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अगली सुबह : १० बजे :
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रात में पायल ने किताब पढ़ते हुए पापा को बहुत याद किया था. कल रात उसकी बूर ने इतना पानी कभी भिनाही छोड़ा था. यात्रा की थकान और बूर की शांति के बाद पायल को अच्छी नींद आई थी, इसलिए वो आज १० बजे सो कर उठी थी. घड़ी में समय देख कर पायल धीरे धीरे रसोई में जाती है. वहां उर्मिला और उमा पहले से ही काम में लगे है.
उर्मिला : लीजिये मम्मी जी...आ गई आपकी लाड़ली...
उमा : आज तो बड़ी देर लगा दी पायल उठने में? लगता है कल की थकान कुछ ज्यादा ही हो गई.
पायल : (आलस के साथ) हाँ मम्मी...कल तो वही हाल हुआ की खाया पिया कुछ नहीं और गिलास तोडा बारह आना....
पायल की इस बात पर उमा और उर्मिला हँसने लगती है. पायल फ्रिज से पानी निकालकर पीती है.
उमा : अच्छा पायल..अभी मैं और तेरे पापा बाज़ार जायेंगे. कुछ लाना हो तो बता देना..
पायल सर हिला कर हामी भरती है और अंगडाई लेते हुए ड्राइंग रूम में आती है. उसकी अंगडाई पूरी भी नहीं होती है की सामने अपने कमरे के बहार रमेश खड़े दिखाई देते है. रमेश को देख मुस्कुराते हुए पायल अपनी अंगडाई पूरी करती है. रमेश भी मुस्कुराते हुए पायल की टॉप में उभरे हुए बड़े बड़े खरबूजों को देखता है. पापा को अपनी चुचियों को इस तरह से घूरते देख पायल भी टॉप के ऊपर से अपनी बड़ी बड़ी चूचियां हाथों से डजस्ट करती है. पायल को ऐसा करते देख रमेश दूर से ही उसकी चुचियों की सीध में दोनों हाथो को उठा कर पंजों को बंद और खोलते हुए चुचियों को दबाने का इशारा करता है. पायल शर्माते हुए बाथरूम में चली जाती है. रमेश भी मुस्कुराता हुआ खाने की टेबल पर बैठ जाता है.
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रात में पायल ने किताब पढ़ते हुए पापा को बहुत याद किया था. कल रात उसकी बूर ने इतना पानी कभी भिनाही छोड़ा था. यात्रा की थकान और बूर की शांति के बाद पायल को अच्छी नींद आई थी, इसलिए वो आज १० बजे सो कर उठी थी. घड़ी में समय देख कर पायल धीरे धीरे रसोई में जाती है. वहां उर्मिला और उमा पहले से ही काम में लगे है.
उर्मिला : लीजिये मम्मी जी...आ गई आपकी लाड़ली...
उमा : आज तो बड़ी देर लगा दी पायल उठने में? लगता है कल की थकान कुछ ज्यादा ही हो गई.
पायल : (आलस के साथ) हाँ मम्मी...कल तो वही हाल हुआ की खाया पिया कुछ नहीं और गिलास तोडा बारह आना....
पायल की इस बात पर उमा और उर्मिला हँसने लगती है. पायल फ्रिज से पानी निकालकर पीती है.
उमा : अच्छा पायल..अभी मैं और तेरे पापा बाज़ार जायेंगे. कुछ लाना हो तो बता देना..
पायल सर हिला कर हामी भरती है और अंगडाई लेते हुए ड्राइंग रूम में आती है. उसकी अंगडाई पूरी भी नहीं होती है की सामने अपने कमरे के बहार रमेश खड़े दिखाई देते है. रमेश को देख मुस्कुराते हुए पायल अपनी अंगडाई पूरी करती है. रमेश भी मुस्कुराते हुए पायल की टॉप में उभरे हुए बड़े बड़े खरबूजों को देखता है. पापा को अपनी चुचियों को इस तरह से घूरते देख पायल भी टॉप के ऊपर से अपनी बड़ी बड़ी चूचियां हाथों से डजस्ट करती है. पायल को ऐसा करते देख रमेश दूर से ही उसकी चुचियों की सीध में दोनों हाथो को उठा कर पंजों को बंद और खोलते हुए चुचियों को दबाने का इशारा करता है. पायल शर्माते हुए बाथरूम में चली जाती है. रमेश भी मुस्कुराता हुआ खाने की टेबल पर बैठ जाता है.