Incest कथा चोदमपुर की

Eaten Alive
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waise ek se badhkar ek hawasi stories pe ek se badhkar ek kamine kirdaar dekhi hai...
par ye karma sabse bada kamina hai... aisa haramjada jo khud ke mom dad privacy mein taak jhak kare khudki maa ke sath hi chii chii
Isko to jaake gande nale mein kud kar dub marna chahiye...
Waise itni aag lagi padi hai to Jaake Nilesh singh se keh kyun nahi deta ki karma ko bhi uski biwi sabhya pasand hai... :D nilesh mana thodi na karega :lol1:
Udhar wo mamta aur uski beti... lagta hai dono bhi ghat ghat ke pani pi huyi hai....
I think nilesh aur mamta ke bich jarur hawasi relationship hoga.. Dekho to kaise paisa maangne se mana kar hai kutta... :roflol:

Well...update ke Sare kadiyo ko suruvaat se leke ant tak bahot kaamuk tarike se bayan ki hai lekhak ne..jo ki rachnatmak ke sath sath tharak se paripurn hai :D

Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 
Dramatic Entrance
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waise ek se badhkar ek hawasi stories pe ek se badhkar ek kamine kirdaar dekhi hai...
par ye karma sabse bada kamina hai... aisa haramjada jo khud ke mom dad privacy mein taak jhak kare khudki maa ke sath hi chii chii
Isko to jaake gande nale mein kud kar dub marna chahiye...
Waise itni aag lagi padi hai to Jaake Nilesh singh se keh kyun nahi deta ki karma ko bhi uski biwi sabhya pasand hai... :D nilesh mana thodi na karega :lol1:
Udhar wo mamta aur uski beti... lagta hai dono bhi ghat ghat ke pani pi huyi hai....
I think nilesh aur mamta ke bich jarur hawasi relationship hoga.. Dekho to kaise paisa maangne se mana kar hai kutta... :roflol:

Well...update ke Sare kadiyo ko suruvaat se leke ant tak bahot kaamuk tarike se bayan ki hai lekhak ne..jo ki rachnatmak ke sath sath tharak se paripurn hai :D

Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Apki is detailed aur pyar bhari pratikriya ke liye bahut bahut dhanyawad,
Itane pyar se aapne karma aur baki sab ko unke ache ache kaamo ke liye saraha hai wo dekhkar kafi acha laga:marjana:
Karma ki aankhein to nam ho gayi hogi aapke ye shabd padhkar..
Isi tarah se unka protsahan badhate rahein...
Bahut bahut dhanyawad
 
Eaten Alive
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Update 3

Mamta bas naam ke liye mamta hai... Baaki to kisi chinnar se kam nahi... udhar nilesh taka bhirayi huyi hai aur uske bete karma sath bhi kucchi ku karne ko taiyar hai... aur karma.. us haram ke jane ke to jaise mann ki murad hi puri ho gayi ho... :D

Btw kamukta hi sahi lekin kirdaaro ke bich chat patti maselezaar uttejit baatein, kisse kaafi dilchasp thi.....
aise hi likhte rahiye aur apni manoram lekhni se hum readers ka manoranjan karte rahiye...
Let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills . . :yourock: :yourock:
 
Dramatic Entrance
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Update 3

Mamta bas naam ke liye mamta hai... Baaki to kisi chinnar se kam nahi... udhar nilesh taka bhirayi huyi hai aur uske bete karma sath bhi kucchi ku karne ko taiyar hai... aur karma.. us haram ke jane ke to jaise mann ki murad hi puri ho gayi ho... :D

Btw kamukta hi sahi lekin kirdaaro ke bich chat patti maselezaar uttejit baatein, kisse kaafi dilchasp thi.....
aise hi likhte rahiye aur apni manoram lekhni se hum readers ka manoranjan karte rahiye...
Let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills . . :yourock: :yourock:
Bahuttt bahut dhanyawad isi tarah sath dete rahiye jaldi hi milte hain agali update ke sath...
 
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सभी को प्रणाम मैं एक स्टोरी स्टार्ट कर रहा हू, जो सेक्स से भरपुर होगी मुख्य थीम अनाचार ही रहेगा, आप लोगो के कमेंट या फीडबैक के साथ कहानी आगे बढ़ती चली जाएगी ... आशा है आपको बहुत पसंद आएगी।
:congrats: new story
 
Well-known member
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कहानी पूरी तरह से कल्पना से भरी है वास्तविकता से इसका कोई संबंध नहीं है। दोस्तो मेरी कहानी सेक्स या चुदई से भरपुर होगी तो सिर्फ इसे मनोरंजन के तौर पर पढ़ें वैसे मैं पूरी कोशिश करुंगा के सारी बातों का ध्यान रखूं पर कहीं तार्किक रूप से आपको कुछ गलत लगे तो उसके लिए माफी चाहूंगा। धन्यावाद।



चोदमपुर एक बिलकुल किसी भी अन्य गांव की तरह ही है यहां भी लोगो का गुजरा खेती से होता है लेकिन यहां की जमीन अच्छे होने से यहां के लोग काफी अच्छे हैं लेकिन इतना ज्यादा अमीर नहीं कह सकते पर गुज़ारा अच्छा खासा हो जाता है।



इसी गांव का एक परिवार है जिसके मुखिया हैं...

नीलेश सिंह

आयु 45

लंड भी अच्छे साइज का है

सीधे साधे इंसान हैं लेकिन हम सब की तरह चुदाई करना बहुत पसंद है इसलिए अपनी बीवी को खूब चोदते हैं।

उनकी पत्नी का नाम है...

सभ्या

आयु 42

बिलकुल घरेलु बीवी या मां लेकिन दिखने में एक दम सेक्सी जिसे देख कर ही नीलेश का लंड आज भी खड़ा हो जाता है या फिर जामकर चोदते हैं..

सब्या बहुत ही घरेलु या पतिव्रत औरत है लेकिन चुदाई करने में वो भी बिलकुल अपने पति की तरह है ... खूब मजे ले लेकर चउदवती है।

चुचियों और गांड का साइज़ भी काफी भारी भरकम है







सब्या या नीलेश के दो बेटे है .. बड़ा बेटा

कर्मा

आयु 20

हमारी कहानी का हीरो भी है।

अच्छा दिखता है ... शरीर भी हीरो जैसी नहीं लेकिन ठीक थाक है ये पढाई कर रहा है या गांव का पास ही कॉलेज में जाता है..इसकी खास बात ये है कि इस्का लंडड बी अच्छा आकार का है या वो हमऐसा समझो खड़ा है रहता है ... इसके दिमाग में हर जबकि चुदाई के ख्याल ही चलते रहते हैं ...

घर का सबसे छोटा सदस्य है..

अनुज

आयु 18

अभी अभी जवान हुआ है या जवानी में तो आपको पता ही है लंड का क्या हाल होता है..या लंडके साइज के मामले में ये भी अपने बड़े भाई या बाप जैसा ही है... हमेशा अपनी पहली चुदाई के सपने देखता है या लंड हिलाता रहता है।




तो दोस्तो ये है हीरो या उसका परिवार बाकी के किरदार जैसे जैसे जुड़ेंगे रहेंगे आपको उनसे परिचित करवाता रहूंगा..अभी बता कर भ्रमित नहीं करना चाहता... धन्यवाद
nice strat bhai
 
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लास्ट अपडेट में मैंने किरदारों के बारे में आपको बताया था, तो अब आगे की कहानी खुद कर्मा की जुबानी ..

अपडेट 1

(या ज़ोर से चूसो ... हं हन थोडा और अंदर येह्ह्ह अह्ह्ह थोड़ा या अंदर आह्ह) सुबह मेरी निंद ऐसा सपना देखते हुए खुल गई सपने में तो लंड किसी के मुह में था यहां तो खुद के हाथ में खड़ा था । ... यानी कुल मिलाकर मेरी हलत वैसी ही थी जैसी सारे लड़कों की होती है ... अपने खड़े लंड को थोड़ा सहलाते हुए मैंने अपनी आंखें पूरी तरह खोली या खुद को सपनों की दुनिया से वास्तविकता में लेकर आया ...

तबी पीछे से एक आवाज आई

मां- उठ अब कब तक सोता रहेगा?

मैं- सोने दो ना मां आज तो संडे है..

माँ- संडे है तो क्या पूरे दिन सोयेगा उठ जल्दी तेरे पापा तो बाग में चले भी गए या तू सोता ही रहता है।

मैं- उफ्फो मां उठ रहा हूं अनुज कहां है?

माँ- वो बहार नाश्ता कर रहा है तू भी उठ और करले।

मैं- ठीक मां अब चलो मैं आता हूं...

(मेरा घर एक सिंगल मंजिला घर है मतलब ऊपर रूम नहीं बने बस छत है या बैठने के लिए है नीचे 4 कमरे हैं 2 वॉशरूम या किचन या हॉल सब नीचे है क्योंकि गांव के घर बड़े होते हैं इसलिए ऊपर बनाने की जरूरत नहीं पड़ी। एक कमरा में माँ पापा या उनके बगल वाला कमरा खाली है माँ पापा के कमरे के बहार एक वॉशरूम है उनके गेट के बगल में ही और फिर उन दो कमरे के बाद किचन फिर मेरा कमरा और फिर एक कमरा अनुज का है)

इतना सुन कर मां चली जाती है या मैं सोचता हूं बच गया जो मां ने मेरा खड़ा लंड नहीं देखा एक तो शॉर्ट्स में ये छुपा भी नहीं है..फिर मैं वॉशरूम में जकर लंड हिलाकर शांत करता हूं या बहार आ जाता हूं ... लेकिन लंड भी ना एक बार हिलाने से मान जाए ऐसा कहां है... जैसा आपको मैंने बताया है के मैं चुदाई का कितना भुखा हूं तो उसी के ख्याल रहते हैं दिमाग में तो मैं हर लड़की के नंगे में सबसे पहले ये सोचता हूं के ये नंगी कैसे लगेगी ... इस्को चोदने कितना मजा आएगा पहले तो मेरा लंड सिरफ लड़कियों को देख कर खड़ा होता था लेकिन अब तो चाची भाभी सबको देखकर तन जाता है ... अपने से बड़ी उम्र की औरतों को देख कर करता हूं है मेरा हाल शायद ये ज्यादा ब्लू फिल्म देखने की वजह से है..

खैर मैंने बहार आ कर ब्रश करने लगा दोस्तो मैं आपको अपनी एक कमजोरी के बारे में तो बताना ही भूल गया मुझे महिलाओं की कमर बहुत सेक्सी लगती है खसकर साड़ी में से किसी की कमर या नावेल दिख जाए तो मेरा लंड हो गया है .... तो हुआ भी कुछ कुछ ऐसा ...

जब मैं ब्रश कर रहा था तब माँ कुछ काम कर रही थी या उन साड़ी पाहन राखी थी जो वो नावेल से थोड़ा नीचे बंधती थी .... तो मेरी नज़र उनके चिकने पेट पर पड़ी, काम करने की वजह से उनका पल्लू थोड़ा पल्लू थोडा गया था जिससे उनका पूरा सपाट पेट और नाभि नजर आ रही थी ...



फिर क्या था मेरा लंड ये देखते ही खड़ा होने लगा ... या कुछ ही पलो में पूरा खड़ा हो गया ... मेरी नजर मां की चिकन कमर से हट ही नहीं रही थी तबी मां किसी काम से कमरे में चली गई तो मुझे होश आया ... फिर मैं खुद को गाली देने लगा की अपनी मां को देख कर तेरा लंड कैसे खड़ा हो सकता है ... लेकिन लंड के लिए वो सिरफ कमर थी। तो हो गया वो खड़ा ... फिर मैंने मुश्किल से लंड को पजामे में एडजस्ट किया या निकल गया बहार अपने बाग की तरफ .. हमारी भैंस या गया भी वही बंधी रहती है ..)

जब मैं बाग में पाहुचा तो देखा पापा एक भैंस को खोल रहे थे.. तो मैंने पूछा

मैं- क्या हुआ पापा आप इसे खोल क्यों रहे हो?

पापा- इसका टाइम हो गया है ना तो इसे करना है

मैं- क्या टाइम हो गया है पापा या क्या करना है?

पापा- अरे गधे, इस्को पेट से करने का टाइम हो गया है तबी तो बच्चा देगा या फिर दूध दे पायेगी...

मैं- ओह अच्छा तो आप किस करवाओगे इसे।

पापा- अरे है ना वो बंधा हमारा छोटा भैंसा

मैं- पर पापा वो इसे कैसे कर सकता है.... ये भैंस तो उसकी मां है..

पापा- अरे माँ वा कुछ नहीं होता अभी देख कैसा चढ़ता है वो इसके ऊपर एक बार में ही कर देगा ... एक ही बार में पेट में बच्चा डाल देगा..

मैं पापा की ये बात सुनकर चुप हो गया लेकिन उनकी बात मेरे मन में घूमने लगी...

फिर पापा ने उन दोनो को साथ किया तो भैंसा तुरंत अपनी मां के पीछे गया या उसकी चूत पर सूंघा या फिर तूरंत अपना बड़ा सा लंड लेकर उस पर चढ़ गया ... मैं उनकी ये चुदाई बड़े ध्यान से देख रहा था या मुझे आज सारा सीन याद आ रहा था वो मां का चिकन पेट, मेरे लंड का खड़ा होना या पापा की कही ये बात भी मुझे बार बार अपनी या खींच रही थी। एडजस्ट करके पजामे में छुपाया ... या कुछ डर देखने के बाद मैं वहां से निकल गया फिर मैं घर आया कॉलेज का कुछ काम था वो किया .. अनुज से थोड़ी लड़ाई हुई जो भाईयों में होती रहती है या फिर टीवी देखते देखते तो गया ...

शाम को खाने के समय अनुज ने उठाया और बोला

अनुज-उठ जाओ खाना खा लो मां बुला रहे हैं...

मैं- तू चल मैं हाथ धोकर आता हूं।

फिर जकार मैं सबके साथ खाना खाने बैठा मैं, पापा या अनुज खा रे थे या मां हम सबको खाना दे रही थी... तो खाना देते हुए जब मां झुक रही थी तो मेरी नजर फिर मां के पेट पर चली गई। या मुझसे फिर से सब वो याद ए गया जो सबह हुआ था ... मैंने खुद को कंट्रोल करते हुए अपनी नजर ऊपर करने लगा लेकिन पल्लू साइड होने की वजह से फिर मुझे उनके ब्लाउज के और से झांकती हुई चुचिया में देखा में पहली बार ये ख्याल आया के मां की चुच्चिया कितनी बड़ी है या कितनी सुंदर या टाइट लग रहे हैं..या मैं उनको देखता ही रह गया ... तब एक आवाज से मेरा ध्यान टूटा

मां- कर्मा तू कुछ या लेगा क्या...

मेरे मुह से अपने आप निकल गया

मैं- दूध ... अरे वो मां अभी नहीं लूंगा बस दूध पी कर सो जाऊंगा ...

इतना कह कर मैं अपने रूम में आ गया या ले गया .... जाने मैं आज जो बी सब हुआ उसके बारे में सोचने लगा पहले तो मैं खुद को कोसने लगा के अपनी मां की बॉडी को देख कर तू सब सोच रहा है फिर वो पापा की बात याद आई के मां बेटा कुछ नहीं होता है..लेकिन क्या भ्रम है के बाद भी मैं एक चीज तो सोच रहा था कि मां है बहुत ही सेक्सी लगा ही नहीं के दो बच्चों की मां है... इतना सेक्सी बदन बड़े बड़े चुतड़... बड़ी चुचीया चिकन कमर सपत पेट..मैं सोचने लगा के मां नंगी कैसी दिखी होगी..उनके चूतड़ कैसे दिखेंगे

लेकिन मैंने खुद को ख्यालो से हटाए के लिए सोचा के ब्लू फिल्म देखता हूं या मैं देखने लगा लेकिन बहुत सारी देखने के बाद भी मुझे कुछ ऐसा महसूस नहीं हुआ था, इसे देखकर हिलाना चाहिए... नहीं हुआ तो मैं उठा कर रूम से बहार आ गया पानी पाइन के लिए .. जब मैं किचन में पाहुचा तो मुझे हांफने की आवाज आई या थोड़ी खुशर पुसर की.. मुझे समाधाने डर ना लागी की पापा के कमरे में क्या हो रहा है...

ये सोच कर मेरा लंड तुरंत और टाइट हो गया..और मेरा मन करने लगा के मैं भी उन्हे चुदाई करते हुए देखना ... एक मन बोल रहा था ये बहुत गलत है लेकिन लंड कह रहा था अब देखते हैं या मां को भी ना . देखने का मौका मिल जाएगा ... फिर लंड के आगे दिमाग हार गया या मैं दबे पांव उनके कमरे की तरफ चल दिया.. जैसे जैसे मैं आगे रहा था आवाज या तेज होती जा रही थी ...

आगे की कहानी अगली अपडेट में कृपया सुझाव या प्रतिक्रिया दें...
wah bhai mast mast update keep it up
 
Well-known member
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लास्ट अपडेट में आप ने देखा कैसे कर्मा अपने मां बाप की चुदाई देखने के लिए आगे बढ़ता है, अब आगे...

अपडेट 2

जैसे जैसे मेरे कदम आगे की तरफ़ बढ़ रहे थे मेरे दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी... लंड में भी एक अजीब तनव सा आ गया था जो इसे पहले कभी नहीं देखा था.. किसी को पता चलेगा तो क्या होगा लेकिन फिर भी हिम्मत करके मैं उनके गेट पर पाहुच गया...

मां- माआघह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ः मारो फाड़ दो मेरे राजा मेरी चूत को आह चोद आह्ह्ह्ह्ह... ..

अपनी परिवारिक मां के मुह से ऐसी बातें सुन कर मैं दंग रह गया मेरा लंड और टाइट हो गया ... इधर पापा तेज तेज मां को चोद रहे थे और बोल रहे थे ...

पापा- साली तेरी चूत आज भी बहुत टाइट और मजेदार है ... बहार निकलती है तो तेरी मोटी गांड को देख कर ही लंड खड़े हो जाते हैं ... ये ले आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ये ले ... और चुद

मेरा अब और मन कर रहा था के मैं देख कैसे भी करके... मैंने गेट से झांकने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं था.. मुझे लगा ऐसे गेट के पास खड़े रहना खतरे से खली नहीं है कहीं पीछे से अनुज आ गया .. इस्लिए मैं मां पापा के रूम से लगा हुआ जो वॉशरूम है उसका गेट चेक किया और उसमे घुस गया और कहते हैं जो होना होता है वो अपने आप अपना रास्ता ढूंढ़ लेता है..जब मैंने वॉशरूम का दूसरा गेट जो की उनके रूम के अंदर खुलता था वो चेक किया तो वो अंदर से बन्द नहीं था मेरी तो किस्मत ही खुल गई....

मैंने गेट को बहुत धीरे से बिना किसी शोर किए खोले के लिए हाथ आगे बढ़ा .. एक्साइटमेंट से मेरा हाथ काप रहा था गेट खोले हुए पर मैंने फिर थोड़ा सा गेट खोला एक इंच के करीब और उसमे अपनी आंख लगाकर तो जो दे एक नज़ारा आंखों के सामने आया मेरी आंखें फटी की फटी रह गई ... सामने मेरे मां चुदाई कर रहे थे ... मां अपना मुह पापा के पैरों की तरफ करके उनका लंड चूत में लेकर उछल रही थी जिससे मुझे उनकी पूरी बॉडी नंगी दिख रही थी ..... क्या कहूं इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी मां .... उनके बड़े बड़े और कसी हुई चूचियां उनके साथ साथ ऊपर नीच हो रही थी उनका चिकना पेट सेक्सी नाभि .. .देख कर मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं कब अपना लंड को पजमें से बहार निकल कर हिलाने लगा मुझे खुद भी पता नहीं चला ...... उनी टाइट चूत में पापा का लंड अन्दर बाहर होता हुआ साफ नज़र आ रहा था।

मैं उनको देखते हुए अपना लंड पकअड़ कर ज़ोर से मुठ्ठी मारने लगा और मां की पूरी कामुक नंगी शरीर को देखता ही जा रहा था..एक सपनो की दुनिया में खो गया था जिसमें सिरफ मां की नंगी बॉडी थी और मैं था। मां की एक आआह से मेरा ध्यान बापिस आया .... मां की चीख और हाव भाव से पता चला की मां झड़ गई है . और वो ढीली होकर पापा के ऊपर ही गिर गई ... पापा का लंड उनकी चूत से निकल गया ... लंड निकलते ही उनकी चूत का मुह वैसा ही खुला रह गया और मैं उसे बस देखता ही रह गया ... मन कर रहा था कि अभी जाकर अपना लंड मां की इस कामुक रसीली चूत में घुसा दूं ... पर अपने नसीब को कोस कर बैठा रहा ... इधर उन्होने अपनी स्थिति बदल ली थी और मां फिर से चुद रही थी क्योंकि पापा अभी नहीं झड़े थे..और अब उने कुतीया बना कर चोद रहे थे। ..
पापा जब लंड अंदर डालते तो उनके कूल्हें मां के बड़े चुतडो से टकराते और उनके बड़े तरबूज़ जैसे चुतड़ हिल जाते पूरी तरह ये नजर देख कर मेरे लंड ने अपना रस गेट पर ही छोड़ दिया ... पर इसके के बाद भी मेरा लंड उतना ही तंग हो कर खड़ा था और मैं फिर उसे पकड कर मुथियाने लगा ...



माँ अपनी गांड पीछे कर कर के लंड अपनी चूत में ले रही थी..और चिल्ला रही थी..



माँ-आह छोडो मेरे राजा अपनी रांड की चूत फड़ दो... आह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह बहुत ज्यादा तरसती है ये लंड के लिए....



पापा- साली कितनी चुडक्कड़ औरत है तू कल रात ही तेरी चूत और गांड फाड़ी थी और अब बोल रही है तरास्ती है हं आह्ह्ह्ह इतना चुदने के बाद भी तेरी चूत तंग कैसे है इसका तो भोसड़ा बन जाना चाहिए था।



मां-आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पता नहीं क्यों अगर कुछ घंटे ही लंड न मिले तो मेरी चूत सिकुड जाति है और पानी बहने लगती है तुमने ही...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चोददद चोद कर लंड का ऐसा चस्का लगा दिय है मेरे राजा..



ये कहकर वो अपने चुचियां भींचने लगी ....औरपापा उनके चुतड़ दबाते हुए मां को और तेज चोदने लगे और मां की भी आआहह और तेज हो B मेरा हाथ भी लंड पर और तेज हो गया ..... थोड़ी देर के बाद अचानक मां की आह बंद हो गई ...और सिर्फ थाप थाप थाप की बहुत तेज आवाजें आ रही थी पूरे कमरे में ... पापा मां को बुरी तरह से चोद रहे थे और मां दोबारा झडने की कगार पर थी और पापा का भी निकलने वाला था अचानक से पापा ने मां की कमर को जोर से पकाड़ा और अपने हिप्स का झटका बहुत तेज से मारा जिस से वो बिल्कुल बुरी तारीके से मां के चूतड़ों से चिपक गए और मेरी मां के बड़े चुतड उनकी जांघों से दब गए... ऐसा लग रहा था पापा ने मां को अपने लंड पर टंग लिया है वो ऐसे पकडे हुए थे और वो फिर मां की चूत में ही झड़ गए ... ... उनके झड़ते ही मैंने भी अपना मुह भीच कर अपना रस एक बार फिर गेट पर छोड़ कर मां के नाम कर दिया ... मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी के मुझे अचानक बिस्तर पर कुछ हरकत होती हुई देखी मैंने देखा तो मां उठ रही थी और शौचालय की तरफ आने को थी मैं घबड़ा गया फिर अचानक प्रतिक्रिया करते हुए मैंने अपने आप को संभला और दूसरे गेट से तूरंत निकल गया... मुझे गेट... की आवाज़ आई लेकिन तब तक मैं किचन तक आ गया था ...औरफिर मैं देर ना करता हुआ अपने रूम में घुस गया ...मुझे यकीन नहीं हो रहा था ... मेरी इतनी आदर्शवादी मां जिसके मुह से कभी गली भी नहीं सुनी वो इतनी चुदक्कड़ है और ऐसी गाली दे देकर चुदवाया करती है ..

उसकी ये बात के दिन भर मेरी चूत प्‍यासी रहती है..मैं सोचने लगा ये वो ही मां है जिसे देख के दिन मे ये लगता है नहीं के सेक्स से इनका दूर तक का भी नाता होगा ... हाय और ये तो बिलकुल नहीं की ये चुदाई ऐसे करवाती होंगी ...और फिर पापा की वो बात याद आई तो सोचा चूत तो चूत होती है मां की हो या औरकिसी की भी ..

खैर पर इन सब बातो का नतीजा ये हुआ के जो ग्लानि मुझे अपनी मां के नंगे बदन को सोचने पर हो रही थी उसकी जगह अब उत्तेजना ने लेली अब मुझे उनके नंगे बदन को याद करने पर बहुत मजा आया ... और एक बार उनके कामुक बदन को सोचते हुए मुठियाने के बाद मैं ऐसे ही सो गया....

सुबाह जब आंख खुली तो मैंने देखा के मैं चादर ओढ़ कर सो रहा हूं और देखा तो मैं चादर के नीचे नंगा था क्योंकि रात को हिलाते हुए मैंने अपना पायजामा और अंडरवियर उतार दिया था..और मुझे याद है कि मैं बिना चादर के सोया था तो मुझे किसने चादर से ढका और जिसने भी किया होगा मैं नंगा जरूर दिखाऊंगा .... कौन हो सकता है ये सोचते हैं मैं उठाऔर वाशरूम जाकर ताजा हुआ और बहार आ कर मां को आवाज दी ..

मैं- मां चाय कहां है मेरी।?

मां- अभी ला रही हूं रुक..

मैं सोचने लगा कहीं वो मां तो ही नहीं थी जिसने मुझे नंगा देखा...

तबी मां आई चाय लेकर..

मैं- मां पापा और अनुज कहां हैं?

मां- पापा तो बाग पर ही गए हैंऔर अनुज शायद अपने दोस्त के साथ निकल गया...

मैं- अच्छा मां तो आज का क्या प्लान है आपका?

मां- हां मेरा बड़ा प्लान होता है बस ये घर के काम से फुर्सत मिल जाए बहुत है...

मैं- मां आप कहो तो मैं करवाऊं आपका काम...

ये बात मैंने उनके रात के रूप को याद करके कही...

मां- नहीं घर का काम मैं कर लुंगी तो बस अपने पापा की मदद कर जाके...

मैं- ठीक मां चला जाउंगा...

मैंने बहुत सोचा लेकिन मां का बरताव दैनिक जैसा ही था मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगा तो मैंने सोचा शायद मैंने ही चादर ले ली होगी और में बेकर में भ्रमित हो रहा हूं ... फिर मैं नास्ता करने लगा ...

माँ- चल तू पूरा खतम कर मैं बाकी का काम निपटाती हूं ये कहकर वो जाने लगी..या मैं उनको जाते हुए उनकी बड़ी गांड को देख रहा था ... मेरा लंड टाइट होने लगा ... मैं सोचने लगा पापा कितने भाग्यशाली हैं जो हर रात को गांड के साथ खेलते हैं....

मैं फिर हमेश की तरह लंड को एडजस्ट करके बाग की तरफ निकल गया ... रास्ते में जाते हुए मुझे पीछे से किसी ने आवाज दी ....

मैंने मुड कर देखा तो ममता चाची थी (गांव में हम अंकल और आंटी नहीं बोलते इसलिय ताऊ और ताई और चाची और चाचा कह कर सबको बुलाते हैं।)

ममता चाची मेरी गली में ही रहती थी उनके घर में तीन लोग हैं

1 राजन चाचा उम्र 40

थोड़ी सी तोंड निकली हुई पापा के अच्छे दोस्त हैं..

2 पल्लवी उम्र 18 साल

बिलकुल ही मस्त 18 साल की लड़की, मुझे भइया कहती है तो कभी गलत नहीं सोचा, लेकिन इसके बारे में मैंने सुना है कई लोगो से कि इसे और मेरे भाई अनुज को कई बार अकेले में देखा है। मुझे भी शक था लेकिन मैंने सोचा जवान है उनकी लाइफ है मैं क्यों टेंशन लूं..

600full
pic sharing
ये पल्लवी माल भी बहुत मस्त है जिसे देखकर ही लंड खड़ा हो जाए। शरीर बेहद कामुक गेहुआं रंग

इतनी सी उमर में भी स्तन और गांड बहुत बड़े बड़े हैं..या हो भी क्यों ना अपनी मां पर जो गई है ममता चाची के भी सब कुछ बड़े बड़े हैं...

ममता चाची उम्र 38

एक दम फ्रैंक नेचर सबसे हंस कर बात करना और ये मज़ाक भी बहुत करती है ऐसे वाले... डबल मीनिंग बातें भी करती हैं...

चूचियां ऐसी जो हमेशा ब्लाउज के बाहर आने को बेताब रहती हैं और आएं भी क्यों न पपीते जैसी बड़ी बड़ी उनके नीचे कामुक गदराया हुआ गोरा गोरा पेट, जो साड़ी और ब्लाऊज़ के बीच से हमेशा लुभाता रहता है साड़ी हमेशा नाभी से एक इंच नीचे रहती है जिससे कि कामुक गोल नाभी के भी दर्शन होते रहते हैं नाभी भी ऐसी की देखकर जीभ डालकर चाटने का मन करता है, और फिर थोड़ा नीचे पीछे घूमें तो आते हैं चाची के गोल मटोल और बड़े से चूतड़, हाय चूतड़ ऐसे जो साड़ी को हमेशा उठाए रहते हैं ऐसा लगता है साड़ी के अंदर दो तरबूज़ रखे हैं चाची ने, तो ये हैं हमारी ममता चाची)

मैं- नमस्ते चाची

ममता सी- नमस्ते बच्चा.. अच्छा हुआ तू मिल गया.. नहीं तो मुझे इतनी दूर जाना पड़ता...

मैं- क्या हुआ चाची कोई परशानी

ममता सी- अरे नहीं बछुआ कोई परशानी नहीं बस वो अचार डालना था तो आम चाहिए था तो बाग में जा रही थी अब तू ही मिल गया है तो तू ही लादे मुझे घर का भी बहुत काम करना है....

मैं- बिलकुल चाची ले जाऊंगा कितने आम चाहिए...

ममता सी- 5 किलो ले आओ सुन थोडे कच्चे आम ही तोडना बच्चा उनका अच्छा अचार पड़ता है..

मैं- क्या चाची... मुझे तो पक्के आम बहुत पसंद हैं...

ये कहते हुए मेरी नज़र उनके ब्लाउज से बहार दिखते हुए आम पर मेरा मतलब है चुचीयों पर चली गई .... ममता चाची ने भी शायद देखा लिया तो बोल पड़ी

ममता सी- अरे बच्चा तुम आओ तो सही तुमको पक्के आम हम खिला देंगे तुम अभी कच्चे ही ला दो..

मैंने जैसा बताया ममता चाची बहुत मजाकिया हैं और डबल मीनिंग बातें करने में इन्हें बड़ा मजा आता है..तो मैंने भी बोल दिया

मैं- चाची आपके आप मीठे तो होंगे ना...

ममता सी- बछुआ तूने इतने रसील आम कभी नहीं चखे होंगे तू कभी चखने आ तो सही..

मैं- फिर तो बढ़िया है चाची मैं अभी आपके लिए बाग से आम तोड़कर लाता हूं.. तबी आप अपने आम खिला देना...

इतना सुंकर चाची हंसते हुए कहने लगी...

ममता सी- हमारा बचुआ बड़ा हो गया है लगता है..अब बातों में मत लग और जा आम लेकर आ...

मैं- चाची आपके लिए तो मैं छोटा ही हूं, मेरा कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए... ही ही ही

ममता सी- अब जा दुष्ट है पूरा तू भी..

चाची ये कहते हुए चली गई और मैं भी उनकी गांड देख कर लंड खुजाने लगा और अपने बाग की ओर निकला गया ...

बाग में पाहुच कर पापा को बोला के..

मैं- 5 किलो आम तोड़ दो कच्चे ममता चाची ने मांगे हैं..

पापा- अचार डालने के लिए मांगे होंगे..

मैं- ह्न पापा आप तो दे देंगे मैं दे दूंगा अभी मांगे हैं...

फिर मैंने और पापा ने ढूंढकर आम तोड़े और फिर एक थाइले में भर दिए और मैं चाची के घर की और निकलने लगा तो पापा बोले ..

पापा- सुन करमा तू पैसे वगेरा की बात मत करना कुछ ममता से..वो दे भी तो मत लेना... बोलदेना के पापा से बात करलो..

मैं- ठीक है पापा मैं वैसा भी नहीं लाता...

पापा- चल ठीक है जा तू...

इतना कहकर मैं बाग से ममता चाची के घर की और निकला गया...

अब आगे ममता चाची ने कर्मा को आम खिलाये या नहीं ... ये सब पता चलेगा अगला अपडेट में ... आप लोग कृपया फीडबैक देते रहे जिनसे ये पता चलता रहे मुझे के मैं सही से लिख भी रहा हुं या नहीं ... शुक्रिया
mast update bhai
 
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लास्ट अपडेट में अपने देखा के कर्माऔरपापा आम तोते हैं और उन ले कर कर्मा ममता चाची के घर के लिए निकल जाता है ... अब आगे

अपडेट 3

मैं आम का थैला लेकर ममता चाची के घर की तरफ चल दिया..लेकिन चलते हुए मुझे बहुत ही उत्तेजना हो रही थी की ना जाने ममता चाची के यहां क्या होगा ... . क्या वो आम मुझे सच में आम चूसने को मिलेंगे ये सोचते ही मेरा लंड फिर से तंग हो गया .. मैंने गेट खाट खाटया और गेट खुला और मेरे सामने पल्लवी खड़ी थी ... वो मुझे देख कर मस्कुराई और बोली ...

पल्लवी- हैं भइया आए और आए हैं....

मैं- कैसी हो पल्लवी?

ये बोलकर मैं आंगन में पड़ी खाट पर जाकर बैठ गया

पल्लवी- मैं बहुत अच्छी हूं भैया .. आप तो अब घर कभी आते ही नहीं ... आज भी काम था इसलिय आए बस ..

मैं- अच्छा पागल मैं नहीं आता तो तू बड़ा आती है घर ... ये नहीं जाकर अपनी ताई जी की मदद करवा दे और अनुज से बी मिल लिया कर ....

पल्लवी अनुज का नाम सुनकर शर्मा गई ...झिझकते हुए बोली

पल्लवी- अब जरूर आउंगी भैया वो पढाई में थोड़ी बिजी थी...

मैं- चल पढाई तो अच्छी बात है लेकिन इतना भी व्यस्त मत हो जा के सब को भूल जाए ... अच्छा चाची कहां है कहीं दिख नहीं रही?

पल्लवी- वो मम्मी छत पर कपड़े डालने गईं हैं बस आती ही होंगी

पल्लवी के इतना कहते ही आवाज आई

ममता सी- कौन आया है पल्ली?

मैं- मैं हूं चाची।

मैंने इतना बोल कर नज़र घुमाई उन्की तरफ तो देखता ही रह गया... इस समय चाची सिरफ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी...और उनकी चिकनी कमर... पर नज़र पड़ने ही मेरा लंड हरकत करने लग गया..क्या कमर थी चाची की बहुत ही चिकनी और उस भी पर अभी नहाने की वजह से कुछ पानी की बूंदे फिसल कर मस्ती कर रही थी मन तो कर रहा था अभी भी उन बूंदों से भरी पूरी कमर को मसलूं और चाटुं ... उनकी नाभी में जीब डालू .



मैं इन्हीं ख्यालों में खोया हुआ था जब चाची ने बोला...

ममता सी- अरे कर्मा बच्चा आ गया तू...आम भी ले आया चल बहुत अच्छा किया बेटा... पल्लू तू क्या देख रही है खड़ी खड़ी भैया के लिए चाय बना...

मैं- अरे नहीं चाची चाय नहीं पीनी..

ममता सी- ऐसे कैसे नहीं पिनी पल्ली तू जा बना के ला

इतना सुनकर पल्लवी चाय बनाना चली गई ..

और चाची वैसे ही पेटीकोट ब्लाउज में मेरे पास आकर बैठा गई ... मेरी नज़र उनके पेट और ब्लाउज में कसी उनकी चुच्चियो से हट ही नहीं रही थी और मेरा लंड पूरी तरह जाग कर मेरे पजामे पर दस्तक दे रहा था। मैंने उसे छुपाने के लिए अपनी टांगो को मोड़ कर एडजस्ट किया और जितना कर सकता था बिना चाची को पता लगे ..

ममता सी-अच्छा कर्मा बच्चा चाय नहीं पियेगा तो कुछ और बनवा दूंगा बता अभी चढाई नहीं होगी पल्ली ने ... पर तुझे कुछ ना कुछ तो लेना ही पड़ेगा ...

मैं- हैं चाची मैं तो यहां पके हुए आम चखने आया था वो चखाओ...

ममता चाची मेरी ये बात सुनकर पहले तो थोड़ी शांत हुई फिर शर्मा कर हंसने लगी ...औरबोली

ममता सी- तू भी बहुत दुष्ट होता है जा रहा है। लगता है दीदी से कह कर जल्दी ही तेरी शादी करनी पड़ेगी...

मैं- क्या चाची आम खाने के लिए शादी की क्या जरूरी है ....

ये बात मैंने उनकी ब्लाउज से बाहर आती हुई चुचीया देखते हुए बोली .... तो जब उन मेरी नजर का पीछा किआ तो वो भी समझ गई मैं क्या देख रहा हूं तो थोड़ी और असहज हो गई और कुछ सोचेते हुई मुस्कुराते हुई बोली...

ममता सी- अच्छा तो तुझे मेरे आम ही खाने हैं... पर मैंने आम तो तेरे चाचा के लिए बचा कर रखे हैं वो ही खाते हैं...उन्हे भी बहुत पसंद हैं....

चाची से ये बात सुनकर मेरा हाल और बुरा हो गया मेरा लंड बिलकुल टाइट हो गया था और अब मुझसे चुप नहीं रहा था ...

मैं- क्या। चाची आप मुझे प्यार ही नहीं करती .. चाचा को तो रोज़ आम चुस्वती हो और मुझे मना कर रही हो ...

ममता सी-अरे मेरा बच्चा तू तो मुझे सबसे ज्यादा प्यारा है... गुस्सा ना हो

इतना कहकर चाची मेरे करीब आकर मेरे सर पर हाथ फिराने लगी ... लेकिन उनके पास आने से मेरी परशानी और बढ़ गई अब तक कैसे भी मैंने लंड छुपा कर रखा था वो सब साफ साफ दिख रहा था ... उन्हें देख कर मेरा लंड फुंकार रहा था और इतना टाइट हो गया था के अब दर्द भी हो ने लगा था ...

मैं – आह तो फिर आम चुसाओ न चाची..

मेरी लंड के दर्द से आह निकल गए। पर मेरी नज़र उनकी चुचियों और पेट से हट ही नहीं रही थी ... मैंने अपने लंड का अपने हाथो से छुपा रखा था।

ममता सी- अरे चूस लेना बच्चा किसी दिन आराम से,और क्या हुआ तुझे आह क्यों कर रहा है तेरी तबियत तो ठीक है ना....
मैं- हां चाची मैं ठीक हूं, लेकिन एक बात कहूं आप बहुत खूबसूरत हो .... चाचा बड़े भाग्यशाली हैं के आप उन्हे मिली ...
ममता सी- बातें मत बना ये बता हुआ क्या है ला हाथ दिखला कहीं तुझे बुखार तो नहीं...
मैं- नहीं चाची मैं...
मैं इतना ही बोल पाया की चाची ने मेरा हाथ पकड लिया और हाथ हटते ही पजामे में बना तंबू और ऊपर हो गया और उनकी नजरो के सामने आ गया ...चाची की नज़र उस पर पड़ी और वो उसे देखे जा रही थी उनके मुह से बडी धीरे से निकला
ममता सी- हाय दया....
मेरा एक हाथ अब भी उनके हाथ में था लेकिन मेरा दूसरा हाथ जैसे उसका खुद का ही दिमाग हो अपने आप उनकी कमर पर चला गया ... और धीरे धीरे सहलाने लगा....
मैं- चाची तुम्हारा पेट बहुत चिकना है बिलकुल हीरोइन की तरह...
चाची कुछ नहीं बोली बस उसी तरह देखी जा रही थी ... उनके चेहरे से लग रहा था वो कुछ बोलना चाह रही है लेकिन शायद उनके मुह से बाहर ही नहीं आ रहे हैं .... ...

ममता सी- तेरा हथियार तो बहुत बड़ा है कर्मा...
मैने उन्हे और खोलने के लिए बोला
मैं- कौनसा हथियार चाची, मेरे पास तो कोई हथियार नहीं है
ये कहते हुए मैंने अपना हाथ उनकी नंगी कमर पर चला रहा था मैंने थोड़ा सा उनका पेट मसल भी दिया ... उनके मुह से आह्ह्ह निकल गई ...


अगला अपडेट बहुत ही जल्दी
Adbhut atulniya lekhan kaushal :clapclap: :clapping: :claps:
 

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