Incest बहन और जीजू की फैंटेसी

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मेरी बहन और जीजू सेक्स लाइफ में खुश थे लेकिन दोनों स्वैपिंग करना चाहते थे. यही उन दोनों की फैंटेसी थी. वो दोनों किसी कपल के साथ अदला-बदली करना चाहते थे. तो उन्होंने क्या किया?
 
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मैं- राज, उम्र 24 साल, सुंदर आकर्षक देहयष्टि. मैं दिल्ली में रहता हूं और अभी अविवाहित हूँ.
जीजा जी- उनका नाम अविनाश है, उम्र 30 साल है, दिखने में सुंदर और मस्तमौला व्यक्तित्व. जीजा जी का मुंबई में खुद का बिजनेस है.
दीदी- इनका नाम चित्रा है, उम्र 28 साल. अविनाश जीजा जी की बीवी और मेरी बहन हैं. दीदी दिखने में सुंदर और हॉट हैं. कयामत सा फिगर, नशीली आंखें हैं और काफी मॉडर्न हैं.
आलिया- जीजा जी की बहन, उम्र 25 साल, हॉट फिगर, दिखने में अति सुंदर और कातिलाना स्माइल. रहने का स्टाइलिश अंदाज … अभी अकेली है.

यह सेक्स कहानी मुंबई शहर से शुरू होती है. जीजा जी के घर में मेरी बहन और आलिया को मिला कर सिर्फ तीन लोग रहते हैं. जीजा जी और दीदी बहुत खुश थे लेकिन उन दोनों की एक फैंटेसी थी, जिस वजह से यह कहानी शुरू होती है.

वो दोनों अपनी सेक्स लाइफ में बहुत खुश थे, लेकिन वो दोनों स्वैपिंग करना चाहते थे. यही उन दोनों की फैंटेसी थी. उनकी ये फैंटेसी एक वीडियो के जरिए शुरू हुई थी. उसे देखने के बाद वो दोनों किसी कपल के साथ अदला-बदली करना चाहते थे.

एक रात के दस बजे वो दोनों अपने रूम थे और एक दूसरे की बांहों में चिपक कर लेटे हुए बातें कर रहे थे.

चित्रा- सुनो अविनाश, मेरे पास एक आइडिया है, जिससे हम हमारी फैंटेसी पूरी कर सकते हैं.
अविनाश- क्या?
चित्रा- देखो हम स्वैपिंग करना चाहते हैं. मेरा एक भाई हैं और तुम्हारी एक बहन है.
अविनाश- मतलब!
चित्रा- वो दोनों अब जवान हैं, तो क्यों ना हम हमारी फैंटेसी में उन दोनों को शामिल कर लें.
अविनाश- ओह्ह … चित्रा ये तुम क्या बोल रही हो?

चित्रा- देख अविनाश, वो दोनों एक अच्छे दोस्त हैं. अगर हम उन दोनों को शामिल कर लें, तो हमें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी. यही एक सेफ रास्ता है, जिससे किसी को पता भी नहीं चलेगा.
अविनाश- तुम बात तो सही कर रही हो, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि सम्भव है. वो दोनों कभी इसके लिए राजी नहीं होंगे.
चित्रा- वो दोनों जरूर मानेंगे. बस हमें उनको मनाना पड़ेगा.
अविनाश- चलो माना कि राज मान भी गया, लेकिन आलिया कभी नहीं मानेगी.

चित्रा- तुम्हारी बहन मेरी अच्छी सहेली भी है, उसे मैं मना लूंगी और तुम राज को मना लेना.
अविनाश- ठीक है … बात करते हैं. लेकिन उन्हें मनाएंगे कैसे … तुमने कुछ सोचा है क्या?
चित्रा- नहीं … मैंने अभी इसके लिए कुछ नहीं सोचा है. मैंने पहले इस बारे में तुमसे बात करना ठीक समझा.
अविनाश- ओके.

फिर वे दोनों सोचने लगे.

अविनाश- हम उनसे झूठ तो नहीं बोल सकते हैं, इसलिए उन दोनों को बातों से फंसाना पड़ेगा.
चित्रा- हां ये तो है. चलो ऐसे ही करते हैं.

दूसरे दिन, जब जीजा जी ऑफिस निकल गए थे. उनके जाने के बाद दीदी और आलिया दोनों टीवी देख रही थीं.

चित्रा- आलिया मैं तुमसे एक बात पूछूं!
आलिया- क्या!
चित्रा- तुम्हें मेरा भाई कैसा लगता है?
आलिया- मतलब!
चित्रा- क्या वो तुम्हें पंसद है?
आलिया- भाभी आप कहना क्या चाहती हैं?
चित्रा- पहले वादा करो, तुम गुस्सा नहीं होगी.
आलिया- पहले आप बताइए.
चित्रा- पहले वादा.
आलिया- ठीक है.

चित्रा- मेरी और तुम्हारे भाई की एक फैंटेसी है.
आलिया- कैसी फैंटेसी?
चित्रा- हम दोनों स्वैपिंग करना चाहते हैं.
आलिया- क्या … आर यू क्रेज़ी? भाभी, आप ये क्या बोल रही हो?
चित्रा- हम चाहते हैं कि तुम दोनों इस फैंटेसी में शामिल हो.

आलिया- भाभी आप पागल हो गई हैं. आप चाहते हैं कि मैं भाई के साथ? … आप ऐसा सोच भी कैसे सकती हो?
चित्रा- देख आलिया, कल तुम किसी से शादी जरूर करोगी. तुम और राज एक अच्छे दोस्त हो. इसलिए हम चाहते हैं कि तुम दोनों हमारी फैंटेसी पूरी करने में हमारी मदद करो.
आलिया- नेवर … नेवर … मैं ऐसा कभी नहीं कर सकती.

चित्रा- देख … अगर हम दोनों दूसरे कपल के साथ मिलकर स्वैपिंग करेंगे, तो प्रॉब्लम हो सकती है. अगर तुम दोनों हमारा साथ दोगे, तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.
आलिया तेज स्वर में बोली- आप भाई-बहन के स्वैपिंग की बात कर रही हैं. ये किसी भी तरह से सम्भव नहीं है भाभी.

ये कहते हुए आलिया खड़ी होकर अपने कमरे में चली गई. चित्रा उसे जाते हुए देखती रही.

दूसरी तरफ ऑफिस में अविनाश मेरे भाई राज से फोन पर बात करने लगे.

अविनाश- हाई राज.
मैं- हैलो जीजा जी, इस समय कैसे याद किया.
अविनाश- तुमसे थोड़ा काम है.
मैं- हां बताइए न.
अविनाश- पहले तुम वादा करो कि मेरी बात पर गुस्सा नहीं होगे.
मैं- अरे जीजा जी … मैं आज तक कभी आपकी बात पर गुस्सा हुआ भी हूं.

अविनाश- मेरा एक दोस्त है, जिसने मुझे एक बात कही है. वो क्या करे, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है … और ना ही मेरे पास उसके सवाल का जवाब है. इसलिए मैंने सोचा कि में तुमसे मदद ले लूं.
मैं- ऐसा कौन सा सवाल है, जिसका जवाब आपके पास नहीं है.
अविनाश- मेरा जो दोस्त है, उसकी और उसकी वाइफ की एक अजीब फैंटेसी है, जो वो दोनों पूरा करना चाहते हैं.
मैं- कैसी फैंटेसी?
अविनाश- वो दोनों अपने भाई-बहन के साथ स्वैपिंग करना चाहते हैं.

मैं- क्या … आपका दोस्त पागल तो नहीं हो गया है?
अविनाश- उन दोनों के पास अपनी फैंटेसी पूरी करने के लिए यही एक रास्ता है, वो नहीं चाहते हैं कि उन दोनों का नाम खराब हो. क्योंकि उन दोनों की बहुत इज्जत है.
मैं- जीजा जी आपका दोस्त पागल हो गया है.

अविनाश- उन दोनों को अपनी फैंटेसी पूरी करनी है.
मैं- इसमें मैं क्या कर सकता हूं.
अविनाश- तुम ही कोई सोल्यूशन दो.
मैं- अगर वो अपनी फैंटेसी पूरी करना चाहते हैं, तो किसी दूसरे कपल के साथ कर लें.
अविनाश- उनके पास दूसरा कोई आसान विकल्प नहीं है.

मैं- वैसे आपका ऐसा क्रेज़ी दोस्त कौन है.
अविनाश ने हिचकते हुए कहा- मैं!
मैं- क्या … क्या आप मजाक कर हैं?
अविनाश- नहीं यार, मैं एकदम सीरियस हूँ.
मैं- क्या … जीजा जी … आप क्या बोल रहे हो. दीदी ऐसा कभी नहीं सोच सकती.
अविनाश- मैं सही बोल रहा हूँ.
मैं- जीजा जी, आप गलत बोल रहे हो.

अविनाश- तुम ही हमारी मदद कर सकते हो.
मैं- माफ करना जीजा जी, ये नहीं हो सकता.
अविनाश- क्या तुम हमारे लिए इतना नहीं कर सकते हो.
मैं- मैं अपनी जान दे सकता हूं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकता.
अविनाश- प्लीज़ राज … हां बोल दो, तुम्हें तुम्हारी दीदी की कसम.

मैं- लेकिन हम भाई-बहन…
अविनाश- देख राज इसके लिए हम तीनों तैयार हैं. बस तुम्हारी हां चाहिए … प्लीज़!
मैं- तीसरा कौन है.
अविनाश- आलिया.
मैं- क्या … वो कभी हां नहीं कहेगी.
अविनाश- उसकी छोड़ो, तुम बताओ … क्या तुम हमारे लिए इतना नहीं कर सकते हो.
मैं- माफ करना जीजा जी.
अविनाश ने इमोशनल होकर कहा- कोई बात नहीं, मुझे लगा तुम जरूर मदद करोगे.
मैं- जीजा जी, मैं सोचकर बताता हूँ.
अविनाश- ठीक है, मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा.

रात को खाने समय आलिया थोड़ी रुठी सी लग रही थी. खाना खत्म करके आलिया अपने रूम में चली गई. चित्रा और अविनाश भी उसे जाते देख कर अपने कमरे में चले गए.

अविनाश- क्या हुआ?
चित्रा- आलिया नहीं मानी … और राज ने क्या कहा?
अविनाश- आधा काम तो हो गया है, बस आधा काम तुमको पूरा करना है.
चित्रा- मतलब!
अविनाश- अपना फोन दो.

तभी अविनाश ने चित्रा के फोन से मुझे एक मैसेज किया.

चित्रा ने पूछा- क्या मैसेज किया?
अविनाश- तुम खुद ही पढ़ लो.

चित्रा मैसेज पढ़ने लगी- हाय भाई, मैं जानती हूँ कि यह करना गलत है, लेकिन क्या तुम अपनी बहन के लिए इतना नहीं कर सकते. अविनाश के बाद मुझे सबसे ज्यादा तुम ही पंसद हो, प्लीज मान जाओ. अपनी प्यारी बहन के खातिर, प्लीज!

चित्रा ने अविनाश की तरफ मुस्कुरा कर देखा.
अविनाश- अब वो जरूर मानेगा.
चित्रा- तुमने तो अपना काम कर लिया, लेकिन आलिया को मनाना बहुत मुश्किल है.
अविनाश- आलिया को मनाने के लिए तुम्हें उसे इमोशनल करना होगा.
चित्रा- कल देखती हूँ.

फिर अविनाश के जाने के बाद चित्रा आलिया के रूम में गई.

आलिया- भाभी अगर आप उसी बारे में बात करने आई हैं, तो मुझे कोई बात नहीं करनी है.

चित्रा आलिया के पास बैठ गई- हमारे लिए इतना नहीं कर सकती हो?
आलिया- अगर आप दोनों को अपनी फैंटेसी पूरी करने का इतना ही शौक है, तो एक काम करो भाई के कई सारे दोस्त हैं, उनके साथ स्वैपिंग कर लो. लेकिन मैं ऐसा गलत काम नहीं करूंगी.

चित्रा- तुम्हारे भाई ने तुम्हारी हर एक ख्वाहिश पूरी की है. कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी है. फिर भी कोई बात नहीं, तुम अपने भाई के लिए इतना भी नहीं कर सकती. एक बात याद रखना सबसे पहले तुम एक लड़की हो और फिर किसी की बहन हो. तुम्हारे भाई तुमसे बहुत प्यार करते हैं.

चित्रा इतना कहकर वहां से उठी और अपने कमरे में चली गई.

कुछ मिनट बाद चित्रा के फोन में आलिया का मैसेज आया- ठीक है, लेकिन यह पहली और आखिरी बार होगा.

आलिया का मैसेज पढ़कर चित्रा बहुत खुश हो गई. उसने तुरंत अविनाश को कॉल किया.
अविनाश- यस डार्लिंग?
चित्रा- आलिया ने हां बोल दी है.
अविनाश खुश होकर चहका- रियली!
चित्रा- यस.
अविनाश- राज भी राजी है.
चित्रा- गुड.

अविनाश- तो राज को कब बुलाना है?
चित्रा- परसों.
अविनाश- डन.
चित्रा- सुनो प्रोटेक्शन का सारा बन्दोबस्त कर लेना.
अविनाश- ओके डन.

चित्रा- फाइनली हमारी फैंटेसी अब पूरी होगी. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि हमारी फैंटेसी के चक्कर में दो बहनें अपने भाइयों से चुदने वाली हैं.

अविनाश- ऐसे तो कई किस्से हैं. जैसे कि दो बहनें अपने भाई से चुदेंगी, एक बीवी अपने पति के सामने दूसरे मर्द से चुदेगी, तो दूसरी बहन अपने भाई के सामने किसी और मर्द से चुदेगी. एक भाभी अपने ननदरानी के सामने अपने भाई से चुदेगी, तो एक ननदरानी अपनी भाभी के सामने अपने भाई से चुदेगी. परसों की रात किसी की बीवी चुदेगी, तो किसी की बहन … तो किसी की भाभी, तो किसी ननदरानी.

चित्रा- अब बस करो.
अविनाश- वैसे प्लान क्या है?
चित्रा- वो तुम घर पर आओगे, तब बताऊंगी.

इसी खुशी की वजह से दो दिन कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला. मैं भी खुश था कि मुझे आलिया के साथ सेक्स करने का मौका मिलेगा, बस अपने बहन के साथ सेक्स करना मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था. फिर मैंने तीसरे दिन मुंबई जाने के लिए फ्लाईट पकड़ ली.

मैं मुंबई एयरपोर्ट पर शाम को करीब सात बजे पहुंचा, मुझे लेने के लिए जीजा जी आए थे. हम दोनों ने हाथ मिलाए और कार में बैठ गए. फिर हम दोनों इधर-उधर की बातें करने लगे और जीजा जी कार चलाते रहे.

कुछ देर बाद जीजा जी ने एक वाइन शॉप से चार बोटल स्कॉच व्हिस्की की ले लीं. हम चारों ही एक साथ ड्रिंक कर चुके थे … मगर हम कभी खास मौके पर ही ड्रिंक्स करते थे.

जीजा जी का घर एकदम आलीशान था, शहर के शोर शराबे से दूर. जीजा जी का घर एक मंजिला था, जिसमें चार कमरे, एक स्टडी रूम, किचन, हॉल था. जब हम घर पहुंचे, तो वाचमैन ने गाड़ी देख कर गेट खोल दिया. जीजा जी के मेन गेट से मुख्य घर 200 मी दूर है, इसलिए हमें वाचमैन की कोई परवाह नहीं थी.

जीजा जी के हाथ में स्कॉच की बोतलों का बैग था और मेरे हाथ में मेरा बैग था.

हम दोनों घर के गेट पर पहुंचे. जीजा जी ने डोरबेल बजा दी. आलिया आई और उसने गेट खोल दिया. वो मुझे देखकर हाय कहकर मुस्करा दी.
मैंने भी उसे मुस्कुरा कर देखा और उसके मम्मों पर एक कातिल नजर डाली. वो भी ये देख कर शर्मा गई.

हम दोनों अन्दर आ गए और आलिया ने डोर लॉक कर दिया.

आलिया ने जीजा जी के हाथ से स्कॉच का बैग ले लिया और रसोई में चली गई. तभी दीदी रसोई से बाहर आ गई और हम दोनों गले मिलने लगे. आज मुझे अपनी दीदी के मम्मे कुछ अलग ही अहसास दे रहे थे. आज दीदी मुझसे चुदने वाली थीं.

दीदी- राज तुम फ्रेश हो जाओ, तब तक खाना भी तैयार हो जाएगा.
मैं- ओके.

मैं दूसरे कमरे में चला गया और अपने बैग से कपड़े निकाल कर नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया. जब मैं बाथरूम में नहाने लगा … तो आज की हसीन रात के बारे में सोचने लगा. अब तो मैं अपनी दीदी के बारे में भी सोचने लगा था. दीदी और आलिया दोनों हॉट माल थीं, जिन्हें देखकर कोई भी मर्द घायल हो जाए.
 
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मैं फ्रेश होकर रूम से बाहर आ गया और जीजा जी के साथ सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा. वो दोनों रसोई में खाना बना रही थीं.

तभी दीदी ने आवाज़ दी और खाना खाने के लिए बुलाया. मैं और जीजा जी वहां डाइनिंग टेबल के पास जाकर बैठ गए.

डाइनिंग टेबल पर मेरे सामने दीदी बैठी थीं, मेरे पास आलिया बैठी थी. दीदी के पास जीजा जी बैठे थे.

दीदी खाना सर्व करने लगीं. मैं उन दोनों लड़कियों को बारी बारी से देख रहा था. उन दोनों इस समय टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थीं.

हम चारों खाना खाते हुए एक दूसरे की तरफ देख रहे थे. फिर खाना खत्म हुआ और मैं जीजा के साथ हॉल में आ गया. वो दोनों बर्तन साफ करने रसोई में चली गईं.

इधर हम दोनों टीवी देख रहे थे, तभी आलिया वहां पर आ गई. वो मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गई. दीदी स्कॉच व्हिस्की की बोतल और चार गिलास लेकर आ गईं. वो जीजा जी के पास बैठ कर गिलास में व्हिस्की डालने लगीं.

फिर हम चारों ने गिलास उठाए और चियर्स बोल कर पैग चुसकना शुरू कर दिया. जीजा जी ने एक ही सांस में पैग हलक के नीचे उतारा और दोबारा पैग बनाने लगे. तभी मैंने भी अपना गिलास खाली किया और अपना गिलास भी आगे कर दिया. कुछ ही पल बाद दीदी और आलिया भी दूसरे पैग का मजा लेने लगीं.

जीजा जी का कहना था कि शराब हमेशा खाने के बाद ही लेना चाहिए.

जल्दी ही हम सबने तीन तीन पैग मार लिए. करीब दस बजे तक हम टीवी देखते रहे.

चित्रा ने आलिया का हाथ पकड़ते हुए उसे चलने के लिए कहा- आलिया कम ऑन … एन्जॉय यार.

फिर वो दोनों गेस्ट वाले कमरे में चली गईं. उनके जाने के एक मिनट बाद हम दोनों भी खड़े होकर उसी कमरे में चले गए.

अविनाश ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा- हमारी फैंटेसी पूरी करने के लिए तुम दोनों का धन्यवाद.

चित्रा ने नशे की मस्ती में मुझसे कहा- राज डियर … पहले तुम्हारे बारी है. जिस तरह जैसे अविनाश ने तुम्हारी बहन की सील तोड़ी थी, आज तुम उसकी बहन की सील तोड़ोगे.

दीदी आज दारू के नशे में फुल मूड में आ गई थीं … जिस तरह से वो बात कर रही थीं … उससे मुझे समझ आ गया था कि आज मुझे अपनी बहन का छिनालों वाला रंग देखने मिलने वाला है.

मैंने दीदी के चूचों की तरफ देखा.
चित्रा ने मुस्कुराते हुए कहा- ये भी तेरे लिए तैयार हैं … मगर पहले तुम दोनों एक दूसरे को किस करो.
आलिया कसमसाते हुए बोली- भाई, मुझसे नहीं होगा.
अविनाश- चित्रा.

तभी दीदी आलिया के पास गई और आलिया के होंठों को चूमने लगी. पहले तो आलिया को अजीब लगता रहा, लेकिन फिर नशे की वजह से वो भी दीदी का साथ देने लगी.

जीजा जी सिगरेट का धुंआ छोड़ते हुए वहां पर पड़ी कुर्सी पर बैठ गए और मैं खड़ा होकर उन दोनों को किस करते देखने लगा.

तभी एक मिनट बाद दीदी रुक गईं और उन्होंने मुझे इशारा कर दिया.
मैं उठ कर उधर गया और आलिया का मुँह पकड़कर उसे किस करने लगा. अब आलिया का संकोच कम हो गया था और वो मुझे साथ देने लगी थी.

उधर दीदी जीजा जी की गोद में जा कर बैठ गईं … और जीजा जी के हाथ से सिगरेट लेकर धुंआ उड़ाने लगीं.

आलिया भी कामुक होकर मेरा साथ देने लगी थी. आलिया के होंठों को चूमने में मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरे दोनों हाथ आलिया की कमर पर आ गए थे और हम दोनों किस करने में मशगूल हो गए.

सामने दीदी जीजा जी की गोद में बैठकर उनको किस कर रही थीं. हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे के मुँह को छू रही थीं. हम दोनों मस्त होकर किस करने लगे थे. मैं अपने दोनों हाथों से आलिया की गांड को सहला रहा था, हम इतने मशगूल हो गए थे कि हम यह भूल गए थे कि इस कमरे में हमारे अलावा भी दो और लोग हैं.

दीदी- आलिया, राज की टी-शर्ट निकाल दो.

तभी आलिया ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मैंने भी आलिया की टी-शर्ट निकाल दी. उसने इस समय काले रंग की ब्रा पहनी थी. उसके 34B साइज के चुचे देखकर मेरा लंड तन गया. उधर अपनी बहन आलिया के चूचे ब्रा में देख कर अविनाश जीजा जी का लंड भी तन गया था. मैं और आलिया हम दोनों किस करने में लग गए.

दीदी जीजा जी कान में बोलीं- क्या बात है डियर, अपनी बहन का हॉट फिगर देखकर लंड उछलने लगा है क्या!
अविनाश- हां यार, वो है ही इतनी हॉट.
चित्रा- वैसे आज मेरा भाई तुम्हारी बहन को अच्छे से पेलेगा.
अविनाश- जैसे मैं तुम्हें पेलता हूं.

दीदी जीजा जी के होंठों को चूमने लगीं और इधर मैं आलिया के होंठों को चूम रहा था.

चित्रा- अब पूरी रात सिर्फ किस ही करोगे या आगे भी कुछ करोगे?

दीदी की बात सुनकर मैंने आलिया को घुमा दिया और उसकी ब्रा का हुक खोल कर निकाल दिया. अब मैं अपने दोनों हाथ से आलिया के मम्मों को सहलाने लगा.

आलिया दीदी और जीजा जी की तरफ सेक्सी नजरों से देख रही थी. मैं आलिया के मम्मों को जोर से दबाने लगा और उसकी चूचियों के कड़क हो चुके दोनों निप्पलों को अपने दोनों हाथों की उंगलियों के बीच दबा कर मींजने लगा. इससे आलिया मदहोशी की हालत में सीत्कार करने लगी.

इधर मैं आलिया के मम्मों को मसल रहा था, तो उधर जीजा जी दीदी के मम्मों को मसल रहे थे. आलिया के चुचे बड़े टाइट थे.

उसी समय आलिया अपने हाथों से मेरे हाथों को रोक कर घूम गई और मुझको किस करने लगी.

ये सब दो ही मिनट हुआ था कि मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने आलिया को बेड पर पटक दिया … और आलिया के ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूमने लगा. दीदी और जीजा जी हम दोनों को देख रहे थे.

मैं आलिया के मम्मों को सहलाते हुए उसके पूरे बदन को चूमने लगा. आलिया कामुक आवाज कर रही थी. मैंने अब उसका शॉर्ट और काली पैंटी भी निकाल दिया. मैंने देखा कि आलिया की चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. उधर जीजा जी दीदी के मम्मों को मस्ती से सहलाए जा रहे थे.

जीजा जी- तुम्हारा भाई तो खिलाड़ी लग रहा है.
दीदी- आखिर भाई किसका है.

मैं जैसे ही आलिया की चुत को चाटने लगा, तो आलिया एकदम से सिसक गई और बेडशीट को पकड़कर कसमसाने लगी. आलिया की चुत बहुत टाइट थी और बड़ी ही मादक थी. आलिया मुझे ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाई., और उसके शरीर में ऐंठन शुरू हो गई.

आलिया- आहह उह ओह आ आहह!
दीदी- राज अब और मत तड़पा … जल्दी से चोद डाल.

मैंने दीदी की तरफ देखा. दीदी अपने नंगे मम्मों को जीजा जी से चुसवाने लगी थीं. मैंने आलिया की दोनों टांगें फैला दीं और उसकी कमसिन चुत की फांकों पर अपना लंड सैट कर दिया.

तभी आलिया ने मुझे रोक दिया- प्रोटेक्शन!
दीदी- रुको … मैं देती हूं.

मैं भी सोच रहा था कि साली को नशे में भी कंडोम की याद बनी रही.

दीदी ने झट से उठ कर ड्रावर में से कंडोम का पैकेट निकाल कर मुझे दे दिया. मैंने कंडोम पहनकर आलिया की चुत पर लंड सैट किया और एक जोर का धक्का लगा दिया. पहले ही शॉट में मेरा आधा लंड चुत में घुस गया.

आलिया दर्द के मारे जोरों से चिल्ला उठी- ओहह मर गई … उम्म्ह… अहह… हय… याह…

मैंने उसकी चीख सुनी तो डर के मारे आलिया की चुत से लंड निकाल लिया.
जीजा जी- साले साहब, धीमे से.
आलिया तड़फ कर कहने लगी- उंह … बहुत मोटा है … मुझसे नहीं होगा.

तभी दीदी ने मुझे किस करने का इशारा कर दिया और मैं आलिया के होंठों को चूमने लगा.

कुछ देर बाद जब आलिया शांत हो गई, तब मैंने फिर से लंड को सैट किया.
आलिया डरते हुए बोली- धीमे डालना, बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने आलिया की बात सुनकर धीमे से धक्का मारा, जिससे इस बार वो धीमे स्वर में आवाज़ करने लगी. कुछ देर की मशक्कत के बाद मैंने कुछ लंड अन्दर पेल दिया और उसको चूमने सहलाने लगा. एक मिनट बाद आलिया को दर्द से मुक्ति मिल गई और अब मैं उतने ही लंड को चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. आलिया भी चुदाई का मजा लेते हुए कामुक आवाजें करने लगी.

अविनाश- तुम्हारे भाई का लंड तो बहुत बड़ा है जान.
चित्रा- हां यार … इसका बहुत बड़ा मूसल है … पता नहीं आलिया का क्या हो रहा होगा.

उसी समय मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. कुछ देर बाद मैंने एक जोर का झटका मारा, जिससे मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत में घुस गया.
और आलिया फिर से जोरों से चिल्लाने लगी- आहहह राज, स्टॉप इट … आह यू हर्ट मी … राज स्टॉप इट … प्लीज बाहर निकालो … मुझे दर्द हो रहा है.

मैंने आलिया की बात सुनकर और उत्साहित होकर जोर से झटके मारना शुरू कर दिए. इससे आलिया की आंख में आंसू आ गए … मगर मैं बेरहमी से आलिया को उसके भाई के सामने पेलता रहा.

आलिया- आहहह … राज आह भाई … राज मुझे दर्द हो रहा है.

जीजा जी और दीदी लंड चुत की सीलतोड़ चुदाई देखने का आनन्द ले रहे थे.

आलिया ने दोनों हाथों से बेडशीट पकड़ ली थी … मैं पूरी ताकत से आलिया को चोदने में लगा हुआ था. हालांकि कुछ देर बाद आलिया की चीखें खत्म हो गई थीं.

करीब दस मिनट लगादार चोदने के बाद मैं झड़ गया और कंडोम निकाल कर आलिया के पास लेट गया.

आलिया अपनी चुत को हाथ सहलाते हुए सीत्कार कर रही थी. आलिया की चुत पर हल्का सा खून लगा था.

तभी दीदी खड़ी होकर आलिया के पास आईं और जीजा जी बाहर निकल गए.
दीदी- रिलेक्स … पहली बार ऐसा ही होता है.

अपनी ननद आलिया की चुत को दीदी ने टिश्यू पेपर से साफ किया और उसको चूम लिया. आलिया की दर्द मिश्रित मुस्कान निकलने लगी. दीदी ने भी उसको हंस कर देखा और वो दोनों किस करने लगीं.

मैं उन दोनों को चूमते हुए देख रहा था. तभी जीजा जी व्हिस्की की बोटल लेकर कमरे में आ गए.

जीजा जी ने पैग बनाए और पहले मुझे गिलास देते हुए बोले- लो थकान दूर करो.
उसके बाद जीजा जी ने उन दोनों को भी गिलास दे दिए.

मैं- सॉरी आलिया.
आलिया मुस्कुराते हुए- इट्स ओके.

फिर हम चारों चियर्स कहकर पैग मारने लगे. इस समय हम दोनों नग्न अवस्था में थे, जबकि दीदी और जीजा जी ने कपड़े पहने हुए थे.

चित्रा- आलिया … एक काम करो तुम शावर ले लो … तुम्हें राहत मिलेगी.
आलिया- ठीक है.

फिर आलिया धीमे से उठकर बाथरूम में चली गई और हम तीनों ने एक एक पैग और बना लिया.

जीजा जी- राज, तुमने तो मेरी बहन की बैंड बजा दी.
चित्रा- और तुम मेरी बैंड बजाते हो उसका क्या!

इस बात पर हम तीनों हंसने लगे. जीजा जी ने कहा इसी बात पर एक सिगरेट सुलगाओ यार.

दीदी अपने होंठों में सिगरेट दबा कर लाईटर से सुलगाने लगीं. मैं दीदी को कामुक नजर से देख रहा था. मुझे उनमें एक चुदक्कड़ माल दिख रहा था.
 
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जीजा जी ने मेरी आंखों की वासना को पढ़ते हुए कहा- मेरी बहन तो बाथरूम में है, लेकिन तुम अपनी दीदी के साथ दूसरा राउंड शुरू कर सकते हो.

तभी दीदी ने मेरे हाथ से गिलास ले लिया.

दीदी ने मुझे सिगरेट देते हुए कहा- राज तुम्हें मजा तो आ रहा है न?
मैंने सिगरेट पीते हुए कहा- हां बहुत मजा आ रहा है.

मैंने दीदी की चूचियों को देखे जा रहा था. ये देख कर दीदी शायद गर्म हो गईं और उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया. मेरे हाथ से सिगरेट ले कर जीजा जी को देते हुए वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे होंठों को चूमने लगीं.

दीदी के चुम्बन से मेरा लंड एंटीना की तरह खड़ा हो गया और मैं भी दीदी का साथ देने लगा. मैं दीदी के होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को सहलाने लगा.

अगले ही पल दीदी ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी, जिससे उनकी प्रिन्टेड ब्रा और 36 बी साइज के कातिलाना चुचे दिखने लगे. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी बहन इस समय मेरे ऊपर बैठी है और आज वो मुझसे चुत चुदवाएगी.

कुछ ही देर में दीदी मेरे बदन को चूमने लगीं. मैंने भी दीदी को बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. उधर जीजा जी नंगे होकर कुर्सी प्यार बैठकर अपने लंड को सहलाते हुए अपनी बहन के आने का इन्तजार कर रहे थे.

मैं दीदी के बदन को चूमने लगा और उनकी ब्रा को निकाल कर उसके रसीले मम्मों को मसलने लगा. दीदी गर्म होने लगी थीं. मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था.

तभी बाथरूम से आलिया बाहर निकल आई और वो अपने भाई को लंड सहलाते देखने लगी.

उसे बाहर आता देख कर जीजा जी खड़े हो गए और आलिया के पास आ गए. जीजा जी ने अपनी नंगी बहन को गले से लगा कर चूमा और उसके मम्मों को सहलाने लगे.

अविनाश- तैयार हो न मेरी प्यारी बहना!
आलिया- भाई इस समय में बहुत थकी हुई हूँ और मुझे नीचे बहुत दर्द हो रहा है.

तभी जीजा जी आलिया के होंठों को चूमने लगे और उसकी बात को शायद जीजा जी ने अनसुना कर दिया था.

इधर मैं अपनी दीदी के बदन को चूमकर गर्म कर रहा था. कुछ पल बाद मैंने दीदी का शॉर्ट और पैंटी भी निकाल दी. अब मेरी दीदी पूरी नंगी मेरे साथ थी.

अब तक मेरी बहन और आलिया की भाभी की चुत गीली हो गई थी. मैं दीदी की चुत चाटने लगा. उधर जीजा जी ने आलिया को बेड पर लेटा दिया और खुद अपनी बहन के ऊपर चढ़ गए. दीदी जीजा जी को देखकर मुस्कुरा दीं और आलिया की तरफ सेक्सी नजर से देख कर उसे आंख मार दी.

मैं अपनी दीदी की चुत चाटने में मशगूल था और जीजा जी भी आलिया के होंठों को चूम रहे थे. कुछ देर बाद आलिया भी उनका साथ देने लगी.

इधर दीदी भी गर्म होकर कामुक आवाजें निकाल रही थीं. वो जल्दी से चुत में लंड पेलने की कह रही थीं.

मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा और दीदी की चुत पर लंड सैट कर दिया.
लेकिन उसी पल दीदी ने मुझे रोक दिया- भाई पहले कंडोम तो लगा लो, अपनी दीदी को ही प्रेग्नेंट करोगे क्या?
मैं- ओके.

मैंने खड़े होकर ड्रावर खोला तो देखा कि उसमें कंडोम के कई सारे पैकेट रखे थे. हर तरह के फ्लेवर्स के कंडोम थे और कुछ दूसरी टेबलेट भी रखी थीं. उनमें से में एक स्ट्राबेरी फ्लेवर्स का कंडोम लेकर लंड पर चढ़ाया और वापस दीदी के ऊपर चढ़ गया.

मैंने अपने लंड को अपनी बहन की चुत पर सैट किया और एक धक्का लगा दिया मगर मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर से चुत की दरार में लंड को सैट किया और इस बार जोर से धक्का लगा दिया, जिससे मेरा आधा लंड दीदी की चुत में घुस गया.
दीदी के मुँह से आवाज निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

मैं रुका नहीं और पूरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दीदी दर्द के मारे छटपटाने लगीं. दीदी की चिल्लपौं सुनकर वो दोनों भी हम दोनों को देखने लगे थे.

दीदी- आहह राज … यू आर सो हार्ड … आह मर गई … आ उह.

दीदी की मादक आवाज सुनकर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

तो दीदी बोली- राज, यू आर सो फास्ट … जरा धीरे करो मेरे भाई … आहह ओह राज … प्लीज राज स्लो करो … मुझे दर्द हो रहा है.

दीदी की आवाजें सुनकर मुझे अहसास हो गया था कि मेरा लंड जीजा जी के लंड से बड़ा है. मैं जीजा जी के लंड को देखने लगा. सच में जीजा जी का लंड मेरे लंड से छोटा था.

जीजा जी और आलिया दोनों नंगे होकर किस करने में मशगूल थे.

मेरे लंड से मेरी दीदी को दर्द हो रहा था. फिर भी वो मेरे हर धक्के को झेल रही थीं क्योंकि वो मुझसे आज पूरी तरह से चुदना चाहती थीं.

कुछ ही देर में दीदी को मजा आने लगा और अब वो कामुक आवाजें निकाल रही थीं. दीदी अपने दोनों पैर हवा में उठाए हुए अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ पकड़ कर अपने भाई के लंड से चुदाई का मजा ले रही थीं.

दीदी- आहह राज … तेरा लंड बहुत बड़ा है रे.. … आहह आ चोद दे मुझे … आंह फक मी हार्ड.

मैं दीदी की बात सुनकर मैं उनकी चुत में और जोर जोर से धक्के मारने लगा.

तभी मुझे आलिया की आवाजें सुनाई दी. मैंने उसकी ओर देखा. उधर जीजा जी ने भी अपनी बहन आलिया को चोदना शुरू कर दिया था.

आलिया को दर्द हो रहा था, वो ना चाहते हुए भी अपने भाई से चुद रही थी. जीजा जी आलिया को धीमे धीमे चोद रहे थे.

जीजा जी- साले साहब अपनी बहन को चोदने में मजा आ रहा है न?
मैं- बहुत ज्यादा … और आपको?
जीजा जी- हां बड़ी मक्खन माल है आलिया.

इस समय कमरे में दोनों की कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. इस समय एक ही बेड पर दो बहनें, अपने भाइयों से चुद रही थीं.

कुछ ही देर में दीदी झड़ गई थीं, लेकिन मैं अभी भी अपनी बहन को जोरों से चोदे जा रहा था.

कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और हांफते हुए दीदी के ऊपर ही गिर गया. दीदी भी सीत्कार करते हुए शांत हो गई थीं.

उसके बाद मैं लंड से वीर्य भरा कंडोम निकाल कर डस्टबिन में फेंक कर दीदी के पास लेट गया.

दीदी अपनी चुत में उंगली कर रही थीं. मेरे बाजू में जीजा जी अपनी बहन आलिया की चुदाई में अभी भी लगे हुए थे.
आलिया की कामुक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं.

तभी वो दोनों भी झड़ गए. जीजा जी ने खड़े होकर कंडोम को डस्टबिन में डाला और नंगे ही लंड हिलाते हुए मेज के पास जाकर एक पैग बनाने लगे. पैग का एक घूँट लिया और एक सिगरेट जला कर गिलास लिए बाथरूम में चले गए.

दो बार चुदने के कारण आलिया की चुत पूरी तरह से लाल हो चुकी थी और उसे दर्द भी हो रहा था. हालांकि मेरा लंड भी थोड़ा दर्द कर रहा था.

आलिया मेरी बहन के साथ सट कर बोली- भाभी बहुत दर्द हो रहा है.
चित्रा- होता है यार.

फिर दोनों किस करने लगीं और मैं थकान की वजह से चुपचाप पड़ा था.

तभी जीजा जी बाथरूम से बाहर निकल कर आलिया के पास लेट गए. बेड इतना बड़ा था कि हम चारों आराम से लेट गए थे.

फिर दीदी मेरी ओर घूमीं और हम दोनों किस करने लगे. उधर जीजा जी आलिया की चुत को सहला रहे थे ताकि आलिया को कम दर्द हो जाए.

मैं- आई लव यू दीदी.
दीदी- आई लव यू टू हनी.

तभी जीजा जी ने लाइट ऑफ़ कर दी और हम चारों सो गए. मेरा एक हाथ दीदी के मम्मों पर था और एक पैर उनकी नंगी टांगों के बीच फंसा हुआ था.

दूसरे दिन मैं सुबह उठा, तब वहां कमरे में मेरे अलावा कोई भी नहीं था. मैं बेड से उठकर अपने कपड़े पहन कर अपने रूम में चला गया. फिर फ्रेश होकर कपड़े चेंज करके रूम से बाहर आया.

जीजा जी सोफे पर बैठकर लैपटॉप में अपना काम कर रहे थे.

मैं- गुड मॉर्निंग जीजा जी.
जीजा जी- गुड मॉर्निंग.

मैं रसोई में गया, जहां दीदी नाश्ता बना रही थीं.

दीदी- गुड मॉर्निंग राज.
मैं- गुड मॉर्निंग दीदी.

फिर मैंने दीदी को पीछे से बांहों में ले लिया. दीदी घूम गईं और हम दोनों किस करने लगे. उसके बाद मैंने पानी पिया और हॉल में चला गया.

वहां सोफे पर बैठकर मैं फोन इस्तेमाल करने लगा. तभी आलिया वहां पर आ गई. रात में दो बार की चुत चुदाई की वजह से उसे दर्द हो रहा था और दर्द की वजह से उसकी चाल बदल गई थी.

आलिया- गुड मॉर्निंग भाई.
अविनाश- गुड मॉर्निंग डॉल.
मैं- गुड मॉर्निंग आलिया.
आलिया ने मेरे साथ चिपकते हुए कहा- गुड मॉर्निंग राज जी.

तभी दीदी ने नाश्ता करने के लिए बुलाया … और हम तीनों नाश्ता करने के लिए चले गए. दीदी नाश्ता सर्व करने लगीं और हम चारों ने नाश्ता खाना शुरू कर दिया.

चित्रा- आलिया अब कैसा लग रहा है?
आलिया- पहले से बैटर फील हो रहा है.
चित्रा- गुड.

मैं- आज का क्या प्लान है?
दीदी- कल रात तुम दोनों ने मजा किया था, आज हम दोनों मजा लेंगी.

आलिया- मतलब.
चित्रा- मतलब आज ये दोनों घर का सारा काम करेंगे और हम दोनों के आदेश का पालन करेंगे. आज रात तक नो सेक्स.
आलिया- गुड आईडिया. कल मुझे बहुत तड़पाया, अब मेरी बारी है.
अविनाश- ठीक है.
मैं- ओके.
अविनाश- लेकिन आज की रात हमारी होगी.
चित्रा- ओके.

फिर हम सभी नाश्ता खत्म करके बातें करने लगे … और वो दोनों हॉल में चली गईं.

चित्रा- सुनो बर्तन साफ कर देना.
अविनाश- ओके मेरी जान.
मैं- जीजा जी मैं कर लूंगा … आप अपना काम करें.
जीजा जी- ठीक है.

फिर मैं बर्तन साफ करने लगा और काम खत्म करने के बाद मैं उन लोगों के पास चला आया.

आलिया- राज, प्लीज़ मेरे लिए पानी लेकर आना.
मैं- अभी लाया.

जब मैं पानी लेकर गया और वहां सोफे पर बैठने लगा.

दीदी- सुनो तुम दोनों घर की साफ सफाई कर लेना और कपड़े वाशिंग मशीन में डाल देना. आज कोई स्टाफ नहीं आने वाला है … सभी को छुट्टी दे दी थी.
अविनाश- चलो साले साहब काम पर लग जाते हैं.

हम दोनों खड़े हो गए. उसी समय मुझे शरारत सूझी और मैं आलिया के गालों पर किस करके भागने लगा. आलिया कुछ बोले, उसे पहले मैं वहां से भाग गया.

आलिया हंसते हुए बड़बड़ाने लगी.

इसके बाद हम जीजा-साले ने मिलकर पूरे घर की सफाई कर दी, वाशिंग मशीन में कपड़े डाल कर धो लिए, उन्हें सुखाने का काम पूरा किया. ऐसे ही करीब एक घंटे बाद हम दोनों ने घर का पूरा काम खत्म कर दिया.

इस पूरे समय वो दोनों आराम से टीवी देख रही थीं और हम काम कर रहे थे.

जब हम दोनों अपना काम खत्म करके वहां गए. तो उन दोनों ने फिर से हमें काम सौंप दिया.

आलिया- राज मेरे पैर दर्द कर रहे हैं, जरा मसाज कर देगा.
चित्रा- हां यार अविनाश … तुम मेरे पैरों की मसाज कर दो.

उन दोनों के पैर दर्द नहीं कर रहे थे, फिर भी वो हमें परेशान कर रही थीं. वैसे भी हमारे पास कोई चॉइस नहीं थी. इसलिए हम दोनों उनके पैरों को दबाकर मसाज करने लगे.

चित्रा- आलिया, तुम्हारा भाई तो बहुत अच्छी मसाज करता है.
आलिया- और आपका भाई भी.

हम दस मिनट तक उन दोनों के पैरों की मसाज करते रहे. फिर उन दोनों ने हमें रोक दिया. हम दोनों भी सोफे पर बैठकर फिल्म देखने लगे. अभी दिन के ग्यारह बजे थे.

दीदी- खाना बनाने का टाइम हो गया है.
अविनाश- ओके.

इसके बाद हम दोनों साले जीजा रसोई में गए और खाना बनाना शुरू कर दिया. वैसे मुझे ओर जीजा जी दोनों को खाना बनाना आता है. इसलिए कोई मुश्किल नहीं आने वाली थी.

मैं- जीजा जी, हमने हां कहकर बहुत बड़ी गलती कर दी है.
जीजा जी- बात तुम सही कह रहे हो, पता नहीं आगे और कितना परेशान करेंगी.
मैं- अब कर भी क्या सकते हैं.
अविनाश- आज की रात तो हमारी है, तब सारा हिसाब चुकता करेंगे.
 
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मैं- जीजा जी, दीदी को सेक्स के मामले में ऐसी कौन सी चीज है, जो पसंद नहीं है.
जीजा जी- आज तक तुम्हारी दीदी ने कभी भी गांड नहीं मरवाई है. कोई भी लड़की पहले तो अपनी गांड मरवाने में डरती ही है. हां तुम्हारी दीदी को मुँह में लंड लेना भी पंसद नहीं है.
मैं- हम्म … तो आज रात को होगा असली खेल.
अविनाश- मैं तुम्हारी दीदी की बैंड बजाऊंगा और तुम मेरी बहन की बजाना.

इसी तरह चुदाई की बातों के साथ हम दोनों ने खाना बनाया और बाहर डाइनिंग टेबल पर सजा दिया. फिर हम चारों ने साथ में खाना खाया.

खाना खत्म करने के बाद वो दोनों अपने कमरे में चली गईं. लेकिन हमारे लिए कमरे में प्रवेश निषेध था. इसीलिए दीदी और आलिया ने हम दोनों को कई सारे काम सौंप दिए थे. यहां तक की उन दोनों ने हमसे दुबारा भी घर की सफाई करवाई. आज उन दोनों ने हमें आराम ही नहीं करने दिया.

जब रात को हम खाना खा रहे थे. तब बात होने लगी.

अविनाश- चलो आखिरकार आज का दिन खत्म हुआ. अब हमारा हुक्म चलेगा.
मैं- तुम दोनों ने बहुत परेशान किया है. अब हमारी बारी है.
अविनाश- अपना टाइम आ गया. सुनो खाना खाने के बाद तुम दोनों, हमारा रूम में इन्तजार करना … हम दोनों अपना आखिरी काम करके जल्द ही आ जाएंगे.

वो दोनों खिलखिलाती हुई कमरे में चली गईं और हम दोनों बर्तन साफ करने में लग गए.

आलिया- भाभी आपको क्या लगता है कि वो दोनों आज क्या करेंगे?
चित्रा- डोन्ट वरी, वो दोनों चोदने के अलावा और कुछ नहीं करेंगे.

इस समय दोनों बहुत हॉट लग रही थीं. दीदी ने इस समय लोवर और टी-शर्ट पहना हुआ था और आलिया ने पेन्ट और शर्ट पहना था.

तभी हम दोनों व्हिस्की की बोटल लेकर अन्दर आ गए. जीजा जी ने पैग बनाए और चारों चियर्स करके पैग मारने लगे.

अविनाश- चलो, तुम दोनों जल्दी से अपने अपने कपड़े निकाल दो.
दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए. इस समय दोनों सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गई थीं.

उनको देख कर हम दोनों ने भी अपने कपड़े निकाल दिए. उसके बाद हम दोनों एक दूसरे की बहन के साथ चिपक कर किस करने लगे. मैं आलिया की गांड को सहलाते हुए किस कर रहा था और जीजा जी दीदी के कमर पर हाथ रखकर किस कर रहे थे.

जीजा जी- चित्रा, घुटने के बल बैठ जाओ.
दीदी के साथ मैंने भी आलिया को घुटने के बल बैठा दिया.

मैं- अब लंड को मुँह में लो.
आलिया- क्या अह फक … मैं मुँह में नहीं लूंगी.
अविनाश- अभी तुम दोनों को हमारी हर बात माननी पड़ेगी.
चित्रा- सीरयसली!
अविनाश- यस.
आलिया- नो वे!
मैं- नो वे … अब ये करना ही पड़ेगा.

फिर दीदी ने आलिया तरफ देखकर जीजा जी का लंड हाथ में ले लिया और धीमे से मुँह में डालने लगीं. वो धीमे धीमे लंड को मुँह में अन्दर बाहर करने लगी थीं.

पहली बार दीदी को बहुत अजीब फीलिंग हो रही थी, लेकिन उनके पास कोई चॉइस नहीं थी.

फिर आलिया भी दीदी को देखकर हाथ में लंड पकड़कर मुँह में डालने लगी, लेकिन उसने एक बार चूस कर लंड बाहर निकाल दिया.

मैंने उसका मुँह पकड़ कर मुँह में लंड घुसा दिया. पहले तो उन दोनों के लिए मजबूरी वाला काम था, लेकिन फिर वो सही वाला ब्लोजॉब करने लगीं.

मैं लंड चुसवाता हुआ एक हाथ से आलिया के मम्मों को मसल रहा था. दूसरे हाथ से उसके बाल पकड़ कर लंड पेलते हुए सीत्कार कर रहा था. उधर जीजा जी दीदी के बाल पकड़ कर सीत्कार कर रहे थे.

मैंने मजाक करते हुए कहा- जीजा जी, आपकी बहन ब्लोजॉब जोरदार करती है.
जीजा जी- हां … आह इधर तुम्हारी दीदी तो लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही है.

तभी दीदी ने जीजा जी की जांघ पर चमाट लगा दी. जीजा जी उंह करते हुए हंसने लगे.

हम दोनों कामुक आवाजें कर रहे थे- आहह आह उह आह बेब.

अब जीजा जी से कन्ट्रोल नहीं हो रहा था. उन्होंने दीदी को खड़ा करके बेड पर लेटा दिया और मैंने भी दीदी के बाजू में ही आलिया को बेड पर लेटा दिया.

वे दोनों ही चुदने के लिए रेडी हो गई थीं.

हम दोनों अपने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाकर एक बार एक दूसरे को देखा और उन दोनों के ऊपर चढ़ गए. हम दोनों ने एक साथ चुत पर लंड सैट करके सीटी मारी और पूरी ताकत से झटका मार दिया, इससे वो दोनों एक साथ जोरों से चिल्ला उठीं.

हम दोनों ने उनकी चीख पर कोई ध्यान नहीं दिया और बिना रुके चोदना चालू कर दिया. कुछ ही झटकों के बाद उन दोनों के गले से कामुक आवाजें कमरे में गूँजने लगीं. उनकी मदमस्त आवाजों के साथ फच फच की आवाजें भी गूंजने लगी थीं.

चित्रा दीदी- आहह … ओह मेरी जान … यू आर सो हार्ड … आहह … कितना अन्दर तक पेल रहे हो.

उधर आलिया भी किलकिला रही थी- ओह मर गई आह राज … धीरे चोदो … मुझे दर्द हो रहा है … आंह राज तुम्हारा बहुत बड़ा है..

कोई पांच मिनट तक लगातार चुत चोदने के बाद हम दोनों जीजा साले ने अपनी अपनी जगह बदल ली और अब हम दोनों ही अपनी-अपनी बहनों को घोड़ी बना कर चुत में लंड डालने लगे.

दीदी- राज तुम ये क्या कर रहे हो … आह मार ही डालोगे क्या?
उसी समय जीजा जी ने आलिया की गांड पर एक जोर की चपत लगा दी.

आलिया- ओह भाई … लगती है यार!
दीदी- ओह!

अब तक वो दोनों जान गई थीं कि हम दोनों उनकी गांड मारने वाले हैं. इसलिए वो दोनों छटपटाने लगी थीं. लेकिन वो बच नहीं सकती थीं.

तभी मैंने एक जोर का झटका मार दिया, जिससे मेरा आधा लंड दीदी की गांड में घुस गया. दीदी दर्द के मारे जोरों से चिल्लाने लगीं.

ठीक उसके अगले पल आलिया की भी चीखने की आवाजें सुनाई देने लगीं. मैं समझ गया कि जीजा जी ने अपनी बहन आलिया की गांड में लंड पेल दिया है.
वो दोनों इतनी जोर से चिल्लाने लगी थीं. मानो घोड़े ने अपना लंड घुसा दिया हो. लेकिन हम रुकने वाले नहीं थे.

हम दोनों अपनी बहन को बेरहमी से चोदने में लगे थे और वो दोनों जोर से चिल्लाते हुए गांड मारने के लिए मना कर रही थीं.

आलिया की आंख में आंसू आ गए थे- भाई उन्हह … स्टॉप इट … मुझे बहुत दर्द हो रहा है … क्या अपनी बहन को मार ही डालोगे?
दीदी- आहह राज … प्लीज़ रुको.
आलिया- आहह मां मर गई … भाई दर्द हो रहा है … प्लीज़ स्टॉप इट.
दीदी- ओह राज सो हार्ड … प्लीज़ स्टॉप इट … आहह उह आ.

हम दोनों ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी थी. कोई पांच मिनट तक उन दोनों ननद भौजाई की गांड में लंड चलते रहे.

तभी जीजा जी झड़ गए और वे रुक गए. जीजा जी ने कंडोम निकालकर बाहर डस्टबिन में डाला और व्हिस्की का गिलास लेने चले गए.

आलिया बेड पर पट हो कर लेट गई. मैं अभी भी हांफते हुए दीदी की गांड मार रहा था. दीदी की कराहें कम होने लगी थीं. शायद उनकी चुत ने पानी छोड़ दिया था.
तभी मैं भी दीदी की गांड में झड़ गया. मैंने लंड बाहर खींचा और खड़ा होकर कंडोम को डस्टबिन में डालकर बाथरूम में पेशाब करने के लिए चला गया.

वो दोनों निढाल होकर धीमे स्वर में दर्द भरी सीत्कार कर रही थीं.

कुछ देर बाद मैं वापस आकर दीदी के पास बैठ गया. तभी जीजा जी भी दारू की बोतल और गिलास लेकर उधर ही बिस्तर पर आ गए.

दीदी- तुम दोनों एकदम पागल इंसान हो क्या?
मैं हंसते हुए दीदी के मम्मों को सहलाने लगा.

जीजा जी ने सबको व्हिस्की का पैग बनाकर दिए. लेकिन आलिया की हालत इतनी पतली हो गई थी कि वो पैग भी नहीं मार पाई … बस ऐसे ही लेटी रही. उसने अपना गिलास बगल के स्टूल पर रख देने का कह दिया.

अविनाश- ज्यादा दर्द तो नहीं रहा न बहना.
आलिया- अब आपको अपनी बहन याद आ रही है.
चित्रा- तुम दोनों सही में बहुत कमीने हो.
अविनाश- तुम दोनों ने जितना दिन भर हमें परेशान किया था … उसका मजा हमारी बारी ने चुका दिया है.

मैं- अभी तो पार्टी शुरू हुई है.
दीदी- शटअप.
अविनाश- आलिया मालिश कर दूं?
आलिया- नहीं रहने दो, मुझ पर कृपा करो.
मैंने हंसते हुए दीदी से कहा- दीदी आपको तो मालिश की जरूरत नहीं है न.

दीदी ने एक घूँट लेते हुए मुँह बनाया और नहीं कहते हुए एक सिगरेट जलाने का कहा.
मैंने जल्दी से एक सिगरेट जला कर दीदी को दे दी.

दीदी ने सिगरेट का कश खींचते हुए अपने मुँह का स्वाद ठीक किया और दारू का मजा लेने लगीं. कुछ ही देर में हम तीनों ने अपने पैग खत्म कर दिए.

दीदी ने अपनी गांड सहलाते हुए कहा- तुम्हारे पागलपन में हमारी बैंड बज गई. आइन्दा मेरी गांड कभी मत मारना.
अविनाश- अभी तो तुम्हारे भाई ने तेरी गांड मारी है, अभी तुम्हारे पति को तेरी गांड मारना बाकी है मेरी जान.
चित्रा ने चिढ़ कहा- तुम अपनी खुद की गांड मरवाओ, तब दर्द का पता चलेगा.

अविनाश- तो तैयार हो न … दूसरे राउंड के लिए?
आलिया- भाई इस समय में बहुत थक चुकी हूँ. प्लीज़ मेरी गांड अब मत मारना.
अविनाश- कोई बात नहीं, मैं तुम्हारी थकावट दूर कर देता हूँ.

फिर जीजा जी ने आलिया के होंठों से गिलास लगाया और धीरे धीरे उसे पूरी पिला दी. तभी आलिया ने दीदी के हाथ से सिगरेट ले कर अपने मुँह का स्वाद लिया. जीजा जी अपनी बहन आलिया के मम्मों को सहलाते हुए उसके गालों को चूमने लगे. इधर मैंने भी अपनी दीदी के होंठों को चूम कर उन्हें लेटा दिया.

अब हम जीजा-साले दोनों अपनी अपनी बहनों के हॉट फिगर को चूम रहे थे. मेरा रॉड फिर से दीदी को चोदने के तैयार था, मैं बस दीदी को गर्म कर रहा था.

इस बार मैंने बिना कंडोम लगाए दीदी को चोदना चालू कर दिया. कुछ ही देर में लंड की चमड़ी की रगड़ से दीदी गर्म हो गईं. उन पर दारू ने मस्ती चढ़ा दी थी. नीचे से दीदी भी अपनी गांड उछाल कर चुदाई का मजा ले रही थीं और साथ में कामुक आवाजें कर रही थीं.

दीदी- आहह राज … कितना मजा देते ही भाई … कम ऑन फक मी फास्ट … आंह फाड़ डाल अपनी दीदी की चुत. आज मैं तुम्हारी हूँ … चोद डाल … या ओह गॉड आहह या या..

मैं तेजी से दीदी को चोद रहा था. उधर जीजा जी अभी भी आलिया के बदन से खेल रहे थे. फिर बिना देर किए जीजा जी ने भी आलिया को चोदना शुरू कर दिया. आलिया भी कामुक आवाजें करते हुए अपने भाई के लंड से चुदाई का आनन्द ले रही थी.

इस बार हम दोनों जल्दी झड़ गए. मैंने सारा माल दीदी की चुत में डाल दिया और उनके बाजू में लेट गया. उधर वो दोनों भाई बहन चुदाई का मजा ले रहे थे.

दीदी उनकी चुदाई को देखते हुए खड़ी होकर बाथरूम चली गईं.

जीजा जी भी इस बार जल्द ही झड़ गए थे, उन्होंने लंड पर कंडोम लगाया हुआ था. अपनी बहन की चुत चोदने के बाद जीजा जी ने कंडोम को लंड से निकाला और डस्टबिन में फेंक कर आलिया के पास लेट गए.

मैं आलिया के पास आकर उसके मम्मों को सहलाते हुए किस करने लगा. शायद आलिया अभी झड़ी नहीं थी … इसलिए वो मेरे लंड से चुदने को जल्दी मचाने लगी.

कुछ ही देर मैं फिर से गर्म हो गया और आलिया के ऊपर चढ़कर उसको चोदने लगा. जीजा जी मेरी ओर देखकर मुस्कराने लगे.

तभी दीदी जीजा जी के पास आकर उनके लंड को सहलाते हुए उन्हें किस करने लगीं.

ऐसे ही चुत चुदाई का मजा करते हुए रात के करीबन एक बजे तक हम चुदाई का खेल खेलते रहे. फिर सब थक गए और सो गए. मैं उन दोनों के बीच सोया था. जीजा जी दीदी के दूसरी तरफ लेटे थे.

जब सुबह जीजा जी उठे, तो वो देखने लगे कि हम दोनों भाई-बहन चुदाई करने में लगे थे.

जीजा जी- तुम दोनों सुबह ही शुरू हो गए.
मैं- क्या करूं जीजा जी आपकी बीवी है ही इतनी हॉट माल कि मेरे लंड से कन्ट्रोल ही नहीं हुआ.
जीजा जी- ये बात तो है. चित्रा माल तो जबरदस्त है.

दीदी ने चुदते हुए मुझे सेक्सी स्माइल दी. जीजा जी खड़े होकर लंड हिलाते हुए अपने कमरे में चले गए.

कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मैं दीदी के पास लेट गया. आलिया अभी भी सो रही थी.

मैं अपनी आंखें बंद करके आराम करने लगा. दीदी खड़ी होकर अपने कपड़े लेकर अपने कमरे में चली गईं

मेरी आंख लग गई और मैं सो गया. जब मैं उठा, तब आलिया भी जा चुकी थी.
 
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मैं भी उठ कर अपने कमरे में चला गया और फ्रेश होकर बाहर हॉल में आ गया.

वो तीनों नाश्ता कर रहे थे. दीदी ने मुझे बुलाया, मैं भी आलिया के पास जाकर बैठ गया. मैं नाश्ता करते समय आलिया को तंग करने लगा. मैं उसकी जांघों पर हाथ घुमाने लगा.

आलिया- राज स्टॉप इट.
चित्रा- क्या हुआ?
आलिया- देखो न भाभी … आपका भाई तंग कर रहा है.
दीदी- राज … मेरी ननद को परेशान मत कर.
मैं- दीदी मैं आपकी ननद को नहीं, अपनी होने वाली गर्लफ्रेंड को तंग कर रहा हूं.

तभी आलिया ने मेरी ओर देखा.
मैं- आलिया मेरे साथ डेट पर चलोगी?
आलिया मेरी बात सुनकर मुझे देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी.

जीजा जी- हम दोनों भी तुम लोगों के साथ आएंगे, क्योंकि मैं तुम्हारी दीदी को कितने दिनों से डेट पर नहीं ले गया हूँ.
चित्रा- ठीक है, हम सभी तैयार हो जाते हैं और फिर घूमने चलते हैं.

कुछ ही देर में हम चारों ने नाश्ता खत्म कर लिया और तैयार होने के लिए अपने अपने रूम में चले गए.

जब हम तैयार होकर रूम से बाहर आए, तब मैं उन दोनों को नजर भर कर देखता ही रह गया. उन दोनों ने ऐसा ड्रेस पहना था, जिसे देखकर कोई भी घायल हो जाएगा. उन दोनों को देख कर लग रहा था कि मानो दो अप्सराएं धरती पर आ गई हों.

मैंने उन दोनों की तारीफ़ की, तो दोनों ने ही मुझे थैंक्स कहा.

फिर हम चारों कार में बैठकर घर से निकल गए. दीदी और जीजा जी आगे बैठे थे और हम दोनों पीछे बैठे थे.

हम चारों पूरा दिन मुंबई शहर घूमते रहे. उसी शाम को मैंने सही मौका देखकर आलिया को प्रपोज कर दिया. उसने भी मेरा प्रपोजल स्वीकार कर लिया.

उसके बाद हम रात को एक अच्छे होटल में गए और एक एक पैग ले कर डिनर करके वापस घर आने के लिए निकल आए. जीजा जी कार ड्राइव कर रहे थे.

अविनाश- चित्रा, आज तुम किसके साथ सोना पंसद करोगी, अपने भाई के साथ या अपने पति के साथ?

जीजा जी की बात सुनकर हम चारों मुस्कराने लगे.

तभी जीजा ने कार के वाइन शॉप के सामने रोक दी और मुझसे स्कॉच लाने के लिए कहा. मैंने शॉप से स्कॉच की पांच बोटल ले लीं और घर वापस आ गए.

दीदी ने कहा कि पांच की क्या जरूरत थी, अभी घर पर रखी तो थीं.
मैंने कहा- कोई बात नहीं … ये तो लगती रहती हैं.

जब हम घर पर पहुंचे, तब मैंने अन्दर आते ही आलिया को अपनी गोद में उठा लिया.

मैं- जीजा जी, आज आप दीदी के साथ मजा करना, आज की रात मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बिताऊंगा.
इतना कहकर मैं आलिया को अपने कमरे में ले आया. आलिया भी आज मेरा साथ पाकर खुश नजर आ रही थी.

हम दोनों कमरे में आकर किस करने लगे. मैं सुबह से इसी मौके की तलाश में था. कुछ ही देर में आलिया ने मेरी शर्ट उतार दी और हम दोनों मस्त होकर रोमांस करने लगे. इस समय दोनों तरफ आग लगी हुई थी और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

कुछ ही मिनट में हम दोनों के कपड़े उतर गए थे और मैंने आलिया को बेड पर पटक दिया.

मैं आलिया के ऊपर चढ़कर उसके बदन को चूमने लगा. इस समय मैं इतना गर्म हो गया था कि उसकी गर्दन पर लवबाईट का निशान देने लगा था. आलिया भी मुझे चूमे काटे जा रही थी. अगले दो पल बाद मैंने आलिया की ब्रा को निकाल दिया और उसके मम्मों को चूमने लगा. उसके कातिलाना मम्मों को दबाते हुए मसलने लगा.

आलिया कामुक आवाजें कर रही थी- आहह उह आह!

कुछ देर मम्मों का मजा लेने के बाद मैंने उसकी गीली पैंटी भी निकाल दी और आलिया की चुत को चाटने लगा. आलिया अपनी आंखें बंद करके चुत चुसाई का मजा ले रही थी.

कुछ पल बाद मैंने उसकी चुत चाटना बंद कर दिया, जिससे वो समझ गई कि अब चुत में लंड जाएगा.

आलिया- राज, प्लीज़ कंडोम तो लगा लो.
मैं- लगाना पड़ेगा?
आलिया- यस.
मैं- ओके.

फिर मैं अपने खड़े लंड के साथ दीदी के कमरे में गया, जहां जीजा जी दीदी को पेल रहे थे. मेरे अन्दर आने से वो दोनों डिस्टर्ब हो गए और मेरी ओर देखने लगे.

जीजा जी- क्या हुआ साले साहब अपनी दीदी की याद आ गई?
मैंने मजाक करते हुए कहा- मेरे पास आपकी बहन चुदने को बेकरार है. मैं कंडोम लेने आया था, वो आपकी बहन कंडोम के बिना चोदने नहीं दे रही है. आप चुदाई जारी रखें.

दीदी की टांगें हवा में उठी थीं और जीजा जी का लंड उनकी चुत में घुसा हुआ था. दीदी मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगीं. तभी जीजा जी वापस लंड पेलने लगे और मैं वहां से कंडोम लेकर चला आया.

मैंने रास्ते में ही लंड पर कंडोम चढ़ा लिया और अपने लंड को सहलाते हुए कमरे में आ गया. उधर आलिया अपनी चुत में उंगली कर रही थी.
उसकी चुदास देख कर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और पूरी ताकत के साथ धक्का लगा कर उसे चोदने लगा.

आलिया मेरे हर झटके को सहते हुए सीत्कार कर रही थी और चुदाई का मजा ले रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… राज … या या … फक मी … फक आहह ओह राज … यू आर सो हार्ड. आई एम कमिंग!

वो झड़ गई मगर मैं उसे चोदता रहा. दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए और मैंने कंडोम निकाल कर डस्टबिन में फेंक दिया.

चुदाई के बाद मैं आलिया से चिपककर उसके बदन से खेलने लगा.

वो मुझसे प्यार भरी बातें करने लगी. कुछ ही देर में फिर से आग लग गई और अबकी बार मैंने आलिया को घोड़ी बना दिया.

आलिया डरने लगी- राज … गांड में नहीं, प्लीज दर्द होता है.
मैं- इस बार नहीं होगा.
आलिया- लेकिन राज!?

तब तक मैंने आलिया की गांड को पकड़ कर धक्का लगा दिया था, जिससे थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया और आलिया कराह उठी.

मैं अब धीमे धीमे से धक्का लगाने लगा. आलिया कामुक आवाजें करने लगी थी. उसे गांड मराने में मजा आने लगा था. मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड गांड में ठूंस दिया. वो भी हल्के दर्द के बाद लंड का मजा लेने लगी.

अब मैं आलिया की कमर को पकड़ कर तेजी से उसकी गांड चोदने लगा, जिससे आलिया की आवाजें बढ़ गईं, लेकिन वो बस दर्द को सहते हुए मजा ले रही थी. क्योंकि उसे पता था कि मैं नहीं रुकूँगा.

सच में आलिया गांड बहुत मस्त थी. मैं उसकी पीठ पर चढ़ कर उसके मम्मों को मसलता हुआ उसकी गांड को मस्ती से चोद रहा था.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया और बेड पर लेट गया. इस बार लंड पर कंडोम नहीं लगा था, जिस वजह से मैंने लंड का सारा गरम माल उसकी गांड में खाली कर दिया. वो अपनी गांड को सहलाते हुए कांप रही थी.

आलिया- ओहह गॉड … कितना कड़क है तुम्हारा, अन्दर तक मथ कर रख देते हो.

हम दोनों पूरी तरह से थक चुके थे. मैं बेड पर लेट गया … और वो बाथरूम चली गई. उसके बाद हमने फिर रात को एक बार फिर से चुदाई की और थक कर सो गए.

सुबह जब मैं उठा, तब आलिया कमरे में नहीं थी. इसलिए मैं फ्रेश होकर बाहर आ गया. दीदी और वो दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता कर रही थीं.

मैं- गुड मॉर्निंग लेडीज.
दीदी- गुड मॉर्निंग.

मैं आलिया के गाल पर किस करके उसके पास बैठ गया, लेकिन जीजा जी कहीं दिख नहीं रहे थे.

मैं- दीदी जीजा जी कहीं दिख नहीं रहे?
दीदी- वो जरूरी काम से ऑफिस चले गए हैं.
मैं- दीदी थैंक्यू सो मच.
दीदी- किसलिए?
मैं- आपकी वजह से मुझे इतनी हॉट गर्लफ्रेंड जो मिल गई.

तभी आलिया मुस्कराते मेरे कंधे पर मजाक में हाथ मारने लगी.

दीदी- थैंक्यू तो मुझे आप दोनों को कहना चाहिए. आप दोनों की वजह से हमारी फैंटेसी पूरी हुई है.

फिर इसी तरह बातें करते हुए हम सबने नाश्ता खत्म कर दिया. मैं एक सिगरेट सुलगा कर टीवी देखने लगा. आलिया अपने कमरे में चली गई और दीदी घर का काम करने लगीं. कुछ देर बाद दीदी नहाकर मेरे पास आकर बैठ गईं. इस समय दीदी ने वाइट टी-शर्ट और शॉर्ट पहना हुआ था. हम दोनों फिल्म देखने लगे.

मैं- दीदी इस ड्रेस में आप बड़ी मस्त दिख रही हो.

दीदी ने सेक्सी स्माइल करके कहा- थैंक्स, वैसे तुम भी हमेशा की तरह हैंडसम लग रहे हो.

मैं- दीदी एक बात पूछूं.
दीदी- हां पूछ न.
मैं- यह भाई-बहन की स्वैपिंग का आईडिया किसका था?
दीदी- वो एक्चुली मेरा आईडिया था, मैंने सोचा, थोड़ा प्यार अपने भाई को भी दे दूं.
मैं- थैंक्यू दीदी आप बिस्तर में बड़ी मस्त हो.

दीदी- तू भी बड़ा कड़क है … लेकिन सुन … यह बात हम चारों तक ही सीमित रहनी चाहिए.
मैं- इसके लिए चार्ज लगेगा.
दीदी- कैसा चार्ज?
मैं- अभी तक आपने मेरा लंड नहीं चूसा.
दीदी- तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं.
मैंने लंड सहलाते हुए आंख मारते हुए कहा- तो देर किस बात की है?

दीदी ने मुस्कुराते मेरे सामने घुटने के बल बैठकर मेरा पेन्ट और निक्कर निकाल दिया. जैसे ही दीदी ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया. मेरा लंड तुंरत खड़ा हो गया.

दीदी लंड को सहला कर मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं और मैं कामुक आवाजें करने लगा. दीदी ने मेरी और सेक्सी नजर से देखते हुए अपने मम्मे दबाए. मैं समझ गया और मैंने दीदी की टी-शर्ट को निकाल दिया. उसके बाद मैंने अपनी टी-शर्ट भी निकाल दी.

फिर मैंने दीदी को खड़ा करके उनका शॉर्ट और पैंटी निकाल कर उन्हें सोफे पर 69 में लिटा दिया. मैं दीदी की चुत को चाटने लगा, जिससे दीदी को बहुत मजा आने लगा. वो भी मेरे लंड को चूसने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने दीदी को अपनी गोद में बैठा कर उनके गांड पर लंड सैट कर दिया. और जब तक दीदी कुछ समझ पातीं मैंने लंड गांड में घुसा दिया.

दीदी की आह निकल गई और उन्होंने मेरे लंड को झेल लिया. मैं दीदी की कमर पकड़कर उनकी गांड चोदने लगा.
दीदी कामुक आवाजें करती हुई मेरे कंधे पर हाथ रखकर मस्ती से गांड चुदवाने लगीं.

हम दोनों चुदाई की मादक आवाजें निकाल रहे थे. उन आवाजों को सुनकर आलिया बाहर आ गई. वो देखने लगी कि मैं दीदी को अपने लंड पर सवार करके चोद रहा हूँ.

तभी दीदी आलिया तरफ देखकर स्माइल करने लगीं.

दीदी ने आलिया से कहा- एक सिगरेट जला दे यार … गांड में लंड लेने से आज बड़ा मजा आ रहा है.

वो सिगरेट जला कर कश खींचते हुए हमारे पास आकर दूसरे सोफे पर बैठ गई और उसने अपनी उंगलियों में फंसी सिगरेट दीदी को थमा दी. अब दीदी सिगरेट पीते हुए गांड में लंड का मजा ले रही थी.

तभी मैंने देखा कि आलिया मेरी ओर देखकर मुस्करा रही थी. उसके हाथ में एक कैमरा था, जिससे वो हम भाई-बहन की चुदाई की वीडियो रिकॉर्ड कर रही थी. दीदी ने कैमरे की तरफ देख कर अश्लील आवाजें निकाल कर अपने मम्मे हिला दिए. हम दोनों गांड चुदाई करते हुए अपना वीडियो बनवाने लगे. इस समय लंड अन्दर बाहर होने से फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी.

आलिया- राज, अपनी दीदी को अच्छे से चोदना.
मैं- हां, अगली बारी तुम्हारी है.
आलिया- पहले अपनी दीदी को तो चोद लो.
यह कह कर वो हंसने लगी और उसने दीदी के हाथ से सिगरेट ले ली.

मैं लंबे लंबे झटकों के साथ दीदी को चोद रहा था. दीदी की गांड खुल चुकी थी यानि कल रात जीजा जी ने दीदी की गांड जरूर मारी होगी. आलिया वीडियो रिकॉर्ड करते हुए मुझे उत्साहित कर रही थी.

आलिया- और जोर से चोद राज, कल रात से भाभी तुम्हारा लंड लेने के लिए तरस रही हैं.

मैं और तेजी से दीदी की चुदाई करने लगा. दीदी भी अकड़ने लगी थीं. तभी दो मिनट बाद मैं भी झड़ गया. मैंने आधा माल दीदी की गांड में डाल दिया और बाकी का रस लंड पर ही गिर गया.

दीदी ने नीचे उतर कर घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगीं. कुछ ही देर में लंड साफ़ हो गया और फिर से खड़ा हो गया.

लंड खड़ा करके दीदी उठ कर मेरे पास बैठ गईं- आलिया मैंने तो अपने भाई से चुदवा लिया. अब तू भी चुदवा ले.
मैं- कम ऑन बेबी … मैं तेरी गांड मारने के लिए तैयार हूँ.

आलिया ने सिगरेट बुझाई और दीदी को कैमरा देकर अपने कपड़े निकाल दिए. वो मेरी गोद में सीने से सीने को लगा कर चढ़ गई और मुझे किस करने लगी.

मैं भी उसका साथ देते हुए किस कर रहा था. मेरा लंड फिर से गांड चोदने के लिए कड़क हो गया था. मैंने आलिया की मक्खन जैसी गांड पर लंड सैट करके घुसा दिया और उसे चोदने लगा. इस बार आलिया उछल उछल कर चुदवा रही थी और दीदी चुदाई रिकॉर्ड कर रही थीं.

आलिया- ओह राज आह … ओह या … फक मी … फक मी हार्ड.

आलिया की बात सुनकर मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे बड़ी तेजी से चोदना चालू कर दिया. वो मेरे खड़े लौड़े पर बेहद मस्त उछल रही थी और उसके मम्मे मेरी छाती से जबरदस्त रगड़ खा रहे थे.

कोई पांच मिनट बाद मैं शांत हो गया … लेकिन आलिया अब भी गांड उछाल कर चुद रही थी. मैं उसकी चुत के दाने को मींजने लगा. आखिरकार वो भी शांत हो गई.

वो मेरे लंड से हट कर दीदी के जैसे नीचे बैठ गई और वो भी मेरे लंड को चूसने लगी. उधर दीदी वीडियो रिकॉर्ड कर रही थीं.

फिर आलिया ने खड़े होकर अपने कपड़े उठाए और गांड हिलाते हुए अपने रूम में चली गई. दीदी मेरे पास आकर मेरे लंड को सहलाने लगीं और मैं उनके मम्मों को दबाने लगा.

इतने में मुझे दिल्ली से डैड का कॉल आ गया.
 
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फोन पर :

मैं- हैलो डैडी.
डैड- क्या कर रहे हो?
मैं- बस दीदी के साथ बैठकर टीवी देख रहा हूँ.
डैड- फोन चित्रा को देना.
मैं- जी.

मैंने दीदी को फोन दे दिया और उनके बदन से खेलने लगा. दीदी डैड से बात करने लगीं. वो फोन पर बात करते हुए मुझे रुकने को कह रही थीं.

कुछ देर बाद दीदी ने मुझे फोन दे दिया और मैं डैड से बात करने लगा. इसी बीच दीदी अपने सारे कपड़े लेकर चली गईं.

डैड- सुनो … तुम्हें एक मीटिंग के लिए दुबई जाना है, क्योंकि मुझे अहमदाबाद जाना है और मैं दुबई नहीं जा पाऊंगा.
मैं- ठीक है डैडी.

डैड का कॉल कट गया. मैं डैड की बात सुनकर थोड़ा मायूस हो गया था क्योंकि मुझे यहां पर चुदाई में बहुत मजा आ रहा था.

एक पल सोचने के बाद मैंने अपने कपड़े पहन लिए और रसोई में जाकर फ्रिज से पानी की बोतल निकाल कर पानी पीते हुए अपने रूम में आ गया.

मैं अपने रूम में फोन इस्तेमाल कर रहा था, और कुछ देर आंखें मूंद कर सो सा गया.

कोई एक घंटे बाद मुझे दीदी की आवाजें सुनाई देने लगीं. वो मुझे खाना खाने के लिए बुला रही थीं. मैं फोन का इस्तेमाल करते हुए कमरे से बाहर आया और हॉल की ओर चला गया. मैंने वहां जीजा जी और आलिया को भी बैठा देखा. मैं वो तीनों के साथ बैठ गया.

दीदी खाना परोसने लगीं और हम सभी ने खाना शुरू कर दिया.

मैं- जीजा जी, आप कब आए?
जीजा जी- अभी दस मिनट पहले ही आया हूँ.

मैं- दीदी, कल मैं घर जाकर आ रहा हूं.
दीदी- क्यों अभी तो आए हो.
मैं- वो एक्चुअली मुझे एक मीटिंग की वजह से दुबई जाना है.
आलिया- मीटिंग में अंकल नहीं जा सकते हैं क्या?
मैं- डैड उस दिन किसी काम से अहमदाबाद जा रहे हैं, इसलिए मुझे जाना पड़ेगा.

जीजा जी- मतलब आज तो फुल नाइट मस्ती की होगी.
दीदी- हां … तुम बस यही सोचना.
मैं- मुझे भी जाने का मन तो नहीं कर रहा है, लेकिन जाना पड़ेगा.
आलिया- तुम्हारा जाने का मन भी कैसे करेगा. इधर इतना मजा जो मिल रहा है.
मैं- हां यह तो है.
अविनाश- आज रात को दोनों पूरी तरह से तैयार रहना, क्योंकि रात को दंगल होने वाला है.

जब जीजा जी ने अभी ही दंगल शुरू करने की बात कही, तो सब हंसने लगे. दंगल की बात पर उन दोनों ने बोल दिया था कि अभी नो सेक्स, सिर्फ रात को ही जो होना होगा सो होगा.

फिर खाना खाने के बाद हम अपने-अपने कमरे में चले गए. शाम को हम जीजा-साले टीवी देख रहे थे और वो दोनों रसोई में खाना बना रही थीं.

मैं- आज की आखिरी रात है, क्यों ना हम कुछ नया करें.
जीजा जी- क्या नया?
मैं- आप ही बताओ.
जीजा जी- आखिरी नाइट है तो क्यों ना आज वाइल्ड सेक्स हो जाए. मेरे पास पॉवर बढ़ाने के लिए सेक्स की गोलियां है … जिससे हम सब लगातार आनन्द ले सकेंगे.
मैं- ठीक है.

जीजा जी- चल आज हम शर्त लगाते हैं कि कौन सबसे ज्यादा चुदाई करता है.
मैं- ओके … और जीतने वाले को क्या मिलेगा?
जीजा जी- जो तू बोले.

मैं- मैं तो कल से यहां से चला जाऊंगा, यानि कल से इस घर में आप एक ही मर्द रहेंगे. अगर मैं जीतता हूं, तो जब तक हम चारों दोबारा नहीं मिलते हैं, तब तक आप सेक्स नहीं करोगे … और आप जीते, तो आप जो बोलेंगे, वो मैं करूंगा.
जीजा जी- आलिया को न चोदने का तो समझ आता है, लेकिन मैं अपनी बीवी को भी नहीं चोद सकता?
मैं- चलो आपके लिए थोड़ा आसान कर देता हूँ, आप महीने में सिर्फ एक बार दीदी के साथ सेक्स कर पाएंगे.
जीजा जी- डन.

उधर वो दोनों रसोई में एक-दूसरे से बात कर रही थीं.

चित्रा- आलिया, आज रात के लिए तैयार हो न?
आलिया- अब तो आदत पड़ गई है, उन दोनों जीजा-साले ने मेरी चुत और गांड को पूरी तरह से खोल दिया है. कुछ भी मार लें, मैं पूरी तरह से तैयार हूँ.
चित्रा- यह बात तो तुम सच कह रही हो, इन तीन-चार दिन में हम दोनों चुदक्कड़ हो गई हैं.
आलिया हंसते हुए- देख लेना भाभी, वो दोनों आज पूरी ताकत लगाकर चुदाई करेंगे.

इसके बाद हम चारों रात को डिनर करने आ गए. उन दोनों ने खाने में मेरी पंसद की चीजें बनाई थीं. मैंने उन दोनों को धन्यवाद किया. फिर खाना खाने के बाद हम दोनों मर्द सोफे पर बैठ गए. वो दोनों चुदक्कड़ चूतें बर्तन साफ करके हमारे पास आ गईं. दीदी फ्रिज से ठंडी व्हिस्की की बोतल लेकर आ गई थीं.

मेरे साथ आलिया बैठ गई और दीदी जीजा जी के पास बैठ गईं. फिर दीदी ने हम चारों के लिए पैग बनाए और हम चारों चियर्स करके पैग मारने लगे. हम चारों टीवी देखते हुए शराब का आनन्द ले रहे थे, क्योंकि हम चारों को पता था कि आगे क्या होने वाला है.

हम चारों ने दूसरा पैग लगाना चालू कर दिया था. जीजा जी ने सिगरेट जला ली थी और एक मैंने जला ली थी.

जीजा जी- साले साहब पहले किसके साथ मजा करोगे. अपनी दीदी के साथ या मेरी बहन के साथ?
मैं- शुरुआत तो अपनी दीदी के साथ करूंगा.
अविनाश- ठीक है, हम तो अपनी बहन को चोदने चले.

इतना कहकर जीजा जी ने आलिया को सिगरेट दे दी और उसे गोद में उठा कर कमरे में ले गए. उनके जाते ही मैं खड़ा हुआ और लंड सहलाते हुए दीदी के पास आ गया. मैंने दीदी को सिगरेट दी और उन्हें गोद में उठाकर उसी कमरे में ले गया … जिधर जीजा जी अपनी बहन आलिया को चोदने के लिए गए थे.

दीदी मुझे देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी थीं. जब हम दोनों उस कमरे के अन्दर आए, तो अन्दर जीजा जी अपनी बहन आलिया को बांहों में लेकर किस कर रहे थे. मैं भी दीदी को किस करने लगा और दीदी भी मेरा साथ देते हुए किस करने लगीं. हम चारों रोमांस की मस्ती में मशगूल हो गए थे.

जीजा जी- राज!
मैं जीजा जी की ओर देखने लगा. तभी जीजा जी ने मुझे सेक्स की दो गोली दे दीं. हम चारों गोली खाकर वापस रोमांस करने लगे.

मैं दीदी की गांड को सहलाते हुए किस कर रहा था. तभी दीदी ने मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया और मैंने दीदी की टी-शर्ट निकाल दी. आज दीदी ने अन्दर ब्लैक रंग की ब्रा पहनी थी.

उधर उन दोनों ने भी अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए थे.

मैंने दीदी की पीठ पर हाथ ले जाकर उनकी ब्रा का हुक खोला और ब्रा उतार दी. ब्रा हटते ही दीदी के मदमस्त चूचे हवा में फुदकने लगे. मैं दोनों हाथों से दीदी के मम्मों को दबाने लगा, जिससे दीदी गर्म होने लगीं.

दीदी आनन्द लेते हुए उन दोनों को देख रही थीं. मैं भी दीदी के मम्मों को दबाते हुए उन दोनों को देखने लगा.

तभी जीजा जी ने आलिया को घुटने के बल बैठा दिया. आलिया ने जीजा जी का लोवर और निक्कर निकाल कर उनके लंड को पकड़ लिया. वो लंड सहलाते हुए चूसने लगी थी.

सच में आलिया इस समय बहुत हॉट लग रही थी, उसने अभी भी प्रिन्टेड ब्रा पहनी हुई थी.

मैं दीदी के निप्पल मींजने लगा था. तभी दीदी मुझे रोककर मेरे होंठों को चूमने लगीं. फिर दीदी मेरे सामने बैठ गईं . दीदी ने मेरे बदन को चूमते हुए मेरा लोवर और निक्कर निकाल दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

अब गोली की असर होने लगा था. इस समय दोनों लंड को बहुत अच्छा ब्लो जॉब मिल रहा था.

मैं एक हाथ से दीदी के मम्मों को मसल रहा था. हम दोनों कामुक आवाजें करते हुए एक दूसरे तरफ देख रहे थे. तभी जीजा जी ने मुझे इशारा कर दिया.

मैं समझ गया. हम दोनों ने उन दोनों को बेड पर ले जाकर लेटा दिया. फिर हम दोनों ने बिना देरी किए उन दोनों की शॉर्ट और पैंटी निकाल दीं और उनकी टांगें फैलाते हुए उनके ऊपर चढ़ गए.

मैंने दीदी की चुत पर लंड सैट करके एक जोर का धक्का लगा दिया, जिससे आधा लंड चुत में घुस गया. फिर मैं बिना रुके बड़ी तेजी के साथ दीदी की चुत में लंड पेलने लगा.

मेरे बाजू में जीजा जी भी बड़ी तेजी के साथ आलिया को पेल रहे थे. वो दोनों लेडीज इस समय बहुत चुदासी हो गई थीं.

मैं दीदी के मम्मों पर हाथ रखकर उन्हें बहुत तेजी से चोद रहा था. दीदी भी अपनी टांगों को हवा में उठाकर चुदवा रही थीं.

पूरे कमरे में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.

आलिया- उम्म्ह… अहह… हय… याह… या ओह आहह भाई … आज दवा से आपका लंड कुछ ज्यादा ही कड़क हो गया है.
दीदी- आहह आह आह राज … मेरे भाई … चोद दो मुझे … आह कम ऑन भैनचोद चोद दे अपनी बहन को … आंह और जोर से पेल.
आलिया- आहह आह चोद बहनचोद.

दीदी की गाली सुनकर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उधर जीजा जी भी नशे की वजह से आलिया को जोरों से चोद रहे थे. हम दोनों पूरा जोर लगा कर अपनी बहनों को चोद रहे थे और वो दोनों कामुक आवाजें कर रही थीं- आहह आह या ओह आहह.

दीदी- आह राज, बहुत मोटा लंड है ये … आज तो तू मेरी चुत फाड़ ही दे भोसड़ी के … अपनी बहन की चुत का भुर्ता बना दे.

मैंने दीदी की चुदास देखी, तो उनको घुमाकर घोड़ी बना दिया और उनकी गांड में लंड पेल कर गांड मारने लगा.

तभी जीजा जी ने भी अपनी बहन को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड चोदने लगे.

जीजा जी- अंह चुद साली चुद … आहह. देख राज … तेरी गर्लफ्रेंड कैसी रांड की तरह चुद रही है.
मैं- आपकी बीवी भी मजे से गांड चुदवा रही है.
आलिया- आहह आह चोद दे कमीने … और जोर से चोद मादरचोद.

जीजा जी ने भी उत्साहित होकर आलिया की गांड पर चपत लगाना शुरू कर दीं. उनकी देखा देखी मैंने भी चपत लगाना शुरू कर दीं. वो दोनों दर्द के मारे छटपटा रही थीं.

दीदी- आहह भाई, क्या कर रहा है … साले … अपनी बहन की चुदाई कर रहा है या ठुकाई कर रहा है … आह लगती है..
आलिया- भाई मत मारो यार … गांड मार लो … चपत मत मारो.
जीजा जी- चुप साली … रांड भैन की लौड़ी … लंड खा और चुप रहा कमीनी कुतिया.
दीदी- आहह आह आह राज ओ भाई.

चपत की वजह से दीदी की गांड लाल हो गई थी और ऐसा ही हाल आलिया का भी हो गया था.

फिर हम दोनों ने अपनी जगह बदल ली और बदली हुई गांड को बिना रुके चोदने लगे. मैं आलिया को चोद रहा था, जीजा जी दीदी को चोद रहे थे. मैं जोरों से आलिया की गांड मारने में लगा था, जिससे वो बहुत ज्यादा कामुक आवाजें करने लगी थी.

आलिया- आहह आह आह राज, यू आर सो हार्ड … फक मी … आह आह या यस आह..
दीदी- आह ओह बेबी कम ऑन फक इट.

फिर मैं आलिया को लेटाकर उसकी चुत को चोदने लगा.

जीजा जी- चित्रा मजा तो आ रहा है न?
चित्रा- हां यार बहुत ज्यादा … अब चुत में डालो न!

कुछ देर बाद जीजा जी भी दीदी को लेटाकर चुत चोदने लगे.

करीब आधे घंटे तक हम उन दोनों की घमासान चुदाई करते रहे, तभी जीजा जी दीदी की चुत के बाहर उनके बदन पर झड़ गए, लेकिन मैं अभी भी आलिया को चोदने में लगा था. जीजा जी ने दीदी के मुँह में लंड घुसा दिया और दीदी लंड को बड़े मजे से चूसने लगी थीं.

इतने में आलिया भी झड़ गई और फिर एक मिनट बाद मैं भी बाहर झड़ गया. मैं आलिया के पास लेट गया.

हम दोनों हांफ रहे थे, उधर दीदी जीजा जी को ब्लोजॉब दे रही थीं. फिर आलिया ने ये देखा तो उसने मेरे लंड को चूसकर साफ किया और बाथरूम में चली गई. कुछ देर बाद जीजा जी भी बेड पर लेट गए. दीदी भी बाथरूम चली गईं.

जीजा जी- राज, तुम बहुत बेहतरीन चोदते हो.
मैं- और आप भी … वैसे मैं शर्त जीत गया न.
जीजा जी- हां बिल्कुल.

दस मिनट बाद दीदी और आलिया बाथरूम से बाहर आ गईं. इधर हम दोनों अपने लंड को सहला रहे थे.

दीदी मेरे पास आईं और आलिया जीजा जी के पास चली गई.
वो दोनों हमारे ऊपर चढ़ गईं और किस करने लगीं.

मैंने दीदी की गांड पर हाथ सहलाते हुए उसके होंठों को घुमा लिया. मेरा लंड फिर से उनकी गांड चोदने के लिए तैयार हो गया था. मैंने दीदी की गांड में लंड घुसाकर उनकी कमर पकड़ ली और चोदने लगा. उधर आलिया जीजा जी के बदन को चूम रही थी.

दीदी चुदासी होकर मेरे लंड पर उछलकर चुद रही थीं. तभी जीजा जी भी अपनी बहन की गांड में लंड घुसाकर चोदने लगे.

यह घमासान चुदाई करीब दस मिनट तक चली और फिर हम चारों थक गए.

जीजा जी- अब मैं थक गया हूँ … अब तुम ही करो. राज इन दोनों को तुम अच्छे से चोदना.
इतना कहकर जीजा जी अपने झड़े लंड को हिलाते हुए कमरे में चले गए.

इसके बाद आलिया, दीदी के ऊपर सवार हो गई और वो दोनों लेस्बियन किस करने लगीं. मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा. फिर मैं भी खड़ा होकर नग्न अवस्था में रसोई में पानी पीने चला गया.

जब मैं पानी पी कर एक बोतल पानी लेकर वापस आया, तो देखा कि वे दोनों अभी भी किस करने में ही लगी हुई थीं. मैंने दीदी के पीछे जाकर उनकी गांड में लंड घुसा दिया. दीदी ने हल्की सी कराह ली और लंड को जज्ब कर लिया. मैं लम्बे झटके मारते हुए दीदी की गांड चोदने लगा.

तब तक आलिया ने एक सिगरेट सुलगाई और हम दोनों की गांड चुदाई देखने लगी.

मैंने दीदी की गांड से लंड निकालकर दीदी को हटाया और आलिया के दोनों पैरों को ऊंचे करके आलिया की गांड में लंड पेल दिया. दीदी ने आलिया के हाथ से सिगरेट ले ली और वो हम दोनों को चुदाई करते हुए देखने लगीं.

मैं आलिया की गांड मारने में लगा था. दीदी बेड पर लेटकर अपनी चुत में उंगली करते हुए सिगरेट का मजा ले रही थीं.

आलिया कुछ ही देर में चुदाई की वजह से कामुक आवाजें करने लगी- आह राज आंहह उह … कितना मजा देते हो यार!

कुछ देर आलिया की गांड मारने के बाद मैंने लंड खींचा और दीदी के पास लेट चित लेट गया. तभी दीदी मेरे लंड को चूसने लगीं. आलिया थकावट की वजह से चुपचाप अपनी चुत को सहलाते हुए हमें देख रही थी.

करीब रात के दो बजे तक हमने चुदाई की. मैंने उन दोनों की बारी-बारी से चुदाई की और तीनों पूरी तरह से थककर एक दूसरे के बदन से चिपककर सो गए.

जब मैं सुबह उठा, तब कमरे में कोई भी नहीं था. इसलिए मैं कपड़े लेकर अपने रूम में चला गया और बाथरूम में जाकर नहाने लगा. मैं फव्वारे के नीचे खड़ा यहां बिताए इन चार दिनों के बारे में सोचने लगा था. सच में इन चारों दिनों को मैं कभी भी भूल नहीं पाऊंगा.

फिर फ्रेश होकर नाश्ता करने के लिए मैं हॉल में आ गया. वहां वो तीनों नाश्ता कर रहे थे.

मैं- गुड मॉर्निंग गाइस.
जीजा जी- गुड मॉर्निंग.
आलिया- गुड मॉर्निंग.
दीदी- सामान पैक कर लिया?
मैं- हां.
जीजा जी- कैसी रही रात?
मैं- सबसे बेहतरीन.
जीजा जी- कब निकलने वाले हो?
मैं- बस नाश्ता करके.
जीजा जी- गुड.

फिर हम नाश्ता करने लगे और उसके बाद मैं अपने रूम में बैग लेने के लिए आ गया.

वहां बाहर वो तीनों मेरा इन्तजार कर रहे थे. आलिया मुझे छोड़ने के लिए एयरपोर्ट जाने वाली थी.

दीदी और जीजा जी भी बाहर तक छोड़ने आए. मैंने कार के पीछे डिक्की में अपने बैग को रख दिया.
मैं- चलो … मैं चलता हूँ. बाय.
दीदी- ठीक है.
जीजा जी- अब वापस कब आओगे?
मैं- देखता हूँ.

मैं दीदी के गले मिलकर उनके साथ एक किस करके कार में बैठ गया. कार आलिया ड्राइव कर रही थी और हम दोनों वहां से निकल गए. रास्ते में हम दोनों ने खूब सारी बातें कीं. जब हम एयरपोर्ट पर पहुंचे, तब कार पार्किंग में कार पार्क करके दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.

मैं- मुझे जाना होगा जान!
आलिया प्यार से- प्लीज रुक जाओ न.
मैं- जाना जरूरी है.

फिर मैंने कार से बाहर निकल कर उसको आखिरी हग किया और वहां से एयरपोर्ट के अन्दर चला गया.

जब मैं फ्लाईट में बैठा तो मैं इन चार दिनों को अपनी यादों में बसाने लगा कि कैसे मैं चार दिन पहले यहां पर आया था.
मैंने अपनी दीदी को चोदा और आलिया की चुत की सील को तोड़ा. कैसे हमने इन चार दिन में चुदाई का आनन्द लिया, कैसे हम जीजा-साले ने दो मदमस्त लड़कियों यानि अपनी-अपनी बहनों को एक चुदक्कड़ औरत बना दिया. कैसे हमने उन दोनों की चुत और गांड को पूरी तरह से खोल दिया, कैसे हमने अपने बहन की चुत में अपना गर्म लावा डाला, कैसे हमने उन दोनों के साथ चुदाई का भरपूर आनन्द लिया.
 
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मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 24 साल है. आप सभी ने इस कहानी के पिछले अंक में दो भाई बहनों में चुदाई के लिए अदला बदली की कहानी को पढ़ा था. आपने पढ़ा कि कैसे मैं, मेरी दीदी, मेरे जीजू और जीजू की बहन ने कई दिन एक साथ रह कर ग्रुप सेक्स का मजा लिया था.

अब आपके सामने में इस कहानी का दूसरा अंक लिख कर रहा हूं.

मेरे जीजू की बहन आलिया अमेरिका में अपना पढ़ाई का आखिरी सेम पूरा करने के लिए चली गई थी. मैं अपने डैड को बिजनेस में मदद करने लगा था.

अब सेक्स के विषय पर हम चारों खुलकर बातें करने लगे थे.

उस दिन के बाद मुझे कभी भी अपनी दीदी या उनकी ननद आलिया की चुदाई का मौका नहीं मिला. हम सभी वापस मिलने का इन्तजार कर रहे थे. ये इन्तजार तब खत्म होना था, जब आलिया अपनी पढ़ाई खत्म करके वापस भारत आ जाएगी.

आलिया के आखिरी सेम के एक्जाम चल रहे थे. इधर मैं अपनी गर्लफ्रेंड आलिया के रसीले होंठों को चूमने के लिए तड़प रहा था.

एक रात के करीब दस बजे मुझे दीदी का फोन आया. उस समय मैं अपने कमरे में लैपटॉप पर जरूरी काम कर रहा था. मैं फोन उठाकर दीदी से बात करने लगा.

फोन पर मैंने दीदी का नाम देखा- हां दीदी … कैसे याद किया?
दीदी- बस ऐसे ही सोचा कि अपने भाई को कॉल करूं … क्या कर रहा है?
मैं- लैपटॉप पर जरूरी काम कर रहा हूं.

दीदी- सुन … दो खबरें हैं … एक अच्छी और दूसरी थोड़ी अच्छी, थोड़ी बुरी. पहले कौन सी सुनोगे?
मैं- पहले अच्छी वाली.
दीदी- एक हफ्ते बाद आलिया आ रही है, इसलिए हम सब वापस मिलेंगे. तुम्हारे जीजा जी ने इस बार मालदीव में हमारे सम्मेलन का बंदोबस्त किया है … वो भी एक हफ्ते के लिए.
मैं- अरे वाह … और दूसरी खबर क्या है?

दीदी- तुम नताशा को जानते होगे.
मैं- वो आपकी कॉलेज वाली फ्रेंड.
दीदी- हां … दो दिन पहले वो अकेली मेरे घर पर मुझसे मिलने के लिए आई थी. तुम्हारे जीजा जी ऑफिस गए थे. जब मैं किचन में गई थी, तब गलती से उसके हाथ में वही कैमरा लग गया था. जिसमें हमारी चुदाई वाली वीडियो रिकॉर्ड थी और नताशा ने वो वीडियो देख लिया.

मैं- क्या दीदी … कैमरा संभाल कर रखना चाहिए था.
दीदी- दरअसल हम उसकी अगली रात को वो वीडियो टीवी पर देख रहे थे, इसलिए वो कैमरा वहीं डाइनिंग टेबल पर छूट गया था … और नताशा ने रिकॉर्डिंग देख ली.
मैं- तो अब!

दीदी- फिर मैंने नताशा को सारी बात बता दी. मेरी बात सुनकर वो बजाए मुँह बनाने के खुश हो गई. तुम जीजा-साले के लिए ये अच्छी खबर है … क्योंकि वो भी किसी कपल के साथ अदला-बदली करना चाहती है. बस हमारे लिए थोड़ी बुरी खबर है … क्योंकि हमें अब तीन लंड से चुदना पड़ेगा. मैं और तुम्हारे जीजा जी तैयार हैं … बस तुम दोनों की राय चाहिए.
मैं- मैं तो तैयार हूँ … लेकिन आलिया नहीं मानेगी.
दीदी- वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड है. अगर नताशा को चोदना है, तो आलिया को मनाने पड़ेगा. यह काम तुम्हारा है.
मैं- ठीक है.

कुछ देर और बात करने के बाद दीदी ने फोन कट कर दिया और मैंने तुरंत आलिया को कॉल लगा दिया.

मैं- हाई जानेमन.
आलिया- हाई … स्वीटी.
मैं- क्या कर रही हो?
आलिया- एक्जाम की तैयारी कर रही हूं.
मैं- तुम बिजी ना हो, तो तुमसे एक बात पूछनी थी.
आलिया- क्या?
मैं- दीदी का अभी कॉल आया था, वो कह रही थीं कि जीजा जी ने मालदीव में एक हफ्ते के लिए हमारे वेकेशन का बंदोबस्त किया है.
आलिया- हां. … वो भाभी ने कॉल करके बताया था.

मैं- लेकिन हमारे साथ और दो मेम्बर जुड़ेंगे.
आलिया- मतलब?
मैं- दो दिन पहले नताशा तुम्हारे घर पर दीदी से मिलने के लिए आई थी. तब उसने गलती से वो वीडियो रिकॉर्डिंग देख ली.
आलिया- कौन सी वीडियो?
मैं- जो तुमने रिकॉर्डिंग की थी … वो वाली.
आलिया- हां अब याद आया, जिसमें एक बहन अपने भाई के लंड पर सवार होकर चुद रही थी.
मैं- उस रिकॉर्डिंग में तुम भी थीं.

आलिया- अब आगे बता न.
मैं- नताशा भी अपने पति के साथ हमारे साथ जुड़ना चाहती है.
आलिया- क्या!
मैं- हां लेकिन तुम ना बोलोगी, तो मैं दीदी को मना कर देता हूँ.
आलिया- अब तुम तीनों ने सोच लिया है, तो मैं क्या कर सकती हूं. वैसे भी तुम्हें तो और एक चूत चोदने को मिलेगी … बस झेलना तो हमें ही है.
मैं- तुम कहो तो मैं दीदी को ना बोल देता हूं.
आलिया- मैं ना बोलूंगी, फिर भी तुम तीनों मुझे किसी तरह से मना लोगे और वैसे भी नताशा को मैं भी जानती हूँ … वो मेरी भी सहेली है.
मैं- थैंक्स … चल मैं तुमसे बाद बात करता हूं.
आलिया- ओके.
मैं- आई लव यू.
आलिया- आई लव यू टू जान … गुड बाय.

फोन पर बात खत्म हुई और मैं अपना काम करने लगा. नताशा भी उन दोनों की तरह सुंदर और हॉट लड़की है. वो अपने पति के साथ मुंबई रहती है. करीब चार महीने से मैं चुदाई के लिए तड़प रहा था. वैसे इन चार महीनों में मैंने एक बार आलिया के साथ सेक्स किया था, जब मैं अपने काम से अमेरिका गया था.

इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद आलिया अपने एक्जाम खत्म करके मुंबई आ गई. जुलाई महीने की दस तारीख को हम मालदीव जाने के लिए फ्लाईट में बैठने वाले थे. मैं दस तारीख को दिल्ली से मुंबई आ गया. फिर शाम के पांच बजे हम सभी ने मुंबई एयरपोर्ट से फ्लाईट पकड़ ली.

मैं करीब सात महीने बाद नताशा और उसके पति आकाश को देख रहा था. इस समय तीनों को देखकर मेरा मन डोल रहा था. लेकिन कहते हैं न कि इन्तजार का फल मीठा होता है.

हम करीब 8:30 बजे मालदीव पहुंच गए. वहां जीजा जी ये सारा बन्दोबस्त कर लिया था. हम टैक्सी से जीजा जी के द्वारा बुक किये हुए होटल में पहुंच गए.

ये समुद्र के किनारे एक पेन्ट हाउस किस्म का रिसॉर्ट था. उसमें ही हम सभी के रुकने का बंदोबस्त किया था. इस जगह पर हमको अपनी मर्जी का खाना आदि बनाने का बन्दोबस्त करना था. दरअसल हम नहीं चाहते थे कि कोई बाहरी आदमी मतलब वेटर वगैरह, हम लोगों के बीच आए.

वैसे तो मैं यहां पर कई बार आया था, लेकिन आज पहली बार कुछ अलग सी फीलिंग आ रही थी, जिसकी वजह आप सभी जानते हैं.

हम सब पेन्ट हाउस के पहुंच गए. ये दिखने में एकदम मस्त जगह थी … पास में ही समुद्र का किनारा था.

अब कहानी में आगे बढ़ने से पहले आप एक बार सभी का परिचय जान लीजिएगा.

मैं- उम्र 24 साल, सुंदर, हैंडसम, स्टाइलिश अंदाज.
आलिया- जीजा जी की बहन और मेरी गर्लफ्रेंड, उम्र 25 साल, हॉट फिगर, सुंदर, कातिलाना स्माइल, स्टाइलिश अंदाज.
दीदी- नाम चित्रा, उम्र 30 साल. अविनाश की बीवी और मेरी बहन. दिखने में सुंदर, हॉट फिगर, नशीली आंखें, मॉडर्न माल.
जीजा जी- नाम अविनाश, उम्र 30 साल, दिखने में सुंदर और हैंडसम. जीजा जी का मुंबई में खुद का बिजनेस है.
आकाश- उम्र 31 साल, दिखने में जीजा जी की तरह सुंदर हैं. जिसका मुंबई में एक छोटा सा बिजनेस है और अपनी इधर वो अपनी फैमिली के साथ रहते हैं.
नताशा- उम्र 30 साल, आकाश की बीवी, दिखने में हॉट फिगर, सुंदर, सुनहरे बाल, नशीली आंखें.

दीदी- आप तीनों मर्द फ्रेश हो लो, तब तक हम लेडीज खाना बना लेंगी.
जीजा जी- ओके.

हम तीनों फ्रेश होने के लिए अपने कमरे में चले गए. हम सब फ्रेश होकर नाइट सूट जैसे कपड़े पहनकर बाहर आ गए. तब तक खाना भी बन गया था और हम साथ मिलकर खाना खाने लगे. खाना खाते समय हम इधर-उधर की बातें करने लगे और एक दूसरे तरफ देखकर मुस्करा रहे थे.

खाना खाने के बाद हम तीनों मर्द बाहर समुद के किनारे बैठ गए और तभी वो तीनों साथ में पीने के लिए स्कॉच लेकर आ गईं. उस तीनों में से दीदी के हाथ स्कॉच थी, आलिया के हाथ में गिलास और नताशा के हाथ में बर्फ थी. वो तीनों इस समय कमाल की सेक्सी लग रही थीं.

हम साथ मिलकर बैठ गए थे. दीदी सबके लिए पैग बनाने लगीं. हम सभी ने साथ में चियर्स करके पैग लगाने शुरू कर दिए.

आसामान एकदम खुला सा था, समुद्र एकदम शांत था. यहां पर हमें डिस्टर्ब करने वाला भी कोई नहीं था. हम सभी मजे से ड्रिंक्स कर रहे थे. सिगरेट का मजा भी चल रहा था.

दीदी- नताशा तुम एक्साइटेड हो न?
नताशा- बहुत ज्यादा.
जीजा जी- चलो हमारे ग्रुप में दो मेम्बर और जुड़ गए.

हम इधर-उधर की बातें करते हुए ड्रिंक्स ले रहे थे. हम एक के बाद दूसरा पैग लगाने लगे.

अविनाश- आकाश इससे पहले कभी स्वैपिंग की है.
आकाश- नहीं, यह पहली बार है.

मैं- जीजा जी, एक बात समझ नहीं आ रही कि जब शादी हो गई. उसके बाद लोग अदला-बदली की क्यों सोचते हैं?
जीजा जी- वो क्या है न … शादी के बाद मर्द एक चूत चोदकर बोर हो जाता है और उसे किसी नई चूत की तलाश रहती है … ऐसा ही हाल औरतों का भी होता है.
दीदी- शटअप … सबसे पहले तुम मर्द ही ऐसा सोचते हो.
नताशा- फिर ये मर्द ही हमें उसके लिए मनाते हैं … और हमें उसकी तलब लगाते हैं.

आलिया- सभी मर्द ऐसे ही होते हैं. बस उसको चूत चोदने मिलनी चाहिए.
मैं- औरत हो या मर्द … सेक्स की जरूरत दोनों को होती है.
दीदी- नताशा तुम दोनों नए हो, इसलिए चलो बताओ … तू आज की रात किसके साथ बिताएगी?
नताशा स्माइल करते हुए- राज के साथ.

उसकी बात सुनकर दीदी ने हल्की सी स्माइल पास कर दी.

नताशा- क्या हुआ, चित्रा तुम मुस्करा क्यों रही हो?
आलिया- वो तुम्हें कमरे में पता चल जाएगा.
जीजा जी- आकाश आज तुम्हारी बीवी की अच्छी तरह से बैंड बजेगी. वैसे तुम किस के साथ सोना पंसद करोगे, मेरी बीवी के साथ … या मेरी प्यारी बहना के साथ?
आकाश- चित्रा के साथ.

तभी दीदी आकाश को देखकर मुस्करा दीं और उसके बाद हम सभी अपना पैग खत्म करने लगे. पैग खत्म होते ही जीजा जी ने मुझे इशारा कर दिया.

जीजा जी- सुनो प्रोटेक्शन सभी के कमरे के ड्रावर में रखे हैं.
मैं- वाह जीजा जी … आपने तो बहुत अच्छा बन्दोबस्त किया है.

जीजा जी ने मेरी बात पर हंसते हुए अपनी बहन यानि आलिया को गोद में उठा लिया और उसे चोदने के लिए वे बड़े हॉल वाले कमरे के अन्दर ले गए.

मैंने मस्ती में आकाश से कहा- जीजा जी, मैं आपकी बीवी को ले जा रहा हूँ … आप मेरी बहन का अच्छे से ख्याल रखना.
आकाश ने भी नशे में हंसते हुए कहा- हां साले साब, अपनी बहन की अच्छी तरह से चुदाई करना.

नताशा मेरी दीदी की बेस्ट फ्रेंड हैं इसलिए मैंने मजाक में आकाश को जीजा जी कह दिया. फिर मैं नताशा को उठाकर हॉल वाले कमरे में ही ले गया और आकाश, मेरी चित्रा दीदी को उठाकर हॉल में पड़े सोफे पर ले गया.

आज हम अपने पार्टनर चुनकर पूरी रात चुदाई का मजा लेने वाले थे. इधर मैं आकाश की बीवी को चोदूंगा, तो उधर वो मेरी दीदी को चोदेंगे. मैंने देखा कि पलंग के दूसरी तरफ जीजा जी ने तो अपनी बहन आलिया को नंगी भी करना भी शुरू कर दिया था.

नताशा और मैंने एक दूसरे तरफ को वासना से देखते हुए किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों ऐसे चूस रहे थे मानो एक साल से दूर हों. तभी नताशा ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी मैंने भी उसकी टी-शर्ट निकाल दी.

मेरे सामने उसकी ब्लैक रंग की ब्रा और उसमें छुपे 34B साइज के चूचे फंसे हुए दिखने लगे. मैं नताशा के होंठों पर किस करते हुए उसकी गांड को सहलाने लगा.

उधर जीजा जी ने और आलिया, दोनों ने एक दूसरे की टी-शर्ट निकाल दी थी. फिर जीजा जी ने अपनी बहन आलिया की ब्रा भी उतार दी. वो पीछे से अपनी बहन के मस्त मम्मों को दबाने लगे थे. आलिया अपने भाई की हरकतों से गरम होकर कामुक आवाजें निकालने लगी थी.

उधर आकाश और दीदी दोनों रोमांस में मशगूल थे … आकाश की टी-शर्ट उतर चुकी थी. मैंने भी नताशा को घुमाकर उसकी ब्रा निकाल दी और उसके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा. नताशा मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रही थी. नताशा के दोनों हाथ मेरे हाथ पर थे.
 
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मैंने कुछ देर पहले ही एक कामवर्धक गोली खा ली थी ताकि मैं अपनी बहन की सहेली को जम कर चोद सकूँ.

नताशा मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रही थी. नताशा के दोनों हाथ मेरे हाथ पर थे. करीब दो मिनट बाद नताशा घूम गई और मुझे किस करने लगी.

उधर आलिया, जीजा जी का लंड चूस रही थी और आकाश दीदी के मम्मों को दबा रहे थे.

फिर नताशा ने मेरे बदन को चूमते हुए घुटने के बल बैठकर मेरा लोवर और निक्कर निकाल दिया. मेरा खड़ा लंड उसके मुँह के सामने था.
मेरी बहन की सहेली मेरा लंड देखकर चौंक गई- तुम्हारा लंड तो आकाश के लंड से भी बड़ा है.
मैंने उसे आंख मार दी.

उसने मुस्कुरा कर लंड को देखा और वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाते हुए मुँह में लेकर चूसने लगी. मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकलना शुरू हो गईं.

मैंने दोनों हाथों से उसके बालों को पकड़ लिया और उसके साथ मुख मैथुन शुरू कर दिया. नताशा बड़ी अच्छी तरह से ब्लो जॉब दे रही थी.

कुछ पल बाद मैंने नताशा से खड़े होकर लोवर निकालने को कहा. और वो एकदम से चुदासी हो गई थी. उसने झट से अपना लोवर निकाल दिया और मैंने उसी पल नताशा को बेड पर पटक दिया.

वो कामातुर होकर अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी थी.

मैंने झट से कंडोम का पैकेट निकाल कर लंड पर कंडोम लगा लिया. उसके बाद मैं नताशा के ऊपर चढ़ गया. उसके बदन को चूमने लगा. नताशा भी मेरा साथ देते हुए किस कर रही थी. मैंने उसके पूरे चिकने मदमस्त बदन को चूमते हुए धीमे से उसकी गीली पैंटी निकाल दी. नताशा की चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैं नताशा की चूत को जीभ से चाटने लगा. नताशा कामुक आवाजें करने लगी.

करीब दो मिनट बाद नताशा से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. नताशा की चूत इतनी टाइट नहीं थी, लेकिन उनकी चूत देखकर यह पता चल गया था कि आकाश का लंड कैसा है.

नताशा- राज कम ऑन फक मी फास्ट … मुझसे सहन नहीं हो रहा है … मेरी चूत में आग लग गई है.

मैंने अपने लंड को नताशा की चूत पर सैट किया और वो कुछ बोल पाए, उससे पहले मैंने एक जोर का धक्का मार दिया. जिससे मेरा लंड आधा उसकी चूत में घुसता चला गया.
वो कुछ बोलने के बदले दर्द से चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

क्योंकि मेरा लंड आकाश के लंड से बड़ा था. मैंने उसकी कराहें सुने बिना, धक्का लगाना शुरू कर दिया.
वो जोरों से कामुक आवाजें करने लगी- आहहह राज धीमे … तुम्हारा लंड बहुत मोटा और बड़ा है … ओह गॉड आहह याह आह … मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरे नसीब में इतना मोटा लंड भी लिखा होगा. आह … जरा धीरे चोदो डार्लिंग.

नताशा की मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं और उधर आकाश मेरी दीदी के बदन से खेलने में लगा था.

दीदी- देख … मेरा भाई तुम्हारी बीवी की बैंड बजा रहा है … और तुम अभी तक मेरे बदन से सिर्फ खेल रहे हो.

तभी आकाश ने दीदी को सोफे से उठा कर बेड पर पटक दिया और लंड में कंडोम लगाकर दीदी के ऊपर चढ़ गया. उधर जीजा जी अपनी बहन आलिया को अच्छे से पेल रहे थे.

नताशा- आहह राज सो हार्ड धीमे आहह आह ओह याह.

मैं दारू के नशे और कामवर्धक दवाई के असर की वजह से बड़ी तेजी से नताशा की चुदाई कर रहा था. पूरे कमरे में चुदाई की वजह से फच फच की आवाजें सुनाई दे रही थीं.

नताशा ने दर्द से बेडशीट को जोरों से पकड़ लिया था. वो कभी मेरे पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लेती थी, कभी चादर को भींचने लगती थी.

हम तीनों का एक ही कमरे में चुदाई का खेल शुरू हो गया था. इधर मैं आकाश की बीवी को चोद रहा था, तो उधर वो मेरी दीदी को चोद रहे थे. तीसरी तरफ जीजा जी अपनी छोटी बहन आलिया को चोद रहे थे.

शायद नताशा को इस समय अहसास हो रहा होगा कि क्यों दीदी उस समय मुस्करा रही थीं. अब तक नताशा ने मेरे लंड को झेल लिया था और वो भी चुदासी मूड में हो गई थी. क्योंकि अब तक उस पर भी दारू का नशा हो गया था.

नताशा- आहह आह राज सो और तेज चोदो … आह मेरी चूत फाड़ दो … ओहह याह या तेरा लंड कितना मजा दे रहा है … इतना बड़ा लंड मैंने आज पहली बार लिया है … आह चोद दे … आहहह. …
आलिया- आहह भाई आहह याहह आह ओह भाई…
दीदी- आहह आह ओह आकाश याह या उहह आहह. …

हम तीनों मर्द अपने नीचे चूत चुदाई में लगे थे और तीनों चूत लंड के कहर से मचल रही थीं.

करीब बीस मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया … जिससे नताशा को बड़ा सुकून मिला … मुझे भी उसकी चूत चुदाई में मजा आ गया था.

मैंने नताशा के ऊपर से हटकर लंड से कंडोम निकाला … तो नताशा अपनी फैली हुई चूत में उंगली घुमाने लगी.

मैं- रस पीना है?
नताशा- शटअप … उधर जा … अपनी दीदी को पिला दे.

मैंने हंसते हुए कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया और नताशा के पास लेट गया.

इस बार दवा की असर जल्द ही खत्म हो गया था जिसकी वजह नताशा की नई चूत थी.
उधर वो दोनों पहले ही झड़ चुके थे.

मैं- लंड कैसा लगा?
नताशा- अब मुझे समझ आया कि उस समय चित्रा क्यों मुस्करा रही थी. आज ऐसे तो आकाश ने भी कभी नहीं चोदा है. तुमने मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दीं.

मैं- मैं लक्की हूँ कि जो तुम जैसी औरत के साथ सेक्स करने का मौका मिला.

अपनी बहन की सहेली के मम्मों को सहलाते हुए मैं किस करने लगा. उधर दीदी के कमरे में आकाश दीदी के बदन से खेलते हुए चुदाई खत्म कर चुका था.

आकाश- चित्रा, मुझे तुम्हारी गांड मारनी है … क्योंकि आज तक मैं कभी भी नताशा की गांड नहीं मार सका. वो हमेशा गांड मारने से मना करती है.
चित्रा- कोई बात नहीं … आज मेरा भाई तुम्हारी बीवी की गांड का उद्घाटन कर डालेगा. तुम मेरी गांड मार लो.

आकाश ने दीदी को घोड़ी बना दिया और दीदी के गांड में लंड घुसा दिया.

उन दोनों की गांड चुदाई शुरू होते ही मेरा मूड भी बन गया.

मैं- नताशा, मैंने तुम्हारी चूत का स्वाद तो ले लिया. अब मेरा लंड तुम्हारी गांड का स्वाद लेना चाहता है.
नताशा- नहीं … गांड नहीं … वहां बहुत दर्द होता है और तुम साले बहुत बेरहमी से चोदते हो.
मैं- आकाश ने भी गांड नहीं मारी?
नताशा- नो … आज तक मैंने उसको भी नहीं मारने दी.
मैं- एक बात समझ नहीं आ रही कि सभी औरतें गांड मारने से डरती क्यों हैं.

यदि आप एक औरत हो, तो कमेन्ट में जरूर बताएं कि क्या आप भविष्य में अपनी गांड मरवाओगी.

नताशा- तुम हमारी जगह पर होते, तब पता चलता.
मैं- प्लीज़ नताशा इस बार पक्का धीमे डालूंगा.
नताशा- तुम … और धीमे!

मैं- देखो न … हम यहां पर एक हफ्ते के लिए हैं. आज नहीं तो कल, तुम्हें अपनी गांड मरवानी ही होगी. जीजा जी तो पक्का तुम्हारी गांड मारेंगे, वो भी जानवर की तरह … और वैसे भी तुम्हें भी बाद में दुगना मजा आएगा. सोच लो किस से पहले अपनी गांड मरवाओगी?
नताशा ने हाथ डालते हुए कहा- ठीक है लेकिन वादा करो … धीमे धीमे ही गांड मारोगे.
मैं- पक्का यार.

फिर मैंने बाथरूम से तेल की शीशी का ढक्कन खोला और कमरे में आकर नताशा को घोड़ी बना दिया. सच में नताशा की गांड देखकर बॉलीवुड की हिरोइन अनुष्का शर्मा की याद आ गई.

मैंने धीमे से नताशा के गांड पर लंड सैट करके तेल टपकाया और धीमे से धक्का लगा दिया, जिससे थोड़ा सा लंड तेल की चिकनाई के साथ उसकी कुंवारी गांड में घुस गया.

नताशा- आहह मां ओहह … राज बहुत बड़ा है … मर गई.

मैंने धीमे धक्के के साथ तेल टपकाता गया और कुछ ही देर में नताशा की गांड में थोड़ा लंड पेल दिया. मैं उतने से ही उसकी गांड मारने लगा. अभी थोड़ा सा लंड अन्दर गया था, फिर भी नताशा जोरों से आवाजें कर रही थी.

मैंने लगातार तेल की शीशी का मुँह उसकी गांड और लंड के साथ टपकाता जा रहा था. मेरा लंड तेल की चिकनाई के साथ थोड़ा थोड़ा करके अन्दर घुसता जा रहा था.

कुछ ही देर बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और नताशा की कमर पकड़ कर जोर जोर के लंबे झटके लगाने लगा. इससे मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड में घुस गया. नताशा दर्द के मारे जोरों से चिल्लाने लगी थी.

उधर आकाश मजे से मेरी दीदी की गांड मार रहे थे और दीदी की कामुक आवाजें कर रही थीं- आहह याह या … सुन नताशा की आवाजें … मेरा भाई, नताशा की गांड मार रहा है.
आकाश- हां मारने दो … मेरे लिए वो मेरी बीवी की गांड खोल रहा है … इधर मैं उसकी बहन की गांड मार रहा हूँ.
दीदी- आहह ओह आकाश याह उहह!

नताशा- राज धीमे आहह ओह गॉड राज धीमे, प्लीज़ धीमे डाल … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- दर्द के आगे जीत है.
नताशा- आहह ओह बहनचोद … तुझे मजाक सूझ रहा है. … अपना लंड निकाल भोसड़ी के … आहह राज उहह याह!

मैंने नताशा की गांड पर चपत लगाते कहा- चुप साली … अभी तो पार्टी शुरू हुई है … आज तुझे पूरी रंडी बना कर छोडूंगा.
अपनी गांड पर चपत लगने से वो और जोर से चिल्ला उठी और उसकी गांड लाल हो गई. नताशा की आंख में दर्द की वजह से आंसू आ गए थे.

मैंने अपनी बहन की सहेली की चूत को सहलाना शुरू कर दिया था. मेरा दूसरा हाथ उसकी एक चूची के निप्पल को मसलने में लगा था.

करीब दस मिनट तक बेरहमी से चोदने के बाद में नताशा की गांड से लंड बाहर निकाल कर उसके चूतड़ों पर झड़ गया. फिर अपना लंड हिला कर बेड पर लेट गया.

नताशा भी कराहते हुए कुछ सेकंड बाद उठी और अपनी गांड को टिश्यू पेपर से साफ करने लगी.
नताशा- आहह कमीने … ऐसे कोई चोदता है. साले गांड सुजा दी.
मैं- सॉरी बहना … यार मुझे कन्ट्रोल ही नहीं हुआ.
नताशा- बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- मालिश कर दूं.
नताशा- तुम रहने दो.

फिर वो बेड पर लेट गई, उधर दूसरी तरफ भी सब खत्म हो गया था.

नताशा- अपनी दीदी को भी ऐसे चोदते हो?
मैं- हॉट फिगर देखकर लंड काबू में नहीं रहता है. वैसे नताशा तुम्हें मजा तो आया न … सच बताना!
नताशा- मजा तो आया … लेकिन दर्द अभी भी हो रहा है.

फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए और इस किंग साइज़ बेड पर हम चारों थककर सो गए. आलिया और जीजा जी अपने कमरे में चले गए थे.

कुछ समय बाद सबसे पहले दीदी उठीं और कपड़े लेकर अपने कमरे में चली गईं. वहां दोनों भाई-बहन सो रहे थे इसलिए दीदी बाथरूम में घुस गईं.

इधर नताशा की आंख खुली और वो मुझसे अलग होकर कपड़े लेकर चली गई. दीदी ने नहाकर कपड़े बदले और नंगी पड़ी आलिया को उठाया.

आलिया अपने कपड़े लेकर कमरे में आ गई और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई. हम तीनों मर्द अभी भी नग्न अवस्था में सो रहे थे.

दीदी सुबह का नाश्ता बनाने के लिए किचन में घुस गईं और पानी पीकर नाश्ता बनाने लगीं. तभी थोड़ा लंगड़ाकर चलते हुए नताशा किचन में आई.

चित्रा- गुड मॉर्निंग.
नताशा- गुड मॉर्निंग.
चित्रा- कैसी रही कल की रात?
नताशा- क्या कहूँ तुमसे.

चित्रा- दर्द हो रहा है.
नताशा- हां, लेकिन पहले से थोड़ा अच्छा लग रहा है. तुम्हारे भाई ने कल रात बहुत जोर से गांड मारी थी.
चित्रा- वो ऐसा ही है.
नताशा- तुम्हारी कल रात कैसी रही.
चित्रा- तुमसे अच्छी.

नताशा- कल रात को ऐसा लग रहा था मानो घोड़े का लंड गांड चोद रहा हो. तुम्हारे भाई ने कल रात हालत पतली कर दी थी.
चित्रा- सच बोलूं, तो तीनों मर्द एक जैसे हैं. तुम्हारा पति मेरी गांड भी ऐसे मार रहा था … मानो कभी पहले कभी औरत देखी ना हो. वो तो मैंने पहले गांड मरवा ली थी, इसलिए अच्छा था … वर्ना तुम्हारा पति मेरी गांड का कबाड़ा कर देता.

तभी आलिया भी किचन में आ गई.

आलिया- क्या बात कर रही हो.
चित्रा- कल रात के बारे में, वैसे कैसी रही कल की रात!
आलिया- आप तो भाई को जानती ही हो. वैसे नताशा तुम्हारी आवाजें सुनकर भाई और जोर से जोश में मेरी गांड बजा रहे थे.
नताशा- यह तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड की मेहरबानी है. अब एक बात तो पक्की हो गई है कि मेरी आगे और भी जोर से बजने वाली है.
चित्रा- डोन्ट वरी आगे तुम्हें भी मजा आएगा.

उधर वे तीनों अपनी कथा सुना रही थीं और इधर मैं नहाकर फ्रेश हो रहा था. नहाकर अपने कपड़े पहनकर मैं बाहर आ गया. बाहर हॉल में जीजा जी और आकाश टीवी देख रहे थे. मैं भी उनके साथ बैठ गया.

जीजा जी- आओ साले साहब, गुड मॉर्निंग.
मैं- गुड मॉर्निंग.
आकाश- कल रात को तुम नताशा की अच्छी बजा रहे थे.

अविनाश- नताशा की आवाजें सुनकर मुझे जोश आ रहा था. इधर मैं अपनी प्यारी बहन की बजा रहा था. वैसे तुम्हें मेरी बीवी के साथ सेक्स करने में मजा तो आया न.
आकाश- बहुत ज्यादा … यार पहली बार किसी औरत की गांड मारने का मौका मिला.
अविनाश- अच्छा दोनों गांड मार रहे थे. … इसलिए नताशा इतने जोरों से चिल्ला रही थी.
मैं- हां कल रात मैंने एक कुंवारी गांड मारी थी.

तभी वो तीनों नाश्ता बनाकर ले आईं और हम सभी ने साथ मिलकर नाश्ता करना शुरू कर दिया. नाश्ता करते हुए हम सभी एक दूसरे तरफ देखकर मुस्करा रहे थे.

नाश्ता खत्म करने के बाद हम तीनों मर्द सिर्फ शॉर्ट में समुद्र किनारे आ गए थे. मैं शांत समुद्र में तैर रहा था और वो दोनों शांति से बाहर बैठे थे. कुछ देर बाद वो तीनों आ गईं. उन्हें देखकर मेरी तो आंखें फटी की फटी रह गईं.

वो तीनों सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनकर आ रही थीं. हम तीनों मर्द उन तीनों को देख रहे थे. वो तीनों इस समय हिरोइन जैसी लग रही थीं. मेरा लंड शांत समुद्र में उठने लगा था. तभी वो तीनों भी पानी में घुस कर नहाने लगीं. उन तीनों को देखकर वो दोनों मर्द भी मेरे पास आ गए.

मैं- तुम तीनों बहुत खूबसूरत लग रही हो.
दीदी- तारीफ के लिए धन्यवाद.
आलिया- देखो … वो दोनों भी आ गए.

फिर हम सभी साथ में मजाक करते हुए समुद्र में मजा करने लगे. मैं आलिया के साथ मजाक कर रहा था, तो वो दोनों अपनी बीवियों के साथ.

कुछ देर बाद हम सब थककर बाहर आ गए और जीजा जी हम सभी के लिए ठंडी बियर ले आए. हम साथ में बैठकर ठंडी बियर का आनन्द लेने लगे.

मैं- जीजा जी, आपने लोकेशन जोरदार चुनी है.
जीजा जी- थैंक्स.

अविनाश- चित्रा … मेरे साथ रूम में चलोगी?
चित्रा- शटअप.
मैं- जीजा जी बहुत मन कर रहा है … तो आप अपनी बहन को ले जा सकते हैं.
आलिया चिढ़ कर कहने लगी- तुम ही चले जाओ. गांड मारने का खेल खेल लो!

मैं हंसने लगा.

आकाश- मन तो मेरा भी कर रहा है नताशा.
नताशा- चित्रा … चलो हमें यहां से चला जाना चाहिए.
चित्रा- हां तुम ठीक कह रही हो.

फिर वो तीनों खड़ी होकर अन्दर चली गईं और हम तीनों बियर पीने में मस्त हो गए.
 
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जीजा जी- राज तुम तो तीनों औरतों चोद चुके हो. तुमको सबसे ज्यादा किस के साथ मजा आया?
मैं- वैसे तो तीनों के साथ मजा आया लेकिन सबसे ज्यादा मजा दीदी के चुदाई में आया.
जीजा जी- हां, अपनी बहन चोदने में मजा आता ही है, मुझे भी सबसे ज्यादा आलिया के साथ चुदाई करने में मजा आया. अब तो बस नताशा को चोदना बाकी है.

फिर जीजू ने आकाश से पूछा- वैसे आकाश तुम्हें सबसे ज्यादा किस के साथ चुदाई करने में मजा आया. मेरी बीवी के साथ अपनी बीवी के साथ?
आकाश- तुम्हारी बीवी चित्रा के साथ … चुदाई में टेस्ट बदल गया.

जीजा जी- राज, तुम्हारी दीदी कुछ सरप्राइज की बात कर रही थी. तुम्हें कुछ पता है कि वो किस सरप्राइज की बात करना चाह रही थी?
मैं- नहीं, मुझे नहीं मालूम है.
आकाश- कैसा सरप्राइज?
जीजा जी- वो तो उन तीनों पता होगा.
मैं- देखते हैं उन लोगों का सरप्राइज क्या निकलता है.

फिर हम सभी दोपहर का खाना खाने बैठ गए. खाने के बाद वो तीनों एक ही कमरे में सो गईं.

फिर रात को हम सभी मिलकर खाना खा रहे थे.

चित्रा- अविनाश आज रात के सरप्राइज के लिए तैयार हो न?
मैं- कैसी सरप्राइज?
आलिया- वो खाना खाने के बाद पता चल जाएगा.

हम सभी ने खाना खत्म किया और उन तीनों के कहने पर हम बड़े कमरे में आ गए … जिसमें स्वैपिंग के लिए बड़ा से बेड का बंदोबस्त था.

तभी दीदी का फोन जीजा जी के फोन पर आया और वो हमें वहां टेबल पर पड़ीं पट्टियों को आंख पर बांधने को बोलीं.

हम तीनों ने उनकी बात मानकर आंखों पर पट्टी बांध ली और खड़े हो गए.

तभी उन तीनों के अन्दर आने की आहट आई और वो हमें पट्टी हटाने को बोलीं.

जब हम तीनों ने पट्टी हटाई, तो हमारे सामने वो तीनों खड़ी थीं. उन तीनों ने ही चुस्त टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थे. उन तीनों के हाथ पीछे को थे, जो शायद हमारा सरप्राइज था.

दीदी- सब सरप्राइज के लिए तैयार हो?
जीजा जी- कब से.

तभी उन तीनों ने अपने हाथ आगे कर दिए और उन तीनों के हाथ में डिल्डो थे.

मैं- ये क्या हैं?
दीदी- आज तक तुम तीनों ने हमारी गांड मारी थी. आज हम आप तीनों की गांड मारेंगे.
जीजा जी- क्या?
आलिया- यस.
नताशा- आज हम तुम तीनों को मजा कराएंगे.

मैं- हमें ऐसे मजे नहीं करना है.
आलिया- लेकिन हमें करना है.
अविनाश- चित्रा, आर यू सीरियस?
चित्रा- यस … जब तक तुम लोग अपनी गांड नहीं मारने दोगे, तब तक हम भी तुम्हें चोदने नहीं देंगे.

मैं- क्या इसके अलावा भी हम कुछ भी कर सकते हैं. मेरा मतलब कोई दूसरी चॉइस?
आलिया- तुम्हारे पास दूसरी कोई चॉइस नहीं है.
अविनाश- कोई बात नहीं, राज इतनी कुर्बानी तो दे सकते हैं. वैसे भी अपना टाइम आएगा.
चित्रा- चलो, अपने कपड़े उतारो और बेड पर घोड़े बन जाओ.

हम तीनों ने बिना कुछ बोले, अपने कपड़े निकाल दिए और बेड पर तीनों एक साथ घोड़े बन गए. इसके बाद वो तीनों उन नकली लंड यानि डिल्डो फिट करके हमारे करीब आ गईं.

मेरे पीछे नताशा खड़ी थी, जिसका मुझे डर था कि क्योंकि कल रात मैंने उसकी गांड को अच्छे से पेला था. जीजा जी के पीछे आलिया खड़ी थी और दीदी आकाश के पीछे खड़ी थीं. हम तीनों अन्दर से डर रहे थे … क्योंकि हमें परिणाम पता था.

नताशा ने मेरे चूतड़ों पर थपकी देते हुए कहा- राज डार्लिंग, रेडी हो न!
मैं- प्लीज़ धीमे. मगर तुम सब भी याद रखना.
चित्रा- अपनी आंखें बंद कर लो, हम तीनों बस अभी आए.

हम तीनों ने अपनी आंखें बंद कर लीं और वो तीनों कमरे से बाहर चली गईं. करीब पांच मिनट बाद हम तीनों ने अपनी आंखें खोल दीं.

अविनाश- क्या हुआ, ये तीनों कहां पर चली गई हैं.
मैं- पता नहीं.

जब मैंने सीधे होकर दरवाजा खोला, तो वो नहीं खुला … क्योंकि वो बाहर से बंद था.

मैं- जीजा जी दरवाजा बाहर से लॉक है.
जीजा जी- क्या!
आकाश- हमारे कपड़े भी नहीं है.

जीजा जी ने दरवाजा खटखटा कर दीदी को बुलाया, लेकिन दीदी का कोई जवाब नहीं आया. हम तीनों दरवाजा खटखटाने लगे, लेकिन उन तीनों में से कोई ने जवाब नहीं दिया.

तभी नीचे से एक चिठ्ठी अन्दर आई. उसे उठा कर खोला, उसमें लिखा था कि आज रात तुम तीनों को बिना कपड़े के रहना पड़ेगा, यही हमारा सरप्राइज है … और हां तुम सभी के लिए एक बोटल छोड़ दी है. मन करे तो तुम आपस में एक दूसरे की गांड मार लेना.

जीजा जी- लो हो गया पोपट. पूरे दिन का मूड ऑफ कर दिया.
मैं- आज रात तो ऐसे ही बितानी पड़ेगी.
आकाश- ये कैसी भोसड़पन वाली सरप्राइज है.
जीजा जी- हमारे लिए तो यह सरप्राइज एक सजा के बराबर है.
मैं- चलो मां चुदाने दो … अब अपन पैग मारते हैं. जीजा जी, सिगरेट तो है न?
अविनाश- हां सिगरेट तो है.

फिर हम तीनों ने पैग बनाए और चियर्स कहकर लगाने लगे. आज पूरा दिन तो तड़पे ही थे, लेकिन अब रात भी खाली बितानी पड़ रही थी.

जब हम दूसरा पैग लगा रहे थे, तब मुझे थोड़ी अलग सी फीलिंग हो रही थी.

मैं- जीजा जी मुझे अलग सी फीलिंग आ रही है.
आकाश- मुझे तो चुदाई का मन हो रहा है.
जीजा जी- लग गई वाट, यह वायग्ररा की असर है. उन तीनों ने इसमें वायग्ररा की गोलियां मिला दी हैं.

हम तीनों ने पैग मारना बंद कर दिया, तभी उसका असर हम तीनों पर होने लगा. हम तीनों के लंड खड़े होने लगे थे.

आकाश- अब क्या करें. डोर लॉक है और इधर कोई विन्डो भी नहीं है.
मैं- अपना हाथ जिन्दाबाद.
जीजा जी- यह उसने तीनों ने ठीक नहीं किया. इसकी सजा कल मिलेगी.
मैं- हम बड़ी आफत से बच गए हैं … वरना पता नहीं हम तीनों की क्या हालत होती. आप दीदी को कहो न कि दरवाजा खोले. मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
जीजा जी- उन तीनों में से कोई दरवाजा नहीं खोलेगी.

मेरा लंड खड़ा हो गया था और अन्दर की आग बढ़ रही थी, इसलिए मैंने फिर से दरवाज़ा खड़खड़ाया, लेकिन कोई ने भी दरवाजा नहीं खोला. अब मुझे भी गुस्सा आ रहा था.

मैं- जीजा जी अपना टाइम कब आएगा?
जीजा जी- कल सुबह … इस तीनों की मां चोद देंगे.

फिर हम बेड पर बैठकर अपना लंड सहलाने लगे. … क्योंकि इस समय हम तीनों पर वायग्ररा का असर था.

आकाश- राज तुम्हारा लंड तो हम दोनों के लंड से बड़ा है.
मैं- हां बहुत संभाल कर रखा है.
आकाश- आज तक तुम कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके हो.
मैं- सिर्फ इन तीन के साथ.

आकाश- रियली … इससे पहले किसी भी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था.
मैं- पहले एक गर्लफ्रेंड थी, जिसके साथ चूत चुदाई का मौका मिलते-मिलते रह गया था.
जीजा जी- मतलब!
मैं- हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे. मैं वेलेंटाइन-डे का इन्तजार कर रहा था, लेकिन उसने अचानक मुझसे ब्रेकअप कर लिया. उसके बाद मैंने कभी उसको कभी दोबारा नहीं देखा और ना ही उसके बारे में मुझे कोई खबर है.
जीजा जी- राज, तुमने कभी बताया नहीं.
मैं- मुझे खुद ब्रेकअप की वजह नहीं पता है … तो मैं आपको कैसे कहता.

हम तीनों मुठ मारते हुए बातें कर रहे थे.

आकाश- उसका नाम क्या था.
मैं- जिया.
जीजा जी- उम्र?
मैं- अभी उसकी उम्र 24 साल होगी.
जीजा जी- तुम कौन से कॉलेज में पढ़े हो?
मैं- दिल्ली यूनिवर्सिटी.
आकाश- वो भी तुम्हारे साथ कॉलेज कर रही थी?
मैं- हां.

आकाश- क्या? तो वो तुम लड़के हो, जिससे जिया प्यार करती थी?
जीजा जी- तुम उसे जानते हो?
आकाश- हां.
मैं- कैसे?
आकाश- तुम जिस जिया की बात कर रही हो … वो मेरी बहन है.
मैं- क्या!
आकाश- यस … तुम्हारे ब्रेकअप की वजह मेरे पिताजी हैं. एक दिन पिताजी को तुम दोनों के बारे में पता चल गया था और उन्होंने ही जिया को तुम्हारे साथ ब्रेकअप करने को कहा था. पिताजी ने जिया को कसम दी थी कि वो कभी तुमसे ना मिले … वरना पिताजी मर जाएंगे. इस वजह से जिया ये तुमसे ब्रेकअप कर लिया था.

मैं- ऐसा क्यों किया था पिता जी ने?
आकाश- मेरी बड़ी बहन ने भाग कर लव मैरिज कर ली थी, इसी वजह से पिताजी को प्यार करने वाले पर नफरत होने लगी थी. अभी छह महीने पहले जिया की शादी हुई है.
जीजा जी- हां अब याद आया … हम दोनों भी शादी में आए थे.
आकाश- जिया की शादी नताशा के भाई के साथ हुई है.

जीजा जी- अच्छा को-इसिडन्ट है. आकाश, कल रात तुम जिसके साथ सेक्स कर रहे थे … उसका भाई तुम्हारी बहन से प्यार करता रहा था. लेकिन अब वो मेरी बहन से प्यार करता है, वो ही कल रात तुम्हारी बीवी के साथ सेक्स कर रहा था.
मैं- सब किस्मत का खेल है. वैसे इस ही किस्मत की वजह से मुझे आलिया जैसी सुंदर गर्लफ्रेंड मिली है. वैसे आकाश भाई आपने तो मेरी बहन के साथ मजा कर लिया, अब आप कब अपनी बहन से मिलवा रहे हैं.
आकाश- सॉरी राज, ये संभव नहीं है.

अविनाश- कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती है. वैसे राज का आईडिया अच्छा है. इससे हमारे ग्रुप में और दो मेम्बर जुड़ जाएंगे.
आकाश- फिलहाल तो संभव नहीं है, बाद में देखेंगे.

फिर हम तेजी से मुठ मारने लगे और तीनों टिश्यू पेपर में झड़ गए और चैन की श्वास लेने लगे. उसके बाद हम तीनों नग्न अवस्था में ही सो गए.

जब मैं सुबह उठा, तब भी दरवाजा बंद था. इसलिए मैंने उन दोनों को उठाया और हमने फिर से दरवाजा खटखटाया. तभी दीदी की आवाज सुनाई दी.

दीदी- उठ गए तुम तीनों?
जीजा जी- चित्रा, अब दो दरवाजा खोल दो.
आलिया- हमने दरवाजा खोल दिया, तो तुम लोग क्या करोगे … हमें पता है.
मैं- प्लीज़ खोल दो, हम कुछ भी नहीं करेंगे.
चित्रा- पहले वादा करो.
अविनाश- ठीक है. हम वादा करते हैं. अब तो ओपन करो.

तभी दरवाजा खुल गया और उन तीनों के सामने हम बिल्कुल नग्न अवस्था में खड़े थे.

दीदी- कैसी रही रात?
जीजा जी- एकदम बोरिंग.
दीदी- फ्रेश हो लो … तब तक हम नाश्ता बना लेती हैं.

हम सभी अपने अपने कमरे में आ गए. मैं नहाकर कपड़े पहन चुका था और बाल ठीक कर रहा था, तभी जीजा जी मेरे कमरे आए. मैं देखा कि उनके हाथ में डिल्डो थे.

जीजा जी- राज, इन्हें ऐसी जगह छुपा दे ताकि दोबारा कभी उन्हें ना मिले.
मैं- ठीक है.

फिर मैंने तीनों डिल्डो छुपा दिए और हम बाहर आ गए. सभी ने साथ मिलकर ब्रेकफ़ास्ट किया.

दीदी ने मजाक करते हुए कहा- अविनाश, हाथ ज्यादा दुख तो नहीं रहा न!

अविनाश- यह ढाई किलो के हाथ है इतनी आसानी से नहीं दुखने वाला.
आलिया- राज, कैसा लगा हमारा सरप्राइज.
राज- एकदम बढ़िया.
नताशा- आकाश कल रात जिया को फोन था. वो दोनों कल यहां पर आ रहे हैं.
आकाश- क्या?

इस बात वो तीनों हंसने लगीं और हम तीनों उसे आश्चर्य से देखने लगे.

मैं- क्या हुआ?
दीदी- कल रात हम आप तीनों का लाइव शो देख रहे थे, वहां हमने हिडन कैमरा लगाया था.
अविनाश- हंस लो बच्चू … जब हमारी बारी आएगी, तब हम हंसेंगे.
दीदी- सुनो … हम आज घूमने जाएंगे.

उनकी बात पर हम मर्दों ने कुछ नहीं कहा.

कुछ देर में नाश्ता खत्म करके वो तीनों नहाने के लिए चली गईं और हम सोफे पर बैठकर सिगरेट फूंकते हुए उन तीनों का इन्तजार करने लगे.

कुछ देर में वो तीनों तैयार होकर आ गईं. हम तीनों उनको देखते रह गए. उन तीनों ने ऐसा ड्रेस पहना था, जिसे देखकर किसी का भी मन डोलने लगे.

फिर हम सभी दो कार से घूमने के लिए निकल गए. जब हम घूम रहे थे, तब हमारे साथ ऐसी घटना घटी, जिसे लेकर हमने सपने में भी नहीं सोचा था.

करीब शाम के चार बजे जब हम घूम रहे थे, तब अचानक से हमें जिया और उसका पति मिल गया. हम सभी एकदम चौंक गए. फिर आकाश ने सभी से मुलाकात करवाई. जिया मुझे देखकर एकदम से चौंक गई और मुझसे ऐसे हाथ मिलाने लगी, जैसे हम पहली बार मिल रहे हों.

आकाश- तुम दोनों यहां पर?
नीरज- जीजा जी, आप यहां पर?

नताशा- जिया, तुम दोनों तो लंडन जाने वाले थे राइट!
नीरज- यस दीदी … लेकिन लास्ट टाइम मेरी मीटिंग कैंसिल हो गई. फिर हम यहां घूमने आ गए.
जिया- भाई, आप यहां पर कब आ गए … आपने कुछ बताया ही नहीं?
आकाश- ये एकदम अचानक से नक्की हुआ था. इसलिए बताने का मौका ही नहीं मिला.

नताशा- तुम दोनों कहां पर ठहरे हो?
नीरज- होटल प्लाजा में … और आप!
आकाश- हम सभी एक पेन्ट हाउस में रुके हैं.
जीजा जी- एक काम करो, तुम दोनों भी हमारे साथ आ जाओ, वैसे भी वहां एक कमरा खाली है.
आकाश- हां, हम सब यहां पर एक हफ्ते के लिए रुकने वाले हैं.
जिया- लेकिन!

नताशा- लेकिन वेकिन छोड़ो. अच्छा हुआ तुम दोनों यहां पर आ गए. आज सुबह हम तुम दोनों के बारे में बात कर रहे थे.
जिया- कैसी बात!
नताशा- तुम्हारे भूतपूर्व ब्वॉयफ्रेंड के बारे में.
मैं- सॉरी जिया, वो बातों बातों में निकल गया था. मुझे नहीं मालूम था कि तुम्हारा जिक्र परिचितों में से ही निकलेगा.
आकाश- नीरज तुम्हें तो पता है न!
नीरज- हां जिया ने मुझे पहले ही बता दिया था.

नताशा- तो चलो, अब तुम दोनों भी हमारे साथ रुकोगे.
नीरज- हमने होटल पर एक हफ्ते के लिए बुकिंग कर ली है.
आकाश- तो क्या हुआ, वो कैंसिल कर देना. तुम दोनों हमारे साथ रहोगे, यह फाइनल है.
जिया- ठीक है.

फिर हम सब साथ में घूमने लगे. जिया मुझे बार-बार देख रही थी और मैं उसको देख रहा था.

तभी जीजा जी ने आकाश के कान में वो कल वाली बात कह दी. आकाश इसके लिए तैयार हो गए. आकाश ने धीमे से नताशा को बात समझा दी और नताशा भी इसके लिए राजी थी.

फिर हम सब मॉल में शॉपिंग करने के लिए गए, जहां लेडीज का ग्रुप अलग हो गया और हम सभी मर्द अलग ग्रुप में गए. इधर आकाश ने अपना काम करना शुरू कर दिया.
 

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