Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग (Completed)

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रवि मेरे कान में भाई लड़की तो मस्त है मेरी सेट्टिंग करवा दे कब तक ऐसे ही रहुगा.

में-भाई बहुत डेंजर भी है बाकी तू देख ले.

रवि-भाई तू उस की टेन्षन ना ले बस सेट्टिंग करवा दे .

में-चल ब्रेक टाइम में तेरी फ्रेंड्सशिप करवाता हूँ अब मूह बंद कर के क्लास चल…

फिर क्लास स्टार्ट हो गयी क्लास तो स्टार्ट हो गयी पर रवि शायद किसी और ही दुनिया में खोया हुआ था वो बस एक टक निशा को ही देख रहा था जैसे की उसके अलावा कोई है ही नही वहाँ.

में-भाई बस भी कर दे.अब तो मुझे भी शर्म आ रही है.

रवि-मैने क्या किया जो तुझे शर्म आ रही है .

में-भाई तू कब से निशा को घुरे जा रहा है अपनी ना सही कम से मेरी इज़्ज़त का तो ख़याल कर .

रवि-तेरे कहने का मतलब क्या है कि में**

में-बल्कुल सही समझा तू अब अगर तूने उसे एक बार और घूरा तो में तेरी फ्रेंड्सशिप नही करवाने वाला.

रवि-यार क्या करूँ वो है ही इतनी सुंदर .

फिर किसी तरह मैने उसे समझाया और क्लास कंटिन्यू करी .और इसी तरह ब्रेक टाइम तक हम दोनों में फिर कोई बात नही हुई और ब्रेक टाइम भी हो गया.

निशा-चलो कॅंटीन में चलते है वैसे भी मुझे तुम से कुछ बात करनी है.

में-चलो चलते है मुझे भी कुछ बात करनी है तुमसे.

रवि-मुझे भी.

निशा-क्या ?

रवि-मेरा मतलब है कि अजय से कुछ बात करनी है.(बच गया यार नही तो )

अब हम लोग कॅंटीन में चल दिए वहाँ तो एक अलग ही महॉल था किसी ने सही कहाँ है कि कॉलेज का असली मज़ा तो कॉलेज कॅंटीन में
ही है और जाहिर सी बात है कि कॉलेज कॅंटीन हो और वहाँ गर्ल्स और बाय्स हो और लफडा ना हो ऐसा कभी हो सकता है.

रवि-अजय देख वहाँ पे कुछ लड़के उन लड़कियों को परेशान कर रहे है.

में-तो तू रुका क्यूँ है जा उन की मदद कर और हीरो बन जा.

रवि-कमीने पागल समझा है क्या वो 5 है और में आकेला.

में-भाई किसी ने सही ही कहा है कि झुंड में तो कुत्ते शिकार करते है शेर अकेले ही शिकार करता है.

रवि-साले डिस्कवरी में भी देखता हूँ शेर (लाइयन)कभी शिकार नही करता वो तो बस राज करता है चल अब डायलॉग बंद कर और चल मेरे साथ.

निशा-डर लग रहा है रवि.

में-ऐसा बिल्कुल नही है ये अकेला ही दस पे भारी है वो वहाँ अभी 5 ही है ना इसलिए इसको शर्म आ रही है नही तो अभी तक तो वो बस समझ जाओ.

निशा-ऐसी बात है मुझे लगा कि मिस्टर.रवि को डर लग रहा है .

रवि-ऐसा कुछ नही है.

में-अच्छा अगर रवि ने उन सब को अकेले सबक सिखा दिया तो तुमको रवि के साथ डेट पे जाना होगा.

रवि-भाई क्या बोल रहा है .

में-तुझे नही जाना कोई नही में किसी दूसरे को ढूंढता हूँ

रवि-मैने मना कब किया में तो ये बोल रहा था कि निशा जी को कहीं बुरा लग गया तो.

में-तू उस की टेन्षन ना ले .तो निशा क्या बोलती हो.

निशा-ठीक है पर सोच लो एक बार और वो यहाँ के अच्छे स्टूडेंट में नही गिने जाते.

में-चल जा मेरे शेर अब तो तेरी पाँचो उंगलिया घी में और सिर कढ़ाई में है.

रवि-वो कैसे ?

में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.
 
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में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.

रवि-और अगर कहीं पासा उल्टा पड़ गया तो.

में-तो तू रुक में जाता हूँ.

रवि-तू रहने दे में ही जा रहा हूँ.

फिर रवि उन के पास चला गया और उन लड़को से बात करने लगा और उस ने तो कमाल ही कर दिया उन लड़को को पता नही क्या
बोला वो सभी लड़के उन लड़कियो से माफी माँगते हुए वहाँ से चले गये.\

निशा-मुझे बिलिव नही हो रहा ये सब हुआ कैसे.

में-मुझे क्या पता मुझे तो लगा था कि एक दो खा के वापस आएगा तब में हीरो की तरह एंट्री करूगा पर यहाँ तो उल्टा हो गया.

रवि उन दोनों लड़कियों को ले के हमारी टेबल पे आ गया.

रवि-गर्ल्स इन से मिलो ये है मेरा दोस्त अजय और ये है निशा.अजय ये है सिमरन और आरती.

सिमरन-हाँ हम जानते है हम ने वीडियो देखी थी इन की .

में-देखा में किसी सुपरस्टार की तरह फेमस हूँ.

रवि-बेटा अगर उस दिन में भी होता तो आज में भी फेमस होता.

निशा-हेलो फ्रेंड्स .

रवि-तो निशा कब फ्री है आप.

निशा-अभी तो मेरा शेड्यूल काफ़ी टाइट है नेक्स्ट ईयर देखते है.

मेरी तो हसी निकल गयी और में अपना पेट पकड़ के वही हँसने लगा .

सिमरन-किसी ने कोई जोक मारा क्या जो आप इतना हंस रहे है.क्यूँ कि मुझे हसी नही आ रही है.

में-नही किसी का यहाँ पे कचरा हो गया अभी अभी.

रवि-तू अपना मूह बंद कर नही तो में तेरा मूह तोड़ दूँगा समझा.

आरती-आप लोग कुछ लेंगे में अपने लिए स्नेक लेने जा रही हूँ.

में-हाँ में भी चलता हूँ आपको हेल्प मिल जाएगी आप सब के लिए अकेले नही ला पाएगी.

निशा-कोई ज़रूरत नही है में और सिमरन जाते है हेल्प के लिए तुम यही बैठो.

में-जैसी आप की मर्ज़ी.वो सब वहाँ से उठ के चल गये और अब वहाँ पे सिर्फ़ में और रवि ही थे.

में-तो भाई तूने उन सब को ऐसा क्या कह दिया कि वो सब इतना डर गये.

रवि-छोड़ ना वो ज़रूरी नही है .

में-देख सीधे तरह बता नही तो.

रवि-मैने उन को बस इतना ही बोला कि अभी कुछ दिन पहले जो कॉलेज साइट पे वीडियो था वो मेरे फ्रेंड् का था जो वहाँ उस टेबल पे बैठा है.

में-यानी कि तूने मुझे गुंडा बना दिया.

रवि-नही बस खुद को पिटने से बचा लिया बस.

में-मेरे साथ रहते हुए स्मार्ट हो गया है.

रवि-क्या फ़ायदा यार निशा ने तो साफ मना कर दिया .

में-मेरे पास एक आइडिया है जिस से तुम दोनों को काफ़ी टाइम मिल जाएगा .

रवि-बता ना यार फिर देर क्यूँ कर रहा है.
 
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में-मेरे पास एक आइडिया है जिस से तुम दोनों को काफ़ी टाइम मिल जाएगा .

रवि-बता ना यार फिर देर क्यूँ कर रहा है.

में-पहले ये बता कि मेरा क्या फ़ायदा होगा उस से.

रवि-तू जो भी बोले मुझे मंज़ूर है.

में-ठीक है फिर पूरे इस सेमिस्टर तू मेरे सभी असाइनमेंट तू पूरे करेगा .

रवि-ये कुछ ज़्यादा नही हो गया.

में-सोच ले मुझे कोई जल्दी नही है.

रवि-ठीक है तू भी तो कभी फसेगा मेरे चुंगल में तब बताता हूँ तुझे.

में-तो सुन कल में और गुड़िया और उसके कुछ फ्रेंड् जा रहे है घूमने के लिए कम से कम 3से 4 दिन का प्लान है तो में निशा को भी साथ
ले लेता हूँ और तू भी चल तुझे पूरा टाइम मिलेगा उसके साथ बस तू अपना जादू चला दिओ उस पे.

रवि-आइडिया तो अच्छा है पर क्या वो चलेगी.

में-तू उस की टेन्षन ना ले वो मेरा काम है उस को मनाने का तू रेडी है तो बोल.

में-में तो डबल रेडी हूँ.

तब तक वो सब भी आ गयी और हम ने ऐसे ही बात चीत करते हुए अपने स्नॅक ख़तम किए और अपने अपने लेक्चर अटेंड किए.

घर जाते हुए भी निशा मुझे कुछ बोलना चाह रही थी पर मैने उस को बोलने नही दिया क्यूँ कि में कोई रिस्क नही लेना चाहता था रवि को इसके पीछे लगाने का एक कारण ये भी था की इससे निशा का ध्यान मुझसे हट के कही और जाए .

में पार्किंग से अपनी बाइक निकाल रहा था कि किसी की गाड़ी फुल स्पीड में मेरे बिल्कुल पास से निकली और में अपनी बाइक के साथ
गिर पड़ा गाड़ी कुछ आगे जा के रुकी और उस में से प्रिया (दोस्तो ये कॉलेज वाली प्रिया है) निकली और हँसने लगी.

प्रिया-तुम्हारी औकात ही ये है अब पड़े रहो ज़मीन पर.

में-सही कहा प्रिया मेरी तो औकात ये ही है पर मुझे लगता है कि जो ज़मीन से जुड़े होते है आगे भी वो ही जाते है.

प्रिया-वो भी देख लेंगे .

में-क्या ऐसा कोई दिन आएगा जब में आप की ये बदसूरत से शकल देखे बिना भी अपने घर जा सकता हूँ.

प्रिया-क्या कहा तुम ने में तुम्हे जिंदा नही छोड़ने वाली.

तभी निशा आ गयी और उस ने प्रिया को पकड़ लिया मामले को बिगड़ता हुआ देख मैने दोनों को आलग किया और प्रिया को वापस भेज दिया जाते हुए भी प्रिया हम को देख लेने की धमकी देते हुए गयी.

में-यार निशा तुम्हारा ऐसा रूप तो मैने पहलीी बार देखा है कमाल है तुम तो बहुत ही ख़तरनाक हो यार अगर में टाइम पे नही आता तो तुम तो उसे जान से ही मार देती.

निशा-तुम ने समझ क्या रखा है अपने आपको कोई भी आता है और तुम को कुछ भी बोल के चला जाता है और तुम उसे कुछ नही
बोलते ऐसा क्यूँ तुम ऐसे क्यूँ हो.

में-क्यू कि में यहाँ पढ़ने आया हूँ और ये सब तो चलता रहता है .छोड़ो ये सब अपना मूड ठीक करो प्ल्ज़.

निशा-पर वो .

में-कुछ भी जस्ट रिलॅक्स बिल्कुल भी टेन्षन मत लो बस शांत रहो सब ठीक हो जाएगा.

निशा-ओके ठीक है.

में-अब ये बताओ कि तुम यहाँ क्या कर रही हो.

निशा-वो मेरी गाड़ी खराब हो गयी है तो क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे प्ल्ज़.

में-ओके चलो बैठो और मैं उस को उसके घर छोड़ने के लिए घर चला गया जहाँ कि एक नया ड्रामा मेरा इंतज़ार कर रहा था ……….
 
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घर पे पहुँच के में मॉम को ढूँढने लगा मॉम अपनी आदत के अनुसार किचन में ही मिली.

में-मॉम घर पे इतने नोकर होने के बावजूद आप मुझे हमेंशा किचन में ही क्यूँ मिलती है.

मॉम-इंडियनमाँ हूँ ना इसलिए हमेंशा अपने बच्चो और अपने परिवार को अपने हाथ से बना खाना खिलाना पसंद करती हूँ जिस वजह से तुझे में हमेंशा किचन में मिलती हूँ .और है ही क्या करने के लिए मेरे लिए बाकी सारा काम तो नोकर कर ही देते है अगर ये भी नोकर कर लेंगे तो में पागल हो जाउन्गी.

में-ओके मैने पूछ के ही ग़लती कर दी चलो आप से मुझे कुछ बात करनी है गुड़िया आ गयी स्कूल से .

मॉम-नही ड्राइवर ने फोन किया था कि वो रानी के घर जा रही है किसी काम से बस कुछ देर में आती ही होगी.

में-गुड और आज कोई आने वाला है क्या .

मॉम-नही तो तुझे ऐसा क्यूँ लग रहा है.

में-नही वो गुड़िया बता रही थी कि अमृता दी आ रही है उस को ले जाने के लिए.

मॉम-ओह हाँ में तुझे बताना भूल गयी अमृता इसे जब भी इसकी छुट्टियाँ पड़ती है तो अपने साथ ले जाती है तो कल से इसकी एक वीक
की छुट्टियाँ है तो वो उस को ले जाने के लिए आ रही है.

में-पर मॉम गुड़िया को उन के साथ रहना पसंद नही.

मॉम-मुझे पता है.

में-फिर आप उसे क्यूँ जाने देती हो.

मॉम-क्यूँ कि उसके लिए अमृता ही ठीक है नही तो मेरी कोई बात मानती ही कहाँ है वो पहले बस पूरे दिन भर अपने रूम में पड़ी रहती थी ना किसी से बात करना ना कुछ और इसको देख के ऐसा लगता था कि ये लड़की बस जिंदगी को किसी सज़ा की तरह काट रही है
तब अमृता ने इसे संभाला कुछ प्यार से और कुछ डाँट से .

में-समझ गया मुझे लगा ही था ओके पर अब में आ गया हूँ ना अब से में उस का पूरा ध्यान रखुगा आप टेन्षन ना लें.

मॉम-मुझे पता है .

में-मॉम वो में सोच रहा था कि कही एक हॉलिडे पे गुड़िया को कही की सैर करा लाऊ .

मॉम-ये तो अच्छी बात है .

में-तो मॉम आप ने मुझे पार्मिशन दे दी.

मॉम-इसमें पार्मिशन की क्या ज़रूरत है.

में-क्यूँ नही है आपके बच्चे है हम आपको पता होना चाहिए कि हम कहाँ है क्या कर रहे है आप का हक़ बनता है .

मॉम-सच में मैं तुझ जैसा बेटा पा के धन्य हो गयी .तेरी मामी ने सच में तुझे बहुत ही अच्छी परवरिश दी है शायद में भी इतनी अच्छी परवरिश नही दे सकती थी.

में-अब आप ये सब ले के मत बैठ जाना प्ल्ज़.में जैसा भी हूँ बस आप लोगो के प्यार और आशीर्वाद की वजह से हूँ अब मुझे बहुत भूक लगी है कुछ खाने को मिल जाता तो मज़ा ही आ जाता.

मॉम-चुप कर नौटंकीबाज तू बैठ में अभी लाती हूँ आज मैने तेरी पसंद के छोले चावल बनाए है तुझे पसंद है ना.

में-बहुत पसंद है जल्दी ले के आइए और प्ल्ज़ थोड़े ज़्यादा लाईएगा.
 
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मॉम खाना लेने को चली गयी कि तभी अमृता दी की एंट्री हुई.में सच में क्या किस्मत पाई है मैने साला सारी जिंदगी ही ससपेन्स में है और मेरे भाई लोग बोलते है कि मैने ससपेन्स बना रखा है अब आप लोग ही बताओ कि अगर अमृता दी 02 मीं पहले आ जाती तो उन का क्या बिगड़ जाता .

अमृता दी-तुम यहाँ क्या कर रहे हो बैठे तो ऐसे हो जैसे कि मालिक हो इस घर के.

में-हाँ अब हूँ मुझे गोद ले लिया है मिस्टर.गुप्ता यानी कि मेरे डॅड ने और आप कौन है .

अमृता-क्या बकवास है ये ये तुम्हें बहुत भारी पड़ेगा.

में-हल्की चीज़ो का मुझे शॉक भी नही है.अगर आपको विश्वास नही हो रहा तो अभी विश्वास दिला देता हूँ. मॉम खाना लाने में और कितना टाइम लगेगा.

मॉम-(किचन से ही) बस ला रही हूँ दो मिनट रुक जा .

में-अब तो विश्वास हो गया की और कोई डाउट है.

अमृता दी-ये सब हो क्या रहा है मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा.

मॉम-अरे अमृता तुम कब आई आओ बैठो

अमृता दी-ये सब क्या है आंटी आप ने इसे गोद ले लिया और किसी को बताया भी नही और वो भी एक नौकर को.

मॉम-ये क्या बकवास है अमृता उस दिन अजय ने तुम को नाश्ता क्या सर्व कर दिया तुम ने इसे नोकर बना दिया शर्म आनी चाहिए तुम्हें
ये तुम्हारा छोटा भाई है.

में-दीदी जी नमस्ते.

अमृता दी-पर आंटी अभी अभी तो इसने कहा कि आप ने और अंकल ने इसे गोद लिया है.और उस दिन भी इसने मुझसे ये ही कहा था
कि पार्टी के तैयारियों के लिए आया है .

मॉम-में बिल्कुल तेरी बात से सहमत हूँ इस ने कहा होगा ऐसा बहुत ही नौटंकी बाज और शैतान है ये.
ये अजय है जो अपने मामा मामी के साथ बाहर रहता था कुछ दिन पहले ही इंडिया आया है अब यही रह के अपनी आगे की स्टडी करेगा.
तू रुक तुझे में अभी बताती हूँ तूने मुझे बुद्धू बनाया ना.और दी मुझे सोफे के कुशन से मारने लगी और में बचने के लिए मॉम के पीछे छुप गया जब दी थक गयी तो उन्होने अपनी हार मानते हुए अपने हथियार डाल दिए.मैने मोका देख के उन को पीछे से गले लगा लिया और वो मेरे सिर पे हाथ फेरने लगी.

में-मॉम अमृता दी मुझसे बड़ी है या सेम एज की है में काफ़ी कॅनफ्यूज़ हूँ.

मॉम-बड़ी है 6 मंत्स.

में-मर गया अब तो .

अमृता दी-और नही तो क्या चल अपना समान पॅक कर और गुड़िया के साथ तू भी चल रहा है मेरे साथ.

में-कोई कही नही जा रहा हमारा कुछ और प्लान है.

अमृता दी-क्या प्लान है कोई प्लान नही .

में-अब कुछ नही हो सकता मैने सब को बोल दिया है और हम घूमने जा रहे है अगर आप चाहे तो आप भी हमारे साथ चल सकती है.

गुड़िया -नही दी नही जाएगी .

में-तू कब आई तुझे तो मैने देखा ही नही.

गुड़िया -बस अभी ही आई हूँ और प्ल्ज़ भाई दी को मत लेके जाओ ना.

में-तू टेन्षन ना ले तेरा बदला भी तो लेना है साथ में सबक सिखाना दी को वहाँ.

अमृता दी-क्या खुसुर फुसुर हो रही है तुम दोनों में.

में-कुछ नही आप चल रही है ना.

अमृता दी-पता नही मॉम से पूछना पड़ेगा.

में-वो मॉम पूछ लेगी क्यूँ मॉम.

मॉम-ओके चल में बात कर लूँगी तू भी तैयारी कर ले.

अमृता दी-पर मेरे पास मेरा समान नही है.

में-तो क्या हुआ चल के शॉपिंग कर लेते है वैसे भी मुझे और मेरी प्रिंसेज़ को तो शॉपिंग करनी ही है.

गुड़िया -और नही तो क्या आपको चलना है तो आप भी चल सकती है.

अमृता दी-देखो कैसे भाई के आने से चींटी के भी पर निकल आए है तुझे तो में बाद में देख लूँगी.

में-ऐसा कुछ नही है.

गुड़िया -बिल्कुल है अब आप मेरा कुछ नही कर सकती अब मुझे बचाने वाला आ गया .

में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.

गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...

में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.
 
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में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.

गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...

में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.

गुड़िया -तब ठीक है

अमृता दी-कब चलना है शॉपिंग पे.

में-बस कुछ देर में चलते है रवि और जिया दी को भी बुला लेता हूँ अच्छा रहे गा.

अमृता दी-वैसे कहाँ जा रहे है हम.

में-वो स्पेशल लोगो को ही पता है और आप स्पेशल लोगो में नही आते तो वेट आंड वॉच.

गुड़िया धीरे से मेरे कान में मुझे तो बता दो में तो स्पेशल हूँ.

में-मुझे क्या पता प्लान तो तेरा था तुझे पता होना चाहिए कि कहाँ जाना है.

गुड़िया -हे भगवान क्या सारा काम इस छोटी सी बच्ची से ही करवाओगे कुछ खुद भी कर लो.

में-अच्छा कुछ ज़्यादा नही हो रहा.

गुड़िया -कम की हमें आदत नही है.हम अपने रूम में आराम करने जा रहे है जब हम वापस आए तो हमें हमारे सवाल के जबाब मिल जाने चाहिए.

में-तू रुक तुझे बताता हूँ में.

पर वो भाग के अपने रूम में पहुँच गयी उस का रूम नीचे होने का एक ये फ़ायदा भी था वापस आ के सबसे पहले इसका रूम उपर
सेट करवाता हूँ तब बात बनेगी नही तो ये तो हमेंशा ही बच जाएगी.

मैं-- दी आप भी आराम कर लें जब जाना होगा में आप की बता दूँगा और में भी आराम करने चला गया .**

में अभी अपने कमरे में पहुँचा ही था कि रवि का कॉल आ गया.

में-देख अगर आरजेंट ना हो तो बाद में बात करते है मुझे अभी सोना है.

रवि-कमीने मेरी नीद उड़ा के तुझे सोने की पड़ी है .तूने निशा से बात की या नही.

में-अभी नही में कर लूँगा.

रवि-अभी कर में 5 मिनट बाद दुबारा कॉल कर रहा हूँ और मुझे गुड न्यूज़ ही चाहिए नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.(और कमिने ने फोन काट दिया.)

मैं- यार कसम से क्या दिन आ गये है यार मेरे कोई भी धमकी दे देता है आज कल.और मैने निशा को कॉल मिलाया और कमाल की बात कि दो रिंग में ही फोन पिक हो गया जैसे कि मेरे ही फोन का वेट कर रही हो.
 
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निशा-क्या बात है आज हमारी याद कैसे आ गयी.

में-याद आई नही तुम ने मजबूर किया.

निशा-क्या सच में मुझे तो लगा था कि…

में-वो हेलो मिस तुम कुछ और सोचो उस से पहले ही क्लियर कर दूं कि अभी अभी रवि का कॉल आया था और वो कोई ट्रिप प्लान कर रहा है ऑल फ्रेंड्स+फॅमिली तो तुम को भी इन्वाइट किया है वैसे भी तुमारा प्रॉमिस बाकी है डेट का तो क्या कहती हो ओके है.

निशा-तुम हो ट्रिप में या नही.

में-मेरे से तुम्हे क्या लेना है.वैसे बता दूं कि में उस का भाई और दोस्त दोनों हूँ तो जाहिर से बात है कि मेरा होना तो तय है.

निशा-ओके डन में भी चल रही हूँ.कब चलना है और कितनी दिन का ट्रिप है.

में-कल निकलना है और शायद तीन से चार दिन का ट्रिप है.

निशा-ये तो बता दो कि कहाँ का ट्रिप है .

में-में अब कुछ नही बताने वाला या तो तुम खुद उसे कॉल कर लो या आज शाम को सिटी माल में मिल के उस से पता कर लो हम
सब शॉपिंग के लिए आज सिटी माल में मिलने वाले है.

निशा-ओके तो शाम को मिलते है.

में-ठीक है बाद में बात करते है ओके बाइ.

और मैने फोन काट कर दिया .और कोई 1मिनट बाद ही रवि का फोन आ गया उस को सब बात बता के फोन रख के थोड़ा आराम करने की कोशिश करने लगा.फिर पता ही नही चला कि मेरी आख कब लग गयी मुझे तो जब होश आया जब मुझे कोई हिला के उठा रहा था.मैने बड़ी मेहनत से अपनी आखे खोल के देखा तो गुड़िया मुझे उठा रही थी आज लाइफ में पहली बार मुझे किसी ने बिना पानी के उठाया
था मैने सोचा कि में सपना देख रहा हूँ और में फिर से सोने लगा .तभी कोई मेरे लेफ्ट कान को काटने लगा तब मुझे याद आया कि यार
सपने में दर्द नही होता इसका मतलब ये रियल है और दोस्तो क्या बताऊ क्या चीख निकली मेरी दर्द के मारे की में बता नही सकता.

में-तू रुक कोई ऐसे भी जागता है इससे तो अच्छा पानी ही डाल देती.

गुड़िया -तो में क्या करती पिछले 15 मिनट से उठा रही हूँ और वैसे भी पानी का आइडिया पुराना है.

में-तू रुक तुझे अभी बताता हूँ.

गुड़िया -अगर मुझे कुछ किया ना तो में चिल्ला दूँगी और जिया दी नीचे ही है फिर आपको कौन बचाएगा आप का तो कोई बड़ा भाई भी नही है मेरी तरह.

में-वाह मेरी बिल्ली मुझी से म्याऊ कोई नही हर बिल्ले यानी की इनसेन का वक़्त आता है तुझे तो में छोड़ने वाला नही हूँ.

गुड़िया -में छोड़ने भी नही दूँगी.

और मेरे गले लग गयी और पता नही कैसे पर मेरा झूठा ही सही पर जो गुस्सा था उस पे वो ऐसे गायब हो गया जैसे कि मेरे स्टोरी से
कुछ रिडर्स गायब हो गये है.

में-तुझे छोड़ के इस जनम में तो नही जाउन्गा तू टेन्षन ना ले चल ये बता इतनी मेहनत क्यूँ की.

गुड़िया -मेहनत मैने कहाँ क़ी.

में-मेरा मतलब कि मुझे क्यूँ उठाया.

गुड़िया -सब आप का नीचे वेट कर रहे है शॉपिंग पे नही चलना क्या .

में-तू चल में बस 5 मिंट में आया.और में बाथरूम में चला गया और फ्रेश होने के साथ ही जबरदस्त बाथ ले के वापस अपने कमरे में आ गया अब प्रॉब्लम ये थी कि में पहनु क्या आज पहली बार में गुड़िया के साथ शॉपिंग पे जा रहा था तो स्पेशल तो लगना ही था ना तभी मुझे नैना दी की दी हुई ड्रेस की याद आई और मैं अपने बॅग में उसे ढूँढने लगा.यहाँ आने के बाद मैने अब तक अपना बॅग भी नही खोला था और आज जब खोला तो उस में मुझे शेली का दिया हुआ वो गिफ्ट दिखाई दिया जो उस ने मुझे आते हुए दिया था पर आज टाइम ना होने के कारण मुझे फिर उसे वापिश रखना पड़ा और ड्रेस निकाल के तैयार होने लगा कोई 30 मिनट लगे मुझे तैयार होने में मुझे और झूठ नही बोलुगा आज कसम से किसी हॉलीवुड हीरो से कम नही लग रहा था बस एक ही प्रॉब्लम थी मेरी शॉवलेशस के जो मुझे आज भी बांधनी नही आती थी यहाँ तो नैना दी या मामी बाँध दिया करती थी यहाँ किस से बोलू ये ही समझ नही आ रहा था .की तभी रवि मेरे कमरे में आया .
 
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में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.

गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...

में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.

गुड़िया -तब ठीक है

अमृता दी-कब चलना है शॉपिंग पे.

में-बस कुछ देर में चलते है रवि और जिया दी को भी बुला लेता हूँ अच्छा रहे गा.

अमृता दी-वैसे कहाँ जा रहे है हम.

में-वो स्पेशल लोगो को ही पता है और आप स्पेशल लोगो में नही आते तो वेट आंड वॉच.

गुड़िया धीरे से मेरे कान में मुझे तो बता दो में तो स्पेशल हूँ.

में-मुझे क्या पता प्लान तो तेरा था तुझे पता होना चाहिए कि कहाँ जाना है.

गुड़िया -हे भगवान क्या सारा काम इस छोटी सी बच्ची से ही करवाओगे कुछ खुद भी कर लो.

में-अच्छा कुछ ज़्यादा नही हो रहा.

गुड़िया -कम की हमें आदत नही है.हम अपने रूम में आराम करने जा रहे है जब हम वापस आए तो हमें हमारे सवाल के जबाब मिल जाने चाहिए.

में-तू रुक तुझे बताता हूँ में.

पर वो भाग के अपने रूम में पहुँच गयी उस का रूम नीचे होने का एक ये फ़ायदा भी था वापस आ के सबसे पहले इसका रूम उपर
सेट करवाता हूँ तब बात बनेगी नही तो ये तो हमेंशा ही बच जाएगी.

मैं-- दी आप भी आराम कर लें जब जाना होगा में आप की बता दूँगा और में भी आराम करने चला गया .**

में अभी अपने कमरे में पहुँचा ही था कि रवि का कॉल आ गया.

में-देख अगर आरजेंट ना हो तो बाद में बात करते है मुझे अभी सोना है.

रवि-कमीने मेरी नीद उड़ा के तुझे सोने की पड़ी है .तूने निशा से बात की या नही.

में-अभी नही में कर लूँगा.

रवि-अभी कर में 5 मिनट बाद दुबारा कॉल कर रहा हूँ और मुझे गुड न्यूज़ ही चाहिए नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.(और कमिने ने फोन काट दिया.)

मैं- यार कसम से क्या दिन आ गये है यार मेरे कोई भी धमकी दे देता है आज कल.और मैने निशा को कॉल मिलाया और कमाल की बात कि दो रिंग में ही फोन पिक हो गया जैसे कि मेरे ही फोन का वेट कर रही हो.

निशा-क्या बात है आज हमारी याद कैसे आ गयी.

में-याद आई नही तुम ने मजबूर किया.

निशा-क्या सच में मुझे तो लगा था कि…

में-वो हेलो मिस तुम कुछ और सोचो उस से पहले ही क्लियर कर दूं कि अभी अभी रवि का कॉल आया था और वो कोई ट्रिप प्लान कर रहा है ऑल फ्रेंड्स+फॅमिली तो तुम को भी इन्वाइट किया है वैसे भी तुमारा प्रॉमिस बाकी है डेट का तो क्या कहती हो ओके है.

निशा-तुम हो ट्रिप में या नही.

में-मेरे से तुम्हे क्या लेना है.वैसे बता दूं कि में उस का भाई और दोस्त दोनों हूँ तो जाहिर से बात है कि मेरा होना तो तय है.

निशा-ओके डन में भी चल रही हूँ.कब चलना है और कितनी दिन का ट्रिप है.

में-कल निकलना है और शायद तीन से चार दिन का ट्रिप है.

निशा-ये तो बता दो कि कहाँ का ट्रिप है .

में-में अब कुछ नही बताने वाला या तो तुम खुद उसे कॉल कर लो या आज शाम को सिटी माल में मिल के उस से पता कर लो हम
सब शॉपिंग के लिए आज सिटी माल में मिलने वाले है.

निशा-ओके तो शाम को मिलते है.

में-ठीक है बाद में बात करते है ओके बाइ.
 
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और मैने फोन काट कर दिया .और कोई 1मिनट बाद ही रवि का फोन आ गया उस को सब बात बता के फोन रख के थोड़ा आराम करने की कोशिश करने लगा.फिर पता ही नही चला कि मेरी आख कब लग गयी मुझे तो जब होश आया जब मुझे कोई हिला के उठा रहा था.मैने बड़ी मेहनत से अपनी आखे खोल के देखा तो गुड़िया मुझे उठा रही थी आज लाइफ में पहली बार मुझे किसी ने बिना पानी के उठाया
था मैने सोचा कि में सपना देख रहा हूँ और में फिर से सोने लगा .तभी कोई मेरे लेफ्ट कान को काटने लगा तब मुझे याद आया कि यार
सपने में दर्द नही होता इसका मतलब ये रियल है और दोस्तो क्या बताऊ क्या चीख निकली मेरी दर्द के मारे की में बता नही सकता.

में-तू रुक कोई ऐसे भी जागता है इससे तो अच्छा पानी ही डाल देती.

गुड़िया -तो में क्या करती पिछले 15 मिनट से उठा रही हूँ और वैसे भी पानी का आइडिया पुराना है.

में-तू रुक तुझे अभी बताता हूँ.

गुड़िया -अगर मुझे कुछ किया ना तो में चिल्ला दूँगी और जिया दी नीचे ही है फिर आपको कौन बचाएगा आप का तो कोई बड़ा भाई भी नही है मेरी तरह.

में-वाह मेरी बिल्ली मुझी से म्याऊ कोई नही हर बिल्ले यानी की इनसेन का वक़्त आता है तुझे तो में छोड़ने वाला नही हूँ.

गुड़िया -में छोड़ने भी नही दूँगी.

और मेरे गले लग गयी और पता नही कैसे पर मेरा झूठा ही सही पर जो गुस्सा था उस पे वो ऐसे गायब हो गया जैसे कि मेरे स्टोरी से
कुछ रिडर्स गायब हो गये है.

में-तुझे छोड़ के इस जनम में तो नही जाउन्गा तू टेन्षन ना ले चल ये बता इतनी मेहनत क्यूँ की.

गुड़िया -मेहनत मैने कहाँ क़ी.

में-मेरा मतलब कि मुझे क्यूँ उठाया.

गुड़िया -सब आप का नीचे वेट कर रहे है शॉपिंग पे नही चलना क्या .

में-तू चल में बस 5 मिंट में आया.और में बाथरूम में चला गया और फ्रेश होने के साथ ही जबरदस्त बाथ ले के वापस अपने कमरे में आ गया अब प्रॉब्लम ये थी कि में पहनु क्या आज पहली बार में गुड़िया के साथ शॉपिंग पे जा रहा था तो स्पेशल तो लगना ही था ना तभी मुझे नैना दी की दी हुई ड्रेस की याद आई और मैं अपने बॅग में उसे ढूँढने लगा.यहाँ आने के बाद मैने अब तक अपना बॅग भी नही खोला था और आज जब खोला तो उस में मुझे शेली का दिया हुआ वो गिफ्ट दिखाई दिया जो उस ने मुझे आते हुए दिया था पर आज टाइम ना होने के कारण मुझे फिर उसे वापिश रखना पड़ा और ड्रेस निकाल के तैयार होने लगा कोई 30 मिनट लगे मुझे तैयार होने में मुझे और झूठ नही बोलुगा आज कसम से किसी हॉलीवुड हीरो से कम नही लग रहा था बस एक ही प्रॉब्लम थी मेरी शॉवलेशस के जो मुझे आज भी बांधनी नही आती थी यहाँ तो नैना दी या मामी बाँध दिया करती थी यहाँ किस से बोलू ये ही समझ नही आ रहा था .की तभी रवि मेरे कमरे में आया .

रवि-अबे क्या लग रहा है मस्त लगा रहा है यार आज तो दिल कर रहा है कि में ही तुझे प्रपोज कर दूं.

में-जल्दी कर वैसे भी मुझे इस टाइम एक गर्लफ्रेंड की सख़्त ज़रूरत है.

रवि-ऐसा क्या हो गया कमीने जो तुझे आज एकदम से गर्लफ्रेंड की ज़रूरत पड़ने लगी.

में-ये देख(और अपना पैर उस को दिखाते हुए).

रवि-तुझे अभी तक शोलेस बांधनी नही आती अब आएगा मज़ा.

में-चुप चाप से बाँध दे नही तो निशा को भूल जा.

रवि-तो में भी सब को बता दूँगा कि तुझे शोलेस बांधनी नही आती.

में-यार तू तो बुरा मान गया.यार में तो ये कह रहा था कि निशा तेरा इंतज़ार कर रही होगी माल में उस को ज़्यादा इंतज़ार करवाना अच्छा नही होगा.

रवि-चल तू भी क्या याद करेगा .

और फिर उस ने किसी तरह मेरे शोलेस बाँध दिए.मैने सोचा कि साला अब इस प्रॉब्लम से निजात पाना बहुत ज़रूरी हो गया नही तो ये
तो अपना कलपद कर वा देगा कही भी और जब इस जैसे दोस्त हो तो चान्स काफ़ी ब्राइट है हमारे कलपद होने के.

फिर हम नीचे चले गये यहाँ सब मुझे ऐसे मूह फाड़ के देखने लगे जैसे कि किसी ने कभी मुझे देखा ही नही हो.

में-सभी ऐसे क्या देख रहे हो मुझे पता है में अच्छा नही लग रहा पर ऐसे देख के मुझे अंबेरसिंग फील तो मत कर्वाओ.

अमृता-तुझे ऐसा किस ने कह दिया कसम से आज तो पता नही कितनी लड़किया तुझे पे मर मिटेंगे.

में-पर रवि तो बोल रहा था कि ये ड्रेस बिल्कुल भी अच्छा नही है.

रवि-भाई मैने कब बोला.

जिया दी-ये तो पागल है तू सच में बहुत स्मार्ट लग रहा है तू मेरे साथ रह्न नही तो कही ऐसा ना हो कि हमें पता ही ना चले और कोई और उड़ा के ले जाए हमारे हीरो को.

में-आप बिल्कुल भी टेन्षन ना ले ऐसा कुछ भी नही होने वाला और में तो सिर्फ़ अपने आंगल के ही साथ रहुगा.

गुड़िया -हाँ बिल्कुल भाई सिर्फ़ मेरे साथ ही रहे गे.

और हम सब उस की बात को सुन के हँसने लगे पहले तो उस को कुछ समझ नही आया पर जब समझ में आया तो वो भी हँसने लगी.

गुड़िया -आप बहुत बुरे हो.आप ने मुझे एंजल से आंगल बना दिया.

जिया दी-चलो भी अब लेट नही हो रहे .

रवि-आज तो में BMW ले के जाउन्गा और अगर तूने कुछ कहा तो उस की डिकी खाली पड़ी है.

में-में क्यूँ कुछ कहने लगा में तो खुद भी अपनी आंगल के साथ ओह सॉरी एंजल के साथ जाउन्गा.

गुड़िया -अगर एक बार और मुझे आप ने आंगल बोला ना तो में आप से बात नही करने वाली.

जिया--ओये अब चल भी लेट हो रहे है चूहे बिल्ली का खेल अभी बाकी है.

में-चलो भी में तो कब से तैयार हूँ तुम लोग ही लेट कर रहे हो.फिर हम लोग पार्किंग एरिया में आ गये और वहाँ से जिस को जो गाड़ी पसंद आई वो ले के जाने लगा.अब हालत कुछ ऐसी थी कि अमृता दी और जिया दी एक कार में रवि अकेला अपने कार में और में और
गुड़िया एक कार में और निकल पड़े अपनी मंज़िल की और.
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निशा-यार कहाँ रह गये ये सब अभी तक आए क्यूँ नही.कसम से अगर नही आया या उस ने मज़ाक किया होगा ना तो वो गया में उस
को छोड़ने वाली नही हूँ फोन भी नही उठा रहा.रवि को कॉल करू पर अगर उस को कॉल किया तो कही वो पीछे ही ना पड़ जाए यार .
अभी निशा अपने ख़यालो में ही खोई हुई थी की हम सब उसके पास पहुँच गये और उस को घर के खड़े हो गये.

में-किस के ख़यालो में खोई हो .

अमृता-कमाल का सर्प्राइज़ है तुम जानते हो इसे.

रवि-ये हमारी कॉलेज फ्रेंड् है.

निशा-में तुम लोगो के बारे में ही सोच रही थी.अमृता तू इन के साथ क्या कर रही है.

में-सब बातें बाद में कर लेना या शॉपिंग के साथ कर लेना अभी चलो यहाँ से नही तो सभी हम को देख रहे है.

निशा-हम सब को नही तुमे देख रहे है वैसे कमाल के लग रहे हो आज तो कोई खास बात.

गुड़िया -आपको मतलब आप अपना काम करे.

जिया दी-गुड़िया ये क्या है कोई ऐसे बात करता है क्या किसी से वो दोस्त है अजय की.

गुड़िया -सॉरी दी.

में-कोई बात नही चलो शिपिंग करते है.

सब आगे जाने लगे तो रवि ने मुझे रोक लिया .भाई मेरा काम कब करेगा.

में-उस में क्या है जा के पकड़ ले में यही हूँ में बाद में आता हूँ.

रवि खुश हो गया और निशा के पास चल दिया.अब क्या करूँ में बोल तो दिया रवि को कि थोड़ी में आता हूँ पर क्या करूँ.
हेलो मिस्टर.अजय.

में-जी बोले क्या में आपको जानता हूँ.

अननोन-हाँ क्यूँ नही दोस्त है हम आपके दोस्त है.

में-पर मैने तो आपको आज से पहले कभी नही देखा.

अननोन-ज़रूरी नही कि जिस को तुम ने ना देखा हो उसे तुम जानते नही हो.

में-देखो मुझे अभी तुम से बात करने में कोई दिलचस्पी नही तो तुम जा सकते हो नही तो मुझसेसिक्योर्ती को बुलाना पड़ेगा.

अननोन-लगता है जॅक ने तुमे कुछ बताया नही हमारे बारे में.

में-तुम जॅक को कैसे जानते हो.जॅक का नाम लेने के बाद मैने उस को ठीक से देखा तो वो ६फीट का कोई डरावना आदमी था सब से जो अजीब चीज़ थी उस की वो थी उस की आखे उस में एक अजीब सी कसक थी दिखने में उस का रंग नीला था पर अगर कोई ध्यान से
देखे तो उन में उसे सिर्फ़ अंधेरा ही दिखेगा शकल भी बड़ी ही अजीब थी उस की ऐसा लग रहा था कि जैसे कि हर मिंट.उस का चेहरा किसी नयी शकल में तब्दील हो रहा है.

अननोन-वैसे तो में तुमे यहाँ लेने आया था पर लगता है कि तुम अभी तैयार नही हो.

में-मुझे नही पता कि तुम क्या बक रहे हो अगर तुम जॅक को जानते हो तो तब तो तुम्हे पता ही होगा कि वो क्या कर सकता है.(पर असल में मेरी फट के गुरुद्वारा हुआ पड़ा था)

अननोन-हाँ जॅक एक ए+फाइटर है नाम बहुत सुना है उस को मिलने की तमन्ना हम भी रखते है चलो उस से हेलो बोल देना मेरा बोल
देना कि स्लींट ने याद किया है और उसके लिए गिफ्ट है इस अड्रेस पे जा के ले ले.

और फिर मुझे वो एक अड्रेस दे के ऐसे गायब हो गया जैसे कि वो कभी वहाँ था ही नही .में अब तक इतना कुछ देख लिया था कि अब
मेरे लिए कुछ भी नामुमकिन नही रहा था नही तो मेरे लिए हार्टअटेक आना पक्का था जैसे वो यहाँ से गायब हुआ.
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