आगे जब काशिफ की कार खाई में गिर रही थी तो वो पूरी तरह काशिफ के दिमाग ये था, “की अब वो नहीं बचेगा. वो सपने का डर उसको बार बार दिख रहा था. पल में सब बदलता चला गया काशिफ की आँखें बंद होने लगी. और कुछ पल में ही सब खत्म हो गया.”
आख़िर एक बार फिर उस साए की जीत हो गयी. तभी काशिफ की आँख खुली उसने अपने आपको एक छोटे से घर में पाया. काशिफ ने सोचा आख़िर वो यहां पहूचा कैसे??
“तभी सामने से एक बूढ़े को आते देख वो थोड़ा डर गया”
तभी बूढ़े से आदमी ने उसे कहा की- “अभी बहुत जगह चोटें आई है तुम्हें. तुम अभी पूरी तरीके से ठीक नहीं हुए हो. तुम्हें अभी काफी आराम करना है.
काशिफ ने कहा- “प्ल्स मैं यहां कैसे आया?”
उस बूढ़े आदमी ने मुस्कराया और कहा- “मैं जानता था की तुम यही क्वेस्चन पूचोगे? चलो मैं बता ही देता हूँ. जब तुम खाई से गिर रहे थे, तो तुम खाई के बीच में अटक गये थे. और तुम्हारी गढ़ी खाई से नीचे गिर गयी”.
काशिफ ने कहा- “लेकिन आप यहां ऐसी जगह कैसे रहते हो??
मैंने तो सुना है की ये खोला गढ़ी में तो सिर्फ़ एक साया भटक था है. जो किसी को भी यहां आने नहीं देता.
बूढ़े आदमी ने थोड़ा सा मुंह बननाया और कहा- “हाँ रहता है बहुत पुराना साया यहां रहता है. लेकिन वो बिचारी तो सिर्फ़ अपने दुश्मन को ढूँढ रही है. जब कोई किसी के साथ धोखा करे, तो वो कैसे ज़िंदा रही सकता है.
काशिफ बोला- “आपको कैसे पता उस साए के बारे में इतना कुछ? और आप शहर से इतनी दूर यहां क्या कर रहे हो??”
बूढ़ा आदमी ने हंसते हुए कहा- “क्या करूं ये उजाड़ वादियाँ कुछ कहना चाहती है. मुझे कहती है की इंसान ही सब की मुसीबत है. उन शैतानो से दूर ही रहना चाहिए, जो आपको कही का नहीं चोदते”.
काशिफ बोला- “देखिए बाबा, मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ. मुझे आप साफ साफ बताइए की यहां कुछ हुआ था क्या?? आप इतनी सुनसान जगह पर बिना किसी डर के कैसे रहते है? आपका कोई है नहीं? या आप उस साए को जानते है ?
काशिफ ने सवालों की बोचर कर दी बूढ़े आदमी पर.
बूढ़े आदमी ने कहा- “सब सवालों के जवाब तुम्हें बिना किसी परेशानी के मिल जाएँगे. तुम इतना कुछ क्यों जानना चाहते हो? यहाँ कोई आता जाता नहीं. मुझे किस बात का डर होगा की, कोई जानवर या कोई चीज़ मुझे मर देगी. मेरी जिंदगी तो वैसे भी उसी दिन खत्म हो गयी थी. जब वो हादसा मेरे साथ गाथा??”
काशिफ को कुछ समझ में नहीं आ रहा था. की ना जाने वो कहा आ गया तभी.
काशिफ ने उस बूढ़े आदमी को कहा की- “अब मैं वापिस कैसे जाऊंगा??”
बूढ़े आदमी ने कहा- “यहाँ बहुत खतरा है. और यहां कही जाना भी मत.
काशिफ ने कहा- “मैं यहां उस साए का पता लगाने आया था. मैं इंस्पेक्टर काशिफ हूँ. और मैं उस साए का पता इसलिए लगाना चाहता था. की मैं जान सुकून की आख़िर है कौन?? जो हर मासूमों को मर देता है. जो भी इस रस्सते से गुजरता है. मैं जानके ही रहूँगा”..
बूढ़े आदमी ने कहा- “जैसी तुम्हारी मर्जी लेकिन अब तुम ही वो इंसान हो. जिस से उसको आस है. वरना ये जगह एक नरक और भी खून नादिया बहाएगा. और बड़बड़ाते हुए वो घर ने निकल गया.
काशिफ ने कहा- “अब क्या करूँ? सब कुछ तो गढ़ी में था. सब तो जल गया होगा. ये मैं कहा आकर फँस गया? लेकिन उस साए ने मुझे क्यों नहीं मारा? मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा की क्या हो रहा है. लेकिन मुझे पता लगाना होगा. ऐसे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा. ओर नाहीं वो किसी को कॉंटॅक्ट कर सकता था. और नाहीं किसी से बात कर सकता.
काशिफ ने अपना मोबाइल चेक किया मोबाइल काम नहीं कर रहा था.
काशिफ को हर जगह बेबास्सी लग रही थी. तभी वो घर से निकल के बाबा को खोजने लगा. काशिफ मान ही मान में कह रहा था. अरे ये बाबा कहा चला गया? इतनी जल्दी, जरूर इस बाबा को ही कुछ पता होगा. लेकिन मुझे अब भी यहां ऐसे रहने से कुछ नहीं मिल सकता. मैं उस साए को ढूंढ. कर ही रहूँगा. और निकल चला अपनी तलाश में. कदकट्ी धूप, दूर दूर तक कोई नहीं. बस काशिफ को यह डर था की, वो किस माया जाल मैं फँस गया है. ना तो इससे पहले कभी वो बहुत प्रेत पे विश्वास करता था. और नाहीं कभी उसके साथ कुछ हुआ. फिर ये कैसा डर था जो उसे हरपल डराए जा रहा था? तभी आधे रास्ते में ही काशिफ बेबस्स होकर गिर पढ़ा.”
प्यास और भूख की वजह से वो अब उठ भी नहीं सकता था. उसे हर जगह बस वो साया ही नज़र आ रहा था की, कब वो उसे मर दे.
काशिफ उठने की कोशिश करता लेकिन एक पल में ही वापिस गिर जाता……
चलिए अब देखते है आगे क्या कहानी मोड़ लाएगी बाकी सब आपके कॉमेंट्स आने के बाद….
अगले दिन जब काशिफ उठा तो उसे यकीन नहीं हो रहा था, की कल रात उसने क्या कर डाला. उसने उस लड़की को देखा वो गायब थी? उसे कुछ समाजाह में नहीं आ रहा था? वो जिस काम के लिए आया था उसे खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था.
लेकिन वो वहां से अब भी जा नहीं सकता था??
काशिफ ने उस लड़की को ढूंढ़ा पर वो उसे कही नहीं मिल्ली?
वो जिस जगह में 2 दिन से था वो महल उसे डरावना खंडहर लग रहा था.
काशिफ ने सोचा की क्यों ना उस लड़की को और उस बाबा को ढूंढ़ा जाए?
की ये दोनों यहां ऐसे कैसे रही सकते है. इन्हें खून के बारे में कुछ नहीं पता और इतना कुछ हो गया.
काशिफ बाहर गया इधर उधर तलाशने लगा. लेकिन उसे कही भी कोई नज़र ना आया? की ये सब आख़िर हो क्या रहा है?
ऐसी अजीब जगह में वो कैसे बच गया??
तभी काशिफ को वो बूढ़ा आदमी मिला उसने उसको पकड़ा और कहा- “देखो बाबा मुझे जान ना है की आप कौन हो?? और वो लड़की कौन थी?? जो एक फॉरिनर है. जिस से मैं कल रात उस महल में मिला. ये सब हो क्या रहा है??”
बूढ़े आदमी ने कहा- “तुम बहुत किस्मत वाले हो की तुम उसकी मंशा पूरी कर सकते हो. वो कब से तुम्हारे इंतजार के लिए भटक रही थी. अब जाकर उसे वो इंसाफ मिलेगा?
काशिफ ने कहा- “मैं जानता हूँ, आप जानते हो, उस लड़की को जिसका नाम रोसे है. हवाएं तेज होने लगी”.
उस बूढ़े आदमी ने कहा- “हाँ जानता हूँ वो बिचारी को तो बस अपना इंसाफ चाहिए?? जिसे तुम ही दे सकते हो.
काशिफ ने सुनकर कहा- “कैसा इंसाफ?? आख़िर वो रोसे कौन है?? एक प्रêत? या कोई खूनी है? वो ऐसे महल में अकेले कैसे रहती है? मुझे तुमसे बहुत कुछ पूछना है?”
उस बूढ़े आदमी ने कहा-“तुम्हारे सारे सवालों के जवाब तुम्हें वही मिलेंगे. तुम्हें वहां जाना होगा उस महल में. तब जाकर तुम उसे इंसाफ दिला पाओगे”.
काशिफ ने कहा- “लेकिन मुझे वहां कुछ नहीं मिला था?
उस बूढ़े आदमी ने कहा- “की जो बाहर से दिखता है वो होता नहीं, और जो होता है वो दिखता नहीं.
आख़िर एक बार फिर उस साए की जीत हो गयी. तभी काशिफ की आँख खुली उसने अपने आपको एक छोटे से घर में पाया. काशिफ ने सोचा आख़िर वो यहां पहूचा कैसे??
“तभी सामने से एक बूढ़े को आते देख वो थोड़ा डर गया”
तभी बूढ़े से आदमी ने उसे कहा की- “अभी बहुत जगह चोटें आई है तुम्हें. तुम अभी पूरी तरीके से ठीक नहीं हुए हो. तुम्हें अभी काफी आराम करना है.
काशिफ ने कहा- “प्ल्स मैं यहां कैसे आया?”
उस बूढ़े आदमी ने मुस्कराया और कहा- “मैं जानता था की तुम यही क्वेस्चन पूचोगे? चलो मैं बता ही देता हूँ. जब तुम खाई से गिर रहे थे, तो तुम खाई के बीच में अटक गये थे. और तुम्हारी गढ़ी खाई से नीचे गिर गयी”.
काशिफ ने कहा- “लेकिन आप यहां ऐसी जगह कैसे रहते हो??
मैंने तो सुना है की ये खोला गढ़ी में तो सिर्फ़ एक साया भटक था है. जो किसी को भी यहां आने नहीं देता.
बूढ़े आदमी ने थोड़ा सा मुंह बननाया और कहा- “हाँ रहता है बहुत पुराना साया यहां रहता है. लेकिन वो बिचारी तो सिर्फ़ अपने दुश्मन को ढूँढ रही है. जब कोई किसी के साथ धोखा करे, तो वो कैसे ज़िंदा रही सकता है.
काशिफ बोला- “आपको कैसे पता उस साए के बारे में इतना कुछ? और आप शहर से इतनी दूर यहां क्या कर रहे हो??”
बूढ़ा आदमी ने हंसते हुए कहा- “क्या करूं ये उजाड़ वादियाँ कुछ कहना चाहती है. मुझे कहती है की इंसान ही सब की मुसीबत है. उन शैतानो से दूर ही रहना चाहिए, जो आपको कही का नहीं चोदते”.
काशिफ बोला- “देखिए बाबा, मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ. मुझे आप साफ साफ बताइए की यहां कुछ हुआ था क्या?? आप इतनी सुनसान जगह पर बिना किसी डर के कैसे रहते है? आपका कोई है नहीं? या आप उस साए को जानते है ?
काशिफ ने सवालों की बोचर कर दी बूढ़े आदमी पर.
बूढ़े आदमी ने कहा- “सब सवालों के जवाब तुम्हें बिना किसी परेशानी के मिल जाएँगे. तुम इतना कुछ क्यों जानना चाहते हो? यहाँ कोई आता जाता नहीं. मुझे किस बात का डर होगा की, कोई जानवर या कोई चीज़ मुझे मर देगी. मेरी जिंदगी तो वैसे भी उसी दिन खत्म हो गयी थी. जब वो हादसा मेरे साथ गाथा??”
काशिफ को कुछ समझ में नहीं आ रहा था. की ना जाने वो कहा आ गया तभी.
काशिफ ने उस बूढ़े आदमी को कहा की- “अब मैं वापिस कैसे जाऊंगा??”
बूढ़े आदमी ने कहा- “यहाँ बहुत खतरा है. और यहां कही जाना भी मत.
काशिफ ने कहा- “मैं यहां उस साए का पता लगाने आया था. मैं इंस्पेक्टर काशिफ हूँ. और मैं उस साए का पता इसलिए लगाना चाहता था. की मैं जान सुकून की आख़िर है कौन?? जो हर मासूमों को मर देता है. जो भी इस रस्सते से गुजरता है. मैं जानके ही रहूँगा”..
बूढ़े आदमी ने कहा- “जैसी तुम्हारी मर्जी लेकिन अब तुम ही वो इंसान हो. जिस से उसको आस है. वरना ये जगह एक नरक और भी खून नादिया बहाएगा. और बड़बड़ाते हुए वो घर ने निकल गया.
काशिफ ने कहा- “अब क्या करूँ? सब कुछ तो गढ़ी में था. सब तो जल गया होगा. ये मैं कहा आकर फँस गया? लेकिन उस साए ने मुझे क्यों नहीं मारा? मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा की क्या हो रहा है. लेकिन मुझे पता लगाना होगा. ऐसे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा. ओर नाहीं वो किसी को कॉंटॅक्ट कर सकता था. और नाहीं किसी से बात कर सकता.
काशिफ ने अपना मोबाइल चेक किया मोबाइल काम नहीं कर रहा था.
काशिफ को हर जगह बेबास्सी लग रही थी. तभी वो घर से निकल के बाबा को खोजने लगा. काशिफ मान ही मान में कह रहा था. अरे ये बाबा कहा चला गया? इतनी जल्दी, जरूर इस बाबा को ही कुछ पता होगा. लेकिन मुझे अब भी यहां ऐसे रहने से कुछ नहीं मिल सकता. मैं उस साए को ढूंढ. कर ही रहूँगा. और निकल चला अपनी तलाश में. कदकट्ी धूप, दूर दूर तक कोई नहीं. बस काशिफ को यह डर था की, वो किस माया जाल मैं फँस गया है. ना तो इससे पहले कभी वो बहुत प्रेत पे विश्वास करता था. और नाहीं कभी उसके साथ कुछ हुआ. फिर ये कैसा डर था जो उसे हरपल डराए जा रहा था? तभी आधे रास्ते में ही काशिफ बेबस्स होकर गिर पढ़ा.”
प्यास और भूख की वजह से वो अब उठ भी नहीं सकता था. उसे हर जगह बस वो साया ही नज़र आ रहा था की, कब वो उसे मर दे.
काशिफ उठने की कोशिश करता लेकिन एक पल में ही वापिस गिर जाता……
चलिए अब देखते है आगे क्या कहानी मोड़ लाएगी बाकी सब आपके कॉमेंट्स आने के बाद….
अगले दिन जब काशिफ उठा तो उसे यकीन नहीं हो रहा था, की कल रात उसने क्या कर डाला. उसने उस लड़की को देखा वो गायब थी? उसे कुछ समाजाह में नहीं आ रहा था? वो जिस काम के लिए आया था उसे खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था.
लेकिन वो वहां से अब भी जा नहीं सकता था??
काशिफ ने उस लड़की को ढूंढ़ा पर वो उसे कही नहीं मिल्ली?
वो जिस जगह में 2 दिन से था वो महल उसे डरावना खंडहर लग रहा था.
काशिफ ने सोचा की क्यों ना उस लड़की को और उस बाबा को ढूंढ़ा जाए?
की ये दोनों यहां ऐसे कैसे रही सकते है. इन्हें खून के बारे में कुछ नहीं पता और इतना कुछ हो गया.
काशिफ बाहर गया इधर उधर तलाशने लगा. लेकिन उसे कही भी कोई नज़र ना आया? की ये सब आख़िर हो क्या रहा है?
ऐसी अजीब जगह में वो कैसे बच गया??
तभी काशिफ को वो बूढ़ा आदमी मिला उसने उसको पकड़ा और कहा- “देखो बाबा मुझे जान ना है की आप कौन हो?? और वो लड़की कौन थी?? जो एक फॉरिनर है. जिस से मैं कल रात उस महल में मिला. ये सब हो क्या रहा है??”
बूढ़े आदमी ने कहा- “तुम बहुत किस्मत वाले हो की तुम उसकी मंशा पूरी कर सकते हो. वो कब से तुम्हारे इंतजार के लिए भटक रही थी. अब जाकर उसे वो इंसाफ मिलेगा?
काशिफ ने कहा- “मैं जानता हूँ, आप जानते हो, उस लड़की को जिसका नाम रोसे है. हवाएं तेज होने लगी”.
उस बूढ़े आदमी ने कहा- “हाँ जानता हूँ वो बिचारी को तो बस अपना इंसाफ चाहिए?? जिसे तुम ही दे सकते हो.
काशिफ ने सुनकर कहा- “कैसा इंसाफ?? आख़िर वो रोसे कौन है?? एक प्रêत? या कोई खूनी है? वो ऐसे महल में अकेले कैसे रहती है? मुझे तुमसे बहुत कुछ पूछना है?”
उस बूढ़े आदमी ने कहा-“तुम्हारे सारे सवालों के जवाब तुम्हें वही मिलेंगे. तुम्हें वहां जाना होगा उस महल में. तब जाकर तुम उसे इंसाफ दिला पाओगे”.
काशिफ ने कहा- “लेकिन मुझे वहां कुछ नहीं मिला था?
उस बूढ़े आदमी ने कहा- “की जो बाहर से दिखता है वो होता नहीं, और जो होता है वो दिखता नहीं.