Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग (Completed)

Story achchhi hai

  • Story complete karu

    Votes: 43 97.7%
  • Ya aap log bor ho rahe ho

    Votes: 1 2.3%

  • Total voters
    44
Well-known member
1,171
1,360
143
अमृता-ऐसे कैसे चलो तुझे जाना है तो जा अजय को तो छोड़ जा.

गुड़िया -हाहाहा शायद आप भूल रही है कि मॉम ने क्या कहा था कि में अपने हाथ से नही खाती वैसे ही भाई भी अपने आप नही ख़ाता.आप चलो ना नही तो ये लोग मुझे आपको डिन्नर नही करने देंगे.

में-तू नही मानने वाली.

गुड़िया -(अपना सिर ना में ही लाते हुए) बिल्कुल नही ये सब मेरे दुश्मन है ये सब जलते है मुझसे की मेरे पास वर्ल्ड का सबसे कीमती चीज़
आप का प्यार है और इन के पास नही है.

जिया दी-वो नौटंकी अब बंद कर अपना बोल वचन नही तो अगर अभी दिमाग़ खराब हुआ ना तो तेरी कीमती चीज़ को में अपने घर ले जाउन्गी समझी.

शायद दी की धमकी कुछ ज़्यादा ही काम कर गयी और जहाँ गुड़िया अभी तक सब से मुक़ाबले के मूड में थी अब वो बिल्कुल शांत हो गयी थी.पर उस का चेहरा बिल्कुल उतर गया था और उस की ऐसे हालत देख के सब के चेहरे से भी अब मुस्कान गायब थी.मैने जिया दी की
तरफ देखा वो भी अपने कान पकड़ के माफी माँग रही थी.

में अपनी शीट से खड़ा हो गया और गुड़िया को अपने साथ ले के उसके कमरे में जाने लगा .मॉम प्ल्ज़ मेरा और गुड़िया का डिन्नर गुड़िया के रूम में भेज दे .

मॉम-ठीक है तुम जाओ में तुम दोनों का खाना में किसी के हाथ से भेजवाती हूँ.

में-दी मज़ाक कर रही थी और तू है कि बस .

गुड़िया -तो क्या हाँ सब बस मुझे आप से अलग करने पे तुले हुए है.अगर मुझसे कोई ग़लती हो तो मुझे कोई भी सज़ा दो मुझे कोई परेशानी नही है ना ही में कभी कोई शिकायत करूँगी पर अगर आप से किसी ने मुझे दोबारा दूर करने के बात कही तो फिर मुझे नही पता कि में क्या करूँगी.

मुझे नही पता था कि गुड़िया मुझसे इतना प्यार करती है उस की बातें सुन के मेरे दिल को एक बहुत बड़ा झटका लगा और ना चाहते हुए भी
आँखे नम हो गयी चाह के भी में उस से कुछ ना बोल पाया.मैने उस को कस के अपने गले लगा लिया .
 
Well-known member
1,171
1,360
143
में-तुझे किस ने कहा कि में तुझे कभी छोड़ के जाउन्गा.

गुड़िया -मुझे पता है पर बाकी सन***

में-आगे से कोई तेरे से ऐसे बातें नही करेगा माइ प्रोमिस ओके.पर तुझे मुझसे एक वादा करना होगा .

गुड़िया -नही में आप से कोई वादा नही करने वाली मुझे पता है आप कुछ ऐसा ही कहेगे जो मुझे पसंद नही.

में-तुझे ऐसा क्यूँ लगा .

गुड़िया -क्यूँ कि अगर ऐसे बात नही होती तो आप मुझसे वादा नही लेते.

में-तू तो बहुत ही समझदार हो गयी है.और अगर में कहूँ कि वो वादा मेरे लिए मेरी जान से ज़्यादा ज़रूरी है तो.

गुड़िया -पर आप की जान तो में हूँ ना .

में-हाँ बिल्कुल इसलिए तो तुझे से वादा चाहिए.

गुड़िया -पर*****ठीक है पर उसके बदले मुझे भी कुछ चाहिए.

में-रिश्वत शायद तुझे पता नही है कि करेप्शन और भृष्टाचार के खिलाफ हेल्प लाइन शुरू हो गयी है और तू एक ईमानदार और सच्चे देश
भक्त से रिश्वत की डिमॅंड कर रही है

और मेरा तीर चल गया और मेरी प्रिन्सेस के चेहरे पे मुस्कान एक बार फिर लौट आई और एस मुस्कान के लिए तो में कुछ भी कर सकता था.

गुड़िया -आपको जो भी समझना है समझे.

तभी जिया दी हमारा खाना ले के आ गयी.और अपने कान पकड़ते हुए सॉरी यार मुझे नही पता था क़ि तू मेरे मज़ाक को दिल से ले लेगी.

गुड़िया -ओके दी और मुझे भी माफ़ कर दे मुझे भी इतना ओवर्रिक्ट नही करना चाहिए था पर क्या करू जब भी कोई मुझे अजय भाईया से दूर करने के बात करता है तो मुझे पता नही क्या हो जाता है.

जिया दी-में समझ सकती हूँ इसलिए माफी माँग रही हूँ और तूने कुछ ग़लत नही किया शायद तेरी जगह में और अजय के जगह रवि होता तो
शायद में भी ऐसा ही करती या इससे ज़्यादा पता नही.और तुझे माफी माँगने की कोई ज़रूरत नही है और आज से हम फ्रेंड्स ओके.

गुड़िया -ओके दी .

में-मुझे बहुत जोरो की भूक लगी है तो प्ल्ज़ कोई मुझे पे तरस खाओ.

गुड़िया -हाँ दी चलो खाना खाते है.
 
Well-known member
1,171
1,360
143
जिया दी-अगर तुझे बुरा ना लगे तो में बकीओ को भी बुला लूँ किसी ने भी तेरे आने के बाद ठीक से खाना नही खाया.

गुड़िया -सॉरी दी में भी ना सिर्फ़ अपने बारे में ही सोचती हूँ कितनी सेलफिश हो गयी थी में .आप रूको में सब से माफी माँग के सब को बुला के लाती हू.

में-देखा दी ये है मेरी गुड़िया .मुझे नाज़ है खुद पे.

जिया दी-हाँ क्यूँ नही हमें भी नाज़ है तेरे गुड़िया पे.

फिर गुड़िया सब को बुलाने चली गयी और कोई 10 मिनट के बाद सब को साथ ले के वापस आ गयी.और हम सब खाने की तैयारी करने लगे पर तभी मेरे सिर में अचानक दर्द होने लगा और मुझे चक्कर आने लगे में बेड का एक कोना पकड़ के एक साइड में बैठ गया और अपनी
आँखे बंद कर लीं कि तभी ली का चेहरा सामने आने लगा.

में-ये क्या है ली.(ये बातें मैने उसे मन में बोली जो उस तक पहुँच गयी कैसे अभी मुझे पता नही पर जैसे ही पास्ट चलेगा सबसे पहले आप
लोगो को ही बताउन्गा)

ली-हूँ तुम्हारा फर्स्ट टाइम है ना इसलिए ऐसा कह रहे हो.पर फर्स्ट टाइम के हिसाब से बुरा नही है नही तो 90%तो बेहोश ही हो जाते है और
वो सब तुम से फ़िजिकल फिटनेस में काफ़ी आगे होते है यार तुम कमाल की चीज़ हो.

में-क्या यही बक्कवास करने के लिए आए हो.

ली-नही दोस्त में ये बताने आया हूँ कि तुम्हारे लिए दो ख़बरे है एक अच्छी और दूसरी बुरी.बताओ कि कौन सी खबर तुम पहले सुनना चाहोगे.

में-अब इससे बुरा क्या हो सकता है ठीक है पहले बुरी खबर ही सुना दो.

ली-हमारे वर्ल्ड में हर पाँच सालो में एक अजीब सा खेल खेला जाता है जिस में हमें अपनी ताक़त और रुतबे को दिखाना पड़ता है जिस में हम
लोग आनोखी प्रतियोगताएँ करते है और जिस में अजीब और खतेरनाक काम किए जाते है.

में-तो उस से मेरा क्या लेना देना है.

ली-लेना देना है क्यूँ कि एन प्रतियोगताओ में आप जितनी ही अनोखी या रॅयर (जो चीज़े आसानी से ना मिले या मिलती ही नही हो फॉर एग्ज़ॅंपल कलेक्टेड आइटम्स)चीज़ो को कलेक्ट करना और सब के सामने उस चीज़ की ख़ासियत को पेश करना होता है इसमें कुछ भी हो
सकता है जानवर'पत्थर'पानी'हथियार'या कोई खास इंसान .

में-एक मिनट क्या कहा तुम ने इंसान .क्या बकवास है ये .

ली-पर ये सच है अगर वो इंसान हमारे वर्ल्ड से बाहर हो तो हम उस का जैसे चाहे यूज़ कर सकते है ये ही नियम है.

में-पर ये तो ग़लत है.और इससे फ़ायदा क्या है.

ली-जिस का आइटम जितना कीमती और ताकतवर होगा उस को उतनी ही पवर दी जाएगी चाहे वो खुद ले या किसी और के ज़रिए.

में-ये पागलपंति है.

ली-नही तुम इसे हमारे नज़रिए से देखो तो ताक़त पाने और दीखाने का एक परफ़ेक्ट प्लॅटफॉर्म है ये.

में-तो इससे मेरा क्या लेना देना है.
 
Well-known member
1,171
1,360
143
ली-इस बार के खास आइटम तुम और तुम्हारे परिवार के सदस्य है जिंदा या मुर्दा कोई फ़र्क नही पड़ता.

में-में ऐसा कुछ नही होने दूँगा.

ली-तुम कर भी क्या सकते हो तुम्हें तो हमारे यहाँ के वो बच्चे भी हरा देंगे जिन्होने अभी अभी फाइटिंग की ट्रैनिंग स्टार्ट की है.और जो फाइटर आ रहे है वो सारे कम से कम आ+ लेवेल के होंगे.

में-मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता वो किसी भी लेवेल के हो या कितने भी ताकतवर हो और अगर में इन से कमजोर हूँ तो तुम मुझे ट्रेन करो जॅक
ट्रेन करे मुझे फ़र्क नही पड़ता बस मुझे इतना ताकतवर बना दो कि में उन से अपनी फॅमिली को सेफ कर सकूँ प्ल्ज़ ली.

ली-सोच लो उसके लिए बहुत मुस्किलो का सामना करना पड़ेगा शायद इतना कि जितना तुम ने कभी सोचा भी ना हो.

में-मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता बस तुम मुझे बताओ कि क्या करना है .

ली-ठीक है डिन्नर के बाद
बाद गार्डेन में आ के मिलो मुझसे.

में-और गुड न्यूज़ तो बता दो.

ली-कुछ बाद के लिए भी छोड़ दो वहाँ सब तुम्हें ऐसे देख के परेशान हो रहे है तुम पहले आराम से डिन्नर कर लो पता नही आज के बाद फिर
कभी कर भी पाओ कि नही.

में-तुम्हारे कहने का मतलब क्या है और तुम्हें कैसे पता कि में क्या कर रहा हूँ.
पर कोई फ़ायदा नही ली जा चुका था मुझे ढेर सारे सवालो के साथ छोड़ के मैने अपनी आँखे खोली तो सच में सब मुझे घूर रहे थे.......
दोस्तो ये उस में कुछ छूट गया था ये वो है....

में-तुम सब मुझे ऐसे क्यूँ घूर रहे हो बस कुछ सोच रहा था.

जिया दी-सच में मुझे तो लगा कि तू किसी से बात कर रहा है.

में-हाँ वो क्या है ना कि मैने यहाँ कुछ भूत दोस्त बनाए है उन्ही से हाल चाल पता कर रहा था उन का.क्या दी आप भी में वो रवि के बारे में
सोच रहा था आज उसे इतने दिनो के बाद फिर सोनिया की याद आ गयी और वो भी मेरी वजह से मुझे सच में बहुत बुरा लग रहा है.

गुड़िया -ये सोनिया कौन है.

जिया दी-ये हमारी सबसे छोटी सिस्टर थी जो एक हादसे का शिकार हो गयी और रवि आज भी उसके लिए खुद को ज़िम्मेदार मानता है.

में-सच में मुझे रवि का सोच के बहुत बुरा लग रहा है.

जिया दी-हाँ पता है वो बहुत प्यार करता था उस को बस उसे कभी दिखाता नही था हमेंशा उस से लड़ता रहता था कहता था कि मेरी सोनिया गुस्से में ज़्यादा अच्छी लगती है.

में-हाँ पर आप शायद आप भूल रही है कि वो उस की ख़ुसी के लिए कुछ भी कर सकता था.

जिया दी-मुझे सब पता है.अब तुझे ही उसे इससे बाहर लाना होगा.

में-दी आप बिल्कुल भी टेन्षन ना ले वो मेरा भी भाई है में उसे ज़्यादा देर तक ऐसे अकेले नही रहने दूँगा.

गुड़िया -सच में बहुत बुरा हुआ .में भी माफी माँग लूँगी रवि भाई से.

जिया दी-ऐसा कभी मत करना नही तो उसे बहुत बुरा लगेगा जब तू उस से माफी माँगेगी .और जो हो गया उसे छोड़ के हमें आगे के बारे में सोचना चाहिए चल सबसे पहले अपने इस भाई को खाना खिला इसको भूक लगी होगी.

फिर हम सब ने एक दूसरे के हाथ से खाना खाया खाना खाने के बाद में रवि को ढूँढने के लिए चल पड़ा और बाकी सब यही बैठ के बातें करने लगे.

रवि मुझे उपर छत (रूफ) पे मिला वो एक साइड खड़ा हो के आसमान को देख रहा था.में भी उसके पास जा के खड़ा हो गया.

में-आज सच में आसमान कितना खूबसूरत है ना.

रवि-हर चीज़ की अपनी खूबसूरती है बस देखने का नज़रिया चाहिए.

में-में तू बिल्कुल सही कहता है आज तक कभी मैने ध्यान ही नही दिया और जब आज देख रहा हूँ तो सच में कितना विशाल और कितना खूबसूरत है ये .

रवि-हूँ.

में-तुझे पता है इसकी ख़ासियत क्या है .

रवि-क्या ?

में-यहाँ पे ये आसमान इतना शांत और खूबसूरत है जैसे कि दुनिया की सारी खूबसूरती इसे में समाई हो पर यहाँ से कुछ दूरी पे शायद ये
इतना डरावना और अशांत हो कि देख के किसी की भी रूह कांप जाए.

रवि-तू कहना क्या चाहता है.

में-बस यही कि इसके दोनों रूप ज़रूरी है हमारे लिए पर हमें वो दोनों सही समय पे चाहिए .जैसे की ये अपने दोनों रूप को अपने अंदर बखूबी संभाल के रखा है तुझे भी अपने उस दर्द को ऐसे ही संभाल के रखना चाहिए क्यूँ कि वो तुझे ताक़त और हिम्मत देगा लाइफ में आगे
बढ़ने के लिए.जैसे ये आसमान हमें ये नही पता चलने दे रहा कि ये अशांत और ख़तरनाक हो सकता है तुझे भी अपने आपको ऐसे ही संभालना होगा.

रवि-पर ये इतना आसान नही.

में-मुझे पता है एक अकेले के लिए ये कितना मुस्किल है अगर तू अकेले इसे सॉल्व करने की कोशिश करेगा तो बहुत मुस्किल है पर अगर वो
ही तू अपनी फॅमिली के साथ तो सबसे आसान काम कड़वी यादो को कुछ मीठी यादो से ही बदला जा सकता है.

रवि-तू सच में एक यूनीक है कितने अच्छे से तूने मुझे ये बता दिया कि में क्या भूल रहा था.

में-हूँ.

रवि मेरे गले लगते हुए शायद निशा तुझ से सच में बहुत प्यार करने लगी है मैने कोशिश की पर नाकाम रहा यार मुझे माफ़ कर दे.

में-कोई नही में समझ सकता हूँ ग़लती मेरी ही है मुझे उस से पहले ही ये बात क्लियर कर देनी चाहिए थी कि में किसी और से प्यार करता
हूँ.

रवि-मुझे लगता है कि अभी भी समय है भूल जा प्रिया को.निशा सच में तुझे से बहुत प्यार करती है मैने देखा है उसके आँखों में.

में-दिल से बोल रहा है.

रवि ने इस बात का कोई जबाब नही दिया और नीचे जाने लगा कुछ दूर जा के पीछे मुड़ते हुए.में उसे उपर तेरे पास भेज रहा हूँ तू आज ही
उस से सब क्लियर कर दे में नही चाहता कि जिस प्यार के लिए तू अब तक तड़प रहा है वो भी तडपे तो उसे आज सब सच सच बता दे.

में-ठीक है.

फिर रवि नीचे चला गया और में निशा का इंतज़ार करने लगा सच में आज का दिन मेरे लिए किसी एक जनम के बराबर था सिर्फ़ आज के दिन में ही मेरे साथ वो अब हो गया जो किसी नॉर्मल इंसान के साथ शायद दो से तीन जन्मो में भी ना हो.कोई 15मीं के बाद मुझे मेरे पीछे
कुछ आहट से महसूस हुई मैने पीछे मूड के देखा तो निशा खड़ी थी .
 
Well-known member
1,171
1,360
143
कोई 15मीं के बाद मुझे मेरे पीछेकुछ आहट से महसूस हुई मैने पीछे मूड के देखा तो निशा खड़ी थी .

में-सॉरी निशा तुम्हें इस टाइम परेशान किया पर क्या करता में भी मजबूर हूँ आज शायद मेरी लाइफ का वो काला दिन है जिस दिन सिर्फ़ मेरे
अपनो को मुझ से सियाए दुख के कुछ नही मिलेगा .

निशा-ऐसा क्यूँ कह रहे हो.ये तुम्हारी ग़लत सोच है तुम चाह के भी किसी को दुख नही दे सकते .

में-निशा मुझे नही पता कि में क्या दे सकता हूँ और क्या नही .पर मुझे ये पता है कि में तुम्हें वो नही दे सकता जो तुम मुझसे चाहती हो.

निशा-मुझे पता है रवि ने मुझे सब बताया है तुम्हारी बीती लाइफ के बारे में.प्रिया के बारे में.

में-पर कैसे रवि मेरे साथ ऐसा नही कर सकता ये मेरा राज है मेरी जिंदगी.ये कोई मुझसे नही ले सकता.

निशा-जानती हूँ पर मेरा विश्वास करो इसमें रवि की कोई ग़लती नही थी.जैसे रामायण में लक्ष्मण की कोई ग़लती ना होते हुए भी श्री राम ने लक्ष्मण को ग़लत समझा था उसी तरह तुम भी रवि को ग़लत समझ रहे हो.

में-मुझे नही पता ये उस ने क्यूँ किया पर ये उस ने ठीक नही किया.तुम्हें अब अपने लिए कोई और ढूँढना चाहिए वैसे भी मैने देखा है कि अच्छे अच्छे लड़के तुम्हारे आगे पीछे घूमते है.

निशा-हाँ पर उन में से अजय कोई नही है ना .और तुम किस को प्यार करो ये तुम्हारी मर्ज़ी है और मुझे किस से प्यार करना है ये मेरी मर्ज़ी है तुम ये डिसाइड नही कर सकते.मुझे पर यकीन रखो में तुम्हारी जिंदगी में कभी कोई इंटर्फियरेन्स नही करूँगी.

में-निशा तुम समझ नही रही हो ये इतना भी आसान नही है.

निशा-तुम्हारे एक छोटे से साथ ने मुझे भी बहुत कुछ सीखा दिया है यकीन मानो ऐसा कुछ नही होगा जैसा तुम सोच रहे हो.

में-तुम से बात करना ही बेकार है.

निशा-अब मुझे नीसे चलना चाहिए काफ़ी टाइम हो गया उपर आए हुए.

में-हूँ ठीक है गुड़िया क्या कर रही है.

निशा-जिया दी ने बड़ी मुस्किल से उसे सुलाया है नही तो वो तुम जानते हो किस चीज़ की ज़िद कर के बैठी थी.

में-ठीक है.मुझे कुछ ज़रूरी काम है तो तुम सब को बोल देना कि में अपने कमरे में सो रहा हूँ.

निशा-झूठ वो भी फ्री में में नही बोलती.

में-अब तुम्हें क्या चाहिए.

निशा -अपना कान इधर लाओ बताती हूँ.

में-नही ऐसे ही बता दो.

निशा-तो ठीक है रहने दो में नीचे जा रही हूँ और गुड़िया को उठा के तुम्हारे पास भेज देती हूँ.

में-कहाँ फस गया यार.ठीक है लो बोलो.

और मैने अपने कान उसकी तरफ कर दिए और वो मेरे पास आ के धीरे से मेरे कान में******
 
Well-known member
1,171
1,360
143
ली-इस बार के खास आइटम तुम और तुम्हारे परिवार के सदस्य है जिंदा या मुर्दा कोई फ़र्क नही पड़ता.

में-में ऐसा कुछ नही होने दूँगा.

ली-तुम कर भी क्या सकते हो तुम्हें तो हमारे यहाँ के वो बच्चे भी हरा देंगे जिन्होने अभी अभी फाइटिंग की ट्रैनिंग स्टार्ट की है.और जो फाइटर आ रहे है वो सारे कम से कम आ+ लेवेल के होंगे.

में-मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता वो किसी भी लेवेल के हो या कितने भी ताकतवर हो और अगर में इन से कमजोर हूँ तो तुम मुझे ट्रेन करो जॅक
ट्रेन करे मुझे फ़र्क नही पड़ता बस मुझे इतना ताकतवर बना दो कि में उन से अपनी फॅमिली को सेफ कर सकूँ प्ल्ज़ ली.

ली-सोच लो उसके लिए बहुत मुस्किलो का सामना करना पड़ेगा शायद इतना कि जितना तुम ने कभी सोचा भी ना हो.

में-मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता बस तुम मुझे बताओ कि क्या करना है .

ली-ठीक है डिन्नर के बाद
बाद गार्डेन में आ के मिलो मुझसे.

में-और गुड न्यूज़ तो बता दो.

ली-कुछ बाद के लिए भी छोड़ दो वहाँ सब तुम्हें ऐसे देख के परेशान हो रहे है तुम पहले आराम से डिन्नर कर लो पता नही आज के बाद फिर
कभी कर भी पाओ कि नही.

में-तुम्हारे कहने का मतलब क्या है और तुम्हें कैसे पता कि में क्या कर रहा हूँ.
पर कोई फ़ायदा नही ली जा चुका था मुझे ढेर सारे सवालो के साथ छोड़ के मैने अपनी आँखे खोली तो सच में सब मुझे घूर रहे थे.......
दोस्तो ये उस में कुछ छूट गया था ये वो है....

में-तुम सब मुझे ऐसे क्यूँ घूर रहे हो बस कुछ सोच रहा था.

जिया दी-सच में मुझे तो लगा कि तू किसी से बात कर रहा है.

में-हाँ वो क्या है ना कि मैने यहाँ कुछ भूत दोस्त बनाए है उन्ही से हाल चाल पता कर रहा था उन का.क्या दी आप भी में वो रवि के बारे में
सोच रहा था आज उसे इतने दिनो के बाद फिर सोनिया की याद आ गयी और वो भी मेरी वजह से मुझे सच में बहुत बुरा लग रहा है.

गुड़िया -ये सोनिया कौन है.

जिया दी-ये हमारी सबसे छोटी सिस्टर थी जो एक हादसे का शिकार हो गयी और रवि आज भी उसके लिए खुद को ज़िम्मेदार मानता है.

में-सच में मुझे रवि का सोच के बहुत बुरा लग रहा है.

जिया दी-हाँ पता है वो बहुत प्यार करता था उस को बस उसे कभी दिखाता नही था हमेंशा उस से लड़ता रहता था कहता था कि मेरी सोनिया गुस्से में ज़्यादा अच्छी लगती है.

में-हाँ पर आप शायद आप भूल रही है कि वो उस की ख़ुसी के लिए कुछ भी कर सकता था.

जिया दी-मुझे सब पता है.अब तुझे ही उसे इससे बाहर लाना होगा.

में-दी आप बिल्कुल भी टेन्षन ना ले वो मेरा भी भाई है में उसे ज़्यादा देर तक ऐसे अकेले नही रहने दूँगा.

गुड़िया -सच में बहुत बुरा हुआ .में भी माफी माँग लूँगी रवि भाई से.

जिया दी-ऐसा कभी मत करना नही तो उसे बहुत बुरा लगेगा जब तू उस से माफी माँगेगी .और जो हो गया उसे छोड़ के हमें आगे के बारे में सोचना चाहिए चल सबसे पहले अपने इस भाई को खाना खिला इसको भूक लगी होगी.

फिर हम सब ने एक दूसरे के हाथ से खाना खाया खाना खाने के बाद में रवि को ढूँढने के लिए चल पड़ा और बाकी सब यही बैठ के बातें करने लगे.

रवि मुझे उपर छत (रूफ) पे मिला वो एक साइड खड़ा हो के आसमान को देख रहा था.में भी उसके पास जा के खड़ा हो गया.

में-आज सच में आसमान कितना खूबसूरत है ना.

रवि-हर चीज़ की अपनी खूबसूरती है बस देखने का नज़रिया चाहिए.

में-में तू बिल्कुल सही कहता है आज तक कभी मैने ध्यान ही नही दिया और जब आज देख रहा हूँ तो सच में कितना विशाल और कितना खूबसूरत है ये .

रवि-हूँ.

में-तुझे पता है इसकी ख़ासियत क्या है .

रवि-क्या ?

में-यहाँ पे ये आसमान इतना शांत और खूबसूरत है जैसे कि दुनिया की सारी खूबसूरती इसे में समाई हो पर यहाँ से कुछ दूरी पे शायद ये
इतना डरावना और अशांत हो कि देख के किसी की भी रूह कांप जाए.

रवि-तू कहना क्या चाहता है.

में-बस यही कि इसके दोनों रूप ज़रूरी है हमारे लिए पर हमें वो दोनों सही समय पे चाहिए .जैसे की ये अपने दोनों रूप को अपने अंदर बखूबी संभाल के रखा है तुझे भी अपने उस दर्द को ऐसे ही संभाल के रखना चाहिए क्यूँ कि वो तुझे ताक़त और हिम्मत देगा लाइफ में आगे
बढ़ने के लिए.जैसे ये आसमान हमें ये नही पता चलने दे रहा कि ये अशांत और ख़तरनाक हो सकता है तुझे भी अपने आपको ऐसे ही संभालना होगा.

रवि-पर ये इतना आसान नही.

में-मुझे पता है एक अकेले के लिए ये कितना मुस्किल है अगर तू अकेले इसे सॉल्व करने की कोशिश करेगा तो बहुत मुस्किल है पर अगर वो
ही तू अपनी फॅमिली के साथ तो सबसे आसान काम कड़वी यादो को कुछ मीठी यादो से ही बदला जा सकता है.

रवि-तू सच में एक यूनीक है कितने अच्छे से तूने मुझे ये बता दिया कि में क्या भूल रहा था.

में-हूँ.

रवि मेरे गले लगते हुए शायद निशा तुझ से सच में बहुत प्यार करने लगी है मैने कोशिश की पर नाकाम रहा यार मुझे माफ़ कर दे.

में-कोई नही में समझ सकता हूँ ग़लती मेरी ही है मुझे उस से पहले ही ये बात क्लियर कर देनी चाहिए थी कि में किसी और से प्यार करता
हूँ.

रवि-मुझे लगता है कि अभी भी समय है भूल जा प्रिया को.निशा सच में तुझे से बहुत प्यार करती है मैने देखा है उसके आँखों में.

में-दिल से बोल रहा है.

रवि ने इस बात का कोई जबाब नही दिया और नीचे जाने लगा कुछ दूर जा के पीछे मुड़ते हुए.में उसे उपर तेरे पास भेज रहा हूँ तू आज ही
उस से सब क्लियर कर दे में नही चाहता कि जिस प्यार के लिए तू अब तक तड़प रहा है वो भी तडपे तो उसे आज सब सच सच बता दे.

में-ठीक है.

फिर रवि नीचे चला गया और में निशा का इंतज़ार करने लगा सच में आज का दिन मेरे लिए किसी एक जनम के बराबर था सिर्फ़ आज के दिन में ही मेरे साथ वो अब हो गया जो किसी नॉर्मल इंसान के साथ शायद दो से तीन जन्मो में भी ना हो.कोई 15मीं के बाद मुझे मेरे पीछे
कुछ आहट से महसूस हुई मैने पीछे मूड के देखा तो निशा खड़ी थी .
में-कहाँ फस गया यार.ठीक है लो बोलो.

और मैने अपने कान उसकी तरफ कर दिए और वो मेरे पास आ के धीरे से मेरे कान में******

में तो वैसे भी किसी को नही बताने वाली थी.आज पहली बार तुम ने मुझसे कोई हेल्प माँगी है तो मना करने का तो सवाल ही नही होता.पर अब सोच रही हूँ कि इतना अच्छा मोका मिला है तो फ़ायदा उठना चाहिए.और निशा मेरे गाल पे एक किस कर के भाग गयी और उसकी इस शरारत से ना चाहते हुए भी मेरे होंठो पे मुस्कान आ गयी.में भी ली से मिलने चल दिया ली जॅक के कमरे में था और अजीब भाषा में कुछ लिख रहा था पर वो हवा में लिख रहा था और उसके वर्ड भी हवा में ऐसे तैर रहे थे जैसे कि पानी में कागज की नाव जब भी उस का कोई वर्ड
कंप्लीट होता तो उस वर्ड में से अजीब से रोशनी निकलने लगती जैसे कि खुद के पूरा होने का प्रमाण दे रहा हो.

ली-तुम तो जल्दी आ गये मुझे लगा कि तुम्हें अभी टाइम लगेगा इसे लिए मैने सोचा कि कुछ अपना काम भी कर लूँ.

में-पर ये है क्या .

ली-देखते जाओ बस अभी तुम ने देखा ही क्या है तुम्हें भी इसे सीखना होगा बहुत काम की चीज़ है हम जैसे फाइटर्स के लिए जो अभी स्टूडेंट हो.

में-ओके.

फिर ली ने कुछ और वो र्ड लाइक उसी तरह और फिर वहीं अपने अंदाज में अपने हाथों को मिला के कुछ वर्ड बोले जिस के तुरंत बाद उन वर्ड्स में कुछ हलचल हुई और वो एक फॉर्मॅट में लग गये और आपस में ही चक्कर लगाने लगे फिर धीरे धीरे उन की स्पीड बढ़ने लगी और कोई 2मिनट में ही वो इतनी तेज़ हो गयी कि उन वर्ड को देख पाना भी संभाब नही था.तभी ली ने एक कार्ड जैसा कुछ निकाला और उसे हवा
में उपर उछालते हुए फिर अपने हाथों को जोड़ते हुए कुछ वर्ड बोले और वो सारे वर्ड उस कार्ड में गोली से भी तेज़ रफ़्तार में घुस गये जो कार्ड कुछ समझ पहले ब्लॅंक जैसा लग रहा था अब उस में एक पिक क्लियर देखी जा सकती थी जो किसी जानवर की थी किस की वो मुझे नही पता.

में-ये सब क्या है और इससे तुम्हें क्या फ़ायदा.

ली-सब बताता हूँ चलो बाहर चलते है मुझे यहाँ घुटन हो रही है इस प्रोसेस में मेरी सारी शक्ति लग गयी है अब सबसे पहले मुझे उसे रिकवर करना है.

फिर हम गार्डन में आ गये और वही पे लगी कुर्सियो पे बैठ गये.सच में ली की साँसे ऐसे चल रही थी जैसे कि वो मीलो भाग के आया हो.

ली-तुम्हें क्या लगा ये सब देख के.

में-सच बोलू या झूट.

ली-सच ही बोल दो.

में-मुझे लगा कि तुम पागल हो गये हो बस.

ली-नही ऐसा नही है ये जो कार्ड देख रहे हो ये कोई मामूली कार्ड नही है ये मेरी जीवन शक्ति से बना है.

में-में समझा नही.ये जीवन शक्ति क्या है.

ली-इंसानी शरीर तुम्हें पता होगा कि पाँच तत्वो से बना है.

में-हवा पानी आग मिट्टी और **

ली-लाइटिंग.बिल्कुल सही हम जब पैदा होते है तो हम किसी एक तत्व के प्रभाव में होते है जैसे कि मेरी ताक़त का ज़रिया ज़मीन यानी की
मिट्टी है जहाँ भी मिट्टी होगी मेरी ताक़त बढ़ जाती है.

में-इंटरेस्टिंग मुझे ऐसा लग रहा है कि आरएसएस पे कोई स्टोरी पढ़ रहा हूँ.

ली-अब वहाँ ढंग की स्टोरी बच्ची ही कहाँ है सारी तो तुम ने पढ़ ली.

में-तुम्हें कैसे पता.

ली-लगता है यादास्त कमज़ोर है तुम्हारी.छोड़ो इस टॉपिक को तो में कहाँ था.

में-तुम मुझे अपनी शक्तियों के बारे में बता रहे थे.
 
Well-known member
1,171
1,360
143
ली-ये कोई जादुई शक्तियाँ है बस सिंपल साइन्स है जिस के लिए जी तोड़ मेहनत करने होती है.

में-क्या ये मुमकिन है.

ली-बिल्कुल अगर तुम दिल और दिमाग़ से कोशिश करो तो.

में-हमें ये पता कैसे चलता है की हमारा जुड़ाव किस तत्व से है.

ली-नही कर सकते जब तक तुम अपने शरीर पे पूरी तरह से काबू ना पा लो नही कर सकते.

में-में कुछ समझा नही.

ली-जब तुम्हारे शरीर को थकावट की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी तो समझ लेना कि तुमने अपने शरीर पे काबू पा लिया .

में-तुम्हारे कहने का मतलब है कि तुम से मोरल सवाल पूछना ही बेकार है.

ली-तुम तो काफ़ी समझदार हो प्यारे

में-तुम मुझे उस कार्ड के बारे में बता रहे थे.

ली-वैसे तो में ये किसी को नही बताता पर तुम्हें बता रहा हूँ.जैसे कि तुम जान ही चुके हो कि वो मेरी ही शक्ति यानी कि जीवन शक्ति से बना है अभी वो तैयार नही है पर जब वो तैयार होगा तब वो एक कंप्लीट जानवर होगा ख़ूँख़ार कोई ऐसा वैसा नही एक बेहद शक्तिशाली और बेरहम जो सिर्फ़ मेरे ऑर्डर पे ही काम करेगा और इस कार्ड के ज़रिए में उसे कभी भी कहीं भी बुला सकता हूँ .

में-मतलब कि वो तुम्हारे अंदर रहे गा.

ली-हाँ ऐसा भी कह सकते हो .

में-ये तो कमाल का है क्या इसे सच मुच भी बना सकते है .

ली-हाँ कुछ भी पर ये एक दो धारी तलवार है अगर तुम्हारी बनाई हुई कोई भी क्रियेशन कभी ख़तम कर दी जाए तो तुम्हारी शक्ति का वो हिस्सा हमेंशा हमेंशा के लिए ख़तम हो जाता है.





में-हमारी शक्ति का हिस्सा मतलब.

ली-हम किसी को ताकतवर या खुखार या किसी भी तरह का बना तो सकते है पर उस में जान डालने के लिए हमें अपनी जीवन शक्ति यानी ताक़त के उस शोर्श से जिस से हम को ताक़त मिलती है उस शोर्श से उसे भी ताक़त देनी होगी और जब भी वो ख़तम होगा तब हमें वो
ताक़त वापस नही मिल पाएगी क्यूँ कि उसके ख़तम होते ही वो बिखर जाती है चारो ओर

में-तुम मुझे कुछ अच्छी न्यूज़ देने वाले थे.

ली-हाँ और वो ये है कि तुम्हें अब कही जाने की ज़रूरत नही है दो महीने तक.

में-ऐसा क्यूँ .

ली-क्यूंकी जब तक हमारा शिकार यानी की कंपिक्षन चलता है तब तक उस ग्रूप के कोई भी मेंबर बाहर नही आ सकता इसलिए तुम यहाँ सेफ हो .

में-ये तो बहुत ही कमाल की न्यूज़ है थॅंक्स .पर ऐसा क्यूँ क्या वो एस कॉंपिटिशन में हिस्सा नही लेते.

ली-नही वो क्रिमिनल है और उन सब को उन के देशो से देश निकाला दिया जा चुका है.अगर वो कही बाहर दिखते है तो वो खुद ही शिकार होते है इस टाइम भले ही वो कितने भी ताकतवर हो पर हमारी तादाद ज़्यादा है और उन में से किसी का भी सिर लाना हमारे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है और हमारे लिए सम्मान से बढ़ के कुछ नही.

में-कुछ भी हो पर आज तुम ने सच में मुझे बड़ी अच्छी न्यूज़ सुनाई है में बहुत खुश हूँ.

ली-ख़ुसी के साथ दुख भी होता है प्यारे.

में-अब क्या हुआ.

ली-जॅक सर के यहाँ ना होने से वो फाइटर जो जॅक सर के खास है वो इस टाइम कंपॅक्षन के सेक्यूरिटी में है और जो ट्रॅकिंग फाइटर्स यहाँ है वो सिर्फ़ तुम्हें प्रोट्क्ट करने के लिए ऑर्डर है तो तुम्हारी फॅमिली *****
 
Well-known member
1,171
1,360
143
ली-जॅक सर के यहाँ ना होने से वो फाइटर जो जॅक सर के खास है वो इस टाइम कंपॅक्षन के सेक्यूरिटी में है और जो ट्रॅकिंग फाइटर्स यहाँ है वो सिर्फ़ तुम्हें प्रोट्क्ट करने के लिए ऑर्डर है तो तुम्हारी फॅमिली *****

में-ऐसा नही हो सकता तुम ने और जॅक ने प्रोमिस किया है कि उन को कुछ नही होगा.

ली-अब हालात बदल गये है अब सब तुम्हारे हाथ में है.

में-मुझे बताओ क्या करना है में तैयार हूँ मुझे चाहे कुछ भी करना पड़े फ़र्क नही पड़ता बस किसी तरह मेरी फॅमिली को सेफ कर लो.

ली-ये मेरे अकेला के बस की बात नही हमें एक टीम की ज़रूरत है कुछ दोस्तो की ज़रूरत है.

में-तो बुला लो प्रॉब्लम क्या है.

ली-इतना आसान नही है तुम्हें उन्हे मनाना होगा अपनी मदद के लिए और उसके लिए तुम्हारे पास केवल 5दिन है जिस में तुम्हें मेरी स्पीड की
बराबरी भी करनी है और उन सब को मनाना भी है.

तुम्हारी स्पीड की बराबरी क्यूँ करनी पड़ेगी मुझे अगर मुझे किसी को अपनी मदद के लिए मनाना है तो मुझे उससे बस बात करनी है क्यूँ ठीक
कहा ना .

ली-प्यारे तुम्हें क्या लगता है कि हमें वो किसी आम इंसान की तरह आसानी से मिल जाएगे.हमें सिर्फ़ अपने काम या फील्ड में एक्सपर्ट ही
चाहिए और उन का पता लगाना और उन को तुम्हारी मदद के लिए मनाना बहुत मुस्किल काम है.

में-कोशिश करने वालो की कभी हर नही होती.

ली-हाँ ठीक कहा पर मेरा मानना है की कोशिश करने वाले की जिंदगी भी लंबी नही होती.

में-ऐसा क्यूँ.

ली-क्यू कि जिस तरह के फाइटर हमें चाहिए वो ऑलरेडी या तो किसी के लिए काम करते है या फिर गुमनामी जिंदगी जीना पसंद करते है और दोनों ही सूरत में उन के पास जाना अपनी मौत के पास जाना है इसलिए तुम्हें मेरी स्पीड की बराबरी करनी है ताकि अगर कोई प्रॉब्लम हो तो हम वहाँ से 9दो 11हो ले .

में-में समझ गया में तैयार हूँ बताओ मुझे क्या करना है .

ली-पहले हमें अपनी गैरहाज़िरी में तुम्हारी फॅमिली को सेफ करना होगा और दूसरा हमें अपने काम के हमें नही पता कि कौन हमारे काम का है और कौन नही.

में-तुम मे कुछ तो सोचा होगा.

ली-हाँ हमें नही पता ये सब पर मुझे पता है कि ये सब जानने में हमें कौन मदद कर सकता है.

में-तो फिर प्रॉब्लम क्या है.

ली-प्रॉब्लम ये है प्यारे के वो साला पागल है पहले भी दो बार मुझे मारने की कोशिश कर चुका है.

में-तो अब .

ली-पर उसके अलावा कोई ऑप्षन भी नही है हमारे पास पर हमें तैयारी से जाना होगा.

में-जैसा तुम ठीक समझो.बस मुझे बताओ कि क्या करना है.

ली-अभी कुछ खास नही बस जैसा में कहूँ वैसा ही करना.

फिर ली ने अपने पास से एक कार्ड निकाला और उसे ज़मीन पे रख के उसके चारो तरफ गोला बना के कुछ लिखने लगा जब वो गोला पूरा हो गया तब मुझे बीच में खड़ा कर दिया.

ली-ये तुम्हारे लिए सुरक्षा चक्र का काम करेगा अगर वहाँ के हालत मेरे कंट्रोल से बाहर होने लगे तो ये तुम्हें यहाँ वापस ला देगा सही सलामत .

में-तो ये एक तरह का ट्रांसपोर्ट पोर्टल है.

ली-उस से बढ़ के जब तुम तक तुम इसके अंदर रहोगे तुम सुरक्षित रहोगे और वो सब देख सकते हो जो की नॉर्मल में देख पाना और समझना मुस्किल है.

में-ओके में तैयार हूँ.

ली गोले से बाहर चला गया और अपने राइट हॅंड की सभी उंगलियों में एक कट मार के अपने पंजे का निशान उस गोले के साइड में बने एक खास जगह पे रख दिया और कुछ अजीब से वर्ड बोलने लगा करीब 30से 40 सेकेंड में ही वो गोला पूरी तरह से रोशनी से भर गया रोशनी इतनी ज़्यादा हो गयी कि आँखे खोलना भी मेरे लिए मुमकिन ना रहा और मैने अपनी आँखे बंद कर ली कुछ सेकेंड के बाद मैने अपनी आँखे
खोली तो में किसी जंगल में था पर वो गोला अब भी था पर अब उस में से रोशिनी नही निकल रही थी.मैने अपने आस पास देखा तो सिर्फ़ पेड़ो और कुछ झाड़ीओ के मुझे कुछ नही दिखा कि तभी वहाँ कुछ ऐसा हुआ जो मेरे लिए एक और झटका था मैने ये बस अब तक सुना ही था पर अब अपने आमने देख के मेरी तो हालत खराब हो गयी और दिमाग़ ने काम करना छोड़ दिया******
 
Well-known member
1,171
1,360
143
वो किसी तरह का अजीब और डरावना जीब लग रहा था देखने में बिल्कुल किसी इंसान की तरह पर उसके पंजे और पैरो के साइज़ किसी जानवर की तरह थे आँखे एक दम सुर्ख लाल चेहरे पे उसके निकले दात उस को और भी डरावना बना रहे थे और उसके चलने का स्टाइल
इस तरह का था कि जैसे कि वो मुझे चेक करना चाह रहा हो बहुत ही सम्भल सम्भल के वो मेरे पास आ रहा था फिर कोई 10फुट दूर मुझसे रुक गया.

उस को देख के तो मेरी हालत पहले ही खराब थी पर उस को इतने पास पा के मेरी हिम्मत ने जबाब दे दिया और में वहाँ से भागने की तैयारी करने लगा की तभी मुझे ली का मेसेज मिला.

ली-अगर जिंदा रहना चाहते हो तो वही खड़े रहो तुम उस सिर्सेल में सुरक्षित हो .

में-पर तुम्हें नही पता कि यहाँ एक भयंकर् सा जानवर+इंसान है.

ली-मुझे पता है वो एक मुर्दा खोर है जो इंसानो के शरीर पे पलते है इन्हे कुछ फाइटर अपनी ताक़त बढ़ाने के लिए यूज़ करते है इन्हे कंट्रोल करना बहुत मुस्किल है पर तुम टेन्षन ना लो में बहुत जल्द ही तुम्हारे पास पहुँच जाउन्गा.

में-ठीक है पर जल्दी आने की कोशिश करो.

ली-तुम्हें पता है कि तुम एस समय दुनिया के आख़िरी छोर पे हो जहाँ पे इंसान को जाने में कम से कम 2से 3साल लग जाते है और तुम मेरा 10मीं भी इंतज़ार नही कर सकते.

में-पर में यहाँ कैसे पहुँच गया और तुम साथ क्यूँ नही हो.

ली-मैने तुम को अपनी पवर्स से टेलेपॉर्ट किया है और तुम्हारे लिए सुरक्षा कवच बनाने में मैने अपनी बहुत सी पवर यूज़ कर ली जिस कारण में किसी एक को ही टेलेपॉर्ट कर सकता था.

फिर वो जो जानवर+इंसान अब तक शांत बैठा था वो एक दम से उठ गया और चिल्लाने लगा और वो भी कुछ अजीब तरह की भासा में जिसे सुन के एक बार फिर मेरी हालत खराब हो गयी जो ली से बात कर हिम्मत बँधी थी.फिर वो एक दम से अपनी पूरी स्पीड में मेरी तरफ बढ़ा
मैने डर के मारे अपना मुँह फेर लिया पर जब कुछ नही हुआ तो मैने पलट के देखा तो वो सर्कल से कुछ दूरी पे गिरा पड़ा था और उठने की कोशिश कर रहा था.

में-ली कहाँ हो यार इसने हमला स्टार्ट कर दिया.

ली-तुम्हें टेन्षन लेने की ज़रूरत नही है जब तक तुम सर्कल में हो तुम बिल्कुल सेफ हो दुनिया की कोई ताक़त तुम्हारा कुछ नही कर सकती.

तब तक वो जानवर फिर खड़ा हो गया और अब वो बहुत गुस्से में लग रहा था और एक बार फिर उसने मेरी तरफ दौड़ लगा दी और जैसे ही वो सर्कल के पास पहुँचा सर्कल एक बार फिर आक्टिव हो गया पर इस टाइम उस में से गोल्डन रोशनी निकल रही थी और वो पूरे सर्कल के चारो तरफ किसी बेमॅंडर (तेज़ हवा जो एक ही जगह गोल गोल घूमती है) की तरह घूमने लगी जैसे ही उस ने उस रोशनी को टच किया वो एक बार फिर दूर जा गिरा इस बार उसने उठने में देर नही की और फिर से उठ के खड़ा हो गया और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगा .और फिर
एक दम से अपने चेहरे पे एक कातिल मुस्कान ला के मेरे को देखने लगा और फिर उस ने भी कुछ अजीब भासा में कुछ कहा और वो एक से दस में बदल गया वो भी मेरे देखते देखते ही ऐसा लगा जैसे कि वो सब उस ही के रूप है.अब हालत ये थे कि वो अब दस के रूप में था
और सभी एक जैसे डरावने थे मुझे भी उसके कातिल मुस्कान का मतलब समझ में आ गया था उस की ताक़त अब दस गुना बढ़ गयी थी जो मेरे लिए बिल्कुल भी अच्छी बात नही थी.
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अब हालत ये थे कि वो अब दस के रूप में था और सभी एक जैसे डरावने थे मुझे भी उसकी कातिल मुस्कान का मतलब समझ में आ गया था
उस की ताक़त अब दस गुना बढ़ गयी थी जो मेरे लिए बिल्कुल भी अच्छी बात नही थी.

वो सब अब चारो तरफ से पूरी स्पीड में मेरी तरफ बढ़ने लगे और जल्द ही मेरे करीब भी पहुँच गये पर सर्किल एक बार फिर आक्टिव था और वो उन सब को मुझ तक पहुँचने से रोक रहा था पर अब एक नयी बात मैने नोट की की वो जब भी मुझे पे हमला करता है उसके बाद सर्कल की रोशनी हर बार कुछ कम हो जाती है औट वो ताकतवर और जब मुझे इसका मतलब समझ में आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वो उस सर्किल को लगभग सारी रोशनी या ताक़त को ख़तम कर चुका था कैसे पता नही.अब मुझे अपनी मौत अपने सामने दिख रही थी एक बार फिर वो अपनी पूरी ताक़त से मेरी तरफ बढ़ने लगा और कुछ सेकेंड के बाद वो सर्कल के अंदर खड़ा था बिल्कुल मेरे सामने उस को ऐसे
अपने सामने देख कर मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था कि में क्या करे या ये कहूँ कि मेरे शरीर ने मेरा साथ छोड़ दिया तो ग़लत नही होगा अब मुझे बचने की कोई उम्मीद नही दिख रही थी.पर जैसे ही उस ने मेरी तरफ अपना हाथ बढ़ाया कि तभी वहाँ एक घूमता हुआ ब्लेड आया और उसके हाथ को उसके शरीर से अलग कर दिया ये सब इतनी जल्दी हुआ की किसी को कुछ समझ नही आया.हाथ काटने से वो कुछ कदम पीछे हुआ और फिर ऐसे गायब हो गया जैसे की कभी वो वहाँ था ही नही.तभी वहाँ ली भी आ गया.
 

Top