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(पुलिस वाला एक और पुलिस वाले को बुलाता है, दोनों के मुह से शराब की बू आ रही थी। पुलिस वाला फिर पूछता है, सीधे सीधे बताता है की नहीं या घुसेडू ये डंडा।।कौन है ये लौंडिया?)
बंसल - (घबराते हुए) देखिये हम इस शहर में नए हैं मेरी गाडी खराब हो गई थी। और ये मेरी बेटी है शालू।
पोलिस वाला शालु को ऊपर से नीचे तक घूरता है, फिर दुसरे पुलिस वाले से धीरे से कहता है। साली बड़ी गरम माल है ये तो, पेंटी उतार के बैठी है। पुलिस वाला हाथ बढा कर शालु की पेंटी को गियर से उठाता है और सूँघते हुए बंसल से कहता है।
पोलिस मैन बंसल से - क्यों रे।।? तू तो बोल रहा था ये रंडी तेरी बेटी है? साले तो ये अपनी कच्छी उतार के क्यों बैठी है गाडी में? हमे बेवकूफ समझता है? इतनी रात गए रंडी घुमा रहा है और हमे बोलता है की ये बेटी है तुम्हारी?
बानसाल - नहीं साहब, मैं सच कहता हूँ ये मेरी बेटी है। हम जंगल में फंस गए थे आप हमे जाने दे। ये रहा मेरा ड्राइविंग लाइसेंस और ये मेरी बेटी का भी। देखिये फादर'स नाम में मेरा नाम है। ये मेरी बेटी ही है इंस्पेक्टर साहब छोड़ दिजिये हमे। चाहे तो कुछ रुपये ले लिजीये लेकिन हमे छोड़ दिजिये।
शालु - देखिये इंस्पेक्टर साहब, हम अच्छे घर से है। मेरे पापा एक बहुत ही बड़ी कंपनी में काम करते है। आप प्लीज हमे जाने दे।
पोलिसेवाला लड़की की बात सुनता है, और उसे कार से बाहर निकलने को कहता है। देखो भाई, यहाँ रोज ऐसे मुजरिम आते हैं और सभी कुछ न कुछ बहाने भी बनाते है। हम सबको ऐसे तो नहीं छोड़ सकते, आखिर हम एक जिम्मेदार पुलिस अफसर है।
पोलिस मैन - सुन रे लड़की हमे तेरी तलाशी लेनी होगी। आज़कल जमाना ख़राब है साला लौंडिया लोग ज्यादा चलाक होती है और क्रिमिनल भी।
बंसल - जी, देखिये आप ऐसे तलाशी नहीं ले सकते मेरी बेटी की। आप किसी फीमेल अफसर को बुलाइये।
पोलिस मैन - क्यों रे, तू फिर हमे कानून सिखायेंगा। साले तलाशी लेने दे चुप चाप नहीं तो अगर मेरा दिमाग घूमा न तो तुम दोनों को डण्डे मारते पुलिस स्टेशन ले जाऊँगा। वहां सिर्फ हम नहीं हमारे बड़े साहब लोग भी तलाशी लेंगे तेरी बेटी की समझा?
शालु - पापा, आप प्लीज इनके मुह न लगीये। इन्हे तलाशी लेने दिजिये।
बंसल - (घबराते हुए) देखिये हम इस शहर में नए हैं मेरी गाडी खराब हो गई थी। और ये मेरी बेटी है शालू।
पोलिस वाला शालु को ऊपर से नीचे तक घूरता है, फिर दुसरे पुलिस वाले से धीरे से कहता है। साली बड़ी गरम माल है ये तो, पेंटी उतार के बैठी है। पुलिस वाला हाथ बढा कर शालु की पेंटी को गियर से उठाता है और सूँघते हुए बंसल से कहता है।
पोलिस मैन बंसल से - क्यों रे।।? तू तो बोल रहा था ये रंडी तेरी बेटी है? साले तो ये अपनी कच्छी उतार के क्यों बैठी है गाडी में? हमे बेवकूफ समझता है? इतनी रात गए रंडी घुमा रहा है और हमे बोलता है की ये बेटी है तुम्हारी?
बानसाल - नहीं साहब, मैं सच कहता हूँ ये मेरी बेटी है। हम जंगल में फंस गए थे आप हमे जाने दे। ये रहा मेरा ड्राइविंग लाइसेंस और ये मेरी बेटी का भी। देखिये फादर'स नाम में मेरा नाम है। ये मेरी बेटी ही है इंस्पेक्टर साहब छोड़ दिजिये हमे। चाहे तो कुछ रुपये ले लिजीये लेकिन हमे छोड़ दिजिये।
शालु - देखिये इंस्पेक्टर साहब, हम अच्छे घर से है। मेरे पापा एक बहुत ही बड़ी कंपनी में काम करते है। आप प्लीज हमे जाने दे।
पोलिसेवाला लड़की की बात सुनता है, और उसे कार से बाहर निकलने को कहता है। देखो भाई, यहाँ रोज ऐसे मुजरिम आते हैं और सभी कुछ न कुछ बहाने भी बनाते है। हम सबको ऐसे तो नहीं छोड़ सकते, आखिर हम एक जिम्मेदार पुलिस अफसर है।
पोलिस मैन - सुन रे लड़की हमे तेरी तलाशी लेनी होगी। आज़कल जमाना ख़राब है साला लौंडिया लोग ज्यादा चलाक होती है और क्रिमिनल भी।
बंसल - जी, देखिये आप ऐसे तलाशी नहीं ले सकते मेरी बेटी की। आप किसी फीमेल अफसर को बुलाइये।
पोलिस मैन - क्यों रे, तू फिर हमे कानून सिखायेंगा। साले तलाशी लेने दे चुप चाप नहीं तो अगर मेरा दिमाग घूमा न तो तुम दोनों को डण्डे मारते पुलिस स्टेशन ले जाऊँगा। वहां सिर्फ हम नहीं हमारे बड़े साहब लोग भी तलाशी लेंगे तेरी बेटी की समझा?
शालु - पापा, आप प्लीज इनके मुह न लगीये। इन्हे तलाशी लेने दिजिये।