update 5
एक कार तेज़्ज़ रफ्तार से चल रही थी……।अचानक कार का बैलेंस बिगड़ गया और कहै में जाने लगा लेकिन जान लेना वाला उस दिन छुट्टी पे था……कार एक बड़े पत्तर से तकरा गयी और पत्तर ने पहाड़ी से निचे गैरने से रोक लिया………।
एक लड़का अपनी साईकल पे उसी रस्ते पे गुज़र रहा था…सड़क पूरी तरह से सुनसान था…।।लोगो का केहना था की वो पहाड़ी का सड़क ख़ुराक मीताते हे……।।
लड़का उस हादसे को देख के बौखला गया था…।उसकी सुजबुझ चली गयी थी दो पल के लिए……आस पास देखने लगा एक चूहा भी वहाँ नही था उस शाम…।।
लड़का डर डर के उस खाई की तरफ उतरा और किसी तरह कदम थामे उस कार तक पोहोच गया…।।कार के बोनेट वाला हिस्सा पिचक गया था धुंआ ही धुंआ निकल रहा था……।उसे डर लाग्ने लगा कही कार में आग न लग जाये……।
उसने सीसे से अन्दर देखा की कार के अंदर सिर्फ एक ही ड्राइवर था और वो भी एक औरत एयर बेग में उसका शिर लहुं लुहान हो रही थी……।इतना सारा खून देख के वो और घबरा गया……
वो क्या करे क्या न करे बड़ी उलझन में फँस गया………किसी से मदत बुलाये वो ऐसा भी नही कर सकता था…।।ज़िन्दगी में पहली बार ऐसा घटना अनुभव किया था…।
उसने दरवाज़ा खोलने की कशिश की तो दरवाज़ा नही खुला…।।साएद अंदर से लॉक था या फिर एक्सीडेंट की वज़ह से कही अटक गया…।।
उसे बोहोत घबराहट होने लगा…।।पता नही जिन्दा भी हे या नहि…।कहि में ही न फँस जाऊ…।।क्या करू में अब दरवाज़ा भी नही खुल रहा हे……।
तभी नूत्तकाडंग शेतना जाग उठी और उसने एम्बुलेंस के नंबर पे कॉल लगाया और एक्सीडेंट के बारे में बताया………तब तक उसके दिमाग के नशे खुल गए और उसने पत्थर उठा कर चीचा तोड़ दिया फिर दरवाज़े को जोर लगा के खोला और उस लहूं लुहान औरत को कार से बहार निकल के घास पे लिटा दिया और उसकी हाथ पकड़ के हिलाते हुए बोलने लगा…।।"हे हे……आँखे खोलो…।।"
लेकिन वो औरत बेहोस था……उसने डर डर से उसकी नॉब्स चेक किया तो पता चला की अभी जिन्दा हे…।उसके भी जान में जान आया………
थोरि देर बाद एम्बुलेंस आयी…।।और एम्बुलेंस वाले ने उस औरत के साथ उसे भी एम्बुलेंस में ले के गया वो लड़का जाना नही चाहता था लेकिन एम्बुलेंस वाले उसे विटनेस बना के ले के गए………
उस औरत को शिधा आई सी यु में एडमिट किया……।।वो लड़का आई सी यु के बहार ही बैठा था…।उसका शर्ट भी खून से लटपट था…।।
ताभी उसके पास एक नर्स आई…।।" मिस्टेर क्या आप इस पेशेंट के साथ हो…। ळ"
लद्का कही खोय हुआ था……।उसे भनक भी नही लगा की उसके पास कोई आके उसे कुछ पूछ रहा हे……
नर्स दुबारा बोली……" ओ मिस्टर…।।लिस्टेंन तू मी …।।ईधर इधर…।।" उसके मुँह पे चुटकी बजाने लगी…
तभी उस लड़के की तन्द्रा टूटी……और नर्स की तरफ देख के बोला…।" हम्म…। जी जी बोलिये…।"
नर्स…।।"आपका नाम क्या हे…।।"
लद्का बोलै…। " जी राहुल…।।रहुल अवस्थी…।।"
नुरसे……" आप मेरे साथ चलिए…।।"
नर्स उसे ग्राउंडफ्लोर रिसेप्शन पे ले के गया…।और उसे एक फॉर्म फिल-उप करने दिया……।
नर्स बोली…।।" आप पेशेंट के क्या लगते हो…।हस्बंड…।।"
राहुल बोलै…।।" जी…।जी नहीं……मुझे नही पता वो कौन हे……"
नर्स…।।" तो फिर यहा आये क्यों हो…।"
नर्स बेरुख़ी से बात कर रही थी शकल से चालु लग रही थी……राहुल मन में सोचने लगा…।।ये कौनसा तरीका हे ऐसे बट्टीमीज़ी से बात करने का…।।चकल तो देखो कितनी भद्दी हे लिपस्टिक ऐसे पोत के आई हे जैसे कोठे में बैठी वैश्या पान खाती हुई……
राहुल बोला…… " में नही आया…। बल्कि एम्बुलन्स वालो ने ज़बर्दस्ती ले के आया…।।मैने एक्सीडेंट होते देखा और एम्बुलेंस वालो को बुलाया…।"
नर्स की बोलती बंद हो गयी फिर भी ऐसे घूरि जैसे उसे कोई फर्क ही नहीं…।
नर्स बोली……" विल कौन देगा…।अभी दवाई भी देनी हे…बिल पे कीजिये दवाई अंदर जाएगी……"
राहुल को बोहोत गुस्सा आ रहा था……।वो ग़ुस्से में कुछ केहने ही वाला था की तभी एक आवाज आई……।
" क्या मतलब हे बिल कौन देगा……"।
राहुल ने पीछे मुद कर देखा……एक पुलिस इंस्पेक्टर था मूछो वाला………वो इंस्पेक्टर रिसेप्शनिस्ट की डेस्क पे कोहनी रख के बोला…… " हे यू… व्हाट'स योर नाम……"
नर्स बुरी तरह से घबरा गया …।और उठ खड़ी हुई……
इंस्पेक्टर…।" बद्तमीज़ कही की…।।इस तरह से बात करते हो…।।नौकरी कैसे मिली तुम्हे……"
नर्स…।।" जी में तो बस अपना काम कर रही थी…।।मैने कहा बदतमीज़ी की सर…।।"
इंस्पेक्टर…।।" इस लड़के ने उस पैटेंट की जान बचाई …।।ये उस वक़्त नही होता तो सायेद वो अभी तक हॉस्पिटल नही पोहोची होती…।और सायेद वोहि……"
नर्स की अक्कल ठिकाने लग गयी…।।इंस्पेक्टर ने दो लाइन में उसे लाइन हाज़िर कर दिया……
इंस्पेक्टर बोलै…।।" उस पेशेंट का हस्बैंड में हूँ……बिल दो मुझे "
नर्स की गाला सुख गयी और उसने डरते डरते बिल का रसीद दिया……।।इंस्पेक्टर ने बिल का रसीद देख पीछे से वॉलेट निकलते हुए बोलै…।।" कैसा हॉस्पिटल हे रे…।।इलाज़ शुरू होने से पहेली ही बिल भरना पड़ता है…।।"
तब तक राहुल भूत बने खड़ा था……।उसे बिस्वास नही हो रहा था की जिसको उसने बचाया हे उसका पति एक पुलिस इंस्पेक्टर होगा……।
इंस्पेक्टर राहुल की तरफ मुस्क़ुरते हुए बोलै…।।" मुझे पता चला की तुमने ही एम्बुलेंस को फ़ोन किया था……पता नही कैसे शुक्रिया अदा करू तुंहारा……तुम नही होते तो आज मेरी पत्नी…।।"
राहुल मुस्कुरा के बोलै……" जी ऐसी कोई बात नहि…।मुझे जो सही लगा वही किया…।"
इंस्पेक्टर……" नही तुमने बोहोत महान काम किया हे……लोग तो सिर्फ तमाचा देखते रहते हे खड़े खड़े……।"
राहुल बोला…।" जी अभी वो कैसे हे……"
इंस्पेक्टर…… " डॉक्टर ने बोलै हे की अभी वो खतरे से बहार हे…।।खून ज़्यादा बेह गया हे इस्लिये थोरी कॉम्प्लीकेटेड हे…।लकिन कहा हे वो ठीक हो जाएगी…।"
राहुल……" में भगवन से प्राथना करूँगा वो जल्दी ठीक हो जाएगी।।"
इंस्पेक्टर…।।" थैंक यू सो मच…।अगेन एंड अगेन……।आच्चा तुम्हे तीन दिन के अंदर थाने में आना होगा…।।"
राहुल थोरा घबरा गया……" जी क्यों…। "
इंस्पेक्टर हास के बोलै……" अरे डरो मत……तुम कोई सस्पेक्ट या क्रिमिनल की तरह नही आना हे……तुम गवाह हो तो बस रिकॉर्ड में तुंहारा एक हस्ताक्षर चाहिए बस……तुम्हे और कोई परेशानी नही होगी…।"
राहुल मुस्कुरा के बोलै…। " जी ज़रूर आऊंगा…।।क्या में अभी जा सकता हूँ…।"
इंस्पेक्टर…।।" येस सियोर्र…।।और हां तुंहारा साईकल तो हमने पुलिस स्टेशन ले गया…।।च्चा जब तुम हस्ताक्षर देने आओ तब ले जाना…।।"
राहुल…।" ओह कोई बात नही…।मे जब आउंगा तब लेके जाउँगा……अभी मुझे थोरा जल्दी निकलना पड़ेगा…।।मिलते हे…।"।
राहुल हॉस्पिटल से निकल गया और पैदल ही घर जाने लगा……।।
awsome update bro......nice story