Romance बरसात की एक रात (Complete)

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Update 2

एक मैरेज पार्टी में सभी अपनी मस्ती मे थे कुछ बच्चे डीजे की धुन पर थिरक रहे थे कुछ औरते आपस में हँसी के ठहाके लगा रही थी मै अपने दोस्त का इन्तजार कर रहा था जिसके भाई के मैरेज पार्टी में आया था चूंकि वह किसी को नही जानता था इस लिये यह बोरिंग पार्टी लग रही थी। अमित बहुत देर के बाद होटल से बाहर चला आया पार्किंग के पास आ कर उसने अपने दोस्त रवि को दुबारा फोन किया।

अमित - कहा है यार पाँच मिनट बोला था और अभी आधे घन्टे हो गए ।


रवि - थोड़ा देर रूक अभी आता हूँ ।

अमित वही होटल के बाहर ही टहल रहा था कि कुछ देर बाद एक स्कूटी पर वही खूबसूरत लड़की परी शायद अपनी माँ के साथ अन्दर आई और पार्किग मे गाड़ी पार्क करने चली गई ।

अमित -( मन में सोचने लगा ) स्कूटी के पीछे बैठी औरत को कही देखा है ।


(लेकिन उसे याद नही आ रहा था वह दोनो कुछ देर मे गाड़ी पार्क कर के आ गई । अमित जैसे उनको दुबारा देखा उसे याद आ गया वह मिसेज रेखा है ।

दुआ इतनी जल्दी कुबूल होती हैं कभी सोचा न था अभी कल कि बारीश में जिसके दीदार हुये थे जिसको याद कर के रात भर करवटे बदलता रहा वह आज मेरे सामने थी कल बारीश में जितनी खुबसूरत लग रही थी उतनी ही आज भी निखार है उन के हुस्न मे,फर्क बस इतना था कि बारीश के कारण जो रेशमी जुल्फे उसके गालो से चिपक रही थी वही आज हवा में लहरा कर उसके गालो को चुम रही थी ।
--------
""खुदा ने बहुत ही फुरसत से तेरे हुस्न को तरासा है ,काश तेरे हथेलियों पर मेरा नाम लिखा हो, खुदा ने ""

रेखा जी - कैसे हो अमित ( रेखा जी अमित को पहचान गई )
wonderful update Rekha aur Amit ji ko aise hi pyaar hui gawa
 
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ये बरसातों की मुलाकातें ना अजीब होती है कब कहानिया बन जाती है कौन जाने, भीगी हसीना, लहराती जुल्फों के तराने
लिखते रहिए
Aapke do sabd bhi anmol hote hain :hug:
 
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Update 2

एक मैरेज पार्टी में सभी अपनी मस्ती मे थे कुछ बच्चे डीजे की धुन पर थिरक रहे थे कुछ औरते आपस में हँसी के ठहाके लगा रही थी मै अपने दोस्त का इन्तजार कर रहा था जिसके भाई के मैरेज पार्टी में आया था चूंकि वह किसी को नही जानता था इस लिये यह बोरिंग पार्टी लग रही थी। अमित बहुत देर के बाद होटल से बाहर चला आया पार्किंग के पास आ कर उसने अपने दोस्त रवि को दुबारा फोन किया।

अमित - कहा है यार पाँच मिनट बोला था और अभी आधे घन्टे हो गए ।


रवि - थोड़ा देर रूक अभी आता हूँ ।

अमित वही होटल के बाहर ही टहल रहा था कि कुछ देर बाद एक स्कूटी पर वही खूबसूरत लड़की परी शायद अपनी माँ के साथ अन्दर आई और पार्किग मे गाड़ी पार्क करने चली गई ।

अमित -( मन में सोचने लगा ) स्कूटी के पीछे बैठी औरत को कही देखा है ।


(लेकिन उसे याद नही आ रहा था वह दोनो कुछ देर मे गाड़ी पार्क कर के आ गई । अमित जैसे उनको दुबारा देखा उसे याद आ गया वह मिसेज रेखा है ।

दुआ इतनी जल्दी कुबूल होती हैं कभी सोचा न था अभी कल कि बारीश में जिसके दीदार हुये थे जिसको याद कर के रात भर करवटे बदलता रहा वह आज मेरे सामने थी कल बारीश में जितनी खुबसूरत लग रही थी उतनी ही आज भी निखार है उन के हुस्न मे,फर्क बस इतना था कि बारीश के कारण जो रेशमी जुल्फे उसके गालो से चिपक रही थी वही आज हवा में लहरा कर उसके गालो को चुम रही थी ।
--------
""खुदा ने बहुत ही फुरसत से तेरे हुस्न को तरासा है ,काश तेरे हथेलियों पर मेरा नाम लिखा हो, खुदा ने ""

रेखा जी - कैसे हो अमित ( रेखा जी अमित को पहचान गई )
Nice update
 
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Update 1

उसकी एक नजर ने ही अमित को दीवाना बना दिया था, वह बला की खूबसूरत लग रही थी बारीश मे भीगी हुई, बारीश के पानी ने उसे सर से पाँव तक भीगो दिया था ,उसके गालो पर लिपटी उसकी जुल्फे किसी को भी दिवाना बनाने के लिये काफी थी , आज सच में सभी अप्सरायें एक ही मूर्ति में समा गई थी । आज के पहले बहुत से चेहरे देखे लेकिन किसी में भी इतनी कशिश नही देखी थी।

आज सच में धन्यवाद करने का मन कर रहा था । उस रोड़ लाइट का जिसकी मेहरबानी से उनका दीदार हो पा रहा था । वह परेशान थी कि उसकी स्कूटी स्टार्ट नही हो रही थी ,बारीस में भीगी हुई अपनी जुल्फो को जब अपने गालो से हटाती थी तो उसके गालो का दीदार होता फिर पानी की एक एक बूँद उसके गोरे गालो से जो टपकती, किसी ऋषि मुनि की तपस्या भंग करने के लिये काफी थी, मन इस बारीश का भी शुक्रिया अदा कर रहा था जिसके कारण आज जन्नत के दर्शन जमी पर हो रहे थे ,सभी बारीश मे रूके थे मुझे आज भीगने का मन था जिस के कारण आज इस खुबसूरत लम्हे का दीदार कर पाया , और कहते है ना कि कभी अपने मन का भी कर लेना चाहिये मैने कहा -" मै कुछ हेल्प करू "


उसने पलट कर देखा उसे इस बाद का ख्याल ही नही था कि उसके इस कमाल के हुस्न का दीदार कोई बहुत देर से कर रहा हैं वह तो अपनी स्कूटी स्टार्ट करने में लगी थी ।

वह थोड़ी दूर हटी, मैने एक किक मारी और स्कूटी स्टार्ट हो गई ।

उसने कहा आप मैकेनिक हैं
मैने कहाँ नही , बहुत जल्दी में भी कभी कभी गाड़ी स्टार्ट नही होती, वह स्कूटी पर बैठ गई अपना हाथ बढ़ाया

"परी नाम है मेरा "
मैं - अमित (उसका हाथ छोड़ने का मन तो नही कर रहा था लेकिन हीरो से जीरो नही बनना चाहता था इसीलिये परी के कोमल हाथो को छोड़ दिया परी ने बॉय बोला और चली गई मैं उसे देखता रहा जहाँ तक वह दिखी मुझे)

मेरी ऑखो से नींद गायब थी बस यही सोच रहा था कि इस परी से ऐसे क्या फिर मिलूंगा, कभी दुबारा दीदार होंगे या नही उस खुबसूरत गुलाबी चेहरे के ,उन मुलायम हाथों का स्पर्श कभी होगा ।
Nice and beautiful update....
 
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Update 2

एक मैरेज पार्टी में सभी अपनी मस्ती मे थे कुछ बच्चे डीजे की धुन पर थिरक रहे थे कुछ औरते आपस में हँसी के ठहाके लगा रही थी मै अपने दोस्त का इन्तजार कर रहा था जिसके भाई के मैरेज पार्टी में आया था चूंकि वह किसी को नही जानता था इस लिये यह बोरिंग पार्टी लग रही थी। अमित बहुत देर के बाद होटल से बाहर चला आया पार्किंग के पास आ कर उसने अपने दोस्त रवि को दुबारा फोन किया।

अमित - कहा है यार पाँच मिनट बोला था और अभी आधे घन्टे हो गए ।


रवि - थोड़ा देर रूक अभी आता हूँ ।

अमित वही होटल के बाहर ही टहल रहा था कि कुछ देर बाद एक स्कूटी पर वही खूबसूरत लड़की परी शायद अपनी माँ के साथ अन्दर आई और पार्किग मे गाड़ी पार्क करने चली गई ।

अमित -( मन में सोचने लगा ) स्कूटी के पीछे बैठी औरत को कही देखा है ।


(लेकिन उसे याद नही आ रहा था वह दोनो कुछ देर मे गाड़ी पार्क कर के आ गई । अमित जैसे उनको दुबारा देखा उसे याद आ गया वह मिसेज रेखा है ।

दुआ इतनी जल्दी कुबूल होती हैं कभी सोचा न था अभी कल कि बारीश में जिसके दीदार हुये थे जिसको याद कर के रात भर करवटे बदलता रहा वह आज मेरे सामने थी कल बारीश में जितनी खुबसूरत लग रही थी उतनी ही आज भी निखार है उन के हुस्न मे,फर्क बस इतना था कि बारीश के कारण जो रेशमी जुल्फे उसके गालो से चिपक रही थी वही आज हवा में लहरा कर उसके गालो को चुम रही थी ।
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""खुदा ने बहुत ही फुरसत से तेरे हुस्न को तरासा है ,काश तेरे हथेलियों पर मेरा नाम लिखा हो, खुदा ने ""

रेखा जी - कैसे हो अमित ( रेखा जी अमित को पहचान गई )
Nice and beautiful update....
 
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:congrats: for new story
 
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Update 1

उसकी एक नजर ने ही अमित को दीवाना बना दिया था, वह बला की खूबसूरत लग रही थी बारीश मे भीगी हुई, बारीश के पानी ने उसे सर से पाँव तक भीगो दिया था ,उसके गालो पर लिपटी उसकी जुल्फे किसी को भी दिवाना बनाने के लिये काफी थी , आज सच में सभी अप्सरायें एक ही मूर्ति में समा गई थी । आज के पहले बहुत से चेहरे देखे लेकिन किसी में भी इतनी कशिश नही देखी थी।

आज सच में धन्यवाद करने का मन कर रहा था । उस रोड़ लाइट का जिसकी मेहरबानी से उनका दीदार हो पा रहा था । वह परेशान थी कि उसकी स्कूटी स्टार्ट नही हो रही थी ,बारीस में भीगी हुई अपनी जुल्फो को जब अपने गालो से हटाती थी तो उसके गालो का दीदार होता फिर पानी की एक एक बूँद उसके गोरे गालो से जो टपकती, किसी ऋषि मुनि की तपस्या भंग करने के लिये काफी थी, मन इस बारीश का भी शुक्रिया अदा कर रहा था जिसके कारण आज जन्नत के दर्शन जमी पर हो रहे थे ,सभी बारीश मे रूके थे मुझे आज भीगने का मन था जिस के कारण आज इस खुबसूरत लम्हे का दीदार कर पाया , और कहते है ना कि कभी अपने मन का भी कर लेना चाहिये मैने कहा -" मै कुछ हेल्प करू "


उसने पलट कर देखा उसे इस बाद का ख्याल ही नही था कि उसके इस कमाल के हुस्न का दीदार कोई बहुत देर से कर रहा हैं वह तो अपनी स्कूटी स्टार्ट करने में लगी थी ।

वह थोड़ी दूर हटी, मैने एक किक मारी और स्कूटी स्टार्ट हो गई ।

उसने कहा आप मैकेनिक हैं
मैने कहाँ नही , बहुत जल्दी में भी कभी कभी गाड़ी स्टार्ट नही होती, वह स्कूटी पर बैठ गई अपना हाथ बढ़ाया

"परी नाम है मेरा "
मैं - अमित (उसका हाथ छोड़ने का मन तो नही कर रहा था लेकिन हीरो से जीरो नही बनना चाहता था इसीलिये परी के कोमल हाथो को छोड़ दिया परी ने बॉय बोला और चली गई मैं उसे देखता रहा जहाँ तक वह दिखी मुझे)

मेरी ऑखो से नींद गायब थी बस यही सोच रहा था कि इस परी से ऐसे क्या फिर मिलूंगा, कभी दुबारा दीदार होंगे या नही उस खुबसूरत गुलाबी चेहरे के ,उन मुलायम हाथों का स्पर्श कभी होगा ।
very very good and nice updated
 
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Update 2

एक मैरेज पार्टी में सभी अपनी मस्ती मे थे कुछ बच्चे डीजे की धुन पर थिरक रहे थे कुछ औरते आपस में हँसी के ठहाके लगा रही थी मै अपने दोस्त का इन्तजार कर रहा था जिसके भाई के मैरेज पार्टी में आया था चूंकि वह किसी को नही जानता था इस लिये यह बोरिंग पार्टी लग रही थी। अमित बहुत देर के बाद होटल से बाहर चला आया पार्किंग के पास आ कर उसने अपने दोस्त रवि को दुबारा फोन किया।

अमित - कहा है यार पाँच मिनट बोला था और अभी आधे घन्टे हो गए ।


रवि - थोड़ा देर रूक अभी आता हूँ ।

अमित वही होटल के बाहर ही टहल रहा था कि कुछ देर बाद एक स्कूटी पर वही खूबसूरत लड़की परी शायद अपनी माँ के साथ अन्दर आई और पार्किग मे गाड़ी पार्क करने चली गई ।

अमित -( मन में सोचने लगा ) स्कूटी के पीछे बैठी औरत को कही देखा है ।


(लेकिन उसे याद नही आ रहा था वह दोनो कुछ देर मे गाड़ी पार्क कर के आ गई । अमित जैसे उनको दुबारा देखा उसे याद आ गया वह मिसेज रेखा है ।

दुआ इतनी जल्दी कुबूल होती हैं कभी सोचा न था अभी कल कि बारीश में जिसके दीदार हुये थे जिसको याद कर के रात भर करवटे बदलता रहा वह आज मेरे सामने थी कल बारीश में जितनी खुबसूरत लग रही थी उतनी ही आज भी निखार है उन के हुस्न मे,फर्क बस इतना था कि बारीश के कारण जो रेशमी जुल्फे उसके गालो से चिपक रही थी वही आज हवा में लहरा कर उसके गालो को चुम रही थी ।
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""खुदा ने बहुत ही फुरसत से तेरे हुस्न को तरासा है ,काश तेरे हथेलियों पर मेरा नाम लिखा हो, खुदा ने ""

रेखा जी - कैसे हो अमित ( रेखा जी अमित को पहचान गई )
very very good and nice updated waiting for next update
 
Mai chutiya hun 😃😃😃😃😃😃
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एक मैरेज पार्टी में सभी अपनी मस्ती मे थे कुछ बच्चे डीजे की धुन पर थिरक रहे थे कुछ औरते आपस में हँसी के ठहाके लगा रही थी मै अपने दोस्त का इन्तजार कर रहा था जिसके भाई के मैरेज पार्टी में आया था चूंकि वह किसी को नही जानता था इस लिये यह बोरिंग पार्टी लग रही थी। अमित बहुत देर के बाद होटल से बाहर चला आया पार्किंग के पास आ कर उसने अपने दोस्त रवि को दुबारा फोन किया।

अमित - कहा है यार पाँच मिनट बोला था और अभी आधे घन्टे हो गए ।


रवि - थोड़ा देर रूक अभी आता हूँ ।

अमित वही होटल के बाहर ही टहल रहा था कि कुछ देर बाद एक स्कूटी पर वही खूबसूरत लड़की परी शायद अपनी माँ के साथ अन्दर आई और पार्किग मे गाड़ी पार्क करने चली गई ।

अमित -( मन में सोचने लगा ) स्कूटी के पीछे बैठी औरत को कही देखा है ।


(लेकिन उसे याद नही आ रहा था वह दोनो कुछ देर मे गाड़ी पार्क कर के आ गई । अमित जैसे उनको दुबारा देखा उसे याद आ गया वह मिसेज रेखा है ।

दुआ इतनी जल्दी कुबूल होती हैं कभी सोचा न था अभी कल कि बारीश में जिसके दीदार हुये थे जिसको याद कर के रात भर करवटे बदलता रहा वह आज मेरे सामने थी कल बारीश में जितनी खुबसूरत लग रही थी उतनी ही आज भी निखार है उन के हुस्न मे,फर्क बस इतना था कि बारीश के कारण जो रेशमी जुल्फे उसके गालो से चिपक रही थी वही आज हवा में लहरा कर उसके गालो को चुम रही थी ।
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""खुदा ने बहुत ही फुरसत से तेरे हुस्न को तरासा है ,काश तेरे हथेलियों पर मेरा नाम लिखा हो, खुदा ने ""

रेखा जी - कैसे हो अमित ( रेखा जी अमित को पहचान गई )
Nice update:dost:

apne dost ke bhai shadi main jane par phir se pari se mil hi gaya aami

magar is baar sath main pari ki maa bhi hai our sayad wah aamit ko janti hai

kya wah aamit ki teacher hai ya koi rishtedar
 

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