Romance मै सिर्फ तुम्हारा हूँ

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अस्वीकरण
इस कहानी के सभी पात्र , घटनाए , स्थान सब कुछ लेखक के दिमाग की बिना परिवार नियोजन वाली प्रजनन प्रक्रिया का नतिजा है ।
इसे अन्यथा ना ले क्योकि लेखक बहुत ही ढीठ और बेशरम है , टिप्पणिओं मे ही आपकी ले लेगा और आप किंकर्तव्यविमूढ़ होकर रह जायेंगे ।
धन्यवाद
 
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Eaten Alive
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are dhett teri ki..... is harami budhe ki to aisi taisi :angry2:
achha khasa mahol ban gaya tha...... sabhi yahin sochne lag gaye the aayush aur chinnar nachaniya kuch to gul khila rahe honge us bandh kamre mein...... phir suru hoti galatfahmi ka daud..... aur galatfahmi nafrat tabdeel hoti tab jab ye baat pure ilaake mein fail jaati ki aayush noida jaake hawas ka khel suru kar diya hai...... naak katti, ijjat sareaam nilaam hoti shanti devi aur ush budhe ki..... ashish bhi kisiko muh dikhane kabil nahi reh jaata ki uska bachhu kitna bada tharki nikla....
Aur tab... Ji haan aur tab the great meera puri shaan se kehti ki " Dekha... main to big bang ke jamaane se hi kehti aa rahi thi devar ji ki shaadi charu kara do, agar ho jaati shaadi to baat itni badhti hi nahi.... ab dekh lo apne lalla ki kartute :D.... bhugto sabhi "

Lekin nahi.... us paakhandi budhau ko chul machi thi jaise..... 3D ke saare kiye karaye pe paani fair diya.... :banghead:

Khair.... ab koi kar bhi kya sakta hai... jo hona tha so ho gaya.... lekin aage se aisi bewakoofi wali harkat 3D ko bade dhyan se karna hoga..... :D...
taaki inlogo ki band baj jaaye aur mere dil ko bhi thandak mil jaaye :D

Well ....Shaandaar update, shaandaar lekhni, shabdon ka chayan aur saath hi dilchasp kirdaaro ki bhumika bhi...

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
 
Eaten Alive
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अक चिकि लकी
चिकि चिकि लकी छु
राप चिकि लकी
चिकि चिकि लकी चिकि छु

मिस मेहता है Aakesh. की ख्वाबों की शहजादी
पर वो है DREAMBOY40 के दिल पर भी छाई
बादल है उसकी जुल्फें , बिजली उसकी अंगडाई
बिजली गिराने वो है आई , कहते हैं लोग उसको हवा हवाई 🤭
Destiny sahab dekho to ye kya gana ga rahi hai... :gaylaugh:
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
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UPDATE 008

अब तक आपने पढा कि कैसे शुक्ला भवन की को-डिरेक्टर मीरा शुक्ला के नेपोटीजम का खुलासा उसी के शूटिंग टिम मेम्बर ने कर दी और रही सही कसर फिल्म के हीरो आयुष शुक्ला ने पूरी करते हुए पूरी मूवी का ही पैकअप करवा दिया ।
फिलहाल हीरो आयुष शुक्ला अपनी नयी फिल्म के लिए प्लेन से दिल्ली के लिए निकल गये है । उड़ान के दौरान ही उन्होने अपने आने की खबर किसी खास को और इस कहानी ने नये किरदार को देदी है ।
देखते है आज की इस एपिसोड मे क्या क्या देखने को मिलेगा ,,,,
और एक जरुरी बात INTRO कोई भी स्किप नही करेगा



INTRO

अपने मन मे डोली अरमानो की सजाये आयुष बाबू की उड़ान अपने तय समय पर इन्दिरा गांधी इंटरनेशनल हवाईअड्डे पर लैंड करती है ।

थोडे औपचारिक एयरपोर्टी रीत रिवाजो का अनुशरन करने के पश्चात आयुष बाबू बाहर पार्किंग एरिया की ओर बढ़ते है जहा एक खुबसूरत सी हुस्नपरि , वो जान-ए-जहां , वो सबसे हसिन , वो सबसे जवाँ कन्या आयुष शुकला के नाम की दफती पकडे खड़ी थी ।

आयुष बाबू की नजर पडते हुए वो उस मोहतरमा को हाथ दिखा कर हाय करते है तो बदले मे वो भी उसे मुस्कुरा कर हाय बोलती है ।
आयुष बाबू आगे बढ कर बडी ही नैतिकता और सम्मान भाव से बिना उस कन्या के युवा हुई दोनो बालिका वधु को निहारे सीधा उसकी आंखो मे देखते हुए हाथ आगे बढ़ाया ।

आयूष - हेलो एम आयुष शुक्ला
वो चंचल हसिना लिये मदमस्त नगीना भी मुस्कुरा कर आयुष से हाथ मिलाते हुए - हाय सर , एम पारुल मेहता , योर ऑफ़िस एसिस्टेंट

आयुष एक नजर उस खुबसुरत प्रोफ्रेसनल और पाश्च सभ्यता की वेशभुषा धारी देवी को उसकी पहाड़ीवाली चरण-पादुका " हिन्दी मे कहे तो हिल वाली सैंडल " से लेके उपर के शिखरो का अवलोकन करने के बाद मुस्कुराये ।
तभी पारुल आयुष का ट्रैवल बैग हाथ मे लेके पलटी और बोली - आईये सर
आयुष भी अपना पिठ्ठु बैग लिये मुस्कुरा कर उस देवसुन्दरी का अनुशरण करते हुए चलते है
फ़िलहाल कहानी मे एक नये पात्र की एन्ट्री हो चुकी है और जब तक आयुष बाबू कम्पनी द्वारा भेजी गयी गाडी के माध्यम से अपने गनतव्य तक पहुचते है तब तक एक छोटा सा इंट्रो शॉट शूट कर लेते है ।

नाम - पारुल मेहता

20211212-193655
पेशे और हुस्न से आप सभी मुखातिब हो ही चुके है ,,, उम्र भी तकरीबन आयुष के जितनी है लेकिन सिर्फ बी-टेक की डिग्री के बदौलत इतनी बडी कम्पनी मे इतना अच्छा पोस्ट कुछ जमा नही ।


वापस कहानी पर
आयुष बाबू कार की पिछ्ली सीट पर पारुल के साथ बैठे उसके आई-पैड पर कम्पनी के बारे मे कुछ जानकरिया ले रहे थे ।
करीब 45 मिंट के पिं पों और जड़तव के नियमो का भरी ट्रैफिक मे पालन करते हुए आयुश बाबू ग्रीन पार्क के ब्लाक - वी मे पहुचे ।

जहा कम्पनी के नाम से बनी एक 15 मंजिला हाऊसिंग सोसाइटी मे आयुष के नाम से वन बीएचके फ्लैट विथ बाल्किनी बुक था
गाडी पार्किंग लान मे लगा कर पारुल आयुश को लेके लिफ्ट की मदद से 7वी मंजिल पर रूम नम्बर 083 का कार्ड सवाईप कर वो कमरे मे प्रवेश करती है ।
आयुष ताज्जुब भरे नजरो से अपना नया फ्लैट देख रहा है था ।
वेल फर्नीश ए-वन किचन , खुबसूरत हाल,, मुलायम सोफे और बढिया बेडरूम वो भी बाथरूम से लगा हुआ ।
फिर हाल के बगल से ही एक बडा गेट था बल्किनी मे जाने के लिए,,,,जहा से आयुष पूरी कॉलोनी का जायजा लेता है ।

आयुष को ऑफ़िस सोमवार से जाना था तो पारुल उसे फ्रेश होने के लिए कहती है और फिर फोन पर कुछ खाने के लिए ओर्डेर दे देती है ।


द शुक्ला भवन शो

अब थोडा शुक्ला भवन मे चल रहे कुछ सीन की महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग कर लेते है , आखिर भाई दर्शकों को मजा पुरा चाहिए ना ।
इधर शुक्ला भवन की अदाकरा शान्ति देवी बडी ही अशांत मन से बेटे के परदेश जाने से बडी दुखी थी और हाल मे बैठा 3D उन्हे बार बार समझा रहा है कि कोई दिक्कत नही होगी ,,सब कुछ सामान्य ही रहने वाला है और आयुष उतरते ही फोन करेगा ,,, लेकिन ममता की मूरत शान्ति जी क्लेजे को ठन्डक कहा थी वो तो करन अर्जुन की राखी गुल्जार बनी हुई अपने बेटे की एक अवाज को तरस रही थी ।
हाल मे शुक्ला भवन के प्रोडुसर मुन्शी जी और मीरा शुक्ला ने भी उन्हे सम्झाना चाहा, मगर सुरज बर्जातिया के फिल्मो की तरह शुक्ला भवन मे भी ये रोने का सीन लम्बा ही खीचा जा रहा था ।
आखिर कार इमोसनल ड्रामो से तंग आकार मुन्शी जी ने 3D को आयुष के पास फोन लगाने को कहा और वो फोन डायल कर देता है ।

इधर आयुष बाथरूम मे होता है कि बेडरूम मे कपड़ो के साथ रखा उसका फोन रिंग कर रहा होता है ।

पारुल की नजर पड़ते ही वो एज ए एस्सीस्तेंट अपनी ड्यूटी समझ कर आयुष का फोन उठाती है और फोन 3D का होता है ।

फोन उठाते ही 3D भडकते हुए - अबे कहा हो बे,, प्लेन से उतर गये तो फोन नही करना चाहिये

पारुल पहले चौकी और फिर स्क्रीन पर नाम पढा 3D ,,,फिर वो थोडा उलझन से बोली - माफ करिये , सर अभी बिज़ी है आप थोडी देर बाद फोन करियेगा ।

यहा 3D फोन पर लड़की की मीठी आवाज सुन कर चौक गया और उसे लगा कि शायद आयुष किसी मिटिंग मे है तो वो मोबाईल के माइक पर हाथ रख कर शान्ति देवी को देखा जो उसे बडी उम्मीद से देख रही थी ।

3D शान्ति देवी से - अम्मा ,कोनो लड़की फोन उठाईस हय ,, कहत है कि सर बिजी हय , हमका तो लगी रहा है कि ऊ कोनो मेटिंग मे है ।

शान्ति थोडा राहत की सांस मिली और अपने आंसू पोछते हुए- अच्छा उसे पुछ बबुआ हमार कब छुट्टी पाओगो


3D वापस फोन पर - अच्छा मैडिम ,,, इ आयुष के मेटिंग कब खतम होगा

इधर पारुल 3D की बात पर थोडी हसी और बोली - अरे नही , वो अभी नहाने गये है और मै उनके कमरे में हू ,,,अभी वो बाहर आते है तो मै आपकी बात उनसे करवा देती हू ।

फिर पारुल फोन काट देती है

यहा 3D का माथा ही ठनक गया ये सोच कर कि आयूष के कमरे मे कोई लडकी बैठी है और वो उसके सामने ही नहाने बाथरूम मे गया ।
वही 3D के चेहरे की उड़ी हवाईयो से शान्ति शुक्ला परेशान हो गयी और उससे पूछती है

शान्ति - का हुआ 3D, का बोली उ फोन वाली मैडीम

3D तो जैसे शॉक मे था - अम्मा ऊ तो नहा तो रहा है बाथरूम म और ई मैडिम उका कमरा मे बैठी है और कही है कि अबे सर नहा के बाहर आयेंगे तो बात करवाएंगे ।

3D की बाते सुनते ही शुक्ला भवन मे सारे लोग अपनी अपनी कल्पना मे आयुष के फ्लैट मे चल रहे हैं सीन को एक अश्लील नजरिये से देखने लगे कि कैसे आयुष नहा कर बाथरूम से सिर्फ तौलिये मे नंगा आयेगा उस लडकी के सामने , वो लड़की कौन होगी ,,कैसी होगी ,, कही कोई चक्कर तो नही है उस लडकी से आयुष का ,,,कही वो लोग शादी से पहले वो सब तो नही ।

शान्ति जी तेज आवाज मे अपनी कल्पना मे उठे स्वालो का जवाब देते हुए बोली - नही नही हमार बबुआ ऐसा नाही है

3D जो कि खुद विश्मय स्थिति मे था वो चौक कर - का हुआ अम्मा , काहे परेशान हो

शान्ति बड़ी उखड़े मन से मुन्शी की ओर देख कर बोली - कही हम लोग गलती तो नाही न कर दिये आशिष के बाऊजी

मुन्शी जी जो खुद अपनी कल्पना मे उन्ही मिलते जुलते सवालो से घिरे थे जो शान्ति देवी के मन मे उठी थी

मनोहर - अब का बताये हम अशीष की अम्मा ,, चिंता तो हमे भी होई रही है ।

यहा थोडी देर सस्पेंस का सीन शूट हो ही रहा था कि आयुष का फोन वापस 3D को फोन करता है ।

मोबाइल रिंग बजते ही 3D हड़बड़ाकर - अम्मा अम्मा , आयुश के फोन

मनोहर - ये दुबे ,, स्पीकर पे कर तो बाबू , हा उठाओ

3D तुरंत स्पीकर पर करते हुए फोन पिक किया
आयुष - हा 3D बोल भाई ,,कैसे याद किया

3D गुस्सा कर- अबे इहा अम्मा रो रो के निरुपा रॉय हुई जा रही है औ बाऊजी मारे चिंता के आलोकनाथ हुए पड़े हैं औ तुम पुछ रहे हो कैसे याद किया ,,, औ साले वहा पहूचते ही अय्याशी शुरु कर दिये बे ,

आयुष पहले थोडा हस लेकिन अय्याशी शब्द सुनते ही भडक उठा और एक नजर पारुल को देख कर उससे थोडा दुर हो कर धीरे से बोला - अबे पगलाय गये हो का बे ,, जो अम्मा बाउजी के सामने भी बकचोदी पेल रहे हो

3D रौब जमाता हुआ - अच्छा ,, बंद कमरे मे लौंडीया रख के नहाओ तुम और बकचोदी हम करे ,,, हम नाही कुछ बोलेंगे तुम अब सीधा अम्मा को जवाब देओ

3D तुरंत फोन शान्ति शुक्ला को दे देता है
आयुष की हालत खराब
आयुष हकला कर - हा हा अम्म्ंम्ं अम्म्मा बोलो ,,, माफ करना हम यहा आकर सुचना नही दे पाये

शान्ति गुस्से मे - हा अब सुचना देवे की जरुरत भी ना है ,,,वही अपने मेहरी के साथ रहो और भूल जाओ तुम्हाओ एक बाप है , एक अम्मा है


इतना बोल कर शान्ति देवी फफक पड़ती है ।
इधर आयुष को कुछ समझ ही नही आ रहा था कि क्या बात हुआ है,,,उसे तो लग रहा था कि वो फोन करने मे ही बस लेट हुआ था ,,, मगर ये अय्याशी ,, मेहरि के साथ रहना
ये सब उसके समझ से परे था

आयुष उलझन भरे लहजे मे अपने मन चल रहे वक्तव्य को बोला - का कह रही हो अम्मा ये सब ,, कौन मेहरि ,,का अय्याशी कर दिये हम


मुन्शी जी ने बात बिगड़ते देख शान्ति देवी से फोन ले लिया और बोले - हा बाबू हम बोल रहे है

आयुष - का बात है बाऊजी ,,ये सब का बोल रही हैं अम्मा
मनोहर - बेटा तुम्हाये कमरा पे कोनो लड़की हय का
आयुष ने एक नजर पारुल को देखा जो इस समय अपने आई-पैड मे व्यस्त थी ।

आयुष - हा बाऊजी ,,वो हमारी एसिस्टेंट है,,वही हमे हमारे नये फ्लैट पर लेके आई है ,,क्यो क्या बात है

मुन्शी जी सारा माजरा समझ गये तो हस कर बोले - कुछ नही बेटा वो बस एक गलतफहमी थी ,,,और कुशल से पहुच गये ना कोनो दिक्कत ना हुई ना प्लेन मे

आयुष - हा बाऊजी ठीक है लेकिन अम्मा को क्या हुआ

मनोहर हस कर - अरे कुछ नाही बबुआ उकी तो आदत है बड़ब्ड़ की ,,अच्छा हम रखित है फोन ,, फुर्सत मिले तो फोन करना

आयूष और भी उलझन मे था मगर उधर से मुन्शी जी ने फोन काट दिया और उस्की बाते पूरी नही हुई थी अभी ,,,मगर ऐन मौके पारूल आयुष को आवाज देती है कि ऑफ़िस से फोन आया है

इधर आयुष कुछ कागजी कामो मे व्यस्त हो गया और वही शुक्ला भवन मे जब मनोहर ने सारी बाते सही सही और साफ भाषा मे शान्ति शुक्ला को समझायी तो उन्हे काफी दुख हुआ कि वो अपने बेटे पर खामखा गुस्सा की और बदले मे 3D को बिना जानकारी लिये अधुरी बात बताने के डाट भी लगाई


खैर जैसा भी था वो दिन खतम हुआ ,,,आयुष बाबू भी पारुल से थोडा जान पहचान कर , घर की लाई लिट्टी भी उससे साझा की और थोडे देर बाद वो ऑफ़िस चली गयी ।

पारुल के जाते ही आयुष बाबू बड़ी खुशी और एक नयी ऊर्जा के साथ अपने बेडरूम मे आये और स्पंजी बेड पे कूद पड़े और जेटलैग की उत्पीडन से थके हुए वैसे ही सो गये ।


दोस्ताना

इधर आयुष को सोये 3 घन्टे से ज्यादा बीत गये और वही शाम को नवाबगंज मे एक चाय के दुकान पर बैठे 3D बडी गहरी चिन्ता मे डुबा हुआ था कि आखिर वो इतनी बडी गलती कैसे कर दिया ,,,,कि अपने जिगरी दोस्त के चरित्र पर लांछन लगा दिया वो भी उसके अम्मा बाऊजी के सामने ।
बट्टे की चाय रखे रखे रबड़ी होने लगी थी और 3D बाबू अपनी पश्चात्ताप मे डुबे हुए थे और बार बार घड़ी देख कर आयुष के पास फोन करने का सोच रहे थे।
काफी समय तक मन मे कुछ सवालो के जवाब को लेके द्वंद-मल्ल-संग्राम कर लेने के बाद एक नतिजेदार उत्तर मिलने पर 3D के चेहरे पर मुस्कान आई और वो अपनी चाय का सिप लेता है तो मुह का स्वाद फीका पड़ जाता है तो

3D - ये लल्लन सुनो ,,जरा एक दुसरा चाय बनवाओ

लल्लन
समाधान पार्टी का एक कार्यकर्ता , 3D का शुभचिंतक , चमचा या मृतह्रदय वाला प्रसंसक हिन्दी मे कहे तो DIE-HEART FAN

"अगर 3D भैया कह दे तो उनके लिए शोले का रामलाल भी बन जाये "


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वापस कहानी पर
लल्लन 3D भैया की आज्ञा का पालन करते हुए वापस चाय वाली भठ्ठी पर गये ।

लल्लन एक छोटे लडके को उसके सर पर टूनका कर - ये भईया के लिए चाय भेजो बे

छोटा लड़का अपने दुकान के सेठ से - सेठ इ चौथी चाय है 3D भैया की नोट कर लेओ

लल्लन के कलेजे को तो जैसे आग लग गयी तो वो उस लडके के कान पकड के एठता हुआ बोला - भोस्डी के ज्यादा ना बोलो ,,,, तुम्हाई अम्मा को याद है ना हम कौन है

तब तक 3D जो कि ये सब देख रहा था वो बोला - साले एक नम्बर के चुतिया हो तुम
3D की तेज आवाज पर दुकान मे बैठे बाकी के लोग उसे देखने लगे की क्या बात हो गयी ।

3D की आवाज सुन कर लल्लन उस लड़के को छोड़ देता है - स स सॉरी भैया हम चाय ला रहे है

3D चाय की दुकान मे बैठे हुए लोगो मे अपना वर्चस्व जमाने के भाव से - और सुनो ,,उसकी अम्मा हमारी वोटर है तो आगे से ध्यान रखना बेटा किसी से कोई बदतमिजी नही ।

लल्ल्न डर और शर्म से - जी भैया
फिर 3D चाय पीने के बाद लल्लन को गाडी शुरु करने को बोलता है और खुद चाय का हिसाब कर निकल जाता है ।

फिर वो दो बार आयुष को फोन करता है तो वो फोन नही उठाता है और यहा 3D के मन मे एक डर बैठने लगता है कही वो उससे नाराज तो नही है । इसी डर मे थोडी देर बाद वो फिर से ट्राई करता है लेकिन कोई रेपोंस नही मिलता है ।

इधर आयुष बाबू 8 बजे तक मस्त एक जोर की नीद लेने के बाद उठते है और फ्रेश होकर अपना मोबाईल चेक करते है तो 3D मे 4 मिस्काल पड़े हुए थे तो आयुष को चिन्ता होने लगती है कि कोई दिक्कत तो नही है नवाबगंज मे ।

आयुष जल्दी से फोन लगाता है और फोन उठते ही दोनो एक साथ ही एक-दूसरे को सॉरी बोलते है ।
दोनो एक साथ ही चौक जाते है कि सामने वाले क्यू सॉरी बोला और फिर हसने लग जाते है ।

आयुष - सॉरी 3D , वो हम सो गये थे,,,कोनो दिक्कत तो नही है ना उहा फोन कर रहे थे तुम

3D- न न नही भाई क्या दिक्कत होगी इहा , सब चौक्स है इहा ,,तुम बताओ वहा सब कैसा है

आयुष इस वक़्त बाल्किनी मे खड़ा होकर बाते कर रहा था - यहा भी सब चौकस है बे ,,
3D बस हम्म्म्म बोला और चुप रहा
आयुष को 3D की चुप्पी जमी नही
आयुष - का हुआ बे काहे इतना चुप हो ,
3D गिरे हुए मन से - यार गुरू हमको माफ कर दो बे
आयुष हस कर - काहे बे औ किस लिये
3D - उ दुपहर मे अम्मा बाऊजी के सामने तुमाये चरित्र पर ऊँगली उठा दिये हम ,,,हमसे बड़ी गलती हुई माफ कर दो ना बे

आयुष हस कर - अबे वही तो समझ ही नही आया कि कौन सी अय्याशी की बात कर रहे थे तुम ,,,अब बताओगे

फिर 3D आयुष को शुरु से सब बताता है और कैसे कन्फुज बस ये सब हुआ

आयुष हस कर - अबे वो हमायी अस्सीस्तेंट थी पारुल जी ,,,, काहे सीता को शूर्पनखा बना रहे हो बे हाहाहाह

3D जिज्ञासा से - वैसे दीखने मे कैसी है पारुल मैडम
आयुष - अबे आना कभी मिला देंगे ,,, एकदम नोरा फतेही दिखती है
3D खुश होकर - सही है गुरू ,,,तुम्हायी ही जिन्दगी मजेदार है बे
आयुष हस कर - और घर पर सब ठीक है ना ,,,थोड़ा समय निकाल कर देख लिया करना बे हमारे घर का भी

3D भी उसको आश्वासन देता है और फिर थोडी मस्ती मजाक भरी बाते चलती ,, आयुष 3D को आज के अनुभव के बारे मे बताता है ।


पोस्ट क्रेडिट सीन

शुक्ला भवन मे खाना खजाना की संजीव कपूर यानी हमारी मीरा शुक्ला जी काफी दुखी मन से खाना बना रही थी और कान मे ईयरफोन डाले यूट्यूब से पति को मनाने के नुश्खे का लाइव टुटोरियल देख रही है।



जारी रहेगी
mujhe laga ke parool ayush ki jane bahar hogi par ayush to khud usse pehli bar amne samne se mil rha tha. itni hot laundia dekh kar bhi man nhi dola hero ka :D sala kahi pehle se koi mal patake to ke to nahi rakha hai.
shukla bhavan me aaj hungama hote hote reh gaya tha. big cities me rehne wale ultra modern logo ke liye jo bate normal hoti wo baki jagaho par rehne wale logo ke liye sharmnak hoti hai. isliye 3D bhai aur baaki sabhi aese react kar rahe the. galti kiski nahi thi , par ek choti si galtfemi ki waja se ayush ke character par sawal uth khada hua. lekin munsi ji ne ayush se puri bat ko samjhke baki sabhi ke man se galtfemi ko dur kiya. kahani super ja rahi hai bhai .
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
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achha khasa mahol ban gaya tha...... sabhi yahin sochne lag gaye the aayush aur chinnar nachaniya kuch to gul khila rahe honge us bandh kamre mein...... phir suru hoti galatfahmi ka daud..... aur galatfahmi nafrat tabdeel hoti tab jab ye baat pure ilaake mein fail jaati ki aayush noida jaake hawas ka khel suru kar diya hai...... naak katti, ijjat sareaam nilaam hoti shanti devi aur ush budhe ki..... ashish bhi kisiko muh dikhane kabil nahi reh jaata ki uska bachhu kitna bada tharki nikla....
Aur tab... Ji haan aur tab the great meera puri shaan se kehti ki " Dekha... main to big bang ke jamaane se hi kehti aa rahi thi devar ji ki shaadi charu kara do, agar ho jaati shaadi to baat itni badhti hi nahi.... ab dekh lo apne lalla ki kartute :D.... bhugto sabhi "

Lekin nahi.... us paakhandi budhau ko chul machi thi jaise..... 3D ke saare kiye karaye pe paani fair diya.... :banghead:

Khair.... ab koi kar bhi kya sakta hai... jo hona tha so ho gaya.... lekin aage se aisi bewakoofi wali harkat 3D ko bade dhyan se karna hoga..... :D...
taaki inlogo ki band baj jaaye aur mere dil ko bhi thandak mil jaaye :D

Well ....Shaandaar update, shaandaar lekhni, shabdon ka chayan aur saath hi dilchasp kirdaaro ki bhumika bhi...

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
Thanks comments kese likha jaye, spelling etc, uski tips dene ke liye :hug:
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
995
1,084
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अक चिकि लकी
चिकि चिकि लकी छु
राप चिकि लकी
चिकि चिकि लकी चिकि छु

मिस मेहता है Aakesh. की ख्वाबों की शहजादी
पर वो है DREAMBOY40 के दिल पर भी छाई
बादल है उसकी जुल्फें , बिजली उसकी अंगडाई
बिजली गिराने वो है आई , कहते हैं लोग उसको हवा हवाई 🤭
:lol:
 

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