Adultery मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल (Completed)

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मेरी मम्मी, उस दिन भी चुदाई के बाद बहुत खुश थीं.

आप तो जानते ही हैं, मुझे अब तक समझ में आ गया था की मेरी मम्मी शायद पूरी तरह से अंकल के साथ सेक्स करने का मज़ा लेने लगी हैं.

इधर, मेरे स्कूल के फाइनल एग्जाम ख़तम हो गये थे.

मार्च का लास्ट चल रहा था और श्लोक, अपनी मम्मी के साथ नानी के यहाँ चला गया था.

अंकल यहीं थे और होली के दिन, मम्मी ने अंकल को खाने पर बुलाया था.

सुबह के समय में तो सब होली में बिज़ी थे.

मेरी मम्मी और मैं, नीचे होली खेलने में बिज़ी थे.

फिर होली खेलने के बाद, मेरी मम्मी घर में आ गईं और उन्होंने उस दिन मटन और पुल्लाव बनाया.

हमने दिन में खाना खाया और मेरी मम्मी के खाने की अंकल तारीफ़ करने लगे.

खाना खा के, अंकल वापस चले गये.

सच कहूँ दोस्तो उन्होंने एक बार भी कुछ ऐसा नहीं किया, जिससे मुझे कुछ अजीब लगे या कुछ शक हो.

हर इंसान के अंदर, कहीं ना कहीं एक अभिनेता रहता है.

मेरी मम्मी खाना खाना खाने के बाद, अंकल चले गये उसके बाद सोने चली गईं.

मैं टीवी देख रहा था.

मेरी मम्मी सो के 5 बजे करीब उठीं और हमने साथ में चाय पी, तभी मेरी मम्मी के मोबाइल पर मेसेज आया.

मैंने देखा मेरी मम्मी ने फाटक से मोबाइल उठा के रिप्लाइ दिया.

उधर से, फिर मेसेज आया.

फिर मम्मी ने रिप्लाइ दिया.

फिर कॉल आ गया.

मेरी मम्मी ने तिरछी निगाह से मेरी तरफ देखा और फोन काट दिया.

उसके 2 मिनट के बाद, मैंने देखा मेरी मम्मी उठ के अपने कमरे में चली गईं.

मुझे पूरा ऐहसास हो गया था, हो ना हो ये अंकल का ही फोन होगा.

मैंने टीवी की आवाज़ कम कर दी और उठ के धीरे से, कमरे के दरवाज़े के पास गया.

मम्मी की दबी दबी आवाज़ आई – नहीं नहीं, मैं नहीं आ सकती… मेरा बेटा घर में है… तुम जानते तो हो… मैंने कहा ना, प्लीज़… नहीं आ सकती… उसके बाद मम्मी ने फोन रख दिया.

कुछ ही पल में, फिर से फोन आया.

मम्मी ने कहा – क्यों ऐसा कर रहे हैं आप… ?? मैंने कहा ना, मैं परेशानी में फँस जाउंगी…

फिर कुछ देर वो चुप रहीं.

फिर उन्होंने कहा – ठीक है… लेकिन मैं कुछ ही देर में वापस आ जाउंगी… उसके बाद, उन्होंने थोड़ा गुस्से में फोन रख दिया.

फिर मेरी मम्मी बिस्तर पर बैठ गईं और चुप चाप बिस्तर पर बैठीं रहीं.

मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अभी जाना नहीं चाह रही हैं क्यूंकि वो मेरे सामने कुछ भी संदेह वाला काम नहीं करना चाहती थीं.

लेकिन, शायद अंकल ने बहुत प्रेशर दिया था, उनको आने का.

खैर, इसके कुछ देर बाद मेरी मम्मी बाहर की तरफ आने लगीं.

मैं चुप चाप जाके बैठ गया और टीवी देखने लगा.

मेरी मम्मी भी आकर बैठ गईं और साथ में टीवी देखने लगीं.

आख़िर, मम्मी ने कुछ देर बाद मुझसे कहा – प्रणव, मैं कुछ देर के लिए बाहर जा रही हूँ, अपने दोस्त से मिलने… जाना ज़रूरी है… तू खा लेना…

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी…

और कहता भी क्या… ??

करीबन 7 बजे, मैंने देखा मेरी मम्मी तैयार होके बाहर आ गईं.

मेरी मम्मी, उस समय सच में बहुत सुन्दर लग रही थीं.

उस दिन उन्होंने काले रंग की साड़ी और डीप कट ब्लाउज पहन रखा था.

मेरी मम्मी की क्लीवेज साफ दिख रही थी.

शायद, मेरी मम्मी ने नाहया था क्यूंकि मेरी मम्मी के बाल पूरे भीगे हुए थे.

मेरी मम्मी बाहर आईं और उन्होंने कहा – प्रणव, चिंता मत करना… मैं कुछ देर में आ जाउंगी…

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी…

उसके बाद, मेरी मम्मी घर से निकल गईं.

मैं जानता था, मेरी मम्मी कहाँ जा रही हैं क्यूंकि आज श्लोक और उसकी मम्मी थीं नहीं घर पर इसी लिए अंकल ने मेरी मम्मी को पक्का, अपने घर पर बुलाया होगा.

मैं 8 बजे के करीब नीचे उतर के अंकल के घर के पास चला गया.

बाहर का डोर बंद था. होल के पीछे वाली खिड़की के पास जब गया, तब देखा मेरी मम्मी और अंकल सोफे पर बैठे हुए थे और अंकल ने मेरी मम्मी को बाहों में ले रखा था और दोनों बातें कर रहे थे.
 
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अंकल का हाथ, मेरी मम्मी की छाती पर था.

थोड़ी देर में मम्मी ने कहा – अब जाने दीजिए…

अंकल ने कहा – अभी क्यों, मेरी रानी… चली जाना ना… मैं कहाँ मना कर रहा हूँ…

मम्मी ने कहा – मेरा बेटा घर पर है…

अंकल ने कहा – क्या, बेटा बेटा… तेरे पिल्ले ने तो नाक में दम कर रखा है… तुम्हें मेरी थोड़ी भी परवाह नहीं है… मैं यहाँ तुम्हारी याद में अकेले तन्हा रात काट रहा हूँ और तुम्हें सिर्फ़ अपने पिल्ले की पड़ी है…

मम्मी ने कहा – आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया है? आख़िर, वो मेरा बेटा है…

अंकल हंसने लगे और कहा – अरे, मेरी जान… मैंने ऐसा नहीं कहा… बस अब तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता… थोड़ा हम ग़रीबो के बारे में भी सोच लिया करो…

मेरी मम्मी ने अंकल का सिर पकड़ा और उनके होंठों पर किस किया और नीचे हो गईं.

अंकल ने कहा – बस, एक ही बार…

मम्मी ने हंस के कहा – बस, आज के लिए काफ़ी है…

अंकल ने कहा – अच्छा, देखते हैं…

उसके बाद, मेरी मम्मी ने एक और बार किस किया और नीचे हो गईं.

उसके बाद, अंकल ने नीचे होके मेरी मम्मी के होंठ अपने होंठों में फँसा लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे.

अंकल ने अपने हाथ नीचे ले जाके, मेरी मम्मी के बाल को पकड़ लिया और अपने एक हाथ से मेरी मम्मी के छाती को सहलाने लगे.

फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ मेरे कानों में आ रही थी.

तभी मैंने देखा अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी के ब्लाउज में घुसा दिया और आ आ आआ आहह करके आवाज़ आई और मम्मी ने उनका हाथ निकाल दिया.

अंकल ने कहा – क्या हुआ… ??

मम्मी ने कहा – कुछ नहीं… ज़रा ब्लाउज टाइट है ना… खींच गया है, दर्द हुआ…

अंकल ने कहा – ओह… माफ़ कर दो, मेरी रानी…

उसके बाद, वो फिर से मम्मी के होंठ चूसते हुए मेरी मम्मी के चुचे ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगे.

फिर से फुच फच फुच फुच फच की आवाज़ गूंजने लगी.

कुछ देर बाद, अंकल ने मम्मी को उठा के बिठा दिया और कहा – रुक कुछ लाता हूँ… उसके बाद, वो किचन में चले गये…

2 मिनट में अंकल बाहर आ गये और उनके हाथ में जग था और एक हाथ में 2 ग्लास थे.

मम्मी ने पूछा – ये क्या है… ??

अंकल ने कहा – ये ठंडाई है… आज होली है ना… तुम्हारे लिए बनाई है…

मम्मी ने कहा – देखिए, मैं नशा नहीं करूँगी…

अंकल ने हंसते हुए कहा – अरे, ये नशा नहीं है… ठंडाई है, केसर डाल के बनाई है…

उसके बाद उन्होंने बिना कुछ सुने ग्लास में डाल के, मेरी मम्मी को दिया और दूसरे ग्लास मे खुद ले लिया.

उसके बाद, दोनों पीने लगे.

मम्मी ने कहा – सही में, बहुत टेस्टी है…

उसके बाद, उन्होंने अंकल से पूछा की उन्होंने ये कैसे बनाई.

अंकल ने उन्हें बताया और धीरे धीरे मेरी मम्मी ने स्वाद में 3 ग्लास पी लिया.

करीबन, आधा घंटा हो गया था.

मैं मम्मी की तरफ देख रहा था.

कोई भी उन्हें देख के कह सकता था की वो ठीक नहीं है.

साफ लग रहा था, उन्हें नशा हो चुका है.

उनकी आँखें लाल हो चुकीं थीं और चढ़ चुकी थीं और इधर, अंकल मेरी मम्मी की तरफ देखे जा रहे थे.

उसके बाद, अंकल मेरी मम्मी के पास आ गये और कहा – क्या हुआ… ??

मम्मी ने कहा – कुछ ठीक नहीं लग रहा है… थोड़ा सिर में दर्द हो रहा है… आँखें जल रही हैं…

अंकल ने कहा – तुमने पहली बार पी है ना, ठंडाई… इसी लिए, कुछ देर में दर्द चला जाएगा… सर्दी हो गई होगी…

उसके बाद मैंने देखा अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी के पर्स में हाथ डाला और मेरी मम्मी के मोबाइल पर कुछ करने लगे और फिर मम्मी का मोबाइल ऑफ कर दिया.

तभी तुरंत, मेरे मोबाइल पर मेसेज आया.

मैंने फुर्ती से मेसेज खोला.

उस मेसेज में था – चिंता मत करना… सो जाना… मैं सुबह आ जाउंगी…

उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी को अपनी बाहों में लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे और धीरे से मेरी मम्मी के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया और अपना हाथ ब्रा के ऊपर से मेरी मम्मी के चुचे पर रख के दबाने लगे.

अंकल ने मेरी मम्मी के एक चुचे को ब्रा से बाहर निकल दिया था और निप्पल को खींच रहे थे.

फिर उन्होंने अपने अंघुटे और एक उंगली से निप्पल पकड़ लिया.

फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी के होंठ चूसे जा रहे थे.

अंकल ने अब मम्मी के होंठ चूसना बंद कर दिया था और एक हाथ से मेरी मम्मी के गोल चुचे को पकड़ा और निप्पल मुंह मे ले लिया और चूसने लगे.

मेरी मम्मी – आ अहह आ आ अहह… उंह क्या कर रहे हैं… अब बस कीजिए, जाने दीजिए…

अंकल ने कहा – नहीं, मेरी रानी… आज तो तुझे, रात भर मेरे साथ रहना है… कुछ दिनों से बहुत तडपया है, तूने…

उन्होंने देखते ही देखते, मेरी मम्मी का पल्लू नीचे कर दिया और ब्लाउज खींच के उनके बदन से निकाल के ब्रा का हुक खोलते हुए उन्हें कमर के ऊपर से नंगा कर दिया.
 
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मेरी मम्मी के दोनों चुचे पर ब्रा का थोड़ा सा दाग लगा हुआ था.

फिर अंकल ने मेरी मम्मी को अपने गोद में बिठा लिया और मेरी मम्मी की छाती चूमते हुए, दोनों चुचे एक एक करके चूसने लगे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ मेरे दोस्त के पापा के सिर के पीछे करके पकड़ लिया था और आ अहह आ अहह ह आ अहह आ आहह आ आहह करके, उनका साथ दे रहीं थीं.

अंकल मज़े से मेरी मम्मी के निप्पल चूसे जा रहे थे.

बीच बीच में फुच फच फुच फच लप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प की ज़ोर से आवाज़ आती, जब भी अंकल कस के निप्पल चूसते थे.

मम्मी, अपने होश में नहीं थीं.

उन्होंने धीमी आवाज़ में अंकल से कहा – मुझे जाने दीजिए… बहुत देर हो रही है…

अंकल ने कहा – तू घबरा नहीं… तेरे पिल्ले को मैंने मेसेज कर दिया है की तू सुबह आएगी… आज रात भर, तुझे अपने पास रखूँगा… कल चली जाना, सुबह…

ये कहते हुए, उन्होंने फिर से निप्पल मुंह मे ले लिया और मम्मी के चुचे चूसने लगे.

बीच बीच में, अंकल सिर ऊपर करके मेरी मम्मी के होंठों को अपने होंठ में फँसा के चूसते फुच फच फुच फच की आवाज़ हॉल में गूँज रही थी.

अंकल अपनी हथेली से मेरी मम्मी की चूत मसलते तो कभी उनके पीठ को सहला रहे थे.

अब अंकल ने मेरी मम्मी को अपनी गोद से नीचे उतार दिया और मम्मी खड़ी हो गईं.

मम्मी ने अपनी सैंडल निकाल ली, उसके बाद अंकल ने साड़ी खींच के उनके बदन से निकाल दी.

मेरी मम्मी, सिर्फ़ पेटीकोट में थीं.

उन्होंने, काले रंग की पेटीकोट पहन रखा था.

अंकल खड़े हो के, अपने बदन के सारे कपड़े निकाल के नंगे हो गये.

उनके सारे कपड़े, वहीं सोफे के पास कालीन पर पड़े हुए थे.

अंकल अब मेरी मम्मी के पास आ गये और मेरी मम्मी को चूमते हुए, ज़मीन पर बैठ गये.

घुटनों के बल उन्होंने अपने हाथ से मेरी मम्मी के कमर को पकड़ रखा था और मेरी मम्मी के पेट को चूम रहे थे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ से अंकल का सिर पकड़ रखा था और आ आहह आ आहह आअहह कर रही थी.

अंकल अपनी जीभ से मेरी मम्मी के नाभी में हलचल कर रहे थे.

मैं मम्मी की तरफ देख रहा था.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो काम वासना के सातवें आसमान पर हैं.

इसी दौरान, अंकल ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को उठा के कमर तक कर दिया.

मेरी मम्मी ने काले रंग की जालीदार पैंटी पहन रखी थी.

अंकल ने सबसे पहले, मेरी मम्मी की जांघें को अपनी हथेली से सहलाया और उसके बाद अपना फेस मम्मी की चूत के पास ले जाते हुए सूँघा.

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की तरफ देखा.

मेरी मम्मी, अपने होंठ अपने दाँतों से दबाते हुए अंकल को देख रही थीं.

अंकल ने मम्मी की पैंटी साइड में की और अपनी जीभ से मेरी मम्मी की फुददी चाटने लगे.

मम्मी ने कस के अंकल के बाल पकड़ लिए और – आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ आ अहह ओई ई ईई ईईई ईईई ईईई आ आ आ आ आअ आ आ आआ आहह करने लगीं.

अंकल ने कहा – महक, यार तेरे पिल्ले की चिंता नहीं रहती तो सुबह शाम, तेरी चूत का पानी पीता…

मम्मी चुप रहीं.

मुझे अब लगने लगा था की शायद मैं सही में मम्मी के रास्ते का काँटा हूँ.

खैर, उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी को सोफे पर बिठा दिया और पेटीकोट को कमर तक उठा दिया.

मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें खोल लीं.

अब मुझे साफ साफ, मेरी मम्मी की चूत दिख रही थी.

मम्मी की चूत पर, थोड़े थोड़े झांट के बाल थे.

अंकल ने दो उंगली से चूत को फैला दिया और जीभ को अंदर घुसा दिया और मेरी मम्मी की फुददी चाटने लगे.

मम्मी फिर से – आ आहह आ आ आ आ आ अहह आ आआ आआहह इस स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स करने लगी.

अब अंकल ने मम्मी से कहा – मज़ा आया, महक…

मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है… औरत को काबू करना, आप खूब जानते हैं… इसलिए तो बदजलन बन गई हूँ… अपनी औलाद की परवाह तक नहीं करती… सारी शरम बेच दी है, मैंने… लंड क्या है, जादू की छड़ी है…

अंकल ने कहा – आ अहह उंह… मेरी रानी, तेरे मुँह से लंड सुनना कितना मस्त लगता है… मेरी जानू, इसी लिए तुझे मैं इतना चाहता हूँ पूरा साथ देती है, तू मेरा… बोल तो, तेरे पिल्ले को ठिकाने लगवा दूं… जी भर के चुदना, सुबह शाम दिन रात…

मम्मी ने बस इतना बोला – क्या आप भी…

मैंने सोचा पहले तो बोर्डिंग ही भेजने का प्लान था, अब तो सीधे ठिकाने.

मुझे लगा, क्या मेरा अंत निकट है?

खैर, इधर अंकल फिर से मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.

यहाँ मम्मी, पूरी तरह से बेकाबू हो रही थीं.

वो लगतार, सिसकारियाँ ले रही थीं.

उन्हें इस समय, बहुत मज़ा आ रहा था.

इस मज़े के लिया क्या मेरी मम्मी मुझे ठिकाने लगवा सकती थीं?

वो पूरी टांगें खोले, अंकल से अपनी फुददी चटवा रही थीं.

अंकल एक हाथ से, अपना लण्ड भी सहला रहे थे.

कुछ देर ऐसे बीतने के बाद, अंकल खड़े हो गये.

मैंने देखा अंकल का लंड बिल्कुल तन के खड़ा था.

अंकल ने अपने झांट के बाल साफ कर रखे थे क्यूंकि उनके लण्ड के पास, एक भी बाल नहीं था.
 
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मम्मी पाँव नीचे कर के, सोफे पर बैठ हुई थीं.

मम्मी ने अपने दाहिने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं.

उसके बाद देखते देखते, मम्मी ने अंकल का लण्ड मुंह में ले लिया और धीरे धीरे, उनका लण्ड चूसने लगीं.

मम्मी ने अंकल का आधा लण्ड अपने मुंह में ले लिया था और अंदर बाहर कर रही थीं.

इसी बीच, अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया.

मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ??

अंकल ने कहा – 1 सेकेंड और उन्होंने झुक के मेरी मम्मी की पैंटी उठा ली और उसके बाद फिर से मम्मी के मुंह में लण्ड घुसा दिया और…

मेरी मम्मी, धीरे धीरे अंकल का लण्ड चूसने लगीं.

मैंने देखा अंकल ने अपने हाथ में मेरी मम्मी की पैंटी पकड़ रखी थी और उसे सूंघ रहे थे.

अंकल ने मम्मी से कहा – महक, तेरी पैंटी से मस्त महक आती है… आ आहह… तेरी फुददी की महक…

उसके बाद अंकल ने हाथ नीचे किया और पैंटी को उंगली में फँसा के, मम्मी की फुददी में घुसा दिया और थोड़ा सा रगड़ के बाहर निकाला.

मम्मी ने कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप… ??

अंकल ने कहा – तेरी फुददी का रस चाटना है…

मैंने देखा, मेरी मम्मी की पैंटी पर थोड़ा सा फुददी का पानी लगा हुआ था…

अंकल, पैंटी मुंह मे लेके चाटने लगे.

मम्मी उसी तरह धीरे धीरे, अंकल का लण्ड चूसने लगीं.

अंकल ने कहा – पूरा ले अंदर…

लेकिन मम्मी धीरे धीरे आधा लण्ड ही चूसती रहीं.

अंकल ने एक हाथ से मम्मी का गाल पकड़ा और मैंने देखा, मेरी मम्मी का पूरा मुंह खुल गया.

अंकल ने धीरे से कमर आगे कर दी.

अंकल का पूरा लण्ड इस समय, मेरी मम्मी के मुंह में चला गया था.

अंकल एक तरफ, मेरी मम्मी की पैंटी सूंघ रहे थे दूसरी तरफ मेरी मम्मी के बाल पकड़ के अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह मे पेल रहे थे.

अंकल के लण्ड पर मेरी मम्मी का थूक लग चुका था.

अब अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला.

अंकल ने सेंट्रल टेबल हटा दिया और मेरी मम्मी के हाथ पकड़ के, उन्हें नीचे उतार के कालीन पर ले के घुटनों के बल बिठा दिया और मेरी मम्मी के पीछे आकर घुटनों के बल बैठ गये और अपना हाथ, मेरी मम्मी की कमर पर रख दिया और लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के फुददी के ऊपर रखते हुए कस के धक्का मारा.

मेरी मम्मी का शरीर हिल गया.

मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के फुददी के अंदर चला गया था.

मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आहह की चीख निकल गई थी.

अंकल ने दोनों की एक एक टांग मोड़ के संतुलन बनाया और वो दूसरी टांग के घुटने को वैसे ही, कालीन पर रखे हुए थे.

एक झटके से उन्होने लण्ड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा.

मम्मी के पूरे चुत्तड़ हिल गये.

अंकल ने फिर से लण्ड निकाला और कस के धक्का मारा.

मम्मी के मुंह से ज़ोर से आ आ आ आ आ आआहह निकल गया.

उसके बाद, अंकल धीरे धीरे मेरी मम्मी को चोदने लगे.

उनका पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी के अंदर बाहर हो रहा था.

हर धक्के पर, मेरी मम्मी की पायल की छन छन छन छन की आवाज़ आ रही थी.

आगे से, मेरी मम्मी के दूध आगे पीछे हो रहे थे और पीछे से ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.

अंकल मस्त हो के मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे.

मेरी मम्मी के मुंह से आ अहह आ अहह आ आहह आ अहह उई ईईई मा आआ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… आ रही थी.

अंकल ने कहा – आ आहह महक मज़ा आ गया… कितने दिन से सोच रहा था, तुझे रात में यहाँ लाने का लेकिन क्या करू बीवी की वजह से नहीं ला पा रहा था…

अंकल ने ये कहते हुए, मेरी मम्मी के बाल पकड़ लिए और खींच के बुरी तरह उन्हें चोदने लगे.

मेरी मम्मी, थोड़ी पीछे की साइड हो गईं.

अंकल बाल पकड़े, मेरी मम्मी को ताबड़तोड़ चोदने लगे.

अंकल के धक्के से, मेरी मम्मी का पूरा बदन हिल रहा था.

कुछ देर ऐसे चोदने के बाद, अंकल उठ के खड़े हो गये और उन्होंने मेरी मम्मी को पकड़ के खड़ा कर दिया.

मेरी मम्मी का पेटीकोट, नीचे गिर गया.

अंकल ने पीछे से मेरी मम्मी को पकड़ा और पेटीकोट का नाडा खोल दिया.

मेरी मम्मी का पेटीकोट, तुरंत नीचे गिर गया.

अब इस समय, मेरी मम्मी पूरी नंगी हो गई थीं.

अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों हाथ पकड़ लिए और पीछे से खींच के पकड़ लिया और धका धक अपना लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी के अंदर बाहर करने लगे.

मेरी मम्मी ज़ोर से – आ अहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह करने लगीं.

मम्मी ने कहा – धीरे, कीजिए ना…

अंकल ने कहा – नहीं रानी, आज रात तुझे अपनी मर्ज़ी से चोद ना चाहता हूँ… मज़ा ले, इस चुदाई का…

अंकल धका धक, मेरी मम्मी की चुदाई करने में लग गये.

अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – महक, तूने मुझे बहुत सुकून दिया है… तेरी चूत में जो मज़ा है, वो किसी और की चूत में ज़रा भी नहीं…
 
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मम्मी ने कहा – बहन चोद, चूत बची कहाँ है… भोसड़ी बना दी है, तूने… आ आ आअहह दर्द हो रहा है… थोड़ा तो धीरे कर… प्लीज़…

अंकल नहीं माने और वो जानवरों की तरह, मेरी मम्मी को चोदते रहे.

मम्मी भी किसी कोठे की रंडी की तरह, उन्हें माँ बहन की और ना जाने कौन सी कौन गंदी गालियाँ देती रहीं.

तभी अंकल ने – आ आ आ आ आ आ आ अहह की आवाज़ निकाली और मेरी मम्मी के हाथ को छोड़ दिया.

मैं समझ गया, अंकल ने अपना वीर्य अंदर गिरा दिया है.

अब वो मेरी मम्मी की कमर पकड़ के, धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगे.

उसके बाद अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया और एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर मारा।

चाटा इतना जबरदस्त था की मम्मी का पूरा चुत्तड़ हिल गया।

इधर, मेरी मम्मी की फुददी से अंकल का वीर्य टपक रहा था।

मम्मी ने कहा – मैं वॉशरूम से आती हूँ…

अंकल ने कहा – जा, जल्दी आना…

उसके बाद, अंकल सोफे पर बैठ गये।

उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और सुकून की साँस ले रहे थे।

फिर अंकल खड़े हो के बेड रूम में चले गये और तब तक, मेरी मम्मी वॉशरूम से बाहर आ गईं।

उन्होंने अंकल को वहां ना देख के आवाज़ लगाई।

अंकल ने कमरे से आवाज़ दी – आ रहा हूँ…

अंकल बाहर आ गये।

अब अंकल ने हाफ पैंट पहन ली थीं।

इधर, मेरी मम्मी जब तक अंकल आए उन्होंने अपनी पैंटी पहन ली थी।

मम्मी अपनी ब्रा, ज़मीन से उठा के पहनने लगीं।

अंकल ने कहा – क्या कर रही हो… ??

मम्मी ने कहा – अब, मैं चलती हूँ… देर हो रही है…

अंकल ने कहा – मैंने कहा ना… आज तुम्हें, यहीं रहना है…

मम्मी ने कहा – मेरा बेटा, इंतेज़ार कर रहा होगा…

अंकल ने मम्मी से कहा – एक मिनट…

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी के पर्स से मोबाइल निकाल के चालू किया और मेसेज दिखाया।

अंकल बोले – देखो, मैंने तुम्हारे पिल्ले को बता दिया है… अब तक तो वो सो भी गया होगा…

उसके बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – रूको, मैं तुम्हारे लिए नाइट ड्रेस लेके आता हूँ…

उसके बाद, अंकल कमरे में चले गये।

मेरी मम्मी ने अपनी ब्रा वापस निकाल ली और ज़मीन पर पड़े कपड़े उठा के सोफे पर रख दिए।

मेरी मम्मी ने अपने बाल बाँध लिए और सिर पर हेयर बैंड लगा लिया।

अंकल 5 मिनट में, बाहर आ गये।

उन्होंने आंटी की नाइट वियर, मेरी मम्मी को दिया और कहा – पहन लो, इसे…

मेरी मम्मी ने अंकल के सामने, उसे शरीर पर डाल लिया।

आंटी का नाइटवियर, बहुत पारदर्शी था।

मेरी मम्मी का बदन, साफ साफ दिख रहा था।

बस ऐसा मानो जैसे नाम के लिए, उनके बदन पर कपड़ा था बाकी हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था।

अब अंकल और मेरी मम्मी, सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे।

अंकल बीच बीच में मेरी मम्मी के साथ मज़ाक कर रहे थे, जिससे वो हंस पड़ती थीं।

मम्मी ने कहा – यार, बहुत थक गई हूँ… सोना है…

अंकल ने कहा – अरे खाना तो खा लो, पहले…

उसके बाद, अंकल खुद उठ के गये और किचन से खाना लेके आए और मेरी मम्मी और अंकल साथ में बैठ के खाना खाने लगे।

खाना खाने के बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – चल, बेड रूम में चलते हैं…

अब मम्मी ने कहा – ठीक है…

उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी बेड रूम में चले गये और अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया।

पूरे हॉल में सन्नाटा हो गया।

मैं कमरे के साइड में चला गया, जहाँ बिस्तर पर मेरी मम्मी लेटी हुई थीं और अंकल टेबल की साइड में खड़े हो के अपने मोबाइल पर कुछ कर रहे थे।

उसके बाद उन्होंने, अपना मोबाइल ऑफ कर दिया और बाथरूम चले गये।

मेरी मम्मी, लेटी हुईं थीं।

उन्होंने टीवी चला ली और देखने लगीं।

कुछ ही देर में, अंकल बाहर आ गये और आते ही वो बिस्तर पर चले गये।

मेरी मम्मी, अंकल से चिपक के लेट गईं।

फिर, अंकल ने रिमोट से टीवी बंद कर दिया।

मेरी मम्मी का सिर, अंकल की छाती पर था।

अंकल ने कहा – तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना…

मम्मी ने कहा – किस बात का… ??
 
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अंकल ने कहा – तुम्हें यहाँ रोक लिया, इसके लिए…

मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…

अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…

मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…

अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…

मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…

अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…

मम्मी ने कहा – क्या… ??

अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…

मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??

अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें प्रणव को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…

मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।

मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…

अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे प्रणव को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…

मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…

अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…

मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…

अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…

मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…

अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…

कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…

अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…

मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।

मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।

इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।

ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।

क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?

क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?

खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।

अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…

मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…

अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…

फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…

उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।

अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।

कुछ देर इस प्यार भरे मिलन के बाद, अंकल अपनी औकात पर आ गये।

मतलब, अंकल ने मम्मी के बाल पकड़े और धीरे धीरे मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।

मेरी मम्मी, धीरे धीरे उनका साथ देने लगीं।

समझ में नहीं आता था, कितना “चुदाई का कीड़ा” घुसा था दोनों की गाण्ड में।

फिर कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – तू इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चाहती… कोई बात नहीं… लेकिन, मेरा पूरा साथ दे… मैं तेरी लाइफ रंगीन कर दूँगा…
 
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उसके बाद, फुच फच फुच फच ला फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके वो मेरी मम्मी के होंठ चूमने लगे।

अंकल ने अपना हाथ, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया और नाइट वियर के ऊपर से सहलाने लगे।

उन्होंने धीरे से, मेरी मम्मी के कपड़े उतार दिए।

मुझे अब साफ साफ, मेरी मम्मी की पैंटी दिख रही थी।

अंकल ने अपना एक हाथ, मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दिया और चुत्तड़ सहलाने लगे और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।

मैं देख रहा था, मेरी मम्मी बार बार हाथ पीछे करके अंकल का हाथ हटा देती थीं।

जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चला, अंकल बार बार मम्मी के गाण्ड के छेद मे उंगली घुसा रहे थे।

अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के जांघों तक कर दी और अपने हाथ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर सहलाने लगे।

अंकल ने अब खींच के एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जमा दिया।

मम्मी का चुत्तड़, फिर से बुरी तरह हिल गया।

अंकल, मेरी मम्मी के आँखों में देख रहे थे।

मम्मी के मुंह से – आ आ आहह की आवाज़ निकल गई…

अंकल ने उन्हें देख के मुस्कुराया।

मम्मी ने भी धीरे से स्माइल दी।

अंकल ने खींच के, एक और चाटा मारा।

मम्मी ने फिर से – आहह… किया।

अंकल ने धीरे से, कुछ कहा।

फिर, एक और चाटा मारा।

अंकल ने मम्मी से पूछा – मज़ा आ रहा है, जानू… और ये कहते हुए, खींच के एक चाटा मारा…

मम्मी ने कहा – दर्द हो रहा है… थोड़ा धीरे…

अंकल ने कहा – बढ़िया… और एक बेहद ज़ोर से चाटा मारा…

इस बार मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – मादर चोद स स स स स… धीरे स स स स स स स स…

मैंने देखा, मेरी मम्मी का चुत्तड़ लाल हो चुका था।

उनके चुत्तड़ पर, अंकल की हथेली के निशान छप चुके थे।

अब अंकल ने मेरी मम्मी के बाल कस के पकड़े और कहा – महक, तुझे तो पता है, चुदाई के वक़्त मुझे तेरे मुँह से गाली निकालना कितना पसंद है…

मम्मी के मुंह से – आ अहह आ… हाँ भडुए, पता है मुझे… तेरी माँ का भोसड़ा, बहन के लौड़े… गाली सुनने के लिए, क्या मेरी माँ चोद देगा… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह स स स… निकलने लगा।

ऐसा महसूस हो रहा था जैसे ये दर्द की नहीं, वासना की आवाज़ हो क्यूंकि मम्मी भले ही गालियाँ बक रही थीं पर उनका विद्रोह नहीं कर रही थीं।

अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ते हुए, उन्हें छाती से चिपका दिया और अपना बया हाथ पीछे ले जाके अपनी बीच की उंगली मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी।

मम्मी के मुंह से फिर से – आ आ आ अहह… कुत्ते के लंड स स स स… की गाली निकली और दर्द की आवाज़ आई।

अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ के ऊपर उठाया और मम्मी से कहा – आज, मैं तेरा मालिक हूँ और तू मेरी गुलाम है… तेरी मां क्या, तेरे खानदान की सारी औरतों की मां चोद के रख दूँगा… और वो हँसने लगे।

मम्मी भी उनकी बात सुन कर, मुस्कुराने लगीं।

बड़े ताजुब की बात है, जो मम्मी मुझे साला या कामीने जैसे शब्दों के लिए चिल्ला पड़ती थीं, यहाँ बिंदास अपनी माँ और ना जाने कौन कौन सी गालियाँ बक रहीं थीं और सुन रही थीं।

क्या लंड या चूत, आदमी या औरत को इतना अँधा कर देता है.. ??

या जो भी आम जिंदगी में वर्जित रहता है, उसकी चुदाई के दौरान छूट रहती है।

खैर, अंकल ने कहा – अब तू चुप चाप, मेरी हर बात मानेगी…

उसके बाद, अंकल ने उंगली बाहर निकाल के फिर से अंदर घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे।

अंकल की पूरा उंगली, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में थी और मेरी मम्मी – आ आ आहह आ आ आआ आ अहह आ आ आ आआ आ आ अहह आ आ आ आआ आहह आ आ आ आ आ आ आअहह… की मादक आवाज़ के साथ, अंकल का साथ दे रही थीं।

अंकल ने हाथ बाहर निकाला और उंगली ऊपर करते हुए, उसे सूँघा और चाट भी लिया।

मुझे हल्की सी उबकाई आ गई।

यहाँ उन्होने फिर से उंगली नीचे ले जाते हुए, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी और रगड़ने लगे।

अब मेरी मम्मी अंकल के ऊपर से नीचे उतर के, बिस्तर पर बैठ गईं।

अंकल ने खींच के मेरी मम्मी की पैंटी निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और मम्मी ने हाथ ऊपर कर दिए।

अंकल ने नाइट वियर पकड़ के ऊपर के तरफ से निकाल के ज़मीन पर गिरा दिया और मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया।

अंकल का तना हुआ लण्ड, मुझे उनके हाफ-पैंट में साफ महसूस हो रहा था।

अंकल ने पैंट खींच के जांघों तक कर दी और घुटनों के बल बैठ गये और मेरी मम्मी ने अंकल के लण्ड को पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।
 
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अंकल, मेरी मम्मी की तरफ देख रहे थे और आँख बंद किए – आ अहह आ अहह इस स स स स स कर रहे थे.

मम्मी ने धीरे से, अंकल की लण्ड की चमड़ी को नीचे कर दिया.

अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, बाहर निकल के आ गया.

मम्मी ने पहले लण्ड के सुपाड़े को चूमा और धीरे से, उस पर अपनी जीभ फिराते हुए चाट लिया.

फिर धीरे से अंकल का आधा लण्ड, अपने मुंह में ले के धीरे धीरे चूसने लगीं.

अंकल ने आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह महक… आ आ आ आ आ आहह… की धीमी आवाज़ निकालने लगे थे.

मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ के साथ, अंकल के लण्ड को चूसे जा रही थीं.

एक बड़ी लप्प्प्प्प् प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ, मम्मी ने अंकल का लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया.

अंकल का लंड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.

उनका लण्ड इस समय, बिल्कुल तना हुआ था.

मेरी मम्मी ने अंकल की तरफ देखा और दोनों थोड़ा मुस्कुराए.

उसके बाद, मेरी मम्मी ने सिर नीचे कर दिया और अंकल के अंडे चूसने लगीं.

मम्मी धीरे धीरे अंकल के दोनों अंडे चूस रही थीं और अंकल धीमी आवाज़ में – आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.

फुच फच फुच फच की धीमी आवाज़, मेरे कानों में आ रही थी.

अब अंकल थोड़ा हट गये और उन्होंने सबसे पहले, अपनी हाफ पैंट निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और पूरे नंगे हो गये.

अब उन्होंने, मेरी मम्मी को लिटा दिया और मेरी मम्मी के बगल में लेट गये और मेरी मम्मी को अपने बदन से चिपका लिया और उनके गले, गाल और लिप पर धीरे धीरे किस करने लगे.

अंकल, अपने हाथ से धीरे धीरे मेरी मम्मी की पीठ सहला रहे थे.

कभी वो अपना हाथ मेरी मम्मी की चुत्तड़ पर सहलाते तो कभी उनकी पीठ पर.

अब भी, हथेली के निशान पड़े हुए थे.

मेरी मम्मी, अपना हाथ अंकल की गर्देन के पीछे ले जाके अंकल का पूरा साथ दे रही थीं.

अंकल बीच बीच में, अपना हाथ आगे ले जाते हुए मेरी मम्मी के चुचे को मसल दे रहे थे.

अब अंकल चूमते हुए, नीचे आ गये और मेरी मम्मी की जांघें को चुम्मी करके, उनकी फुददी के पास आ गये और दो उंगलियो से फैलाते हुए, अपनी जीभ मेरी मम्मी की फुददी के अंदर डाल दी और चाटने लगे.

अंकल की जीभ का स्पर्श पड़ते ही, मेरी मम्मी ने तिलमिला के अपने चुत्तड़ ऊपर उठा लिए.

अंकल के कस के उनकी जांघें पकड़ लीं और फुददी चाटने लगे.

अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी की फुददी चाटे जा रहे थे.

मेरी मम्मी ज़ोर ज़ोर से – आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ अहह… किए जा रही थीं.

मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे कर दिया और बिस्तर पकड़ लिया.

मेरी मम्मी के चुचे तन गये.

अंकल ने इतनी कस के जांघों से पकड़ बनाया हुआ था की वासना से तड़प रही, मेरी मम्मी हटना चाहती थीं.

लेकिन अंकल, उन्हें आज़ाद नहीं कर रहे थे.

धीरे धीरे, मैंने देखा मेरी मम्मी की फुददी से रस टप टप करके निकलने लगा.

अंकल के होंठ पर, रस लग रहा था.

अंकल ने चाटते हुए कहा – तेरी फुददी का रस चाटने के लिए, तड़प गया था…

उसके बाद, वो फुददी फैलाते हुए मेरी मम्मी की फुददी का रस चाटने लगे.

अंकल ने अब जीभ बाहर निकाल ली और धीरे धीरे, मेरी मम्मी की फुददी पर चाटे बरसाने लगे.

मम्मी, धीमी आवाज़ में – आ अहह आ आहह की आवाज़ निकालने लगीं.

अब अंकल मेरी मम्मी के बगल से उठ के, सामने चले गये और घुटनों के बल उनके सामने बैठ गये.

अंकल ने मेरी मम्मी की जांघों को फैला दिया और टांगों के बीच में आ गये.

उन्होंने मम्मी की कमर के नीचे, तकिया रख दिया.

मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत ऊपर हो गई और सीधे अंकल के लण्ड के सीध में आ गई.

अंकल और आगे हो गये और उन्होंने, मेरी मम्मी की जांघों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरी मम्मी ने हाथ आगे कर के अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे से अपनी फुददी में घुसा लिया और अपनी हाथ पीछे करके, बिस्तर पकड़ लिया.

अंकल ने मेरी मम्मी की आँखों में देखते हुए, अपनी कमर आगे करते हुए धक्का मारा.

मम्मी – आ आ आ आ आहह…

अंकल ने भी कहा – उंह सस्स्स्स्स् स्स्स्स्श ह…

उस समय, अंकल का आधा लण्ड फुददी के अंदर जा चुका था.

उसके बाद, अंकल ने अपने आप को अड्जस्ट करते हुए एक और धक्का मारा.

मेरी मम्मी की फिर से, चीख निकल गई.
 
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अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के फुददी के अंदर जा चुका था.

अंकल, मेरी मम्मी की आँखों मे देख रहे थे.

अंकल ने मेरी मम्मी को देखते हुए कमर पीछे करते हुए एक और धक्का मारा और उसके बाद धीरे धीरे कमर आगे पीछे करते हुए, मेरी मम्मी को चोदने लगे.

अंकल का आधे से ज़यादा लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी के अंदर बाहर हो रहा था.

मुझे कानों में – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप बिस्तर की चर चर चर चर चर… मेरी मम्मी के पायल की छन छन छन छन छन छन और मेरी मम्मी के – आ आ अहह आ आहह आ आ अहह आ आहह ओई ई ईई औउइ ऊओफ फफ फ फ फफ्फ़ ओफ फ फफ फ फफ्फ़ उई ई ई माआ आ उई ई ईई माआ आअ नाही आ आ आ अहह आ आ अहह एस स्स्स्स स्स ओह गूद्द्द्द्द द्ड एस स्स स्स मा आ आ आ ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ़फ्फ़… सुनाई दे रही थी.

अंकल लगातार, अपनी कमर हिलाए जा रहे थे.

हर धक्के पर, मेरी मम्मी के चुचे आगे पीछे हो रहे थे.

पक पक पक पक पक की आवाज़, कमरे में गूँज रही थी.

अंकल ने कहा – महक, सच में आज तेरी फुददी फाड़ दूँगा… मैं आज रात भर तुझे चोद चोद के, तेरी चूत की भोसड़ी बना दूँगा… एक मिनट के लिए भी सोने नहीं दूँगा, आज तुझे…

ये कहते हुए, उन्होने स्पीड तेज़ कर दी और धका धक मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे.

कुछ देर के बाद, अंकल का लण्ड बाहर निकल गया और अंकल रुक गये.

उनकी साँसें, तेज़ तेज़ चल रही थीं.

वो मेरी मम्मी को देख के हंस रहे थे.

उन्होंने मेरी मम्मी की जाँघ पर 2 थप्पड़ मारे.

उसके बाद, मेरी मम्मी की एक जाँघ को क्रॉस करके दूसरी जाँघ पर चढ़ा दिया.

मेरी मम्मी की फुददी चिपकी हुई, बाहर के तरफ थोड़ा हो गई.

अंकल ने मम्मी की जाँघ और चुत्तड़ पर हाथ रखते हुए, कस के धक्का मारा और पूरा लण्ड, मम्मी की फुददी में घुसा के उन्हें चोदने लगे.

ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.

अंकल बीच बीच में, चाटे मार रहे थे.

मेरी मम्मी के चुत्तड़, अब लाल हो चुके थे.

बिस्तर से लगातार, चर चर चर की आवाज़ आने लगी.

अब अंकल ने मेरी मम्मी से पूछा – महक, मज़ा आ रहा है ना…

मम्मी ने सिसकारी लेते हुए कहा – हाआ आ आ आ आन्णन्न् बहुत मज़ा आ रहा है, तेरी बहन की चूत… बहन के लौड़े, बात मत कर बस चोद… जो बोल रहा है, करके दिखा… बना डाल आज, मुझे कोठे की रंडी… फाड़ दे कुत्ते… तेरी मां की चूत… आ आ आ आअ…

ना जाने क्यूँ, अब अंकल रुक गये.

उनकी साँसें तेज़ चल रही थीं.

मेरी मम्मी भी उठ के बैठ गईं.

मेरी मम्मी के शरीर से, पसीना निकल रहा था.

मम्मी ने एक ही पल में नार्मल होते हुए कहा – आपने फिर से खाया है, ना…

अंकल ने कहा – क्या… ?? और हंसने लगे.

मम्मी ने कहा – वियाग्रा की बात कर रही हूँ, आप जानते हैं…

अंकल ने हंसते हुए कहा – नहीं रानी, मैंने नहीं खाई है…

मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आपने खाया है… कब से किए जा रहे हैं… अब तक गिरा क्यों नहीं… मेरे गालियाँ निकालने पर भी…

अंकल हंसने लगे और कहा – चल बाबा… ठीक है… हाँ खाया है…

उसके बाद, अंकल घुटनों के बल बैठ के मेरी मम्मी के मुंह में लण्ड डाल दिया और फिर से मेरी मम्मी लण्ड चूसने लगीं.

यहाँ सवाल ये था की मम्मी ने क्या खाया था.

अंकल ने 2 मिनट बाद, मेरी मम्मी को सीधा लिटा दिया और मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें हवा में करके फैला दी.

अंकल, मेरी मम्मी के ऊपर पूरा लेट गये और मेरी मम्मी ने अपने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ के अपनी फुददी में घुसा लिया.

अंकल ने मेरी मम्मी के होंठ मे होंठ फँसा लिया.

और, उन्होने कस के धक्का मारा.

मेरी मम्मी की बंद धीमी आवाज़ – हम म्म्म म म मम मम मम म म… मुझे सुनाई दी.

मेरी मम्मी की आँखें, बिल्कुल खुल गई थीं.

उन्होंने अपना नाख़ून, अंकल की पीठ में चुबा दिया था.

अंकल ने कमर उठाते हुए, फिर से कस के धक्का मारा.

मेरी मम्मी की आ आ आ आ आ आ आा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई.

अंकल का लण्ड इतना बड़ा था की पक्का, उनका टोपा मेरी मम्मी की बच्चेदानी को छू गया होगा.

अंकल ने मम्मी का हाथ हटा के आगे कर दिया और कस के पकड़ लिया और कमर उठा उठा के धक्का मारने लगे.

अंकल का शरीर, इतना मज़बूत था की मेरी मम्मी कोशिश भी कर लेती तो भी शायद उनकी पकड़ से अपने आप को बचा नहीं पाती.

और ऐसा, पहली बार नहीं था.

अंकल जब भी मेरी मम्मी को चोदते हैं, जानवर की तरह.

सीधी भाषा में, कुतिया की तरह.

शायद उन्हें मालूम है की मेरी मम्मी की प्यास, इसी तरह की चुदाई से शांत कर सकते हैं.

मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ आ अहह ओई ई ईई ई ईई ईईई ईईईई ई इमा आ आ आ आ आअ ओई ममा आ आ आ आ आअ माआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माआ आ आ आ आ आ आ आ नहियीई ईई ई ईईई ईईई ई ई ईईई ई ई ईई ई ईई ई आ आ आ आ आ आ आ आ आहह ओफ फ फ फफ फफ फफ फफ फफ फ फफ्फ़ करने लगीं.
 
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मैं देख रहा था, अंकल धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज़ किए जा रहे थे..

मम्मी ने कहा – अब बस कीजिए…

अंकल ने धक्का मारते हुए कहा – क्या हुआ… बता ना, क्या हुआ…

मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – बहुत दर्द हो रहा है…

अंकल ने कहा – आज रात, तू मेरी बीवी है… मज़ा दे मुझे… शांत होके पड़ी रहे… आ आ आ आ अहह… बस शांत होते ही, तुझे आज़ाद कर दूँगा… जानती है ना की जो औरत अपने ख़सम को खुश ना कर सके, वो असल में औरत होती ही नहीं…

अंकल धका धक करके, मेरी मम्मी की चुदाई किए जा रहे थे..

ऐसा लग रहा था, जैसे आज अंकल सच मे मेरी मम्मी की फुददी फाड़ देंगे..

कुछ देर तक ऐसे चोदने के बाद, अंकल आगे आते हुए – आ आ आ आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह करते हुए, मेरे मम्मी के ऊपर लेट गये..

अंकल और मेरी मम्मी के शरीर से, पसीना निकल रहा था..

अंकल कुछ देर, मेरी मम्मी को चूमते रहे..

उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट के उनके बगल में लेट गये..

मेरी मम्मी की फुददी से, अंकल का वीर्य बह रहा था..

मेरी मम्मी ने करवट ले लिया और अंकल सीधे लेटे हुए थे..

अपने दोनों पाँव फैलाए, अंकल ने और अपना हाथ मम्मी के बाजू पर रख दिया..

फिर वो, धीरे धीरे सहलाने लगे..

अंकल ने मम्मी को अपने तरफ घुमा लिया और अपने सीने से, पूरा चिपका लिया..

मम्मी ने भी हाथ पीछे करके, अंकल को पकड़ लिया..

अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के कानों मे कुछ कह रहे थे और मेरी मम्मी सिर हिला के, उनको हाँ हाँ का जवाब दे रही थीं..

अंकल बीच बीच में, मम्मी के गाल पर किस कर रहे थीं..

मम्मी अब उठ के, वॉशरूम चली गईं..

अंकल, वही लेटे हुए थे..

उन्होंने ज़मीन से हाफ पैंट उठा के पहन ली..

मेरी मम्मी सू सू करके, बाहर आ गईं..

आते ही सबसे पहले, उन्होंने नाइटवियर उठाया और पहन लिया..

उसके बाद, अपने बाल संवारे और फिर बिस्तर पर आ गईं..

अंकल नीचे उतार गये और टेबल से अपनी सिगरेट ले के आए और वहीं बिस्तर पर लेट के, जला के पीने लगे..

मेरी मम्मी, अंकल की छाती पर लेटी हुई थीं..

अंकल धीरे धीरे, दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के बाल सहला रहे थे..

अंकल ने कहा – महक, तूने सच मे मुझे सुकून दिया है, इस लाइफ में…

अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी से अपनी बातें कर रहे थे और उनके सिर पर हाथ फेर रहे थे..

लगभग 20 मिनट हो गये थे, तभी अंकल ने सिर नीचे करके देखा और हंसते हुए कहा – अरे, सो गई… उसके बाद, धीरे से मम्मी का सिर नीचे कर के तकिये पर रख दिया और नीचे उतर के बाथरूम चले गये..

अंकल बाथरूम से बाहर आ गये और मैंने देखा, उन्होंने अपनी पैंट उतार ली और लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और बिस्तर पर आ गये..

मुझे धीमी रोशनी में दिख रहा था..

अंकल मेरी मम्मी के बगल में बैठ के, अपना लण्ड सहला रहे थे..

मैं जान रहा था की वो फिर से मेरी मम्मी को चोदगें और यही हुआ..

देखते देखते, अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे हाथ फिराने लगे..

मेरी मम्मी उस समय, गहरी नींद में थीं..

अंकल ने सहलाते हुए, नाइटवियर ऊपर तक उठा दिया..

मेरी मम्मी की फुददी सॉफ नंगी दिखने लगी..

अंकल ने धीरे से, अपना हाथ मम्मी की फुददी पर रख दिया..

मैंने देखा, अचानक से मेरी मम्मी का नींद टूट गई और उन्होंने झटके से अंकल का हाथ उठाते हुए कहा – अब, मुझे सोने दीजिए…

अंकल ने कहा – महक, एक बार…

मम्मी ने कहा – प्लीज़, मुझे नींद आ रही है… थक गई हूँ… दिन भर होली खेली है… सोने दीजिए ना… आप तो पता नहीं, क्या खाते हैं…

अंकल ने अपना हाथ फिर से फुददी पर रखते हुए कहा – सो जाना… मैं मना नहीं कर रहा हूँ…

उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और मेरी मम्मी की दोनों जांघों को खोल दिया..

मेरी मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं – प्लीज़, अब नहीं… और हटने की कोशिश कर रही थीं..

लेकिन, अंकल की पकड़ से ना निकल सकीं..

अंकल ने एक झटका मारा और मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई..

मम्मी ने कहा – निकालिए प्लीज़, मेरा मन नहीं है…

अंकल ने कहा – अभी, मज़ा आने लगेगा… मेरी रानी… मैं जानता हूँ तेरी चूत में कितनी गर्मी है… साली, आज तक मैने सूखी तो एक बार भी देखी ही नहीं… और ठप से एक और धक्का मारा..
 

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