Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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First of all:congrats: for thread. Aapki writing skill kaafi acchi hai ek lambe arse ke baad devnagri mai koe acchi kahani mili hai. Ek hi din mai saatho update padhe liye mene. Kaafi accha laaga.
Raaj jo ki 19 saal ka ho chuka hain... aur aise mahaul mein rah raha hain jahan pe agal bagal mein sab ghapa ghap kar rahe hai aur woh bhi tapa tapa tap :sex: .
Aur toh aur khul ke incest ka maja le rahe hai aur paiwaar waale ghar mai hi :D.
par yaha swale ye hai ki kya raaj ne kabhi khude kisi ke saath :sex: karne ke kosis nahi kee... jab uske bhenchod dost chandu ke kisse isne sune (Ha bhai ek request hai aage chal ke isse chandu ka klpd kara dena aur sabko bus raaj se hi chudwana :pray: )
:think2: par swale ye hai ki kya raaj ne khudne kabhi apni behen ke baare mein uss tarah ke khayal ya kahu toh bhenchod banene ka khayal nahin aaya. (Agar raaj ne jhutte bola na toh dekh lena baba lundkatwa ke sharap se uska lund :D samjhe gae :evillaugh: )
Kya kabhi raaj ne kisi ke saath sex karne ka na socha wo bhi tab jab uske charo taraf sab bus ghapa ghap mai lage hai.
Mujhe yakin hai jo jitna sharif hita hai unme uttni jayada tharak bhari hoti hai... :D


Ab aage kya hoga ye toh aage pata chalega lekine yah baat 100 taka sachi hai ki aap ek shandaar writer ho aur aapki wriying skill kamal hai...
:toohappy:
Waah 7 update ka kota ek hi revo me lpet diya
Apka bahut bahut shukriya bhai
Saath bnaaye rakhe.. aur belt kholkar daily update ka maja lete rahe :D
 
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belagam ho jaye jajbat itna hot update tha . raaj ka kuch nahi ho sakta. vo bas dekhkar hi hilata rahega. khidki ke pas jake daboj kyu nahi liya rajo ko .
Porn dekhoge to yhi hoga ki pkd k dboch kyu nhi liya :lol1:
Ek hi type ka daal chawal thodi na khaane ko milega
Yaha ab tak ki likhi sabhi incest story se alag hi creative milega :rock:
 
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UPDATE 008


अब आगे

अगली सुबह आंख खुली तो मौसी नही थी मै उठा और टॉयलेट मे ही फ्रेश हुआ और नहा के नीचे गया तो पापा बर्तन वाली दुकान के लिए निकल गये थे और दीदी अपने कॉलेज
क्योकि उसने 12वी के बाद boilogy ले लिया जबकि मै BA कर रहा था तो ज्यादा क्लास नही करता था ।
बस शाम को 4 बजे कोचिंग जाता था । अनुज भी अपने स्कूल जा चुका था ।
मै भी नास्ता किया और अपना नया दुकान को खोलने नीचे आ गया ।


कुछ टाईम बाद मम्मी नीचे आई और एक 44 साइज़ की panty और 42 की ब्रा लेके ऊपर चली गयी । मै समझ गया कि वो मौसी के लिए था क्योकि मौसी हमारे यहा रूकने का प्रोग्राम नही बना के आयी थी ।

फिर दोपहर में मै खाना खाने ऊपर गया तो मौसी को देख कर फिर से लंड खड़ा हो गया क्योकि उन्होने बिना ब्लाऊज के ही सिर्फ ब्रा के ऊपर से मा की साडी पहनी थी ।
मौसी को देख कर लगा कि उस काले रंग की ब्रा मे मानो मौसी ने अपने चुचो को ठूस के भरा हो क्योकि 42 साइज़ के भारी और बडे चुचे के कुछ भाग कन्धे के निचे से भी निकले हुए थे ऊपर से एक हल्के अंगूरी कलर की सारी को लपेटा था जो चाह के भी उनके उभरे हुए चुचो को छिपा नही सकता था

एक नजर मे मौसी की रसभरी जवानी को ताडने के बाद जब मेरी नजर उनकी आँखो से मिली तो मै थोड़ा हिचकिचाते हुए खाना खाने बैठ और बिना कोई खास बातचित के खाना खा के नीचे आ गया ।

फिर मा ने मुझे पापा के लिए टिफ़िन दिया बर्तन वाले दुकान पर ले जाने के लिए

मै थोडी देर में दुकान पर और खाना देकर वापस आ गया तो मम्मी ने अपने 2 ब्लाऊज और 2 पेतिकोट दिये
और बोले करीम खां के यहा देते आओ बोल्ना 2 इन्च ढिला करना है ।


नया परिचय
करीम खां - मुहल्ले मे एक दर्जी है जिसकी दुकान चंदू के घर के ठीक सामने ही थी ।
(इसका कुछ खास रोल अभी नही ,,आगे मूड का पता नही )

मै करीम खां के दुकान पर गया और जैसा मा ने बोला था उसको कपड़े देके सोचा चंदू से मिलता चलू

तो मै उसके घर गया तो कमरे सिस्कियो की आवाजे आने लगी
मुझे लगा कही रामवीर रजनी के साथ लगा तो नही चलो और आज मै ये मौका छोड़ना नही चाह्ता था मुझे रजनी दीदी की वो कसे चुचे को देखने का मन करने लगा और धीरे धीरे कमरे के पास गया और खिडकी से अन्दर देखा
तो मेरी नजर बेड प अपना ब्लाऊज खोले चुचियो को रगड़ते हुए चंदू की मा पर गयी

उफ्फ्फ क्या कयामत थी वो चुचिया एक बराबर की गोलाई लिये उसके स्तन और उन नरम गोरे चुचो पर बड़ा सा चाकलेती घेरा लिये दो किसमिस की तरह कड़े निप्प्ल
उफ्फ़फ्फ
मै सोचने लगा काश मैं उन किस्मिस जैसे नर्म और कडक दाने को अपनी जीभ से गिला कर पाता
फिर मैने नजर निचे की तो उनकी साडी घुटनो तक ऊपर थी और कोई आदमी उनकी साडी मे घुस कर चुत चाट रहा था !
ये सीन देख कर मेरा लण्ड फनफनाने लगा
तभी रजनी ने ऐसा कुछ बोला कि मेरे लण्ड मे और कड़क और जान आ गयी साथ मे मेरे कान खड़े हो गए

रजनी उसके सर को अपनी चुत पर दबा रही थी और बोली - ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह च्च्च्ंंदऊऊऊ ऐसे ही चुस मेरी चुत लल्ला ,,तेरा बाप को पसंद नही एसिलिये तो तुझसे चुस्वती हू आह्हह ओज्ज्ज उम्म्ं उफ्फ्फ

मै तो कूछ समय के लिए भूल ही गया कि अन्दर क्या हो रहा है मै सोचने की रजनी दीदी अपने बेटे से अपनी चुत चटवा रही है
फिर मै अपने विचारो से बाहर आया तो देखा चंदू ने अपना सर अपनी मा के साडी से बाहर निकाली
फिर चंदू उठा और लंड को अपनी मा के चुत मे डाल के चोदने लगा
ओह्ह्ज उम्म्ं हा अम्म्ंंं उफ्फ्फ और तेज़ और तेज़ से चोद चंदू अपनी मा को
चंदू चोदते हुए बोला - हुउह्ह्ह मा चम्पा दीदी को कब बुला रही हो बहुत याद आ रही है

रजनी - ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह अभी पिछ्ले महीने तो गयी है और चोद चोद कर उसकी गाड़ मुझ्से भी बड़ी कर दी है तुने
अह्ह्ज ऐसे ही और कस के चोद अपनी मा को मदर्चोद बन गया है तूतो और तेज़ आह्हह अह्ह्ह्ह ऐह्ह्ह्ह इह्ह्ह्हग्ग्ग्ग।उफ्फ़फ्फ्फ उफ्फ्फ हा निकाल दे मेरा पानी मै झ्द्ने वाली हू ,,,,

ये सब बातें सुन कर मै पिछ्ली घटनाओ को जोडने लगा कि क्यू आखिर चंपा हॉस्टल गयी और कैसे रजनी चंदू से किन हालातो मे चुद्ने को तैयार हो गयी ,,कुछ बातो का राज मुझे जानना अब जरुरी हो गया था इसका एक ही उपाय था कि मै चंदू को फ्साऊ अपने बातो मे
मेरे मन मे ये सब बातें चल रही थी और अन्दर चंदू भी अपनी मा को चोद्ते हुए झड़ कर अपने मा के ऊपर गिर पड़ा

ये सब देख सुन कर मेरा दिमाग फटने लगा और मै वहा से निकल कर करीम के यहा से कपड़े लेकर घर आ गया ।
 

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