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done.. kya yeh stories apki hai ?Incest - बहू के साथ शारीरिक सम्बन्ध
doston ye ek net se liya gaya c.n.p story asha karta hun ki aapko ye story pasand aayegi story name - बहू के साथ शारीरिक सम्बन्ध writer name - शरद सक्सेना bahut hi jald story ka pahela update aa raha hailustyweb.liveIncest - राज और उसकी विधवा भाभी(completed)
Update 1 मेरा नाम राज है. मेरी उमर इस समय 24 साल की है. शादी के 3 साल बाद ही एक रोड एक्षसीडेंट में भैया का स्वरगवास हो गया था. मैं भाभी के साथ अकेला ही रहता था. भाभी का नाम ऋतु है. हमारा अपना खुद का बिज़्नेस था. भैया के ना रहने के बाद मैं ही बिज़्नेस की देखभाल करता था. भाभी बहुत ही खूबसूरत...lustyweb.liveIncest - ससुराल में बीवी और उसकी भानजी संग
Update 1 यह कहानी लगभग 5 वर्ष पुरानी है। मेरी पत्नी शशि को सुबह 4:00 बजे फोन आया कि उसके ताऊ जी (पिता के बड़े भाई) का स्वर्गवास हो गया है. खबर सुनकर ही पत्नी विचलित हो गई. पत्नी के रोने की आवाज सुनकर मेरी आंखें खुलीं तो मुझे भी इस दुखद खबर का पता चला। आनन-फानन में पत्नी के मायके जाने की...lustyweb.liveRomance - तुझ को भुला ना पाऊँगा
Update 1 दोस्तो, कहानी शुरू करने से पहले एक बात कहना चाहूँगा कि जो लोग वास्तव में कहानी पढ़ने का शौक रखते हैं उनको यह कहानी अच्छी लगेगी पर जो लोग सिर्फ़ सेक्स ही पढ़ना चाहते हैं शायद उन लोगों को यह कहानी उतनी अच्छी ना लगे। घटना बहुत पुरानी है और जिसके बारे में यह कथा है उसका मेरे जीवन में एक...lustyweb.liveAdultery - फ़ुलवा
उसका पति धीरू दो बरस पहले शहर कमाने चला गया। गौने के चार माह बाद ही चार-छः जनों के साथ वह चला गया। तब से अकेली फ़ुलवा घर गृहस्थी संभाल रही है। घर का दरवाजा बांस की फट्टी जोड़कर बना है। उसी में सैकड़ों रूपए निकल गए हैं। अब गौरी ही उसकी आजीविका का साधन हैं दिन भर घर का काम और गौरी की देखभाल ! यही...lustyweb.liveAdultery - पेट
मजदूरी करते रज्जो थकी नहीं थी क्योंकि यही उसका पेशा था। बस सड़क की सफाई करते ऊब सी गई थी। अब वह किसी बड़े काम की तलाश में थी जहाँ से ज्यादा पैसा कमा सके जिससे वह अपने निठल्ले पति का पेट भरने के साथ ही उसकी दारू का भी इंतजाम कर सके। शहर से कुछ दूर एक बहुमंजिला अस्पताल का निर्माण हो रहा था, रज्जो...lustyweb.livePlease add this stories to complete listAdultery - नाजायज़ औलाद
आज जो कुछ भी हुआ, उसकी उम्मीद मीनाक्षी को सपने में भी नहीं थी, आज उसके विद्यालय की छुट्टी जल्दी हो गई तो उसने अपने बेटे अंकुर को भी उसके कॉलेज से छुट्टी दिला कर बाजार जाने का सोचा इसलिए वह कॉलेज के प्रिन्सीपल से अंकुर की छुट्टी स्वीकृत कराने गई कि उसने देखा कि प्रिन्सीपल तो आशीष है। मीनाक्षी को...lustyweb.live