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इधर तनु का भी पूरा बदन काँप रहा था वो झड़ रही थी ...थककर वहीं दवाज़े को टेक लगाकर बैठ गयी ।
अब तूफान थम गया था… सब अपनी अपनी साँसों को काबू में लाने की कोशिश कर रहे थे....बबिता ...राहुल....और तनु...।
राहुल को एहसास था कि बाहर कोई है....उसने अपनी दिव्य शक्ति से देखा तनु दरवाजे के सहारा लेकर बैठी बुरी तरह हाँफ रही थी । वो डर गया कि तनु ने उसे बबिता के साथ देख लिया होगा ...अब वो उसे कभी नहीं अपनाएगी ....वो उसके दिमाग को पढ़ने लगा " उफ्फ कितना बड़ा था उसका लन्ड ...और बिल्कुल हब्शियों सा सेक्स कर रहा था....राहुल?....नहीं मैंने उसकी शक्ल तो देखी नहीं ...लेकिन राहुल घर पर भी तो नहीं था...." तनु सोच रही थी । और उसकी उलझन ने राहुल को बचने का मौका दे दिया था । उसने चित निढाल पड़ी बबिता को चूमा और कपड़े पहनकर अपनी किताबों को उठाया और पीछे की खिड़की से कूदकर बाहर निकल आया और कुछ ही सेकण्ड्स में वो अपने कमरे में था ।
वो चादर ओढ़कर सोने का नाटक करने लगा पर उसका दिमाग अभी भी तनु पे लगा हुआ था ,तनु कोई 10 मिनट बाद घर पहुँची । मेन गेट खुलने के कारण राहुल को उसके आने का पता चला । तनु की कामुकता का बुखार अब उतर चला था एक बार फिर वो बिना किसी कारण राहुल के प्रति नफरत से भरती जा रही थी ।
राहुल उसके दिमाग को पढ़ रहा था "यँहा तो लल्लू बनता है और यह कारनामे हैं इस लड़के के माँ को बताऊंगी.....उफ्फ..कितनी बड़ी गलती कर दी बबिता के घर पर ही रँगे हाथों पकड़ लेना चाहिए था .....लेकिन अगर वो वँहा न होता तो...उसके कमरे में चेक करती हूँ"
राहुल ने चैन की साँस ली वो भी यही चाहता था कि तनु उसे कमरे में देख ले और उसका शक दूर हो जाए ।
तनु(उसने राहुल को सोते देखा तो उसका गुस्सा और बढ़ गया)- तू कब आया घर ?
राहुल(जागने का नाटक करते हुए)- क्या हुआ सोने दे मुझे ...हमेंशा मुझपर चिल्लाती रहती है ।
तनु(उसका गुस्सा न जाने क्यों और बढ़ गया था)- मैं पूछ रही हूँ तू घर कब आया ?
राहुल-दो घण्टे पहले ।
तनु-मुझे बताया क्यों नहीं ?
राहुल( तनु की खूबसूरती को निहारते हुए , वो गुस्से में और सुंदर लग रही थी)-कोई भी घर पर नहीं था ,मुझे लगा तू माँ के साथ गयी है ।
तनु अपने कमरे में तो आ गयी पर न जाने क्यों उसका दिल कह रहा था कि वो आदमी राहुल ही था जो बबिता को चोद रहा था.....वो काफी देर तक करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई ।
अब तूफान थम गया था… सब अपनी अपनी साँसों को काबू में लाने की कोशिश कर रहे थे....बबिता ...राहुल....और तनु...।
राहुल को एहसास था कि बाहर कोई है....उसने अपनी दिव्य शक्ति से देखा तनु दरवाजे के सहारा लेकर बैठी बुरी तरह हाँफ रही थी । वो डर गया कि तनु ने उसे बबिता के साथ देख लिया होगा ...अब वो उसे कभी नहीं अपनाएगी ....वो उसके दिमाग को पढ़ने लगा " उफ्फ कितना बड़ा था उसका लन्ड ...और बिल्कुल हब्शियों सा सेक्स कर रहा था....राहुल?....नहीं मैंने उसकी शक्ल तो देखी नहीं ...लेकिन राहुल घर पर भी तो नहीं था...." तनु सोच रही थी । और उसकी उलझन ने राहुल को बचने का मौका दे दिया था । उसने चित निढाल पड़ी बबिता को चूमा और कपड़े पहनकर अपनी किताबों को उठाया और पीछे की खिड़की से कूदकर बाहर निकल आया और कुछ ही सेकण्ड्स में वो अपने कमरे में था ।
वो चादर ओढ़कर सोने का नाटक करने लगा पर उसका दिमाग अभी भी तनु पे लगा हुआ था ,तनु कोई 10 मिनट बाद घर पहुँची । मेन गेट खुलने के कारण राहुल को उसके आने का पता चला । तनु की कामुकता का बुखार अब उतर चला था एक बार फिर वो बिना किसी कारण राहुल के प्रति नफरत से भरती जा रही थी ।
राहुल उसके दिमाग को पढ़ रहा था "यँहा तो लल्लू बनता है और यह कारनामे हैं इस लड़के के माँ को बताऊंगी.....उफ्फ..कितनी बड़ी गलती कर दी बबिता के घर पर ही रँगे हाथों पकड़ लेना चाहिए था .....लेकिन अगर वो वँहा न होता तो...उसके कमरे में चेक करती हूँ"
राहुल ने चैन की साँस ली वो भी यही चाहता था कि तनु उसे कमरे में देख ले और उसका शक दूर हो जाए ।
तनु(उसने राहुल को सोते देखा तो उसका गुस्सा और बढ़ गया)- तू कब आया घर ?
राहुल(जागने का नाटक करते हुए)- क्या हुआ सोने दे मुझे ...हमेंशा मुझपर चिल्लाती रहती है ।
तनु(उसका गुस्सा न जाने क्यों और बढ़ गया था)- मैं पूछ रही हूँ तू घर कब आया ?
राहुल-दो घण्टे पहले ।
तनु-मुझे बताया क्यों नहीं ?
राहुल( तनु की खूबसूरती को निहारते हुए , वो गुस्से में और सुंदर लग रही थी)-कोई भी घर पर नहीं था ,मुझे लगा तू माँ के साथ गयी है ।
तनु अपने कमरे में तो आ गयी पर न जाने क्यों उसका दिल कह रहा था कि वो आदमी राहुल ही था जो बबिता को चोद रहा था.....वो काफी देर तक करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई ।