Incest मम्मी मेरी जान

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फोन सिंक के ऊपर कप्बोर्ड के पास दीवार पे लगा हुआ है.
सानिया सिंक के पास जा के खड़ी हो जाती है और फ़ोन का रिसीवर उठा के बात करने लगती है.
फोन उसकी दोस्त सपना का है जो बड़े जोश में उसे कल हुई पार्टी के बारे में बता रही है.
सतीश अपनी मम्मी को देख के चोंक गया क्यों की उसकी मम्मी ने एक पतली सी नाइटी पहनी हुई है. उस नाइटी में उसने ब्रा नहीं पहनी सिर्फ सतीश की गिफ्ट की हुई पेन्टी पहनी थी. जिस में से उसके गोरे गोरे चुत्तड़ साफ़ नज़र आ रहे है.
ये देख के मेरा लंड फ़ौरन खड़ा हो गया. वो बड़े गौर से अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को देखते हुए उसकी तरफ बढ्ने लगा.
धीरे धीरे वो उनके करीब पहुँच गया. उसने अपने लंड को अपनी ट्रैक में से बाहर निकाला और धीरे से मम्मी की नाइटी को जो की उसके चुत्तड़ के सिर्फ १ इंच निचे तक थी उठा के मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ के अपना नौ इंच का लोहे की तरह कड़क लंड मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बेच में घूसा दिया.
सानिया अपने बेटे के इस अचानक हमले से अन्जान थी. वो अपने चुत्तड़ में अपने बेटे के लंड को मेहसुस कर के चौंकते हुये मस्ती में उछल पडी.
सानिया : "ओहह सतीश," "ओहः, नो." ये क्या किया
सतीश आगे झुका अपनी मम्मी की तरफ और अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
सानिया की आवाज़ सुन के सपना घबरा गयी.
सपणा : क्या हुआ सानिया? तुम ऐसे क्यों चिल्लाई?
सानिया : "आह्ह्...अहः, वो सतीश ने गरम गरम ल.... चीज़ दाल दी है अन्दर.....
सपणा : गरम चीज़... कौनसी गरम चीज़? कहाँ दाल दी है?
सानिया : वो उसने बिना सोचे समझे बिना मुझसे पूछे गरम ल... चीज़ सीधे चु.... अंदर घूसा दि. अगर मैंने उसे फ़ौरन अंदर से न निकाला तो सब गीला गीला हो जायेगा. मैं उसे निकाल के तुम्हे बाद में कॉल करती हु. बाय.....
ये कह के सानिया ने फ़ोन रख दिया.
सतीश ने मौके का फायेदा उठाते हुए अपने हाथों को अपनी मम्मी के कमर पे लपेट लिया और उन्हें ऊपर की तरफ ले जाने लगा जब तक उसे अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी स्तन उसके हाथों को न छु गयी. मम्मी के सेक्सी स्तन अब सतीश के हाथों के ऊपर थे. वो उनका वज़न अपने हाथों पे महसुस कर के मस्ती और जोश में आ के अपना लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर कर रहा है.
सानिया अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए मचलने लगि, लेकिन वो सिर्फ आगे हो के अपनी गांड चुदाई में अपने बेटे का साथ देणे के अलावा कुछ और नहीं कर पा रही है.
ओ आगे पीछे हो के न चाहते हुए भी अपने बेटे का लंड अपनी चुत्तड़ के बीच में ले रही है.
सानिया : "सतीश, ना, ना, नही, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे अपना ल..... मेरी गं.... बम में नहीं ड़ालना चहिये. मैं तुम्हारी वाइफ या लवर नहीं हु. मैं तुम्हारी मम्मी हु. "मा"
सानिया को भी अब न चाहते हुए मस्ती चढ़ने लगी उसकी चुत से वीर्य बह कर बाहर आने लगा और सतीश के लंड के सुपाडे को भिगोने लगा.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश को और जोश आ गया और उसने थोड़ा नीचे हो के ऊपर की तरफ धक्का मारा अपनी मम्मी के चुत्तड़ की तरफ.
सतीश : "मम.....मा, आपने ही तो कहा था की जो चीज़ मुझे चाहिए वो में ले सकता हु. तो में वो ही ले रहा हु,मुझे आप चहिये,मुझे मेरी मम्मी चहिये... मा" मम्मी.. कह के सतीश एक ज़ोर का धक्का मारा. उस धक्के का ये नतीजा हुआ की उसके लंड का सुपडा अपनी मम्मी की चुत वीर्य से गीला हो के उसकी मम्मी की वर्जिन गांड की गुलाबी छेद में घुस गया.
सानिया मस्ती और दर्द में कराह उठि.
"ओह आह...अम्म...आह्..."
सानिया को बेतहाशा मस्ती चढ़ने लगि, उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसके निप्पल कड़क हो गये.
सानिया अपने दिल में ये सोचने लगी.
"हाय कितना लम्बा मोटा और कड़क लंड है मेरे लाल का"
सानिया : "हनी, तुम्...हे अपनी मम्मी के बा....रे में ऐसा नही... सोचना चहिये.तू मम...... तुम जो... कह रह..... हो और आह.... जो कर...... रहे हो ओ..... गलत है. आह......
ओह ओ, सतीश मुझे जाने दो."
ये कह के सानिया फिर से अपने बेटे की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी. लेकिन उसकी इस कोशिश की दोनों मम्मी बेटे के बीच में सेक्स की गर्मी को और हवा दे रही थी. मेरा लंड मस्ती में और तेज़ी से अपनी मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में आगे पीछे हो रहा था.
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सानिया ने सोचा की क्यों न वो थोड़ा निचे हो जाए ताकि उसके बेटे के लंड का सुपडा उसकी गांड की छेद और चुत्तड़ से बाहर निकल के ऊपर हो जाए. लेकिन वो ये भूल गई थी की वो किस पोजीशन में खड़ी है, जैसे ही वो थोड़ी निचे हुई उसके ३६डी साइज के स्तन सतीश के हाथों में आ गयी. दोनों चोंक गये. सतीश मस्ती में आ के अपनी मम्मी के स्तन को दोनों हाथों से दबाते हुए मम्मी के चुत्तड़ के बीच में धक्के लगाने लगा. अपनी मम्मी के कड़क निप्पल को चुटकी में लेके मसलने लगा. सानिया भी अब मस्ती में सिसकारी लेने लगी.
अम्म्म.... ओह.... आह.... सतीश.... प्लीज मुझे छोड दो जाने दो.... तुम मेरे स्तन मथा. दबाव.... अमम....
मत करो बेटा प्लीज्... मुझे कुछ हो रहा है नहीअअअअ.....
ये कह के वो अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए घुमने की कोशिश करने लगी. और वो घुमने में कामियाब हो गयी.
लेकिन...
ये उसकी बहुत बड़ी ग़लती साबित हुई. वो घूम के ठीक अपने बेटे के सामने खड़ी हो गयी. जब तक उसे अपनी ग़लती का अहसास हुआ तब तक उसके बेटे का लंड उसके चुत्तड़ से निकल के उसकी गीली चुत के हांथों में घुस चुका था. सतीश इस बात से अन्जान था. वो तो बस मस्ती में धक्के मारने में लगा हुआ था, उसे कुछ वक़्त बाद इस बात का एहसास हुआ की इस वक़्त उसका लंड अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में नहीं है बल्कि उसकी रसीली चुत में है.
उसे इस बात का यकीन नहीं हो रहा था की आज उसकी किस्मत ज़ोरों पे है. उसने अपनी मम्मी की दोनों ताँगों के बीच के "v" हिस्से में अपने लंड का धक्का मारा. उसका लंड अपनी मम्मी की चुत के बीच में मुख द्वार पे रगड खाने लगा. उसका लंड बस अभी अपनी मम्मी की चुत में घूसने ही वाला था की उसकी मम्मी ने एक ज़ोर की सिसकारी ली.
आंह.......
ओ सतीश को रोक रही थी अपनी चुत में लंड घुसाने से.
फिर सतीश ने वो किया जिसकी कल्पना दोनों ने कभी सपने में भी नहीं की थी. उसने अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ गौर से देखा जो की उसके चेहरे के सिर्फ २ इंच की दूरी पे था अपनी मम्मी के खूबसूरत चेहरे और मस्ती में खुले हुए होठो को देख के उसका दिल मचल उठा और वो अपनी मम्मी के रसीले लाल सुर्ख़ होठो को अपने मुह में ले के चूसने लगा. अपने बेटे की इस हरकत पे सानिया की मस्ती सातवे आसमान पे पहुँच गई और किसिंग में वो अपने बेटे का साथ देणे लगी. वो मस्ती में अपने बेटे के लंड अपनी चुत के धक्के लगाते हुए उसके होठो को चूसने लगी.
उसने अपनी जुबान अपने बेटे के मुह में दाल दी और नचाने लगी. सतीश अब अपनी मम्मी की जुबान को चूसने लगा. मम्मी बेटे एक दूसरे के होंठ और जुबान चूसने में खो से गये. निचे दोनों के लंड चुत में धक्के लग रहे थे और ऊपर दोनों एक दूसरे के होठो को चूसने में मग्न थे.
मा बेटे के जिस्म एक दूसरे से पूरी तरहा से चिपके हुए थे. होठो से होंठ, जुबान से ज़ुबान, लंड से चुत, निप्पल और स्तन से चेस्ट और हाथ..
सानिया का जिस्म चीख़ चीख़ के येस, येस, कह रहा है, जब्कि उसका दिमाग ना, ना, कह रहा है. क़रीब ५ मिनट तक पागलोँ की तरहा एक दूसरे के होठो को चूसने के बाद सानिया ने किस तोङी. लम्बी किस के बाद जैसे ही सतीश थोड़ा शांत हुआ उसकी मम्मी उसकी पकड़ से निकल के दूर जा के खड़ी हो गयी.
सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
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सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
सतीश : लेकिन मम्मी, में तुम्हे दिल से चाहता हु तुम्हे... चोदना चाहता हु. तुम्हारे होठो को चूसना चाहता हु, तुम्हारी वीर्यभरी चुत का वीर्य चाट चाट के चूस चूस के पीना चाहता हु. आई लव यु मम्मी आई लव यु. और तुम भी तो मेरे किस का जवाब मस्ती में दे रही थी.
तूम भी तो अपनी चुत मेरे लंड पे रगड रही थी. मम्मी मुझे पता है की तुम भी ये चाहती हो की में अपना नौ इंच का लंड तुम्हारी वीर्य चुदती चुत में दाल के तुम्हे चोदू.
सानिया : सतीश, मेरे बेटे, मेरे लाल, "आई लव यु टू. लेकिन में तुम्हारी मम्मी हु. हम को एक दूसरे से ज़रूर प्यार करना चाहिए लेकिन मम्मी बेटे वाला प्यर. ना की गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड या हस्बैंड वाइफ वाला प्यार. हाँ ये सच है की में तुम्हारे किस का जवाब दे रही थी. मैं अपनी चुत को तुम्हारे लंड पे रगड रही थी. कभी कभी हमारे साथ ऐसा हो जाता है की मस्ती में आकर हम बहक जाते है. ये सच है की जब तुम मेरी गांड में अपना लंड घूसा रहे थे और फिर मुझे किस करते हुए अपना लंड मेरी चुत में रगड रहे थे तब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
तुम्हारा लंड है ही इतना दमदार की में न चाहते हुए भी मस्ती में आके तुम्हारा साथ देणे लगी.
मैं ये दावे के साथ कह सकती हूँ की तुम्हारा लंड मुझे तो क्या दुनिया की किसी भी लड़की या औरत को जन्नत की सैर करा के पूरी तरहा से संतुष्ट कर सकता है. एक बार जो तुम से अपनी चुदाई करवा लेगी वो तुम्हारी दीवानी बन जाएगी. जिस तरहा में तुम्हारे किस में मदहोश हो गई थी. लेकिन जैसे ही मुझे होश आया मुझे ये याद आ गया की में तुम्हारी मम्मी हूँ और हमारे बीच में ये सब ठीक नहीं है.
ओर जैसा की तुम मुझे यानी अपनी मम्मी को...चोदना चाहते हो, वेल बेटा तुम्हारी उम्र में लड़के कीसी की भी चुत में अपना लंड डालने को बेचैन रेह्ते है. वो ये नहीं सोचते की क्या गलत है और क्या सहि. ऐसा ही तुम्हारे साथ भी हो रहा है.
सतीश : मम्मी ये सच नहीं है. हमारे स्कूल की बहुत सारी लडकियां मुझ पे मरती है. कुछ तो मुझसे चुदवाने को भी तैयार है. लेकिन मुझे उन सब में से कोई भी पसंद नहीं है. मुझे जो पसंद है वो तुम हो. तुम मेरी जान हो. मैं तुमसे बेतहाशा प्यार करता हु. तुम ही हो जिसे देख के मेरे दिन की शुरुवात होति है और तुम्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है और मुझे मजबूर करता है की में तुम्हे चोदुं. मैं जल्द से जल्द तुम्हे अपना बनाना चाहता हु. मैं शौक से तुम्हे बिना कपड़ों के देखना चाहता हु. "तुम्हेँ नंगी देखने महसुस करने और चोदने के लिए में कुछ भी कर सकता हु."
सानिया : "सतीश. यही वो गलत चीज़ है जिसे हम को रोकना है. तुम ऐसे अपनी मम्मी को ना देख सकते हो और ना ही चोद सकते हो."
सतीश : तो फिर तुम ही मुझे बताओ की में अपनी मम्मी को कैसे चोद सकता हूं.
सानिया : सतीश. तुम अपनी मम्मी को ऐसे वैसे या फिर कैसे भी नहीं चोद सकते. ये मुमकीन नहीं है. तुम एक बात समझ लो की ये नहीं हो सकता. तुम अपनी मम्मी के साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते.
सतीश : तो फिर मम्मी अब आप ही बताओ की में क्या करूँ?
सानिया : अभी तुम अपने कमरे में जाओ और मुठ मार लो. मुठ मारने से तुम्हे थोड़ा सुकून मिलेगा.
जब तक तुम वापिस आओगे में तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हु.
सतीश : लेकिन मम्मी मुझे नहीं लगता की मुठ मारने से मुझे कुछ फायदा होगा. क्यूँ की में मुठ मार के खुद को थोड़ा शांत तो कर लुँगा लेकिन फिर वापिस आ के जैसे ही में तुम्हे देखूँगा मेरा लंड फिर से खड़ा हो के मुझे मजबूर करेगा की में तुम्हे चोदुं.
सानिया : सतीश. ये बात तो मेरे साथ भी है लेकिन मुझे देखो मेंने खुद पे किस तरहा क़ाबू किया हुआ है. उसी तरहा तुम भी कोशिश करो.
सतीश उदास हो के अपने रूम में चला जाता है और बेड पे लेट जाता है और किचन में हुए वाक्ये को याद करने लगता है.
उसकी मम्मी ने कैसे मस्ती में आके उसे किस में साथ दिया और कैसे अपनी चुत उसके लंड पे रगडी. और फिर बाद में उसके साथ कुछ करने से इन्कार कर दिया.
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अगली सुबह...
अगली सुबह सानिया बेड से उठती है और बाथरूम में जा के फ्रेश होति है. फिर बाहर आ के जब वो कपबोर्ड खोलती है अपनी ड्रेस निकालने के लिए तो उसे सामने रखा एक गिफ्ट बॉक्स नज़र आता है. वो उस गिफ्ट बॉक्स को खोल के देखति है.
उसमे एक कार्ड है जिसपे लिखा है.
बोल्ड ब्यूटीफुल एंड सेक्सी मम्मी

उस पेपर को पढ़ के सानिया मुस्कुराने लगती है.
फिर जैसे ही वो उस कार्ड को हटा के बॉक्स के अंदर देखति है वो बुरी तरहा से चोंक जाती है.
उस बॉक्स में एक बेहद ही सूंदर और सेक्सी ब्रा और पेन्टी है. वो उसे उठा के पहनती है और खुद को आईने में देख के शर्मा जाती है.
ओ पेन्टी पीछे उसके चुत्तड़ के पास से बिलकुल खुली हुई है.
उस पेन्टी में उसके बेटे का लंड बिना किसी रुकावट के उसके सेक्सी चुत्तड़ के बीच में बड़े आराम से बिना किसी रुकावट के जा सकता अंदर बाहर हो सकता है.
ओह गोद...... मेरा बेटा तो बड़ा होशियार और सेक्सी है. क्यों न हो आखिर बेटा किसका है.
ओ ये सोच ही रही थी की तभी अचानक उसका मोबाइल बजने लगता है.
फोन उसके ऑफिस से था, ऑफिस में कुछ अर्जेंट काम आ गया था जिस वजह से उसे फ़ौरन ऑफिस बुलाय था.
अभी उसका ऑफिस जाने का मूड नहीं था लेकिन न चाहते हुए भी वो तैयार हुई और ऑफिस निकल गयी.
सतीश अभी अपने बेड में सो रहा है. सानिया आज खुद को काफी उत्तेजित मेहसुस कर रही है. आज उस ने अपने बेटे के लंड को बहुत मिस किया. लेकिन वो कल ऐसा कुछ नहीं होने देगी. कल सुबह वो अपने बेटे की दी हुई पेन्टी पहन के किचन में जायेगी और अपने चुत्तड़ के बीच में अपने बेटे के लंड को घुसवा के मज़ा ज़रूर लेगी.
सो के उठने के बाद अपनी सेक्सी मम्मी को घर में न पा कर सतीश उदास हो गया. आज उसके साथ केएलपीडी हो गया. वो नाश्ते की टेबल पे बैठा अपनी सेक्सी मम्मी के चुत्तड़ को याद कर रहा है...

हाय काश में मम्मी को उस सेक्सी पेन्टी में देख पाता, काश में आज बिना किसी रुकावट के उनके सेक्सी चुत्तड़ के बीच में अपना लंड घूसा पाता.
उसका पूरा दिन अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ की याद में गुज़रा. रात में डिनर के वक़्त उसने देखा की उसकी मम्मी ने एक ऐसा रोबे पहना हुआ है जो उसके गले से ले के निचे उसके पैर तक है उसकी मम्मी का पूरा जिस्म ढ़का हुआ है.
सतीश मायुस हो के सोने चला गया.अगले दिन सुबह जब वो सो के उठा और बाहर किचन के पास आया तो उसने देखा की आज सुबह सुबह उसकी मम्मी
सानिया किचन टेबल पे बैठ के मज़े से कॉफ़ी पी रही है. जैसे ही सतीश किचन में आया सानिया का चेहरा मस्ती और ख़ुशी में खील उठा.
सानिया : क्या बात है आज छुट्टी के दिन मेरा प्यारा बेटा बहुत जल्दी उठ गया.
अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड के उभार को पैंट के ऊपर से देख के सानिया का गला सुख गया और उसकी चुत गीली हो गई और वीर्य चोदने लगी.
उसने सोचा ओह गोद, आज में खुद को एक कमसीन स्कूल की लड़की क्यों समझ रही हूँ जो मस्ती में आ के किसी का भी लंड अपनी चुत में लेने के लिए तड़प रही हु. मेरी चुत आज मस्ती में बेतहाशा वीर्य छोड रही है.
लेकिन वो जिसके लंड के बारे में सोच सोच के गरम हो रही है वो और किसी का नहीं बल्कि उसके अपने सगे बेटे का लंड है.

सतीश किचन के दरवाज़े के पास रुक गया. उसने एक बार सिंक के ऊपर के कपबोर्ड को देखा लेकिन उसकी तरफ बढा नही.
सानिया को अपने बेटे के ईरादे के बारे में पता है की अभी वो क्या चाह रहा है. सानिया खुद पे क़ाबू कर के वहीँ बैठि हुई है, वो खुद से ये कह रही है की सतीश उसका सगा बेटा है और वो अपने सगे बेटे को कोई चांस नहीं देना चाहती की वो उसके चुत्तड़ के बीच में अपना लंड डाले. क्यों की अगर आज उसके बेटे ने उसके चुत्तड़ के बीच में अपना लंड घुसाया तो वो उसकी गांड के छेद में घुस सकता है क्यों की आज उसने अपने बेटे की दी हुई पेन्टी पहनी हुई है जिस की वजह से उसके चुत्तड़ खुले हुए है.
लेकिन तभी अचानक फ़ोन की घंटी बजी. और सानिया बिना कुछ सोचे समझे उठ के फ़ोन के पास चलि गयी.
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फोन सिंक के ऊपर कप्बोर्ड के पास दीवार पे लगा हुआ है.
सानिया सिंक के पास जा के खड़ी हो जाती है और फ़ोन का रिसीवर उठा के बात करने लगती है.
फोन उसकी दोस्त सपना का है जो बड़े जोश में उसे कल हुई पार्टी के बारे में बता रही है.
सतीश अपनी मम्मी को देख के चोंक गया क्यों की उसकी मम्मी ने एक पतली सी नाइटी पहनी हुई है. उस नाइटी में उसने ब्रा नहीं पहनी सिर्फ सतीश की गिफ्ट की हुई पेन्टी पहनी थी. जिस में से उसके गोरे गोरे चुत्तड़ साफ़ नज़र आ रहे है.
ये देख के मेरा लंड फ़ौरन खड़ा हो गया. वो बड़े गौर से अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को देखते हुए उसकी तरफ बढ्ने लगा.
धीरे धीरे वो उनके करीब पहुँच गया. उसने अपने लंड को अपनी ट्रैक में से बाहर निकाला और धीरे से मम्मी की नाइटी को जो की उसके चुत्तड़ के सिर्फ १ इंच निचे तक थी उठा के मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ के अपना नौ इंच का लोहे की तरह कड़क लंड मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बेच में घूसा दिया.
सानिया अपने बेटे के इस अचानक हमले से अन्जान थी. वो अपने चुत्तड़ में अपने बेटे के लंड को मेहसुस कर के चौंकते हुये मस्ती में उछल पडी.
सानिया : "ओहह सतीश," "ओहः, नो." ये क्या किया
सतीश आगे झुका अपनी मम्मी की तरफ और अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
सानिया की आवाज़ सुन के सपना घबरा गयी.
सपणा : क्या हुआ सानिया? तुम ऐसे क्यों चिल्लाई?
सानिया : "आह्ह्...अहः, वो सतीश ने गरम गरम ल.... चीज़ दाल दी है अन्दर.....
सपणा : गरम चीज़... कौनसी गरम चीज़? कहाँ दाल दी है?
सानिया : वो उसने बिना सोचे समझे बिना मुझसे पूछे गरम ल... चीज़ सीधे चु.... अंदर घूसा दि. अगर मैंने उसे फ़ौरन अंदर से न निकाला तो सब गीला गीला हो जायेगा. मैं उसे निकाल के तुम्हे बाद में कॉल करती हु. बाय.....
ये कह के सानिया ने फ़ोन रख दिया.
सतीश ने मौके का फायेदा उठाते हुए अपने हाथों को अपनी मम्मी के कमर पे लपेट लिया और उन्हें ऊपर की तरफ ले जाने लगा जब तक उसे अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी स्तन उसके हाथों को न छु गयी. मम्मी के सेक्सी स्तन अब सतीश के हाथों के ऊपर थे. वो उनका वज़न अपने हाथों पे महसुस कर के मस्ती और जोश में आ के अपना लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर कर रहा है.
सानिया अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए मचलने लगि, लेकिन वो सिर्फ आगे हो के अपनी गांड चुदाई में अपने बेटे का साथ देणे के अलावा कुछ और नहीं कर पा रही है.
ओ आगे पीछे हो के न चाहते हुए भी अपने बेटे का लंड अपनी चुत्तड़ के बीच में ले रही है.
सानिया : "सतीश, ना, ना, नही, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे अपना ल..... मेरी गं.... बम में नहीं ड़ालना चहिये. मैं तुम्हारी वाइफ या लवर नहीं हु. मैं तुम्हारी मम्मी हु. "मा"
सानिया को भी अब न चाहते हुए मस्ती चढ़ने लगी उसकी चुत से वीर्य बह कर बाहर आने लगा और सतीश के लंड के सुपाडे को भिगोने लगा.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश को और जोश आ गया और उसने थोड़ा नीचे हो के ऊपर की तरफ धक्का मारा अपनी मम्मी के चुत्तड़ की तरफ.
सतीश : "मम.....मा, आपने ही तो कहा था की जो चीज़ मुझे चाहिए वो में ले सकता हु. तो में वो ही ले रहा हु,मुझे आप चहिये,मुझे मेरी मम्मी चहिये... मा" मम्मी.. कह के सतीश एक ज़ोर का धक्का मारा. उस धक्के का ये नतीजा हुआ की उसके लंड का सुपडा अपनी मम्मी की चुत वीर्य से गीला हो के उसकी मम्मी की वर्जिन गांड की गुलाबी छेद में घुस गया.
सानिया मस्ती और दर्द में कराह उठि.
"ओह आह...अम्म...आह्..."
सानिया को बेतहाशा मस्ती चढ़ने लगि, उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसके निप्पल कड़क हो गये.
सानिया अपने दिल में ये सोचने लगी.
"हाय कितना लम्बा मोटा और कड़क लंड है मेरे लाल का"
सानिया : "हनी, तुम्...हे अपनी मम्मी के बा....रे में ऐसा नही... सोचना चहिये.तू मम...... तुम जो... कह रह..... हो और आह.... जो कर...... रहे हो ओ..... गलत है. आह......
ओह ओ, सतीश मुझे जाने दो."
ये कह के सानिया फिर से अपने बेटे की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी. लेकिन उसकी इस कोशिश की दोनों मम्मी बेटे के बीच में सेक्स की गर्मी को और हवा दे रही थी. मेरा लंड मस्ती में और तेज़ी से अपनी मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में आगे पीछे हो रहा था.
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सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
सतीश : लेकिन मम्मी, में तुम्हे दिल से चाहता हु तुम्हे... चोदना चाहता हु. तुम्हारे होठो को चूसना चाहता हु, तुम्हारी वीर्यभरी चुत का वीर्य चाट चाट के चूस चूस के पीना चाहता हु. आई लव यु मम्मी आई लव यु. और तुम भी तो मेरे किस का जवाब मस्ती में दे रही थी.
तूम भी तो अपनी चुत मेरे लंड पे रगड रही थी. मम्मी मुझे पता है की तुम भी ये चाहती हो की में अपना नौ इंच का लंड तुम्हारी वीर्य चुदती चुत में दाल के तुम्हे चोदू.
सानिया : सतीश, मेरे बेटे, मेरे लाल, "आई लव यु टू. लेकिन में तुम्हारी मम्मी हु. हम को एक दूसरे से ज़रूर प्यार करना चाहिए लेकिन मम्मी बेटे वाला प्यर. ना की गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड या हस्बैंड वाइफ वाला प्यार. हाँ ये सच है की में तुम्हारे किस का जवाब दे रही थी. मैं अपनी चुत को तुम्हारे लंड पे रगड रही थी. कभी कभी हमारे साथ ऐसा हो जाता है की मस्ती में आकर हम बहक जाते है. ये सच है की जब तुम मेरी गांड में अपना लंड घूसा रहे थे और फिर मुझे किस करते हुए अपना लंड मेरी चुत में रगड रहे थे तब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
तुम्हारा लंड है ही इतना दमदार की में न चाहते हुए भी मस्ती में आके तुम्हारा साथ देणे लगी.
मैं ये दावे के साथ कह सकती हूँ की तुम्हारा लंड मुझे तो क्या दुनिया की किसी भी लड़की या औरत को जन्नत की सैर करा के पूरी तरहा से संतुष्ट कर सकता है. एक बार जो तुम से अपनी चुदाई करवा लेगी वो तुम्हारी दीवानी बन जाएगी. जिस तरहा में तुम्हारे किस में मदहोश हो गई थी. लेकिन जैसे ही मुझे होश आया मुझे ये याद आ गया की में तुम्हारी मम्मी हूँ और हमारे बीच में ये सब ठीक नहीं है.
ओर जैसा की तुम मुझे यानी अपनी मम्मी को...चोदना चाहते हो, वेल बेटा तुम्हारी उम्र में लड़के कीसी की भी चुत में अपना लंड डालने को बेचैन रेह्ते है. वो ये नहीं सोचते की क्या गलत है और क्या सहि. ऐसा ही तुम्हारे साथ भी हो रहा है.
सतीश : मम्मी ये सच नहीं है. हमारे स्कूल की बहुत सारी लडकियां मुझ पे मरती है. कुछ तो मुझसे चुदवाने को भी तैयार है. लेकिन मुझे उन सब में से कोई भी पसंद नहीं है. मुझे जो पसंद है वो तुम हो. तुम मेरी जान हो. मैं तुमसे बेतहाशा प्यार करता हु. तुम ही हो जिसे देख के मेरे दिन की शुरुवात होति है और तुम्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है और मुझे मजबूर करता है की में तुम्हे चोदुं. मैं जल्द से जल्द तुम्हे अपना बनाना चाहता हु. मैं शौक से तुम्हे बिना कपड़ों के देखना चाहता हु. "तुम्हेँ नंगी देखने महसुस करने और चोदने के लिए में कुछ भी कर सकता हु."
सानिया : "सतीश. यही वो गलत चीज़ है जिसे हम को रोकना है. तुम ऐसे अपनी मम्मी को ना देख सकते हो और ना ही चोद सकते हो."
सतीश : तो फिर तुम ही मुझे बताओ की में अपनी मम्मी को कैसे चोद सकता हूं.
सानिया : सतीश. तुम अपनी मम्मी को ऐसे वैसे या फिर कैसे भी नहीं चोद सकते. ये मुमकीन नहीं है. तुम एक बात समझ लो की ये नहीं हो सकता. तुम अपनी मम्मी के साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते.
सतीश : तो फिर मम्मी अब आप ही बताओ की में क्या करूँ?
सानिया : अभी तुम अपने कमरे में जाओ और मुठ मार लो. मुठ मारने से तुम्हे थोड़ा सुकून मिलेगा.
जब तक तुम वापिस आओगे में तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हु.
सतीश : लेकिन मम्मी मुझे नहीं लगता की मुठ मारने से मुझे कुछ फायदा होगा. क्यूँ की में मुठ मार के खुद को थोड़ा शांत तो कर लुँगा लेकिन फिर वापिस आ के जैसे ही में तुम्हे देखूँगा मेरा लंड फिर से खड़ा हो के मुझे मजबूर करेगा की में तुम्हे चोदुं.
सानिया : सतीश. ये बात तो मेरे साथ भी है लेकिन मुझे देखो मेंने खुद पे किस तरहा क़ाबू किया हुआ है. उसी तरहा तुम भी कोशिश करो.
सतीश उदास हो के अपने रूम में चला जाता है और बेड पे लेट जाता है और किचन में हुए वाक्ये को याद करने लगता है.
उसकी मम्मी ने कैसे मस्ती में आके उसे किस में साथ दिया और कैसे अपनी चुत उसके लंड पे रगडी. और फिर बाद में उसके साथ कुछ करने से इन्कार कर दिया.
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ओ ये जानता है की उसकी मम्मी ने अभी कुछ देर पहले उसे जो भी कुछ कहा वो सिर्फ अपने दिमाग से कहा दिल से नहीं क्यों की दिल से तो मम्मी भी ये चाहती है की उसका बेटा अपना लंड उसकी चुत में दाल के उसे जम के चोदे और उसकी बरसो की प्यासी चुत की प्यास बुझाए.
सतीश को अपनी मम्मी को मजबूर कर ना पड़ेगा की वो अपने दिमाग से नहीं दिल से या फिर वीर्यभरी चुत से सोचै.
सतीश के किचन से बाहर जाते ही सानिया चेयर पे बैठ गयी. उसके निप्पल कड़क हो के नाइटी में साफ़ नज़र आ रहे है. उसकी चुत बेतहासा वीर्य छोड रही है.
हाय काश कितना अच्छा होता की में अपने बेटे से चुदवा के अपनी बरसो की प्यासी चुत की प्यास बुझा लेती. हाय कितना कडक, लम्बा मोटा और तगड़ा लंड है मेरे बेटे का. हाय कितना मज़ा दे रहा था वो मुझे.
हाय.....
ये तू क्या सोच रही है सानिया? वो तेरा बेटा है, उसके बारे में ऐसा सोचना गलत है. तुम एक मम्मी हो के अपने बेटे से नहीं चुदवा सकती. वो तो बच्चा है नादान है. लेकिन तू तो बड़ी है, समझदार है, तू ऐसा कैसे होने दे सकती है?
जीस चुत से वो बाहर निकला है उसी चुत में तू उसे अपना लंड घुसाने नहीं दे सकती. भले ही तेरे बेटे का लंड नौ इंच का है, दमदार है, तेरे पति के लंड से दूगना बड़ा और मोटा है. लेकिन फिर भी ये गलत है. मम्मी बेटे के बीच में चुदाई नहीं हो सकती.
भले ही में अपने बेटे को अपनी चुत नहीं चोदने दे सकती लेकिन थोड़ी फिंगरिंग और ड्राई फकिंग में क्या ख़राबी है. इस से किसी का क्या बिगडेगा.
वह ये जानती है की वो अपने बेटे के साथ सेक्स के लिए बहुत बेचैन है. इस लिए वो ये सोच रही है की अगर वो अपने बेटे के साथ चुदाई नहीं कर सकती तो कुछ मज़ा तो कर ही सकती है. थोड़े मज़े से कुछ नहीं बिगड़ेंगा. और दोनों को मज़ा भी आयेगा.
फिर अचानक उसकी समझ में आ गया की उसे क्या करना है. वो अपना छोटा सा खेल खेलेगी अपने बेटे के साथ. और वो ये कोशिश भी करेगी की उसका बेटा एक हद में ही रहे और पूरी तरहा से उसका साथ दे. इस काम की शुरुवात के लिए आज रात का वक़्त बिलकुल ठीक रहेगा.
देखते हैं मेरा बेटा मेरे इस खेल को कितना संभाल पाता है.
अपने खेल के बारे में सोचते सोचते सानिया मस्ती में झड गयी.
उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसकी पेन्टी को भिगोने लगा.
कुछ देर बाद सतीश अपने रूम से बाहर निकला. मम्मी में रात में लेट आऊंगा
ये कह के वो घर से बाहर चला गया.
सतीश के जाते ही सानिया फ़ौरन अपने प्लान को एक्शन में लाने में लग गयी.
लेकिन तभी उसके घर की बेल्ल बजी...
सानिया : अब ये कौन आ गया...?
सानिया गेट खोलते ही चोंक गयी... बाहर और कोई नहीं बल्कि उसका पति है...
पति : हैलो माय लव कैसी हो...?
सानिया : अरे आप अचानक...
पति : हाँ वो मेरा वहां का काम जल्दी ख़तम हो गया तो में आ गया... क्या तुम मेरे आने से खुश नहीं हो...?
सानिया : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है... मैं बहुत खुश हु...
पति : लेकिन...
सानिया : लेकिन क्या...?
पति : लेकिन ये की मुझे कल सुबह ही ऑस्ट्रेलिया जाना है...
सानिया : आप भी ना... आप भी ना आते ही जाने की बात कर रहे है....
पति : बिज़नेस मीटिंग है जान वरना में नहीं जाता...
सानिया : चलो ठीक है आप फ्रेश हो जाओ तब तक में आपके लिए खाना निकालती हु...
पति : नहीं में खाना खा के आया हु...
सानिया : ठीक है आप फ्रेश हो के सो जाइये...
पति : नहीं में थोड़ी देर टीवी देखुंगा...
ये कह के वो फ्रेश होने चला गया...
सानिया ये जानती है की सैटरडे को देर रात तक उसका पति अपना फेव चैनल देखता है. सानिया ने जान बूज के डीश का वायर लूस कर दिया जिस से की टीवी के सारे चैनल ऑफ हो गये. और अपने पति के आने पर झूठ कह दिया की डिश खराब है.
सानिया का पति मुह बनाते हुए अपने कमरे में जाने लगा की तभी सानिया ने उसे कहा.

सानिया : कल आप को ऑस्ट्रेलिया जाना है, तो मेरे ख़याल से आज आपको नींद की गोली ले के सोना चाहिए ताकि आप अच्छे से सो सको और कल सुबह जब आप सो के उठो तो फ्रेश फील करो और सफर में या काम में आपको कोई परेशानी न हो.
पति : तुम बिलकुल ठीक कह रही हो, लेकिन तुम तो जानती हो की में गोली नहीं खा पाता.
सानिया : उसकी चिंता आप मत करो मैंने इस दूध के गिलास में नींद की गोली मिला दी है. बस आप इसे पी के सो जाइये.
सानिया ने गिलास में नींद की गोली का डोस इतना ड़ाला है की जिसे पीने के बाद अगर आज उसके पति के कान के पास कोई बम भी फट जाए तो उस की नींद न खुले. पति दूध पी के सोने चले गया.
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सतीश उठा और मम्मी को बाई बोल के घर के बाहर चला गया.
आज उसका दिन कल से भी ज़्यादा खराब हो ने वाला था.
आज उसका लंड उसे बहुत परेशान कर रहा है. सतीश बाहर पब्लिक टॉयलेट में गया और उस ने वहां मुठ मारि वो इतना झडा की पूरे टॉयलेट में वीर्य की बरसात सी हो गयी. मुठ मारने के बाद उसे थोड़ी राहत तो मिली लेकिन उसका लंड कल की तरहा आज भी बैठने का नाम नहीं ले रहा है. उसे मज़ा भी आ रहा है और डर भी लग रहा है, वो ये सोच रहा है की आज रात जब वो घर पहुँचेगा तो उसकी मम्मी उसके साथ कैसा बर्ताव करेगि.
ईधर सतीश के जाने के बाद सानिया कुछ देर तक सोचती रहि... फिर तैयार होकर अपने ख़यालों में खोई घर से बाहर निकल गयी. उसे ये यकीन करने में परेशानी हो रही है की उसके बेटे ने उसके जिस्म की कामुकता को बढा दिया है और अपनी ज़िन्दगी में आज वो पहली बार बिना अपनी चुत को हाथ लगाए झड़ी है.
उसे इस बात का शक़ ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है की पहले दिन जो हुआ था वो एक एक्सीडेंट था, लेकिन उसके बाद ३ बार जो हुआ वो ग़लती से नहीं हुआ वो सब सतीश ने जान बूज के किया है.
सतीश जान बूज के अपना नौ इंच का खड़ा लंड अपनी मम्मी के बेहद सेक्सी चुत्तड़ के बीच में घूसा रहा था....
सानिया : क्या सच में वो मुझे चोदना चाहता है...?
आज ऑफिस में उसे ऐसा मेहसुस हो रहा था जैसे अभी भी उस के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में उस के बेटे का नौ इंच का खड़ा लंड आगे पीछे हो रहा है.
उसे इस के अलावा और कुछ मेहसुस ही नहीं हो रहा है. अपने 19 साल के बेटे के नौ इंच के लंड के बारे में सोच के वो एक बार फिर से झड़ने लगी.
उसके बेटे का लंड उसके दिमाग से निकल ही नहीं रहा है वो उसे बार बार मस्ती में झड़ने के लिए मजबूर कर रहा है. आज तक वो इतनी मस्ती में कभी नहीं झडी, उसकी सुहागरात का मज़ा भी इस मज़े के सामने कुछ नहीं है. आज जो सुख उसे अपने बेटे से मिला है वो उसे पूरी ज़िन्दगी में कभी नहीं मिला.
सानिया की पेन्टी उसके चुत वीर्य से पूरी तरहा से भीग गई है. सानिया ऑफिस के टॉयलेट में जा के अपनी गीली पेन्टी निकाल देती है और बाहर आ के चेयर पे बैठ जाती है. फिर न जाने उसके दिमाग में क्या आता है वो अपनी चुत वीर्य से भीगी पेन्टी को एक बॉक्स में दाल के गिफ्ट व्रैप करती है और उसपे
"फ़ॉर, माय डिअर सन सतीश."
लीख के अपने पर्स में रख लेती है.
उसके बेटे ने आज बिना हाथ लगाए उसे २ बार झडा दिया है. वो न चाहते हुए भी अपने बेटे के नौ इंच के लंड की दीवानी बन गई है.
ओ अभी ये सोच ही रही है की अचानक उसके पति का फ़ोन आ जाता है. वो बे मन से फ़ोन उठती है. उसकी भारी आवाज़ सुन के उसका पति कहता है.
क्या बात है सानिया तुम्हारी तबियत तो ठीक है.
सानिया : मैं ठीक हु. वो क्या है की २ - ३ दिन से ऑफिस में काम बहुत ज़्यादा है इस लिए थोड़ा थक गई हु.
पति : सानिया मेरे ख़याल से तुम्हे ऑफिस से कुछ दिन की छुट्टी ले कर थोड़ा आराम करना चहिये. तुम ऐसा क्यों नहीं करति. ऑफिस से छुट्टी लेके यहाँ आ जाव. शहर के बाहर तुम्हे आराम भी मिल जायेगा.
सानिया : नहीं उसकी कोई ज़रूरत नहीं है में दो दिन घर पे आराम करुँगी तो ठीक हो जाउँगी..
सानिया ने दिल में सोचा
"काश तुम ये समझ पाते की मुझे आराम की नहीं बल्कि एक दमदार लंड से एक दमदार चुदाई की ज़रूरत है."
पति : ठीक है जैसा तुम्हे ठीक लगे वैसा करो. चलो में अब फ़ोन रखता हूँ बाय.
सानिया : साली क्या किस्मत है मेरी... एक मेरा पति है जो मुझे चोदता ही नही, और एक मेरा बेटा है जिस से में चुदवा नहीं सकती. हाय री मेरी रंडी किस्मत क्या मेरी चुत उम्र भर प्यासी ही रह जायगी.....?
तभी अचानक उसका मोबाइल फिर से बजने लगता है.
Suprb...
 

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