Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

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कहानी की शुरुवात
सुबह के 8:15 बजे राहुल के कानो में एक आवाज़ सुनाई देती है भैया उठो ना कितना सोओगे हर रोज़ कॉलेज के लिए देर कर देते हो । बार बार की आवाज़ से राहुल परेशान होकर बोलता है सोने दे आरोही । सुबह सुबह क्यों परेशान कर रही है भैया उठ भी जाओ। 15 मिनट से आपको उठा रही हूँ । आप मुझसे प्यार नही करते इसी लिए मेरी बात एक बार में मानते नही हो इतना सुनते ही राहुल उठ के बैठ जाता है और बोलता है किसने कहा में अपनी गुड़िया को प्यार नही करता ।
आरोही - प्यार करते तो मुझे हर रोज़ कॉलेज के लिए देर नही होती।
राहुल- टाइम देखता है और ओ तेरी 8:30 हो गये है ,सोर्री यार में अभी तैयार होकर अपनी प्यारी गुड़िया को कॉलेज ले चलता हूँ
आरोही - भैया में आपकी यार नही हूँ बहन हूँ और मुझे कब कॉलेज ले जाओगे आज फिर देर हो जाएगी ।
राहुल - सोर्री मेरी प्यारी आरोही और बाथरूम घुस जाता है ।
आरोही -भैया में निचे आपका इंतेज़ार कर रही हूँ बोल के निचे चली जाती है
राहुल के परिवार में माँ ,पिता और तीन प्यारी बहनें है जो इस प्रकार है
पिता - सुरेश शर्मा उम्र
माँ- बरखा शर्मा उम्र
बड़ी बहन - गरिमा उम्र
मझली बहन - निधि शर्मा
छोटी बहन और घर की लाडली - आरोही शर्मा
राहुल तैयार हो कर निचे आता है ।
बरखा - बेटा नास्ता तो कर ले ,
राहुल - माँ आकर कर लूंगा अभी देेर हो गयी है आरोही को कॉलेज छोड़ के आता हूँ तब कर लूंगा और जल्दी से आरोही को लेकर कॉलेज के लिए निकल जाता है ।
आरोही - भैया आपका रोज़ का हो गया है कल से आप सही समय पे नही आये तो देखना क्या होता है ।
राहुल - मेरी प्यारी गुड़िया गुस्सा ना हो यार आज आज की बात है कल से टाइम से पहले उठ जाऊंगा ।
आरोही - देखते है भैया कल क्या होता है अभी तेज़ चलाओ बाइक ।
थोड़ी देर में कॉलेज पहुंच जाते है और आरोही कॉलेज में चली जाती है ।
राहुल भी घर के लिए निकल जाता है इधर घर पे सुरेश नास्ता करके अपनी दुकान के लिए निकलने वाला होता है
गरिमा ऑफिस जा चुकी थी ।तभी राहुल घर पहुँचता है और अंदर आ कर बैठता है । दूसरी तरफ बरखा अपनी अलसी बेटी निधि को उठाने उसके रूम में गयी है ।
बरखा - निधि बेटा उठा जा 10 बजे गये है बेटा कब तक सोयेगी ,
निधि - मम्मी सोने दो ना वैसे भी मुझे कुछ काम नही है ,
बरखा - उठेगी तभी तो कोई काम करेगी जब देखो सोई रहती है उठा जा में निचे जा रही हूँ आकर नास्ता कर ले ,
बरखा चली जाती है ।
सुरेश दुकान के लिए निकल चुका था और राहुल नास्ता कर रहा था ।इतने में निधि उठ कर नास्ता करने आती है ।
नास्ते के बाद दोनो भाई बहन अपने रूम में चले जाते है और निचे बरखा साफ सफाई करने लगती है ।
राहुल कुछ सोच के बाथरूम में घुस जाता है ,बाथरूम में एक साइड कुछ कपड़े रखे हुए थे , राहुल उनको उठाता है तो उसके निचे से एक काले रंग की ब्रा दिखाई देती है जिसको उठा के राहुल देखता है और उसको सूंघने लगता है एक अजीब सी महक उसके नथुनों में जाती है और इधर उसका लिंग अपना सर उठाने लगता है ब्रा के साथ ही ज़मीन पे एक पैंटी पड़ी थी राहुल उसको भी उठा लेता है और सूंघने लगता है। ब्रा और पैंटी को देख राहुल का लिंग खड़ा हो चुका था और लिंग को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगता है ।लिंग को बहार निकल के ब्रा को लिंग पे लपेट लेता है और पैंटी को सूंघ के हिलाने लगता है थोड़ी देर ब्रा और पैंटी से खेलने का बाद राहुल का लिंग अपना माल उगल देता है , और ब्रा को साफ करके वही रख देता है । और वापस रूम में आकर आराम करने लगता है ।
इधर निधि राहुल के कमरे की तरफ आने लगती है और दरवाजे पे आवाज़ देती है भाई सोया है क्या ।
राहुल - नहीं दीदी आ जाओ अंदर
निधि - अंदर आकर भाई कोई जॉब पता कर ना मेरे लिए घर में रह कर बोर हो गयी हूँ
राहुल - दीदी आप गरिमा दीदी को बोलो ना उनके यहा कोई कोई जगह खाली हो ।
निधि - सही कहा तूने में दी को बोलती हूँ और गरिमा को कॉल करती है ।
गरिमा - हेल्लो
निधि - हेल्लो दी
गरिमा - हा बोल निधि
निधि - दी आप हाफ क्यों रही है ।
गरिमा - कुछ नही निधि वो लेफ्ट खराब है ना सीढ़ी चल के आ रही हूँ ना इस लिए हाफ रही हूँ
निधि - अच्छा
गरिमा - तु बोल क्यों किया कॉल
निधि - दी मेरे लिए आपके ऑफिस में कोई जगह खाली है क्या मुझे भी जॉब करना है घर में बैठ के बोर हो गयी हूँ ।गरिमा - अच्छा जी अब मेरी निधि जॉब करेगी ठीक है देखती हूँ कोई होगी तो बता दूंगी ।
निधि - ओक दी बाय
गरिमा - बाय स्वीटी और कॉल कट कर देती है । और बोलती है आज तो बच गयी उफ्फ्फ्फ़।।
राहुल - क्या बात हुई दीदी कोई जगह खाली है क्या ?
निधि - दी ने बोला वो पता करके बताएँगी।
राहुल - अच्छा सही है और दीदी आपका जिम कैसा चल रहा है बहुत अच्छा फिगर बना लिया है अपने तो ,
निधि - पागल कही का भला कोई बहन का भी फिगर देखता है क्या ,
राहुल - दीदी में तो बस बोल रहा हूँ अच्छी लगती हो ।
निधि - अच्छा जी दीदी का फिगर अच्छा लगता है और निधि हंस देती है इधर राहुल भी मुस्कुरा देता है ।
राहुल - दीदी ऐसी कोई बात नही है बस जो दिल में है बोल दिया ।
निधि - अच्छा जी और कुछ बोलना है क्या ।
राहुल - और क्या बोलूं दीदी
निधि - जो दिल में वो बोल दिया और जो मन में है वो बोल दे और मुस्करा देती है ( निधि जानती है की राहुल उसके लिए क्या सोचता है )
राहुल - कुछ नही दी जो बोलना था बोल दिया ।
निधि - सही है में चलती हूँ अपने कमरे में और उठ के कमरे से निकल अपने कमरे में चली जाती है ।
कुछ देर बाद राहुल तैयार हो कर बहार चला जाता है और निधि और बरखा आराम करने लगते है और सो जाते है
दोपहर के २ बजे आरोही कॉलेज से घर आती है और मम्मी को आवाज़ लगती है पर कोई दरवाजा नही खोलता तो आरोही निधि को फोन करती है तभी जाकर निधि दरवाजा खोलती है आरोही गुस्से से कब से आवाज़ दे रही हूँ किसी को मेरी फ़िक्र है की नही और आज तो भैया को छोडूंगी नही ।बहुत गुस्से में आरोही बोली ।
तभी बरखा आकर आरोही को प्यार से शांत करती है और खाने के लिए बोलती है ।पर आरोही मना कर देती है कमरे में चली जाती है ।थोड़ी देर में राहुल आता है और आरोही के कमरे में जाकर उसको सोर्री बोलता है पर आरोही तो जैसे खा जाने वाली नज़र से देखती है ( बात ये थी की राहुल आरोही को लेने नही गया इस लिए वो गुस्से में है )
आरोही - भैया ज़रूरत क्या है सोर्री की मैं लगती क्या हूँ आपकी आप तो बस गरिमा दी ,और निधि दी के भाई हो इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
राहुल - सोर्री मेरी प्यारी गुड़िया वो में गया था कॉलेज पर तब तक तुम चली गयी थी और कान पकड़ के सोर्री बोलने लगता है ।
आरोही - बस भैया आपका तो यही है सोर्री बोल के फिर से गलती करना ।
राहुल - प्लीज़ आरोही माफ़ कर दे बहन आज से ऐसा नही करूंगा प्रॉमिस ।
आरोही - और प्रॉमिस तोड़ दिया तो मैं क्या कर लूंगी
राहुल -ऐसा नही होगा मेरी स्वीटी मेरी प्यारी बहन।
आरोही - ठीक है पर आपको सजा मिलेगी आपको आज की ,
राहुल - क्या सजा है मेरी रानी ये भी बता दो
आरोही - आज रात आपको सोना नही है बातें करेंगे और गेम खेलेंगे
राहुल - पागल रात भर की क्या ज़रूरत है अभी गेम खेल लेते है ।
आरोही - नही भैया कल संडे है तो आज तक जागने में कोई परेशानी नही है
राहुल - अच्छा बाबा ठीक है पर खाना तो खा लो ।
दोनो खाना खाने निचे आ जाते है और सब मिलकर खाते है और टीवी देखने लगते है
शाम के ७ बजे
बरखा खाना बनाने में लगी थी और आरोही और राहुल टीवी देख रहे थे निधि जिम गयी थी तभी गरिमा ऑफिस से घर जाती है ।और अपना बेग रख के आराम करती है आरोही गरिमा के लिए पानी लेकर आती है और किचन में बरखा चाई चढ़ा देती है
गरिमा - और हीरो सुबह उठता नही है कुछ काम कर लिया कर ।
राहुल - दी मैं कर लूंगा कल से पापा के साथ दुकान पे काम ।
तभी बरखा चाई लेकर आती है और बोलती है तुम्हे ज़रूरत नही है तुम आरोही को ले जाने और लाने का काम करो बस दुकान का काम में देख लूंगी वैसे भी यहा बोर हो जाती हूँ दुकान पे थोड़ा टाइम पास हो जायेगा ।
चाई पीते और बाते करने में टाइम का पता ही नही चलता और 9 बजे जाते है निधि भी जिम से आ जाती है
सब लोग सुरेश का इंतेज़ार करने लगते है की 10 बजे के करीब सुरेश आता है और फिर खाना खाने लगते है सब उसके बाद सब अपने कमरे में चले जाते है ।
निधि और गरिमा एक कमरे ही रहते है बाकी सब का अलग कमरा है ।
जैसा आरोही ने बोला था उसी तरह आज तो राहुल और आरोही जागने वाले थे । क्या वो अकेले होंगे या कोई और भी ???[/B]
 
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अपडेट 2
(खेल खेल में कुछ पता चला)
रात का समय आरोही अपने कमरे से निकल के राहुल के कमरे की तरफ जाने लगती है इधर राहुल अपने लैपटॉप में कुछ देख रहा था तभी दरवाजे पे किसी की दस्तक होती है ।भैया आप सो गये हो गया ।
राहुल - नही आरोही आ जा अंदर दरवाजा खुला ही है ,
आरोही - तो भैया अब बोलो क्या करे ,
राहुल - मैं क्या बोलूं तुम बताओ मेरी गुड़िया रानी क्या करना है अब ।
आरोही - भैया कैरम खेले ?
राहुल - चल ठीक है पर हारने वाले को जीतने वाले की बात मान नी पड़ेगी ।
आरोही - कुछ देर सोच के ठीक है भैया
राहुल - चलो फिर शुरु करते है
इधर दोनो भाई बहन कैरम खेलने लगते है ठीक इसी समय गरिमा और निधि दोनो बातें कर रही थी
निधि - दी एक बात पूछूँ आप से ??
गारिमा - हाँ बोल ना निधि एक क्या दो पूछ ले मेरी बहन
निधि - दी आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या ?
गरिमा - ये आज अचानक तुझे क्या हुआ ऐसा सवाल क्यों पूछ रही है
निधि - ऐसे ही दी वो क्या है ना आज कल सब का होता है और आपकी तो उम्र भी हो चुकी है ।
गरिमा - अच्छा जी इसका मतलब सबका होता है तो तेरा भी होगा क्यों
निधि - अरे दी ऐसा कुछ नही है मेरा कोई बॉयफ्रेंड नही है
गरिमा - अच्छा तो मेरा भी नही है समझी
दोनो बातें करते करते सो जाती है इधर सुरेश और बरखा भी सो चुके थे ।
आरोही - इस बार तो मैं ही जीतूंगी भैया (लगतार हारने से आरोही का चेहरा थोड़ा रोने जैसा हो गया था )
राहुल - देखते है प्यारी गुड़िया ,वो भी आरोही के चेहरे को देख समझ जाता है उसकी प्यारी बहन उदास हो गयी है इस लिए वो हारने लगता है और इस तरह आरोही के चेहरे पे खुशी आ जाती है । कुछ देर बाद खेल ख़तम हो जाता है ।
आरोही - देखा भैया जीत गयी ना अब आपको मेरी बात मान नी पड़ेगी
राहुल - हाँ बोलो क्या करना पड़ेगा मुझे
आरोही - वो कल सुबह बता दूंगी अभी मुझे नींद आ रही है सोने जाना है
राहुल - इतनी जल्दी तुमने तो बोला था पुरी रात जागेंगे ।
आरोही - वो तो बस मैंने ऐसे ही बोल दिया था वैसे भी भैया पुरी रात जागने की सजा भी तो है मम्मी सुबह सुबह ही उठाने आ जाएगी इससे अच्छा सो जाते है वैसे भी 2 बज गये है ।और बोल के कमरे से निकल जाती है ।

राहुल बाथरूम जाने के लिए निकला ही था की किचन की लाइट जल के भुज गयी उसने देखा और वो भी किचन की तरफ चल दिया की कोई चोर तो नही गुस्स आया घर में ,किचन के करीब जाते ही एक हलकी आह्ह्ह्ह....सुनाई देती है ।राहुल वही रुक के सुनने लगता है की कैसी आवाज़ है ।
फिर एक हलकी आअह्ह्ह्हह...के साथ एक आवाज़ सुनाई देती है आह्ह्ह.. गरिमा मेरी जान चूस अपने पापा का लोड़ा आह्ह..,
इतना सुनते ही राहुल एक दम से आश्चर्यचकित हो जाता है ,फिर एक आवाज़ आती है ,पापा चुप चाप रहो ना कोई सुन लेगा तो चूस तो रही हूँ उम्म्म्म..क्या मस्त लंड है आपका ।
हाँ गरिमा तेरे लिए ही तो है ये उफ्फ्फ...तेरी माँ को तो चूसना ही पसंद नही है बहुत मुश्किल से मुँह में लेती है और लेकर निकल देती है। आह्ह्ह..गरिमा मेरी प्यारी बेटी
इतना सुन के राहुल के हाथ पैर काँप गये थे थोड़ी सी चुसाई के बाद लंड अपना मक्खन उगल देता है जिसको गरिमा चूस चाट के पी जाती है । सुरेश झाड़ के हलका महसूस करता है और दोनो थोड़ी देर बातें करते है ।
सुरेश - थैंक यू बेटी तु नही होती तो तेरा ये बाप इस उम्र में भी ऐसा आनंद नही उठा पाता ।
गरिम- वेलकम पापा आपकी वजह से ही तो मेरा जीवन है क्या मेरा इतना भी हक नही है आप के लिए इतना करूँ, पर पापा हमे ये अब सोच समझ के करना चाहिए आज तो पकड़े जाते ।
सुरेश -हाँ बेटा आज निधि का कॉल गलत समय पे आया कोई नही तब तक तो मेरा माल तेरे अंदर था इतना बोलते सुरेश थोड़ा हंस देता है ।
गरिमा - पापा आप भी ना निधि पकड़ लेती तो और आज तो वो मुझ से पूछ भी रही थी की मेरा कोई बॉयफ्रेंड है की नहीं ।
सुरेश - अच्छा कोई नही जान कुछ नही होता और कुछ होगा तो उसको भी चूसा दूँगा
गरिमा - आप सच में पागल हो अब चलो काफी रात हो गयी है कोई आ गया तो आज ही ये खेल समाप्त हो जायेगा।
राहुल अपने कमरे में क्या दीदी सच में पापा का लंड चूस रही थी । क्या पापा अपनी ही बेटी के साथ नही नहीं ऐसा नही हो सकता ,क्या मम्मी ये सब जानती है ऐसे बहुत से सवाल राहुल के दिमाग़ में घूम रहे थे । अब नींद तो उससे कोसो दूर हो चुकी थी की उसकी बहन का टाका उसके अपने ही पापा से है । राहुल कुछ सोचने लगता है की आज सुबह उसने गरिमा दीदी के नाम की मुठिया उनकी ब्रा में गिराए और अब ये सब पापा और दीदी कब से कर रहे है मुझे पता लगाना होगा ।
राहुल भी गरिमा का दीवाना था काफी समय से गरिमा पे हिलता था ।सोचते सोचते उसको नींद आ जाती है ।
ये अचानक नही था की गरिमा के अपने ही पिता के साथ संबध थे ये घटना करीब 9 महीने पहले शुरु हुई थी और यही से राहुल का गरिमा पे हिलाना भी शुरु हुआ था और यही वो वजह थी जहा से गरिमा और उसके पिता का रिश्ता ही बदल गया ।

अतीत में ,


9 महीने पहले दोपहर का समय था घर पे गरिमा के आलवा कोई नहीं था उसकी माँ पड़ोस की आंटी के साथ बाज़ार गयी थी ,आरोही और राहुल कुछ दिनों के लिए अपने मामा के यहाँ गये थे और निधि अपने कॉलेज के आखिरी दिनों में थी ,
गरिमा की जवानी ने उसे परेशान कर दिया था जिसकी वजह से उसकी ब्रा में कैद उसके गोल गोल चुचे समा नही पा रहे थे ,और ब्रा बहुत पुरानी हो चुकी थी इसी लिए उसने सोचा क्यों ना दो जोड़े ब्रा की ले ले ।
आज वो किसी और दुकान पे ना जाकर अपने ही दुकान के लिए निकल जाती है ।
सुरेश की दुकान लेडीज कपड़ो की थी लेकिन बाद में उसके ब्रा और पैंटी से लेकर बनियान भी बेचने लगा था ।

गरिमा दुकान पे पहुंच गयी थी
सुरेश - बेटा आज यहा कैसे आना हुआ
गरिमा - पापा कुछ समान चाहिए था इस लिए आ गई।
सुरेश - हाँ बोलो बेटा क्या चाहिए तुम्हारी ही दुकान है जो चाहिए ले जाओ ।
गरिमा - हाँ पापा तभी तो आयी हूँ वो कोई दिखाई नही दे रहा है सुमन कहा है (सुमन सुरेश कि वर्कर )
सुरेश - वो तो अभी कुछ देर पहले ही लंच पे गयी है ।
गरिमा - अच्छा तो में बाद में आती हूँ पापा ।
सुरेश - क्या हुआ बेटा मुझे बोलो क्या चाहिए ।
अब गरिमा कैसे बोलती अपने पापा से की उसकी जवानी की वजह से उसकी ब्रा तंग हो गयी है और ब्रा चाहिए
सुरेश - बोलो बेटा क्या सोच रही हो ।
गरिमा - पापा वो मुझे ...
सुरेश - हाँ बोलो ,
गरिमा - पापा वो मुझे ब्र... ब्र.. ब्रा चाहिए ।
ये सुन के सुरेश थोड़ा नज़ारे झुका लेता है आखिर उसकी खुद की बेटी उससे अपनी जवानी ढकने के लिए ब्रा मांग रही थी थोड़ी देर सोच के सुरेश अच्छा ठीक है ।
सुरेश - साइज क्या है गरिमा ??
गरिमा - नज़रे निचे किये हुए ही अपने मन में सोचते हुए कहा फस गयी यार अब पापा को कैसे बताऊँ साइज ।
सुरेश - क्या हुआ गरिमा बेटा क्या सोच रही हो ।
गरिमा - कुछ नही पापा वो 34B साइज है मेरा एक दम से बोल देती है
सुरेश अपनी जवानी में बहुत शिकार किये थे इस लिए उसने गरिमा का साइज सुनते ही उसकी चूची को देखने लगता है।
सुरेश - गरिमा बेटा बुरा ना मनो तो तुम 35B ले लो सही फिट होगी तुम्हे ।।
गरिमा - मन में ये पापा को क्या हो गया और वो कुछ सोच के बोलती है नही पापा मेरा साइज तो 34 ही है ।
सुरेश - हाँ पर तुमको वो तंग होगी उसके चुचों को घूरते हुए बोला ।
गरिमा - पापा आप 34 साइज ही दे दो ।
सुरेश - अच्छा ठीक है बेटा और एक लाला रंग और एक ब्लू रंग की ब्रा निकल के गरिमा को दिखता है ।
गरिमा उसे लेकर निकलने वाली थी की तभी सुरेश बोलता है बेटा पहन मे देख तो लो सही साइज है या नही
गरिमा - मन में ओह अब क्या करूँ वो भी पापा के सामने और फिर बोलती है पापा घर पे ही कर लूंगी ।
सुरेश - अरे बेटा घर से फिर थोड़ी आओगी यही कर लो
गरिमा चेंजिंग रूम में जाकर अपनी कपड़े उतार देती है और ब्रा भी खोल के नई ब्रा पहनती है । अब ये क्या ब्रा तो सच में तंग हो रही थी ब्रा का हुक नही लग पा रहा था ।काफी कोशिश के बाद हुक नही लगता तो वो मज़बूर हो पापा को आवाज़ लगती है
गरिमा - पापा पापा
सुरेश - हाँ बेटा क्या हुआ
गरिमा - पापा ये हुक नही लग रहा है और गरिमा धीरे से बोलती है आप लगा दो ना हुक..
सुरेश - ये सुनते ही थोड़ा चकित हो जाता है और मन सोचता है कैसे अपनी बेटी की ब्रा का हुक लाऊंगा ।
गरिमा - क्या हुआ पापा
सुरेश - कुछ नही बेटा
आकर देखता है गरिमा अपनी नंगी पीठ उसकी तरफ किये इंतेज़ार कर रही थी । सुरेश अपने कापतें हाथो से अपनी बेटी की ब्रा के हुक को पकड़ता है तभी गरिमा सिहिर उठती है अपने पापा के हाथों के छुवन से उसकी साँसे तेज़ी से चलने लगती है इधर सुरेश की भी धड़कन तेज़ हो चुकी थी ऐसा होना भी लाज़मी था आखिर सुरेश के आगे एक जवान माल अपना नंगा पीठ लिए खड़ी थी भले वो उसकी बेटी हो पर जवान बदन तो आकर्षण और उत्तेजना को जन्म देता ही है । सुरेश उसके हुक को लगने के लगतार प्रयास के बाद हुक लग जाता था पर ब्रा कुछ टाइट हो रही थी
गरिमा - पापा हुक खोल दीजिये
सुरेश - क्या हुआ गरिमा ब्रा का साइज सही नही है क्या ।
गरिमा - पापा थोड़ा टाइट है।
सुरेश के फिर से छूने से गरिमा की की चुत भीगने लगती है जैसे तैसे सुरेश ब्रा खोल देता है तो हुक के पास हल्के निशान बन चुके थे । गरिमा ब्रा उतर देती है वो भूल गयी थी की उसके पापा पीछे ही थे वो एक दम से पलट जाती है और उसके मोट मोट गोरे चुचे सुरेश के सामने थे दोनों ही एक दम से चौक़ जाते है क्या हो गया ।गरिमा एक दम फिर घूम जाती है और शर्म के मारे कुछ नही बोल पाती ।
सुरेश - सोर्री बेटा और गरिमा को छोड़ के बहार आ जाता था
गरिमा - इट्स ओक पापा 35 साइज की ब्रा दे दो
सुरेश 35 साइज की ब्रा लेकर गरिमा को देता है और गरिमा जल्दी से पहन के देखती है ये साइज बिल्कुल सही साइज था वो जल्दी से ब्रा लेकर निकल जाती है ।
बात ये थी की सुरेश ने अपनी जवानी में बहुत चुचों से खेला था और इतने समय से वो ब्रा बेच रहा है इस के आधार पे उसने गरिमा के दूध देख के उसका साइज बता दिया था
गरिमा के जाने के बाद सुरेश उफ़..आज ये क्या हो गया और निचे अपनी पैंट के उभर पे नज़र जाती है तो वो मुस्करा देता है इसके लंड बेटी को भी नहीं छोड़ा उसके थोड़ी देर बाद थोड़ा अजीब महसूस करता है पर तभी सुमन आ जाती है
सुमन - क्या हुआ सर कोई परेशानी है क्या
सुरेश- कुछ नही जान( सुमन भी गरिमा के उम्र की लड़की का इसका भोग सुरेश कई बार लगा चुका है
सुमन - उसके पैंट पे नज़र डालती है और बोलती है तो आपका ये राजा खड़ा क्यों है
सुरेश - तुम्हारे इंतेज़ार में खड़ा है डार्लिंग और अपना लंड निकल के सुमन की तरफ उसको चूसने के लिए इशारा करता है ।
सुमन - सर अभी खाना खा के आयी हूँ अब ये भी करना पड़ेगा
सुरेश - प्लीज सुमन सिर्फ मुँह ले लो ।
सुमन - बैठ के लंड मुँह में ले लेती है और चूसने लगती है
सुरेश - आअह्ह्ह..
सुमन - लंड मुँह निकल के बोलती है मेरे राजा क्यों खड़ा हुआ क्या देख लिया । और चूसने लगती है मस्ती में सुरेश भूल जाता है और आअह्ह... की सिसकियों के साथ वो गरिमा के चुचों को याद करते हुए गलती से आअह्ह्ह्...गरिमा चूस अपने अपने पापा का बोल देता है
सुमन - क्या ??
सुरेश को एक दम से अपनी गलती का एहसास होता है की मदहोसी के आलम में वो क्या बोल गया ।।
सुमन - क्या बोला राजा जी गरिमा अच्छा जी तो बेटी ने बाप को गर्म करके चली गयी । इतना सुनते ही सुरेश को बुरा लगता है वो मस्ती में क्या बोल गया और उसके मुँह से गरिमा नाम ही क्यों निकला ।
सुरेश - घबराता हुआ नही नही वो तो गलती से गरिमा याद आ गयी ।
सुमन - याद तो आएगी ही ना साली के चुचे गुब्बारे जैसे फुल रहे है पता नही कौन मेहनत करता होगा
सुरेश - साली कुतिया क्या बोली तु मेरी बेटी ऐसा वैसा कोई काम नही करती है समझी ।
सुमन - नही करती तो कर दो ना देखे अपने ही बाप का खड़ा करके चली गयी कम से कम हिला ही देती और सुमन हँसने लगती और फिर से चूसने लगी। और फिर लंड निकल के बोलती है तुम भी बड़े हरामी हो तभी तो ख्यालो में उससे लंड चुसवा रहे हो ।
सुरेश - शर्म से निचे देखते हुए और बोलता है गलती से हुआ जो हुआ ।
सुमन - गलती से कुछ नही होता वैसे अब जवान है कोई और चोदे इससे अच्छा खुद ही नाप लो उसकी गहराई और हँस के लंड चूसने लगती है
घर पे पहुँच के गरिमा अपने कमरे में जाती है और लेट जाती है और आज जो हुआ वो सब सोचती है की पापा क्या सोचेंगे उसके बारे में वो वह गयी ही क्यों ये सब विचार उसके मन में आ रहे थे की एक और विचार उसके मन में आएगा की पापा के छूने से उसकी धड़कन तेज़ क्यों हो गयी थी और उसकी चूत में गीला पन सा क्यों महसूस हुआ उसको ये सब सोच के गरिमा का बदन फिर गर्म हो जाता है वो अपनी चूत को सलवार के ऊपर से ही रगड़ने लगती है वो सोचती है आज उससे क्या हो गया अपने ही पापा को साइज बता दिया उफ्फ्फ..और चुचे भी दिखा दिया हाये पापा और चूत को धीरे धीरे रगड़ने से चूत भीग चुकी थी वो समझ नही पाती इस एहसास को वो मदहोशी में आकर अपनी सलवार खोल देती है और कच्छी उतर के चूत में ऊँगली करने लगती है उसने चूत में पहले भी ऊँगली की थी पर आज उससे कुछ अलग ही आनंद की प्राप्ति हो रही थी आह्ह्ह...पापा बेटी के चुचे कैसे लगे पापा उफ़...चूस लो पापा आह्ह्ह..इतना ही हुआ की गरिमा का बदन कापने लग और वो जोर जोर से आह्ह... पापा आह्ह..पापा चोद दो अपनी बेटी को कहते हुए झड़ने लगी ।और एक दम शांत होकर आँखें बंद कर ली । थोड़ी देर बाद गरिमा को एहसास होता है की अंत में वो क्या बोल गयी और सोच के मुस्करा देती है । और अपने आप से गरिमा तु भी ना पापा के साथ और चूत को देख के कहती है साली सब तेरी वजह से हुआ और इतना कहते ही वो सोचती है क्या पापा सच में मुझे चोदे तो और आँखें बंद करके सो जाती है ।
उधर सुरेश भी लंड चुसाई से झाड़ देता है और सुमन ने जो बोला वो सोचने लगता था क्या सच में गरिमा और मेरा सम्भोग हो सकता है।
 
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(बरखा चली गाँव)
शाम हो चली थी बरखा किचन में खाना बनाने में लगी हुई है निधि जिम चली गयी थी निधि को शुरु से ही जिम का भूत सवार था जिसका शौक उसने कॉलेज में जाकर पुरा किया इधर कमरे में गरिमा किसी से कॉल पे बात कर रही थी दूसरी तरफ से ले ले पापा लोगो का मस्त होता है और हंसने लगती है इतने में गरिमा बाय बोल के कॉल कट कर के निचे मम्मी के साथ किचन में सहायता करने लगती है ।
सब बैठ के खाना खा रहे थे और सुरेश की नज़र गरिमा के होठो को देख रही थी । शायद आज दिन में जो हुआ उसको सोच के वो सोच रहा था की गरिमा के मुँह में उसका लोड़ा होता तो तभी गरिमा अपने पापा को अपने को देखते देख के मुस्कुरा जाती है और सुरेश झेंप जाता है तभी बरखा कहती है चलो ना जी हम भी गाँव चलते है आज ही आरोही से बात हुई भैया याद कर रहे है ।
सुरेश - बरखा मेरा तो जाना मुश्किल है एक काम करो तुम ,निधि और गरिमा चले जाओ
गरिमा - नही पापा मुझे नही जाना ।
बरखा - निधि तु चलेगी की नही
निधि - मम्मी मुझे कोई खास काम नही है और गाँव घूमना तो मुझे पसंद है मैं चल लूंगी ।
बरखा - ठीक है हम कल ही गाँव के लिए निकल जाएंगे ।
सब सोने के लिये कमरे में चले जाते है । कमरे में जाते ही सुरेश और बरखा शुरु हो है । अपनी बेटी की जवानी की आग वो उसी योनि से बुझा रहा था जिससे गरिमा का जन्म हुआ था पता नही निधि को क्या होता है वो एक दम से अपनी मम्मी के कमरे के की तरफ निकल पड़ती है तभी अंदर से सिसकियों के साथ एक आह्ह्ह...की आवाज़ से निधि रुक जाती है
बरखा - आप भी ना इतनी उम्र हो गयी और आपका दिल नही भरता घर में जवान बेटिया है क्या सोचेगी।
सुरेश -योनि में लिंग को अंदर बहार करते हुए आह्ह.. बरखा बेटियों के पास भी तो चूत है वो सब समझ जाएंगी की पापा चूत के लिए क्यों पागल है ।।उफ़.. बरखा तेरी चूत की गर्मी और झड़ने लगता है ।
इधर निधि ये सब सुन के मुस्कुरा जाती है ।और अपने कमरे की तरफ चल पड़ती है ।
बरखा - तुम भी पागल हो गये हो भला बेटिओं के लिए भी ऐसे कोई बोलता है क्या
सुरेश - अरे माफ़ कर दो वो मदहोसी के आलम में पता नही क्या क्या बोल जाता हूं।
गरिमा के दिमाग़ में अभी एक ही बात दौड़ रही थी ( ले ले पापा लोगो का मस्त होता है )
गरिमा -उफ़.. ये पलक भी ना कुछ भी बोलती है भला पापा का भी कोई वो लेता है क्या ।
वो एक दम से बोल जाती है जो निधि सुनके बोलती है निधि - पापा का वो क्या लेता है, दी क्या बोल रही हो
गरिमा को एहसास होता है उसने क्या बोल दिया और बात को संभालती है ।
 
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मामा के घर ,
आज राहुल और आरोही को गाँव आये पूरे दो दिन हो चुके थे पर राहुल वो मस्ती और आनंद नहीं ले पा रहा था जो वो लेने आ आया था ।बात ऐसी है की यहा उसका लंगोटिया यार रोहन ( मामा जी का बेटा ) नहीं है
राहुल को अभी भी याद है बचपन में दोनो मिल के कितनी मस्ती किया करते थे ।ऐसा नही है की इन दो दिनों में राहुल कही घुमा ना हो पर जो आनंद दोस्तों और हम उम्र के लोगो के साथ आता है वो आनंद मामा जी के साथ थोड़ी आएगा । शाम के ५ बजे होंगे । राहुल अपने मामा जी के साथ खेत देखने और टहलने निकल जाता है उसके मामा जी उसको कुछ फसल और खेती के बारे में बाता रहे थे ।ये देखो राहुल ये मक्के की खेती है ।
तभी उसकी नज़र एक जगह आकर रुक जाती है वहा से सांवले रंग की एक लड़की अपने हाथ में टोकरी लिए चली आ रही थी । जो घाघरा चोली पहने हुए थी । राहुल कि नज़र उसके बदन के उभर पे थे और उसके बदन का भराव ये साफ ज़ाहिर कर रहा है की वो रस से लबालव भारी हुई माल है ऐसा नही है की उसने लड़की या औरत नही देखी पर इसके बदन की बनावट शानदार थी वही उसके छाती के उभर देख के किसी का भी मन करता उसे दबा के उसका सारा रस पी जाये । फिलहाल राहुल को सिर्फ आगे के उभर ही देख पा रहा था पीछे का उभर की व्याख्या करना उसके लिए मुश्किल था ।तभी वो लड़की पास आकर प्रणाम चाचा जी बोलती है
वो क्या है राहुल के मामा नाते में उसके चाचा लगते है ।
मामा जी - प्रणाम अंजलि बेटा
और राहुल को देख के बोलती है ये कौन है चाचा जी
मामाजी - ये मेरा भगीना (मतलब भांजा ) है दिल्ली से आया है।
अंजलि - अच्छा चाचा जी ठीक बा घुमा दी अपना भगीना के और बता दी की बिहार क्या चीज़ बा ।
इतना बोल के वो पलट कर जाने लगती है मामा जी आगे को चल देते है पर राहुल फिर पलट के अंजलि को देखता है हाय क्या कातिल अदा से अपनी गांड मटका के चल रही थी ।जिसे देख राहुल क्या किसी भी मर्द का लिंग उठने पे मजबूर हो जाये । उसकी गांड का उभर तो उसके छाती के उभरो से भी जोरदार है । उसने ऐसे चूतर कभी नही देखते थे । राहुल कभी कभी तो हिला लिया करता था पर अंजलि के चुतर देख उसका मन हुआ की उसकी मस्तानी गांड को देख के वो एक बार मुठिया लगा ही दे तभी मामा जी आवाज़ लगते है
राहुल दौड़ के मामा जी के पास चला जाता है आगे चल कर उसको गन्ने के खेत दिखाई देते है जो काफी दूर तक फैले हुए थे ।
राहुल - मामा जी इतने सारे गन्ने । ये खेत किसका है मुझे एक गन्ना चाहिए ।
मामा जी - मुस्कराते हुए अरे बेटा अपने ही है जितना मन करे उतना खा । मैं तो तेरी माँ को भी बोला था साल में दो तीन बार आया कर और अनाज ले जाया कर पर तुम लोगो को तो शहर की हवा लग गयी है
राहुल - हाँ मामा जी मैं खुद बोर हो गया था दिल्ली से तभी तो छट्टी लेकर गाँव आया हूँ ।
मामा जी - अच्छा किया और आरोही को भी ले आया कितना समय हो गया था उसको देखे ।अब कुछ दिन रहो।
और राहुल और मामा मिलकर एक गन्ना तोड़ के चूसने लगते है और बाते करते हुए और खेत देखते चलते है
मामा जी - राहुल कल से तुम रोहन के साथ आना वही तुम्हे घुमायेगा में इससे आगे नही ले जाऊंगा ।
राहुल - ठीक है मामा जी पर रोहन कब आ रहा है
मामा जी - कल आ जायेगा वो दोपहर तक ।राहुल और मामा खेत घूम के थक गये थे और रात भी होने वाली थी तो दोनो ने थोड़ा आराम करने का फैसला किया और अपना गन्ना भी ख़तम कर लिया । और फिर घर के लिए निकल जाते है ।
इधर आरोही और आयशा जो मामा की बेटी है के साथ बातें कर रही होती है की तभी राहुल और मामा जी घर आते है।
आयशा - उठा के अपने पापा और राहुल को पानी देती है और फिर से आरोही से बात करने लगती है ।
आरोही -भैया आप अकेले घूमने चले गये मुझे साथ क्यों नही ले गये ।
राहुल - कल से चलना रोहन आ जायेगा तो साथ में मस्ती करेंगे ।इधर मामा जी खाना बनाने में लगी हुई थी
तभी राहुल आरोही को चिढ़ने के लिए बोलता है आरोही मैंने खूब गन्ने खाये मज़ा आ गया ।
आरोही - मेरे लिए क्यों नही लाये आप बहुत गंदे हो । अब मुझे आप से बात नही करनी जाओ
राहुल - अरे गुड़िया कल खा लेना सब खाएंगे ।
बातें करते करते समय का पता नही चला ।
रात के ८ बजे सब खाना खाने बैठ जाते है और खाते हुए ही बोलते है निधि और गरिमा को भी साथ आना चाहिए कितना समय हो गया उनको भी देखे हुए । सब खाना ख़तम करके सोने चले जाते है ।
आरोही और आयशा एक साथ ही सो रही थी । सुबह ५ बजे मामी उठ के काम करने लगती है और आयशा को भी उठाती है ।सब उठ चुके थे सिवाए राहुल के वो हमेशा की तरह आलसी की तरह सो रहा था
राहुल की आँख खुलती है तो समय १०:३५ हो रहा था
तभी मामा जी आकर बोलते है राहुल हो गयी नींद पुरी
राहुल - हाँ मामा जी
आरोही - मामा जी भैया का तो हमेशा ही यही है देर से उठना
मामा जी - कोई बात नही आरोही बेटा ये सब तो चलता रहता है ।
राहुल फ्रेश होने निकल जाता था और आरोही और आयशा घूमने को
दोहपर को सब खाना खा के आराम कर रहे होते है की एक लड़के की आवाज़ से सब उठ जाते है
पापा मम्मी कहा हो आप मामा जी देखते है सामने उनका नालायल बेटा जो काम कम मस्ती और शरारत अधिक करता था। सामने खड़ा था ।सब रोहन से मिलते है ।पर सबसे अधिक खुशी तो राहुल को हो रही थी क्यों की अब वो पूरे गाँव में कही भी जा सकता था ।
रोहन ,राहुल से एक साल बड़ा था। और ज़िंदगी के आनंद लेने भी भी आगे ही रहता था । इतनी कम उम्र में उसने कई चूत के मज़े मार लिए थे जिससे राहुल काफी दूर था ।
बाते करते शाम हो चली ।मामा जी घर का कुछ समान लेने और गप्पे मरने निकल लिए ।
मामा जी खाना बनाने की तैयारी में लग गयी थी जिसका साथ आयशा और आज तो आरोही भी दे रही थी ।तभी रोहन अपनी मम्मी को बोलता है मम्मी नदी पे जा रहा हूँ राहुल के साथ रात तक आ जाऊंगा ।
मामी जी - अरे बेटा वो दूर है अभी उतनी दूर मत जा कल सुबह चले जाना उस तरफ ।
रोहन - अरे मम्मी आप भी पापा से कम नही हो पूरे गाँव में क्या आस पास के गाँव में भी कोई मुझे मार नही सकता इतनी यारी है मेरी और राहुल भी घूम लेगा बोल के निकल जाते है ।
रोहन - अब बता भाई क्या कर रहा है आज कल किसी की ली या नही अभी तक ।
राहुल - क्या मतलब
रोहन - तु साले बेवक़ूफ़ ही रहेगा अबे किसी को पेला की नही या अभी भी हिलता ही है उतना बोल के हंसने लगता है ।
असली बात यही है की रोहन ने ही राहुल को मुठ मरने का पहला ज्ञान दिया था जिसके बाद राहुल ने हिलाना शुरू कर दिया ।
राहुल- नही यार नही पेलने को मिली कोई
रोहन - क्या मैंने तो सुना है दिल्ली में चूत खुले आम बिकती है और तूने अभी तक नही ।
राहुल - यार मुझे किसी रंडी की नही चाहिए कोई मस्त माल मिले तो बात अलग है ।
रोहन - साले कोई कॉलेज में नही पटायी क्या तूने ।।
राहुल - यार कॉलेज में गर्लफ्रेंड तो नही बनी पर एक लड़की है जिसको पसंद करता हूँ
रोहन - तो उसको बोल ना तुझे उसकी चाहिए तभी तो देगी साली वरना वो किसी और केला खा लेगी ।
राहुल - क्या यार वो पसंद है मुझे उसके लिए ऐसा नही सोचा भाई ।
रोहन- अच्छा कोई नही इस बार तेरी वर्जिनिटी तोड़वा के ही दिल्ली भेजूंगा ।
दोनो मस्ती में बातें करते बहुत दूर निकल आये थे पर अभी भी नदी दूर थी ।तो दोनो का वार्तालाब फिर चल पड़ा ।
राहुल - तु बता तूने ली किसी की ??
रोहन - हाँ भाई ४ चूतें फाड़ दी तेरे भाई
राहुल - क्या बोल रहा है यार तेरी सही किस्मत है यार मैं तो आज भी हिला के ही गुज़ारा करता हूँ
रोहन - कोई नही यार ये ज़िंदगी है किसी को जल्दी मिल जाती है किसी को देर से पर मिलती सब को है। और किस्मत कुछ नही होती हिम्मत हो तो वो हर लड़की टाँगें खोले हुए तेरे बिस्तर पे होगी जिसकी तु लेना चाहता है समझा ।
नदी के किनारे पहुंच चुके वहा ३ और लड़के दिखाए दिये
जो शायद रोहन का ही इंतेज़ार कर रहे थे ।
रोहन - और भाइयों कैसे हो सब
बाकी तीनो बढ़िया है भाई वैसे ये कौन है।इसको देखा नही कभी । रोहन ये मेरा भाई है राहुल दिल्ली से आया है ।सारे मिल के उससे हाथ मिलते है ।और बातों का दौर चल पड़ता है ।
रवि - यार रोहन तेरा बिना तो मन ही नही लग रहा था बहनचोद ।
अंकित - सही बोला रवि तूने
विकास - सब को एक एक बियर की केन देता है
राहुल - ये क्या है
रोहन - बियर है यार इतने बड़े तो हो गये है की एक बियर पी ही सकते है ।
अंकित - राहुल भाई आप दिल्ली में रहते हो और बेयर नही पीते कमाल है
रोहन - अरे यार ये बहुत शरीफ है और डरता भी है इस लिए ये सब नही पीता होगा ।पर इसको अब एक चीज़ दिलानी है हमको ।
विकास - बियर का एक शिप पी कर हम क्या दिला सकते है भाई ।
रोहन - बूर चाहिए इसको ये अभी तक वर्जिन है
रवि - बहनचोद दिल्ली का लौंडा और बूर नही मारी आज तक
तभी राहुल बोल पड़ता है
राहुल - चूत कभी नही मरती वो अमर है सिर्फ लंड मरता है
रोहन - बियर का एक शिप मार के हँसते हुए अब बोल रवि साले देखा क्या चीज़ है मेरा भाई
रवि - यार बात तो बिल्कुल सही बोली है साला बूर कभी नही मरती । बल्कि उसको मरने वाला ज़रूर मर जाता है
सब हँसने लगते है ।
अंकित - रोहन तो किसकी दिलवाएगा राहुल भाई को कोई माल है ।
रोहन - यार फिलहाल तो गाँव में वो चुदड़कड़ अंजलि ही है साली पति को छोड़ के यहाँ आकर चुदवा रही है ।
राहुल - यार कही तुम उस अंजलि की तो बात नही कर रहे हो जिसके चुतरों का आकार काफी बड़ा है ।
रोहन - साले तूने कब देख लिया उसको
राहुल - बियर पीते हुए यार कल ही देखा था मामा जी की वजह से बिल्कुल सामने से गयी अपनी मस्तानी गांड हिलाते हुए साली ।
रवि - वो साली है ही एक नंबर की रंडी ।
अंकित - हाँ राहुल भाई वो साली बस नये नये लंड फँसती है ।आधे गाँव से तो चूदी हुई है ।
रोहन - यार कुछ भी हो अंजलि जैसा माला आस पास के गाँव में भी नही है और राहुल को वो पसंद भी आ चुकी है फिलहाल उसकी ही दिलवा के राहुल के कुंवारेपन को दूर कर देते है ।
विकास - हैं विचार तो अच्छा है भाई पर पेलेगा कहा जगह तो है नही अपने पास ।
रोहन - जगह हो जाएगी साले मेरे गन्ने के खेत में जहाँ से हम सब ने शुरुवात की थी इसकी भी वही से कर देते और क्या ।
सब को बियर का हलका नशा हो चुका था पर राहुल को थोड़ा इनसे अधिक हुआ था पहली बार तो होना लाज़मी है
रवि - बहनचोद खेत में पेलने के लिए चदार और चटाई तो चाहिए ना वो कौन लाएगा !तुम लोग नही लाओगे मेरे भाई के लिए यही दोस्ती है अपनी ।
अंकित - अरे भाई ऐसा कुछ नही है दोनो में लेकर आ जाऊंगा फ़िक्र मत कर पर याद है ना वो अंजलि साली कैसी है ।
रोहन और वो तीनो जानते थे की अंजलि कैसी है वो साली परिवारिक रिश्तें में सम्भोग की भूखी है जिसके साथ सोई उनको ,उसकी माँ बहन के लिए दीवाना बनाने में कोई कसर नही छोड़ती थी।
रोहन - अरे सब पता है कोई नही इतना तो चलता ही है ।
इधर राहुल बैठ गया था नशा उसके सर चढ़ के बोल रहा था तभी रोहन समय देखता है ८:३० हो चुके थे रोहन सब को बाय करके के कल मिलने का बोल देता है और राहुल के लिए कल उसकी सुहागदिन का भी इंतज़ाम करने का बोल के घर के लिए निकल जाता है ।
घर पहुंच के जैसे तैसे राहुल खाना खा के सोने चला जाता है। आरोही ये भैया को क्या हो गया आज इतनी जल्दी सोने जा रहे है । तभी रोहन बोल पड़ता है वो आज बहुत थक गया है फिर आरोही बोलती है है रोहन भैया कल आप मुझे भी घुमाओं ना ये आयशा तो मुझे ठीक से घूमाती भी नही है ।।
रोहन - ठीक है घूम लेना ।और सब सोने चले जाते है ।

आज सुबह की पहली किरण हलकी बरसात के साथ शुरु हुई ।रिमझिम सी बूंदो की फुहार से आज मौसम ताज़ा ताज़ा हो गया था । रोहन घर पे बोल के राहुल को लेकर निकल जाता है
आअह्ह्ह...बहनचोद धीरे धीरे चोद साले आह्ह्ह..हरामी ये सिसकियों से मिली हुई आवाज़ किसी खेत से आ रही थी राहुल - रोहन की तरफ देखते हुए ये आवाज़ कहा से आ रही है ।
रोहन - मन में बहनचोदो को राहुल के लिए बुलाने को बोला और ये साले खुद ही पेलने लगे ।
राहुल - क्या हुआ क्या सोच रहा है ।
रोहन - कुछ नही यार चल देखते है ये आवाज़ कैसी है और गन्ने के खेत में घुस जाते है।
जैसे ही खेत के बीचो बिच घुसते है उनको एक बिस्तर दिखाई देता है । राहुल देख के आश्चर्यचकित हो जाता है
इधर रवि लंड अंजलि की बूर फंसा हुआ देख राहुल एक टक नज़र गाड़ा के देखने लगाता है रवि धना धन लोड़ा पेलने में लगा था की तभी एक आह्ह्ह.. के साथ दोनो झड़ने लगते है ।
रोहन - बहनचोद ये क्या गांडुपंती है तुम लोग खुद पेलने लगे ये आज राहुल के लिए है ।
रवि - अरे यार अब आयी हि गयी है तो सोचा थोड़ा मज़ा में भी ले ही लूं साली गजब की रंडी है ये ।
अंजलि - साले भड़वे रंडी तो तेरी बहन है मुझे रंडी बोला तो मैं चली ।
रोहन - क्या तुम भी छोटी सी बात है पे नाराज़ हो रही हो अंजलि - देख रोहन तेरी वजह से आयी में क्यों की तु मेरा सच्चा यार हैं।
तभी विकास और अंकित भी आ जाते है रवि भी कपड़े कपड़े पहन चुका था।
अंकित - रोहन आ गये तुम दोनो चली सही है अब राहुल को मेहनत करने देते है
रोहन - बहनचोद कहा थे तुम लोग ये रवि अंजलि को पेल रहा था तुम लोग कुछ बोल नही सकते थे ।
विकास - क्या ये साला ठरकी पहले मना करता है फिर खुद ही लग हुआ है ।
अंजलि जो नंगी नही थी उसने बस कच्छी उतर के ही पेलवाने लगी थी जल्दी से बोलती है अब में चली
रोहन - यार अभी काम ख़तम नही हुआ है ।
अंजलि - तुझे काम की पड़ी है बारिश देख तेज़ हो गयी है अब मुश्किल है ।
बारिश जोर पकड़ ली थी इसी लिए अब खेत में राहुल अंजलि को नही पेल सकता था। तभी रोहन बोला अब क्या करे यार ।अंजलि शाम को देखते है।
रोहन - नही यार शाम को तो बहन को घूमना है
अंजलि - साले बस खेत ही दिखाएगा या आयशा का भी खेत देखेगा और हँसने लगती है ।
ये सब सुन राहुल चौंक जाता है की ये कितनी बेशर्म है आयशा के लिए ऐसे कैसे बोल सकती है ।
रोहन - अरे आयशा नही आरोही ,राहुल की बहन तो मेरी भी बहन ही हुई ना ।
अंजलि - अच्छा तेरी बहन है राहुल को देख के बोलती है और तु तो वही है ना चाची जी के साथ था ।साले कैसे मेरे बदन को देख रहा था मैं तो उस समय ही समझ गयी थी तु मेरे घाघरे के अंदर आना चाहता है और मुस्कुरा देती है ।
रोहन समझ गया उसने गलती कर दी आरोही का नाम लेकर पर अब कुछ नही हो सकता था ।
अंजलि - तुम लोगो जाओ में इसको बिहार की बूर दिखाती हूँ ।जल्दी जाओ यार बारिश तेज़ हो रही है ।
और सब राहुल को आज ले ले ज़िंदगी के मज़े और बोल के चले जाते है ।खुले आसमान के निचे दो जवान बदन भीग रहे थे अंजलि तो खेली खाई थी पर राहुल एक दम अनारी था इस खेल में , रिमझिम बूंदो की फुहार तन की गरमी और बढ़ा रही थी। तभी अंजलि बोलती है क्यों रे चिकने कभी बूर नही देखी तूने ।
राहुल - नहीं अंजलि जी नही देखी
अंजलि - हँसते हुए तेरे पास तो बहन है ना तो उसकी नही देखी तूने ।
राहुल - आप ये क्या कह रही हो बहन की वो चीज़ कौन देखता है ।
अंजलि - असली मज़ा उसको देखने का ही तो है रोहन तो खूब देखता है अपनी बहन की तु भी देख लिया कर ।
राहुल - मन में सोचते हुए क्या रोहन सच में आयशा की देखता है नही नही ये ऐसे ही बोल रही होगी ।
अंजलि - क्या सोच रहा है
राहुल - कुछ नही जी
अंजलि - कुछ सोच के , चल आ जा तुझे मर्द बना दूँ और खेत में लगे गीले बिस्तर पे लेट जाती है । अपना घाघरा ऊपर उठा के पास पड़ी हुई कच्छी से बूर पूछ लेती है ।
और राहुल को इशारा करती है बूर चाटने को ।
राहुल तुरंत निचे बैठ के अंजलि को बूर देखने लगता है बूर देख के एक अजीब की उमंग उसके मन को छूकर चली जाति है ।ज़िंदगी में पहली बार उसने कोई बूर देखी थी वो एक टक नज़र गढाये देखने लगता है बूर देख के उसका बदन में उत्तेजना बढ़ने लगती है दिल जोरो से धड़कने लगता है ऊपर से हलकी बारिश की बूँदे जो उसको बदन में एक नया उमंग को जन्म दिये जा रही थी ।
अंजलि की चूत थोड़ी खुली हुई थी जिसकी अंदर से गुलाबी फांक दिखाई दे रही थी हलके बालो से ढकी हई उसकी बूर राहुल को मदहोश कर चुकी थी ।
अंजलि - कितने देर देखेगा मुँह लगा ना घर भी जाना है ।
राहुल एक दम से अपने होठों को बुर पे लगा देता है और चूमे और चाटने लगता है ये उसका पहला एहसास था जो उसके बदन में एक अजीब से ऊर्जा को जन्म दे रहा था। अंजलि एक दम से बोल देती है आह्ह्ह...चाटो अपनी आरोही की बूर को आह्ह्ह... भैया पर राहुल तो बुर के स्वाद के आगे भूल गया की वो क्या बोली ,वो हाँ आरोही बोल के चाटने लगता है थोड़ी दर बाद अंजलि राहुल का मुँह में लेकर गीला करती थी और जल्दी से अपनी बुर में डालने को बोलती है बारिश जोर से होने लगी थी दोनो के बदन भीग चुके थे पर बदन में जो आग लगी थी वो बारिश से नहीं चुदाई से ही जाति । राहुल डालने की प्रयास करता है पर सफल नही हो पा रहा था तभी अंजलि ,राहुल को लेटने का बोल के खुद उसके ऊपर आ जाती है और एक ही झटके से लंड अंदर ले लेती है । एक जोरदार प्रहार से राहुल सहम जाता है और हलकी चीख के साथ उसकी आँखों में आंसू भी आ जाते है ।राहुल के लंड की चमड़ी खींच गयी थी अब वो लड़के से मर्द बन चुका था और इधर अंजलि तो अपने ही धुन में घपा घप लंड को बूर में अंदर बहार कर रही थी थोड़ी देर की घिसाई के बाद बूर के गीले पन में और गीला पन हो जाता है जिससे मज़ा दो गुना बढ़ जाता है और अंजलि अपने असली मकसद पे आती है
अंजलि - आअह्ह्ह.. भैया चोदो अपनी आरोही को, उफ़...राजा भैया फाड़ दो अपनी बहना की बूर को ,लूट लो इस जवानी को अब मुझसे रहा नही जाता राहुल भैया राहुल - मस्ती और मदहोसी के आलम में बोलने लगता आह्ह्ह .. हा आरोही तेरी बूर पे मेरा ही हक है मेरी गुड़िया आह्ह्ह..तुझको चोद के अपनी बच्चे के माँ बनाऊगा
अंजलि - उम्म्म... आअह्ह.. भैया तो बना दो ना अपने बच्चे की माँ भर दो अपने आरोही की बच्चेदानी को उफ़...भैया ।
राहुल - आअह्ह.. हाँ तु मेरी है आरोही ।
अंजलि तो थी एक नंबर की रंडी वो कहा बाज़ आती
अंजलि - आअह्ह .. राजा भैया मुझे अपनी रखैल बना लो
राहुल- हाँ मेरी जान तु मेरी रखैल है साली आह्ह .. की सिसकियों के साथ लुंड को बुर की गहराई में अंदर बहार किये जा रहा था
इतनी मस्ती अब दोनों चरम सुख की तरफ ले जाने लगा तभी अंजलि का बदन अकड़ के ढीला पड़ने लगता है ।
राहुल भी अंजलि को चरम सुख की प्राप्ति करते देख रहा नही जाता और कुछ ही धक्कों में उसका बदन काँप जाता था एक अजीब सी मस्ती में वो मस्त हुआ झड़ने लगता है ।
और दोनो ही अपनी अपनी सांसो को हलका करने में लगे हुए आसमान से आती बूंदो से राहत की साँसों भरने लगते है बारिश से दोनो पुरी तरहा भीग चुके थे ।तभी अंजलि बोलती है कैसा लगा आरोही की बुर में झाड़ के और कच्छी पहन के बोलती है मैं जा रहा हू रोहन को बोल देना
राहुल जब लंड देखता है तो एक कट लगा हुआ था जो हलके मीठे दर्द का एहसास दिला रहा था ।
 
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(आकर्षण)
शाम के ५ बजे बरखा अपने भैया भाभी से मिलकर बहुत खुशी थी ।इधर निधि ,आयशा और आरोही तीनों ही मस्ती में सब को भूल गयी थी ।
नदी के किनारे बैठा राहुल के मन में एक ही बात घूम रही थी की उसने कैसे आरोही के लिए ऐसे शब्दों का इतेमाल किया क्या सच में वो आरोही के लिए ऐसा सोच सकता है
राहुल ने अपने जीवन में किसी से सबसे अधिक मोहब्बत की है तो वो आरोही से ही है । तभी रोहन बोलता है किस ख्यालों में डूबा हुआ है ।
राहुल - यार उस अंजलि ने बहुत गंदी बात बोली ।
रोहन - मुस्कुरा के मुझे पाता है दोस्त उसने क्या बोला और उसने कुछ गलत नही बोला ।
राहुल- रोहन को एक टक देखते ही बोला क्या बोल रहा है तु ,भला बहन के साथ ऐसा करना तो दूर सोचना भी पाप है
रोहन - यार ऐसा है तो मैं तो सबसे बड़ा पापी हूँ । और तूने भी तो बोला आरोही के लिए और फिर से मुस्कुरा पड़ता है राहुल - मतलब तुझे पता था वो ऐसी है
रोहन - हाँ भाई पर उसने सच ही बोला ,जब पहली बार मैंने आयशा के बदन को देखा तो एहसास हुआ की वो क्या माल है और तुझे एक खास बात बताऊँ उसके चुचों पे एक तिल भी है जो मुझे आकर्षित करता है ।
राहुल - तु सच में पागल हो गया है उसी रंडी अंजलि के कारण साली ने तुझसे पाप करवा दिया।
रोहन - देख भाई मैं पापी हूँ पर तु भी तो है तूने भी आरोही के लिए कुछ तो बोला ही होगा ।राहुल झेंप जाता है ।
रोहन - देख भाई मैं बस आयशा को देखता हूँ और उसके बदन की कसवाट देख के हिला लेता हूँ । तेरे लिए ये सब अभी नया है इस लिए तुझे गन्दा लग रहा है पर एक बार सोच के देख आरोही के बारे में और मुस्कुरा देता था ।
राहुल कुछ बोल पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनको सुनाई देती है
बहनचोद अब नहीं बचेगा तु आज तो गया तु ।
ये गुड्डू था ।एक नंबर का कमीना और ठरकी उसने गाँव की कई लड़कियों की बूर फाड़ी थी अब तो वो गंडागर्दी भी करने लगा था । एक बार इसने आयशा की चूची मसल दी थी खेत में अकेले पा कर तभी से रोहन इसका दुश्मन बन गया था ।
रोहन - मादरचोद तु क्या मरेगा तेरी गांड तो आज मैं फाड़ूंगा ।
गुड्डू - बहनचोद तुझे मार के तेरी बहन को अपनी रखैल बनाऊगा बाज़ार की सबसे बड़ी रंडी होगी तेरी बहन आयशा ।
राहुल - ये चुतिया कौन है रोहन जो तुझे धमकी दे रहा है और आयशा के लिए ऐसा बोल रहा है।
गुड्डू - मादरचोद तु मुझे चुतिया बोल रहा है तु है कौन बे
इतना बोला ही था की रोहन ने दो घुसे दे मारे और गुड्डू संभाल नही पाता और गिर जाता है । अभी रोहन फिर मरने को आगे बढ़ता है की थोड़ी ही दूरी से रवि की आवाज़ सुनाई देती है ।साथ में अंकित भी था ।
रोहन और राहुल उनको देखते है की इधर गुड्डू चुपके से निकल जाता है ।
रवि - साले तु यहाँ है वहा तेरे घर पे कोई आया हुआ है और साथ में एक माल भी आया है यार क्या बदन है साली का उफ्फ्फ्फ़..देख के ही लोड़ा मचल गया ।
रोहन - बहनचोद पहले इस गुड्डू को देख लूं फिर तुझे बताता हूँ जैसे ही उसकी नज़र दूसरी तरफ जाती है वो कोई नही था ।
रवि - क्या बताएगा यार उस साली की दिलवा देगा क्या और हँसने लगता है ।
राहुल - ऐसा कौन आया है।
अंकित - चल कर खुद ही देख लो दोनो ।
राहुल का मन अब शांत नही था रवि की बातें उसके दिमाग़ में घूम रही थी । तभी रोहन उसको बोलता है क्या हुआ भाई ।
राहुल - यार रवि को ऐसा नही बोलना चाहिए था निधि दीदी के लिए ।
रोहन - अरे यार वो ऐसा ही है और उसने कुछ गलत कहा क्या ,निधि को देखते हुआ बोला
राहुल ने रोहन की नज़रों के पीछा किया तो पाया की वो निधि की गांड को घूर रहा था जो टाइट जीन्स में खड़ी आयशा से बातें कर रही थी ।
अगले सुबह आयशा नहा के अपनी ब्रा और कच्छी पासार रही थी राहुल ने उसे देखा सच में उसकी जवानी की उठान उसके छाती पे दिखाई दे रही थी तभी निधि वहा। आती है और राहुल को बोलती है ।
निधि - भाई चल ना कही घूम के आते है
राहुल - ठीक है दीदी आप तैयार हो जाओ फिर चलते है ।
राहुल और निधि दोनो सुबह सुबह गाँव की ताज़ी हवा और प्रकृतिक सुंदरिये और फसलों को देख के दोनो का मन मोहित हो चला था तभी एक दम से पीछे से किसी की आवाज़ राहुल को सुनाई देती है कैसे हो राहुल बाबू तभी वो पलट के देखता है वहा अंजलि एक मुस्कान के साथ खड़ी थी ।राहुल की तो जैसे साँसे ही रुक गयी हो कुछ बोल नही पा रहा था तभी निधि बोली भाई ये कौन है ।
अंजलि - अच्छा आप ही आरोही हो क्या राहुल बाबू की बहन
निधि - अरे नही नही मैं आरोही नही निधि हूँ में भी बहन ही हूँ ।
अंजलि - सागी बहन हो क्या या ऐसे ही नाते की हो ।
निधि - सागी हूँ जी वैसे आप ये क्यों पूछ रही हो ।
अंजलि - अरे क्या बताये राहुल बाबू को मेहनत करना बहुत पसंद है कल ही वो आरोही जी के लिए मेहनत किये ना और मुस्कुरा पड़ती है
राहुल की तो फट के हाथ में आ गयी अंजलि के मुँह से आरोही सुन के तभी निधि बोलती है कैसी मेहनत कुछ समझ नही आया । अंजलि कुछ और बोलती उससे पहले राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो आरोही के लिए आम तोड़ने की कोशिश कर रहा था पेड़ से वही ये भी थी उसी मेहनत की बात कह रही है । अंजलि तो कमीनी थी
अंजलि - हाँ निधि जी कल आरोही के आम तो राहुल बाबू तोड़ ही देते पर अफ़सोस थक गये इसलिए आम से खेलना मेरा मतलब आम तोड़ना छोड़ दिये ।
निधि शायद कुछ कुछ मतलब समझ रही क्यों की वो भी जवानी के उस दहलीज़ पे थी जहा बूर की खुजली रात भर जगाती है ।
निधि - अच्छा कोई नहीं हम लोग आज आम तोड़ लेंगे।
अंजलि - देखा राहुल बाबू आपकी बहन आज आपको आम का रस पिला के ही मानेगी चूस चूस के खाना आम वो निधि के उभर को देखते हुए बोली ।
इधर रोहन आयशा के चुचों के तिल को देखने की कोशिश कर रहा था पर देख नही पता तो मायूस होकर दोस्तों से मिलने निकल जाता है ।
निधि और राहुल के थक चुके थे तभी निधि, अंजलि वाली बात बोलती है वो किस आम की बात कर रही थी ।इतने में राहुल की धड़कन तेज़ हो जाति है अब वो क्या कहता की वो आम की नहीं तुम्हारे और आरोही के उरोजो की बात कर रही थी । किन ख्यालों में है मेरा भैया तभी राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो पागल औरत है कुछ भी बोलती है अश्लील बातें करना उसका काम है आप उसपे ध्यान मत दो ।
निधि भी मुस्कुरा जाती है और वो घर के लिए निकल जाते है ।
शाम के ४ बजे आयशा झाड़ू लगा रही थी और राहुल उसको देख रहा था तभी उसके मन में एक बात आती है की आयशा के चुचों पे एक तिल है ।राहुल को पता नही क्या होता है एक दम से वो उसके तिल को देखने लिए अपनी आखें घूमने लगता है ।बहुत कोशिश के बाद भी उसे कुछ नही दिखाई दिया ।जब राहुल उसके चूचियों को देखने की कोशिश कर रहा था तब आयशा समझ जाती है की उसके राहुल भैया की नज़र कहा है । तभी दोनो की नज़र मिलती है और आयशा मुस्कुरा देती है वही राहुल शर्म से नज़रे नीची कर देता है ।आयशा ने अपना कौमार्य अभी किसी को नही दिया था पर वो अच्छे से जाती थी की उसकी जवानी की वजह से ही उसे घर से दूर नही जाने दिया जाता और गुड्डू से चूची मसलवाने के बाद तो वो कही भी अकेले नही जा पाती थी। आखिर बुर तो उसके पास भी थी जो उसके परेशान करती थी इसीलिए वो भी कभी कभी रोहन को अपने उरोज दिखा के मज़ा करती थी ।
आयशा ने अपनी चुन्नी उतर के एक पेड़ पे रख दि और झाड़ू लगाने लगी ।तभी राहुल की नज़र उसके उभरो पे जाति है चोली में कसें हुए उरोजो पे जाती है उसके चुचों पे पसीने की कुछ बूँद साफ नज़र आ रही थी की वो लुढ़क के उस खाई में गिर रही थी जहाँ शायद वो तिल हो पर उसको वो तिल नही दिख पा रहा था तभी आयशा जान बुझ के झाड़ूं लगने के बहाने से राहुल के करीब जाति है और चोली को ठीक करने के बहाने से उसको वो तिल दिखाती है जिसको उसने छुपा के रखा था जो रोहन कई बार देखता पकड़ा भी गया था और आयशा से माफ़ी भी मांग मांगता था । राहुल की नज़र तो उस तिल भी अटक के रह गयी थी तभी आयशा कहती है अच्छे है ना भैया ।वो एक दम से झेंप जाता है और आयशा मुस्कुरा पड़ती है थोड़ी देर की चुप्पी के बाद फिर वही सिलसिला चल पड़ता है राहुल फिर उसकी चूचियों को घूरे जा रहा की तभी दोनो की नज़र मिलती है पर इस बार दोनो ही मुस्कुरा देते है तभी आयशा भैया ऐसे आरोही को देखो उसके पास भी है और हसंते हुए घर में भाग जाती है । ये सब कोई दूर खड़े देख रहा था जिसके दोनों ही अनजान थे
इधर राहुल भी घर के अंदर आ जाता है और आते ही उसकी नज़र एक मस्त गांड पे पड़ती है जो झुक के कुछ कर रही थी ये गांड किसी और नही आरोही की थी जिससे देख राहुल के मन में आयशा की बात आती है की आरोही को देखो । राहुल ,आरोही को सच्चे दिल से प्यार करता था पर उसकी गांड का उभर उसके प्यार पे भारी पड़ रहा था हवस प्यार को ख़तम कर रही थी देखते ही देखते राहुल का लंड अकड़ गया और पैंट के ऊपर से उसका उभर दिखने लगा था । सच में आरोही की गांड इतनी कम उम्र में भी काफी बड़ी और मनमोहक लग रही थी टाइट जीन्स पहने वो झुकी हुई थी राहुल की नज़र उसकी गांड के उस हिस्से पे जाती है जहाँ जीन्स गांड की गहराई में घुसे जा रही थी राहुल की तो धड़कने तेज़ हो गयी लंड भी झटके मार गया ऐसा दृश्य देख के पता नही उसे क्या हुआ उसने फोन निकल के आरोही की गांड की ३-४ फोटो ले ली ।तभी राहुल की नज़र किसी को देख के चौंक जाती है ।जी हाँ वो आयशा थी जो राहुल को देख रही थी और दोनो की नज़रे जब मिली तो दोनो ही हंस पड़े थे ।
पर यहाँ भी दोनों कोई देख रहा था ।
आरोही - भैया आप कब आये
राहुल ये बोल के निकल जाता है की वो रोहन से मिलकर आता था ।वो तेज़ी से वहा से निकल जाता है और इधर आरोही ये भैया को क्या हो गया । आयशा जब आरोही की ये बात सुनती है तो मन में बोलती है लंड ले लो भैया का वो कहो नही जाएंगे ।
इधर राहुल का लंड बागवात कर रहा था आरोही की गांड और आयशा के चुचों के का तिल उसके लंड में हलचल मचा चुका था । तभी कोई पीछे से जोर से उसके सर पे मरता था जिससे राहुल की चीख़ निकल जाती है और वो बेहोश हो जाता है ।
उसकी आँख जब खुलती है तो उसके सामने बरखा अपने आँखों में आँसू लिए राहुल राहुल करके रोये जा रही थी ।राहुल के होश में आते है सब की जान में जान आती है ।
आरोही आकर सीधा राहुल से लिपट जाती है और बोलती है आप ठीक तो हो ना भैया ।
इस तरह सभी राहुल का हाल जान के चैन की साँस लेते है । राहुल, अंजलि को बेहोश मिला था उसने ही राहुल के बारे में घर पे जाकर बताया था ।
 
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अपडेट 6
अंजलि की चाल
अगली सुबह रोहन ,रवि ,विकास और अंकित नदी के किनारे बैठे हुए थे रोहन किसी गहरी सोच में की राहुल पे ये वार कौन कर सकता है वो तो वहा रहता भी नही हैं
रवि -क्या यार तुम सब चुप बैठो हो कोई तो बोलो
अंकित - हाँ यार रोहन चल ना पास वाले गाँव चलते है वहा का माल देखे कितना समय हो गया है ।
रोहन - नही यार तुम लोग जाओ मेरी तबियत कुछ ठीक नही है में घर जाता हूँ
इधर गन्ने के खेत में ,बोला था ना तुमको राहुल को गाँव नही भेजूंगी पर तुमने उसे बुला लिया देखा क्या हाल कर दिया मेरे बेटे का सब तुम्हारे दुश्मनों का किया धारा है ।बरखा मेरी क्या गलती है राहुल मेरा भी तो बेटा है और हमारे प्यार की निशानी है जिसको हम दोनो नही भूल सकते है । ये बात कोई सुन रहा था पर कौन???

राहुल की नज़र कसे हुए मोट मोट उरोजो पे ठहरी हुई थी आयशा झुक के झाडू लगा रही थी इस बात से अनजान राहुल उसकी गहरी खाई में डूबा हुआ है ये सब निधि देख रही थी जी हां निधि ही थी जो उस दिन आयशा की चूची और आरोही की गांड को देखते हुए, राहुल को छुप के देख रही थी ,निधि को कुछ अजीब लगता है और वो सीधा अंजलि से मिलती है और उससे पूछती है की तुम किस आम की बात कर रही थी ।
अब अंजलि तो थी एक नंबर की रंडी उसने सोचा क्यों ना इस साली की बूर में भी खुजली करवा दूँ तो वो बोली मैं कैसे कहूँ निधि जी मुझे शर्म आ रही है ऐसी बात बोलने में की एक भाई अपनी ही बहन के आम चूसना चाहता है ।
निधि - समझ तो गयी थी पर वो पुरी तरह से जान ना चाहती थी तो बोली जो बोलना है खुल के बोलो
अंजलि - कुछ सोच के ठीक है पर ये राहुल बाबू को मत बोलना की मैं आपको सब बता दी हूँ ।
निधि - ठीक है यार अब बोलो भी
अंजलि - मन में साली की बूर में कितनी खुजली हो रही है जान ने की रुक साली तेरी बूर में ऐसी आग लगाउंगी की राहुल का लेकर ही शांत होगी ।
निधि - क्या हुआ अंजलि
अंजलि - कुछ नही निधि जी वो क्या है राहुल बाबू आरोही जी के साथ सोना चाहते है मैंने गन्ने के खेत में देखा की वो आरोही जी के नाम से हिला रहे थे मुझे तो बहुत अजीब लगा की एक भाई अपनी बहन के लिए ऐसा कैसे सोच सकता है ये तो पाप है ।
निधि - क्या
अंजलि - अरे क्या क्या नही वो तो और भी बहुत कुछ बोले की आरोही को पेट से कर देंगे मौका मिला तो तभी मैंने उनको आवाज़ दी तो वो घबरा गये और अपना वो छुपा के बोले तुम यहा ,मैं बोली हाँ आपको गन्ने के खेत में घुसते देखा तो चली आयी पर तुम तो बहुत गंदे इंसान हो बहन के लिए ऐसा सोचते हो छी.छी कैसे हो तुम ।
वो बोले की मुझे माफ़ करो दो वो आरोही को देख के मै उत्तेजित हो गया था ,किसी को मत बताना अंजलि ।
मैं बोली तो बताओ और क्या क्या सोचते हो अपनी मासूम सी बहन के लिए ,मैं उसको चोदना चाहता हूँ और उसकी बुर में नही चोदुंग तो कोई और चोद देगा इस से अच्छा में ही पेल के घर की इज़्ज़त बचा लूंगा और वो तो ये भी बोले की बहन का जन्म तो भाई के लंड के लिए ही होता है
निधि - ये सब सुन के पुरी तरह से आश्चर्यचकित थी की उसका भाई ऐसा सोचता है आरोही के लिए ,उसके लिए ये मान ना बहुत मुश्किल था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता ,नही नही वो तो उससे बहुत प्यार करता है पर
उसने खुद देखा उस दिन आरोही की गांड को देखते हुए और उसने तो फोटो भी ली थी उसकी गांड की तो क्या सच में राहुल आरोहो के साथ यौन सम्बंध बनाना चाहता है ।ये सब सोच के निधि का दिमाग़ फटा जा रहा था ।तभी अंजलि बोली की वो घर पर सब इंतेज़ार कर रहे होंगे चलती हूँ आज अंजलि ने ऐसा तीर मारा था जो शायद खाली तो बिल्कुल ही नही सा सकता था कोई ना कोई इस तीर का शिकार होने वाला था पर कौन ???
समय बीतता जा रहा था और राहुल ठीक हो चुका था और उनके जाने के दिन आ गये थे राहुल जाने से पहले एक और बार अंजलि की लेना चाहता था इस लिए वो बिना किसी को बताये अंजलि से मिलने चला गया इधर अंजलि का शराबी पति उसे लेने आ गया था बहुत मुश्किल से अंजलि मानी और उसके साथ फिर से रहने के जाने की तैयारी करने लगी। इतने में राहुल उससे मिल के उसे धन्यवाद भी बोलता है तभी अंजलि बोलती है सीधा सीधा बोल ना तुझे मेरी लेनी है बहनचोद, और दोनो मुस्कुरा देते है । अंजलि थोड़ा जल्दी आता तो ठीक था देख मेरा मर्द आ गया अब मुश्किल है पर राहुल ने बस एक बात बोली और अंजलि मुस्कुरा के जल्दी से गन्ने के खेत की तरफ चल दी और बोली जल्दी से कर ले कही मेरे मर्द को पता चल गया तो बिना लिए ही भाग जायेगा ।राहुल भी एक दम से अंजलि पे टूट पड़ा दोनो के होंठ आपस में मिल चुके थे, दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे तभी अंजलि ने मुँह खोल के राहुल के जीभ का स्वागत करती है और दोनो एक दूसरे की जीभ से खेलने लगते है राहुल को इस आनंदित खेल में जो सुख प्राप्त हो रहा था वो शब्दों में बताना मुश्किल है धीरे धीरे उरोजो के मसलते हुए एक दूसरे के बदन से खेलने लगे दोनो के कपड़े उतर चुके थे ,अंजलि के हाथ अब राहुल के लंड से खेलने लगे थे ।दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर ,राहुल फाड़ना चाहता था अंजलि की बूर ,समय की कमी को देखते हुए ।राहुल ने कच्छी एक झटके से उतर फेंकी और लंड को बूर पे रख झटखा मरा और लंड बुर में धीरे धीरे बूर की गहराई में समाता चला गया ।और फिर शुरु हुआ संसार का सबसे बड़ा सुख का दौर जिसके लिए ये संसार पागल है राहुल ,अंजलि की बूर को गपा गप पेले जा रहा था मस्ती पूरे जोर पे थी इस एहसास से राहुल को स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे ।दोनो ही अपनी जवानी की प्यास में सिसकियाँ लेने लगे और फिर शुरु हुआ असली खेल जिसके लिए अंजलि एक दम से मान गयी थी
अंजलि - आअह्ह्ह...राहुल भैया चोदो मुझे आज अच्छे से चोदो अपनी बहन आरोही को ,
राहुल - जोर जोर से धक्के मरते हुआ हुए मस्ती में आकर आआह्ह्.. हाँ आरोही मेरी रंडी बहन तेरी चूत फाड़ के तुझें सब से चुदवाऊंगा
अंजलि - चोदो मेरे राजा भैया अपनी आरोही को और साथ में निधि दीदी को भी पेल दो भैया ,वो भी छिनाल है उसकी बूर भी तुम्हारे लंड के लिए बनी भैया आह्ह..मेरे चोदु भैया
राहुल - हाँ मैं सबको चोदूंग अपनी तीनो बहनो को चोदूंग आअह्ह्ह..में बहनचोद हूँ, मै गरिमा ,निधि, आरोही सब को चोदुंगा ।
इतना ही बहुत था दोनो को चरमसुख के करीब लाने के लिए और दोनो झड़ने लगते है खेल ख़तम हो चुका था दोनो ही अपने साँसे काबू करने में लगे थे । पर अंजलि का ये आखिरी तीर बिल्कुल निशाने पे था क्यों की वही छुप के निधि इस खेल के मज़ा ले रही थी अंजलि जब खेत में जा रही थी तभी उसने निधि को वहा देख लिया था जो गन्ने के खेत में वहा खाली जगह देखने गयी थी जहाँ अंजलि के मुताबिक़ राहुल हिला रहा था किसी की आहट से निधि छुप जाती है , ये बात अंजलि को पता था इसी लिए उसने निधि का नाम भी ले लिया और राहुल तो मस्ती में गारिमा की बूर फाड़ने को बोल दिया जो अब तक अंजलि को पता भी नही था ।अंजलि अपने कपड़े पहनकर बोली ये गरिमा कौन है राहुल बाबू
राहुल - थोड़ा शर्मा के वो मेरी दीदी है ।
अंजलि - सागी बहन है क्या ?
राहुल- हाँ सबसे बड़ी दीदी
अंजलि - अरे बहनचोद कितनी रंडिया है तेरे घर में तेरे तो मजे ही मजे है कभी किसी की गांड देखता होगा तो
कभी किसी के चुचे साले खूब चुदवायेगी तेरे से ये तीनो इनकी बूर फाड़ के पेट से कर दे वरना किसी और का ले लेगी तो तु हिलता रह जायेगा वैसे तेरी वो निधि दीदी साली रंडी लगती है बदन देखा है उसका कितना कसा हुआ है पता नही कुंवारी है भी की नही, तेरा लेने के लिए पागल हो गयी है जल्दी से उसकी बुर फाड़ दे मैं चलती हूँ और घर के लिए निकल जाता है ।इधर निधि को अब पुरा भरोसा हो गया था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता है
और साथ में उसकी और शायद गरिमा दीदी की भी,
राहुल का मोटा लंड निधि के बदन में गर्मी पैदा कर चुका था वो बस उस हसीन लम्हे को याद कर रही थी जब राहुल का लंड अंजलि की बुर में अंदर बहार हो रहा था ये सोच उसकी बूर में चुनचुनी होने लगी अब अलग कमरा तो था ना की बूर में ऊँगली कर सके इसी लिए वो मन मार के सो जाती हैं ।
अगली सुबह राहुल और उसके परिवार के जाने का दिन था। सुबह से ही चहल पहल लगी हुई थी ,सब के चेहरे थोड़े मायूस लग रहे थे कोई नही चाहता था की कोई जाये पर जाना तो था ही ,तभी राहुल सबको बोलता है हम दुबारा आ जाएंगे मामा जी आप चिंता मत करो पर अभी जाना ही होगा कॉलेज भी तो जाना है ।
सब तैयार हो चुके थे जाने के लिए और इधर राहुल नदी के किनारे बैठा सब को अलविदा कहने गया था ।
रवि - राहुल भाई बहुत याद आओगे ।
अंकित - हाँ यार
विकास - भाई शहर जाकर भूल मत जाना और आते रहना ।
इतना बोल के वो उनसे विदा ले लेता है और रास्ते में राहुल ,रोहन से बोलता है ।
राहुल - यार तेरी बात सही थी बहन की जवानी देखना इतना भी गलत नही होता जितना मैं समझता था ।
रोहन - राहुल को देखते हुए साले मतलब तूने भी आरोही को देखा ।
बात ऐसी है जब राहुल की तबियत ठीक नही थी तो वो बिस्तर पे पड़े पड़े ही आरोही और आयशा की जवानी को देखने लगा था जिसमे उसे अब मज़ा आने लगा था ।
राहुल - हाँ यार
रोहन - उस दिन तो मुझे बहुत ज्ञान दे रहा था पाप है ,और अब उसकी जवानी देख लंड हिलाने लगा।
राहुल - हाँ यार सच में वो मस्त माल है और शर्म से गर्दन झुका लेता है ।
रोहन - हँसते हुए ,अब शर्मा क्यों रहा है भाई जब लंड खड़ा होता है तो वो रिश्ता नही देखता बस बूर देखता है । तु अब तु समझ गया है वैसे साली आरोही है बहुत मस्त माल ,मैं तो पहले ही दिन उसकी गांड का दीवाना हो गया था ।
राहुल - मुस्कुरा जाता है और बोलता है आयशा भी कुछ कम नही है।
रोहन - हाँ तभी तो उसकी लेना चाहता हूँ पर कैसे लूं समझ नही आता
राहुल - साले तु भी ना ,तु देखेगा कुछ ???
रोहन - क्या दिखा रहा है
राहुल - आरोही की गांड वाली फोटो को दिखाते हुए बोला ये ,कैसी हैं
रोहन - वाह बहनचोद क्या गांड है यार किसकी है ये मस्तानी गांड
राहुल - मुस्कुराता हुआ आरोही की है जब देखा तो सोचा फोटो ले ही लेता हूँ हिलाने के काम काम आएगा ।
रोहन - क्या बात हैं बहनचोद तु सच्चा आशिक़ है अपनी बहन का ,और दोनो मुस्कुरा देते है
रोहन - अगली बार जब आएगा तो आरोही की सील खोलने की खबर लेकर आना
राहुल - मुस्कुरा के साले इतने सपने मत दिखा अभी तो हिलाना शुरू किया है पता नही आरोही देगी या नही ।
रोहन - वो नही देगी तो निधि दीदी की ले लेना वो भी तो गजब की माल है सुना है जिम जाती हैं। गांड और जाँघे मस्त कर लिए है जिम जाकर । वैसे कितना बार हिलाया आरोही पे तूने ??
राहुल - निधि दीदी का बदन तो मस्त है देखते है यार क्या होता है । यार ३ बार किया आरोही पे और एक बार निधि दीदी पे भी ।
रोहन - मुस्कुरता हुआ चल सही है तूने भी घर की बूर का मज़ा लेने लगा ।
दोनों का वार्तालाब ख़तम हो गया और वो घर पे आ कर दिल्ली के लिए रवाना हो गये दो दिन के सफर था बिहार से दिल्ली का इधर दिल्ली में गरिमा और उसके पापा ने भी बहुत गुल खिलाये थे जिस से ये लोग अनजान थे।







नोट -लिखने में कोई गलती हो जाये तो क्षमा कर दीजियेगा
 
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अपडेट 7
दिल्ली में,
बरखा और निधि के जाने के बाद गरिमा बोर हो रही थी इसी लिए उसने अपनी सबसे अच्छी दोस्त पलक को कॉल करके घर बुलाया और शुरू होता है बातों का दौर
पलक - साली मुझे कैसे याद कर लिया आज
गरिमा - बस यार बोर हो रही थी और तुझसे मिले हुए भी तो बहुत समय हो गया इस लिए बुला लिया तुझे।
पलक - अच्छा ये बता कल रात ठीक से सोई की नही ।
गरिमा - नही यार नींद ही नही आई रात भर करवटें बदलती रही ।
पलक - क्या हुआ ऐसे बुझे हुए मन से क्यों बोल रही है और सोई क्यों नही
गरिमा - यार तेरी वो बात मुझे रात भर सोने नही दी
पलक - अच्छा जी तो मैडम की चूत में चुनचुनी हो रही है
गरिमा - तु भी ना कुछ भी बोलती है ।
पलक - अच्छा मे कुछ भी बोलती हूँ तो मेरी बात से तु रात भर क्यों नही सोई और हँसने लगती है ।
गरिमा अब क्या बोलती की सच में वो अपनी चूत की खुजली के कारण सो नही पायी थी । पलक देख गरिमा मुझे पता है तु कल रात अपने पापा की याद में चूत सहलाती रही वो फिर से हँसने लगती है
गरिमा - यार मुझे शर्म आ रही है तु ऐसे मत बोल
पलक - अच्छा साली तु अपने पापा का लेने के लिए पुरी रात बेचैन रही और गलत में बोल रही है साली तु अपने चूत और दिमाग़ को समझा ले की वो अब पापा का दीवाना हो चुका है अब तुझे उनका लंड लेकर ही चैन मिलेगा ।
गरिमा - साली तु सच में बहुत कमीनी और रंडी है छी पापा का कोई कैसे ले सकता है
पलक - जैसे में लेती हूँ वैसे ले ले मेरी जान ।
गरिमा - क्या ❔ साली तु क्या बोली तुझे पता भी है
पलक - हाँ गरिमा मैंने तुझे कभी नही बताया की मेरे पापा से मेरे योैन सम्बंध है
गरिमा - ये तु क्या बोल रही है सच में ऐसा कुछ है क्या
पलक - हाँ यार मम्मी के जाने के बाद पापा और मेरे बीच ऐसे हालत हुए की एक दिन में पापा के बिस्तर को गरम कर गयी । में नही चाहती थी की फिर से हो पर चूत की खुजली ने मुझे मजबूर कर दिया और में फिर से उनके साथ सोई उस हसीन रात के बाद तो खुद उसने लिपटने के लिए इंतेज़ार करती कब रात होगी और कब मुझे पापा का लंड मिलेगा । अब तो बस मज़ा आता है ।
गरिमा ये सब सुन के चौंक गयी थी की कैसे एक बाप और बेटी के पवित्र रिश्ते में यौन सुख ले सकते है ।
वैसे भी पलक कैसे बताती गरिमा को ,की वो अपने ही पिता को कौमार्य सौंप चुकी थी ।हालत और समय ने दोनो को यौन सुख लेने पे मजबूर कर दिया था पलक की आँखे नम हो गयी थी ये बताते हुए ।
गरिमा - तु रो क्यों रही है
पलक - यार मैं कभी नही चाहती थी अपने पापा के साथ ऐसा कुछ करूँ पर मैं मजबूर हो गयी थी और हालत को देखते हुए दोनो एक हो गये ।
गरिमा - बहुत समझदार लड़की थी कई बार हालत इंसान को मजबूर कर देते है गलत काम को अंजाम देने के लिए ,
में समझ सकती हूँ यार पर तुझे मज़ा तो आता है ना ,ये सुन पलक के चेहरे पे मुस्कान आ जाती है
पलक - हाँ बहुत मज़ा आता है अपने ही पापा का लेने में तु भी ले ले ।
गरिमा - मुस्कुरा देती है और बोलती है साली तु नही सुधरेगी ।
पलक - मैं तुझे बस खुश देखना चाहती हूँ यार तेरे बॉयफ्रेंड की वजह से तु कितना रोई थी मुझे याद है और तेरी चेहरे पे ये खुशी कितने समय बाद देखी है मैंने इस लिए बोली की तेरे पापा तेरे लिए ही है
गरिमा - थोड़े उदास मन से हम्म.. तेरे बात सही है पर क्या पापा मानेगे और किसी को पता चल गया तो क्या होगा
पलक - साली दुनिया का कोई भी मर्द ,चूत को ना नही बोल सकता, चूत की असली खासियत यही है समझी मेरी जान, तो बना ले पापा को सैयां ,सब के सामने पापा और अकेले में सैयां जी । और ये सब तो अब घर घर में हो रहा है और सुरक्षित भी होता है बहार करने का मतलब है एक गलती और जीवन भर रोना ,और चूत तेरी है तु जिसे देना चाहे दे ये दुनिया कौन होती है तुझे रोकने वाली बाकी तेरी जैसी इच्छा ।
गरिमा - शर्मा जाती है ये सुन के
पलक - चल यार अब मैं चलती हूँ पापा और मैं ७ दिनों के लिए शिमला जा रहे हैं ।
गरिमा - साली हनीमून मानने जा रही है क्या ??
पलक - हाँ कुछ यही समझ ले मेरी जान और मुस्कुरा के चली जाती है ।
शाम को खाना खाते समय सुरेश की नज़र आज गरिमा के बदन को ही देखे जा रही थी।गरिमा को जब ये एहसास हुआ की उसके पापा उसको ही देख रहे है तो वो मन ही मन मुस्कुरा जाती है पलक की बात याद करके ।

गरिमा और उसके पापा को अकेले समय बीतने को मिल रहा था दोनों काफी करीब आ चुके थे ।अब तो गरिमा अपनी ब्रा और कच्छी कही भी रख देती थी ताकि सुरेश उसे देख गरम हो जाये ।सुरेश कई बार गरिमा की कच्छी में अपना माल गिरा के छोड़ देता था जो गरिमा देख के मुस्कुरा जाती थी । इधर सुरेश भी गरिमा के जवान बदन को देख अपनी मर्यादा भूल चुका था ।अब उसे बस अपनी बेटी के बदन का भोग लगना था ।
एक दिन गरिमा नहाने गयी और बाथरूम को बंद नही किया जैसा पलक उसको बोली थी बिल्कुल वैसे ही की और नंगी होकर नहाने लगी यही वो समय था जब सुरेश का सब्र का बान टूट गया और उसने गरिमा को जाकर पीछे से पकड़ लिया ।ऐसे अचानक हुए हमले से गरिमा सिहर जाती है।सुरेश के हाथ अपने ही बेटी के उरोजो को मसलने लगा था और उसके होठो पे अपने होंठ रख के चूमने लगा ऊपर से शवर से गिरते पानी से अब सुरेश भी भीग चुका था दोनो के बदन में हवस ने जन्म ले लिया था
सुरेश उसके गर्दन को चूमने लगा गरिमा झूठे ग़ुस्से के साथ नही पापा ये गलत है पर गरिमा जैसे ही कुछ और
बोलती सुरेश ने अपने होठो से उसका मुँह बंद कर देता
इधर गरिमा के मोट मोट उरोजो को अपने मर्दाना हाथों से मसलने लगा ,ये पहली बार नही था जब गरिमा को किसी मर्द ने छुआ था उसका पुराना प्रेमी भी उसके उरोजो के साथ खेल चुका था पर चूत तक पहुँचता इस से पहले ही गरिमा को उसकी सच्चाई पता चल गयी की वो उसको धोका दे रहा है बस शायद इसी दिन के लिए गरिमा आज तक कुंवारी थी की उसका कौमार्य उसके पापा के लिए है धीरे धीरे सुरेश के होठ गरिमा के निप्पल को चूसने लगते है ऊपर से पानी की फुहार दोनो के बदन में आग में घी डालने का काम कर रही थी गरिमा इस अपरा तिम आनंद के सागर में डूब गयी और मज़ा लूटने लगी आह्ह्ह्ह...पापा उससे ये एहसास और रोमांचित का रहा था की उसके उरोजो को चूसने वाला इंसान उसके पापा है जिनकी मेहनत से ही वो इस दुनिया में आयी है अब वो उस लंड से खेलिगी । जिस से कभी उसकी माँ खेला करती थी आह्ह्ह..पापा ये सिसकियाँ सुरेश को उत्तेजित कर रहे थे आह्ह्ह..गरिमा तेरे दूध उम्म्म...मेरी प्यारी बेटी काफी देर तक दोनो बाप बेटी दुनिया से बेखबर अपनी बदन की आग मिटाने में लगे हुए थे।दोनो के बदन पे अब कोई वस्त्र नही था ।सुरेश निचे बैठ के गरिमा की चूत पे मुह लगा देता और चाटने लगता है इस हमले का गरिमा पे इतना जोरदार असर हुआ की उसके पैर कांपने लगे। आह्ह्ह...पापा ये गलत है ऐसा मत करो
सुरेश तो बस चूत को खाने में लगा था उसे कोई मतलब नही था उसकी बेटी की बूर है ।।सुरेश ,गरिमा को उठा के उस कमरे में ले गया जहाँ उसने बरखा की खुली हुई बुर में लंड डाला था पर अब उसको अपनी बेटी का कौमार्य मिलने वाला था जो बरखा नही दे पायी थी वो उसकी ही चूत से निकली उसकी बेटी देने वाली थी । बिस्तर पे गरिमा को रख कर सुरेश फिर से उसके बदन खेलने लगता है दोनो एक दूसरे के बदन को रगड़ने में लगे हुए थे तभी सुरेश उठ कर अपना लंड उसके मुँह के करीब ले जाता है दोनो की नज़रे एक दूसरे को देखती है और गरिमा शर्मा के लंड मुँह ले लेती है और चूसने लगती है इस आनंद के बारे में कल्पना करना सुरेश ने कभी नही सोचा था ।
आअह्ह्ह..गरिमा बेटी चुसो पापा का मदहोशी में सुरेश बोले जा रहा था आअह्ह..चुदड़कड़ कुतिया पापा की रंडी
अब समय आ गया था दोनो के मिलन का सुरेश माझा हुआ खिलाडी था उसने लंड को चूत पे रख के जोर से घुसा दिया ।गरिमा की जोरदार चीख़ से कमरा गूज उठा आज एक कली फूल बन चुकी थी सुरेश का लंड गरिमा की चूत को फाड़ के अंदर समा चुका था तभी एक और झटके से साथ गरिमा अपना कौमार्य पापा के नाम कर देती है ।और धीरे धीरे धक्को से चुदाई की रेल चलने लगती है गरिमा को ये एहसास ही नही था आज उसने अपनी चूत की खुजली के करण इतना बड़ा कदम उठा चुकी थी ।
गरिमा - आह्ह्ह...पापा चोदो अपनी बेटी को फाड़ दो मेरी बुर को पापा बहुत तंग करती है रात भर आह्ह..मेरे प्यारे पापा
सुरेश - आह्ह..हाँ बेटी आज तुझे चोद के मैं अमर हो गया जो तेरी माँ नही दे पायी वो तूने दे दिया
गरिमा को इतना मज़ा पहला कभी नही आया था वो चाहती थी की ये मज़ा ऐसे ही चलता रहे कभी ख़तम ना हो पर कोई भी काम शुरु हुआ है तो ख़तम भी होता ही है ।
कुछ देर चुदाई का ये खेल चलता रहा और फिर वो वहा पहुंच गये जिसे चरमसुख कहते है और देखते ही देखते गरिमा का पानी निकलने लगा बदन जोर से कांपने लगा इधर सुरेश भी गरिमा के काम रस से कमजोर हो गया और वो भी आह्ह...गरिमा बोलते हुए अपना माल उसकी चिकनी योनि में उगलने लगा ।और धड़ाम से उसके ऊपर गिर गया। दोनो ही अपनी साँसे काबू करने में लगे तभी दोनो की आँखें मिलती है और गरिमा शर्म से आँखें बंद कर लेती है ।
कुछ दर बाद सुरेश ,गरिमा ओ बेटा गरिमा आंखें खोलो ना जान गरिमा अपने आँखें खुलती और अपने प्यारे पापा को देखती हैं और फिर से लाज़ा जाती है ।
सुरेश बेटी जो भी हुआ गलत हुआ पर में बहुत कमजोर हो चुका था तेरी ये जवानी मुझे पागल कर रही थी हो सके तो अपने पापा को क्षमा कर देना । और उसकी आँखें नम हो चुकी थी ये सोच के की उसने अपनी ही बेटी का भोग लगा लिया ।
गरिमा - आखें खुलते हुए पापा से बोलती है पापा इसमे आपकी कोई गलती नही है मैं भी अपनी जवानी को काबू नही कर पायी और आप के साथ हम बिस्तर हो गयी ।मुझे भी माफ़ कर देना ।पर जब उसकी नज़र सुरेश पे गयी थी उसकी आँखें भी भीग गयी ।
दोनो ने एक दूसरे को देखा और लिपट गये उनकी आँखें ये साबित कर रही थी की हवस उनके प्यार पर भारी पड़ चुकी थी पर अब क्या करते जो हो चुका वो अब वापस नही हो सकता था दोनो रोते रोते सो गये ।
सुबह की पहली किरण से गरिमा की नींद खुल जाती है और वो बगल में सोये पापा को देखती हैं वो मुस्कुरा जाती है की कल तक ये उसके पापा थे और आज उसके बदन को भोगने वाला उसका मर्द ,रात की बातें सोचते सोचते गरिमा थोड़ी उदास हो जाती है की दोनो के बीच जो वो सही था की नही तभी कॉल के रिंग से वो वापस अपनी दुनिया में आती है और देखती है ये तो मम्मी का है
बात करके कॉल कट कर देती है और उठ कर अपने पापा के लिए या दूसरी तरफ अपने पति के लिए नास्ता बनाने चली गयी ।
सुरेश और गरिमा की निगाहें जब मिली तो दोनो रात की मनमोहक मिलन को याद कर के मुस्कुरा देते है दोनो नास्ता कर रहे थे पर बोले कुछ भी नही ।तभी सुरेश बोला बरखा के आने में दो दिन है घर की सफाई अच्छे से कर देना ।ये सुन गरिमा का चेहरा खिल जाता है इसका सीधा मतलब उस बिस्तर से था जिसपे गरिमा और सुरेश के मिलन की निशानी अभी भी ताज़ा थी । और दुकान के लिए निकल जाता है ।इधर गरिमा अच्छे से अपनी चुदाई के सबूत मिटा देती है और पलक को कॉल पे सब बता देती है।
पलक - वाह साली तु तो रंडी निकली अपने ही पापा को फंसा के चुदवा ली ।
गरिमा हंस देती है और बोलती है साली सब तेरी वजह से हुआ
पलक जो शायद शिमला में अपने पापा के लंड को चूसने जा रही थी की गरिमा का कॉल आता है और वो उठा के बात करती है
पलक - साली मेरी वजह से नही तेरी चूत की खुजली ने तेरे पापा को बेटीचोद बनवा दिया
गरिमा - हँसते हुए हां यार जो भी हो मज़ा बहुत आया
पलक - अच्छ सुन बाद में बात करती हूँ अभी क्रीम रोल खाने दे यार ।
गरिमा - मुस्कुरा के ठीक है खा ले साली और कॉल कट कर देती है
शाम को जब सुरेश घर आया तो गरिमा को देख उसकी आँखें खुली की खुली रह जाती है ।
आज गरिमा ने अपनी माँ की सुहागरात वाली साड़ी पहनी थी जिसमे गजब की बाला की खूबसूरत लग रही थी।
उसने सुरेश को पानी देकर बिल्कुल पत्नी की तरह किया उसका ये रूप सुरेश के मन को ही नही लंड को भी रोमांचित कर गया ।
सुरेश कुछ खास बोल नही पा रहा था पर गरिमा आज बहुत खुश थी खाना खाने के बाद सोने की तैयारी हुई गरिमा अपने कमरे के वजह पापा के कमरे में चल दी
सुरेश कुछ बोलता उससे पहले ही गरिमा ने सिन्दूर की डिब्बी उसके सामने कर दी और बोली मेरी मांग भर दो पापा ।
ये सुनते ही सुरेश के तो हाथ पैर ठंडे हो जाते है और वो बिस्तर से उठ कर बोलता है क्या ?? ये तुम क्या कह रही हो बेटा मैं कैसे तुम्हारी मांग भर सकता हूँ ये तो पति करते है ।
गरिमा - हाँ पापा और मेरे पति आप हो ।
सुरेश - ये क्या बोल रही हो गरिमा तुम ठीक तो हो मैं तुम्हारा पिता हूँ।
गरिमा - पिता थे अब नही हो कल रात जो हुआ वो एक पति अपनी पत्नी से करता है इसी लिए अब मेरे पति को मेरी मांग भर के मुझे पत्नी का दर्ज़ा देना चाहिए
सुरेश की तो हालत खराब हो चुकी थी ये सब सुन के की उसकी खुद की बेटी उससे विवाह रचाना चाहती हैं
सुरेश - पर ये कैसे हो सकता है संसार और समाज इसकी इजाज़त नही देते है ।
गरिमा - पापा कल रात जो हुआ उसको भी संसार और समाज उसकी भी इज़ाज़त नही देता पर अपने मेरा भोग लगया ना और मेरा कौमार्य लेकर मुझे कली से फूल भी बना दिया
सुरेश बिल्कुल चुप था आखिर वो क्या कहता गरिमा की बातें बिल्कुल सही थी जो उसने कल रात को किया था उसकी भी तो इज़ाज़त समाज नही देता ।
थोड़ी देर कमरे की शांति को गरिमा ने भंग किया और बोली मैं आपके लिए अपना कौमार्य दे दिया और क्या आप मुझे पत्नी नही बना सकते क्या आप मुझे रखैल की तरह इस्तेेमाल करना चाहते है ।इससे आगे गरिमा कुछ बोलती सुरेश बोल उठता है नही नही बेटी तु मेरी गरिमा है जिसने मुझे पहली बार पापा बोला था तेरी ही वजह से मैं पिता का पहला एहसास किया था मैं तो सपने में भी तुझे कभी रखैल नही समझ सकता हूँ।
गरिमा तो मेरी मांग भर के मुझे बरखा देवी के बराबर का दर्जा दो और मंगलसूत्र पहना के पत्नी बन ने का हक ।
थोड़ी देर की चुप्पी के बाद सुरेश बोलता है ठीक है गरिमा और उसकी मांग भर देता है और उसके गाले में मंगलसूत्र पहना के पत्नी बना लेता है
गरिमा भी अपने पति या पापा के पैर छुकर आशीर्वाद लेती है और गरिमा कहती है चलो जी मेरे कमरे में सुरेश बोलता है क्या हुआ अब पत्नी का दर्जा तो दे दिया ।
गरिमा पत्नी का दर्जा तो मिल गया पर पत्नी को पति का जो चाहिए उसका दर्जा मेरे कमरे में है ।इतने बोल के गरिमा और सुरेश चल देते है ।
कमरे में पहुंचते ही पुरा कमरा फूलो से सजा हुआ था बिस्तर पे भी फूल ही फूल थे पुरा कमरा फूलो की खुसबू से महक उठा था और दिवार पे एक तरफ लिखा था गरिमा संग सुरेश ,ये सब देख सुरेश की धड़कने तेज़ हो गयी उसको अपनी और बरखा की सुहागरात याद आ गयी ।उफ़..वो भी क्या दिन थे पर यहा बरखा से कसी हुई चूत आज उसे मिली थी ।दोनो एक दूसरे को देख के मुस्कुरा दिये और होठो को होठो से मिला के अपनी सुहागरात का पहला चरण शुरू कर दिया ।दोनो ही आज पूरे साथ दे रहे थे थोड़ी देर की होठो को रगड़ने के बाद दोनो अलग हुए दोनो की साँसे तेज़ थी ।एक खुशी के साथ दोनो के ही चेहरे पर मुस्कुरहट थी ।सुरेश बोला मुझे नही पता था मेरी फिर सुहागरात होगी आई लव यू गरिमा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ ।गरिमा मुस्कुरा कर कहती है मैं भी आप से बहुत प्यार करती हूँ जी ।
फिर दोनो का मिलन होने लगता है दोनो जोर जोर से आहे भर रहे थे पुरा कमरा थप थप की आवाज़ से गूज रहा था मस्ती अपने पूरे सबाब पे थी दोनो ही आज एक दूसरे में समा जाना चाहते थे ।आह्ह्ह..सुरेश धीरे करो राजा जी
ये आवाज़ गरिमा की जब सुरेश के कानो में गयी तो सुरेश मुस्कुरा के गरिमा को और जोर से पेलने लगा आह्ह.. गरिमा मेरी जान इतने कहते ही सुरेश का लंड माल फेंक देता था और गरिमा की बूर माल से भरने लगती है इस एहसास से गरिमा भी झटके खाते हुए अपने कामरस को सुरेश के वीर्य से मिला देती है और दोनो आज सही रूप में पति पत्नी बन चुके थे ।दोनो की बीच आज हवस कम प्यार ज्यादा था पर हवस के बिना प्यार अधूरा है और प्यार बिना हवस दोनो के बिना ये संसार नही चल सकता ये सत्य है ।
रात भर गरिमा का बदन को सुरेश ने रगड़ रगड़ के थका दिया था उसका अंग अंग टूट रहा था रात भर की चुदाई से गरिमा थक गयी थी और सुरेश भी अपनी पत्नी के लिए घर पे रुक ही गया दोनो ने पूरे दो दिन तक पति पत्नी की तरह रह कर मज़ा लूट रहे थे इस दौरान गरिमा अनेक बार चोदी और सुरेश ने भी गरिमा को हर तरह से पेला कोई कसर नही रखना चाहता था सुरेश आखिर पत्नी को ठीक से ना चोदो तो वो किसी और से पिलवाती है ।
उधर गाँव से राहुल ,निधि ,बरखा और आरोही दिल्ली के लिए निकल चुके थे उनके आने से पहले गरिमा ने सब कुछ पहले जैसा कर दिया वो अपनी चुदाई का कोई सबूत नही छोड़ना चाहती थी हाँ पर एक सबूत वो कभी नही मिटा सकती थी जो उसकी टांगो के बीच था उसकी चूत जो अब खुल चुकी थी जिसे देख के कोई भी बता देता ये चुदी चुदाई माल है ।
रात भर चुदाई करके सुरेश और गरिमा नंगे ही सो गये थे ।सुरेश की आँख खुली तो दिन के 12:35 हो रहे थे। तभी सुरेश को याद आता है की बरखा तो आज ही आने वाली थी वो जल्दी से गरिमा को उठा के कमरे की साफ सफाई करते है और एक बार फिर से बाप और बेटी बन जाते है ।
राहुल ,निधि ,बरखा,आरोही स्टेशन पे उतर चुके थे और घर के लिए टेैक्सी करके निकल जाते है इधर गरिमा को डर लग रहा था की कही किसी को पता ना चल जाये उसके हाथ पैर डर से फूलने लगते है की तभी सुरेश ये सब देख के गरिमा को चूम लेता है और बोलता है प्यार किया तो डरना क्या और मुस्कुरा देता है साथ मैं गरिमा भी मुस्कुरा देती है ।
इतने देर में दरवाजे पे कोई दस्तक देता है बरखा, गरिमा बेटा कहा है दरवाजा खुल बेटा हम लोग आ गये है।कुछ ही समय के बाद दरवाजा खुलता है और सब एक दूसरे को देख गाले लग जाते है । गरिमा एक सबूत मिटाना भूल गयी थी पर क्या ??? ये राज़ कोई जान पायेगा या नहीं और वो सबूत किसके हाथ लगेगा ??
 
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प्यार का एहसास

सुरेश दुकान पे था आज वो बहुत बेचैन हो रहा है ।सुमन क्या हुआ राजा जी ? सुरेश कुछ नही सुमन आज बरखा और मेरे बच्चे आ गये है इसीलिए उनके साथ समय बिताने चाहता हूँ। सुमन अच्छा अच्छा मैडम आ गयी ,चलो अच्छा है अब आपके रात का जुगाड़ तो हुआ और मुस्कुरा देती है । उधर घर में बरखा अरे वाह गरिमा तूने तो पुरा घर अच्छे से रखा है क्या बात है मुझे तो लगा दोनो बाप बेटी घर का सत्यानाश कर दोगें ।ये सुन गरिमा को अपनी चुदाई याद आ जाती है जो पिछले 2 दिन से लगातार चल रही थी और वो उस दौरान अनेक बार चोदी थी इस बीच दोनो ने घर का कोई काम नही किया था बस चुदाई पे चुदाई किये जा रहे थे ।ये सोच के गरिमा मंद मंद मुस्कुरा रही थी
तभी आरोही बोलती है क्या हुआ दीदी आप इतना मुस्कुरा क्यों रही हो। आरोही ये बोली ही थी की सब गरिमा की तरफ देखने लगे थे ।गरिमा ऐसा कुछ नही है मैं तो बस मम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन के खुश हो रही हूँ की उनके ना रहते हुए भी मैं घर संभाल सकती हूँ ,ये गरिमा ने बस बाकी लोगो के लिए बोला था पर मन में तो वो ये सोची की जब पापा को संभाल लिया । तो घर क्या चीज़ है ।
जैसे तैसे समय गुज़ार गया और बरखा आज फिर से किचन में शाम की चाय बना रही थी निधि आज जिम नही जाना चाहती थी अपने कमरे में राहुल और आरोही के बारे में ही सोच रही थी ।आरोही भी अपने कमरे में कुछ सोच रही थी पर क्या ?? पता नही ।
गरिमा और राहुल तो कैरम खेल रहे थे उसने आज थोड़ा बड़े गाले का सूट पहना था ।जिससे वो जब थोड़ी झुकती तो उसके उभार राहुल को दिखते थे ।राहुल बार बार गरिमा के उरोजो को देख रहा था और उसके मन में अंजलि की एक बात आ जाती है की तेरे घर में कितनी रंडिया है और यही सोच वो मुस्कुरा पड़ता है ।बरखा चाय लेकर आती है ।और राहुल को देख के बोलती है मेरा प्यारा बेटा क्यों मुस्कुरा रहा इतना , गरिमा ,राहुल को देखती है
राहुल की नज़र तो अभी भी गरिमा की मोटे चुचों पे थी उसका ध्यान ही नही गया की उसकी माँ कुछ बोली भी है गरिमा जब राहुल की नज़र का पीछा करती है तो देख के मुस्कुरा पड़ती है और सोचती है जैसा बाप वैसा बेटा और अपने चुचों को ढक लेती है बरखा भी साथ में बैठ जाती है ।पर निधि अपने कमरे के दरवाजे से सब देख रही थी की राहुल गरिमा की चूचियाँ कैसे देख रहा था अब उसको पुरा विश्वास हो चुका था की राहुल एक नंबर का हरामी हैं और वो कभी भी अपनी बहनों की चूत मरने की कोशिश करेगा।
बरखा आवाज़ देती है निधि ,आरोही बेटा आ जाओ चाय बन गयी आकर पिलो बेटा । सब हॉल में बैठ चाय की चुस्की लगा कर बातें करने लगे ।
गरिमा - मामा मामी कैसे है ?
बरखा - ठीक है बेटा वो लोग तुझे याद कर रहे थे ।
गरिमा - हाँ मम्मी अगली बार में भी मामा मामी से मिलकर आउंगी ।
निधि - दीदी आप कोई नौकरी कर लो खाली बैठ के कोई फायदा तो है नही ।
गरिमा - तु सही कह रही है यही अच्छा है समय भी कट जायेगा और कुछ पैसे भी आ जाएंगे
आरोही - दीदी आप को पता है राहुल भैया बहुत गंदे है मुझे कभी भी नदी किनारे घूमने नही ले गये ऐसे ही बोलते है की प्यार करते है ।उम्म..गंदे भैया मुँह बनाते हुए कहती है ।
निधि - मन में अच्छा हुआ तु नदी किनारे नही गयी वरना तेरी सील वही खोल देता । ठरकी साला ,
गरिमा - क्यों भाई क्यों नही ले गया आरोही को बेचारी सबसे अधिक प्यार तेरे को ही करती है और तु बेचारी के साथ ऐसा करता है ।
राहुल - दीदी नदी काफी दूर हैं आप तो जानती हो और आरोही को पैदल चलना पसंद नही है मैं इस घोड़ी को अब गोदी नही ले सकता कितनी भारी हो गयी है।
ये सुन सब हँसने लगते है आरोही चिड़ कर कहती है अच्छा मैं भारी हूँ या आप ही कमज़ोर हो गये हो और सड़ा हुआ मुँह बना के अपने कमरे में चली जाती है ।इधर निधि मन में आरोही ये तुझे घोड़ी बोल रहा है समझ कुछ ये साला तुझे घोड़ी बनाना चाहता है बुद्दू लड़की। ऐसे ही बातें करते हुए शाम से रात होने लगी और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो चले ।
निधि अपने कमरे में क्या करूँ दीदी और आरोही को बता दूँ राहुल के बारे में या नही ,पर ये राहुल का बच्चा तो सीधा सीधा आरोही को घोड़ी बनाना चाहता है कितना कमीना है ये साला ठरकी अपनी ही बहन को घोड़ी बोल रहा हैं कुछ तो करना पड़ेगा ।क्या करूँ ये सोच ही रही थी की गरिमा कमरे में आकर बोलती है क्या हीरोइन क्या सोच रही है ।निधि कुछ नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रही हूँ । गरिमा अच्छा जी मुझे भी तो बता क्या क्या किया गाँव में निधि कुछ खास नही दीदी बस थोड़ा बहुत गाँव घूमी और दीदी ?
गरिमा बोलते बोलते रुक क्यों गयी ।दीदी वो आयशा के आम बहुत बड़े हो गये है और मुस्कुरा देती है
गरिमा क्या कहा तूने बेशर्म लड़की तु आयशा के आम देख रही थी बहुत कमीनी है । और दोनो हँसने लगती है
बहुत दिनों बाद आज सब साथ बैठ कर खाना खा रहे है ।
सुरेश तो बस प्यासा था गरिमा की चूत का आखिर उसकी पत्नी है और नई नई शादी में तो चुदाई दिल खोल के होती हैं और अब घरवालो के आने से अब ये चुदाई का खेल बंद हो जायेगा ये सोच के सुरेश बहुत उदास था ।बरखा, सुरेश से दुकान कैसे चल रही है जी ? सुरेश हाँ ठीक ही चल रही है ।खाना खा कर सब अपने कमरे चले जाते हैं और बरखा बर्तन धोने लगती हैं फिर वो भी अपने कमरे में चली जाती हैं। आरोही ,राहुल ,निधि ,बरखा ये चारों ही सो चुके थे रेल गाड़ी के सफ़र ने चारो को थका दिया था बिस्तर पे गिरते ही नींद की आगोश में चले जाते है इधर बिस्तर पे गरिमा करवटें बदल रही थी आखिर नई नई शादी हुई और पति से दूर सोना किसे अच्छा लगता भला ,इधर सुरेश का भी यही हाल था ।तभी गरिमा ने मोबाइल फोन उठा कर एक मैसेज सुरेश को किया हेल्लो पति परमेश्वर जी सो गये क्या ?? इधर सुरेश का मोबाइल पे एक मैसेज आता हैं वो वैसे ही परेशान था तो मन में बोलता है अब किसकी माँ चुद गयी जो इतनी रात को मैसेज कर रहा है ।जब मैसेज देखता है तो उसके चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है सुरेश नही जानू तुम्हारे बिना नींद कहा आएगी गरिमा ने एक और मैसेज किया , जान मुझे भी नींद नही आ रही है एक काम करो किचन में मिलते है ठीक है और सारे मैसेज डिलीट करके किचन के लिए चल देती है सुरेश के कमरे से किचन काफी पास में था पर गरिमा को चुप के से उतर के आ रही थी की कोई आवाज़ ना सुन ले और किचन में पहुंचते ही सुरेश लाइट जला के गरिमा को देखता है फिर बुझा देता है ।और लाइट बंद होते ही दोनो एक दूसरे लिपट जाते है।सुरेश आह्ह ... अब चैन मिला मुझे दिन भर कैसे कटा क्या बताऊँ तुमको जान गरिमा मेरा भी यही हाल है पति देव आपके बिना नींद तो दूर की बात है सांस भी लेना मुश्किल है। अब इतने सुनते ही सुरेश गरिमा के होठो पे होंठ लगा देता है और फिर दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे जैसे जन्मो के प्यासे हो जैसे एक प्यासे को पानी मिल गया हो । धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा की गांड पे चले जाते है और वो गांड से खेलने लगता है इधर दोनो के होठो के बीच एक जंग चल रही थी ।और उधर गरिमा भी सुरेश का लंड निक्कर से निकाल कर सहला रही थी काफी देर होंठ चुसाई के बाद सुरेश चूची और गांड से खेलने लगता है आह्ह.. मेरी गरिमा तेरे चुचे क्या मस्त उम्म्म..
गरिमा आह्ह्ह.. पापा पति देव धीरे चुसो कहा भागी जा रही हूँ ।
धीरे धीरे दोनो नंगे हो जाते है और सुरेश बैठ के गरिमा की बूर पे जीभ लगा देता है आज सुरेश को बूर चाटने में और भी मज़ा आ रहा था । उसने कभी सोचा भी नही था की वो इस तरह अपने ही घर के किचन में अपनी बेटी की बूर चाटेगा ।
आह्ह.. पापा गरिमा की बुर पनिया गयी थी सुरेश ने सोचा अब चाटना ठीक नही झाड़ गयी तो खड़े लंड पे धोखा हो जायेगा ।और गरिमा के कान में धीरे से बोलता है जान अब मेरा चुसो इतना सुनते ही गरिमा बैठ के लंड मुँह लेकर लापा लाप चूसने लगती है सुरेश मस्ती और आनंद के सागर में डुबकी लगते हुए आहे भर रहा था और हलकी सिसकियों से किचन गूजने लगता हैं गरिमा अपनी जीभ को टोपे पे फेर रही थी और मस्ती में सुरेश की आह्ह्ह.. गरिमा चूस साली बहन की लोड़ी मुँह से निकल जाता है । इस तरह चुसाई का खेल ख़तम हुआ और फिर सुरेश अपनी पत्नी गरिमा की एक टांग उठा के बुर पे लंड रख पेल देता है एक दम से बूर में लंड घुसने से गरिमा सिसक कर रह जाती है । बूर और लंड दोनो ही गीले थे तो बूर लंड को सट से अंदर ले लेती है और फिर हिलने का खेल चल पड़ा सुरेश ने गरिमा को खड़े खड़े ही उसकी बुर में लोडा उतार दिया और लगा धक्के पे धक्का मारने धीरे धीरे लंड पूरे सबाब से बुर की कुटाई कर रहा था और गरिमा गरम गरम आहे भरते हुए आह्ह .. पापा चोदो मुझे सुरेश साली हरामजादी भड़वी आज से रोज़ यही चोदुंगा तुझको आह्ह.. रंडी की बेटी रंडी आह्ह।.. तुझे अपने बच्चे की माँ बनाऊगा ।
हाँ बेटीचोद बना दे पर बुर को फाड़ दे बहुत तंग कर रही है
काफी देर चुदाई का ये खेल चला और दोनो चरमसुख के करीब थे आह्ह..गरिमा मैं गया मेरी जान इधर गरिमा भी आह्ह..पापा पापा...चोदो दो फाड़ दो आह्ह..और दोनो लबा लब झड़ने लगते है गरिमा की बूर का कामरस और सुरेश का वीर्य मिलकर एक नई कहानी लिख रहे । जिसका अंजाम क्या होगा पता नही पर वो तो अपनी प्यास बुझाने में सब कुछ भूल गये थे।दोनो ही साँसे काबू करने में लगे थे की बाथरूम की लाइट चालू हो गयी दोनो डर गये इतने में राहुल बाथरूम जाता दिखायी दिया गरिमा ने अपने कपड़े पहने और बोली चलती हूँ जान कही राहुल देख ना ले सुरेश हाँ मेरी डार्लिंग अब अपने को सतर्क रहना होगा हमारे मिलन में ये बाधा बन सकते हैं इसलिए चुप चाप चुदाई को अंजाम देंगे और एक दूसरे को चूमते है और पहले सुरेश चला जाता था और फिर गरिमा भी वहा से निकल जाती है ।
एक नयी सुबह कुछ नया करने के लिए होती है पर बहुत से लोगो के जीवन में कुछ भी नया नही होता है। सुरेश नास्ता करके दुकान के लिए निकल जाता हैं। राहुल और आरोही कॉलेज जा चुके थे ,राहुल का भी आखिरी समय था कॉलेज में, निधि तैयार होकर बैठी एक गहरी सोच में थी तभी।बरखा बोली निधि बेटा तुम्हे कॉलेज नही जाना क्या ये सुन के निधि भी कॉलेज के लिए निकल जाती है
गरिमा आज देर तक सो रही थी वो आज बहुत दिनों बाद एक अच्छी नींद ले रही थी। जब से वो और सुरेश अकेले थे उसके सुलगते जिस्म ने उसे सोने नही दिया था और अपने ही पापा की दुल्हन बनने के बाद तो चुदाई पे चुदाई करवा रही थी आज वो फुर्सत से सोई दी । इधर कॉलेज में आज राहुल अपनी सबसे प्यारी दोस्त या यूँ कहे की अपनी प्रेमिका का कॉलेज आने का इंतेज़ार कर रहा था ।
और आरोही भी बहुत दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश थी आज आरोही बहुत मस्त माल बन के गयी थी।कई लड़को की नज़र बस उसकी गांड की उठान पे ही थी ।इधर राहुल भी अपनी दोस्त निशा से बात कर रहा था 2 सालो से राहुल निशा को चाहता है पर कभी बोल नही पाया।और शायद निशा के दिल में भी राहुल ही था इसीलिये उसने आज तक कोई आशिक नही बनाया था ।
निशा - गाँव में क्या क्या मस्ती किया तु
राहुल - कुछ नही यार बस दोस्तों के साथ गाँव घूमना और नदी में नहाना बस यही सब मस्ती की ।
निशा - नदी मतलब तुम्हारे घर के पास कोई नदी भी है
राहुल - अरे नही मेरे घर के पास नही मामा जी के घर से कुछ ही दूरी पे एक नदी है मैं अपने गाँव तो गया ही नही अगली बार ज़रूर जाऊंगा अपने गाँव
निशा - अच्छा, तुम्हारा सही है गाँव से घूमकर आ गये और एक मैं हूँ जो यहाँ रहकर बोर हो गयी हूँ ।
राहुल - तो अगली बार चलना मेरे साथ ,उतना बोला ही था की निशा खुश हो गयी थी सच में , मैं भी जा सकती हूँ गाँव ?
राहुल - हाँ निशा बिल्कुल वैसे भी हम अच्छे दोस्त है इतना तो बनता ही हैं ऐसे ही उनके बातों का सफर चलता रहा ।इधर निधि भी अपनी दोस्तों में लगी हुई थी ।तभी कॉलेज का एक लड़के ने निधि की टाइट गांड देख के कमेन्ट किया ।हाय क्या गांड है यारो और हँसने लगते है ।
अजय - यार गांड तो मस्त है ही और इस मस्त गांड के लिए कौन सी कच्छी पहनती होगी साली फिर से सब हँसने लगते है । विक्की अरे यार साली की कच्छी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये ।
तभी निधि अजय और विक्की के गालो पे एक एक जोरदार थप्पड़ उनके गालो पे रसीद देती थी ।अजय और विक्की गुस्से में निधि का टॉप पकड़ के फाड़ देते है , निधि ब्रा में आ जाती है ये इतनी जल्दी होता है की निधि को संभालने का मौका ही नही मिलता है । और कॉलेज के केंटीन में निधि ब्रा में खड़ी होती है । वो रोने लगती है इधर विक्की - साली रंडी तेरी ये। औकत तु हमें थप्पड़ मारेगी ।
अजय - नंगा करते है साली को तब पता चलेगा इस दो कोड़ी की रंडी को । निधि अपने उभारो को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । तभी केंटीन मे आरोही आ जाती है और विक्की को लगातार 2-3 थप्पड़ उसके गालो पे रसीद देती हैं ये इतना अचानक था की विक्की क्या वहा खड़े सभी ही आचंभित थे । तभी अजय ,आरोही को पकड़ कर साली तु मेरे दोस्त को मारेगी और उसके दोनो उभारो को पकड़ के इतनी जोर से मसल देता है आरोही आह्ह.. की आवाज़ में जोर से चीख जाती हैं।
विक्की भी आरोही की गांड को मसलने लगता है ।तभी वहा एक प्रोफ़ेसर आ जाता और दोनो घबरा के आरोही को छोड़ देते है ।
प्रोफ़ेसर- ये सब क्या हो रहा है विक्की अजय को देखते बोलता है ।
आरोही रोते रोते सर इन लोगो ने मेरी दीदी और मेरे साथ बतमीज़ी की है और जोर जोर से रोने लगती है ।
प्रोफ़ेसर- विक्की ,अजय दोनो प्रिंसिपल रूम में चलने को बोलता है ।
विक्की साली आज बच गयी दोनो रंडिया अगली बार तुम दोनो बहनो को नंगा नही किया तो मेरा नाम भी विक्की नही ।तभी प्रोफ़ेसर ये सब क्या बकवास कर रहे हो,विक्की सर रंडी को रंडी नही तो क्या बोलेंगे और हँसने लगते है प्रोफ़ेसर फालतू बात मत करो माफ़ी मांगो और चलो प्रिंसिपल के ऑफिस ,विक्की माफ़ी और इन से कभी नही और प्रिंसिपल के ऑफिस जाने के लिए निकल जाते है।आरोही भी रोते रोते अपनी दीदी को ढकने के लिए कपड़ा ढूंढ रही ।तभी वो राहुल को फोन कर के केंटीन बुलाती है
राहुल अपनी दीदी निधि को ब्रा में देख के आचंभित था और जल्दी से अपनी कमीज उतर के निधि की जवानी को ढकता है । निधि रो रही थी ।दीदी ये कैसे हुआ बताओ मुझे ,तभी आरोही रोते रोते ही राहुल के गाले लग जाती है राहुल क्या हुआ मेरी गुड़िया तु रो क्यों रही है और ये दीदी के साथ किसने किया । इतने में निशा, निधि सांत्वना देती है आरोही रोते रोते ही भैया वो .. भैया वो .. और रोने लगती है ।राहुल अपनी जान से प्यारी बहन को रोता हुआ देख उसकी आँखे भी नम हो जाती है ।निशा जानती थी ये दोनो राहुल की बहने है पर वो कभी उनसे कुछ नही बोलती थी पर इस घटना ने निशा को बोलने पे मजबूर कर दिया और उसने निधि से पूछा ।निधि ये सब कैसे हुआ और किसने किया ।बताओ निधि ,निशा के पहली बार ऐसे अपनेपन से निधि भावुक हो जाती है और उससे लिपट के रोने लगती है । निशा भी उसको जोर से अपने बांहों में भींच लेती हैं। राहुल फिर आरोही से पूछता है ये कैसे हुआ आरोही ??
आरोही का रोना अभी थोड़ा कम हो गया था वो रोते रोते ही बोली भैया वो विक्की और अजय ने दीदी के साथ बत्तमीज़ी करने लगे थे मुझे पता चला तो मैंने उनको रोकना चाहा तो उन्होंने मेरे साथ भी बत्तमीज़ी करने लगे वो राहुल को सब बता देती है ये सब सुन राहुल का गुस्सा सातवें आसमान पे था वो गुस्से में उन हरामज़ादो को छोडूंगा नही और वो गुस्से से ही प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ निकल पड़ता है । विक्की और अजय एक नंबर के ठरकी और लड़कीबाज़ थे वो गांजा भी पीते थे कॉलेज में ये नया नही था जब ऐसा कुछ हुआ हो ऐसा कई बार वो कर चुका था और एक बार तो एक लड़की को सब के सामने नंगा के दिया था । पर पूरे कॉलेज में एक निशा ही थी ।जिसको छूने की उनकी हिम्मत कभी हुई ही नही निशा एक दम मस्त पटाखा थी जिसे हर कोई बजाना चाहता था पर वो तो शायद राहुल से बजने के इंतेज़ार में थी ।इधर राहुल प्रिंसिपल के ऑफिस में बिना किसी की इज़ाज़त लिए घुस जाता है और विक्की और अजय और प्रिंसिपल जब उसे देखते है तो विक्की अरे नामर्द आ गया देखो तो कितना गुस्से में है और हँसने लगता है उसने इतना ही बोला था की विक्की के मुँह पे एक जोरदार पंच राहुल दे मरता है और वो इस हमले से कुर्सी से गिर जाता है ।अजय कुछ करता उससे पहले ही राहुल उसके मुँह पे 3-4 घुसे बरसा देता है और अजय संभाल नही पता और गिर जाता है उसका नाक से खून आने लगा था ।पीछे से विक्की राहुल को एक लात मरता है और राहुल अजय पे गिर जाता है अचानक हुए इस हमले से राहुल संभाल नही पा रहा था की उधर अजय राहुल को पलटकर 2-3 घुसे धर देता है और विक्की भी मिल के मरने लगता है ये सब से राहुल की हालत खराब होने लगती है ।प्रिंसिपल मारो साले को मेरे बेटे को मरेगा ।
हरामज़ादे तेरी बहनो को रखैल बनाऊगा। तभी वहा पे आरोही ,निधि और निशा और कॉलेज के और भी कई लड़के लड़किया आ जाते है निशा को देख प्रिंसिपल की हालत खराब हो जाती है वो जल्दी से विक्की और अजय को रोकने की एक्टिंग करता है की तभी राहुल, अजय की नाक पे वार कर देता है वो इतनी जोर से मरता है की इस बार अजय उठने की हालत में नही था इसी दौरान राहुल विक्की को भी धर दबोचता है और उसको दे घुसे दे लात मार मार के अधमरा कर देता है राहुल का ऐसा रूप आज तक किसी ने नही देखा था निशा तो पुरी तरह से आचंभित थी की इतना सीधा और साधा रहने वाला लड़के में इतनी हिम्मत होगी ।वो क्या है निशा हमेशा ही समझती थी की राहुल कमज़ोर है पर आज उसका ये रूप निशा ही नही निधि और आरोही के लिए भी चौकाने वाला था बल्कि सब के लिए ये एक असंभव वाली बात थी की राहुल इतना हिम्मत वाला और ताकत वाला है ,राहुल हमेशा ही कॉलेज में लगभग सभी से डरता था उसको लगता था की वो कमज़ोर है और कॉलेज में सब उसकी क्लास लगाते थे यहा तक विक्की और अजय ने तो कई बार आरोही और निधि चुदाई के बारे में भी बोल चुके थे की अपनी बहन चुदवा ले पर राहुल डर के मारे कुछ नही बोलता था ।पर आज सब कुछ उल्टा हो चुका था ।इधर राहुल बारी बारी से विक्की और अजय को धो रहा था की तभी उसकी नज़र प्रिंसिपल पे भी गयी उसने प्रिंसिपल को भी 3-4 घुसे दे मारे वो और मरता की निशा उसको पकड़ के बोलती है राहुल ये क्या कर रहे हो छोड़ो प्रिंसिपल को ये गलत है वो तुमको कॉलेज से निकल देंगे ।राहुल निशा की एक भी बात नही सुनता और प्रिंसिपल को भी अधमरा कर देता है की तभी आरोही ,राहुल को पकड़ के बोलती है भैया छोड़ दो उन्हे प्लीज और राहुल एक दम से रुक जाता है राहुल आरोही को देखता है और आरोही एक दम से राहुल से लिपट जाती है तभी राहुल बोलता है इनकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहनो को छूने की और तु तो मेरी जान है तेरे लिए उनका खून भी कर दूंगा मैं, वो इतने गुस्से से बोला की सब डर जाते है ।निधि ये बात सुन के चौंक जाती है की राहुल ,आरोही से कितना प्यार करता है और एक मैं हूँ जो उसके लिए गन्दा सोच रही थी की वो अपनी ही बहन की लेना चाहता है और अपने ही अंदर वो ग्लानि से भर जाती है इधर प्रिंसिपल ,विक्की ,अजय तीनो ही मार खा के दर्द से आह भर रहे थे । राहुल थोड़ा शांत होकर बोलता है अगर मेरी बहनो को अगली बार छुआ ना तो वो हाल करूंगा की तुम लोगो को अपने पैदा होने पे अफ़सोस होगा।और
वहा से निकल जाता है ,केंटीन में बैठे राहुल ,निधि आरोही और निशा एक दम शांत थे की तभी निधि
बोलती है । सोर्री भाई सब मेरी वजह से हुआ नही तो वो आरोही को हाथ नही लगते तभी राहुल बोलता है दीदी वो आरोही क्या मेरी किसी भी बहन को कोई छु लेगा तो उनकी जान ले लूंगा ये सुनते ही निधि की आँखे नम हो जाती है ।जिस भाई को वो ठरकी ,बहनचोद सोच रही थी वो उनकी इतनी फ़िक्र करता हैं।
निशा - राहुल पर तुम्हे प्रिंसिपल पे हाँथ नही उठाना चाहिए था वो तुम्हे निकाल देगा इस कॉलेज से, तुम्हारी पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी
राहुल - जो करना है कर ले पर किसी ने भी मेरी बहनो को छुआ भी ना तो उसकी जान निकाल दूंगा । ऐसे ही सब राहुल को समझाने में लगे हुए थे कब दिन ख़तम होने लगा पता ही नही चला और वो घर के लिए निकल जाते है निशा भी सब को बाय बोल कर निकल जाती है
 
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शाम 4 बजे का समय था गरिमा अपने कमरे में थी और बरखा अपने बच्चो के आने के इंतज़ार कर रही थी तभी दरवाजे पे एक दस्तक होती है बरखा दरवाजा खोलती है और देखती है आज तीनो एक साथ घर आये थे ऐसा पहली बार था जब निधि ,राहुल और आरोही के साथ आयी हो वरना वो दोनो तो हमेशा साथ ही जाते है साथ आते है ।तभी बरखा की नज़र राहुल पे जाती है वो बस बनियान में था बरखा ये देख पूछ बैठती है
राहुल तेरी शर्ट निधि क्यों पहनी है और तु ऐसे ही घूम रहा है ,राहुल कुछ बोलता उससे पहले ही निधि बोलती है ।मम्मी भाई एक शर्त लगया था तो शर्त के मुताबिक भाई की शर्ट में पहनूंगी और भाई बनियान में ही घर चलेगा ।
बरखा सर खुजाते हुए ये कैसी शर्त थी और भाई बहन में भी कोई शर्त लगती है क्या, चलो अंदर और सब अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे।पर निधि का तो मन शांत ही नही हो रहा था की कल कॉलेज में क्या होगा ।तीनो ने ही मिलकर फैलसा किया था की वो घर पे कुछ नही बताएंगे पर ये बात अब कोई छोटी नही थी।आखिर राहुल ने जिसको मारा वो एक विधायक का बेटा और एक खुद प्रिंसिपल और उसका बेटा था निधि तो डर से काँप रही थी तभी गरिमा उसे हिलाते हुए पूछती है क्या सोच रही है कब से आवाज़ लगा रही हूं पता नही ध्यान कहा है मैडम जी का ,तभी निधि हरबड़ते हुए कु..कुछ नही दीदी बस ऐसे ही कॉलेज की कुछ बाते सोच रही थी की अब एग्जाम आने वाले है कैसे क्लियर होगा ।
गरिमा अच्छा जी अब मैडम झूठ बोलना भी सिख गयी है तेरी बड़ी बहन हूँ तेरे से ज्यादा समझ है मुझे चल बता बात क्या है ।।
निधि - कुछ भी तो बात नही है दीदी आप भी बहुत शक करती हो मुझपे
गरिमा - इसे शक नही कहते है ये तो प्यार है मेरा, मेरी छोटी बेहन परेशान रहे तो मैं कैसे खुश रह सकती हूँ।दोनो बातें करनी लगती है ।इधर आरोही आज राहुल के ही कमरे सो रही थी ।राहुल भी थोड़ा परेशान था की आज वो गुस्से में कुछ ज्यादा आगे बढ़ गया। तभी उसकी नज़र आरोही की गांड पे गयी जो उसकी तरफ ही गांड उठा के सो रही थी ।आरोही की गांड देखते ही राहुल की सारी परेशानी दूर हो जाती है वो आरोही द्वारा बोली हुई बात याद करने लगता है की किस तरह अजय ने उसके दोनो दूधो को मसल दिया और विक्की ने उसकी गांड के उभार को अच्छे से रगड़ दिया था ये सोच के राहुल का लंड सर उठाने लगा उसने आरोही की गांड को उठकर बैठ के देखने लगा।और उसके मुँह से अनायासा ही निकल गया उफ्फ्फ... क्या गांड हैं क्या कटाओ है एक लम्बी आह्ह भरे हुए बोला । उसके मन में एक बात आ गयी इसीलिए तो विक्की ने इस गांड से खेला साला बहुत लकी है मादरचोद मेरी आरोही की चिकन गांड को पकड़ लिया और एक मैं हूँ मेरे सामने गांड उठा के सो रही है और मैं पकड़ना तो दूर उसको सूंघ भी नही पता ।वो अपनी किस्मत पे या इसका भाई होने पे थोड़ा उदास था आखिर आरोही की गांड सच में बावल थी जो हर मर्द के लिए एक कमज़ोरी बन जाती थी । इधर विक्की अंकल आप नही आते तो मैं उस राहुल की माँ चोद देता ,तभी अजय भी बोला हाँ पापा आप बीच में क्यों आये वो बहनचोद अपने आप को समझता क्या है उसकी बहने तो हम चोद के ही रहेंगे।
प्रिंसिपल रामदास - अरे बच्चो मैं बीच में नही आता पर वो निशा रंडी आ गयी ना इस लिए दिखावा करना पड़ा पर मुझे क्या पता था की वो मादरचोद इतना तेज़ निकलेगा की हम तीनो को ही मारने लग जायेगा ।
विक्की - सही कहा अंकल उस मादरचोद की सबसे बड़ी ताकत तो वो रंडी निशा है साली वो ना हो तो उस लोड़े को तो मैं ऐसा मज़ा चखूंगा की उसको अफ़सोस होगा की वो चूत से बहार आया ही क्यों।

प्रिंसिपल रामदास - हाँ बेटा वो निशा ना हो तो उस हरामज़ादे को जिंदा नही जाने देता साली हर बार बीच में आ जाती है ।
अजय - निशा वो साली अपना क्या बिगाड़ लेगी और विक्की के पापा विधायक है पर जो भी हो पापा मुझे उस आरोही की लेनी है साली क्या माल है उफ़.. उसके वो मुलायम चुचे बता नही सकता कितना मज़ा आ रहा था दबाने में आह्ह रंडी आरोही
विक्की - हाँ अंकल कुछ भी बोलो साली माल बहुत मस्त है गांड भी बहुत मुलायम थी साली की यदि वो आपका लोड़ू प्रोफ़ेसर ना आया होता तो साली को वही नंगा करके पटकर चोदता।
प्रिंसिपल रामदास- मैं जानता हूँ वो आरोही माल है मैंने खुद कई बार उसकी गांड देखी है इतनी कम उम्र में उसकी गांड सच में बावल है और वो प्रोफ़ेसर अपना ही बंदा है मैंने उसको बोला हुआ है जब भी बात बढ़े तो संभाल लेना तभी वो तुम लोगो को लेने आया था और उस आरोही की तो बूर तीनो मिलकर फाड़ेंगे ।उसकी वजह से ही उस मादरचोद ने हंगामा किया और हम सब को मारा, कल बताता हूँ रंडी के पिल्ले को की रामदास क्या चीज़ है
अजय - पापा सुना हैं उस राहुल मादरचोद की तीन बहनें है और तीनो ही मस्त माल है ।
विक्की - अच्छा सही तो है तीनो अपनी रंडी बनेगी और मन भर जायेगा तो बाद में तीनो को धंदे पे लगा देंगे और हँसने लगते है ।
प्रिंसिपल रामदास - सही कहा बेटा पर उन रंडियों को बाज़ार में लाने के लिए उस निशा का कुछ करना होगा और तुम्हारे पापा को भी बोलना होगा तभी वो तीनो रंडियों को घर से उठने का काम करेंगे ।
विक्की - सही बोला अंकल पहले इस निशा रांड का कुछ करना पड़ेगा साली ना चूत देती है ना ही साथ देती है साली बस हमारा खेल बिगाड़ देती है । इधर निशा अपने कमरे में सोच रही थी की राहुल में इतनी ताकत है तो उसने कभी विक्की और अजय को सबक क्यों नही सिखाया निशा अभी भी राहुल के उन दमदार पंच को याद कर रही थी ,उफ़.. कितना प्यार करता है अपनी बहनो से तो मुझे कितना करता होगा हाय पर एक नंबर का बुद्दू है पता नही मुझे परपोज़ कब करेगा और मुस्कुरा जाती है ।
सब बैठ के चाय पी रहे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे पर राहुल अपनी ही दुनिया में मगन था तभी निधि बोली भाई कहा खोये हुए है ।अब राहुल क्या बताता निधि को की तेरे ही ख्यालो में हूँ दीदी ,बात ऐसी है की राहुल निधि के उस रूप को याद कर रहा था जब उसने निधि को ब्रा में देखा था उफ्फ्फ.. क्या साइज होगा दीदी इतने मोटे थे यार और खास बात ये की उसकी वो लाल रंग की ब्रा उफ्फ्फ.. ये सब सोच ही रहा था की निधि पूछ बैठती है ।
राहुल - कही नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रहा था
निधि - अच्छा अंजलि याद आ रही होगी ना आखिर उसने ही तो आम चूसना सिखाया था सॉरी मेरा मतलब आम तोड़ना सिखाया था और राहुल को आँख मर देती है जिसे देख राहुल भी अचंभित था की दीदी ने ये क्या कह दिया और ये आँख क्यों मारी थोड़ी दर सोच के वो समझ जाता है की कही दीदी को सब पाता तो नही है ,नही नही दीदी को कैसे पता होगा वो अंजलि से मिली ही नही है और अंजलि क्यों बताएगी ।पर दूसरी ही तरफ कही अंजलि ने बता तो नही दिया साली वो रंडी बड़ी हरामी है कही सब कुछ बता दिया हो की मैं आरोही की गांड देख मुठ मरता हूँ हे भगवान बचा ले वो डर के मारे कुछ बोल नही पाता ।
आज निधि अपने भाई के प्रति बदल गयी थी इसीलिए उसने सोचा क्यों ना थोड़ा मज़ा भाई से ले ।
गरिमा - क्या- क्या ,क्या बोली तु बहुत बेशर्म हो गयी है
निधि - सॉरी दीदी वो जुबान फिसल गयी थी और फिर से आँख मार देती है जो इस बार आरोही भी देख लेती है ।
ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलता रहा और रात हो गयी खाना हुआ सबका और सोने चले गये ।पर फिर वही बात आज फिर वही हुआ ना सुरेश की आँखों में नींद थी ना ही गरिमा की आँखों में पर आज बात अलग थी क्यों की आज सब अपने कमरे जाग ही रहे थे ।
आरोही सोच रही थी की निधि दीदी ने भैया को आँख क्यों मारी और ये अंजलि ने आम तोड़ना सिखाया वो कुछ समझ नही पा रही थी वो अपने ही दिमाग़ में बातें घुमा रही थी। तभी आरोही का फोन बजने लगता है कॉल उसकी दोस्त रोहिणी का आ रहा है ।आरोही कॉल लेती है
आरोही - हेल्लों
रोहिणी - हेल्लो यार सो रही थी क्या
आरोही - नही यार कुछ सोच रही थी तु बता कैसे कॉल किया
रोहिणी - यार मैं भी कुछ सोच रही थी
आरोही - क्या सोच रही थी जो इतना चहक के बोल रही है
रोहिणी - यार तेरे भैया के बारे में क्या मारा यार मैं तो दीवानी हो गयी उनकी और हँसने लगती है
आरोही - अच्छा जी मेरे भैया मेरे है और सोचना भी मत समझी दूर रह उनसे साली वरना अपने भैया से चुदवा दूंगी ।
आरोही को समझ ही नही आया वो क्या बोल गयी तभी रोहिणी बोलती है अरे यार तो चुदवा दे ना मैंने जब से उनको हीरो की तरह मारते देखा है तभी से मन कर रहा है की वो मुझे चोद दे ।
आरोही - भग साली कुतिया तेरी दाल नही गलेगी यहा पे समझी ना
रोहिणी - अच्छा जी और उस निशा का क्या जो तेरे भैया से चुदवाती है साली, सब जानते है वो तेरे भैया का माल है देखा है कभी निशा को किसी और लड़के के साथ घूमते हुए ।
आरोही - हम्म.... तेरी बात में दम है पर क्या करूँ उस साली ने भैया पे जादू कर रखा है
रोहिणी - हाँ तभी तो कह रही हूँ मुझे अपनी भाभी बना ले तेरे भी मज़े करवा दूंगी ।
आरोही - समझ नही आया तेरी शादी होगी तो तु मजे लेगी भैया के साथ पर मेरे मजे कैसे होंगे साली ??
रोहिणी - अरे तुझे भी चुदवा दूंगी ना तेरे राहुल भैया से और हँसने लगती है।
आरोही - आ... साली रंडी क्या बोली तु ऐसा भला होता है क्या एक भाई अपनी बहन की ले सकता क्या
रोहिणी - हाँ मेरी जान आज कल सब मुमकिन है कभी सोच के देख तेरे भैया तेरी चूत मार रहे है तुझे कैसा लगेगा और हँसने लगती है
आरोही - चुप कर साली कुछ भी बोलती है चल में रखती हूँ नींद आ रही है ।बाय
रोहिणी - बाय बेबी और सोचना जो मैं बोली और फिर से हँस के कॉल कट कर देती है ।
आरोही उफ़.. ये रोहिणी भी ना पक्की वाली छिनाल हो गयी है साली कुछ भी बोलती है ।पर तभी एक बार आरोही ,रोहिणी की कही हुई बात याद करती हैं की तेरे भैया तेरी चूत मार रहे है कैसा लगेगा ।ये सोच के ही उसके बदन में एक झुरझुरी होने लगती है आरोही मन में ये मुझे अजीब सा क्यों महसूस हो रहा है ,उफ़.. सच में भैया मुझे चोद सकते है ,तभी उसके दिमाग़ में एक और बात आती है नही नही भैया के साथ छी.. कितनी गंदी बात है और भैया क्या सोचेंगे की मैं उनके लिए ऐसा सोचती हूँ तु भी ना आरोही कुछ भी सोच लेती है और ये रोहिणी की बच्ची को कल कॉलेज में बताती हूँ ।और कमरे की लाइट बंद कर सो जाती हैं।
निधि तो आज सोना ही नही चाहती थी पर गरिमा इसी ताक मैं थी की निधि कब सोयेगी की वो अपने पापा से चुदवाने जाये ।निधि के मन में तो एक ही बात घूम रही थी राहुल कितना अच्छा है अपनी बहनो के लिए इतना प्यार है तो अपनी प्रेमिका और पत्नी के लिए कितना होगा ।तभी निधि निशा के बारे में सोचती है निशा हाँ वही तो हैं शायद मेरी होने वाली भाभी पर साली एक नंबर की खड़ूस है इतना समय से साथ में है पर साली कभी बोलती नही थी चलो अच्छा ही हुआ विक्की ने मेरा टॉप फाड़ दिया इसी बहाने भाई का प्यार और निशा खड़ूस से भी बात हो गयी और मुस्कुरा के सोने लग जाती है करीब एक घंटे बाद गरिमा ,निधि को आवाज़ लगाती है निधि ओ निधि सो गयी क्या । निधि को सोता पाकर गरिमा अपने रात के पति को मैसेज करती है जो इसी ताक में बैठा था की उसका मैसेज कब आएगा और वो कब किचन में जायेगा । एक मैसेज उसके फोन पे आता था जिसको पढ़ कर सुरेश के चेहरे पे मुस्कुराहट आ जाती है फिर वो फोन रख कर चुप के से किचन के लिए निकल लेता है ।इधर गरिमा भी किचन में चली जाती है ।दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुरा जाते है और सुरेश बोलता है कब से तेरा इंतेज़ार किये बैठे थे जान तभी गरिमा बोलती है हाँ मेरे राजा जानती हूंँ तुम भी तड़प रहे हो मेरे जैसे ही पर ये निधि आज सोने का नाम ही नही ले रही थी बहुत मुश्किल से सोई है जल्दी से अपना मिलन करते है पति परमेश्वर जी ।इतना बोलते ही दोनो एक दूसरे को बेतहसा चूमने लगते है उम्म.. रोज तुम्हारा थूक का स्वाद बढ़ता जा रहा है सुरेश बोलता है
गरिमा - हाँ जानू सब तुम्हारी वजह से ही है और चूमने लगती है
दोनो हवस में इतने आंधे हो चुके थे की अपने रिश्ते को भूल ही गये था उनको बस एक ही चीज़ याद थी चुदाई और चुदाई इसके अलावा ना गरिमा का दिमाग़ काम करता है ना ही सुरेश का वो तो बस रात का इंतेज़ार करते है अपने बदन की आग को ठंडा करने के लिए चूमा चाटी करते करते कब दोनो नंगे हो गये उन्हे खुद नही पता और फिर वही हवस का नंगा नाच शुरू होता है ।।
आज गरिमा किचन में लेट जाती है और सुरेश उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी बूर पे रख के सटाक से एक जोरदार झटका मार देता है ।।इस झटके से गरिमा की चीख़ निकल जाती है ।
गरिमा - आआह्ह्हह्ह्ह्ह...साले हरामी धीरे से डाल रंडी की औलाद बेटीचोद भड़वे कही भागी नही जा रही हूँ
सुरेश जो अब तक लंड बुर में पेले जा रहा था मस्ती में आकर बोलता है आह ... साली रंडी अपनी औकात मत भूल तु एक रंडी है अपने बाप की रंडी जो हर रात किचन में चुदवाती है आह्ह्ह.. रंडी गरिमा
गरिमा की बूर से रस निकलने लगा था बुर और चिकनी हो गयी रही अब धक्के मरना बहुत आसान हो गया धीरे से मरने पे भी लंड बूर की गहराई में उतर जाता था दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर थे तभी किसी के कदमो की आवाज़ होती है दोनो डर जाते है थोड़ी ही देर बाद कोई आहट ना होता हुआ सुन सुरेश फिर पुरी शिद्दत से चूत में लंड पेलने लगता है फिर से दोनो स्वर्ग की सैर करने लगते है काफी देर तक सुरेश का लुंड गरिमा की बुर कुटाई करता है और माल गिराने के करीब पहुंच चुका था दोनो ही जोर जोर से हांफ रहे थे तभी गरिमा एक आअह्ह्ह.. पापा करते हुए झड़ने लगती है और गरिमा के कामरस के आगे सुरेश भी ठहर नही पाता और उसका लंड भी अपना माल उगलने लगता है और उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर जाती है ।
दोनो ही शांत पड़े हुए हांफ रहे थे थोड़ी देर बाद शांति को तोड़ते हुए गरिमा बोलती है आई लव यू पापा आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो और उसके होठो पे एक चूमा जड़ देती है ।तभी सुरेश बोलता हैं। आई लव यू टू जान और एक और बात उसको बताता है की नया माल उठाने के लिए इस बार वो सूरत जाने वाला है कुछ दिनों के लिए तभी गरिमा उदास मन से क्या आप को अपनी पत्नी की कोई परवाह नही है जो इतनी दूर जा रहे हो मैं कैसे रहूंगी अपने लंड के बिना एक दिन भी राजा और सुरेश को बाहो में जकड़ लेती है सुरेश भी उसको बाहों में कस लेता है और बोलता है कुछ दिनों की ही बात है जान बस वापस आते ही हनीमून पे चलेंगे ठीक है ।इतना सुन गरिमा खुश हो जाती है जो दिखाई तो नही देता, पर सुरेश उसके बदन की झुरझुरी से समझ गया की वो मान गयी है फिर दोनो जल्दी से अपने अपने कमरे में चले जाते है ।और सो जाते है
सुबह हो चुकी थी। आज कॉलेज में क्या होगा ये सोच आरोही बहुत घबरा रही थी तभी उसकी मम्मी आवाज़ लगती है आरोही बेटा नास्ता कर ले ।आरोही जैसे ही निचे आती है और कुर्सी पे बैठती है सामने राहुल बैठा था उससे देखते ही उसे रात की रोहिणी वाली बात याद आ जाती है की तेरे भैया तेरी चूत मार रहे हो कैसा लगेगा ।ये सोच के वो मुस्कुरा जाती है उसकी सारी परेशानी एक दम से छुमंतर हो जाती है पर दूसरे ही पल वो परेशानी फिर से आरोही के मन को घेर लेती है ।जब तक परेशनियों का हल नही निकल जाता हम कभी खुश नही रह सकते इसीलिए पहले अपनी परेशानी को हल करो और जीवन का आनंद लो ।
सब नास्ता करने बैठ गये थे पर राहुल ,आरोही और निधि बहुत घबरा रहे थे की आज कॉलेज में क्या होगा ।राहुल की तो गांड फट रही थी आज कॉलेज में जाने से ,कल उसने गुस्से में कुछ ज्यादा ही कर दिया पर अब क्या फ़ायदा बिता हुआ कल अब वापस नही आएगा । तीनो के ही चेहरे बता रहा थे की तीनो किसी गहरी सोच में डूबे हुए है तभी गरिमा उन सब को देख के बोलती है क्या हुआ तुम तीनो को ध्यान कहा है तीनो का खा कम रहे हो सोच ज्यादा रहे हो ।
निधि - कु...कुछ नही दीदी बस आज कॉलेज जाने का मन नही है तो वही सोच रही हूँ ।
गरिमा - अरे मन नही है तो मत जा इसमे सोचना क्या है और राहुल तु क्यों नही खा रहा है और तेरी ये लाडली बहना का भी यही हाल है बोलो
आरोही - कुछ नही दीदी भैया आज मुझे शॉपिंग पे ले जाने वाले है पापा से कुछ पैसे चाहिए अब भईया बोल नही पा रहे है वही हम दोनो सोच रहे हैं।
आरोही ने बहुत ही सफाई से झूठ बोल दिया राहुल और निधि को विश्वास नही हो रहा था आरोही इतनी साफ झूठ इतने आराम से बोल गयी ।
सुरेश - पैसे निकाल के राहुल को देता हैं और बोलता है इसमे हिचकिचाहट कैसी बेटा लो ये 5000 हज़ार और अपनी लाडली को अच्छे से शॉपिंग करवा देना ।
आरोही तो सच में सब कुछ भूल के खुश हो गयी की उसके झूठ से 5000 हज़ार रुपये मिल गये ।तभी सुरेश बोलता है ,मुझे कुछ दिनों के लिए मुझे सूरत जाना है
दुकान के लिया माल उठाने तो कोई शरारात मत करना।ये सब सुन बरखा बोलती है ,क्या जी यहा दिल्ली के सप्लायर अच्छा माल नही दे रहे है क्या ??
सुरेश - हाँ बरखा माल भी अच्छा नही मिल रहा है और मैं एक और नई दुकान का भी सोच रहा हूँ ताकि अपना बिज़नेस बढ़े और मेरे बच्चो को कोई तकलीफ ना हो ।
ऐसे ही बाते चलती रही और समय हो गया सब के जाने का ,और सुरेश पहले निकल गया उसके बाद राहुल ,निधि और आरोही आज एक साथ कॉलेज के लिए निकल जाते है ।कॉलेज पहुँच के जैसे ही कॉलेज में जाते है आज सब उन भाई बहन को ही देख रहे थे खास कर राहुल को वो एक हीरो बन के उभरा था जो कल तक एक फट्टू किस्म का लड़का था वो अचानक ही सब के दिल और दिमाग में छा गया था । तभी वो प्रोफ़ेसर जो रामदास का चमचा है राहुल को बोला प्रिंसिपल ऑफिस में आ जाना कुछ देर में और चला जाता है ।ये सुन तीनो ही घबरा जाते है क्या होगा अब तभी उनके पीछे से एक आवाज़ आती है ।
राहुल सुनो ना ये आवाज़ निशा की थी ।तीनो पलट के देखते है निशा उनके पास आकर बोलती है मैं कब से तुम लोगो का इंतेज़ार कर रही थी ।तीनो ही निशा को हाय बोलते है तभी निशा बोलती हैं देखा ना राहुल क्या किया तुमने कल वो प्रिंसिपल अपनी पुरी फ़ौज के साथ ऑफिस में इंतेज़ार कर रहा है पता नही क्या होगा ।ये सुन राहुल के साथ आरोही और निधि की भी गांड फट गयी पर राहुल ने अपने ऊपर डर को हावी नही होने दिया ।और बोला क्या कर लेगा वो प्रिंसिपल और उसके चमचे देख लूंगा सालो को और बोल के ऑफिस की तरफ चल देता है आज उसकी चाल में एक अलग ही स्टाइल थी जो पहले कभी नही थी वो एक शेर की तरह ऑफिस की तरफ चले जा रहा था ।ये सब सुन आरोही और निधि तो डर गयी थी पर निशा थोड़ा मुस्कुरा दी थी क्यों की आज उसने राहुल की मर्दानी देखी थी जो असल में काबिले तारीफ थी
ऑफिस के बहार पुरा कॉलेज इकट्ठा खड़ा था और अंदर बस राहुल ,विक्की ,अजय,निधि,आरोही के साथ प्रिंसिपल ,साथ में विधायक मनमोहन तिवारी भी था और 4 प्रोफ़ेसर जो तिवारी के चमचे ही थे ।राहुल ,और उसकी बहने खड़ी थी जब की बाकी सब बैठे थे ।तभी कमरे की शांति को एक आवाज़ ने भंग किया । क्यों रे छोकरे तेरे खून में बहुत गर्मी है ?? ये आवाज़ विधायक जी की थी जो राहुल की तरफ देखते हुआ बोला ,इधर अजय और विक्की तो आरोही और निधि की जवानी देखने में लगे थे आज दोनो ही मस्त पटखा बन के आयी थी टाइट जीन्स में टॉप कमाल लग रहा था।
राहुल कुछ बोला नही बस चुप खड़ा था की तभी प्रिंसिपल बोला ये भोसड़ीवाले की गांड में ज्यादा ही दर्द हो रहा था अपनी रंडी बहनो के लिए ये सुन राहुल का खून खौलने लगा ।आरोही और निधि भी रंडी शब्द सुन के शर्म से लाल हो गयी थी ।
तिवारी - क्यों बे बहनचोद कुछ बोलता क्यों नही है।तेरी बहन की झांट में लोड़ा दूँ ।
इधर राहुल का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था वो कुछ बोलता तभी निधि बोली हमें माफ़ कर दीजिये गलती हो गयी हमसे तभी आरोही बोल उठी, गलती क्या हुआ दीदी इस कमीने विक्की ने जो किया उसकी सजा मिली है और उसका बाप अपने कमीने बेटे की तरफदारी कर रहा है कितना घटिया इंसान है । वो ये सब एक सांस में बोल गयी ।ये सब सुन तिवारी भी अचंभित था की ये झांट भर की लौंडिया उसे समझा रही हैं।
अजय और विक्की कुछ बोलते उससे पहले ही रामदास बोला ,साली बहन की लोड़ी क्या गलत किया उन्होंने थोड़ा मज़ाक ही तो किया था इसमे थपड़ मरने की ज़रूरत क्या थी और रही तेरी बात तो तु बीच में नही आती तो तुझे कोई छूता भी नही समझी। तभी राहुल बोला मादरचोद रामदास तेरी बहन की चूत फाड़ दूँ भड़वे तिवारी के टट्टे
ये सुन सब ही अचंभित थे की ये क्या हुआ एक बच्चा ऐसा बोल गया।
विक्की - बहनचोद तेरी इतनी हिम्मत हमारे सामने खड़ा होकर हमको गाली देता हैं।
अजय - तेरी बहन की बुर यही चोद देंगे मादरचोद हिजड़े रुक तु तेरा इलाज़ करते है वो मरने जा ही रहे थे की तिवारी उन्हे रोक देता है ।
तिवारी - बहुत गर्मी है तुझ में और तेरी ये बहन आरोही की तरफ देख के बोला इसकी जवानी भी उबाल मार रही है ।इस साली को तो कोठे पे बैठा दूँगा और तु उसका दलाल होगा मादरचोद तिवारी को टक्कर देगा ।
इतने में ऑफिस के दरवाजे पे ठक ठक हुई ।और एक आवाज़ आयी दरवाजा खोलो जल्दी इस आवाज़ में एक कड़कपन था जो तिवारी को हिलाने के लिए काफी था तिवारी रामदास को देखते हुए कौन आया है बे ??
रामदास अपने प्रोफ़ेसर टट्टे को बोल के दरवाजा खुलवाता है और एक आदमी जिसके साथ 4 लोग और थे अंदर आते है ।ऑफिस के बहार खचा खच भीड़ थी ।
उसी भीड़ में निशा भी खड़ी होकर सुन रही थी ।तभी एक आवाज़ फिर आती है और तिवारी जी इलेक्शन जीते नही की गुंडा गर्दी चालू कर दिये तिवारी देख के हताश था की चंद्रभान सिंह का बेटा खुद आया है वो भी किसके लिए तभी विक्की बोलता है तु कौन है बे जो हीरो के माफिक अंदर आया और हँसने लगता है तिवारी विक्की को हँसता हुआ देख गुस्सा में आ जाता है ।
तिवारी जी अपने लौंडे को कुछ सिखाओ यार बिल्कुल ही चुतिया किस्म का है ।
तिवारी - उसकी तरफ से मैं माफ़ी मानता हूँ ये शब्द सुन सब अचंभित होकर देखने लगते है तिवारी जैसा कमीना भी किसी से माफ़ी मांग सकता है ।
विक्की - पापा ये कौन है जिस से आप माफ़ी मांग रहे हो
तभी रामदास बोलता है चुप हो जाओ बेटा बड़ो के बीच नही बोलते है समझा करो ।
सही बोले रामदास वैसे तुम्हारे नाम में राम है पर तुम्हारे अंदर रावण छुपा हुआ है
तिवारी - बात क्या है बताओगे
इन तीनो को जाने दो बस यही बात है ।इधर राहुल ,आरोही और निधि ये हमारे लिए आया है पर ये है कौन हम तो जानते ही नही है ।
तिवारी - तुम्हारा इनसे क्या रिश्ता है जो यहा आये हो
रिश्ता मत पूछिए तिवारी जी बस समझ लीजिये की इनको अब कोई परेशनी नही होनी चाहिए वरना आप परेशनी में आ जाओगे ।
विक्की - क्या बोला बहनचोद तु मेरे पापा को धमकी देता है हम भी देखते है तु यहा से उनको कैसे ले जाता है
तभी एक जोरदार पंच उसके मुँह पे पड़ता है ।वो गिर जाता है और उसके बाद दे लात दे घुसे लगातार उसके बदन पे जख़्म बना रहे थे ।इतनी पिटाई से विक्की की हालत खराब हो जाती है तिवारी खड़ा खड़ा देख रहा था
तभी एक जोर की आवाज़ आती है मैं उन्हे ले जाऊंगा ये समझ लो वरना मैं अपना महंगा जूता घिस के यहा नही आता । इस आवाज़ से कमरे में ही नही बहार खड़े लड़के लड़किया और प्रोफेसर काँप गये थे ।
तिवारी अपने बेटे को पकड़ते हुए ये करना ठीक नही था विशाल तुमने ठीक नही किया इनके लिए मेरे बेटे को मार कर ।
विशाल - तेरे बेटे को जवानी की आग ज्यादा थी इसलिये बुझा दी।
रामदास बात को संभालते हुए विशाल जी ठीक है आप ले जाओ कौन रुकेगा आपको कोई भी नही ।
विशाल ,चंद्रभान सिंह का छोटा बेटा है इसका बस एक ही काम है अपने पापा के दिये हुए हर काम को पुरा करना चाहे जो भी हो जाये । और जहा तक की चंद्रभान सिंह कौन है वो शहर का एक नामचिन गुंडा है जो इस काम के अलावा बहुत कुछ करता है ।
विशाल वहा से निकल जाता है राहुल ,निधि और आरोही धीरे से निकल जाते है ।
 
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निशा कौन हैं?

केंटीन में बैठे हुए राहुल ,आरोही,निधि और निशा एक दम शांत बैठे थे कोई कुछ नही बोल रहा था ।इस एक सन्नटे को एक आवाज़ ने ख़तम किया ।आरोही कैसे है अब तु, ये आवाज़ रोहिणी की थी ।आरोही देख के बोली तु यहाँ, रोहिणी यार मैंने सब सुना बुरा लग रहा था जब वो लोग तुम्हे और तुम्हारे भैया गाली दे रहे थे पर आज तुम्हारे भैया ने तो विधायक़ जी की छुट्टी कर दी ।तभी निशा बोलती है हाँ राहुल आज तुमने सच में ऐसा कर दिया जिसकी मुझे भी उमीद नही थी ।जिस तरह तुमने उस तिवारी को जवाब दिया सच में लाजवाब था ।
निधि सच में भाई मैं तो डर गयी थी और इस आरोही की बच्ची ने तो और डरा दिया था कैसे इसने एक दम से तिवारी को जवाब दे दिया । आरोही क्यों ना बोलूँ दीदी जब मेरे भैया बोल सकते है तो उनकी लाडली बहन क्यों ना बोले ।वैसे भी भैया अपने उस तिवारी को अच्छा जवाब दिया ।कुछ देर सोच के राहुल बोला की ये सब तो ठीक है पर वो विशाल कौन था और वो हमारे लिए क्यों आया था ।उसने हमे क्यों बचाया ये सब वो बोल दिया और सब सोचने लगे की वो कौन था जो हमें बचाने आया था ।
निशा ये सब तो चलता रहेगा तुम लोग कुछ खा लो फिर क्लास में भी तो जाना है ना ।
प्रिंसिपल ऑफिस विक्की की मरहम पट्टी हो रही थी ।तभी तिवारी बोला ये बहनचोद विशाल आया क्यों था और उनको क्यों बचाया क्या बात है समझ नही आ रहा है ये मजहरा है क्या ?
रामदास - तिवारी जी मुझे लगता हैं ये निशा का किया धारा हैं उसने ही विशाल सिंह को आने का बोला होगा ।
तिवारी - निशा ये निशा कौन है और उसके कहने भर से चंद्रभान का लौंडा आकर हमे धमकी देता है और मेरे बेटे को मरता भी है कुछ समझ नही आया और ये निशा है कौन ?
रामदास - तिवारी जी वो निशा यही पढ़ती है मुझे लगता हैं उसी का काम है
तिवारी - मादरचोद एक झांट भर की लौंडियाँ तिवारी को टक्कर नही दे सकती है कोई और ही बात है ।
रामदास - जी तिवारी जी मैंने एक बार उसको ग्रह मंत्री योगराज देशमुख के बेटे के साथ मॉल में देखा था तब मुझे लगा वो उनके परिवार की जानकार हैं। तभी से मैंने विक्की और अजय को भी उनसे दूर रहने को बोला था ।
तिवारी - भोसड़ी के ये कब बताएगा तु की वो मिनिस्टर देशमुख के परिवार की जानकार है । अब लगता है हो ना हो ये काम उसी लौंडियाँ का हैं पर ये समझ नही आता उसने कल ही बोला होगा और आज चंद्रभान का लौंडा आ भी गया ये समझ नही आ रहा है की इतनी जल्दी वो एक झांट सी लौंडियाँ की बात क्यों सुनेंगे ।
अजय - अंकल मुझे लगता है ज़रूर ये निशा उनके परिवार की जानकार नही उसी परिवार की होगी तभी ये सब अचानक ही हो गया ।
तिवारी - वाह बेटे तु अपने बाप से समझदार है देख भोसड़ी के रामदास तेरे से ज्याद दिमाग़ तेरे बेटे में हैं। मुझे इस निशा से मिलना है कहा मिलेगी वो अभी ?
रामदास - तिवारी जी वो इसी कॉलेज में होगी शायद राहुल के साथ उसकी दोस्त है
अजय - दोस्त नही उसकी जुगाड़ है साली मैंने सुना है की उसका चक्कर उस बहनचोद राहुल से है ।
तिवारी - अच्छा तो असली बात ये हैं वो मादरचोद उसका यार है ।चलो मुझे उससे बात करनी है ले चलो ।
इधर राहुल किसी से कॉल पे बात करने में लगा हुआ था ।तूने जैसा बोला था वैसा ही किया मैंने बिल्कुल भी नही डरा और उनका सामना एक शेर की तरह किया ।
उधर से वाह बेटे मौज करदी तूने तो सही फाड़ दी तूने विधायक़ और उसके बेटे की पर ये बता तुझे बचाने कौन आया था जब की तु बोला की तु जानता भी नही हैं।
ये आवाज़ रोहन की थी रोहन ने ही राहुल को मर्द बनाया था उसने ही उसके अंदर की ताकत को बहार निकला था वरना राहुल आज भी चूहें की तरह रहता पर आज रोहन की वजह से राहुल पूरे कॉलेज में मशहूर हो चुका था ।
राहुल - हाँ यार पता नही वो नेक फरिश्ता कौन था पर उसके आने से जान बच गयी साले वरना तूने तो मरवा ही दिया था ।
अच्छा ये सब छोड़ आरोही की कब ले रहा है देख ले आज किसी ने उसकी चूची दबा दी है कल कोई उसकी गांड मार लेगा और परसो कोई उसकी सील भी खोल देगा जल्दी से मार ले उसकी और हँसने लगता है ।
राहुल - हाँ यार कोशिश तो कर रहा हूँ आरोही की चूत मरने की पर साले हिम्मत ही नही होती है देखो कब लेता हूँ आरोही की , चल रखता हूँ क्लास मैं भी जाना है और कॉल कट कर पीछे मुड़ता है की पीछे निशा को खड़ा देख के उसकी गांड ही फट जाती है की निशा ने उसकी सारी बाते सुन ली होगी ।तभी निशा बोली आरोही की क्या लेना चाहते हो राहुल मैं समझी नही ।इतना सुन के राहुल की सांस में सांस आती है और वो बोलता है की उसके लिए कुछ कपड़े लेने है उसका जन्म दिन भी पास आ रहा है ना ,निशा अच्छा अच्छा सही है ।राहुल वैसे निशा दुसरो की बातें सुनना गलत होता है ,सॉरी राहुल वो गलती से हुआ में तो बस बोलने आयी थी की क्लास शुरू होने वाली है जल्दी चलो प्लीज मुझे माफ़ कर देना वो इतने प्यार से बोली की राहुल का दिल पसीज़ गया और वो बोला कोई बात नही निशा दोस्ती में इतना तो चलता ही है । और वो क्लास में चले जाते है ।
दूसरी तरफ आरोही साली रोहिणी क्या बोली थी तु कल शर्म नही आती तुझे कमीनी ,यार सॉरी में तो बस तेरे से मज़ाक कर रही थी मुझे क्या पाता तु इस बात को इतना खींच लेगी
आरोही - साली आगे से मत बोलियो समझी ना
रोहिणी - ठीक है यार वैसे तेरे भैया का कितना बड़ा होगा सोचती हूँ एक बार ले लूं तो मज़ा आ जायेगा और हँसने लगती है ।
आरोही - साली वो मरने के लिए जाती है की रोहिणी भाग के क्लास में चली जाती हैं।
सब अपनी क्लास में बैठ के पढ़ने की कोशिश कर रहे है ।
तभी क्लास में तिवारी, रामदास और उसका बेटा अजय उसके साथ कुछ और लोग क्लास में आते है ।जो प्रोफ़ेसर पढ़ा रहा था वो डर से एक दम शांत हो गया पुरी क्लास में सन्नाटा छा गया ।तभी तिवारी बोला निशा कौन है ?
कोई जवाब ना सुन के अजय बोला अंकल वो बैठ निशा
रामदास - बाकी सारे क्लास से बहार निकल जाओ निशा के अलावा कोई नही होना चाहिए ।
पुरी क्लास डर के क्लास से बहार निकल जाती है अब बस निशा और उसके साथ बैठा राहुल ही बच गये थे ।आरोही और निधि को जब पता चला की फिर से तिवारी ने राहुल को मरने का प्लान किया है तो वो दौड़ के क्लास के पास आती है ।
रामदास - तुझे अलग से बोलना पड़ेगा क्या निकल तु भी यहाँ से बस निशा होगी और कोई नही ।
राहुल - मैं नही जाऊंगा जो बोलना है मेरे सामने बोलो
अजय - बहनचोद तेरी परेशनी क्या है बोला ना निकल तो निकल समझा क्या
राहुल - मादरचोद तेरे को कोई बीमारी है क्या जो हर समय अपनी गांड मरवाने के लिए तैयार रहता है ।
राहुल की ये हिम्मत से निशा मुस्कुरा जाती है पर अजय की गांड सुलग जाती है।
अजय कुछ बोलता उससे पहले ही तिवारी बोल जाता है ठीक है तु मत जा और निशा के करीब जाकर बैठ के निशा से बोलता है तुम्हारा पुरा नाम क्या है
निशा कुछ सोच के बोलती है मेरा नाम बस निशा है
तिवारी -कोई सरनेम नही है क्या ?
निशा यहा फंस जाती है वैसे तो आज तक किसी को निशा का सरनेम नही पता था नही ही किसी ने पूछा था ।
निशा- वो..वो
तिवारी - हाँ हाँ बोलो क्या हुआ चलो मैं ही बता देता हूँ तुम्हारा नाम निशा देशमुख हैं क्यों सही कहा ना मैंने
निशा - इस बार थोड़ा घबरा जाती है ।और बोलती है हाँ यही नाम है मेरा तो इसमे नया क्या है
तिवारी - नया तो कुछ नही है बस सुना है तुम मिनिस्टर देशमुख़ के परिवार से हो
ये सुन राहुल और बाकी सब जो क्लास के बहार खड़े थे आचंभित हो जाते है की क्या सच में निशा योगराज देशमुख के परिवार से है इतने बड़े परिवार की लड़की और वो भी सिंपल से कपड़ो में , निशा लगता है आपको कोई ग़लतफैमी हुई है मेरा सरनेम देशमुख ज़रूर है पर मैं वो नही जो आप सोच रहे हैं।इतना बोल के निशा उठकर वहा से जाने लगती है और जाते हुए राहुल को बोलती है तुम भी चलो राहुल तो वो भी उठ कर चला जाता है ।तिवारी भी अपने बेटे को लेकर घर निकल जाता है इधर राहुल निशा को ही देखे जा रहा था की निशा झूठ बोल रही है या तिवारी निशा को कोई और समझ रहा था तभी निशा बोलती है क्या हुआ ऐसे क्यों देख रहे हो ।राहुल कुछ नही यार सोच रहा हूँ कही तुम सच में मिनिस्टर देशमुख के परिवार से तो नही हो इतना सुन निशा के कान खड़े हो जाते है और वो हँसते हुए बोलती है तुम भी ना राहुल मैं और मिनिस्टर के परिवार से वो कितने अमीर लोग है और मैं एक गरीब परिवार से दोनो एक कैसे हो सकते हैं। अब समझे कुछ बुद्दू राम ,राहुल कुछ सोच के तो फिर वो विशाल सिंह कौन हैं जो मुझे बचाने आया था और उसने बिना किसी वजह के मुझे क्यों बचाया और तो और वो कमीना तिवारी ने सिर्फ तुम से ही क्यों पूछा बाकी लोग भी है कॉलेज में इस बात पर निशा कुछ बोल नही पायी ।
राहुल बोलो बोलो अब क्या हुआ मैडम जी को ,तभी निशा बोली राहुल तुम सच में पागल हो उसने बस मेरा सरनेम देखा और उसको शक हुआ होगा पर जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नही हैं यार और हो सकता है कोई तुम्हारा चाहने वाला हो जिसने तुम्हारी इतनी बड़ी सहायता की ,राहुल भी अब वो राहुल नही था जिसे सब चुतिया समझते थे उसने एक मुस्कुराहट से साथ निशा को गले लगा लिया और बोला जो भी हो पर मुझे लगता है मेरा चाहने वाला कोई और नही तुम ही हो मानो या मत मानो और कुछ देर की शान्ति के बाद एक आवाज़ से दोनो अलग होते है भैया आपका रोमांस ख़तम हो गया हो तो घर चले क्या ये आवाज़ आरोही की थी जो मंद -मंद मुस्कुरा रही थी ।दोनो ये सुन के अलग होते है आज निशा शर्मा गयी थी तो राहुल को बाय बोलकर जल्दी से घर के लिए निकल गयी ।राहुल भी अपनी बहनो के साथ घर चल देता हैं पर वो इस बात से अंजान थे की अजय उनकी बातें सुन रहा था । रामदास को एक चिठ्ठी मिलती है जिसपे लिखा था राहुल से बदला लेना चाहते हो तो लिखे हुए नंबर पे कॉल करना और विधायक तिवारी को भी बोलना ,रामदास तुरंत तिवारी के पास जाने के लिए निकल जाता है ।घर पे सब अपने रूम में सो रहे थे पर राहुल को कहा नींद आती वो तो निशा के बारे में ही सोच रहा था की क्या निशा सच में देशमुख परिवार की है तो उसने ये बात आज तक किसी को क्यों नही बताई तभी उसने सोचा नही नही निशा मुझसे झूठ कभी नही बोलती है पर कही वो सच में है तो ये सोच सोच के वो पागल हो रहा था की उसकी आँख लग गयी । इधर आज गारिमा तड़प रही थी की निधि जल्दी से सो जाये ताकि वो जल्दी से अपनी बूर की आग ठंडी कर सके ।पर निधि तो आरोही के कमरे में शाम से ही घुसी हुई थी ।पता नही दोनो बहने आज क्या बाते कर रही थी ।तभी गरिमा उठकर आरोही के कमरे की तरफ चल देती है कमरे के बहार से ही आवाज़ लगाने वाली होती है की उसको एक आवाज़ सुनाई देती है । दीदी आज तो बच गये वरना वो तिवारी और उसके चमचे हमारे साथ क्या क्या करते पता नही ये आवाज़ आरोही की थी।
निधि - हाँ आरोही सच में आ वो विशाल सिंह नही आता तो विक्की और अजय के साथ साथ रामदास और तिवारी भी हमे नोच खाते कितना गन्दा है तिवारी पता नही ऐसे गंदे लोगो को चुनाव में वोट कौन दे देता हैं
आरोही - हां दीदी पर भैया की मर्दानगी देख मुझे बहुत खुशी हुई ।
निधि - अच्छा जी तो भाई का वो भी देख ले असली मर्दानगी वही है और हँसने लगती है
आरोही - आ..दीदी कितनी गंदी हो आप भला भाई का वो कोई देखता है क्या ।
निधि - देख आरोही आज कल सब मुमकिन हैं।
आरोही - क्या दीदी आप पागल हो गयी हो क्या मैं उनकी बहन हूँ और वो मुझसे बहुत प्यार करते है ऐसा वैसा कभी नही सोच सकते हैं।
निधि - अच्छा जी ऐसा है तो एक बार भाई का फोन देखना फिर बताना मुझे आकर ठीक हैं।चल मैं चलती हूँ बहुत देर हो गयी है ये सुनते ही गरिमा जल्दी से कमरे में भाग जाती है। इधर निधि बोल के अपने कमरे के लिए निकल जाती है । निधि ने जान बुझ कर बोला था फोन देखने के लिए उसे तो पता था राहुल के कांड का ओर वो क्या चाहती थी ये तो वही जाने ।
इंतेज़ार करते करते गरिमा की आँख लग जाती है इधर सुरेश ,गरिमा का मैसेज ना आता हुआ देख काफी सारे मैसेज कर देता है पर कोई रिप्लाई ना आता देख थक हार के सो जाता है ।
सुरेश- बरखा जल्दी से नास्ता करवा दो यार रेलवे स्टेशन भी जाना है देर हो रही हैं।
बरखा - अभी लायी जी वो जल्दी से सुरेश को नास्ता देती हैं।तभी गरिमा उतर कर निचे आती है और अपने पापा को गुड मोर्निंग बोल के कहती हैं। पापा कितने बजे की गाडी है ।
सुरेश - बेटा 10 बजे की है ,राहुल को उठा देती वो मुझे रेलवे स्टेशन छोड़ देगा ।
गरिम- ठीक है पापा मैं अभी राहुल को उठा कर आती हूँ ।
इधर कमरे में गरिमा उठो भाई जल्दी उठो ना पापा को रेलवे स्टेशन छोड़ने जाना है ।
राहुल - दीदी सोने दो ना क्यों सुबह सुबह उठा रही हो ।
गरिमा - उठ भाई पापा को रेलवे स्टेशन छोड़ने जाना है जल्दी निचे आ जा ।और बोलकर निचे चली जाती है ।
रात को देर से सोने के कारण आरोही अभी भी सो रही थी निधि आज सुबह ही जिम चली गयी थी। कुछ समय ले बाद राहुल और सुरेश रेलवे स्टेशन के निकल जाते है ।
बरखा ये आरोही आज इतनी देर तक कैसे सो रही हैं।गरिमा बेटा जाकर आरोही को उठा दे आकर नास्ता कर लेगी। गरिमा ,आरोही को उठने चली जाती है इधर निधि जिम से आकर आराम करने लगती हैं ।
सब मिलकर एक साथ नास्ता कर रहे थे तभी आरोही बोली मम्मी भैया कब तक आएंगे ।
बरखा - आ जायेगा बेटा पापा को छोड़ के क्यों क्या हुआ
आरोही - आज शॉपिंग पे जाना है ना ,कल पूरे 5000 हज़ार मिले है वो खुश होते हुए बोली ।
बरखा - हाँ चली जाना मैं भी आज दुकान पे जाउंगी ।
नास्ता करके सब अपने अपने काम में व्यस्त हो जाते है घंटे भर के बाद राहुल आकर नास्ता करता है और अपने कमरे में चला जाता है ।तभी आरोही भी उसके कमरे में
जाती है
आरोहि - भैया चलो ना आज शॉपिंग पे चलते है
राहुल - अभी नही आरोही शाम को चलते है अभी आराम करने दे मुझे थोड़ा और तु भी आराम कर ले
राहुल सो जाता है थोड़े समय के बाद आरोही भी मन मारकर वही बगल में सो जाती है ।राहुल की नींद एक फोन कॉल से टूट जाती है।
सर मैं फलाना बैंक से बोल रहा हू कुछ खास ऑफर हैं राहुल इतना सुनते ही कॉल कट देता है और बोलता है इनकी माँ का भोसड़ा जब देखो परेशान करते रहते है ।तभी उसकी नज़र बगल में सोई आरोही पे जाती है ।उफ़..क्या नज़ारा था गांड की उठान देख के राहुल बोलता हैं उफ़..आरोही तु मार ही देगी मुझे और वो आज हिम्मत करके उसकी गांड की खुशबू सूंघने के लिए उसकी गांड के करीब जाता है पर वो इससे अनजान था की आरोही उठ चुकी थी उसके फोन कॉल से ,वो आरोही की गांड की खुसबू सुंघता और उसके मुँह से आअह्ह्ह..क्या महक है मेरी आरोही की गांड की
थोड़ी देर सूंघने के बाद वो समय देखता है 3:15 हो रहे थे वो जल्दी से आरोही को उठा के बोलता है उठा जा आरोही चल मॉल चलते है और वो तैयार होने बाथरूम में घुस जाता है इधर आरोही मन में ये भैया मेरी गांड क्यों सूंघ रहे थे क्या सच में भैया मेरे लिए गन्दा सोचते है नही नही शायद वो बस मेरी गांड से आती खुसबू से मोहित हो गये होंगे वो ऐसा नही सोच सकते और वो भी तैयार होने चली जाती है थोड़ी ही देर के बाद वो मॉल के लिए निकल जाते है अब आगे क्या हंगामा होगा पता नही ।
 

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