29
“अरे मेरी जान को चोट तो नही आयी “
अजय चौक गया क्योकि ये चम्पा की आवाज थी ,चम्पा या मोंगरा ??
उसने झट से अपनी आंखे खोली..
वो किसी की गोद में पड़ा हुआ था ,दीये की रोशनी में वो उसे पहचान सकता था ,जिस्म नंगा ही था और होठो में वही मुस्कान और सामने खड़ा बलवीर उसे गुस्से से घूरा जा रहा था...बलवीर भी नंगा ही था जिससे उसका वो गठीला विशालकाय बदन अब अजय के सामने था…
“बलवीर तुम जाओ ..”
मोंगरा ने हुक्म दिया ..
“तुम्हे अकेले इसके साथ छोड़कर ???? “
बलवीर ने खा जाने वाली निगाह से अजय को देखा ,लेकिन अजय के चहरे में एक शिकन तक नही आयी ..
“तुम फिक्र मत करो मैं सम्हाल लुंगी …”
बलवीर अजय को घूरता हुआ वँहा से निकल गया ..
“ऐसी क्या जल्दी थी की रात में ही आ गए मुझसे मिलने “
मोंगरा की हँसी से अजय का खून जल गया वो झटके से उठा ,उसका चहरा गुस्से से तमतमा रहा था …
“ओह मेरी जान गुस्सा है “
मोंगरा की बात अजय को ऐसी लगी जैसे वो उसे चिढ़ा रही हो ..
“चुप कर साली रंडी ..तेरे ठिकाने का मुझे पता चल चुका है अब देखना मैं तेरे गिरोह की ईट से ईट बजा दूंगा ..”
अजय का चहरा गुस्से से तमतमा गया था लेकिन मोंगरा जोरो से हँस पड़ी…
“ओह मेरा बच्चा गुस्सा है लेकिन पुलिस को तुम तब बलाओगे जब तुम यंहा से जाओगे...तुम्हे क्या लगता है की तुम खुद ही यंहा आये हो …?वो तस्वीर मैंने ही रखवाई थी मुझे पता था की तुम इस मंदिर के बारे में जानते हो और तुम जरूर अपना दिमाग लगाओगे और मुझे ढूंढते हुए यंहा तक आ जाओगे लेकिन …….लेकिन सोचा नही था की इतनी जल्दी ,बहुत ही बेचैन था मेरा बाबू मुझसे मिलने के लिए ,बहुत प्यार करते हो मुझसे ..”
मोंगरा के होठो पर एक कमीनी सी मुस्कान थी …
“प्यार ??? तुझे लगता है की मैं तुझसे प्यार करता हु ?? साली रंडी …”
अजय का चहरा गुस्से से जल रहा था लेकिन मोंगरा के होठो पर अब भी वही मुस्कान थी ..
“मैं चम्पा से प्यार करता हु तुझसे नही ,और जितना मैं उससे मोहोब्बत करता हु उतना ही तुझसे नफरत ..”
अजय की दशा को देखकर मोंगरा खिलखिलाई ..
“ओह मेरी जान लेकिन तुम किस चम्पा से मोहोब्बत करते हो 7745 वाली से या 4577 वाली से ….”
मोंगरा जोरो से हँस पड़ी और अजय पिला पड़ गया …
“चम्पा नाम की कोई भी लड़की नही है जो भी है बस मैं ही हु ,तुम्हारी चम्पा भी और तुम्हारी मोंगरा भी …”
मोंगरा जोरो से हँसने वाली थी लेकिन रुक गई कारण था अजय के आंखों में आया हुआ आंसू …
अजय को लगा जैसे उसकी पूरी दुनिया ही खत्म हो गई …वो नीचे बैठ गया था और सर पकड़े हुए रो रहा था ,उसे विस्वास ही नही हो रहा था की उसके साथ ऐसा कुछ हुआ है ...वो बार बार चम्पा को याद कर रहा था उसने उसकी आंखों में देखा था ,उसके दिल की धड़कने सुनी थी वो गलत कैसे हो सकती थी ???
चम्पा का अजय के लिए प्यार गलत कैसे हो सकता था ,अजय का दिल ये मानने को तैयार हि नही था की चम्पा नाम की कोई लड़की नही है या मोंगरा ही चम्पा बनाकर उस धोखा दे रही थी …….
अजय की हालत देखकर मोंगरा की आंखों में भी आंसू आ गए …
“मुझे माफ कर देना अजय लेकिन ...मैं तुमसे इतना प्यार करती हु की तुम्हे पाने का मुझे और कोई रास्ता नही दिखा “
अजय तुरंत ही खड़ा हो गया और पास ही पड़ी हुई बंदूख उठा लिया और सीधे मोंगरा पर तान दिया …
“बोल मेरी चम्पा कहा है “वो गरजा …
उसे कमरे के बाहर बड़ी हलचल सी महसूस हुई ,लगा की बाहर फ़ौज का जमावड़ा हो चुका है …
“बोल नही तो अभी तेरे दिन में ये सारी गोलियां दाग दूंगा “
मोंगरा के चहरे में कोई भी शिकन नही थी बस आंखों में थोड़े आंसू थे..
“इतना प्यार करते हो तुम मुझसे ...मैं ही तो तुम्हारी चम्पा हूं ..”वो रोते हुई बोली
अजय को लगा की उसका वो रोना बेहद असली है ,जैसे दिल से ही निकल रहा हो ,लेकिन वो कैसे मान सकता था की ये ही उसकी मासूम सी चम्पा है ,नही ये मोंगरा थी और वो उसे फंसा रही थी ...अजय अपने दिल को बार बार समझाने लगा ..
“देखो मैं किसी को नही बुलाऊंगा ,और चम्पा के साथ सब कुछ छोड़कर चला जाऊंगा ,लेकिन कह दो की मेरी चम्पा का भी अस्तित्व है ,वो है...मैं जानता हु की तुम दोनो अलग अलग हो “
अजय सुबकने लगा ..
“तुम चम्पा से प्यार नही करते अगर करते तो ठाकुर को मारने में मेरी मदद करते “
“चम्पा किसी को मरना नही चाहती ..”
“लेकिन तुम तो चाहते हो ...मुझे मारना चाहते हो ,इसीलिए तुमने ठाकुर से हाथ मिलाया ..”
“मैं ठाकुर के करीब जाकर उसे फसाना चाहता था जिससे उसे उसके कर्मो की सजा कानून दे सके …”
मोंगरा हँस पड़ी …
“कानून क्या सजा देगा ,सजा तो मैं उसे दूंगी …लेकिन याद रखो अजय तुम चाहे जिससे प्यार करते हो मैं तुमसे ही प्यार करती हुई और मैं तुम्हे पा के रहूंगी …चाहे इसके लिए मुझे चम्पा को मरना क्यो ना पड़े ”
मॉंगर शेरनी जैसे गरजी …
अजय के होठो में मुस्कान आ गई …
“मतलब की मेरी चम्पा है ,और मेरे रहते तुम उसे छू भी नही सकती ,”
अजय ने वो दरवाजा खोल दिया ,बाहर सभी की बंदूक की नली अजय के ऊपर ही थी ,सूर्य की धुंधली सी किरण फिजाओं में फैल चुकी थी ,और मोंगरा के सभी सिपाही तन कर खड़े थे सभी की नजर अजय के ऊपर ही थी …
बलवीर अब भी उसे गुस्से में घूर रहा था ….
“खबरदार जो किसी ने कोई भी जुर्रत की तुम्हारी सरदार को यही उड़ा दूंगा “अजय गरजा ..
वो कमरे से बाहर आ चुका था साथ ही मोंगरा भी कमरे से बाहर आ गई ,अभी भी अजय के बंदूक की नली मोंगरा के ऊपर ही थी .मोंगरा अब भी नंगी थी और सुबह की किरणों में उसका जिस्म चमक रहा था ,लेकिन गिरोह के सभी सदस्यों के सामने नंगी खड़ी होने पर भी उसके चहरे में कोई भी शर्म नही था,बल्कि बस एक मुस्कान के साथ वो अजय को देख रही थी ,अजय को मन हुआ की अभी उसके सीने में सारी गोलियां डाल दे लेकिन वो ये नही कर सकता था …
वो धीरे धीरे पीछे हट रहा था और बंदूख की नोक पर मोंगरा को लेकर वँहा से निकल जाना चाहता था ..
अचानक ही बलवीर ने पास पड़ा हुआ डंडा उठा लिया ,अजय ने तुरंत उसकी ओर बंदूक घुमा कर फायर कर दिया और …………………….
और सभी जोरो से हँस पड़े क्योकि बंदूक में गोली ही नही थी ,अजय बंदूक का टिगर दबाता रहा और सभी उसकी मूर्खता पर जोरो से हँस रहे थे यंहा तक की मोंगरा भी उसे देखकर हँसने लगी थी ,लेकिन बलवीर अब भी गुस्से से उसे घूरे जा रहा था ,उसने आपके हाथो में पकड़ा हुआ डंडा उठाया और सीधे अजय के उनपर घुमा दिया,जो की सीधे ही उसके सर में आकर लगा…
अजय का सर फिर से चकरा गया था और वो फिर से धड़ाम से नीचे गिर गया…..
“अरे मेरी जान को चोट तो नही आयी “
अजय चौक गया क्योकि ये चम्पा की आवाज थी ,चम्पा या मोंगरा ??
उसने झट से अपनी आंखे खोली..
वो किसी की गोद में पड़ा हुआ था ,दीये की रोशनी में वो उसे पहचान सकता था ,जिस्म नंगा ही था और होठो में वही मुस्कान और सामने खड़ा बलवीर उसे गुस्से से घूरा जा रहा था...बलवीर भी नंगा ही था जिससे उसका वो गठीला विशालकाय बदन अब अजय के सामने था…
“बलवीर तुम जाओ ..”
मोंगरा ने हुक्म दिया ..
“तुम्हे अकेले इसके साथ छोड़कर ???? “
बलवीर ने खा जाने वाली निगाह से अजय को देखा ,लेकिन अजय के चहरे में एक शिकन तक नही आयी ..
“तुम फिक्र मत करो मैं सम्हाल लुंगी …”
बलवीर अजय को घूरता हुआ वँहा से निकल गया ..
“ऐसी क्या जल्दी थी की रात में ही आ गए मुझसे मिलने “
मोंगरा की हँसी से अजय का खून जल गया वो झटके से उठा ,उसका चहरा गुस्से से तमतमा रहा था …
“ओह मेरी जान गुस्सा है “
मोंगरा की बात अजय को ऐसी लगी जैसे वो उसे चिढ़ा रही हो ..
“चुप कर साली रंडी ..तेरे ठिकाने का मुझे पता चल चुका है अब देखना मैं तेरे गिरोह की ईट से ईट बजा दूंगा ..”
अजय का चहरा गुस्से से तमतमा गया था लेकिन मोंगरा जोरो से हँस पड़ी…
“ओह मेरा बच्चा गुस्सा है लेकिन पुलिस को तुम तब बलाओगे जब तुम यंहा से जाओगे...तुम्हे क्या लगता है की तुम खुद ही यंहा आये हो …?वो तस्वीर मैंने ही रखवाई थी मुझे पता था की तुम इस मंदिर के बारे में जानते हो और तुम जरूर अपना दिमाग लगाओगे और मुझे ढूंढते हुए यंहा तक आ जाओगे लेकिन …….लेकिन सोचा नही था की इतनी जल्दी ,बहुत ही बेचैन था मेरा बाबू मुझसे मिलने के लिए ,बहुत प्यार करते हो मुझसे ..”
मोंगरा के होठो पर एक कमीनी सी मुस्कान थी …
“प्यार ??? तुझे लगता है की मैं तुझसे प्यार करता हु ?? साली रंडी …”
अजय का चहरा गुस्से से जल रहा था लेकिन मोंगरा के होठो पर अब भी वही मुस्कान थी ..
“मैं चम्पा से प्यार करता हु तुझसे नही ,और जितना मैं उससे मोहोब्बत करता हु उतना ही तुझसे नफरत ..”
अजय की दशा को देखकर मोंगरा खिलखिलाई ..
“ओह मेरी जान लेकिन तुम किस चम्पा से मोहोब्बत करते हो 7745 वाली से या 4577 वाली से ….”
मोंगरा जोरो से हँस पड़ी और अजय पिला पड़ गया …
“चम्पा नाम की कोई भी लड़की नही है जो भी है बस मैं ही हु ,तुम्हारी चम्पा भी और तुम्हारी मोंगरा भी …”
मोंगरा जोरो से हँसने वाली थी लेकिन रुक गई कारण था अजय के आंखों में आया हुआ आंसू …
अजय को लगा जैसे उसकी पूरी दुनिया ही खत्म हो गई …वो नीचे बैठ गया था और सर पकड़े हुए रो रहा था ,उसे विस्वास ही नही हो रहा था की उसके साथ ऐसा कुछ हुआ है ...वो बार बार चम्पा को याद कर रहा था उसने उसकी आंखों में देखा था ,उसके दिल की धड़कने सुनी थी वो गलत कैसे हो सकती थी ???
चम्पा का अजय के लिए प्यार गलत कैसे हो सकता था ,अजय का दिल ये मानने को तैयार हि नही था की चम्पा नाम की कोई लड़की नही है या मोंगरा ही चम्पा बनाकर उस धोखा दे रही थी …….
अजय की हालत देखकर मोंगरा की आंखों में भी आंसू आ गए …
“मुझे माफ कर देना अजय लेकिन ...मैं तुमसे इतना प्यार करती हु की तुम्हे पाने का मुझे और कोई रास्ता नही दिखा “
अजय तुरंत ही खड़ा हो गया और पास ही पड़ी हुई बंदूख उठा लिया और सीधे मोंगरा पर तान दिया …
“बोल मेरी चम्पा कहा है “वो गरजा …
उसे कमरे के बाहर बड़ी हलचल सी महसूस हुई ,लगा की बाहर फ़ौज का जमावड़ा हो चुका है …
“बोल नही तो अभी तेरे दिन में ये सारी गोलियां दाग दूंगा “
मोंगरा के चहरे में कोई भी शिकन नही थी बस आंखों में थोड़े आंसू थे..
“इतना प्यार करते हो तुम मुझसे ...मैं ही तो तुम्हारी चम्पा हूं ..”वो रोते हुई बोली
अजय को लगा की उसका वो रोना बेहद असली है ,जैसे दिल से ही निकल रहा हो ,लेकिन वो कैसे मान सकता था की ये ही उसकी मासूम सी चम्पा है ,नही ये मोंगरा थी और वो उसे फंसा रही थी ...अजय अपने दिल को बार बार समझाने लगा ..
“देखो मैं किसी को नही बुलाऊंगा ,और चम्पा के साथ सब कुछ छोड़कर चला जाऊंगा ,लेकिन कह दो की मेरी चम्पा का भी अस्तित्व है ,वो है...मैं जानता हु की तुम दोनो अलग अलग हो “
अजय सुबकने लगा ..
“तुम चम्पा से प्यार नही करते अगर करते तो ठाकुर को मारने में मेरी मदद करते “
“चम्पा किसी को मरना नही चाहती ..”
“लेकिन तुम तो चाहते हो ...मुझे मारना चाहते हो ,इसीलिए तुमने ठाकुर से हाथ मिलाया ..”
“मैं ठाकुर के करीब जाकर उसे फसाना चाहता था जिससे उसे उसके कर्मो की सजा कानून दे सके …”
मोंगरा हँस पड़ी …
“कानून क्या सजा देगा ,सजा तो मैं उसे दूंगी …लेकिन याद रखो अजय तुम चाहे जिससे प्यार करते हो मैं तुमसे ही प्यार करती हुई और मैं तुम्हे पा के रहूंगी …चाहे इसके लिए मुझे चम्पा को मरना क्यो ना पड़े ”
मॉंगर शेरनी जैसे गरजी …
अजय के होठो में मुस्कान आ गई …
“मतलब की मेरी चम्पा है ,और मेरे रहते तुम उसे छू भी नही सकती ,”
अजय ने वो दरवाजा खोल दिया ,बाहर सभी की बंदूक की नली अजय के ऊपर ही थी ,सूर्य की धुंधली सी किरण फिजाओं में फैल चुकी थी ,और मोंगरा के सभी सिपाही तन कर खड़े थे सभी की नजर अजय के ऊपर ही थी …
बलवीर अब भी उसे गुस्से में घूर रहा था ….
“खबरदार जो किसी ने कोई भी जुर्रत की तुम्हारी सरदार को यही उड़ा दूंगा “अजय गरजा ..
वो कमरे से बाहर आ चुका था साथ ही मोंगरा भी कमरे से बाहर आ गई ,अभी भी अजय के बंदूक की नली मोंगरा के ऊपर ही थी .मोंगरा अब भी नंगी थी और सुबह की किरणों में उसका जिस्म चमक रहा था ,लेकिन गिरोह के सभी सदस्यों के सामने नंगी खड़ी होने पर भी उसके चहरे में कोई भी शर्म नही था,बल्कि बस एक मुस्कान के साथ वो अजय को देख रही थी ,अजय को मन हुआ की अभी उसके सीने में सारी गोलियां डाल दे लेकिन वो ये नही कर सकता था …
वो धीरे धीरे पीछे हट रहा था और बंदूख की नोक पर मोंगरा को लेकर वँहा से निकल जाना चाहता था ..
अचानक ही बलवीर ने पास पड़ा हुआ डंडा उठा लिया ,अजय ने तुरंत उसकी ओर बंदूक घुमा कर फायर कर दिया और …………………….
और सभी जोरो से हँस पड़े क्योकि बंदूक में गोली ही नही थी ,अजय बंदूक का टिगर दबाता रहा और सभी उसकी मूर्खता पर जोरो से हँस रहे थे यंहा तक की मोंगरा भी उसे देखकर हँसने लगी थी ,लेकिन बलवीर अब भी गुस्से से उसे घूरे जा रहा था ,उसने आपके हाथो में पकड़ा हुआ डंडा उठाया और सीधे अजय के उनपर घुमा दिया,जो की सीधे ही उसके सर में आकर लगा…
अजय का सर फिर से चकरा गया था और वो फिर से धड़ाम से नीचे गिर गया…..