Incest बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद

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जब वो उन कपड़ों को पहन के- आई.. तो मैं देखता ही रह गया। ख़ास करके उसकी नाभि पर से मेरी नज़र ही नहीं हट रही थी।
वो आई और बोली- इतने गौर से क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ ख़ास नहीं.. यू आर लुकिंग हॉट एंड सेक्सी!

तो वो शर्मा गई और बोली- चलो डान्स करते हैं।
मैं भी बोला- हाँ आओ..

पहले मैंने उसको कल वाले सारे स्टेप्स करवाए.. फिर मैं उसको नया स्टेप बताने लगा.. उसको करने में कुछ परेशानी हो रही थी.. तो मैं उसकी मदद करने लगा।

मदद तो उसको छूने का और उसके अंगों का मजा लेने का बहाना था।
उसको सिखाते-सिखाते मैंने उसके पेट पर हाथ फेर दिया और वो सिहर गई। तभी मैंने एक उंगली उसकी गर्दन पर फेर दी और तब तक मेरा लंड खड़ा हो कर तंबू बन गया था जो की उसको साफ़-साफ़ दिख रहा था।

तभी एक और स्टेप उससे नहीं हो रहा था तो मैंने उसको बताने के क्रम में उसको पीछे से पकड़ा जिससे मेरा लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच लग गया.. जिसे वो आसानी से महसूस कर सकती थी। साथ ही मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को छूने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन मुझे हाथ और पेट से ही काम चलाना पड़ रहा था।

उसके मुलायम और मखमली बदन को छूने के बाद मुझे अजीब सा अहसास हो रहा था और यह अहसास इतना अच्छा था कि मैं कुछ ज्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया था और मैं अपनी इस उत्तेजना में उसकी गर्दन पर किस कर बैठा।

दोस्तो, ऐसे माहौल में किसी लड़की को अगर गर्दन पर किस करो तो वो सिहर जाती है.. मैंने देखा कि लोहा गरम है इस पर हथौड़ा मार देना चाहिए।

अब मैंने एक उंगली से उसकी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही सहला दिया। वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझसे चिपक गई।
मैं इतना अच्छा मौका कैसे जाने दे सकता था.. मैंने अपने होंठों को उसके होंठ पर रख दिए और उसने कोई विरोध नहीं किया।

बस.. अब तो मैं चालू हो गया था.. मेरा हाथ कब से उसके आगे-पीछे के उभारों को दबाने के लिए मचल रहा था। इस खेल में मैं कौन सा पीछे रहने वाला था। मैं सीधे उसकी चूचियों पर पहुँच गया और कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाने लगा।

कुछ पलों तक ऐसा ही चलता रहा.. फिर जैसे ही मैंने उसके टॉप को खोलने की कोशिश की.. तो उसने मुझे पीछे धकेल दिया और मुझसे अलग हो गई और बोली- ये सब ग़लत है.. तुम मेरे भाई हो.. और भाई-बहन के बीच ये सब ठीक नहीं है।

मैंने उसको बहुत समझाया.. लेकिन वो नहीं मानी और अपने कमरे में चली गई।
मैंने मन ही मन में सोचा- हो गया ना बेटा खड़े लंड पर धोखा.. और उसको पटाने का दूसरा तरीका सोचने लगा।
 
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सो मैं उसको कुछ डान्स वीडियो एक पेन ड्राइव में देने गया और उसी में कुछ पॉर्न वीडियो और एक फोल्डर में भाई-बहन की चुदाई वाली कहानी डाल कर दे दिया और बोला- मैं एक दोस्त के घर जा रहा हूँ.. तुम अन्दर से दरवाजा लगा लो।

उसके सामने तो मैं निकल गया.. लेकिन पीछे के दरवाजे से अन्दर आ गया और देखने लगा वो क्या कर रही है। वो डान्स वीडियो देख रही थी कि बीच मे पॉर्न वीडियो आ गया.. तो वो चौंक गई पर फिर से देखने लगी कि पेन ड्राइव में और क्या क्या है?

तो उसको स्टोरी वाला फोल्डर दिख गया और वो स्टोरी पढ़ने लगी। कुछ ही मिनट बाद मैंने देखा कि वो अपने हाथों से अपनी चूचियों दबाने लगी।

फिर कुछ देर पढ़ते-पढ़ते उसने अपनी चूचियों को बाहर निकाल लिया और खुल कर दबाने लगी। धीरे-धीरे वो अपने कपड़े उतारने लगी और पूरी नंगी होकर कहानी पढ़ने लगी।

उसके नंगे बदन को देख कर मैं भी अपने आपको काबू नहीं कर पाया और उधर वो भी गर्म हो ही गई थी। मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके कमरे में चला गया।

वो मुझे देखते ही उठ कर मुस्कुराते हुए मेरे गले लग गई और हम एक-दूसरे को किस करने लगे।
अब वो भी साथ दे रही थी और हम दोनों के हाथ भी शान्त नहीं थे, मेरे हाथ उसकी चूतड़ों को मसल रहे थे और उसके हाथ मेरे लंड को हिला रहे थे।

कुछ देर ऐसा चला.. फिर मैं उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके मम्मों पर पहुँच गया और क्या रसीले मम्मे थे.. बता नहीं सकता।
मैं उसके पूरे मम्मों को अपने मुँह में लेने का कोशिश करने लगा.. लेकिन ज़ा नहीं पा रहे थे।
 
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कुछ देर यूँ ही उसके मस्त मम्मों को चूसने के बाद मैं नीचे की तरफ बढ़ने लगा और उसके चिकने पेट पर किस करते हुए उसकी चूत के पास पहुँच गया।
उसकी चूत एकदम गुलाबी थी.. देख के पता चल गया कि सोनाली ने इसमें अब तक कोई लंड नहीं खाया है.. मतलब एक और कुँवारी चूत..

सो मैंने अपनी उंगली उसकी चूत पर लगा दी। कुछ देर बाद चूत के नजदीक मुँह को ले गया और उसकी कटीली बुर को किस कर लिया.. इस किस से वो सिहर गई।
अब मैं अपना जीभ उसकी चूत पर घुमाने लगा और हल्का सा अन्दर करने लगा।

जैसे ही मेरी जीभ उसकी बुर में अन्दर सुरसुराती.. तो वो बार-बार पीछे को हट जाती थी तो मैंने उसको गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और हम दोनों ही 69 की अवस्था में आ गए।

मैंने उसको लंड चूसने को बोला.. तो थोड़ी नानुकर के बाद मान गई और लंड को चूसने लगी, मैं भी मजे से उसकी चूत को चूसने लगा। मैं अपनी पूरी जीभ उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद अचानक वो अपने पैर से मेरे सिर को ज़ोर से दबाने लगी और उसका जिस्म अकड़ने लगा।
कुछ ही पलों के बाद उसकी चूत से एक जोरदार फुहारा निकाला और मेरे मुँह पर पर निकल गया और मेरा चेहरा पूरा भीग गया।
फिर हम दोनों अलग हुए और उसको सीधा करके चुदाई की स्थिति में लाकर उसकी अनछुई चूत पर अपना फौलादी लंड रगड़ने लगा।

उसका पानी निकलने के बाद चूत और भी मुलायम हो गई थी। मैं लंड पेलने ही वाला था कि तभी डोरबेल बज़ी..
मम्मी-पापा आ गए होंगे..
मैं किसी तरह कपड़े पहन के- दरवाजा खोलने चला गया और वो कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गई।
मैंने सोचा साला फिर खड़े लंड पर धोखा.. खैर..

पापा कुछ स्पेशल खाने को लाए थे.. हम लोग नाश्ता कर रहे थे.. सोनाली मेरे बगल में बैठी थी तो पापा बोले- बेटा हम दोनों (मम्मी-पापा) को किसी काम से 2 दिन के लिए पतबा से बाहर जाना होगा.. तुम दोनों दो दिन अकेले रह तो लोगे ना.?
 
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हम दोनों मन ही मन खुश हो गए थे और बोले- हाँ रह लेंगे.. कोई बात नहीं आप आराम से जाओ..
सतो पापा बोले- ठीक है हम दोनों सामान पैक करते हैं तुम दोनों अपना ख्याल रखना।

फिर सोनाली बर्तन उठा के रसोई में ले गई.. मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया और रसोई में उसके मम्मों को दबाते हुए बोला- आज रात तुझे कौन बचाएगा..
तो वो बोली- बचना भी कौन चाहता है.. बस कन्डोम लेते आना।

मैं उसको किस करके बाहर आ गया और मम्मी-पापा को समय पर स्टेशन छोड़ आया.. ट्रेन लेट थी सो उधर कुछ अधिक टाइम लग गया।
लौटते समय मैंने 12 कन्डोम के पैकेट ले लिए.. सब अलग-अलग फ्लेवर के थे।

घर पहुँचा तो सोनाली कहने लगी- बड़ी देर लगा दी.. आओ पहले खाना खा लो।
उस वक्त वो सलवार-कुरती में थी।

हम दोनों ने चुहलबाजी करते हुए खाना खाया। फिर वो अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसे किस करने के लिए अपनी तरफ मोड़ा और वो भी मुँह आगे करके तैयार हो गई।

फिर हम जोरदार फ्रेंच किस करने लगे उसके गुलाब की पंखुरियों जैसे होठों को चूसते हुए मुझे मजा आ रहा था।
ऐसे ही किस करते हुए मैं उसे अपनी गोद में उठा कर अपने बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा उसकी गर्दन पर किस करते-करते उसके सूट को ऊपर उठाने लगा।

तो वो फिर से बोली- यार ये ग़लत तो नहीं है ना..
मैंने बोला- आजकल तो सब चलता है यार.. तुम एक लड़की हो और मैं एक लड़का.. हमारी अपनी-अपनी जरूरतें हैं और डरो नहीं.. मैं कन्डोम का इस्तेमाल करूँगा… तो तुम्हें प्रेग्नेंट होने का डर भी नहीं होगा.. और किसी को पता भी नहीं चलेगा।

तो वो बोली- आर यू श्योर ना?
मैंने कहा- हाँ जान.. आइ रियली केयर फॉर यू।
 
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हम फिर से किस करने लगे.. मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली तो उसकी गरमी मुझे महसूस हो रही थी। फिर वो भी अपनी जीभ मेरे मुँह में घुमाने लगी।
करीब 15 मिनट तक ऐसे ही करते हुए मैं भी उसकी कमीज़ के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा तो वो बोली- ओह.. जान.. आराम से.. दर्द हो रहा है..

फिर मैंने उसकी कमीज़ ऊपर की और उसके पेट पर किस करने लगा। उसकी कमर बहुत पतली थी। वो भी तड़पने लगी.. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी सूट की चैन खोली और कमर पर किस करते हुए उसे उसके बदन से अलग कर दिया।

उसने नीचे लाइट ग्रीन कलर की सॉफ्ट ब्रा पहनी थी.. अब मैं उसके पूरे बदन पर किस करते हुए उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो भी मस्ती में आने लगी और अपनी टाँगें मेरी कमर में डाल कर हाथ मेरे बालों में अपना हाथ लहराने लगी।

फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसे उतारने लगा।
वो बहुत टाइट थी.. तो उतारने में टाइम लगा.. लेकिन उतार दिया.. अब वो सिर्फ़ गुलाबी पैन्टी में थी और फिर उसकी हिरनी जैसी टाँगों को मैं चूमने चूसने लगा। ऐसा करते-करते मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया.. जो अब तक पूरी गीली हो चुकी थी।

उसकी चूत को मैं हाथ से सहलाने लगा तो उसके मुँह से 'ससईईईई सीईईई उउफ्फ़ आहह उउम्म' की सिसकारियाँ आने लगीं।
फिर मैंने उसकी पैन्टी उतारी और चूत को चाटने लगा.. जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगाई.. वो बोली- अओउ.. माआअ..
उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया।

करीब 5 मिनट तक चाटने के बाद चूत में से जूस आने लगा.. जिसे चाटता हुआ मेरा लंड और भी टाइट हो गया। उसके रस से मेरा पूरा मुँह भर गया। उसका रस अब तक के रसों में बहुत ही टेस्टी और सेंटेड माल था।

फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी तो उसके दो गोल चूचे.. बहुत ही अच्छे लग रहे थे।
उन गोल चूचों पर सजे हुए गुलाबी निपल्स को मैं बेताबी से चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरे चूचे को दबाने लगा।

इसके साथ ही मैंने उसकी चूत मैं. अपनी छोटी उंगली डाल दी.. वो ज़ोर से चिल्लाई- उउइईई.. म्म्मारआआ आआ.. माआअर गइईई.. आहह.. सुश्ह्ह्ह्ह.. क्या कर रहे हो.. बहुत दर्द हो रहा है.. आअहह..
तब मैंने कहा- कोई बात नहीं डार्लिंग.. थोड़ी देर और सह लो.. फिर तो बहुत मज़ा आएगा।

थोड़ी देर तक मैं यूँ ही चूचे चूसते रहा और उसकी चूत में उंगली डालता-निकालता रहा.. तो वो बोली- आह्ह.. तुमने मेरे ही कपड़े उतारे.. अपने तो ऐसे ही पहने हुए हैं।
मैंने कहा- तो उतार दो जान..
ये सुनते ही उसने खींच कर मेरी टी-शर्ट उतार दी और जीन्स का बतन खोल दिया।
वो मेरा अंडरवियर के ऊपर से हाथ लगाते हुए बोली- ये तो निकालो..
तो मैंने कहा- जान.. खुद ही निकाल लो न..
 

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