- 123
- 40
- 28
अंकल अब बस भी करो, पिछले एक घंटे से चूस रही हूं, गाना गाने के लिए बुलाया है या लंड चूसने के लिए बुलाया है, श्रेया नेताजी का लंड चूसते हुए साँस लेने के लिए रुकते हुए बोली. श्रेया ठाकुर शास्त्रीय संगीत की एक उभरती हुई गायिका थी, बहुत ही संस्कारी छवि थी श्रेया की और 19 साल की उम्र में इतनी सफलता मिलना एक बहुत बड़ी बात थी.
अरे बेटी तू बस चूस, गाना तो कभी भी सुन लेंगे, नेताजी ने श्रेया के छोटे छोटे निम्बुओ को निचोड़ते हुए बोला, यही निम्बु तो वजह थे जो 55 वर्षीय नेताजी फिदा हो गए थे श्रेया पर जब वो कुछ महीनों पहले एक संगीत स्पर्धा के मुख्य अतिथि बने थे, तब से उनकी नजर ईन नींबुओ पर थी, नेताजी की जो भा जाता था उसे वो किसी भी तरह पा ही लेते थे.
पास बैठे SP विजेंद्र सिंह ने श्रेया की स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी पेंटी के ऊपर से चुत सहलाने की कोशिश की, श्रेया कसमसा उठी, अंकल सिर्फ ऊपर ऊपर की बात हुई है, प्लीज़ नीचे बिल्कुल नहीं हाथ लगाएंगे, नेताजी ने SP को मना करते हुए बोला, अरे विजेन्दर सबर रख थोड़ा, कहीं भागे थोड़ी जा रही, गाना बजाना तो अभी 4 घंटे बाद शुरू होगा तब तक इसका गला तर करते रहो, और श्रेया बेटी सही बोल रही है, सिर्फ ऊपर ऊपर रगड़ो, नीचे नहीं, कहते हुए नेताजी ने अपना वीर्य श्रेया के मुँह में छोड़ दिया
बेटा एक फोटो हो जाए, facebook पर डालना है, नेताजी ने अपनी धोती सही की, श्रेया भी अपना शर्ट स्कर्ट सही कर फोटो के लिए तैयार हुई, ले विजेन्दर एक फोटो ले, नेताजी ने अपना फोन SP को थमाया.
मशहूर गायिका श्रेया ठाकुर के साथ, नेताजी ने कैप्शन लगाया और एक मुस्कराता हुआ फोटो अपने facebook पर डाल दिया. अंकल अभी जाने दो मुझे रियाज भी करना है, मेरा तो मुँह दुखना आ गया है, श्रेया ने शर्माते हुए पूछा, नेता जी ने वापस छोटे निम्बुओ को बड़ी बेरहमी से निचोड़ते हुए बोले, बस कुछ घंटे और बेटा ये गाना वाना तो बहाना है दुनिया के लिए, तू तो मेरी जान है, नेताजी ने छरहरी श्रेया को अपने विशालकाय सीने में दबोचते हुए बोला, छोटी सी गांड पर एक जोरदार चपत लगाते हुए नेताजी रूम से बाहर निकल गए.
श्रेया का गला ही नहीं घुटने भी दर्द कर रहे थे, पिछले दो घंटों से घुटनों के बल रियाज कर रही थी. घुटने लाल हो गए थे, नेताजी ने पिछले 2-3 घंटों में उसके नींबु निचोड़ निचोड़ कर लाल कर दिए थे. अंकल मैं थक गई हू, मुझे थोड़ा आराम करने दो ना प्लीज़, मुझे गाना भी है, श्रेया लगभग गिड़गिड़ाते हुए SP विजेन्द्र सिंह से बोली.
Chapter 2: जन्मदिन
दरवाजे पर नोक हुई, नेताजी थे, SP के साथ कुछ खुसर पुसर करने लगे. विजेन्दर घंटे भर रगड़ ले, मैं तेरी भाभी और बच्चों को ले कर आ रहा हूं, उन्हें भी कुछ फोटो खिंचवाने है श्रेया के साथ, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी है प्रोग्राम से पहले, जल्दी निपट ले.
मुख्यमंत्री आवास पर आज नेताजी के जन्मदिन के अवसर पर मधुर शास्त्रीय संगीत गायिका श्रेया ठाकुर का प्रोग्राम रखा गया था, नेताजी अपने जन्मदिन के अवसर पर वुमन एम्पोवरमेन्ट पर कुछ घोषणा भी करने वाले थे, सारा कार्यक्रम 7 बजे शाम को शुरू होना था, 5 आलरेडी बज चुके थे, पत्रकारों और मेहमानों का आना शुरू हो चुका था.
विजेंद्र दरवाजा भीड़ा कर अंदर आया, थोड़ी थकी हुई सी लग रही थी, विजेंद्र ने आते ही उसके छोटे छोटे नींबुओ को बेदर्दी से निचोड़ना शुरू किया और उसके पतले किन्तु रसभरे होठों को चूसने लगे. अंकल जल्दी लंड दीजिए चूस देती हू, फिर मुझे तैयार भी होना है, प्रोग्राम की तैयारी भी करनी है, प्लीज़ अंकल, श्रेया फिर से एक बार गिड़गिड़ाते हुए बोली. विजेंद्र उसके बालो को सहलाते हुए बोला तू कहीं थोड़ी भागी जा रही है, कभी भी वापस बुला लूँगा, जा तैयार हो जा. विजेन्द्र ने उसे जाने को बोला.
नेताजी का काल था, सिग्नल था कि वो सपरिवार आ रहे है. आप तो बोलेे थे घंटे भर रगड़ ले और इतने जल्दी आ गए, SP विजेंद्र लगभग शिकायती लहजे में बोला, अरे क्यु मन छोटा करता है कभी भी वापस बुला लेंगे ससुरी को, नेताजी ने विजेंद्र को दिलासा देते हुए बोला और फोन काट दिया.
नीचे गार्डन में भीड लगनी शुरू हो गई थी, लोग श्रेया ठाकुर की झलक पाने को बेताब थी, श्रेया की टीम अपने वाद्य यंत्रों के साथ स्टेज पर तैयारी कर रही थी. अंदर मेकअप रूप में श्रेया शर्ट स्कर्ट छोड़ कर ट्रेडिशनल कपड़ों में आ गई थी, नेताजी की बीवी बच्चे बढ़ चढ़ कर श्रेया के साथ फोटो खींचवा रहे थे, और भी कई मेहमान बहुत उत्साहित थे और दूर से सेल्फी ले रहे थे. दूर खड़े नेताजी, आखों ही आखों में श्रेया को नंगा कर रहे थे और रात के बारे में सोच कर मुस्करा रहे थे.
छोटी सी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, नेताजी ने श्रेया ठाकुर के पास वुमन एम्पोवरमेन्ट की घोषणा करवाई, श्रेया को इस राजकीय योजना का ब्रांड एम्बेसेडर घोषित किया गया और श्रेया के संगीत ट्रस्ट को दस लाख रुपये का चेक दिया गया जो गांव देहात में संगीत को प्रोत्साहित करने के लिए निस्वार्थ भाव से काम करता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताजी श्रेया के कान में फुसफुसाए, ब्रा काहे पहने, मना किया था ना, निम्बुओ को आजाद रखना. अंकल निप्पलस बहुत बाहर आ रहे थे, बड़ा ओकवर्ड लग रहा था, श्रेया कैमरे के सामने मुस्काते हुए नेताजी के कान में फूसफुसाई. नेताजी थोड़े ग़ुस्से में वापस श्रेया के कान में बोले, माँ का भोसडा, जो बोले वो किया करो समझी, श्रेया मुस्करा दी. अगले दो घंटे, प्रोग्राम में श्रेया ने खूब भजन गाए, ब्रा वो निकाल चुकी थी, नेताजी सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठे बैठे बस निम्बुओ को निहार रहे थे, और रात के स्पेशल प्रोग्राम के बारे में सोच रहे थे.
Chapter 3: चोली के पीछे क्या है
प्राइवेट प्रोग्राम अब शुरू हुआ, नेताजी, विजेंद्र, नेताजी के दो पत्रकार दोस्त बस चार लोग थे. महंगी वाली शराब खुली हुई थी, और सब बेसब्री से मैथिली का इंतजार कर रहे थे. नेताजी 55 के हो चले थे विजेंद्र भी 50 का था, नेताजी के दोस्त भी उनके हमउम्र थे, पर नेताजी को शास्त्रीय संगीत से बहुत प्यार था, और जब से श्रेया ने 18वें साल में पैर रखा था, साम दाम लंड भेद सब लगा कर आखिर श्रेया को रानी बना दिया था.
श्रेया ने कमरे में मुस्कराते हुए प्रवेश किया, मारवाड़ी लहंगा चोली में बहुत मादक दिख रही थी, श्रेया नेताजी के पास आई और पैर छू कर बोली, Happy Birthday अंकल, क्या सुनाऊ अंकल. नेताजी बोले "चोली के पीछे क्या है सुना दे" और उन्होंने श्रेया के छोटे छोटे नींबुओ को फिर से बड़ी बेदर्दी से निचोड़ दिए. श्रेया ने अपनी नशीली आवाज में गाना शुरू किया, चारो लोग झूम उठे, शराब का नशा छाने लगा, एक के बाद एक गानों की फर्माइश होने लगी, दिन में लेती हू रात में लेती हू, भोजपुरी लॉलीपॉप लागेलु और होली के बहुत सारे गाने गवाए गए श्रेया के पास. दस बजे के करीब नेताजी ने सभी मेहमानों को अलविदा बोला और श्रेया को अपने रूम में भेज दिया.
हाँ, प्रोग्राम खत्म हो गया है अब बस कुछ घंटे रियाज करूंगी, फिर सो जाऊँगी, अंकल ने अच्छा रूम दिया है. श्रेया फोन पर किसी से बात कर रही थी, हाँ हाँ बोल दूंगी अंकल को जमीन वाली बात, आप बिल्कुल चिंता ना करे, अंकल मेरी बात नहीं टालते, आज तो मुझे चेक के साथ एक आईफोन भी गिफ्ट किया है. नेताजी रूम में आ चुके थे और दूर से श्रेया की कमसिन जवानी को आखों से पी रहे थे.
विजेंद्र का फोन था, उठाते ही बोला, मुझे सर प्यासा छोड़ दिया और खुद रस के सागर में गोते लगा रहे हो, अरे विजेंद्र क्यु परेशान होते हो, कहा ना ससुरी कहीं भागे थोड़े ही जा रही है, महंगी शराब को हमेशा धीरे धीरे पीना चाहिए, क्यु उतावला हुए जा रहा है, जबरदस्ती करने वाला माल लगता है क्या तुझे यह, अरे ठरकी ये धीरे धीरे खोलने वाली गिफ्ट है, थोड़ा मनाएंगे, थोड़ा बिगाड़ेंगे, थोड़ा रगडेंगे, थोड़ा मसलेंगे, धीरे धीरे सब देगी, चुत भी, गांड भी सब कुछ देगी. थोड़ा सबर रख पगले, नेताजी, विजेंद्र को तसल्ली देते हुए बोले.
अरे बेटी तू बस चूस, गाना तो कभी भी सुन लेंगे, नेताजी ने श्रेया के छोटे छोटे निम्बुओ को निचोड़ते हुए बोला, यही निम्बु तो वजह थे जो 55 वर्षीय नेताजी फिदा हो गए थे श्रेया पर जब वो कुछ महीनों पहले एक संगीत स्पर्धा के मुख्य अतिथि बने थे, तब से उनकी नजर ईन नींबुओ पर थी, नेताजी की जो भा जाता था उसे वो किसी भी तरह पा ही लेते थे.
पास बैठे SP विजेंद्र सिंह ने श्रेया की स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी पेंटी के ऊपर से चुत सहलाने की कोशिश की, श्रेया कसमसा उठी, अंकल सिर्फ ऊपर ऊपर की बात हुई है, प्लीज़ नीचे बिल्कुल नहीं हाथ लगाएंगे, नेताजी ने SP को मना करते हुए बोला, अरे विजेन्दर सबर रख थोड़ा, कहीं भागे थोड़ी जा रही, गाना बजाना तो अभी 4 घंटे बाद शुरू होगा तब तक इसका गला तर करते रहो, और श्रेया बेटी सही बोल रही है, सिर्फ ऊपर ऊपर रगड़ो, नीचे नहीं, कहते हुए नेताजी ने अपना वीर्य श्रेया के मुँह में छोड़ दिया
बेटा एक फोटो हो जाए, facebook पर डालना है, नेताजी ने अपनी धोती सही की, श्रेया भी अपना शर्ट स्कर्ट सही कर फोटो के लिए तैयार हुई, ले विजेन्दर एक फोटो ले, नेताजी ने अपना फोन SP को थमाया.
मशहूर गायिका श्रेया ठाकुर के साथ, नेताजी ने कैप्शन लगाया और एक मुस्कराता हुआ फोटो अपने facebook पर डाल दिया. अंकल अभी जाने दो मुझे रियाज भी करना है, मेरा तो मुँह दुखना आ गया है, श्रेया ने शर्माते हुए पूछा, नेता जी ने वापस छोटे निम्बुओ को बड़ी बेरहमी से निचोड़ते हुए बोले, बस कुछ घंटे और बेटा ये गाना वाना तो बहाना है दुनिया के लिए, तू तो मेरी जान है, नेताजी ने छरहरी श्रेया को अपने विशालकाय सीने में दबोचते हुए बोला, छोटी सी गांड पर एक जोरदार चपत लगाते हुए नेताजी रूम से बाहर निकल गए.
श्रेया का गला ही नहीं घुटने भी दर्द कर रहे थे, पिछले दो घंटों से घुटनों के बल रियाज कर रही थी. घुटने लाल हो गए थे, नेताजी ने पिछले 2-3 घंटों में उसके नींबु निचोड़ निचोड़ कर लाल कर दिए थे. अंकल मैं थक गई हू, मुझे थोड़ा आराम करने दो ना प्लीज़, मुझे गाना भी है, श्रेया लगभग गिड़गिड़ाते हुए SP विजेन्द्र सिंह से बोली.
Chapter 2: जन्मदिन
दरवाजे पर नोक हुई, नेताजी थे, SP के साथ कुछ खुसर पुसर करने लगे. विजेन्दर घंटे भर रगड़ ले, मैं तेरी भाभी और बच्चों को ले कर आ रहा हूं, उन्हें भी कुछ फोटो खिंचवाने है श्रेया के साथ, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी है प्रोग्राम से पहले, जल्दी निपट ले.
मुख्यमंत्री आवास पर आज नेताजी के जन्मदिन के अवसर पर मधुर शास्त्रीय संगीत गायिका श्रेया ठाकुर का प्रोग्राम रखा गया था, नेताजी अपने जन्मदिन के अवसर पर वुमन एम्पोवरमेन्ट पर कुछ घोषणा भी करने वाले थे, सारा कार्यक्रम 7 बजे शाम को शुरू होना था, 5 आलरेडी बज चुके थे, पत्रकारों और मेहमानों का आना शुरू हो चुका था.
विजेंद्र दरवाजा भीड़ा कर अंदर आया, थोड़ी थकी हुई सी लग रही थी, विजेंद्र ने आते ही उसके छोटे छोटे नींबुओ को बेदर्दी से निचोड़ना शुरू किया और उसके पतले किन्तु रसभरे होठों को चूसने लगे. अंकल जल्दी लंड दीजिए चूस देती हू, फिर मुझे तैयार भी होना है, प्रोग्राम की तैयारी भी करनी है, प्लीज़ अंकल, श्रेया फिर से एक बार गिड़गिड़ाते हुए बोली. विजेंद्र उसके बालो को सहलाते हुए बोला तू कहीं थोड़ी भागी जा रही है, कभी भी वापस बुला लूँगा, जा तैयार हो जा. विजेन्द्र ने उसे जाने को बोला.
नेताजी का काल था, सिग्नल था कि वो सपरिवार आ रहे है. आप तो बोलेे थे घंटे भर रगड़ ले और इतने जल्दी आ गए, SP विजेंद्र लगभग शिकायती लहजे में बोला, अरे क्यु मन छोटा करता है कभी भी वापस बुला लेंगे ससुरी को, नेताजी ने विजेंद्र को दिलासा देते हुए बोला और फोन काट दिया.
नीचे गार्डन में भीड लगनी शुरू हो गई थी, लोग श्रेया ठाकुर की झलक पाने को बेताब थी, श्रेया की टीम अपने वाद्य यंत्रों के साथ स्टेज पर तैयारी कर रही थी. अंदर मेकअप रूप में श्रेया शर्ट स्कर्ट छोड़ कर ट्रेडिशनल कपड़ों में आ गई थी, नेताजी की बीवी बच्चे बढ़ चढ़ कर श्रेया के साथ फोटो खींचवा रहे थे, और भी कई मेहमान बहुत उत्साहित थे और दूर से सेल्फी ले रहे थे. दूर खड़े नेताजी, आखों ही आखों में श्रेया को नंगा कर रहे थे और रात के बारे में सोच कर मुस्करा रहे थे.
छोटी सी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, नेताजी ने श्रेया ठाकुर के पास वुमन एम्पोवरमेन्ट की घोषणा करवाई, श्रेया को इस राजकीय योजना का ब्रांड एम्बेसेडर घोषित किया गया और श्रेया के संगीत ट्रस्ट को दस लाख रुपये का चेक दिया गया जो गांव देहात में संगीत को प्रोत्साहित करने के लिए निस्वार्थ भाव से काम करता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताजी श्रेया के कान में फुसफुसाए, ब्रा काहे पहने, मना किया था ना, निम्बुओ को आजाद रखना. अंकल निप्पलस बहुत बाहर आ रहे थे, बड़ा ओकवर्ड लग रहा था, श्रेया कैमरे के सामने मुस्काते हुए नेताजी के कान में फूसफुसाई. नेताजी थोड़े ग़ुस्से में वापस श्रेया के कान में बोले, माँ का भोसडा, जो बोले वो किया करो समझी, श्रेया मुस्करा दी. अगले दो घंटे, प्रोग्राम में श्रेया ने खूब भजन गाए, ब्रा वो निकाल चुकी थी, नेताजी सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठे बैठे बस निम्बुओ को निहार रहे थे, और रात के स्पेशल प्रोग्राम के बारे में सोच रहे थे.
Chapter 3: चोली के पीछे क्या है
प्राइवेट प्रोग्राम अब शुरू हुआ, नेताजी, विजेंद्र, नेताजी के दो पत्रकार दोस्त बस चार लोग थे. महंगी वाली शराब खुली हुई थी, और सब बेसब्री से मैथिली का इंतजार कर रहे थे. नेताजी 55 के हो चले थे विजेंद्र भी 50 का था, नेताजी के दोस्त भी उनके हमउम्र थे, पर नेताजी को शास्त्रीय संगीत से बहुत प्यार था, और जब से श्रेया ने 18वें साल में पैर रखा था, साम दाम लंड भेद सब लगा कर आखिर श्रेया को रानी बना दिया था.
श्रेया ने कमरे में मुस्कराते हुए प्रवेश किया, मारवाड़ी लहंगा चोली में बहुत मादक दिख रही थी, श्रेया नेताजी के पास आई और पैर छू कर बोली, Happy Birthday अंकल, क्या सुनाऊ अंकल. नेताजी बोले "चोली के पीछे क्या है सुना दे" और उन्होंने श्रेया के छोटे छोटे नींबुओ को फिर से बड़ी बेदर्दी से निचोड़ दिए. श्रेया ने अपनी नशीली आवाज में गाना शुरू किया, चारो लोग झूम उठे, शराब का नशा छाने लगा, एक के बाद एक गानों की फर्माइश होने लगी, दिन में लेती हू रात में लेती हू, भोजपुरी लॉलीपॉप लागेलु और होली के बहुत सारे गाने गवाए गए श्रेया के पास. दस बजे के करीब नेताजी ने सभी मेहमानों को अलविदा बोला और श्रेया को अपने रूम में भेज दिया.
हाँ, प्रोग्राम खत्म हो गया है अब बस कुछ घंटे रियाज करूंगी, फिर सो जाऊँगी, अंकल ने अच्छा रूम दिया है. श्रेया फोन पर किसी से बात कर रही थी, हाँ हाँ बोल दूंगी अंकल को जमीन वाली बात, आप बिल्कुल चिंता ना करे, अंकल मेरी बात नहीं टालते, आज तो मुझे चेक के साथ एक आईफोन भी गिफ्ट किया है. नेताजी रूम में आ चुके थे और दूर से श्रेया की कमसिन जवानी को आखों से पी रहे थे.
विजेंद्र का फोन था, उठाते ही बोला, मुझे सर प्यासा छोड़ दिया और खुद रस के सागर में गोते लगा रहे हो, अरे विजेंद्र क्यु परेशान होते हो, कहा ना ससुरी कहीं भागे थोड़े ही जा रही है, महंगी शराब को हमेशा धीरे धीरे पीना चाहिए, क्यु उतावला हुए जा रहा है, जबरदस्ती करने वाला माल लगता है क्या तुझे यह, अरे ठरकी ये धीरे धीरे खोलने वाली गिफ्ट है, थोड़ा मनाएंगे, थोड़ा बिगाड़ेंगे, थोड़ा रगडेंगे, थोड़ा मसलेंगे, धीरे धीरे सब देगी, चुत भी, गांड भी सब कुछ देगी. थोड़ा सबर रख पगले, नेताजी, विजेंद्र को तसल्ली देते हुए बोले.