Adultery बीवी के कारनामे

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मैं वापस आकर बीडीओ को देखने लगा ,कुछ खास था ही नही काजल की वही बात पर वो आज दिन भर से कमरे में ही थी ,यानी वो प्यारे के पास नही गयी ये बात दिल को बहुत ही सुकून देने वाली थी….काजल आकर मुझसे लिपट गयी,
“जान तुम्हे वो साइट कैसी लगी”
“अरे जान मुझे तो इसके बारे में कुछ भी नही पता मैं क्या बताऊ “
काजल के आंखों में शरारत थी मुझे पता था की क्या होने वाला था,वो मुस्कुराते हुए मुझे देखने लगी,
“अच्छा सुनो ना मेरा काम करना आपको पसंद है ना ,आप बोलोगे तो मैं इस प्रोजेक्ट को बन्द करवा दूंगी “
वो सच में बहुत ही सीरियस थी
“पागल हो गयी हो क्या,तुम यहां बैठे बैठे ऐसे भी बोर हो जाती होगी वहां तुम्हारा टाइम पास भी हो जाएगा ,और ऐसे भी रॉकी भी तो तुम्हारे साथ बहुत ही हेंडसम है साला ,देखो कही उससे प्यार ना हो जाय तुम्हे “
मैं तो मजाक में कहकर हसने लगा लेकिन जब मेरी नजर काजल पर पड़ी तो मेरा दिल घबरा गया उसकी आंखे लाल थी जैसे वो मुझे गुस्से से घुरि जा रही हो,

“क्या हुआ जान “
“आप ऐसे सोच भी कैसे सकते है की मैं आपके सिवा किसी से भी प्यार करूँगी ,मेरे ऊपर आपका बिल्कुल भी भरोसा नही है क्या…”वो रोने लगी मैंने तो बस मजाक किया था और वो लड़की ऐसे बोल रही थी जो कभी मेरे ही नॉकर से साथ …..
“अरे नही जान मैं तो बस मजाक कर रहा था तुम तो “मै काजल के होठो को चुमने लग उसके गालो से गिरने वाले एक एक बून्द आंसुओ को पीने लगा…
“सॉरी मेरी जान “मैंने काजल के होठो में अपने होठो को भरकर एक जोरदार किस किया और तबतक किया जबतक की उसका रोना बंद नही हो गया वो भी मेरे बालो पर अपना हाथ रखकर उसे सहलाने लगी…..
थोड़ी देर में जब हम दोनो अलग हुए
“जान एक बात पुछु इसबार बुरा मत मानना “
“हा बोलो पर याद रखना प्यार तो आपसे ही किया है और हमेशा आपसे ही करूँगी “
“अच्छा लेकिन अगर मानो वो पसंद आ गया तो “
“पसंद तो वो मुझे अब भी है ,पसंद और प्यार में बहुत फर्क होता है समझे “
काजल ने मेरे नाक को पकड़कर हिला दिया ,पर मैं थोड़ा गंभीर था
“और सोचो अगर तुम्हारे बीच कुछ हो गया तो “
काजल ने मुझे घूर कर देखा ,
“जान मैं आपकी बीबी हु,और मैं सिर्फ और सिर्फ आपसे ही प्यार करती हु,और रही कुछ होने की बात तो मैं भी एक इंसान हु हो सकता है की मुझसे कुछ गलती कभी हो भी जाय तो भी मैं आपसे ही प्यार करूँगी कभी भी आप ये मत सोचना की मैं आपसे प्यार नही करती ……………..मैं आपकी हु जान सिर्फ आपकी हो सकता ही कोई मेरा जिस्म ले ले पर मेरा मन हमेशा आपका ही रहेगा और वो आपसे कोई भी नही छीन सकता ……….”काजल मुझसे ऐसे लिपट गयी जैसे किसी पेड़ से कोई लता लिपटी हो…वो मेरे सीने से अपने सर को रगड़ने लगी…
मेरा मन उसकी बातो से बहुत हल्का हो चुका था पर एक सवाल मेरे दिल में था..काजल की बात का मतलब क्या हुआ,क्या वो अब भी किसी के साथ …मतलब की वो मुझसे दिल से प्यार करती है पर वो सो किसी के भी साथ सकती है ……
मेरा दिमाग फिर से काम करना बन्द कर रहा था मैंने सोचा की छोड़ो यार पहले तो खुद अपनी जान का मजा लिया जाय बाद में जो लेता है लेने दो ऐसे भी अगर उसे कुछ परेशानी नही है तो मैं उसे क्यो रोकू ऐसे भी प्यार तो वो हमेशा मुझसे ही करती है …………..
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दिन बीते पर प्यारे और काजल के बारे में कोई भी सुराग हाथ नही आया,प्यारे के चहरे पर ऐसे तो कोई दुख का भाव नही दिख रहा था वो भी मेरे सामने अच्छे से ही व्यवहार करता था,और काजल भी सुबह से शाम तक काम मे ही व्यस्त रहती थी।
सुबह मेरे जाने से पहले ही रॉकी के साथ निकल जाती ,कभी जल्दी आ जाती तो कभी मेरे आने के बाद आती,थोड़ी थकी सी भी दिखती थी पर जो चीज उसमे नही बदली थी वो था उसका मेरे प्रति प्यार और समर्पण,,,,

कुछ दिन बीते थे कि डॉ का काल आया,
“कैसे हो दोस्त आ गयी भाभी”
“हा यार वो तो उसी दिन आ गयी थी जब मैं वहां से आया था,”
“अच्छा है साले तभी मैं बोलू साल कोई फोन कैसे नही कर रहा है,अभी क्या हालत है ,सब कुछ ठीक ही होगा तभी तो तेरा कोई पता नही है अभी तक,,”
“हा भाई सब ठीक ही लग रहा है,कोई भी ऐसी बात तो नही हुई जिससे मुझे कुछ शक हो,”
मैंने पूरी बात डॉ को बता दी,,,
“हूमममममम ये तो अच्छा है कि तू भी समझ गया कि प्यार तो तुझसे ही करती है ,ऐसे मैं उसके कॉलेज इसे कुछ इनफार्मेशन निकले थे ,शायद अब तुझे उसकी जरूरत नही है,”
साला चुतिया फिर से दिल की धड़कने बड़ा गया
“क्या पता चला तुझे”
“वही तेरे बीबी के कारनामे”
अब मेरे माथे में पसीना था पता नही ये डॉ क्या बताने वाला था,मैंने मन मे सोचा की यार ठीक है वो मुझसे ही प्यार करती है ,और हिम्मत कर कह गया
“बता दे यार अब मुझे डर नही वो मुझसे ही प्यार करती है और अब जो भी हो जाय,मैंने फैसला कर लिया है,उसकी खुसी में ही मेरी खुशी है”
मुझे डॉ की जोरो की हँसी की आवाज सुनाई दी,
“मादरचोद तू भी आखिर बन ही गया ना cuckold ,मुझे तो बहुत ही ज्ञान दे रहा था”
डॉ की बात का मुझे बिलकुल भी बुरा नही लगा,
“बे चुतिया,तू चूतिया ही रहेगा….मुझे नही पता कि मैं क्या था और क्या बन गया हूं …पर भाई अब उसके चहरे पर बस खुशी देखना चाहता हु,चाहे वो कुछ भी करे ,फर्क तो मुझे पड़ेगा ही पर क्या पता शायद मुझे भी इसमें वैसे ही मजे आने लगे जैसा उस क्लब वाले बंदे को आया था”
मैंने एक गहरी सांस छोड़ी साथ ही डॉ ने भी ..अब हम दोनों के मन शांत थे,,,
“अच्छा है यार ऐसे भी तेरा दुख देखा नही जा रहा था,तो सुन क्या पता चला है मुझे”
मैं उसकी बातों को ध्यान से सुनने लगा,उसकी हर बात के साथ मेरी आँखें नाम होते जा रही थी और काजल के लिए सम्मान और भी बढ़ने लगा था ,मुझे अब पता था कि वो ये सब क्यो कर रही है,लेकिन फिर भी वो मुझसे इतना प्यार करती है इस अहसास से मेरा दिल बाग बाग हो गया….
“चुतिया तूने जो बात मुझे बताई है उससे मेरा दिल बहुत ही हल्का हो गया है मेरे दोस्त,मेरी काजल का प्यार सच्चा है पर सेक्स की आग उसकी मजबूरी है,कोई बात नही मेरे दोस्त मैं अपनी जान का पूरा ख्याल रखूंगा,पर ये कब तक रहेगा…”
“मुझे नही पता पर मैं काजल से बात कर रहा हु इस बारे में ,मैं उसे नही बताऊंगा की तुझे पता है,अगर वो मेरा साथ दे तो शायद जल्द ही हम किसी ठोस नतीजे में पहुच सकते है”
मेरे दिल का एक बड़ा बोझ हल्का हो गया था ,अब मुझे पता था कि काजल मुझे कितना प्यार करती है और उसकी क्या मजबूरी है,पर एक अजीब सी झुनझुनाहट भी मेरे शरीर मे दौड़ गयी ये सोचकर कि काजल दूसरे मर्दो के साथ….साला क्या मैं सच मे cuckold हो रहा हु…
डॉ से बात करके काजल के लिए दिल मे इज्जत जागी, पर साथ ही एक डर भी था,क्या मैं काजल को संतुष्ट नहीं कर पा रहा,शायद हा भावनात्मक रूप से तो काजल मेरी है पर शायद शारिरिक रूप से उसे और ज्यादा की जरूरत है जो मैं उसे नही दे पाता,या शायद कॉलेज के वो दिन जिसमे काजल ने बहुत ही मजे किये थे या दर्द झेला था (वो तो वही जानती है) ने उसे इस कदर सेक्स के प्रति पागल बना दिया है कि वो अपनो मर्यादाओ से बाहर जाने से नही कतराती…
आखिरकार डॉ ने मुझे फिर से टोका
“क्या हो गया बे किस सोच में पड़ा है”
“यार काजल की खुशी में मेरी खुशी है पर…..”
“पर अब क्या चाहिए तुझे”
“मैं चाहता हु की वो जो भी करे वो कम से कम मुझे पता तो रहे,मैं नही चाहता कि वो किसी मुसकिल में पड़े”
“अच्छा मुश्किल में न पड़े इसलिए या …मजे लेना चाहता है…”
डॉ की तो जोरो से हँसी छूट गयी और मुझे भी बड़ी शर्म महसूस हुई..
“साले मादरचोद “मैंने धीरे से कहा पर डॉ ने इसे सुन के अनसुना कर दिया,
“सुन एक काम कर मैं तुझे कुछ लिंक्स भेजता हु वहां से तू कुछ एप्प्स डाऊनलोड कर ले और ***** इन तरीकों से तू उसके अपने मोबाइल पर पड़ पायेगा,और अपने लेपटॉप से उसके मोबाइल की एक्टिविटी भी देख पायेगा “
वाह ये तो मेरे लिए कमाल ही हो गया
“थैंक्स यार डॉ”
“कोई बात नही बेटा तू भी मजे ले अपनी बीवी के….”
इतना कहकर डॉ जोरो से हसने लगा,साला बड़ा कमीना था पर आज ना जाने क्यों उसके कमीनेपन में मुझे गुस्सा नही आ रहा था,,,,
डॉ के रखने के बाद से ही मैं काम मे भीड़ गया मुझे वो एप्पस अपने मोबाइल लेपटॉप और काजल के मोबाइल में इंस्टॉल करने थे ,काजल के आने के बाद चुपके से सभी काम पूरे कर लिए और उन्हें रन कर दिया,मैंने चेक भी कर लिया कि सभी कुछ ठीक काम कर रहा है या नही,
अब कल की सुबह से ही मुझे मेरी बीवी के कारनामो की खबर रहेगी,सोच के ही मैं बहुत उत्तेजित ही गया और सीधे काजल पर जैसे हमला बोल दिया,आज मेरे उतावले पन से काजल भी चकित थी पर उसे भी इसे देख बहुत मजा आ रहा था….
 
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मैं अपने एडवेंचर से बहुत खुश था है ये मेरे लिए किसी एडवेंचर से कम भी नही था कि अपनी ही बीवी की जासूसी करना वो भी ये जानते हुए की वो किसी और के साथ अपने जिस्म का मजा ले रही होगी या लेने वाली होगी ये अजीब सी चुभन थी और अजीब सा नशा मेरे अंदर भर रहा था मुझे नही पता कि मैं क्या और क्यो कर रहा हु पर ये तो बात पक्की थी कि मुझे इसमें बहुत ही मजा आ रहा था ,

अभी तक जो बात मुझे जल रही थी आज वही बात में मैंने खुशी और खुशी से बढ़कर मजा खोज लिया था ,



ये बदलाव एक दिन में नही आया था इसके लिए कई दिन लगे थे और खासकर डॉ ने जो मुझे दिखाया और समझाया था और काजल की वो प्यार भरी बातें और उसका अतीत ये अभी एक साथ मिलकर मुझे मजबूर कर दिए कि मैं ऐसा ही जाऊ और अपने प्यार को दूसरों के साथ मजे लेते देखु,

शायद उस लड़के की बात सच ही थी कि जब उसे कोई प्रॉब्लम नही है तो आपको क्यो हो रही है,

काजल का मेरे लिए प्यार और सम्मान भी एक कारण था ,अगर वो ये सब ना भी करे तो भी क्या फर्क पड़ता अगर वो मुझे वो प्यार और सम्मान नही देती,मैने अपने कई दोस्तो के मुह से सुना था कि शादी के बाद जिंदगी झंड हो जाती है,पत्नियां प्यार की जगह बात बात पर झगड़े करतीं है,कई तरीकों से मर्द को बांधने की कोसिस करती है और मर्दो का भी इंटरेस्ट अपनी पत्नी पर से उठाना शुरू हो जाता है,और वो दोनो बाहर मुह मरते है,शायद समाज के बंधनों की फिक्र के कारण वो एक दूसरे से जुड़े रह भी जाय तो क्या ,,जिंदगी तो उनकी नरक की तरह हो जाती है,

लेकिन मेरे साथ ऐसा नही था ,बड़ी अजीब बात थी कि जिसे समाज शायद रंडी का दर्जा देता को मेरी पत्नी थी,जिसे बदचलन कहता वो मुझे इतना प्यार और सम्मान देती हैं जो मैंने कभी बजी किसी औरत को अपने पति को देते नही देखा,वो फूल सी खिली हुई और अपनी खुसबू सब तरफ फैला रही थी,मेरे पास दो ही ऑप्शन थे या तो उस फूल को कुचल कर अपना बना कर रखु और उसकी खुसबू को खो जाने दु या उसे युही महकने दु,,,

हा उसकी खुसबू सिर्फ मेरी नहीं रह जायेगी पर वो सदा ही महकेगी,,,, मैंने तो चुन लिया मैं उसे सदा महकता देखना चाहता हु…

काजल के जाते ही मैं ऑफिस पहुचा ज्यादा काम तो नही था इसलिए अपने मोबाइल में उस एप्प को खोलकर देखने लगा कि काजल क्या कर रही है,उसके मोबाइल का एक डुप्लीकेट मेरे मोबाइल में था जिसे मैं चला सकता था,मैं पहले उसके वाट्सअप मेसेज पड़ने की सोची,

प्यारे के कुछ मेसेज थे ,प्यारे से तो पता नही क्यो मुझे छिड़ सी थी पर साले की किश्मत बहुत ही बुलंद थी कि काजल जैसी हसीन परी उसे लाइन दे रही थी,

प्यारे रोज काजल को मनाने की कोसिस कर रहा था पर काजल कोई भी जवाब उसे नही दे रही थी,आख़िरकार उसने अपना दुखड़ा रोना सुरु कर दिया और काजल भी थोड़ी पिघल गयी पर काजल ने उसे सेक्स के लिए साफ मना किया हुआ था,काजल आज रात ही उससे मिलने जाने वाली थी,इसकी मा का साली काजल भी क्या चुतिया वाले काम कर रही है,मेरे दिमाग ने कहा पर साला चड्डी के नीचे से कुछ और ही आवाज आई एक जोरदार झटका मेरे लिंग ने मारा और मेरे होठो में एक मुस्कुराहट सी आ गयी…

दूसरा msg था रॉकी का अभी तो उसके साथ ही था पर ये msg उसने रात में और सुबह किये थे ,कोई प्रॉब्लम वाली बात तो कही दिखाई नही दी पर काजल की तारीफों के पुल उसने बांधे थे,जैसे आप बहुत सुंदर हो,आपका काम करने का तरीका बहुत अच्छा है वगैरह ,मतलब साफ था उसने काजल को लाइन मरना शुरू कर दिया है बस बात थी काजल के हा की ,काजल रिप्लाई में बस कुछ स्माइल लिखकर भेज देती या बस कल मिलते है,….

अब आगे क्या होगा ये तो मुझे नही पता था बस आज शाम का इंतजार जरूर था….

काजल और प्यारे की रंगीन शाम देखने को मैं बेताब हो रहा था मैंने लेपटॉप काजल के आने से पहले ही अपने कमरे के बाहर लेकर उसे ड्राइंगरूम में ऐसे रख दिया कि मुझे किचन का भी कुछ नजारा दिख जाय, लेकिन अगर काजल उसके कमरे में गयी तो….तब तो बस बाते ही सुन पाऊंगा…

जो भी हो मुझे मजा आ रहा था और यही सबसे चौकाने वाली बात थी…
 
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आज की रात मेरे लिए मेरे लिए बड़ी बेताबी की रात होने वाली थी,काजल ने प्यारे को कह रखा था कि मेरे सोने के बाद वो उसके रूम में आएगी,मतलब था मुझे कुछ भी दिखाई नही देने वाला था ,

काजल रात में थोड़ी सुस्त दिखी,

“क्या हुआ जान,आज बड़ी सुस्त लग रही ही,काम से थक गई हो लगता है,”

मैने उसे अपने ऊपर खिंचते हुए कहा…वो मेरी बांहो में मचल कर समा गई..

“हा जान काम बहुत हो जा रहा है,इतना काम करने की आदत नही है मुझे…दिन भर काम करने वालो से कचकच,भला हो रॉकी का वो पूरा दौड़भाग के काम सम्हाल लेता है वरना मैं अकेली तो …..उफ्फ्फ जल्दी से होटल बन कर तैयार हो जाय तो थोड़ा आराम आएगा”

काजल मेरे सीने में मचलने लगी,मैं उसके होठो को अपने उंगलियों से सहलाते हुए एक उंगली उसके मुह में डाल दिया वो हल्के से उसे चूसने लगी,

मेरी काजल बला की खूबसूरती, हर एक अंग जैसे बड़ी मेहनत से तराशा गया हो,होठो पर प्यारी ही मुस्कान और आंखों में बेपनाह प्यार, उसके नजरो की नजाकत से ही दिल मे एक सुकून भर जाता था,

उसने अपनी मदभरे नयनो से मुझे देखा, इतनी चाहत इतना प्यार….

मैं उसे देखकर खुद को रोक ही नही पाया,और उसके आंखों पर अपने होठो को रख दिया,उसके चेहरे की मुस्कान और भी गहरा गयी..और वो फिर से मचलती हुई मेरे सीने से लग गयी…

आज मैं इससे ज्यादा बढ़ना भी नही चाहता था बस चाहता था कि उसे महसूस करू, अपनी रूह तक उसकी कोमलता को पहुचने दु…उसके कोमल अंगों को बस हल्के हाथों से सहला रहा था,और वो भी मेरे सीने में सर रखे बस सो रही थी ,मैंने भी अपनी आंखें बंद कर ली और अपने हाथों को उसके शरीर से लिपटा कर गहरी सांसे ले अपनी जान को महसूस करने लगा…ना जाने कब हम दोनों ही नींद के आगोश में चले गए थे..



जब नींद खुली तो सुबह हो चुकी थी काजल अब भी उसी तरह मेरे ऊपर लेती हुई थी मैं फिर से उसे निहारने लगा,वो सौंदर्य की प्रतिमा सोते हुए भी इतनी प्यारी लग रही थी….

अचानक मुझे याद आया कि उसे तो प्यारे ने अपने कमरे में बुलाया था,मैंने फिर काजल को देखा उसके शरीर से कपड़ो से ऐसे तो लग ही नही रहा था कि वो यहां से कही भी गयी हो…

एक अनजानी सी खुशी ने मुझे घेर लिया,पर साथ ही एक अनजाना से दुख भी था…

मैंने पास पड़े अपने मोबाइल को चेक किया ,और उससे ही काजल का मोबाइल एक्सेस किया,प्यारे रात भर काजल को आने के मैसेज किया था,साथ ही अपना दुखड़ा रोना और काजल को इमोशनल ब्लैकमेल करने की पूरी कोसिस उसने अपने तरफ से की थी,मुझे पता था कि जब काजल इसे पड़ेगी तो उसे अपने सो जाने पर थोड़ा पछतावा होगा ,फिर भी मुझे प्यारे पर हँसी आ रही थी ,मैं काजल को युही सोता हुआ छोड़कर जॉगिंग के लिए निकल पड़ा…कई दिनों से मैं गार्डन भी नही गया था,आज मन भी खुश था और नींद भी जल्दी ही खुल गयी थी,मैं जल्दी से तैयार हुआ और जाने से पहले मेरे दिमाग मे एक बात आई,मैंने बहुत खोजबीन कर कुछ सॉफ्टवेयर का पता लगाया था उसमें एक से मैं कही से भी अपने लेपटॉप को wifi के जरिये से एक्सेस कर सकता था,मेरे लिए एक जासूसी जैसे ही थी कि मैं लेपटॉप में एक हिडन वीडियो रेकॉर्डर इंस्टॉल कर उसे प्ले कर देता और उसे कही से भी बैठकर देखता पर उसकी अभी तक जरूरत ही नही पड़ रही थी,आज मैं उसे टेस्ट करने की सोची और लेपटॉप को खोलकर ऐसे सेट किया कि सोती हुई काजल के चहरे और सीने तक का हिस्सा मुझे क्लियर दिखे, मैं रेकॉर्डर चला कर वहाँ से चल दिया,घर से निकलकर चेक किया तो खुश हो गया मुझे काजल का सोता हुआ मासूम से चेहरा दिखाने लगा था,मैंने अपनी जोगिग शुरू कर दी….

लगभग आधे घंटे बाद जब मैं रुका मैं गार्डन में था और मेरी गार्डन वाली काजल (पेड़) मेरे सामने थी ,मैंने उसे बड़े प्यार से छुआ ना जाने को से वो लोग थे जो इस बेजुबान पेड़ को भी नही बक्शते इसे भी पत्थरो से कई जगह पर छिल डाला था,कोई अपना नाम लिखा था तो कोई अपने सनम का नाम..मुझे थोड़ी उदासी हुई पर वो थोड़ी बड़ी लग रही थी,मैं पास ही बैठकर आराम करने लगा,मुझे इस काजल(पेड़) को देखकर अपनी काजल की याद आ गयी मैंने सोचा चलो देखते है मेरी काजल क्या कर रही है,मैं अपना मोब लिए देखने लगा,,

काजल पीठ के बल लेटी हुई थी उसकी आंखें अब भी बंद थी,मैं उसके साइड में रखे लेपटॉप के कैमरे से उसे देख पा रहा था,इसलिए बस एक तरफ का चेहरा ही मुझे दिखाई दे रहा था,मुझे उसे देखकर बड़ा प्यार आया ,पर ये क्या उसके बाल तो बिखरे हुए थे,मेरा माथा ठनका,मैंने ध्यान से देखा तो समझते देर नही लगी कि किसी ने अभी अभी उसे अच्छे से मसाला है,उसने अभी भी रात वाली सलवार सूट ही पहनी थी,थोड़ी ढीली ढाली सी ,उसके उजोरो की चोटी उसके सूट से ही थोड़े थोड़े झांक रहे थे ,और किसी के बुरी तरह से मसलने से बनी उसकी सिलवटे साफ दिखाई दे रही थी,

अचानक ही देखते ही देखते काजल का मुह खुला,मुझे कोई ऑडियो तो सुनाई नही दे रही थी पर ये एक्सप्रेशन शायद ही कोई मर्द पहचान ना पाए,हा लिंग के किसी के अंदर घुसने से बना एक्सप्रेशन… वो हल्के से मुह का खुल जाना… मुह के खुलते ही उसका शरीर भी थोड़ा ऊपर को हुआ और फिर से अपनी जगह पर आ गया,मुझे बस काजल के उरोरो तक ही दिख रहा था,शायद वो थोड़ी और नीचे हुई थी,ये सोचकर ही मेरा खून खोल गया कि क्या वो प्यारे है,मैं इंतजार कर रहा था कि शायद वो उसके होठो का रस चूसने नीचे आये और उसका चेहरा मेरे सामने होगा ,पर ये क्या काजल को ही उठा लिया ,शायद उसके कमर में हाथ डालकर उसे उठाया था ,मुझे उसके हाथ भी दिखाई नही दिए,मैं मजबूर से देख रहा था,कभी कभी काजल के बाल दिख जाते जब वो थोड़ी नीचे हुई तो लगा जैसे उसे कोई किस कर रहा हो काजल बिस्तर में बैठी थी उसके बाल और थोड़े से उसके चेहरे का हिस्सा मुझे दिखाई दे रहा था,साथ ही उसका हाथ भी बिस्तर पर सहारे की तरह रखा था कभी कभी वो ऊपर नीचे होती पर दोनो ही एक दूजे के होठो के रसपान में ही व्यस्त थे,फिर काजल नीचे सोई इसबार उसका चेहरा कैमरे की तरफ घुमा था,आंखे बंद थी और शरीर जल्दी जल्दी *ऊपर नीचे होने लगा था,काजल ने अपने होठो को अपने दांतों में दबा रखा था,उसके हाथ अपने चेहरे पर जाते तो कभी आगे बढ जाते जैसे वो उसे जोर से धक्के देने से रोक रही हो….

उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ दिख रहे थे,माथे पर पसीने की कुछ बूंदे आ रही थी,काश मैं उसकी आवाज भी सुन पता जरूर वो साल उसे कुछ कह रहा होगा,तभी एक मजबूत सा हाथ मेरी नजर में आया,जो सीधे काजल के गले से होता हुआ अपना हाथ उसकी कमीज के अंदर घुसा दिया,साला मैं जान के स्तनों को इतने बेरहमी से मसल रहा था,काजल जरूर जोरो से आहे भर रही होगी उसके होठ खुले हुए थे और मैं उसे महसूस कर पा रहा था,उसने अपना हाथ बाहर निकाला और अब वो अपने हाथ के सहारे काजल पर झुक गया,उसके दोनों हाथ काजल के दोनो ओर थे साला मेरी बीवी को पूरे जोर में चोदने की तैयारी कर रहा था,

मैं उस हाथ को फिर से देखा उसने तो घड़ी पहन रखी थी,मेरा दिमाग खटका इतनी महंगी घड़ी प्यारे कि तो नही हो सकती….तो फिर कौन….

मेरे दिमाग की हवाइयां उड़ गई मैं उसे जल्दी से बंद किया और घर की तरफ भागा… अब कितना भी तेज भागु 15 मिनट तो लगेंगे ही,टैब तक तो साले अपना काम पूरा कर चुके होंगे पर मैं भागा, धड़कने तो ऐसे भी तेज थी मैं शायद ही जिंदगी ने कभी इतना तेज भागा था,पता नही क्या सुरूर से चढ़ गया था मेरे अंदर ….

जब मैं अपने क्वाटर में पहुँचा तब तक मेरी हालत पूरी तरह से खराब थी मेरी धड़कने ऐसे चल रही थी जैसे राजधानी एक्सप्रेस, लग रहा था अब मार तब मारा, बाहर का गेट मैं खोलकर ही गया था पर अभी ये अंदर से बंद था,अंदर देखा तो रॉकी की गाड़ी खड़ी थी
 
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मादरचोद ये क्या है,ये तो अभी अभी लाइन मरना शुरू किया था,और आज …यर काजल है क्या सेक्स मशीन इतनी जल्दी तो रंडी भी सौदा फिक्स नही करती…मैं अपना हाथ अंदर डाल कर गेट खोला ,प्यारे के रूम की तरफ देखा वो बंद था,इस मादरचोद को क्या हो गया जो अभी तक नही उठा है,मैंने मैन में ही कहा,मेरे सरकारी पुराने लोहे के गेट ने मेरी आने की सूचना शायद अंदर तक दे दी हो,इतना आवाज करता था कि कोई भी समझ जाएं, मैं अंदर गया तो रॉकी को सोफे में बैठा पाया,उसने पहली नजर में मुझे ऐसे देखा जैसे साल मार ही डालेगा,शायद मैंने जल्दी आके उसका खेल बिगड़ दिया था,15 मिनट तो दिए थे इनलोगो को अब क्या दिन भर इनके लिए बाहर रहू… मैं फिर मन मे सोचा,

लेकिन रॉकी ने अपने एक्सप्रेशन तुरंत बदले और उठकर मुझसे हाथ मिलाया,मैं भी अपने होठों पर झूठे एक्सप्रेशन लाने में कामयाब रहा,

“आज इतने जल्दी”

“हा सर वो आज एक क्लाइंट के साथ मीटिंग है ,कल मैंने काजल को मैसेज किया था पर वो रिप्लाई ही नही की,इसलिए आज जल्दी आ गया,”

“ओह ओक्के, काजल कहाँ है,”

“वो तैयार हो रही है,आप रोज दौड़ने जाते है,its गुड फ़ॉर हेल्थ “

मेरी तो सांसे ही थोड़ी देर ले लिए रुक गयी ,मादरचोद रोज मेरी बीवी को सुबह सुबह चोदना चाहता है क्या,लेकिन मैंने सम्हल के कहा ,

“नही आज जल्दी उठ गया था तो सोचा कि चलो”

“बढ़िया किये सर कभी कभी सुबह उठकर दौड़ना चाहिए”

रॉकी के चहरे में एक मुस्कान आ गयी,और मैं सब जानते हुए भी अनजान बने उससे इजाजत लेकर अपने कमरे में चला गया…



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काजल के जाने के बाद मुझे फिर से अपना मोबाइल देखना ही व्यर्थ लगा,कुछ दिल में टूट सा गया था,क्या था मुझे नही पता,मेरे ही बिस्तर पर मेरी ही पत्नी इतनी सुबह मेरी गैरमौजूदगी में…..जो हुआ मुझे इससे दुख तो नही हुआ पर मेरे लिए ये किसी भी प्रकार की खुशी भी नही थी,मुझे लगा था की काजल कम से कम पटने में तो समय लेगी पर ये जानना बड़ा ही आश्चर्यजनक था की कल तक जिस रॉकी उसे पटा रहा था आज वो उसके साथ ऐसी हरकत…..

शायद वो प्यारे के साथ वो सब करती तो मुझे उतना अजीब नही लगता,

एक नवजवान से लड़का जो मुझे सर सर कह कर पुकारता है ,मादरचोद मेरी ही बीवी को मेरे ही बिस्तर पर चोद कर चला गया,वो भी सिर्फ एक दिन उसकी तारीफ करके,

माथा तो खनक गया था पर शायद काजल इतनी भी जल्दी पटने वाली लड़की नही थी,शायद वो काजल को तब से पटा रहा हो जब से मैं उसे नही जानता,ऐसे भी काजल के भैया उसके जान पहचान के थे……ह्म्म्म हो तो सकता है ,या नही भी चलो जो भी हो मेरी बीवी ने तो अपने कारनामे दिखा ही दिए और वो मेरे ही जानने वाले दो मर्दो से चुद चुकी थी तो अब डर कहे का,साला अब कहे की शर्म हाय ,वो मस्ती करे तो मैं पीछे क्यो रहू,तो क्या उसे दुसरो से चुदते हुए देखना ही मेरी मस्ती है,…………..मेरे दिमाग ने एक लहर सी उठी नही यार क्यो न मैं भी किसी को ट्राय करू.पर किसे….

मैं जिनको जानता था उनमे से कोई भी ऐसा नही था जिसे मैं ट्राय कर सकू…सभी या तो बहुत ही बदसूरत सी अधेड़ औरते थी या तो बहुत ही छोटी थी जिन्हें पटाना मेरे दिल को गवाही नही दे रहा था,तो फिर किसे मैंने अपना मीटर घुमाया,एक लड़की मेरे लायक थी,रघु की बीवी …………..



नही यार……….

हा ना यार…………

अरे नही यार इतना भी स्टैंडर मत गिरा………..

अबे मादरचोद जब तेरी बीवी एक नॉकर से चुद सकती है तो तू अपने ड्राइवर की बीवी को क्यो नही चोद सकता……….

हम्म्म्म……..

मैं मन में ही अपने से बातें करने लगा,

तो क्या मैं सच में ऐसा कर सकता हु……..

क्यो नही…….

लेकिन मैं तो काजल से प्यार करता हु ना……..

पर साले वो भी तो तुझसे प्यार करती है न पर वो भी तो …………..

पर उसकी तो मजबूरी है ना………

तो रे मादरचोद तू कौनसा तीसमारखाँ है,तेरी बीवी को दूसरे पटक पटक के चोद रहे है और तू यहां शराफत दिखा रहा है,स्टैंडर की बात कर रहा है,क्या इतनी मजबूरी काफी नही है की तू भी बाहर किसी से एन्जॉय करे ज्यादा नही, देगी तो ले लेना नही तो ऐसे भी तो तुझे भईया तो बोलती ही है,सोच साले साली के क्या बड़े बड़े मम्मे है……….सोच….

मेरी अंदर की एक शैतानी सी आवाज ने मुझे झकझोर सा दिया और जब मुझे होश आया तो मैंने अपने नीचे के भाग में गौर किया वहाँ एक बड़ा सा तंबू बना था…..मैंने अपने तंबू को मसला और मेरे मुह से अनायास ही निकल गया…

“हाय रे रेणु…….”

जब मैं ऑफिस के लिए निकाला तो मैंने रघु से बात की,

“यार रघु तुझे एक बात बोलू …”

“जी सर बोलिये ना”

जब से मैंने उसे गली दी थी तब से वो मुझसे थोड़ा डरा सा रहता था,

“यार मुझे एक कामवाली कम केयर टेकर चाहिए,क्या है काजल अब काम में जाने लगी थी और उसके लिए सभी जगह को अच्छे से मैनेज करना थोड़ा मुश्किल सा हो जा रहा है,मुझे एक भरोसेमंद औरत चाहिए जिसपर भरोसा किया जा सके और साथ ही जो कम से कम अच्छा खाना बनाये….”

रघु कुछ देर तक चुप ही रहा फिर

“साहब वो प्यारे भी तो अच्छा खाना बना लेता है और वो तो आपके पूरे घर का काम हमेशा से पूरा ही करता आया है,…”

“हा वो तो ठीक है यार पर अब साला बुड्डा हो गया है ऐसे भी जब से काजल के हाथो का स्वाद लगा है उसके हाथ का खाना कुछ मजा नही आता है ,कोई और हो तो बता,काम तो कुछ खास होगा नही और जो बन पड़े वो पगार देख लेंगे…”

रघु को शायद ये आफर बहुत ही अच्छा लगा,ऐसे भी उसका घर मेरे बंगले से कुछ ही दूर था ,और उसकी बीवी रेणु भी वहां टहलने को आते जाते रहती थी ,काजल कभी कभी उसे काम भी बता देती ,रेणु और काजल की खूब जमती भी थी ,तो जब बिना किसी खासे मेहनत के पैसे मिल रहे हो तो कौन छोड़े…

“सर आप बोले तो मैं रेणु से बात कर लेता हु,ऐसे भी घर भी पास ही कुछ देर भी हो जाएगी तो परेशानी नही होगी और वो भी घर में बैठे बैठे बोर ही होती है,और उसके हाथ का खाना मुझे तो बहुत पसंद है और मेडम को भी …..तो आप बोलो तो ..”

मेरे चहरे पर एक सफल सी मुस्कान खिल गयी..

“यार इसमें बोलने की क्या बात है रेणु रहेगी तो मुझे और काजल को किसी भी बात की कोई भी फिकर ही नही है…कल से ही और कल क्या आज से ही उसे बोल दे कि मेरा घर जाकर खाना बना दे…”

“जी सर आफिस पहुचकर उसे काल करता हु…..”

मेरे चहरे में एक गजब की खुसी छलक रही थी ,सोचा था साला की कोई जंग जीत लूंगा,लेकिन मुझे क्या पता था की मैं तो यहां खेल ही नही रहा हु जितने की बात ही दूर है…………
 
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ऑफिस जाने पर मुझे पता चला की अगले सप्ताह मुख्यमंत्री जी का दौर होने वाला है ,मतलब साफ था की एक सप्ताह तक गधो की तरह काम करना पड़ेगा,सुबह से ही अधिकारियों के काल आना शुरू हो गया था ,सभी को सभी फ़ाइल कंप्लीट चहहिये थी जो साले कभी काम करते ही नही अचानक किसी नेता या मंत्री के आने से ऐसे कर्तव्यनिष्ट हो जाते है जैसे पूरे देश में काम करने वाले बस यही लोग है….

दिन भर की भागा दौड़ी नई कुछ और सोचने का समय ही नही दिया,आखिरकार जब घर आया तो मानसिक रूप से बहुत थक चुका था,वापस आने पर सीधे सोफे में जा गिरा ,तभी एक कोमल सी आवाज मेरे कानो में आयी ,

“भइया चाय ले आउ”

मैंने चौककर उसे देखा ,सावले रंग की मांसल देह की रेणु बड़ी ही शालीनता से खड़ी थी ,उसने के एक सस्ती सी साड़ी पहने हुए थी पर उसके भराव उस साड़ी का मूल्य बड़ा रहे थे…

“तुम आज से ही काम में लग गयी “

“हा भईया वो दोपहर में ही कह गए थे “

“अच्छा ठीक ही चाय बना लाओ,और प्यारे कहा है “

“काका की तबियत कुछ खराब है,वो सुबह से ही सोए है “

“अरे उसे क्या हो गया,चलो मैं देखता हु तुम वही उसके कमरे में चाय पहुचा देना,उसके लिए भी ले आना “

“जी भैया”

मैं ऐसे तो बहुत ही थक गया था ,पर रेणु के मधुर आवाज ने मुझे एक ताजगी दे दी और साथ ही मेरे मन के सभी ख्वाब फिर से मेरे मन में तैरने लगे…..

वो पलटी और किचन की तरफ जाने लगी और मैं उसकी लचकती हुई कमर को देखने लगा…उसके पिछवाड़े का मांस ऐसे हिल रहा था की मेरी सांसे ही रुक गयी थी ,ऐसे तो मैंने कई बार उसे देखा था पर आज कुछ अलग ही था,पहले से मेरा मन उसको लेकर वासना के हिलोरे मार रहा था ,यही करना था की उसे देखते ही मेरी थकान भी मिट गयी साथ ही मेरे लिंग ने एक झटका मारा…….

लेकिन ये क्या मैं जहा उसके नितंबो में अपनी आंखे गड़ा रखी थी वो पलट गयी और उसकी आंखे मेरे आंखों का पीछा करने लगी,जैसे ही मुझे आभास हुआ की वो मुझे रंगे हाथो पकड़ चुकी है मैं थोड़ा से सकपकाया पर उससे नजर मिलते ही मैं हैरान था,वो मुस्कुरा रही थी उसके चहरे पर एक शरारती सी मुस्कान खिल गयी थी ,मैं शर्म से अपनी नजर नीची किये उठ खड़ा हुआ,



“मैं प्यारे के कमरे में जा रहा हु “

“जी भैया जी”

इस बार रेणु के आवाज में शालीनता नही बल्कि शरारत थी …………………………….

पर अपने कमरे में सोया था वो सच में बीमार दिख रहा था,

“क्यो काका क्या हुआ “

वो मुझे देख कर उठकर बैठ गया ,तभी रघु भी वहां आ गया और साथ ही मेरा माली रवि भी था,सभी मुझे देख दरवाजे में ठिठके,और धीरे से अंदर आये ,

“कुछ नही साहब बस थोड़ी सी तबियत ठीक नही है “

हा साले मेरी बीवी को चोदता था तब तो बहुत ही मस्त था तू अब दे नही रही तो तेरी तबियत ही बिगड़ गयी …मै मन में सोचा …

सभीआकर वही बैठ गए ,मैं रघु की ओर देखते हुए कहा

“जा के रेणु को कह देना की चाय 2 नही 4 कप कर दे,वो उठकर वहां से चला गया …

हम इधर उधर की बातें करते रहे तबी काजल और रॉकी भी वहां आ गए उन्होंने भी प्यारे की तबियत का हाल जाना और वहां से निकल गए ,……………

अब मैं मेरे सोफे पर काजल के साथ बैठा था साथ ही दूसरे सोफे में रॉकी बैठा था…रेणु उनके लिए चाय बना रही थी ,

“आपने अच्छा किया की रेणु को यहां काम करने के लिए बुला लिया ,और मुझे आपसे एक बात करनी है…”

“हा बोलो ना”

काजल आज बहुत खुस दिख रही थी,

“आप जानते है हमारे होटल का काम अब लगभग पूरा होने को है ,पर भैया ने मुख्यमंत्री से बात कर उन्हें मना लिया है हमारे होटल का उद्घटान करने के लिए ,वो भी अगले ही सप्ताह ….”

मेरी आंखे चौड़ी हो गयी ,

“यार इतनी जल्दी तुम लोग कैसे सब कर पाओगे ,मतलब अभी भी तो बहुत सा काम बचा होगा ना,”

“हाँ बचा तो है पर क्या करे ,,उनके हाथो अगर उद्घाटन हो तो होटल का नाम भी हो जाएगा ,और उनका दौर भी तो है न अगले सप्ताह में ,उसी समय टाइम निकल कर ये काम भी कर देंगे फिर आ पाना मुश्किल होगा,…”

“आप फिकर मत कीजिये सर मैं और काजल पूरी मेहनत से पूरा काम टाइम में खत्म कर देंगे…”इसबार रॉकी ने पूरे जोश में कहा,

‘हा साले तेरी और काजल की मेहनत तो मैं दिन में ही देख चुका हु’मेरे मन ने कहा,वो वही लड़का था जो आज सुबह मेरी प्यारी बीबी को मेरे ही बिस्तर में चोद रहा था,और साले दोनो मेरे सामने तो ऐसे बैठे है जैसे इनसे शरीफ दुनिया में कोई भी ना हो .

मैने बस हा में अपना सर हिलाया…

“यार तुम्हारे मुख्यमंत्री जी के कारण तो अब मुझे भी दिन रात काम करना पड़ेगा,ऊपर से काम का बहुत प्रेसर आ रहा है ,”

मैंने अपना चहरा उतरते हुए कहा,काजल मेरी बांहो में आ गयी और मेरे कंधो पर अपना सर लगा कर लेट गई ,मैंने रॉकी को देखा वो जरूर जल रहा होगा,मै भी मन में कहा देख साले ये मेरी ही बीवी है….काजल ने अपना चहरा मेरे कंधे पर रगड़ा,

“हा जान कोई बात नही जल्दी के ये दिन निकल जाय फिर हम एक लंबी सी छुट्टी लेकर कही घूमने चले जायँगे….”

ऐसे मुझे उसका आयडिया पसंद आया पर मैं यही सोच रहा था की ये 10 दिन कैसे बिताने वाले है……….
 
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रात ने फिर से दस्तक दी और मन का भवरा झूमने को हुआ,रात काम की बात करते करते मैं और काजल एक दूजे के बांहो में समाए हुए थे,धीरे धीरे से प्यार परवाने चढ़ने लगा और दिल मचलनने लगा,

हम दोनो थके होने के कारण बहुत दिनों से ठीक से प्यार में नही उत्तर पा रहे थे,आज मेरा मन बहुत जोर का था और शायद काजल भी गरमाई हुई थी जैसे ही दोनो के होठ मिले हम एक दूजे की बांहो में पिघलते गए,और एक दूसरे में मिलते गए……….

मेरी नींद टूटी तो काजल वहां नही थी बाहर देखा तो प्यारे के कमरे की रोशनी जल रही थी मतलब आज काजल प्यारे से प्यार करने गयी थी ,मैं चुपके से वहां गया और खिड़की से झांकने की नाकाम सी कोसिस की लेकिन खिड़की अंदर इस बन्द थी जैसा मुझे लग ही था की मुझे बस आवाज सुनकर ही अपना काम चलना पड़ेगा…..मैं धयन से सुनने लगा,हल्की से हँसी की आवाजे आई,ये आवाज मैं पहचानता था,ये हँसी मेरी प्यारी काजल का था,जिसका प्यार चहरा देखकर मैं सोया था जिसे मैं अपने जान से ज्यादा प्यार करता था उसी काजल का……..

मैं फिर से सुनने लगा,की आवाजे साफ आनी शूरू हुई..

“बस कुछ ही दिन तो हुए है और आप ने अपनी तबियत बिगड़ ली”

“अरे बाहुरानी तबियत क्या है सुधार जाएगी पर आप मुझसे यू रूठी है की दिल ही नही लगता किसी काम पे,और आप मुझे यू मना क्यो कर रही है,मुझसे क्या गलती हुई वो भी आप नही बताती ,बोलिये तो सही …”



काजल की एक हँसी फिर से गुंजी,

“अरे काका आपसे मैं क्यो नाराज होने लगी भला पर एक बात याद रखना की मैं आपके गुलाम नही हु,मैं अपने मर्जी की मालकिन हु,इसलिये मुझसे ये उम्मीद मत रखना की मैं आपके कहने पर यहां आऊंगी,जब मुझे दिल करेगा तो मैं यहां आऊंगी…..अब मेरा हाथ छोड़ो मुझे जाना है “

“बाहुरानी आज तो कम सेकम कुछ,चलो बस किस ही देदो ..”

“नही का मतलब नही होता है ,और मैंने कहा न की मैं अपने मर्जी की मालकिन हु..चलो छोड़ो अब मेरा हाथ…”

काजल जब बोल रही थो तो उसकी आवाज में एक आज्ञा थी एक दृढ़ता,मैं उसे हमेशा से ही एक कोमल सी लड़की के रूप में देखा था मुझे नही पता था की उसमे इतनी दृढ़ता भी होगी…..

“साली तू मुझे समझती क्या है की मैं तेरे हाथो का खिलौना हु,जब मन चाहे चुदवा लिया अब हाथ भी लगाने नही दे रही ,तेरी तो पूरी करतूत तेरे पति के सामने खोलूंगा साली रंडी…आज भी तू कैसे उस लड़के से चुदवा रही थी सब बताऊंगा तेरे पति को “

मैं सकते में आ गया था लेकिन तभी एक जोर का आवाज मेरे कानो में आया ,वो आवाज एक तेज झापड़ की थी शायद वो प्यारे के गालो में पड़ी थी ,

“मादरचोद बुड्ढे अपनी औकात में रह समझ गया,तू अपना मुह तो खोल फिर तुझे बताती हु ,साले तुझे कहा गायब करवा दूंगी तुझे भी नही पता लगेगा…मेरे पति तेरी बातो का कभी भी भरोषा नही करेंगे,और तूने मुझे रंडी कहा साले तेरी औकात क्या है ,हा मैं रंडी तो हु…………हा हा हा (काजल की जोरो की हँसी से सारा वातावरण गूंज गया)लेकिन तेरी नही ,समझा अपनी अकड़ को अपने पास रख मादरचोद साले,तेरे जैसे कितनो को मैंने निपटा दिया है ,याद रख की मैं मार्सल आर्ट और कराटे में 3रड डिग्री ब्लैक बैल्ट हु,तेरे जैसे तो मुझे छू भी नही सकते तूने मुझे छुआ वो तेरी मर्दानगी नही थी वो मेरी कृपा थी तुझपर,तुझे क्या लगा था की तेरी मर्दानगी की मैं गुलाम बन जाऊंगी अबे चूतिये तेरे जैसे कितनो को मैंने अपनी जांघो के बीच खिलाया है ,तेरी हैसियत क्या रे बुड्ढे……तू है कौन जो मुझपर अपना अधिकार जाता रहा है…….”

कमरे में एक खामोसी सी छा गयी थी वही मेरे दिल में एक जोर का झटका लगा ,अपनी भोली भाली सी बीवी के बारे में तो मैं ये सोच भी नही सकता था की वो इतनी खतरनाक हो जाएगी ,उसे कोई भी डर नही था की वो उसे बदनाम कर देगा उल्टे वो उसे ऐसे डरा रही थी जैसे वो कोई डॉन हो,…जैसे उसके लिए ये कोई भी नई बात ना हो और ये क्या कहा उसने की वो उसके जैसे कितनो को अपने जांघो के बीच में खिला चुकी थी इसका क्या मतलब था….उसके अतीत के बारे में तो मुझे भी पता चला था पर ये नई बात थी की वो एक ब्लैकबेल्ट भी है वो भी 3rd डिग्री ,मतलब जो मुझे पता था की इसके साथ किसी ने जबर्दति की थी उसकी कितनी सच्चाई थी ये संदेहास्पद था,शायद उसने अपनी मर्जी से ही वो सब होने दिया ,और उसके बाद जो हुआ था वो सब …………..

आखिरकार क्या चीज है ये काजल मुझे तो कुछ भी समझ नही आ रहा था ,मै तो सीधे से यही सोच रहा था की मैं भी उसे चुदते देखकर मजे लूंगा,पर यहां तो बात ही अजीब हो रही थी ,मजे छोड़ो मुझे अब टेंशन होने लगी थी की वो किसी मुसीबत में ना फस जाय ………

हा यही चिंता मुझे सताए जा रही थी की काजल को किसी भी तरह की परेशानी ना हो शायद इसी को प्यार कहते है की कोई आपके लिए कुछ भी करे आप उसका हमेशा ही भला सोचते हो……………

एक भयानक सी खामोशी आखिर काजल के खिलखिलाने की आवाज से ही टूटी,

“क्या हुआ काका जी सांप सूंघ गया क्या….खैर छोड़ो जितना मिलता है उतने में खुश रहो और ज्यादा की सिर्फ फरियाद कर सकते हो हुक्म नही देना समझे तुम्हे फिर से माफ करती हु …ठीक है अब आराम करो और याद रखना मैं रेणु नही हु जो तुम्हारी सभी बातो में हा में हा मिलाऊँ और तुम्हारे इशारों पर चलु,समझ गए अगर दिमाग खराब किया फिर से तो तुझे तेरी औकात दिखा दूंगी………..”

रेणु नही हु मतलब,……रेणु भी प्यारे से ……साला प्यारे…

“मैं जा रही हु अपनी ताबियत का ख्याल रखो ,बाई काका जी “काजल ने प्यार से उसे चिढ़ाते हुए कहा ,

मैं जल्दी से वहां से भागकर अपने बाथरूम में घुस गया,दौड़ाने की वजह से मेरी सांसे थोड़ी तेज थी इसलिए मैं बाथरूम में चला गया,काजल रूम में आयी और बेड में बैठी थी मैं फ़्लश चला कर अपनी सांसे सम्हालने लगा नार्मल हुआ तो बाहर आया…

“तुम कहा चले गयी थी “

काजल ने मुझे इतने प्यार से देखा की मुझे यकीन नही हो रहा था की ये वही लड़की है जिसे मैंने वो सब कहते हुए सुना था…वही मासूमियत अब भी उसके चहरे पर थी उसे देखते ही मुझसे रहा नही गया और उसके जवाब का इंतजार किये बिना ही मैं उसके होठो को अपने होठो में लेकर चूसने लगा…

जब हम अलग हुए तो हमारी नजरे मिली और वो फिर से कुछ बोलने को अपने होठ खोले तो मैं फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया…मैं उसे इतना चूमता गया की जैसे मैं उसे छोडूंगा ही नही धीरे धीरे हमने अपनी उत्तेजता तो कम किया लेकिन हमारे होठ ना जाने कबतक ऐसे ही एक दूजे से मिले रहे और साथ ही लिपट कर हम अपनी आंखे बंद कर ली…..
 
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10 दिन मेरे लिये बड़े ही भारी होने वाले थे,सभी अफसरों का बहुत ही प्रेसर था वही काजल को भी एक बड़ा प्रेशर था काम को पूरा करने का,पहला दिन तो ऐसे गुजर गया की पता ही नही चला,हम दोनो ही थककर आये और बिना ही कुछ ज्यादा बात किये ही सो गए,रेणु को भी घूरने का मन नही कर रहा था ,अब समझ आया साला काम किसे कहते है की आपको टाइम ही ना मील जिस काम को लेकर आप हमेशा तैयार रहते है उसे करने की इच्छा भी नही करती उसे ही काम का बोझ कहते है,

मैं अपने काम के बोझ में दबा जा रहा था साला सपने में भी काम ही सूझता था,दूसरे दिन मैंने फैसला किया की अब थोड़ी जॉगिंग योगा मेडिटेशन किया करूँगा ताकि दिन भर फ्रेश रहू साथ ही मन भी शांत रहे,मैं काजल को भी जल्दी से जगा कर उसे अपने साथ गार्डन ले गया,वो भी इस बात से बहुत खुश हुई काम तो रेणु और प्यारे मिलकर कर देंगे और अब उसे खाना बनाने की भी फिक्र नही थी इसलिए वो भी सुबह का समय तो अपने हेल्थ और मन की शांति के लिए दे ही सकती थी ,वो अपने टाइट टी शर्ट और लोवर के साथ दौड़ने निकली मुझे नही पता था की उसके पास ऐसा कपड़े भी है क्योकि मैंने उसे इस कपड़े में कभी देखा ही नही था,वो मेरी आंखों को देखकर शायद समझ गयी…

“अरे वो ये मैंने जिम के लिये लिया है “

मेरी आंखे और भी बड़ी हो गयी ये कब से जिम जाने लगी वो फिर से कहा ,

“वो होटल के जिम का काम पूरा हो गया थी ना और रॉकी तो रोज ही वर्कआउट करता है इसलिए मैं भी ये कपड़े ले ली हु,वहां अगर थोड़ा टाइम मील तो एक्सरसाइज भी कर लेती हु,और ऐसे भी हम जिम को शुरू कर दिए है,और लड़कियों को सीखने के लिए मुझे भी तो कुछ आना चहिये ना,

“ओह तो तुम लेडिस ट्रेनर बनने वाली हो ,”

“हा क्यो नही ,ऐसे भी मैं मार्शल आर्ट और कराटे में ब्लैकबेल्ट} हु…”

मैंने थोड़ा आश्चर्य जताते हुए कहा

“अच्छा मुझे तो तुमने बताया ही नही”

वो थोड़ी सी शर्मा गयी क्यो पता नही ,और मेरे पास आकर मेरे सीने पर अपना हाथ रख दिया ,

“सॉरी जान वो कभी बात ही नही निकली ,,ऐसे आपसे कुछ भी तो नही छुपा है पर कुछ चीजे बताना भूल जाती हु ,



वाह से मेरी बीवी ना जाने क्या क्या बताना भूल गयी ही ये…जिसका मुझे पता ना जाने कब चलेगा और जब चलेगा तो पता नही मेरे साथ क्या होगा….

हम दोनो घर से निकल कर गार्डन की ओर चल पड़े आज मुझे पता चला की अगर सुंदर लड़की कसे हुए कपड़े पहन ले तो क्या होता है साले सभी हमे ही देख रहे थे और हमे कहना गलत है क्योकि वो सिर्फ काजल को ही देख रहे थे…….

मैंने भी धयन दिया तो मैं भी थोड़ा चौक गया क्योकि वो देखने के लायक ही था ,उसके स्तन ऐसे भी बहुत ही बड़े और कसे हुए थे वो पूरे अपने सुरूर में किसी चोटी की तरह से दिखाई पड़ रहे थे ,लेकिन मुख्य आकर्षण तो उसके लेगीस थे जो इतना टाइट और काजल के पिछवाड़े इतने गजब के थे की मुझे भी एक बार लगा की साला छोड़ो वाक को और घुस जाओ फिर से बिस्तर में ,वो उसके पिछवाड़े के दोनो फेंको को साफ साफ अलग कर रहे थे थोड़ी देर में ही उसने मुझे भी उसे देखता पाया और खुद ही शर्मा गयी ,

“चलो घर चलते है …….”

“अरे क्या हुआ ,”

“अरे नही प्लीज् “

“बताओ तो सही की क्या हुआ है “

“नही सभी मुझे ऐसे देख रहे है तो आपको बुरा लगेगा और ये बहुत ही टाइट है ,मैं इसे चेंज कर लेती हु “

मेरे चहरे पर एक मुस्कुराहट आ गई ,भगवान सभी को इतनी समझदार बीवी दे ,……..बस वो आपकी ही रहे किसी और की नही मेरी बीवी में हर वो चीज थी जो एक मर्द चाहता है,पर बस एक चीज ऐसी थी जो शायद की कोई मर्द चाहे ,जी जा अपनी पत्नी का किसी दूसरे मर्द से जिस्मानी संबंध……

“अरे जान अगर तुम ऐसा शर्माओगी की तो जिम में कैसे करोगी,वहां भी तो लड़के आते होंगे ना “

तब तक वो घर की ओर मुड़ चुकी थी ,

“अरे वहां की बात अलग है पर यहां आपके सामने ये सब नही होगा कम से कम मुझे एक स्पोर्ट जैकेट पहनने दीजिये “

मेरे सामने नही होगा मतलब मेरे पीछे सब होगा ,वहां रे मेरी काजल …….

“आप बुरा मत मानना पर आपके सामने मुझे कोई घूरे ये मुझे अच्छा नही लगता,और आप ना हो तो मुझे कोई भी फर्क नही पड़ता की कौन क्या कर रहा है………”

क्या कर रहा है??????

मैं बस शक ही कर सकता था अभी तक मैंने देखा तो नही था की वो क्या करती है और जो देखा था वो बहुत ही कम था,

वो अंदर से जल्दी से जैकेट पहन कर आ गयी और हम फिर से गार्डन की तरफ जाने लगे ,इसबार हम दौड़ने लगे जैकेट के कारण काजल का मादक अंग नही दिख पा रहा था पर वो कपड़े वही पहने थी ,जब हम गार्डन पहुचे तबतक दोनो ही पसीने से भीग चुके थे पर मुझे आज पता चला की उसके अंदर कितनी ज्यादा स्टेमना है ,जहा मेरी सांसे फूली हुई थी वही उसे देखकर ऐसे लग रहा था जैसे उसने अभी कुछ किया ही नही हो.

हम कुछ एक्सरसाइज करने लगी और देखते ही देखते वहां लोग इकट्ठा होने लगे ,कारण था काजल के द्वारा किये जाने वाला एक्सरसाइज वो योगा और अलग अलग तरीके के कठिन कठिन *स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ को ऐसे कर रही थी जैसे की वो उनमे *एक्सपर्ट हो ,और उसे ऐसी कलाबाजियां करते देख थोड़ी ही देर में क्या बूढ़े क्या जवान और क्या बच्चे ,,,क्या महिलाएं और क्या पुरुष सभी बस खड़े होकर देखने लगे ,,,,

बाकियों का तो नही पता पर कुछ नवजवान से लड़के बस उसके जिस्म की कसावट को देख रहे थे उनकी आंखे ऐसे चौड़ी हो रही थी जैसे कोई अजूबा सा देख लिया हो ……….

काजल के मूव भी थे बहुत ही सेक्सी कोई भी सामान्य सा हवसी आदमी अगर उसे देखकर हवस का शिकार हो जाय तो कोई भी बड़ी बात नही थी,जैसे ही वो एक मूव पूरा करती वहां खड़े बच्चे और बुड्ढे तालिया बजाते और काजल उन्हें देखकर मुस्कुराती लगभग आधे घंटे तक यही चाहता रहा ,जब काजल ने ये सब खत्म किया तो वहां के कुछ लोग उससे मिलने आये ….जिनमे कुछ बुजुर्गों का ग्रुप था ,जिनमे महिला और पुरुष सभी थे ,साथ ही कुछ नवजवान और बच्चे अभी भी उसे घुरते हुए खड़े थे ,

“बेटा आप योग टीचर हो ‘

एक महिला ने कहा

“नही आंटी जी *बस कुछ सीखा हुआ है ,और कोर्स किया था मैंने तो….”

“वाह क्या कमाल का शरीर है बेटा तुम्हारा “

इसबार एक बुजुर्ग अंकल ने कहा लेकिन उनका मतलब गलत बिल्कुल भी नही था बस वो उससे प्रभावित थे और उनकी आंखों में मुझे कोई भी हवस नही दिखी…

“थैंक्स अंकल “

“बेटा हम कुछ कहे तो बुरा तो नही मानोगे “

अंकल ने फिर से कहा

“हा हा बोलिये ना “

“बेटा मै हमारे शहर के सीनियर सिटीजन सोसायटी का प्रेजिडेंट हु ,यहां पर बहुत से सरकारी अधिकारी रिटायर के बाद बस गए है,ये जगह है ही बहुत ही सुहानी सी ,हमने ये क्लब बनाया है ,हम सोच रहे थे की हम एक योग टीचर हायर करे जो हमे योगा सिखाए क्यो ना आप ही ये काम कर दे “

काजल ने मुझे देखा मैंने अपने कंधे उचकाए और उसे ही फैसला करने को कहा,जिससे वहां खड़े हुए सभी लोगो को शायद पता चल गया था की मैं उसका पति हु ,

अंकल मेरी तरफ रुख करते हुए कहा

“बेटा आप ही कुछ कहो ..”

“अंकल मैं क्या कहु ऐसे ये भी काम करती है और शायद ही वक़्त निकल पाए “मैंने काजल की ओर देखते हुए कहा.

“अच्छा कहा काम करती हो बेटा “

“अंकल वो हमारा खुद का एक होटल है जो कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा ,”

“कौन सा होटल “

काजल ने नाम बताया

“अरे वहां तो रॉकी भी काम करता है ना आप जानते हो रॉकी को *वो मेरे ही घर के बाजू में रहता है …….”

रॉकी के घर के बाजू में यानी ये मिश्रा साहब ही रिटायर्ड IAS ऑफिसर ,मैंने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा बहुत कुछ सुन रखा था इनके बारे में ये कभी हमारे राज्य के चीफ सेक्रेटरी हुआ करते थे.मुख्यमंत्री के सबसे खास ऑफिसर कुछ सालो *पहले ही रिटायर हुए थे और इन्हें ये जगह बहुत ही पसंद थी शायद ये कोलाहल से दूर ही रहना चाहते थे इसलिए यहां जमीन खरीदकर बस गए ,

“सर आप मिश्रा जी है ,सर आपके बारे में बहुत सुना है आपसे मिलना मेरे सौभाग्य की बात है “मैंने अपना हाथ बढ़ाया

“अच्छा तो आप भी सरकारी ऑफिसर है “

“जी सर मैं *** पोस्ट पर काम करता हु “

उनके सामने ऐसे तो मेरी औकात कुछ भी नही थी पर फिर भी वो मुझसे मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया

“यार तुम भी सरकारी आदमी हो ,और रॉकी के साथ आप (काजल )काम भी कर रही है तो फिर तय रहा की आप हमे कल से योग सिखाएंगी ,और आप चाहे तो हम इसके लिए आपको पे भी करेंगे”

“नही नही अंकल ऐसा नही है ,मुझे इस काम के लिए पैसे नही चाहिये पर अभी होटल का काम जोरो पर है और 10 दिनों में ही मुख्यमंत्री जी के उसका उद्धाटन करवाना है ,मैं और रॉकी उसी काम में लगे हुए है तो अभी तो संभव नही है पर ये काम हो जाय तो मैं आपलोगो को *एक दो घंटे तो दे ही सकती हु ,बस मेरी एक शर्त है ,”

“हा हा बोलो “

“मैं यहाँ गॉर्डन मेंआने वाले सभी लोगो को सिखाऊंगी,जो भी आ जाय उसे फ्री में ही सिखाऊंगी और साथ ही इसके लिए आप मुझे कोई भी फीस नही देंगे और रॉकी भी मेरे साथ सिखाएगा …….”

सभी के चहरे पर खुशी नाच गयी खासकर उन नवजवानों के चहरे पर जो दूर खड़े उनकी बाते सुन रहे थे

“बिल्कुल ठीक है बेटा पर ,उस नालायक रॉकी को कुछ आता भी है “

“अंकल हमारे होटल में एक हेल्थ सेंटर शुरू हो चुका है,जो रॉकी ही देखता ही और होटल के उद्घाटन के बाद से ही ये महिलाओं के लिए भी खुल जायेगा “

“वाह बहुत अच्छा बेटा ये हमारे इलाके में अपने तरह का पहला हेल्थ सेंटर होगा जिससे *महिलाओं को भी फायदा होगा,मैं खुद मुख्यमंत्री के साथ वहां मौजूद रहूंगा,”

सभी खुस होकर वापस आये मैं रास्ते भर काजल को मिश्रा के किस्से बता रहा था की वो कितना खतरनाक हुआ करता था और कैसे उससे सबकी फटती थी ,,,,,,,,,
 
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जब हम घर पहुचे तो वहां रॉकी पहले से मौजूद था,आजकल वो जल्दी आने लगा था,काजल ने जाते ही उसे अपने गले से लगाया जैसे की वो उसका कोई बहुत ही अच्छा दोस्त है ,और रॉकी ने मुझसे बड़े ही तमीज से हाथ मिलाया जैसा की वो हमेशा ही करता था…..पास ही खड़ा प्यारे जो अभी अभी रॉकी के लिए चाय लेकर आया था रॉकी और काजल एक प्रेम पर ऐसे जल रहा था जैसे की वो ही उसका पति हो …….

साला रॉकी भी इसी उम्मीद में वहां जल्दी आ गया होगा की उसे उस दिन जैसे आज भी कुछ मिल जाय ………

रेणु ने खाना लगभग बना ही दिया था काजल जल्दी जल्दी तैयार होकर वहां आयी और जल्दी से खाना खाकर वहां से निकल गयी..आज काजल ने एक ब्लैक टॉप और ब्लू जीन्स पहने हुई थी ,उसके सभी सेप बड़े ही खूबसूरत लग रहे थे,मेरी काजल साड़ी से सलवार और अब जीन्स तक आ चुकी थी ,कोई भी बड़ी बात नही की कुछ दिनों में वो स्कर्ट वगेरह भी पहनने शुरू कर दे,वो अपने साथ एक बेग भी ले जाती थी पता नही उसमे क्या था,शायद उसे भी चेक करू कभी….काजल के उभरे हुए कर्व को देखकर मैं भी मोहित हो गया ,काजल बाहर को चले गयी थी और रॉकी के साथ उसके बाइक में उसकी कमर को पकड़े बैठी थी जब मैंने उसे आवाज दी…

“काजल जरा सुनो जल्दी आओ कुछ काम है ….”

काजल हैरानी से जल्दी से उतर कर मेरे पास आयी पर मैं तब तक अपने कमरे में जा चुका था,उसने मुझे देखा मैं थोड़ा सीरियस सा फेस बना कर बिस्तर में बैठा था ,मैंने उसे इशारे से दरवाजा बंद करने को कहा ,काजल जरूर ये समझ चुकी थी की कुछ तो गड़बड़ है शायद उसे ये लग रहा था की उसका ये मुझे बिना बताये जीन्स पहनना मुझे पसंद नही आया होगा या और कुछ ,ऐसे भी उसका जीन्स बहुत ही कामुक लग रहा था,पिछवाड़े का पूरा प्रदर्शन और साथ ही उसके कैसे हुए स्तनों की चोटी ऐसे भी उसके स्तन बहुत ही बड़े और आकर्षक थे…

काजल इस अहसास से अपनी नजर झुककर मेरे सामने खड़ी हो गयी ……मैं कुछ बोलता उससे पहले ही बोलने लगी…

“जान मुझे माफ कर सो मैंने आपसे बिना पूछे ही ये कपड़े पहन लिए मैं इसे अभी चेंज करती हु..”

मेरे होठो में एक मुस्कान फैल गयी और मैने उसका हाथ पकड़कर उसे अपने साथ बिस्तर में गिरा दिया….

“गलती तो की है जान लेकिन इसे पहनकर नही ऐसे मुझे बिना ही कुछ दिए जा कर ….कसम से कयामत लग रही हो और ऐसे कपड़े भी पहना करो यार ,मुझे पता होता की मेरी जान इतनी कयामत लगती है तो कब का मैं तुम्हारे लिए ले आता …..अब मुझे थोड़ा प्यार दे दो तुम्हे ऐसे देखकर तड़फ गया हु ….”

मैं काजल के ऊपर कूद गया और उसके होठो को पूरे ताकत से चूसने लगा,उसके होठो में लगी हलके लिपिस्टिक की लाली फैल गयी और वो भी मेरे उतावलेपन पर हसने लगी,थोड़ी देर में उसने अपना हाथ मेरे सर पर कसकर पकड़ा और मुझे जोरो से किश करने लगी,कितनी अच्छी बीवी मिली है मुझे जिसके दो आशिक उसका बाहर वैट कर रहे है और वो पूरे इत्मीनान से मुझे प्यार दे रही है …..

काजल की ये बात मुझे सबसे अच्छी लगती थी की वो हमेशा ही रेडी रहती थी ,मेरे हाथ भी अब खेलने लगे थे और उसके नितंबो से लेकर उसकी जांघो को सहलाने लगे थे ,मेरा लिंग भी अब पूरी तरह से तन चुका था ,पर मुझे भी पता था की हम ज्यादा देर तक ये लीला नही कर सकते और जल्दबाजी मुझे भी पसंद नही है….

आखिर मैंने ही उसे छोड़ा..

“जान मन है तो कर लीजिये ना ,………जल्दी से “

काजल ने बड़े ही प्यार से कहा की मेरा दिल ही बाग बाग हो गया,क्या बीवी है मेरी यार………….

सबकुछ करने को तैयार बस मेरी खुशी के लिए बस वो एक चीज ही इसके बेतहाशा अच्छाई को कम कर देती थी ,जो शायद वो मुझसे हमेशा ही छुपाना चाहती थी और भी यही चाहता था की उसे ये कभी भी ना पता चले,मैं उसे इसीतरह प्यार करना चाहता था ,और प्यार पाना चाहता था ,मैं सोचता था की काश मैं उस रात उठा ही ना होता ,और मुझे पता ही ना होता की मेरी प्यारी सी काजल मेरे पीछे क्या करती है.,…..

लेकिन जो हो चुका है वो तो हो ही चुका है,मैंने अपने पूरे अस्तित्व में फैले हुए प्यार को इकठ्ठा किया और उसके होठो में एक हल्की सी चुम्मन दे दी,वो चुम्मन इतना प्यार भरा था की उसका आभास शायद काजल के मन की गहराइयों तक पहुच गया उसका सबूत था उसकी आंखों में आया हुआ वो आंसू…वो मुझसे लिपट गई ,

“जान मैं तुमसे कभी भी सेक्स नही करना चाहता मैं तुमसे बस प्यार करना चाहता हु ……..इसलिए कोई भी जल्दबाजी नही तुम आराम से आओ फिर पूरी रात तो मेरी और मेरे जान की है…….

काजल ने फिर से मेरी आंखों में देखा और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ,उसके आंखों में अब भी वो आंसू तैर रहा था……………………………………



काजल के जाने के बाद मैं भी तैयार होकर खाने के टेबल पर पहुचा,आज मन बहुत ही प्रशन्न था,इसलिए आज मैं रेणु से भी मजाक कर रहा था ,काजल के जाने के बाद प्यारे भी जा चुका था और मुझे भी पता था की रेणु प्यारे की भी माल है,जैसा मैंने कल सुन रखा था,तो मेरे लिए बहुत ही आसान था की मैं रेणु से फ्लर्ट करू,मैंने जिन जिन को शरीफ लडकिया समझा था वो सभी बहुत ही चालू निकल गए साला किश्मत ही हो गांडू तो क्या करेगा अनडू…

रेणु भी मुझे खुलकर भाव दे रही थी या ये कहो की किलो के भाव में भाव दे रही थी,मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसके बाजू में जाकर खड़ा हो गया,वो अभी बर्तन धो रही थी और मुझे भी ऑफिस के लिए देर हो रही थी ,यहां तक की रघु भी बाहर खड़ा मेरा वेट कर रहा था…ये बात रेणु को भी पता चल चुकी थी इसलिए उसे लगा की मैं घर से निकल कर चला जाऊंगा ,पर मैं उसके पास खड़ा हो गया और उसे निहारने लगा,पसीने से भीगी और एक झीनी सी साड़ी में लिपिटी वो गूदेदार महिला ,जिसके स्तनों की झलक मुझे उसके ब्लाउज़ से दिख रहे थे और उसकी थोड़ी मोटी सी कमर और उसके कमर के पीछे का वो उभार साफ बता रहा था की वो बहुत ही खेली खाई है,मैं धीरे से उसके नितंबो पर अपने कमर को सटा दिया मेरा लिंग अपनी पूरी अकड़ में अकड़ा हुआ था,और उसे भी इसका आभास हो गया होगा,वो बिल्कुल मूर्ति की तरह जड़ हो गयी उसे तो इसका भान भी नही रहा होगा की मैं ऐसा कुछ करने वाला हु,वो भी इस वक़्त जबकि उसका खुदका पति बाहर खड़ा है और मेरा इंतजार कर रहा है,वो अपना मुह खोले वैसे ही खड़ी रही मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए,अपनी कमर को हल्के से पीछे किया और एक जोरदार धक्का उसके पिछवाड़े में मार दिया,

“आउच …साहब जी “

उसकी काँपती हुई आवाज मेरे कानो में पड़ी और मेरी हँसी निकल गई ……मैं पीछे हुआ और उसकी मसल नितंबो को अपने हाथो में भर कर मसल दिया …

“बहुत मलाईदार है तेरे,इन्हें तो रगड़कर खाने का मन कर रहा है…..खैर अभी तो देर हो रही है पर कसम से आज नही तो कल इसे खाऊंगा जरूर ….”

मैं इतना बोलकर वहां से चला गया ,बाहर रघु बड़े ही बेचैनी से मेरा इंतजार कर रहा था,मैं वहां से ऑफिस को निकल गया पर रेणु वही स्तब्ध खड़ी थी वो कभी सोची भी नही होगी की मेरे जैसा आदमी ऐसा करेगा,इतना सीधा और सरीफ शायद उसके मन में कोई बात आयी और उसके होठो में एक मुस्कान सी आ गई………………
 
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मैं आज अपने आप में एक नए कॉन्फिडेंस को महसूस कर पा रहा था,जो मुझे रेणु से किये गए अपने व्यवहार और काजल से मिले असीम प्यार का नतीजा था,आज काम के सिलसिले में मुझे शहर जाना था ,मोबाइल और मेसेज से तो काजल की हरकते पता ही नही चल पा रही थी तो सोचा क्यो ना आज शहर में काम निपटाकर उसके होटल ही चला चालू,ऐसे भी वहां मुझे कोई जनता नही और कजल या रॉकी मिल गए तो कह दूंगा की मिलने आया था,

शहर में मेरा काम होते ही शाम हो गया था,पता नही काजल मिलेगी या नही ,लगभग 6 बज चुके थे ,मैंने अपने मोबाइल से उसके मोबाइल को चेक किया लेकिन ना तो किसी से कोई खास बात ना ही कोई ऐसा क्लू जिससे मुझे कुछ रोमांचित सा महसूस हो,,,,,,मैं काजल के होटल के सामने जा कर खड़ा हो गया ,मैं शहर में रघु को छोड़कर उसे घूमने जाने को कह गया था,मैंने उसे ये नही बताया था की मैं होटल जा रहा हु,ऑटो से उत्तर कर मैं बाहर से ही होटल को देखने लगा ,सचमे बहुत कुछ बदलाव इसमें आ गया था,काच की संरचना बेहद आकर्षक लग रही थी ,साथ ही एक बड़ा आ फ़ोटो भी पास ही फ्लैक्स में लगा था जिसमे इस होटल के हेल्थ सेंटर का विज्ञापन था,और उसमे रॉकी और काजल की पिक थी,वाह मैंने कभी भी काजल के शरीर पर शायद इतना धयन नही दिया था वो पूरी तरह से बदल गयी थी ,फ़ोटो में कही भी उसके पेट में कोई भी चर्बी नही दिख रही थी ,वो जिम के कपड़ो में थी और बहुत ही बेहतरीन तरह से उसका शरीर का सुडौलपन दिख रहा था,पर मेरी नजर उसके चहरे के मासूमियत पर जाकर टिक गयी ,इतने मोडल की तरह से फ़ोटो खिंचने पर भी उसने अपने मांग का सिंदूर नही निकाला था,हाँ वो उतना गहरा तो नही था पर हल्के से और ध्यान से देखने पर मुझे समझ आ गया की फ़ोटो खिंचते समय उसने सिंदूर नही धोया होगा,,,,,,,,,,,,

शादी की इस परंपरा पर उसका इतना विस्वास और अपने पति से इतना प्यार और समर्पण उसकी की जाने वाली हरकतों से कोई भी साम्य नही रखती ,पर मैं जनता हु की वो दोनो में ही बहुत ही समर्पित है….

मैं अंदर गया तो वहां से सभी मजदूर जाने के लिए निकल रहे थे,किसी ने मेरी तरह कुछ खास ध्यान भी नही दिया ,वहां कोई ऐसा आदमी भी मुझे नही दिखा जिसे मैं काजल के बारे में पूछ सकू सभी मजदूर ही दिख रहे थे ,होटल इतना भी बड़ा तो नही था,पर एक वाचमैन मुझे दिखाई दिया मैंने काजल को पूछने से अच्छा रॉकी को पूछा…उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा ,

“आप कौन है”

मुझे गुस्सा आ गया

“तुझे क्या मतलब की मैं कौन हु तू बता ना कहा मिलेगा”

“अरे साहब यहां अभी सभी समान फैला हुआ है ना और रॉकी साहब ने 6 बजे के बाद किसी को भी यहाँ आने देने से मना किया है,सभी मजदूर भी चले गए है ,आप तो अंदर भी आ गए साहब ने तो गेट में ही रोकने को बोला था…”

“अच्छा यानी अभी साहब है यहां पर “

“जी साहब मेडम और साहब दोनो है “

मेरे दिल में जोर से हलचल हुई ,साले दोनो है यहां अकेले और रोज रहते है,ये तो हो ही नही सकता की वो कुछ ना कर रहे हो पर साला बहुत बड़ी मुश्किल तो ये थी की आज नही तो कल इस वाचमैन को पता लग ही जाता की मैं काजल का पति हु ,और वो उन्हें कभी बता भी सकता था की मैं यहां आया था,अगर इसे अभी बताया तो मुझे कुछ भी पता नही चलेगा,,क्या करू ??????????

मैंने फैसला कर लिया

“मैं इस होटल का शेयर होल्डर हु और रॉकी मेरे लिए काम करता है ,,…”

वो वाचमैन सीधा खड़ा हो गया ,

“सर मैं अभी उन्हें फोन लगता हु”

“नही रहने दो कहा है वो और काजल कहा है “

“सर दोनो जिम में होंगे “



“अच्छा और जिम कहा है”

“सर वो उधर सेकंड फ्लोर में “

‘ह्म्म्म ओके मैं वही जाकर मिल लेता हु “

वाचमैन मुझे रोकता है

“सर……. वो सर मुझे डांटेंगे की मैंने उन्हें नही बताया ऐसे भी मैं आपसे पहली बार मिल रहा हु “

मुझे उसकी बात समझ आ गयी की बेचारे की नॉकरी का सवाल हो सकता है और कोई भी मालिक बोलकर अंदर आ सकता था ,मैंने अपना मोबाइल निकाला और रॉकी को काल कर स्पीकर ऑन कर दिया

“हैलो”

रॉकी की हाँफने की आवाज आयी

“हैलो रॉकी मैं आकाश बोल रहा हु “

“हा हा सर बोलिये “इतने में ही वाचमैन को समझ आ चुका था की मैं जो बोल रहा हु वो सच ही रॉकी मुझे सर से संबोधित कर रहा था….मैंने वाचमैन को देखा वो धीरे से मुझे सॉरी कहा ,

मैं फिर से फोन का स्पीकर हटा लिया ,और उससे थोड़ी दूर चला गया

“हा बात ये है की मैं तुम्हारे होटल आ रहा हु ,कोई वाचमैन हो तो उसे बता देना की मैं आ रहा हु मुझे थोड़ा टाइम लगेगा अभी तुम लोग वहां हो या निकल गए ,और ऐसे सांसे क्यो ले रहे हो ठीक तो हो ना “

तब तक रॉकी अपनी सांसे सम्हालने की कोशिस कर रहा था और साथ में ही आवाज गूंजने लगी मुझे समझ आ गया की उसने अपना मोबाइल स्पीकर मोड़ में डाल दिया है…..

“वो वो सर मैं और काजल अभी एक्सरसाइज कर रहे है तो “

“ओके जिम में हो ,”

“जी सर आपको कितना समय लगेगा आने में “

“बस 5-10 मिनट में पहुचता हु तुम फिकर मत करो मैं जिम में ही आ जाऊंगा “

“ओके सर “

मुझे लास्ट में कुछ फुसफुसाने की आवाज आयी और मेरा लिंग एक झटके मारा,शायद ये झटका था उस कल्पना का की शायद दोनो लेटकर बिस्तर वाली एक्सरसाइज कर रहे है,…..मैं अभी तो कुछ नही कह सकता था पर मुझे काजल पर भरोसा जरूर था……ही ही ही

तुरंत ही वाचमैन के पास रॉकी का काल आ गया,उसने उससे कुछ कहा वाचमैन बस जी सर जी सर कर रहा था…

मैं वाचमैन से बिना पूछे ही आगे बढ़ गया और उसने भी मुझे रोकने की हिम्मत नही दिखाई,

जैसे जैसे मैं जिम के दरवाजे के पास जा रहा था मेरी धड़कन तेज हो रही थी,पता नही अंदर का क्या हाल होगा…

कांच से ऐसे तो अंदर का पूरा नजारा दिख रहा था लेकिन वो दोनो मुझे नही दिखे शायद अंदर कही होंगे जहा का नजारा यहाँ से ना दिखता हो,मैं दरवाजा खोलकर अंदर घुसा दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी,ऐसा लग रहा था जैसे मैं चोर हु और कही चोरी करने आया हु,थोड़ा अंदर जाने पर मुझे कुछ फुसफुसाहट की आवाजें आयी मैं उधर ही चला गया…

मैंने आजतक जितने भी जिम देखे थे ये उनमे सबसे बड़ा था,सचमे ये हेल्थसेन्टर यहाँ का मुख्य आकर्षण बनने वाला था,मंहगे महंगे उपकरण,के साथ बहुत बड़ा स्पेस था मैंने जो कुछ भी उस कांच से देखा था वो बस एक झलक थी,अंदर जाने के बाद भी मुझे उन्हें ढूंढने में दिक्कत हो रही थी,की मुझे एक कोने से आती हुई कुछ हलचल सी दिखाई दी,कुछ मशीनों की आवाज भी साथ थी,ऐसे तो वहाँ का ac पूरी तरह से on था पर मेरे माथे पर पसीने की बूंदे आ चुकी थी,मैं उधर कदम बढ़ाया,देखा तो काजल पसीने से पूरी तरह से भीगी हुई अपनी सांसो को काबू में कर रही थी,हम दिनों की नजर मिली और मेरे होठो में एक मुस्कान आ गयी,मेरी नजर रॉकी पर गयी वो बेचारा भी एक डंबल पकड़कर कुछ करने की कोसिस कर रहा था,मुझे उनकी हरकते समझ मे आ रही थी,इन्हेंने जरूर उस वाचमैन से पूछा होगा कि साहब कहा पर है और उसने बता दिया होगा कि वो पहुच चुके है और जिम की तरफ जा रहे है,जल्दी जल्दी में उन्हें भी समझ नही आया होगा कि क्या करे….जैसे तैसे वो अपनी सांसो पर काबू कर पा रहे थे और जो हाथ मे आया वही एक्सरसाइज करने की कोसिस कर रहे है,दोनो के चहरे पर फैला वो डर मुझे बहुत ही सकून दे रहा था,जैसे तैसे काजल ने अपने चेहरे पर एक मुस्कान लायी और उठकर मेरे पास आकर मेरे गले से लग गयी,

“आपने बताया नही की आप आ रहे है”

“अरे कुछ काम से आया था सोचा मिलते चालू “

“बहुत अच्छा किया”वो मेरे गालो को एक किस दे गई, वही रॉकी आकर मुझसे हाथ मिलता है,

“ वेलकम सर”

मैंने उन्हें ध्यान से देखा रॉकी का लिंग अब भी तना हुआ था जी उसके लूस लोवर से बाहर आने की कोसिस में था वही काजल के जांघो के बीच का गीलापन मुझे दिखाई दे रहा था,बेचारे मेरे दो प्रेमी युगलों के मिलान में मैंने बाधा डाल दी,मुझे तो मजा आ रहा था लेकिन शायद दोनो ने मुझे दिल से गालिया दी होंगी,नही सिर्फ रॉकी ने मुझे गालिया दी होंगी मेरी जान काजल तो मेरे लिए हमेशा प्यार के शब्द ही निकलेगी वो मुझे गली नही दे सकती………..

मैंने रघु को काल कर होटल ही बुला लिया और रॉकी और काजल मुझे पूरा होटल घूमाने लगे.मैंने सभी कुछ। बड़े ही धयन से देखा और ना सिर्फ देखा बल्कि कुछ जगहों की फ़ोटो भी खिंच ली ताकि फिर जब मैं आउ तो उस वाचमैन को भी पता नही चले ,क्योकि भले ही मुझे उनकी तड़फ देखकर खुशी हो रही थी पर मैं काजल की रास लीला देखना चाहता था,मैं उसके चहरे का वो एक्सप्रेशन देखना चाहता था जो उसके चहरे पर उस वक़्त आता जब की कोई उसके अंदर अपना सरिया घुसा रहा होगा,,,,जब कोई चूहा या कोबरा उस बिल में जा रहा होगा जिसे समाज ने सिर्फ मेरे लिए मुझे दिया है,उस लाल लाल सी फांको के बीच कोई काला या गेहुआ से केला जब बार बार अंदर हो रहा होगा और मेरी जान के मुह से बस सिसकिया निकल रही होगी उस समय को याद कर पता नही क्यो मेरा भी लिंग अंगड़ाई लेने लगता है…एक झटका तो उसने भी मारा लेकिन मेरे जीन्स में ही दब कर घुटकर रह गया ,मैंने प्यार से अपनी काजल को अपने बांहो में खिंच लिया और जैसे ही रॉकी हमसे दूर हटा मैं उसके होठो को एक प्यार भरा चुम्मन दे दिया,साला कितने कोमल और गीले थे मेरी जान के वो रसीले होठ ,नरम नरम से गीले गीले जैसे अभी अभी किसी ने उसे अपने लार से भिगोया होगा,मैं उसे अपने तनाव का अहसास करना चाहता था ,मैंने उसे पीछे से पकड़ा और उसके भारी नितंबो में अपने लिंग रगड़ दिया,उसके होठ और भी खुल गए,और मैं उसमे अपनी जीभ घुसा दी पर अच्छे से एक और रगडें ने काजल की पोल खोल दी ,जी हा उसने अपने निकर के अंदर कुछ भी नही पहना था,एक तो उसका निकर भी उसकी जांघो के ऊपर तक ही था ,पूरी मांसल सी जांघ चमक रही थी और अंदर कुछ नही पहने होने का वो अहसास,उसकी कोमलता में मेरे तने हुए लिंग की वो रगडन ,शायद उसे भी अपने गलती का अहसास हो गया और वो मेरे से दूर जाने लगी और मैंने उसे अपनी ओर खिंचा और उसके उजोरो को सहलाने लगा ,जैसा की मुझे शक ही था उसने अपने स्पोर्ट टी शर्ट के अंदर भी कुछ भी नही पहना था ,और मैंने जोरो से उसे निचोड़ा की काजल के मुह से एक मादक सी आह निकल गई …

“हाय aaahhhhhhhhhh क्या कर रहे हो रॉकी आ रहा होगा,छोड़ो ना जान मुझे घर में करते है जल्दी से घर चलते है…….”

और काजल मेरे होठो को एक बार फिर से अपने होठो में भरकर अपना रस मुझे पीने दिया और हल्के से शरारती मुस्कान के साथ मुझसे अलग हो गयी…

रॉकी आया साथ ही रघु का भी काल आ गया वो भी नीचे ही खड़ा था,काजल चेंजिंग रूम में जाकर अपने कपड़े बदल लिए और मैं और काजल रघु के साथ वहां से निकल गए………
 
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एक दूजे के प्यार के नशे में बेताब से हम दोनो ही घर पहुचे आज तो प्यार की इंतहा हो गयी थी ,जाने कब ये आग शांत हो ,बिस्तर में पहुचते ही मैं काजल पर टूट पड़ा,वो भी मुझे पागलो की तरह किस किये जा रही थी शायद उसकी भी आग आज ठंडी नही हुई थी जो रॉकी ने लगा तो दी थी पर बुझाना भूल गया था,मेरे लिए तो काम बहुत आसान हो गया था,लोहा पूरी तरह से गर्म था मुझे तो बस हथौड़ा मरना था,
काजल को बिस्तर पर पटकते ही मैं अपने कपड़े खोल कर फेक दिया और काजल के गालो को खाने लगा,उसके गुलाबी से गाल जो रस से भरे हुए थे ,मेने उसके गालो को पूरी तरह से भिगो दिया था,मेरे थूक से गिला हुआ उसका गाल अपनी नरमी से मुझे सुख दे रहा था और मैं और भी टूटकर उसके गालो को खा रहा था,अपने दांतो से मेने उसके गालो में निशान ही बना दिए जिसपर काजल ने मुझे एक शिकायत भरे निगाहों से देखा पर उसकी आंखों में अब भी वही प्यार था जो मैं हमेशा से ही मेरे लिए महशुस करता हु…………….
उसके बालो को अपने हाथो में फसाकर मैं उसे सहलाने लगा,और वो भी बेहद कामुक अंदाज में मेरे होठो पर टूट पड़ी,दो जिस्मो की गर्मी ने हमारे बदन में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया था,
मैं काजल के कपड़ो के तरफ रुख किया और उसके कपड़ो को धीरे धीरे उतारने लगा ,वो अभी भी वही कपड़े पहनी थी सुबह ही मैं उसे देखकर उत्तेजित हो गया था ,मैं उसके भरे हुए नितंबो को अपने हाथो से भरकर उसे मसलने लगा,काजल और भी गहरे से मुझे चूमने लगी ,मैं उसका शर्ट खोलकर फेक चुका था,शायद अब काजल को सहन नही हो रहा था और वो जल्दी से ही अपने कपड़े खोलने लगी,लेकिन मैंने उसको उसकी पेंटी खोलने से मना कर दिया वो मुझे फिर से शिकायत के भाव से देखने लगी ,मैं अपने पूरे कपड़े खोल कर नंगा हो कर उसके सामने खड़ा हो गया ,मेरे लिंग को देखकर वो हल्के से हँसी और उसे पकड़कर उसे इतने प्यार से चूसने लगी जैसे की वही वो चीज थी जिसके लिए वो इतनी प्यासी थी,…..
मैं उत्तेजना के शिखर पर पहुच रहा था और मैं झरने को बिल्कुल भी तैयार नही था,मुझे तो अभी जितनी देर हो सके अपनी जान के साथ खेलना था,मैं काजल के मुह से अपना लिंग निकल कर अलग किया ,वो जल्दी से अपनी पेंटी निकालने को हुई पर मैंने उसे फिर से रोक दिया वो मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगी ,और मेरे होठो में एक शरारती सी मुस्कान उभर आयी .,….
“नही ना जान करो ना “
उसने लगभग रोते हुए कहा ,वो आमतौर पर इतनी बेताब नही होती पर आज तो उसकी जगह पर कोई भी होता तो वो भी बेताब सा हो जाता,जब वो चरम के करीब पहुची थी तो मैं आकर उसके मजे का सत्यानाश कर दिया था ,और फिर से उसे भड़काकर छोड़ दिया रो ऐसे में कोई भी बेताब सा हो जाय,वो मछली जैसे तड़फने लगी और मुझे उसकी तड़फन बहुत ही मजेदार और मनमोहक लग रही थी ,मैं उसके पास जाकर उसे लिटा दिया और खुद उसके पेंटी के पास अपनी नाक ले जाकर जोरो से सूंघ लिया,उसके कामरस से भीगा वो अंतःवस्त्र इतने मादक खुसबू से भरा था की मैं फिर से उसे जोरो से सूंघने से अपने को नही रोक पाया,लेकिन मेरी इस हरकत से काजल की हालात और भी खराब हो गयी उसे होने वाले का अंदेसा हो चुका था और उसका शरीर छटपटाने लगा था वो अपनी कमर ऊपर कर मुझे आमंत्रण दे रही थी और जब मैं अपना नाक उसके योनि के भाग से लगाया वो अपने कमर को ऊपर कर मेरे नाक से अपनी योनि को रगड़ने लगी,काजल की योनि से बहता हुआ गिला गिला से प्यार की धार ने मेरे नाक को भी भिगो दिया और मेरे मुख से एक मुस्कान सी निकल गयी ….
वो बस झरने ही वाली थी और मैं उसे यू बेताबी में झरने नही देना चाहता था उसे भी वो मजा मिले जिसके लिए वो इतनी तड़फ रही थी ,मै उसकी पेंटी को उसकी योनि के ऊपर से हटा कर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा,काजल का हाथ मेरे सर पर था और वो पूरे ताकत से उसे अपने अंदर लेने की चेष्टा कर रही थी पर शायद उसे वो आनंद नही मिल पा रहा था जिसके लिए वो तडफ रही थी और आखिर में वो हारकर मुझे अपने ऊपर खिंच ही लिया ,आज मैं काजल की ताकत देखकर दंग ही रह गया वो मुझे बिल्कुल ही आराम से उलटा कर के मेरे ऊपर चढ़ गयी ,अपने हाथ मेरे लिंग पर रख उसे अपने आग की उस भट्ठी में डाल दी जो पानी से भरी थी,……..
काजल अंदर से इतनी गर्म होगी मुझे पता नही था आज तो उसकी योनि मानो कोई भठ्ठी ही हो,मेरे लिंग के अंदर जाते ही काजल को ऐसे सुख का अहसास हुआ जैसे सालो से प्यासे को कोई अमृत ही पिला दे,
“aaaahhhhhh जाआआआआन लव यु बेबीईईईईई “
वो अपनी रफ्तार तेज करने लगी उसकी सिसकियों से ही मैं झट जाता इतनी मादकता अपने अंदर लिए है मेरी रानी काजल ……
“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “
वो किसी पम्प की तरह मेरे ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की काजल इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली ,मेरी अकड़ को आज काजल शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,
“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”
“लव यू मेरी रानी “
हमारी सांसे कब उखाड़ जाती इसका कोई भी भरोषा ही नही था,पर आनद के उस सागर से मैं कभी भी बाहर नही निकलना चाहता था,लेकिन शायद काजल को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,काजल ने अपने स्तनों को मेरे मुह में ठूस दिया और मैं भी किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसके स्तनों का पान करने लगा मुझे उसमे कुछ लाल रेसेस दिखाई दिए शायद वो रॉकी की दें थे साले ने मेरी जान को बहुत ही निचोड़ा होगा,उसका चहरा मेरे दिमाग में आने पर मैं और भी उत्तेजित हो गया और उसे नीचे से ही और जोरो के धक्के देने लगा पर शायद वो जोर नही बन पा रहा था ,काजल भी अब कूदना बन्द कर जोरो से धक्के मारे जा रही थी मेरे अंडों में एक दर्द भर गया पर उसी दर्द का तो मजा था,,….
हम दोनो ही अपने तरफ से पूरी ताकत से धक्के दे रहे थे…
“आह वो आह आह आह आह जान जान आह “
दोनो के धक्के एक साथ मिलकर और भी तेज और प्रभावशाली हो जाते और दोनो के मुह से ही एक सिसकारी फुट पड़ती थी…उसके योनि से रगड़ते हुए मेरे लिंग की चमड़ी से उठाने वाला वो आनद मैं कभी भी खोना नही चाहता था पर वो एक धारा सी मेरे वृषनकोशों से आती हुई मुझे प्रतीत हुई और काजल भी अपने चरम के नजदीक ही थी हम दोनो ही अंतिम धक्कों पर अपनी पूरी की पूरी ताकत खर्च कर रहे थे ,और वो ज्वाला फूटा और काजल मेरे ऊपर झरने सी धार छोड़ती हुई लेट गयी,मेरा भी हाल उससे अन्यथा नही था और मैं भी उसके अंदर ही एक तेज फुहारे को छोड़ता हुआ हाँफने लगा,……………
दोनो ही हाफ रहे थे और दोनो ही उस आनंद में डूबे थे जो हमे अभी अभी मिला था…वो गीलापन हमारे यौन अंगों से बाहर आ रहा था,चिपचिपे वीर्य में मिला काजल का कामरस मुझे इच्छा तो हुई की उसे पी लू पर उठाने की हिम्मत ही नही जुटा पाया और मुझे पूरा यकीन था की यही हाल काजल का भी हो रहा होगा उसे भी मेरा वीर्यपान करना बहुत ही पसंद था ,खासकर जब गहरे संतोष की दशा हमे घेरे हुए हो …………………

उखड़ती सांसो में मेरा प्यार काजल के अंदर जा रहा था और वो भी मेरे वीर्य को अपनी योनि सिकुडकर अपने अंदर ही रखने का प्रयाश कर रही थी ,मैं उसे और भिगोना चाहता था पर मेरे अभी का कोटा पूरा हो चुका था …………..
गर्माहट के अहसास से भीगे हुए हम लेटे हुए थे,अब भूख भी लगनी शुरू हो गयी थी,दोनो उठकर तैयार हुए,रेणु ने खाना बना कर रखा हुआ था,दोनो खाना खा कर फिर से बिस्तर में जाने का प्लान कर रहे थे,तभी मुझे याद आया की प्यारे की तबियत खराब थी चलो हाल चाल पूछ लेते है,काजल भी साथ गयी,प्यारे ने काजल को ऐसे निगाहों से देखा की मुझे थोड़ी सी हँसी आ गयी,उसकी निगाहों में डर साफ था…..
“कैसे हो काका “
“अब ठीक हु साहब”
“हम्म ज्यादा काम मत किया कीजिये ,अब तो रेणु भी आ गयी है आपका हाथ बटाने के लिए “
“जी जी”
“चलिए ठीक है आराम कीजिए “
हम दोनो वापस आ गए ,
वॉयस आकर काजल बाथरूम में चले गयी ,मैं अपने मोबाइल से काजल का वाट्सअप चेक करने लगा,
थोड़ी देर पहले ही उसने प्यारे से बात की थी,मेरा माथा ठनका अच्छा जब हम खाना खा रहे थे तो काजल मोबाइल पकड़े हुए थी शायद उसी समय कुछ बात हुई थी ,…
‘मेडम मुझे माफ कर दीजिये ‘
‘कोई बात नही काका तबियत कैसी है आपकी और आप मुझे बहुरानी ही कहा कीजिए’
‘अब थोड़ी अच्छी है पर……”
“पर क्या’
‘छोड़िए ‘
‘बोल भी दो ‘
‘आप मिल जाती तो …..’
‘अच्छा क्या करोगे मिलकर “(शायद ये लिखते समय काजल के होठो में एक शरारती सी मुस्कान आयी होगी ,और प्यारे का दिल भी खिल गया होगा}
‘जो करते थे ‘
‘वो तो नही हो पायेगा ‘
‘ठीक है तो मिल बस लेने दीजिये ‘
‘ह्म्म्म ठीक है पर जल्दी से चले जाना ,’
‘ओक्के ‘
‘आ जाना मैं दरवाजा बंद नही करूँगी ,ये भी आज जल्दी ही सो जाएंगे “
“ओककक “प्यारे ने बहुत सी स्माइल भेजी….
अच्छा तो काजल को लगता है की मैं जल्दी ही सो जाऊंगा…काजल की ये बहुत बड़ी भूल थी आज तो मैं पूरे मूड में था …….
काजल के बाहर आने पर मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ,मुझे पता था की प्यारे अब आने ही वाला होगा,या थोड़ी ही देर में आ जाएगा,क्योकि काजल को भी सुबह जल्दी जाना होता है…
“क्यो मन नही भरा क्या आपका “
“अरे मेरी जान तुझसे कैसे मेरा मन भर जाएगा ,तू तो मेरी रानी है”
काजल भी मेरे सीने में अपना सर रखकर मुझे जकड़ ली ,
“सोने दीजिये ना कल जल्दी ही जाना होगा,बहुत काम होता ही वहां भी ,”
“सो जाओ ना मैं कब मना कर रहा हु मेरी रानी,”
मैं उसके सर पर अपना हाथ फेरने लगा और तभी मुझे एक हल्की सी आहट हुई मैं और काजल दोनो ही समझ चुके थे की प्यारे अंदर आ गया है,उस आहट पर हम दोनो ही अनजान बनने की कोसिस कर रहे थे ,काजल मुझे जल्दी से सुलाना चाहती थी और मैं इन दोनो को सतना……..
मैं काजल को फिर से नीचे लाकर उसके होठो में अपने होठो को डाल दिया,मुझे पता था की काजल कभी भी मुझे मना नही करेगी..काजल ने एक प्यार भरी नजर मुझ पर डाली और मेरा साथ देने लगी दोनो के होठो के मिलन से एक चपचपाने की ध्वनि सी उत्पन्न हुई ,और वही आनद…………
काजल मेरे लिये हमेशा ही नई सी थी वही अदा वही समर्पण जो के नई नवेली दुल्हन में होता है मैंने उसमे हमेशा से वही बात पाई थी ,आज भी मुझे कभी ऐसा नही लगा की मैं इस लड़की के साथ इतना समय बिता चुका हु …वो किसी फूल सी ताजा लगती थी और उसकी खुसबू से मेरा मन हमेशा ही महक सा जाता था……
“आप भी ना “
काजल थोड़ा अलग होती हुई मुझे देखने लगी ,उसके फोन पर एक हल्की सी वाइब्रेशन हुई ,उसने msg टोन बन्द कर रखा था,पर मुझे क्या फर्क पड़ने वाला था,
“मैं पानी पीकर आता हु “मैं बिस्तर से खड़ा हुआ ,काजल की तो सांसे ही रुक गयी ,
“अरे पानी तो यही रखी है “,उसने एक बोतल मुझे देते हुए कहा
“अरे जान आज थोड़ा सर्दी सा है ना मुझे थोड़ा कुनकुना करके पियूँगा पानी “मैं जाने लगा
“आप रुकिए ना मैं ले आती हु “काजल भी उठ चुकी थी
“अरे मेरी जानेमन इतना भी खयाल ना रखा करो की आपकी बुरी आदत ही लग जाय,कुछ काम मुझे भी कर लेने दिया करो तुम रुको मैं अभी गया और अभी आया ,”
लेकिन काजल फिर भी जल्दी से खड़े हो कर मुझसे पहले हो ली ..
“आप भी ना मैं गर्म कर रही हु पानी “वो जोरो से बोलते हुए बेडरूम से निकल कर कीचन में चले गयी ,वो हाल को क्रोस करके बेडरूम में गयी थी पर उसने हाल की लाइट नही चालू की थी ,मैं उसके पीछे आया और हाल की लाइट चालू कर दिया काजल जैसे घबरा गयी ,वो मुझे देखने लगी पर मैं मुस्कुराते हुए उसे ही देखता हुआ किचन में चला गया और पीछे से उसको पकड़ लिया ,वो अपनी सांसो पर काबू करने की कोशिस तो कर रही थी पर उसकी उखड़ी हुई सांसो का आभास मुझे साफ हो रहा था,उसने जैसे तैसे पानी हल्का सा कुनकुना किया और मैं एक गिलास पकड़कर वहां से बाहर आया काजल की आंखे हाल को निहार रही थी मैने भी एक नजर पूरे हाल ने घुमाई प्यारे कही नही दिखा ,लेकिन मैंने सोफे के नीचे से उसकी परछाई की झलक पा ली,वो साला चुतिया सोफे के नीचे छुपा बैठा था,मुझे हल्के से हँसी आयी मैने काजल से कुछ पानी रूम में लाकर रखने को कहा वो एक बर्तन में पानी पकड़कर बैडरूम में चली गयी और किचन की लाइट बन्द कर दी ,मैं हाल की लाइट चालू रखकर बैडरूम में चला गया ,काजल पानी रखकर पलटने ही वाली थी की मैंने उसे दबोच लिया ,
“अरे हाल की लाइट तो चालू है “
“तो रहने दो ना “
“मैं बन्द करके आती हु ना ,”
“अरे जाने दो जान “
मैं उसे बेड में गिरकर उसके ऊपर चढ़ गया…..
काजल के मुह से आउच निकल गया जिसे शायद प्यारे भी सुन पा रहा होगा,मुझे बहुत ही एक्सएटमेंट की फीलिंग हो रही थी और मैं काजल पर ऐसे टूट पड़ा जैसे की कोई भूखा खाने पर,या कोई शेर अपने शिकार पर…
काजल को बेतहाशा चूमने लगा और जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसके जीभ से मिलाई काजल भी प्यार की उस आग में किसी मोम की तरह पिघलने लगी,मुझे हल्की सी आहट सुनाई दी और मैंने काजल को अपने ऊपर कर लिया मैं उसके होठो को अपने होठो में भर कर चुम ही रहा था की मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी और मेरी योजना सफल हो गयी ,मुझे पता था की प्यारे साला अपना कमीनापन नही छोड़ेगा और जरूर दरवाजे से झांकने की कोशिस करेगा इसलिए मैंने हाल की लाइट जलने दी थी ताकि उसकी परछाई से मुझे ये समझ आ जाए की वो दरवाजे में आ चुका है ,हुआ भी वही एक परछाई दरवाजे के नीचे से मेरे बैडरूम ने प्रवेश कर रही थी और मेरे चहरे पर एक मुस्कान खिल गयी ,ना जाने प्यारे ने काजल के साथ कितनी बार क्या किया है पर आज तो साले को मैं बताऊंगा की प्यार करना क्या होता है ,ये सोच कर ही मेरे लिंग में ऐसी अकड़ हुई की काजल के मुह से एक आह सी निकल गयी ,मैं अनजाने में ही उसके कपड़े के ऊपर से ही उसकी योनि में आघात कर रहा था,जब मुझे ये समझ आया तो मुझे हल्के से हँसी आ गयी ,काजल के ऊपर लेटे हुए मैं इतना धक्का देने में तो असमर्थ था की काजल की चीख निकल जाय मैंने उसे अपने नीचे पटक दिया और उसके कपड़ो को एक ही झटके में खोल दिया वो भी बहुत ही उत्तेजित हो चुकी थी ,मैं उसे चूमता हुआ ही अपने हाथो को बिस्तर के किनारे पर ले आया और वहां पड़े एक दर्पण को ऐसे सेट किया ताकि मैं दरवाजे से आते हुए उस प्रतिबिम्ब को देख सकू ,लाइट की वजह से प्यारे की परछाई का आभास मुझे हो पा रहा था लेकिन कुछ समझ नही आ रहा था की वो क्या कर रहा है,शायद काजल को भी उसके होने का आभास हो चुका था उसकी आंखों में एक अजीब सी मादकता उतर रही थी वही मैं उसके नजर को देख ही समझ चुका था की वो भी प्यारे की उस परछाई को देख चुकी है,वो मेरे बालो को अपने उंगलियों में ऐसे जकड़े हुए थी मैं सर ही ना हिला पाउ ,काजल के कोमल से वो गीले गीले से दोनो टांगो के बीच की नाजुक पंखुड़िया मेरे मोठे से लोहे की रॉड की तरह अकड़े हुए लिंग को अपने अंदर बुला रही थी और दोनो के गुप्तांगों के चमड़ी में वो खुजली होने लगी थी जिसे लोग कभी कभी प्यार का अहसास भी कहते है………
मैंने देर किये बिना अपने प्यार के अहसास की खुजली से काजल की खुजली को मिटाने के लिए उसके अंदर तक चला गया ,
“आआहहहहहहह मेरी जान “
काजल की आवाज पहले से थोड़ी तेज थी शायद वो भी प्यारे को हमारे प्यार की गहराई से अवगत कराना चाहती थी ,
“मजा आ रहा है मेरी रानी “
मैंने धक्कों को और जोर से किया और काजल की आहे पूरे कमरे में गूंजने लगी
“हाँ जान आह आह आह और जोर से और जोर से “
काजल कमर उठकर मेरे साथ ताल से ताल मिलाने लगी थी,दोनो की कमर के टकराव से एक ताल सी उत्पन्न हो रही थी और वो संगीत शायद ही किसी को पसन्द ना हो ,वो चिपचिपे से द्रव्यों के मिलान से उत्पन्न होने वाला संगीत जिसमे कमर के टकराने की आवाज भी मिली हो उस मादकता का क्या कहना ,साथ ही मिला हो एक सौदर्य की प्रतिमा की आहे और सिसकिया ….
बिस्तर भी हमारे प्यार को सलाम करता हुआ आवाजे करने लगा था ,आज मैं जानवर हो गया था और काजल भी जानवरो की तरह मुझे अपने अंदर ले रही थी ,वो सिसकिया नही बल्कि दहाड़ सी थी ,,,
प्यारे का क्या हाल हो रहा था ये तो मुझे नही पता पर मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था और फिर वो धार निकली जिसका निकल जाना प्यार का अंत होता है ,मेरे वीर्य ने किसी जवालामुखी की तरह काजल की गुफा को भिगो दिया वही काजल भी एक जोरो की धार छोड़ते हुए मुझे कसकर पकड़ ली ,
“आआहहहहहहह मेरी जान,आह ओ…”
काजल के नाखून मेरी पीठ पर गहरे से निशान छोड़ चुके थे वही काजल के वक्षो को मैंने अपने दांतो से लाल कर दिया था………
काजल और मैं एक दूजे को जोरो से पकड़े हुए बस उस गीलेपन के अहसास में दुबे हुए थे ,सांसे अब भी तेज थी और मन में एक अजीब सा सुकून था,दोनो एक दूजे से जुदा होना ही नही चाहते थे ,वीर्य और काजल के प्यार के रस की धार मिलकर बिस्तर पर फैल रही थी …..
मैंने हल्के से दरवाजे की ओर देखा प्यारे शायद वहां से जा चुका था ,हम ऐसे मगन हुए थे की हमे उसका आभास भी नही रहा …और मैंने मन में सोचा …
“माँ चुदाये “
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ख्वाब जैसे मेरी बांहो में सोई थी काजल,जब मेरी आंखे खुली….उसके मासूम से चहरे को देखता हुआ मैं उसके नाज़ुकता को छूने लगा,वो हल्के से कसमसाई और अनजाने ही उसके चहरे पर एक मुस्कान सी खिल गयी…
बेहद प्यारी ,बेहद नाजुक पर मेरी….शरीर से नही जिस्म के इस्तमाल से नही ,बल्कि वो मेरी थी अपने मन से अपने दिल की गहराइयो से…
उसके नरम होठो को छुते ही मुझे एक झुनझुनी का अहसास हुआ और मेने उसके होठो पर अपने होठो को रख कर एक हल्की सी चुम्मन दे दी ,उसको जल्दी से उठाकर हम गार्डन की ओर चल पड़े,वो अपने स्किन टाइट कपड़ो को देख रही थी ,
“क्या हुआ जान पहन भी लो ,आज लेट हो गए है चलो जल्दी “
“वो इसे पहन कर गार्डन जाना थोड़ा अजीब लगता है,लेकिन इसमें एक्सरसाइज करना कंफेटेबल होता है,”
“तो पहन लो ना ,और जैसे कल ऊपर जैकेट पहना था वैसे ही आज भी डाल लेना,”
उसने हाँ में सर हिलाया,
फिर वही अंकल आंटी और बाकी वही लौण्डे,वही काजल को सबका रुककर देखना,लड़को का वही आहे भरना,
कभी कभी तो मुझे गुस्सा भी आता वही कभी अपने को मैं इतना नाशिबवाला मानता था की मुझे ऐसी लड़की मिली है जिसपर कितने लोग फिदा हो गए …कभी तो जलन होती तो कभी मैं उत्तेजित हो जाता ,
काम का इतना प्रेसर बढ़ रहा था की मैं परेशान ही हो गया,ऐसे तो मैं कोई भी गपला नही किया था ,पर अधिकारियों के गपलो को छुपाना पड रहा था,उनकी सभी बकचोदी मुझे सहनी पड़ रही थी ,दो दिन बीत गया और मैं काजल से ढंग से बात भी नही कर पता,दिमाग में इतना टेंशन हो रहा था की मैं घर पहुचते बहुत ही थक जाता था,वही हाल काजल का भी था ,पता नही वो रॉकी से कुछ करा रही थी या नही पर ये तो है की उसके भी चहरे पर वही थकान दिखती थी जो मेरे चहरे पर ,कुछ ही दिनों की बात थी,चलो देखते है,लेकिन तीसरे दिन काजल से रहा नही गया,
मैं जब आफिस से आया तो वो पहले से ही आ चुकी थी ,अधिकतर वो मेरे बाद ही आती थी ,वो आज थोड़ी कम थकी हुई लग रही थी ,आज रेणु को भी उसने जल्दी ही भेज दिया था…
जैसे ही हम बैडरूम में गए उसने मुझे जोरो से भीच लिया..
“जान थक गया हु ,सोते है ना “
“सुनिए ना मैं ये इनॉगरेशन का प्लान केंसिल करना चाहती हु “
मुझे एक झटका लगा ,
“क्यो जान “
“अरे देखो ना आपका भी अभी इतना वर्क लोड हो जा रहा है और मेरा भी ,क्या मतलब की हम ऐसे घर आये और मैं आपकी कुछ सेवा भी नही कर पा रही हु …”उसका चहरा सचमे उदास हो गया था,
“अरे क्या सेवा करना चाहती हो मेरा तुम ,………….अरे यार तुम पागल हो गयी हो क्या ,तुम्हे इतना अच्छा मौका मिला है वो तुम कैसे जाने दे सकती हो ,मेरे कारण तुम्हे ऐसे जगह पर रहना पड़ रहा है,जहा तुम्हारा कोई भी अच्छा फ्यूचर नही है ,अब अगर तुम ये भी नही की तो मुझे भी बुरा लगेगा ,मैं तुम्हे खुश देखना चाहता हु मेरी जान ………और उसके लिए मैं कोई भी सेक्रिफाइस कर सकता हु…”मेरे बोल मेरे दिल से निकल कर सीधे काजल के दिल तक पहुच रहे थे.
 

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