फोन सिंक के ऊपर कप्बोर्ड के पास दीवार पे लगा हुआ है.
सानिया सिंक के पास जा के खड़ी हो जाती है और फ़ोन का रिसीवर उठा के बात करने लगती है.
फोन उसकी दोस्त सपना का है जो बड़े जोश में उसे कल हुई पार्टी के बारे में बता रही है.
सतीश अपनी मम्मी को देख के चोंक गया क्यों की उसकी मम्मी ने एक पतली सी नाइटी पहनी हुई है. उस नाइटी में उसने ब्रा नहीं पहनी सिर्फ सतीश की गिफ्ट की हुई पेन्टी पहनी थी. जिस में से उसके गोरे गोरे चुत्तड़ साफ़ नज़र आ रहे है.
ये देख के मेरा लंड फ़ौरन खड़ा हो गया. वो बड़े गौर से अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को देखते हुए उसकी तरफ बढ्ने लगा.
धीरे धीरे वो उनके करीब पहुँच गया. उसने अपने लंड को अपनी ट्रैक में से बाहर निकाला और धीरे से मम्मी की नाइटी को जो की उसके चुत्तड़ के सिर्फ १ इंच निचे तक थी उठा के मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ के अपना नौ इंच का लोहे की तरह कड़क लंड मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बेच में घूसा दिया.
सानिया अपने बेटे के इस अचानक हमले से अन्जान थी. वो अपने चुत्तड़ में अपने बेटे के लंड को मेहसुस कर के चौंकते हुये मस्ती में उछल पडी.
सानिया : "ओहह सतीश," "ओहः, नो." ये क्या किया
सतीश आगे झुका अपनी मम्मी की तरफ और अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
सानिया की आवाज़ सुन के सपना घबरा गयी.
सपणा : क्या हुआ सानिया? तुम ऐसे क्यों चिल्लाई?
सानिया : "आह्ह्...अहः, वो सतीश ने गरम गरम ल.... चीज़ दाल दी है अन्दर.....
सपणा : गरम चीज़... कौनसी गरम चीज़? कहाँ दाल दी है?
सानिया : वो उसने बिना सोचे समझे बिना मुझसे पूछे गरम ल... चीज़ सीधे चु.... अंदर घूसा दि. अगर मैंने उसे फ़ौरन अंदर से न निकाला तो सब गीला गीला हो जायेगा. मैं उसे निकाल के तुम्हे बाद में कॉल करती हु. बाय.....
ये कह के सानिया ने फ़ोन रख दिया.
सतीश ने मौके का फायेदा उठाते हुए अपने हाथों को अपनी मम्मी के कमर पे लपेट लिया और उन्हें ऊपर की तरफ ले जाने लगा जब तक उसे अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी स्तन उसके हाथों को न छु गयी. मम्मी के सेक्सी स्तन अब सतीश के हाथों के ऊपर थे. वो उनका वज़न अपने हाथों पे महसुस कर के मस्ती और जोश में आ के अपना लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर कर रहा है.
सानिया अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए मचलने लगि, लेकिन वो सिर्फ आगे हो के अपनी गांड चुदाई में अपने बेटे का साथ देणे के अलावा कुछ और नहीं कर पा रही है.
ओ आगे पीछे हो के न चाहते हुए भी अपने बेटे का लंड अपनी चुत्तड़ के बीच में ले रही है.
सानिया : "सतीश, ना, ना, नही, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे अपना ल..... मेरी गं.... बम में नहीं ड़ालना चहिये. मैं तुम्हारी वाइफ या लवर नहीं हु. मैं तुम्हारी मम्मी हु. "मा"
सानिया को भी अब न चाहते हुए मस्ती चढ़ने लगी उसकी चुत से वीर्य बह कर बाहर आने लगा और सतीश के लंड के सुपाडे को भिगोने लगा.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश को और जोश आ गया और उसने थोड़ा नीचे हो के ऊपर की तरफ धक्का मारा अपनी मम्मी के चुत्तड़ की तरफ.
सतीश : "मम.....मा, आपने ही तो कहा था की जो चीज़ मुझे चाहिए वो में ले सकता हु. तो में वो ही ले रहा हु,मुझे आप चहिये,मुझे मेरी मम्मी चहिये... मा" मम्मी.. कह के सतीश एक ज़ोर का धक्का मारा. उस धक्के का ये नतीजा हुआ की उसके लंड का सुपडा अपनी मम्मी की चुत वीर्य से गीला हो के उसकी मम्मी की वर्जिन गांड की गुलाबी छेद में घुस गया.
सानिया मस्ती और दर्द में कराह उठि.
"ओह आह...अम्म...आह्..."
सानिया को बेतहाशा मस्ती चढ़ने लगि, उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसके निप्पल कड़क हो गये.
सानिया अपने दिल में ये सोचने लगी.
"हाय कितना लम्बा मोटा और कड़क लंड है मेरे लाल का"
सानिया : "हनी, तुम्...हे अपनी मम्मी के बा....रे में ऐसा नही... सोचना चहिये.तू मम...... तुम जो... कह रह..... हो और आह.... जो कर...... रहे हो ओ..... गलत है. आह......
ओह ओ, सतीश मुझे जाने दो."
ये कह के सानिया फिर से अपने बेटे की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी. लेकिन उसकी इस कोशिश की दोनों मम्मी बेटे के बीच में सेक्स की गर्मी को और हवा दे रही थी. मेरा लंड मस्ती में और तेज़ी से अपनी मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में आगे पीछे हो रहा था.