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रमेश : पायल बेटी...इस पेड़ के पीछे बैठ कर अराम से पेशाब कर लो. यहाँ से तुम्हे कोई भी नहीं देख पायेगा...
पायल बाबूजी को मुस्कुराते हुए देखती है और अपनी चुतड हिलाते हुए पेड़ के पीछे चली जाती है. बाबूजी पास ही खड़े उसे देखने की कोशिश करते है लेकिन कुछ दिखाई नहीं देता. बाबूजी ने जहाँ सोचा था पायल उस जगह पर नहीं बैठी थी. बाबूजी को अपने आप को एक तमाचा जड़ने की इच्छा हुई. तभी बाबूजी के कानो में पायल की धीमी आवाज़ आती है, "पापा...इधर आएना प्लीज...". पायल की पुकार सुनते ही रमेश का लंड जोर का झटका लेता है. वो तेज़ क़दमों से पेड़ के पीछे जाता है. सामने का नज़ारा देख कर उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है. सामने पायल रमेश की तरफ पीठ कर के पेशाब कर रही है. वो दोनों हाथो से लहंगे को दोनों तरफ से थोडा उठा रखा है. रमेश के कानो में पायल के पेशाब की मोटी धार की "सुर्र्रर्र्र्रर्र्रसुर्र्र्रर्रर" की आवाज़ साफ़ पड़ रही है. कुछ पल वो पायल को देखते हुए पेशाब की उस सुरली आवाज़ को ध्यान से सुनता है, फिर पायल से कहता है.
रमेश : अ..आ...हाँ पायल...क्या हुआ बेटी?
पायल : (थोडा बचपना दिखाते हुए) देखिये ना पापा....मेरा लहंगा पीछे से ज़मीन पर लगा हुआ है...ऐसे तो ये मेरी पेशाब से भीग जायेगा...आप प्लीज इसे ऊपर उठा के रखिये ना....
ये सुनते हे रमेश के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान छा जाती है. वो एक बार अपने लंड को धोती पर से जोर से मसलता है और यहाँ-वहां देखकर किसी के ना होने की पुष्टि कर धीरे से पायल के पास जाता है.
पायल बाबूजी को मुस्कुराते हुए देखती है और अपनी चुतड हिलाते हुए पेड़ के पीछे चली जाती है. बाबूजी पास ही खड़े उसे देखने की कोशिश करते है लेकिन कुछ दिखाई नहीं देता. बाबूजी ने जहाँ सोचा था पायल उस जगह पर नहीं बैठी थी. बाबूजी को अपने आप को एक तमाचा जड़ने की इच्छा हुई. तभी बाबूजी के कानो में पायल की धीमी आवाज़ आती है, "पापा...इधर आएना प्लीज...". पायल की पुकार सुनते ही रमेश का लंड जोर का झटका लेता है. वो तेज़ क़दमों से पेड़ के पीछे जाता है. सामने का नज़ारा देख कर उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है. सामने पायल रमेश की तरफ पीठ कर के पेशाब कर रही है. वो दोनों हाथो से लहंगे को दोनों तरफ से थोडा उठा रखा है. रमेश के कानो में पायल के पेशाब की मोटी धार की "सुर्र्रर्र्र्रर्र्रसुर्र्र्रर्रर" की आवाज़ साफ़ पड़ रही है. कुछ पल वो पायल को देखते हुए पेशाब की उस सुरली आवाज़ को ध्यान से सुनता है, फिर पायल से कहता है.
रमेश : अ..आ...हाँ पायल...क्या हुआ बेटी?
पायल : (थोडा बचपना दिखाते हुए) देखिये ना पापा....मेरा लहंगा पीछे से ज़मीन पर लगा हुआ है...ऐसे तो ये मेरी पेशाब से भीग जायेगा...आप प्लीज इसे ऊपर उठा के रखिये ना....
ये सुनते हे रमेश के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान छा जाती है. वो एक बार अपने लंड को धोती पर से जोर से मसलता है और यहाँ-वहां देखकर किसी के ना होने की पुष्टि कर धीरे से पायल के पास जाता है.