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सुनीता कमरे में चिल्लाते हुए बोल रही थी, प्लीज बाहर निकाल लो बस बड़ा दर्द कर रहा है ,
सुनीता के मुंह से ये शब्द सुन कर कोई भी ये आसनी से बता सकता था कि सुनीता क्या बाहर निकालने को कह रही थी,
उसकी कमसिन चूत में लंड फंसा हुआ है और ये बात सुनीता की सास ससुर के साथ साथ असलम को पता था,
(अगर किसी को पता नहीं था तो वो था अभि कि उसकी मम्मी की मस्त चूत में में असलम का बड़ा सा लौड़ा लंड फंसा हुआ है,)
अंदर सुनीता की सिसकारियों और चीखों का असलम पर कहा कोई असर हो रहा था,
आज बरसों बाद तो उनके उनके लंड के नीचे उसके सपनों की हूर जिगरी दोस्त की मस्त घोड़ी जैसी मम्मी की चूत आई थी और चूत ऐसी जो नामर्द का लंड एक झटके से खड़ा कर दे,
तो असलम सुनीता ऊपर झुका उसके होंठो को चूमते बोले,
बस थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लो मेरी जान फिर सारी जिंदगी तो मजा ही मजा है बस थोड़ा सा दर्द,
तो सुनीता अपनी चूत और असलम के लंड के बीच अपने हाथ को असलम की छाती पर रख कर बोली, नहीं बस ओर नहीं ले सकती,
तो असलम ने अपने होंठो से सुनीता का मुंह बंद कर दिया और उसके होंठो को चूसने लगा जिस से सुनीता की चीख उसके गले में ही दब सी गई,
असलम अपना लंड सुनीता की चूत में फंसाये उसके होठों को चूसते हुए अपने हाथ को उसकी चुचियों पर ले आया और सुनीता की मस्त पहाड़ जैसी चूचियों को चूसने लगा,
तीनो तरफ के हमले से सुनीता ओर भी गरम होने लगी थी और उसका दर्द भी कुछ कम होने लगा था,
सुनीता की चूत पानी छोड़ने लगी,
सुनीता के मुंह से ये शब्द सुन कर कोई भी ये आसनी से बता सकता था कि सुनीता क्या बाहर निकालने को कह रही थी,
उसकी कमसिन चूत में लंड फंसा हुआ है और ये बात सुनीता की सास ससुर के साथ साथ असलम को पता था,
(अगर किसी को पता नहीं था तो वो था अभि कि उसकी मम्मी की मस्त चूत में में असलम का बड़ा सा लौड़ा लंड फंसा हुआ है,)
अंदर सुनीता की सिसकारियों और चीखों का असलम पर कहा कोई असर हो रहा था,
आज बरसों बाद तो उनके उनके लंड के नीचे उसके सपनों की हूर जिगरी दोस्त की मस्त घोड़ी जैसी मम्मी की चूत आई थी और चूत ऐसी जो नामर्द का लंड एक झटके से खड़ा कर दे,
तो असलम सुनीता ऊपर झुका उसके होंठो को चूमते बोले,
बस थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लो मेरी जान फिर सारी जिंदगी तो मजा ही मजा है बस थोड़ा सा दर्द,
तो सुनीता अपनी चूत और असलम के लंड के बीच अपने हाथ को असलम की छाती पर रख कर बोली, नहीं बस ओर नहीं ले सकती,
तो असलम ने अपने होंठो से सुनीता का मुंह बंद कर दिया और उसके होंठो को चूसने लगा जिस से सुनीता की चीख उसके गले में ही दब सी गई,
असलम अपना लंड सुनीता की चूत में फंसाये उसके होठों को चूसते हुए अपने हाथ को उसकी चुचियों पर ले आया और सुनीता की मस्त पहाड़ जैसी चूचियों को चूसने लगा,
तीनो तरफ के हमले से सुनीता ओर भी गरम होने लगी थी और उसका दर्द भी कुछ कम होने लगा था,
सुनीता की चूत पानी छोड़ने लगी,
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