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रवि मेरे कान में भाई लड़की तो मस्त है मेरी सेट्टिंग करवा दे कब तक ऐसे ही रहुगा.
में-भाई बहुत डेंजर भी है बाकी तू देख ले.
रवि-भाई तू उस की टेन्षन ना ले बस सेट्टिंग करवा दे .
में-चल ब्रेक टाइम में तेरी फ्रेंड्सशिप करवाता हूँ अब मूह बंद कर के क्लास चल…
फिर क्लास स्टार्ट हो गयी क्लास तो स्टार्ट हो गयी पर रवि शायद किसी और ही दुनिया में खोया हुआ था वो बस एक टक निशा को ही देख रहा था जैसे की उसके अलावा कोई है ही नही वहाँ.
में-भाई बस भी कर दे.अब तो मुझे भी शर्म आ रही है.
रवि-मैने क्या किया जो तुझे शर्म आ रही है .
में-भाई तू कब से निशा को घुरे जा रहा है अपनी ना सही कम से मेरी इज़्ज़त का तो ख़याल कर .
रवि-तेरे कहने का मतलब क्या है कि में**
में-बल्कुल सही समझा तू अब अगर तूने उसे एक बार और घूरा तो में तेरी फ्रेंड्सशिप नही करवाने वाला.
रवि-यार क्या करूँ वो है ही इतनी सुंदर .
फिर किसी तरह मैने उसे समझाया और क्लास कंटिन्यू करी .और इसी तरह ब्रेक टाइम तक हम दोनों में फिर कोई बात नही हुई और ब्रेक टाइम भी हो गया.
निशा-चलो कॅंटीन में चलते है वैसे भी मुझे तुम से कुछ बात करनी है.
में-चलो चलते है मुझे भी कुछ बात करनी है तुमसे.
रवि-मुझे भी.
निशा-क्या ?
रवि-मेरा मतलब है कि अजय से कुछ बात करनी है.(बच गया यार नही तो )
अब हम लोग कॅंटीन में चल दिए वहाँ तो एक अलग ही महॉल था किसी ने सही कहाँ है कि कॉलेज का असली मज़ा तो कॉलेज कॅंटीन में
ही है और जाहिर सी बात है कि कॉलेज कॅंटीन हो और वहाँ गर्ल्स और बाय्स हो और लफडा ना हो ऐसा कभी हो सकता है.
रवि-अजय देख वहाँ पे कुछ लड़के उन लड़कियों को परेशान कर रहे है.
में-तो तू रुका क्यूँ है जा उन की मदद कर और हीरो बन जा.
रवि-कमीने पागल समझा है क्या वो 5 है और में आकेला.
में-भाई किसी ने सही ही कहा है कि झुंड में तो कुत्ते शिकार करते है शेर अकेले ही शिकार करता है.
रवि-साले डिस्कवरी में भी देखता हूँ शेर (लाइयन)कभी शिकार नही करता वो तो बस राज करता है चल अब डायलॉग बंद कर और चल मेरे साथ.
निशा-डर लग रहा है रवि.
में-ऐसा बिल्कुल नही है ये अकेला ही दस पे भारी है वो वहाँ अभी 5 ही है ना इसलिए इसको शर्म आ रही है नही तो अभी तक तो वो बस समझ जाओ.
निशा-ऐसी बात है मुझे लगा कि मिस्टर.रवि को डर लग रहा है .
रवि-ऐसा कुछ नही है.
में-अच्छा अगर रवि ने उन सब को अकेले सबक सिखा दिया तो तुमको रवि के साथ डेट पे जाना होगा.
रवि-भाई क्या बोल रहा है .
में-तुझे नही जाना कोई नही में किसी दूसरे को ढूंढता हूँ
रवि-मैने मना कब किया में तो ये बोल रहा था कि निशा जी को कहीं बुरा लग गया तो.
में-तू उस की टेन्षन ना ले .तो निशा क्या बोलती हो.
निशा-ठीक है पर सोच लो एक बार और वो यहाँ के अच्छे स्टूडेंट में नही गिने जाते.
में-चल जा मेरे शेर अब तो तेरी पाँचो उंगलिया घी में और सिर कढ़ाई में है.
रवि-वो कैसे ?
में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.
में-भाई बहुत डेंजर भी है बाकी तू देख ले.
रवि-भाई तू उस की टेन्षन ना ले बस सेट्टिंग करवा दे .
में-चल ब्रेक टाइम में तेरी फ्रेंड्सशिप करवाता हूँ अब मूह बंद कर के क्लास चल…
फिर क्लास स्टार्ट हो गयी क्लास तो स्टार्ट हो गयी पर रवि शायद किसी और ही दुनिया में खोया हुआ था वो बस एक टक निशा को ही देख रहा था जैसे की उसके अलावा कोई है ही नही वहाँ.
में-भाई बस भी कर दे.अब तो मुझे भी शर्म आ रही है.
रवि-मैने क्या किया जो तुझे शर्म आ रही है .
में-भाई तू कब से निशा को घुरे जा रहा है अपनी ना सही कम से मेरी इज़्ज़त का तो ख़याल कर .
रवि-तेरे कहने का मतलब क्या है कि में**
में-बल्कुल सही समझा तू अब अगर तूने उसे एक बार और घूरा तो में तेरी फ्रेंड्सशिप नही करवाने वाला.
रवि-यार क्या करूँ वो है ही इतनी सुंदर .
फिर किसी तरह मैने उसे समझाया और क्लास कंटिन्यू करी .और इसी तरह ब्रेक टाइम तक हम दोनों में फिर कोई बात नही हुई और ब्रेक टाइम भी हो गया.
निशा-चलो कॅंटीन में चलते है वैसे भी मुझे तुम से कुछ बात करनी है.
में-चलो चलते है मुझे भी कुछ बात करनी है तुमसे.
रवि-मुझे भी.
निशा-क्या ?
रवि-मेरा मतलब है कि अजय से कुछ बात करनी है.(बच गया यार नही तो )
अब हम लोग कॅंटीन में चल दिए वहाँ तो एक अलग ही महॉल था किसी ने सही कहाँ है कि कॉलेज का असली मज़ा तो कॉलेज कॅंटीन में
ही है और जाहिर सी बात है कि कॉलेज कॅंटीन हो और वहाँ गर्ल्स और बाय्स हो और लफडा ना हो ऐसा कभी हो सकता है.
रवि-अजय देख वहाँ पे कुछ लड़के उन लड़कियों को परेशान कर रहे है.
में-तो तू रुका क्यूँ है जा उन की मदद कर और हीरो बन जा.
रवि-कमीने पागल समझा है क्या वो 5 है और में आकेला.
में-भाई किसी ने सही ही कहा है कि झुंड में तो कुत्ते शिकार करते है शेर अकेले ही शिकार करता है.
रवि-साले डिस्कवरी में भी देखता हूँ शेर (लाइयन)कभी शिकार नही करता वो तो बस राज करता है चल अब डायलॉग बंद कर और चल मेरे साथ.
निशा-डर लग रहा है रवि.
में-ऐसा बिल्कुल नही है ये अकेला ही दस पे भारी है वो वहाँ अभी 5 ही है ना इसलिए इसको शर्म आ रही है नही तो अभी तक तो वो बस समझ जाओ.
निशा-ऐसी बात है मुझे लगा कि मिस्टर.रवि को डर लग रहा है .
रवि-ऐसा कुछ नही है.
में-अच्छा अगर रवि ने उन सब को अकेले सबक सिखा दिया तो तुमको रवि के साथ डेट पे जाना होगा.
रवि-भाई क्या बोल रहा है .
में-तुझे नही जाना कोई नही में किसी दूसरे को ढूंढता हूँ
रवि-मैने मना कब किया में तो ये बोल रहा था कि निशा जी को कहीं बुरा लग गया तो.
में-तू उस की टेन्षन ना ले .तो निशा क्या बोलती हो.
निशा-ठीक है पर सोच लो एक बार और वो यहाँ के अच्छे स्टूडेंट में नही गिने जाते.
में-चल जा मेरे शेर अब तो तेरी पाँचो उंगलिया घी में और सिर कढ़ाई में है.
रवि-वो कैसे ?
में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.