... सतीश को जाने क्या सुझा... उसने मौके का फायेदा उठाया और अपनी मम्मी के खुले मुह में अपने लंड के सुपाडे को अंदर बाहर करते हुए उनकी आर्मपिट शेव करने लगा... कुछ ही देर में सानिया की दोनों आर्मपिट शेव हो गयी... और जैसे सानिया ने अपनी आंखे खोली और अपना खुला मुह बंद किया... सामने का नज़ारा देख और अपने बेटे के लंड का सुपडा अपने मुह में मेहसुस करके वो मस्ती में उछल पदि... उसके होश उड़ गया... उसका जिस्म मस्ती में काम्पने लगा... और वो अपने बेटे के लंड का सुपाडा अपने मुह में लिए झड़ने लगी... उसकी चुत से वीर्य की नदी बहने लगी...
कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने अपने बेटे का लंड अपने मुह से बाहर निकाला और अपना सर झुका के शरमाने लगी... सानिया : सतीश... ये क्या था... तुम ये क्या कर रहे थे.. सतीश : मम्मी.. वो में... तो बस ऐसे ही... प्लीज मम्मी.. सतीश : वो मम्मी.. वो उस वक़्त तुम बहुत सेक्सी लग रही थी... तुम्हारा मुह खुला हुआ था... तो.. सानिया : तो क्या...? मेरा मुह खुला हुआ था... ("सानिया ने अपने बेटे के नौ इंच के लंड को देखते हुए कहा") तो इसका ये मतलब नही... की तुम उस में कुछ भी दाल दो...? सतीश : सॉरी मम्मी.. वो न जाने उस वक़्त मुझे क्या हो गया था... वो तो बस हो गया... सानिया : अरे कम से कम डालने से पहले मुझे बता तो दिया होता...? कहीं मस्ती में में उस प्यारी सी चीज़ को चबा गई होती तो...? सतीश : इस का मतलब... तुम मुझसे नाराज़ नहीं हो... सानिया : नही... लेकिन... सतीश : लेकिन क्य... सानिया : लेकिन ये की... अगली बार जब भी ऐसा कुछ करना मुझे बता के करना... समझे... सतीश : हाँ मम्मी.. सानिया : चलो... अब तुम जो काम कर रहे थे उसे पूरा करो... अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश अपना नौ इंच का खड़ा लंड अपनी मम्मी के मुह के पास ले के कहता है... सतीश : चलो मम्मी.. जल्दी से अपना मुह खोलो... ताकि में अपना लंड तुम्हारे मुह में दाल सकूँ... सानिया : जी नही... सतीश : नहीं क्यूं...? तुम ने ही तो अभी कहा की जो काम कर रहे थे उसे पूरा करो... सानिया : हाँ मैंने ही कहा था... की तुम जो काम कर रहे थे उसे पूरा करो... सतीश : तो फिर... मैं वो ही तो कर रहा हु... सानिया : जी नही... तुम वो नहीं कर रहे हो... सतीश : मतलब....! सानिया : मतलब ये की तुम मेरे जिस्म के बाल शेव कर रहे थे... न की मुझे अपना लंड चुस्वा रहे थे... सतीश : मम्मी.. एक बार मेरा लंड चूस दो ना प्लीज्... सानिया : नही... मैं नहीं करुँगी ऐसा कुछ... तुझे जो करने को कहा था वो तू कर रहा है... या फिर में चलि... ये कह के सानिया मुस्कुराने लगती है... सतीश अपना सर झुका के हाँ कहता है... सानिया : क्या बात है...? मेरा जानु नराज़ हो गया क्य...? चल तू भी क्या याद करेगा की किस दिलदार से मिला था... तु जो चाहता है वो में करुँगी... सतीश : सच्... क्या सच में तुम मेरा लंड चूसोगी... सानिया : हा... अगर तेरी यही चाहत है... तो मैं सच में अपने बेटे का लंड चूसूंगी... लेकिन... सतीश : लेकिन क्या...? सानिया : लेकिन अभी नही... बाद मे... अभी तू मेरे जिस्म के पूरे बाल शेव कर... सतीश : हाँ हाँ चलो ना... सानिया : चलो... कहाँ चलो...? सतीश : बाहर हॉल में डाइनिंग टेबल पर... वहाँ डाइनिंग टेबल पे तुम्हे आराम से लेटा के में तुम्हारे जिस्म के सारे बाल शेव करुँगा...
ये कह के सतीश अपनी मम्मी को गोद में उठा के बाहर हॉल में ले जाता है... और उसे डाइनिंग टेबल पे लीटा देता है...
सानिया इस वक़्त अपने बेटे के सामने डाइनिंग टेबल पे बिलकुल नंगी लेटी हुई शर्मा रही है... सतीश अपनी मम्मी के पैरों को घुटने से मोड़ देता है... जिससे उसकी मम्मी की झाँटों भरी चुत खुल के सामने आ जाती है...
सानिया : अरे ये क्या कर रहा है...? सतीश : इस तरहा से में तुम्हारे पैर अच्छे से शेव कर पाउन्गा. सानिया : अच्छा तो ये बात है... मैं तो कुछ और ही समझि थी... सतीश : क्या समझि थी...? सानिया :ये की...तु मेरी... चुत चाटने वाला है...
सतीश : ओह... अगर ऐसी बात है तो में तुम्हारी प्यारी रसीली चुत अभी चाटता हु... सानिया ने फ़ौरन अपने हाथों से अपनी चुत छुपा ली
सानिया : नही... अभी नही... अभी तू वो काम कर जिसके लिए तू मुझे यहाँ लाया है... मेरे जिस्म के बाल शेव कर... सतीश : ठीक है मम्मी.. ये कह के उसने ब्रश उठाया और अपनी मम्मी के पैरों पे शेविंग क्रीम लगा के उन्हें शेव करने लगा... कुछ ही देर में सानिया के दोनों पैर शेव हो गयी... सतीश : वाओ मम्मी तुम्हारे सेक्सी पैर शेव होने के बाद और भी सेक्सी लग रहे है... अब अगर तुम्हारी इजाज़त हो तो में तुम्हारी सेक्सी चुत की झांट साफ़ कर के उसे और भी सेक्सी बनना चाहता हु... क्या आपकी इजाज़त है... ये सुन के सानिया शर्मा जाती है... सानिया : हा... इजाज़त है... शुरू करो... सतीश फ़ौरन ब्रश उठता है... और उसपे शेविंग क्रीम लगा के... उसने मम्मी की झाँटों पे हाथ फेरा और फिर ब्रश लगया... मम्मी का पूरा जिस्म मस्ती में काँप सा गया... मम्मी की कमर मस्ती में अपने आप ऊपर नीचे होने लगी... उसकी मुह से से सिसकारी निकलने लगी... आंह... मम... ओह... सतीश मम्मी की झाँटों पे शेविंग ब्रश घुमने लगा... वो धीरे धीरे मम्मी की चुत पे ब्रश को रगड़ने लगा... फिर जैसे ही ब्रश मम्मी की झाँटों से होता हुआ चुत की क्लीट पे आया... मम्मी के मुह से एक जोर की सिसकारी निकल गयी... आह... वो मस्ती में आके अपने स्तन दबाने लगी... सतीश ज़ोर ज़ोर से मम्मी की क्लीट पे ब्रश रगड़ने लगा... मा की सिसकारी धीरे धीरे तेज़ होने लगी... आंह.. ओह...
उसकी चुत मस्ती में वीर्य छोड़ने लगी... ओह... मा... ओह... है.. ऐसे ही रगड़ो है.. बड़ा मज़ा आ रहा है.. है.. झाँट की सफाई में मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नहीं आया.. अब तो में रोज़ तुम से अपनी चुत की शेविंग करूंगी.. फिर सतीश ने रेजर लिया और अपनी मम्मी की झाँटों को साफ़ करने लगा.. वो अपनी मम्मी की क्लीट को रगडते हुए उनकी झाँट साफ़ कर रहा था. रेजर से मम्मी की झांटें कम हो रही थी और मस्ती बढ़ रही थी.. जैसे ही मम्मी की चुत चिकनी हुई.. वो मस्ती में आके झड़ने लगी... आह... सतीश... मैं गयी... मम्मी की चुत शेव करने के बाद... सतीश उनकी गांड के बाल भी शेव करता है... फिर अपनी मम्मी की चिकनी गुलाबी चुत को झुक के चूम लेता है... अपने बेटे के होथों को अपनी चिकनी चुत पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में सिसक उठि...
सानिया : ओह... आह... सतीश बेटे ये क्या कर रहा... है मम.. मैं मस्ती में पागल हो रही हु... अब बस कर... आह... ओहह...
सतीश मम्मी की चुत के दाने को मुह में ले के चूसने लगता है... और अपनी ऊँगली को मम्मी चुत में अंदर बाहर करने लगा... सानिया मस्ती में सिसकारी लेने लगी... मस्ती में मचलने लगी... सानिया : आह... मम.. ओह... सतीश.. हाँ ऐसे ही... और ज़ोर से चूस है बड़ा मज़ा आ रहा है... मम... में झड़ने वाली हु... ओह... है ये कैसा जादु है तेरे हाथों में है में गयी....
सानिया की चुत बहने लगती है... उसकी चुत से तेज़ी से वीर्य निकल के सतीश के मुह में जाने लगता है... सतीश अपनी मम्मी की चुत से मुह लगा के बड़े मज़े से उस वीर्य को चूस के पी रहा है...
सतीश : मम्मी अब अपने नौ इंच के लंड से में तुम्हारी चुदाई करुँगा... सानिया : आह... बेटा... जो करना है कर आज से में तेरी हु... मेरा ये जिस्म भी तेरा है... तभि सतीश ने अपना नौ इंच का कड़क लंड मम्मी की चुत के छेद पे लगया ही था की मैं डोर की बेल्ल बज गयी.. बेल्ल की आवाज़ सुन के सतीश की झांटें सुलगने लगी उसके साथ केएलपीड़ी हो गया... ओ ग़ुस्से में उठा और अपनी कमर पे टॉवल लपेट के दरवाज़ा खोलने चला गया... वो इस वक़्त ग़ुस्से में पागल हो रहा था.. उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला उसे एक झटका सा लगा... दरवाज़े के ख़ुलते ही उसका टॉवल जो उसने अपनी कमर पे लपेट रखा था वो भी खुल के निचे गिर गया... और उसका नौ इंच का खड़ा लंड टॉवल के गिरते ही स्प्रिंग की तरहा उछलने लगा... उसे इस बात का होश ही नही... वो तो बस घर के बाहर खड़े उस इंसान को देखे जा रहा है... ये और कोई नहीं बल्कि सतीश की उनकी पड़ोसी सपना है.. सतीश एक तक सपना को देखे जा रहा है... उसे कुछ होश ही नहीं है... वो तो बस खोया हुआ है... तभी अचानक सानिया की आवाज़ सुन के उसकी तंत्र तूटति है... सानिया नंगी लेते हुए ही अपने बेटे से पूछती है... सानिया : कौन है बेटा....? सतीश : मम्मी.. ओ... ओ... ओ... तभी सपना कहती है... सपना : सानिया... मैं हु.... सपना... सपना की आवाज़ सुन के सानिया फ़ौरन उठ के अपने कपडे पहेन ने के लिए बैडरूम में घुस जाती है... सपना : अब तू मुझे इस तरहा घूरता ही रहेगा या फिर घर के अंदर भी आने देगा... सतीश : ओह सोर्री... आओ ना... फिर सपना जैसे ही अपना शॉपिंग बैग उठाने के लिए निचे झुकति है... सतीश की हालत देख के. उसका मुह खुला रह जाता है और आँखें हैरत से बड़ी हो जाती है...
सतीश : अरे क्या हुआ...? आओ ना आन्दर...
सपना : बेटा तू अब बड़ा हो गया है... कपडे पेहन के घर में रहा कर.. सपना की बात सुन के जब सतीश खुद को देखता है तो हडबडा जाता है... उसका टॉवल निचे गिरा हुआ है और वो इस वक़्त सपना के सामने अपना नौ इंच का खड़ा लंड लिए नंगा खड़ा है.... सतीश शर्म के मारे अपना टॉवल उठा के अपनी कमर में लपेट लेता है और और जल्दी से अपने रूम की तरफ भागता है.... मगर दरवाज़े तक पहुंचते ही उसका टॉवल खुल के निचे गिर जाता है और वो एक बार फिर से नंगा हो जाता है.... सतीश इस बार अपना टॉवल उठाने की कोशिश नहीं करता... वो उसे वहीँ छोड़ के अपने रूम में घुस जाता है.... सतीश की हालत देख के सपना ज़ोर ज़ोर से हॅसने लगती है.... तभी सानिया अपने कपडे पहन कर बाहर हॉल में आती है.... वो सपना को हस्ते हुए देख के उलझन में पड़ जाती है और सपना से पूछती है क्या हुआ किस बात पे इतना हस रही हो
सपना- अरे कुछ नही मैं शॉपिंग करने गए थी सोचा चलो तुम्हें अपनी ख़रीदारी दिखा दु इसलिए चली आई दोनो सानिया के बेडरूम में चले गये उधर सतीश ने बाथरूम में जाकर लंबी सांसे ले रहा था आज उसे बहुत शर्म आरही थी सपना ने उसे आज नंगा देखा था उसे बाहर आने में बेहद शर्म आ रही है... उसकी पडोसन सपना ने उसे नंगा जो देख लिया था और वो भी तब जब उसका लंड पूरे जोश में खड़ा हो के मस्ती में हिल रहा था... सतीश छुपके से बाहर आया और इधर उधर देखने लगा.... वहाँ हॉल में किसी को न पा कर उसने सुकून की सांस ली.... वो वहां से सीधा मम्मी के कमरे की तरफ गया.... कमरा बंद था अंदर उसकी मम्मी और सपना बात कर रही थी... उसे उनकी बात साफ़ सुनाइ नहीं दे रही थी.... उसने उन्हें डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा और वो वहां से किचन की तरफ चला गया और अपने लिए खाना निकाल के खाने लगा खाना खा के वो अपने रूम में गया फिर कुछ देर बाद उसकी मम्मी ने अपने रूम में जाने से पहले उसके रूम का दरवाज़ा खोला और अंदर झाँक के कहा. सानिया : "रेडी, स्वीटी?" अपनी मम्मी की आवाज़ सुन के सतीश का जिस्म सिहर उठा.. ये वो पल है जिसका न जाने उसे कब से इंतज़ार था... अपनी मम्मी को चोदने का उसका सपना आज सच होने वाला है... उसका जिस्म मस्ती में काम्पने लगा... वो कुछ न कह सका चुप चाप अपने बेड पे बैठा रहा... सानिया अपने बेटे के पास आके खड़ी हो गयी... और उसने अपने बेटे का हाथ अपने हाथ में लेके कहा. सानिया : तुम नर्वस हो...? तुम्हे नर्वस होने की कोई ज़रूरत नहीं है... तुम बहुत अच्छा करोगे...... सतीश : "याह." दोनो को ये पता है की सबसे एक्ससायटिंग पार्ट वो होगा जब सतीश अपना लंड अपनी मम्मी की चुत में डालेंगा... सानिया : "कम ऑन." ये कह के सानिया उठि और अपने बेटे का हाथ पकड़ के उसे खड़ा कर दिया. फिर सानिया ने जो कहा वो सतीश को चोंकाने के लिए काफी था. सानिया : उतारो... सतीश : क्या... सानिया : क्या सच में इसे किसी लड़की ने नहीं देखा...? क्या मेरे सिवा कभी किसी और लड़की ने तुम्हे ब्लोजॉब या हैंडजॉब नहीं दिया...? सतीश : नहीं मम्मी.. मैंने इसे किसी भी लड़की को छुने तो दूर देखने भी नहीं दिया... मैंने तो बस इस का इस्तेमाल पिशाब करने ओर... सानिया : ओर...? सतीश : और तुम्हारे नाम पे मुठ मारने के लिए किया है... सानिया : यु नॉटी बोय... मेरे नाम पे ही क्यूं...? सतीश : क्यूँ की मम्मी.. सानिया : हा... हाँ बताओ शर्माओ मत.. मैं तो तुम्हारी मम्मी हूँ मुझसे क्या शरमाना..
सतीश : अभी मेरी उम्र १८ साल है... करीब ९ साल पहले मुझे तुमसे प्यार हो गया था... धीरे धीरे तुम्हारे लिए मेरा प्यार बढ्ने लगा. वो इतना बढा की मुझे हर लड़की में तुम्हारा ही चेहरा नज़र आता है... यहाँ तक की मैंने ये भी फैसला किया की में शादी करूँगा तो सिर्फ तुमसे करुँगा... इस जनम में तुम ही मेरी बीवी बनोगी... सानिया : क्या सच में तुम मुझसे इतना प्यार करते हो... सतीश : हाँ मम्मी.. मैं सच में तुम्हे अपनी जान से भी ज़यादा चाहता हु... तुम्हारे बगैर में जी नहीं पाउंगा... मैं मर जाउंगा... अपणे बेटे के मुह से मरने की बात सुन के सानिया ग़ुस्से में उठि और उसने अपने बेटे के गाल पे ज़ोर का थप्पड़ मारा... "चटाक....." सानिया : ख़बरदार जो दुबारा तुमने मरने की बात की तो... तुम से पहले में अपनी जान दे दूंगी... ये कह के सानिया ने उसे अपने गले से लगा लिया और रोते रोते कहने लगी... सानिया : तुम्हे क्या लगता है में तुमसे प्यार नहीं करति.... मैं पिछले २ साल से तुम्हे दिवानो की तरह चाहती हु. सतीश : क्या सच में मम्मी..?
सानिया : हा... ये सच है... मैं भी तुमसे बेहद प्यार करती हु... लेकिन में ये कहने से डरती थी... वरना तुम खुद ही सोचो की मैं क्या ऐसे ही तुमसे चुदवाने को तैयार हो गयी... ये बात जान लो की चाहे जो भी हो जाए एक माँ अपने बेटे से चुदवाने को कभी राज़ी न होगी... मैं तुम्हे अपना बेटा नहीं अपना लवर, अपना पति मानती हु... इसी लिए में तुमसे चुदाई करवाने तैयार हुई हु तुम मुझे अपनी बीवी बना लो... आई लव यु सतीश.. आई लव यु ...
सतीश : आई लव यु २ मम्मी. सानया: ओह्ह वो... आज दिल खुश कर दिया तुमने मेरा... ये कह के सानिया अपने बेटे के गले से लग गयी...
सतीश ने अपने होंठ अपनी मम्मी के होठो पे रख दिए और उन्हें चूसने लगा... दोनो मस्ती में एक दूसरे के होठो को चूसने लगे... क़रीब १० मिनट तक एक दूसरे के होठो को चूसने के बाद वो अलग हुये... सानिया अपने बेटे से अलग हो के एक स्कूल गर्ल की तरह शरमाने लगी... सतीश : आज से जब तक डैड नही आते... तब तक हम एक लवर की तरहा रहेंगे... घुमेंगे... फिरेंगे... प्यार करेंगे... ओर...
सानिया : ओर... सतीश : और मज़ा..... सानिया : जी नही... अभी कोई मस्ती नही... अभी हम वो करेंगे... सतीश : वो क्य....? सतीश : मतलब चुदाई..... वो.....
सानिया : जी हा... लेकिन.... सतीश : लेकिन क्या...? सानिया : लेकिन ये की हम जो भी करेंगे मेरे तरीके से करेंगे...
सतीश : हाँ हाँ क्यों नही... ज़रूर.... जैसे मेरी जान कहेगी..... वैसा ही होगा.... ये कह के सतीश अपनी मम्मी के होठो को चूम लेता है.... सानिया : अब चले..... सतीश : हा... हा... चलो ना... मैं तो कब से तैयार हु.... सानिया : वो तो तुम्हारे खड़े लंड को देख के पता चल रहा है.... फिर. फिर.... सानिया शर्माते हुए अपने बेटे के खड़े लंड को पकड़ के प्यार से कहती है... "कम ऑन."
ये कह के वो अपने बेटे का खड़ा लंड पकड़ के उसे अपने बैडरूम में ले जाती है... और बैडरूम का दरवाज़ा बंद करके कहती है... सानिया : मैं बाथरूम में तैयार होने जा रही हु. मैं ये चाहती हूँ की तुम अपने पूरे कपडे उतार कर बेड पे चादर ओढ़ के लेट जाओ... सतीश : ठीक है मम्मी... लेकिन जल्दी आना... अपने दिवाने को ज़्यादा इंतज़ार मत कराना... सानिया मुस्कुरा के अपने सेक्सी चुत्तड़ मटकाती हुई बाथरूम में चलि जाती है... सतीश जल्दी से अपने कपडे उतार के अपने माँ बाप के किंगसाइज बेड में चादर के अंदर घुस जाता है... ओ बेड में अपने डैड की जगह पे लेटा है... और कुछ ही देर में अपनी मम्मी को चोदने वाला है... इस एहसास से उसका लंड मस्ती में उछलने लगता है..... कुछ देर के बाद सानिया बाथरूम से बाहर आती है... उसने एक वाइट कलर की टीशर्ट पहनी हुई है... जो उसकी कमर से थोड़ा निचे तक ही है... उसने अपने बाल को पोनीटेल किया हुआ है... चलते वक़्त उसके हिलते हुए स्तन ये बता रहे हैं की उसने ब्रा नहीं पहनी है... शायद पेन्टी भी नही... वैसे देखा जाए तो उसे इस वक़्त ब्रा पेन्टी पहन ने की कोई ज़रूरत ही नहीं है... चुदाई में इन कपड़ों का क्या काम...... सानिया ने एक टुब टेबल पे रख दिया... सतीश : "वो क्या है मम्मी..?" सानिया : "ये की जेली" है लूब्रिकेशन के लिए यूज़ की जाती है... शायद हम को इस की ज़रूरत पड़ जाए... ये कह के सानिया ने अपने कोमल पैर अपनी स्लिपर्स से निकाले और बेड पे अपने बेटे की बगल में चादर के अंदर घुस गयी...
फिर उसने अपने बेटे की आखों में देखा और कहा. सानिया : क्या तुम सच में ये करना चाहते हो...? सतीश : मम्मी में ये करने के लिए कब से मरा जा रहा हु... तुम बस हाँ कहो और देखो... मैं तुम्हे इतना चोदूगा की..... हमारा बच्चा तुम्हारी चुत में से मेरा लंड पकडे बाहर निकलेगा..
सानिया ने अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में पकड़ के दबाते हुए उसे छेडते हुए कहा. सानिया : मैं ये कैसे मान लू... अब तक तुम ने मेरे साथ कुछ किया ही नहीं है... करने के बाद कहना कुछ भी... कहीं ऐसा न हो की तुम सिर्फ बोल बचन करते रह जाओ और तुम्हारे लंड की हवा निकल जाए... सतीश : मम्मी तुम्हे नहीं पता मेरे लंड में कितना दम है... मैं तुम्हे अपने खड़े लंड पे बैठा के पूरी दुनिया की सैर करा सकता हु...
सानिया : चल देखते हैं की तेरे इस लंड में कितना दम है... चल आज ये फैसला हो जाए की तेरे लंड में ज़्यादा दम है या मेरी चुत मे... ये कह के दोनों हॅसने लगते है... सानिया : "क्य तुम तैयार हो...?" सतीश : हा... सानिया पीठ के बल लेट जाती है... और अपना हाथ अपने बेटे के कंधे पे रख देती है.... सानिया : "चलो मेरी जान मेरे ऊपर आ जाव..." सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी के ऊपर आ जाता है... और सानिया अपने पैरों को फैला लेती है... सतीश मम्मी के पैरों के बीच में खुद को सेट कर लेता है...
सानिया अपनी टी-शर्ट कमर तक उठा लेती है... सतीश का लंड उसे अपनी चुत के ऊपर मेहसुस होने लगता है... फिर सानिया अपने बेटे को अपने ऊपर खीँच कर कहती है.. सानिया : तुम अपना पूरा वज़न मेरे ऊपर दाल दो...
दोनो के जिस्म एक दूसरे से जुड़ गये...
सानिया की हसीन नरम नाज़ुक चूचि सतीश के सीने पे दब गयी...
सानिया ने अपने बेटे के कंधे पे अपने हाथ रखे और अपने सेक्सी पैरों को फैला के घुटने से मोड़ लिया... और अपने बेटे को चुदाई शुरू करने का इशारा किया. सतीश अपनी मम्मी के होठो को चूम के चादर के अंदर अपना खड़ा लंड अपनी मम्मी की सेक्सी वीर्य छोडती चुत में घुसाने के लिए ढूढ़ने लगा... सानिया ने शर्माते हुए धीरे से अपने बेटे के कान में कहा. सानिया : मममममम.... "थोडा नीचे....." सतीश ने थोड़ा निचे खिसक के अपने लंड को आगे पुश किया.. अचानक उसे अपने लंड का सुपडा मम्मी की रसीली गरम नरम चुत के छेद पे मेहसुस हो गया... ईस नए एहसास से दोनों माँ बेटे के जिस्म में मस्ती की लेहर दौड गयी... दोनो मस्ती में सिसकार उठे... आआआआह्ह्ह्....... सतीश के लंड का सुपडा मम्मी की रसीली चुत के होठो को फैलाता हुआ मम्मी की चुत के टाइट गरम नरम और वीर्यभरे छेद में घुस गया...
जैसे ही सोनिआ की टाइट चुत में उसके बेटे के लंड का मोटा सुपाडा घूसा उसके मुह से एक ज़ोर की मस्ती भरी सिसकारी निकल गयी...
आआआआग्गगहःहः..... सतीश : क्या हुआ मम्मी...? दर्द हुआ क्य...? मैंने कुछ गलत किया क्या.....? सानिया : नहीं आह.... तुम करो और अन्दर..... करते जाओ.... मममममम.....
मा की बात सुन के सतीश ने अपना लंड मम्मी की वीर्य छोड़ती टाइट चुत में घुसना शुरू किया... हर झटके पे उसका लंड मम्मी की टाइट चुत को फैलाता हुआ इंच बाय इंच अंदर घूसने लगा...
ओ ये मेहसुस कर सकता है की उसकी मम्मी इस वक़्त बहुत मस्ती और दर्द में है... उसकी मम्मी की टाइट चुत में इतना मोटा लंड कभी नहीं घूसा है... क्यों की डैड का लंड ४ इंच का दुब्ला पतला है... और मम्मी ने किसी और का लंड अपनी चुत में नहीं लिया.....
सतीश का लंड मम्मी की चुत में ४ इंच तक घुसते ही उसकी मम्मी ने उसे रोक दिया.
सानिया : रुक जाओ बेटा... मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. तुम्हारा लंड बहुत लम्बा और मोटा है.. मेरी चुत फट ने को है.. थोड़ी देर रुक जाव.. मेरी चुत को तुम्हारे लंड को अपने अंदर करने में वक़्त लगेगा..
सतीश रुक गया और अपनी मम्मी के होठो को अपने मुह में लेके चूसने लगा और मम्मी की मस्त चूचि को दबाने लगा.. अपने बेटे की इस हरकत से सानिया को मस्ती चढ़ने लगी.. वो किस में अपने बेटे का साथ देणे लगी.. कुछ ही देर में जब उसका दर्द कम हुआ और उसे मस्ती चढ़ने लगी तो उसने अपनी गांड उछाल के अपने बेटे को फिर से चुदाई करने का इशारा किया...
सतीश अपनी मम्मी की चुत में धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. फिर उसने एक ज़ोर का शॉट मारा... उसका लंड मम्मी की चुत में ६ इंच अंदर घुस गया... उस धक्के की वजह से सानिया की चीख़ निकल गयी...
सानिया : आआआह्ह्ह्.... माआआ..... में मर गईइ..... है... मेरी चूऊऊऊत फट गईइई......है..... सतीश इस बार नहीं रुका.... उसने अपना लंड अपनी मम्मी की चुत से ३ इंच बाहर खीचा ओर... एक बार फिर से उसने एक ज़ोरदार शॉट अपनी मम्मी की चुत में मारा.... अब की बार उसका लंड अपनी मम्मी की चुत में वहां तक पहुच गया जहाँ कभी उसकी मम्मी ने सपने में भी नहीं सोचा था... सतीश का लंड उसकी मम्मी की बच्चे दानि तक पहुँच गया था....
सानिया दर्द से बिलबिला उठि.. आआआह्ह्... साले.....
मादरचोद..... तु ने मेरी चुत फाड़ दि.... ये मेरी चुत है.... किसी रंडी का भोसडा नही... जिस में तू अपना मुसल जैसा लंड घूसा रहा है... है मम्मी मेरी प्यारी चुत फ़ट गयी... निकाल अपना लंड मेरी चुत से........
सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी के होठो को चूसने लगा और उसकी चूचि दबाने लगा... धीरे धीरे सानिया का दर्द कम होने लगा... और उसे एक बार फिर से मस्ती चढ़ने लगी.....
वो मस्ती में आ के आहें भरने लगी.... मममममम.... आआआअह्ह्ह्... ऊऊऊह्ह्ह.... अपनी मम्मी की मस्ती भरी सिसकारी सुन के सतीश धीरे धीरे अपना लंड अपनी मम्मी की चुत में आगे पीछे करने लगा..... सानिया : हाँ अब धीरे धीरे धक्के लगाव.... म्म्म्ममम.... आआआआह्ह्ह्... सतीश अपनी कमर आगे पीछे करते हुये अपनी मम्मी की टाइट चुत में धक्के लगाने लगा...
सानिया तेज़ सांस ले कर मस्ती में सिसकारी ले रही है... उसकी चुत तेज़ी से वीर्य छोड रही है...
सानिया : मममममम.... आआआआह्ह्ह्... ऊऊऊह्ह्ह..... हाँ ऐसे ही धक्के लगाओ.... मममममम.... मुझे बहुत मज़ा आ रहा है... ऊऊऊह्ह्ह..... मेरी चुत का वीर्यस्स्सस्.... निकलने वाला है में झड़ने वाली हु... ज़ोर से धक्के लगाओ... ज़ोर सीईई.. अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश ने मम्मी की रसीली चुत में धना धान अपना लंड पेल्ने लगा... सानिया का जिस्म मस्ती में काम्पने लगा और वो सिसकारी ले के झड़ने लगी.....
सानिया : आआआआहह... मैं गईइ.... मममममम.... ऊऊऊऊह्ह्.... उसकी चुत से वीर्य बेह के उसके बेटे के लंड और गोटे को भिगोने लगा...
आज अपनी ज़िन्दगी में वो पहली बार इतना झड़ी थी... वो मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी.... झडने के बाद वो शांत हो के बेड पे पड़ गयी...
मगर सतीश अभी झडा नहीं था.. और न ही झड़ने के करीब पहुंचा था... उसका स्टैमिना बहुत स्ट्रांग है... अपनी मम्मी की चुत के गरम वीर्य को अपने लंड पे मेहसुस करके वो और भी ज़्यादा जोश में आ गया और अपनी मम्मी की रसीली चुत में जम के अपना लंड पेल्ने लगा.....
सानिया एक बार फिर से मस्ती में आके... चुदाई में अपने बेटे का साथ देणे लगी.... वो अपने बेटे की ताल से ताल मिला के अपनी गांड उछाल उछल के अपने बेटे का लंड अपनी चुत में अंदर तक ले रही है..... आआआअह्ह्... आआआआहह... मममममम... है सतीश में फिर से झड़ने के करीब पहुँच गईइ.... हु..... मममममम.... ऊऊऊऊह्ह्.... खूब जम के चोदो... आज फाड़ दो मेरी चुत को.... आआआअह्ह्... जाआआंण.... मैं गईइ.... ऊऊऊऊह्ह्.... मममममम....
ये कह के सानिया एक बार फिर से झड़ने लगी....
ओ अपने बेटे के जिस्म से लिपट गयी... और मस्ती में उसकी चुत वीर्य छोडने लगी.... मगर सतीश अभी भी लगा हुआ है.... वो अपनी मम्मी की चुत में तेज़ी से अपना लंड अंदर बाहर कर रहा है...
सानिया अपना हाथ बढा के अपने बेटे के गोटे सेहलाने लगती है... उसने ये मेहसुस किया की उसके बेटे का लंड उसकी चुत में पूरी तरहा अंदर तक घूसने के बाद भी.... करीब १.५ इंच बाहर है. धीरे धीरे मस्ती में उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी...
आआआअह्ह्... मममममम.... ऊऊऊऊह्ह्.... खूब जम के चोदो... आज फाड़ दो मेरी चुत को.... आआआअह्ह्... जाआआंण.... मैं गईइ.... ऊऊऊऊह्ह्.... आआआआहह... ओ रेह रेह के बार बार झड़ने लगी... ओ अब तक ५ बार झड चुकी थी.... लेकिन उसका बेटा एक बार भी नहीं झडा था...
सतीश अब पूरे जोश में आके अपनी मम्मी को जम के चोदने लगा... उसका लंड अब उसकी मम्मी की बच्चेदानी में घूसने लगा...
अपणे बेटे के लंड को अपनी बच्चेदानी में घुसते हुए मेहसुस कर के.... सानिया मस्ती के सातवे आसमान में पहुँच गयी.... उसने अपनी टांगो को अपने बेटे की कमर पे कस के लपेट लिया... मा बेटा दोनों मस्ती में सिसकारी लेते हुए चुदाई में एक दूसरे का साथ देणे लगा... फिर करीब २ मिनट के अंदर ही सानिया एक बार फिर से झड़ने लगी... ये उसकी ज़िन्दगी का सब से मस्त ओर्गास्म था... सानिया : "ओहहहहः...गोड़!!!!!"
सतीश अपनी मम्मी को मस्ती में झडते हुए देख कर और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा... उसका लंड अब राजधानी की स्पीड पार कर चुका था... उसका लंड मम्मी की बच्चेदानी में जा रहा था... और उसके गोटे उसकी मम्मी की गांड के छेद से टकरा रहे थे.... वो अब और ज़्यादा देर तक खुद को रोक नहीं पाया और अपनी सपनो की रानी की चुत में झड़ने लगा... उसके वीर्य की पिचकारी उसकी मम्मी की चुत में गिरने लगी... वो करीब २ मिनट तक अपनी मम्मी की चुत के अंदर बच्चेदाने में झडता रह... उसकी मम्मी मस्ती में आके उसके होठो को चूसने लगी..... फिर कुछ देर बाद सतीश अपनी मम्मी की बगल में लेट गया.. सानिया ने फ़ौरन अपने चुत्तड़ के नीचे एक तकिया दाल लिया... ताकि उसके बेटे का वीर्य उसकी चुत से बाहर न निकले...
MAST HOT UPDATE
सानिया : "ओहहहहः...गोड़!!!!!" सतीश अपनी मम्मी को मस्ती में झडते हुए देख कर और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा... उसका लंड अब राजधानी की स्पीड पार कर चुका था... उसका लंड मम्मी की बच्चेदानी में जा रहा था... और उसके गोटे उसकी मम्मी की गांड के छेद से टकरा रहे थे.... वो अब और ज़्यादा देर तक खुद को रोक नहीं पाया और अपनी सपनो की रानी की चुत में झड़ने लगा... उसके वीर्य की पिचकारी उसकी मम्मी की चुत में गिरने लगी... वो करीब २ मिनट तक अपनी मम्मी की चुत के अंदर बच्चेदाने में झडता रह... उसकी मम्मी मस्ती में आके उसके होठो को चूसने लगी..... फिर कुछ देर बाद सतीश अपनी मम्मी की बगल में लेट गया.. सानिया ने फ़ौरन अपने चुत्तड़ के नीचे एक तकिया दाल लिया... ताकि उसके बेटे का वीर्य उसकी चुत से बाहर न निकले...
दोनो बेड पे मस्ती में एक दम चुप चाप पड़े अपनी तेज़ साँसों को क़ाबू करने की कोशिश कर रहे थे...
सतीश : मम्मी तुम ये क्या कर रही हो...? सानिया : जानु में अपनी गांड ऊपर कर रही हूँ ताकि तुम्हारा वीर्य मेरी चुत में ही रहे...
सतीश : "मा क्या मैंने ठीक से किया? सानिया : "क्या? तुम तो.... तुम ने तो मेरी ज़बरदस्त चुदाई की... हमारी ये चुदाई मेरी ज़िन्दगी की बेस्ट चुदाई थी... इसे में मरते दम तक नहीं भूल सकती... चुदाई में मुझे इतना मज़ा आज तक कभी नहीं आया...
सतीश : मम्मी वो जो तुम चिल्ला रही थी... मुझे लगा की शायद में तुम्हे तकलीफ दे रहा हु... सानिया : नहीं सतीश.... तुम मुझे कोई तकलीफ नहीं पंहुचा रहे थे.. बल्कि तुम तो मुझे मेरी ज़िन्दगी का सबसे हसीन मज़ा दे रहे थे...
सतीश : लेकिन मम्मी वो दर्द भरी चीख़ें...? सानिया : वो दर्द भरी चीखें नहीं थी... वो तो मस्ती भरी सिसकारी थी...
सतीश : "मतलब...?" सानिया : "वेल, बहुत स्कर्ट औरतें मस्ती में झडते वक़्त ज़ोर ज़ोर से सिसकारी लेती है... ये वो ही सिसकारी थी मेरे जाणु... तुम्हारी मम्मी को उस वक़्त बहुत मज़ा आ रहा था...
सतीश : मैं तो ये चाहता हूँ की तुम्हे ज़िन्दगी का सबसे हसीन मज़ा हमेशा मिलता रहे... सानिया अपने बेटे की बात सुन के शर्मा जाती है...
सानिया : मैं अभी कुछ देर आराम करुँगी.. तुम जा के फ्रेश हो जाओ... सतीश : ठीक है मम्मी.. ये कह के सतीश अपने रूम में चला जाता है. सतीश उठा और अपने बाथरूम में जा के नहाने लगा... कुछ देर बाद सानिया अपने बेड से उठि और टॉयलेट में जा के पिशाब करने लगी.. फिर उसने शावर चालु किया और नहाने लगी... नहाने के बाद उसने अपने बेटे को आवाज़ दि... सानिया : सतीश मेरे रूम में आ जाओ... सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी के बैडरूम में चला गया... रूम में जाते ही उसका लंड खड़ा हो के उछलने लगा... सामने का नज़ारा था ही इतना दिलक़श और सेक्सी... उसकी बेहद सेक्सी मम्मी मिरर के सामने केवल ब्रा और पेन्टी में खड़ी है.. पेन्टी पीछे चुत्तड़ की तरफ से पूरी खुली हुई है...
उसकी मम्मी के बेहद हसीं चुत्तड़ साफ़ नज़र आ रहे है... और ब्रा में कैद चुची तो क़यामत ढा रही है... इस वक़्त उसकी मम्मी एक सेक्स गोड्स से कम नहीं लग रही है... सानिया : "क्य मेरा शेर रेडी है २nd राउंड के लिये...?"
सतीश : "शौक से...." मैं तो २-३-४-५ हर राउंड के लिए पूरी तरहा से रेडी हु.... ये कह के उसने फ़ौरन अपना ट्रैक उतारा और अपनी मम्मी के बेड पे लेट गया... अपने बेटे के उतावलेपन को देख के सानिया हॅसने लगी... ओर उसने प्यार से अपने बेटे से कहा. सानिया : "यु आर सो कूट." ये कह के सानिया अपनी सेक्सी चूचि हिलाती हुई आई और अपने बेड पे बैठ गयी... उसके निप्पल कड़क हो तन गए और ब्रा के ऊपर से नज़र आने लगा...
सानिया : कैसी लग रही हूँ में...? सतीश : क़यामत... फिर सानिया ने अपनी ब्रा पेन्टी निकाल के अपने बेटे की आँखों में झाँकते हुए पूछा... सानिया : और...अब....? सतीश : हॉट एंड सेक्सी.. फिर सानिया मुस्कुरा के बेड पे लेट गयी... सानिया : "शुरु करे.....?"
सतीश : हा... फिर अपनी मम्मी का इशारा पा के सतीश अपनी मम्मी के ऊपर आ गया और मम्मी के होठो को चुमते हुए उसकी चूचि दबाने लगा... सानिया मस्ती में सिसकार उठि... और अपने बेटे का लंड पकड़ के मसलने लगी... आआआआहह.... मममममम. सतीश अपनी मम्मी की एक चूचि को अपने हाथों से मसलते हुए दूसरी चुची के निप्पल को अपने मुह में लेके चूसने लगा.. सानिया मस्ती में पागल होने लगी.. वो मस्ती में आ के अपने बेटे के लंड को अपने हाथ से पकड़ के अपनी चुत पे रगडने लगी.. उसकी चुत वीर्य छोड़ने लगी.. उसके बेटे का लंड उसकी चुत के होठों के बीच में फिसलता हुआ बार बार चुत के छेद में जाने लगा.. जैसे ही सतीश का लंड अपनी मम्मी की चुत के छेद से टकराया सतीश ने अपनी मम्मी की चूचि दबाते हुए एक ज़ोर का धक्का मम्मी की चुत में लगा दिया.. सतीश का लंड मम्मी की टाइट चुत को फैलाते हुए ४ इंच तक अंदर घुस गया. सानिया मस्ती में सिसकार उठि.. आआआआहह.. मममममम..
सतीश ने सटा सट चुदाई शुरु कर दि.. वो तेज़ी से अपना लंड मम्मी की वीर्य छोड़ती चुत में अंदर बाहर करने लगा.. तभी अचानक सानिया ने उसे रोक दिया.. सानिया : रुक जाव.. अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकालो.. सतीश : क्यूँ मम्मी.? मैंने कुछ गलत किया क्य..? सानिया : नही. सतीश : तो फिर..? सानिया : मुझे अपने पैर मोड़ के तुम्हारे कंधे पे रखने दो... इस से तुम्हारा लंड मेरी चुत के अंदर बच्चेदानी से टकरायेगा और बहुत मजा आयेगा.
सतीश को यकीन नहीं हो रहा है की सपने में वो अपनी मम्मी को अपने जिस फेवरेट स्टाइल में चोदता था अभी उसकी मम्मी उसी की बात कर रही है...
सतीश जल्दी से अपना लंड अपनी मम्मी की चुत से बाहर निकालते है और थोड़ा पीछे हो जाता है... सानिया अपनी टाँगें घुटनो से मोड़ के फैला के अपने बेटे के कंधे पे रख दिया... उसकी गुलाबी वीर्यभरी हसीन चुत खुल के सामने आ गयी...
सतीश : वाओ मम्मी तुम्हारी रसीली चुत कितनी हसीन है... दिल करता है इसका सारा वीर्य चाट लू... खाजाउ तुम्हारी प्यारी चुत को... है इसका वीर्य कितना टेस्टी होगा... मममममम...
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया शर्मा जाती है... सानिया : अभी नही.. अभी तुम वो काम करो जिसके लिए मैंने तुम्हे यहाँ बुलाय है... सतीश : मतलब चुदाई न..... सानिया : हाँ वोहि... सतीश : क्या वोहि...? ज़रा खुल के कहो में समझा नही...
सानिया : चुदाई... मेरी चुदाई.... अब खुश्... सतीश : बहुत खुश्... सानिया : तो फिर किस का इंतज़ार कर रहे हो... जल्दी से शुरू हो जाव... सतीश आगे बढ़ के अपनी मम्मी की वीर्य छोड़ती चुत के छेद पे अपना लंड का सुपाडा रख के एक ज़ोर का शॉट मारता है... एक ही शॉट में उसका लंड उसकी मम्मी की चुत में जड़ तक घुस जाता है... सानिया मस्ती में सिसकार उठती है... आआआह्ह्.... ममममममम...
सतीश एक प्रोफेशनल खिलाडी की तरह लम्बे लम्बे शॉट लगाते हुए अपनी मम्मी की चुदाई शुरू कर देता है... दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते हुए सेक्स का मज़ा ले रहे है... सानिया अपनी टाइट चुत में अपने बेटे का कसा हुआ लंड मेहसुस करके मस्ती के समुन्दर में गोते लगाने लगती है...
सानिया : आआआह्ह्.... ममममममम... हाँ और ज़ोर के शॉट लगाओ.... और ज़ोर से.... ममममममम... मुझे बहुत मज़ा आ रहा है... और कस के... आज फाड़ दो मेरी चुत को... आआआह्ह्.... ममममममम... ऊऊऊह्ह्... हर चुदाई में तुम मुझे जन्नत में पंहुचा देते हो... आआआह्ह्.... ममममममम... ओ अपना चेहरा आगे कर के मस्ती में अपने बेटे के होठो को चूसने लगती है... निचे से अपनी गांड ऊपर उछाल उछाल के चुदाई में अपने बेटे का साथ दे रही है...
सतीश अपनी मम्मी की सेक्सी चूचि दबाते हुए अपना मुसल जैसा लंड मम्मी की चुत में जम के घूसा रहा है... ओ आज अपनी मम्मी को उसकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा ओर्गास्म देना चाहता है... वो अपनी मम्मी को ऐसे चोदना चाहता है की चुदाई के दौरान मस्ती में उसकी मम्मी का पिशाब निकल जाये... ओर वो ही हुआ सानिया की मस्ती इतना चढ़ी की वो बर्दाश्त न कर सकीय और झड़ने के साथ साथ मुतने लगी.
आआआआगघहः. सतीश : ये क्या मम्मी तुम तो मुतने लगी.... सानिया को इतनी शर्म आई की उसका चेहरा शर्म से गुलाबी हो गया... उसने अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया... सतीश पूरे जोश में अपनी मम्मी को दना दन चोदने लगा... सानिया : हाँ ऐसे ही... और कस के... और अंदर तक मममममम... ऊऊऊह्ह्.... आआआआह्ह्... है... और कस के... और तेज़.... और तेज़.... आआआआह्ह्..... में.... में गयीईइ.... सानिया का जिस्म काम्पने लगा.... और वो झड़ने लगी...
ओ अपने बेटे के निचे उसके लंड के रह्मो करम पे है... उसके बेटे का लंड उसे इस वक़्त जन्नत की सैर करा रहा है... सतीश पलट गया... और उसने अपनी मम्मी को अपने ऊपर कर लिया... और निचे से अपनी मम्मी की चुत में लंड पेलने लगा.
सानिया : ये क्या कर रहा है...? सतीश : अपनी मम्मी को अपने लंड की सवारी करवा रहा हु... अब तुम मुझे ऊपर से चोदो... सानिया शर्माते हुए मस्ती में अपने बेटे लंड के ऊपर उछलने लगी... आआआआह्ह्..... ममममममम....
सतीश तेज़ी से अपनी मम्मी की चुत में अपना लंड घूसा रहा था... दोनो मस्ती में चुदाई का मज़ा ले रहे थे... आआआआह्ह्..... ममममममम.... करीब १० मिनट तक अपने बेटे के लंड को अपनी चुत में दाल के उछलते हुये सानिया एक बार फिर से झड़ने के करीब पहुँच गयी...
सानिया : "ओह माय गॉड!!!!" आआआआह्ह्... मममममम... ऊऊऊह्ह्.... आआआआह्ह्... है... और कस के... और तेज़.... और तेज़.... आआआआह्ह्..... में.... में गयीईइ.... सानिया का जिस्म काम्पने लगा.... और वो झड़ने लगी...
सतीश ने अपनी मम्मी को फ़ौरन बेड पे लीटा दिया और दनादन चोदने लगा... सानिया मस्ती में काम्पते हुए चीखने चिल्लने लगी... सानिया : "ओहहह माय गगगॉडडडड, सतीश !!! ओह्ह्ह बबबबबबीय!!! ओहहीईईई!!!"
अब सतीश से और न रुका गया और वो अपना मोटा लंड अपनी मम्मी की चुत में तेज़ी से अंदर बाहर करते हुए झड़ने लगा... सानिया मस्ती में अपने बेटे से चिपक गयी. सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी उसकी मम्मी की चुत में गिरने लगी...
सानिया मस्ती में अपने बेटे के होठो को पागलों की तरहा चूसने लगी... क़रीब २ मीनट तक दोनों मम्मी बेटा झडते रहे.. फिर कुछ देर के बाद... सतीश अपनी मम्मी की चुत को अपने वीर्य से भरने के बाद. अपना लंड मम्मी की चुत से बाहर निकाल के उसकी बगल में लेट गया... सतीश : मम्मी कैसा था..? मज़ा आया के नही... सानिया ने अपने बेटे को एक ज़ोर का चुम्मा देके कहा.
सानिया : ज़बरदस्त था... मममममम... बहुत मज़ा आया... आज से में और मेरी ये चुत तुम्हारी गुलाम हो गयी...
फिर दोनों थक के बेड पे नंगे ही एक दूसरे की बाँहों में सो गये.. शाम के ५ बाजे तक सानिया और सतीश एक दूसरे की बाँहों में लीपटे सोते रहे...
सतीश की आँख खुली तो उसने देखा की उसकी मम्मी बिलकुल नंगी उसकी बाँहों में लिपटि आराम से सो रही है... सोते वक़्त वो बड़ी प्यारी लग रही है...
सतीश अपनी मम्मी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था.. इस लिए वो आराम से मम्मी को जगाये बिना बेड से उठा.. और बाथरूम में जा के पिशाब करने लगा... फिर जब वो बाथरूम से बाहर आया तो उसने देखा की उसकी मम्मी अपने दोनों पैर फैला के सोयी हुई है... उसकी मम्मी की चुत एक दम से खिली खीली... और बड़ी प्यारी...
और बेहद सेक्सी लग रही है... सतीश से रहा नहीं गया... ओ फ़ौरन अपनी मम्मी के पास गया और उसने झुक के अपनी मम्मी की चुत को चूम लिया... फिर अपनी जुबान बाहर निकाल के मम्मी की चुत चाटने लगा.. मम्मी की चुत चुदायी की वजह से लाल हो गई थी... सतीश को अपनी मम्मी की चुत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था...
तभी मम्मी की नींद खुल गयी... सानिया : "बेटा वहा अब गंदा है साफ तो करने दो फिर जितना चाटना हो चाटना" बेटे का यूँ उसकी चुत चाटना उसे बहुत मज़ा दे रहा था... उसकी न जाने कब से ये इच्छा थी की उसका पति उसकी चुत चाट के उसे मज़ा दे... लेकिन उसके पति को ओरल सेक्स बिलकुल भी पसंद नहीं था... पर सानिया अपने पापा के साथ ओरल सेक्स करती थी उसे बहुत पसंद था उसकी ओरल सेक्स की इच्छा आज उसका बेटा पूरी कर रहा था... ये सोच के उसकी चुत वीर्य छोडने लगी...
सतीश : "कैसी बात कर रही हो मम्मी..? ज़न्नत का मज़ा देणे वाली जगह गन्दी कैसे हो सकती है... और तुम्हारे जिस्म का कोई भी हिस्सा गन्दा नहीं है.. तुम्हारी इस खूबसूरत सेक्सी जिस्म के इस बेहद सेक्सी हिस्से यानी चुत से जो चीज़ भी निकलती है वो मेरे लिए किसी अमृत से कम नहीं है... चाहे वो तुम्हारी चुत का मीठा और टेस्टी वीर्य हो या फिर नमकीन पिशाब... मैं तो शौक से दोनों को चाट चाट के पीना चाहता हु... ये मेरे लिए किसी अमृत से कम नहीं है... और रही बात मुह लगा के तुम्हारी चुत चाट ने की तो में तुम्हारी चुत तो क्या पूरे जिस्म के हर एक हिस्से को शौक से चाटना चाहता हु... चाहे वो तुम्हारी चूचि हो... या बगल हो... या तुम्हारे हसीन चुत्तड़ हो... या फिर तुम्हारी गांड का गुलाबी छेद हो... मैं सब कुछ शौक से चाटूंगा... और वो भी शहद लगा के...
सानिया : क्याआ...? क्या कहा तूने... तु मेरी गांड का छेद भी चाटना चाहता है...? और वो भी शहद लगा के...? छि... कितनी गन्दी जगह है ओ... मैं वहां से लेट्रिन करती हु... सतीश : मम्मी मैंने कहा न की तुम्हारे जिस्म की कोई भी जगह मेरे लिए गन्दी नहीं है... मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ की मुझे तुम में कुछ गन्दा नहीं लगता... मैं अभी शौक से तुम्हारा पिशाब भी पी सकता हूँ और तुम्हारी गांड भी चाट सकता हु.. चाहो तो आज़मा लो... सानिया : जी नहीं ऐसा कुछ करने की अभी कोई ज़रूरत नहीं है... वो सब बाद में सोचेंगे... सतीश : ठीक है मम्मी.. लेकिन कम से कम अभी मुझे अपनी ये टेस्टी रसीली चुत तो चाट्ने दो..
ये कह के सतीश बिना अपनी मम्मी का जवाब सुने उसकी चुत से मुह लगा के उसकी चुत से निकल रहे मीठे वीर्य को चाटने लगा... आज कोई और नहीं उसका अपना बेटा उसकी चुत चाट रहा था.. उसकी मस्ती सातवे आसमान पे पहुँच गयी... और वो मस्ती में आके ज़ोर ज़ोर सिसकारी लेने लगी..
सानिया : आआआआहह... मममममम... ऊऊऊह्ह्... है बड़ा मज़ा आ रहा है... ... आछ... ओह... है जान... चाट... चाट मेरी चुत को... कई सालो से किसी ने भी चाटा नहीं है... अब ये तेरी हो चुकी है...चाट खूब चाट अपनी मम्मी की चुत...
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश बेहद उत्तेजित हो गया उसका लंड फिर से खड़ा हो गया... वो पूरे जोश में अपनी मम्मी की चुत के दाने को अपने मुह में लेके चूसने लगा. सानिया मस्ती में अपने बेटे का सर पकड़ के अपनी चुत पे दबाने लगी... सानिया : आहः... .. ओहः... है बड़ा मज़ा आ रहा है... .. हाँ और ज़ोर से चूस मेरी चुत को..... खा जा... मेरी चुत के डेन को.... है में झड़ने वाली हु... ... है में गयी....
सानिया काँपते जिस्म के साथ मस्ती में झड़ने लगी... उसकी चुत से वीर्य का सैलाब निकलने लगा... सतीश अपनी मम्मी की चुत से निकल रहे वीर्य को मज़े ले कर पीने लगा...
करीब २ मिनट तक झड़ने के बाद सानिया शांत हुई... झड़ने के बाद उसने अपने बेटे को अपने ऊपर खींचा और अपनी चुत वीर्य से भीगे उसके होठो को चूसने लगी... १० मिनट की किसिंग के बाद सानिया ने अपने बेटे को खुद से अलग किया..... ओर फिर.. और फिर सानिया उठि और अपने बेटे की तरफ पीठ कर के उसके लंड पर धीरे धीरे बैठ गयी... उसके बेटे का लंड उसकी चुत में चला गया...
सानिया के मुह से आह निकल गयी... सतीश को भी मजा आ रहा था... सानिया ज़ोर ज़ोर से ऊपर निचे हो रही थी.. हहहहहः... उफ़ उफ़ फु उफ.. हां हां हैः... पागलो की तरह अपने बेटे के ऊपर कुद रही थी... दोनों माँ बेटे को इस में बेहद मज़ा आ रहा था.. सानिया की गांड अपने बेटे के गोटे पर ज़ोर ज़ोर से लग रही थी... पर ये दर्द भी उस मज़े आगे कुछ नहीं था जो मज़ा उसे अपनी मम्मी से मिल रहा था...
सतीश भी मस्ती में नीचे से अपनी गांड उछाल उछाल के अपना लंड अपनी मम्मी की चुत में घूसा के शॉट लगा रहा था.. सानिया : अहा हां हैः.... उफ... है... जान बस... ऐसे ही ऐसे ही ही ओह.. गॉड.. बेटा तू कहा था अब तक्... तेरी मम्मी कब से प्यासी थी.... आज जा के मेरी प्यास बुझि है... अब मैं रोज़ तुझसे १० बार चुदुँगी... अपनी जवानी की प्यास तुझसे ही पूरी करुँगी.... हाइ में गयीईइ...
ये कहते हुए सानिया मस्ती में झड़ने लगी और अपने बेटे के ऊपर ढेर हो गयी... सतीश ने अपनी मम्मी को पकड़ा और निचे से ज़ोर ज़ोर से शॉट्स लगाने लगा... करीब १० -१५ शॉट्स के बाद उसका सारा माल उसकी मम्मी की चुत में निकल गया... फिर वो दोनों गले लग के बेड पे थक के नंगे ही सो गये...
फिर क़रीब २ घंटे के बाद अचनाक.......
WOW NICE UPDATE AND PICS ALSO सानिया : क्याआ...? क्या कहा तूने... तु मेरी गांड का छेद भी चाटना चाहता है...? और वो भी शहद लगा के...? छि... कितनी गन्दी जगह है ओ... मैं वहां से लेट्रिन करती हु... सतीश : मम्मी मैंने कहा न की तुम्हारे जिस्म की कोई भी जगह मेरे लिए गन्दी नहीं है... मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ की मुझे तुम में कुछ गन्दा नहीं लगता... मैं अभी शौक से तुम्हारा पिशाब भी पी सकता हूँ और तुम्हारी गांड भी चाट सकता हु.. चाहो तो आज़मा लो... सानिया : जी नहीं ऐसा कुछ करने की अभी कोई ज़रूरत नहीं है... वो सब बाद में सोचेंगे... सतीश : ठीक है मम्मी.. लेकिन कम से कम अभी मुझे अपनी ये टेस्टी रसीली चुत तो चाट्ने दो.. ये कह के सतीश बिना अपनी मम्मी का जवाब सुने उसकी चुत से मुह लगा के उसकी चुत से निकल रहे मीठे वीर्य को चाटने लगा... आज कोई और नहीं उसका अपना बेटा उसकी चुत चाट रहा था.. उसकी मस्ती सातवे आसमान पे पहुँच गयी... और वो मस्ती में आके ज़ोर ज़ोर सिसकारी लेने लगी.. सानिया : आआआआहह... मममममम... ऊऊऊह्ह्... है बड़ा मज़ा आ रहा है... ... आछ... ओह... है जान... चाट... चाट मेरी चुत को... कई सालो से किसी ने भी चाटा नहीं है... अब ये तेरी हो चुकी है...चाट खूब चाट अपनी मम्मी की चुत... अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश बेहद उत्तेजित हो गया उसका लंड फिर से खड़ा हो गया... वो पूरे जोश में अपनी मम्मी की चुत के दाने को अपने मुह में लेके चूसने लगा. सानिया मस्ती में अपने बेटे का सर पकड़ के अपनी चुत पे दबाने लगी... सानिया : आहः... .. ओहः... है बड़ा मज़ा आ रहा है... .. हाँ और ज़ोर से चूस मेरी चुत को..... खा जा... मेरी चुत के डेन को.... है में झड़ने वाली हु... ... है में गयी.... सानिया काँपते जिस्म के साथ मस्ती में झड़ने लगी... उसकी चुत से वीर्य का सैलाब निकलने लगा... सतीश अपनी मम्मी की चुत से निकल रहे वीर्य को मज़े ले कर पीने लगा...
अचानक सानिया का मोबाइल बजने लगा... सानिया अँगड़ाई लेते हुए उठि उसकी नजर अपने बेटे के खड़े लंड पे पडी... उसे देखते ही सानिया का चेहरा शर्म से लाल हो गया... उसने मुड के अपने बेटे की तरफ देखा... उसका बेटा गहरी नींदः में सो रहा था... अचानक सानिया को मस्ती सुझी और उसने झुक के अपने नंगे बेटे के लंड को प्यार से चूम लिया.
फिर उसने अपना मोबाइल उठाया और अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में लेके प्यार से सहलाते हुए मोबाइल पे बात करने लगी... फिर सानिया अपने बेटे के लंड को चूम के बाथरूम में नहाने चलि जाती है... नहा के गाउन पहन के जब वो बाहर आती है तो देखति है की उसका बेटा नंगा बेड पे लेटा उसका इंतज़ार कर रहा है... वो ड्रेसिंग टेबल के पास जा के अपने बाल बनाने लग जाती है... सतीश बेड से उठ के अपनी मम्मी को पीछे से पकड़ के उसकी गर्दन को किस करने लगता है... सानिया : ... नहीं सतीश अभी नही... अभी तुम्हारे डैड के आने का टाइम हो गया है... अभी तुम जा के नहा लो... और थोड़ा बाहर घूम के आजाव... और मेरे लिए कुछ सामान भी ले आव... ये लो लिस्ट... सतीश : ठीक है जान... लेकिन कम से कम एक किस तो करने दो... सतीश अपनी मम्मी को किस कर के अपने रूम में नहाने चला जाता है... फिर बड़े ही अच्छे मूड में अपने दोस्तोँ से मिलने चला जाता है... दोस्तों से मिलने के बाद वो अपनी जेब से लिस्ट निकाल के चेक करता है... १. बेबी आयल. २. मोइस्टेरिसिंग क्रीम. ३. ब्रा एंड ३ पैंटी. तुम्हारी चॉइस के. साइज तुम्हे पता है. ४. के वाय जेली. ५. हनी. सतीश ये सब सामान खरीद के घर वापिस आता है. घर आ के वो देखता है की उसके डैड आ चुके हैं और मम्मी के साथ बात कर रहे है... ओ हनी, ब्रा और पेन्टी छोड के बाकी का सामान मम्मी को दे के अपने रूम में चला जाता है... अगली सुबह सो के उठने के बाद वो फ्रेश हो के बाहर हॉल में आता है... हॉल में उसके डैड चेयर पे बैठे न्यूजपेपर पढ़ रहे है... वो वहां से सीधे किचन में जाता है... किचन में उसकी मम्मी टेबल के पास खड़ी छोटी सी नाइटी पहने आटा गूंध रही है... अपनी मम्मी को सेक्सी नाइटी में देख के सतीश का लंड खड़ा हो जाता है... वो आगे बाँध के अपनी मम्मी को अपनी बाँहों में भर लेता है... और अपना खड़ा लंड मम्मी की गांड में चुभाते हुए... मम्मी की सेक्सी गर्दन को किस करने लगता है... सानिया सतीश की इस हरकत पे चोंक जाती है... सानिया : सतीश पागल हो गए हो क्य....? छोडो मुझे.. तुम्हारे डैड बाहर ही बैठे है... अगर उन्होंने हम को इस तरहा साथ में देख लिया तो...? सतीश अपनी मम्मी को और कस के अपनी बाँहों में लेता है... और अपना लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच में और अंदर घूसा के कहता है... सतीश : तुम बेकार परेशान हो रही हो मम्मी.. डैड यहाँ नहीं आयेंगे... वो न्यूजपेपर पढ़ने में बिजी है... सानिया : .. और अगर ओ... आ गये तो... सतीश : तो उनके आने के पहले ही में यहाँ से बाहर चला जाउंगा... ये कह के सतीश अपनी मम्मी के स्तन दबाने लगता है... और अपनी मम्मी के चुत्तड़ के बीच में अपना लंड आगे पीछे करते हुये... मम्मी के गालों को चुसने लगता है. सानिया मस्ती में सिसकारी लेने लगती है... सानिया : अहः... . ओहः.... सतीश ये क्या कर रहे हो.... क्यों मुझे पागल बना रहे हो....? ममममममम... प्लीज ऐसा मत करो... कहीं ऐसा न हो की में मस्ती में आ के कुछ ऐसा कर जाउ जो हम को इस वक़्त नहीं करना चहिये... आआआआहह... ममममममम... ऊऊऊह्ह्.... प्लीज छोड दो मुझे...
सतीश : क्या कहा तुमने...? मेरी जान...? चोद दू तुम्हे... वो ही तो में यहाँ करने आया हु.
सानिया : जी नही... मैंने ये नहीं कहा... की मुझे चोद दो... बल्कि मैंने तो ये कहा की मुझे.. छोड दो...
सतीश : वो ही तो में कर रहा हु...
अब अपनी मम्मी की बात में कैसे टाल सकता हु... अभी चोदता हूँ तुम्हे... लेकिन पहले मेरे लंड को ठीक से खड़ा तो हो जाने दो...
सानिया : खड़ा हो जाने दो क्या मतलब...? ये खड़ा ही तो है... मुझे अपने चुत्तड़ के बीच में इसके पूरे कड़क पण का एहसास हो रहा है... तुम्हारा लंड पूरी तरहा से तो खड़ा है... अब ये ... और कितना खड़ा होगा... क्या ये खम्बा बनेगा जहाँ तुम झंडे गाड सको... सतीश : हाँ मम्मी आज तो में अपने लंड को यहीं तुम्हारी गांड में एक झंडे ही की तरहा गाडूंगा... है क्या सेक्सी गांड है तुम्हारी... सानिया : नही. मेरी गांड में अपना ये खम्बे जैसा लंड घुसाने के बारे में सोचना भी नही... ये कह के सानिया पलट जाती है... सानिया के पालते ही उसके बेटे का खड़ा लंड उसके चुत्तड़ से बाहर निकल के उसकी चुत के होठो में घुस जाता है... सानिया मस्ती में सिसकार उठती है......
सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी के होठो को चूसने लग जाता है... और साथ में अपना लंड ट्रैक में से निकाल के अपनी मम्मी की चुत पे रगड़ने लगता है.. सानिया मस्ती में आके अपने बेटे का लंड अपने हाथ में लेके अपनी चुत से बाहर निकालने के बजाये खुद अपनी चुत पे रगड़ने लगती है.. और मस्ती में आहें भरने लगती है... सतीश अपनी मम्मी के होठो को अपने मुह में लेके चूसने लगता है... दोनो मस्ती के सातवे आसमान में उड़ रहे हैन...
सानिया से अब और बर्दाश्त नहीं होता और वो मस्ती में आ के झड़ने लगती है.. उसका जिस्म काम्पने लगता है और उसकी चुत से वीर्य का नदी बहने लगती है..
तभी सतीश अपनी मम्मी की चुत के छेद पे अपना लंड टीका के एक धक्का मारता है.. उसका आधे से ज़्यादा लंड अपनी मम्मी की चुत में घुस जाता है.. और वो वहीँ खड़े खड़े खड़े अपनी मम्मी को चोदने लगता है. दोनों माँ बेटा मस्ती में एक दूसरे के होठो को चूसते हुए एक दूसरे को चोदने में लगे हुए है. ओ अपनी मस्ती में ये भूल चुके हैं की बाहर हॉल में डैड बैठे पेपर पढ़ रहे हैं वो कभी भी अंदर आ सकते है.
सानिया : आआआआहह... हाँ सतीश ऐसे ही चोदो... और ज़ोर से और ज़ोर से मुझे बहुत मज़ा आ रहाआ... और कस के दबाओ मेरी चूचि को.. आआआआहह... है... ऊऊओह्ह हाँ और ज़ोर से आज चोद चोद के फाड़ दो... मेरी चुत को... है में फिर से झड़ने वाली हु... आआआआहह... मैं गाइएएएएऐ.. सानिया की चुत से वीर्य बहने लगा.. सतीश भी अपनी मम्मी की चुत में अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा.. दोनों साथ में झड गये. झड़ने के बाद सानिया ने कस के अपने बेटे को किस किया और उसे बाहर हॉल में भेज दिया...
सानिया : अब और कोई शैतानी नही... चलो बाहर जाओ में नाश्ता लेके आती हु...
सतीश बाहर हॉल में जा के बैठ गया...
सानिया : अब और कोई शैतानी नही... चलो बाहर जाओ में नाश्ता लेके आती हु... सतीश बाहर हॉल में जा के बैठ गया... कुछ देर में सानिया नाश्ता ले के हॉल में आ गयी... तीनो चुप छाप बैठे नाश्ता कर रहे थे... सानिया का चेहरा ख़ुशी से खिला हुआ था... ओ खुश क्यों न हो... उसके बेटे उर्फ़ नए लवर ने आज सुबह सुबह किचन में उसे चोद के मस्त जो कर दिया था... वो बार बार अपने बेटे को देख के शरमाते हुए मुस्कुरा रही थी... उसका बेटा अपने पैर से उसके पैरों को सेहला रहा है... सानिया के जिस्म में मस्ती की लेहर दौड रही है... उसकी चुत से वीर्य बहने लगा है... अचानक सतीश को शरारत सूझती है और वो अपनी चम्मच टेबल के निचे गिरा देता है... उसे उठाने के लिए वो नीचे झुकता है... नीचे झुकते ही उसकी नज़र अपनी मम्मी के पैरों के बीच में से झाँकती हुई रसीली चुत पे पढ़ जाती है... वो थोड़ा आगे बढ़ के अपनी मम्मी की चुत को चूम लेता है... और अपनी जुबान से २-३ बार मम्मी की चुत का वीर्य चाट के बाहर आता है...
सानिया मस्ती में सिसकार उठती है... आआआअह्ह्... मममममम... सानिया की सिसकारी सुन के डैड ने कहा. डैड : क्या हुआ...? सानिया : कु...च नही.... ओ... वो मेरी कमर में थोड़ा दर्द है... सतीश आँख मार के कहता है... सतीश : मम्मी तुम्हारी कमर में दर्द है... तुमने मुझे बताया नही... नाश्ते के बाद में तुम्हारी कमर की मालिश कर दूंगा... सानिया : ना बाबा ना... मैं तुमसे मालिश नहीं कराउंगी... कहीं मेरा दर्द और बढ़ गया तो.. सतीश : मम्मी तुम फ़िक्र मत करो... मैं तुम्हारी ऐसी मालिश करूँगा की तुम रोज़ मुझसे करवाना चाहोगी...
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया मुस्कुराने लगती है... वो समझ रही है की उसका बेटा किस मालिश की बात कर रहा है... सानिया मस्ती में अपना चम्मच निचे गिरा देती है... ओर फिर. फिर सानिया अपने पति की मौजूदगी में टेबल के नीचे अपने बेटे की तरफ आगे हुई और उसने अपने बेटे के ट्रैक में हाथ दाल के उसका 9 इंच का खड़ा कड़क लंड बाहर निकाला और उसके सुपडे को कस के चूम लिया... और फिर अपनी जुबान २-३ बार अपने बेटे के लंड पे फिरने के बाद उसे मुह में लेके चूस के छोड दिया और फिर टेबल से बाहर निकल के चेयर पे बैठ के मुस्कुराने लगी...
सतीश भी अपनी मम्मी की तरहा मस्ती में सिसकार उठा.. आआआआह्ह्... डैड : क्या हुआ...? अब तुम्हे भी कहीं दर्द है क्य...? सतीश : नही... वो में... वो तो बस ऐसे ही... ये कह के सतीश अपनी मम्मी को देखने लगा और उसकी मम्मी उसे आँख मार के मुस्कुराने लगी... डैड : लगता है आज तुम दोनों की तबियत ठीक नहीं है... एक काम करना डॉक्टर. को ज़रूर दिखा लेना... मैं ऑफिस चलता हु... ये कह के डैड ऑफिस चले गये... सानिया मस्ती में उठि और अपने रूम में जाने लगी... सतीश ने फ़ौरन उसे रोका और खीँच के अपनी गोद में बिठा लिया...
सानिया : क्या बात है मेरा बेटा आज सुबह से ही बड़े जोश में है..? सतीश : जिसकी मम्मी इतनी खूबसूरत और सेक्सी होगी वो जोश में क्यों न हो... सानिया : तुझे में कहाँ से सेक्सी लगती हु...? सतीश : मुझे तुम हर जगह से सेक्सी लगती हो, चेहरे से, चूची से, चुत्तड़ से और चुत से... फिर अपनी मम्मी की चिकनी गुलाबी चुत को झुक के चूम लेता है. अपने बेटे के होठो को अपनी चिकनी चुत पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में सिसक उठि...
सानिया : आआआआहह... ऊऊऊह्ह्... सतीश बेटे ये क्या कर राहा... है मममममम... मैं मस्ती में पागल हो रही हु... अब बस कर... आआआआहह... ऊऊऊह्ह्... सतीश मम्मी की चुत के दाने को मुह में ले के चूसने लगता है... और अपनी ऊँगली को मम्मी चुत में अंदर बाहर करने लगा... सानिया मस्ती में सिसकारी लेने लगी... मस्ती में मचलने लगी... सानिया : आआआआहह... मममममम... ऊऊऊह्ह्... अमननननन... हाँ ऐसे ही... और ज़ोर से चूस है बड़ा मज़ा आ रहा है... मममममम... में झड़ने वाली हु... ऊऊऊह्ह्... है ये कैसा जादु है तेरे हाथों में है में गाईयी....
सानिया की चुत बहने लगती है...
उसकी चुत से तेज़ी से वीर्य निकल के सतीश के मुह में जाने लगता है... सतीश अपनी मम्मी की चुत से मुह लगा के बड़े मज़े से उस वीर्य को चूस चूस के पी रहा है...
झड़ने के बाद सानिया शांत होक बेड पे लेट जाती है...