Incest पापा प्लीज……..

Well-known member
2,893
6,190
143
पापा प्लीज……..
839_1000.jpg

jZdWp4.jpg
 
Last edited:
Well-known member
2,893
6,190
143
UPDATE-27

रूपा मुस्कुराती आँखों से बस हूँ… कर दी… फिर डिम्पल भाभी अपनी जीभ निकाल रूपा के होंठ पर फेरती हुई ऊपर सरकी और सरकती हुई रूपा की चुची के ठीक नीचे आ जमी…ऐसे में डिम्पल की साड़ी सिमट कर जांघ तक आ पहुंची थी…


रूपा ऐसी अवस्था में भाभी को देख अपने हाथ बढ़ाई और साड़ी के अंदर सरका दी…अंदर घुसते ही हाथ सीधी डिम्पल भाभी की सच में चिकनी चूत पर जा चिपकी… डिम्पल भाभी की बूर स्पर्श होते ही रूपा चौंक सी गई…

बूर थी या कोई जलती अंगार…इतनी गर्म… रूपा तो महसूस की कि कहीं हाथ ना जल जाए… रूपा हाथ को एकबारगी पीछे खींच ली थी… जिससे डिम्पल भाभी हंस पड़ी…

डिम्पल,"बेबी, कुछ नहीं होगा…" रूपा हल्की झेंपती हुई मुस्कुराई और वापस हाथ बूर पर रख यहलाने लगी… डिम्पल की आहें निकल पड़ी…वो होंठों को चबाती सिसकियाँ रोकने की नाकाम कोशिश करती रही…

अगले ही पल रूपा डिम्पल भाभी को देख हाथ बाहर की और भाभी की कमर पकड़ पीछे की तरफ पुश की…डिम्पल हालत समझ पीछे खिसकी तो रूपा उसी पल उठने लगी…

और कुछ ही पलों में डिम्पल भाभी बेड पर चित्त लेटी थी और रूपा के कमर को उनके पैर लपेटे थी… रूपा तुरंत ही खिसक के उनके घुटने के पास हुई और झुकती हुई अपना चेहरा उनकी बूर के समीप कर ली…

और फिर साड़ी को ऊपर करती भाभी को पूरी नंगी कर दी… रसों से सरोबार चमकती चूत देख रूपा की आँखें फटी रह गई… वो बस देखती रह गई… ऐसी बूर डिम्पल भाभी की कैसे रह सकती है…

वो देखती हुई अपने हाथ हौले हौले बूर की तरफ बढ़ाने लगी… बूर पर हाथ रखते ही रूपा मदहोश सी हो गई… बूर की हलचल देख जो हाथ पड़ते ही अजीब तरीके से सिकुड़ रही थी…

डिम्पल भाभी रूपा की ओर से इतनी देर होती देख हल्की सर ऊपर कर रूपा को यूँ निहारते देख मुस्कुरा दी और सर को वापस पुनः रखती हुई बोली,"रूपा…"

डिम्पल भाभी की आवाज सुन रूपा सर ऊपर कर भाभी को जवाब में "हूँ…" बोली… रूपा की नजर भाभी की ऊपर नीचे करती चुची पर भी जा अटकी जो लगभग थिरकती सी लग रही थी… रूपा तो बस कायल सी हो गई…

डिम्पल,"मेरी इन्हीं अदाओं से तो सब पागल हो जाते हैं जैसे तुम हुई जा रही हो… "

रूपा भाभी के एक एक शब्द पर गौर की तो वो आश्चर्य से भर गई… वो किसी तरह पूछी,"मतलब भाभी…"

डिम्पल भाभी सर को ऊपर हाथ के सहारे की और रूपा की तरफ मुस्काती हुई बोली,"अब तुम जानती थोड़े ही नहीं हो बताऊँ… चल बहाने कर रही हो तो बता ही देती… तुम्हें मेरे बारे में दो चार दिन में जो भी मालूम हुई, वो सब सच है…"

रूपा की तो ये बात सुनते ही हाथ पांव ठंडी सी गई… वो मूक सी बन गई… अब डिम्पल भाभी को कैसे मालूम कि मैं भी जानती हूँ… इनको तो सिर्फ सीमा भाभी के बारे में मालूम होनी चाहिए थी… रूपा की हालत तो अजीब हो चली थी… ना कुछ करते बन रही थी और ना कुछ कहते… डिम्पल भाभी मुस्काती हुई रूपा के चेहरे की बदलती रंग देख रही थी… रूपा भी अब सिर्फ डिम्पल भाभी की ही तरफ देखी जा रही थी…

कुछ देर की खामोशियाँ के बाद डिम्पल पूरी तरह उठ के बैठ गई…रूपा अभी भी स्टैचू बन भाभी की बूर की सुगंध ले रही थी पर रूपा के मन में तो कुछ और ही थी…

डिम्पल भाभी प्यार स् रूपा के सर पर हाथ फेरती पीछे गर्दन तक ले गई और अपने हाथ से रूपा की रूपा की सर पर दवाब दे डाली… रूपा के होंठ सीधी भाभी की बूर में जा धंसी… रूपा इसके लिए तैयार नहीं थी और वो छूटने की कोशिश करने लग गई…

रूपा को यूँ छटपटाती देख भाभी बोली,"रानी, इतना मत सोचो… मेरी बात मानोगी तो तुम्हें सारी कहानी बता दूँगी…" भाभी की बात सुन रूपा थोड़ी सहज हुई और अपनी तरफ से कर रही प्रयास को रोक दी…

जिसे देख भाभी ताकत लगाना छोड़ बस सिसकियाँ लेती रूपा के बाल सहलाने लगी… रूपा के होंठ भाभी की बूर के होंठ से चिपकी थी… रूपा जब अपने होंठों में हरकत लाई तो वो दंग रह गई… भाभी की बूर भी उसकी हरकतों का ताल से ताल मिला सहयोग देने लगी…मानों वो बूर नहीं,भाभी के होंठ हो…

एक दो बार होंठ से हल्की चूसी और रूपा हल्की सर उठाती हुई बोली,"कैसा बात भाभी…" और रूपा पुनः भाभी की बूर में घुस स्मूच किस की तरह किस करने लगी… भाभी की अब सिसकी तेज होने लगी तो रूपा ने अपनी जीभ उनकी बूर के बीच फंसा नचाने लगी…

डिम्पल भाभी तड़प सी गई और रूपा के बाल जोर से पकड़ ली और लगभग पूरी ताकत से रूपा को बूर से अलग कर दी… रूपा बालों के दर्द से हल्की चीख पड़ी… वो भाभी की तरफ हैरानी से देखने लगी…

डिम्पल लम्बी साँस लेती कुछ नॉर्मल हुई तो रूपा को देख हल्की मुस्कुरा पड़ी और अपने हाथ से रूपा के होंठों पर लगी अपनी बूर की पानी पोंछती बोली,"बेबी, बिल्कुल नई नवेली हो… लगता है सिखाना पड़ेगा सबकुछ…किस करना है तो निरंतर होनी चाहिए… पूरी हवसी बननी होती है ताकि मैं कितनी भी ताकत लगाऊं उससे हर वक्त अधिक ताकत लगानी होगी…"

रूपा भाभी की बात समझ हल्की सी मुस्कुरा दी और वो बेड पर भाभी के ठीक सामने बैठ गई… अपनी नजर सामने बैठी भाभी की नाम की लपेटी साड़ी को पकड़ अलग करती बोली,"भाभी, बताओ ना कौन सी बात माननी होगी.."

डिम्पल भाभी की साड़ी पल भर में हट गई और ब्लाउज ब्रॉ भी उसी पल भी हट अलग पड़ी थी… रूपा डिम्पल भाभी की बनावट को गौर से निहारे जा रही थी… डिम्पल भाभी अपने बाल ढ़ंग से पीछे की और आगे रूपा की तरफ खिसक के बिल्कुल सट गई…

अगली पल भाभी रूपा की समीज पकड़ी और सर की तरफ कर उसे भी नंगी करने लगी… रूपा बिना किसी हिचक के मुस्कुराती पूरी सहयोग दी…अगले ही पल रूपा सिर्फ ब्रॉ में थी… भाभी अब रूपा की सलवार की नाड़े खोलती हुई बोली…

डिम्पल,"देखो रूपा, मेरी बात बस छोटी सी है… बस उसी पर अम्ल करने की जरूरत है…" तब तक नाड़े खुल गई और रूपा घुटनों पर खड़ी हो गई…सलवार नीचे सरक गई…फिर बैठती हुई पैर सीधी करती हुई बोली,"मतलब भाभी…"

डिम्पल रूपा की सीधी पैरों से सलवार खींच अलग करती बोली,"मतलब मेरी इच्छा है कि तुम जो ऐसे जासूसी की तरह जानना चाहती हो ना, वो छोड़ दो… मतलब अभी से इस बारे में तुम कभी सोचोगी भी नहीं… मैं सब बताने को तैयार हूँ…"

रूपा को थोड़ी हैरानी हुई कि आखिर क्यों? भाभी ऐसा क्यों चाहती है? जबकि इनसे उनको भी राहत तो मिल सकती है… भाभी ऐसा नहीं चाहती है मतलब भाभी अपनी मर्जी से ये सब कर रही है…

तब तक डिम्पल की उंगलिया रूपा की पैंटी में फंस गई और खींचने लग गई…रूपा कमर को कुछ पलों के लिए हवा में करती बोली,"भाभी, अगर आप अपनी मर्जी से ये सब करती हो तो कोई बात नहीं… पर आप जैसी सब तो नहीं करती होगी…कोई ऐसी भी तो होगी जिससे जबरदस्ती करवाई जा रही होगी…"

पैंटी रूपा से अलग हो चली थी और डिम्पल भाभी रूपा की कोरी बूर आँख गड़ाए देख रही थी…एकदम कसी हुई… फांक के बदले बस लकीर दिख रही थी… भाभी रूपा की बात सुनने के बावजूद कोई जवाब ना दी और अपनी उंगली उन लकीर पर रख थोड़ी जवाब से चलाने लगी…

अंगली लकीर को दाब जरूर रही थी पर रास्ता नहीं बना पा रही थी… डिम्पल भाभी अचानक मुट्ठी में रूपा की बुर जकड़ ली और जोर से उमेठ दी… रूपा "आहह भाभी" करती चिहुंक पड़ी…

डिम्पल,"हाँ रूपा, मैं भी अपने मन से नहीं गई थी… पर वहाँ इनकी सेवा ऐसी होती है ना कि हर किसी की मर्जी हो जाती…" भाभी कहती हुई हंस पड़ी… रूपा समझ गई थी कि किसकी सेवा…

रूपा कुछ और बोलती इससे पहले कुछ बोलती, डिम्पल रूपा को धक्के देती पीछे कर देती है..रूपा बेड पर चित्त लेट जाती है… डिम्पल भाभी अगले ही पल बूर से बूर , चूची से चूची मिलाती रूपा पर चढ़ जाती है…

रूपा हल्की मुस्कुरा पड़ती…अगली वार डिम्पल भाभी रूपा के होंठों पर करती है… दोनों स्मूच किस में भिड़ जाते हैं…डिम्पल भाभी किस में ही ना जाने कितने पैंतरा दिखा दी… रूपा तो इतनी में ही घायल सी हो गई और भाभी को जकड़ चीखती हुई झड़ गई…

दोनों की रस से बूर नहा चुकी थी दोनों की… डिम्पल भाभी की बूर आदतन रूपा की बूर पकड़ने की कोशिश करती पर कसी बूर कैसे पकड़ पाती… बस रगड़ रही थी… डिम्पल किस तोड़ती बोली…

डिम्पल,"रूपा, मैं तुम्हें अपनी सबसे अच्छी दोस्त मानती हूँ… तभी कह रही हूँ इन बातों से मतलब छोड़ने की… तुम पर हर पल नजर रखी जा रही है… तुम कब किससे मिलती हो, कहाँ जाती हो, वगैरह वगैरह… यहाँ तक कि फोन भी हैक हो चुकी है घर की और तुम क्या बात करती हो वो भी मालूम चल रही है…" रूपा झड़ने के बाद शिथिल रूप में आँखें बंद की भाभी की बात बस सुने जा रही थी… डिम्पल भाभी,"और तुम अभी तक उनकी नजर में उतनी आगे नहीं बढ़ी हो कि उनका कुछ बिगड़ सके, इसलिए अभी तक सेफ हो… जिस दिन आगे बढ़ गई उस दिन तुम कितनी भी कोशिश करोगी बच नहीं सकती… यहाँ तो कईयों ने उन लोगों को पकड़वाने की कोशिश की पर अगले ही दिन उनके हाथ में उनकी ही बीवी बेटी की क्लिप चली जाती हैं तो क्या कर सकता है फिर वो…"

रूपा अब कुछ नॉर्मल हुई तो आँख खोल ली…भाभी रूपा की ओर देख आगे बोली,"ऐसी बात नहीं है कि वे हर किसी के साथ ऐसा करते हैं… जो उन्हें अपनी आँख दिखाते हैं, सिर्फ वही सब उनका शिकार होते हैं…जो मतलब नहीं रखते वे हमेशा सेफ रहते हैं…"
 

Top