Romance बरसात की एक रात (Complete)

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Update 04

अमित - मैने सोचा नही था कि तुम ऐसे मिल जाओगी, फिर तुम ऐसे आ कर मुझसे बात करोगी , अभी जब तुम सामने आ कर खड़ी हुई तो मैने सोचा यह मेरी कल्पना है मै तुम को देखे जा रहा था ,

परी अपनी तारीफ सुन कर मन ही मन बहुत खुश थी
परी - और कल , मैने नोटिस किया कल भी तुम बहुत ध्यान से देख रहे थे मेरी मदद के लिये रूके थे या फिर...

अमित - मदद के लिये ही रूका था लेकिन तुम्हारे हुस्न का दीदार करने से अपने को रोक नही सका , बारीश मे तुम बहुत हसीन लग रही थी ।

परी- मै बारीश मे परेशान थी , आधे घन्टे से भीग रही थी और तुम वहा मजे ले रहे थे (झूठा गुस्सा दिखाते हुए )

अमित - गलत न समझो , तुम्हारा ध्यान मुझ पर था ही नही, तुमको देखने के बाद कोई भी तुमको देखता ही रह जाता, फिर तुम क्या चीज हो।

अमित - सारी कायनात मे तुम जैसा शायद ही कोई होगा
परी - ज्यादा नही हो रहा
अमित - नही (अब दोनो दोस्त बन चुके थे अब डर नही था किसी बात का ),
अमित - रात भर तुमको ही याद करता रहा ।

दोनो अपनी बातो मे इतने खो गये थे की उनको किसी का ध्यान ही नही था ,परी ने भी अमित को एक बार मे ही दिल दे दिया था ।

रेखा जी का फोन आया तो परी चली गई जाने से पहले दोनो ने एक-दूसरे के फोन नम्बर लिए एक और मिलने का वादा भी किया ।

रेखा कि नजरो से अमित बच कर परी को देखता रहा , पार्टी समाप्ति की ओर थी लोग एक-दूसरे से मिलने के बाद जाने लगे थे ,अब अमित भी जाने कि सोच रहा था कि पीछे से आवाज आई अमित ने पीछे मुड़ कर देखा तो रेखा जी अपनी परी के साथ थी ।

रेखा जी - अमित खाना खा लिए
अमित -" जी"
रेखा -"पूरी पार्टी खत्म हो गई तुम मिले ही नही , मैने तुमको ढुढा लेकिन तुम नही दिखे ,
अमित - मै भी मिलना चाहता था लेकिन इतने लोगो मे आप नही दिखी ( वह झूठ बोल रहा था वह तो परी के साथ ही था )
रेखा जी - कभी घर पर आओ
अमित - आऊगाँ
रेखा जी - कल सन्डे है कल आओ, मै कल तुम्हारा इन्तजार करूंगी (रेखा जी ने अपना नं0 दिया और उसका भी नं0 लिया )

अमित और परी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी और कल फिर से मिलने की खुशी थी ।

अब, दोनो के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया, कहते है दोस्तो, इश्क के राज, छुपाए नही छुपते, दोनो के रिश्तो की खबर रेखा को भी लग गई, मगर होना क्या था, रेखा को तो अमित पहले से ही पसंद था, उसे अपने दामाद के रूप मे पाकर आज वो भी बहुत खुश थी

दोस्तो बरसात की एक रात ने दो दिलो को हमेशा-हमेशा के लिए एक कर दिया था ।
 
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wahh siddat wala pyar ho gya Amit ko aisa pratit Ho rha hai. Pichli raat hi mili ldki agle din itni jldi mil gai ye khuda ka ikhtiyaar nhi to OR Kya hai. Upr janne wali nikli jiski maa ko woh janta hai. Superbb

ये बरसातों की मुलाकातें ना अजीब होती है कब कहानिया बन जाती है कौन जाने, भीगी हसीना, लहराती जुल्फों के तराने
लिखते रहिए

Nice update

Nice and beautiful update....

:congrats: for new story

Super Update bhai :hug2:

Sala dimag ghum raha hai abhi hi pata nahi chal ye rekha our pari kaun hai

lekin aamit dono ki madad kar chuka hai ab pari khud aamit ke pass aai hai aage dekhte hai kya aamit pari ke pyar ka izhaar kar deta hai

ye kuch our pata chalta hai aamit ko pari ke bare main

Good update Bhai update ka size bada karo 🙏

Abe maine aamit ke bare main bola
aamit dono se mil chuka hai magar pari our uski maa hai kaun pata nahi chala thik e

Mast update bhai ji

Nice update sir


excellent story as always and eagerly waiting to read the next update 😃😃😃 Always💜💜💜💜 U Boss

excellent story as always and eagerly waiting to read the next update 😃😃😃 Always💜💜💜💜 U Boss

excellent story as always and eagerly waiting to read the next update 😃😃😃 Always💜💜💜💜 U Boss
Last update Posted ☺️
 
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Update 04

अमित - मैने सोचा नही था कि तुम ऐसे मिल जाओगी, फिर तुम ऐसे आ कर मुझसे बात करोगी , अभी जब तुम सामने आ कर खड़ी हुई तो मैने सोचा यह मेरी कल्पना है मै तुम को देखे जा रहा था ,

परी अपनी तारीफ सुन कर मन ही मन बहुत खुश थी
परी - और कल , मैने नोटिस किया कल भी तुम बहुत ध्यान से देख रहे थे मेरी मदद के लिये रूके थे या फिर...

अमित - मदद के लिये ही रूका था लेकिन तुम्हारे हुस्न का दीदार करने से अपने को रोक नही सका , बारीश मे तुम बहुत हसीन लग रही थी ।

परी- मै बारीश मे परेशान थी , आधे घन्टे से भीग रही थी और तुम वहा मजे ले रहे थे (झूठा गुस्सा दिखाते हुए )

अमित - गलत न समझो , तुम्हारा ध्यान मुझ पर था ही नही, तुमको देखने के बाद कोई भी तुमको देखता ही रह जाता, फिर तुम क्या चीज हो।

अमित - सारी कायनात मे तुम जैसा शायद ही कोई होगा
परी - ज्यादा नही हो रहा
अमित - नही (अब दोनो दोस्त बन चुके थे अब डर नही था किसी बात का ),
अमित - रात भर तुमको ही याद करता रहा ।

दोनो अपनी बातो मे इतने खो गये थे की उनको किसी का ध्यान ही नही था ,परी ने भी अमित को एक बार मे ही दिल दे दिया था ।

रेखा जी का फोन आया तो परी चली गई जाने से पहले दोनो ने एक-दूसरे के फोन नम्बर लिए एक और मिलने का वादा भी किया ।

रेखा कि नजरो से अमित बच कर परी को देखता रहा , पार्टी समाप्ति की ओर थी लोग एक-दूसरे से मिलने के बाद जाने लगे थे ,अब अमित भी जाने कि सोच रहा था कि पीछे से आवाज आई अमित ने पीछे मुड़ कर देखा तो रेखा जी अपनी परी के साथ थी ।

रेखा जी - अमित खाना खा लिए
अमित -" जी"
रेखा -"पूरी पार्टी खत्म हो गई तुम मिले ही नही , मैने तुमको ढुढा लेकिन तुम नही दिखे ,
अमित - मै भी मिलना चाहता था लेकिन इतने लोगो मे आप नही दिखी ( वह झूठ बोल रहा था वह तो परी के साथ ही था )
रेखा जी - कभी घर पर आओ
अमित - आऊगाँ
रेखा जी - कल सन्डे है कल आओ, मै कल तुम्हारा इन्तजार करूंगी (रेखा जी ने अपना नं0 दिया और उसका भी नं0 लिया )

अमित और परी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी और कल फिर से मिलने की खुशी थी ।

अब, दोनो के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया, कहते है दोस्तो, इश्क के राज, छुपाए नही छुपते, दोनो के रिश्तो की खबर रेखा को भी लग गई, मगर होना क्या था, रेखा को तो अमित पहले से ही पसंद था, उसे अपने दामाद के रूप मे पाकर आज वो भी बहुत खुश थी

दोस्तो बरसात की एक रात ने दो दिलो को हमेशा-हमेशा के लिए एक कर दिया था ।
bhut hi shandar aur romnchak se pripurn h thanks for the story 💜💜
 
Mai chutiya hun 😃😃😃😃😃😃
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Update 04

अमित - मैने सोचा नही था कि तुम ऐसे मिल जाओगी, फिर तुम ऐसे आ कर मुझसे बात करोगी , अभी जब तुम सामने आ कर खड़ी हुई तो मैने सोचा यह मेरी कल्पना है मै तुम को देखे जा रहा था ,

परी अपनी तारीफ सुन कर मन ही मन बहुत खुश थी
परी - और कल , मैने नोटिस किया कल भी तुम बहुत ध्यान से देख रहे थे मेरी मदद के लिये रूके थे या फिर...

अमित - मदद के लिये ही रूका था लेकिन तुम्हारे हुस्न का दीदार करने से अपने को रोक नही सका , बारीश मे तुम बहुत हसीन लग रही थी ।

परी- मै बारीश मे परेशान थी , आधे घन्टे से भीग रही थी और तुम वहा मजे ले रहे थे (झूठा गुस्सा दिखाते हुए )

अमित - गलत न समझो , तुम्हारा ध्यान मुझ पर था ही नही, तुमको देखने के बाद कोई भी तुमको देखता ही रह जाता, फिर तुम क्या चीज हो।

अमित - सारी कायनात मे तुम जैसा शायद ही कोई होगा
परी - ज्यादा नही हो रहा
अमित - नही (अब दोनो दोस्त बन चुके थे अब डर नही था किसी बात का ),
अमित - रात भर तुमको ही याद करता रहा ।

दोनो अपनी बातो मे इतने खो गये थे की उनको किसी का ध्यान ही नही था ,परी ने भी अमित को एक बार मे ही दिल दे दिया था ।

रेखा जी का फोन आया तो परी चली गई जाने से पहले दोनो ने एक-दूसरे के फोन नम्बर लिए एक और मिलने का वादा भी किया ।

रेखा कि नजरो से अमित बच कर परी को देखता रहा , पार्टी समाप्ति की ओर थी लोग एक-दूसरे से मिलने के बाद जाने लगे थे ,अब अमित भी जाने कि सोच रहा था कि पीछे से आवाज आई अमित ने पीछे मुड़ कर देखा तो रेखा जी अपनी परी के साथ थी ।

रेखा जी - अमित खाना खा लिए
अमित -" जी"
रेखा -"पूरी पार्टी खत्म हो गई तुम मिले ही नही , मैने तुमको ढुढा लेकिन तुम नही दिखे ,
अमित - मै भी मिलना चाहता था लेकिन इतने लोगो मे आप नही दिखी ( वह झूठ बोल रहा था वह तो परी के साथ ही था )
रेखा जी - कभी घर पर आओ
अमित - आऊगाँ
रेखा जी - कल सन्डे है कल आओ, मै कल तुम्हारा इन्तजार करूंगी (रेखा जी ने अपना नं0 दिया और उसका भी नं0 लिया )

अमित और परी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी और कल फिर से मिलने की खुशी थी ।

अब, दोनो के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया, कहते है दोस्तो, इश्क के राज, छुपाए नही छुपते, दोनो के रिश्तो की खबर रेखा को भी लग गई, मगर होना क्या था, रेखा को तो अमित पहले से ही पसंद था, उसे अपने दामाद के रूप मे पाकर आज वो भी बहुत खुश थी

दोस्तो बरसात की एक रात ने दो दिलो को हमेशा-हमेशा के लिए एक कर दिया था ।
Mast supar end :dost:


Magar abhi bhi mujhe pata nahi chala akhir pari our uski maa kaun thi aamit ke dost ke rishtedar ya phir koi our
 
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Magar abhi bhi mujhe pata nahi chala akhir pari our uski maa kaun thi aamit ke dost ke rishtedar ya phir koi our
Simple hai aanjan the vo bhi bharish me mile the aur rahi uski mom ki baat to uski bhi kisi Thara help Kiya hoga 😁
 
expectations
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Bahut achichi khubsurat kahani hai mitra lekin ab golu ji ke andaaz me bolun to suno ye pari thi ya koi rasgula thi aao meko kha leo are story ko aur lamba kiya ja sakta tha jaise Amit ka dahibada pari par gir jata khane ke dauraan pari usko koot deti fir wo usko naye kapde aur chocolate fulon ka guldasta lekar manata lekin writer sahab ne sab jaldi jaldi nipta diya jaise inko bus pakadni thi :bat:
 

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