Incest संतुलन

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ये कहानी शुरू होती है मेरे पिता के उस जीवन के अंत से जो उन्होंने इस धरती पर जिया था । अब वो लौट आए थे अपने लोक हमारे लोक । मर्दापुर जहां सिर्फ मर्द ही मर्द रहते थे । जो मर्द कमजोर होते थे उन्हे पृथ्वी पर भेज दिया जाता था । एक साधारण जीवन जीने के लिए बच्चे पैदा करने के लिए । फिर मरने के लिए उनकी इस लोक फिर वापसी नही होती थी । और जो जोशीले और तगड़े बुद्धिमान और लड़ाकू मर्द होते थे वो मर कर फिर वापिस आते थे । और एक नया जीवन लेके फिर पृथ्वी पर जाते थे । 1 नए शरीर के साथ एक नई ऊर्जा के साथ पुरानी सब यादों को भुला के । मेरे पिता यहां के राजा थे उनके पृत्वी पर जाने के बाद मै राजा बना अब वो लौट आए है तो मेरा समय है पृत्वि पर जाने का और उनका फिर से राजा बनने का ।

अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

किसी और के साथ समय बिताना होगा पुराना रिश्ता छोड़ के ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – अब जाओ पुत्र ये लोग कभी भी नष्ट हो सकता है ।

अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।
 
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ये कहानी शुरू होती है मेरे पिता के उस जीवन के अंत से जो उन्होंने इस धरती पर जिया था । अब वो लौट आए थे अपने लोक हमारे लोक । मर्दापुर जहां सिर्फ मर्द ही मर्द रहते थे । जो मर्द कमजोर होते थे उन्हे पृथ्वी पर भेज दिया जाता था । एक साधारण जीवन जीने के लिए बच्चे पैदा करने के लिए । फिर मरने के लिए उनकी इस लोक फिर वापसी नही होती थी । और जो जोशीले और तगड़े बुद्धिमान और लड़ाकू मर्द होते थे वो मर कर फिर वापिस आते थे । और एक नया जीवन लेके फिर पृथ्वी पर जाते थे । 1 नए शरीर के साथ एक नई ऊर्जा के साथ पुरानी सब यादों को भुला के । मेरे पिता यहां के राजा थे उनके पृत्वी पर जाने के बाद मै राजा बना अब वो लौट आए है तो मेरा समय है पृत्वि पर जाने का और उनका फिर से राजा बनने का ।

अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

किसी और के साथ समय बिताना होगा पुराना रिश्ता छोड़ के ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – अब जाओ पुत्र ये लोग कभी भी नष्ट हो सकता है ।

अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।
 
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अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

किसी और के साथ समय बिताना होगा पुराना रिश्ता छोड़ के ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – अब जाओ पुत्र ये लोग कभी भी नष्ट हो सकता है ।


अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।

लेखक महोदय कहानी का आरंभ बहुत शानदार हैं और पहले ही भाग से लग रहा है कहानी बहुत रोचक होने वाला हैं। बस आपसे एक अनुरोध है कि आप इसे हिंग्लिश में लिखे जिससे पाठको की मात्रा बड़े।
 
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ये कहानी शुरू होती है मेरे पिता के उस जीवन के अंत से जो उन्होंने इस धरती पर जिया था । अब वो लौट आए थे अपने लोक हमारे लोक । मर्दापुर जहां सिर्फ मर्द ही मर्द रहते थे । जो मर्द कमजोर होते थे उन्हे पृथ्वी पर भेज दिया जाता था । एक साधारण जीवन जीने के लिए बच्चे पैदा करने के लिए । फिर मरने के लिए उनकी इस लोक फिर वापसी नही होती थी । और जो जोशीले और तगड़े बुद्धिमान और लड़ाकू मर्द होते थे वो मर कर फिर वापिस आते थे । और एक नया जीवन लेके फिर पृथ्वी पर जाते थे । 1 नए शरीर के साथ एक नई ऊर्जा के साथ पुरानी सब यादों को भुला के । मेरे पिता यहां के राजा थे उनके पृत्वी पर जाने के बाद मै राजा बना अब वो लौट आए है तो मेरा समय है पृत्वि पर जाने का और उनका फिर से राजा बनने का ।

अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

किसी और के साथ समय बिताना होगा पुराना रिश्ता छोड़ के ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – अब जाओ पुत्र ये लोग कभी भी नष्ट हो सकता है ।


अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।
Congratulations🎉🎉🎉 for starting new story. Nice start 👌👌👌💯✔️
 
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ये कहानी शुरू होती है मेरे पिता के उस जीवन के अंत से जो उन्होंने इस धरती पर जिया था । अब वो लौट आए थे अपने लोक हमारे लोक । मर्दापुर जहां सिर्फ मर्द ही मर्द रहते थे । जो मर्द कमजोर होते थे उन्हे पृथ्वी पर भेज दिया जाता था । एक साधारण जीवन जीने के लिए बच्चे पैदा करने के लिए । फिर मरने के लिए उनकी इस लोक फिर वापसी नही होती थी । और जो जोशीले और तगड़े बुद्धिमान और लड़ाकू मर्द होते थे वो मर कर फिर वापिस आते थे । और एक नया जीवन लेके फिर पृथ्वी पर जाते थे । 1 नए शरीर के साथ एक नई ऊर्जा के साथ पुरानी सब यादों को भुला के । मेरे पिता यहां के राजा थे उनके पृत्वी पर जाने के बाद मै राजा बना अब वो लौट आए है तो मेरा समय है पृत्वि पर जाने का और उनका फिर से राजा बनने का ।

अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

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अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।
Nice update and awesome writing skills
 
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अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

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अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

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अनहद – अब जाओ पुत्र ये लोग कभी भी नष्ट हो सकता है ।


अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।
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ये कहानी शुरू होती है मेरे पिता के उस जीवन के अंत से जो उन्होंने इस धरती पर जिया था । अब वो लौट आए थे अपने लोक हमारे लोक । मर्दापुर जहां सिर्फ मर्द ही मर्द रहते थे । जो मर्द कमजोर होते थे उन्हे पृथ्वी पर भेज दिया जाता था । एक साधारण जीवन जीने के लिए बच्चे पैदा करने के लिए । फिर मरने के लिए उनकी इस लोक फिर वापसी नही होती थी । और जो जोशीले और तगड़े बुद्धिमान और लड़ाकू मर्द होते थे वो मर कर फिर वापिस आते थे । और एक नया जीवन लेके फिर पृथ्वी पर जाते थे । 1 नए शरीर के साथ एक नई ऊर्जा के साथ पुरानी सब यादों को भुला के । मेरे पिता यहां के राजा थे उनके पृत्वी पर जाने के बाद मै राजा बना अब वो लौट आए है तो मेरा समय है पृत्वि पर जाने का और उनका फिर से राजा बनने का ।

अनंत – अब क्या आज्ञा है पिताजी मेरे लिए ।

अनहद – मैने जो तुमको वरदान प्राप्त करने को कहा था तुमने वो किया न पुत्र ।

अनंत – जी पिताजी । साथ में और कई शक्तियां भी प्राप्त की है मै पूरी तरह त्यार हूं पृथ्वी पर जाने के लिए ।

अनहद – ये आखिरी मौका है पुत्र इस बार असफल हुए तो परम पिता परमेश्वर से दूसरा मौका नही मिलेगा और जो हमारी सत्ता है वो । मुझे बोलते हुए भी शर्म आ रही है ।

अनंत – मुझ पर भरोसा रखिए । मै सब सम्भाल लूंगा । आपको निराश नही होने दूंगा । वहां क्या माहोल है जरा इसका ज्ञान दो मुझे । मै आपके जीवन पर नजर नही रख पाया शक्तियां अर्जित करने के लिए ।

अनहद – बोहोत कुछ बदल गया है और बोहोत कुछ हमारे हाथों से निकल चुका है ।

अनंत – चिंता ना करे मै सब सम्भाल लूंगा ।

अनहद – ये लो ये कुछ 10 घर के पते है जहां मै रहा कभी किसी का बेटा बैंक तो कभी किसी बाप तो कभी किसी का मुखिया बनके तो कभी किसी का मालिक । 10 घरों के पास कुछ के पास बोहोत जमीन है तो कोई करोड़ पति बिजनेसमैन । तुम्हे इनसे सहायता मिलेगी और तुम वहां जाके अपने भी लोग अर्जित कर सकते हो । जितने ज्यादा लोग तुमरे अधीन रहेंगे उतने तुम ताकतवर रहोगे । खास कर महिलाएं । तुम्हारे पास इस लोक की सारी शक्ति है । बल , बुद्धि , वशीकरण , आकर्षण , साहस , कूटनीति , राजनीति , सारी कला , सभी गुण । तुम वहां जाओ और मेरा नाम रोशन करो ये आखिरी बार है जब हम मिल रहे है । अब जाओ पुत्र तुम्हारे जाते ही ये लोक नष्ट हो जाएगा । तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो । युग परिवर्तन के बाद हमारा क्या अस्तित्व रहेगा वो तुम पर निर्भर है ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – मेरे कुछ सेवक कुछ विश्वासपात्र अब भी पृथ्वी पर है समय आने पर वो तुम्हारे मदद करेंगे । एक और खास बात किसी से दिल मत जोड़ लेना । वहां लोग मर सकते हैं बूढ़े हो सकते है एक समय बाद तुम्हारी उम्र बड़नी बंद हो जाएगी और तुम फिर से कुमार बन जाओगे फिर तुमको दुबारा के

किसी और के साथ समय बिताना होगा पुराना रिश्ता छोड़ के ।

अनंत – जी पिताजी ।

अनहद – अब जाओ पुत्र ये लोग कभी भी नष्ट हो सकता है ।


अब मै आपको कहानी का सार समझा दूं ये कहानी है संतुलन की । परम पिता परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई साथ साथ । दो लोक बनाए जो पृथ्वी पर ही है पर कहां है वो कोई नही जानता । एक मरदापुर और एक महिलापुर । लेकिन मर्दापुर के कुछ लोगों ने ये संतुलन बिगड़ दिया और महिलापूर और पृथ्वी को प्रताड़ित करने लगे जिससे संतुलन बिगड़ गया । तब एक महिला ने परमपिता से एक वरदान मांगा कि अगले युग शक्ति की डोर उनके हाथ में हो । परम पिता ने उन्हें ये वरदान दे दिया । अब जैसे जैसे ये युग समाप्ति की ओर आ रहा है महिलाएं ताकतवर हो रही है । और मर्द कमजोर । मर्दापुर के राजा को अपने लोगों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद थी पर वो सिर्फ गलत काम , नशे , महिलाओं को दबाने में ही अपनी मर्दानगी खोते गए । अब उन्हें डर है कहीं संतुलन बिगड़ ना जाए । शक्ति किसी के भी हाथ में हो वो इंसान को भगवान से हैवान और हैवान से भगवान बना सकती है । मर्दापुर के राजा को डर था के अगले युग आने तक महिलाएं भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने लगेंगी । और परम पिता की बनाई पृथ्वी नष्ट हो जाएगी । इसीलिए अनहद ही एक आखिरी उम्मीद है ।

Story ki surwat bahut acha raha ab aage dekhte hai. Writer ji iss chaman me kaun kaun se gul khilate hai.
 
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Update – 1

Anant – mai yhan aa to gya hu . lekin mai karu to karu kya kis disha me jaun . baba ne ek jarurat ki chij mere suitcase m rakhi thi . dekhta hun shayad wo kaam ajae . ye kya ye to ek coat h . ye meri madad kese karega . check karta hu shayad isme kuch or bhi ho . iski jeb me to ek note h . isme m likha h ane wali bas pakadlo or jahan ant tak ye bus jae whan utar jana . uske baad wpis is coat m khojna . agee ka rasta . thodi der me ek bus ake ruki or me usme chad gya . bhid na hone ki wjah se muje asani se seat mil gyi thi . karib do ghante baad . bus ka akhiri stop aya whan ek café k pas jake m khda ho gya . kuch duri par hi whan bhid lagi hui thi . mene wapis coat me hath dala to ek parchi nikli . usme likha tha ki ab mere pas do raste h ek muje kisi se café me takrana h jha se mere ko noukri milegi or dusra us accident me fase insaan ki madad karna jo muje kis mod pr le jaegi koi nhi janta . ab cunav mera tha ki muje kya karna h . me bina soche us bhid ki or bad gya . jahan ek insaan ka accident ho gya tha or driver car ko ese hi chhod k bhag gya tha . me turant hi us car me betha or car hospital ki or le gya . doctor bhi unko dekh k ghabra gye the unhone turant police m call kiya . kuch der me police commissioner k sath ek lady police or jinka accident hua unke gharwale a gye .

Ram singhaniya – age 50 jiska accident hua h .

Sheetal – ram singhaniya ki wife age 45 .


Lakshman singhaniya – ram singhaniya ka chota bhai age 45 .

Urmila singhaniya – lakshman singhaniya ki wife age 40 .

Gargi – ram singhaniya ki behen age 30 . ( single )

Soniya – ram ki beti age 25 .

Sonam – lakshman ki beti age 20 .

Rudrapratap – ram ka dost or commissioner .

Uma – teacher rudra ki wife ( 40 ).

Komal – lady police rudra ki beti age 30 . ( widow ) .

Doctor – anubhav ram ka dost ( 55 ) .

Doctor – rashi anubhav ki wife ( 50 ) .

Doctor – kirti anubhav ki beti ( 30 ) married .

Doctor – sumit kirti ka pati ( 40 ) .

Hospital m sirf sheetal , lakshman , urmila or gargi hi ae the .

Komal – kon ho tum or ye uncle tumhe kha mile .

Anant – ji mera naam anant h m dur gaon se yahan aya hu kaam ki talash m jese hi bus se utra to dekha kuch duri par bhid lagi hui h . m wha gya to log bas dekh rhe the ya video bna rhe the . mene suna ki driver bhi bhag gya . inki dhadkan dekhi to chal rahi thi to m inhe turant hospital le aya . mera isme koi hath nhi h madam .

Komal – dekho daro mat tumne jo bhi btaya h tumko police station chal kar bhi btana padega . tumne bohot achha kaam kiya jo inhe yhan le ae nhi ajkal k log to bas marne k liye chhod dete h .

Anant – thik h mam m chalta hu . ap sahab ka khyal rakhiye jab bhi meri jarurat ho muje bula lijiye . ye lijiye mera no .

Komal – kha jaoge koi thikana h rehne ka nya sheher h kisi ko jante ho .

Anant – ji abhi to kuch nhi pta kha jaunga kese rahunga . m yhan kisi ko nhi janta hu .

Komal – ao m tumhe unke pariwar se milati hu jinki tumne jaam bachai h .

Anant – ji chaliye .

Komal – lakshman uncle dad inse miliye yahi h jo raam uncle ko hospital lae inhone hi information di h ki driver bhag gya .

Lakshman – bohot bohot shukriya beta tumne mera ghar tutne se bcha liya bikharne se bcha liya .

Anant – ye to mera farz tha uncle .

Lakshman – kha se ho beta tum .

Anant – ji m dur gaon se aya hu noukri ki talash m yhan aya to ye accident ho gya ab apke samne hu .

Urmila – kyon in jese ko muh lgate ho pese maro iske muh pr or dafa karo ise .

Anant – maf kijiyega madam humare yhan kaam karne k pese lete h jaan bchane k nhi jaan bchana humare yhan farz hota h .

Lakshman – tum apna muh kbhi to band rkha karo urmila jagh dekha karo mahol dekha karo . tum btao beta tumko kya chahiye aj to tum jaam bhi mang loge to me dedunga .

Anant – apki jaan ka m kya karu wo apke bhai k kaam aengi . muje to bas nokri or rehne ki jagh de di jiye .

Lakshman – ji kya kya kaam jan lete ho .

Anant – chote se chota har kaam ata h or ye rha mera resume .

Lakshman – kal tum xy company m ajana apna resume leke .

Anant – ji uncle .

Lakshman – rehne ka kya kare kya kare .

Gargi – itna sochna kyon bhai noukri na milne tak ye humare guest House m rahenge .

Lakshman – ye thik rahega gargi m abhi guest House khulwa deta hu . ye lo beta car ki chabi bahar jao driver ko do wo tumko ghar chhod dega .

Anant – ji shukriya uncle .

Gargi – bhai driver yhani rehne do inko m ghar lejati hu . ap phone karke guest room khulwa dijiyega . saf bhi karwado .

Lakshman – thik h beta tu ja apna dhyan rakhio m hu bhai k pas unhe kuch nhi hone dunga .

Gargi – thik h bhai . maa ka bhi khyal rakhna sham ko ate h hum .

Lakshman – thik h jao .

Fir m or gargi nikal gye ghar ki or . raste m

Gargi – kya umr h tumhari .

Anant – ji 25 sal .

Gargi – ghar m kon kon h .

Anant – ji pitaji the kuch din phle wo chal base ab koi nhi h mera .

Gargi – bura lga sun k . achha mere sir m bohot dard ho rha h coffee pioge .

Anant – ji chaliye .

Fir hum ek café pr ruk gye coffee pine .

Gargi – achha apna resume dikhao . dekhe tum kya jante ho .

Anant – ye lijiye .

Gargi – aree ye to bohot bda resume h itna sab kuch jante ho tum .

Anant – ji . ap azma sakti ho .

Gargi – chalo ghar chalo phle thoda aram karlo azmane ko to puri jindgi h .

Fir hum ghar a gye gargi ne muje kamra dikhaya or m kuch der k liye so gya .
 
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Anant – mai yhan aa to gya hu . lekin mai karu to karu kya kis disha me jaun . baba ne ek jarurat ki chij mere suitcase m rakhi thi . dekhta hun shayad wo kaam ajae . ye kya ye to ek coat h . ye meri madad kese karega . check karta hu shayad isme kuch or bhi ho . iski jeb me to ek note h . isme m likha h ane wali bas pakadlo or jahan ant tak ye bus jae whan utar jana . uske baad wpis is coat m khojna . agee ka rasta . thodi der me ek bus ake ruki or me usme chad gya . bhid na hone ki wjah se muje asani se seat mil gyi thi . karib do ghante baad . bus ka akhiri stop aya whan ek café k pas jake m khda ho gya . kuch duri par hi whan bhid lagi hui thi . mene wapis coat me hath dala to ek parchi nikli . usme likha tha ki ab mere pas do raste h ek muje kisi se café me takrana h jha se mere ko noukri milegi or dusra us accident me fase insaan ki madad karna jo muje kis mod pr le jaegi koi nhi janta . ab cunav mera tha ki muje kya karna h . me bina soche us bhid ki or bad gya . jahan ek insaan ka accident ho gya tha or driver car ko ese hi chhod k bhag gya tha . me turant hi us car me betha or car hospital ki or le gya . doctor bhi unko dekh k ghabra gye the unhone turant police m call kiya . kuch der me police commissioner k sath ek lady police or jinka accident hua unke gharwale a gye .

Ram singhaniya – age 50 jiska accident hua h .

Sheetal – ram singhaniya ki wife age 45 .


Lakshman singhaniya – ram singhaniya ka chota bhai age 45 .

Urmila singhaniya – lakshman singhaniya ki wife age 40 .

Gargi – ram singhaniya ki behen age 30 . ( single )

Soniya – ram ki beti age 25 .

Sonam – lakshman ki beti age 20 .

Rudrapratap – ram ka dost or commissioner .

Uma – teacher rudra ki wife ( 40 ).

Komal – lady police rudra ki beti age 30 . ( widow ) .

Doctor – anubhav ram ka dost ( 55 ) .

Doctor – rashi anubhav ki wife ( 50 ) .

Doctor – kirti anubhav ki beti ( 30 ) married .

Doctor – sumit kirti ka pati ( 40 ) .

Hospital m sirf sheetal , lakshman , urmila or gargi hi ae the .

Komal – kon ho tum or ye uncle tumhe kha mile .

Anant – ji mera naam anant h m dur gaon se yahan aya hu kaam ki talash m jese hi bus se utra to dekha kuch duri par bhid lagi hui h . m wha gya to log bas dekh rhe the ya video bna rhe the . mene suna ki driver bhi bhag gya . inki dhadkan dekhi to chal rahi thi to m inhe turant hospital le aya . mera isme koi hath nhi h madam .

Komal – dekho daro mat tumne jo bhi btaya h tumko police station chal kar bhi btana padega . tumne bohot achha kaam kiya jo inhe yhan le ae nhi ajkal k log to bas marne k liye chhod dete h .

Anant – thik h mam m chalta hu . ap sahab ka khyal rakhiye jab bhi meri jarurat ho muje bula lijiye . ye lijiye mera no .

Komal – kha jaoge koi thikana h rehne ka nya sheher h kisi ko jante ho .

Anant – ji abhi to kuch nhi pta kha jaunga kese rahunga . m yhan kisi ko nhi janta hu .

Komal – ao m tumhe unke pariwar se milati hu jinki tumne jaam bachai h .

Anant – ji chaliye .

Komal – lakshman uncle dad inse miliye yahi h jo raam uncle ko hospital lae inhone hi information di h ki driver bhag gya .

Lakshman – bohot bohot shukriya beta tumne mera ghar tutne se bcha liya bikharne se bcha liya .

Anant – ye to mera farz tha uncle .

Lakshman – kha se ho beta tum .

Anant – ji m dur gaon se aya hu noukri ki talash m yhan aya to ye accident ho gya ab apke samne hu .

Urmila – kyon in jese ko muh lgate ho pese maro iske muh pr or dafa karo ise .

Anant – maf kijiyega madam humare yhan kaam karne k pese lete h jaan bchane k nhi jaan bchana humare yhan farz hota h .

Lakshman – tum apna muh kbhi to band rkha karo urmila jagh dekha karo mahol dekha karo . tum btao beta tumko kya chahiye aj to tum jaam bhi mang loge to me dedunga .

Anant – apki jaan ka m kya karu wo apke bhai k kaam aengi . muje to bas nokri or rehne ki jagh de di jiye .

Lakshman – ji kya kya kaam jan lete ho .

Anant – chote se chota har kaam ata h or ye rha mera resume .

Lakshman – kal tum xy company m ajana apna resume leke .

Anant – ji uncle .

Lakshman – rehne ka kya kare kya kare .

Gargi – itna sochna kyon bhai noukri na milne tak ye humare guest House m rahenge .

Lakshman – ye thik rahega gargi m abhi guest House khulwa deta hu . ye lo beta car ki chabi bahar jao driver ko do wo tumko ghar chhod dega .

Anant – ji shukriya uncle .

Gargi – bhai driver yhani rehne do inko m ghar lejati hu . ap phone karke guest room khulwa dijiyega . saf bhi karwado .

Lakshman – thik h beta tu ja apna dhyan rakhio m hu bhai k pas unhe kuch nhi hone dunga .

Gargi – thik h bhai . maa ka bhi khyal rakhna sham ko ate h hum .

Lakshman – thik h jao .

Fir m or gargi nikal gye ghar ki or . raste m

Gargi – kya umr h tumhari .

Anant – ji 25 sal .

Gargi – ghar m kon kon h .

Anant – ji pitaji the kuch din phle wo chal base ab koi nhi h mera .

Gargi – bura lga sun k . achha mere sir m bohot dard ho rha h coffee pioge .

Anant – ji chaliye .

Fir hum ek café pr ruk gye coffee pine .

Gargi – achha apna resume dikhao . dekhe tum kya jante ho .

Anant – ye lijiye .

Gargi – aree ye to bohot bda resume h itna sab kuch jante ho tum .

Anant – ji . ap azma sakti ho .

Gargi – chalo ghar chalo phle thoda aram karlo azmane ko to puri jindgi h .

Fir hum ghar a gye gargi ne muje kamra dikhaya or m kuch der k liye so gya .

Ek anjan jagah jahan koi jana paichna saksh nahi lekin anaant ke babu ne use ek kot diya jo tha to sadharan lekin bada kaam ka nikla aur usmse se hi ananat jan paya ki use aage kya karna hai aur kaise karna hai. Lekin jaisa us parchi me likha tha hua to vaisa par kahi ye priplaned to nahi.
 
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jivan m sab pre planned hi hota h bas wo hone k do raste hote jisme hume ek chunna hota h hoga wahi jo ram rachi rakha
Ek anjan jagah jahan koi jana paichna saksh nahi lekin anaant ke babu ne use ek kot diya jo tha to sadharan lekin bada kaam ka nikla aur usmse se hi ananat jan paya ki use aage kya karna hai aur kaise karna hai. Lekin jaisa us parchi me likha tha hua to vaisa par kahi ye priplaned to nahi
 

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