Fantasy मेरे अंतरंग हमसफ़र

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Update 09

अंतरंग हमसफ़र भाग 09- फूफेरी बहन से प्रेम का इजहार.




अभी तक आपने , मेरे अंतरंग हमसफ़र 8 में पढ़ा;

"मार्च अप्रैल के मस्त महीने हमेशा से ही सेक्स के बारे में अपने कामुक प्रभाव के लिए प्रसिद्ध रहे हैं क्योंकि सर्दी ख़त्म हो रही होती हैl ज्यादा गर्मी भी नहीं हुई होती है और कुदरत भी इस समय अपने रंग बदल रही होती हैl पेड़ो पर नए पत्ते आ रहे होते हैं और तरह तरह के रंग बिरंगे फूल चारो तरफ खिले होते हैं जिन्हे देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है। "

दोस्तों मैं दीपक आपने मेरी कहानिया झट शादी पट सुहागरात-1-4 में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती एक दिन मेरे रूम में आ गयी शादी का जोड़ा लेकर l मैंने उसके साथ सुहागरात मनाई और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिलीl प्रीती मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी, तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुईl उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदाl हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनायाl रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुईl फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयीl उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आयेl

अब आगे


अगले दिन सुबह सुबह टीना रूबी और मोना भी आ गयी और उन्हें देख कर टॉम और बॉब काफी खुश हो गए। उन तीनो को बुआ उनकी बेटियों और मेरे फूफेरे भाइयो बाले भवन की देखभाल की जिम्मेदारी दी गयी।

उस दिन सुबह के नाश्ते के बाद, सफर की थकान के कारण फूफा और बुआ उनकी सभी लड़किया अपने कमरे में जा कर ऊँघने लगेl दोनों बेटे बॉब और टॉम भी जल्दी से अपने कमरे में चले गए ,तो मैं भी भांप गया की वह क्या करने वाले हैं, तो मैंने रूबी को सावधान रहने के लिए कहा क्योंकि यहाँ पर काफी और लोग भी थे। जिस पर रूबी ने भी अपनी सहमति जताई और उसने मोना और टीना को भी सावधान कर दिया।

उसके बाद मैंने एक बार पीछे के मैदान में चहलकदमी करने का निर्णय किया, तो रोजी ने कहा बादल हो रहे हैंl आप छाता ले कर जाए कभी भी बरसात आ सकती हैl मैंने छाता लिया और मैदान की और चल दियाl

वहां पर मुझे अलका दिखाई दी, उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और बगीचे में फूल चुन रही थी। वह बहुत सुन्दर लग रही थी।

उसने काफी झीनी सी गुलाबी रंग की चोली पहन रखी थीl जिसमे से उसके बड़े बड़े उरोज दिख रहे थेl वह फूल चुन चुन कर अपने साडी की झोली में डाल रही थीl तभी उसके नज़र मुझ पर पड़ी और वह एक दम से हैरान हो कर खड़ी हो गयीl ऐसा करने ने उसके सारे फूल जो उसने चुने थे, नीचे गिर गए l

वह मुझ से बोली आप कैसे हो?

मैंने कहा अच्छा हूँl में उसकी तारीफ करते हुए बोला इस साडी में तुम बेहद सुन्दर लग रही ही तो उसने शर्मा कर अपना सर नीचे झुका लियाl

वो नीचे बैठ कर गिरे हुए फूल दुबारा उठाने लगी तो मैं भी नीचे गिरे हुए फूल उठा कर उसके झोली में डालने लगा l ऐसे करते हुए मेरा ध्यान उसके वक्ष स्थल पर जा कर रुक गया, तो वह जब मुझे देखती थीl मैं भी झेंप कर दुबारा फूल उठाने लगता थाl ऐसा करते हुए हमारे हाथ टकरा जाते थेl हमने नीचे से सारे फूल उठाये ही थे की तभी हलकी सी बारिश शुरू हो गयीl तो मैंने कहा आप भीग जाओगी छतरी में आ जाओl वह छतरी के नीचे आ गयीl मेरे हाथ उसके स्तनों को हलके से छु रहे थेl तभी बारिश तेज हो गयीl मैंने कहा ठीक से पास आ जाओ नहीं तो भीग जाओगी और बीमार हो जाओगी, तो वह और नजदीक आ गयी और उसके उरोज मेरे हाथो से दब गए।

वह मुस्कुरा दी और मेरे हाथो की और देखने लगी मैंने भी देखा l न तो उसने पीछे हटने की कोशिस करि, न मैंने हाथ हटायाl वाह! क्या अनुभव था l क्या नरम मुलायम अहसास थाl

वह धीरे से बोली प्लीज ये छाता मुझे दे दीजिये मैं पकड़ लेती हूँl तो मैंने उसे छाता दे दिया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखाl तभी एक जोर से बिजली कड़की और अलका डर कर मुझ से लिपट गयीl मैंने अपना दूसरा हाथ उसके कमर में डालते हुए दुसरे हाथ से अपने और खींचाl

मैं बोला जो कल आपने मुझे दिया था उसके बदले मुझे भी आपको कुछ देना है, और उसे अपनी और खींचते हुए उसे उसके ओंठो पर किश कर दियाl तभी दूर से एक आवाज आयी अलका आ जाओ, बारिश आ गयी है और अलका फूल सभालते हुए चुंबन तोड़ कर वहां से भाग गयी।

वहां हवा जोर जोर से चलने लगी मुझे बारिश पर बहुत गुस्सा आयाl ये अभी क्यों आ गयी, पर अलका के लिपटने का अहसास याद आते ही, बारिश अछि लगने लगी, क्योंकि बारिश के कारण ही अलका मेरे से लिपटी थीl मैं भी धीरे धीरे चलता हुआ बारिश के मजे लेता हुआ वापिस अपने कमरे में आ गया। वहां रोजी ने एक डायरी मुझे दी और बोली मुझे सफाई करते हुए कमरे में मुझे ये डायरी मिली है। मैंने डायरी को खोला तो मैं लिखाई से पहचान गया वो मेरे दादा जी की थी।
उसमे पहले पेज पर लिखा था ये डायरी मेरे पोते दीपक के लिए सन्देश हैl इसमें लिखा सन्देश दीपक के लिए है l अगर आप दीपक नहीं है तो ये डायरी आप दीपक को दे दे और दादा जी के हस्ताक्षर थे।

उसके अगले पन्नो पे क्या लिखा था मुझे समझ नहीं आ रही थी l मैंने कहा रोजी दादा जी ने कुछ कोड में लिखा है l मैं डायरी लेकर कमरे में घुमते हुए जहाँ खड़ा हुआ वहां एक शीशा था l रोजी बोली कुमार प्लीज वही रुकिए मैं शीशे में डायरी में जो लिखा है, उसमे से कुछ पढ़ पा रही हूँl तो मैंने भी डायरी को उल्टा कर दिया तो मुझे भी डायरी में जो लिखा है वह समझ आने लगा।

मैंने अगला पेज खोला तो उसमे मुझे आशीर्वाद के बाद लिखा था, ये डायरी दीपक तुम अकेले में पढ़ना । इसमें कुछ राज है। उसमे लिखा था दीपक ये वाला घर का हिस्सा जिसमे मेरे दादू रहते थेl उनके बाद वह मेरे अधीन होगा और गांव की भी सारी जमीं जायदाद कितनी है कहाँ है, सब का व्योरा था। इसके इलावा और भी सारी जमीन जायदाद प्रॉपर्टी बिज़नेस का व्योरा थाl दादू ने डायरी में लिखा था उनके मरने के बाद मुझे भी जा सारी जमीन जायदाद रुपए पैसे की जानकारी होनी चाहिए।

डायरी में कुछ गुप्त रास्तो का भी जिक्र था और दो तहखानों का जिक्र थाl गुप्त रास्तो कहाँ हैं, उनमे जाने का क्या रास्ता है और उनमे क्या छुपा है? इस बारे में डायरी में लिखा थाl यह उन तहखानों और गुप्त रास्तो को जब मैं खोज लूँगा तो वही पता चलेगा।

उस के बाद डायरी में कुछ और राज थे जिनका खुलासा मैं कहानी के अगले उपयुक्त भागो मे करूंगा।

तो मैं और रोजी दोनों उन दोनों तहखानों और रास्तो को खोजने में लग गए, पर वह नहीं मिले इतने में दोपहर के खाने का समय हो गयाl

रोजी बोली बाकी खोज का काम रात में करेंगे, अब आप दोपहर का भोजन कर लीजियेl तब तक हलकी हलकी बारिश हो रही थी ।

सब ने साथ में दोपहर का भोजन किया और चुकी बरसात जारी थी तो सब अपने कमरों में चले गए। हाल में केवल मैं, मेरी बुआ की लड़की जेन, लूसी और बॉब रह गए। हम कुछ देर बारिश को देखते रहे। बॉब पढ़ रहा था, तभी अचानक मौसम बदला और बारिश रुक गयी और धुप निकल आयी।

फिर हम लड़कों और लड़कियों ने मैदान में चहलकदमी की। मुझे विशेष रूप से मेरी फूफेरी बहन जेन जो की रूप में पूर्णतया सुन्दर विकसित गोरी , गहरी नीली आँखों के साथ, लाल होंठ, और एक पूर्ण विकसित बड़ी, गर्म छाती, जो मुझे इछाओ की की एक आदर्श ज्वालामुखी की तरह लग रही थी, ने अपनी और सबसे ज्यादा आकर्षित किया था। मैंने थोड़ा और घूमने का प्रस्ताव किया जिसे लूसी और बॉब ने अस्वीकार कर दिया।

मेरा फूफेरे भाई बॉब एक बहुत ही अशिष्ट साथी साबित हुआ। वह धूम्रपान करना चाहता था, इसलिए मुझे बोला आप जेन के साथ चले जाओ, तब तक मैं एक सिगरेट पी लेता हूँl लूसी बोली वह एक किताब जो उसने घर की लाइब्रेरी में देखि है उसे पढ़ना पसंद करेगी, वही जेन ने कहा वह तीन वर्षो बाद यहाँ आयी है और देखना चाहेगी यहाँ क्या क्या परिवर्तन हुए हैं।

जेन से मुझसे पहले मैदान में हुए बदलाव दिखाने के लिए अनुरोध कियाl मैंने फ्रैंक और लूसी से कहा "मुझे लगता है , साथियो आप दोनों बहुत आलसी हैं, आलस्य छोड़ दीजिये चलिए एक लम्बा चक्कर मार कर आते हैं। "

बॉब बोला इतने बढ़िया मौसम में मैं एक सिगरेट पीना चाहूंगाl सिगरेट का धुआँ आपकी निश्चित अच्छा नहीं लगेगाl इसके अलावा, मेरी बहन काफी अच्छी तरह से, या बेहतर योग्य है इसके लिए। मैं मैदान में बाहर निकलने के लिए बेहद उत्सुक नहीं हूंl मेरी बहन को इन सब में मुझ से ज्यादा शौक हैं। वैसे भी मैंने कभी भी कुछ भी नोटिस नहीं किया हैं।" और उसने एक दूसरी दिशा में जाकर अपनी सिगरेट सुलगा ली और लूसी वापिस हाल में चली गयी और कोई किताब पढ़ने लग गयी।

"आओ, जेन ," मैंने उसका हाथ लेते हुए कहा; " बॉब प्यार में है हम घूम कर आते हैं ।"

"नहीं, मुझे यकीन है कि वह अपनी बहनों को छोड़कर कभी किसी लड़की के बारे में नहीं सोचता," उसका जवाब था। तो मैंने कहा मुझे लगता है शायद उसे अपनी सिगरेट से प्यार है।

हम अब मैदान से आगे निकले। पेड़ो की एक छायादार सैर में, सबकी नज़र से दूर इसलिए मैं थोड़ा खुलते हुए बोला "लेकिन, अगर वह नहीं है तो निश्चित रूप से, आप, प्यार में हैं । मैं इसे आपकी आँखों से आपके लाल होते हुए सुन्दर गालो से और तेज चलती साँसों के कारण तेज धड़कती हुई बड़ी भारी छाती के ऊपर नीचे होने से बता सकता हूं ।"

अपनी बड़ी छाती के जिक्र से जेन का चेहरा एक दम से लाल हो गया पर निश्चित तौर पर उसकी विशेषताओं की प्रशंसा उसके लिए स्पष्ट रूप से मनभावन थी, और बिना नाराज हुए किसी भी आक्रामकता से दूर, वह शर्माते हुए चंचलता से बोली "ओह! आप थोड़ी , शरम कीजिये, दीपक!"

हम इस समय तक एक अच्छी दूरी पर आ गए थे और दूर दुर तक कोई नज़र नहीं आ रहा थाl एक सुविधाजनक स्थान पर एक पेड़ के नीचे खड़े होकर, तो शरमाई हुई जेन के चारों ओर मेरी बाहों को फेंक, मैंने उसके लाल ओंठो को चूमाl

उसे अपने पास खींचते हुए कहा, "अब, प्रिय जेन मैं तुम्हारा कजिन भाई हूँ और तुम्हारा पुराना मित्र और प्रशंसक हूँl तुम एक पूर्णतया सुन्दर युवती के रूप में विकसित हो चुकी होl मैं तुम्हारे इन सुन्दर ओंठो को किश करने से खुद को रोक नहीं सकाl मैं जब आप एक छोटी लड़की और मैं एक छोटा लड़का था तब से आप को पसंद करता हूँl अब यहाँ से जाने से पहले आप सब कबूल करिये और सच सच बताइये, तभी मैं आपको छोडूंगा "।

"लेकिन मेरे पास कबूल करने के लिए कुछ भी नहीं है दीपक।"

"क्या आपने कभी प्यार के बारे में नहीं सोचा हैं। जेन? आप मुझे देखिये. मेरे चेहरे को देखिए, क्या आप कह सकती हैं? कि यह आपके लिए अजनबी है," मैंने अपने बाए हाथ को उसकी गर्दन पर तब तक रखे रखा, जब तक कि मेरा दाहिने हाथ ने उसके हाँफते हुए उरोजों की गोलाइयों का माप नहीं लेने लगा।

मेरे ऐसा करने से वो मेरी तरफ घूमी और मेरी बातो का अर्थ समझने की एक निडर कोशिस करते हुए, उसके चेहरे का रंग सफ़ेद से पहले से कहीं ज्यादा गहरे सुर्ख लाल में बदल गयाl मेरी आँखे ने उसकी गहरे नीले रंग की आँखों से मुलाकात की तो उसमे एक मूक अपील नज़र आयी l लेकिन उसकी मूक अपील के जवाब मे मैंने बोलने की जगह उसे हर्षातिरेक से चूमा, और उसकी मीठी साँसों की खुशबू को में तब तक चूसता रहा, जब तक कि वह उत्तेजित हो कर कांपने नहीं लगी।

शाम होने लगी थी, मेरे हाथ उसकी खूबसूरत सुराहीदार गोरी चिकनी गर्दन को सहला रहे थे, और धीरे-धीरे नीचे की तरफ उसकी छाती की और बढ़ते हुए अपना काम कर रहे थेl आखिरकार मैंने फुसफुसाते हुए कहा, " जब मैंने आपके तीन साल पहले देखा था, उसके बाद से आप बहुत बहुत सुन्दर आकर्षक हो गयी हैं। आपके उरोज बहुत शानदार विकसित हुए हैं, डियर जेन, तुम अपने ममेरे भाई को बुरा तो नहीं मानोगी,? आपको मालूम नहीं मैं आपको कितना पसंद करता हूँ और उसके उरोजों को धीरे धीरे दबाने लगा और दुबारा उसको किस करने लगा। "

आगे क्या हुआ, ये कहानी जारी रहेगी l ।

आपका दीपक



अगला भाग रोजी, रूबी के साथ सामूहिक सेक्स- अंतरंग हमसफ़र भाग 10
 
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Update 10

अंतरंग हमसफ़र भाग 10- रूबी और रोजी एक साथ.




अभी तक आपने , मेरे अंतरंग हमसफ़र 9 में पढ़ा;

मेरे ऐसा करने से वो मेरी तरफ घूमी और मेरी बातो का अर्थ समझने की एक निडर कोशिस करते हुए, उसके चेहरे का रंग सफ़ेद से पहले से कहीं ज्यादा गहरे सुर्ख लाल में बदल गयाl मेरी आँखे ने उसकी गहरे नीले रंग की आँखों से मुलाकात की तो उसमे एक मूक अपील नज़र आयी l लेकिन उसकी मूक अपील के जवाब मे मैंने बोलने की जगह उसे हर्षातिरेक से चूमा, और उसकी मीठी साँसों की खुशबू को में तब तक चूसता रहा, जब तक कि वह उत्तेजित हो कर कांपने नहीं लगी।

शाम होने लगी थी, मेरे हाथ उसकी खूबसूरत सुराहीदार गोरी चिकनी गर्दन को सहला रहे थे, और धीरे-धीरे नीचे की तरफ उसकी छाती की और बढ़ते हुए अपना काम कर रहे थेl आखिरकार मैंने फुसफुसाते हुए कहा, "जब मैंने आपके तीन साल पहले देखा था, उसके बाद से आप बहुत बहुत सुन्दर आकर्षक हो गयी हैं। आपके उरोज बहुत शानदार विकसित हुए हैं, डियर जेन, तुम अपने ममेरे भाई को बुरा तो नहीं मानोगी,? आपको मालूम नहीं मैं आपको कितना पसंद करता हूँ और उसके उरोजों को धीरे धीरे दबाने लगा और दुबारा उसको किस करने लगा। "

दोस्तों मैं दीपक आपने मेरी कहानिया झट शादी पट सुहागरात-1-4 में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती एक दिन मेरे रूम में आ गयी शादी का जोड़ा लेकर l मैंने उसके साथ सुहागरात मनाई और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिलीl प्रीती मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी, तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुईl उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदाl हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनायाl रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुईl फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयीl उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आयेlउसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये और मैं और मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया और वहां उससे प्रेम निवेदन कियाl ( मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -)

अब आगे:-


जब में जेन को चूम रहा था तो वही एक पेड़ के झुके हुए तने पर दोनों बैठ कर चुम्बन करने लगेl जेन भी चुम्बन में मेरा साथ देने लगी थीl उसके बाद जेन ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस कियाl और मैंने उसके सर को जकड़ के उसके मुंह से अपना मुंह लगा दियाl और वह उसके ओंठ चूसने लगा और वो मेरे ओंठ चूसने लगाl थोड़ी देर बाद वह मेरा निचला होंठ चूसने लगी और मैं उसका ऊपर का ओंठ चूसने लगा lफिर उसने अपना मुंह थोड़ा सा खोला और मेरी जीभ जेन के मुंह में चली गयीl
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और जेन ने भी अपने झीभ मेरे मुँह में डाल दी मैं उसकी जीब चूसने लगा, फिर मैं जेन की झीब से खेलने लगाl वह मेरे साथ लिपट गयी, उसका बदन मेरे बदन से चिपक गयाl उसके बड़े बड़े गोल स्तन मेरी छाती में दब गए थेl हम दोनों एक दुसरे को बेकरारी से चूमने लगे और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे, फिर रुक कर सांस लेती हुई बोली अब बस कीजिये ये बहुत हो गयाl
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मैंने उसकी ओर देखा और कहा: "ठीक है। बस एक बार, और केवल एक बार! मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि मैं आपसे प्यार करता हूं और मैं यह कर रहा हूं क्योंकि मैं आपसे और आपसे बहुत प्यार करता हूंl

मैंने उससे कहा कि वह अपने सिर को थोड़ा सा दाईं ओर झुकाए और बस थोड़ा सा मुंह खोले। मैंने अपने हाथ उसके चेहरे के हर तरफ रख दिए और उसे अपने पास खींचने लगा। जैसे ही हम अपने होंठों के मिलन के करीब आए, उसका पूरा शरीर हिल गया। उसी के साथ उसके संपर्क में मेरे होंठ आये , मेरे होंठ उसके होंठ की मालिश करने लगेl वह धीमी गति से और बहुत नरम चुंबन, महसूस कर रही इस युवा किशोरी के साथ होंठो का मिलान बहुत रोमांचक था। मुझे उसके होंठ इतने जवान और इतने मस्त लग रहे थे की मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं अपनी जीभ बाहर लाया और उसके साथ उसके नरम गुलाब की पंखुरियों जैसे होंठों को छुआ और जब मैंने उन्हें बाहर को सहलाया, तो उसने अपने होंठ खुले रखे। जल्द ही उसने अपनी जीभ को वापस वही काम किया। हम एक दूसरे के मुंह, बाहर चुंबन, जीभ को चूमते रहेl
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भावनाओं के रोमांच , उत्तेजना के कारण हमारे बदन तप रहे थे और कई क्षणों तक वह मेरी बाहों में लगभग स्थिर थी l उसका एक हाथ मेरी जांघ पर आराम कर रहा था। मेरा लंड जाग गया था और अभिसार के लिए तैयार था, लेकिन उसने अचानक खुद को हिलाते हुए और चुम्बन तोड़ते हुए कहा, "हमें अब यहां और नहीं रुकना चाहिए, हमें तुरंत चलना चाहिए ,कही कोई हम ढूंढ़ता हुआ न आ जाए तो हमें यहाँ इन हालत में देख लेगा या देर होने पर वे कुछ संदेह करेंगे।"

"हम कब फिर से अकेले होंगे, डार्लिंग? हमें वापिस अंदर जाने से पहले उसे व्यवस्थित करना होगा,"मैंने जल्दी से कहा।

अब उसे उस पेड़ पर रोके रखना असंभव था, हमने दुबारा चलना शुरू किया l उसने कहा, "हम कल सुबह-सुबह दोपहर के भोजन से पहले टहलने जा सकते हैं, मां पापा किसी से मिलने जाने वाले हैं बॉब पुस्तक पढ़ रहा है और मुझे लगता है वह कल तक उसे समाप्त नहीं कर पायेगा टॉम बिस्तर पर ही रहता है , और मेरी बहनें सुबह TVl देखने में व्यस्त रहती हैं और मुझे कल कोई ख़ास काम नहीं है। "

मैं उसे गले लगाया और एक और चुंबन दे दिया, फिर मैंने कहा, "ये तो बहुत रमणीय हो जाएगा; प्रिय जेन...आप अत्यंत खूबसूरत होने के साथ विचारशील और समझदार भी हैं ।"

फिर वह बोली "मगर ध्यान दीजियेगा कल आपका व्यवहार संयत होl कल इतना चुम्बन नहीं होगा lनहीं तो मैं आगे से आपके साथ घूमने नहीं आऊँगी"और फिर हम वापिस घर पहुँच गए हमने चाय पि और अपने कमरे में चला गया l"

अपने कमरे में वापिस आया तो रोजी मुझसे पूछने लगी बहुत देर लग गयी आपको आप जेन के साथ lतो मैंने कहा में उसे बाग़ बगीचा दिखाने ले गया थाlतो वह शरारत भरी मुस्कराहट के साथ बोली कुछ ज्यादा ही लम्बा चक्कर लगाने चले गए या कोई और चक्कर चला रहे थे l बताइये तो क्या चक्कर है तो मैं बोला इधर आओ बताता हूँ क्या कर रहा थाl उसके साथ ll जेन के साथ हुए प्यारे चुम्बन को याद करते ही मैं फिर उत्तेजित हो गया और रोजी को पकड़ने उसके पीछे दौड़ा, तो वह बचने के लिए उपक्रम करते हुए पीछे हुई, और कमरे में दाहिने हिस्से में रखे एक मूर्ति से टकराई, तो मूर्ति घूम गयी और मेरे बिस्तर के साथ की अलमारी की साइड में एक गुप्त दरवाजा खुल गया शायद इसी गुप्त दरवाजे का जिक्र दादाजी की डायरी में था l

अब इसमें आगे क्या था l ये जानने के लिए हमारा उसके अंदर जाना जरूरी था पर दरवाजे के अंदर अँधेरा था तो रोजी बोली आप रुकिए मैं टोर्च ले कर आती हूँ तो मैंने कहा रुको मैं मोबाइल में से टोर्च जलाता हूँ lतो हमने मूर्ति को वापिस घुमाया तो दरवाजा बंद हो गया और फिर उसे दूसरी दिशा में घुमाया तो दरवाजा फिर खुल गया l पर दोनों का एक साथ अंदर जाना ठीक नहीं रहेगा मैं अंदर जाता हूँ तुम बाहर रुको अगर अंदर दरवाजा खोलने का रास्ता नहीं मिला तो तुम 5 मिनट बाद दुबारा मूर्ति हिला कर दरवाजा खोल देना l

हमने मोबाइल से टोर्च जला कर अंदर देखा तो वहां लाइट के स्विच नज़र आये उन्हें दबाया तो वहां रौशनी हो गयी और नीचे उतरने की सीढिया नज़र आयी मैं नीचे उतर गया आगे दीवार थी ।

वहां एक हैंडल भी था मैंने उसे घुमाया तो कमरे वाला दरवाजा बंद हो गया और सीढ़ियों के अंत में एक दरवाजा खुल गया मैंने उस हैंडल को उल्टा घुमाया तो कमरे का दरवाजा खुल गया और सीढ़ियों के अंत में खुला दरवाजा बंद हो गया ।

रोजी ने पुछा क्या वह आ जाए तो मुझे लगा चुकी ये एक गुप्त रास्ता है और इसका जिक्र दादाजी की डायरी में है तो सुरक्षित ही होगा मैंने कहा वह डायरी जो तुमने संभल कर रखी है वह ले कर आ जाओ तो रोजी वह डायरी ले कर आ गयी और फिर बोली इसे पढ़ेंगे कैसे शीशा तो मैं लायी नहीं l तो मैंने कहा आगे देखते हैं नहीं तो कोई शीशा ले कर आ जाना और मैंने हैंडल घुमा कर कमरे का दरवाजा बंद किया और आगे का दरवाजा खुल गया l हम उस दरवाजे के अंदर गए तो वहां एक शानदार हाल था l जिसमे बहुत सुन्दर सुन्दर लड़कियों की बहुत कामुक मुर्तिया और कामुक अंतरंग चित्र कलाकृतिया लगी हुई थी l और कमरे के अंदर एक शानदार बिस्तर जिसपर आठ से दस लोग आराम से सो सकते थे ।

किनारो पर शानदार आरामदायक सोफे लगे हुए थे l और हाल में एक बड़ा शानदार बाथरूम भी था ।

मेरे मुँह से अनायास निकला?बहुत शानदार"दादा जी भी पूरे रसिक थे ।

तभी मुझे वहां एक शीशा नज़र आया तो मैं उस पास गया तो उसके पास एक दूसरी डायरी और एक चाबी रखी हुई थी उसमे लिखा था इस कमरे में ऊपर के कमरे जैसी तीन मूतिया रखी हैं जिनको घूमाने से तीन अलग अलग रास्ते खुलेंगे l उनमे से एक से वो दरवाजा खुलेगा जिससे हम कमरे से इस तहखाने वाले हाल में आये थे l दुसरे से रास्ता पहले मुख्या भवन के हाल में खुलता है तीसरे से रास्ता से तीसरे भवन के पास खुलता है और उसी से आगे एक रास्ता मैदान के पास बड़े बरगद का पास पेड़ो के झुण्ड में खुलता हैl बड़ा बरगद उसे पेड़ के पास था जिस पेड़ के पास आज मैंने अपनी कजिन जेन को किश किया था l और चाबी ऊपर रखी अलमारी की थी ।

पूरा हॉल साउंड प्रूफ था उसमे एक बहुत बड़ी टीवी स्क्रीन लगी थी और बाकी भी सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस था l उस डायरी में ये भी लिखा था की इस हाल और मुख्या भवन से रास्ते का राज घर का ध्यान रखने वाली आशा अम्मा को भी मालूम था और वह ही इसकी सफाई और रख रखाव करती थीl उस डायरी में ये भी लिखा था के किस प्रकार से सब दरवाजो कोलॉक किया जा सकता था, जिससे कोई भी दरवाजा खोल न सके और साथ ही ये हिदायत भी थी के सुरक्षा की दृष्टि से ये राज गुप्त ही रखा जाए।

हम दोनों हाल की सब लाइट इत्यादि बंद करते हुए और डायरी में बताये गए तरीके से दरवाजे लॉक करके वापिस मेरे कमरे में आ गए ।
मैंने वापिस आ कर कमरे में देखा तो वहां ऐसी ही दो मूर्तिया और थी l एक मुख्या भवन की और एक बायीं और थी जो की एक गुप्त रास्ता था जो घर के बाहर ले जाता था मैंने दोनों को घुमाया तो दो दरवाजे खुले ।

कमरे के दायी और जो अलमारी थी नीचे जो चाबी मिली थी वो चाबी अलमारी में एक लॉकर की थी और डायरी में लिखा था की दोनों डायरी को उसी लाकर में सुरक्षित रखा जाए जब मैंने अलमारी खोल कर चाबी से लाकर खोला तो उसके अंदर एक इलेक्ट्रॉनिक लाकर था और सके पास ही एक पर्ची पर उसका पास वर्ड लिखा था और साथ ही पससवर्ड बदलने की जरूरी हिफ़ायते थी और साथ ही लिखा था के पासवर्ड बदलने के बाद चबा कर इस पर्ची को खा जाना ।

अलमारी के लाकर में कुछ नहीं था l बस केवल लक्ष्मी जी की एक मूर्ति थी l मुझे समझ नहीं आया इसके लिए इतना झमेला क्यों किया दादा जी ने तो रोजी बोली "आप उस अंदर की मूर्ति को छु कर देखिये जरूर उसमे कोई राज है"l मैंने मूर्ति के चरण छुए तो मूर्ति घूम गयी और अलमारी में एक और गुप्त रास्ता खुल गया और वह रास्ता एक और तहखाने में ले गया जहाँ पर क्या मिला उसे मैं यहाँ गोपनीय रख रहा हूँ और प्रीती को भी एकांत में संक्षेप में बता दिया था ।

दादाजी ने ये भी लिखा था इन गुप्त रास्तो के बारे में घर के सभी सदस्यों को मालूम था केवल अलमारी वाले रास्ते और तहखाने का राज उन्हें और मुझे ही मालूम थाl चुकी मैं पहले पढाई में व्यस्य था तो इन रास्तो के राज को कभी नहीं बताया गया थाl अब चुकी मैं व्यस्क भी हो गया था और मेरी स्कूल की पढाई भी पूरी हो गयी थी तो दादाजी अपने आखिरी समय में सब लिख दिया था ताकि ये राज मुझे भी ठीक समय पर मालूम हो जाए ।

तो हम वापिस कमरे में आ गए और रात का खाना खाने के बाद आपमें कमरे में वापिस आ रहा था तो रास्ते में मुझे रोजी मिली और वह बोली आज रात को रूबी भी उसके साथ सोना चाहती है l जब सब लोग रात में अपने कमरों में चले गए तो मोना चुपके से बॉब के कमरे में और टीना टॉम के कमरे में चली गयी l और आधी रात में रूबी जब मेरे कमरे में आयी तो उससे पहले रोजी और मैं टेलीविजन देख रहे हैं, लेकिन हम ऊब गए थे।

- मैंने नग्न होते हुए कहा हमें साथ में कुछ मस्ती करनी चाहिए? - मैंने रोजी से कहा।

रोजी कहती हैं - रूबी के आने में थोड़ा समय लगेगा और रोजी ने भी अपने सभी कपडे उतार डाले मैं कुछ अच्छे सेक्स का मन नहीं बनाऊँगी, वह मुस्कुराते हुए कहती है। फिर बोली रूबी ने सुझाव दिया है कि आज हम दोनों को तुम्हें चोदना चाहिए। "

रोजी द्वारा मुझे उसके और रूबी को एकसाथ चोदने के लिए कहा गया विचार पूरी तरह से आश्चर्यचकित कर गया। मैंने रोजी से पूछा कि क्या उसकी और रूबी दोनों की एकसाथ चुदाई का विचार किसी तरह का मजाक तो नहीं था । रोजी ने कहा "नहीं, यह मजाक नहीं है।"उसने कहा कि रूबी उन दोनों के साथ मेरे साथ एक थ्रीसम के बारे में बात कर रही थी। रूबी मुझे और रोजी दोनों को अपने बिस्तर पर चाहती थी, और रोजी की भी ये इच्छा थी की मैं एक ही समय में उन दोनों को चोदू।

मेरा मानना है कि लगभग हर पुरुष की दो महिलाओं के साथ थ्रीसम करने की गुप्त इच्छा होती है; मैं कोई अपवाद नहीं था और हां में जवाब देने में संकोच नहीं किया। मैं यह जानकर रोमांचित और उत्साहित दोनों था कि मैं जल्द ही वह पूरा करूंगा जो मेरी सबसे बड़ी यौन फंतासी थी। मेरे दिमाग में मैं उन सभी अलग-अलग चीजों के बारे में सोच रहा था जो मैं दो महिलाओं के साथ कर सकता था।

मैं एक पल भी संकोच नहीं करता, क्योंकि मैं हमेशा सेक्स के लिए तैयार रहता हूं। तो मैं रोजी को पकड़ कर चूमता हूँ फिर हम गर्म पानी में स्नान करके खुद को तैयार करने के लिए दोनों नग्न ही बाथरूम में जाते हैं। उसे नग्न देख एक दूसरे को छूने नहलाने सहलाने और दूसरे के शरीर को चूमने से मेरा लिंग सर उठाना शुरू कर देता हैं।

हम एक दुसरे को चूमते हुए बेडरूम में जाते हैं। जब रोजी और मैंने बेडरूम में प्रवेश किया, रूबी पर रोशनी थी और वो बिस्तर पर लेती हुई थी पूरी तरह से नंगी हमारा इंतजार कर रही थी । उसने मान लिया होगा कि ऐसा कोई कारण नहीं था कि मैं इस तरह के प्रस्ताव को ठुकरा दूं। पूरे समय जब तक हम कमरे में रहे
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किसी ने भी लाइट बंद करने का कोई प्रयास नहीं किया ।

मैं अपने बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और मेरी अपने ऊपरी बांह रूबी के स्तनों को दबा रही थी और फिर रोजी भी अपने शरीर को मेरे साथ लता की तरह लिपट कर दूसरी तरफ लेट गई। तो दूसरी तरफ रूबी भी मुझ से लिपट गयी मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं वास्तव में दो महिलाओं जो मुझे बहुत ज्यादा पसंद थी के नग्न शरीर के बीच नग्न और सैंडविच की तरह रहूंगा।

मैंने कहा आप दोनों ने आज मुझे एक बहुत बड़ा सरप्राइज दिया है मेरा लंड तब तक पूरा उग्र हो चूका था और पूरे ९० डिग्री पर तन गया था रूबी ने जवाब दिया, "शायद आपका मुंह ऐसा कह रहा है, लेकिन कोई और कुछ और कह रहा है कि आप कुछ और करना चाहते हैं।"ये कहते हुए उसने नीचे की और मेरे खड़े लंड को देखा।
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तो रोजी ने ये जानने के लिए की रूबी किसके बारे में बात कर रही है नीचे देखा और उसने देखा कि मेरा लंड एकदम सीधा था और हम तीनों हँसने लगे, मुझे थोड़ी शर्मिंदगी हुई।

"क्या तुम उस चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते,"हँसते हुए रोजी ने कहा।

"क्षमा करें, आप जानते हैं कि इसका खुद का दिमाग है। यह आप दोनों के आसपास होने से अब बिलकुल बेकाबू है।"मैंने जवाब दिया, मैं अपनी असहज भावना को छिपाने की कोशिश कर रहा था।


आगे क्या हुआ ... ये कहानी जारी रहेगी l
आपका दीपक




अगला भाग रोजी, रूबी और रोजी के साथ सामूहिक सेक्स- अंतरंग हमसफ़र भाग 11
 
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Update 11

अंतरंग हमसफ़र 11- रूबी और रोजी एक साथ.

अंतरंग हमसफ़र पिछले भाग में आपने पढ़ा;
"क्या तुम उस चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते,"हँसते हुए रोजी ने कहा।
"क्षमा करें, आप जानते हैं कि इसका खुद का दिमाग है। यह आप दोनों के आसपास होने से अब बिलकुल बेकाबू है।"मैंने जवाब दिया, मैं अपनी असहज भावना को छिपाने की कोशिश कर रहा था ।
मैं दीपक आपने मेरी कहानिया झट शादी पट सुहागरात-1-4 में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिली और मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुई और उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुई फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयी उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये और मैं और मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया और वहां उससे प्रेम निवेदन किया और रात में रोजी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम शुरू हुआ ( मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -1 -10)
अब आगे

रोजी बोली ठीक है हरेक का अपनी भावना व्यक्त करने का और धन्यवाद करने का अलग तरीका है और इसका ये तरीका बहुत शानदार है। ये कह कर रोजी मेरे ऊपर झुकी और मुझे एक बहुत गरमा गर्म लिप किस करि। कुछ देर बाद हमने चुंबन तोड़ दिया तो रूबी ने मजाक में पूछा रोजी मुझे लगता है मुझे भी धन्यवाद देना चाहिए।"
"इसका लाभ उठाएं।"रोजी ने कहा।
उस टिप्पणी के बाद, एक सेकंड के अंदर ही रूबी के होठों ने मेरा एक जबरदस्त चुंबन किया ।
फिर रोजी बोली एक धन्यवाद मेरी तरफ से तो रूबी तुम्हारा भी बनता है जो तुमने मुझे दीपक जी से मिलवाया और प्रेम शास्त्र का अद्भुत अनुभव दिलवाया और रूबी को किश करने लगी ।रूबी भी उसी शिद्दत से रोजी को चूमने लगी । मैंने भी बोला रूबी का धन्यवाद तो मुझे भी देना चाहिए जो मुझे रोजी जैसी शानदार प्रेमिका से मिलवाया और रोजी का धन्यवाद के उसने मुझे इतना शुद्ध निर्मल और स्वार्थ रहित पूर्ण समर्पित प्रेम किया और उन चुम्बन करती हुई बहनो के चुम्बन में मैं भी शामिल हो गया।
इस तरह हमने एक थ्रीसम चुम्बन किया जिसमे तीनो एक दुसरे के ओंठो को चूस रहे थे।. ये बहुत शानदार अनुभव था। मैं रोजी और रूबी का ऊपर का ओंठ चूस रहा था तो रूबी और रोजी मेरा आधा नीचे का ओंठ चूस रही थी और तीनो की जीभे आपस में मिल रही थी। कुछ पता नहीं किसकी जीभ किसके साथ पेच लड़ा रही थी। तीनो की आँखे आनंद में बंद थी।
पता नहीं हम तीनो कितनी देर किस करते रहे। मेरे हाथ उनकी पीठ पर फिरते रहे और पीठ से होकर उनके एक स्तन पर पहुँच कर रोजी के दाए स्तन और रूबी के बाए स्तन से खेलने लग गए।
मेरे लिए ये शानदार सेक्स की सबसे शानदार शुरुआत है जो एक गर्म किश से शुरू होती है। योनि प्रवेश से पहले खुद को हुए अपने साथी को तैयार करना इसमें चूमना किश करना, सहलाना, प्यार करना,. मीठी बाते करना एक अच्छे सेक्स का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैl इससे सेक्स का पूरा मजा मिलता है।
रूबी चुम्बन तोड कर सांस लेने के लिए रुकी तो तीनो ने एक दुसरे को देखा तो मैंने उसे वापिस नीचे खींच लिया और हमने दुबारा एक दुसरे को चूमना शुरू कर दिया और रूबी ने मेरी जांघों को रगड़ना शुरू कर दिया। फिर रोजी ने चुंबन तोड़ दिया , मैं रूबी की ओर मुड़ते हुए बोला मुझे लगता है मैं आप दोनों से बेहतर कर सकता हूँ। "
एक धीमी गति से मौन मंजूरी के साथ, रूबी ने उसकी सहमति दे दी है और रोजी ने मुझे एक और गर्म चुंबन दे दिया और जैसे रूबी मेरी जाँघे रगड़ रही थी वैसे ही उसका हाथ भी नीचे पहुँच गया और मेरी कठोर लंड को सहलाते हुए उसने उसे कस कर पकड़ कर दबोच लिया ।
जब रोजी ने अपना चुम्बन तोडा तो रूबी ने भी गर्म चुम्बन से लेकर मेरी छाती को अपने हाथो से सहलाते हुए उसका हाथ भी मेरे लंड पर पहुंचा । उसकी जांघो ने मेरी जांघ को रगड़ा और फिर उसने भी लंड को सहलाते हुए दबोच लिया ।
फिर जब रूबी का चुंबन समाप्त हो गया है, हमने आगे और पीछे एक दूसरे को देखा, ये हमारे लिए एक नया रोमांच था।
10 सेकंड के अंदर ही वे दोनों में झुक कर मेरी गर्दन को चूमने और चाटने लगी और मेरे सारे बदन पर उनके हाथ चल रहे थे फिर जब रोजी मेरी छाती को चूम और चाट रही थी तो रूबी मुझे लिप किश करने लगी । फिर जहाँ रोजी ने छाती को चूमना रोका वही से रूबी मेरी छाती को चूमना और चाटना शुरू कर देती थी और रोजी मुझे लिप कस करने लगी इस तरह बारी बारी से वैकल्पिक चुंबन और मुझे चूमना और चाटना चलता रहा और वह दोनों मेरे निप्पलों से बारी बारी खेलने और चूसने लगी। .ये एक अभूतपूर्व अनुभव था पूरा शरीर कुछ नया अनुभव कर रहा था । एक साथ ओंठो का चुम्बन और छाती के निप्पल को चुसवाना. मेर लंड फुफकार रहा था ।
इसके बाद पता नहीं कब मेरा हर हाथ से एक अलग चूत पर पहुँच गया था और तभी मैंने महसूस किआ कि दो जोड़ी हाथ मेरे बहुत खड़े हुए लंड से खेल रहे हैं।
मैंने शुरू में प्रत्येक चूत को अपने हाथ से सहलाया और फिर उन्हें रगड़ना शुरू कर दिया । जबकि मेरी उंगलियों ने हर एक के अंदर अपना रास्ता ढूंढ लिया। रूबी की चूत के अंदर मेरे एक हाथ की उंगलियाँ थीं, जबकि मेरे दूसरे हाथ की उंगलियाँ रोजी की चूत के अंदर थीं। मैं वो कर रहा था जो मुझे लगता था कि कभी भी नहीं होगा, एक ही समय में दो अलग-अलग महिलाओं की योनियों में अपनी उंगलियों के साथ खेलना । सच में ये एक अद्भुत अनुभव था । इस दौरान हमारी किस चलती रही ।
उनकी चूत पर हाथ फेरने के कुछ ही मिनटों के बाद रूबी और रोजी दोनों ने अपनी स्थिति बदल ली और अपने सिर को मेरे पैर की ओर करके बिस्तर पर लेट गईं। इस बदलाव के बबाद भी वे दोनों मेरे लंड के साथ खेलती रही , और लंड के ऊपर अपने हाथ एक साथ चलाती रही इससे पहले कि मुझे यह समझ आये कि क्या हो रहा है । मैंने महसूस किया कि होंठों की एक जोड़ी ने मेरे लंड को घेर लिया है और नीचे की ओर से उँगलियों से लंड को पकड़ लिया था, जिससे लंड सीधा खड़ा रहे ।
मैंने नीचे देखा और देखा कि रूबी मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी जबकि रोजी ने मेरा लंड पकड़ रखा था। रोजी ने रूबी के लिए एक ऐसे स्थिति में मेरा लंड अपने हाथ से उसके बेस पर पकड़ रखा तह जिससे रूबी को लंड चूसने में कोई दिक्कत न हो । इस तरह से रूबी ने मेरे लंड को पहली बार चूसा था । कुछ देर बाद इसी का अनुसरण करते हुए रोजी ने मेरा लंड चूसा और रूबी ने मेरा लंड उसके लिए पकड़ा । इसी तरह दोनों ने कई बार बारी बारी से मेरा लंड चूसा मैं उन्हें मेरा लंड चूसते हुए देखता रहा ।
मेरे लिए ये अद्भुत अनुभव था जब पहली बार इस तरह से मेरा लंड दो लड़कियों ने एक साथ बारी बारी से चूसा हो । फिर उन दोनों ने मेरा लंड अब एकसाथ चूसना शुरू कर दिया । रोजी मेरे लंडमुंड को मुँह में दाल कर चूसने लगी और रूबी बाकी के खड़े हुए कठोर लंड की पूरी लम्बाई को चूसने लगी।
उनका भी पहला थ्रीसम होते हुए भी उनका सामंजस्य अद्भुत था । ऐसा नहीं लग रहा था ये उनका भी पहला थ्रीसम है । फिर दोनों ने आधा आधा लंड चूसना शुरू कर दिया । रोजी ने दायी और से चूसना शुरू किया और रूबी ने बायीं और से चूसना शुरू कर दिया । दोनों ऊपर से शुरू करती फिर लंड पर झीभ फेरते हुए नीचे तक जाती फिर जड़ से वापिस ऊपर तक आती। मैं तो बस जन्नत में था।
फिर मेरा ध्यान मेरे सर के दोनों और उनकी चूत पर गया जो मेरे मुँह के पास थी । दोनों लड़किया इस तरह से लेटी हुई थी के उनकी चुत मेरे मुँह के बिलकुल पास थी ।रोजी की चुत बायीं और और रूबी की चूत सिर के बाईं ओर थीl मुझे केवल अपना सिर एक तरफ से दूसरी तरफ मोड़ना था और मेरा मुंह रूबी और रोजी की चूत पर टिका कर उन्हें बारी बारी चूसने लगा । मैं पहले एक चूत को चूसता और चाटता था फिर सर घुमा कर दूसरी को चूसने और चाटने लगता ।
मैं कई बार आगे पीछे होकर रूबी और रोजी की चुत को बारी बारी चूमता चूसता रहा । मैं उनकी चुत की पूरी लम्बाई और गहराई में अपनी जीभ चला रहा था । मैंने जीभ से उनकी चुत की गहराई की जांच करि । हालाँकि मेरा लंड कई बार उनकी चुत की गहराइयों की जांच कर चूका था पर जीभ से जांच करने का ये अनुभव स्पेशल था । मैंने उसकी चुत को इस प्रकार से चाटा बिल्ली कटोरे से दूध चाट जाती है । मैंने बिल्ली के समान गति का उपयोग करते हुए इसकी गहराई की जांच की।
बीच मैं कभी-कभी उनकी छत के दाने को भी चूसना शुरू कर देता और फिर उनकी योनि के बाहरी होठों की पूरी लंबाई को अपने मुँह में लेकर चूसता और फिर अचानक अपनी जीभ को जितना हो सके उनकी योनि की गहराइयों में घुसा देता था । हालांकि मुझे पता था कि मेरा मुँह दोनों में से किस की चुत पर था पर मैं उन्हें उनके स्वाद से भी बताने में सक्षम था। रोजी की चूत को स्वाद लगभग मीठा और हल्का था; जबकि रूबी की चूत का तीखा और तेज स्वाद था।
उसके बाद हमने स्थिति बदल दी जिसमे रोजी और रूबी दोनों एक-दूसरे के बगल में अपनी पीठ पर लेट गए। इसने मुझे प्रत्येक महिलाओं में से एक के साथ 69 करने की सुविधा दी। जब मेरा चेहरा रूबी या रोजी की चूत पर था, तो मैं उस पर लेट जाता और अपनी जीभ को उनकी चूत में जहाँ तक मैं पहुँच सकता था डाल देता था । वही मेरा लंड उसके मुँह में होता था ।
जिस तरह वो मेरे लंड को चूस रही थी मैं भी उसी तरह उसकी चूत के हिस्सों को अपने मुँह में ले लेता और उसे उसी तरह से चूसता जैसे वो चूस रही थी । पूरे समय यही होता रहा जब वो मेरा लंड मुँह की गहराइयों में लेकर चूसती रही और उसी तरह मैं उसकी चुत चूसता रहा । मैं फिर दूसरी लड़की के साथ ऐसा ही करता हूं, फिर से एक से दूसरे चुत पर बारी बारी से चूसने लगा । जब मैं अपना चेहरा रोजी या रूबी की चूत पर लगा कर चाटता था उसी समय दूसरी की चूत को मेरी उँगलियाँ जितनी हो सकती थीं और उसे अपने हाथ से चोद रहा था। इस दौरान दोनों दो बार झड़ चुकी थी ।
मैं आज दोनों को बराबर समय और प्यार देना चाहता था, तो रोजी बोली अब आप पहले रूबी को चोदिये मैं उसकी चूत का जितना हो सकता था चोदना चाहता था, लेकिन मैं रोजी को यह सोचने के लिए नहीं चाहता था कि मुझे आज केवल रूबी में दिलचस्पी थी। मैंने निश्चय किया मैं जो भी रोजी के साथ किया वही मैं रूबी के साथ करूंगा और मैं रूबी के साथ जो भी करूंगा वही मैं रोजी के साथ भी करूंगा। मैंने उनमें से प्रत्येक के साथ समान व्यवहार करने की कोशिश की।
रूबी और रोजी अपने समय को विभाजित करने के लिए स्वतंत्र थी । उन दोनों की हरकते और मेरे लंड को चूसने का समय अलग अलग था । हम आखिरकार मैं पीठ पर आ गया और रूबी या रोजी मेरे मुँह पर बैठ गयी और मैं उनकी चुत को खाने लगा जबकि इस दौरान दूसरी मेरे लंड को शानदार तरीके से चूसती । फिर उन्हों ने कई बार अपनी स्थिति बदली ताकि मैं उनकी चुत को अछि तरह से चाट सकू और फिर वो मेरा लंड भी चूस सके।
अब चुकी मैं प्रत्येक छोर पर एक समय में मैं एक को ही समायोजित कर सकता था, तो फिर मैंने सुझाव दिया क्यों न त्रिकोण बना कर किया जाए।इससे तीनो के मुँह और जानाँनग का भरपूर उपयोग हो सके, तो मैं साइड पर लेट गया और रूबी ने अपनी चुत मेरे मुँह के पर रखी और अपना मुँह मेरे लैंड के तरफ कर साइड पर लेट गयीl उसके बाद रोजी भी इस तरह से लेटी के मेरा लंड उसके मुँह में था और उसकी चुत रूबी के मुँह के पास थी। अब तीनो के मुँह चल रहे थे।
कुछ देर बाद दोनों ने अपनी स्थिति बदल ली इसके बाद मेरा मुँह रोजी की चुत पर चल रहा था और रोजी का मुँह रूबी की चुत पर था और रूबी का मुँह मेरे लंड पर था ।
इस पूरे समय में यह सब हो रहा था हमारे छह हाथ चार उपलब्ध स्तनों और निप्पल्स के साथ खेल रहे थे। इस तरह हम तीनों ने काफी समय बहुत सारे मौखिक सेक्स के अलावा एक-दूसरे के शरीर के साथ खेलने और और छेड़ छाड में बिताया।
मुझे इनमे से सबसे ज़्यादा मज़ा तब आया, जब रूबी और रोजी दोनों एक साथ अपने मुँह को मेरे लंड के दोनों तरफ रखेंगी और दोनों अपने मुँह को एक साथ ऊपर-नीचे करती थी इस मौके पर उनमें से एक ने मेरे लंड की पूरी लंबाई को अपने मुँह में ले लिया तब भी बहुत मजा आया ।

आगे क्या हुआ ये कहानी जारी रहेगी ..
दीपक

अगले भाग में पढ़े - रूबी और रोजी के साथ सामूहिक सेक्स- अंतरंग हमसफ़र भाग 12
 

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