Adultery rukna nehi

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सीमा भड़क गई उसकी आंखे बड़ी हो गई । " What did you say, I am a middle-aged aunt...."

वो मेरे करीब आई और गुस्से से मुझे देखने लगी । मुझे लगा बेटा तूने ये क्या कह दिया । भले भी ये आंटी है लेकिन इसकी खूबसूरती तो देखो कमसिन लड़की भी इसके आगे शाय काम पानी ज्यादा ।


में " नही । मेरा मतलम । मतलब आपने मुझे वैसा बोला तो मैने भी ऐसे ही बोल दिया । लेकिन आप बोहोत खूबसूरत हो । सच में जूठ नही बोल रहा हूं । आपकी आंखे बोहोत प्यारी हे । "


वो मुस्कुराने लगी " फत्तू साला । नए नए जवान लड़को में जोश होते हे लेकिन तू तो बर्फीला चट्टान निकला । गधे कब से लाइन दे रही हूं समझ नही आता है क्या । "




वो उठ के खड़ी हो गई और अदब से अपनी जुल्फो लहराती हुई चट्ट से नीचे उतर गई जाते हुए उसकी बलखाती हुई कमर की लचक उसकी बड़े बड़े चुटाड़ की ठीकड़ मेरे बसना जगा दिया ।


बेटा अब क्या करेगा । क्या इस मक्खन को चाट से सफासत करेगा या ऐसे ही प्लेट में सजावट देखते रहेगा । सही बोला उसने फत्तू है तू । मेरा दिल कह रहा था बेटा जा जा के झंडा गाड़ दे और एक सेतावानी भी बेटा ऐसे भटकती हुई औरते बड़ी चुदासी होती उसेके बस चले तो मर्दों निगल जाए । उसके पास जा के फूस मत हो जाना । लेकिन अब हवास जाग चुका था । में चाटी के बाल खड़े कर मर्दानगी दिखाते हुए गया नीचे ।




वो मेरे कमरे में थी । किसी से मोबाइल पे बात कर रही थी । और मुझे चुप रहने का इशारा कर रही थी । और फोन पे बोल रही थी "I was stuck at work in Darling so I took the hotel. Will reach home safely in the morning ......."



उसने फोन रख दिया । और बोली " मेरे हसबैंड थे ।"



उसने जब बोल बोला की मेरे हसबैंड थे पता नही क्यों मेरी अंदर की मर्दानगी फुस्स हो गई ।


सीमा " क्या हुआ । चाटी की इंच काम हो गई । बड़े मर्द बन के आए थे ना जब तुझे ललकारा मैंने । हां हा । "


में शर्म से सर झुका लिया । वो मेरे पास आई और मेरे गले में हाथ डाल के बोली " अच्छा बोलो घोड़े और गधे में से तुम कोनसा चुनोगे "

में " मतलब"

सीमा " पहले एक चुनो "

में सोचने लगा ये कहना क्या चाहती हे मतलब क्या है इसकी । फिर भी मैंने वोही सुना जो लोग यही सुनते " घोड़ा "

सीमा मुस्कुराई " में गधे को चुनूंगी । पता हे क्यू घोड़ा उतावला हो जाता है बेलगाम हो जाता है और हर मान लेता हे । लेकिन गधे कभी हार नही मानते है भले ही उसकी चाल धीमा क्यू ना हो वो कभी आराम नही करता । "
 
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में " तो "

सीमा " तुम गधे हो । बत्ती देर से जलती हे । "

में हस के बोला " ये मेरी तारीफ थी या "

सीमा मेरे गाल पे उंगली सहलाती हुई बोली " मेरा मतलब है की तुम हर मानने वालो में से नही हो जिगरा है तुम में । लेकिन कुछ ज्यादा ही सरिफजादे हो मिया "


उसकी नशीली आंखों की बार और बदन की खुसबु को में सेह नही पाया " लेकिन अब बदमास बनना चाहता हूं "


आर मैंने उसको बाहों कस लिया उसकी आंख निकल गई । और मैंने उसकी होंठों पे अपना होंठ रख दिया । उसकी जिस्म किसी bbw पोर्नस्टार की तरह chubby फिगर थी । गठीले गदराई हुई मंशल बदन लेकिन बोहोत ही मुलायम बाहों में लेने के बाद जो मुलायम एहसास था वो एहसास मैंने किसी भी लड़की से नही पाया था । दोनो ही गर्म जोशी में फ्रेंच किस कर रहे थे । उसकी गदराई हुई बदन को में मसलने लगा ।



एक दूसरे को इतना कस रहे थे जैसे खुद के अंदर समा ले एक दूसरे को । दोनो की सांसे तेज़ हो गई । माहोल गर्म हो गया था । उसकी आहे मुझे और जोश दिलाया की एक बला की खूबसूरत औरत मेरे चुने से गर्म हो उठी है । मेरी गर्लफ्रेंड कोई बार मेरे मुंह से बाच आती है बोल के मुझे शर्मिंदा कर चुकी थी । हालाकि मैंने घिस घिस के ब्रश और जीव साफ कर के जाता था उसके पास । लेकिन सीमा मेरे मुंह में जीव डाल रही थी । और ने गर्व से और जोशीला हो गया था । में भी उसकी जीव चूस रहा था । उसकी मुलायम होंठों की स्पर्च उसकी मुंह की गरमाहट उसकी जीव की लार की एहसास ही मेरे लिए एक दम नयापन था जैसे इस पल को में पन्नो में हमेसा के लिए समेट के रखूं ।


में उसकी गर्दन उसकी कंधे पे चूमे जा रहा था और मेरे हाथ उसकी बड़ी बड़ी चूचिया पे पोहोच गई और मैंने मसल डाला । उसकी आह निकली " आन्ह्ह्ह रुको ड्रेस खराब मत करो ।"


उसने अपना गाऊन उतार दिया और अब वो ब्लैक ब्रा पैंटी की जोड़ी में थी । में भी अपने कपड़े उतार दिए और चड्डी में खड़ा था ।
 
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उसकी भरा हुआ जिस्म एक रूप से स्वर थी । उभरे हुए बड़े बड़े चूचियां जो ब्रा फाड़ने की उतवाली थी बाहर निकली हुई मोती गान्ड हल्की उभरी हुई पेट जिसमे गहरी नाभी के नीचे प्रेगनेसी के ढेरो हल्की लकीडों की निसान और उसकी त्वचा इतनी गोरी की छूने से लाल पड़ जाए । उसकी मोटी सुथौल बाहै मन कर रहा था कच्चा सबा जाऊ ।

वो खुद ही बेड पे गई और मुझे इशारे में बुलाया । और पैंथर की तरह उसके ऊपर चढ़ गया । और उसके बदन को चूमने चाटने लगा । वो बोहोत उत्तेजित थी मेरे चुने से वो सिहर जाती तड़प उठती बलखाने लगती ।



मैने उसकी ब्रा उतार दी और दोनो हाथों से मसलते हुए बारी बारी उसकी मोटी घुट्टी चूसने लगा । वो मेरे शिर पकड़ के कसमसाने लगी । " Bite my nipples hard. press hard ..."


मुझे लगा में संभाल नही पाऊंगा उसे । क्यू की मेरा नेचर जंगली नही था । लेकिन में समझ पा रहा था की बोहोत गर्म हे उसकी उखड़ी सासें बता रही थी की वो कितनी गर्म हे ।


मैंने उसकी चूचियों कटा दात भी गाढ़ा दिया । उसे दर्द हुई लेकिन ऐसा लगता था दर्द ही उसकी प्यास की दवा थी ।


में उसकी मैंने उसकी पैंटी उतार दी । उसकी मोटी जांघो के बीच मोती दाने वाली बड़ी चूत बड़ा ही आकर्षक थी । मैंने दाने को फैला के चाट लिया उसकी छूट रीच रही थी कामरस से बड़ा ही अजीब कचिला स्वाद था और मैंने मुंह हटा लिया वैसे तो उसकी चुत चिकनी थी पुष्ट थी लेकिन उसकी काम रस मुझे गंदा लगा । उसे भी ये बात समझ आ गई थी । और उसने मुझे ऊपर खींचा । और मेरे अंडरवियर की दोनो सिरा नीचे खिचका के जताया की उसे क्या चाहिए और मेंने तुरंत ही अपनी अंडरबियार उतर दी और वोही साधारण सी टांगे फैला के कार्य करने वाली मुद्रा में उसकी चूट में अपने लन्ड को दबाने लगा और लन्ड खुद वो खुद उसकी चूट में रास्ता बना के सरसराते हुए आधा घुस गया । क्या कसाओ थी उसकी चूट में सुना था उम्र बढ़ने से औरत की चूट ढीली और मर्द का लन्ड ढीला पड़ जाती है लेकिन जिससे भी सुना था वो मिले तो में उसे कहूंगा की तु बेवकूफ एक नो का ।
 
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उसकी घुट्टी हुई गले से आवाज निकली " आन्ह्ह् Your cock is very big....."

जब ये लाइन किसी मर्द पे चिपकाए जाते है तो वो मर्द वाकई में गर्वित हो के अपना होश खो बैठते है लेकिन मैने प्रसंग्सा नही करते हुए आराम आराम से धीरे धीरे से अंदर बाहर करने लगा ।

उसने मुझे बाहों में लिया और बोली " भले ही दो मिनट टिको मुझे परवा नहीं But I want strong sex so put as much strength as you can "

मेने सोचा इस पल को लुफ्त उठते हुए लंबा खीचूंगा लेकिन उसे कुछ और चाहिए थी । चलो उसकी खुशी मेरी खुशी । और मैने अच्छे से बाहों में भर के एक मजबूद पकड़ बनाई और एक जोर से धक्का दिया बिस्तर के साथ वो भी सरमारा गई तकलीफ उसकी शक्ल पे दिख रही थी लेकिन फिर भी वो मुस्कुराई और बोली " Keep doing it fast till you leave .......


मैंने भी एक रिदम पकड़ ली अपने लन्ड को जोर से घुसाता और सुपाड़े तक खींचता और बापच तेजी से धक्के पे धक्का मारने लगता । वाकई में उसकी चूट बोहोत कसी हुई और बोहोत गीली हो रही थी जिससे में समझ गया था सीमा बोहोत भूखी थी सेक्स कि । वो चिल्ला रही थी अजीबों गरीब काम आवाज से जैसे " ओह fuck । don't Stop ऊंहह .....push harder.......bring me to your sweetness ........."


में बिना रुके पिस्टन की तरह लगा हुए था । वो मेरे बाल नोच रही थी मेरे बदन पे पंजे मार रही थी शिर पटक रही थी मेरे होंठ काट रही थी मैंने भी उसकी पीठ पे पंजों से प्रहार किया हलाकी मेरे लंबे नाखून नही थे इसलिए खरोचे नही आई होगी लेकिन मसलने की निसान जरूर बैठ गई होगी । और वो भी और ज्यादा जंगली हो जाती थी ।



कुछ ही देर में वो एक दम से मचलने लगी थर थर कांपने लगी । और मुझे महसूस हुआ की उसने जैसे मूत दी हो । उसकी पहली सरमसुख था मेरे साथ । में भी ऐसे हफने लगा जैसे 6–7 km मैराथन डोर लगाई हो और मेरा कालिजा बाहर निकल के हाथ में आ गई हो । और मैंने भी उसकी चूट गहराई नापते हुऐ दो तीन झटके लगाए पेट्रोल खत्म हुए झटके लेते हुए गाड़ी की तरह में भी रुक गया ।

दोनो ही हैंफ रहे थे जैसे हमे सांस ही नही मिल रही थी । उसने मुझे मेरे बाल सहलाते हुए प्यार जताने लगी ।
 
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जब सांस आई तो उसने बोला " तुम्हारे होंठ फट गई थोड़ी सी खून निकला है "

में " अच्छा खुद ही मेरा होंठ काट के खून निकलती हो और बोलती भी हो । अब में आपकी होंठ कच्चा चबा जाऊंगा "

सीमा " नही । मेरा पति एक सेकंड में पकड़ लेगा जितने भी बहाने बनाऊं । वो बोहोत सालक है "

में " लेकिन आपके ब्रेस्ट पे जो मेरे दातों का हाथो का निसान पड़ गया है और पीठ पे भी उसका क्या "

सीमा " हमारा जगरा चल रहा है इसलिए हम करीब नेही आते वो सब कपड़ो के अंदर छुपा रहेगा । लेकिन होंठों को कहा छुपाऊ ।"

में " आपको हार्डकोर सेक्स पसंद हे । "
सीमा " Depends on mood. Sometimes I like to do romance, sometimes I like to have hardcore sex ......"




में " उसके बगल में लेट गया । आपको नींद नही आती क्या सुबह के 4 बजने वाले थे । "


सीमा " कभी कभी रातें नींद लेने के लिए नही होती है । खेर मुझे भी अब बोहोत थकान महसूस हो रही है । यही सोयोगे या दूसरे रूम में "


में थोड़ा संकोच करते हुए बोला " अगर बुरा ना मानो तो यही "

वो मुस्कुराई " ओके । शर्मा क्यू रहे हो ।"


और उसने मुझे बाहों में भर लिया । उसकी बड़ी गडरे हुई बदन को बाहों में लेने का कुछ अलग ही मजा था । हम दोनो कब नींद में चले गए पता नही ।







मेरा फोन भेउ भेउ कर वाइब्रेट हो रहा था । में कुनमुनाते हुए अपने मोबाइल कान में लगाया । फोन मेरे बड़े भईया की थी ।


" ओय गधे तू अभी तक सो रहा है । 11 बज गए "

" हम्म्म उम्मम्म "

" तुझे याद हे ना । हम लोग एयरपोर्ट से पोहोच रहे है । तू जल्दी से तैयार हो जा । "


में आलस में उठ गया । और मुझे सीमा की याद आई मैंने इधर उधर देखा कमरे में सीमा नही है । बिस्तर पे एक कागज मिला और एक पैसे की गद्दी ।


कागज पे लिखा था । """My dear little baby ! Sorry to break your new bike. If I wanted, I would have given you money and made you run away, but when I saw your face full of anger turning red, then you liked me very much and because of your talking, a voice came from my heart that you are a good hearted person and I love you. I had made up my mind to spend some time together and half the work was done by the intoxication of alcohol.... कभी अगर फिर हमारा तकरार हुआ तो ना तुम मुझे पहचानने की कशिश करना ना में । क्यू कि ऐसा दुबारा कभी नही हो पाएगा । तुम समझदार हो इलसिए समझ जाओगे है ना bye """""


और साथ में 50 हजार पड़ी थी । मेरा दिमाग खाली हो गया था । क्या बोलू खेर मैंने सोचा कि भूलना ही बेहतर है । और मैने अपने दोस्त नवीन को पैसा भेज के बोला बाइक ठीक करवाने को ।
 
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कुछ ही देर में मेरे परिवार वाले आ गए । मेरे मम्मी पापा और मेरे भईया ।


मेरे पापा रिटायर्ड प्रोफेसर है । मेरी मम्मी लाइफटाइम हाउस वाइफ है और मेरे भईया एनटीपीसी कंपनी में हाल ही CA की पोस्ट में जॉब मिली है । और में पढ़ाई में नल्ला BA की डिग्री मिल जाए किसी तरह यही मेरे पापा की आखरी ख्वाइश है । पापा भईया को जितना प्यार देता है उतना ही ज्यादा मुझे बजाते है । अभी थोड़ा पिटाई करना काम हुआ है दांत से अपनी ज़िंदगी भड़ास निकालते है ।


मेरे फूफा कोई दिनों से हॉस्पिटल में एडमिट थे तो उसकी खबर लेने के लिए ही वो लोग गए हुए थे । और आज बापच आने वाले थे ।

और खास बात ये थी कि भईया के लिए हम लड़की देखने जाने वाले थे । इस बात से ही भईया सोने पे सुहागा वाली खुशियां मना रहे थे क्यू जिस लड़की से वो प्यार करते हे उसकी को हम देखने जा रहे थे और बड़ी बात ये थी कि जिस कम्पनी में जॉब करते हे उसकी कम्पनी की चेयरमैन की बेटी थी वो ।



में नहा धो के टॉवल पहने ही किचन में गया सोच रहा था की क्या बना के खाऊं । तभी दूर बेल बजी ।



मैंने दरवाजा खोला । मेरी मम्मी ऐसे लिपटी जैसे 4 दिन नही 4 साल बाद मुझेसे मिल रही है ।

मम्मी " ओह मेरा बच्चा तू ठीक है ना ।" मम्मी मेरे गाल गीला कर रही थी ।

में मम्मी से अलग हो गया " बस करो अभी तो नहाया गंदा मत करो फिर से ।"


मम्मी जूठा गुस्सा दिखा के मुझे मारने लगी " नालायक मेरा चुम्मा तुझे गंदा लगाता है "
पापा " तुम भी किस गधे को घास डालती हो जिसको जरा भी ज्ञान नही है "


भईया " ओहो अब आप लोग शुरु मत हो जाना । चलो अन्दर "

में भईया को छेड़ते हुए बोला " मिया की खुशी तो देखो । कैसे उतवाले हो रहा है । इसको ये नही पता शादी का लड्डू खा के नर्क नसीब होती है "

भैया " मेरे बाद तेरे ही नम्बर लगेगा । तुझे भी किसी काली नाटी से शादी करनी ही होगी ना एक ना एक दिन क्यू तुझ जैसे गधे को कोई अपनी घर की हूर परी तो देंगे नही "

में मम्मी से लिपट गया " मुझे शादी की क्या जरूरत । मेरा ध्यान रखने वाली खाना बना के खिलवाने मेरे पास ऑलरेडी हे । हे ना मम्मी "

मम्मी हंस पड़ी और मेरे गाल चूम ली । पापा ऐसे घूरने लगे जैसे मुझे अपनी निगाहों से ही खा जायेगा । में मम्मी के कान में बोला " देखो तो अपने जल्लाद को कैसे घूर रहा है उसे लग रहा है जिसे सच आई बीवी को चीन रहा हूं में । "

मम्मी में मेरे शिर पे थपकी लगाई और बोली " हट बदमास कहिके कुछ भी बकता हे । चल अंदर "
 
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एक घंटे में हम सब तैयार हो गए । और लड़की के घर चले गए । मेरी तो आंखे फट गई गेट ऑटोमैटिक स्वीच से खुलती है दो सिक्योरिटी गार्ड हमेशा तैनात रहता ही सिपाही की तरह । गेट से घुसते ही हम कार से उतरते है । और एक बड़ा सा गार्डन नियागरा फॉल्स के साथ सटीक डिजाइनर तरीके से कटिंग करती दीवार बनी हुई थी और पता नही कितने प्रकार की फुल फोड़े लगे हुए थे । जिसके नाम सायेद गूगल बाबा भी ना दे पाए । और एक आलिशन बंगलो तीन मंजिलें की थोड़े पुराने जमाने की डिजाइन में लेकिन कलर नए डिजाइन के लगे हुए थे । मम्मी और में तो गवारों की तरह घर ही देखे जा रहे थे ।

में " भईया क्या हाथ मारा है वे "

मम्मी " बेटा चचमुच की राजकुमारी को तो नही पटाया ना तूने "

पापा ने हम डाट लगाया " चुप करो तुम दोनो । गवारों जैसे हरकतें मत करो । और अच्छे से पेस आना और गाढ़े तू अपना मुंह बंद ही रखना "


हम बंगले की तरफ चले गए । एक आदमी चाचमा पहने हुए और हाथों में न्यूजपेपर लेते हुए कुर्ते पजामे में एंट्री पे खड़े थे । हम उसके पर्सनेलिटी देख के ही समझ गए यही हे भईया के होने वाले ससुर और मालिक ।


उसने बड़े ही अदब से नमस्कार करते हुए हमारा स्वागत किया । ऐसे लग रहे थे जैसे वो भी हमारी ही तरह मिडिल क्लास लोग हे । खेर उनका बड़प्पन था ।

हमे अंडर ले गए और हम गेस्ट रूम में विराजमान होने दिया । मेरी नज़रे तो दीवारों पे लगे सजावट की चीजों से हट ही नहीं रही थी ।

तभी एक औरत गेस्ट रूम में घुस आई और वो थी मेरे भैया की होने वाली सासु और मालकिन । एक दम ट्रेडिशनल स्टाइल में सारी आभूषण और अलंकार में थी । लेकिन उसे देखते ही में मेंडक की तरफ उछल पड़ा और खड़े हो के पलट गया ।

पापा मेरे बगल में बैठे थे उसने डाट पीच के बोला " ओय गधे क्या कर रहे हो । पैरट क्यों कर रहे हो "


अब में पापा क्या बोलूं की जिस औरत को मैंने देखा उसके साथ मैने काल रात रंगीन रातें बिताया था । वो भी सायेद सोक गई होगी ।

भईया के होने वाले ससुर ने बोला " बेटा क्या हुआ । कोई परेशानी हे क्या । "

में पलट गया किसी तरह खुद संभाला और बोला " नही अंकल जी वो में बस कुछ याद कर के खड़ा हो गया था "

पापा बोले " राठौर शाहब इसकी आदत हे मस्ती करने की । कही भी शुरू हो जाता है और कभी कभी ऐसे ही लोगो को एंबेरेस्ट कर देता है । बोहोत बदमास है "

राठौर साहब " अरे यही तो इसकी उम्र है मस्ती करने की । ओह में तो भूल ही गया था । ये ही मेरी पत्नी आराधना "

मुझे और एक झटका लगा मन में बोला । साली कुट्टी कामिनी ने मुझे झूठ बोला की उसका नाम सीमा हे । अरधान ने हम सभी को नमस्ते किए । बापरे में हैरान था उसकी साल ढाल और शरीफ संस्कारी अंदाज देख के ।

अरधना ऊर्फ सीमा " आप लोगो को आने में कोई तकलीफ तो नही हुई । मैने इनसे कहा भी था की गाड़ी भेज देते । लेकिन सुने तब ना "

मम्मी बोल पड़ी अपनी मिडिल क्लास वाली अंदाज में " अरे बहनजी ऐसी कोई बात नही है । हम अपने गाड़ी में खुश है । "

हाह्ह्ह माहोल हल्का करने लिए सबने हासे

अरधान " और रोहन बेटा । How are you all going? "

रोहन भईया " Yes everything is going well ....... And you mam?........"


आराधना " come on ......... अब तो मेम कहना छोर दो । just call me aunty......And after a few days anyway you will have to call me maa "


मम्मी मेरे कान में बोली " बापरे अंग्रेजी बोलने वाली समधन से कैसे बात करूंगी में "

में बोला " शिंता मत करो हम लड़के वाले है उसे हिंदी सीखा देंगे ।"

मम्मी ने आंख मार दी मुझे ।
 
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एक दूसरे की हाल से पूछने और जानने से बात सित सुरुवात हुई । भईया तो शायेद यहां आ भी चुके होंगे और वो कंफर्टेबल थे बोहोत लेकिन मम्मी और में थोड़ा जीझक रहे थे । में तो जीझक रहा था सीमा की बजह से ओह सॉरी आराधना की वजह से । कुट्टी कामिनी कितनी आसानी से सहेजता से हसी मजाक में माहोल बना रही थी ।



और कुछ देर बाद मेरी होने वाली भावी एस साय की ट्रे ले के आई और उसके साथ एक नौकरानी थी बाकी के नास्ते की ट्रे उसके हाथ में थी ।


क्या लाज़ीजदार स्नैक्स थे उसकी खुशबू मेरे नाक में आ रही थी ।



राठौर शाहब " मल्हार साहब यही है मेरी बेटी संजना "

मम्मी ने उसे इशारे से बुलाए " आजा बेटी मेरे पास आजा बैठ यह । "


संजना मम्मी के पास बैठ गई । पता नही सच में शरमा रही थी या फिर हमारे जैसे बनने की कशिश कर रही थी । वैसे भी उनके लेवल की होते तो हम अभी ये मीटिंग के नाम पर रिजॉर्ट या किसी 5 स्टार होटल में मिले होते हे । जो भी हो कमसेकम हमारे लिए थोड़ी देर के लिए सही हम जैसा बन के रेह के हमारे दिल जीतने की कशिश कर रही है यही बोहोत है ।

मम्मी बोली " वैसे तो रोहन ने तुम्हारे बारे में सब बता दिया हे पूछने को कुछ हे नही । बस एक बात नही बताए की तुमने क्या पढ़ाई की हे "

संजना बोली " जी आंटी मैंने एमबीए कि है ।"

मम्मी को एमबीए क्या उसके तो कुछ पल्ले नही पड़ने वाला था बस उसके लिए इतना ही था की कोई बड़ी दूर की पढ़ाई है ।

आराधना मझकिया अंदाज में बोली " अच्छा अब तुम दोनो को अगर अकेले बात करनी हो तो जाओ कर लो । "


भईया शरमान लगे । लेकिन में अब धीरे धीरे माहोल में आ रहा था । में बोला " अरे आप दोनो की जान पहचान की अब क्या जरूरत । अगर बुरा ना मानो तो मेरी होने वाली भावी क्या मुझे अपने घर दिखाएगी । "
 
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संजना बोली " हां क्यों नही । आओ मेरे साथ "

में उसके पीछे पीछे जाने लगा और भईया से बोला " भइया आप भी आना चाहते हो तो आ सकते हो "

आराधना " हा रोहन जाओ । अब हम बड़ों की बातें कर लेते हे "


भईया भी हमारे साथ आए ।


संजना हम गेलरी पे ले के गई जहा महंगे महंगे तस्वीरे और एंटीक चीजे सजा के रखे हुए थे ।

में अपनी नजर सारों और घूमते हुए बोला " वैसे आपको में क्या बुलाऊं सीधे भावी बुलाऊ या फिलहाल के लिए दीदी बुलाऊ "

संजना मुस्कुरा के बोली " भावी बुला सकते हो । और तुम्हे क्या बुलाऊं देवरजी या रोहन "

भईया बोले " इसको इतज़त देने की कोई जरूरत नही हे । इंतजट के लायक नही है "

संजना " Shut up you .....Now this is my brother ......"

मे " कोई बात नही भावी । पापा और ये मेरे हमेशा मेरे पीछे पड़े रहते हे । "

संजना " शिंता मत करो बोहोत जल्द तुम्हे प्रोटेक करनें में आने वाली हूं "

में " वैसे भावी आप इतनी बड़ी मेहल में रहने वाली हमारे घर में कैसे रहोगी आपको घुटन नही होगी क्या "

संजना " क्यू होगी घुटन । तुम लोग क्या बॉक्स में रहते हो ।"

भईया बोले " हम जल्द ही बड़ा घर लेंगे "

में बोला " अच्छा । वोहा हमारी एंट्री मिलेगी की नही या सिर्फ भावी के लिए "

भईया " सबकी एंट्री हे मम्मी पापा हमारे साथ रहेगा । लेकिन तु हमारे साथ नही रहेगा । "

में " अच्छा बच्चू आखिर दिखा ही दिया ना अपना रंग । मुझे भी नही रहना तुम्हारे साथ । वैसे भावी में आपके घर में कभी कभी रहने आया करूंगा आप लोग मुझे भागा मत देना । "

संजना " कैसे बातें कर रहे हो । और हम दोनो मिल के घर लेने वाले हे तेरे भईया अकेले नही लेंगे .। और तुम भी हमारे साथ ही रहोगे । में अपने फैमिली से कभी दूर नही रह सकती । मुझे सहल पहल ज्वाइन फैमिली में रहना पसंद । "

में " देखा । कुछ सीखो अपनी होने वाली बीवी से । वैसे आपकी इतनी औकाद नही जो अभी बड़ा घर ले "

भईया " तू मिल बाहर । तुझे बताता हूं में "

में " भावी कहा मिले ये आपको । जरूर लम्बे लम्बे फेक के पटाए होंगे ना आपको । "

संजना हंसने लगी " तेरे भईया ने नही मैने तुम्हारे भईया को पताई हे । ये तो मुझसे डरता था चेयरमैन की बेटी जो ठहरी "

मुझे भी अब हसी आया मेरा सांड जैसा भाई सचमे लड़की से डरता था । वैसे वो एक तरह से इतजत थी ।

में हाहहा हाह्ह्ह हाहहह करते हुए हसने लगा ।
 

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