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1. घोड़ी बनकर संभोग करना लगभग हर महिला की पसंदीदा
पोजीश़न होती है इस पोजीश़न में महिला को पूर्ण रूप से
चरमसुख प्राप्त होता है लिंग पूर्ण रूप से योनि को चीरता
हुआ बच्चेदानी में जाकर टक्कर मारता है जिसके कारण
महिला की योनि फच फच करके जल्द पानी छोड़ देती है।
2. संभोग के लिए सबसे उचित समय सुबह का माना जाता है
क्योंकि सुबह सुबह स्त्री की यौनि में रात भर के रस रसाव
की चिकनाहट पाई जाती है जिससे स्त्री की यौनि मुलायम
और कामुक रहती है जिसे देखकर मर्दों का लिंग शीघ्र ही
कड़क ओर कठोर हो जाता है।
3. सुबह सुबह पुरूष के लिंग की नसों में रक्त का प्रवाह अधिकतम होता है इसलिए लिंग भी फुल तना हुआ रहता है। ऐसे अंदर जाता है जैसे मक्खन में गर्म छुरी।
4. अगर संभोग करते समय महिला की योनि से पच पच की आवाज़ आने लगती है तो समझ लीजिए वो महिला संभोग क्रिया में पूरी तरह संतुष्ट हो कर रहेगी।
ऐसी स्थिति में यदि पुरुष पहले झड़ जाता है तो वह बिल्कुल निराश एवम खिन्न महसूस करती है और दिन भर चिड़चिड़ी रहती है...!
5. कुंवारी लड़की को चरमसुख देना इतना कठिन नहीं होता
जितना शादीशुदा महिला की यौनि को ठंडा करना होता है।
पोजीश़न होती है इस पोजीश़न में महिला को पूर्ण रूप से
चरमसुख प्राप्त होता है लिंग पूर्ण रूप से योनि को चीरता
हुआ बच्चेदानी में जाकर टक्कर मारता है जिसके कारण
महिला की योनि फच फच करके जल्द पानी छोड़ देती है।
2. संभोग के लिए सबसे उचित समय सुबह का माना जाता है
क्योंकि सुबह सुबह स्त्री की यौनि में रात भर के रस रसाव
की चिकनाहट पाई जाती है जिससे स्त्री की यौनि मुलायम
और कामुक रहती है जिसे देखकर मर्दों का लिंग शीघ्र ही
कड़क ओर कठोर हो जाता है।
3. सुबह सुबह पुरूष के लिंग की नसों में रक्त का प्रवाह अधिकतम होता है इसलिए लिंग भी फुल तना हुआ रहता है। ऐसे अंदर जाता है जैसे मक्खन में गर्म छुरी।
4. अगर संभोग करते समय महिला की योनि से पच पच की आवाज़ आने लगती है तो समझ लीजिए वो महिला संभोग क्रिया में पूरी तरह संतुष्ट हो कर रहेगी।
ऐसी स्थिति में यदि पुरुष पहले झड़ जाता है तो वह बिल्कुल निराश एवम खिन्न महसूस करती है और दिन भर चिड़चिड़ी रहती है...!
5. कुंवारी लड़की को चरमसुख देना इतना कठिन नहीं होता
जितना शादीशुदा महिला की यौनि को ठंडा करना होता है।