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    Incest क्या.......ये गलत है?

    माया जब अंदर घुसी, तो सामने ममता नग्नावस्था में खड़ी मुस्कुरा रही थी। ममता इस वक़्त काम की देवी लग रही थी। चुदने के बाद उसके बाल बिखरे हुए थे, जो लहराते हुए उसकी मस्ती भरी चुदाई की कहानी कह रहे थे। उसके चेहरे पर चुुुदने की थकान के साथ खुशी भी मिली हुई थी। आंखों में एक अजीब सी नशीली लहर दौड़ रही...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    दोस्तों यहां से 2 महिला पात्र इस कहानी में बढ़ रहे हैं। माया उम्र 43 साल बिल्कुल अपनी बड़ी बहन ममता की तरह ही शरीर से धनी है। 36 की चुच्चियाँ और 38 की गाँड़। अपनी कामुकता को हरदम छुपाये रखती है। ये उसी स्कूल में शिक्षक है जिसमे अमरकांत पढाते थे। दूसरी कंचन- उम्र 23 साल अभी तक ग्रेजुएशन नहीं...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    बाद में उनके दूर रहने का कारण समझ मे आया था। शशि- ढाई साल बाद में बाबूजी और तुम्हारे पिताजी ने माया और हमारा ब्याह कर दिया, क्योंकि हम तो तभी बस लफुवागिरी करते थे, पढ़ते कहा थे। कॉलेज भी महीने में एक बार जाते थे। बाबूजी ने सोचा कि माया टीचर है ही तो घर मे आमदनी आती रहेगी। माया हमारी बीवी बनके आ...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    ममता-आआहहहहहह क्या मस्त हो रहे हैं हम। ऊफ़्फ़फ़फ़ आज तो दिनभर पेलवाएंगे। इतने दिन बाद मौका मिला है, लण्ड का स्वाद चखने का। हमने मज़बूरी में ये रिश्ता जोरा था, पर अब तो इसमें बहुत मज़ा आता है। देवरजी, हमको अपने पास ही रख लो ना। आपकी दासी बनके रहेंगे। आआहह चोदिये अपनी भाभी को । ऊऊईईईईईईईई...
  5. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता उसके ऊपर से उठना चाही, पर जय ने उसे कमर से जकड़ रखा था। कविता लाज से बोली," भाई प्लीज उठने दो ना।" जय- क्यों माँ तुमको देखेगी थोड़े ही। और मोबाइल स्पीकर पर लगाके फोन उठाके बोला- माँ, प्रणाम। दूसरी तरफ से ममता की आवाज़ आयी- कैसे हो बेटा, ठीक हो ना? हम यहां सुबह 6 बजे पहुंच गए थे। जय- अच्छे...
  6. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता की नींद खुली जब ज़ोर ज़ोर से घर के दरवाजे की घंटी लगातार बज रही थी। कविता ने घड़ी में देखा सुबह के 10 बज रहे थे। वो जय के सीने पर अपना सर रखके ही सोई थी। कविता की बांयी टांग जय के ऊपर थी। जय उसे बांहों में पकड़े सोया था। कविता को वो इस समय बहुत क्यूट लग रहा था। उसने उसकी छाती को चूमा, फिर...
  7. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    जय अपनी जीभ से उसकी गाँड़ को छेड़ रहा था। उसकी गाँड़ की दरार को चाट रहा था। उसने अपनी एक उंगली उसकी गाँड़ में घुसा रखी थी, जिसे वो अंदर बाहर कर रहा था। वो उसपर थूक भी लगा रहा था। एक पल को हट जाता और गाँड़ पर थूक देता। फिर दूसरे पल चाटने लगता। कविता खुद अपने चूतड़ों पर चाटें लगा रही थी। जय फिर...
  8. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता अत्यधिक कामुक हो उठी थी ऐसी चुदाई देखकर। उसकी सांस तेज़ चल रही थी सीने में सांस तेज़ होने से कड़क चुच्चियाँ हिल रही थी। अपनी गाँड़ से जय के लंड को रगड़ रही थी। उसकी कमर लगातार हिल रही थी। उसने अपने भाई के कंधे पर सर रखके कहा- भाई, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। डालो ना लण्ड को। जय ने कहा- इतनी...
  9. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता ये सुनकर कामुक हो उठी। वियाग्रा की गोली भी धीरे धीरे असर कर रही थी। कविता ने जय की आंखों में देखा और बोली- ये लो इस काम की देवी का प्रसाद और उसके होंठों को चूमने लगी। अपने रसीले होंठ उसके होंठों को सौंप दी। जय ने कविता के होंठों को अपने होंठों से भींच लिया, और चूसने लगा। कविता जय की ओर...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता ये सुनकर कामुक हो उठी। वियाग्रा की गोली भी धीरे धीरे असर कर रही थी। कविता ने जय की आंखों में देखा और बोली- ये लो इस काम की देवी का प्रसाद और उसके होंठों को चूमने लगी। अपने रसीले होंठ उसके होंठों को सौंप दी। जय ने कविता के होंठों को अपने होंठों से भींच लिया, और चूसने लगा। कविता जय की ओर...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता बोली ये कैसा टेबलेट है ? जय ने खुद एक टेबलेट दूध के साथ ले ली। कविता ये वियाग्रा है इससे चुदाई की टाइमिंग बढ़ जाती है। कविता बोली- इसकी क्या ज़रूरत है? तुम तो अच्छे से कर ही रहे हो। जय बोला आज की रात तुमको बहुत चुदना है, इसलिए ये खा लो। देखो हमने भी खा लिया है। कविता- ठीक है, तुम कहते हो...
  12. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    जय अपनी बहन को अपने गोद में नंगी बैठाए हुए था। उसका लण्ड कविता की गाँड़ के नीचे दबा हुआ था। कविता अपने भाई के मुंह मे चबाया हुआ निवाला बड़े शौक़ से खा रही थी। उसे ये बहुत उत्तेजक और अलग लग रहा था। आखिर कोई बहन अपने ही भाई के गोद मे नंगी बैठके ऐसे खाना थोड़े ही खाती है। जय जब उसे निवाला देता था...
  13. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता- आआहह....... जब गालियां देते हो तो बुर से और पानी निकलता है। हम तुमको बहनचोद बनाये हैं। अपनी बहन का चुदक्कड़पन रंडिपन कैसा लग रहा है। जय- विश्वास नहीं हो रहा है कि तुम हमारी सीधी साधी दीदी हो। कितनी बड़ी रंडी हो तुम। अपने घर मे सबको ऐसी बहन मिल जाए तो कोइ बाहेर क्यों जाएगा। सच कहते हैं...
  14. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता की गाँड़ लाल हो गयी। कविता को दर्द हो रहा था, पर दर्द और कामुकता के मिश्रण से उसके चेहरे पर आया भाव उसको और चुदक्कड़ बना रहा था। जय ने कविता की गाँड़ को फैलाया। सामने कविता की गाँड़ का छेद दिख रहा था। जय ने उसपे थूका, उस चुलबुली, झुर्रीदार गहरी भूरी छेद पर थूक पूरा फैल गया। और सडकते हुए...
  15. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    जय को कविता के चेहरे पर वासना की परत साफ दिख रही थी, वो खुद भी उसके गिरफ्त में था। जय कविता के चुचियों को मसल रहा था। कविता से बोला- तुम इस वक़्त कितनी मस्त लग रही हो, जैसे कोई सांप चंदन से लिपट रहता है, ठीक वैसे ही हमसे चिपकी हुई हो। तुम हमेशा ऐसी ही रहो। कितना मज़ा आ रहा है तुम्हारे बुर का...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता अपनी कमर धीरे धीरे हिला रही थी। जय ने एक हाथ से कविता के सलवार का नारा खोल दिया। और उसके बड़े मस्त चूतड़ों को सहलाने लगा। जय ने कविता के काँखों में थूक दिया, और कविता ने उसे पूरे कांख में मल दिया। कविता ये सब खुलकर हंसते हुए कर रही थी। कविता की ये हरकत बहुत ही कामुक थी। उसने अपने दोनों...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता- सिर्फ खाओगे, पियोगे नहीं क्या? जय- पियूँगा लेकिन तू क्या पीयेगी? कविता- तुम जो पिलाओगे, पियेंगे। जय वासना में लीन होकर पूछा- कितना पियोगी? कविता कामुकता से कांपते हुए बोली- जितना पिलाओगे। जय- क्या पियोगी? कविता- वही जो अभी उसने पिया। जय- बोल ना साली उसने क्या पिया, शर्म आ रही है क्या...
  18. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    वो अपने माथे का पसीना पोंछते हुए बाहर आई, और पंखे के नीचे बैठ गयी। दुप्पट्टा निकाल दिया और अपने कमीज को ऊपर की ओर से फैलाया, ताकि अंदर तक हवा जाए। कविता थोड़ी देर ऐसे ही बैठी रही। तभी कविता की आंखों को पीछे से दो हाथों ने ढक लिया। कविता मुस्कुरा उठी। जय जाग चुका था। जय उसके कानों के पास आया और...
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    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता ने फोन काटा और भागके बाथरूम गयी। तौलिया कमर तक उठा लिया, जिससे कमर के नीचे का हिस्सा पूरा नंगा हो गया और उसकी गाँड़ फुदक कर बाहर आ गयी। उसने शीट पर बैठके अपने बुर से मूत की धार मारी। एक सीटी के जैसे हल्की आवाज़ गूँजी मूत की धार निकलने से पहले। कविता ने अपना मूतना खत्म किया और पानी से बुर...
  20. T

    Incest क्या.......ये गलत है?

    कविता और जय यूँही लेटे हुए सो गए। तब शाम के करीब 5 बज रहे थे। जय कविता के चुच्चीयों पर सर रखके सोया था। कविता की चुच्चियाँ अभी भी तनी हुई थी। जय का सर दोनों चुच्चीयों के बीच में था। कविता का दाहिना हाथ उसके सर पर था। जय का दाहिना हाथ कविता के बुर पर रखा था। जय के मुंह और चेहरे पर कविता की बुर के...
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