Incest संस्कारी परिवार की बेशर्म कामुक रंडियां। अंदर छुपी हवस जब सामने आयी

Member
216
274
63

update 5

शाम के 4 बज रहे थे घड़ी में । आरती अपने नए मोबाइल में सेटिंग्स करने में लगी हुई थी अचानक उसे याद आया कि उसे गाड़ी की नंबर प्लेट पर एक कागज मिला था । उसने वो कागज़ निकाला और जो नंबर उसपर लिखा हुआ था उसे सलमान के नाम से सेव कर लिया ।
उसने सोचा क्यों ना कॉल की जाए और उसने नंबर डायल कर दिया ।

उधर धरमवीर भी अपने कमरे में आकर जल्दी से जो दूसरी नई सिम थी वो अपने मोबाइल में डाल ली थी । और अब जैसे ही आरती का call आया उसकी धड़कने बढ़ गई अचानक उसने call कट कर दिया क्युकी आरती आवाज पहचान लेती ।
उसने तुरंत एक मेसेज टाइप किया ।

धरमवीर - yes, who are you ? please text me , I'm not able to talk with you on call .

आरती ये मेसेज पढ़कर मन ही मन बोली अजीब बंदा है । पर मै क्यों करू इसे मेसेज । फिर उसने सोचा चलो करती हूं देखूं तो क्या कहता है । उसने मेसेज टाइप किया ।

आरती - why are you not able to talk with me on call ? and what you want by me ?

कुछ सेकंड बाद आरती के मोबाइल में सलमान के नाम से msg रिसीव हुआ ।

सलमान - I'm hospitalized due to car accident . so we can communicate by text messages .

आरती ये पढ़कर थोड़ा इमोशनल हुई कि कार एक्सिडेंट हो गया बेचारे का ।
साथ में उसकी हंसी भी छूट गई कि साला ऐक्सिडेंट करके हॉस्पिटल में पड़ा है और वहां भी इसे सेटिंग करने की पड़ी है ।
उसे क्या पता था कि कोई सलमान नहीं बल्कि उसका बड़ा भाई धर्मवीर सिह उसकी चूत में अपना लंड फसाने के सपने देख रहा है ।


फिर आरती ने सोचा पूछूं तो सही क्या हुआ और उसने इस बार हिंदी में ही टाइप करना उचित समझा ।

आरती - कैसे हुआ आपका एक्सिडेंट , और आप मुझसे बात क्यों करना चाहते है ।

सलमान - ऐक्सिडेंट कैसे होता है मैम वैसे ही हुआ ।

आरती ये मेसेज पढ़कर मुस्कुरा पड़ी तभी दूसरा मैसेज रिसीव हुआ ।

सलमान - और आपसे बात करने का मुझे कोई शौक नहीं है दरअसल मैं आपको कुछ बताना चाहता था आपकी भतीजी शालिनी के बारे में ।

ये मैसेज पढ़कर शालिनी चौंक गई कि ये शालिनी को कैसे जानता है ।
उसे क्या पता था धर्मवीर शालिनी से शुरुआत इसलिए कर रहा है ताकि बात करने की शुरुआत हो सके और आरती उससे बात करने के लिए मजबूर हो सके ।

आरती - अच्छा । शालिनी को कैसे जानते है आप । और उसके बारे में क्या बताना चाहते है बोलिए ।

धर्मवीर - मै रात को 10 बजे बात करूंगा क्युकी मेरी फैमिली अभी मेरे पास बैठी है । और अब तुम भी मुझे 10 बजे ही मैसेज करना ।

धर्मवीर ने ये मेसेज इसलिए किया क्योंकि उसे अपनी आगे की योजना भी बनानी थी और वो थोड़ा सोना भी चाहता था ।
उधर आरती ने पढ़ा और सोचने लगी कि चलो देखते है क्या बताता है ये ।
आरती ने रिप्लाइ में ओके कहकर मैसेज कर दिया ।

उधर धर्मवीर ने अपने दिमाग की दाद देते हुए खुसी से ऐसे yess कहा जैसे क्रिकेट मैच में बॉलर विकेट मिलने पर करता है ।
धर्मवीर सोचने लगा कि आरती की उम्र 31 साल है मतलब उसकी जवानी पूरे उफान पर है । सोचने लगा कि आरती की गर्मी मेरे जैसे लंड से ही हो सकती है । ऊपर से आरती को 3 साल हो गए विधवा हुए उसे भी लंड की जरूरत महसूस होती होगी और इस बात की गवाही उसकी उठी हुई छातियां देती है जैसे कह रही हों कि आओ हम निचोड़ो । और आरती की गांड को फाड़ना भी किसी नॉर्मल लंड के बाद की बात नहीं है उसे ऐसे इंसान का लंड चाहिए जिसने 8, 10 साल बस खाया हो और कसरत की हो ।सोचने लगा कि आरती की चूत भी तो झांटों से भरी हुई थी जब उसकी सलवार फटी थी । मतलब आरती बाल साफ़ करके नहीं रखती और धर्मवीर को झांटों से भरी हुई चूत चोदने का ही शौक था क्युकी उसका लंड छोटा तो था नहीं जो बालों में गायब हो जाता , उसका तो हल्लबी खीरा जैसा लौड़ा था वो तो चूत में जड़ तक चला जाए तो चूत किसी नॉर्मल इंसान के चोदने लायक ही नहीं रहती क्युकी फिर वो चूत नहीं भोसड़ा बना देता है उसका ।
ऐसा सोचते सोचते ही उसे नींद आ गई ।


उधर शाम के 6 बज गए थे शालिनी भी घर आ गई थी और कपड़े चेंज करके भाभी के रूम की तरफ चल दी ।
उपासना अपनी मम्मी से फोन पर बात कर रही थी । बात खतम करके बोली आइए नन्द रानी जी कैसा रहा आज का दिन ।ये बोलते हुए उपासना थोड़ा शरमा गई क्युकी शालिनी ने उसे आज नंगी हो देख लिया था ।

शालिनी भी मजाकिया लहजे में बोली - हां सुबह सुबह आज कामदेवी के दर्शन हो गए थे भाभी तो दिन अच्छा गया ।

ये सुनकर उपासना बुरी तरह शर्मा गई वो समझ गई थी कि शालिनी किस कामदेवी की बात कर रही है ।

उपासना - अब नन्द रानी खुद आकर कम्बल खींचेगी और देखेंगी तो इसमें मै क्या करती ।

शालिनी - चलो माफ करो भाभी दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी और मै कौन सा कोई आदमी हूं एक लड़की हूं आपकी नन्द हूं देख लिया तो क्या हो गया । और वैसे आप ऐसी हालत में क्यों सोती हो कपड़े पहनकर सो जाया करो ।

उपासना - अच्छा । hehehe अब तुम बताओगी मुझे की मै कैसे साउं । ये कहकर उपासना हंस पड़ी । कोई बात नहीं नन्द रानी जब तुम्हारी शादी होगी तब पता चलेगा कि तुम कैसे सोया करोगी ।

शालिनी - भाभी मै तो नाइटी पहनकर सोया करूंगी ।

उपासना - मजाकिया लहजे में - देख लेना कहीं ऐसा ना हो कि तुम्हारा पति तुम्हारी नाइटी फाड़कर तुम्हे नंगी करदे ।

शालिनी ये सुनकर शर्मा गई और मुस्कुराती हुई बोली - छी भाभी कितना गंदा बोल देती हो आप । और ऐसा है तो मै शादी ही नहीं करूंगी ।

उपासना - अब अगर मै ये बोली की तुम्हे कौन सा कोई आदमी बोल रहा है मै भी एक लड़की ही हूं वो भी आपकी भाभी ।

शालिनी - अच्छा आप मेरा डाइलोग मुझे ही चिपका रही हो ।

उपासना - शादी तो तुम्हे करनी ही पड़ेगी और तुम्हारी जवानी देखकर तो लगता है कि तुम्हारी शादी एक इंसान से नहीं दो आदमी से करनी चाहिए । क्युकी एक के बसका नहीं है तुम्हारी जवानी को काबू में करना ।

ये सुनकर शालिनी झेंप गई वो समझ गई थी भाभी क्या कह रही है । और वैसे भी शालिनी ही इस घर में ऐसी थी जिसने बाहर के लंड खूब जी भरकर खाए थे । शालिनी ने उल्टा वार करने की सोची ।

शालिनी - अच्छा ऐसे तो मै भी कह सकती हूं कि आपको भी दो से शादी करनी चाहिए थी आपकी जवानी तो मुझसे भी ज्यादा भरी हुई है ।

उपासना - मेरी जवानी तो शादी के बाद भरी है पहले तो मै slim थी । पर नन्द रानी मै ये सोच रही हूं तुम्हारी जवानी कैसे इतनी भर रही है । मुझे तो कुछ दाल में काला लग रहा है । हमे भी बता दो कौन है वो जिसके नसीब में तुम जैसी घोड़ी है ।

शालिनी को ये वार उल्टा पड़ा । उसने मन ही मन सोचा अब क्या बोलूं ।
और घोड़ी शब्द सुनकर शालिनी शर्म से लाल हो गई । और मुस्कुरा पड़ी ।

उपासना - देखा उसके नाम से तो मुस्कुरा दी मेरी नन्द रानी अब बता भी दो ।

शालिनी ने सोचा कि भाभी ही तो है मेरी और हम as a friend भी व्यवहार कर सकते है ।

शालिनी - भाभी एक शर्त पर ।

उपासना - अच्छा ये जानने के लिए अब मुझे तुम्हारी शर्त भी माननी पड़ेगी । चलो बोलो क्या शर्त है तुम भी क्या याद करोगी की है एक मेरी भाभी ।

शालिनी - शर्त ये है कि ये बाते हमारे बीच ही रहनी चाहिए ।

उपासना - ये लो कर लो बात । नहीं मैं तो कल पर्चे छपवाऊंगी की मेरी ननद ने ये बताया है मुझे ।

ये सुनकर दोनों हंस पड़ी ।

शालिनी - ओके बता देती हूं । सुनो । हमारी कंपनी में जो मैनेजर हैं वो है ।

उपासना - ओ तेरी की । मतलब मैनेजर कंपनी के साथ साथ तुम्हे भी संभालता है ।

शालिनी - hmm दो साल से हम एक दूसरे को जानते है ।

उपासना - तब तो मुझे लगता है वो अपना पूरा ध्यान तुम्हे संभालने में ही लगाता होगा ।

शालिनी - ऐसा क्यों लगा भाभी आपको ।

उपासना - तुम्हारी जवानी को देखकर ही लगता है कि कोई बड़ी मेहनत कर रहा है ।

शालिनी शर्मा गई और बोली बस पूछ लिया ना अब आपने जो पूछना था ।

उपासना - हां मेरी नंद रानी लेकिन बस एक बात और बताओ ।

शालिनी - वो भी पूछिए । हंसते हुए बोली

उपासना - मिले भी हो क्या कभी दोनों ।

शालिनी - मिले भी हैं मतलब मिलते तो रोज हैं । कभी कभी जिस दिन मै कंपनी नहीं जाती उस दिन नहीं मिल पाते ।

उपासना - अरे मेरी नन्द रानी मेरे पूछने का ये मतलब नहीं था ।

शालिनी - तो सीधा घुमा फिराकर क्यों पूछ रही है सीधा पूछिए ना कि चुदी भी हो या नहीं ।
(शालिनी भी अब खुलकर बात करना चाहती थी क्युकी वो खेली खाई लौंडिया थी)

उपासना को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसकी नन्द इतनी खुल जाएगी । लेकिन वो भी पागल नहीं थी अब समझ गई थी कि उसकी नन्द खुलकर बात करना चाहती है ।

उपासना - ओयहोए नंद रानी तो अपनी औकात में आगई । चलो अब बता तो की उसने तुम्हे कितनी बार चोदा है ।

शालिनी - चोदा कितनी बार है ये तो मुझे भी नहीं पता लेकिन हां महीने में एक दो दिन मिस हो जाता है जैसे आज मुझे इंटरव्यू के लिए जाना पड़ा ।

उपासना - ओहो मतलब हमारी नन्द रानी की चुदाई खूब टिकाकर की है तभी तो मै सोचूं की ये रण्डी की जांघे इतनी चौड़ी कैसे हो गई ।

शालिनी को ये सुनकर गुस्सा नहीं आया बल्कि उसे गर्व महसूस हुआ और साथ ही साथ शर्मा भी गई ।

शालिनी - हां भाभी चुदी तो मै जी भरके हूं क्या करू आपकी इस रण्डी की चूत को जब तक कोई चाटकर उसका स्वागत अपने लौड़े से ना करे तब तक मज़ा ही नहीं आता । अच्छा भाभी चुदाई तो आपकी भी दाम लगाकर करते होंगे भईया , सुबह आपकी हालत देखकर ही मै समझ गई थी कि लो बना दिया इसका तो कुतिया ।

उपासना अपने लिए कुतिया शब्द सुनकर शर्मा गई और मुंह छुपाते हुए बोली हां रात तुम्हारे भईया ने मेरी ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद अपने वीर्य से नहला दिया था मुझे ।

शालिनी ऐसी बातों से गरम हो गई थी ।

शालिनी - अच्छा भाभी भईया तो आपके होंठो को भी खूब चूसते होंगे ।

उपासना - हां चूसते नहीं चबाते है होंठो को तो वो और वो मुझे लिटा देते है फिर अपना लौड़े से मेरे बंद होंठो को सहलाते है ।

शालिनी - फिर तो मेरी चुदक्कड़ उपासना कुतिया के मुंह में भी लौड़ा हलक तक पेलते होंगे ।

दोनों नन्द भाभी में बात हो ही रही थी कि अचानक मेन गेट की डोरबेल बज गई ।
दोनों उठकर एकसाथ बाहर आयी ।
शालिनी ने गेट खोला तो उनकी कंपनी में काम करने वाला एक मजदूर आ पहुंचा था उनके घर । शालिनी ने पहले उसे कंपनी में देखा था ।

शालिनी - yes please ।
उस आदमी ने अपना नाम हरेराम बताया ।

शालिनी - अंदर आ जाइए
वो आदमी अंदर आकर बैठा hall में बैठ गया ।

अब सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात ये थी कि उस बेचारे को चाय पानी कौन दे क्योंकि ऐसा तो कोई सोच भी नहीं सकता खुद कम्पनी का मालिक होकर एक काम करने वाले मजदूर को पानी दे ।

उपासना बहुत ही संस्कारी थी उसने सोचा कि अपने ओहदे और गुमान से बढ़कर इंसानियत होती है ये सोचकर उपासना ने पानी लाकर दिया ।

शालिनी - जी बोलिए क्या बात थी ।

इतना सुनते ही हरेराम की आंखो में आंसू आ गए ।

हरेराम - भरी आंखों से हकलाते हुए बोला - म_मालकिन मै आपकी कंपनी में काम करता हूं । इसी महीने मेरी बेटी की शादी है और आज मेरी पत्नी को डॉक्टर के पास लेकर गया था मै तो उसने कहा है की किडनी का ऑपरेशन करना पड़ेगा जल्द से जल्द । कल ऑपरेशन करने को बोला है डॉक्टर ने । मेरे पास इतने ही पैसे है की मै अपनी बेटी की शादी कर सकूं ।
मैं कंपनी में HR के पास गया था उन्होंने कहा कि कल मालिक आयेंगे तो उनसे बात की जाएगी इस बारे में की आपको लोन कितने इंटरेस्ट रेट पर दिया जाए ।
हे मालकिन आप ही बताओ मैं क्या करू पत्नी को बचाऊं या बेटी की शादी करूं ।

ये सुनकर शालिनी और उपासना दोनों को दुख हुआ और अहसास हुआ की दुनिया में लोगों को कितना परेशान होना पड़ता है जीने के लिए ।

उपासना ने तुरंत उससे पूछा - आप कोई बैंक खाता है तो प्लीज दीजिए हम आपके साथ ऐसा नहीं होने देंगे ।

हरेराम जेब से एक कागज निकालता हुआ - जी मालकिन इसमें खाता नंबर और IFSC कोड है देख लीजिए आप ।

उपासना ने तुरंत उसके हाथ से वो कागज़ लिया और अपने अकाउंटेंट को कॉल लगाया और कहा की - hello , this side is Upasna Singh owner of DS Industries .

उधर से हकलाते हुए किसी की आवाज आयी जो हलकी हल्की शालिनी और हरेराम भी सुन रहा था - ye_yes mam प्लीज बोलिए ।

उपासना - आपको एक screenshot भेजा है साथ में मैसेज भी । सारे काम छोड़कर इस काम को कीजिए ।

उधर से इतनी ही आवाज आयी - ज_जी मैम मैं अभी तुरंत करता हूं ।

लगभग एक मिनट बाद ही हरेराम के keypad वाले मोबाइल पर मैसेज रिसीव हुआ । हरेराम ने मैसेज पढ़ा तो आंखे फट गई उसके बैंक के खाते में पचास लाख रुपए जमा हो गए थे ।

हरेराम हकलाते हुए - म_मालकिन इतना नहीं चाहिए । इतना तो मेरी दो पुश्तें भी नहीं वापस कर पाएंगी ।

उपासना - कोई बात नहीं हरेराम जी आप अपनी पत्नी का कल ही ऑपरेशन करवाइए । और ये पैसा आपको वापस नहीं करना है । अपने हमारी कंपनी की काफी सेवा की है तो इसे अपना बोनस समझकर रख लीजिएगा ।

हरेराम - मालकिन आपका ये अहसान मै अगले जनम में भी नहीं भूल पाऊंगा । ऐसा कहकर हरेराम जाने लगा।

शालिनी - सुनिए जरा हरेराम जी ।

हरेराम ठिठकते हुए उसके कदम रुक गए वो पीछे मुड़ा ।

शालिनी - हरेराम जी बेटी की शादी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए ।

हरेराम - फिर से आंखो में आंसू भरता हुआ - जी मालकिन ।

फिर हरेराम चला गया । कुछ दूर चलने के बाद हरेराम ने पीछे मुड़कर देखा तो धर्मवीर सिंह का बंगला दिखना बंद हो गया था । उसने तुरंत अपनी जेब से Android मोबाइल निकाला और अपने लिए OLA बुक करदी क्युकी वो अब पैदल नहीं चलना चाहता था । कुछ ही देर बाद हरेराम शराब के ठेके पर शराब की पूरी पेटी खरीदकर घर जाने लगा ।
क्युकी उसकी बेटी की शादी तो एक साल पहले हो चुकी थी और उसकी पत्नी तो भाली चंगी थी परेशान थी उसकी पीने की लत से ।
और घर जाकर हरेराम ने शराब के नशे में अपनी बीवी में लत घूसे बजाए और उसे गालियां देता हुआ सो गया ।
 
Member
216
274
63

update 6

घड़ी में टाइम हो रहा था 9:45 pm ।
सभी सोने की तैयारी कर रहे थे । राकेश बाहर से ही लेकर आया था तो सबने डिनर कर लिया था ।
उधर आरती को बड़ी उत्सुकता थी ये जानने की कि सलमान क्या बताने वाला है शालिनी के बारे में ।
लेकिन फिर आरती सोचती है कि पहले धरमवीर भईया को दूध देकर आजाती हूं वरना अनर्थ ही हो जाएगा ।
ऐसा सोचते ही वो चल दी दूध लेकर लिफ्ट की तरफ । जाकर जैसे ही गेट खटखटाया धरमवीर सिंह ने गेट खोला और सामने आरती को देखकर हल्के से मुस्कुरा दिए ।

आरती - भईया लीजिए दूध ।
धरमवीर - हां रखदो आरती दूध ।
आज आरती बैठने के मूड में नहीं थी क्युकी 10 जो बजने वाले थे और वैसे भी कल वाली घटना से वो शर्म महसूस कर रही थी ।
आरती दूध देकर अपने कमरे में आ गई ।
10 बजे आरती और धरमवीर दोनों ही मैसेज का इंतजार कर रहे थे । आरती ने सोचा कि जब सलमान ने बोला है 10 बजे बात करने को तो वो खुद ही मैसेज भेजेगा ।

और हुआ भी यही मैसेज धरमवीर ने ही किया ।
आरती के मोबाइल पर मैसेज सलमान के नाम से रिसीव हुआ ।

सलमान - Hi
आरती - hi
सलमान - कैसी हो आप ।
आरती उसे ज्यादा भाव नहीं देना चाहती थी तो मैसेज टाइप करने लगी ।

आरती - आप बताइए क्या बताने वाले थे ।
उधर धर्मवीर ये मैसेज पढ़कर धरमवीर सोचने पर मजबूर हो गया कि अब क्या रिप्लाइ करे लेकिन सोचने लगा कि रिप्लाइ तो ऐसा दूंगा की अब तू मेरा रिप्लाइ करने के लिए सोचेगी क्या रिप्लाई दूं और मन ही मन बोला - ये इतनी आसानी से काबू में आने वाली चीज नहीं है ।

सलमान - बिल्कुल बताऊंगा । अगर आप जल्दी में है तो सो जाइए कोई बात नहीं फिर कभी बता दूंगा ।

ये मैसेज पढ़कर आरती को अहसास हुआ कि वो हॉस्पिटल में है और मैंने उसकी हालत में बारे में भी नहीं पूछा । सोचने लगी कि अब क्या बोली इसको मै ।

आरती - नहीं ऐसी बात नहीं है । मै बस पूछ रही थी कि आप क्या जानते है शालिनी के बारे में ।

सलमान - शालिनी एक बहुत अच्छी लड़की है ।
आरती - hmm very funny , ये बताने वाले थे तुम मुझे । सही बताओ बात क्या है ।

सलमान - मैम आप तो खामखां गुस्सा कर रही है । मै आपसे इतने तमीज से बात कर रहा हूं आप मेरा मजाक उड़ा रही है । बता दूंगा थोड़ा सब्र तो कीजिए ।

आरती - तमीज से तो बात करनी पड़ेगी आपको मिस्टर क्युकी बदतमीजों को मै थप्पड़ लगा देती हूं ।

उधर धर्मवीर को आरती का ये attitude पसंद आया । मन ही मन बोला वाह मेरी बहन तुझे सैल्यूट करता हूं मै पर फिर मुस्कुराते हुए कुछ टाईप करने लग गया ।

सलमान - आपका तो थप्पड़ भी जलेबी की तरह लगेगा मैम ।

आरती ने जैसे ही ये मैसेज पढ़ा वो मुकुरा पड़ी । और मन ही मन बोली क्या अजीब आदमी है । लेकिन बात तो तमीज से ही कर रहा है मैम मैम करके ।

आरती - मतलब तुम बदतमीजी भी कर सकते हो ।

सलमान - नहीं कभी नहीं ।

आरती - गुड boy । सोचना भी मत । तुम जानते नहीं हो मै किस खानदान से belong करती हूं । मेरे पापा यहां के 250 गांव के राजा थे । और अब मेरे भईया धरमवीर सिह जी को तो जानते ही होंगे आप ।

सलमान - हां जानता हूं और उनकी मै काफी इज्जत करता हूं । अपने बड़े भाई की तरह इज्जत देता हूं उन्हें , मिलते रहते है कभी कभी ।

आरती धर्मवीर की बढ़ाई सुनकर थोड़ा अच्छा फील करने लगी ।

सलमान - एक बात पूछूं मैम ।
आरती - मैंने सुना है धर्मवीर भईया आपकी दूसरी शादी के लिए लड़का ढूंढ रहे है ।

आरती ये मेसेज पढ़कर सोचने लगी कि ऐसी तो कोई बात नहीं है और मैंने तो पहले ही बोला हुआ है कि मै दूसरी शादी नहीं करूंगी ।

आरती - shut your mouth । ऐसा कुछ नहीं है । और भईया को लड़का ढूंडने की जरूरत नहीं है उनके एक इशारे पर लडकों की लाइन लग जाएगी ।मै खुद ही नहीं करना चाहती हूं शादी ।

सलमान - तो फिर अकेले जिंदगी काटना कुछ मुश्किल नहीं लगता आपको ।

आरती - आप होते कौन है मेरी जिंदगी के बारे में सवाल करने वाले ।

सलमान - बात को संभालता हुआ । sorry मैम अगर आपको बुरा लगा तो मै तो बस ऐसे ही as a friend पूछ रहा था ।

आरती ये पढ़कर थोड़ा नॉर्मल हुई ।

आरती - as a friend मैंने कब आपसे फ्रेंडशिप की । मिस्टर अपनी हैसियत देखिए और मेरी देखिए । जितने में आप सारे सजते होंगे उतने की मै जूती पहनती हूं ।

सलमान - oh sorry mam । मै भूल गया था कि आप बड़े लोग है । और आपसे बात करते हुए तो मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने आपको अपना कॉन्टैक्ट नंबर देकर गलती कर दी । मुझे नहीं पता था कि बड़े लोगो को इज्जत दो तो वो अपने पैसे शानो शौकत का बखान करके हम जैसे गरीबों का मजाक उड़ाते है ।

आरती ये मेसेज पढ़कर थोड़ा नॉर्मल हुई और सोचने लगी कि बंदा अपनी जगह ठीक है मै ही फालतू का attitude दिखा रही हूं ।या तो मै बात ही ना करू अगर कर रही हूं तो थोड़ा इज्जत से करूं ।

आरती - it's ok , दरअसल बात ये है सलमान जी की मै शादी करना ही नहीं चाहती हूं । क्युकी अगर मेरी लाइफ में सुहागन होना लिखा होता तो मै विधवा ही क्यों होती ।

धरमवीर ये मैसेज पढ़कर समझ गया कि अब लाइन पर आने में ज्यादा समय नहीं लेगी ये ।

सलमान - आप बहुत ही अच्छी है दिल की आपकी बातो से लगा मुझे । आपसे इतनी देर बात करके मै समझ चुका हूं मैम की आप जितनी तन से खूबसूरत है उससे कहीं ज्यादा आप समझदार भी है । आपको इज्जत सबसे ज्यादा पसंद है ।

आरती ये मेसेज पढ़कर सोचने लगी कि मैंने इससे इतने attitude में बात नहीं करनी चाहिए थी ये तो बहुत ही अच्छा इंसान है । अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर आरती गदगद हो उठी ।

आरती - यूं आर करेक्ट । respect is my first choice . आप हॉस्पिटल से कब घर आयेंगे ।

सलमान - अभी तो 10 दिन लग जाएगा क्युकी मेरे मुंह पर ही चोट आयी है । क्यों मिलना है क्या ।

आरती - ohh । और तुम समझते क्या हो मै तुमसे क्यों मिलूंगी ।

सलमान - अरे मैम आप फिर गलत एंगल से सोच रही है , मैंने ये सोचा था कि आप मेरी चोट देखना चाहती है इसलिए पूछ रही है कि घर कब आऊंगा ।

आरती - ohh । अच्छा ।

सलमान - एक बात पूछूं ।

आरती - जी पूछिए ।

सलमान - आपको इतना खूबसूरत किसने बनाया है मेरा मतलब है कि आपको देखकर कोई कह नहीं सकता कि आप विधवा है ।

अपनी तारीफ सुनकर आरती - haha अच्छा । कोई क्यों नहीं कह सकता कि मै विधवा हूं ।

सलमान - आप जवान हैं , खूबसूरत है , आपके चेहरे पर इतना glow है कि आपको देखते रहने का मन करता है ।

आरती - अच्छा ऐसा क्या नजर आया आपको मुझमें जो और किसी में नहीं है ।

धर्मवीर को इसी ग्रीन सिग्नल का इंतजार था तुरंत मैसेज टाईप करने लगा ।

सलमान - मैम आपके काले काले लम्बे बाल जिन्हें कोई देखे तो कनफ्यूज हो जाए कि ये आपके बाल है या दिन में घटा छा गई है । और _ _ _

आरती इस नए अंदाज में अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई ।

आरती - हां हां बोलिए और ______

सलमान - और फिर आपके गालों की लाली किसी का भी दिल जीत ले । सिर्फ दिल ही नहीं लीवर , किडनी सबकुछ जीत ले । और _____

आरती ये मेसेज पढ़कर हंस पड़ी ।

आरती - और

सलमान - और फिर आपके होंठ थोड़े मोटे है लेकिन कोई देखे तो लगे रस के भरे हुए दो प्याले है । और _____

आरती - so interesting . और

सलमान - अब रहने दो आरती मै बोल नहीं पाऊंगा और तुम सुन नहीं पाओगी ।

आरती - अच्छा क्यों नहीं सुन पाऊंगी । दोस्त जो हूं सुन लूंगी ।

धर्मवीर समझ चुका था ये मस्तानी घोड़ी बिस्तर में पूरा मजा देगी ।

सलमान - और नीचे आपके सीने पर वो दो बौल जिन्हें देखकर लगता है कि जैसे बिल्कुल पके हुए दो पपीते बस टूटकर गिरने ही वाले हो पेड़ से । और _______

आरती ये पढ़कर शर्मा गई और अपने बूब्स की तरफ देखने लगी , जो उसके सूट में फंसे पड़े थे और अपनी तारीफ सुनकर तनकर खड़े हो गए थे । अभी तक उसने नाइटी नहीं पहनी थी । धर्मवीर को दूध देकर आयी थी तो ऐसे ही लेट गई थी बैड पर सलवार सूट में ।

आरती - अच्छा तो अब हमारा दोस्त बदमाश भी हो गया है ।

सलमान - मैंने मना किया था ना आरती जी कि आप नहीं सुन पाओगी ।

आरती - अरे बाबा मजाक भी नहीं कर सकती क्या बोलो आगे और ______

सलमान - और उसके नीचे आपकी कमर हसीन लगती है क्युकी आपके सीने के मुकाबले वो काफी पतली है । और ____

आरती - लगता है जनाब ने पूरा एक्सरा करके रखा हुआ है मेरी बॉडी का अपनी आंखो में ।

उधर धर्मवीर के दिमाग में पता नहीं क्या आया वो चुपके से अपने कमरे से निकला और लिफ्ट से नीचे आरती के कमरे की तरफ आने लगा मैसेज टाइप करता करता ।

सलमान - उसके आगे ना ही पूछो तो अच्छा है । क्युकी अगर आपको बुरा लगा तो आपका दोस्त इसका जिम्मेदार नहीं होगा ।

आरती - अच्छा ये कहां का इंसाफ है कि कोई सिर्फ मेरे अधे बदन की ही तारीफ कर सकता है । ठीक है अगर मुझे बुरा लगा तो उसकी जिम्मेदार मै खुद रहूंगी बोलिए अब मेरे दोस्त ।

धर्मवीर उसके इस मेसेज से समझ चुका था कि उसकी बहन को अब खुमारी चढ़ने लगी है चढ़े भी क्यों ना दो साल से इस 31 साल की भरी जवानी में अकेले बैड पर राते गुजारी है उसने ।
और आज इतने दिन बाद वो किसी के मुंह से अपने जिस्म की तारीफ सुन रही थी ।

उधर धरमवीर आरती के कमरे के पास आकर कोई ऐसी जगह ढूंढ रहा था जहां से अंदर को झांका जा सके ।
तभी उसे खिड़की दिखाई दी जो लगी हुई तो थी पर कुण्डी नहीं लगी थी । ( जैसे दरवाजा फेर लेते है कुण्डी नहीं लगाते कुछ इस तरह से दोस्तों )। फिर जल्दी से टाईप करने लगा धरमवीर ।

सलमान - और उसके नीचे तुम्हारी नाभि जिसकी गहराई में हर कोई खो जाए । और ____

आरती - और ____
आरती बैड पर सीधी लेटी हुई थी सूट सलवार में । जैसे ही वो गरम होती जा रही थी उसने अपनी दोनों टांगो को मोड़कर बिल्कुल अपनी छातियों से लगा लिया और हाथ सलवार बिना उतरे ही अपनी चूत पर ले गई ।

सलमान - और नीचे तुम्हारे कूल्हों का फैलाव जिसे देखकर कोई कह ही नहीं सकता कि तुम विधवा हो उसे देखकर हर कोई कहेगा कि जो भी अपने पति है उनका वजन पूरी रात आपके नितम्बो को ही संभालना पड़ता है ।

ये मेसेज टाईप करके धर्मवीर ने मोबाइल स्क्रीन off की खिड़की को हल्का सा पुश किया और अन्दर की तरफ झांकने लगा ।
जैसे ही अंदर का नजारा धर्मवीर को दिखा उसका लौड़ा भनभना गया , अपनी औकात में खड़ा हो गया आंखो में चमक और होटों पर कुटिल मुस्कान आ गई ।

अंदर का दृश्य कुछ इस प्रकार था - आरती बैड पर सूट सलवार में पड़ी थी , आरती की दोनो टांगे मुड़कर छातियों से चिपकी हुई थी । और टांगो को मोड़ने की वजह से उसके कूल्हे बिल्कुल खुलकर चौड़े हो गए थे , जांघो का गदरायापन भी साफ झलक रहा था । आरती का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था क्युकी उसके दोनों चूचियां तनकर खड़ी थी चूचियों को देखकर लग रहा था जैसे दूध के दो टैंकर हों । ऐसा दृश्य जीवन में पहली बार देखा था धर्मवीर ने । देखकर लग रहा था जैसे बैड पर कोई लंड की भूखी चुदक्कड रांड अपनी टांगो को फैलाए लंड की भीख मांग रही हो कह रही हो आओ और इस रण्डी पर तब तक चढ़े रहो जब तक इसकी चूत भोसड़े में तब्दील ना हो जाए , आरती की गांड को देखकर तो आंखो पर ही विश्वास नहीं हो रहा था फैलकर ऐसे लग रहे थे दोनों चूतड़ जैसे कह रहे हो कि है कोई ऐसा लंडधारी जो अपना लन्ड पूरी रात इस मस्तानी गान्ड में फंसाकर पड़ा रहे ।
उधर आरती भी चूत सहलाने से झड़ गई उसकी पूरी सलवार भीग गई थी जैसे पानी डाल दिया हो किसी ने ।
उधर धर्मवीर भी इस रंडपने को देखकर आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका था । और ढेर सारा वीर्य उसके लन्ड से निकला जो सीधा दीवार पर लगा । धर्मवीर ने सोचा कि किसी कपड़े से साफ कर देता हूं ताकि किसी को पता ना लगे । और अंधेरे में जैसे ही मोबाइल निकालकर लाइट ऑन करनी चही तभी धर्मवीर का पैर साइड में रखे छोटी से टेबल से टकरा गया जिसपर गुलदस्ता रखा था ।
जैसे ही गुलदस्ता गिरकर टूटा एक साथ चटाक की तेज आवाज हुई । आरती एक साथ बैड से खड़ी होकर बाहर आयी जैसे ही उसने गेट खोला तो कोई नहीं दिखा ।
क्युकी गुलदस्ता टूटते ही धर्मवीर बिजली वाली फुर्ती से सीढ़ियों की तरफ भागकर ऊपर चला गया बिना क़दमों की आवाज किए ।

आरती को बाहर कुछ नहीं दिखा उसने बाहर की lights on की । जैसे ही उसकी नजर दीवार पर गई उसके दिमाग में सवालों का तूफान सा उठ गया । उसने पास जाकर देखा बहुत ही गाढ़ा सफेद वीर्य उस pink दीवार पर से नीचे की तरफ को रिस रहा था । उस अपनी आंखो पर विश्वास नहीं हुआ । उसने दोबारा इधर उधर देखा कोई नहीं था । राकेश के कमरे की तरफ जाकर देखा उन दोनों के खर्राटों की आवाज आ रही थी मतलब वो सो रहे थे । शालिनी का गेट भी लॉक था । बचे धर्मवीर भईया इतना सोचते ही आरती लिफ्ट की तरफ भागी और ऊपर तीसरे फ्लोर पर पहुंची जाकर देखा तो धरमवीर भईया का गेट लॉक था अन्दर से लेकिन खिड़की खुली हुई थी उसने अन्दर झांककर देखा धरमवीर भईया भी घोड़े बेचकर सो रहे थे । फिर आरती चुपचाप वापस लिफ्ट से नीचे आ गई ।
उधर धर्मवीर ने जैसे ही देखा की आरती उसे झांककर जा चुकी है वो फिर चुपके से सीढ़ियों के रास्ते नीचे गए और चुपके से आरती को देखने लगे ।

आरती वापस नीचे आयी और सोचने लगी कि जो भी हो अब यहां से इसे साफ तो करना ही पड़ेगा वरना सुबह को मुझे ही शर्मिंदा होना पड़ेगा । आरती एक कपड़ा लेकर वहां गई जहां अभी कुछ मिनट पहले वीर्य की बारिश हुई थी ।
आरती ने दीवार पर जैसे ही कपड़े से साफ करना चाहा अचानक उसके हाथ रुक गए । उसने अपनी उंगली से छूकर देखा तो गाढ़ा सा वीर्य था सबका ऐसा ही होता है लेकिन एक बात अलग थी वो चिपचिपा बहुत ज्यादा था फेविकोल की तरह । आरती को विश्वास नहीं हुआ कि कोई एकसाथ इतना सारा वीर्य भी गिरा सकता है वो भी इतना चिपचिपा । आरती अपनी उस उंगली को अपनी नाक के पास लेकर गई तो उसकी सुगंध भी उसे अलग लगी उसकी उंगली पर लगे वीर्य की महक उसके नथुनों से होती हुई इसके दिमाग पर चढ़ गई । फिर आरती अचानक उस दीवार के पास बैठी और अपनी जीभ निकालकर उसे टेस्ट करके देखने लगी जैसे ही उसने चाटा तो वो ऐसे करने लगी जैसे कोई ज्यादा ही स्वाद वाली सब्जी से सनी उंगलियों को कोई चाटता है ।
आरती बैठकर पूरी दीवार चाटने लगा गई ।

उधर धर्मवीर को आंखो पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी सीधी और संस्कारी दिखने वाली बहन किसी सस्ती रण्डी को भी पीछे छोड़ सकती है । आरती के अंदर छिपी हुई रण्डी की हवस को देखकर धरमवीर अपने कमरे में आकर सो गया ।

उधर आरती भी पूरा वीर्य पीकर bed पर पड़ी पड़ी ये सोचने लगी कि मैंने सारा वीर्य पी लिया बिना ये जाने वो किसका है ।
आखिर कौन हो सकता है । तीन option में से कोई एक तो पक्का है बस उस चोर को पहचानना है ।
नम्बर एक - राकेश
नम्बर दो - धरमवीर भैया
नंबर तीन - हो सकता है शालिनी का कोई boyfriend हो उसने उसे बुलाया हो और वो शालिनी के कमरे में ही सो रहा हो ।
ज्यादा से ज्यादा बस इतना ही हो सकता है ।

ऐसा तो हो नहीं सकता कि भगवान आए थे या भूत आए थे ।। है तो इनमें से ही कोई ।
ऐसा सोचते सोचते सो गई आरती ।
 
Member
216
274
63

update 7

सुबह के समय नाश्ता कर चुके थे सब । आरती के दिलोदिमाग पर रात वाली घटना छाई हुई थी ।

शालिनी नहाकर निकली उसने एक जीन्स और स्लीवलैस टीशर्ट पहनी हुई है । जैसा कि आप जानते ही है जब तक इन महारानी की गांड जीन्स में फास ना जाये तब तक इन्हें वो जीन्स अच्छी ही नही लगती । पिछवाडा अपना पूरा आकर लिए जीन्स में कैद हो गया था ।

शालिनी ने शीशे के सामने खड़ी होकर हल्का सा मेकअप किया , होंठो पर लिक्विड मैट वाली लिपस्टिक लगाकर होंठो को juicy बनाया ।


शालिनी ये कर ही रही थी कि तभी कमरे में उपासना दाखिल हुई ।
शालिनी को शीशे में से उपासना आती हुई दिख गयी ।

शालिनी - आइये भाभी , आज तो साड़ी में आप गजब ढा रही हो ।
उपासना - अच्छा नन्द रानी जी , अपने ये सोचकर मेंरी तारीफ की है कि अब बदले में मैं भी तुम्हारी तारीफ करूँगी , लेकिन मैं तुम्हारी तारीफ बिल्कुल नही करूँगी । मैं तो यही बोलूंगी की तुम एक नंबर की रंडी लग रही हो सजधजकर ।

शालिनी ये सुनकर लजा गयी शर्मोहया से ।

शालिनी - भाभी टाइम का तो लिहाज किया करो सुबह सुबह ही स्टार्ट हो गयी आप तो ।

उपासना - अच्छा मैं तो टाइम का लिहाज करु और मेरी नंद रानी को समय का कोई खयाल नही है , जो सुबह सुबह ही चूत की सजावट करने लगी , पता नही किससे फड़वाने जा रही है ।

शालिनी ऐसी बाते सुनकर समझ गयी की जितनी सीधी भाभी ऊपर से दिखती है उतनी ही अंदर से लंडखोर औरत बन गयी है ।

शालिनी - भाभी आपकी नंद रानी की चूत इतनी सस्ती नही है कि हर कोई फाड़ दे । आपकी नंद रानी सिर्फ एक इंसान की ही टांगो के नीचे आती है बस ।

उपासना - अच्छा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मैं हर किसी के सामने चूत खोले पड़ी रहती हूं ।

शालिनी - नही भाभी मेरा ये मतलब नही था। मैं तो बस अपने बारे में बता रही थी । और मेरी भाभी इतनी गई गुजरी भी नहीं है कि वह हर किसी के सामने अपनी चूत फैलाकर लेट जाएगी ।

उपासना - अच्छा तो कैसी लगती है तुम्हें अपनी भाभी ।

शालिनी - मुझे मेरी भाभी ऐसी लगती है जो अपनी चूत के खजाने को हमेशा दूसरों से छुपा कर रखती है और उस खजाने के दरवाजे सिर्फ अपने पति के लिए ही खोलती है। ऐसी भाभी जो अपनी इज्जत का ख्याल रखती है वह
बात अलग है कि उसकी अंदर की लंडखोर औरत जब जागती है तो उसकी चूत में से पानी उसकी जांघों पर रिसने लग जाता है ।


उपासना - लगता है मेरी प्यारी सी नंदरानी को बड़ी पहचान है औरतों की । भगवान ऐसी नंदरानी सबको दे , चलो नंदरानी जी अब तो बता दो कि आज का क्या प्रोग्राम है।


शालिनी - कोई खास प्रोग्राम नहीं है भाभी आज का बस आज उनसे मिलने जा रही हूं क्योंकि कल नहीं जा पाई थी । और उन्हें चैन नहीं आता है जब तक उनका लंड मेरी चूत में जड़ तक ना पहुंच जाए ।

उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी को कोई परेशानी नहीं होती लंड लेने में ।

शालिनी - इसमें परेशान होने वाली क्या बात है भाभी । यह तो औरतों के मुकद्दर में लिखा होता है कि वह जहां भी जाएंगी किसी ना किसी की टांगों के नीचे ही जाएंगी तो मैं इसे स्वीकार क्यों ना करूं । आखिर मुझे भी तो किसी की टांगों के नीचे ही जाना होगा ।

उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी अब समझदार भी हो गई है । नंदरानी मतलब तुम अब पूरी लंड खाने के काबिल हो गई हो ।

शालिनी - काबिल हो गई हूं का क्या मतलब है ? मैं तो लैंड खा ही रही हूं पिछले 2 साल से ।

उपासना - हां यह तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है तुम्हारी चौड़ी गांड, बाहर को निकली चूचियां यह बखान कर रही है ।

शालिनी - भाभी एक बात है जिससे मुझे डर लगता है ।

उपासना - अब किस बात से डर लगने लगा मेरी नंद रानी को ।

शालिनी - भाभी जब वह अंदर डालते हैं लंड, तो कंडोम यूज नहीं करते हैं । जिससे कि मुझे डर रहता है कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए ।

उपासना - हंसते हुए अच्छा तो मेरी नंदरानी को डर है कि कोई इस गाय पर चढ़कर उसके अंदर बच्चा ना डाल दे ।

शालीनी - तुम्हारे कहने का मतलब नही संन्ही मैं भाभी ।

उपासना - मतलब कि अब तुम बच्चे देने लायक हो गई हो शालिनी।

शालिनी - भाभी आप तो मजाक के मूड में ही रहती हो हमेशा ।

उपासना - मेरी जान मजाक कहां कर रही हूं तुम तो देखने से ही लगती हो कि अगर कोई चढ़ जाए सही से तो बच्चा जरूर पैदा होगा ।

शालिनी - क्यों ऐसा क्या है मुझमे ।

उपासना - औरतों का शरीर ही बच्चे पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अगर औरत का शरीर ही दुबला पतला रहेगा तो बच्चा होने के चांस कम हो जाते हैं , लेकिन तुम तो मेरी जवान घोड़ी हो तुम तो एक चुदक्कड़ रंडी हो तुम तो अपनी चूत में लंड को निगल कर उसे पूरा निचोड़ सकती हो, तो बच्चा भला क्यों नहीं होगा बिल्कुल होगा ।



शालिनी - भाभी बिना कंडोम के चूत में लंड लेने में बड़ा मजा आता है कंडोम लगाकर यदि चूत में कोई लंड डालता है तो लंड की गर्मी महसूस नहीं होती है ।

उपासना - तो मतलब मेरी नंद रानी लंड को पूरा इंजॉय करती है चुदते टाइम

शालिनी - भाभी अगर चुदाई को इंजॉय ना किया जाए तो चुदने का फायदा ही क्या । अपनी चूत भी फड़वा लो और इंजॉय भी ना करो यह कैसी बात हुई ।

उपासना - हां मेरी जान यह तो तुमने ठीक कहा जब तक कोई मर्द औरत के ऊपर चढ़कर उसे हुमच हुमच कर ना चोदे तब तक औरत की प्यास ही नहीं बुझती । खैर यह बताओ कि जिन से तुम चुदने जाती हो उनका लौड़ा कितना बड़ा है ।

शालिनी - ऐसा मैंने कभी मेजर तो नहीं किया है लेकिन लगभग होगा कोई 4 या 5 इंच का ।

यह सुनकर उपासना की हंसी छूट गई और जोर जोर से हंसने लगी ।

शालिनी - क्या हुआ भाभी आपको ।

उपासना - मैं यह सोचकर हंस रही हूं कि तुम चुदने जाती हो या कोई खेल खेलने जाती हो ।

शालिनी हैरानी से देखते हुए - क्यों भाभी ऐसा क्या बोल दिया मैंने ।

उपासना - तुम्हारा जैसा शरीर है उसमें चार या 5 इंच का लंड क्या करता होगा वह तो तुम्हारे छेद के बस थोड़ा अंदर ही जा पाता होगा ।

शालिनी - भाभी तो कितना बड़ा होता है लंड ।

उपासना - नंदरानी जो तुम मुझे बता रही हो उसे लंड नहीं लुल्ली कहते हैं लंड किसे कहते हैं यह मैं तुम्हें किसी दिन दिखा दूंगी , अच्छा यह बताओ उससे अलग तुम और किसी से नहीं चुदी हो कभी ।

शालिनी - नहीं भाभी मैंने इस बारे में कभी सोचा नहीं क्योंकि मेरी चूत को जब लंड चाहिए होता है तो उसके नीचे टांगे चौड़ी करके उसे अपनी चूत की तरफ खींच लेती हूं, और मैं संतुष्ट हो जाती हूं ।

उपासना - तभी तो मैं कहूं कि मेरी नंद रानी ने अभी कहीं और मुंह क्यों नहीं मारा है यदि मार लिया तो फिर तो उस बेचारे को तुम छोड़ ही दोगी ।

इतनी बातो से उपासना समझ चुकी तबी की मेरी नंद रानी को चुदने का शौक तो है लेकिन अभी तक सही से किसी लंडधारी के नीचे नही आई है । नंदरानी को किसी चूतिया ने फसा लिया है और और वही दो साल से इसे पेल रहा है ।पेल क्या रहा है अपनी लुल्ली की संतुष्टि कर लेता होगा ।

शालिनी - क्यों भाभी वह भी तो ठीक है अपने लंड से मुझे कम से कम 10:15 मिनट तक चोदता है ।

यह सुनकर उपासना फिर जोर जोर से हंसने लगी और कहने लगी कहने लगी जाओ तुम अपना खेल खेलने के लिए क्योंकि तुम्हें समझाना मेरे बस की बात नहीं है ।

शालिनी - क्यों भाभी ऐसा क्या हो गया ।

उपासना - 10 या 15 मिनट तो तुम जैसी गदराई लौंडिया को गर्म होने के लिए ही चाहिए और 10:15 मिनट में तुम सारी चुदाई कर लेती हो तुम जैसी लड़की को रात भर कम से कम 2 लोग मिलकर चोदे तब तुम्हारे चेहरे पर निखार और गांड पर उभार आएगा ।


शालिनी - हे भगवान मेरे बस की बात नहीं है पूरी रात चुदना और कोई चोद भी कैसे सकता है पूरी रात ।

उपासना - मेरी नंदरानी अभी असली लंड से पाला नहीं पड़ा है तुम्हारा जिस दिन पड़ेगा तो चूत को हाथों से छुपाकर भागी भागी फिरोगी ।

शालिनी - क्यों भाभी वह कैसे चोदते हैं ।

उपासना - अच्छा पहले तुम बताओ कि तुम्हारे वह तुम्हें किस तरह चोदते हैं ।

शालिनी - वह तो मुझे लिटाकर और ऊपर लेट कर अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और 10:15 मिनट तक जमकर चोदते हैं ।

उपासना - और कुछ नहीं करते ?

शालीनी - करते हैं कभी-कभी अपना लंड मेरे मुंह में भी डाल देते हैं और मेरी चूत को चूस भी लेते हैं और उनका पूरा लंड मेरे मुंह में समा जाता है बड़े प्यार से चोदते हैं वह मुझे। मेरे होठों को अपने होठों से किस करते हुए मुझे चोदते हैं वह बहुत ही प्यार जताते हैं , चोदते टाइम कहते हैं तुम मेरी जान हो आपके बिना मैं नहीं रह सकता ।

उपासना - फिर तो इसका मतलब तुम्हें चुदाई का मतलब ही नहीं पता है मेरी जान अभी सिर्फ प्यार से चोदने वालों से चुदी हो जिस दिन असली लंडधारी इंसान से चुदोगी उस दिन पता चलेगा कि लंड जब अपनी औकात पर आता है तो चूत को चूत नहीं भोसड़ा बना देता है ।

शालिनी - और कैसे चोदते हैं भाभी ।

उपासना - खैर छोड़ो वक्त आने पर तुम्हें पता चल ही जाएगा यह दोनों बातें कर ही रही थी कि अचानक उपासना के मोबाइल पर रिंग होती है ।

उपासना कॉल उठाती है - हेलो

दूसरी तरफ से आवाज आती है हेलो मैम ,मैम आज आपके टाइम टेबल में आज सिलेक्ट किया गया है कि आप आज जो नया स्कूल खुलने वाला है वर्मा जी का उसका उद्घाटन आपको करना है तो रिबन काटने के लिए आप चलोगे। 11:00 बजे , मैम क्या यह सही रहेगा या इसमें कोई मॉडिफिकेशन करना है ।

उपासना - कुछ सोचती हुई एक काम करो हां यह ठीक है 11:00 बजे ही चलते हैं ।

शालिनी - भाभी कहां जाना है आपको ?

उपासना - अरे जो हमारी कंपनी के नई हैड मैनेजर है ,उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज खोला है तो उसका उद्घाटन मेरे हाथों से कराना चाहते हैं वही मुझे आज जाना है ,
अच्छा शालिनी तुम निकलने वाली हो क्या ?

शालिनी - हां भाभी बस मैं निकलने वाली हूं ।

उपासना - ओके चलो ठीक है आप भी जाओ और यदि तुम्हें पैसों की जरूरत हो तो यह लो मेरा एटीएम तुम रख लो।

शालिनी - नहीं भाभी मेरे पास अभी पैसे हैं जब खत्म होंगे तो मैं मांग लूंगी ।

उपासना - ओके नंदरानी जी चलिए अपनी चूत लंड का खेल खेल कर आ जाइए वैसे भी अभी तक तुम्हारी चुदाई तो हुई ही नहीं है ।

दोनों में यह बातें चल ही रही थी की आरती की आवाज आती है बाहर से ।

उपासना उपासना उपासना

उपासना बाहर आती हुई - आरती दीदी बोलिए ।

आरती - उपासना मैं किसी हिल स्टेशन की तरफ जा रही हूं घूमने शाम तक आ जाऊंगी , जाने का मन तो नहीं था लेकिन मेरी फ्रेंड बड़ी जिद कर रही है सो मैं निकल रही हूं ।

इतना कहते ही आरती पार्किंग की तरफ चल दी और अपनी गाड़ी स्टार्ट करके सड़क पर दौड़ती हुई चली गई ।
शालिनी ने भी पार्किंग की तरफ कदम बढ़ाए और अपनी रेड कलर की BMW निकाली और चलदी कंपनी की तरफ गाना सुनते हुए
गाने ये वाला था
तेरा बैक रै फ्रंट दोनों मारै सै करंट ,
मनै दिल में लगा ली तेरी फोटो
हाय रे मेरी मोटो हाय रे मेरी मोटो ।
 
Member
216
274
63

Update 8 .

आरती जाकर अपनी फ्रेंड का वेट करने लगी . आरती को बैठे-बैठे बहुत टाइम हो गया फिर उसने सोचा कि क्यों ना सलमान को मैसेज किया जाए ।
यही सोचते-सोचते आरती ने सलमान को मैसेज किया

आरती - Hi सलमान ।

उधर से धर्मवीर के पास जैसे ही मैसेज रिसीव हुआ धर्मवीर ने सोचा कि आरती तो आज घूमने गई थी लेकिन यह वहां से मैसेज क्यों कर रही है।

वह ऐसा सोच ही रहा था तभी दूसरा मैसेज आया

आरती - hi salman are you free ?

धर्मवीर ने सोचा कि आज तो परमात्मा की मेहर है जो कुआं खुद प्यासे के पास चल कर आ रहा है । ऐसी सोच में डूबे हुए धर्मवीर ने टाइप किया

सलमान - Hi आरती कैसी हो आप । मैं आपकी ही यादों में खोया हुआ था

यह मैसेज पढ़कर आरती ने रिप्लाई दिया

आरती - मेरी यादों में क्यों खोए हुए थे।

धर्मवीर ने रिप्लाई दिया ।

धर्मनवीर - आरती कल रात जब से तुम से बात हुई है मैं सो नहीं पाया हूं यह मैं खुद नहीं जानता हूं कि ऐसा क्यों है लेकिन मैं आपकी इज्जत का ख्याल करता हूं इसलिए मैं आपसे ऐसी कोई भी ऐसी बात आपको नहीं बोलूंगा जिससे आपके दिल को कोई भी ठेस पहुंचे ।

आरती ने जैसे ही यह मैसेज पढ़ा आरती के दिल में सलमान के लिए प्यार और भी बढ़ गया आरती सोचने लगी कितना अच्छा इंसान है अपने से ज्यादा दूसरों की इज्जत का ख्याल करता है यह सोचते सोचते आरती ने रिप्लाई किया।

आरती - सलमान मैं अपनी फ्रेंड के साथ घूमने जा रही हूं तो अभी मैं उन्ही का वेट कर रही हूं जैसे ही वह आती हैं मैं घूमने के लिए उनके साथ निकल जाऊंगी तो हम आज रात को बात करते हैं लेकिन हां बदमाश यह रात वाली बातें अब नहीं चलेंगी जैसे इज्जत से अभी बात कर रहे हो वैसे ही बाद में भी करना ।

धर्मवीर ने यह मैसेज पढ़ते ही सोचा कि यह तो अपने आप ही लाइन पर आती जा रही है खुद ही कह रही है बात करने को मतलब कि इसकी चूत पानी मांग रही है और जैसा कि मैं देख भी चुका हूं कि कल इसने क्या रंडीपना किया था। उसे देखकर तो विश्वामित्र जी की भी तपस्या भंग हो जाए। वह भी अपना ध्यान बंद कर दें वह भी अपने पूजा-पाठ अपने धार्मिक स्थल को छोड़कर उस रंडी के आशियाने में आ जाएं , क्योंकि यह रंडी लंड की भूकी ही इतनी है। यह सोचते सोचते रिप्लाई किया।

सलमान - जैसा आप चाहो आरती जी । आपका हुक्म सर आंखों पर ।

आरती ने पूछा - सलमान तुम अभी क्या कर रहे हो ?

यह मैसेज पढ़कर धर्मवीर ने रिप्लाई किया - मैं पूजा में आया हूं भगवान के दरबार में अपनी झोली फैलाए खड़ा हूं ।

यह मैसेज पढ़ कर यह मैसेज पढ़कर आरती ने रिप्लाई किया - ऐसा भगवान से क्या मांग रहे हो कि भगवान जी तुम्हारी झोली नहीं भर पा रहे हैं सलमान ने रिप्लाई किया कि मैं अपने लिए एक वफादार हमसफर, एक साथी एक हमदर्द मांग रहा हूं लेकिन जैसा मैं चाहता हूं वैसा भगवान जी के पास है ही नहीं मुझे तो ऐसा लगता है ।

यह पढ़कर आरती हल्का सा मुस्कुरा दी और पूछने लगी ।

आरती - ऐसा कैसा हमसफर तुम्हें चाहिए ।

यह पढ़कर धर्मवीर ने रिप्लाई किया

सलमान - मुझे ऐसा हमसफर चाहिए जो बिल्कुल हो तुम्हारे जैसी हसीना ,

जो बिल्कुल हो तुम्हारे जैसी हसीना ,
जो बिल्कुल हो तुम्हारे जैसी हसीना ,
मई-जून में ठंडक दें और जनवरी में लाए पसीना ।
इसीलिए मैंने राम जी के दरबार में लगाई है यह एप्लीकेशन ।
दिन-रात राम जी की सेवा करूंगा जो बन जाए कहीं रिलेशन ।

जैसे ही आरती ने यह पढ़ा आरती के दिल पर यह लाइंस असर कर गई सोचने लगी क्या बंदा है डायलॉग भी ऑन द स्पॉट मारता है यह सोच ही रही थी फिर आरती ने रिप्लाई किया कि

आरती - अच्छा बाबा तुम मांग तो रहे हो ये अपनी झोली में , लेकिन बहुत लोग इस दुनिया में ऐसे हैं जो धन दौलत भी बहुत ज्यादा मांग लेते हैं और बाद में उसे संभाल नहीं पाते और बर्बाद हो जाते हैं ।
तो तुम भी ऐसी ही हमसफर की कल्पना कर रहे हो कहीं ऐसा ना हो कि तुम भी संभालना पाओ ।

यह पढ़कर धर्मवीर का लंड नेटवर्क पकड़ने लगा। धर्मवीर सोचने लगा कि यह बिल्कुल सही बोली है । मेरी बहन जैसी कामुक रांड को संभालने के लिए कोई मुझ जैसा सांड ही चाहिए वही संभाल सकता है । बच्चों का खेल नहीं है इसे संभालना , और मैं बच्चा नहीं रहा मैंने तो इससे बड़ी बड़ी रांडो की चूतों का समंदर भरा है । यह सोचते सोचते धर्मवीर ने रिप्लाई किया

सलमान - मैं तुम्हारा मतलब समझा नहीं ।संभाल नहीं पाए मतलब ?

यह पढ़कर आरती भी रोमांटिक मूड में कहने लगी ।

आरती - जनाब ऐसा ना हो कि आपके अंदर इतना दम ही ना हो ।
आरती को ये पता नही था कि जिसे वो सलमान समझ रही है वो उसका बड़ा भाई ही धर्मवीर जो अपनी औकात पर आगया तो तेरे जैसी गरम कुतिया भी कम से कम एक साल तक सही से नही चल पाएगी ।

यह मैसेज पढ़कर धर्मवीर ने अपने मन में कहा कि मेरी जान दम की बात मत करना । कहीं ऐसा ना हो कि कमरे में दौड़ी दौड़ी फिरे कहीं ऐसा ना हो टांगों के नीचे से निकल कर भागे , कहीं ऐसा ना हो की लोड़ा तेरी चूत में उतारते ही सदमा पड़ जाए । कही ऐसा ना हो कि नंगा लंड चूत में जाते ही ICU में भर्ती करनी पड़े । कहीं ऐसा ना हो कि चूत के हिसाब से लंड का वजन ज्यादा हो । धर्मवीर सोचने लगा कि कहीं ऐसा ना हो कि चूत दो झटकों में ही लाल पड़कर सूज जाए , कहीं ऐसा ना हो कि चूत के छेद पर ठंडा लंड रखते ही सिसक पड़े । कहीं ऐसा ना हो कि चूत में लंड चढ़ते ही रांड की मौत हो जाये । यह सोचते-सोचते सोचते धर्मवीर ने रिप्लाई किया ।

सलमान - बड़ी-बड़ी आंधियों का तोड़ा है घमंड।
हमने बड़ी-बड़ी आंधियों का तोड़ा है घमंड ।
शौक जीतने का पाला है ना हारना पसंद।
लोग यूं ही नहीं मानते लोहा सलमान का,
टाइम आने पर दिखाते हैं हम दूध घी का दम ।

यह मैसेज जैसे ही आरती ने पढ़ा आरती सोचने लगी की बातें तो बंदा बड़ी-बड़ी कर रहा है चलो देखते हैं आखिर दिल कितना बड़ा है ।

आरती- ओहहो शायरी ने तो दिल ही जीत लिया साहब लगता है सोचकर बनाई है बिल्कुल । चलिए इसी बात पर एक और शायरी सुना दीजिये । हमे एक शायरी और सुननी है ।

सलमान चलिए और सुन लीजिए हम तो आपकी आवाज सुनकर आपके लफ्जो की direction पर ही शायरी बना देते है । धर्मवीर मैसेज टाइप करने लगा ।

सलमान - मैं सबकी तरह चौड़ा होकर इजहार नही कर सकता ,
मैं सबकी तरह चौड़ा होकर इजहार नही कर सकता ,
इसका मतलब ये तो नही कि मैं प्यार नही कर सकता ।
गाने लगूँ तेरी चाहत में तो ये समाज वाले सवाल उठाते हैं ,
अगर लिखने लगूँ तारीफ तेरी तो मेरे लफ्ज ही कम पड़ जाते हैं ।

यह मैसेज पढ़ा तो आरती की आंखों के जरिये ये शब्द उसके दिल मे उतरते चले गए । क्योंकि आरती की लाइफ के लिए यही तो उसके दिल की आवाज थी । आरती भी विधवा थी उसे भी अपनी इज्जत का खयाल था ।लोग तो सवाल उठाएंगे ही । यह सोचकर आरती मन मे उसकी शायरी की दाद देनी पड़ी ।
जबकि धर्मवीर की यह फीलिंग थी इस शायरी के साथ की आरती उसकी बहन जो थी तो लोग तो सवाल उठाएंगे ही ।
यह डबल मीनिंग वाली बातें चल ही रही थी कि अचानक उसकी सहेलियां आगयी ।

आरती - अच्छा साहब मेरी फ्रेंड्स आगयी है रात को बात करते हैं ।

सलमान - ok my angel.
आरती मुस्कुराते हुए टाइप करती है - oh I'm not your angel .

सलमान - अरे मजाक भी नही कर सकता क्या अगर ऐसे कहने से अगर कोई angel बन जाये तो फिर तो daily 10, 25 को ना बोल दूं ।

आरती - o bhi sahi hai .

सलमान : ओके आप घूमने जाइये अपनी फ्रेंड्स के साथ रात को बात करते है bye ।

आरती - bye ।

फ्रेंड्स के साथ आरती चल दी हिल स्टेशन की तरफ दूसरी तरफ धर्मवीर आगे की योजना बनाने लगा ।
तभी धर्मवीर अपनी घर के मंदिर में गया और जाकर भगवान के सामने कहने लगा कि - हे भगवान मैं प्रण लेता हूं , मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि जिस दिन यह लंड की भूखी अपनी चूत में पानी भरे हुए मुझसे चुदवाने के लिए बिल्कुल तैयार होगी , उस दिन में इसके पिछवाड़े पर लात मार कर इसे भगा दूंगा ।

प्रिय पाठकों अब आप सोच रहे होंगे कि धर्मवीर तो अभी कितने रोमांटिक और अनाड़ी वाले मूड में था , कितना उतावला था फिर उसने ऐसी प्रतिज्ञा क्यों की।
तो दोस्तों इस सस्पेंस को क्रिएट होने दो आगे चलकर देखना कि होता क्या है अभी तो कहानी शुरू ही हुई है
**********

राकेश अपने ऑफिस में बैठा हुआ अपने लैपटॉप में कुछ बड़ी ध्यान से देख रहा था तभी उसका अकाउंटेंट उनके पास आया और आगे कहने लगा कि सर बाहर जापान से कुछ विजिटर्स आए हैं । वह आपके साथ मीटिंग फिक्स करना चाहते हैं ।

राकेश ने कहा ठीक है आप उन्हें ऊपर मेरे केबिन में भेजिए मैं बात करता हूं ।

10 मिनट बाद राकेश उनके इंतजार में अपने केबिन में बैठा हुआ अपने मोबाइल में कुछ कर रहा था तभी वो आ गये ।

उन जैपनीज के साथ एक उनका ट्रांसलेटर भी था साथ में जो हिंदी और जैपनीज दोनों को ट्रांसलेट करता था वैसे तो राकेश भी एक कंपनी का ओनर था वह चाहता तो इंग्लिश में भी बात कर सकता था ।
लेकिन फिर भी सहूलियत के लिए जैपनीज अपने साथ अपना ट्रांसलेटर लेकर आए थे

ट्रांसलेटर ने हाथ मिलाते हुए कहा - राकेश सर हम जापान से आए हैं और जो हमारी कंट्री मार्किट हैं आपके प्रोडक्ट से काफी प्रभावित है । जो डिजाइन और स्टाइल आप अपनी लेडीज अंडर गारमेंट्स में देते हो उनका तो कोई मुकाबला ही नहीं है ।
आपका ब्राण्ड इंडिया में ही नहीं वर्ल्ड वाइड छा गया है। आपकी जो ब्रा होती हैं उनके जो कप का डिजाइन आप करते हैं वह आजकल मार्केट में ट्रेंड में चल रहा है । आपके प्रोडक्ट , प्रोडक्ट ही नहीं बल्कि कोहिनूर है इस मार्केट में, इस प्लेटफार्म में ।

राकेश अपने ब्रांड की तारीफ सुनकर खुश हुआ लेकिन वह समझ गया था कि यह सब तो ठीक है लेकिन इसमें इतना मिर्च मसाला लगाकर यह जैपनीज क्यों बता रहे हैं ।

आगे ट्रांसलेटर ने कहा सर हम आपकी ब्रांड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और यह इन्वेस्ट हम जापान में ही करेंगे तो हम आपसे इस बारे में डिस्कस करना चाहते हैं ।
की आप जापान में अपने ब्रांड के प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर कीजिए और जिससे कि आपका जापान इरान ऑस्ट्रेलिया इन देशों में भी आपके प्रोडक्ट का डिमांड काफी अच्छा हो जाएगा और इसमें हम इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हैं ।

लेकिन उसमें 40% हमारा होगा और 60% आपका इन्वेस्ट आपको कुछ नहीं करना है इन्वेस्ट सारा हम करेंगे बस आपके ब्रांड का नाम होना चाहिए और ब्रांड का नाम ही क्यों सर जो प्रोडक्ट आप की कंपनी बनाती है वही प्रोडक्ट्स होनी चाहिए ताकि यह ब्रांड दुनिया की नंबर वन ब्रांड बने ।

इस बारे में बात ही चल रही थी और मीटिंग में यह फिक्स हुआ कि राकेश मान गया जापान में अपनी ब्रांड की एक ब्रांच स्थापित करने को ।

लेकिन उसके लिए उसे विजिटर्स के साथ जाकर वहां का सर्वे डाक्यूमेंट्स भी चेक करना था और राकेश किसी और पर विश्वास ना करके खुद ही वहां जाकर देखना चाहता था । उसने तुरंत अपने सेकेट्री को बुलाया और कहा - मैं आज जापान के लिए निकल रहा हूं मुझे आने में 4 दिन लगेंगे तब तक के लिए आप यहां पर हो ही तो मुझे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है । और बस ऐसा कहकर सबसे उसने सबसे हाथ मिलाया और अपने केबिन से बाहर निकल गया ।
हर मीटिंग को डिसमिस करने का यह अंदाज राकेश ने धर्मवीर जी से सीखा था । इसमें उन्हें प्राउड फील होता था कि अपनी बात रखी और निकल लिए । सामने वाले को यह दिखा दो कि हम तुम्हारे बाप हैं । अपने इसी अंदाज को कायम रखते हुए राकेश ने ऐसा किया था ।

राकेश लिफ्ट से सबसे ऊपर की इमारत पर पहुंचा ठंडी ठंडी हवा चल रही थी ।
उसने अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट निकाला और सिगरेट का कश मारते हुए उपासना को कॉल करने लगा ।

राकेश - उपासना - राकेश मुझे निकलना होगा और मैं घर नहीं आ पाऊंगा क्योंकि घर आकर भी मुझे ऐसा कुछ खास नहीं करना है । मैं जापान के लिए निकलना है ।

उपासना - जी मैं पूछ रही हूं कि वहां आपकी गाड़ी में तो कोई एक्स्ट्रा कपड़े भी नहीं थे , तो कपड़े तो आप लेने आएंगे या किसी को भेज रहे हैं कपड़े लेने के लिए घर पे ।

राकेश - कपड़े में अभी यहीं से खरीद लेता हूं ऐसा कह कर उसने कॉल रख दिया ।

उधर उपासना कि मन में अचानक क्या एक्साइटमेंट सी हुई उसने तुरंत शालिनी को कॉल लगाया ।

उधर शालीनी लंड पर कूद कूदकर चुद रही थी अपने बॉयफ्रेंड से ।

उपासना - हैलो शालिनी ।

शालीनी - आह आह आह की आवाज के साथ - जल्दी बोलिये भाभी ।


उपासना उसकी आह आह की आवाज सुनते हुए - ओ माय गॉड लगता है गलत टाइम पर कॉल कर दिया। वैसे यह बताने के लिए कॉल किया था कि आज तुम्हारे भैया जापान के लिए जा रहे हैं हम 4 दिन के लोए ओर हम चार दिन तक साथ सोयेंगे।

सिर्फ इतना सुनते ही शालीनी ने तुरंत एक्साइटमेंट के साथ पूछा -क्या भैया जा रहे हैं जापान ।वह तो मेरा ड्रीम कंट्री है मैं भी जाऊंगी भैया के साथ । अगर भैया कंफर्टेबल हो तो मैं भी घूम आऊंगी ।

उपासना - अच्छा बाबा तो मैं उनसे पूछ लेती हूं या तुम ही अपने भैया को कॉल कर लो, और उनसे बात कर लो ।

शालिनी ने राकेश के पास कॉल किया । राकेश ने देखा शालिनी का कॉल है ।उसने तुरंत फोन रिसीव किया ।

दूसरी तरफ से शालीनी - भैया आप जापान जा रहे हैं।

राकेश - दरअसल ये खुशखबरी तुम्हें आकर बताऊंगा अभी मैं जापान के लिए निकल रहा हूं ।

शालीनी - भैया आप अकेले ही जा रहे हैं या अपने स्टाफ के साथ हैं ।

राकेश - क्यों मैं तो अकेला ही जाऊंगा । विजिटर्स मेरे साथ है बस जो हमारे साथ इधर से चलेंगे उधर से अकेला ही आऊंगा ।

शालीनी - भैया मैं इसलिए कह रही थी कि मुझे भी जापान घूमना था । वह कंट्री घूमने के लिए बहुत दिन से सोच रही थी और आप जा रहे हैं तो मैंने सोचा भैया के साथ ही निकल जाती हूँ दोनों बहन भाई घूम भी आएंगे अगर आप कंफर्टेबल है तो मैं चल सकती हूं अदर वाइज कोई बात ही नहीं है फिर कभी ट्रिप पर चली जाऊंगी ।

राकेश ने सोचा कि अकेला ही तो जा रहा हूं और बहन कह रही है तो मना भी नहीं कर सकता वरना सोचेगी कि भैया ख्याल नहीं रखते हैं ,, और डरते हैं खर्च करने से ऐसा ही सोचते सोचते राकेश ने कहा।

राकेश - नहीं कंफर्टेबल हूं मैं और यदि तुझे चलना है तो जल्दी ऑफिस आ जाओ ।

शालिनी ने इतना सुना और एक साथ चुदते चुदते लंड पर से एकदम उठ गई और उठ कर तुरंत कपड़े पहनने लगी ।
उधर शालीनी का बॉयफ्रेंड झड़ने ही वाला था प्रिय पाठकों आप खुद सोचिये लंड झड़ने में कुछ सेकंड की बात और हो बस और उस टाइम पर तुम्हारी गर्लफ्रैंड अचानक उठकर अपने कपड़े पहन लें तो आपको कैसा लगेगा ।
मैं बताऊ आपको कैसा लगेगा - आपको लगेगा को उसे तो आप कुछ बोल नही सकते हो क्योंकि आप अपनी गिरलफ़्रेंड को बहुत चाहते हो । लेकिन मन मन मे तो जरूर बोलोगे - बहन-की-लौड़ी खड़े लंड पर धोका दे गई ।
भोसड़ी वाली KLPD कर गयी ।

शालीनी अपनी गाड़ी लेकर भैया के ऑफिस की तरफ चल दी और गाड़ी में म्यूजिक सिस्टम में ये वाला गाना सुनते हुए जा रही थी -

चूंदड़ी जयपुर त मंगवाई
र इंडी सोने की घडवाई
गले म कंठी गेर क न
टोकणी चांदी की ठाई

रूप कति निखरा

पाट रया जिकरा
बहु कई मान गी काल्ली



दामण नीचै पेहरि जुत्ती
बण गी देखो चीज कसूती
या गजबण पाणी न चाली
या गजबण पाणी न चाली
या गजबण पाणी न चाली
गजबण पाणी न चाली ।।
 

Top