Incest बहन और जीजू की फैंटेसी

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आकाश- नीरज यार, तुमसे एक बात कहनी थी.
नीरज- क्या?
आकाश- पहले वादा करो कि तुम बुरा नहीं मानोगे.
नीरज- ठीक है.

आकाश- दरअसल हम यहां पर तीनों कपल साथ मिलकर स्वैपिंग कर रहे हैं.
नीरज- क्या … कब से!
आकाश- कल से पहली बार. हम सभी की इच्छा है कि तुम दोनों हमारे साथ ज्वाइन करो.
नीरज- जीजा जी, आप क्या बोल रहे हो. आप मजाक तो नहीं कर रहे हो?
आकाश- नहीं.
नीरज- सीरियसली?
आकाश- देख नीरज सभी इसके लिए तैयार हैं. इसमें बहुत मजा आएगा.

नीरज- मगर हम भाई-बहन कैसे!
आकाश- वो चारों भी भाई-बहन हैं.
नीरज- जीजा जी, यह गलत है.

आकाश- कुछ गलत नहीं है. तुम्हारी बहन भी तुम्हें पसंद करती है. आज तक मैंने तुमसे कुछ नहीं मांगा है, लेकिन इस बार मांग रहा हूँ. प्लीज़ हमारे खातिर मान जाओ.
नीरज- लेकिन जीजा जी यह गलत है.
आकाश- इसमें कोई गलत नहीं है.
नीरज- लेकिन जिया!

आकाश- उसकी चिंता तुम मत करो. वो तुम्हारी दीदी जिया को मना लेगी.
नीरज- ठीक है. मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि हम सभी भाई-बहन मिलकर स्वैपिंग करेंगे.
आकाश- थैंक्स.

फिर आकाश हम दोनों को बता दिया और नताशा को मैसेज कर दिया. अब बस जिया को मनाना बाकी था … लेकिन आखिरकार वो भी मुझे देख कर मान गई.

उसके बाद हम उन दोनों का सामान होटल से लेकर आ गए और सभी ने एक अच्छे होटल में डिनर किया. हमारे पास दो कारें थीं, जिसमें एक कार में हम जेन्टस थे और दूसरे कार में सभी लेडीज थीं. हम सभी पूरा दिन घूमने के बाद पेन्ट हाउस वापस आ गए.

मैं सोच रहा था कि हम सब कल ही उन दोनों के बारे में बात कर रहे थे और आज वो हमारे साथ हैं.

कुछ देर हम सभी पेन्ट हाउस पहुंच गए.

जीजा जी- पहले हम सभी फ्रेश हो जाओ … फिर मिलते हैं.
दीदी- ओके.
जीजा जी- आज सभी लेडीज कल की तरह टी-शर्ट और शॉर्ट पहनकर आएंगी और हम सभी जेन्टस टी-शर्ट और लोवर में.
मैं- ओके डन.
दीदी- पहले तुम जेन्टस तैयार हो लो, तब तक हम लोग बात करते हैं.
जीजा जी- ठीक है.

हम सभी जेन्टस, कमरे में गए और फ्रेश होकर बाहर आ गए. उसके बाद वो सभी अन्दर चली गईं. हम सभी बाहर समुद्र किनारे पर आ गए. इधर मौसम बड़ा सुहाना था.

जीजा जी- राज, तुम बहुत किस्मत वाले हो, जिसे तुम पसंद करते हो, वो आज तुम्हारे साथ है.
आकाश- अब आगे का क्या प्लान है?
जीजा जी- आज कोई प्लान नहीं … सिर्फ चुदाई होगी.
मैं- दो दिन से हम तड़प रहे हैं … आज पूरा हिसाब लेंगे.

तभी वो चारों लेडीज आ गईं और उनको इस तरह से देखकर हमारा लंड खड़ा हो गया. उन चारों ने मम्मों तक ढंकने वाली बिना आस्तीन की चुस्त टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थे.

हम सभी साथ मिलकर पैग बनाने लगे और साथ में चियर्स कहकर पैग मारने शुरू कर दिए. मैंने सिगरेट सुलगा ली और प्यार से जिया को देखने लगा. वो भी वासना से मुझे देख रही थी.

हम सभी एक दूसरे को देख रहे थे. हम सभी गोला बनाकर जोड़ी में बैठे थे. बीच में स्कॉच की दो बोटल रखी थीं और सभी के हाथ में गिलास थे.

आलिया ने सिगरेट जलाते हुए कहा- राज, तुमने कभी जिया के बारे में बताया नहीं.
मैं- सॉरी.

आकाश- तुम दोनों हमारे ग्रुप में नए हो इसलिए यहां के रुल बता दूं. सबसे पहले तो यह बात सिर्फ यहीं तक रहनी चाहिए. दूसरा रिकॉर्डिंग करना मना है और कभी किसी के साथ चीटिंग मत करना. तुम दोनों जिसके साथ चाहो, उसके साथ मजा कर सकते हो … और हां अब शर्म छोड़ देना.

जीजा जी- नीरज, चल तू बता … सबसे पहले जिया के अलावा तू किसके साथ मजा करना चाहेगा?

नीरज हिचकिचाने लगा, वो जिया की तरफ देख रहा था.

आकाश- अब शर्म छोड़ … और जल्दी बता.
नीरज- आलिया.
चित्रा- जिया तुम?
जिया- राज.
आकाश- मेरे लिए चित्रा सही है.
जीजा जी- नताशा तैयार हो न … तो अब चलें अन्दर?
दीदी- तुम्हें बहुत जल्दी है.
जीजा जी- क्या करूं … अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा है.

सबसे पहले जीजा जी नताशा को उठाकर अन्दर ले गए. उसके बाद आकाश दीदी को उठाकर ले गए, फिर नीरज और आलिया अन्दर गए. मैं खड़ा होकर जिया के पास बैठ गया.

जिया- सॉरी राज, मैं मजबूर थी.
मैं- इट्स ओके. मुझे मालूम है.
उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने बताया कि आकाश ने मुझे सब बता दिया.

वो मेरी गोद में आ गई और मुझे किस करने लगी.

हम दोनों ने वहीं पर ही किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों धीमे धीमे गरम हो रहे थे और ऊपर से शराब का असर होने लगा था. उसके बाद हम दोनों ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी.

जिया- आई लव यू राज.
मैं- आई लव यू टू जिया.

तभी जिया मेरे ऊपर आ गई और हम दोनों किस करने लगे. मैं जिया को किस करते हुए उसकी गांड को सहला रहा था.
वो बोली- यहीं करोगे?
मैंने कुछ नहीं कहा और जिया को उठाकर हॉल में ले आया.

उधर दीदी आकाश का लंड चूस रही थीं. जीजा जी नताशा के मम्मों को दबा रहे थे और वो दोनों अभी किस कर रहे थे. मैंने जिया की ब्रा को खोल दी और पीछे से उसके रसीले मम्मों को दबाने लगा.

दीदी मेरी ओर सेक्सी नजरों से देख रही थीं. तभी जीजा जी ने नताशा को बेड पर लेटा दिया और पूरे नग्न होकर ड्रावर से कंडोम निकालकर पहन लिया. फिर जीजा जी ने नताशा की पैंटी निकाल कर उसे भी पूरा नंगा कर दिया.

अगले ही पल जीजा ने नताशा के ऊपर चढ़कर चुदाई शुरू कर दी.

उनके पास ही नीरज आलिया की चूत चाट रहा था. उधर आकाश ने भी दीदी को नग्न करके बेड पर लेटा दिया और उन्होंने ड्रावर से दो कंडोम निकाल कर एक नीरज को दे दिया और दूसरा अपने लंड पर लगा लिया.

दीदी और आकाश दोनों चुदाई में शुरू हो गए. साथ में नीरज ने भी आलिया की चुदाई शुरू कर दी. इधर हम दोनों अब भी किस करने में मशगूल थे.

जीजा जी जिसे चोद रहे थे, उसका भाई जीजा जी की बहन को पेल रहा था. पूरे कमरे में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. फिर मैंने भी जिया को दीदी के पास बेड पर लेटा दिया.

मैंने ड्रावर से कंडोम लेकर लंड पर लगा लिया और उसके बाद जिया के ऊपर चढ़कर उसके बदन को चूमने लगा.

आलिया- आहहह याह ओह उम्मह आहहह ओह …
नताशा- आहहह ओह गॉड याहह ओह अविनाश यू आर सो हार्ड … फक मी …
चित्रा- आहहह ओह या याह उम्मह यस आकाश याह आह या आहहह. …

अभी मैं जिया के बदन को चूम रहा था और उसके मम्मों को सहला रहा था.

दीदी ने गांड उठाते हुए आकाश का लंड अन्दर लिया और कहा- राज … अब जिया को और मत तड़पा … जल्दी से उसे चोद डाल.

जिया भी अब पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार थी, इसलिए बिना देरी के मैंने अपना लंड जिया की चूत पर सैट कर दिया और धीमे से धक्का लगा दिया. जिससे मेरा थोड़ा लंड चूत में घुस गया. जिया मेरे मोटे लंड से कराह उठी.

चुदाई की वजह से जिया भी कामुक आवाजें निकालने लगी थी.

मैंने अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया, जिससे जिया चिल्लाने लगी. इस दौरान नीरज झड़ चुका था और जीजा जी भी झड़ गए थे. तभी कुछ सेकंड में आकाश भी झड़ गया. अब वो सभी मिलकर हम दोनों की चुदाई देखने लगे.

जिया- आहह राज ओह याह उम्म्ह… अहह… हय… याह… राज सो हार्ड! प्लीज धीरे चोदो.
नीरज- राज … धीमे यार … जिया को दर्द हो रहा है.

आकाश- साले साहब तुम सिर्फ चुदाई देखो. अपनी बीवी को उसके पुराने यार से चुदने का मजा लेने दो.
अविनाश जीजा ने भी कह दिया- हां आकाश, तेरी बहन अपने यार से चुद रही है … बड़ा मजा आ रहा है.

ये सुन कर नीरज मुस्कुरा दिया.

मैं उन लोगों को देखकर तेजी से चोदने में लग गया. जिया बस दर्द को सहते हुए सीत्कार कर रही थी. वो अब तक दो बार झड़ चुकी थी.

करीब पंद्रह मिनट बाद मैं झड़ गया. फिर कंडोम निकालकर मैंने दीदी को दे दिया और जिया के पास लेट गया. दीदी ने कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया. कुछ पल बाद जिया उठ कर बाथरूम चली गई.

फिर जीजा जी ने स्कॉच की बोतल उठा ली … और हम सभी पैग मारने लगे.

तभी जिया भी बाथरूम से आ गई. फिर वो भी पैग लगाने लगी. मैं सिगरेट पी रहा था वो मेरे बगल में बैठी थी. उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और धुंआ उड़ाने लगी.

नताशा- जिया मजा आया न … अपने भूतपूर्व ब्वॉयफ्रेंड से चुदने में?
जिया- क्या भाभी आप भी ना!

जीजा जी- चलो अब दूसरा राउंड शुरू करते हैं. इस बार हम अपनी बहन की गांड मारेंगे.
जिया- अभी मुझसे नहीं होगा, दर्द हो रहा है.

आकाश- अभी तो पार्टी शुरू हुई है बहना.
मैं- दीदी आप तैयार हो न.
दीदी- हां मेरे प्यारे भाई.
जीजा जी- चलो लेडीज सब घोड़ी बन जाओ.

सबसे पहले दीदी घोड़ी बन कर हिनहिनाने लगीं. उसके बाद आलिया उनके बाजू में बन गई, फिर नताशा और आखिर में जिया घोड़ी बन गई.

हम सभी मर्दों ने ड्रावर से कंडोम निकाल कर लंड पर पहन लिए.

सबसे पहले जीजा जी ने शुरुआत की. उसके बाद आकाश, फिर मैं और आखिर में नीरज भी शुरू हो गया. हम सभी अपनी बहनों की गांड मार रहे थे और वो कामुक आवाजें कर रही थीं.

सबसे ज्यादा जिया की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं, शायद उसने अभी तक अपनी गांड नहीं मरवाई थी.

पूरे कमरे में चुदाई से फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.

दीदी- आहह राज फक मी हार्ड, कब से तुम्हारा लंड लेने के लिए तड़प रही थी.
आलिया- आहह ओह भाई याह अम्मह आह ओह भैया आपने तो मेरी गांड की मां चोद दी.
नताशा- आहह नीरज और जोर से पेल … कम ऑन आहह आह उहह ओह आह.
जिया- आहह अम्मह ओह … भाई प्लीज़ स्टॉप इट … मुझे दर्द हो रहा है.

तभी आकाश ने जिया को पलटकर लेटा दिया और उसकी चूत चोदने लगे.

नीरज- दीदी मुझे आपकी चूत चोदनी है.
नताशा- ठीक है. आजा अब आगे पेल दे.

नीरज भी अपनी बहन नताशा की चूत चोदने लगा. इस समय चारों औरतें अपने अपने भाइयों से चुद रही थीं. मैं लंबे झटके के साथ दीदी की गांड में लंड पेल रहा था.
जीजा जी- देखो साले साहब … मैं कैसे तेरी गर्लफ्रेंड को चोद रहा हूँ.
मैंने दीदी की गांड पर चपत लगाकर कहा- आप अपनी बीवी को देखो कैसे मस्त गांड चुदवा रही है.

कमरे में घमासान चुदाई के बाद करीब दस मिनट बाद वो तीनों झड़ गए और मैं दो मिनट बाद झड़ गया. फिर हम सभी मिलकर आराम करने लगे. बाद में हम सब सोने के लिए अपने अपने पार्टनर के साथ कपड़े लेकर चले गए.

मैं और आलिया कमरे में आकर एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे. फिर दोनों नग्न अवस्था में एक दूसरे से चिपककर बातें करने लगे.

मैं- बेबी मजा तो आया न?
आलिया- मजा इस समय तुम कर रहे हो.
मैंने मजाक करते हुए कहा- क्यों तुम्हारे भाई ने तुमको अच्छे से नहीं चोदा?

आलिया- शटअप … वैसे तो तुम चारों जेन्टलमैन लगते हो … लेकिन रात को एकदम हरामजादे बन जाते हो. जो अपनी बहन को चोदते हैं और दूसरी की बीवी को भी चोदते हो.
मैं- तुम चारों भी तो रांड की तरह चुदवाती हो.
आलिया- अब हम तुम्हें रांड लगे … कल भाभी को बताना पड़ेगा.
मैं- सॉरी बेबी … मैं तो मजाक कर रहा था.

आलिया- कल रात तो याद है न कैसे तड़प रहे थे.
मैं- वैसे कल रात का प्लान किसका था?
आलिया- वैसे तो हम तीनों का था, लेकिन यह प्लान देने वाली तुम्हारी दीदी थीं.
मैं- दीदी को कल देख लूंगा लेकिन तुम्हें अभी इसकी सजा मिलेगी.
आलिया- कैसी सजा!
मैं- चुदाई की.
आलिया ने चूत मसलते हुए कहा- मैं सजा के लिए तैयार हूँ.

उसने अपनी चूत मसली, तो मैं आलिया के ऊपर चढ़ गया और लंड सैट करके जोर का झटका दे मारा. आलिया के कंठ से एक आह निकली और आलिया की चुदाई शुरू हो गई. मैं इस समय पूरे जोश में आलिया को पेल रहा था. आलिया चुदाई का आनन्द लेते हुए सीत्कार कर रही थी.

आलिया- आहह याह या अम्मह ओह राज फक मी हार्ड … और जोर से चोदो राज … जैसे अपनी दीदी को चोदते हो.
मैं- आह चुद साली.
आलिया- आह … हां चोद मादरचोद.

मैं आलिया के मम्मों पर एक हाथ रखकर उसके दोंनो पैर ऊंचे करके चोद रहा था. इस बार मैं जल्द ही थक गया और करीब पांच मिनट चुदाई के बाद हम दोनों शांत हो गए.

आलिया- राज, मुझसे शादी कब करनी है?
मैं- इस बार जाकर मॉम-डैड से बात करता हूं.
उसने मुझे चूम लिया.

हम एक दूसरे के चिपक कर सो गए.

करीब रात के चार बजे जब मेरी नींद खुल गई. मुझे पानी की तलब लगी. इस समय कमरे में पानी मौजूद नहीं था, इसलिए में पानी पीने के लिए किचन में गया. मैं फ्रिज से पानी की बोतल लेकर पानी पीने लगा, तभी दीदी भी नग्न अवस्था में ही किचन में आ गईं.

मैं- दीदी आप!
दीदी- हां यार, पानी की तलब लगी थी.

मैंने दीदी को पानी की बोतल दी और फिर दीदी ने पानी पीकर पानी की बोटल फ्रिज में रखकर मेरी ओर सेक्सी स्माइल करने लगीं. हम दोनों किस करने लगे और मेरा लंड फिर से जाग गया.

मैं- दीदी, मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है.
दीदी- तुम सभी मर्द को बस मौका मिलना चाहिए और चूत पेलने लगते हो. वैसे भी मैं अपने प्यारे भाई को मना भी तो नहीं कर सकती.

मैं दीदी को झुकाकर उसकी गांड मारने लगा. दीदी के दोनों हाथ किचन की स्लैब पर टिक गए थे. वहां सभी कमरे में सो रहे थे और इधर किचन में इतनी रात को मैं अपनी दीदी को पेल रहा था.

करीब दस मिनट चोदने के बाद मैं दीदी की गांड के ऊपर झड़ गया.
 
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मैं- आई लव यू दीदी.
दीदी- आई लव यू टू भाई.
मैं- दीदी आपको चुदते हुए देखकर मुझे बहुत मजा आता है.
दीदी- हां कमीने, तुझे तो अपनी बहन चुदते देख कर मजा ही आएगा न?
मैं कहा- हां और मुझे अपनी बहन चोदने में भी मजा आता है.
दीदी हंस पड़ीं और बोलीं- मुझे भी तेरे लंड से चुदने में बहुत मजा आता है.

फिर मैं अपने लंड को टिश्यू पेपर से साफ करने लगा और दीदी ने भी टिश्यू पेपर से अपनी गांड साफ कर ली. बाद में हम दोनों अपने कमरे आकर सो गए.

जब सुबह के नौ बजे मेरी आंख खुली, तब आलिया कमरे में मौजूद नहीं थी. मैं खड़ा हुआ और बाथरूम में चला गया.

करीब आधे घटे बाद नहाकर मैं बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहनकर तैयार हो गया. मैं रूम से बाहर आ गया. वो सभी नाश्ता कर रहे थे, इसलिए मैं भी उन सभी के साथ ज्वाइन करके नाश्ता करने लगा.

जीजा जी- राज, आज इतनी देर से क्यों उठे हो. कहीं आलिया को पूरी रात तो नहीं पेला.
आलिया- क्या भाई आप भी ना!
राज- वो जीजा जी कल रात को चुदाई करके मैं ज्यादा थक गया था इसलिए सो रहा था.

नताशा- जिया तुम दोनों तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न!
नीरज- नो दीदी.
जिया- मैंने तो कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि राज से दोबारा मुलाकात होगी.
आलिया- मुलाकात के साथ चुदाई भी हो गई.

आलिया की बात पर हम सभी हंसने लगे.

मैं- आज का क्या प्लान है?
जीजा जी- चलो घूमने चलें.
चित्रा- नो यार … मेरा मूड नहीं है.
नताशा- मेरा भी.
आलिया- मैं भी आज घूमने जाना नहीं चाहती हूँ.
जिया- और ना मैं.

आकाश- तो पूरा दिन क्या करेंगे?
नीरज- क्यों न हम इधर कोई गेम खेलते हैं.
जीजा जी- गुड आईडिया.
नताशा- कैसा गेम?
मैं- मेरे पास एक आईडिया है.
चित्रा- कैसा आईडिया?

मैं- हम सभी दो टीम में बंट जाएंगे. एक जेन्टस का और एक लेडीज.
जीजा जी- ठीक है फिर क्या?
मैं- हम दोनों टीम एक-एक कमरे में कुल दस क्लू ढूंढने होंगे. जो सबसे पहले ढूंढ लेंगे, वो टीम विजेता रहेगी.
नीरज- गुड आईडिया.
मैं- कल सुबह तक हारने वाली टीम को जीतने वाली टीम की बात मानने पड़ेगी.

आलिया- वो तो ठीक है लेकिन क्लू में छुपाएंगे क्या?
मैं- कोई भी दस चीज और उस चीज को ढूंढने के लिए कोई पहेली.
आलिया- लेकिन हमें कैसे पता चलेगा कि वो पहेली का जवाब यही चीज होगी?

जीजा जी- एक ऐसा एप है, जिसमें एक फोल्डर के अन्दर हम कई फोल्डर बना सकते हैं … और हर फोल्डर के लिए हम अलग पासवर्ड सैट कर सकते हैं … और हर फोल्डर हम कुछ भी नोट कर सकते हैं. यानि हम उस एप के जरिये दस फोल्डर बताएंगे और हर फोल्डर में उस पहेली का जवाब होगा. अगली पहेली तभी मिलेगी, जब हम आगे की पहेली का जवाब दे देंगे.
जिया- और टाइमलाइन!

मैं- आधे घंटे में जो ज्यादा क्लू ढूंढेगा, वो जीत जाएगा.
आलिया- आधा घंटा बहुत कम समय है.
मैं- तो एक घंटे का टाइम कर लेते हैं.

अविनाश- पहले आप लेडीज डिसाइड करके बताएं कि आप क्लू किस कमरे में छुपाओगी, फिर हम बताएंगे.
चित्रा- ओके डन.

हम सभी ने नाश्ता करने के अपनी अपनी टीम में मीटिंग की. उन सभी लेडीज ने डिसाइड कर दिया.

दीदी- वो क्लू मेरे कमरे में होंगे.
मैं- ओके … हमारी टीम मेरे कमरे में क्लू छिपाएगी.

इसके बाद हम सभी अपने अपने तय किये हुए कमरे में जाकर उधर की चीजों को देखा और दस क्लू के लिए पहेली बना ली.

उस पहेली को एक फोल्डर में नोट कर ली और पासवर्ड सैट कर लिया. फिर हम सभी बाहर आ गए और दोनों टीमों ने मोबाइल चेंज कर लिए.

जीजा जी- जीतेंगे तो हम ही.
दीदी- वो तो वक्त ही बताएगा.
मैं- टाइम स्टार्ट नाओ.

हम दोनों उन कमरों में चले गए. हम सभी जेन्टस दीदी के कमरे में आ गए थे और वो लेडीज मेरे कमरे में घुस गई थीं.

जीजा जी- हम सभी एक पहेली को पढ़कर ढूंढना शुरू करते हैं.
नीरज- उसमें टाइम लगेगा.
मैं- हम एक के बाद एक क्लू ढूंढने का काम शुरू करते हैं.
आकाश- तो पहली पहेली कौन सी है.

मैं- दिखने में मुलायम है, लेकिन वो औरतों के लिए ढाल है. हमेशा छुपी रहती है … लेकिन हर मर्द की नजर वहां पर पड़ती जरूर है.
आकाश- ऐसी कैसी पहेली?
जीजा जी- इसे ही तो पहेली कहते हैं.

आकाश- दिखने में मुलायम है … लेकिन वो औरतों के लिए ढाल है. हमेशा छुपी रहती है … लेकिन हर मर्द की नजर वहां पर पड़ती जरूर है.
नीरज- पैड.

मैंने उस एप पर पहले फोल्डर पर पैड लिख कर देखा, लेकिन उत्तर गलत हो गया.

जीजा जी- लड़की के लिए सबसे बड़ी ढाल कपड़े हैं … जो मुलायम होते हैं.
मैं- वो छुपे कहां रहते हैं?
जीजा जी- पैंटी वो औरत के लिए ढाल है और हम मर्द की नजर जरूर पड़ती है.

लिख कर देखा तो ये जवाब भी गलत निकला और अब एक ही उत्तर बाकी था, जो सही होना चाहिए.

मैं- ब्रा!

इस बार सही जवाब हुआ और दूसरी पहेली को मैंने पढ़ना शुरू किया.

मैं- ऐसी कौन सी चीज है, जिसके लिए हम सभी यहां पर मौजूद हैं और जिसका अस्तित्व इस कमरे में मौजूद है.
नीरज- यह पहेली तो पहले से भी खतरनाक है.
जीजा जी- रुको उस रात को उन तीनों ये हमारा वीडियो रिकॉर्ड किया था, जो एक पेनड्राइव में है और वो यहां पर मौजूद होगा.

लेकिन ये जवाब गलत था यानि हमें उसको सोचते हुए ढूंढना पड़ेगा. हमने बहुत ढूंढा और करीब पंद्रह मिनट बाद हमारा जवाब सही आ गया. जब हम दोबारा ढूंढ रहे थे, तब मुझे वीडियो की सीडी मिल गई, जो हमारी दूसरी पहेली का जवाब था.

करीब एक घंटे में हम चार पहेली का जवाब ढूंढ पाए थे. हम उस कमरे में गए, जहां वो सभी अभी भी आंसर ढूंढ रही थीं.

हम सब बाहर आ गए.

दीदी- कितने क्लू ढूंढ पाए हो?
मैं- पूरे चार क्लू.

तभी सभी लेडीज हंसने लगीं यानि उन लोगों हमसे ज्यादा क्लू ढूंढ लिए थे.
जीजा जी- आप लोगों ने कितनी पहेली का जवाब ढूंढ लिया है?

आलिया- सात क्लू.
नीरज- क्या!
अविनाश- तुम लोगों ये सात क्लू ढूंढ लिए.
चित्रा- तुम लोग सिर्फ चुदाई ही कर सकते हो.
अविनाश- हां चुदाई में तो हम माहिर हैं.

आलिया- आप लोगों को याद है न … हारने पर क्या करना पड़ेगा.
मैं- हां याद है.
अविनाश- तो बताएं महारानी हमारे लिए क्या हुक्म है?
चित्रा- तो लड़कियों बताओ … पहले कौन सा टास्क देना है.
आलिया- मुझे पानी की तलब लगी है.
नताशा- मुझे भी.

चित्रा- पानी पीने से क्या होगा. हम तो शरबत पीना चाहेंगे … तो हमारा पहला टास्क यह है कि तुम चारों हमें शरबत बनाकर दो.
मैं- रुको मैं लेकर आया.
जिया- नहीं तुम चारों अपने हाथों से लेकर आओगे.
अविनाश- चलो ब्वॉय्स.

हम चारों किचन में गए और मैंने उन चारों के लिए शरबत बनाया. हम सभी अपने हाथ में गिलास लेकर गए. वो चारों लेडीज टीवी देख रही थीं. हमने उन्हें शरबत दिया, तो उन्होंने दूसरा काम पकड़ा दिया.

चित्रा- मेरे कंधे दर्द कर रहे हैं … तुम में से कोई मसाज कर देता, तो अच्छा रहता.
आलिया- हम सभी को भी मसाज चाहिए.
नताशा- मैं तो अपने भाई के हाथ से मसाज चाहती हूँ.
चित्रा- मैं भी ऐसा सोच रही थी. वैसे भी राज चुदाई तो बहुत अच्छी करता है … तो मसाज भी अच्छी करेगा.
आलिया- भाई आप रेडी हो न!

फिर हम सभी सोफे के पीछे खड़े होकर अपनी बहन के कंधों को दोनों हाथ मसाज करने लगे. वो चारों आराम से बैठकर टीवी देख रही थीं और हम चारों खड़े रहकर मसाज कर रहे थे.

दीदी- राज सो गुड.
नताशा- सच में हमारे भाई हमारी कितनी अच्छी मसाज करते हैं.
आकाश- हम तो चुदाई भी अच्छी करते हैं.
नताशा- शटअप.
जिया- भाई हाथ में भी मसाज कर देना.

हम सभी मसाज करते हुए एक दूसरे को देख रहे थे. तभी मुझे मस्ती सूझी और मैंने दीदी के कंधों को मसाज करते हुए उनके मम्मों को दबाने लगा.

तभी दीदी ने मुझे रोक दिया- आलिया तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड तो बहुत शरारती हो गया है.
आलिया- क्या हुआ भाभी?
दीदी- देखो ना वो कंधे की मसाज करते हुए मेरे बूब्स सहलाने लगा.
आलिया- राज, भाभी को तंग मत कर.
जीजा जी- उसे तंग करना नहीं, मसाज करना कहते हैं.

आलिया- भाई थोड़ी हाथ की मसाज भी कर दो.
जीजा जी- जो हुक्म मेरी प्यारी बहना.
दीदी- राज, मेरे पैर की भी मसाज कर देना.
नताशा- गुड आईडिया. भाई तुम भी पैर की मसाज कर दो.

फिर हम दोनों नीचे बैठकर पैर दबाने लगे. वो चारों हमारी मजबूरी का पूरा लुफ्त उठा रही थीं. आलिया और जिया के कहने पर वो दोनों भी पैर दबाने लगे.

करीब आधे घंटे से हम मसाज कर रहे थे, जिसकी वजह से हमारे हाथ दर्द करने लगे थे.

दीदी- बस भाई आज के लिए इतना बहुत है.
नताशा- वैसे भी तुम लोग अब थक चुके हो.
आलिया- आज हम तुम लोगों के हाथ की रसोई खाएंगे.
चित्रा- आलिया सही बोल रही है.
अविनाश- खाने में क्या पसंद करोगे.
चित्रा- कुछ भी अच्छा चलेगा.
मैं- हम चलते हैं.

आलिया- सुनो ड्रिंक्स खत्म हो गई है. तो दो लोग ड्रिंक्स लेने चले जाओ.
चित्रा- हां और भी कई चीजें लानी हैं.
अविनाश- नीरज, तुम्हें खाना बनाना आता है?
नीरज- जिया से भी अच्छा.
जिया- शटअप.
अविनाश- राज तुम दोनों खाना बना लो … हम दोनों बाहर से आते हैं.
मैं- ठीक है.

हम दोनों किचन में आ गए और वो दोनों बाहर चले गए. हम दोनों खाना बनाना शुरू कर दिया.

नीरज- राज सॉरी.
मैं- किस लिए.
नीरज- वो मैंने तुम्हारी गर्लफ्रेंड को अपनी बीवी बना ली … उस लिए.
मैं- वो मेरी गर्लफ्रेंड थी, लेकिन अब आलिया मेरी गर्लफ्रेंड है.
नीरज- कल तुम जिया को ऐसे चोद रहे थे … मानो बदला ले रहे हो.
मैं- वो हॉट माल को देखकर मैंने अपना काबू खो दिया था.

नीरज- वैसे मैं लक्की हूँ कि मुझे आलिया के साथ सेक्स करने का मौका मिला.
मैं- लक्की तो मैं भी हूँ, जो मुझे जिया के साथ सेक्स करने का मौका मिला. जिया बिल्कुल मुझे आलिया भट्ट जैसी लगी.
नीरज- और आलिया एकदम दिशा पटनी जैसी लगी. वैसे तुम दोनों ने अभी तक शादी क्यों नहीं की?
मैं- वो ऐक्चुली मैंने अभी तक घर पर बात नहीं की है … लेकिन इस साल हम जरूर शादी करेंगे.

नीरज- गुड … आज का दिन हमारे लिए बहुत मुश्किल से कटेगा.
मैं- तुम्हारे लिए यह पहली बार है … लेकिन हमारे लिए यह दूसरी बार है.
नीरज- मतलब!
मैं- जब हमने पहली बार यह अदला-बदली का खेल शुरू किया था, तब से हम इस परिस्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं … लेकिन इस बार थोड़ा ज्यादा मुश्किल होने वाला है.
नीरज- मैंने सोचा आज तुम्हारी बहन के साथ मजा करूंगा … लेकिन मजा तो वो चारों कर रही हैं.
मैं- डोन्ट वरी … अभी हमारे पास बहुत दिन हैं. जल्द ही मेरी दीदी तुम्हारे नीचे होगी.

नीरज- यह कितना अजीब है कि हम भाई-बहन में स्वैपिंग कर रहे हैं.
मैं- मैं जब भी अपनी दीदी को चोदता हूँ, तो ऐसा लगता है कि मानो में साउथ की हीरोइन काजल अग्रवाल को चोद रहा हूँ.
नीरज- और मुझे अपनी दीदी को चोदते समय जेकलीन फर्नांडीज की याद आ गई. काश यह सच होता.
मैं- हमारे लिए यह चारों ही हमारी हीरोइन हैं.
नीरज- यू आर राइट.

फिर हम इधर-उधर की बातें करते हुए खाना बनाने में लगे रहे. तभी वो दोनों भी आ गए. जीजा जी के हाथ में ड्रिंक्स थी, वो फ्रिज में रखने लगे.

आकाश- खाने की सुंगध तो अच्छी आ रही है.
मैं- हमने जो बनाया है.

फिर हम चारों खाना डाइनिंग टेबल पर ले गए. वो चारों भी आ गईं और हम साथ में बैठ गए.

आलिया- खाना तुम दोनों ने काफी अच्छा बनाया है.
जिया- अब से तुम दोनों ही खाना बनाना.
नीरज- नो वे.

हम सभी हंसते हुए खाना शुरू कर दिया और साथ में बातें भी करते रहे.

चित्रा- तुम चारों के लिए एक सरप्राइज है.
अविनाश- कैसी सरप्राइज?
नताशा- वो रात को पता चलेगा.
आकाश- अभी बता दो.

जिया- भाई रात तक इन्तजार कर लो.
आकाश- ठीक है.
अविनाश- आप चारों की सरप्राइज कामयाब नहीं होगी.
आलिया- क्यों?
अविनाश- वो हमें पता है आपकी सरप्राइज क्या होगी. हम एक बार गलती कर सकते हैं … दोबारा नहीं.
मैं- जीजा जी आप किस सरप्राइज की बात कर रहे हैं.
 
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जीजा जी- वो ही यार … जो मैंने तुझे छुपाने के लिए दिया था.
मैं- ओह वो डिल्डो … वो इन्हें कभी नहीं मिलेंगे.
चित्रा- तभी मैं सोचूं कि वो किसने गायब किए हैं … लेकिन अब पता चला कि वो डरपोक कौन था.

आलिया- आप लोगों ने अब हमारा काम और भी आसान कर दिया.
नीरज- मतलब?
जिया- जब हम गेम खेल रहे थे, तब हमें वो हथियार मिल गए थे.

मैं- क्या..!! लेकिन मैंने तो वो!
आलिया- जहां तुमने छुपाए थे, वो हमें क्लू ढूंढते समय मिल गए थे … और अब रात को हम उसका इस्तेमाल करेंगे.
मैंने जीजा जी तरफ देखकर- सॉरी जीजा जी.
जीजा जी- कोई बात नहीं साले साहब … आपके कारण गांड मराने की सजा भी झेल ही लेंगे.

हम सब हंसने लगे.

हम चारों के अन्दर थोड़ा डर था जो गया नहीं था. फिर हम खाना खाकर बर्तन साफ करने लगे और वो चारों सोफे पर बैठकर टीवी देखती रहीं.

जिया- क्या हम सच में उन लोगों की गांड मारेंगे.
चित्रा- नो वे यार.
आलिया- लेकिन भाभी, क्यों नहीं?
चित्रा- शायद तुम उस दिन को भूल गई हो … उस दिन उस जीजा-साले ने कैसे हमारी बैंड बजाई थी. इसलिए हम हमारे प्लान के मुताबिक ही चलेंगे.

उधर हम चारों भी आज रात को लेकर बात कर रहे थे.

नीरज- आज रात को क्या होगा?
आकाश- जो होना है वो ही होगा.
मैं- मुझे लगता है कि वो ऐसा कभी नहीं करेंगी. क्योंकि उन लोगों को पता है कि बाद में हम भी उसका बदला लेंगे.
अविनाश- राज तुम सही कह रहे हो. हमें डरने की जरूरत नहीं है … हां लेकिन आज रात को कुछ तो हमारे साथ जरूर होगा.

फिर हम भी उन लोगों के साथ बैठ गए. तभी वो चारों खड़ी होकर उस बड़े कमरे में चली गईं.

मैं- आज रात के लिए हमें कुछ तो प्लानिंग करनी पड़ेगी.
जीजा जी- सबसे पहले तो हमें उस हॉल में कोई कैमरा नहीं छुपाया, वो देखना पड़ेगा.
आकाश- आज रात को खाना हम ही बनाएंगे, तो क्यों न हम खाने में वायग्ररा मिला दें, ताकि उसके असर से उनको भी चुदने का मन जरूर होने लगेगा.
मैं- हम ऐसा नहीं कर सकते, कहीं हमारा प्लान हम पर ही भारी ना पड़ जाए.

नीरज- तो फिर हम क्या करें?
अविनाश- अभी हमारी बीवियां कमरे में सोने चली गई हैं, इसलिए हमको प्यार से उनसे आज रात के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. उन चारों में कोई तो बता देगा, फिर हम हमारा प्लान बनाएंगे.
मैं- यह आईडिया ठीक रहेगा.
आकाश- फिर देर किस बात की है … चलो चलते हैं.
अविनाश- हां चलो.

फिर हम सभी अपने कमरे में आ गए. जब में अन्दर गया, तब आलिया बेड पर लेटकर फोन इस्तेमाल कर रही थी. मैं आलिया के पास लेट गया.

मैंने अपना हाथ आलिया के बदन पर घुमाना शुरू कर दिया.

आलिया- राज क्या कर रहे हो?
मैं- कुछ भी तो नहीं.
आलिया- राज स्टॉप इट … गुदगुदी हो रही है.

फिर मैं बेड पर बैठकर आलिया के पैर दबाने लगा. तभी आलिया मेरी ओर देखने लगी.

आलिया- इतना प्यार करने की वजह क्या है?
मैं- क्यों मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सेवा भी नहीं कर सकता?
आलिया- ज्यादा भोले मत बनो … अगर तुम सेक्स करने के बारे में सोच रहे हो, तो भूल जाओ.
मैं- क्यों?
आलिया- क्योंकि आज हमने डिसाइड किया है कि आज हम सेक्स नहीं करेंगी.
मैं- मतलब आज सेक्स के बिना बिताना पड़ेगा.
आलिया- हां फिलहाल ऐसा समझो.
मैं- वो मेरे हथियार को बहुत मन हो रहा है.

आलिया- एक काम करो अपने हथियार को बाथरूम ले जाओ और फिर कल रात तुम और भाभी किचन में जो कर रहे थे उसे याद करके मुठ मार लो. तुम्हारे हथियार को आराम मिलेगा और साथ में तुम्हें भी आराम पड़ जाएगा.
मैं- तुम्हें किचन की चुदाई कैसे पता चली?
आलिया- भाभी ने बताया.

मैं- आलिया आज रात का क्या सरप्राइज प्लान है?
आलिया- ओह … अब समझ आया कि इतनी सेवा इसके लिए है. लेकिन यह बेकार है … क्योंकि वो तुम्हें आज रात को ही पता चलेगा. मुझे नींद आ रही है इसलिए तुम अच्छे से पैर दबाना … बस ज्यादा ऊपर मत आ जाना.

आलिया सो गई और पांच मिनट बाद मैं भी सो गया.

चलो मैं तो कामयाब नहीं हो सका, लेकिन उन तीनों में से कोई तो जरूर कामयाब हुआ होगा.

जब हम चार बजे मिले, तब हम चारों का प्लान फेल हो गया. अब बस रात का इन्तजार करना था.

हम सब मर्द समुद्र किनारे गए और वहां पर ठंडी बियर पीते हुए मजा करने लगे. करीब पांच बजे वो चारों एकदम हॉट अंदाज में आ गईं. जिसे देखकर हम सभी का लंड खड़ा हो गया. वो चारों सिर्फ इस समय ब्रा और पैंटी में थीं. मुझे तो इस समय चुदाई का मन हो रहा था. वो चारों शांत समुद्र में आनन्द ले रही थीं और हम बस उन्हें देख रहे थे.

जीजा जी- सच में वो चारों इस समय अप्सराओं जैसी लग रही हैं.
मैं- मेरा तो हथियार भी फनफना रहा है.
आकाश- मन तो मेरा भी हो रहा है.

नीरज- आज तो बिना सेक्स के बिताना पड़ेगा. जीजा जी, आपकी वजह से आज मेरी बैंड बजेगी.
आकाश- मतलब?
नीरज- जिया बोल रही थी कि जब आपने उसकी गांड मारते समय जितना दर्द दिया था, उतना दर्द वो रात को मुझे देगी.

मैं- तुम इसमें अकेले नहीं हो … सबसे ज्यादा तो मेरी हालत बुरी होगी क्योंकि उन चारों को सबसे ज्यादा मैंने ही दर्द दिया था.
अविनाश- राज वो रात याद है, जब हम दोनों उन दोनों को बेरहमी से चोद रहे थे. कैसे वो चिल्ला रही थीं.
मैं- हां … जब मैं दीदी की गांड मार रहा था, तब वो ऐसे चिल्ला रही थीं, मानो अपनी जिंदगी में पहली बार सेक्स कर रही हों.

आकाश- मजा तो मुझे जिया की गांड मारने में आया था.
नीरज- वो इसलिए जीजा जी क्योंकि जब मैंने आपकी बहन की गांड मारने की कोशिश की, तो उसने दर्द के मारे मना कर दिया. उस दिन के बाद उसने कभी अपनी गांड नहीं मारने दी.
आकाश- थैंक्स.

तभी दीदी आवाजें देने लगी थीं और वो हमें अन्दर जाकर खाना बनाने को बोलीं. हम सभी अन्दर चले गए और खाना बनाने लगे.

खाना बन गया, तो हम सबने साथ मिलकर खाना खाया. फिर सभी मर्द हॉल में आ गए, जहां हमारे लिए चार कुर्सी पड़ी थीं.

जीजा जी- सुनो इस बार कोई ड्रिंक्स मत करना.
मैं- ओके.

तभी वो चारों अन्दर आ गईं, उनके हाथों में डिल्डो और शराब थी. हाथ में डिल्डो देखकर हमारी फट गई. उन चारों ने टी-शर्ट और शॉर्ट पहने थे. वो बड़ी हॉट लग रही थीं.

चित्रा- सुनो तुम चारों अपने पूरे कपड़े निकालकर नग्न अवस्था में होकर उस कुर्सी पर बैठ जाओ.

हम चारों कुर्सी पर बैठ गए. तभी चारों औरतों ने हमारे हाथ हथकड़ी से बांध दिए.

जीजा जी- तुम चारों का इरादा क्या है?
चित्रा- बस देखते जाओ.
जिया- आज पूरी रात तुम लोग ऐसे रहोगे.
नीरज- यह गलत है.
मैं- हम पूरी रात ऐसे नहीं रह सकते हैं.
आलिया- अभी सुबह होने में देर है … इसलिए बस चुपचाप फिल्म का मजा लो.
अविनाश- कौन सी फिल्म?
चित्रा- कुछ इन्तजार कर लो … सब सामने आ जाएगा.

फिर उन चारों ने पैग बनाए, तो हमें लगा वो हमारे लिए पैग बना रही हैं.

मैं- हमें ड्रिंक्स नहीं करनी.
आलिया- डोन्ट वरी, यह हमारे लिए है.

फिर वो बेड पर बैठकर चियर्स कहकर पैग मारने लगीं. दूसरा पैग भी चलने लगा.

अविनाश- चित्रा हमारे लिए भी पैग बना दो.
चित्रा- तुम लोगों को ड्रिंक्स नहीं करनी है.
मैं- वो तब मन नहीं था … लेकिन तुम लोगों को देखकर हमें भी ड्रिंक्स करने का मन हो गया.
जिया- सॉरी … यह सुविधा आपके लिए उपलब्ध नहीं है.
आकाश- प्लीज़.

तभी वो चारों एक दूसरे तरफ देखने लगीं और मुस्करा कर हमारे पास आ गईं.

चित्रा- तुम लोगों के पास छूटने के लिए एक रास्ता है.
मैं- कौन सा?
आलिया- इसके लिए तुम लोगों को अपनी गांड मरवानी होगी.
अविनाश- हम ऐसे ठीक हैं.

तभी वो चारों हमारे सामने स्माइल करके एक दूसरे से किस करने लगीं. आलिया और जिया किस कर रही थीं और दीदी और नताशा किस कर रही थीं. उन चारों को देखकर हमारे लंड खड़े हो गए.

उन चारों ने धीमे धीमे किस करते हुए अपनी टी-शर्ट निकाल दी. इस समय हम चारों मर्दों को चुदाई का मन हो रहा था. फिर उन चारों ने अपने शॉर्ट भी उतार दिए. उन लोगों की यह सरप्राइज हमारे लिए एक सजा बराबर थी. हम कुछ बोल भी नहीं सकते थे क्योंकि अब उन चारों ये हमारे मुँह पर पट्टी बांध दी थी.

फिर वो चारों बेड पर चली गईं और लेस्बियन रोमांस करने लगीं. डिल्डो भी कोने में पड़े थे. करीब दो घंटे तक वो लेस्बियन सेक्स करती रहीं. वो चारों किस कर रहीं थीं, एक दूसरे के मम्मों को दबा रही थीं … एक दूसरी की चुत में उंगली घुमा रही थीं.

इधर हम उन चारों को देखकर तड़प रहे थे.

दो घंटे बाद वो सब सो गईं और हम ऐसे कुर्सी पर बैठे बैठे सो गए.

मुझे एक तो अच्छे से नींद भी नहीं आ रही थी और इस समय थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था.

करीब रात के एक बजे दीदी ने हम चारों के हाथ खोल दिए और हमें अपने कमरे में सोने के लिए कह दिया. हम चारों कपड़े पहनकर अपने कमरे में जाकर सो गए.

दूसरे दिन मैं सुबह के छह बजे उठ गया. इस समय सभी सो रहे थे, इसलिए मैं फ्रेश होकर समुद्र किनारे चला गया. करीब आठ बजे वहां पर आलिया आई. वो मेरे पास आकर बैठ गई.

आलिया- क्या कर रहे हो?
मैं- नथिंग.
आलिया- चलो ब्रेकफ़ास्ट तैयार है.
मैं- चलो.

हम दोनों खड़े होकर अन्दर गए, वहां सभी नाश्ता कर रहे थे. हम दोनों भी उन लोगों के साथ ज्वाइन हो गए.

अविनाश- चलो आज भी कोई गेम खेलते हैं.
जिया- आज कोई गेम नहीं.
मैं- क्यों हारने से डर लगता है?
जिया- हम डरती नहीं हैं.
चित्रा- मगर इस बार गेम हमारे अनुसार होगा.

अविनाश- सभी तैयार हो न?
मैं- हां बिल्कुल.
आलिया- तो देखते हैं … आज कौन विजेता होता है.

नीरज- गेम कौन सा है?
चित्रा- दोनों साइड दो टीम होंगी, बीच में रूमाल होगा. हम टीम में से कोई बारी-बारी एक मेम्बर वो रूमाल लेने आएगा. उनको रूमाल लेकर अपनी टीम के पास पहुंचना है … अगर उस दौरान दूसरे मेम्बर ने उसे छू लिया, तो वो पॉइंट उसमें एड होगा. टीम को जीतने के लिए करीब बीस पॉइंट चाहिए होंगे. जो टीम जीतेगी, वो कल की तरह कल सुबह तक इस घर में राज करेगी.

अविनाश- यह तो बच्चों का खेल है.
नताशा- क्यों हारने से डरते हो?
मैं- हमें मंजूर है.
आकाश- मुझे भी.
जिया- हम गेम कहां पर खेलेंगे?
मैं- समुद्र किनारे.
अविनाश- तो आज हो जाए और एक गेम.

फिर हम सभी नाश्ता करके वहां पर आ गए. दोनों टीम अपनी जगह पर खड़ी थीं और बीच गोले में रूमाल था.

मैं- सबसे पहले कौन जाएगा?
अविनाश- राज सबसे पहले तुम जाओ … इस बार हमें किसी भी हालत में जीतना ही है.
मैं- ठीक है.

मैं आगे गया और मेरे सामने जिया आ गई. हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे, तभी जिया ने मुझे फ्लाइंग किस किया. मैंने भी फ्लाइंग किस कर दिया. तभी वो रूमाल लेकर चली गई. वो चारों खुश हो गईं.

मैं- यह चीटिंग है.
आलिया- इसे चीटिंग नहीं … दिमाग चलाना कहते हैं.
जिया- डोन्ट वरी राज … दूसरी बार भी तुम ही हारोगे.
मैं- वो देखेंगे.
अविनाश- इस बार मैं जाऊंगा.

जीजा जी के सामने आलिया आई. वो दोनों रूमाल के चारों और चक्कर लगा रहे थे. तभी जीजा जी रूमाल लेकर भागने को हुए … लेकिन आलिया ने जीजा जी को पकड़ लिया, जिससे उन लोगों के दो पॉइंट हो गए और हमारा अभी भी जीरो पॉइंट ही था.

इस बार आकाश गए और उसके सामने दीदी थी. लेकिन इस बार भी लड़कियों को ही पॉइंट मिला. अब नीरज की बारी थी, लेकिन इस बार हमें पॉइंट मिल गया.

फिर हम बारी-बारी खेल में पॉइंट बनाते चले गए. इस खेल के दौरान एक बार नीरज गिर गया था, तो एक बार आलिया अपनी टीम के बदले समुद्र की तरफ भागने लगी थी.

करीब पांच मिनट बाद उनके नौ पॉइंट थे और हमारे पास छह पॉइंट थे. दोनों टीम जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रही थीं.

करीब बीस मिनट बाद उनके सोलह पॉइंट थे और हमारे पास बारह पॉइंट थे. एक बार मैं और आलिया करीब पांच मिनट तक गोले के चक्कर लगाते रहे. आलिया मुझे अपने मम्मे दिखाते हुए बहका रही थी. लेकिन वो पॉइंट मैंने ही जीता था.

पच्चीस मिनट बाद हमारी टीम उससे आगे थी, फिर उनकी टीम लीड पर थी. करीब आधे घंटे बाद हम दोनों टीम को जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट की जरूरत थी. यह खेल अब पूरी तरह से रोमांचक हो चुका था.
 
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मैं- हमारे पास जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट चाहिए और उनको भी जीतने के लिए एक पॉइंट चाहिए.
नीरज- इस बार कौन जाएगा?
मैं- मैं जा रहा हूँ.
अविनाश- ओके … इस बार हमें किसी भी कीमत पर जीतना है.
आकाश- सुनो कुछ भी हो जाए, पहले रूमाल मत उठाना … फिर चाहे यह खेल भले आधे घंटे तक और चले … क्योंकि लेडीज घबरा कर जरूर रूमाल उठाएंगी.
मैं- ओके.

नीरज- बेस्ट ऑफ लक.
मैं- थैंक्स.
अविनाश- जा मेरे शेर … फतह करके आना.
मैं- इस खेल में हमारी ही जीत होगी.

मैं मैदान में आया, तो मेरे सामने आलिया आई. हमने खेल शुरू किया. दोनों सावधानी से खेल रहे थे. हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे.

आलिया- राज उठा ले रूमाल. इस बार तुम जीत लो.
मैं- हा हा … मैं मूर्ख नहीं हूँ.
वो हंस दी.

मैं- अगर तुम जीतना चाहती हो, तो जीत सकती हो … लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे कुछ देना पड़ेगा.
आलिया- क्या?

मैं- तुम्हारी वो फ्रेंड है न रिया, उसके साथ एक रात के लिए सैटिंग करवा दे.
आलिया- शटअप … खेल पर ध्यान दे.

हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे और सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. पांच मिनट हो गए थे, फिर भी खेल जारी था. हम दोनों एक दूसरे को ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे.

करीब पंद्रह मिनट बाद आलिया ने थककर रूमाल उठा कर भागने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे पकड़ लिया.

हम चारों जीत गए थे और हम जीत का सेलिब्रेशन करने लगे. उन चारों के चेहरे थोड़े गिर गए थे.

मैं- जीजा जी, मैंने बोला था न कि ये जीत हमारी ही होगी.
जीजा जी- यू आर सो ग्रेट … आप चारों को शर्त तो पता है न?
दीदी- हां हमें याद है.

आकाश- कल तुमने हमें तंग किया था … अब हम परेशान करेंगे.
नीरज- सच में यार … मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा है कि इस बार हम जीत गए हैं.

हम सब रेडी हो गए. तट से उठ कर अन्दर आ गए.

अविनाश- चित्रा, मेरे लिए एक कप कॉफ़ी ले आओ. तुम लोगों को कुछ चाहिए.
मैं- मैं तो शर्बत पिऊंगा.
नीरज- मुझे तो चाय चाहिए.
आकाश- नताशा मेरे लिए ठंडी बियर लेकर आना प्लीज़.
नताशा- तुम सबको अलग-अलग चाहिए.
मैं- हां वो तो हमारी मर्जी है.
जीजा जी- अब हमारा टाइम है.

फिर वो चारों चली गईं और हम वहां पर बैठ कर हंसने लगे.

आकाश- कल का पूरा हिसाब चुकाएंगे.
जीजा जी- आज हम ऐसा करेंगे, जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा.
नीरज- मतलब!
जीजा जी- मतलब आज हम ओरल सेक्स का आनन्द उठाएंगे और फिर रात को वाइल्ड सेक्स करेंगे.

मैं- आज तो मैं उन चारों को चुदवाने के लिए मजबूर कर दूंगा.
जीजा जी- सुनो … आज वो चारों हमारी बीवी गर्लफ्रेंड बहन नहीं हैं. माल हैं बस ऐसा समझना.
मैं- मेरी तो ऐसे भी शादी नहीं हुई है.
अविनाश- तो अब कर ले.
मैं- बस जल्द ही करनी है.

आकाश- सुन ले राज … हमें भी हनीमून में बुला लेना … हम भी तेरी बीवी को चोदने में तेरा साथ देंगे.
मैं- उस दिन वो सिर्फ मेरी है, लेकिन आज आपके पास मौका है.
अविनाश- हम तीनों को सील पैक बीवी मिली और तुम्हें तो चार मर्द से चुदी हुई बीवी मिलेगी.
मैं- मुझे चलेगी.

आकाश- वैसे ये चारों लेडीज के लिए एक न एक कोइंसीडेंट जरूर हो गया है.
नीरज- कैसा कोइंसीडेंट?
आकाश- हमने अपनी बीवी की चुत का सील तोड़ी, लेकिन उसकी गांड सबसे पहले उसके भाई ने मारी.
नीरज- जीजा जी, आपकी बहन की गांड सबसे पहले मैंने मारी थी.
आकाश- उसे गांड मारना नहीं … सिर्फ टेस्ट करना कहते हैं.
मैं- वो तो आप दोनों लक्की हो … अगर जिया ने वेलेंटाइन डे से पहले ब्रेकअप नहीं किया होता, तो उसके साथ सबसे पहले मैं सेक्स करता.
अविनाश- तो आज कुछ अलग ही सीन होता. शायद हम ऐसे कभी नहीं मिलते.
आकाश- अविनाश यह बात तो तुमने बिल्कुल सच कही.

हम चारों में बैठकर बातें हो रही थीं, तभी वो चारों आईं और हमारी पसंद चीज हमें दे दीं.

वो खुद भी हमारे साथ बैठ कर शर्बत पीने लगीं.

अविनाश- चित्रा, मेरे पैर की मसाज कर देना.
चित्रा- क्यों?
अविनाश- पैर थोड़े दर्द कर रहे हैं.
चित्रा- चल झूठे.
मैं- दीदी शायद आप भूल गईं … कल हम भी आपके पैर की मसाज कर रहे थे.

ये सुनकर दीदी जीजा जी के पैर दबाने लगीं. तभी आकाश नताशा की जांघ को सहलाने लगे.

आकाश- जानू मेरे पैर भी दबा दो प्लीज़.
नताशा- तुम कहो तो गला भी दबा दूं.
आकाश- इतनी भी सेवा करने की जरूरत नहीं है.

फिर नताशा भी आकाश के पैर दबाने लगी.

आकाश- नीरज, तुम भी मसाज करवा लो.
जिया- भाई, आप चुप रहो.
नीरज- अगर आलिया मसाज कर दे, तो मजा आ जाएगा.

मैं- आलिया तुम्हारा बुलावा आ गया … जा मेरे दोस्त की अच्छे से खिदमत कर दे.
आलिया- नीरज के पैर दबाने के लिए जिया है न.
मैं- प्लीज़ आलिया.
आलिया- ठीक है.
मैं- जिया तुम इधर आ जाओ.
जिया- मैं इधर ही ठीक हूँ.
मैं- नीरज … बोल न यार.
नीरज- जिया अपने ब्वॉयफ्रेंड के पास नहीं जाओगी?

जिया- राज मेरा ब्वॉयफ्रेंड नहीं है.
नीरज- अभी तो तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड है.
आलिया- जिया मान जाओ यार … अब ये सब जरूर कल का बदला लेंगे.
मैं- बदला तो दुश्मन लेते हैं … हम नहीं.

तभी जिया खड़ी होकर मेरे पास बैठ गई. वो तीनों पैर दबा रही थीं. मगर जिया अभी ऐसा नहीं कर रही थी.

जिया- राज तुम्हें पैर की मसाज नहीं करवानी है?
मैं- नो … मेरे पैर एकदम ठीक हैं.

मैंने पूछा- हम चारों में से तुम्हें किसका लंड पसंद आया है?
जिया- क्यों?
मैं- बताओ तो सही.
नीरज- हां जिया मैं भी जानना चाहता हूं.
जिया- नीरज का.
अविनाश- हमारे लंड कांटे वाले लगे?
जिया- ऐसा ही समझो.
अविनाश- अच्छा … तो आज यही कांटे वाले लंड तुम्हारी चुत में घुसेंगे.
चित्रा- अविनाश स्टॉप इट.

तभी मैं जिया के होंठों को घूमने लगा और वो सभी हम दोनों को देखने लगे. जिया भी बिना इन्कार किए मेरा साथ देने लगी. उधर जीजा जी गरमा गए और दीदी को गोद में बैठाकर किस करने लगे. उन दोनों ने भी रोमांस करना शुरू कर दिया.

हम सभी किस करने में मशगूल थे. फिर चुदास बढ़ने लगी, तो हम सभी धीमे धीमे करके अपने कपड़े निकालने लगे. मैंने अपनी शर्ट निकाल दी थी और जिया की टी-शर्ट भी उतार दी थी. ऊपर से हम सभी नग्न अवस्था में आ गए थे, बस लेडीज ने ब्रा पहन रखी थी.

अविनाश- सुनो लेडीज … तुम चारों अब हमारे लंड चूसो.
नीरज- अविनाश, आपको एतराज ना हो तो क्या मैं चित्रा के साथ.

अविनाश- जरूर.

चित्रा- हां कमीने … अब तू ही बाकी था … कर ले मजा.
नताशा- तुम तीनों ने नीरज को भी बिगाड़ दिया है.
आकाश- अविनाश … नताशा के साथ मजा करना चाहोगे.
नताशा- मैं कोई खिलौना नहीं हूँ.
अविनाश- मैं भी यहीं सोच रहा था.

मैं- सुनो तुम चारों भी लोवर और शॉर्ट निकाल दो.
जिया- क्यों?
मैं- क्योंकि अब यहां चुदाई होगी.
जिया- शटअप.
चित्रा- हमें पता ही था कि तुम लोग ऐसी ही हरकत करोगे.

फिर वो तीनों बदल गईं और हम खड़े होकर पूरे नग्न हो गए. फिर उन चारों ने भी अपनी लोवर और शॉर्ट उतार दिए. अब वो चारों सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. फिर वो हमारे सामने घुटने के बल बैठकर लंड को मुँह में लेकर धीमे-धीमे चूसने लगीं. लंड चूसने की वजह से हम चारों मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रहे थे.

कुछ ही पलों में उन चारों को भी लंड चूसने में मजा आने लगा था. तभी मैंने जिया की ब्रा निकाल दी और मेरे पीछे जीजा जी ने भी नताशा की ब्रा निकाल दी. आकाश ब्रा के ऊपर से आलिया के मम्मों को सहला रहा था. मैं एक हाथ से जिया के बाल को पकड़कर लंड चुसवा रहा था और दूसरे हाथ से उसके मम्मों को सहला रहा था.

सबसे ज्यादा हालत हम चारों में से नीरज की पतली थी. नीरज ने कामुकता की वजह से सीत्कार करते हुए अपनी आंखें बंद कर ली थीं.

हम सभी ओरल सेक्स का आनन्द ले रहे थे. वो चारों अच्छी तरह से ब्लो जॉब कर रही थीं. तभी नीरज झड़ गया और सारा माल दीदी के मुँह के ऊपर लग गया.

चित्रा- ओह फक … कमीने यह क्या किया. साले बता तो देता कि झड़ने वाला है … पूरा मुँह खराब कर दिया.
नीरज- सॉरी यार … वो कन्ट्रोल नहीं हुआ.
चित्रा- सॉरी का क्या मैंने अचार डालूंगी … ओह गॉड … सारा चिपचिपा कर दिया … अब तू मुझसे दोबारा कभी भी ब्लो जॉब के बारे में मत कहना.
नीरज- सॉरी चित्रा.

हम सभी ये सीन देखकर धीमे से मुस्कराने लगे.

दीदी खड़ी होकर अन्दर चली गईं और नीरज अपने मुरझाए लंड को सहलाने लगा.

जिया- तुमसे इतना भी कन्ट्रोल नहीं हुआ. बेचारी को कितना अजीब लग रहा था.
मैं- अगली बारी तुम्हारी है … पूरा माल अन्दर ही डालूंगा.
जिया- नो वे …
राज- नीरज तू एक काम कर … कंडोम लेकर आ … प्लीज़ वरना तेरी बीवी प्रेग्नेंट हो जाएगी.

आकाश- हम दोनों के लिए भी लाना, अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा.
आलिया- ऐसी गलती मत करना.
आकाश- डोन्ट वरी.

तभी नीरज खड़ा होकर कंडोम लेने चला गया. हम तीनों अपने पार्टनर के साथ किस करने लगे.

जीजा जी ने नताशा की पैंटी भी निकाल दी और उसे बैठाकर उसकी चुत चाटने लगे.

तभी नीरज कंडोम लेकर आ गया और हमें दे दिए. जीजा जी तो बिना देर किए कंडोम चढ़ाकर नताशा को चोदने लगे.

तभी आकाश ने भी आलिया की पैंटी निकाल दी और उसे सोफे पर घोड़ी बना दिया. फिर कंडोम लगाकर चोदने में शुरू हो गए.

मैंने जिया को कंडोम का पैकेट दे दिया और वो सेक्सी स्माइल करके कंडोम लंड पर चढ़ाने लगी. फिर उसने खड़े होकर अपनी पैंटी निकाल दी. मैंने जिया को अपनी ऊपर गोद में खींच लिया और उसे किस करने लगा.

मैं जिया की चुत में लंड सैट करके चोदने लगा. जिया भी मेरे लंड पर सवार होकर चुद रही थी. वो तीनों कामुक आवाजें निकाल रहे थे. मैं अभी जिया को धीमे धीमे चोद रहा था और नीरज हमें देखकर लंड को सहला रहा था.

तभी दीदी भी बाथरूम से मुँह साफ़ करके बाहर आ गईं.

चित्रा- लो … यहां तो चुदाई भी शुरू हो गई.
अविनाश- आओ मेरी जान … नीरज तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा था.
चित्रा- तुम अपना काम जारी रखो.

दीदी ने भी पैंटी निकाल दी और नीरज के पास बैठकर उसके होंठों को चूमने लगीं.

कुछ देर में नीरज भी गर्म हो गया और वो लंड पर कंडोम लगाकर तैयार हो गया. उसने मेरी दीदी को सोफे पर लेटा दिया और चोदने लगा.

अब वो चारों जोरों से कामुक आवाजें कर रही थीं. उन सबकी चुत में लंड घचाघच चल रहे थे.

चित्रा- ओह फक उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह अम्मह यस ओह नीरज!
आलिया- ओह आह याह आहह आह उहह!
नताशा- आहह अम्मह आह ओह अविनाश फक मी हार्ड ओह चोदो मेरी चुत फाड़ दो.
जिया- उहह आहह अम्मह ओह राज सो हार्ड आहह चोद दे मेरे यार..

उसी समय मैंने जिया को चोदना बंद कर दिया और जिया को अपने ऊपर से हटा दिया.

जिया- क्या हुआ?
मैं- अभी आया.
जिया- कम ऑन नीरज और जोर से चोदो … कम ऑन फास्ट.
चित्रा- हां चोद दे बहनचोद … आहह वैसे भी अब मेरी चुत चुद चुदकर पूरी खुल गई है.
जिया- तुम्हारी चुत में तो राज का लंड ही सही है.
चित्रा- रुक अभी मेरा भाई तेरी बजाएगा … तब मजा लेना … आहह ओहह यस याह.

मैं अन्दर से वायग्ररा की गोली खाकर वापस आ गया और लंड को सहलाते हुए मैंने जिया को सोफे पर घोड़ी बना दिया. जीजा जी नताशा को अपने ऊपर सवार करके चोद रहे थे, तो आकाश अब आलिया की चुत को पेल रहे थे.

जिया कुछ बोल पाती, उससे पहले मैं लंड को जिया की गांड में एक जोर का झटका लगाकर घुसेड़ दिया, जिससे जिया चिल्ला उठी.

जिया- ओह मां मर गई … आहह राज धीरे चोदो … यार तुम पूरे कसाई बन जाते हो … अम्मह ओह आहह राज धीमे.

चित्रा- हां भाई और जोर से साली को … चोद मां की लौड़ी को … साली कुतिया बहुत उछल रही थी … छोड़ना मत आज इसकी गांड फाड़ देना.

चित्रा की बात सुनकर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उधर नीरज ने अपनी बीवी के लिए गालियां सुनी तो वो भी जोरों से दीदी को गाली देते हुए चोदने लगा- ले साली रांड … तेरी मां को चोदूं.

चारों तरफ कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें सुनाई दे रही थीं. जिया के चूचे हवा में झूल रहे थे और मैं बिना रुके उसकी गांड चुदाई कर रहा था.

तभी वो तीनों थककर झड़ गए … लेकिन मैं अभी भी जिया को चोद रहा था.

जिया अब करहाने लगी थी … उसकी दम फूल गई थी.

ये देख कर नताशा बोली- राज अब बस कर.
मैं- अभी तो पार्टी शुरू हुई है.
जिया- आहहह ओह चोद बहनचोद … आज तू मन की कर ही ले … फाड़ डाल मेरी गांड को … उहह याह ओह यस.
अविनाश- यह वायग्ररा का असर है.
आलिया- क्या आह … फक … साला गोली खा कर जुल्म कर रहा है.

फिर मैंने जिया को पलटकर उसकी चुत में लंड पेल दिया. वो सभी हमें देखकर मजे कर रहे थे और इधर मैं जिया को बड़ी तेजी से पेल रहा था.

जिया- आहहह ओह यस याह राज … अब बस कर, चुत में दर्द हो रहा है.
मैं- बस जान मेरा होने वाला है.

इसके एक मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया. मैं जिया को एक किस करके उसके पास बैठ गया.
 
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जिया- ओह गॉड.. तुम तो एकदम पागल हो गए थे.
अविनाश- चलो आखिर में शेर शांत हो ही गया.
मैं- अभी तो शेर और शिकार करेगा.

मेरी बात पर हम सभी हंसने लगे.

मैं- सुनो मैं बियर लेने जा रहा हूँ.. किसी को चाहिए क्या?
अविनाश ने हंस कर पूछा- बियर लाने जा रहे हो.. या फिर से वायग्ररा की गोली लेने?
मैंने भी हंस कर कहा- नहीं.. इस बार सिर्फ बियर.
आकाश- राज सबके लिए लाना.
मैं- ओके.

चित्रा- जिया.. राज ने तुम्हारी चुत लाल कर दी.
जिया ने दोनों पैरों से चुत छुपाते हुए कहा- यह तुम्हारे भाई की मेहरबानी है.
नताशा- राज वैसे तो एक जैन्टलमेन्ट दिखता है.. लेकिन चुदाई के समय पता नहीं साला.. पूरा जानवर बन जाता है.
आलिया- सभी मर्द ऐसे ही हैं.
अविनाश- आप चारों भी कम नहीं हैं.
चित्रा- तुम लोगों की वजह से.. जब देखो तब सिर्फ चुदाई करने में लगे रहते हैं.
नताशा- हां.. इन्हें तो चुत दिखी नहीं और लंड घुसाया नहीं.

वो सभी हंस रहे थे, तभी मैं सबके लिए बियर की ठंडी बोतलें लेकर आ गया.. मैं सभी को एक बोटल देकर जिया के पास बैठ गया.

मैं- किस बात पर हंस रहे हो.
नताशा- तुम चारों जिस तरह से हमारी चुदाई करते हो, उस बात पर हम हंस रहे थे.
अविनाश- एक बात समझ नहीं आ रही कि औरतें गांड मरवाने पर इतना क्यों चिल्लाती हैं.
चित्रा- तुम अपनी गांड में राज का लंड लो.. तब पता चलेगा.
आलिया- भाभी आईडिया अच्छा है.
नीरज- अरे नहीं यार ये नहीं सकता.
नताशा- क्यों हमें तो पेलने में मजा आता है.
आकाश- आप लोग तो बनी ही हो पिलवाने के लिए.
नताशा- क्या?
आकाश- अरे डार्लिंग मैं तो मजाक कर रहा हूं.
मैं- वैसे आप चाहो तो हमारी गांड मार सकती हो.
अविनाश- राज तू क्या बोल रहा है?
मैं- लेकिन उसके बाद हम आप चारों के साथ फाईव सम करेंगे. एक औरत और चार मर्द का चुदाई का खेल.
आलिया- हमें नहीं मारनी आप लोगों की गांड.
आकाश- राज तुमने आईडिया तो अच्छा निकाला है.. अब यह हमें नहीं डराएंगी.
चित्रा- चलो अब अन्दर चलते हैं.. अविनाश खाना बाहर से आर्डर करवा लेना.
अविनाश- ठीक है.
मैं- दीदी आप जरा इधर ही रुकना, मुझे आपसे बात करनी है.
अविनाश- बात करनी है या फिर चुदाई करनी है.
चित्रा- वो मुझसे बात करे या चुदाई.. इससे तुम्हें कोई प्रॉब्लम है?
अविनाश- नहीं.. मैं तो मजाक कर रहा था.
चित्रा- कहीं जलन तो नहीं हो रही न अविनाश कि तुम्हारी बीवी को कोई और चोद रहा है?
अविनाश- चलो.. हम चलते हैं. इन दोनों भाई-बहन को अकेला छोड़ दो.

फिर वो सभी खड़े होकर अपने कपड़े लेकर चले गए और दीदी खड़ी होकर मेरे पास आ गईं.

दीदी- चल बता.. क्या बात करनी है?
मैं- दीदी मैं आलिया से शादी करना चाहता हूं.
दीदी- हां तो कर ले न.. किसने रोका है.
मैं- थोड़ा प्रॉब्लम है.
दीदी- कैसा प्रॉब्लम?
मैं- आज सुबह मुझे डैड का कॉल आया था कि डैड के दोस्त राजीव अंकल अपनी बेटी का रिश्ता मेरे साथ करना चाहते हैं.
दीदी- तुम डैड को बता दो कि तुम आलिया से प्यार करते हो.
मैं- नहीं बता सकता.
दीदी- क्यों?
मैं- क्योंकि राजीव अंकल की बेटी रिया मेरी अच्छी दोस्त है. जब जिया ने मेरे साथ ब्रेकअप कर लिया था.. तब मेरी उदासी देखकर उसने मुझे प्रपोज किया था. लेकिन मैंने रिया को मना कर दिया था.
दीदी- तो इसमें क्या प्रॉब्लम है.
मैं- मैंने रिया को प्रॉमिस किया था कि अगर एक साल के अन्दर जिया नहीं मिली, तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा और तब तक मेरे जिंदगी में कोई नहीं आएगी.
दीदी- इतना बड़ा राज. यह बात किसी को पता है.
मैं- हम दोनों के सिवाय किसी को नहीं पता है.
दीदी- तुम जिया को इतना प्यार करते थे.
मैं- हां बिल्कुल.
दीदी- अब समझ में आया कि आज सुबह डैडी का कॉल आया और तुम इसी वजह से जिया को इतना बेरहमी से चोद रहे थे. मैंने सच कहा न!
मैं- हां दीदी.. मगर आप किसी को बताना मत.
दीदी- तुम आलिया को प्यार करते हो.
मैं- बहुत ज्यादा.
दीदी- तो रिया को तुम इस बारे में बता दो कि तुम आलिया से प्यार करते हो.
मैं- नहीं बता सकता. अगर मैंने बता दिया, तो वो नाराज हो जाएगी.
दीदी- तुम्हें गर्लफ्रेंड भी चाहिए और दोस्त भी.. कहीं उसके साथ भी..
मैं- दीदी ऐसा कुछ नहीं है.
दीदी- ठीक है.. रिया को मैं जानती हूँ. वो मेरी बात जरूर सुनेगी. लेकिन यहां से जाने के बाद तुंरत आलिया के बारे में मॉम-डैड से बात कर लेना.
मैं- ओके दीदी.
दीदी- मोस्ट वेलकम.

फिर हम दोनों किस करने लगे, जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. मैं दीदी के ऊपर चढ़कर उनको लेटाकर उनके दोनों पैरों को ऊंचा करके मैंने बहन की चुदाई शुरू कर दी. दीदी भी चुदाई का मजा लेने लगीं.

दीदी- आहह ओह याह यस राज फक मी.. उम्मह आहह ओह आहह… चोद भाई और जोर से चोद.. तुम्हारे लंड ने मुझे घायल कर दिया है. तुम बहुत अच्छे बहनचोद हो.
मैं- तारीफ के लिए थैंक्स दीदी.

दीदी की कामुक आवाजें सुनकर मैंने अपनी धक्के मारने की स्पीड को बढ़ा दिया. मैं पूरे जोश में लंबे झटके के साथ दीदी को पेल रहा था.

तभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और मैंने अपना खड़ा लंड दीदी की गांड में घुसा दिया. अब दीदी अपनी गांड उछालकर चुदवा रही थीं और मैं भी पूरे जोश में चोद रहा था. फिर मैंने दीदी को अपने ऊपर गोद में बैठाकर गांड में लंड घुसा दिया. दीदी भी अपनी गांड उछाल कर चुद रही थीं. मेरे दोनों हाथ दीदी की कमर पर थे, जिससे मैं दीदी की कमर उठा उठा कर उनकी गांड चुदाई कर रहा था. दीदी बीच-बीच में चुदते हुए मुझे किस भी कर रही थीं. दीदी के कातिलाना चूचे मेरे सामने उछल रहे थे. मैं उनके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा.

मैं- दीदी मेरा होने वाला है.. क्या मैं अपना माल आपकी चुत में डाल सकता हूं?
दीदी- ठीक है.

उनकी हामी मिलते ही मैं दीदी को लेटाकर उनकी चुत में लंड घुसाकर तेजी से चोदने लगा. तभी दीदी झड़ गईं. वो फिर भी चुद रही थीं. तीस सेकंड के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने सारा माल दीदी की चुत में डाल दिया.

अब दीदी के पैर नीचे करके मैं उनके पास बैठ गया. मैंने दीदी को अपने लंड तरफ झुकाया और दीदी बिना कुछ बोले मेरा लंड चूसने लगीं. इस समय ऐसा लग रहा था कि मैं और तमन्ना भाटिया दोनों नग्न अवस्था में सोफे पर बैठे हों.. और तमन्ना भाटिया बड़े मजे से मेरा लंड चूस रही हो.

तभी वहा पर आलिया नग्न अवस्था में आ गई और मैं उसको देखकर मुस्कराने लगा. दीदी को इस बात का पता चला, तो वो भी रुक गईं.

आलिया- अगर आप दोनों भाई-बहन का खेल खत्म हो गया हो, तो खाना आ गया है.
चित्रा- ओके अभी आए.
आलिया- सुनो कपड़े मत पहनना.

आलिया जब अन्दर जा रही थी, तब मैं उसकी गांड को गौर से देखने लगा. फिर हम दोनों अपने कपड़े लेकर अन्दर आ गए. आलिया को नग्न देखकर मुझे लगा कि जीजा जी आलिया को पेल रहे होंगे इसलिए वो नग्न थी. लेकिन जब हम अन्दर गए, तब वहां सभी नग्न अवस्था में थे.

मैं- आप सभी ने कपड़े नहीं पहने हैं?
जीजा जी- आज हम बिना कपड़े खाना खाएंगे.
चित्रा- यह किसका आईडिया है?
जीजा जी- यह मेरा आईडिया है.

वहां पर सभी नंगे थे. तो हम दोनों भी कपड़े एक तरफ रख कर उन सभी के साथ बैठ गए. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में बैठकर खाना खा रहे थे.

अविनाश- नीरज तुम्हें चित्रा कैसी लगी?
नीरज- बहुत अच्छी और सेक्सी.
चित्रा- शटअप.
अविनाश- अरे यार.. मैं तो बस नीरज से उनका रिव्यू ले रहा था कि तुम्हारे साथ सेक्स करके कैसा लगा.
चित्रा- शटअप.

फिर हम सभी ने मजाक-मस्ती करते हुए खाना खत्म किया. खाने के बाद हम चारों मर्द सोफे पर बैठकर मूवी देखने लगे. कुछ मिनट के लिए वो चारों अपने कमरे में चली गईं.

आकाश- हमारी बीवियां तो अन्दर सोने चली गई हैं.. लेकिन आज हम उनको सोने नहीं देगें.
अविनाश- यह बात तुम सही कह रहे हो. तो कौन किस की बीवी को पेलेगा?
मैं- मैं नताशा के पास जाऊंगा.
नीरज- मैं आलिया के पास.
आकाश- अविनाश तुम जिया के पास चले जाओ.. मैं चित्रा के पास जाता हूँ.
अविनाश- ओके डन.

फिर हम खड़े होकर अपने अपने पार्टनर के कमरे में चले गए. मैं जब नताशा के कमरे में गया, तब वो बाथरूम में नहा रही थी, इसलिए मैं बिना कुछ बोले चुपचाप बेड पर बैठ गया.

करीब पांच मिनट बाद नताशा नहाकर लंबा नाइट ड्रेस पहनकर बाहर आती हैं. वो मुझे देखकर बोली.

नताशा- राज तुम इधर?
मैं- क्यों नहीं आ सकता?
नताशा ने मस्ती करते हुए कहा- इधर आने की परमिशन सिर्फ मेरे हसबैंड को है.
मैं- अभी मैं ही तुम्हारा हसबैंड बन गया हूँ.

नताशा मुझे देखकर कातिलाना स्माइल करने लगी. फिर वो अपने बाल को संभालने लगी. इधर मैं बिस्तर पर नग्न अवस्था में लंड सहलाते हुए उसका इन्तजार कर रहा था.

नताशा- तो आकाश किसके पास गया है? तुम्हारी प्यारी दीदी के पास या तुम्हारी सेक्सी गर्लफ्रेंड के पास.
मैं- दीदी के पास.
नताशा- तुम इधर क्या करने आए हो?

तभी मैंने खड़ा होकर नताशा को पीछे से बांहों में ले लिया और हम दोनों आईने की ओर देखने लगे.

मैं- तुमसे प्यार करने आया हूँ.
नताशा- कैसा प्यार?

मैंने नताशा को अपनी ओर घुमाया और उसके होंठों को चूमने लगा. नताशा भी बिना देर किए मेरा साथ देने लगी. तभी मेरा लंड तन गया. हम दोनों किस करने लगे. चूमाचाटी के बाद मैंने नताशा का नाइट ड्रेस निकाल दिया और उसे घुमाकर पीछे से उसके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा. नताशा मदहोशी की हालत कामुक आवाजें कर रही थी. मेरा तना हुआ लंड उसकी गांड को छू रहा था.

मैं नताशा के मम्मों को दबाते हुए उसकी चुत को सहलाने लगा, लेकिन नताशा ने मुझे रोक दिया. फिर मैंने नताशा को घुमाकर अपना लंड मुँह में लेने का इशारा किया. नताशा मेरा इशारा समझकर घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और फिर लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

नताशा ब्लोजॉब करते समय बहुत सेक्सी लग रही थी.

कुछ देर लंड चुसवा कर मैंने नताशा को खड़ा करके बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़कर उनके होंठों पर किस करने लगा. मैं नताशा की गर्दन को चूमने लगा और ज्यादा उत्साहित होकर उसकी गर्दन पर लव बाइट दे दिया. नताशा भी चुदने के लिए पूरी तरह से मूड में थी, इसलिए उसको इसका कोई असर नहीं हुआ. हम चारों ने हॉल में से वायग्ररा की गोली खा ली थी.. इसलिए उसका असर अब होने लगा था. जिसकी वजह से मैं नताशा के बदन को बेताबी से चूमने लगा.

मैं बदन को चूमते हुए नताशा की गीली चुत चाटने लगा. वो सीत्कार कर रही थी.

‘आहहह उम्मह उहह आह…’

नताशा- राज अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा है.. प्लीज़ फक मी.
मैं- कंडोम किधर है.
नताशा- अभी तुम मेरे पति हो.. इसलिए कंडोम के बिना भी चोद सकते हो. मैं तुम्हारे माल को चुत में महसूस करना चाहती हूं.

ये सुनकर मैंने बिना देर किए लंड को चुत पर सैट किया और जोर का धक्का लगाकर उसे चोदने लगा. वायग्ररा के असर की वजह से मैं तेजी से चुदाई कर रहा था और नताशा दोनों पैर ऊंचे करके मेरी पीठ को दोनों हाथ से जकड़कर कामुक आवाजें कर रही थी.

नताशा- आह ओ यस आहहह ओह राज कम ऑन फक माय पुसी सो गुड.. याह उम्मह ओह यस फक फक…

नताशा के नाखून मेरे पीठ में लगभग रहे थे. वैसे भी उन चारों औरतों के नाखून मेरी पीठ पर लग चुके थे. अब मुझे ऐसे दर्द की आदत पड़ गई थी.

इस समय कमरे में फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. अभी चारों कमरों में चुदाई चल रही थी.

किसी कमरे में किसी की बीवी चुद रही थी, तो किसी की बहन चुद रही थी, तो किसी की भाभी चुद रही थी.

इस समय मेरी बहन, एक्स गर्लफ्रेंड और मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड तीनों चुद रही थीं.

फिर मैं नताशा को घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारने लगा. ऐसी स्थिति में उसके चूचे हवा में झूल रहे थे. मैं लंबे लंबे झटके मारते हुए नताशा को पेल रहा था और वो कामुक आवाजें कर रही थी.

नताशा- आह उह ओह चोद बहनचोद फक माय एस.
मैंने गांड पर चपत मारकर कहा- आह चुद साली आहह.

नताशा की गांड लाल हो चुकी थी. करीब पांच मिनट बाद बिना रुके नताशा की गांड मारने के बाद मैं नताशा को वापस लेटाकर उसकी चुत पेलने लगा.

करीब बीस मिनट बाद मैं हांफते हुए नताशा की चुत में झड़ गया.

मैं- ओह मजा आ गया.

नताशा भी बेदम होकर लम्बी सांसें ले रही थी.

मैं भी नताशा के पास लेट गया. नताशा भी मेरी ओर देखकर स्माइल करने लगी.

मैंने उसे चूमा, तो वो मुझे चूम कर खड़ी होकर बाथरूम में चली गई. करीब पांच मिनट बाद वो बाहर आ गई और ड्रावर से एक गर्भ निरोधक की गोली लेकर मेरे पास लेट गई.
 
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मैंने नताशा से पूछा- मजा आया न!
नताशा- हां यार.. उस समय तो ऐसा लग रहा था कि कोई गरम लिक्विड चुत में जा रहा हो.
मैंने उसे चूमा और कहा- तो हो जाए दूसरा राउंड?
नताशा- अभी नहीं यार.. बाद में चोद लेना.. अभी मुझे नींद आ रही है.
मैं- मगर इसके लिए तुम्हें मेरा टास्क पूरा करना होगा.
नताशा- कैसा टास्क?
मैं- तुम्हें तीनों कमरे में जाना है और उन तीनों से एक एक मिनट के लिए अपनी गांड मरवानी है और मुझे इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी चाहिए.
नताशा- इससे अच्छा है कि तुम्हीं मेरे साथ सेक्स कर लो.
मैं- तुमसे मैं खुश हो गया जान.. इसलिए नो टास्क.. तुम अब सो सकती हो.

नताशा खुश हो गई और मुझे कर सोने लगी. हम दोनों चिपककर सो गए.

करीब छह बजे आलिया ने मुझे उठाया. वो तैयार हो चुकी थी. फिर मैं खड़ा होकर नहाने के लिए बाथरूम चला गया. करीब पंद्रह मिनट बाद मैं नहाकर बाहर आया और तैयार होकर कमरे से बाहर आ गया. वहां वो तीनों टीवी देख रहे थे. मैं भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा. अभी चारों औरतें किचन में खाना बना रही थीं.

अविनाश- राज तुम बहुत सोये.. क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं बस थोड़ा सा थक गया था.
आकाश- तुम.. और थक गए थे!
मैं- हां यार मैं भी इन्सान हूँ.
आकाश- अब आगे क्या प्लान है.
अविनाश- क्यों ना हम आज रात फाइव सम का खेल खेलें.
नीरज- मतलब?
अविनाश- एक औरत और हम चार. इससे हम हमारा कल का बदला भी ले लेंगे.
मैं- अभी मुझे आलिया के साथ शादी भी करनी है.. उसे पोर्न हीरोइन नहीं बनानी है.
नीरज- हां इसके लिए जिया भी कभी नहीं मानेगी.
अविनाश- आज वो हमारी हर बात मानेगी.
आकाश- अविनाश यह आईडिया ठीक नहीं है.
अविनाश- ठीक है प्लान केंन्सल.
मैं- क्यों ना आज रात हम चारों उन चारों को तड़पाएं, जैसे उस दिन उन्होंने हमें तड़पाया था.
आकाश- हां यह आईडिया ठीक है.
अविनाश- लेकिन आज रात को इसके लिए हमें चुदाई के बिना रहना पड़ेगा.
मैं- जीजा जी आप एक रात भी नहीं बिता सकते?
अविनाश- ठीक है.

फिर हम चारों अपना प्लान बनाते हुए टीवी देख रहे थे, तभी वो चारों डाइनिंग टेबल पर खाना लगाने लगीं और हम सभी साथ मिलकर खाना खाने आ गए. खाना खाने के बाद हमारे कहने के मुताबिक वो चारों टी-शर्ट और शॉर्ट पहनने के लिए कमरे में चली गईं. इधर हम हॉल में आकर पैग बनाने लगे और हमने उन चारों के पैग में वायग्ररा मिला दी. तभी वो चारों भी हॉल में आ गईं और हम सभी पैग मारने लगे. मैंने वायग्ररा वाले गिलास उनको दे दिए.

अविनाश- अब तुम चारों अपने कपड़े निकाल दो.

उन चारों ने कुछ बोले बिना, अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो चारों बिल्कुल नग्न हो गईं. हम चारों भी सिर्फ निक्कर में थे, इसलिए उन चारों को ऐसा लगा कि हम उनकी चुदाई करेंगे. लेकिन हमारा कुछ और ही प्लान था.

उसके बाद हम चारों ने अपनी अपनी पार्टनर को बेड पर लेटने के लिए कहा. सबसे पहले दीदी थीं, उसके बाद आलिया, नताशा और जिया लेटी थीं. हम चारों ने हथकड़ियों से उनके हाथ बांध दिए.

चित्रा- ये क्या क्या रहे हो?
अविनाश- तसल्ली रखो और देखो.
जिया- आप लोगों का इरादा क्या है?
आकाश- घमासान चुदाई.
नताशा- क्या?
मैं- हम चारों अभी आए.

फिर हम वहां से चले गए और बाहर बैठ गए. हमें बस वायग्ररा के असर का इन्तजार था.

आलिया- ये चारों हम इस हालत में छोड़कर कहां चले गए हैं?
नताशा- पता नहीं.
जिया- मुझे अन्दर से कुछ अलग सी फीलिंग हो रही है.
आलिया- मुझे भी अन्दर से ऐसा लग रहा है.
नताशा- शायद उन लोगों ये हमारे ड्रिंक्स में कुछ मिलाया है.
चित्रा- यह असर वायग्ररा का है.
आलिया- शायद वो उस दिन का बदला ले रहे हैं.
चित्रा- लेकिन वो चुदाई के बिना नहीं रह पाएंगे.
नताशा- मतलब आज हमारी चुत का कबाड़ा पक्का होगा.

तभी हम चारों नग्न अवस्था में अन्दर आ गए और वे चारों हमें देखने लगीं.

चित्रा- आप लोगों ये ड्रिंक्स में क्या मिलाया है?
आकाश- वायग्ररा.
चित्रा- क्या?
अविनाश- जैसी करनी वैसी भरनी.
आलिया- हमारे हाथ छोड़ो.
मैं- वो कल सुबह ही खुलेंगे.

इसके बाद हम चारों अपने अपने पार्टनर के पास गए और उनके ऊपर चढ़कर उनके होंठों को चूमने लगे. वो चारों भी हमारा साथ दे रही थीं. आलिया किस करने पर गरम हो रही थी. फिर हम चारों उनके गर्दन पर किस करने लगे और उन चारों पर अब वायग्ररा का असर होने लगा था. आलिया अपनी आंखें बंद करते हुए हाथ को छटपटा रही थी.

मैं आलिया के मम्मों को अपने हाथ से सहलाने लगा, जिससे आलिया और मदहोश हो रही थी. मुझे देखकर जीजा जी दीदी के मम्मों को सहलाने लगे. दीदी मदहोशी की हालत मुझे और आलिया को देख रही थी. आकाश और नीरज भी अपनी बीवी के मम्मों को सहलाने लगे. हमारा काम था अपनी बीवी को गरम करना और फिर चुदाई के लिए तड़पाना.

मैं अभी आलिया के बदन को चूम रहा था. तभी जीजा जी दीदी की चुत चाटने लगे और मुझे इशारा किया. मैं आलिया की गीली चुत चाटने लगा. मेरे साथ आकाश भी नताशा की गीली चुत चाटने लगा और आखिर में नीरज भी चुत में लग गया. वो चारों जोरों से सीत्कार कर रही थीं. आकाश तो नताशा की चुत चाटने के साथ चुत में उंगली भी कर रहा था. वो चारों अब पूरी तरह से चुदने के लिए तड़प रही थीं.

चित्रा- अविनाश अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा.. प्लीज़ फक मी.

दीदी की बात को इग्नोर करके जीजा जी ने चुत चाटना जारी रखा. दीदी छटपटाने लगीं और ऐसी हालत उन तीनों की थी.

जब वो चारों गरम हो गईं, तो हम चारों खड़े हो गए और पैग बनाने लगे.

नताशा- आकाश क्या कर रहे हो?
आकाश- कुछ भी तो नहीं.
जिया- नीरज कन्ट्रोल नहीं हो रहा हमारे हाथ छोड़ो.
मैं- खुद छोड़ लो.
आलिया- तुम चारों क्यों ऐसा मजाक कर रहे हो. प्लीज़ हमें ऐसे ना तड़पाओ.
मैं- उस दिन तुम तीनों ये हमें तड़पाया था.. अब हमारी बारी है.
जिया- उस दिन तो हम यहां पर मौजूद भी नहीं थे.
नीरज- फिर भी पनिशमेन्ट तो मिलेगी.
चित्रा- अविनाश तुम्हें जितना चोदना हो, चोद लो, लेकिन ऐसे हमें मत तड़पाओ.
आलिया- भाभी सही बोल रही हैं.. हम अब नहीं रह सकते.
मैं- किसके बिना.
आलिया- चुदाई के बिना.

तभी जीजा जी ने ड्रावर से डिल्डो निकाला और हम चारों ने उनके बदन पर डिल्डो रख दिए.

अविनाश- अब इनसे चुद लो.
चित्रा- प्लीज अविनाश ऐसा मत करो.
आलिया- भाई प्लीज़ हमारे हाथ छोड़ दो.

वो चारों हम से रिक्वेस्ट कर रही थीं, हमसे माफी मांग रही थीं.. मगर हम पर कोई असर नहीं था. हम चारों अपना पैग खत्म करने में लगे रहे.

अविनाश- ठीक है.. तुमको पहले हमारी कुछ शर्तों माननी पड़ेंगी.
जिया- कैसी शर्तें?
मैं- पहले हां या न..!
आलिया- पहले हमें बताएं.
चित्रा- हां.. ठीक है.
आलिया- भाभी!
चित्रा- अभी चुत में आग लगी हुई है.. और हमारे पास और कोई चॉइस नहीं है.
आलिया- कौन सी शर्त है?
अविनाश- सबसे पहली आप चारों को एक साथ बोलना पड़ेगा. प्लीज हमें चोदो.. हम तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हैं.
आकाश- बोलो कि इस समय हमें तुम्हारे लंड की जरूरत है.

वो चारों एक दूसरे तरफ फिर वो एक साथ मिलकर बोलने लगीं, जिसे सुनकर हमें मजा आने लगा.

मैं- सबसे आखिरी शर्त.. अब से तुम चारों हमारी हर बात सुनोगी.
आलिया- नेवर.
मैं- सोच लो.
जिया- यह आप ठीक नहीं कर रहे.
नीरज- ठीक है आपके लिए थोड़ा डिस्काउंट देते हैं. कल तुम चारों बिना कपड़े के घूमोगी और हम कल जब चाहें, तब तुम्हारी चुदाई कर सकते हैं.
चित्रा ने एक दूसरे तरफ देखकर कहा- हमें मजूंर है.
अविनाश- गुड.
आलिया- अब तो हाथ छोड़ दो.
अविनाश- राज तो हो जाएं शुरू?

हम चारों ने ड्रावर से वायग्ररा की गोली लेकर अपने पार्टनर के हाथ खोल दिए और उनके ऊपर चढ़कर ठुकाई शुरू कर दी. वो चारों इस समय चुत में किसी का भी लंड लेने के लिए तैयार थीं. पूरे हॉल में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.

वो चारों अपनी गांड उछालकर चुद रही थीं, तभी मैं और जीजा जी ने अपनी जगह बदल ली और उन दोनों ने भी अपनी जगह बदल ली. हम चारों इस समय अपनी बहन की ठुकाई कर रहे थे और वो चारों बड़े मजे से अपनी चुत में अपने भाई के लंड ले रही थीं.

जीजा जी आलिया के दोनों पैर ऊंचे करके गांड पेल रहे थे. इधर मैं दीदी के एक चूचे पर हाथ रखकर चुदाई कर रहा था.

दीदी- आहहह उम्मह ओ यस चोद बहनचोद और जोर से चोद कब से चुत में खुजली हो रही है.
मैं- हां साली आज तेरी सारी खुजली मिटा देता हूं. आज तो तुझे रांड बनाकर रहूँगा.
अविनाश- राज अच्छे से अपनी बहन की सर्विस करना.
आलिया- आहहह भाई.. पहले आप तो अपनी बहन की अच्छी सर्विस कीजिए.
अविनाश- हां साली तेरी चुत की आग अभी मिटाता हूँ.

जीजा जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और लंबे लंबे झटके मारने लगे. उधर आकाश जिया को तेजी से पेल रहे थे.

जिया- भाई धीमे.. मैं आपकी बीवी नहीं हूँ, जो रांड की तरह चोद रहे हो.
आकाश- अभी तू ही मेरी रांड है.. क्योंकि मेरी बीवी तेरे पति के साथ मजे से चुदवा रही है.
नताशा- नीरज.. तुम इसकी बात मत सुनो बस चुदाई करो.
नीरज- अविनाश भाई क्यों ना हम बदल जाएं.
अविनाश- आ जा मैं तुम्हारी दीदी की ठुकाई करता हूं. तू मेरी बहन को चोद ले.

फिर वो दोनों बदल गए और चुदाई का खेल जारी रखा.

आकाश- राज अगर तुमने अपनी दीदी की ठुकाई कर ली हो, तो क्या मैं तुम्हारी बहन चोदने आ सकता हूं.
मैं- आ जाएं.. आप मेरी दीदी को खुश करें.. मैं आपकी बहन को चोद कर खुश करता हूं.

फिर हम दोनों बदल गए, मैंने जिया को घोड़ी बना दिया और बिना देरी किए जिया की गांड में लंड घुसा दिया.

जिया- आहहह कमीने धीमे डाल.. जलन हो रही है.
मैं- चुप साली.. पहले तो चुदने के लिए तड़प रही थी.

हम सभी एक दूसरे को गाली देकर चुदाई का मजा ले रहे थे. इस समय हम सभी हवस में पागल हो चुके थे और घमासान चुदाई चल रही थी. करीब बीस मिनट के बाद सबसे पहले नीरज आलिया की गांड के ऊपर झड़ गया.

आलिया- कमीने तुम्हीं साफ करना.

नीरज हंसने लगा और टिश्यू पेपर से अपना लंड और आलिया की गांड साफ करने लगा. तभी आकाश दीदी की चुत में झड़ गए और उसके बाद जीजा जी नताशा के बदन पर झड़ गए.

एक मिनट बाद मैं भी जिया की चुत में झड़ गया. फिर वो चारों खड़ी होकर बाथरूम चली गईं और हम बेड पर लेट गए.

आकाश- सच में आज बहुत मजा आया.
नीरज- मैंने पहली बार इतनी देर तक चुदाई का मजा लिया.
मैं- तो हो जाए फिर से दूसरा राउंड!
नीरज- मुझसे नहीं होगा.
आकाश- हां मैं भी थक गया हूँ.
अविनाश- अभी तो मैं भी आराम करना चाहता हूं.
मैं- मेरा लंड तो तैयार है.
अविनाश- राज अभी रहने दे क्योंकि कल हमें घूमने जाना है.
मैं- अरे.. ये तो मैं भूल ही गया था.

तभी वो चारों बाथरूम से बाहर आ गईं. हम उनका ही इन्तजार कर रहे थे.

अविनाश- अब तो किसी को चुदने का मन नहीं हो रहा न!
चित्रा- हम कोई रांड नहीं हैं.
आकाश- तो चलो हम अपने कमरे में जाकर सो लेते हैं.. कल सुबह मिलते हैं.

हम सभी अपने कमरे में चले गए. आलिया तो सो गई, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में थे. अब मुझे चुदाई का मन कर रहा था लेकिन आलिया सो रही थी, इसलिए मैंने आलिया को उठाया. आलिया आधी नींद में थी.

आलिया- क्या हुआ?
मैं- बेब चुदाई का मन कर रहा है क्यों ना एक राउंड हो जाए.
आलिया- राज मुझसे अभी नहीं होगा.. मेरा सर दर्द कर रहा है.
मैं- ठीक है तुम सो जाओ.

आलिया सो गई, लेकिन अब मैं क्या करूं. अब मेरे पास एक ही चॉइस थी और वो थी दीदी.. क्योंकि मुझे मालूम था कि दीदी मुझे चोदने से कभी मना नहीं करेंगी. वैसे भी यहां पर एक रूल था कि कोई भी अपने कमरे का दरवाजा अन्दर से लॉक नहीं कर सकता था.

मैं खड़ा होकर नग्न अवस्था में दीदी के कमरे की ओर गया. सबसे पहले मैंने धीमे से दरवाजा खोला. अन्दर दीदी और जीजा जी सो रहे थे. इसलिए मैं चुपचाप दीदी के पास लेट गया. वैसे मुझे जीजा जी के उठने की चिंता नहीं थी क्योंकि अगर उन्हें पता चला भी, तो वो कुछ नहीं कहने वाले थे. वो दोनों भी नग्न अवस्था में सो रहे थे.
 
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मैंने दीदी को धीमे से उनके मम्मों को सहलाकर उठाया. दीदी की आंख खुल गई.
दीदी- राज तुम इतनी रात को इधर.. क्या हुआ?
मैं- वो दीदी अभी चुदाई का मन कर रहा है.
दीदी- हां तो.
मैं- वो आलिया की थोड़ी तबियत ठीक नहीं है इसलिए सोचा आप मेरे साथ दोगी.
चित्रा- अभी तुम्हारे जीजा जी भी सो रहे हैं और मैं भी थोड़ी थकी हुई हूँ.. इसलिए एक काम करो, तुम जिया के पास चले जाओ.
मैं- दीदी आप ही हो, जो मेरी आग शान्त कर सकती हो.
दीदी- मतलब तुम्हें मेरी ही चुत मारनी है.
मैं- हां प्लीज़ दीदी सिर्फ एक बार.
दीदी- ठीक है चल बाहर.. वरना तुम्हारे जीजा जी जाग जाएंगे.
मैं- जीजा जी उठ गए, तो भी कुछ नहीं बोलेंगे.
दीदी- लेकिन राज!

दीदी आगे कुछ बोलें, उससे पहले मैं उनके होंठों को चूमने लगा, जिससे वो कुछ नहीं बोल पाईं. फिर दीदी भी मेरा साथ देने लगीं. दो मिनट बाद मेरा लंड तन गया और दीदी बेड पर पैर लंबे करके हो गईं. मैंने दीदी के बाल पकड़कर अपने लंड की ओर इशारा किया. दीदी ने पहले मेरे लंड को सहलाया, बाद में लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. दीदी मेरा लंड चूस रही थीं और जीजा जी बाजू में सो रहे थे. मैं दीदी के बाल पकड़कर धीमे स्वर में सीत्कार कर रहा था.

कोई पांच मिनट तक मेरी बहन ने मेरा लंड चूसा. अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था, इसलिए दीदी को लेटा दिया.

दीदी- राज धीमे करना, तुम्हारे जीजा जी सो रहे हैं.. वे जाग जाएंगे.
मैं- ओके.

मैंने दीदी के ऊपर चढ़कर उनकी चुत पर अपना लंड सैट किया और धीमे से धक्का लगा दिया. लंड चुत के अन्दर दाखिल हो गया. मैं धीमे धीमे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दीदी भी अपनी कामुक आवाजें को कन्ट्रोल कर रही थीं. हम दोनों चुदाई में मशगूल थे. चुदाई करते समय मैं दीदी को किस भी कर रहा था.. ताकि दीदी की कामुक आवाजें से जीजा जी जाग न जाएं.

जब हम दोनों चुदाई में मशगूल थे, तभी हमें अहसास हुआ कि जीजा जी हम दोनों को देख रहे थे. जीजा जी को जागा हुआ देखकर मैं रुक गया.

अविनाश- तुम दोनों जारी रखो.
चित्रा- यह सब राज का काम है.
अविनाश- डोन्ट वरी चित्रा जितना हक मेरा है.. उतना हक राज का भी है.

फिर मैंने जीजा जी की बात सुनकर ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी और दीदी जीजा जी की ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगीं.

जीजा जी- राज तुम्हारे कमरे में भी एक चुत है.. फिर भी तुम्हें यहां आना पड़ा?
मैं- आलिया की तबियत थोड़ी ठीक नहीं है.
अविनाश- ओह ऐसा है वैसे आप दोनों को कोई तकलीफ हो, तो मैं बाहर चला जाता हूँ.
मैं- नो जीजा जी.. आप सो सकते हैं. यह आपका ही कमरा है.. मैं अपना काम करके चला जाऊंगा.
अविनाश- ओके चुदाई जारी रखो.. गुड नाइट.
चित्रा- गुड नाइट हनी.

फिर जीजा जी दूसरी ओर घूमकर सो गए और मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया. दीदी धीमे से कामुक आवाजें कर रही थीं.

चित्रा- आहह उहह उम्मह ओह.. ओह यस

करीब दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था. उधर दीदी भी झड़ गई थीं.

मैं- दीदी में झड़ने वाला हूँ.
दीदी- अन्दर मत झड़ना.

ये सुनकर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और दीदी की चुत ऊपर बदन में झड़ गया. झड़ने के बाद दीदी को बैठाकर अपने लंड को दीदी के मुँह में डाल दिया, वो बिना कुछ बोले ब्लो जॉब करने लगीं.

मैं- थैंक्स दीदी.
चित्रा- मोस्ट वेलकम.

अब मैं दीदी के कमरे से बाहर आ गया. उधर दीदी ने खड़े होकर टिश्यू पेपर से चुत से बहते रस को साफ किया और वापस सो गईं.

हम सभी सुबह को नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर मिले. हम सभी नाश्ता कर रहे थे.

अविनाश- आप सभी आज घूमने के लिए तैयार हो न!
मैं- जरूर.
आकाश- इस बार हम अपने न्यू पार्टनर बनाकर घूमेंगे.
अविनाश- गुड आईडिया.
मैं- क्यों ना हम अपनी-अपनी बहन को अपना पार्टनर बना लें!
अविनाश- आजकल तुझे अपनी दीदी पर बहुत प्यार आ रहा है.

इस बात पर हम जीजा-साले मुस्कराने लगे, जिससे दीदी को भी रात हुई चुदाई की वजह से हमारी बात समझ आ गई.

मैं- दीदी क्या ख्याल है.. क्या आप आज मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहोगी?
दीदी- जरूर.
नताशा- ओके तो हम तैयार हो कर आते हैं.

हम सभी अपना नाश्ता खत्म करके खड़े हुए और तैयार होने लगे. सबसे पहले हम जैन्टस तैयार हो गए और बाद में वो चारों रेडी हो गईं.

करीब आधे घंटे बाद जब वो चारों तैयार होकर बाहर आईं, तब हमारी आंखें खुली की खुली रह गईं. उन चारों ने अलग-अलग डिजाइन के ड्रेस पहने थे, जिसमें वो बहुत ज्यादा हॉट लग रही थीं. जैसे बॉलीवुड की हीरोइन अक्सर लगती हैं. हमारे सामने चार अप्सराएं मॉडर्न अंदाज में खड़ी थीं. इस हॉट ड्रेस में चारों की क्लीवेज साफ़ दिख रही थीं.

अविनाश- सच में तुम चारों बहुत सेक्सी लग रही हो.
मैं- मुझे तो अभी मन कर रहा है कि..
आलिया- आगे बोलने की जरूरत नहीं है.
आकाश- तो चलो चलें.

हम सभी बाहर आ गए, जहां दो कार खड़ी थीं, इसलिए हमें कोई प्रॉब्लम नहीं थी.

अविनाश- आकाश तुम जीजा-साले इस कार में आ जाओ, हम उस कार में आ जाते हैं.
आकाश- ओके डन.

जीजा जी कार ड्राइव करने लगे. उनके पास आलिया बैठ गई और हम भाई-बहन पीछे बैठ गए.

चित्रा- आलिया कल रात को तुम्हें क्या हुआ था?
आलिया- कुछ भी तो नहीं.
मैं- वो तुम्हें सर में दर्द नहीं हो रहा था.
आलिया- ओ हां.. वो कल थोड़ा सर दर्द कर रहा था.. वैसे क्या हुआ?
अविनाश- वो आलिया कल रात राज चित्रा को चोदने के लिए आया था.
आलिया- ओहह वैसे भी अब राज को लत लग गई है. उसका बिना सेक्स के एक दिन का भी नहीं बीत सकता है.
मैं- मन तो अभी कर रहा है कि तुम्हें चोद दूं.
अविनाश- ओ मिस्टर वो आज मेरी गर्लफ्रेंड है.. इसलिए आज सिर्फ उस पर मेरा हक है.
आलिया- क्या भाई आप भी हमेशा मजाक ही करते हो.
चित्रा मजाक में- राज आज मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, जब चाहो, जहां चाहो.. तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो.
मैं- थैंक्यू.
आलिया- भाई आपको भी आज पूरी छूट है.
अविनाश- आलिया आज मैं तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड हूँ इसलिए तुम मुझे अविनाश कहकर बुला सकती हो.
आलिया- ओके अवि.

तभी मैं दीदी का मुँह पकड़कर उनके होंठों को चूमने लगा. दीदी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं और मैं दीदी को किस करते हुए उनके एक चूचे को सहला रहा था. दीदी मेरे लंड को सहला रही थीं. जिससे मैं और उत्साहित हो रहा था.

अविनाश- इससे अच्छा तो तुम दोनों उधर ही रहते.
मैं- जीजा जी आप आगे देखकर कार चलाओ.. वरना एक्सीडेंट हो जाएगा.

अविनाश हंस दिए.

हम दोनों वापस अपने रोमांस में लग गए और आलिया फोन का इस्तेमाल कर रही थी. जीजा जी कार ड्राइव करते हुए बीच में आलिया की जांघ को सहला रहे थे. मैं दीदी के मम्मों को सहलाते हुए उनकी गर्दन को चूम रहा था. तभी इस दौरान आलिया ने हमारी तस्वीरे ले ली थीं.

चित्रा- बस राज अभी के लिए इतना काफी है.

करीब आधे घंटे बाद हम अपनी जगह पर पहुंच गए, जहां से हमें फेरी पर जाना था. वहां पर हमने पार्किंग में कार पार्क कर दी और हम अपने सामान के साथ आगे बढ़ गए. मैं दीदी की कमर पर हाथ रखे हुए था और वो भी मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड के जैसे पकड़े हुए थीं. हम दोनों मस्ती से ऐसे चल रहे थे, जिससे लोगों को यही लगा कि हम दोनों पति-पत्नी हैं. लेकिन लोगों को क्या पता था कि हम दोनों भाई-बहन हैं. जीजा जी ने आलिया का हाथ पकड़ रखा था.

हम करीब दो दिन तक माले सिटी से बाहर रहने वाले थे.

हम जिस फेरी पर सफर करने वाले थे, वो एकदम हाइफाई थी. हमारे साथ फेरी पर आने वाले और कई कपल थे, लेकिन लेकिन हम चार ही कपल इंडियन थे. हम सभी अपना लगेज रखकर अपनी जगह पर बैठ गए.

उधर एक कपल था, जिसमें एक लेडीज को देखकर मेरा मन डोलने लगा था. वो दिखने में एकदम तमन्ना भाटिया जैसी थी. मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे पकड़कर चोद डालूं, लेकिन वो किसी और की वाइफ थी.

फेरी में बैठने के लिए चार लोगों का अलग अपार्टमेंट था, इसलिए हम जीजा-साले एक अपार्टमेंट में बैठ गए और वो चारों हमारे पास वाले अपार्टमेंट में बैठ गए थे. हम दोनों के सामने जीजा जी और आलिया बैठे थे. आलिया बाहर का नजारा देख रही थी और जीजा जी फोन में म्यूजिक सुन रहे थे. दीदी फोन इस्तेमाल कर रही थीं. तभी मुझे मस्ती करने की सूझी. इसलिए मैंने दीदी को एक मैसेज किया.. ताकि उन दोनों को पता न चले.

मैसेज-

मैं- दीदी क्यों ना हम दोनों उन दोनों से मस्ती करें?
दीदी मेरी ओर देखकर लिखने लगीं- कैसी मस्ती?
मैं- हम उन दोनों के सामने रोमांस करते हैं.. ताकि वो दोनों भी हमसे जलकर ऐसा करेंगे.
दीदी- इससे क्या होगा?
मैं- वो दोनों भी हमारी कॉपी करेंगे.
दीदी- ठीक है लेकिन संभाल कर, ज्यादा आवाज न हो.. आसपास और भी लोग हैं.

मैंने अपना फोन जेब में रख लिया और दीदी मुझे सेक्सी स्माइल देने लगीं. दीदी का इशारा समझकर मैं दीदी की जांघ को सहलाने लगा. फेरी का अपार्टमेंट इस तरह बना था, जिससे हमें बाहर से कोई भी नहीं देख सकता था.

मैं- दीदी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो.

तभी उन दोनों की नजर हम पर पड़ गई. चूंकि दीदी भी मस्ती करने के फुल मूड में थीं.. इसलिए उन्होंने भी मजा लेने के अलावा कुछ नहीं देखा.

दीदी- राज आज मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ इसलिए तुम मुझे सिर्फ चित्रा कहकर बुलाना.
मैं- ओके जानू.
दीदी- राज तुम भी आज बहुत हैंडसम लग रहे हो.
आलिया- आप दोनों थोड़ा तो कन्ट्रोल कर लो.. कोई देख सुन लेगा.
मैं- देखते सुनते हैं.. तो देखने सुनने दो, इसमें क्या है?
अविनाश- आलिया रहने दो, यह अभी तुम्हारी बात नहीं मानेंगे.
चित्रा- कहीं से जलने की बू आ रही है. मैं- सच में!

हमारी बातों से वो दोनों समझ गए कि हम उन दोनों से मस्ती कर रहे हैं. इसलिए वो दोनों भी शुरू हो गए.

अविनाश- आलिया आज मैं बहुत खुश हूं.
आलिया- किस लिए जान?
अविनाश- मुझे तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड बनने का मौका जो मिला.
आलिया- लक्की तो मैं हूँ.. जो आपकी गर्लफ्रेंड बनने का मौका मिला वरना कुछ लोग तो किसी और से चुदवाने का मजा लेने में लगे हैं.

आलिया दीदी की बात कर रही थीं और ये सुनकर मैं दीदी के मम्मों को सहलाने लगा.

मैं- चित्रा तुम्हारे बूब्स तो जोरदार हैं.. मन करता है कि पूरे दिन बस इनसे ही खेलता रहूँ.

तभी जीजा जी भी आलिया के मम्मों को सहलाते हुए मजाक करने लगे.

अविनाश- आलिया तुम्हारे बूब्स तो दूध की फैक्ट्री लग रहे हैं.
मैं- जिसे चार लोगों ने इस्तेमाल कर लिया है.
चित्रा ने हंसते हुए कहा- इसलिए दूध की फैक्ट्री बन गई है.
अविनाश- आलिया तुम्हें कहानी सुननी है?
आलिया- हां क्यों नहीं.
अविनाश- कल रात एक कमरे में कपल सो रहे थे. जब पति की आंख खुलती है, तब वो देखता है कि उनकी बीवी अपने पति के पास एक ही बेड पर किसी और से चुदवा रही है और उसको चोदने वाला उसका भाई था.
आलिया- हम्म.. आजकल ऐसा बहुत होता है.

तभी चित्रा ने मेरे लंड पर हाथ रखा और मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी.

चित्रा- राज अभी ऐसा मन कर रहा है कि तुम्हारे हथियार को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूस लूं.. लेकिन अभी यहां इस लोकेशन पर ऐसा करना ठीक नहीं रहेगा. कुछ लोगों की सुलगने लगेंगी.
मैं- तुम चाहो तो मेरे होंठों को चूस सकती हो.

दीदी बिना देर किए मेरे होंठों पर किस करने लगीं और मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखकर दीदी को अपने ऊपर गोद में बैठा लिया. उन दोनों को दिखे, इसलिए दीदी की गांड को सहलाने लगा.

अविनाश- आलिया ब्लो जॉब करना चाहोगी.

आलिया बिना कुछ बोले जीजा जी के सामने घुटने के बल बैठकर जीजा जी के पेन्ट की चैन खोलकर लंड हाथ में लेकर चूसने लगी. जब हम दोनों की नजर पड़ी, तब आलिया घुटने के बल बैठकर जीजा जी का लंड चूस रही थी और जीजा जी आलिया के बाल पकड़कर अपनी आंखें बंद करके सीत्कार कर रहे थे.

यह सब सीन हम दोनों को जलन कराने के लिए हो रहा था.

तभी दीदी भी नीचे उतर गईं और मैं अपना फोन निकालकर वीडियो रिकॉर्ड करने लगा. वो दोनों अपने काम में मशगूल थे. दीदी मेरे कान में हल्के से बात करने लगीं.
 
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दीदी- हमारा प्लान काम आ गया.
मैं- चित्रा.. वैसे तुम भी ब्लो जॉब करते हुए अच्छी लगती हो.
दीदी- इसके लिए रात का इन्तजार करना पड़ेगा.
अविनाश- आलिया मेरे लंड का माल आने वाला है.
आलिया- इन्तजार करो जान.. वरना हम दोनों के कपड़े खराब हो जाएंगे.
आलिया ने जल्दी से टिश्यू पेपर लिया और लंड से लगा दिया. जीजा जी ने अपने लंड को हिलाया और रस छोड़ दिया. इससे जीजा जी के लंड का सारा रस टिश्यू पेपर में निकल गया.
अविनाश- आलिया सो गुड.

फिर आलिया जीजा जी के लंड को साफ करने लगी. तभी किसी ने हमारे अपार्टमेंट को नोक किया. इसलिए हम चारों अपनी जगह पर ठीक होकर बैठ गए. मैंने दरवाजा ओपन किया. हमारे सामने वेटर था, जो हमसे पूछने आया था.

वेटर- सर आप कुछ पीना चाहेंगे?
मैं- हां ठंडी वाइन लेकर आना.

फिर वो चला गया.. और वापस वाइन लेकर आया. हम चारों वाइन के पैग मारने लगे. कुछ देर बाद मैं खड़ा होकर बाथरूम जा रहा था, तभी बाथरूम से जिया बाहर निकली.

मैं जिया का हाथ पकड़कर वापस बाथरूम में ले गया.
जिया- राज क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा.
मैं- देख लेने दो.

वो कुछ बोले, उससे पहले मैंने जिया के होंठों पर एक उंगली रख दी, जिससे वो चुप हो गई और फिर हम दोनों किस करने लगे. करीब दो मिनट बाद जिया रुक गई.

जिया मुस्करा कर बोली- अन्दर मेरा ब्वॉयफ्रेंड इन्तजार कर रहा है.

मैंने जिया को घुमा दिया और उसके मम्मों को सहलाने लगा, जिससे जिया मदहोश होने लगी थी. लेकिन एक मिनट बाद उसने मुझे रोक दिया और फिर सेक्सी स्माइल करके चली गई.

उसके जाने के बाद मैंने पेशाब की और बाथरूम से बाहर आ गया. तभी मुझे वो हॉट फिंरगन दिखी, जो फेरी के बाहर अकेली खड़ी थी. मैं भी कुछ सोच कर उसके पास चला गया. मैंने उसके पास जाकर उससे हाथ मिलाया और अंग्रेजी में उसे अपना परिचय दिया.

इस कहानी को मजेदार बनाने के लिए अलीना की इंग्लिश को मैं हिन्दी में लिख रहा हूं.

मैं- हाय.. मायसेल्फ राज, मैं इंडिया से हूँ.
लेडी- मैं अलीना अमेरिका से.
मैं- नाइस नेम.
अलीना- थैंक्स.
मैं- आप अमेरिका में कहां पर रहती हैं?
अलीना- न्यूयॉर्क और तुम?
मैं- दिल्ली.
अलीना- तुम क्या करते हो?
मैं- मेरे डैड का बिजनेस है, इसलिए उनको बिजनेस में मदद करता हूं.
अलीना- नाइस.
मैं- और तुम क्या करती हो?
अलीना- ज्यादा खास नहीं मेरे पति एक कंपनी में मैनेजर हैं.

फिर हम दोनों एक दूसरे के साथ बातें करने लगे और कुछ समय में हम दोनों की दोस्ती हो गई. तभी अलीना का पति हमारे पास आया और अलीना उससे मेरा परिचय करवाने लगी. फिर कुछ देर बाद मैं वहां से अपने अपार्टमेंट में चला गया.

दीदी- किधर थे?
मैं- बाहर टहल रहा था.

अपार्टमेंट के अन्दर अपने फोन में म्यूजिक सुनते हुए अलीना के बारे में सोच रहा था. उस समय अलीना ने स्टाइलिश टी-शर्ट और शॉर्ट पहनी थी, जिसमें वो एकदम अलग हटके माल लग रही थी. अलीना दिखने में एकदम हॉट और सबसे ज्यादा सुंदर थी और उसके बात करने के अंदाज से लग रहा था कि वो बहुत स्टाइलिश और मॉडर्न थी.. वो बिल्कुल आलिया की तरह थी. पहली नजर में मुझे अलीना पसंद आ गई थी. मेरे अंदाजा से उसके ब्रा की साइज 34B थी. अलीना इतनी हॉट और सुंदर थी कि जिसके सामने मुझे तमन्ना भाटिया भी फीकी लगी.

कुछ ही देर बाद हम सब मफुशी द्वीप पर पहुंच गए. हम सभी अपने अपार्टमेंट से बाहर आ गए. अलीना मुझे देखकर स्माइल करने लगी.

वो कहते हैं न कि लड़की हंसी तो समझो फंसी.

इधर हम रात को रहने वाले थे, इसलिए मेरे पास अच्छा मौका था. हम सभी ने सेम टूर एजेंसी से थे, इसलिए हम दो दिन तक साथ थे. वैसे हम करीब सात कपल साथ थे, जिसमें सबसे ज्यादा मुझे अलीना पसंद थी.

जब हम सभी अपना लगेज लेकर फेरी से उतरने लगे, तो वहां पर हमारे लिए एक गाइड इन्तजार कर रहा था. वो गाइड हमें कानी बीच रिसॉर्ट में ले गया.

गाइड- आप लोगों के पास आधा घंटे का टाइम है.. बाद में हम सबसे पहले स्कूबा डाइविंग करेंगे.

वहां पर काउन्टर पर खड़ी एक लड़की ने हमें रूम की चाबी दे दी और हम सभी अपने कमरे में चले गए. कमरे में जाते ही मैंने लगेज रखकर दीदी को बांहों में पकड़ लिया.

चित्रा- राज अभी रहने दो, मुझे कपड़े चेंज करने हैं.
मैं- पहले टैक्स चुकाना पड़ेगा.

चित्रा दीदी सेक्सी स्माइल करके मेरे होंठों को चूमने लगीं और मैं भी दीदी के होंठों को चूमने लगा. तभी दीदी ने मुझे रोक दिया. वो बैग से कपड़े लेकर बाथरूम चली गईं और मैं ऐसे ही बेड पर लेट गया.

तभी मेरा फोन बज उठा.. जो डैड का था इसलिए मैंने फोन उठाया.

मैं- हाय डैड!
डैड- हाय क्या कर रहे हो!
मैं- कुछ ख़ास नहीं.
डैड- कब आने वाले हो?
मैं- तीन-चार दिन बाद.
डैड- राजीव का फोन था वो पांच दिन बाद तुम्हारे रिश्ते की बात करने आ रहे हैं.
मैं- डैड मुझे आपको कुछ बताना है.
डैड- क्या?
मैं- मैं एक लड़की से प्यार करता हूं.
डैड- कौन है वो?
मैं- आलिया.
डैड- यह बात तुमको हमें पहले बतानी थी.
मैं- मैंने सोचा घर आ कर आपसे और मॉम से बात करता हूं.
डैड- कब से ये चल रहा है?
मैं- करीब चार महीने से.
डैड- जब मैंने तुझे पहले रिया के बारे में बताया, तब तो तुमने नहीं बताया था.
मैं- रिया मेरी अच्छी दोस्त है.. इसलिए डैड.
डैड- तो अब आगे का क्या प्लान है?
मैं- मैं आलिया से शादी करना चाहता हूं.
डैड- ठीक है, मैं राजीव को मना कर देता हूँ. तुम्हारी दीदी किधर है.
मैं- दीदी अपने कमरे में होंगी.

डैड से इस बार मुझे झूठ बोलना पड़ा क्योंकि में डैड को कैसे बताता कि दीदी मेरे कमरे में हैं और जीजा जी आलिया के साथ दूसरे कमरे में हैं. अगर डैड को पता चलेगा कि हम मालदीव में भाई-बहन, चुदाई का खेल रहे हैं.. तो पता नहीं डैड क्या करेंगे.. इसलिए झूठ बोलना सही था.

डैड- तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो?
मैं- हां.
डैड- ठीक है.. मैं तुम्हारी दीदी से तुम दोनों के रिश्ते के बारे में बात करता हूं.

डैड का कॉल कटते ही दीदी नहाकर बाहर आ गई थीं. दीदी ने शर्ट और पेन्ट पहनी थी.

चित्रा- किसका फोन था?
मैं- डैड का. डैड मजाक करते हुए बोल रहे थे कि अपनी दीदी को अच्छे से चोदना.
चित्रा- शटअप. वो क्या बोल रहे थे?
मैं- डैड मेरे रिश्ते के बारे में बता रहे थे कि राजीव अंकल पांच दिन बाद रिश्ते की बात करने के लिए आ रहे हैं.
चित्रा- तो अब?
मैं- मैंने आलिया के बारे में बता दिया.
चित्रा- तो डैड क्या बोलें?
मैं- डैड हमारे रिलेशनशिप से खुश हैं और वो जल्द ही आपको कॉल करेंगे.
चित्रा- अच्छा हुआ कि डैड को तुमने बता दिया.. अब कोई प्रॉब्लम नहीं है.
मैं- अभी एक प्रॉब्लम है.
चित्रा- कौन सी.
मैं- रिया को पता चलेगा, तब वो मुझे कॉल करेगी और तब उसको मनाना मुश्किल होगा.
चित्रा- एक काम कर, रिया का नंबर सेंड कर.. मैं उससे बात करूंगी.
मैं- मैं ही उससे बात कर लूंगा, वरना हमारी दोस्ती भी टूट जाएगी.
चित्रा- तुम्हारी मर्जी.

फिर हम दोनों नीचे आ गए, जहां पर सिर्फ आलिया और जीजा जी नहीं थे.

मैं- अभी जीजा जी नहीं आए.
आकाश- वो अभी तुम्हारी गर्लफ्रेंड के साथ घपाघप कर रहे होंगे.

आकाश की बात सुनकर हम सब हंसने लगे. तभी आलिया और जीजा जी सामने से आते दिखे. वे हमारे पास खड़े हो गए. इतनी देर में अलीना और उसका पति जेसन भी आ गए.

फिर हम सभी गाइड के साथ समुद्र किनारे गए और सभी लोग हम स्कूबा डाइविंग करने के लिए खास कपड़े पहनने जाने के लिए वहां पर बने एक कमरे में आ गए. सभी लोग कपड़े बदल कर स्कूबा डाइविंग के लिए बने स्पेशल सूट पहनकर बाहर आ गए. हम सभी के लिए बड़ी सी स्पीड बोट खड़ी थी और साथ में दो और गाइड थे. हम सभी उस स्पीड बोट में सवार हो गए और फिर वो स्पीड बोट आगे बढ़ने लगी.

करीब पांच मिनट बाद स्पीड बोट रुक गई. करीब एक घंटे तक हम सभी स्कूबा डाइविंग का आनन्द लिया और वापस हम हमारे रिसॉर्ट में आ गए और कपड़े चेंज कर लिए.

अभी दोपहर के एक बजे थे, इसलिए हम रिसॉर्ट के होटल में चारों कपल बैठ गए. हमारे सामने अलीना और जेसन बैठे थे और मैं उसको तिरछी नजर से देख रहा था. मेरे पास चित्रा बैठी थी, उनके पास नताशा और नताशा के पास नीरज बैठा था. खाना खाने के बाद हम सभी अपने कमरे में चले गए और हम सभी को पता था कि कमरे में अब क्या होने वाला है.

कमरे जाकर में अन्दर से दरवाजा लॉक करके और हम दोनों बिना देर किए एक दूसरे को चिपककर ऐसे किस करने लगे.. मानो हम एक महीने से एक दूसरे से मिले ना हों.

किस करते समय दीदी ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मैंने दीदी की शर्ट के बटन खोलकर उसे निकाल दिया. दीदी ने ब्लैक रंग की ब्रा पहनी थी, जिसमें दीदी बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थीं.

हम दोनों सेक्स करने में मशगूल हो गए. मैं दीदी की गांड को सहला रहा था. करीब पांच मिनट बाद मैंने दीदी को घुमाकर उनकी ब्रा को निकाल दिया और दीदी के कातिलाना मम्मों को पीछे से दबाने लगा, जिससे दीदी सीत्कार करने लगीं. मेरा खड़ा लंड पेन्ट पर टेन्ट बन गया था, जो दीदी अपनी गांड पर साफ महसूस कर रही थीं.

फिर दीदी ने नीचे घुटने के बल बैठकर मेरे पेन्ट को निकाला और इस काम में मैंने भी उनकी मदद की.

दीदी ने मेरी पेंट के साथ निक्कर भी निकाल दिया और मेरे खड़े लंड को देखकर सेक्सी स्माइल करके लंड को मुँह में ले लिया. फिर दीदी लॉलीपॉप की तरह बड़े मजे से लंड चूसने लगीं और मैं दीदी के बालों को पकड़कर धीमे से सीत्कार कर रहा था.

फिर मुझसे रहा नहीं गया.. इसलिए मैंने दीदी को खड़ा कर दिया और उनकी पेन्ट को निकाल दिया. फिर दीदी को बेड पर पटक कर उनकी चुदाई करने में लग गया. पहले मैंने बैग से कंडोम निकालकर लंड पर चढ़ाया. इसके बाद मैं दीदी के ऊपर चढ़कर उनकी पैंटी को निकाल दिया और उनके गुलाबी होंठों को चूमने लगा. मैं दीदी की गर्दन को चूमने में लगा था. वो भी मुझसे नागिन सी लिपटी हुई थीं. इस दौरान मैंने दीदी के गर्दन पर लव बाइट का निशान छोड़ दिए, जिससे दीदी छटपटाने लगीं, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा.

करीब पांच मिनट तक मैं उनके बदन को चूमता रहा और मम्मों को सहलाता रहा. अब मेरा लंड चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार था. इसलिए मैंने बिना देर किए चुत पर लंड सैट करके धक्का लगा दिया, इससे मेरा आधा लंड अन्दर घुस गया.

फिर मैं धीमे से दीदी को पेलने लगा, जिससे दीदी कामुक आवाजें करने लगीं. मैंने धीमे से चुदाई की शुरुआत करके अपनी स्पीड तेज कर दी. दीदी दोनों हाथों से मेरी पीठ को पकड़कर चुद रही थीं.

चित्रा- आहह उहह ओह राज फक फक आहह ओह सो गुड.

हम दोनों चुदाई के खेल में मशगूल थे, तभी दीदी का फोन बज उठा. जिससे दीदी रुक गईं और वहां पर पड़े फोन को देखने लगीं.

चित्रा- राज स्टॉप.. फोन बज रहा है.
मैं- बजने दो.
चित्रा- राज रुको.. शायद डैड का कॉल होगा.

दीदी की बात सुनकर मैं रुक गया और दीदी का फोन देखा, तो सच में डैड का कॉल था, इसलिए मैंने फोन दीदी को दे दिया.

फोन पर.

चित्रा- हैलो डैड.
डैड- हाय बेटा कैसी हो?
चित्रा- एकदम बढ़िया.
डैड- अविनाश कहां पर है?
चित्रा- डैड वो नहाने गए हैं.

दीदी और डैड फोन पर बात कर रहे थे और मैं दीदी के पास बैठकर दीदी के मम्मों को सहला रहा था और दीदी मुझे इशारे से मना कर रही थीं.

डैड- आज सुबह राज ने बताया कि वो और आलिया.. दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और वो दोनों शादी करना चाहते हैं.
चित्रा- हां डैड वो दोनों शादी करना चाहते हैं और शायद हमें उन दोनों की शादी करवा देनी चाहिए.
डैड- अविनाश को पता है?
चित्रा- हां बस आप और मॉम की परमिशन चाहिए.
डैड- ठीक है जब तुम लोगों घूमकर आओगे, तब हम मिलकर बात करते हैं.
चित्रा- ओके डैड.
डैड- चल बेटा.. मैं कॉल रखता हूं अपना ख्याल रखना.

फोन कट गया.

चित्रा- थोड़े देर भी इन्तजार नहीं हो रहा था. कहीं डैड को पता चल जाता कि हम भाई-बहन मिलकर…
मैं- डैड ने क्या बोला?
चित्रा- तुम्हारी शादी जल्द होगी.

तभी मैंने खुशी से दीदी के गाल पर किस कर दिया.

मैं- मैं अभी आलिया को यह खुशखबरी दे दूं?
चित्रा- अभी रहने दे.. वो दोनों चुदाई कर रहे होंगे, बाद में बता देना. पहले हम अपना अधूरा काम पूरा कर लेते हैं.

मैंने दीदी को किस करते हुए लेटा दिया और फिर से अपने लंड को चुत पर सैट करके बिना देरी के घुसा दिया. इस अचानक हमले के लिए दीदी तैयार नहीं थीं, इसलिए वो चिल्ला उठीं.

चित्रा- आहह बहनचोद क्या कर रहा है?

दीदी के मुँह से गाली सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैं तेजी से दीदी को पेलने लगा. मैं दीदी को तेजी से लंबे झटके लगाते हुए चोद रहा था. कोई पांच मिनट बाद दीदी झड़ गईं और उनके झड़ने के बाद मैं भी झड़ गया.
 
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मैंने दीदी के ऊपर से हटकर कंडोम निकालकर डस्टबिन में फेंक दिया और दीदी के पास लेट गया. हम दोनों एक दूसरे से चिपककर सो गए. जब मैं दीदी को चिपककर लेटा था, तब मुझे अलीना की हॉट फिगर नजर आ रही थी. अलीना को एक बार तो चोदना है. इनमें दो दिन में अलीना को किसी भी तरह से पटाना है ताकि मैं अपने लंड को उसकी चुत में डाल सकूं.

करीब छह बजे दीदी ने तैयार होकर मुझे उठाया. उन्होंने अभी शॉर्ट और टी-शर्ट पहनी हुई थी.

मैं- क्या हुआ?
चित्रा- अविनाश का कॉल था, वो सभी सेंड बैंक ट्रिप पर जा रहे हैं, तो जल्दी से तैयार हो जाओ.

मैं खड़ा होकर बाथरूम में जाने लगा और उसी समय दीदी की गांड पर एक चपत लगा दी. दीदी हंस कर मुझे मना करने लगीं. करीब बीस मिनट बाद मैं भी तैयार हो गया. मैंने इस समय शर्ट और नीचे से शॉर्ट पहनी थी. फिर हम दोनों बाहर आ गए और हम दोनों चलकर बीच पर आ गए. उधर वो तीनों जोड़े सेंड बैंक का आनन्द ले रहे थे. लेडीज अलग थीं और जैन्टस अलग बैठे थे. मैं जीजा जी के पास जाकर बैठ गया. मैंने शादी वाली बात जीजा जी को बता दी, तो जीजा जी भी इसके लिए राजी थे.

मेरी ये बात सबने सुन ली थी.

नीरज- बधाई.
मैं- थैंक्स.

आकाश ने मजाक करते हुए कहा- राज सुहागरात के रात हम तीनों को जरूर बुलाना, हम साथ मिलकर आलिया को पेलेंगे.
मैं- शटअप.
अविनाश ने मजाक करते हुए कहा- अभी तो उसे मैं पेल रहा हूँ.
मैं- क्या जीजा जी आप भी ना.
अविनाश- हम मजाक कर रहे हैं यार.. उस दिन तुम ही मेरी बहन आलिया को पेल लेना.

ऐसे हम चारों मजाक मस्ती करते हुए हंस रहे थे, तो उधर वो चारों भी हंस रही थीं. हम बहुत देर से बात कर रहे थे, तभी लेडीज खड़ी होकर चली गईं. उनके पीछे हम चारों भी जाने लगे. तभी एक दोस्त का फोन आ गया है, इसलिए मैं वहीं पर रुक गया.

करीब पांच मिनट दोस्त से बात करने बाद कॉल कट गया. फोन रखते ही अलीना और जेसन दोनों मेरे पास आ गए.

अलीना- क्या हम इधर बैठ सकते हैं?
मैं- जरूर.

वो दोनों एक साथ बैठ गए और हम तीनों इधर-उधर की बातें करने लगे. शायद अलीना भी मुझे लाइक करती थी. तभी जेसन को किसी का कॉल आ गया और वो किसी काम से चला गया.

हम दोनों वहां बैठकर बात कर रहे थे. मुझे अलीना को देखकर अभी ऐसा मन कर रहा था कि अभी अलीना को चोद डालूं.

अलीना- वैसे यह सभी तुम्हारे दोस्त हैं?
मैं- हां.
अलीना- राज मैंने तो अपने पति से तुम्हारा परिचय करवा डाला, तुम कब अपनी वाइफ से परिचय करवा रहे हो.
मैं- जल्द ही.

मैं अलीना की बात से में विचार में पड़ गया क्योंकि अलीना मुझे दीदी के साथ देखा है. अलीना जिसको मेरी बीवी समझ रही है, वो मेरी बहन है. मेरी होने वाली बीवी अभी किसी और की गर्लफ्रेंड है. अब यह सच तो मैं अलीना को नहीं बता सकता था, इसलिए अलीना की नजर में अभी दीदी को ही अपनी बीवी बनाना ठीक रहेगा. बाद में सही मौका देखकर सच बता दूंगा.

हम दोनों बात करने में मशगूल थे. तभी मेरे फोन पर चित्रा दीदी का फोन आया. वो खाना खाने के लिए मुझे बुला रही थीं.

हम दोनों खड़े होकर साथ में रिसॉर्ट में चले गए. वो अपने कमरे में चली गई और मैं उन लोगों के पास आ गया. इस दौरान हम दोनों ने अपने फोन नंबर शेयर कर लिए थे. मैं चित्रा दीदी के पास बैठ गया और हम सभी मिलकर खाना आर्डर करने लगे.

अविनाश- यहां पर सभी को मजा तो आ रहा है न!
नीरज- हां बहुत ज्यादा.
आकाश- किसमें मजा आने की पूछ रहे हो अविनाश? इधर घूमने में या अपनी नई गर्लफ्रेंड को पेलने में?
नताशा- क्या आकाश.. तुम किधर भी शुरू हो जाते हो.
अविनाश- सबसे ज्यादा मजा तो राज कर रहा है. शादी भी फिक्स हो गई और नई गर्लफ्रेंड के साथ पूरा दिन मजा कर रहा है.
मैं- जिसके साथ शादी फिक्स हुई है, उसके साथ तो आप मजा कर रहे हैं.
आलिया- अविनाश शायद जलन हो रही है.
जिया- अच्छा भाई से सीधा अविनाश.
आलिया- अभी तो भाई मेरे ब्वॉयफ्रेंड हैं.. इसलिए मैं उनको उनके नाम से बुला रही हूँ.
आकाश- जिया तुम भी मुझे आकाश कहकर बुलाना.
नताशा- ओके नीरज.. अब तो तुम भी मुझे आज नताशा कहकर बुला सकती हो.
अविनाश- चित्रा तुम क्यों चुप हो.
चित्रा- अब तुम लोग बोल रहे हो, तो मैं क्या बोलूं?

तभी हमारा खाना आ गया और हम खाना खाते हुए बात करने लगे. आधे घंटे बाद हमारा खाना हो गया था. अब बारी थी कमरे में जाकर घमासान चुदाई की.. जिसके लिए हम बिल्कुल तैयार थे. लेकिन उससे पहले हम सभी रिसॉर्ट के बाहर खुले आसामान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में साथ बैठकर ड्रिंक्स कर रहे थे. अभी आठ लोग को डिस्टर्ब करने के लिए कोई नहीं था. इस समय शायद अलीना और जेसन दोनों कमरे में चुदाई का आनन्द ले रहे थे.. मतलब जेसन शायद अभी अलीना को पेल रहा होगा. वैसे यह सिर्फ मेरे मन का ख्याल था.. क्योंकि मैं अलीना को चोदना चाहता था.. इसलिए मुझे उसकी याद आ रही थी. अलीना के बारे में सोचकर मेरे अन्दर खलबली मच गई.

अविनाश- चलो एक खेल खेलते हैं.
आकाश- कैसा खेल?
अविनाश- आज हम अपनी पार्टनर के बारे में बताएंगे, वो भी सिर्फ चुदाई के समय के बारे में.
नताशा- यह कोई खेल थोड़ा है.
नीरज- मुझे तो कुछ समझ नहीं आया.
अविनाश- मतलब तुम्हें नताशा के बारे में बताना है.
मैं- सबसे पहले कौन बोलेगा.
अविनाश- मैं ही शुरूआत करता हूं.
मैं- ओके डन.
अविनाश- आज मेरी प्यारी बहन आलिया मेरी गर्लफ्रेंड है. आलिया की कातिलाना स्माइल दिमाग में खुशी पैदा कर देती है. आलिया जब चलती है, तब उसकी गांड को देखकर दिल की धड़कन बढ़ जाती है.

ये सुनकर आलिया थोड़ा शर्मा गई और हम सब धीमे से मुस्कराने लगे. जीजाजी अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहने लगे.

अविनाश- आलिया के होंठों को किस करने पर ऐसा लगता है कि मानो मैं किसी अप्सरा को किस कर रहा हूं. आलिया जब अपने कपड़े उतारती है, तब मेरा लंड एकदम से तन जाता है. आलिया के मम्मों को दबाने में बहुत मजा आता है.. और उससे भी ज्यादा मजा उसको चोदने में आता है. आलिया जब नग्न अवस्था में बेड पर लेटी होती है.. तब ऐसा लगता है कि दिशा पाटनी चुदने के लिए लेटी हो. आलिया जब चुदते समय कामुक आवाजें करती है, तब मेरा जोश और ज्यादा बढ़ जाता है.
मैं- हम्म.. अब आलिया तुम्हारी बारी है.
आलिया- थैंक्स अविनाश. मैंने कभी स्वपन में भी नहीं सोचा था कि मैं अपने भाई के साथ सेक्स करूंगी. जब पहली बार मैंने अविनाश को नग्न अवस्था में देखा था, तब मुझे अन्दर से अजीब लग रहा था. भाई दिखने में तो बड़े शरीफ लग रहे थे, लेकिन जब वो मेरी चुदाई करते हैं.. तो ऐसा लगता है मानो पोर्नस्टार मुझे चोद रहा हो. सबसे ज्यादा भाई मेरी गांड पेलते हैं.
चित्रा- हां ये तो है.. गांड मारने में सभी मर्दों ने पीएचडी की हुई है.

चित्रा दीदी के मुँह से ये सुनकर सब हंसने लगे.

अब बारी थी नीरज की, इसलिए वो अपनी बहन नताशा के बारे में सोच रहा था.

नीरज- नताशा जब मुस्कराती है.. तब ऐसा लगता है कि मानो कैटरीना कैफ मुझे सेक्सी स्माइल दे रही हो. दीदी के चूचे देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है. जब मैं दीदी के होंठों को चूमता हूँ.. तब मैं अपना होश खो देता हूँ. दीदी की चुत को देखकर मेरा दिल जोरों से धड़कने लगता है. दीदी जब मेरा लंड चूसती हैं.. तब मुझे बहुत अच्छा लगता है और उससे भी ज्यादा मजा दीदी की चुत चुदाई करने में आता है.
आकाश- नताशा अब तुम्हारी बारी है.
नताशा- पता है मुझे.

ऐसे सभी एक दूसरे के पार्टनर के बारे में बताते हुए मजा लेते रहे. अब हम दोनों भाई-बहन की बारी थी.

मैं- मेरी दीदी जब मुस्कराती हैं, तब मुझे बहुत अच्छा लगता है. पहले तो मैंने कभी गौर से दीदी की फिगर के बारे में नहीं सोचा था.. लेकिन जब पहली बार चित्रा दीदी मेरे सामने नग्न अवस्था में थीं, तब मेरा लंड एकदम लोहे के सरिये की तरह टाइट हो चुका था. जब पहली बार मैंने चित्रा बहन के मम्मों को अपने हाथ में लेकर सहलाये, तब ऐसा लग रहा था कि पूरी रात बस दीदी के मम्मों को दबाता रहूँ. दीदी के नग्न फिगर को देखकर मेरे अन्दर की हवस पूरी तरह से बेकाबू हो जाती है. दीदी की चुत में जब पहली बार मेरा लंड गया था, तब अजीब सा आनन्द मिल रहा था.. मानो मैंने पहली बार तमन्ना भाटिया के साथ सेक्स किया हो. सबसे ज्यादा मुझे मजा आया, जब मैं पहली बार दीदी की गांड मार रहा था और दीदी दर्द के मारे चिल्ला रही थीं.

अविनाश- चित्रा अब तुम्हारी बारी.

चित्रा- राज दिखने में सुंदर और हैंडसम है और साथ में बहुत फिट भी है. जब मैंने पहली बार नग्न अवस्था में देखा तब अन्दर से मुझे अजीब फीलिंग हो रही थी. जब मैंने पहली बार राज का लंड देखा, तब मुझे थोड़ा झटका सा लगा कि राज का लंड अविनाश के लंड से भी बड़ा है. उस समय मेरे सामने आलिया पहली बार मेरे भाई राज से चुदने वाली थी.. पता नहीं राज आलिया का क्या हाल करेगा. जब राज आलिया को धनाधन चोद रहा था और वो चिल्ला रही थी, तब मुझे अन्दर से थोड़ा डर लग रहा था कि इससे चुदकर मेरा क्या हाल होगा. अब तक मैंने कभी अविनाश से भी अपनी गांड नहीं मरवाई थी और जब राज ने मेरी कुंवारी गांड में लंड घुसाया था, तब ऐसा लग रहा था कि किसी घोड़े का लंड मेरी गांड में घुस गया है. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरा भाई मेरी गांड को बेरहमी से चोद रहा था. वो वैसे तो पहले एकदम जैन्टलमेन लगता है.. लेकिन जब चुदाई करता है, तब मानो साला पूरा जानवर बन जाता है.

मैं दीदी के मुँह से अपने बारे में सुनकर मस्त हो रहा था और मुझे दीदी के रूप में अलीना दिख रही थी.

हम सभी एक दूसरे की बात सुनकर मुस्करा रहे थे और फिर पैग मारने में लग गए. अब मेरा मन चुदाई का हो रहा था, इसलिए मैं खड़ा हो गया. मैंने अपनी बहन चित्रा को सबके सामने दोनों हाथों से उठाया और सबको गुड नाइट कहकर चला गया.
 
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आकाश- लो एक शेर तो भूखा हो गया.
अविनाश ने आलिया के दूध सहलाते हुए कहा- हां अब हमें भी चलना चाहिए.

मैं दीदी को उठाकर अपने कमरे की ओर ले जा रहा था.

चित्रा- आजकल तुम ज्यादा ही क्रेज़ी हो गए हो.
मैं- सबके मुँह से चुदाई की बात सुनकर मेरा मन होने लगा था.
चित्रा- सब हमारे बारे में सोच रहे होंगे.
मैं- यही ना कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को अन्दर जाकर चोदने वाला हूँ.
चित्रा मुस्करा कर- चल नॉटी कहीं का.

हम दोनों ने कमरे में जाते ही एक दूसरे से खेलना शुरू कर दिया. मैंने दीदी को नीचे उतारा और कमरे का दरवाजा लॉक कर दिया. मैं दीदी के पास जाकर उन्हें किस करने लगा, लेकिन दीदी ने मुझे रोक दिया और मुस्कराने लगीं.

चित्रा- पहले मैं नहा लूं.
मैं- मैं भी साथ चलता हूँ.
चित्रा- नो थैंक्स.

फिर दीदी बाथरूम में चली गईं और मैं बेड पर बैठकर फोन इस्तेमाल करने लगा. मैंने फोन में आज सुबह जो जीजा जी और आलिया की वीडियो रिकॉर्ड की थी, वो देखने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा. आलिया जब जीजा जी का लंड चूस रही थी.. तब कितनी सेक्सी लग रही थी.

करीब दस मिनट बाद दीदी एकदम सेक्सी अंदाज में बाहर आ गईं. इस समय दीदी ने सिर्फ लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी थी. मैंने दीदी को यूं देखा, तो फोन बंद कर दिया. वो अभी फुल मूड में थीं.. क्योंकि इसकी आधी वजह ड्रिंक्स का असर था. मैं झट से खड़ा हो गया और दीदी मेरे पास आ गईं.

मैं- यू आर सो सेक्सी जानू.
दीदी- यू टू माय लव.

हम दोनों चिपककर किस करने लगे और तभी दीदी ने मेरी शर्ट निकाल दी. दीदी ने मेरे बदन को चूमते हुए मुझे बेड पर धक्का दे दिया. अब तक मैं दीदी को बेड पर पटकता था.. मगर आज दीदी मुझे पटकने में लगी थीं. इसका मतलब आज दीदी मस्त चुदाई के मूड में थीं. दीदी ने ड्रावर से वायग्ररा की गोली निकाल कर मुझे दे दी. मतलब आज रात वो जी भर कर अपने भाई से चुदने की मस्ती में थीं.

फिर दीदी ने बड़ी अदा से अपनी ब्रा और पैंटी निकाल दी और मम्मे हिला कर मुझे दिखाने लगीं. मैं लंड सहला कर अपनी बहन के मस्त मम्मों को थिरकता हुआ देख रहा था. फिर दीदी ने बेड पर चढ़कर मेरी शॉर्ट निकाल दिया और साथ ही मेरी निक्कर भी निकाल दी.

मैं दीदी को देख रहा था और वो मेरे खड़े लंड को हाथ में लेकर मुझे सेक्सी स्माइल देकर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. चित्रा दीदी बड़े मजे से मेरे लंड को चूस रही थीं और मैं धीमे स्वर से सीत्कार कर रहा था.

वायग्ररा के असर और दीदी के ब्लो जॉब से मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था.

करीब पांच मिनट तक दीदी मेरे लंड को चूसती रही थीं. फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गईं. मैंने भी अपने खड़े लंड को उनकी चुत पर सैट कर दिया और दीदी की कमर पकड़कर झटका लगा दिया. दीदी ने भी लंड को अपनी चुत में ले लिया था. लंड अन्दर लेते ही दीदी भी गांड उछालकर चुदने लगी थीं. उसी समय दीदी ने मुझे मेरे होंठों पर किस किया. मैं भी उन्हें किस करते हुए धक्का लगाने में जुट गया. इस समय मेरे दोनों हाथ दीदी की मखमली गांड पर जमे हुए थे. कभी मैं जोश के साथ दीदी को धक्का लगाता, तो कभी वो उछलकर लंड से चुदने लगती थीं.

अभी वायग्ररा का फुल असर होने लगा था.. इसलिए मैं दीदी को अपनी बांहों में जकड़कर तेजी से चोदने लगा.

करीब दस मिनट बाद मैंने दीदी को घोड़ी बना दिया और उनके पीछे से उनकी गांड में लंड घुसा दिया. दीदी गांड में लंड लेते ही कराह उठीं.. लेकिन दो ही झटकों में दीदी ने लंड झेल लिया था. अब मैं दीदी की गांड पर चपत लगाकर उनकी गांड मार रहा था.

इस समय दीदी को वाइल्ड सेक्स से बहुत मजा आ रहा था. वो सीत्कार करते हुए गांड पर पड़ने वाली चपत से दर्द को झेल रही थीं. चित्रा बहन के चूचे हवा में झूल रहे थे.

चित्रा- आहहह यस उह ओह फक फक आहहह ओह राज सो गुड. फक माय आस(गांड) हार्ड.. आहहह उम्मह ओ यस या…

मैं बड़ी तेजी से दीदी की गांड को पेल रहा था और वो चुदते हुए जोरों से कामुक आवाजें कर रही थीं.

फिर मैं दीदी को घुमाकर उनकी एक टांग को ऊंची करके लंड चुत में पेलने लगा. दीदी सेक्सी अंदाज से मेरी ओर देखकर चुद रही थीं.

इधर में जीजा जी की बीवी को पेल रहा था, उधर वो मेरी होने वाली बीवी को पेल रहे थे. हम चारों एक दूसरे की बीवी की ठुकाई कर रहे थे.. या यूं कहूँ कि हम चारों मर्द अपनी अपनी बहनों की ठुकाई कर रहे थे.

चुदाई की वजह से कमरे में फच फचफच फच की आवाजें गूंज रही थीं. करीब चालीस मिनट तक मैंने दीदी को बेरहमी से चुदाई की. फिर दीदी के कहने पर मैं उनके मुँह पर झड़ गया और दीदी ने मेरे लंड को चूसकर साफ कर दिया. उनके मुँह पर लंड का माल लगा था, जिस वजह से मेरे लंड का आधा माल उनके मुँह में चला गया था.

हम दोनों को चुदाई के खेल में एसी चालू होने के बावजूद पसीना आ गया था. लंड साफ़ होने के बाद मैं दीदी के पास लेट गया और वो खड़ी होकर बाथरूम चली गईं.

मैंने आज पहली बार इतनी देर तक चुदाई की थी. हम पूरी रात में करीब तीन बार चुदाई की, फिर दोनों एक दूसरे के बदन को चिपककर सो गए.

फिर सुबह के आठ बजे तैयार होकर दीदी ने मुझे उठाया, तब मैंने अपनी बहन चित्रा का हाथ पकड़कर उन्हें अपनी ओर खींच लिया.

चित्रा- रात का नशा अभी नहीं उतरा है.
मैं- तुम्हें देखकर नशा हो जाता है.
चित्रा- हमें यहां से आज जाना है.. इसलिए अब फ्रेश हो लो.

फिर मैं बाथरूम में जाकर नहाया और कपड़े पहनकर हम दोनों अपना लगेज लेकर कमरे से बाहर आ गए. वहां नीरज और नताशा अपने बैग के साथ खड़े थे. फिर वो चारों भी आ गए. उसके बाद हम वहां से सभी फेरी में बैठकर माले एटोल गए.. जहां हमने पूरे दिन घूमने का मजा लिया. हमने वहां स्कूबा डाइविंग, बोट राइडिंग और वहां के सुंदर लोकेशन घूमे. फिर शाम को हम वापस माले सिटी के अपने पेन्ट हाउस में आ गए. हम सभी बहुत थक गए थे, इसलिए सो गए. सभी लेडीज का आदेश था कि आज रात नो सेक्स. इसलिए हम चारों जैन्टस हॉल में सो गए और वो चारों कमरे में सो गई थीं.

अगले दिन सुबह हम सब उठे और साथ मिलकर ब्रेकफ़ास्ट करने लगे. नाश्ता करते समय हम बात भी कर रहे थे.

अविनाश- दोस्तों अब हमारे पास सिर्फ एक दिन है.. कल सुबह नौ बजे हमारी फ्लाईट है.
चित्रा- अविनाश आज जितना मजा करना है.. कर लो. बाद में सिर्फ एक ही चुत मिलेगी.
अविनाश- मेरे लिए एक चुत भी बस है.

इस बात पर हम सभी हंसने लगे. फिर हम सभी ने नाश्ता खत्म किया.

आकाश- आज जमकर चुदाई करेंगे.
मैं- आज हम सभी नग्न अवस्था में रहेंगे.
नीरज- यस गुड आईडिया.
मैं- जिया मेरे साथ कमरे आना चाहोगी.
जिया ने नीरज तरफ देखकर कहा- अब तुम्हें मना भी नहीं कर सकती.
मैं- नीरज क्या मैं जिया को ले जा सकता हूं.
नीरज- जरूर.
अविनाश- राज जिया को उसके कमरे में ले जाना.. ताकि हम चारों को पता चले कि कौन किसके कमरे में है.
मैं- ओके.. तो जिया चलें?

फिर हम दोनों खड़े होकर उसके कमरे में चले गए. हम सभी अपने नए पार्टनर के साथ कमरे में चले गए.

अब हमारी जोड़ी कुछ इस तरह थीं.

मैं और जिया, अविनाश और नताशा, आकाश और आलिया.. और नीरज व चित्रा थे.

हम सभी कमरों के अन्दर जाते ही लग गए.

मैं जिया के साथ कमरे में आकर उससे चिपक गया. हम दोनों किस करने लगे और जल्दी ही हम दोनों ने एक दूसरे के टी-शर्ट उतार दिए.

जिया ने इस समय ब्लैक रंग की ब्रा पहनी थी. मैंने जिया को घुमाकर उसकी ब्रा को निकाल दिया और जिया के मम्मों को दबाने लगा. वो धीमे से सीत्कार करने लगी.

कुछ मिनट हम दोनों पूरी तरह से नग्न अवस्था में हो गए. फिर मैंने जिया को बेड पर लेटाकर वायग्ररा की गोली खा ली और उसके ऊपर चढ़कर उसे बेरहमी से चोदने लगा.

करीब पचीस मिनट तक मैं जिया के साथ अलग-अलग पोजीशन में चुदाई करता रहा और आखिर में मैं जिया की गांड में ही झड़ गया.

करीब आधे घंटे तक हम दोनों आराम करते रहे. फिर चुदाई के बाद मैंने बाहर आकर देखा, तो सब हमारे आने का इन्तजार कर रहे थे.

जीजा जी ने मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया. मैंने कुछ नहीं कहा. हम सभी ने बाहर से खाना आर्डर कर दिया. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में थे. कुछ ही देर में खाना आ गया, तो सब खाना खाने लगे. फिर अपनी अपनी बीवी के साथ कमरों में चले गए.

आलिया थकावट की वजह से सो गई थी. उसने मुझसे चुदाई की मना कर दी.

फिर रात को हम सब सभी ड्रिंक्स करके हॉल में ग्रुप सेक्स करने में लग गए. उस रात हम सभी ने एक दूसरे को देख देख कर चुदाई का मजा लिया. मैं चारों लेडीज को चोदा.

फिर सुबह हम सभी ने उठकर नाश्ता किया और तैयार होकर अपना सामान लेकर माले एयरपोर्ट पर पहुंच गए. नियत समय पर हम सभी फ्लाईट में अपनी सीट पर बैठ गए.

इन दिनों में हम सभी वे बहुत मजे किए थे. मालदीव के इस ट्रिप में हमने चुदाई का बहुत मजा किया था.

दोस्तों आखिर में हम सभी भाई-बहन की यह ग्रुप चुदाई की फिल्म अब पूरी हो गई है. इतने दिनों में वो चारों हमारे लंड लेने की आदी हो गई थीं. इस ट्रिप के दौरान मेरी और एक दोस्त बन गई थी और वो अलीना थी. लेकिन मैं उसे चोद न सका था. कभी मौका मिला, तो उसके साथ चुदाई की पूरी कोशिश करूंगा.

अब हम सभी हमारी शादी के बाद मिलेंगे अगर किस्मत ने चाहा, तो फिर कभी चुदाई का मजा होगा. अब तक तो मैंने उन चारों के साथ बहुत चुदाई का आनन्द लिया था, लेकिन अब घर जाकर मेरे लिए थोड़ा मुश्किल होने वाला था.

इस सेक्स कहानी का मजा यहीं पर समाप्त होता है
 

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