41
विक्रांत और पूनम की हालत में बहुत सूधार आ चुका था ,प्राण ने विक्रांत को कह दिया था की तू कनक से इस शर्त पर शादी कर सकता है की तुझे हवेली और जायजाद दोनो को छोड़ना होगा …
विक्रांत पड़ा लिखा था और अपने दम में कनक को पाल सकता था उसने हामी भर दी ,वही पूनम के पेट में गोली लगने से उसका गर्भाशय भी क्षति ग्रस्त हो चुका था,डॉ ने कह दिया था की वो कभी माँ नही बन पाएगी ,प्राण को ना जाने क्यो लेकिन ये सुनकर बेहद खुसी हुई ,क्योकि वो जानता था की पूनम के गर्भ में कालिया का बीज है …
दोनो के हॉस्पिटल से छूटने के बाद विक्रांत कनक से शादी कर हवेली छोड़कर शहर चला जाता है वही पूनम को प्राण अपने साथ ले आता है,पूनम एक जिंदा लाश सी हो गई थी,कालिया ने उससे मिलने की और उसे छुड़ाने की बहुत कोशिस की लेकिन सभी असफल रही …
ठाकुर और डाकुओं के बीच की जंग वैसे ही चल रही थी ,और ठाकुर को एक खबर मिली …
कालिया बाप बन गया है ,मानो ठाकुर के आंखों में चमक आ गई ,
वो अभी पूनम के कमरे में था …
“तुम्हे कालिया का बच्चा चाहिए था ना “
पूनम जैसे सपने से जागी ...वो आंखे फाड़ कर ठाकुर को देख रही थी ,
“सुना ही उसे जुड़वा लडकिया हुई है,उसकी बीवी और बहन को तो मैं अपनी रांड नही बना पाया लेकिन उसकी बेटियों को जरूर बनाऊंगा …”
ठाकुर की भद्दी हँसी से पूनम के प्राण कांप गए …
ठाकुर जा चुका था,कालिया को पिता बने लगभग 6 महीने हो चुके थे कालिया ने दोनो बेटियों का नामकरण किया चम्पा और मोंगरा ,ठाकुर के लोग दोनो पर नजर रखे हुए थे और एक दिन आया जब वो मोंगरा को कालिया के पहरे से चुराने में कामियाब रहे ,ठाकुर ने मोंगरा को लाकर पूनम की झोली में डाल दिया …
कालिया बौखलाया बहुत खून भी बहा लेकिन आखिर उसे हार का सामना ही करना पड़ा,ठाकुर अपनी जायजाद का काफी हिस्सा हवेली की सुरक्षा पर खर्च कर रहा था,उसने हवेली को और अपनी सुरक्षा को अभेद्य बना दिया था,पुलिस और राजनीति में उसके ही लोग थे ,वो दिन ब दिन ताकतवर हो रहा था ,नए नए हथियार और टेक्नालॉजी के इस्तेमाल के कारण वो कलिया जैसे डाकुओं के गिरोहों के पहुच से बहुत बाहर था ,हा वो कालिया को मरना चाहता था लेकिन उसमे उसे भी कुछ कामयाबी हासिल नही हो रही थी,लेकिन कालिया जंहा जंगल का बादशाह था वही जंगल के बाहर ठाकुर का राज था……..
पूनम ने मोंगरा को बेहद प्यार दिया ,लेकिन वो जानती थी की ठाकुर उसे किस लिए बड़ी कर रहा है ,वो उसे या तो अपने बेटे की रांड बना देगा या फिर उसे अपने ही पिता के खिलाफ इस्तेमाल करेगा…
लेकिन पूनम को एक उम्मीद सी दिखी वो था बलवीर का मोंगरा के प्रति प्रेम …
पूनम जानती थी ठाकुर को गिरना है तो परमिंदर को पहले गिरना होगा और परमिंदर की सबसे बड़ी कमजोरी थी उसका इकलौता बेटा बलवीर …
पूनम ने एक कठोर फैसला लिया और पूनम और बलवीर के प्यार को बढ़ावा दिया,वही रणधीर की नजर भी जवान होती मोंगरा पर टिकी रही ,वक्त बढ़ता रहा,चम्पा कालिया के गिरोह में तो मोंगरा ठाकुर के हवेली में बढ़ती गई ,दोनो ही जवानी की दहलीज पर पहुच गई थी और बला की खूबसूरत थी ,
मोंगरा को लेकर अक्सर ही बलवीर और रणधीर में लड़ाई होने लगी ये परमिंदर और प्राण दोनो के लिए चिंता का सबब बन चुका था,बलवीर ताकतवर था और बेहद ही गुसैल भी ,अगर वो परमिंदर का बेटा ना होता तो प्राण उसे कब का मरवा चुका होता ,लेकिन अब रणधीर की मोंगरा को पाने की बेताबी ,और बलवीर आ उसके प्रति बेहद प्यार ने दोनो बापो को चिंता में डाल दिया था,पूनम अब अधेड़ हो चुकी थी और उनकी हालत पर मुस्कुराया करती थी लेकिन उसे ये डर हमेशा ही रहता की मोंगरा किसी मुसीबत में ना फंस जाए,अब मोंगरा का हवेली में रहना उसे खतरे से खाली नही लग रहा था,लेकिन कैसे वो उसे यंहा से आजाद करे ……..
उसके दिमाग में एक बात कौंधी …
42
मोंगरा अब 16 साल की हो चुकी थी और पुरषों में मुह में उसे देखकर ही लार आ जाती थी ,पूनम ने इरादा बनाया की वो मोंगरा को वो गुर सिखाएगी जो एक बेबाक और मजबूत लड़की में होना चाहिए,लड़को को अपने इशारे पर चलाने का गुर …
वो जानती थी की मोंगरा इतनी हसीन है की वो किसी भी मर्द की नियत को खराब कर दे लेकिन उसे ट्रेनिंग की जरूरत थी वैसी ट्रेनिंग जो एक जिस्म का धंधा करने वाली लड़की लेती है,या एक सीक्रेट सर्विस में काम करने वाली महिला ,किसी को हुस्न के जाल में फसाना और जब काम हो जाए तो उसे मौत के घाट उतने पर भी पीछे ना रहना …..
वो उस मासूम लड़की को खतरनाक बनाना चाहती थी ताकि वो एक नागिन सी जहरीली और मादक हो सके …
पूनम को मोंगरा को बचाने और उसे इस दलदल में भी कमल की तरह खिलाने का यही रास्ता दिखा,
वो अपने काम में लग गई थी ……...
“ये मुझे ऐसे क्यो देख रही है…”
मोंगरा के मादक मुस्कान को देखकर रणधीर आश्चर्य में पड़ गया था ..
“अरे ठाकुर साहब आखिर कब तक अपना मुह फुलएगी ,आप तो मालिक ही हो कभी ना कभी तो उसे आपकी ही होना है ..”
रणधीर के खास चापलूस मनोहर ने कहा ,और अपनी बत्तीसी निकाली ..
मनोहर की चापलूसी रणधीर की छाती चौड़ी हो गई और अपनी जमीदार वाली अकड़ में वो अपने मूंछो को ताव देने लगा..
मोंगरा उसके इस प्रतिक्रिया पर खुद में हँस पड़ी …
‘साले को लग रहा है की इसके रोब में फंस गई मोंगरा साले की अक्ल ठिकाने लगाती हु ‘
मोंगरा ने मन में सोचा और उसकी ओर मुह मटका कर ऐसे किया जैसे उससे उसे चिढ़ हो और बलवीर को हाथो से इशारा कर उसकी ओर चल दी ..
रणधीर ना सिर्फ मायूस हो गया बल्कि गुस्से से भी भर गया,जंहा उसे पाने की हवस में वो जला रहा रहा था मोंगरा थी की उसे कोई भाव ही नही देती थी ,आज पहली बार वो उसे देखकर मुस्कुराई थी लेकिन फिर ना जाने उसे क्या हो गया..उसकी छाती फिर से सिकुड़ गई …
वो मोंगरा के मटकते हुए पिछवाड़े को देख रहा था ,पता नही लेकिन आज जैसे मोंगरा के कमर में कुछ ज्यादा ही लचक थी जैसे उसे ललचा रही हो ,रणधीर के मुह से लार दी टपक गई वो मचल कर रह गया ,मोंगरा को उभरे हुए पिछवाड़े को देख कर उसे लग रहा था जिसे अभी उसे पकड़ कर भर दे लेकिन …
उत्तेजना उसके चहरे में दिख रही थी वो आंखे फाडे हुए उसे देख रहा था,जो लड़की उससे लगभग 10 साल छोटी थी,उसके सामने ही बड़ी हुई और आज उसका ही खड़ा करने में आमादा थी ,27 साल के रणधीर ने ना जाने कितनी लड़कियों को अपने नीचे लिटाया था लेकिन मोंगरा उसके लिए हसरत थी एक ख्वाब थी जिसे वो हर हालत में पूरा करना चाहता था …
वो नजर टिकाए हुए ही था की मोंगरा पलटी और उसने फिर से एक मुस्कान रणधीर को दी,मायूस रणधीर की जैसे बांछे खिल गई ,उसके दिल में एक लहर सी उठी ,इतने दिनों तक जिसे पाने को उसने इतने पापड़ बेले आज वो पहली बार उसे देखकर ऐसे मुस्कुराई थी ,लगा की मॉंगरा को पाने की मंजिल अब ज्यादा दूर नही रह गया है…
विक्रांत और पूनम की हालत में बहुत सूधार आ चुका था ,प्राण ने विक्रांत को कह दिया था की तू कनक से इस शर्त पर शादी कर सकता है की तुझे हवेली और जायजाद दोनो को छोड़ना होगा …
विक्रांत पड़ा लिखा था और अपने दम में कनक को पाल सकता था उसने हामी भर दी ,वही पूनम के पेट में गोली लगने से उसका गर्भाशय भी क्षति ग्रस्त हो चुका था,डॉ ने कह दिया था की वो कभी माँ नही बन पाएगी ,प्राण को ना जाने क्यो लेकिन ये सुनकर बेहद खुसी हुई ,क्योकि वो जानता था की पूनम के गर्भ में कालिया का बीज है …
दोनो के हॉस्पिटल से छूटने के बाद विक्रांत कनक से शादी कर हवेली छोड़कर शहर चला जाता है वही पूनम को प्राण अपने साथ ले आता है,पूनम एक जिंदा लाश सी हो गई थी,कालिया ने उससे मिलने की और उसे छुड़ाने की बहुत कोशिस की लेकिन सभी असफल रही …
ठाकुर और डाकुओं के बीच की जंग वैसे ही चल रही थी ,और ठाकुर को एक खबर मिली …
कालिया बाप बन गया है ,मानो ठाकुर के आंखों में चमक आ गई ,
वो अभी पूनम के कमरे में था …
“तुम्हे कालिया का बच्चा चाहिए था ना “
पूनम जैसे सपने से जागी ...वो आंखे फाड़ कर ठाकुर को देख रही थी ,
“सुना ही उसे जुड़वा लडकिया हुई है,उसकी बीवी और बहन को तो मैं अपनी रांड नही बना पाया लेकिन उसकी बेटियों को जरूर बनाऊंगा …”
ठाकुर की भद्दी हँसी से पूनम के प्राण कांप गए …
ठाकुर जा चुका था,कालिया को पिता बने लगभग 6 महीने हो चुके थे कालिया ने दोनो बेटियों का नामकरण किया चम्पा और मोंगरा ,ठाकुर के लोग दोनो पर नजर रखे हुए थे और एक दिन आया जब वो मोंगरा को कालिया के पहरे से चुराने में कामियाब रहे ,ठाकुर ने मोंगरा को लाकर पूनम की झोली में डाल दिया …
कालिया बौखलाया बहुत खून भी बहा लेकिन आखिर उसे हार का सामना ही करना पड़ा,ठाकुर अपनी जायजाद का काफी हिस्सा हवेली की सुरक्षा पर खर्च कर रहा था,उसने हवेली को और अपनी सुरक्षा को अभेद्य बना दिया था,पुलिस और राजनीति में उसके ही लोग थे ,वो दिन ब दिन ताकतवर हो रहा था ,नए नए हथियार और टेक्नालॉजी के इस्तेमाल के कारण वो कलिया जैसे डाकुओं के गिरोहों के पहुच से बहुत बाहर था ,हा वो कालिया को मरना चाहता था लेकिन उसमे उसे भी कुछ कामयाबी हासिल नही हो रही थी,लेकिन कालिया जंहा जंगल का बादशाह था वही जंगल के बाहर ठाकुर का राज था……..
पूनम ने मोंगरा को बेहद प्यार दिया ,लेकिन वो जानती थी की ठाकुर उसे किस लिए बड़ी कर रहा है ,वो उसे या तो अपने बेटे की रांड बना देगा या फिर उसे अपने ही पिता के खिलाफ इस्तेमाल करेगा…
लेकिन पूनम को एक उम्मीद सी दिखी वो था बलवीर का मोंगरा के प्रति प्रेम …
पूनम जानती थी ठाकुर को गिरना है तो परमिंदर को पहले गिरना होगा और परमिंदर की सबसे बड़ी कमजोरी थी उसका इकलौता बेटा बलवीर …
पूनम ने एक कठोर फैसला लिया और पूनम और बलवीर के प्यार को बढ़ावा दिया,वही रणधीर की नजर भी जवान होती मोंगरा पर टिकी रही ,वक्त बढ़ता रहा,चम्पा कालिया के गिरोह में तो मोंगरा ठाकुर के हवेली में बढ़ती गई ,दोनो ही जवानी की दहलीज पर पहुच गई थी और बला की खूबसूरत थी ,
मोंगरा को लेकर अक्सर ही बलवीर और रणधीर में लड़ाई होने लगी ये परमिंदर और प्राण दोनो के लिए चिंता का सबब बन चुका था,बलवीर ताकतवर था और बेहद ही गुसैल भी ,अगर वो परमिंदर का बेटा ना होता तो प्राण उसे कब का मरवा चुका होता ,लेकिन अब रणधीर की मोंगरा को पाने की बेताबी ,और बलवीर आ उसके प्रति बेहद प्यार ने दोनो बापो को चिंता में डाल दिया था,पूनम अब अधेड़ हो चुकी थी और उनकी हालत पर मुस्कुराया करती थी लेकिन उसे ये डर हमेशा ही रहता की मोंगरा किसी मुसीबत में ना फंस जाए,अब मोंगरा का हवेली में रहना उसे खतरे से खाली नही लग रहा था,लेकिन कैसे वो उसे यंहा से आजाद करे ……..
उसके दिमाग में एक बात कौंधी …
42
मोंगरा अब 16 साल की हो चुकी थी और पुरषों में मुह में उसे देखकर ही लार आ जाती थी ,पूनम ने इरादा बनाया की वो मोंगरा को वो गुर सिखाएगी जो एक बेबाक और मजबूत लड़की में होना चाहिए,लड़को को अपने इशारे पर चलाने का गुर …
वो जानती थी की मोंगरा इतनी हसीन है की वो किसी भी मर्द की नियत को खराब कर दे लेकिन उसे ट्रेनिंग की जरूरत थी वैसी ट्रेनिंग जो एक जिस्म का धंधा करने वाली लड़की लेती है,या एक सीक्रेट सर्विस में काम करने वाली महिला ,किसी को हुस्न के जाल में फसाना और जब काम हो जाए तो उसे मौत के घाट उतने पर भी पीछे ना रहना …..
वो उस मासूम लड़की को खतरनाक बनाना चाहती थी ताकि वो एक नागिन सी जहरीली और मादक हो सके …
पूनम को मोंगरा को बचाने और उसे इस दलदल में भी कमल की तरह खिलाने का यही रास्ता दिखा,
वो अपने काम में लग गई थी ……...
“ये मुझे ऐसे क्यो देख रही है…”
मोंगरा के मादक मुस्कान को देखकर रणधीर आश्चर्य में पड़ गया था ..
“अरे ठाकुर साहब आखिर कब तक अपना मुह फुलएगी ,आप तो मालिक ही हो कभी ना कभी तो उसे आपकी ही होना है ..”
रणधीर के खास चापलूस मनोहर ने कहा ,और अपनी बत्तीसी निकाली ..
मनोहर की चापलूसी रणधीर की छाती चौड़ी हो गई और अपनी जमीदार वाली अकड़ में वो अपने मूंछो को ताव देने लगा..
मोंगरा उसके इस प्रतिक्रिया पर खुद में हँस पड़ी …
‘साले को लग रहा है की इसके रोब में फंस गई मोंगरा साले की अक्ल ठिकाने लगाती हु ‘
मोंगरा ने मन में सोचा और उसकी ओर मुह मटका कर ऐसे किया जैसे उससे उसे चिढ़ हो और बलवीर को हाथो से इशारा कर उसकी ओर चल दी ..
रणधीर ना सिर्फ मायूस हो गया बल्कि गुस्से से भी भर गया,जंहा उसे पाने की हवस में वो जला रहा रहा था मोंगरा थी की उसे कोई भाव ही नही देती थी ,आज पहली बार वो उसे देखकर मुस्कुराई थी लेकिन फिर ना जाने उसे क्या हो गया..उसकी छाती फिर से सिकुड़ गई …
वो मोंगरा के मटकते हुए पिछवाड़े को देख रहा था ,पता नही लेकिन आज जैसे मोंगरा के कमर में कुछ ज्यादा ही लचक थी जैसे उसे ललचा रही हो ,रणधीर के मुह से लार दी टपक गई वो मचल कर रह गया ,मोंगरा को उभरे हुए पिछवाड़े को देख कर उसे लग रहा था जिसे अभी उसे पकड़ कर भर दे लेकिन …
उत्तेजना उसके चहरे में दिख रही थी वो आंखे फाडे हुए उसे देख रहा था,जो लड़की उससे लगभग 10 साल छोटी थी,उसके सामने ही बड़ी हुई और आज उसका ही खड़ा करने में आमादा थी ,27 साल के रणधीर ने ना जाने कितनी लड़कियों को अपने नीचे लिटाया था लेकिन मोंगरा उसके लिए हसरत थी एक ख्वाब थी जिसे वो हर हालत में पूरा करना चाहता था …
वो नजर टिकाए हुए ही था की मोंगरा पलटी और उसने फिर से एक मुस्कान रणधीर को दी,मायूस रणधीर की जैसे बांछे खिल गई ,उसके दिल में एक लहर सी उठी ,इतने दिनों तक जिसे पाने को उसने इतने पापड़ बेले आज वो पहली बार उसे देखकर ऐसे मुस्कुराई थी ,लगा की मॉंगरा को पाने की मंजिल अब ज्यादा दूर नही रह गया है…