गतान्क से आगे...................................
"अगर सच कहूँ तो नही..... मेरी बहोत सारी कल्पनाए थी जो पूरी ना
हो सकी. बचपन से ही में बहोत सेक्सी थी. दिल करता था कि पिताजी
से
भाई से सभी से चुदवाऊ. एक दिन मम्मी पापा को चुदाई करते देखा तो
मुझे भी लगा कि मैं उनसे भी चुदवाऊ. मेरा कोई भाई है तो नही
और यहाँ ससुराल में भी एक तुम ही रिश्तेदार हो. दिल करता है कि
में भी तुमसे खूब चुदवा कर तुम्हारे बच्चे की मा बन जाउ." मोना
ने
मुस्कुराते हुए कहा.
"क्या सच मच तुम मेरे बच्चे की मा बनना चाहती हो?" मेने पूछा.
"हां राज सही मे और अगर कुछ हुआ भी तो में कह दूँगी कि बच्चा
मेरे पति का है." मोना ने मेरी छाती पर हाथ फिराते हुए कहा.
इसी तरह बातें करते करते कब नींद आ गयी हमे पता भी नही
चला. सुबह जब सूरज की गर्मी से बदन जलने लगा तभी मेरी आँख
खुली. सुबह पहली बार मेने मोना के नंगे बदन को दिन के उजाले मे
देखा. उसका गोरा बदन सूरज की रोशनी मे चमक रहा था. उसके खुले
बॉल उसकी चुचियों को ढके हुए थे. गुलाबी होठों पर एक प्यारी
मुस्कान नाच रही थी जैसे की नींद मे कोई प्यारा सपना देख रही
हो.
में बेखायाली मे जब मोना के नंगे बदन को निहार रहा था तभी
अनिता मामी और कंगन मामी आ गयी. हम दोनो को नंगा देख दोनो फिर
हमे चिढ़ाने और हँसने लगी. दोनो ने स्नान कर लिया था और उनके
गीले बालों से अभी भी पानी की बूंदे टपक रही थी. दोनो मुझे
देख
मुस्कुरई फिर मोना मामी को उठाने लगी.
"सोने दो ना क्यों तंग करते हो." कहकर मोना ने अपने दोनो हाथ उठा
कर एक अंगड़ाई ली तो उसकी चूत थोड़ा उपर को उठ गयी. मेने देखा
की
उसकी झांतें मेरे और उसके रस से चिपचिपा रही थी.
जब उसने आँख खोली और एहसास हुआ कि वो नंगी है तो उसने झट से
पास ही पड़ी अपनी सारी उठा अपने बदन पर डाल ली.
"अरे क्यों छुपा रही है अपने इस नशीले बदन को, हां उठो और
नीचे आ कर नहा धोकर नाश्ता कर लो." इतना कहकर अनिता मामी ने
उसकी सारी खींच ली और हमारे सारे कपड़े लेकर नीचे चली गयी.
"सारी रात तो नंगे रहे हो अब क्या ज़रूरत पड़ गयी कपड़े पहनने की,
ऐसे नंगे ही घूमना है घर मे." कहकर कंगन मामी भी चली
गयी.
में और मोना नंगे ही नीचे आ गये. जैसे ही अंदर आए मोना ने
कहा, "राज क्यों ना हम दोनो साथ साथ स्नान करें."
इसके पहले की में कुछ कहता मोना मुझे खींच कर अपने साथ
बाथरूममे ले आई.
हम दोनो पहले से ही नंगे थे इसलिए उतारने के लिए कुछ था नही.
मोना सिर्फ़ अपने गले मे पहने मंगल सुत्र को उतार कर साइड मे रख
दिया. फिर वो मेरे शरीर पर पानी डालने लगी और साबून मलने लगी.
उसकी चूड़ियों की खनकार से मेरा लंड एक बार फिर तन्न्कर खड़ा हो
गया.
"मोना कभी किसी का लंड चूसा है?" मेने पूछा.
"एक बार तुम्हारे मामा जी ने कोशिश की थी पर मुझे अच्छा नही लगा."
मोना ने कहा.
मैने मोना को अपने सामने नीचे बिठा दिया, "अरे बहोत मज़ा आएगा आओ
में तुम्हे सिखाता हूँ." कहकर में अपने खड़े लंड को उसके होठों
पर घिसने लगा.
"अपनी जीब को पहले मेरे सूपदे पर फिराओ और इसे चॅटो." मेने कहा.
मोना ने आनी जीभ बाहर निकाली और सूपदे पर घूमाने लगी.
"हां अब इसे अपनी मुट्ठी मे पाकड़ो और अपनी ज़ुबान को उपर से नीचे
तकले जाकर चॅटो फिर नीचे से उपर तक."
मैं जैसा कह रहा था मोना वैसे ही करती जा रही थी.
"अब अपना मुँह खोलो और पहले सिर्फ़ सूपदे को मुँह मे लेकर चुलबुलाओ,
साथ ही इसपर अपनी जीभ फिराती रहना."
मोना ने मेरे लंड के सूपदे को अपने मुँह मे लिया और चूसने लगी.
मेने अपना हाथ नीचे कर उसकी चुचियों को भींचे लगा.
"अब अपने गले को थोड़ा खोलो और जितना लंड अंदर ले सकती हो लो और
फिर बाहर निकालो सिर्फ़ सूपदे तक फिर उसे अंदर लो जैसे कि तुम्हारा
मुँह ना होकर तुम्हारी चूत हो और मेरा लंड उसमे अंदर बाहर हो रहा
है." मेने उसकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा.
मोना अब मेरे बताए तरीके से मेरा लंड चूसने लगी. मुझे भी मज़ा
रहा था मेने उसके सिर को पकड़ा और उसके मुँह मे धक्के लगाने लगा.
मोना ने मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और बोली, "राज मुझसे अब
नही रहा जाता मुझे चोदो ना प्लीज़."
मेने उसे दीवार के सहारे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मे
अपना लंड पेल दिया. में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
"ओह राज चोदो हाआँ ज़ोर ज़ोर से चोदो ऑश ःआआआआण चोदो और
ज़ोर से." मोना सिसकने लगी.
मेरे लंड काफ़ी उबाल पर था, "ऑश मोना डार्लिंग मेरा तो छूटने
वाला है,"
"में भी कगार पर हूँ राज छोड़ दो अपना पानी मेरी चूत मे ऑश
हाां."
मेने दो चार धक्के लगाए और हम दोनो साथ साथ खलास हो गये.
फिर एक दूसरे को खूब अच्छी तरह साबून लगाय
"अगर सच कहूँ तो नही..... मेरी बहोत सारी कल्पनाए थी जो पूरी ना
हो सकी. बचपन से ही में बहोत सेक्सी थी. दिल करता था कि पिताजी
से
भाई से सभी से चुदवाऊ. एक दिन मम्मी पापा को चुदाई करते देखा तो
मुझे भी लगा कि मैं उनसे भी चुदवाऊ. मेरा कोई भाई है तो नही
और यहाँ ससुराल में भी एक तुम ही रिश्तेदार हो. दिल करता है कि
में भी तुमसे खूब चुदवा कर तुम्हारे बच्चे की मा बन जाउ." मोना
ने
मुस्कुराते हुए कहा.
"क्या सच मच तुम मेरे बच्चे की मा बनना चाहती हो?" मेने पूछा.
"हां राज सही मे और अगर कुछ हुआ भी तो में कह दूँगी कि बच्चा
मेरे पति का है." मोना ने मेरी छाती पर हाथ फिराते हुए कहा.
इसी तरह बातें करते करते कब नींद आ गयी हमे पता भी नही
चला. सुबह जब सूरज की गर्मी से बदन जलने लगा तभी मेरी आँख
खुली. सुबह पहली बार मेने मोना के नंगे बदन को दिन के उजाले मे
देखा. उसका गोरा बदन सूरज की रोशनी मे चमक रहा था. उसके खुले
बॉल उसकी चुचियों को ढके हुए थे. गुलाबी होठों पर एक प्यारी
मुस्कान नाच रही थी जैसे की नींद मे कोई प्यारा सपना देख रही
हो.
में बेखायाली मे जब मोना के नंगे बदन को निहार रहा था तभी
अनिता मामी और कंगन मामी आ गयी. हम दोनो को नंगा देख दोनो फिर
हमे चिढ़ाने और हँसने लगी. दोनो ने स्नान कर लिया था और उनके
गीले बालों से अभी भी पानी की बूंदे टपक रही थी. दोनो मुझे
देख
मुस्कुरई फिर मोना मामी को उठाने लगी.
"सोने दो ना क्यों तंग करते हो." कहकर मोना ने अपने दोनो हाथ उठा
कर एक अंगड़ाई ली तो उसकी चूत थोड़ा उपर को उठ गयी. मेने देखा
की
उसकी झांतें मेरे और उसके रस से चिपचिपा रही थी.
जब उसने आँख खोली और एहसास हुआ कि वो नंगी है तो उसने झट से
पास ही पड़ी अपनी सारी उठा अपने बदन पर डाल ली.
"अरे क्यों छुपा रही है अपने इस नशीले बदन को, हां उठो और
नीचे आ कर नहा धोकर नाश्ता कर लो." इतना कहकर अनिता मामी ने
उसकी सारी खींच ली और हमारे सारे कपड़े लेकर नीचे चली गयी.
"सारी रात तो नंगे रहे हो अब क्या ज़रूरत पड़ गयी कपड़े पहनने की,
ऐसे नंगे ही घूमना है घर मे." कहकर कंगन मामी भी चली
गयी.
में और मोना नंगे ही नीचे आ गये. जैसे ही अंदर आए मोना ने
कहा, "राज क्यों ना हम दोनो साथ साथ स्नान करें."
इसके पहले की में कुछ कहता मोना मुझे खींच कर अपने साथ
बाथरूममे ले आई.
हम दोनो पहले से ही नंगे थे इसलिए उतारने के लिए कुछ था नही.
मोना सिर्फ़ अपने गले मे पहने मंगल सुत्र को उतार कर साइड मे रख
दिया. फिर वो मेरे शरीर पर पानी डालने लगी और साबून मलने लगी.
उसकी चूड़ियों की खनकार से मेरा लंड एक बार फिर तन्न्कर खड़ा हो
गया.
"मोना कभी किसी का लंड चूसा है?" मेने पूछा.
"एक बार तुम्हारे मामा जी ने कोशिश की थी पर मुझे अच्छा नही लगा."
मोना ने कहा.
मैने मोना को अपने सामने नीचे बिठा दिया, "अरे बहोत मज़ा आएगा आओ
में तुम्हे सिखाता हूँ." कहकर में अपने खड़े लंड को उसके होठों
पर घिसने लगा.
"अपनी जीब को पहले मेरे सूपदे पर फिराओ और इसे चॅटो." मेने कहा.
मोना ने आनी जीभ बाहर निकाली और सूपदे पर घूमाने लगी.
"हां अब इसे अपनी मुट्ठी मे पाकड़ो और अपनी ज़ुबान को उपर से नीचे
तकले जाकर चॅटो फिर नीचे से उपर तक."
मैं जैसा कह रहा था मोना वैसे ही करती जा रही थी.
"अब अपना मुँह खोलो और पहले सिर्फ़ सूपदे को मुँह मे लेकर चुलबुलाओ,
साथ ही इसपर अपनी जीभ फिराती रहना."
मोना ने मेरे लंड के सूपदे को अपने मुँह मे लिया और चूसने लगी.
मेने अपना हाथ नीचे कर उसकी चुचियों को भींचे लगा.
"अब अपने गले को थोड़ा खोलो और जितना लंड अंदर ले सकती हो लो और
फिर बाहर निकालो सिर्फ़ सूपदे तक फिर उसे अंदर लो जैसे कि तुम्हारा
मुँह ना होकर तुम्हारी चूत हो और मेरा लंड उसमे अंदर बाहर हो रहा
है." मेने उसकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा.
मोना अब मेरे बताए तरीके से मेरा लंड चूसने लगी. मुझे भी मज़ा
रहा था मेने उसके सिर को पकड़ा और उसके मुँह मे धक्के लगाने लगा.
मोना ने मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और बोली, "राज मुझसे अब
नही रहा जाता मुझे चोदो ना प्लीज़."
मेने उसे दीवार के सहारे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मे
अपना लंड पेल दिया. में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
"ओह राज चोदो हाआँ ज़ोर ज़ोर से चोदो ऑश ःआआआआण चोदो और
ज़ोर से." मोना सिसकने लगी.
मेरे लंड काफ़ी उबाल पर था, "ऑश मोना डार्लिंग मेरा तो छूटने
वाला है,"
"में भी कगार पर हूँ राज छोड़ दो अपना पानी मेरी चूत मे ऑश
हाां."
मेने दो चार धक्के लगाए और हम दोनो साथ साथ खलास हो गये.
फिर एक दूसरे को खूब अच्छी तरह साबून लगाय