Incest मेरी मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल

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कुछ देर बाद, अंकल ने अपनी स्पीड कम कर दी और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।।



मम्मी, अंकल की छाती से चिपकी हुई थीं।।



अंकल ने मम्मी को कमर से पकड़ते हुए, पलटा मारा और मम्मी अब नीचे हो गईं और अंकल उनके ऊपर हो गये।।



अंकल ने मम्मी के सिर के नीचे तकिया दिया और उनके होंठ के पास आ गये और उन्हें चूमने लगे।।



अब मम्मी ने, अंकल से धीरे से कहा – अब बस कीजिए.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. !



अंकल ने उनके होंठों पर किस करते हुए कहा – महक जी, अभी तो मेरा निकला भी नहीं और अभी आप ख़तम करने की बात कर रही हैं.. ! लगता है, कभी आपका किसी “मर्द” से पाला नहीं पड़ा.. ! माफ़ कीजिएगा, आज तो मैं आपको जी भर के चोदने के बाद ही छोड़ूँगा।। और, अंकल हंसते हुए उनके होंठ चूमने लगे।।



फिर, उन्होंने मम्मी से कहा – मैं जानता हूँ, आप बहुत “प्यासी” हैं.. ! मुझे बस आपकी मदद करने दीजिए.. ! मस्त कर दूँगा, मैं आपको.. !



फिर वो अपने एक हाथ से, मम्मी के चुचे मसलते हुए उनके होंठ चूमने लगे।।



मम्मी ने अपने सीधे हाथ से, उनके बालों को पकड़ रखा था और अंकल का साथ दे रही थीं।।



फिर मम्मी ने अपने एक हाथ को नीचे लेजा कर, उनका लण्ड पकड़ के अपनी फुददी पर बैठा दिया और अंकल ने धीरे से धक्का दिया।।



उनका आधा लण्ड, मम्मी के फुददी के अंदर चला गया और अंकल धीरे धीरे मम्मी के कानों मे कुछ कहते हुए, अपना लण्ड उनकी फुददी के अंदर बाहर करने लगे।।



अब अंकल ताबड़तोड़ मम्मी को चोद रहे थे और मेरी माँ ताबड़तोड़ चुद रहीं थीं।।



मम्मी ने कस के अंकल को दबोच कर, उनकी पीठ पकड़ रखी थी और दोनों टांगें खोल के अंकल से, बिल्कुल “दो पैसे की रंडी” की तरह चुदवा रही थीं।।



अंकल के हर झटके पर, जब भी उनकी जाँघ मम्मी की जाँघ से टकराती थी, तब – ठप ठप ठप.. ! फट फट फट.. ! की गूँज आती थी और मम्मी के मुंह से – आ आहह आह आह उःमह इयाः हह उई माह ह ह ह ह ह.. ! की आवाज़ निकल रही थी।।



मम्मी की पायल की “छन छन” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।।



अंकल पूरी ताक़त से मम्मी के होंठ चूमते हुए, उन्हें चोद रहे थे और बीच बीच में अपना मुंह उनकी चुचे पर रख के चूस रहे थे।।



कुछ देर ऐसे मम्मी को चोदने के बाद, वो ठंडे से पड़ गये।।



उनके मुंह से – आ आआ आ अहह अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ निकली और उनकी कमर धीरे धीरे हिलने लगी फिर उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट कर उनके बगल में लेट गये।।



मैंने देखा अंकल के लण्ड पर, उनका वीर्य और हल्का सा “खून” लगा हुआ था और मेरी मम्मी की फुददी से उनका वीर्य बाहर निकल रहा था।।



मम्मी और अंकल के शरीर से, जबरदस्त पसीना निकल रहा था और उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं।।



मम्मी भी बुरी तरह से थक गई थीं।।



मुझे लगा की अंकल, शायद अब मेरी मम्मी पर तरस खा कर उनको घर छोड़ देंगें पर उनका प्लान तो उन्हें आज रात भर चोदने का था।।



थोड़ी देर निढाल पड़े रहने के बाद, मम्मी उठ के बाथरूम की तरफ चली गईं।।



इधर अंकल, बिस्तर पर ही लेटे हुए थे।।



मम्मी के दरवाजा बंद करने के बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की पैंटी ज़मीन से उठा ली और उसे सूंघने लगे।।



खास कर के जो उनकी “चूत वाला हिस्सा” था, वो।।



एक दो मिनट में, मम्मी बाहर आ गईं और उन्होंने अंकल से अपनी पैंटी माँगी और कहा – अब वो, उन्हें घर छोड़ दे.. !



अंकल ने मम्मी के हाथ को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।।



मम्मी, सीधा अंकल की गोद में चली गईं और अंकल ने मम्मी को किस करते हुए कहा – जानू, अभी कहाँ जाना है.. ! मैं आपको, सुबह घर छोड़ दूँगा.. ! आज आप, यहीं रुक जाओ, मेरे पास.. ! और फिर, आपकी तबीयत भी कुछ खराब है.. ! वैसे भी कौन सा, आपका पति आपका घर पर इंतेज़ार कर रहा है।। और, वो मम्मी के होंठों पर किस करने लगे।।



कुछ देर मम्मी के होंठों का रसपान करके, अंकल ने कहा – मैं शराब लेकर आता हूँ.. ! आज रात भर, पार्टी करेंगे.. !



मम्मी ने अब, थोड़ा गुस्से में कहा – मैं नहीं पीती.. ! प्लीज़, मेरे सिर में बहुत दर्द हो रहा है.. ! और अब तो आप मुझे चोद चुके ना, अब क्यूँ नशा कराना है मुझे.. !



अंकल ने कहा – जानेमन, अभी कहाँ चोद चुके.. ! ये तो बस “टेस्ट ड्राइव” थी और तुम चिंता क्यूँ करती हो, कुछ नहीं होगा.. ! महक मेरी जान, ये शराब नहीं है ये तो दवाई है.. ! तुम्हारा सब दर्द, ख़तम हो जाएगा.. ! वैसे भी आप जितनी नशीली हैं, उसके सामने ये शराब क्या नशा करेगी.. ! और, वो ज़ोर से हंस पड़े।।



आधे घंटे तक, “रंडी की तरह” बड़ी बेशरमी से अपनी टाँगें खोल खोल के चुदवाने और अंकल के लण्ड पर छीनाल की तरह कूदने के बाद, अंकल की तारीफ़ से मेरी “भोली भाली मम्मी” कुछ शरमा सी गईं।।
 
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मम्मी ने अंकल के गाल पर बड़े प्यार से मुस्कुराते हुए, एक हल्का सा थप्पड़ मारा।।



अंकल ने भी मम्मी के बालों को पकड़ा और उनके होंठों को अपने मुंह में लेकर किस किया।।



फिर उन्होंने अपनी अंडर वियर पहन ली और वहां से चले गये।।



जाते वक़्त, अंकल ने बाहर से दरवाज़े सटा दिया।।



अब मैं बाहर के कमरे की तरफ गया और देखने लगा।।



अंकल के दोस्त, वहीं सोफे पर बैठे हुए थे।।



उन्होंने अंकल को आते देखा और कहा – आइए, शिकारी जी.. ! कर लिया, अपना शिकार.. !



अंकल ने ताली बजाते हुए, कहा – हाँ भाई, हो गया काम.. ! गजब की माल है, कुतिया.. ! “लण्ड फोड़, बिस्तर तोड़ छमिया” है, माँ की लौड़ी.. ! यार, चूत इतनी टाइट है की खून रिस आया.. ! मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ.. ! जी ही नहीं चाह रहा था भाई, उसकी फुददी से लण्ड बाहर निकालूँ.. !



फिर, अंकल ने कहा – यार, पर एक ग़लती हो गई.. ! कॉन्डम भूल गया था.. ! मूत अंदर गिर गया.. !



उनके दोस्त ने कहा – तो क्या हुआ, भाई.. ! डर क्यों रहा है.. ! गिरवा देना.. ! कौन है यहाँ, उससे सवाल जवाब करने के लिए.. ! और फिर कौन सी ये पहली औरत होगी, जिसके पेट में तेरा बच्चा ठहर गया हो.. ! साले, कितनों का गिरवाया हुआ है तूने, जिनके तो पति भी यहाँ हैं.. ! इसका भी गिरवा देंगें.. ! चिंता मत कर.. !



फिर कुछ देर बाद, उनके दोस्त ने कहा – ये बता, अब क्या प्लान है.. ! मुझे भी निकलना है, कहीं.. !



अंकल ने कहा – क्या बोल रहा है, यार.. ! अभी कहाँ जा रहा है, भाई.. ! मैंने तो सोचा था, आज रात भर इसकी तबीयत से लूँगा.. ! कल सुबह छोड़ूँगा, उसको घर.. !



अंकल का दोस्त हंस पड़ा और कहा – बहन चोद, साले.. ! एक ही दिन में फाड़ देगा, क्या.. ! रुला मत दियो, भाई.. ! जैसे उस दिन, उस शर्मा की बीवी को रुला दिया था.. !



अब अंकल भी हंसने लगे और बोले – नहीं यार.. ! इसको, रुलाऊँगा नहीं.. ! इसको प्यार से चोदूंगा.. ! ताकि रोज़ तरसे, मेरे बिस्तर पर आने के लिए.. ! बहुत दिन लगाए हैं, इसने बिस्तर पर आने के लिए.. ! अब ये तडपेगी.. ! पति आ भी गया तो भी, मेरी पास आकर रोज़ यही कहेगी – चोदो ना जान, मेरी चूत.. !



अंकल के दोस्त ने अब हंसते हुए कहा – फिर हमें कब मौका मिलेगा, ऐसी “प्यारी और प्यासी फुददी” मारने का.. !



अंकल ने कहा – अभी नहीं, यार.. ! अभी ये पूरी तरह सेट हो जाए.. ! फिर, तुम सब ले जाना पर अभी नहीं.. ! पता चला की मैं भी आगे, कभी ना ले सकूँ और फिर कहीं चिल्लाने विल्लाने ना लगे.. ! पहला दिन है, भाई रंडी का.. ! पहले दिन, एक ही “ग्राहक” बहुत है.. ! सब्र करो.. ! कद्दू काट तो गया ही है, अब सब में बँट भी जल्द ही जाएगा.. !



मेरे दोस्त के पापा, मेरी मम्मी के बारे में ऐसी बातें कर रहे थे और मैं चुपचाप सुन रहा था।।



वैसे मुझे अब कोई ताजूब नहीं होता, अगर मम्मी उनके दोस्त से भी अपनी चूत मरवा लेती।।



सोचा तो मैंने पहले ये था की अंकल मम्मी की इज़्ज़त लूटेगें पर मम्मी ने तो अपनी इज़्ज़त अंकल को तोहफे में दे दी थी, उनके दोस्त को भी शायद दे दें।।



खैर.. !



अब उनके दोस्त ने कहा – चल भाई, ठीक है.. ! सब्र कर लेता हूँ.. ! अब मैं जा रहा हूँ और तू ये रख, घर की चाभी.. !



और, वो निकल गये।।



मैं फ़ौरन आड़ में हो गया।।



उनके दोस्त कार में बैठे और मुझे ज़रा भी देखे बिना, निकल गये।।



अंकल ने वहां से शराब की बोतल उठाई और दो ग्लास लेकर, अंदर चले गये और दरवाज़े बंद कर दिया।।



उनके जाने के बाद, मैं वापस से बैडरूम की खिड़की के पास चला गया।।



मेरी मम्मी कंबल के नीचे थीं, उन्हें ठंड लग रही थी।।



अंकल आए और बिस्तर पर बैठ गये और दो ग्लास में दारू निकाल के, एक ग्लास मम्मी को दिया।।



मम्मी उठ के बैठ गईं।।



अभी भी उनके शरीर पर, एक भी कपड़ा नहीं था।।



अंकल ने मम्मी से कहा – ये लीजिए दवाई पी लीजिए.. ! फिर, हम रात भर मज़े करेंगे.. !
 
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वो मम्मी के पास आ गये और दोनों बिस्तर के सहारे लेट के दारू पीने लगे।।



इस बार तो मम्मी ने “फॉर्मेलिटी” के लिए भी, उनको मना नहीं किया।।



अब अंकल ने मम्मी के गालों पर हाथ रखते हुए कहा – महक जी, आपने मुझे बहुत सताया है.. ! कब से आपको चोदने की हसरत लिए, घूम रहा था.. ! चलिए देर से ही सही, पर आपने आज मेरे दिल की बात पूरी कर दी.. ! अब मैं आपको कभी अकेला फील नहीं होने दूँगा और ना ही आपको आपके पति की कमी महसूस होने दूँगा.. !



उन्होंने मम्मी को एक एक, करके 4-5 पैग पीला दिए।।



मम्मी के ऊपर, धीरे धीरे “नशा” छाता जा रहा था।।



इधर, धीरे धीरे मेरी माँ की “असली तस्वीर” मेरे सामने आती जा रही थी।।



इसी बीच अंकल ने अपनी अंडर वियर निकाल दी और मम्मी के हाथ से ग्लास ले लिया।।



फिर उन्होंने दारू की बोतल और दोनों ग्लास ले जाके टेबल पर रख दिया।।



अब वो बिस्तर पर आकर घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी के बालों को पकड़ते हुए, अपना लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में दे दिया।।



मम्मी ने भी लण्ड को अपने हाथ से रगड़ते हुए, उनके लण्ड को चूसना शुरू कर दिया।।



अंकल – आअहह अहह अहह अहह अहह और ज़ोर से महक जी.. ! आ आ आ आ आ पूरा अंदर लीजिए.. ! उफ़फ्फ़.. ! – कहते हुए, मेरी मम्मी के मुंह मे अपना लण्ड आगे पीछे करने लगे।।



अंकल बीच बीच में, अपना हाथ पीछे करते हुए मम्मी की पीठ सहला रहे थे।।



फिर थोड़ी देर बाद, अंकल ने अपना लण्ड बाहर कर दिया।।



उनके लण्ड पर मम्मी का पूरा थूक लगा हुआ था और चमक रहा था।।



अंकल ने मम्मी को घुटनों के बल बैठा दिया और मम्मी के पीछे खुद घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी की फुददी में लण्ड रगड़ने लगे।।



मम्मी – आ आ आहह आह आह आ ह ह आ ह ह ह आअ ह ह आ आ आ आ आ आ आ.. ! करने लगीं।।



एकदम से उन्होंने मम्मी की कमर पकड़ते हुए, एक ज़ोर का धक्का दिया।।



मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी – आ आ ह ह आ ह आह आअ माह ह ह ह ह ह.. ! मर र र र र र गई स स स स स स स स.. ! नही ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई.. ! आइया आ ह आहह आह आ.. !



अंकल का पूरा लण्ड, एक ही बार में मेरी मम्मी की फुददी के अंदर चला गया था।।



अंकल ने लण्ड को बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा।।



फिर वो धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगे और अपने “9 इंच के लण्ड” को मेरी मम्मी की “कसी हुई चूत” में पेलने लगे।।



अंदर बाहर, अंदर बाहर करने लगे।।



मम्मी – आ अहह आ अहह अ ह अहह औह ह ओई ई ईई ई ई ह माआ अ ए या या माआ आ औहह ओफफ फफ फफ्फ़ ओफ फफ फफ्फ़ मा आआ।। करने लगीं।।



अंकल ने धक्का मारते हुए, मम्मी से कहा – महक जी, मज़ा आ रहा है ना.. !



मम्मी ने कहा – हाँ स स स स.. ! बहुत मज़ाआआ आ रहा है स स स.. ! पर दर्द, बहुत हो रहा है.. ! आ ह हह आ आ.. !



अंकल ने कहा – कुछ नहीं, महक जी.. ! सब ठीक हो जाएगा.. ! तुम बहुत टाइम से चुदी नहीं हो, इसी लिए तुम्हारी फुददी बहुत टाइट हो गई है.. ! पर चिंता मत करो, मैं आज तुम्हारा पूरा रास्ता साफ कर दूँगा.. ! फिर ये आज के बाद, बंद नहीं होगा.. ! मेरी जान, आज के बाद तेरी हर रात मेरे बिस्तर पर गुज़रेगी.. ! तेरी हर रात को मैं, तेरी चूत को मस्त कर दूँगा.. !
 
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फिर वो रफ़्तार बड़ा कर, मेरी मम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।।



बीच बीच में वो, एक दो थप्पड़ मेरी मम्मी के चूतड़ पर मार दे रहे थे।।



उनके चूतड़ पर, अंकल के हाथ का निशान छप गया था।।



मम्मी की गाण्ड, एक दम “लाल” हो चुकी थी।।



इधर, अंकल के हर धक्के से मम्मी का चुचे आगे पीछे हुए जा रहे थे।।



अंकल ने लगभग, मम्मी को 5-7 मिनट तक ऐसे ही चोदा और उसके बाद, मम्मी के फुददी से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।।



फिर वो झुक कर, मम्मी के गाण्ड के पास आ गये और उनके छेद को फैला दिया।।



अब वो उसमें, अपनी नाक डाल के उसे सूंघने लगे।।



फिर उन्होंने अपनी दो उंगली अंदर घुसा दी और धीरे धीरे, मम्मी की गाण्ड के छेद को चौड़ा करने लगे।।



मैं समझ गया की अंकल, आज मम्मी की “गाण्ड” भी मारेंगें।।



कुछ देर के बाद, वो पीछे आ गये और झुक गये और अपना लण्ड मम्मी की गाण्ड के छेद पर रख दिया।।



अब उन्होंने मम्मी से पूछा – महक जी, गाण्ड मरवाई है, आपने कभी.. !



मम्मी ने कहा – नहीं.. !



अंकल हंस पड़े और कहा – किसी से भी नहीं.. ! आपके पति ने भी नहीं मारी.. !



मम्मी ने कहा – नहीं.. ! मैंने उनको नहीं मारने दी.. !



अंकल ने कहा – जिस मर्द ने तेरी गाण्ड नहीं मारी, उस पर धिक्कार है.. ! जब मैं तुझे जीन्स में देखता था, तब जी चाहता था, तेरी जीन्स को वहीं फाड़ के तेरी पैंटी निकाल के, तेरी गाण्ड मार दूँ.. ! आज तुझे इसका एहसास करता हूँ.. !



मम्मी से कहा – भाई साब.. ! रहम कीजिए.. ! गाण्ड मत मारिए, प्लीज़.. !



अंकल ने कहा – वो तो मैं, ज़रूर मारूँगा.. ! बेहतर है, आप साथ दें तो दर्द कम होगा.. ! एक काम कीजिए, हाथ पीछे करके अपने चूतड़ को फैला लीजिए.. !



मम्मी कुछ देर रुकीं, फिर उन्होंने वैसा ही किया।।



उन्होंने, अपने दोनों हाथ पीछे कर दिए और चूतड़ को फैला लिया।।



उनकी गाण्ड का छेद, पूरा खुल गया।।



अब अंकल ने बोला – छेद को ढीला छोड़ दो, जैसे सुबह टाय्लेट के टाइम छोड़ती हो.. !



फिर अंकल ने मम्मी के गाण्ड के छेद पर लण्ड सेट करके, हल्का झटका दिया और उनका टोपा मम्मी की गाण्ड के छेद में “भच” से चला गया।।



मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ीं – नही स स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आआ आहह.. ! प्लीज़ नही स स स स स स स स स.. ! निकाल बाहर.. !



अंकल ने कहा – महक जी, दर्द पल भर का है.. ! इसकी खुशी जिंदगी भर रहेगी.. !



और उन्होंने फिर से, एक और धक्का मारा।।



मम्मी की चीख के साथ इस बार उनके मुँह से गाली निकल गई – मा दर चोद स स स स स स स स स स.. !



मैंने सोचा बस यही बचा था तो मम्मी को “गलियाँ निकालना” भी आता है।।



इधर, अंकल हंस पड़े और बोले – चुदती हुई औरत के मुँह से गालियाँ खाना भी, कितना हसीन एहसास देता है.. !



अब तक अंकल का आधा लण्ड, मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर चला गया था।।



मम्मी की आँखों से अब, आँसू निकल रहे थे।।



अंकल को इस बात का, कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।।



बल्कि उन्होंने कस के एक और धक्का मारा और उनका पूरा लण्ड, मम्मी की गाण्ड में चला गया।।



अंकल ने अब मम्मी से कहा – कितनी टाइट गाण्ड है, आपकी महक जी.. ! अंदर ही नहीं जा रहा था.. ! एक दम “फ्रेश माल” हैं, आप.. ! साला लग ही नहीं रहा, दो बच्चों की अम्मा है तू.. ! अब तू, बस मेरी है.. ! और ये कहते हुए, उनकी गाण्ड के अंदर बाहर लण्ड करने लगे।।



मम्मी – अहह माँह ह ह ह ह ह ह ह ह ह मार डाला, तूने.. ! हरामी.. ! आ आ अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ औहह.. ! करने लगीं।।



ठप ठप ठप ठप ठप.. ! पट पट पट पट पट पट.. ! से पूरा कमरा गूँज रहा था।।



अंकल ज़ोर ज़ोर से बड़ी बेरहमी से, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे।।



मम्मी बीच बीच में, उन्हें लण्ड बाहर निकालने को कह रही थीं पर अंकल में जैसे “जानवर” घुस गया था।।



वो मम्मी की बात तक नहीं सुन रहे थे।।



लगातार, उनकी गाण्ड मार रहे थे।।



कुछ आधे घंटे के बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाला और – आ आ आ आ आ आ आ अहह.. ! करते हुए, मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर ही अपना सारा मूठ निकाल दिया।।
 
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फिर वो, मम्मी के बगल में लेट गये।।



मम्मी ने बगल में पड़ी चादर से अपनी गाण्ड की छेद पर लगा वीर्य साफ किया और वही लेट गईं।।



अंकल ने मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और मम्मी के गालों पर हाथ फिराते हुए कहा – महक जी.. ! आप बहुत अच्छी “सेक्स पाटनर” हैं.. ! कसम से कहता हूँ, आज तक इतना मज़ा मुझे किसी लड़की या औरत के साथ नहीं आया.. ! सच में आप बड़ी कोआपरेटिव हैं.. !



फिर उन्होंने मम्मी को किस किया और मम्मी से कहा – महक, मैं जानता हूँ की आपके पति के बाहर रहने की वजह से, आप बहुत तनाव में रहती हैं.. ! आप आज से मेरे साथ ही रहेंगी और मैं आपको, किसी चीज़ की कमी नहीं महसूस होने दूँगा.. !



अब अंकल ने मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और अपने ऊपर कंबल डाल लिया और दोनों एक ही कंबल में नंगे ही लेट गये।।



अंकल ने हाथ ऊपर करते हुए, लाइट ऑफ कर दी।।



मुझे लगा शायद मम्मी और अंकल, अब आख़िरकार सोएंगे।।



तो, मैं भी घर के लिए जाने लगा पर जैसे ही मैं दरवाज़े के पास पहुँचा, बारिश तेज़ हो गई।।



मैंने सोचा की कुछ देर तक रुकता हूँ।।



अंकल और मम्मी तो सो ही गये हैं और कुछ देर में, थोड़ी सी रोशनी भी हो जाएगी।।



मैं वही दरवाज़े की सीढ़ी के पास बैठा गया और बारिश ख़तम होने और सुबह होने का इंतेज़ार करने लगा।।



पर, बारिश तो पर बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी।।



कुछ देर यूँही बैठे रहने के बाद, मैं बोर होकर वापस खिड़की के पास आ गया।।



लाइट ऑफ होने के कारण, कुछ दिख नहीं रहा था।।



बस धीरे धीरे, बात करने की आवाज़ आ रही थी और बीच बीच में पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट की आवाज़ आ रही थी।।



बिस्तर से भी “चू चू” की हिलने की आवाज़ आ रही थी।।



इतना तो मैं फ़ौरन समझ गया था की वो लोग अभी भी नहीं सोए हैं।।



मुझे लगा, पता नहीं कहीं मम्मी को सुबह अस्पताल ही ना ले जाना पड़े।।



तभी मम्मी की आवाज़ आई – आ आ आहह आ आ अहह मा आआ मा आ आ आ आ मा आआ अ मा आअ माआअ नाह हिई ई ओउू ऊहह ओई ई ईई ई ई.. ! प्लीज़, अब छोड़ दे.. ! तू इंसान है या जनवार.. ! इतना तो कोई रंडी को भी नहीं चोदता.. ! आ आ आ आ अहह अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ.. !



इधर, कमरे में ठप ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थीं।।



अचानक अंकल की आवाज़ आई – आ आ अहह महक.. ! आ आ आहह महक.. ! बस कुछ देर और साथ दे दे मेरा.. ! आ आ आ बहुत तड़पाया है, तूने.. ! उंह हा आ आ आ आ आ आ आ.. ! तुझे पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं छीनाल.. !



मम्मी ने कहा – जब मैं जिंदा ही नहीं बचूंगी तो किस के साथ करोगे.. !



अब मम्मी की आवाज़ से कमज़ोरी, साफ साफ झलक रही थी।।



अंकल ने कहा – जानू, बस कुछ देर और अपनी फुददी से मेरे लण्ड की गरमी को शांत कर दो.. ! और वो फिर से, पट पट पट पट पट पट करके मम्मी को चोदने लगे।।



मम्मी कुछ देर – आ आहह आ आ अहह आ अहह.. ! करती रहीं।। फिर, एकदम शांत हो गयीं।।



एक पल को मुझे ऐसा लगा, कहीं मम्मी निकल तो नहीं लीं।।



पर तभी अंकल की आवाज़ आई – रो मत, मेरी रानी.. ! एक बार शांत कर दे मुझे, फिर छोड़ दूँगा.. !



मम्मी की चूडी और पायल की “छन छन” की आवाज़ गूँज रही थीं पर उनकी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।।



हल्की हल्की रोने की सिसकी, कभी कभी सुनाई दे जाती थी।।



पर अंकल लगातार, मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे।।



मुझे लग रहा था की अंकल आज, मम्मी को मार डालेंगें।।



अब सच में ऐसा ही लग रहा था की मम्मी की इज़्ज़त लूट रही थी।।



पराया मर्द, औरत पर रहम तो ख़ाता नहीं सो अंकल को भी मम्मी की हालत पर तरस नहीं आ रहा था।।



कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – महक ग़लती मेरी नहीं है.. ! तेरे जैसी औरत जिसके पास भी होगी, वो रात भर सो नहीं पाएगा.. ! तेरे पति ने कभी नहीं चोदा क्या रात भर.. !



मम्मी की कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी।।



अंकल, फिर उन्हें फट फट करके चोदने लगे।।



लगभग 10 मिनिट तक अंकल ने मेरी निढाल पड़ी मम्मी को चोदा और उसके बाद – आ आ आ आ आ आआ आआ आअहह करते हुए, थोड़े शांत से हो गये और बस फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगीं।।



अंकल ने मम्मी से कहा – बस हो गया, महक.. ! अब, रोना बंद करो.. ! सच में अब नहीं करूँगा.. !



उसके बाद, उन्होंने हाथ उठा कर लाइट जला दी।।



मैंने देखा, अंकल मम्मी से लिपटे हुए थे और दोनों पसीने में लथपथ थे।।
 
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उनके ऊपर कंबल नहीं था, वो नीचे गिरा हुआ था।।



मम्मी ऐसे पड़ीं थीं, जैसे उनके अंदर जान ही ना हो।।



अंकल के लण्ड पर मूठ लगा हुआ था।।



फिर अंकल ने मम्मी की पैंटी से उनका लण्ड साफ किया और फिर मम्मी की फुददी पर लगा, उनका वीर्य साफ किया।।



कुछ देर बाद मम्मी लड़खड़ाती हुई उठीं और बोलीं – मैं आती हूँ.. ! और वो, बाथरूम करने चली गईं।।



अंकल ने अपनी पैंट की जेब से सिगरेट निकाली और पीने लगे।।



सिगरेट पीते पीते, उन्होंने अपनी ग्लास मे दारू डाल ली और बिस्तर पर नंगे लेट गये।।



कुछ देर बाद, मम्मी निकल के आईं और बिस्तर पर लेट गईं।।



अंकल ने मम्मी को अपने पास खींच लिया और अपने से चिपका लिया और पूछा – जानू, नींद आ रही है.. !



मम्मी ने बड़े धीरे से कहा – हाँ.. !



अंकल ने कहा – ठीक है, अब कुछ नहीं करूँगा.. ! और, उनके लिप्स पर हल्का सा किस किया।।



अंकल ने कहा – महक, आज से पहले मुझे इतनी शांति किसी औरत ने नहीं दी.. ! तू एक “संपूर्ण औरत” है, जो हर मर्द चाहता है.. !



मैंने देखा, मम्मी अंकल की छाती पर कभी किस कर रही थीं तो कभी अपने गाल, वहां रख के प्यार दिखा रही थीं।।



मम्मी ने उनसे पूछा – क्या उनकी वाइफ जानती है की अंकल मम्मी के साथ हैं.. !



अंकल ने कहा – मेरी वाइफ की चिंता, तुम मत करो.. ! उसको कुछ पता नहीं चलेगा.. ! और, अंकल ने अपनी सिगरेट बुझा दी।।



ग्लास में फिर से दारू ली और ग्लास टेबल पर रख दिया।।



फिर वो बिस्तर से नीचे उतर कर, बाथरूम चले गये।।



मम्मी वहीं, चुपचाप लेटी हुई थीं।।



अंकल आए और उनके बगल में लेट गये और मम्मी को लिप पर किस करने लगे।।



थोड़ी देर पहले, बिल्कुल निढाल पड़ी मम्मी भी उनका साथ देने लगीं।।



अब अंकल ने नीचे से कंबल उठाया और दोनों के ऊपर डाल दिया।।



फिर मम्मी को अपने सीने से चिपका के चूमने लगे।।



अंकल ने मम्मी से पूछा – अब नींद तो आ नहीं रही है.. !



मम्मी ने कहा – आ रही है पर लग नहीं रही.. ! शायद, थकान के कारण.. !



इधर, मैं अंकल के हाथ का हिलना साफ देख रहा था।।



साफ पता चल रहा था की वो कंबल के नीचे, मेरी मम्मी की फुददी रगड़ रहे हैं।।



कुछ देर बाद, मम्मी ने कहा – अब सोने दीजिए.. ! वैसे भी अब कुछ महसूस ही नहीं हो रहा है.. ! अभी सो जाइए, आप जब भी बुलाएँगे, मैं आ जाया करूँगी, आपके पास.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. ! महसूस ही नहीं हो रहा की मेरी चूत और मम्मे हैं भी की नहीं.. !



अंकल ने कहा – बस महक, एक बार और करने दे.. ! उसके बाद, तू जैसा बोलेगी, मैं जिंदगी भर वैसा ही करूँगा.. !



मम्मी ने कहा – प्लीज़, भाई साब.. ! इस बार सच में, मेरी जान निकल जाएगी.. !



अंकल को कोई फ़र्क नहीं पड़ा और धीरे धीरे करके, वो मम्मी के ऊपर आ गये।।



फिर उन्होने, कंबल को अच्छे से लपेट लिया।।



मुझे बस अंकल और मम्मी का चेहरा दिख रहा था।।



अंकल लगातार, मेरी मम्मी के होंठों को चूस रहे थे।।



मम्मी किसी “मोम की गुड़िया” की तरह पड़ी थीं।।
 
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अब कंबल के नीचे से, अंकल ने अपना लण्ड सही किया और एक धक्का मारा।।



मम्मी थोड़ी सी हिलीं और छत की तरफ देखती हुई, वैसे ही पड़ी रहीं।।



अंकल ने कहा – बस महक.. ! हो गया.. ! आ आ आ अहह.. !



मम्मी ने अब भी कुछ नहीं कहा और छत की तरफ टकटकी लगाए, देखती रहीं।।



अंकल ने कहा – कुछ देर और महक.. ! और, एक और धक्का मारा और धीरे धीरे, मम्मी की फुददी मे लण्ड ठुसने लगे।।



मैंने देखा, अब मम्मी की आँखों से आँसू निकल रहे थे पर वो वैसी ही पड़ी हुई थीं।।



अंकल बड़ी बेशरमी से मेरी मम्मी के आँसू चाटते हुए, उन्हें चोदने लगे और ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी।।



मम्मी के चेहरे पर कोई “भाव” नहीं था।।



ना दर्द का।। ना चुदाई का।।



बस उनकी आँखों से आँसू टपक रहे थे और वो एक टक छत की तरफ देख रहीं थीं।।



उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था की अंकल उन्हें चोद रहे हैं या क्या कर रहे हैं।।



असल में, अंकल को भी मम्मी की हालत से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।।



वो अपनी मस्ती में ही कहते जा रहे थे – महक, तेरी फुददी में एक अलग मज़ा है.. ! सुकून है.. ! ठंडा कर दे, मुझे रानी.. ! आ आ आ अहह.. !



अंकल, अब मेरी “जिंदा लाश मम्मी” को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।।



मम्मी की तरफ से, बस उनकी चूडी और पायल की छन छन की आवाज़ आ रही थी और किसी भी तरह से नहीं लग रहा था की वो जिंदा हैं.. !



बस बस हो गया.. ! आ आ आहह.. ! की आवाज़ के साथ, अंकल शांत हो गये और धीरे धीरे, कमर हिलाने लगे।।



उन्होंने अपना वीर्य मेरी मम्मी की फुददी में गिरा दिया और अब वो उन के ऊपर लेट गये।।



बस, हो गया.. ! अब सच में नहीं करूँगा.. ! आँसू पोछ लो.. ! अब नहीं करूँगा, तुम्हारी कसम.. ! ये बोलते बोलते, अंकल ने लाइट ऑफ कर दी।।



कुछ देर तक, अंकल कुछ कुछ बोलते रहे पर मम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था।।



मुझे डर था की कहीं मम्मी को सुबह तक कुछ हो ना जाए पर मैं कुछ नहीं कर सकता था।।



रात के, नहीं नहीं सुबह के लगभग 5 बज गये थे और बारिश भी धीमी थी।।



मैं घर के लिए निकल गया और अपने बिस्तर पर आने के बाद, कुछ देर तक मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था।।



मेरे बेस्ट फ्रेंड के पापा ने, मम्मी को चोदा है।।



मैं कुछ नहीं कर सकता था क्यूंकि अंकल ने मेरी मम्मी के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं की थी और उन्होंने मम्मी को उनकी मर्ज़ी से चोदा है।।



पापा को बताने का मतलब था, दोनों का “तलाक़”।।



मैं श्लोक को भी बता नहीं सकता था क्यूंकि वो कभी नहीं मानेगा।।



अगर आँखों से नहीं देखा होता तो मैं भी नहीं मानता की मेरी मम्मी उसके पापा से चुद कर आई हैं।। फिर, वो कैसे मानता।।



मैं ये भी नहीं समझ पा रहा था मम्मी पर गुस्सा आना चाहिए या आख़िर में जो उनकी हालत थी, उस पर तरस।।



ऐसे ही ये सब सोचते सोचते, मेरी आँख लग गई।।



सुबह 9 बजे के करीब, जब मैं जागा तब भी मम्मी घर नहीं आई थीं।।



लगभग एक घंटे बाद, कॉल बेल बजी।।



मैंने दरवाज़े खोला।।



मम्मी ही थीं।।



उनकी आँखों में नींद भरी हुई थीं और अभी भी वो बहुत थकी हुई लग रही थीं।।



उन्हें अभी भी खड़े होने के लिए, दरवाज़े का सहारा लेना पड़ रहा था।।



मैंने मम्मी से पूछा – मम्मी, आप कहाँ थीं, रात भर.. ! ??



मम्मी ने मेरी आँखों में आँखें डाल कर, मुझसे साफ साफ झूठ बोल दिया और कहा की वो एक आंटी की तबीयत खराब होने पर, उनके के साथ चली गई थीं उनको घर छोड़ने और बारिश की वजह से, आंटी ने उन्हें घर पर ही रोक लिया।।



मैंने भी उनसे, कुछ नहीं कहा।।



मैं उन्हें ये नहीं जानने देना चाहता था की मैंने सब देखा है।।



फिर उन्होंने कहा – बेटा, मैं बहुत थक गई हूँ.. ! मैं सोने जा रही हूँ.. !



अंदर जाकर, उन्होंने अपने रूम को अंदर से बंद कर दिया और सो गईं।।



उनकी नींद, रात के 9 बजे खुली।।



मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और फिर वो नहाने चली गयीं।।



नहा के आने के बाद, मम्मी एकदम सामान्य हो गईं।।



उन्हें देख कर लग ही नहीं रहा था की कल पूरी रात, वो एक गैर मर्द के साथ थीं।।
 
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maja aa gya bhai.... to teri maa ko baccha hua ya phir griwa diya baccha uncle ne..... waise mast kahani thi bhai lund khada ho gya
 

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