Discussion Sayari (love,hate,sad,happy)

Respect All, Trust few!!!
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सोज़-ए-ग़म दे के मुझे उस ने ये इरशाद किया

जा तुझे कशमकश-ए-दहर से आज़ाद किया

वो करें भी तो किन अल्फ़ाज़ में तेरा शिकवा

जिन को तेरी निगह-ए-लुत्फ़ ने बर्बाद किया

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया

जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया

ऐ मैं सौ जान से इस तर्ज़-ए-तकल्लुम के निसार

फिर तो फ़रमाइए क्या आप ने इरशाद किया

इस का रोना नहीं क्यूँ तुम ने किया दिल बर्बाद

इस का ग़म है कि बहुत देर में बर्बाद किया

इतना मानूस हूँ फ़ितरत से कली जब चटकी

झुक के मैं ने ये कहा मुझ से कुछ इरशाद किया

मेरी हर साँस है इस बात की शाहिद ऐ मौत

मैं ने हर लुत्फ़ के मौक़े पे तुझे याद किया

मुझ को तो होश नहीं तुम को ख़बर हो शायद

लोग कहते हैं कि तुम ने मुझे बर्बाद किया

कुछ नहीं इस के सिवा 'जोश' हरीफ़ों का कलाम

वस्ल ने शाद किया हिज्र ने नाशाद किया​
Agar ye wapas double meaning nahi hai toh kaafi kamal ki hai :clap3:
 
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सिर्फ नज़दीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती,
फैसले जो दिलों में हो तो फिर चहत हुआ नहीं करती,
अगर नाराज़ हो खफा हो तो शिकायत करो हमसे,
खामोश रहने से दिलों की दूरियां मिटा नहीं करती.....
 
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क्या कहूँ तुम से मैं के क्या है इश्क़
जान का रोग है, बला है इश्क़

इश्क़ ही इश्क़ है जहाँ देखो
सारे आलम में भर रहा है इश्क़

इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है
यानि अपना ही मुब्तला है इश्क़

इश्क़ है तर्ज़-ओ-तौर इश्क़ के तईं
कहीं बंदा कहीं ख़ुदा है इश्क़

कौन मक़्सद को इश्क़ बिन पहुँचा
आरज़ू इश्क़ वा मुद्दा है इश्क़

कोई ख़्वाहाँ नहीं मोहब्बत का
तू कहे जिन्स-ए-नारवा है इश्क़

मीर जी ज़र्द होते जाते हैं
क्या कहीं तुम ने भी किया है इश्क़?
 
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न सोचा न समझा न सीखा न जाना
मुझे आ गया ख़ुदबख़ुद दिल लगाना

ज़रा देख कर अपना जल्वा दिखाना
सिमट कर यहीं आ न जाये ज़माना

ज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं कि मुहरें
ख़मोशी मेरी कह रही है फ़साना

गुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिन
है दुशवार काँटों से दामन बचाना

करो लाख तुम मातम-ए-नौजवानी
प 'मीर' अब नहीं आयेगा वोह ज़माना
 
ADMIN :D
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न सोचा न समझा न सीखा न जाना
मुझे आ गया ख़ुदबख़ुद दिल लगाना

ज़रा देख कर अपना जल्वा दिखाना
सिमट कर यहीं आ न जाये ज़माना

ज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं कि मुहरें
ख़मोशी मेरी कह रही है फ़साना

गुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिन
है दुशवार काँटों से दामन बचाना

करो लाख तुम मातम-ए-नौजवानी
प 'मीर' अब नहीं आयेगा वोह ज़माना
:good2:
 
Maurya ji
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Too deep deepu
Dhanywad anu :cowboy:
सिर्फ नज़दीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती,
फैसले जो दिलों में हो तो फिर चहत हुआ नहीं करती,
अगर नाराज़ हो खफा हो तो शिकायत करो हमसे,
खामोश रहने से दिलों की दूरियां मिटा नहीं करती.....
Bhut bdiya bhai..
 

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