Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
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UPDATE 15

अगली सुबह मै और रोज की तरह नहा धो कर नीचे आया तो दीदी मे नाशता दिया और मै नास्ता करने लगा ,,,,
मैने किचन मे देखा , फिर बेडरूम में देखा ,,, ना मा थी ना मौसी

तो मैने दीदी से बोला - अरे दीदी , ये मा और मौसी कहा है
दीदी - भाई वो आज दोपहर को मौसी अपने घर जा रही है ना तो पापा उनको और मा को बाजार से सामान दिलाने ले गये है ।

मै सोचने लगा अबे यार मौसी आज क्यो जा रही है मैने तो अभी उनको अच्छे से चोद भी नही पाया ,,,, और ये पापा भी ना उनको बाजार लेके चले गये ।
तभी मेरा दिमाग ठनका कही वो गोदाम पर चोदने तो नही ले गये ना ,,,,

मै जल्दी से उठा और बिना नाश्ता किये ही बर्तन वाले दुकान की तरफ भागा

करीब 3 मिनत दौड़ने के बाद दुकान से एक गली पहले ही रुक गया और खुद को शांत किया फिर आराम से इधर उधर देखते हुए दुकान की तरफ गया तो देखा की दुकान पर तो ताला बंद है तो मुझे लगा की शायद वो मार्केट ही गये हो

मै वापस घर आया और दुकान खोला थोडी देर बाद मौसी और मा आई

मै - मौसी आप आज क्यू जा रही है
मौसी - लल्ला वो रमन को वहा बहुत दिक्कत हो रही है अकेला है वो वहा
मै मन मे - हा परेशान तो होगा ही 3 दिनो से चुत जो नही मिली होगी

फिर मा और मौसी ऊपर चले गये और मै लंच टाइम का इंतजार करने लगा क्योकि उस समय मा को नीचे दुकान मे आना ही पडता है तभी मै ऊपर खाना खाने जा पाऊन्गा

दोपहर में मा निचे आई और मै ऊपर गया तो bedroom मे मौसी पैकिंग कर रही थी
मैने चुपचाप दरवाजा बंद किया और पीछे से मौसी को जकड़ लिया

मौसी - अरे अरे लल्ला छोड मुझे क्या कर रहा है
मै - मौसी क्यो जा रही हो कुछ दिन रुक जाओ ना ,,, आप चली गई तो मेरा क्या होगा अभी तो मैने आपको सही से ....

ये बोल कर मै चुप हो गया

मौसी मुस्कुराते मेरे उतरे हुए चेहरे को थाम कर - क्या करू लल्ला वहा रमन अकेला है ,,,, और मै तो आती जाती रहूँगी ना

मै - लेकिन इसका क्या होगा ,,मैने पैंट से अपना खड़ा लण्ड बाहर निकालते हुए कहा

मौसी मेरे खड़े लण्ड को देखते ही खो गई और मेरे लण्ड को हाथ मे लेके सहलाते हुए बोली - आजा ,,जाने से पहले इसको शांत कर दू

फिर वो निचे बैठ के मेरा चूसना शुरू कर दी
ओह्ह्ज मौसी के मुह मे लण्ड जाते ही जैसे वो घूलने लगा था ,,, एक ठण्डक सा अह्सास हो रहा था । मौसी के मुलायम होठ जैसे बर्फ के पतले फाहे हो उसी से मेरे लण्ड को सहलाया जा रहा हो ।
मै - अह्ह्ज ओह्ह्ह मौसी कितना अच्छा चुस्ती हो लण्ड,,,, आप बहुत याद आओगे

मौसी मुह से लण्ड निकाल कर - हा ल्ल्ला याद तो मुझे भी आयेगी तेरी और तेरे पापा की ,, इन तीन दिनो मे तेरे पापा मे मुझे 8 10 बार चोदा और तो और अभी तेरी मा और मै गोदाम से चुद के ही आ रहे है
इतना बोल मौसी वापस से लण्ड चूसने लगी

मै - आअहह मौसी कितनी बड़ी चुद्क्क्ड हो तुम
और उनका सर पकड के तेज़ी से उन्के मुह मे पेलने लगा

मौसी अपनी आँखे ऊपर करके लगातार मेरी आंखो मे देखे जा रही थी और मै भी उनकी आँखो मे देखते हुए उनकी मुह चुदाई करते हुए
बहुत ही उत्तेजित महसुस करने लगा और
एक क्रूरता का जोश मुझमे हावी होने लगा
मैने मेरे लण्ड मे एक खुजली सी मह्सूस की जो हर बार मौसी के मुह मे पेलने और भी बढे जा रही थी ।
लगातर मुह पेलाई से मेरे सुपाडे मे मानो पुरे बदन का खुन भरने लगा हो ,,एक जलन सी मह्सूस होने लगी थी मुज्जे और मैने अपने गाड़ की पाटे को सख्त करके एडिया उचकाते हुए पुरा लण्ड मौसी के मुह मे घुसेड़ पर उनकी सर को दबा दिया

अगले ही पल मेरा लण्ड झटके देने लगा और मै मौसी के मुह मे ही झड़ गया।

लेकिन मेरा लण्ड अभी कहा शांत था
झदने के बाद मै मौसी के मुह से लंड निकाला जो की पुरा मेरे रस और मौसी के लार से भिगा हुआ था जिसे वापस मौसी ने मुह मे लेके चुस्ते साफ किया
फिर मैने बिना कुछ बोले मौसी को खड़ा किया और ब्लाऊज खोलने लगा

मौसी - अरे बेटा अब तो शांत हो गया ना तेरा लण्ड फिर क्यू मेरे कपडे निकाल रहा

मै मुस्कुराते हुए मौसी को निचे देखने का इशारा किया तो मौसी ने मेरा फनफनाता लण्ड देखा जो अभी भी माल निकलने के बाद भी एकदम टाइट खड़ा था

फिर मैने मौसी का ब्लाऊज खोला और उनको बेड पर धकेल दिया और उन्के ऊपर चढ़ कर उनकी चुचीयो को चूसने लगा

और फिर उनकी साडी उठाई और उनकी पाव जैसी नरम फुली हुई चुत देख कर मुझ्से रहा नही गया और मै निचे झुक कर उनकी चुत को चातते हुए उनके चुचो को म्सल्ने लगा

मौसी - आह्ह ल्ल्ला तू मुझे पागल कर देगा ,,और मेरा सर पकड़ के चुत मे दबाने लगी ,,,,,हा लल्ला और चुस ऐसे ही ,,,खा जा मेरी चुत ,,,,उह्ह्ह्ह उफ्फ़फ्फ्फुह्ह्ज्ज अझ्ज्झ्ह्ह्ह्ह ,,,, और मौसी तेज़ी से अपनी गांड पटक कर झडने लगी और उनका कामरस मेरे मुह मे भरने के बाद भी उनकी गांड तक रीसने लगा

चुत को अच्छी तरह से साफ करने के बाद उनकी जांघो को उठा कर उनकी गद्देदार गांड की छेद पर रिसकर एकठ्ठा हुए कामरस को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मौसी की आहे और दब सी गयी लेकिन सासे लम्बी होने लगी

मौसी - उफ्फ़फ्फ ललला क्या कर रहा है वहा पर किसी ने आज तक जीभ नही लगाया
आह्ह्ह्ह्ह मा उफ्फ्फ रुक जा ल्ल्ला मै अब सम्भाल नही पाऊंगी

मैने 2 4 बार जीभ और घुमाया और गांड से चुत के दाने तक एक सीध मे जीभ को घिसता हुआ मौसी को छोड दिया
फिर खड़ा हुआ तो देखा मौसी चरम सीमा पर उस सुख को पाने के लिए तैयार थी जो मेरा लण्ड उन्हे देने वाला था

फिर मैने अपना लण्ड उनकी पाव जैसी फुली, कामरस से गीली और महकती चुत पर रगड़ना शुरू किया ,,,, जब भी मेरा सुपाड़ा उन्के चुत के दाने को रगडता तो मौसी की एक शांत और नसे मे लिप्त दबी हुई सिसकी निकल जाती

फिर मैने अपना लण्ड उनकी चुत मे डाला और एक जोरदार धक्का देकर पेल दिया
मौसी - आह्हह ल्ल्ला कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,, अब रहम मत कर और चोद दे मुझे

मै बिना कुछ बोले तेज़ी से मौसी की चुत को फाडने लगा
पुरा कमरा थप थप और मौसी की सिसिकियो की आवाज से गुज रहा था

मौसी की गीली चुप फचफ्चा रही थि और मै अपने कुल्हे पटकते हुए तेज़ी से लण्ड को मौसी की चुत की गहराइयो मे ले जा रहा था ।
मै - आह्ह मौसी बहुत मजेदार चुत है आपकाउम्म्ं उह्ह्ज आह्ह हा ऐसे ही ,,, ये क्या कर रही हो उम्म्ं

मौसी झडने के बाद थोडी शांत थी तो उनहोंने अपनी चुत का छल्ला मेरे लण्ड पर कसके मुझे निचोडना शुरु कर दिया और मुस्करा बोली - क्यू तु क्या सोच रहा है सारे खेल तुझे ही आते है क्या उम्म्ं बोल

मै एक नशे मे डूबने लगा था ,,,मेरा सुपाडा जब जब मौसी के कसे छल्ले मे घिसता मेरी सासे अटक जाती और एक तीव्र उत्तेजना मह्सूस होती । आखिरकार मौसी ने मुझे अपने गिरफत मे ले ही लिया और मै अंडर ही झडने लगा ।

और फिर मै उनके ऊपर गिर पड़ा।



अब देखते हैं कि आगे के अपडेट मे क्या होता है
rajjo kuch jaada hi chuddakhad aurat hai, pyas hai ki bujhti hi nahi. raaj bhi javan launda hai. dono me mast pelem pelai hui. to rajjo ki chut ache se maar hi li raaj ne.lekin rajjo ja rahi hai ghar . ab nai chut k jugad raaj kaise lagaiga ye dekhne wali baat hogi.
 
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rajjo kuch jaada hi chuddakhad aurat hai, pyas hai ki bujhti hi nahi. raaj bhi javan launda hai. dono me mast pelem pelai hui. to rajjo ki chut ache se maar hi li raaj ne.lekin rajjo ja rahi hai ghar . ab nai chut k jugad raaj kaise lagaiga ye dekhne wali baat hogi.
:yes4: kar le jugad kar le :D
 
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अगली सुबह मै और रोज की तरह नहा धो कर नीचे आया तो दीदी मे नाशता दिया और मै नास्ता करने लगा ,,,,
मैने किचन मे देखा , फिर बेडरूम में देखा ,,, ना मा थी ना मौसी

तो मैने दीदी से बोला - अरे दीदी , ये मा और मौसी कहा है
दीदी - भाई वो आज दोपहर को मौसी अपने घर जा रही है ना तो पापा उनको और मा को बाजार से सामान दिलाने ले गये है ।

मै सोचने लगा अबे यार मौसी आज क्यो जा रही है मैने तो अभी उनको अच्छे से चोद भी नही पाया ,,,, और ये पापा भी ना उनको बाजार लेके चले गये ।
तभी मेरा दिमाग ठनका कही वो गोदाम पर चोदने तो नही ले गये ना ,,,,

मै जल्दी से उठा और बिना नाश्ता किये ही बर्तन वाले दुकान की तरफ भागा

करीब 3 मिनत दौड़ने के बाद दुकान से एक गली पहले ही रुक गया और खुद को शांत किया फिर आराम से इधर उधर देखते हुए दुकान की तरफ गया तो देखा की दुकान पर तो ताला बंद है तो मुझे लगा की शायद वो मार्केट ही गये हो

मै वापस घर आया और दुकान खोला थोडी देर बाद मौसी और मा आई

मै - मौसी आप आज क्यू जा रही है
मौसी - लल्ला वो रमन को वहा बहुत दिक्कत हो रही है अकेला है वो वहा
मै मन मे - हा परेशान तो होगा ही 3 दिनो से चुत जो नही मिली होगी

फिर मा और मौसी ऊपर चले गये और मै लंच टाइम का इंतजार करने लगा क्योकि उस समय मा को नीचे दुकान मे आना ही पडता है तभी मै ऊपर खाना खाने जा पाऊन्गा

दोपहर में मा निचे आई और मै ऊपर गया तो bedroom मे मौसी पैकिंग कर रही थी
मैने चुपचाप दरवाजा बंद किया और पीछे से मौसी को जकड़ लिया

मौसी - अरे अरे लल्ला छोड मुझे क्या कर रहा है
मै - मौसी क्यो जा रही हो कुछ दिन रुक जाओ ना ,,, आप चली गई तो मेरा क्या होगा अभी तो मैने आपको सही से ....

ये बोल कर मै चुप हो गया

मौसी मुस्कुराते मेरे उतरे हुए चेहरे को थाम कर - क्या करू लल्ला वहा रमन अकेला है ,,,, और मै तो आती जाती रहूँगी ना

मै - लेकिन इसका क्या होगा ,,मैने पैंट से अपना खड़ा लण्ड बाहर निकालते हुए कहा

मौसी मेरे खड़े लण्ड को देखते ही खो गई और मेरे लण्ड को हाथ मे लेके सहलाते हुए बोली - आजा ,,जाने से पहले इसको शांत कर दू

फिर वो निचे बैठ के मेरा चूसना शुरू कर दी
ओह्ह्ज मौसी के मुह मे लण्ड जाते ही जैसे वो घूलने लगा था ,,, एक ठण्डक सा अह्सास हो रहा था । मौसी के मुलायम होठ जैसे बर्फ के पतले फाहे हो उसी से मेरे लण्ड को सहलाया जा रहा हो ।
मै - अह्ह्ज ओह्ह्ह मौसी कितना अच्छा चुस्ती हो लण्ड,,,, आप बहुत याद आओगे

मौसी मुह से लण्ड निकाल कर - हा ल्ल्ला याद तो मुझे भी आयेगी तेरी और तेरे पापा की ,, इन तीन दिनो मे तेरे पापा मे मुझे 8 10 बार चोदा और तो और अभी तेरी मा और मै गोदाम से चुद के ही आ रहे है
इतना बोल मौसी वापस से लण्ड चूसने लगी

मै - आअहह मौसी कितनी बड़ी चुद्क्क्ड हो तुम
और उनका सर पकड के तेज़ी से उन्के मुह मे पेलने लगा

मौसी अपनी आँखे ऊपर करके लगातार मेरी आंखो मे देखे जा रही थी और मै भी उनकी आँखो मे देखते हुए उनकी मुह चुदाई करते हुए
बहुत ही उत्तेजित महसुस करने लगा और
एक क्रूरता का जोश मुझमे हावी होने लगा
मैने मेरे लण्ड मे एक खुजली सी मह्सूस की जो हर बार मौसी के मुह मे पेलने और भी बढे जा रही थी ।
लगातर मुह पेलाई से मेरे सुपाडे मे मानो पुरे बदन का खुन भरने लगा हो ,,एक जलन सी मह्सूस होने लगी थी मुज्जे और मैने अपने गाड़ की पाटे को सख्त करके एडिया उचकाते हुए पुरा लण्ड मौसी के मुह मे घुसेड़ पर उनकी सर को दबा दिया

अगले ही पल मेरा लण्ड झटके देने लगा और मै मौसी के मुह मे ही झड़ गया।

लेकिन मेरा लण्ड अभी कहा शांत था
झदने के बाद मै मौसी के मुह से लंड निकाला जो की पुरा मेरे रस और मौसी के लार से भिगा हुआ था जिसे वापस मौसी ने मुह मे लेके चुस्ते साफ किया
फिर मैने बिना कुछ बोले मौसी को खड़ा किया और ब्लाऊज खोलने लगा

मौसी - अरे बेटा अब तो शांत हो गया ना तेरा लण्ड फिर क्यू मेरे कपडे निकाल रहा

मै मुस्कुराते हुए मौसी को निचे देखने का इशारा किया तो मौसी ने मेरा फनफनाता लण्ड देखा जो अभी भी माल निकलने के बाद भी एकदम टाइट खड़ा था

फिर मैने मौसी का ब्लाऊज खोला और उनको बेड पर धकेल दिया और उन्के ऊपर चढ़ कर उनकी चुचीयो को चूसने लगा

और फिर उनकी साडी उठाई और उनकी पाव जैसी नरम फुली हुई चुत देख कर मुझ्से रहा नही गया और मै निचे झुक कर उनकी चुत को चातते हुए उनके चुचो को म्सल्ने लगा

मौसी - आह्ह ल्ल्ला तू मुझे पागल कर देगा ,,और मेरा सर पकड़ के चुत मे दबाने लगी ,,,,,हा लल्ला और चुस ऐसे ही ,,,खा जा मेरी चुत ,,,,उह्ह्ह्ह उफ्फ़फ्फ्फुह्ह्ज्ज अझ्ज्झ्ह्ह्ह्ह ,,,, और मौसी तेज़ी से अपनी गांड पटक कर झडने लगी और उनका कामरस मेरे मुह मे भरने के बाद भी उनकी गांड तक रीसने लगा

चुत को अच्छी तरह से साफ करने के बाद उनकी जांघो को उठा कर उनकी गद्देदार गांड की छेद पर रिसकर एकठ्ठा हुए कामरस को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मौसी की आहे और दब सी गयी लेकिन सासे लम्बी होने लगी

मौसी - उफ्फ़फ्फ ललला क्या कर रहा है वहा पर किसी ने आज तक जीभ नही लगाया
आह्ह्ह्ह्ह मा उफ्फ्फ रुक जा ल्ल्ला मै अब सम्भाल नही पाऊंगी

मैने 2 4 बार जीभ और घुमाया और गांड से चुत के दाने तक एक सीध मे जीभ को घिसता हुआ मौसी को छोड दिया
फिर खड़ा हुआ तो देखा मौसी चरम सीमा पर उस सुख को पाने के लिए तैयार थी जो मेरा लण्ड उन्हे देने वाला था

फिर मैने अपना लण्ड उनकी पाव जैसी फुली, कामरस से गीली और महकती चुत पर रगड़ना शुरू किया ,,,, जब भी मेरा सुपाड़ा उन्के चुत के दाने को रगडता तो मौसी की एक शांत और नसे मे लिप्त दबी हुई सिसकी निकल जाती

फिर मैने अपना लण्ड उनकी चुत मे डाला और एक जोरदार धक्का देकर पेल दिया
मौसी - आह्हह ल्ल्ला कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,, अब रहम मत कर और चोद दे मुझे

मै बिना कुछ बोले तेज़ी से मौसी की चुत को फाडने लगा
पुरा कमरा थप थप और मौसी की सिसिकियो की आवाज से गुज रहा था

मौसी की गीली चुप फचफ्चा रही थि और मै अपने कुल्हे पटकते हुए तेज़ी से लण्ड को मौसी की चुत की गहराइयो मे ले जा रहा था ।
मै - आह्ह मौसी बहुत मजेदार चुत है आपकाउम्म्ं उह्ह्ज आह्ह हा ऐसे ही ,,, ये क्या कर रही हो उम्म्ं

मौसी झडने के बाद थोडी शांत थी तो उनहोंने अपनी चुत का छल्ला मेरे लण्ड पर कसके मुझे निचोडना शुरु कर दिया और मुस्करा बोली - क्यू तु क्या सोच रहा है सारे खेल तुझे ही आते है क्या उम्म्ं बोल

मै एक नशे मे डूबने लगा था ,,,मेरा सुपाडा जब जब मौसी के कसे छल्ले मे घिसता मेरी सासे अटक जाती और एक तीव्र उत्तेजना मह्सूस होती । आखिरकार मौसी ने मुझे अपने गिरफत मे ले ही लिया और मै अंडर ही झडने लगा ।

और फिर मै उनके ऊपर गिर पड़ा।



अब देखते हैं कि आगे के अपडेट मे क्या होता है
ghar jane ko badi jaldi padi hai rajjo ko. Do din chudayi nahi karega mar nahi jayega raman. raaj ko dukh to hua par wo bhi kya kar sakta hai.
ghar jane pehle mast thukayi hui rajjo ki. :sex: raaj ne ji bhar kar choda usko. muh aur chut dono ko. mast garam update tha bhai. ragine kab raaj ke niche ayegi :shag:
 
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नमस्कार दोंस्तो ,

मेरा नाम ना जानिए मेरी कहानी मेरा असली चरित्र चित्रण करेगी।
ये मेरी पहली कहानी है और किसी अन्य फोरम पर रनिंग भी है , फिर भी भूल चूक माफ कीजिएगा ।
इस कहानी मैने मेरे व्यक्तिगत जीवन के कुछ fantesy को सजीव रूप दिया है और आपका प्यार और साथ रहा तो ये एक लम्बी कहानी होगी ।

इसमे मुख्य रूप से पारिवारिक किरदार है तो जिन बंधु को Incest स्टोरी मे रुचि नहीं है वो ना पढे ।


आशा करता हूँ कि आपका प्यार और समर्थन जरुर मिलेगा ।
शाम तक एक जोरदार अपडेट के लिए तैयार रहे और पेज को बुकमार्क कर ले क्योकि मुझे पुरा विश्वास है आपको मेरी रचना निराश नही करेगी ।


धन्यवाद
Congratulations dear story ke liye
 
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ये कहानी उत्तरी भारत के एक नये बने कस्बे की है जिसका नाम चमनपुरा है । यहा मुख्य रूप से बाज़ार पुराने है और कुछ बैंक , स्कूल कालेज है बाकी किसी सरकारी कार्य और अन्य जरुरी शिक्षाओ , मेडिकल सेवाओ के लिए शहर जाना पड़ता है ।धीरे धीरे अब कुछ सुविधाएँ उपलब्ध होने लगी है और बाज़ार भी होने लगा है


मेरा नाम राज है और मेरे पिता जी रंगीलाल एक बर्तनों के व्यापारी है । ये कोई पुस्तैनी व्यापार नही है ये मेरे पिता जी द्वारा ही मेरे जन्म से कुछ साल पहले ही सुरु हुआ था और अच्छा खासा दर्जा है आज बाज़ार मे उनका ।

आईये अब थोड़ा अपने परिवार का परिचय करा देता हू ।

मै - राज , उम्र अभी 21 साल है , बॉडी से नॉर्मल हू अच्छी हाईट है और 7" लंड है और घर पर एक कास्मेटिक की दुकान अपनी मा के साथ चलता हू । ( इस दुकान का विस्तार आगे मिलेगा )

पिता - रंगीलाल , उम्र 49 साल , स्वभाव से गंभीर है लेकिन बहुत मजाकिया भी है और मैने इनका लंड ध्यान देखा नही तो क्या उसका वर्णन " हा हा हा हा " खैर आगे जरुर पता चलेगा
मेरे पिता 2 भाई और 2 बहन है उनका परिचय समय आने पर दिया जायेगा ताकि आपको किरदारो को याद रखने मे ना समस्या हो ।

मा - रागिनी देवी , उम्र 45 साल , बहुत ही आकर्षक और कामुक महिला और स्वभाव से थोडी चंचल भी है और मै भी मुख्य रूप से अपने मा के स्वभाव से जुडा हू , उनका शरीर हल्का शाव्ला है और भरा हुआ है साइज़ में देखे तो 38 35 42 , थोडी सी मोटी है लेकिन इस उम्र में भी इनका ये रूप जवान लड़कियो के हुस्न को भी मात दे दे

मेरी बड़ी बहन - सोनल , उम्र 23 , अभी सादी हो चुकी है और एक बच्चा भी है । मुहल्ले में ही लव मैरिज हुआ है इसका भी विस्तार आगे मिलेगा कि क्यो मेरी दीदी ने बगल के मोहल्ले में ही सादी की
ये भी मा की तरह गदरयी बदन वाली है लेकिन हाईट पिता जी की तरह कम है ।
इसका साइज़ इस समय 36 34 38 है ।


मेरा छोटा भाई जो इस समय 18 का हो चूका है उसका नाम अनुज है और उसका कोई खास किरदार अभी कुछ अपडेट तक नही है ।


दोस्तों ये था परिचय
और एक बात बता दू इस कहानी मे कोई मैजिक या अप्राकृतिक घटना या विज्ञान विरोधी चीजे नही होने वाली है
मेरा मानना है की कहानी को दैनिक जीवन में नेचूरल तरीके से चलाना ही अच्छा है ।
क्योकि मैने एक जगह पढा था साधरणता से लम्बा सफ़र तय कर सकते है ।


तो चलिये इस कहानी को शुरू करते है
दोस्तो आज मेरी उम्र 21 साल है लेकिन इस कहानी को समझने के लिए आपको मेरे पास्ट को जानना होगा । जब मैने पहली बार सेक्स को बड़े करीब से मह्सूस किया था ।

बात उस समय की है जब मै सातवी कक्षा में था । उस समय मेरा चमनपुरा ग्राम सभा हुआ करता था लेकिन पुराना बाज़ार होने से आस पास गाव के लोगो की रौनाक लगी रह्ती थी । और मेरे पिता जी का दुकान घर पर ही था तब और हमारे मुहल्ले मे कच्ची सड़क ही थी और कुछ किराने की और कुछ कपड़े की और एक दर्जी की दुकान थी ।

उस समय मै गाव के ही स्कूल मे पढने जाता था और दोपहर मे लंच के घर आ जाता था फिर वापस स्कूल ।
मेरे साथ मेरी बड़ी बहन भी उसी स्कूल मे जाती थी और मेरे कक्षा मे ही पढ़ती थी लेकिन वो लंच के लिए घर नही आती थी आपने सहलियो के साथ ही खा लिया करती थी । मेरा भी एक मित्र था अमन ( इसकी चर्चा आगे मिलेगी ) और स्कूल से छुट्टी होने पर घर और फिर घुमने निकल जाता था मुहल्ले मे अपने दोस्तो के साथ जिसमे मेरा एक मनपसंद साथी था चंदू वो मेरा दूर के रिस्ते से भंजा लगता था और उसकी मा , मेरी दीदी लगती थी । मै अक्सर उसके घर जाया करता था ।

उसके पिता रामवीर थे उसकी मा रजनी एक कामुक महिला थी जिसकी चुचिया इतनी बड़ी थी लगता था कितना दूध भरा हो इनमे । रजनी का उम्र मेरे मा जितनी थी (जैसा कि मैने बताया ये दूर की रिस्ते मे दीदी लगती है ) उसका साइज़ 40 34 36 का था जो भी देखता तो चेहरे से पहले नजर चुचो पर ही जाती थी ।

चंदू की एक बड़ी बहन भी थी चम्पा, जो उससे 1 साल बड़ी थी वो थोडी नॉर्मल सी थी लेकिन उसकी गांड बाहर की ओर निकले थे और सुट सलवार या घाघरा मे उसकी गाड़ और बाहर आ जाती थी । मेरा चंपा से कुछ खास लगाव नही था मै अक्सर उससे शर्मा कर ही बात किया करता था ।
एक दिन मेरे स्कूल से जल्दी छुट्टी हो गयी
और आदत अनुसार घर आते ही मै चंदू से मिलने उसके घर गया मुझे लगा कि मेरी तरह उसके स्कूल की भी छुट्टी हो गयी है पर मै गलत था
मै उसके घर गया तो बरामदे मे कोई नहीं था मै चंदू करके पुकारता उससे पहले ही मुझे किसी के झगड़ा करने की आवाज सुनाई देने लगती है और मै धीरे धीरे गलियारे से कमरे की तरफ जाता हू
अन्दर देखने से पहले ही झगड़ा शांत हो जाता है और मुझे चंदू के मा की आवाज आती है


आगे के अपडेट मे हम जानेगे की कमरे मे अखिर ऐसा क्या हो रहा था जिससे मेरे समाज को देखने का नजरिया बदल गया ।

कहानी का पहला अपडेट दे दिया गया है आपके प्रतिउत्तर की प्रतीक्षा रहेगी ।
धन्यवाद
बहुत ही बेहतरीन और सुन्दर अपडेट है
 
Eaten Alive
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kayi mishrit aur kaamuk bhaavnao se juda update tha... ek taraf wo haaraman rajjo sasuraal jaa rahi thi, dusri taraf jaane se pehle aakhiri milan karke gayi us hawas ke pujari raj ke sath...
.. Waise ek kahani ya update mein kayi kirdaar role nibhate hai, kabhi kabhi bahot saare kirdaar bhi hote hai... lekin erotica ke way mein sahi par ek hi update mein un kayi kirdaaro ki bhaavnaye, unki gatividhiya... ek lay vadh tarike se dikhana... ye bahot Kam writes hi sathik roop se dikha paate hai...jis mein se ek aap bhi hai ....aapki ye hunar ko dekh xp ke ek writer ki yaad aaye..
Shaandaar kahani, shaandaar lekhni, shaandaar shabdon ka chayan sath dilchasp kirdaaron ki bhumika bhi dekhne ko mili hai...

Let's see what happens next..
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
 

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