Fantasy काले जादू की दुनिया | Kale Jadu Ki Duniya

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:congrats: for new story

Aachi story aur badiya update Hai please update regular rakhna

Congratulations for new story

:congrats: for new story dost

:congrats: for new story.... superb ja rahi hai kahani..

Excellent update


:congrats: for new story thread.

Nice update. Iss update se hi kahani ka level pata chal raha hain ki yah ek dum dhashu hain.

Ek baat toh kahni hogi. Kahani mein ek alag sa flow hain. Jo padhne ko prarit karta hain. Sach mein maja aa raha hain.

Kya chudai hue hain. Yah lag raha tha ki yah sab mein hi kar raha hun. Awesome story hain bhai.

Bhai ek request hain agar kuch pics and gif add kardo toh kahani ke 4 chaand lag jaaege.

Ab dekhte hain aage kya hota hain aur kis kis ki lee jaati hain. Superb story bhai. Waiting for next

:congrats: for new story

Nice story brother


Next Update Posted....
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Next Update Next Day :blobcool: ....
 
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Mast update tha bhai. Andaja hi nahi tha itna achcha plot ho sakta hai story ka .ek ek word chun ke piroya gaya hai.
 
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काले जादू की दुनिया | Kale Jadu Ki Duniya | Part 5

उसकी पलको पर भी आँसू छलक आए. उसे अचानक अपनी माँ की याद आ गयी. उसके पापा तो बचपन मे ही उसका साथ छोड़ कर चले गये थे, पर बारह साल पहले जब वो खुद बारह साल का था तब उसकी माँ भी उसे और उसकी उस समय 9 साल की छोटी बहन काजल को छोड़ कर ना जाने कहाँ गायब हो गयी.

अर्जुन के कान समाज के ताने सुन सुन कर पक गये कि उसकी माँ एक बदचलन औरत थी क्यूकी उस जमाने मे किसी औरत के ऐसे अचानक गायब हो जाने पर सब उसे गंदी निगाहो से देखते थे.

पैसो की कोई कमी नही थी अर्जुन के पास और ना ही कोई रिश्तेदार थे उसके. थी तो बस उसकी प्यारी सी छोटी बहन काजल जिसे वो अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करता था. वो एक बहुत बड़ी कन्स्ट्रक्षन कंपनी मे सीनियर सिविल इंजिनियर था और उसकी बेहन काजल लॉ स्कूल मे वकालत पढ़ रही थी.

शायद माँ बाप की कमी होने के वजह से ही अर्जुन इतना बिगड़ गया था, पर आज भी उसका दिल बहुत सॉफ था. उसे अंत तक यही लग रहा था कि बाकी लड़कियो की तरह सलमा नाटक कर रही है और आख़िर मे वो भी सब की तरह सेक्स एंजाय करेगी, पर उसका सोचना ग़लत साबित हुआ. आज तक उसकी लाइफ मे हमेशा मतलबी लड़किया ही आई थी जिन्हे पैसो के लिए बिस्तर गरम करना पड़े तो वो वह भी कर सकती थी. इसी कौतूहल मे शायद अर्जुन ने एक सच्चे प्यार को खो दिया था.

“तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...” उसके कानो मे अभी भी सलमा की कही हुई यह बात गूँज रही थी जो सीधे उसके दिल को छल्नी कर रही थी.

“ओह माइ गॉड...यह मैने वासना के नशे मे क्या कर दिया...मुझे सलमा के साथ ऐसा नही करना चाहिए था.” कहते हुए अर्जुन तुरंत उठा और अपना घर के बाहर झाँका इस उम्मीद मे कि शायद उसे सलमा दिखाई दे जाए, पर उसे सलमा दूर दूर तक नही दिखाई दे रही थी, दिखाई दे रहा था तो बस अंधेरे की वो काली चादर जो आसपास फैली हुई थी.

“कोई बात नही कल सलमा को कान पकड़ कर सॉरी कह दूँगा...शायद वो मुझे माफ़ कर दे...” अर्जुन अपने मन को झूठी तसल्ली दे रहा था क्यूकी वो जानता था कि जिस तरह से सलमा उस से रूठ कर गयी है वो उसे कभी माफ़ नही करेगी.

वापस बिस्तर पर आते ही उसे अपने सपने के बारे मे याद आया. वो वासना के भवर मे ऐसा फसा था कि उसे और कुछ याद ही नही रहा यहाँ तक कि वो कल आने वाले अपनी छोटी बहन काजल का बर्तडे भी भूल गया था.

“आर्जूउन्न्ं………बचाओ मुझे……मैं यहाँ इस अंधेरी खौफनाक गुफा मे बंद हू…मेरे बेटे बस एक तुम ही हो जो मुझे यहाँ से बाहर निकाल सकते हो………” अर्जुन को यह सपना याद हो गया था और हो भी क्यू ना, क्यूकी उसे यही सपना पिछ्ले दो महीनो से आ रहा था.

आज का दिन उसके लिए अच्छा नही था. उसके सर मे तेज़ दर्द हो रहा था इसीलये वो लेट गया, थकान की वजह से उसे ज़ोर से नींद आ रही थी. बिस्तर पर पड़े सलमा के खून के धब्बो को देख कर वो मायूस हो गया.

“आइ आम सॉरी सलमा......” वो बुद्बुदाया और अपनी आँखे बंद कर के सो गया.

सुबह उसकी नींद खुली तो बाहर तेज़ धूप थी. वो अंगड़ाई लेकर उठा और बेडशीट को धोने को डाल दिया. सुबह रोज़ की तरह एक्सर्साइज़ और अपना रुटीन करने के बाद वो साइट पर रवाना हो गया.

पूरा दिन उसका मन काम मे नही लग रहा था. दो ऐसी घटनायें थी जिसे सोच सोच कर उसके सर मे दर्द हो रहा था. एक तो उसने सलमा के साथ बहुत बुरा किया और दूसरा वो रहस्यमयी सपना जो उसे लगभग हर रात आता था. इस सपने से तो अब अर्जुन परेशान हो गया था और किसी साइकिट्रिस्ट को दिखाने की सोच रहा था. यह दिन भी आधा निकल गया. उसने सोचा कि सलमा के घर जाकर उस से माफी माँगेगा पर उसकी हिम्मत ही नही हो रही थी. एक तरह से वो अपनी ही नज़रों मे गिर गया था.

अब तक तो शाम हो चली थी. मुंबई मे फिर से बारिश होने के आसार उमड़ रहे थे क्यूकी आसमान मे घने काले बादल फिर छा गये थे. वो वापस घर लौटने की सोच रहा था कि उसकी मोबाइल की घंटी बजी. जैसे ही उसने वो नंबर देखा उसे पसीने छूट गये. वो कॉल उसकी बहन काजल का था और अर्जुन जानता था कि वो उसका बर्तडे भूल गया है और वो यह भी जानता था कि काजल अब उस से पूरा दिन लड़ाई करती रहेगी.

“हेलो मेरी गुड़िया, हॅपी बर्तडे टू यू....तुम ऐसे ही हज़ार साल तक जियो, तुझे मेरी भी उमर लग जाए...मैं भगवान से प्रार्थना करूँगा...” अर्जुन फोन पर बोला.

“पता है मुझे...मेरा बर्तडे भूल गये तो मस्का लगाने के लिए यह सब डाइलॉग बोल रहे हो...और आप तो चाहते ही हो कि मैं हज़ार साल बूढ़ी हो कर जियु....हुहम.” काजल मूह बिचका कर बोली.

“अरे नही ऐसा कुछ नही है...क्या मेरी गुड़िया रानी ऐसा सोचती है कि उसका भाई उसका बर्तडे भूल जाएगा...अब देख मैं तेरे लिए पुर मुंबई मे एक गिफ्ट तलाश कर रहा था जो अब जा कर मुझे मिला है...उपर से मैं तो तुझे सर्प्राइज़ देने वाला था इसीलिए फोन भी नही किया...” अर्जुन माथे पर पसीना पोछता हुआ बोला. उसने किसी तरह बात संभाल ली थी.

“अच्छा अच्छा ठीक है चलो ज़्यादा झूठ मत बोलो...अब यह बताओ कि क्या गिफ्ट लिए हो मेरे लिए.”

“सर्प्राइज़ है...तेरे अपार्टमेंट पर आके ही तुझे तेरा गिफ्ट दूँगा...अब चल फोन रखता हू...बाइ”

“पर जल्दी आना पार्टी शुरू होने वाली है...बाइ” उधर से काजल ने भी फोन काट दिया.
Superb stoty... Amezing...
 
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काले जादू की दुनिया | Kale Jadu Ki Duniya | Part 6

अर्जुन भाग कर अपने घर गया और गिफ्ट का डब्बा उठा लिया जिसे उसने कयि महीने पहले ही काजल के बर्तडे के लिए खरीद लिया था, इस डर से कि बर्थ’डे के दिन कही यह आउट ऑफ स्टॉक ना हो जाए, यहाँ तक कि उसने काजल के लिए अड्वान्स मे ही तीन चार बर्थ’डेज़ के लिए गिफ्ट्स खरीद लिया था, इतना प्यार करता था वो अपनी बहन से, आख़िरकार बस एक वोही थी जिसे वो अपना परिवार कह सकता था.

शाम तक अर्जुन लोखंडवाला स्थित अपनी बहन के अपार्टमेंट पहुच गया. अपनी कार को बाहर लगाते हुए उसे और भी बहुत सी गाड़ियाँ दिखी जिस से वो समझ गया की काजल की पार्टी मे बहुत से लोग आए थे.

जब उसने अपार्टमेंट का दरवाज़ा खोला तो अंदर बिल्कुल किसी डिस्को जैसा महॉल था. पार्टी पूरे ज़ोरो पर थी. चारो तरफ लड़के कम और लड़किया ज़्यादा जो उसके कॉलेज के फ्रेंड्स थे और फिल्मी गानो की धुनो पर थिरक रहे थे. लिविंग रूम को किसी क्लब डिस्को का रूप दे दिया गया था. लाइट्स डिम कर के ग्रीन लेज़र्स से महॉल देखने लायक था.

“वाउ काजल ने तो जबरदस्त पार्टी का बंदोबस्त किया है...” सोचते हुए अर्जुन अंदर आ गया.

उसे दूर कोने पर काजल अपने कुछ फ्रेंड्स के साथ पार्टी एंजाय करते हुए दिखाई दी. जैसे ही काजल की नज़र अर्जुन पर पड़ी वो दौड़ के आई और सीधे अपने भाई के गले लग गयी.

“हॅपी 21स्ट बर्थडे स्वीटी.....” अर्जुन ने ज़ोर से काजल के कानो मे कहा क्यूकी वहाँ म्यूज़िक बहुत तेज़ बज रहा था.

“थॅंक यू सो मच भैया...आइ लव यू...” कहते हुए काजल फिर से एक बार अर्जुन के गले लग गयी. पर जब उसे याद आया कि शाम को वो अपने भाई से नाराज़ थी तो उसने नाटक करते हुए बुरा सा मूह बना लिया, “मैं ग़लत बोल गयी....आइ हेट यू भैया...” उसने बिदकते हुए कहा.

अर्जुन जानता था काजल उस से नाराज़ ज़रूर होगी इसीलिए उसने मुस्कुरा कर कहा, “ठीक है तो फिर यह गिफ्ट तुम्हे नही मिलेगी...” बोलते हुए अर्जुन ने अपनी ब्लू जीन्स मे हाथ डाला और एक डिब्बा निकाल लिया.

“क्या है भैया इसमे...” काजल गिफ्ट देख के उत्सुकतावश उच्छल पड़ी. अभी गिफ्ट खुला भी नही था पर उसकी खुशी उसके खूबसूरत चेहरे से सॉफ देखी जा सकती थी.

“पहले बोलो...आइ लव यू भैया फिर पता चलेगा तुम्हे कि इसके अंदर क्या है...” अर्जुन मुस्कुरा रहा था.

“ओह्ह भैया अब बता भी दो ना क्या है गिफ्ट....” काजल अपने पैर पटकते हुए बोली. अपने भैया के सामने वो अभी भी बिल्कुल भोली भाली बच्ची बनी रहती थी.

“ना..ना...ना...पहले कहो आइ लव यू भैया....”

“भैया आप तो जानते हो मैं आपसे कितना प्यार करती हू....आइ लव यू भैया...” कहते हुए काजल अपने पंजो पर खड़ी हो कर अर्जुन के गालो पर हौले चूम लेती है.

“ह्म्म्मअ....अब ठीक है....यह देखो...” कहते हुए अर्जुन ने वो छोटा सा बॉक्स खोला और उसमे से एक प्लॅटिनम का बेहद आकर्षक ब्रेस्लेट निकाला और काजल की नाज़ुक कलाई मे पहना दिया.

एक पल के लिए तो काजल उस गिफ्ट को देखती रह गयी, उसपे लिखा था “फॉर माइ लविंग सिस काजल” जिसे देख कर काजल की आँखो मे खुशी के आँसू आ गये. उसके लिए तो अर्जुन ही उसका डॅड था और अर्जुन ही मोम था, जब से उसने होश संभाला है तब से अर्जुन ही उसके लिए हर रिश्ता निभा रहा है.

“अरे मेरी गुड़िया रानी की आँखो मे आँसू....क्या गिफ्ट पसंद नही आया...”

“नही भैया ऐसी बात नही है....युवर गिफ्ट ईज़ सो ब्यूटिफुल...पर बहुत एक्सपेन्सिव लग रही है...कितनी की है..”

“मैने यह तेरे लिए स्पेशली पॅरिस से माँगाया है....वो भी दो लाख रुपय मे...”

“वाउ भैया....यू आर टू ग्रेट...पर आपको इतने पैसे सिर्फ़ एक ब्रेस्लेट पर नही खर्च करने चाहिए थे....मैं आपकी छोटी बहन हू....आप प्यार से कोई मिठाई भी खिला देते तो वो भी मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट ही होता...” कहते हुए काजल फिर से अपने भैया के गले लग गयी.

“मेरी बहन पे तो मेरी सारी दौलत कुर्बान है....वैसे मैं देख रहा हू तू भी बहुत डायलॉग वायलॉग मारने लग गयी है...यह सब मिठाई विठाई का डायलॉग कहाँ से सीखा तूने...?”

काजल ने कुछ नही कहा, उसके लिए तो उसका भाई बस उसके पास था यही सबसे बड़ा गिफ्ट था उसके लिए, पर उसकी आँखे एक और शक्स को ढूंड रही थी. काजल को किसी और का भी इंतेज़ार था.

“अच्छा चल अब तू जा और अपने दोस्तो के साथ पार्टी एंजाय कर मैं अंदर जा कर बैठता हू....”

“भैया आज रात आप अपने घर नही जाओगे....आज आपको यही रुकना है मेरे पास...समझे.” काजल जैसे बोल कम ऑर्डर ज़्यादा दे रही थी.

“ठीक है मेरी माँ....मैं सब समझ गया ...अब तू जा नही तो तेरे दोस्त सोचेंगे कि अपने भाई के आते ही तू उनको भूल गयी...”

“वैसे भैया दोस्तो से याद आया वो मेरी दोस्त है ना नेहा, वो मुझसे बोल रही थी कि वो आपसे दोस्ती करना चाहती है...वो आपको पसंद करती है...बोलो तो बात करा दूं उस से...”

“नही काजल आज मूड नही यह सब करने का...तू जा और पार्टी एंजाय कर..”

“अब बहुत सीधे मत बनो भैया...मुझे पता है आप कितने बड़े फ्लर्ट हो...जहाँ लड़की देखी नही कि सीधे उसके पीछे ही पड़ जाते हो....”

एक पल के लिए तो अर्जुन अपनी बहन की चुलबुली बातो को सुनकर मुस्कुरा पड़ा पर जैसे ही उसे सलमा के बारे मे याद आया, उसके चेहरे की हँसी गायब हो गयी.

“क्या हुआ भैया एनी प्राब्लम....पहले तो तुम लड़की का नाम सुनते ही अपने असली रंग मे आज आते थे...आज क्या हुआ...?”

“कुछ नही मेरी जान....अब खाली मेरी एंक्वाइरी ही करती रहेगी क्या...”

“ओके भैया...मैं जाती हू पर आपको बताना तो पड़ेगा ही...हुहम” कहते हुए काजल अपने दोस्तो के साथ डॅन्स करने लगी और सबको अपने भैया का गिफ्ट दिखाने लगी.

इधर अर्जुन लिविंग रूम जो डिस्को बना हुआ था उस से निकल कर बेडरूम मे आ गया और वहाँ उसके लिए पहले से रखी हुई दारू पीने लगा.

आधी रात से पहले तक पार्टी ख़तम हो चुकी थी. सब लोग जा चुके थे. अब काजल ने सोचा कि चलो भैया के पास थोड़ी देर बैठा जाए.

“तेरे सारे दोस्त चले गये क्या...” अर्जुन ने कहा जब उसने काजल को कमरे के अंदर आते हुए देखा.

“हाँ भैया...पार्टी ओवर...अब मैं एक 21 साल की बुढ़िया हो गयी हू...” काजल हंसते हुए बोली. वो दिखने मे बहुत ही क्यूट थी. उसका रंग गोरा था पर वो हल्की सी हेल्थि थी, शायद अर्जुन ने बचपन मे उसे बहुत ज़्यादा खाना खिला दिया था.

“इस हिसाब से तो मैं भी 24 साल का बुड्ढ़ा हो गया हू...” अर्जुन भी चटकारे लेते हुए बोला. पर आज उसकी हँसी थोड़ी फीकी नज़र आ रही थी जिसे काजल महसूस कर सकती थी

“वैसे भैया कुछ तो है जो आप मुझे बताना नही चाहते....”

“कुछ नही है स्वीटी...बस काम का थोड़ा टेन्षन है...अब रात बहुत हो गयी है तू अब अपने कमरे मे जा और सो जा...”
जबरदात संतोष जी. मुझे भुत प्रेत जादू टोना पर लिखना बहोत पसंद है। मै यही सब पढ़ना पसंद करती हु। आप की कहानी एरिटिक और जबरदस्त सेक्सुअल है। मज़ा आ रहा है. पर काला जादू भी खुल कर दिखाओ बहोत जबरदस्त कहानी
 

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