Fantasy मेरे अंतरंग हमसफ़र

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मेरे अंतरंग हमसफ़र-25

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -4

नग्न सामूहिक कामुक खेल



सभी पूरे नग्न थे और शर्म त्याग चुके थे और इन खेलो का पूरा आंनद ले रहे थे l इन मस्तियो और कामुक खेलो के कारण भी हम सब की आपस में शर्म और झिझक बिलकुल ख़त्म हो गयी थीl

फिर तालाब में सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके-किसके बदन पर कितने हाथ थे ये तो नहीं पता बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।

फिर सबसे पहले लूसी तालाब से निकलते हुए बोली मैं तो अब थक गयी हूँ, कुछ देर धुप में लेटूंगीl उसके पीछे-पीछे सभी तालाब से बाहर निकल आये और हरी घास पर लेट गए। कुछ देर बाद जब सब सूख गए, तो हुमा बोली अब क्या करना है! बताइये दीपक?

तो मैंने कहा अब एक खेल पकड़ा पकड़ी का हो जाए। तो मैंने कहा अब लड़किया 6 हैं और लड़के तीनl ऐसा करते हैं तीन दल बना लेते है पहले लड़किया अपना साथी लड़की चुन ले। और फिर दोनों मिल कर एक लड़के को पकड़ेंगे। फिर जो लड़की लड़के को पकड़ेगी उस को दूसरी लड़की और लड़का मिल कर पकड़ेंगे। कोई भी पानी में नहीं जाएगा l कोई भी किसी को किश नहीं करेगा और पकड़नेवाले अपना एक-एक हाथ पकड़ कर भागने वाले लड़के या लड़की को पकड़ेंगे। जो जीतेगा उसे इनाम मिलेगा और जो हारेगा उसे सजा मिलेगी। क्या मिलेगा ये सरप्रीइज है।

तो तीन दल इस प्रकार बने। रुखसाना और जेन, हुमा और उसकी सहेली अलका और दोनों बहने लूसी तथा सिंडी। और अब तीनो को एक-एक लड़के को पकड़ना था l मैंने कहा एक प्रथम राउंड हो जाए जिसकी हार जीत गिनी नहीं जायेगी इसके लिए समय रहेगा 10 मिनट अगर 10 मिनट में नहीं पकड़ पाए तो वह जोड़ी हारी हुई हुए मानी जाएगी।

तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ इनाम देना होगा .. तो लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगेl

रुखसाना उम्मीद के अनुसार बॉब के पीछे भागी। रुखसाना कोशिश कर रही थी। बॉब को रुखसाना ही पकडे ताकि उसके बाद फिर वह बॉब का हाथ पकड़ कर जेन के पीछे भागे। जब बॉब ने रुखसाना की इच्छा को समझा तो जान भुझ कर जेन की पकड़ में आ गयाl उसके बाद दोनों ने उसके साथ लिपट कर उसे पकड़ लिया। जब जेन और रुखसाना बॉब के पीछे भाग रही थी उसे पकड़ने तो देखे में बड़ा मज़ा आ रहा थाl नग्न बॉब का हथियार बड़ी तेजी के साथ झूल रहा था और वही भागती हुई लड़कियों के ऊपर नीचे होते हुए स्तन भी बड़ा मजेदार नज़ारा पेश कर रहे थे।

जेन ने तय किया पकडे जाने वाले को पकड़नेवाले को चुम्बन देना होगा, जिसे सबने मान लिया l

उसके बाद सब बोले इस के लिए 5 मिनट का समय काफ़ी रहेगाl अब सब भागेंगे तो फिर खेल शुरू हुआ l मैं पहले बहुत तेज भागा और लड़कियों से बहुत दूर जाकर खड़ा हो गया, और बाक़ी सबको भागते हुए देखने लगा l भागते हुए बॉब और टॉम के हिलते हुए खड़े लंड, भागती हुई नग्न लड़कियों, उनके हिलते हुए स्तन, एक अलग ही मंज़र पेश कर रही थीl मैं उन्हें ही देखता रह गया और लड़कियों लूसी तथा सिंडी ने मुझे आकर पकड़ लिया और मेरे को कस कर पकड़ने के लिए मुझ से लिपट गयी ताकि मैं भाग न सकूl सच में जब वह दोनों मुझ से लिपटी, एक मेरेी छाती ले लिपट गयी और मेरी पीठ से लिपट गयी और उनके स्तन मेरी पीठ और छाती से चिपक गएl

दोनों में मुझसे चुम्बन माँगा जो मैंने सहर्ष दे दिया l

मैं बता नहीं सकता क्या एहसास थाl बहुत मज़ा आया और मन कर रहा था दोनों मेरे साथ ऐसे ही चिपकी रहेl किसी ने शोर नहीं मचाया के पकड़ लिया पकड़ लियाl दूर से जेन चिल्लाई लूसी ने दीपक को पकड़ लियाl अब दीपक और सिंडी मिल कर लूसी को पकड़ेंगे l फिर हम तीनो भागे और इस बार सिंडी ने भागती हुई लूसी को पकड़ लिया और फिर मैं और सिंडी लूसी के पीछे भागे और उसे मैंने पकड़ा। इसमें पकड़ने के बाद लिपटने में बहुत मज़ा आ रहा था और सब बहुत खुश हो रहे थे और ज़ोर जोर से हस रहे थेl

इसी तरह सब दो-दो बारी पकडे गए तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ और इनाम देना होगाl लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगे पर बॉब लड़कियों की पकड़ में नहीं आया l जबकि उसने रुखसाना को पकड़ लिया और पकड़ने के बाद रुकसाना से चुम्बन माँगा, जो उसने धीरे से उसके गालो पर कर दियाl

इसमें सब बहुत थक गएl रुखसाना बोली इतना तेज भागने से मैं तो बहुत थक गयी हूँ और पसीना-पसीना हो गयी हूँl मैं तो अब और नहीं भागुंगी और तालाब में नहाने जा रही हूँl सबने इस विचार का समर्थन किया l अब कोई नहीं भागेगा और सब तालाब में जा कर नहा लेते हैंl

फिर सब तालाब में चले गए और नहाये और दस मिनट बाद बॉब बोला अब तो भूख भी लगने लगी है। मैंने बोला झोपडी में कुछ खाने पीने और हलके नाश्ते इंतज़ाम हैl वहाँ चलते हैं सब बाहर निकले और कुछ देर धुप में बिठा कर ख़ुद को सुखाया l

फिर बॉब ने रुखसाना को कमर में बाहे डाल कर पकड़ा और गर्मियों के घर में ले गयाl उसके पीछे-पीछे मैं और टॉम उनकी बहनों, हम भी उस झोपडी में चले गए। टॉम ने सबको शैम्पेन और खाने का समान जैसे बिस्कुट केक नमकीन और फल सबको पेश किये। रुखसाना और हुमा पहले तो हिचकी फिर दोस्ती के नाम पर सबने जाम उठाये और हम तीनो प्रत्येक घुटने पर एक युवा महिला के साथ बैठ गए l मेरा अज़ीज़ दोस्त बॉब के साथ रुख़्सान और जेन थी, टॉम के साथ दो करीबी सहेलिया हुमा और अलका थी।

जबकि मेरी फूफेरी बहने लूसी अवं सिंडी मेरे साथ बैठीl हमने लड़कियों को शैंपेन के कई गिलास दिए, जो उन्हें शर्म की भावना से उबरने के लिए निगल लिएl जब वे हमारी गर्दन के साथ लिपटी हुई थी, तब हमने उनके उत्तेजित शरीर के कम्पन को महसूस किया l उनके हाथ और हमारे हाथ छाती पर, स्तनों पर और शर्ट के नीचे और हर निषिद्ध स्थान पर महसूस हो रहे थे और ये सब क़ुदरती होने के साथ ही हम सबकामुक और उत्तेजित हो गए थेl

हम में से प्रत्येक के पास हमारे लंड पर दो नाज़ुक हाथ, दो बाहे हमारे गर्दन के चारों ओर, दो चेहरे हमारे दोनों तरफ़ गाल के साथ गाल चिपकी हुई, दो जोड़ी होंठो के दो सेट चुम्बन के लिए, नम और चमकदार आंखों, दो जोड़ी उन्नत गोल और सुदृढ़ स्तनों की थी और हम उन्हें चूमते-चूमते चूसते और दबाते हुए पूरे मजे ले रहे थेl जो जोड़ी हाथ हमारे कठोर लंड के ऊपर नीचे हो रहे थे जिसके कारण जल्द ही हमने उनकी हाथ और उनके स्तनों पर पिचकारियाँ मार दीl

शराब से उत्साहित और अत्यंत प्रिय लड़कियों को आनंद देने के लिए उत्तेजित हो, मैं ने लूसी की टांगों को चौड़ा किया और मेरे घुटनों पर बैठकर, उसकी कुंवारी योनी को तब तक सहलायाl चूमा और चूसा, जब तक वह चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गईl जबकि प्रिय सिंडी भी मेरे साथ वही अपने मुँह और हाथो से कर रही थी और उसने मेरे लंड की कठोरता द्वारा ख़र्च की गयी आखिरी बूंद को भी बड़े प्रेम से चूस लियाl जब उसने सब चाट लिया तो लूसी ने भी अपना मुँह सिंडी के मुँह से लगा कर, मेरा सारा वीर्य जो सिंडी के मुँह पर लगा था उसे भी चाट लिया।

इस बीच बॉब मेरी नक़ल करते हुए मेरे उदाहरण का अनुसरण कर रहा था l रुखसाना ने उसकी कामुक जीभ के आगे सम्पूर्ण समर्पण किएl जब प्यार की सनक उसे ख़र्च बिंदु पर ले आईl वह ख़ुशी से चिल्लायी और उसने उसके सिर को अपने जाँघि के बीच माउंट की ओर दबायाl जबकि जेन उस समय अपने भाई के पेट और लंड और फिर उसके अंडकोषों पर बेतहाशा चुंबन करती रही और बॉब भी एक तेज उत्सर्जन करने के बाद, दोनों को चूमते हुए उनके स्तन दबाता रहा l

उधर टॉम पहले तो हुमा की बाल रहित योनि के कर हाथ फेरता रहा l फिर छोटी-सी योनि देखकर अति उत्साहित होकर उसमे ऊँगली घुसाने की कोशिश कर रहा था l उसके बहुत संकरी और टाइट होने के कारण असफल रहाl पहले तो उसने उसके स्तनों को चूमा चाटा और फिर उसके चूचको को खिंचाl फिर चूसा और हाथ से अलका का एक हाथ अपने लंड पर रख कर, अलका का दूसरा हाथ हुमा की योनि के दाने को छेड़ने के लिए प्रेरित कर, उसके दोनों स्तन और चूचक एक-एक करके तब तक चूसता रहा, जब तक वह इस दोहरे हमले से चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गयी l उधर अलका ने अपने हाथ चलाते हुए उसके लंड को चूसा जिससे वह भी उसके बाद एक बार फिर स्खलित हो गया l

इसके बाद एक राउंड और हुआ जिसमे कोई भी किसी के भी साथ प्रेमालाप करने के लिए स्वतंत्र था l जल्द ही बॉब तो टॉम इसमें एक बार फिर उत्तेजना के चार्म पर पहुँच कर निढाल हो गिर गएl सभी लड़किया मेरे साथ लग गयी और मैंने सभी को चरम पर लेजाकर सबसे आखिर में हुमा के स्तनों पर अपने वीर्य की पिचकारियां मारीl

जब हम इस रोमांचक ग्रुप सेक्स के बाद हम सब थोड़ा संयत हुए, तो हमारे बीच के सभी उतावलेपन गायब हो गएl हमने एक दुसरे से कल मिल कर कार्यक्रम फिर दोहराने का वादा किया और वर्तमान में सभी ने एक साथ स्नान करके ख़ुद को संतुष्ट कियाl लड़किये के कपडे लौटाए और उन्हें बड़ी उत्सुकता से कपडे पहनते हुए देखते रहेl हालाँकि कपडे पहनते हुए देखने का अनुभव कपडे उतारते हुए देखने से थोड़ा कम उत्तेजक था, पर फिर भी हमारे लिंग उन्हें देखते हुए बड़ी जल्दी कठोर होने लगेl

बहुत लंबे समय तक लड़कियों के बाहर रहने के कारण कोई कुछ ग़लत होने का संदेह कर सकता है इस डर से घर लौट आए।

जब हम घर वापिस पहुँचे तो बुआ और फूफा लौट आये थे और दोपहर का खाना लग ही रहा था। उनके साथ मेरी छोटी बुआ (अलका की माँ) भी थी और तीनो बहुत खुश नज़र आ रहे थे। सब लड़किये के चेहरे की लाली को देख कर बुआ बोली सुबह की सैर का सब लड़कियों के स्वस्थ्य पर अच्छा असर हो रहा हैl सबको मेरे साथ ये सैर जारी रखनी चाहिएl अलका ने रुखसाना और हुमा का परिचय दोनों बुआओँ और फूफा जी से करवाया l और उनसे उनके आने और एक हफ्ते रुकने का मंतव्य बताया, तो उन्हों ने उनका स्वागत किया और ख़ुशी से उन्हें सबके साथ रुकने की इजाज़त दी l साथ ही अलका से भी कहा अगर वह चाहे तो वह भी सब के साथ रुक सकती है और रूबी और आशा अम्मा से सबके रुकने और रहने का इन्तेजाम करने को कहा।

दोपहर का खाना खाने के बाद बॉब ने कहा वह थोड़ा थक गया है, इस लम्बी सैर के बाद और आराम करना चाहता है और अपने कमरे में चला गया, हमेशा जैसा की वह ज़रूर खाने के बाद स्मोक करता है, पर आज उसने मुझे और टॉम को सिगरेट पीने के लिए भी आमनत्रित नहीं किया जो मुझे बहुत अजीब लगा।

उसके बाद छोटी बुआ ने सभी को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया तो सबने बोला सभी अभी तो लम्बी सैर के बाद और फिर वहाँ कुछ खेल खेलने के कारण थक गए हैl इसलिए आराम करना चाहते हैं हाँ रात के खाने पर वही मिलते हैं और अलका सब को वहाँ ले आएगी l तब उसने अपनी बड़ी बहन (मेरी बड़ी बुआ) और फूफा जी को भी आमंत्रित किया की चलिए दोपहर के खाने के बाद चाय वहाँ पीते हैंl वह छोटी बुआ के साथ चले गए और जाते-जाते रूबी, टीना और मोना को छोटी बुआ की शाम के डिनर में सहायता करने के लिए बोल कर चले गएl

उनके जाने के बाद अलका और जेन, लूसी और सिंडी मेरे पास आ कर बोली आज हम दोनों की माँ बहुत खुश हैl ज़रूर इस टूर पर ऐसा कुछ हुआ है जिससे इनके रिश्ते सुधर गए हैं, इसी कारण ये तीनो इतने खुश हैंl नहीं तो, कभी भी छोटी बुआ यहाँ नहीं आती थी और बड़ी बुआ का छोटी बुआ के घर चले जाना तो आठवां आश्चर्य है l तो मैंने पुछा क्या आपको मालूम है ये आपस में क्यों नाराज थी। तो दोनों बोली हमे ज़्यादा कुछ कभी किसी ने नहीं बताया। हमने तो सिर्फ़ इनके व्यवहार में आये परिवर्तन से अंदाजा लगाया है l

तो मैंने कहा जेन सब आपके कमरे में चलते हैं, वहाँ आशा अम्मा को बुला कर पूंछते है l वे सबसे पुरानी है उन्हें सब पता होगा l

जेन के कमरे में जा कर हमने रूबी को आशा अम्मा को बुला कर लाने को कहा और उनके आने के बाद उन्हें घेर लिया और फिर मैंने उनसे बुआ और फूफा का सारा माजरा पुछा।

आगे क्या हुआ, मेरी दोनों बुआ की क्या कहानी थी? ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कामुक कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक
 
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मेरे अंतरंग हमसफ़र-26

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -5

सौतेली बहने


तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो आपकी दोनों बुआ का क्या किस्सा था?


फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, तुम्हे ये राज इसलिए बता रहा हूँ क्यंकि अब तुम मुझ से शादी करने के बाद मेरे परिवार का हिस्सा बन गयी हो l मुझे लगता है तुम्हे ये राज पता होने चाहिए ताकि तुम्हे भविष्य में कोई दिक्कत न हो।

तो हमने आशा अम्मा को बुला कर अपनी बुआ के बारे में पूछा तो आशा अम्मा पहले तो बोली ऐसी कोई बात नहीं हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा आप बताइये ये जानने की मेरी इच्छा है। तो वह बोली वैसे तो ये परिवार का मसला है तो इसे परिवार के बाहर बताना मेरे लिए उचित नहीं और फिर मुझे किसी अन्य को बताने के लिए मुझे मना भी किया गया हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा यहाँ तो सभी परिवार के हो लोग हैंl तो वह बोली आपकी ऐसी इच्छा है इसलिए मुझे जितना मालूम है उतना आपको बता देती हूँ।

तो आशा अम्मा बोली जैसे कि आप जानते तो छोटे कुमार आपके परिवार में पुरुष रसिक रहे हैं। उनकी एक से अधिक पत्निया रही हैं और विवाहेतर सम्बन्ध भी रहे है तो आपके दादा जी की भी वैसे तो कई पत्निया थीl उसके इलावा भी जो मेरी जानकारी में थी कुछ अन्य स्त्रियों से उनके सम्बन्ध थे जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। उन सबके बारे में आपको एक डायरी जो आपके दादा जी अपने कमरे में आपके लिए छोड़ गए हैं उसमे पता लग जाएगा l आप उस पढ़ लीजियेगा।

तो मैंने कहा ठीक है आशा अम्मा वह मैं देख लूँगा आप बड़ी और छोटी बुआ के बारे में बताये। तो आशा अम्मा बोली आपके दादा जी की दो मुख्य पत्निया थी जिनसे उन्हें विशेष लगाव था l एक आपकी दादी थी, जिनसे आपके पिताजी और बड़ी बुआ है और दूसरी अलका की नानी थीl जो उनकी सबसे छोटी और प्रिय पत्नी थी जिससे उनके एक संतान थी आपकी छोटी बुआ अर्थात अलका की माँ, उन दिनों दोनों बहनो में अच्छी बनती थी। चुकी आपके दादा जी की अनेक सन्तानो में केवल एक ही लड़का, जो की आपके पिताजी हैं, इसलिए वह आपकी दादी का बहुत मान करते थे और उसकी कोई बात नहीं टालते थे।

समय के अनुसार जब आपके पिताजी बड़े हो गए तो वे पहले विदेश में पढ़ने गएl फिर उसके बाद भी आपके दादाजी के जैसे ही विदेश जाते रहते थे और पढाई के दौरान वहाँ उनकी मित्रता जेन आपके पिताजी से हुई। जेन के पिताजी को व्यापार में बहुत बड़ा नुक्सान हुआ तो कुमार आपके पिताजी ने अपने दोस्त की बिज़नेस दुबारा खड़ा करने में बड़ी मदद की।

फिर एक दिन दोनों मित्रो से अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने का प्रस्ताव रखा और अपनी बहन की शादी उनसे करने का प्रस्ताव रखाl आपके फूफा जी ने भी अपने बहन के विवाह का प्रस्ताव आपके पिताजी के साथ रखा। उसके जब जेन आपके पिताजी, यहाँ आये तो उन्हें सबसे पहले छोटी बुआ मिली जो की उस समय जवान हो गयी थी और बहुत सुन्दर थी और आज भी बहुत सुन्दर हैं और उन्हें देखते ही छोटी बुआ पसंद आ गयी और उन्होंने उसे ही दिमाग़ में रखते हुए अपनी विवाह के लिए स्वीकृति दे दीl तुम्हारी दादी ने उनसे तुम्हारी बड़ी बुआ का विवाह करने का प्रस्ताव किया और चुकी उनकी चलती थी और तुम्हारे फूफा जी चुकी तुम्हारे पिताजी के अहसान के नीचे दबे हुए थे वह अपनी मन की बात तो नहीं बोल सके।

तो तुम्हारी बड़ी बुआ का उनसे विवाह हो गया और उन्होंने उससे पहले ही चुपचाप तुम्हारी छोटी बुआ से सम्बन्ध कर लिया था, जिसके कारण अलका हुई। वक़्त के साथ तुम्हारी बड़ी बुआ के कोई लड़का नहीं हुआ तो उन्हों ने और भी विवाह कर लिए और उनसे तुम्हारे फूफेरे भाई और अन्य बहने हुई। पर तुम्हारे फूफा जी के तुम्हारी बड़ी बुआ के साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे नहीं रहे।

तुम्हारी छोटी बुआ बड़ी बुआ के कारण कभी तुम्हारे फूफा जी के पास लंदन नहीं गयी पर उससे मिलने तुम्हारे फूफा जी साल में कई बार आते रहे। इसेी कारण दोनों बहनो के भी सम्बन्ध बिगड़ गए।

पर आज तो दोनों बहने फिर हस बोल रही थी l पता नहीं ये जादू कैसे हुआ पर अच्छा है के परिवार के सम्बन्ध सुधर गएl मुझे बस इतना ही पता है इस बारे में ये कह कर आशा अम्मा चली गयी।

मैं बोलै निश्चित तौर पर जब बहनो के सम्बन्ध सुधरे, तो पति पत्नी के भी सम्बन्ध सुधर गए लगते हैं इसे कारण से तीनो खुश थी।

तो मैंने अलका को और जेन लूसी और सिंडी को बधाई दी और जेन ने अलका को अपने साथ लंदन आने का आमंत्रण दिया। जेन मुझे बोली आपको एक बात बताऊl मेरी एक (आंटी) बुआ है मुझे लगता है उसके साथ मामाजी ने विवाह किया हुआ है और जब भी वे लंदन आते है तो हमारे घर केवल दिन में ही रुकते हैं।

मैने कहा अब जब लंदन आऊँगा तो उनसे ज़रूर मिलूंगा। उसके बाद जेन और बाक़ी बहनो ने मुझे चुम्बन करके बिदा किया और सब बहने अपने कमरों में आराम करने चली गयी।

तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना हैl

तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कसर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना है मैंने कहा क्या हुआ कहाँ क्या दिखाना है तो बोली चलो तो lअलका मुझे खींचती हुई अपने घर की और ले चली और रास्ते में जेन मिली तो उसे भी साथ ले चलीl फिर अपने घर में उसे गुप्त रास्ते से प्रवेश किया और हमे फुसफुसाते हुए बोली कोई आवाज मत करना और छुप कर चुपचाप देखनाl हम एक तरफ छुप गएl

हमने देखा छोटी बुआ बड़ी बुआ को पकड़ कर फूफा जी के पास ले आयी और दोनों फूफा जी के साथ दोनों तरफ चिपक कर बैठ गयी और उन्हें एक साथ किश करने लगीl

फूफा जी बोले मैं आप दोनों को बेहद चाहता हूँl इतना सुनना था कि बड़ी बुआ ने फूफा को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए।

बड़ी बुआ अपने को रोक नहीं पाई और फूफा के चेहरे को अपनी हथेली में भरकर उठाया। फूफा की आँखों के कोनों पर दो आँसू चमक रहे हैं। दोनों बुआ यह देख कर तड़प उठी। बड़ी बुआ ने अपनी उँगलियों से उनको पोंछ कर उनके चेहरे को अपने सीने पर खींच लिया। वो किसी बच्चे की तरह बुआ की छातियों से अपना चेहरा सटाये हुए थे।

इतने में छोटी बुआ भी फूफा जी के होंठो को किश करने आ गयी और फूफा जी ने अपने होंठ खोल कर उनके होंठों का स्वागत किया। फूफा जी ने दोनों बहनो को इस तरह चूमना शुरू किया मानो बरसों के भूखे हों। कोटि बुआ उनके चौड़े सीने के बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। छोटी बुआ ने बड़ी बुआ के जिस्म पर बंधी गाउन की उस डोर को खींच कर खोल दिया।

अब बड़ी बुआ सिर्फ सैंडल पहने, पूरी तरह नंगी उनके सामने थी। छोटी बुआ ने भी फूफा के पायजामे के ऊपर से उनके लंड को अपने हाथों से थाम कर सहलाना शुरू किया।

फिर छोटी बुआ ने पायजामे की डोरी को खोल कर उनके लंड को बाहर निकाला। उनका लंड काफी मोटा था। उनके लंड के ऊपर का सुपाड़ा एक टेनिस की गेंद की तरह मोटा था।

फूफा जी गोरे-चिट्टे थे, लेकिन लंड काफी काला था। उनके लंड के मुँह से पानी जैसा चिपचिपा रस निकल रहा है। वो मेरी बुआओँ की हरकतों को गौर से देख रहे थे।

छोटी बुआ ने अपनी जीभ पूरी बाहर निकाली और स्लो-मोशन में अपने सिर को उनके लंड पर झुकाया। बड़ी बुआ की आँखें लगातार फूफा के चेहरे पर टिकी हुई थी और दोनों बेतहाशा किश कर रहे थे।

तभी बड़ी बुआ ने भी छोटी बुआ के गाउन की डोरी खींच कर अलग कर दिया और फिर छोटी बहन के जिस्म पर हाथ फेरने लगीl

छोटी बुआ ने अपनी जीभ उनके लंड के टिप पर लगाई और उससे निकलने वाले रस को चाट कर अपनी जीभ पर ले लिया। फिर उसी तरह धीरे-धीरे मैंने अपना सिर उठा कर अपनी जीभ पर लगे उनके रस को उनकी आँखों के सामने किया और मुँह खोल कर जीभ अंदर कर ली।

छोटी बुआ को अपना रस पीते देख वो खुशी से भर उठे और वापस बड़ी बुआ के चेहरे पर अपने होंठ फिराने लगे। वो बड़सी बुआ के होंठों को, कानों को, आँखों को, गालों को चूमे जा रहे थेl बड़ी बुआ का हाथ भी फूफा के लणड और अंडकोषों पर चला गया और उनके अंडकोषों को को अपनी मुठ्ठी में भर कर सहला रही थी।

बड़ी बुआ ने उनके सिर को पकड़ कर नीचे अपनी चूचियों से लगाया। उन्होंने जीभ निकाल कर दोनों चूचियों के बीच की गहरी खाई में फ़िराई। फिर एक मम्मे को अपने हाथों से पकड़ कर उसके निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। बुआ के निप्पल पहले से ही तन कर कड़े हो गये थे।

वो एक निप्पल को चूस रहे थे और दूसरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर मसल रहे थे। पहले तो उन्होंने धीरे-धीरे मसला मगर कुछ ही देर में दोनों मम्मे पूरी ताकत से मसल-मसल कर लाल कर दिये। बड़ी बुआ उत्तेजना में सुलगने लगी।

बड़ी बुआ "सीईऽऽ... आआ...आहहऽऽऽऽ... मममऽऽऽ... ऊँऊँऽऽऽऽ" जैसी आवाजें निकालने से खुद को नहीं रोक पा रही थी।

उनके होंठ दोनों मम्मों पर घूमने लगे और जगह-जगह बुआ के मम्मों को काट-काट कर अपने मिलन की निशानी छोड़ने लगे। पूरे मम्मों पर लाल-लाल दाँतों के निशान उभर आये। और साथ के साथ फूफा जी के हाथ छोटी बुआ के मम्मो पर भी चल रही थे और उनके निप्पलों को मसल रहे थेl

"आगे भी कुछ करोगे या इनसे ही चिपके रहने की मर्ज़ी है?" छोटी बुआ उनको प्यार भरी एक झिड़की दी।

निप्पल लगातार चूसते रहने की वजह से दुखने लगे थे, मम्मों पर जगह-जगह उनके दाँतों के काटने से लाल-लाल निशान उभरने लगे थे।

बड़ी बुआ काफी उत्तेजित हो गई थी, लग रहा था काफी दिनों के बाद सेक्स कर रही हैं ।

इतना सुनना था कि उन्होंने बड़ी बुआ को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए ।

आगे क्या हुआ ...ये कहानी जारी रहेगी ।

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