Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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शिवा अब सरला को अपनी ओर खींचकर बोला: मम्मी प्लीज़ चुप हो जाओ। मैं हूँ ना कुछ ना कुछ करूँगा । अब वो अपने हाथ से उसके गाल को सहला कर उसके आँसू पोंछने लगा। शिवा की नाक में उसके सेंट और उसके बदन की मादक गंध भी समा रही थी। मालिनी का बदन गठा हुआ था और सरला का मुलायम थोड़ा चरबी लिए हुए था ।वह उसको चुप कराते हुए उसके पेट पर से ले जाकर उसकी चिकनी कमर पर एक हाथ रखा और सरला को अपनी ओर खिंचा और गाल सहलाकर बोला: मम्मी पहले आप चुप हो जाओ। अब सरला की एक चूची उसकी बाँह से पूरी सट गयी थी। उसका सिर शिवा के कंधे पर था। सरला की आँखें बंद थीं। उसके होंठ खुले थे मानो कह रहे हों मुझे चूस लो।

शिवा का लौड़ा अब पूरी तरह से सख़्त हो चुका था, वह अब उसके ऊपर झुका और उसकी आँख को चूमा और बोला: मम्मी प्लीज़ रोना बंद करो। मैं कुछ ना कुछ करूँगा। फिर वह उसकी दूसरी आँख को भी चूमा । अब वो नीचे आकर उसके गाल चूमा और बोला: मेरे रहते आपको कभी आँसू नहीं बहाना पड़ेगा। फिर वह कसकर सरला को अपनी बाँह में भींच लिया और सरला भी उसकी छाती में अपना मुँह घुसा दी। अब शिवा उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था जहाँ ब्लाउस के नाम पर एक छोटा सा पट्टा भर था। अब वो उसके कंधे को चूमने लगा। सरला भी मस्ती में आ गयी थी और उसने शिवा के पैंट में तने हुए तंबू को साफ़ साफ़ देख लिया था और अंदाज़ा कर लिया था कि इसका भी इसके बाप जैसा ही तगड़ा हथियार है। अपना हाथ सरला ने उसकी जाँघ पर रखा जो कि तंबू के काफ़ी पास ही था।

शिवा का अब अपने आप पर क़ाबू नहीं रहा और वो सरला के सिर पर हाथ रखकर उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठ से चिपका दिया। सरला आऽऽऽऽह नहीं नहीं बोली पर सिर्फ़ दिखावे के लिए ।शिवा अब उसके होंठ चूसने लगा। वह विरोध का नाटक करते हुए अपना मुँह घुमाई। सरला: आऽऽऽऽह बेटा ये ग़लत है । प्लीज़ छोड़ दो। आऽऽऽहहह।

शिवा उसे और ज़ोर से जकड़ के उसके होंठ और गाल चूमने लगा। सरला अब भी विरोध कर रही थी। तभी शिवा ने उसकी छातियों पर अपना मुँह घुसेडा और उनको ब्लाउस जे ऊपर से ही चूमने लगा। सरला: आऽऽऽऽऽह बेएएएएएटा ये ग़लत है। तुम मेरे दामाद हो।

शिवा उसकी दोनों चूचियों को अपने पंजों में दबाते हुए बोला: मम्मी ग़लत तो वो भो है जो अभी थोड़ी देर पहले आप ताऊ जी के साथ कर रहीं थीं । अगर वो ग़लत नहीं है तो ये भी नहीं है। वो और ज़ोर से उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मसलने लगा।

सरला चौंकी और बोली: ओह तो तुमने देख लिया? देखो बेटा श्याम जी का मैं तुमको समझा सकती हूँ।

शिवा: मम्मी मुझे कुछ नहीं समझना है । मुझे बस आपकी चूचियाँ दबानी है।

सरला: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ धीरे दबाओ ना दुखता है।

अब शिवा जोश में आकर उसकी एक चूचि को ब्लाउस के अंदर हाथ डालकर निकाल लिया और उसे दोनों हाथों से दबाने लगा। वो बोला: आऽऽऽऽऽह क्या मस्त चूची है मम्मी आपकी। मेरी मम्मी की भी ऐसी बड़ी बड़ी थीं । मैं हमेशा चाहता था कि ऐसी बड़ी बड़ी चूची दबाऊँ और चूसूँ। अब वो उसकी चूची चूसने लगा। निपल में जीभ भी रगड़ने लगा। अब सरला चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह मरीइइइइइइइ । उइइइइइइ ।

शिवा अब दूसरी चूची भी ब्लाउस से बाहर निकाला और उसे भी दबाया और चूसा। सरला उसकी जाँघ दबाए जा रही थी। शिवा ने मस्ती में आकर उसका हाथ अपने तंबू पर रख दिया। सरला ने भी बिना देर किए उसे मूठ्ठी में भर लिया और उसको दबाने लगी। अब कुछ बचा नहीं था छिपाने को।
सरला: आऽऽऽऽऽह सब कुछ यहाँ ही कर लोगे क्या? चलो बेडरूम में।

शिवा उठा और उसको अपनी गोद में उठाने लगा। सरला हँसकर बोली: मैं मालनी की तरह हल्की फुलकि नहीं हूँ । मैं अच्छी ख़ासी भारी हूँ। तुम मुझे उठा नहीं पाओगे। गिर जाऊँगी तो हड्डी टूट जाएगी।

शिवा: मम्मी देखो कैसे बच्ची की तरह आपको उठा लेता हूँ। ये कहते हुए उसने उसकी टांगों के नीचे और पीठ के नीचे भी हाथ डाला और उसे आराम से उठा लिया और बोला: देखो आपको इतने आराम से उठा लिया ना। अब वो झुककर उसकी चूचि चूसने लगा। और बेडरूम की ओर बढ़ा। वहाँ पहुँचकर उसने सरला को बिस्तर पर लिटा दिया। सरला बिस्तर पर पीठ के बल लेटीं थी और उसकी चूचियाँ ब्लाउस के बाहर थी और उनपर शिवा का गीला थूक लगा हुआ था ।

वह अब अपनी क़मीज़ उतारा और फिर बेल्ट खोला और पैंट भी उतार दिया । चड्डी में से उसके लौड़े का उभार देख कर सरला की बुर गीली होने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त हथियार है - वो सोची। चड्डी में सामने का हिस्सा थोड़ा सा गीला हुए जा रहा था उसके प्रीकम से।

अब वह उसके ऊपर आया और उसके होंठ चूसने लगा। सरला भी अब उसका साथ देने लगी। शिवा ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली और सरला उसको चूसने लगी। फिर शिवा ने अपना मुँह हटाया और खोल दिया अनुभवी सरला ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जिसे शिवा चूसने लगा। शिवा के हाथ अब उसकी चूचियों पर आ गए थे । वह बोला: आऽऽऽऽऽह मम्मी कितने सॉफ़्ट और फ़र्म है आपके दूध। म्म्म्म्म्म चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है। फिर वो उसकी चूचि चूसते हुए उनको दबाने लगा।

सरला: आऽऽऽऽऽह बेएएएएएएटा क्या माआऽर ही डालेगाआऽऽ। बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

शिवा अब नीचे आया और उसके चिकने पेट को चूमा और नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा।

सरला: उइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ क्याआऽऽऽऽ कर रहे हो। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

अब शिवा और नीचे खिसका और उसने कमर से लिपटी साड़ी को निकाल दिया । पूरी साड़ी खुल गयी थी। उसने उसे निकाल दिया।सरला ने अपनी क़मर उठाकर उसको निकालने में उसकी मदद की। पेटिकोट में वह बहुत मस्त दिख रही थी। अब उसने उसकी नाभि को जीभ से चाटा और पेटिकोट का नाड़ा खोला और उसको नीचे करने लगा। सरला ने भी पूरी बेशर्मी से अपनी क़मर उठाकर उसे निकालने में पूरी मदद की। वो आज भी पैंटी नहीं पहनी थी। उसकी जाँघें चिपकी हुईं थीं ।उसकी बुर का थोड़ा सा ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। वो उसकी जाँघों को सहलाने लगा और फिर उसकी पेड़ू को सहलाया। सरला हम्म कर उठी। अब उसने जाँघों को फैलाया और सरला ने इसमे भी सहयोग किया।अब मदमस्त जाँघों के बीच कचौरी की तरह फूली हुई बुर और उसकी फाँक की ग़हरी लकीर साफ़ दिखाई पड़ रही थी और उसके लौड़े ने और प्रीकम छोड़ दिया ।

शिवा अब उसकी जाँघों को चूमने लगा और फिर उसकी बुर को भी नाक डालकर सूँघा वो बोला: मम्मी आऽऽऽह क्या मस्त गंध है आपकी बुर की। वो उसे सहलाता रहा।फिर वह उसकी फाँकों को फैलाया और वहाँ के गुलाबी हिस्से को देखा और उसमें जीभ डाला और उसे जीभ से मानो चोदने लगा। सरला: आऽऽऽऽऽऽऽह कर उठी। अब वो बोला:मम्मी मालिनी की डिलिवरी नोर्मल हुई थी या सजेरीयन ?

सरला: आह्ह्ह्ह्ह मेरे दोनों बच्चे नोर्मल हुए थे।

शिवा: इसका मतलब है कि मालिनी इसी छेद से बाहर आयी थी? ह्न्म्म्म्म्म । अब वो उसे चाटने लगा। सरला की सिसकियाँ निकलने लगी। अब उसने उसकी जाँघों को और ऊपर उठाया और उसकी गाँड़ के छेद को देखकर मस्ती से ऊँगली से सहलाया और एक ऊँगली अंदर किया । उसने देखा कि ऊँगली आसानी से अंदर चली गयी। वो अब दो ऊँगली डाला और वो भी आराम से चली गयीं। वो बोला: मम्मी जी आपकी गाँड़ बहुत मस्त है और खुली हुई है, क्या ताऊजी गाँड़ भी मारते है?

सरला: आऽऽऽंह अच्छा लग रहा है बेटा। हाँ मारते हैं। पर अभी इधर कुछ दिनों से नहीं मारी।
शिवा: क्या मालिनी के पापा भी गाँड़ मारते थे?

सरला: हाँ बेटा, वो तो मेरी गाँड़ के पीछे पागल थे। उनको मेरे चूतर बहुत पसंद थे।

शिवा: मम्मी आपके चूतर तो मुझे भी बहुत पसंद हैं । वो उनको चूमकर बोला और फिर जीभ से गाँड़ भी कुरेदने लगा। सरला: आऽऽऽऽऽहाह ।

शिवा मुँह उठाकर बोला: मम्मी मैंने भी अभी तक किसी की गाँड़ नहीं मारी है। आज आपकी मारूँगा दूसरे राउंड में ठीक है ना?

सरला: आऽऽऽह मार लेना बेटा आऽऽऽऽह अब बुर तो मार पहले हाय्य्य्य्य्य्य्य। बहुत खुजा रही है।

शिवा अब उसने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा तो वो उछल पड़ी और उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके उसके मुँह को हटाई और बोली: वहाँ हमला किया तो एक मिनट में ठंडी पड़ जाऊँगी झड़कर।

शिवा मुस्कुराते हुए उठा और आकर उसके बग़ल में लेटा और उसकी चूचियाँ दबाकर चूसने लगा। अब सरला भी उठी और उसके ऊपर आ कर उसके निपल्ज़ को दाँत और जीभ से छेड़कर उसे मस्त कर दी फिर नीचे जाकर उसके पेट और नाभि को चूमते हुए उसकी चड्डी तक पहुँची। उसने वहाँ नाक रखी और प्रीकम को सूँघा और फिर उसकी जीभ से चाटकर मस्ती में आकर बोली: आऽऽऽंब तुम्हारी गंध भी बहुत मस्ती ले आने वाली है बेटा। अब वो उसकी चड्डी निकाली और उसका लौड़ा देखकर बोली: आऽऽऽऽहहहह क्या मस्त हथियार है उगफफ कौन ना पागल हो जाए इसको देखकर। म्म्म्म्म्म्म। कहकर वो उसको पूरी लम्बाई में चुमी और चाटी। फिर उसके एक एक बॉल को भी चूम और चाट कर मस्ती से बोली: उम्म्म्म्म्म्म बहुत मस्त है ये । पुच पुच करके उसको चुमी। अब वो अपनी जीभ लेज़ाकर उसके लौड़े के सुराख़ को चाटी और प्रीकम को खा गयी और फिर अब वो उसके सुपाडे को मुँह में लेकर चूसने लगी।

शिवा अब मस्ती में आकर बड़बड़ाया: आऽऽऽऽऽऽह मम्मी आऽऽऽऽऽहहह क्या चूसती हो आऽऽऽऽऽप। वाआऽऽऽऽऽऽऽहहह।

सरला अब उसको डीप थ्रोट दे रही थी। पहली दफ़ा शिवा ये अनुभव प्राप्त कर रहा था। वो अब कमर उछालकर अपना लौड़ा उसके मुँह को नीचे से चोदने लगा। सरला अब मज़े से उसको चूसे जा रही थी।
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अब सरला उठी और आकर उसके ऊपर बैठी और उसके होंठ चूसने लगी। वो भी उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ दबाने लगा। अब वो अपनी कमर उठाई और उसके लौड़े को पकड़कर अपनी बुर के मुँह पर रखी और नीचे दबाकर अपनी बुर में उसको अंदर करते हुए उइइइइइइइ कहकर अपनी कमर को पूरा दबा दी और लौड़े को जड़ तक अपने अंदर कर लिया। अब वह अपनी कमर उछालकर उसे चोदने लगी। शिवा भी नीचे से धक्के मारकर ह्म्म्म्म्म्म कहते हुए मस्तीसे उसका साथ देने लगा।

अब मालिनी : आऽऽऽऽऽहहह बेएएएएएटा आऽऽऽऽऽऽऽह फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइ बुर।

शिवा: ह्म्म्म्म्म्म मम्मी क्या मज़ा आ रहा है। सरला की कमर हिले जा रही थी। फिर वो बोली: बेटा अब मैं थक गयी हूँ। तुम ऊपर आ जाओ।

शिवा उसको अपनी बाहों में भरकर उसे लिए हुए ही पलट गया और ख़ुद ऊपर आ गया। अब वो उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रखकर बुरी तरह से चोदने लगा । अब तो कमरा सरला की आऽऽऽऽऽह उइइइइइइइ ऊम ऊम ऊम की आवाज़ों से भर गया। पलंग की चरमराहट अब अपनी चरम सीमा पर था जो बुरी तरह से हिल रहा था। मालिनी सोची कि जवान लड़के की चुदाई अलग ही होती है। उफफफफ क्या ताक़त है इस लड़के में। फिर वह चिल्ला कर उइइइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी। शिवा भी ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। अब वह आकर उसकी बग़ल में लेट गया। अब वो सरला के गाल चूमकर बोला: मम्मी आपको पता नहीं है कि आपने आज मुझे कितना मज़ा दिया है। मेरे सालों की इच्छा थी कि मैं एक आपकी उम्र की औरत को चोदूँ। आज मैं बहुत संतुष्ट हूँ।

सरला: अच्छा वो क्यों?

शिवा: मैंने अपनी मम्मी को कई बार कपड़े बदलते हुए नंगी देखा था। उनकी बड़ी बड़ी छातियाँ और उनकी बड़ी गाँड़ मुझसे बहुत आकर्षित करतीं थीं। आज आपको चोदते समय मुझे लगा मानो मैं अपनी मम्मी को ही चोद रहा हूँ। मेरी बहुत बड़ी फ़ैंटासी को मानो आपने रीऐलिटी में बदल दिया है।
अब वो उसकी चूचि चूसने लगा। अब शिवा ने उसके बड़े बड़े चूतरों को सहलाया और बोला: मम्मी आपके चूतर तो मख्ख्नन की तरह चिकने हैं । फिर वह अपनी ऊँगली गाँड़ में घुमाने लगा। वह बोला: मम्मी मालिनी की गाँड़ में तो एक ऊँगली भी मुश्किल से जाती है। बहुत टाइट है उसकी गाँड़। मेरी हिम्मत ही नहीं होती उसकी गाँड़ मारने की।
सरला: पहली बार गाँड़ मरवाने में सच में बहुत दर्द हुआ था पर अब सब ठीक है। अब तो कुछ दिन ना मरवाओ तो गाँड़ खुजाने लगती है बेटा। आऽऽऽऽहहह क्या कर रहा है? थूक लगा कर डाल ना ऊँगली। सूखे ही घुसेडे जा रहा है अंदर?

शिवा: सारी मम्मी । फिर वो ऊँगली में थूक लगाया और गाँड़ में दो उँगलियाँ डाल दिया। सरला आऽऽऽऽह कर उठी।

शिवा: मम्मी ये पापा की दूसरी शादी का क्या अपने मालिनी को बताया है?

सरला उसके लौड़े को सहलाकर: हाँ उसे पता है। वो काफ़ी परेशान है। पर तुमको इस लिए नहीं बताई कि वो तुमको परेशान नहीं देख सकती।

शिवा गाँड़ में उँगलियाँ घुमाते हुए: ओह, ऐसा? एक बात पूँछु मम्मी अगर ग़ुस्सा ना होगी तो?

सरला: अरे पूछ ना बेटा जो भी पूछना है। वो उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली।

शिवा:पापा ने आपको क्यों बताया कि वो दूसरी शादी करने का सोच रहे है?

सरला हड़बड़ा कर: मुझे क्या पता? ऐसा क्यों पूछा?

शिवा: मम्मी मुझे शक है कि आपके और पापा के बीच भी कुछ हो चुका है। उस दिन पार्टी में पापा जिस तरह से आपको देख रहे थे और आप भी उनको जैसी निगाहों से देख रहीं थीं, मुझे तो गड़बड़ लगी थी।

सरला: देखो बेटा, अब तुमसे ये सब करने के बाद अब मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूँगी। वह उसके लौड़े को मुठियाते हुए बोली: हाँ मैं उनके साथ भी ये सब कर चुकी हूँ।

शिवा: ओह तो मेरा शक सही था। कितनी बार मिली हो आप पापा से ?

सरला: तीन चार बार। बस अब कुछ और ना पूछना। मुझे अजीब लग रहा है।

शिवा: ठीक है नहीं पूछूँगा । बस इतना बता दीजिए कि क्या आपने पापा से गाँड़ भी मरवायी थी? वह उसकी गाँड़ में उँगली करते हुए कहा।

सरला: हाँ मरवाई है। उनको बहुत अच्छा लगता है गाँड़ मारना। वो बताए थे।

शिवा: ओह तो ताऊजी भी मारते है क्या?

सरला: हाँ मारते हैं।

शिवा: मम्मी उस बार जब आप और ताऊजी हमारे घर आए थे और रात रुके थे पार्टी के बाद । उस दिन भी आप पापा से चुदवायी थी ना?

सरला: हाँ।

शिवा: पर ताऊ भी तो थे वहाँ । उनको तो पता होगा ना?

सरला: बेटा, तुम मुझे बहुत एम्बारस कर रहे हो।

शिवा : प्लीज़ मम्मी बताइए ना। वह अब उसकी चूचि चूसने लगा।

सरला: आऽऽँहह । हाँ श्याम को सब पता है बल्कि उस रात को हम तीनों ने साथ में ही किया था।

शिवा का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था। वो बोला: मतलब आप तीनों ने एक साथ सेक्स किया था? Wow। तो कैसे किया था? किसने आपकी गाँड़ मारी थी और किसने बुर? वह चूचि चूसकर दबाते हुए बोला । उसकी उँगली अभी भी गाँड़ में घुसी हुई थी।

सरला अब गरम हो चुकी थी । वो बोली: आऽऽहहह हाँ एक गाँड़ मारता था और दूसरा बुर चोदताथा। ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाय । अब कुछ करो ना। प्लीज़ ।

शिवा भी गरम हो चुका था और उसने सरला को लुढ़का कर पेट के बल लिटाया और वो उसके मस्त चूतरों को सहलाया और दबाया । दिर वह उनको चूमने लगा। अब सरला ख़ुद ही चौपाया बन गयी और अपनी गाँड़ बाहर कर उसे चोदने का मानो आमंत्रण दी। सरला बोली: बेटा थोड़ा सा क्रीम लगा ले। और डाल दे। सच बहुत खुजा रही है।

शिवा मस्त होकर क्रीम लेकर उसकी गाँड़ में और अपने लौड़े पर लगाया और उसके चूतरों को फैलाया और अपने लौड़े को उसके छेद में लगाकर धक्का दिया। अब लौड़ा उसकी गाँड़ में धँसता चला गया। सरला आऽऽऽहहह मरीइइइइइइइ चिल्लाई।

शिवा अब मस्ती में आकर उसकी गाँड़ मारने लगा। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मज़ाआऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽ है। वह अब पिस्टन की तरह आगे पीछे होकर उसकी गाँड़ मार रहा था सरला की चीख़ें निकल रही थी। शिवा हाथ नीचे कर के उसकी चूचियाँ दबाए जा रहा था । जल्दी ही सरला भी आऽऽऽंहहह करके अपनी बुर की क्लिट मसलने लगी। फिर उसने शिवा का हाथ पकड़ा और उसे अपनी क्लिट में रगड़ने लगी। शिवा अब ख़ुद उसकी क्लिट रगड़ने लगा और गाँड़ में धक्के भी मारता रहा। जल्दी ही दोनों चिल्ला कर झड़ने लगे।

सरला पेट के बल गिर गयी और वो उसके बग़ल में लेट गया। सरला हाँफते हुए बोली: जानते हो आज तो तुमने मेरे साथ ये चुदाई की है । ये मेरे जीवन की सबसे बढ़िया चुदाई है जिसे मैं जीवन भर नहीं भूलूँगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या ताक़त है तुममें। कितना दम में है तुम्हारी कमर में। सच में मालिनी बहुत क़िस्मत वाली है जो उसे ऐसा बढ़िया चुदक्कड पति मिला है। जितनी बढ़िया तुमने बुर चोदी उतनी ही बढ़िया गाँड़ भी मारी।

शिवा हँसकर: मम्मी अभी तो एक राउंड और होगा।

सरला: नहीं नहीं बस मैं थक गयी हूँ। और नहीं करवा सकती।

शिवा: मम्मी ये सब मूवी देखकर अब आते होंगे । चलो हम तय्यार होकर ड्रॉइंग रूम में चलते हैं। वो दोनों फिर बाथरूम में फ़्रेश होकर ड्रॉइंग रूम में पहुँचे और सरला चाय बनाकर लाई। वो इस बीच अपनी जेठानी को भी पानी और चाय उसके कमरे में दे आयी थी।

शिवा: मम्मी एक बात पूछूँ ? ग़ुस्सा मत करना।

सरला: सब कुछ तो बता दिया है । अब और क्या बताना है?

शिवा: मम्मी मालिनी और राकेश क्या श्याम ताऊ जी के बच्चें हैं।

सरला: नहीं वो मेरे पति से हैं । बल्कि यहाँ उलटा है।

शिवा चाय पीते हुए: उलटा मतलब ?

सरला:असल में चारु और मुन्नी मेरे पति की संतान हैं। ये बात मैंने कभी किसी को नहीं बतायी। यहाँ तक कि मालिनी को भी नहीं। हुआ ये था कि जब जेठानी के बच्चा नहीं हो रहा था तब उसका चेक अप करवाया था मैंने । और वो बिलकुल ठीक थी कमी ज़ेठ जी यानी श्याम जी में थी। उनके वीर्य में कुछ कमी थी। फिर मैंने अपने पति को मनाया और जेठानी को उनसे चुदाया और वो दो बच्चियों की मॉ बनी। इसलिए जेठानी के बच्चे मेरे बच्चों से छोटें है।

शिवा: ओह ये तो बड़ी अजीब बात है। ताई जी पापा जी से आपके सामने चुदतीं थीं क्या?

सरला: हाँ शुरू में वो झिझकती थीं ना। इसलिए मैं वहाँ सामने रहती थी। बाद में वो ख़ुद दोपहर को चुदवा लेती थीं।

शिवा: और आप ताऊ जी से कैसे शुरू हुई?

सरला: वो तो मेरे पति की मृत्यु के बाद श्याम मुझे पटा लिए। मैं भी प्यासी थी तो फँस गयी।

शिवा : ओह , । तभी बहुत शोर करते हुए सभी बच्चे मालिनी के साथ अंदर आए। और मूवी के बारे में उत्साह से बताने लगे।

मुन्नी भी बहुत ख़ुश होकर अपना नया मोबाइल शिवा को दिखाई और बोली: थैंक्स जीजा जी , दीदी ने आपके कहने से दिलवा दिया। और उसने शिवा के पास आके उसकी पप्पी ले ली। सब हँसने लगे। शिवा ने भी मुन्नी के गाल में एक पप्पी दे दी।

सरला ने सबके लिए चाय बनाई। सब खाते पिते बहुत बातें किए। शिवा : मालिनी कब वापस चलना है?

चारु: प्लीज़ कल चले जाइएगा ना। अभी दीदी से बहुत सी बातें करनी हैं।

सरला: और क्या बेटा। प्लीज़ एक रात के लिए रुक जाओ।

शिवा उसकी आँखों में देखा और वहाँ वासना साफ़ साफ़ दिखाई दी उसको।

वो मुस्कुराकर: ठीक है आप सब चाहते हो तो यही सही, पर हमको कल सुबह सुबह ही जाना होगा। ११ बजे तक दुकान खोलनी रहती है ना।


सब ख़ुश हो गए। मुन्नी उससे आकर लिपट गयी और बोली: थैंक्स जीजा जी। शिवा ने भी प्यार से उसके गाल सहला दिए।
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मालिनी सोची कि पापा को शायद परेशानी होगी। सो वह बोली: पापा के खाने का क्या होगा?

सरला: अरे एक रात बाहर खा लेंगे। मैं उनको बोल देती हूँ।

शिवा मुस्कुराया और सोचा कि वो आपकी बात तो मान ही जाएँगे। फिर चारु और मुन्नी मालिनी को अपने कमरे में ले गए। शिवा बोला: राकेश मैं थोड़ा सैर करके आता हूँ। कोई पार्क है क्या पास में?

राकेश: जीजा जी आप चाहो तो मैं ले चलता हूँ आपको।

शिवा: हाँ हाँ चलो ना। साथ रहेगा तो अच्छा ही लगेगा।

राकेश: मैं अभी आया जूते बदलकर। वो अपने कमरे में चला गया।

सरला किचन में खाने की तय्यारी कर रही थी । शिवा उसके पास आया। वो उसको पीछे से पकड़कर उसके कंधों को चूमकर बोला: मम्मी अब रोक तो लिया है आपने , रात का प्रोग्राम बनेगा क्या।

सरला: क्यों रात को मालिनी की नहीं लोगे क्या?

शिवा: उसका पिरीयड्ज़ आया हुआ है। आज तीसरा दिन है।

सरला: तभी मेरी लेने का ख़याल आया है?

शिवा उसकी गाँड़ दबाकर और चूचि मसलकर बोला: उफफफ मम्मी क्या माल हो आप। कुछ करो ना रात की चुदाई का इंतज़ाम।

सरला: उइइइइइइ छोड़ ना बेटा। मार ही डालेगा क्या। चल कुछ सोचती हूँ। और कुछ नहीं कर पाई तो मालिनी के दूध में नींद की एक गोली डाल दूँगी। वो मज़े से सोती रहेगी और तुम आके मज़े कर लेना। ठीक है ना?

शिवा उसे चूमकर: वाह मम्मी आपका प्लान बढ़िया है। लगता है ताई जी पर भी यही प्लान आज़माती होगी।

सरला उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर बोली: धत्त बदमाश कंही का। शिवा हंसकर उसकी बुर को साड़ी के ऊपर से दबाकर: ठीक है मम्मी मैं और राकेश थोड़ा पार्क तक घूम कर आते हैं । आप पापा से हमारे कल आने की बात कर लेना। फिर वह बाहर आया और तभी राकेश भी आया और दोनों पार्क की ओर चल पड़े।

उधर सरला ने अपने कपड़े ठीक किए जो शिवा ने ब्लाउस और साड़ी मसलकर ख़राब कर दिए थे और बुर को खुजाकर वो सोची कि उफफफ कितना गरम ख़ून है इस लड़के का?

फिर वो राजीव को फ़ोन लगाई: नमस्ते समधी जी। कैसे हैं ?

राजीव : बहुत उदास हूँ, बहु को तुमने हज़म जो कर लिया है।

सरला हँसकर : वो दोनों तो आज रुकने का सोचे हैं। कल सुबह वापस आएँगे।

राजीव: ये तो ग़लत बात है। शाम को वापस आने की बात हुई थी। मेरे डिनर का क्या होगा?

सरला: अरे एक रात बाज़ार से ऑर्डर करके मँगा लीजिएगा ना। रात के लिए कोई छम्मक छल्लो भी बुला लीजिए। आपकी रात रंगीन कर देगी।

राजीव: तुम जानती हो मुझे रँडी में कोई दिलचस्पी नहीं है। अच्छा ये तो बताओ तुम्हारा और शिवा का कुछ हुआ? बात आगे बढ़ी कि नाहीं ?

सरला हँसते हुए: वो तो आपका सगा बेटा ही निकला ।आज ही दोपहर को उसने मेरी आगे और पीछे दोनों की ले ली।

राजीव ख़ुशी से चिल्लाया: क्या बोलती हो? हो भी गया?

सरला: आप दुनिया के इकलौते बाप होगे जो अपने बेटे की ऐसी करतूत से ख़ुश हो रहे हैं। कोई दूसरा होता तो बेटे को दस जूते मारता ।

राजीव: अरे मेरा बेटा है। मुझे उस पर गर्व है। अच्छा बताओ कुछ सीखा है वो कि नहीं की बिस्तर पर औरत को कैसे मज़ा देना है?

सरला: अरे वो तो उस्ताद हो गया है। आख़िर मेरी बेटी भी तो साथ में ट्रेनिंग दी है ना उसको?

राजीव: अच्छा बताओ कि मेरे साथ ज़्यादा मज़ा आया कि शिवा के साथ?

सरला हँसती हुई: सच बोलूँ? शिवा का जवान बदन और उसका मस्त हथियार पागल कर देने वाला है। और जानते हो जवानी का स्टेमिना कितना ज़्यादा होता है। पूरे आधे घंटे बिना रुके उसने मुझे चोदा है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मेरी तो जैसे बरसों की प्यास बुझा दी उसने। आपको जलन तो नहीं हो रही है?

राजीव: अरे नहीं । बल्कि गर्व हो रहा है अपने बेटे की मर्दानगी पर। फिर आज रात का क्या प्लान है?

सरला: अभी आया था किचन में। सब कुछ दबाकर बोला है कि रात को आएगा मेरे कमरे में ।

राजीव: और मालिनी उठ गयी और देखी कि शिवा नहीं है तो?

सरला: उसको तो नींद की एक गोली दे दूँगी। सुबह तक मस्त सोएगी।

राजीव: चलो बढ़िया। अब इसके बाद तुम यहाँ आना और मैं मालिनी को तुम्हारी और शिवा की चुदाई दिखाऊँगा। बस उसके बाद सब कुछ बढ़िया हो जाएगा।

सरला थोड़ा परेशान होकर: शिवा को पता चला आपके और मालिनी के बारे में तो पता नहीं वो इसे कैसे लेगा?

राजीव : अरे तुम चिंता ना करो मैं उसका पहले ही ब्रेन वाश कर दूँगा। अब उसे थोड़ी इनसेस्ट का मतलब समझाना होगा।

सरला: वो तो मैंने यहाँ ही शुरू कर दिया है। वैसे आपको बता दूँ कि आज उसने मेरे सामने कई बार बोला कि वो अपनी सगी माँ को नंगी देख चुका था और उसकी फंतसि थी किवो अपनी माँ को चोदे।

राजीव हैरानी से बोला: ओह। ऐसा क्या? ये तो नयी बात पता चली।

सरला: वो मुझसे और अपनी माँ में तुलना भी कर रहा था। ख़ासकर हमारी छातियों की।

राजीव: ओह तब तो काम आसान हो जाएगा। चलो रात में मज़े लो और कल रिपोर्ट देना। हैपी फ़किंग मेरे बेटे के साथ। फिर वो फ़ोन काट दिया।

उधर मालिनी अपनी बहनों के साथ बातें कर रही थी। बातों बातों में बात सेक्स की ओर मुड़ गयी। स्कूल में होने वाली बातों के बारे में लड़कियाँ बताने लगीं।

चारु: पता दीदी, हमारे स्कूल में कई लड़कियाँ बड़े अजीब अजीब से कपड़े पहन कर आती हैं । हमारी चाची तो हमको ऐसे कपड़े कभी पहनने ही ना दे।

मालिनी: पर स्कूल में तो यूनीफ़ॉर्म होती है ना?

चारु: शनिवार को कुछ भी पहन सकते है। कुछ लड़कियाँ तो मिनी स्कर्ट पहनकर आती हैं और लड़के अपनी पेन्सल कागच ज़मीन पर गिरा कर उनको उठाने के बहाने उनकी स्कर्ट के अंदर झाँकते है। ही ही ही । वो शर्मा कर हँसी।

मालिनी भी मज़े से आँख मटका कर: अब तू १८ की हो गयी है। बता क्यों झाँकते हैं?

चारु मस्ती में: वही देखने को झाँकते हैं जो कि जीजा जी आपकी साड़ी में देखने के लिए झाँकते हैं ।

मालिनी झूठा ग़ुस्सा दिखाकर: ठहर साली बहुत बोलना आ गया है। ये कहते हुए मारने दौड़ी। चारु चिल्लायी: चाची बचाओ ।और भाग कर किचन में सरला के पास आ गयी।

सरला हँसकर: क्या हुआ मालिनी क्यों मार रही है इसको?

मालिनी हँसकर: मम्मी ये बड़ी बदमाश हो गयी है। पर उसने शर्म के मारे उसको सब बात नहीं बताई। फिर दोनों वापस कमरे में आयीं। मालिनी: बहुत सयानी हो गयी है तो कोई बीएफ़ बनाया या नहीं?

चारु: धत्त दीदी। मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ। पर सच में बहुत सी लड़कियों के हैं। वो सब बुरे बुरे काम भी कर चुकी हैं।

मालिनी हँसकर :ओह, कैसे बुरे काम?

चारु: दीदी आप भी ना । मैं कैसे बताऊँ। वो भी मुन्नी के सामने। देखो ना कैसे कान खोलकर सब सुन रही है।

मालिनी: अरे तो क्या हुआ। अब मुन्नी भी तो जवान हो गयी है। देखो ना इसके दूध कितने बड़े हो गए हैं। दो साल से तो ब्रा भी पहन रही है। अब कोई बच्ची थोड़ी है।

सब हँसने लगे। मुन्नी: दीदी आप भी मुझे चिढ़ा रही हैं । मैं जीजा जी से शिकायत करूँगी।

मालिनी: ज़्यादा जीजा जीजा मत कर। कहीं साली को आधी घरवाली समझ कर पकड़ लिया तो उइइइइइ कर उठेगी।

अब चारु मस्ती से बोली: तो लगता है कि जीजा जी आपको बहुत उइइइइ कराते हैं । है ना?

मालिकी: अरे शादी के बाद तो जब वो चाहें मुझसे उइइइइइ या आऽऽहहह करा सकते हैं। उनके पास तो लाइसेंस है। पर कहीं इस बेचारी मुन्नी को उन्होंने पकड़ लिया तो ये तो गयी। हा हा हा।

मुन्नी: हमारे जीजा जी बहुत अच्छें है। वो ऐसा नहीं करेंगे। हाँ चारु ज़्यादा उछल रही है। शायद इसके साथ वो ऐसा कर लेंगे ।

चारु: दीदी अगर वो मेरे साथ कुछ करेंगे तो मैं आपको बता दूँगी। आप उनको ठीक कर दीजिएगा ।

मालिनी हँसकर : अपने जीजा से ख़ुद ही निपटो तुम लोग। मुझे क्यों बीच में लाते हो। हा हा ।


इस तरह की चूहल हो रही थी। मालिनी को लगा कि दोनों कलियाँ फूल बनने को मरी जा रही हैं। अगर इनको शिवा ही फूल बनाए तो ज़्यादा अच्छा होगा बनिस्बत इसके कोई बाहर वाला इनकी मलाई खा जाए। वो उसकी बहनों को बड़े ही प्यार से जवान करेंगा। बाहर वाले का तो कोई भरोसा ही नहीं कि किस तरह से इन नादान लड़कियों को मसलेंगे।पता नहीं ये शादी के पहले हो प्रेगनेंट ही ना हो जाएँ। वो सोची कि इस बारे में शिवा बात करेगी।
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उधर राकेश और शिवा में बातें हो रहीं थीं । राजेश का आख़िर साल था । अगले साल वो इंजीनियर बन जाएगा। वह अपनी पढ़ाई और नौकरी की बातें कर रहा था।
शिवा: देखो नौकरी बस ३/४ साल ही करना। फिर अपना काम शूरु करना। जो मज़ा अपने काम में है वो नौकरी में कहाँ। फिर इधर उधर की बात करके शिवा पूछा: कोई गर्ल फ़्रेंड बनायी या नहीं? देखो पार्क में क्या हो रहा है?
पार्क में रोमैन्स का माहोल था। जगह जगह लड़के लड़की चिपके हुए थे। और चूमा चाटी चल रही थी।
राकेश: नहीं जीजा जी नहीं बनाई। मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
शिवा: अरे वो क्यों? गे हो क्या?
राकेश: धत्त आप भी ना। पर मैं अभी पढ़ाई पर ध्यान दे रहा हूँ। तभी वहाँ से एक अधेड़ बहुत सुंदर थोड़ी मोटी सी औरत एक लड़के के साथ गुज़री। दोनों ने हाथ पकड़े हुए थे । शिवा ने देखा कि अब राकेश में एक अजीब सा परिवर्तन आ गया था। उसकी आँख लाल हो गयी थी और साँस भी तेज़ चलने लगी थी। वो कुछ सोचा और उस औरत और लड़के के पीछे हो लिया। राकेश भी उसके साथ चला जा रहा था। शिवा ने नोटिस किया कि राकेश की आँखें उस जोड़े से हट ही नहीं रही थी।
वो जोड़ा एक सूनी सी जगह में एक बेंच पर बैठ गए। शिवा और राकेश आगे बढ़ गए। पर थोड़ी दूर जाकर शिवा घूमकर पीछे से आया और उस जोड़े के पीछे एक पेड़ की ओट में छुप गया और राजेश को भी छुपा लिया। शिवा ने देखा कि राकेश बहुत उत्तेजित था और उसकी साँस बहुत तेज़ चल रही थी। शिवा हैरान हुआ कि इतनी देर से जवान जोड़ों को देखकर तो इसे कुछ नहीं हुआ पर इस बेमेल जोड़े को देखकर ये तो आपे से बाहर ही हुए जा रहा है।
तभी वो लड़का बोला: चाची आज आप बहुत सुंदर दिख रही हो। स्लीव्लेस ब्लाउस में आप बहुत सेक्सी दिखती हो?
औरत: चल हट बदमाश। मैं देख रही हूँ आजकल ज़्यादा ही बोलना सीख गया है। ये कहकर वो इधर उधर देखी और किसी को ना पा कर वो उसके होंठ चूम ली। अब वो लड़का भी अपनी बाँह उसके कंधे पर रखा और उसके कंधे और बाँह सहलाने लगा। शिवा ने कनख़ियों से देखा तो राकेश के पैंट में एक ज़बरदस्त तंबू बन गया था और वो उसको पकड़कर दबा रहा था ।राकेश उससे क़रीब ४/५ साल ही छोटा था।
उधर लड़के ने अपना हाथ औरत के ब्लाउस के अंदर कर दिया और उसकी चूचि दबाने लगा। वो औरत हाय्ययय करने लगी और उसका हाथ लड़के के पैंट के ऊपर उभार पर गया और वो उसको दबाने लगी। अब शाम हो चली थी थोड़ा अँधेरा भी हो रहा था। अब लड़के ने कहा: चाची अपनी साड़ी उठाओ ना। बुर सहलानी है।
वो बोली: बेटा कोई आ गया तो?
लड़का: अरे चाची कोई नहीं है यहाँ। प्लीज़ साड़ी उठाओ ना। आप ऐसा करो खड़ी हो जाओ साड़ी उठाकर। कोई आएगा तो नीचे कर लेना।
शिवा ने राकेश को देखा और वो दंग रह गया । उसकी आँखें वहीं पर जमी थीं। और उसका लौड़ा बाहर आ गया था और वो उसे मूठिया रहा था। अच्छा ख़ासा ७ इंच का मोटा और बहुत गोरा लौड़ा था। तभी वो औरत खड़ी हुई और अपनी साड़ी ऊपर करली। उसकी पीठ लड़के के सामने थी।
लड़के ने उसके बड़े बड़े गोरे मोटे चूतरों को दबाया और फिर बीच में मुँह डालकर उसको आगे झुका कर उसकी बुर चाटने लगा। वो सामने को झुक कर आऽऽऽऽह करके अपनी बुर चटवा रही थी। अब लड़के से नहीं रहा गया और वो अपने पैंट से अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसकी बुर में पीछे से ही पेल दिया अब वो उसको चोदने लगा। शिवा ने देखा कि राकेश की हालत बहुत ख़राब हो रही थी उत्तेजना से । तभी राकेश मुट्ठी मारकर झड़ने लगा। उसका गाढ़ा वीर्य पेड़ से टकरा कर नीचे गिरने लगा।
उधर अचानक दो लड़के से आ गए और उस लड़के को और औरत को धमकाने लगे। वो औरत थर थर काँप रही थी और लड़का भी अपनी पैंट की जीप बंद कर रहा था। वो दो लड़के बोले: तुमको पुलिस में देंगे। वरना जितना पैसा और ज़ेवर है हमको दे दो। साफ़ लगता है की ये बुढ़िया तुमको फंसा कर तुम्हारी जवानी को लूट रही है। अरे छोड़ो इसे हम तुमको बढ़िया जवान माल दिलाएँगे
लड़का: आप इनको सब दे दो। वरना कहीं इन्होंने शिकायत कर दी और घर में पता चल गया तो आफ़त आ जाएगी।
औरत: हाँ हाँ सब ले लो। बस हमें जाने दो।
शिवा समझ गया था कि ये गुंडे थे और इनका काम ही यही है की पैसे लूटो ब्लैकमेल करके। वो राकेश को बोला: चलो हम इनकी मदद करते हैं। वो दोनों बाहर आए और शिवा गरज कर बोला: क्या है बे? कमिनो चलो भागो यहाँ से । वरना पुलिस तुम नहीं मैं बुलाऊँगा।
शिवा की क़द काठी देखकर वो दोनों घबरा गए और देख लूँगा कहते हुए भाग गए।
वो औरत रोने लगी और बोली: थैंक्स बेटा आज आप लोगों ने हमको बचा लिया।
लड़का: आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सच में आप दोनों देवदूत बन कर आए हो।
शिवा: देखो हमने आप दोनों को मज़ा लेते देखा था और हम जानते हैं कि आप चाची और भतीजा हो। मैं चाहता हूँ कि आप थोड़ी देर यहाँ बैठो और हमें अपने रिश्ते के बारे में बताओ। देखो हम एक दूसरे को नहीं जानते और ना ही जानना चाहेंगे। पर अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मुझे भी पुलिस को सब बताना होगा।
उन दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया। वो सोचे कि ये क्या नई मुसीबत खड़ी हो गयी है। औरत रुआंसी होकर बोली: बेटा हमें जाने दो। हमें माफ़ कर दो।
शिवा: देखिए आप मुझे ग़लत समझ रहे हो। मैं आपको सिर्फ़ कुछ समय के लिए रोक रहा हूँ। असल में मैं एक लेखक हूँ। मैं ये समझना चाहता हूँ कि आख़िर वो क्या परिस्थिति है जिसने आप चाची और भतीजे को ये सब कुछ करने पर मजबूर कर दिया ?
राकेश हैरानी से जीजा को देख रहा था। तभी शिवा थोड़ी सख़्त आवाज़ में बोला: बैठिए आप दोनों। वो दोनों डर के बैठ गए।
शिवा: अब जल्दी से अपनी आप बीती सुना दो।
लड़का: भय्या हम एक संयुक्त परिवार में रहते है। बचपन से ही मैं अपने परिवार में सबका सेक्स देखा हूँ। पापा मम्मी का, ताया जी और ताई जी का और इन चाची और चाचा जी का भी। मैंने हमेशा ये नोटिस किया की चाची जी संतुष्ट नहीं होती थी चाचा जी से। इस लिए मैंने इनको ही निशाना बनाया। और ये भी प्यासी थीं तो आराम से मेरी बाहों में आ गयीं। बस इतनी सी ही बात है।
शिवा: नहीं तुमने अभी पूरी बात नहीं बताई है। सच सच बोलो कि तुम क्या सिर्फ़ इनको ही चोदना चाहते थे? या किसी और को भी?
लड़के ने सिर झुका कर कहा: हाँ मैं अपनी मम्मी को ही चोदना चाहता था। पर वो नहीं तो चाची ही सही।
औरत: ओह तभी ये कभी कभी मुझे करते हुए माँ माँ बोलता है।
शिवा ने राकेश को देखा जिसका चेहरा एक बार फिर से उत्तेजना से भर गया था । शिवा ने देखा कि उसके पैंट में फिर से टेंट बन गया था।
शिवा : देखो मेरा ये दोस्त कभी चुदाई नहीं देखा है। आप दोनों एक बार उसे चुदाई दिखा दो तो वो भी सीख जाएगा।
औरत इसका विरोध करते हुए बोली: ये कैसे हो सकता है?
शिवा: देखिए आपको पूरा नंगी होने की ज़रूरत नहीं है। आप जैसा कर रहे थे वैसा ही कर लो।
लड़का: चाची हमको देर हो रही है। एक बार कर लो फिर हम घर जा सकेंगे।
औरत: मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
लड़का: प्लीज़ चाची जल्दी से कर लो। यह कहते हुए अपनी पैंट का जीप खोल कर अपना नरम लौड़ा बाहर निकाला और चाची को सामने बैठा कर उसके मुँह के पास अपना लौड़ा ले आया।चाची थोड़ा सा हिचकिचाई फिर उसे चूसने लगी। राकेश आँखें फाड़े हुए चाची को देख रहा था। अब लड़के का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था।उसने ब्लाउस में हाथ डालकर वो उसकी चूचियाँ मसलने लगा। अब वो चाची को खड़ा किया और उसको पहले जैसे ही झुकाया और उसकी साड़ी उठाकर उसकी बुर में लौड़ा डाल दिया। चाची: आऽऽऽऽऽऽह बेटाआऽऽऽ धीरे से। हाऽऽऽऽऽय उग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।
लड़का ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और बड़बड़ा रहा था: आऽऽऽहब माँ लो मेरा लंड आऽऽऽहब लो माँआऽऽऽ लोओओओओओ। मेंएएएएएरा लंड ।
राकेश की आँखें फटी जा रहीं थीं कि ये क्या हो रहा है। ये लड़का माँ माँ चिल्लाए जा रहा है। उफ़्फ़। अब वो फिर से अपना लौड़ा दबाने लगा।
उधर लड़का अब माँआऽऽऽऽऽ हम्म कहकर झड़ने लगा। चाची भी उइइइइइइ कहकर झड़ गयी। दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे। फिर वो अलग हुए और चाची ने अपनी साड़ी को नीचे किया। और अपनी साड़ी से बुर को दबाकर शायद उसने अपनी गीली बुर को साफ़ किया पेटिकोट से। लड़का भी रुमाल से अपना लौड़ा साफ़ करके उसको अंदर किया । अब वो बोला: अब हम जाएँ ?

शिवा: हाँ भाई अब जाओ। धन्यवाद ।
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दोनों जल्दी से वहाँ से भाग गए। अब शिवा और राकेश भी वहाँ से वापस जाने लगे। राकेश को चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी क्योंकि टाइट जींस में उसका खड़ा लौड़ा उसको बहुत तंग कर रहा था।

रास्ते में शिवा बोला: तो देखा दुनिया कितनी अजीब है? वो चाची को चोद रहा था और बोले जा रहा था मॉ मॉ। मानो मॉ को ही चोद रहा हो।

राकेश: हाँ सच में ऐसा ही था। पर एक बात बताओ आपने उनको सेक्स करने को क्यों कहा? मैंने तो आपको कुछ ऐसा कहा नहीं था कि मैं वो सब देखना चाहता हूँ।

शिवा: याद है मैंने पूछा था कि तुम्हारी गर्ल फ़्रेंड है क्या? तुमने कहा कि नहीं। पर उसकी समय तुम चाची और उसके भतीजे को देखकर कितना उत्तेजित हो गए थे। मैं समझ गया कि तुमको बड़ी उम्र की औरतें पसंद हैं। बोलो सही कहा ना?

राकेश: जी जीजा जी। सच है।

शिवा: बताओ तुम क्यों बड़ी उम्र की औरतों को पसंद करते हो?

राकेश: मैं आपको नहीं बता सकता।

दोनों बातें करते हुए घर को आ रहे थे।

शिवा को याद आया कि सरला बोली थी कि बच्चों को शायद पता है कि वो श्याम से चुदती है। वह बोला: तो तुमने अपनी मम्मी को किसी के साथ देखा है। यही ना ?

अब वो बुरी तरह से चौका और बोला: जीजा जी आपको कैसे पता?

शिवा: तुमने मम्मी को ताऊ जी के साथ देखा है ना।

राकेश अब सन्न रह गया। वो बोला: हे भगवान ! आपको कैसे पता?

शिवा का गेस सही बैठा था। वो बोला : तो तुमने अपनी मम्मी को ताऊजी के साथ कितनी बार देखा होगा अब तक?

राकेश: मैंने गिना नहीं। पर कई बार देखा है।

शिवा: एक बात पूछूँ ? ग़ुस्सा नहीं होना। क्या तुमको अपनी मम्मी का नंगा बदन पसंद है ?

राकेश धीरे से : हाँ बहुत।

शिवा: ओह, तो क्या तुम अपनी मम्मी को चोदना चाहते हो?

राकेश चलते चलते रुक गया। अब वो उसे उदासी से देखा और बोला: मेरे जवाब से क्या फ़ायदा? जो हो नहीं सकता वो आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं?

शिवा: घबराओ मत। मैं भी कभी अपनी मम्मी को चोदना चाहता था। पर वो बीमार होकर भगवान के पास चली गयी।

शिवा: मेरी बात का साफ़ साफ़ जवाब दो राकेश, क्या तुम अपनी मम्मी को चोदना चाहते हो या नहीं?

राकेश: हाँ हाँ चोदना चाहता हूँ। और मैं उनके पीछे पागल सा हूँ।

शिवा: ओह चलो कोई बात नहीं। कम से कम तुम्हारे दिल की बात का पता तो चला।चलो अब इसके लिए कुछ करेंगे।

राकेश : क्या करेंगे?

शिवा मुस्कुरा कर: देखो ये तो समय ही बताएगा चलो अब घर आ गया है। आज की बात का ज़िक्र किसी से नहीं करना।
वैसे रात को कितने बजे सोते हो?

राकेश: ऐसा कोई तय समय नहीं है। क्यों पूछ रहे हैं ?

शिवा: मैं तुमको एक मिस्ड काल करूँगा और तुम अपनी मम्मी के कमरे की खिड़की पर आ जाना। और चुप चाप देख लेना अपनी मम्मी की चुदाई।

राकेश सन्न रह गया और कांपते हुए बोला: क्या आप मम्मी को चोदेंगे?

शिवा: हाँ आज मैंने उनको दोपहर को जब तुम फ़िल्म देखने गए थे तब चोदा था और आज रात भर चोदूँगा

राकेश उत्तेजना से अपना लौड़ा दबाकर : आऽऽह क्या दीदी को इसका पता है?

शिवा मुस्कुराकर: नहीं अभी तक तो नहीं।

राकेश अपना लौड़ा दबाकर: उफफफफफ मैं ज़रूर आऊँगा।

शिवा और राकेश घर में घुसते है और सामने सरला आकर बोलती है: कहाँ थे दोनों? मुझे चिंता हो रही थी।

शिवा: अरे मम्मी यहीं पास में पार्क में टहल रहे थे


सरला: चलो अब डिनर लगा रहीं हूँ । सब लोग बैठो ।
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डिनर करते हुए मालिनी और लड़कियाँ मस्ती करती रहीं। अब सब खाना खाके थोड़ी देर गप शप मारे फिर सोने चले गए। मालिनी को शिवा के साथ एक कमरा मिल गया था।
शिवा कपड़े बदलते हुए बोला: तो आज बहुत मस्ती हुई बहनों के साथ?

मालिनी: हाँ आज बहुत मज़ा आया। लड़कियाँ बड़ी हो गयीं हैं और शरारती भी।

शिवा: बड़ी तो हो गयीं हैं । मुन्नी में अभी भी बचपना है।

मालिनी: हाँ वो अभी छोटी भी तो है।

शिवा अब सिर्फ़ चड्डी में था और उसका मस्त भरा हुआ बदन देखकर मालिनी की बुर ऐसी हालत में भी गरम होने लगी।
शिवा बोला: वैसे मुन्नी शरीर से तो बड़ी हो गयी है। उसके दूध भी काफ़ी बड़े दिख रहे थे इस बार। कोई BF है क्या जो दबाकर बड़ा किए जा रहा है? अब उसका लौड़ा आधा तन गया मुन्नी के दूध का साइज़ सोच कर। मालिनी हँसकर बोली: देखो आपका तो खड़ा होने लगा, उसके दूध का सोचकर।

शिवा हँसते हुए लोअर पहना और बोला: अब क्या करे बिचारा , दो दिन से प्यासा है। तुमने तो लाल झंडी लगा रखी है।

मालिनी बड़े प्यार से बोली: ओह बिचारा। लाओ चूस देती हूँ।

शिवा आज चूसवाना नहीं चाहता था क्योंकि उसे सरला को चोदना था। इसके पहले कि वो कुछ कहता दरवाज़े में आवाज़ आयी और वो अपनी टी शर्ट भी पहन लिया। तभी सरला अंदर आइ और दो गिलास दूध का लाई। उसने एक गिलास शिवा को दिया और एक मालिनी को दिया। दोनों दूध पीते हुए बातें करने लगे और सरला बोली:मैंने राजीव जी को बता दिया था कि तुम लोग कल सुबह आओगे।

शिवा: थैंक्स मम्मी जी। मालिनी का ध्यान टी वी पर था और शिवा अपने लौड़े का शेप लोअर से सरला को दिखाया और इशारा किया कि ये कब तक सो जाएगी?

सरला: अच्छा बेटी अब तुम दोनों आराम करो मैं चलती हूँ। वो शिवा को आँख मारी।

शिवा बाथरूम में जाकर शॉवर लिया और बाहर आया तो मालिनी बोली: मुझे बहुत नींद आ रही है । आपको लौड़ा चूसवाना है तो जल्दी करो।

शिवा: अरे जान तुमको नींद आ रही है तो सो जाओ यार। इसको कल चूस देना।

मालिनी: सच आप बहुत अच्छे हो। चलो मैं सोती हूँ । गुड नाइट।

जल्दी ही वह गहरी नींद में समा गयी। अब शिवा उठा और बाहर आया और राकेश के कमरे में गया। वह अभी भी पढ़ाई कर रहा था। उसको देखकर वो बोला: आप जा रहे हो मम्मी के कमरे में?

शिवा: हाँ मैंने सोचा की क्या मिस्ड कॉल करूँ , इसलिए तुमको बताने ही आ गया। चलो अब शो चालू करता हूँ। अपनी मम्मी को मुझसे चुदता देख लो।

राकेश खड़ा हुआ और उसका लोअर पूरी तरह से सामने से उठा हुआ था। शिवा उसकी हालत देखकर मुस्कुराया और बाहर जाकर उसको एक खिड़की के पास खड़ा किया और बोला: मैं अंदर से खिड़की खोलता हूँ तुम पर्दा हटा कर देखना। राकेश ने हाँ में सर हिलाया। शिवा कमरे में दाख़िल हुआ और सरला को एक करवट सोते पाया। उसकी बड़ी सी गाँड़ उसकी तरफ़ थी। वो चुपचाप जा जाके खिड़की को धीरे से थोड़ा सा खोला और जाकर बिस्तर पर बैठ कर सरला को निहारने लगा। कमरे में नाइट लैम्प जल रहा था। उसने एक सेक्सी गाउन पहना था। उसे शायद इंतज़ार करते हुए नींद आ गयी थी। उसकी आधी चूचियाँ गाउन से बाहर झाँक रहीं थीं। वो मस्ती से उसे देखा और फिर खिड़की की तरफ़ देखा। वहाँ उसे परदे के पीछे एक हल्की सी परछाईं दिखाई दी । वो समझ गया कि राकेश अपनी जगह ले चुका है। वो मन ही मन मुस्कुराया। आज एक बेटा अपनी माँ को अपने दामाद से चुदते देखेगा। वो ये सोचकर गरम हो गया।

उसे लगा कि चोदने से ज़्यादा मज़ा तो ये सोच कर आएगा कि बेटा अपनी माँ को चुदते देख रहा है। अब उसने सरला के कमर से लेकर उसकी बग़ल से होकर उसके बाँह सहलाते हुए उसके गाल सहलाए। सरला हिली और उठकर बोली: बड़ी देर कर दी। मेरी शायद आँख लग गयी थी।

शिवा झुककर उसके गाल चूमा और बोला: मम्मी ,मालिनी के सोने का तो इंतज़ार करना ही था ना।

सरला: मैं ज़रा बाथरूम से फ़्रेश हो कर आती हूँ। तुम कपड़े उतारो। वह उसे चूमकर उठी और बाथरूम में चली गयी। शिवा ने लोअर और शर्ट उतारी और चड्डी में बिस्तर पर बैठ गया।
थोड़ी देर में सरला बाहर आयी और बोली: क्या बात है शर्म आ रही है चड्डी उतारने में ?

शिवा: नहीं मम्मी आप उतारोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा । वह पलंग के हेड बोर्ड के सहारे बैठा था। अब सरला उसके पास आयी और उसकी छाती में अपना सिर रख कर उसकी छाती के बालों से खेलने लगी। वह भी उसके मुँह को ऊपर किया और उसके होंठ चूमने लगा। दोनों क़रीब दस मिनट तक एक दूसरे के होंठ से चिपके रहे और जीभ चूसते रहे। शिवा के हाथ उसकी चूचियों और कमर और चूतरों पर घूम रहे थे। अब वो बोला: मम्मी इस सेक्सी नायटी में आप बहुत मस्त दिख रही हो। ज़रा गाँड़ मटका कर चल के दिखाओ ना।

सरला हँसती हुई खड़ी हुई और कमरे में एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी गाँड़ हिला हिला कर चल कर दिखाई। उफफफफ क्या फाड़ू माल दिख रही थी। भरे बदन पर सेक्सी नायटी और उसके अंदर से उसके हिलते वक्ष और हिलते चूतर, किसी हिजड़े को भी मर्द बना सकते थे। शिवा और राकेश दोनों की हालत ख़राब हो रही थी। राकेश ने तो अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था। उधर शिवा का भी लौड़ा चड्डी से बाहर आकर झाँक रहा था।

शिवा: मम्मी प्लीज़ गाउन उतार दो ना सेक्सी तरीक़े से । नीचे क्या पहना है आपने?

सरला: ख़ुद ही देख लेना कि नीचे क्या पहना है। हा हा ।
अब वह गाउन की रस्सी खोली और धीरे धीरे गाउन को अपने कंधे से नीचे को खिसखाई। उफफफ जैसे जैसे उसका बदन नंगा होता जाता, उसका गोरा बदन ग़ज़ब ढा रहा था। जब गाउन उतरा तो नीचे उसने एक सेक्सी ब्रा और उससे भी ज़्यादा सेक्सी पैंटी पहनी थी।
राकेश के लौड़े ने अपनी माँ को इस रूप में देखकर झटका मारा और उसे लगा कि वो अभी झड़ जाएगा। उग्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त रँडी लग रही थी वो। अब शिवा बोला: मम्मी अब एक बार फिर से चलकर दिखाओ ना प्लीज़।

वो हँसकर अपनी गाँड़ मटका कर फिर से चल कर दिखाई। सामने से उसकी ब्रा में से निपल बाहर निकले थे एक जाली से । उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ उस छोटी सी ब्रा में आधी भी नहीं छुप रहीं थीं। उसकी पैंटी के सामने हिस्से में एक जाली से उसकी बुर आधी नंगी दिख रही थी। पीछे का तो क्या कहना। सिर्फ़ एक रस्सी उसके चूतरों के दरार में फँसी हुई थी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उसके बड़े बड़े चूतर बुरी तरह से मटक रहे थे। वो तो जैसे पागल हो गया।राकेश अब अपने लौड़े को मुठियाने लगा। अब शिवा बोला: मम्मी एक बढ़िया गाना लगाता हूँ। आप डान्स करो प्लीज़। उसने मोबाइल में धीमी आवाज़ में - बिड़ी जला ले --बजाया। और फिर सरला ने एक ऐसी हरकत की जो दोनों मर्दों को पागल करने के लिए काफ़ी थी। वो अपनी छातियों को किसी रँडी की तरह हिलाकर और अपनी गाँड़ को भी मटका कर नाचने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या दृश्य था । शिवा के लौड़े ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया। और बाहर राकेश का वीर्य ही झड़ गया। बिना आवाज़ के आऽऽऽहहह करे वो अपने रुमाल में पोंछा ।

शिवा अब मस्ती में आकर अपना लौड़ा बाहर निकाला और राकेश ने देखा कि उसका लौड़ा उसके हथियार से काफ़ी बड़ा है। वह अब देखा की शिवा भी अपना लौड़ा मूठिया रहा था।

अब शिवा बोला: मम्मी अब पूरी नंगी हो जाओ और एक बार फिर से नाचो।

सरला हँसकर बोली: आज पूरी रँडी बनाने का मूड है बेटा। चल ये भी कर देती हूँ। अब वो अपनी ब्रा धीरे से खोली और ब्रा के कप को एक हाथ से पकड़कर उसको और ललचाई । फिर उसने ब्रा फेंक दी। अब उसकी बड़ी बड़ी गोरी चूचियाँ उसके नज़रों के सामने थी। वह अब अपनी पैंटी नीचे को करी और धीरे से नीचे खिसका कर अपनी पैंटी शिवा के ऊपर फेंक दी। शिवा उसको नाक के पास लेज़ाकर सूँघने लगा। और बोला: हम्म मम्मी मस्त गंध है आपकी बुर की। फिर वह उसको अपने लौड़े पर रगड़ने लगा। अब शिवा ने फिर से गाना लगाया और वो अब अपनी चूचियाँ हिलाकर और गाँड़ मटका कर नाचने लगी।
राकेश ने कभी नहीं सोचा था कि मम्मी को इस हालत में भी देखेगा।

शिवा अब मस्ती में आकर उठा और नंगा ही उसके साथ उसको अपने से सटा कर नाचने लगा। दोनों हँसते हुए बिस्तर पर गिर गए। अब शिवा उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा। फिर वो उसकी चूचियाँ दबाकर मस्ती से उनको चूसने भी लगा। अब सरला उठी और उसको लिटा कर उसके जाँघों के बीच में आकर उसके लौड़े को क़रीब बीस मिनट तक चूसी और चाटी और डीप थ्रोट भी दी। वह पूरे समय उसके बॉल्ज़ को सहलाती भी रही। राकेश को मम्मी का मुँह साफ़ साफ़ ऊपर नीचे होते दिखाई दे रहा था उसके लौड़े के ऊपर। वो अब फिर से मूठ्ठ मारने लगा था।

अब शिवा बोला: मम्मी ६९ करोगी?

सरला मुस्कुराई और ख़ुद ही उलटा होकर शिवा के ऊपर आ गयी और फिर से उसका लौड़ा चूसने लगी। अब शिवा भी उसकी बुर के फाँकों को फैलाकर उसके गुलाबी छेद को चाटने लगा। उफफफफ राकेश सोचा कि जिस छेद से मैं बाहर आया हूँ वहीं जीजा जी मुँह घुसेडे हुए हैं। अचानक राकेश ने देखा कि शिवा अब उसकी भूरि सी मख़मली गाँड़ का छेद भी चाट रहा था। अब सरला आऽऽहहह उइइइइइइ माँआऽऽऽ कहकर और ज़ोर से लौड़ा चूस रही थी। राकेश का बुरा हाल था। वो इस सबके किए तय्यार नहीं था।


अब वह सरला को बोला: मम्मी अब रुका नहीं जा रहा है। चलो चुदाई करते हैं। उस दिन जैसे आप पहले चढ़ जाओ मुझ पर।
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सरला अब उसके ऊपर चढ़ी और कमर उठाकर उसके लौड़े को अपनी बुर में डालकर चुदवाने लगी। शिवा अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाकर नीचे से लौड़ा उछालकर उसको मज़े देने लगा। राकेश की आँखें मम्मी की बुर में अंदर बाहर हो रहे लौड़े पर थी। उफफफफ कैसे बुर का मुँह खुलता और लौड़ा अंदर चला जाता था और फिर वह जब बाहर आता था तो बुर का छेद साफ़ साफ़ दिखता था ।उफ़ गुलाबी बुर कैसे इतना बड़ा लौड़ा निगले जा रही थी। मम्मी की भूरि गाँड़ का छेद भी उत्तेजना से खुलता बंद होता दिख रहा था। तभी राकेश ने देखा कि शिवा ने अपनी ऊँगली मम्मी की गाँड़ में डाल दिया और उसको हिलाने लगा। अब मम्मी की चीख़ें और मस्ती से भर कर आती हुई सिसकारियाँ राकेश को मानो पागल किए जा रहा था।

वो चिल्लाई: आऽऽऽऽऽहहह और जोओओओओओर से चोओओओओओओओदो। फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो बेएएएएएएटा।

राकेश उत्तेजित हो कर ज़ोर ज़ोर से हाथ चलाने लगा। तभी उसने देखा कि शिवा अब मम्मी की चूचियाँ चूस रहा था। अब मम्मी बोली: बेटा अब ऊपर आकर चोद दे ना।

शिवा अब उसको नीचे लिटाया और ऊपर आकर उसकी बुर चोदने लगा। जल्दी ही सरला बड़बड़ाने लगी : आऽऽऽऽहहह बहुत अच्छा लग रहा है। हाऽऽयययग ऊं ऊं ऊं करके हर धक्के में वह ऊं ऊं करके चिल्ला रही थी।

अब सरला आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह करके झड़ने लगी। शिवा ने अब अपना लौड़ा निकाला और राकेश को दिखाकर उसने अपना पूरा गीला लौड़ा मम्मी के मुँह में दे दिया । वो उसे चूसने लगी। अब जल्दी ही वो ह्न्म्म्म्म कहकर उसके मुँह में झड़ने लगा। राकेश ने आँखें फाड़कर देखा कि मम्मी का मुँह इसके सफ़ेद गाढ़े वीर्य से भर गया था और होंठों के कोनों से बाहर निकल रहा था। वो अब लौड़ा बाहर निकाला और उसके आँख, नाक और गाल में भी अपना वीर्य गिराया। सफ़ेद रस में सनी मम्मी किसी रँडी से कम नहीं लग रही थी।

राकेश अब दूसरी बार मूठ्ठ मारने लगा और झड़ गया। शिवा अब उसके बग़ल में लेट गया । फिर सरला अपना मुँह पोंछकर उठी और बाथरूम से फ़्रेश होकर आयी। अब दोनों साथ में बैठकर बातें करने लगे। शिवा ने देखा कि राकेश अब वहाँ से हट गया था। वो समझ गया कि वो जो देखना था देख चुका है। अब शिवा बोला: मम्मी अब नींद आ रही है। एक बार और चुदवाएँगी क्या?

सरला: नहीं बेटा अब बहुत थक गयी हूँ।

शिवा: तो मैं मालिनी के साथ जाकर सोता हूँ। सुबह जाना भी तो है।

सरला उसको चूमकर बोली: ठीक है बेटा। जाओ अब सो जाओ। वो उठकर बाहर आया और जाकर राकेश के कमरे में गया। तभी सरला को भी प्यास लगी तो वो किचन की ओर गयी और अचानक उसने राकेश के कमरे में बात करने की आवाज़ सुनी। वो सोची कि इस समय राकेश किससे बात कर रहा है? वो चुपचाप उसके कमरे की खिड़की के पास खड़ी होकर देखी कि कौन है राकेश के कमरे में।

वो अंदर झाँकी और हैरान रह गयी क्योंकि वह और कोई नहीं शिवा था। वो उनकी बात सुनने लगी। वो जो सुनी तो सन्न रह गयी।
शिवा: तो मज़ा आया मम्मी की चुदाई देखने में?

राकेश: जीजा जी आप क्या चुदाई किए उफफफफ मैं तो पागल ही हो गया।

शिवा: तुमने देखा कि वो कैसे रँडी की तरह नंगी होकर नाच रही थी।

सरला को लगा कि वो जैसे कोई सपना देख रही है। ये क्या हो रहा है? उसका दामाद उसकी चुदाई उसके अपने बेटे को दिखा रहा था । उसे शिवा पर बहुत ग़ुस्सा आया।

राकेश: आऽऽऽऽह वो दृश्य तो मैं सारी ज़िंदगी में कभी नहीं भूलूँगा। क्या चूचि और गाँड़ हिला हिला कर नाचे जा रहीं थी।
उफफफफ क्या सेक्सी है मम्मी।

सरला तो जैसे शॉक में ही आ गइ। ये उसका अपना बेटा क्या बोल रहा है।

शिवा: देखा क्या मस्ती से चुदवाती है? गाँड़ उछाल कर।

राकेश: हाँ जीजा जी, सच में बहुत चुदक्कड है मम्मी। उफ़फ़्फ़ क्या मज़ा ले रहीं थीं । गाँड़ उछाल कर चुदवाने का मज़ा ली है।

शिवा : वैसे उनकी बुर और गाँड़ का स्वाद बहुत मस्त है। चाटकर मस्ती आ जाती है।

राकेश: हाँ उनकी बुर और गाँड़ दोनों मस्त हैं। और एक बात बताऊँ उनकी चूचियाँ आपके हाथ में आती नहीं थी इतनी बड़ी हैं।

सरला सोची कि उसका बेटा और दामाद उसके बारे में कैसी कैसी बात कर रहे हैं। उसको बड़ी शर्म आयी।

राकेश बोले जा रहा था: जीजा जी वो आपका रस भी कितने प्यार से पी गयीं। उगफफ बहुत ही गरम माल है मम्मी जी।

सरला चौकी कि उसका बेटा उसे गरम माल कह रहा था।

तभी शिवा की बात से वो एकदम से सकते में आ गयी। शिवा बोल रहा था: देख राकेश अब तू देख लिया ना कि मम्मी जी कितनी गरम है और उनको कितना मज़ा आता है चुदवाने में? अब तुम्हारी बारी है उनको पटाने की। मैं तो कल चला जाऊँगा वापस। अब तुम कोशिश करके उनको पटाओ और उनको चोदने का अपना सपना साकार करो। और हाँ मैं कल सुबह तुम्हारी सिफ़ारिश कर दूँगा।

राकेश: सिफ़ारिश करेंगे कैसे?

शिवा: मैं उनको समझाऊँगा कि तुम उनको बहुत प्यार करते हो और उनको चोदना चाहते हो। वह समझ जाएँगी।

राकेश: आपको लगता है कि ये इतना आसान होगा?

शिवा: मैं उनसे तेरी सिफ़ारिश करूँगा। अच्छा एक काम करना तुम कल सुबह मम्मी को किचन में जाकर पीछे से पकड़ लेना और अगर वो तुमसे छूटने की कोशिश नहीं करें तो समझ लेना कि वो पट गयी है। ठीक है?

राकेश अपने लौड़े को दबाकर बोला: आऽऽऽह मेरा तो सोच कर ही खड़ा हो गया। फिर मम्मी के पास वापस जाना पड़ेगा।

राकेश: दीदी की ले लीजिए, वो भी तो है।

शिवा: अरे उसका पिरीयड्ज़ आया हुआ है। मम्मी की ही लेता हूँ और तुम्हारी सिफ़ारिश भी करता हूँ।

राकेश अपने लौड़े को दबाता हुआ बोला: आऽऽऽऽऽह मैं फिर से देखूँगा। आऽऽऽह मम्मी मान जाए तो मैं भी कल ही उनको चोद दूँगा।

सरला ने आँखें फाड़ कर अपने बेटे के लोअर के ऊपर से खड़ा लौड़ा देखी जो कि उसके लिए ही खड़ा था। सरला का मन दो जवान लड़कों के खड़े लौड़ों को देखकर गुदगुदी से भर उठा। उसका हाथ अपनी बुर पर चला गया।

शिवा: अच्छा चलता हूँ। कहकर बाहर आया और वापस सरला के कमरे की ओर चल पड़ा। सरला पहले ही वहाँ से हट कर अपने बिस्तर पर आकर सोने का नाटक कर रही थी। वह अंदर आकर पूरा नंगा हुआ और फिर अपना लौड़ा सहलाते हुए उसके बग़ल में लेट गया और उसके बदन को सहलाया। सरला उठाकर बोली: अरे तुम फिर आ गए?

शिवा : हाँ मम्मी नींद नहीं आ रही थी तो सोचा कि एक राउंड और करलेते हैं।

सरला अनजान बनकर: ओह पर मैं तो थक गयीं हूँ ।

शिवा: अरे मम्मी अभी आपकी मालिश कर देता हूँ थकान मिट जाएगी। वह उसका गाउन खोलते हुए बोला। सरला ने गाउन उतारने में उसकी मदद की। अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी।

शिवा: मम्मी आपने पैंटी उतार दी?

सरला: हाँ बेटा पैंटी पहनकर नींद नहीं आती। यह कहते हुए सरला ने खिड़की की ओर देखा और वहाँ उसे परदे के पीछे राकेश के होने का अहसास हुआ। वो और उत्तेजित हो उठी कि उसका अपना बेटा उसकी चुदाई देख रहा है।

शिवा उसके बदन को दबाता हुआ बोला: मम्मी बताओ कहाँ कहाँ दबाऊँ। वह उसकी बाँह और जाँघ दबाते हुए बोला।

सरला: आह बेटा सब जगह अच्छा लग रहा है।

अब वो ब्रा खोला और दूध दबाकर बोला: इनको दबवाने में मज़ा आता है?

सरला: आऽऽऽऽऽह बेटा इनको जब तुम दबाते हो को मैं स्वर्ग की सैर करने लगती हूँ। हाऽऽऽऽययय।

अब वो उसको करवट लिटाया और इसके बग़ल में लेता और उसकी जाँघ को अपनी जाँघ पर चढ़ा कर मज़े उसकी बुर में अपना लौड़ा दबाया और आराम से चोदने लगा।


शिवा: मम्मी इस आसन में मैं मालिनी को एक घंटा चोद लेता हूँ। आज आपको भी एक घंटा रगड़ूँगा।
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सरला अपनी गाँड़ हिला कर बोली: आऽऽऽऽह बहुत मज़ा आ रहा है बेटा। चोद जब तक तेरा मन करे। हाऽऽय ।

राकेश को खिड़की से दोनों के सटे बदन साफ़ दिखाई दे रहे थे। वो अपना लौड़ा बाहर निकाल कर मसल रहा था।

अब दोनों अपनी कमर हिला कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे। शिवा उसकी चूचियाँ होंठ और जीभ भी चूस रहा था। शिवा का एक हाथ उसके एक बड़े से चूतर पर था और वो उसे दबाए जा रहा था ताकि उसका लौड़ा पूरा अंदर उसकी बुर में जा सके।

सरला: उइइइइइइइइ माँआऽऽऽ । आऽऽऽहहहह । बहुत अच्छाआऽऽऽऽऽऽऽ लग रहाआऽऽऽऽ है बेएएएएएएएएरटा ।

थोड़ी देर बाद चोदते हुए वह बोला: मम्मी आज मैं और राकेश पार्क में गए थे। वहाँ राकेश के बारे में एक बात पता चली।

सरला: वो क्या?

शिवा: कि उसको बड़ी उम्र की औरतें अच्छी लगती है।

राकेश ध्यान से सुनने लगा।

सरला: ओह ऐसा क्यों?

शिवा: ऐसा इसलिए कि उसने आपको नंगी देखा है ताऊ से चुदवाते हुए। तभी से वो बड़ी उम्र की औरतें ही पसंद करता है। अब शिवा ने उसे पार्क का पूरा क़िस्सा सुनाया।

सरला: ओह तो वो औरत खुले आम पार्क में अपने भतीजे से चुदवा रही थी?

शिवा: हाँ और तभी शिवा ने बताया कि वो आपको चोदना चाहता है?

सरला अनजान बन कर: हे भगवान ! ये कैसे हो सकता है?

शिवा: मम्मी आजकल सब चलता है। आप भी अभी अपने दामाद से चुदवा रही हो कि नहीं? तो बेटे से भी चुदवा सकती हो? और फिर ये भी हो सकता है कि वो बड़ी उम्र की गंदी रँडियों के चक्कर में पड़ जाए तो उसको गंदी बीमारियाँ भी लग सकती हैं।

सरला: नहीं नहीं ये नहीं होने दूँगी मैं। इससे अच्छा तो यही होगा कि वो मुझे ही चोद ले।

यह सुनकर राकेश का लौड़ा उसके रुमाल पर अपना रस छोड़ने लगा। वो सोचा कि मम्मी तो चुदवाने के लिए मान ही गयी।

शिवा: मम्मी कल सुबह शिवा आपको आकर किचन में पीछे से पकड़ेगा। आप विरोध मत करना तो उसको हरी झंडी मिल जाएगी। अब वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।

सरला: उइइइइइइ आऽऽऽऽऽऽह । ठीक है आऽऽऽऽऽऽह मैं राकेश को मना नहींइइइइइइइ करूँगीइइइइइइइइइइइ । हाऽऽऽऽयययय क्या मज़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है बेएएएएएएएटा।

शिवा ने भी जोश में आकर उसकी गाँड़ में दो ऊँगली भी डाल दी।
अब दोनों उन्न्न्न्न ऊँननन करके झड़ने लगे।

फिर वो आपस में लिपटकर नंगे ही सो गए। राकेश अब अपने कमरे में आकर अगले दिन मम्मी के साथ मिलने वाले मज़े का सोचते हुए सो गया।

अगली सुबह सरला ने शिवा को उठाया तो वो कपड़े पहनकर अपने कमरे में चला गया। मालिनी अब भी सो रही थी। वो नहाया और बाहर आकर मालिनी को उठाया। वो बाहर आया और किचन में गया जहाँ सरला चाय बना रही थी। वो बोली: अरे नहा भी लिए।

शिवा चाय लेकर पीते हुए बोला: हाँ मम्मी जल्दी वापस जाना है ना। आप मालिनी के लिए भी चाय दे दो । मैं ले जाता हूँ।

सरला उसको चाय दी और वो पहले एक बार उसको बाहों में लेकर चूमा और बोला: थैंक्स मम्मी बहुत मज़ा आया। अरे हाँ राकेश आया था क्या?

सरला शर्मा कर: अभी तक तो नहीं आया। एक बात बताओ क्या माँ बेटे का ये सब करना ठीक होगा?

शिवा: अगर आप नहीं करोगी तो वो रंडियो के चक्कर में पड़ेगा। अब आप देख लो।

सरला: ओह ये मैं नहीं होने दूँगी। ठीक है बेटा देखा जाएगा।

शिवा मुस्कुराता हुआ उसके होंठ चूमकर मालिनी के लिए चाय लेकर वहाँ से निकल गया।

मालिनी चाय पीकर फ़्रेश हुई और नहाई फिर तय्यार होते हुए बोली: कल रात मुझे बहुत गहरी नींद आयी थी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था।

शिवा उसको अपने से लिपटाकर उसके होंठ चूमकर बोला: अच्छा है ना माँ के घर में आराम मिल गया।

वो हँसकर बोली: हाँ वो तो है ही। और इस बार आपने भी पिरीयड्ज़ में बिलकुल तंग नहीं किया। थैंक्स।

शिवा: अब तक तो क्लीयर हो गया होगा ना, आज रात को तो चुदवाओगी ?

मालिनी हँसकर उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबायी और बोली: हाँ जी आज रात को जी भर के चोद लेना। इसकी प्यास बुझा दूँगी।

शिवा सोचा कि इसको क्या पता है कि इसकी प्यास तो मम्मी जी ने कई बार बुझा दी है।

उधर राकेश की नींद खुली और वो फ़्रेश होकर किचन में गया। उसका बदन उत्तेजनावश काँप रहा था। उसका लौड़ा लोअर में पूरा खड़ा था। वह किचन में गया तो सरला सब्ज़ी काट रही थी। उसने पीछे से जाकर उसको पकड़ लिया और बोला: मम्मी आइ लव यू। और उसके गाल में चूम्मा ले लिया ।सरला को मानो करेंट का झटका लगा। वो सोची कि अगर अभी इसे नहीं रोका तो शायद बात हाथ से निकल जाएगी। तभी उसने अपना हाथ उसके पेट पर फेरा और चिकने और नरम पेट के अहसास पा कर वह उत्तेजित हुआ और अपना लौड़ा उसकी गाँड़ से सटा कर उसे दबाकर वह मस्ती से भर गया। सरला का रहा सहा विरोध उसके लौड़े की चुभन से धरा का धरा रह गया। उसकी इच्छा हुई कि वो गाँड़ हिलाकर उसके लौड़े का मज़ा ले ले। तभी मम्मी की सहमति मान कर वह अब अपना हाथ मम्मी के दोनो चूचियों पर रखा और उनको दबाने लगा। सरला की अब आऽऽऽऽऽह निकल गया। अब वह खुलकर अपना लौड़ा उसके गाँड़ की दरार में दबाने लगा।
सरला: अरे छोड़ मुझे। मैं तेरी माँ हूँ कोई गर्ल फ़्रेंड नहीं हूँ।

राकेश: मम्मी मुझे जीजा जी ने बताया कि आप मुझसे चुदवाओगी। प्लीज़ थोड़ा मज़ा ले ने दो अभी। मैंने रात को आपको उनसे चुदते देखा था।

अब सरला सहम गयी और बोली: चुप कर अब । अभी जा यहाँ से । कहीं कोई आ गया तो।

राकेश: मम्मी सब लोग तो ११ बजे तक चले जाएँगे फिर आप मुझसे चुदवा लेना। बहुत तमन्ना है आपको चोदने की।

सरला: अभी जा बाद की बाद में देखेंगे।

राकेश ख़ुश होकर मम्मी की चुम्मी लेकर अपने हाथ को साड़ी के ऊपर से उसकी बुर पर रखा और दबाकर हँसते हुए वहाँ से चला गया।

फिर सबने नाश्ता किया और मालिनी और शिवा सबसे विदा लेकर वहाँ से चले गए।

रास्ते में कार में शिवा बोला: पापा से बात हुई क्या?

मालिनी : नहीं मैं सोची कि आप बात कर लिए होगे।

शिवा: अभी फ़ोन लगा लो।

मालिनी : ठीक है। अब वो फ़ोन लगाई और बोली: पापा जी नमस्ते। मैं और शिवा अभी कार में है और हम एक घंटे में घर पहुँच जाएँगे।

राजीव: ठीक है बेटा , आ जाओ।
उसने कोई भी उलटी सीधी बात नहीं की क्योंकि मालिनी की बातों से वह समझ गया था कि शिवा उसके साथ है।
थोड़ी देर में कार उस ढाबे के पार हुई जहाँ कल आते हुए उन्होंने चाय पी थी। शिवा: देखो वही ढाभा जहाँ तुमको शिला मिली थी जो कि अपने ससुर से लगवा रही थी।

मालिनी: हाँ याद है। अच्छा आप ये तो बताओ की दो दिन से आप एक बार भी झड़े नहीं हो। मुझसे चुसवा भी नहीं रहे हो आख़िर आपका काम कैसे चल रहा है?

शिवा पैंट के ऊपर से अपने लौड़े को दबाकर बोला: बस आज रात को देखना क्या मस्त चुदाई करूँगा।

मालिनी हँसकर: आज रात तो मैं भी आपको नहीं छोड़ने वाली हूँ। मेरा तो मन कर रहा है कि अभी आपको चूम लूँ। इतने हैंडसम दिख रहे हो आप अभी।

शिवा ने हँसते हुए कार चलाते हुए अपने गाल उसकी तरफ़ कर दिए। वो उसको चूम ली। फिर इसी तरह चूहलबाज़ी करते हुए वो घर पहुँचे । राजीव अभी भी ट्रैक सूट में था और टी वी देख रहा था। दोनों ने उसके पैर छुए और वो शिवा से गले मिला और मालिनी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। दोनों अपने कमरे में गए और शिवा जल्दी से तय्यार हुआ और दुकान चला गया । मालिनी ने भी घर के कपड़े सलवार कुर्ता पहना और बाहर आयी और किचन में जाकर बाई से काम करवाने लगी और खाने की तय्यारी भी करने लगी। जब वो किसी काम से ड्रॉइंग रूम से गुज़रती तो राजीव उसे देखकर मुस्कुरा देता और वो भी मुस्कुरा देती। क़रीब १२ बजे बाई काम करके चली गयी । उसके जाने के बाद मालिनी दरवाज़ा बंद करी और सीधी आकर राजीव के सामने आकर खड़ी हुई । राजीव भी उसे देखे जा रहा था । अब वो एकदम से उसके गोद में बैठी और उससे पूरी तरह लिपट गयी और उसके गाल चूमने लगी और फिर अपने होंठ उसके होंठ पर रख दी। अब दोनों एक प्रगाढ़ चुम्बन में डूब गए । अब होंठ और जीभ भी एक दूसरे की चूसे जा रहे थे। फिर जब दोनों हाँफने लगे, तब मालिनी बोली: पापा मैंने आपको बहुत मिस किया। मैं अब आपको प्यार करने लगी हूँ। आपसे एक दिन भी अलग रहकर मुझे चैन नहीं मिला। और वो रोने लगी।

राजीव उसको चूमकर बोला: बेटी मेरा भी यही हाल था और मैं भी एक दिन तुमको देखे बिना नहीं रह सकता। पर रो क्यों रही हो।

मालिनी: पापा ये क्या अजीब सी बात हो गयी है की मैं शिवा को भी बहुत प्यार करती हूँ और अब आपसे भी प्यार करने लगी हूँ। ये क्या हो रहा है?

राजीव ने उसके होंठ चूमे और बोला: बेटी इसमें कोई ग़लत बात नहीं है। एक इंसान दो लोगों से क्यों नहीं प्यार कर सकता। क्या पता शिवा भी किसी और से प्यार करता हो? वो मन में सोचा कि अब जल्दी ही ये बात इसको बतानी होगी और फिर देखे क्या रायता फैलता है?

मालिनी: ओह पापा कई बार मैं बहुत उलझन में पड़ जाती हूँ।

राजीव अब उसके चूचियों पर हाथ फेरा और बोला: बेटा पिरीयड्ज़ का क्या हाल है?

मालिनी: पापा आज शाम तक क्लीयर होना चाहिए। आपको इच्छा हो रही है तो चूस दूँ क्या?

राजीव: अभी ऐसी ही गोद में बैठी रहो और बातें करो। बाद में चूस देना। अच्छा ये बताओ सरला कैसी है?


वो अपना मुँह उसकी छाती में घुसाई और बोली: मम्मी ठीक हैं । मेरी बहने और भाई भी ठीक है। पर इस बार मुझे मम्मी के साथ टाइम बिताने का मौक़ा ही नहीं मिला। मेरे भाई बहनों के साथ ही ऊधम करती रही।
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राजीव सोचा कि तभी तो सरला को शिवा से चुदवाने का मौक़ा मिला, वरना कहाँ मिलता। दोनों बड़ी देर तक बातें करे। फिर राजीव ने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाया और उनको चूमा। फिर वह उसकी बाँह उठाया और उसकी बग़ल सूँघा और मस्त होकर चाटने लगा। मालिनी भी अपने गाँड़ के नीचे उसके लौड़े को कड़ा होते महसूस करने लगी।

अब वह उसकी चूचि चूमते हुए बोला: बेटा चूसोगी क्या अभी?

मालिनी: जी पापा , लूँगी निकाल दीजिए। और वह उसकी गोद से उठ गयी।

राजीव अब लूँगी निकाला और मालिनी नीचे ज़मीन पर बैठी और उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहलाई और फिर चूमने लगी। लौड़े को ऊपर से नीचे चाटकर वो अब उसको चूसने लगी। राजीव इसकी छातियों को ब्रा के ऊपर से दबाए जा रहा था। जल्दी ही वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और हाथ से उसके बॉल्ज़ को भी सहलाने लगी। अब राजीव आऽऽह ह्म्म्म्म्म्म करके उसके मुँह में अपना रस छोड़ने लगा। वह उसको पी गयी और उसके सुपाडे को चाट कर साफ़ कर दी। आख़री बूँद जो कि उसके लौड़े के छेद में लगी थी उसे भी जीभ से चाट ली। अब वो मुँह पोंछकर खड़ी हुई तो राजीव उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबाकर बोला: बेटा इसे चूस दूँ?

मालिनी: नहीं पापा अभी पूरा बंद नहीं हुआ है। कल चूस लेना। फिर वह अपनी कुर्ता पहनी और किचन में जाकर चाय बना कर लाई और दोनों चाय पीने लगे।

मालिनी: पापा आप बोले थे ना कि मैं गायनोकोलोजिस्ट से अपना चेक अप करवा लूँ। आप डॉक्टर से बात किए?

राजीव : हाँ बेटा अच्छा याद दिलाया । फिर वो मोबाइल से डॉक्टर को फ़ोन किया और बोला: हाँ डॉक्टर नमस्ते। मेरी बहु आपसे अपना चेक अप करवाना चाहती है। शादी को ६ महीने हो गए हैं और वो अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई है ।

डॉक्टर: -----

राजीव: हाँ हाँ आप सही कह रही हो अभी समय है पर एक बार चेक अप कर लो ना । इसमें कोई हर्ज है क्या ?

डॉक्टर: ------

राजीव: ठीक है मैं उसे कल १२ बजे लेकर आता हूँ। नमस्ते।
फिर उसने फ़ोन बंद किया और बोला: चलो कल १२ बजे तुमको दिखा ही देते हैं।

मालिनी उठकर उसके गोद में आकर बैठी और बोली: पापा मान लो मेरा सब ठीक हुआ तो? क्या शिवा का भी चेक अप करवाएँगे?

राजीव: तब की तब देखेंगे। अभी से क्यों सोच रही हो? वैसे डॉक्टर भी यही बोल रही थी कि आपको इतनी जल्दी क्या है? अभी एक साल भी नहीं हुआ है शादी को।

मालिनी: हाँ ये भी सच है। पर एक बार चेक अप करवा ही लेती हूँ। ठीक है ना पापा?

राजीव उसको चूमते हुए उसकी पीठ सहलाया और बोला: ज़रूर बेटा, चेक अप कराने में क्या हर्ज है।
फिर दोनों एक दूसरे से चिपके हुए प्यार से बातें करते रहे।
उधर सरला शिवा और मालिनी के जाने से थोड़ी उदास थी। सबने नाश्ता किया और अपने अपने स्कूल , कॉलेज और काम पर चले गए।अब वो ड्रॉइंग रूम में बैठी और पसीना पोंछने लगी। तभी पता नहीं कहाँ से राकेश आ गया।

सरला: तू कॉलेज से वापस भी आ गया ? अभी तो गया था?

राकेश: मम्मी मैं आज गया ही नहीं। थोड़ी देर बाहर घूम कर वापस आ गया।

सरला ग़ुस्सा दिखा कर: ये सही नहीं है बेटा, तुम्हारा आख़री साल है।

राकेश आकर उसके पास बैठा और बोला: मम्मी आप जानते हो की मैं पढ़ने में कितना तेज़ हूँ। एक दिन से कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ेगा और मैं आगे से कभी भी क्लास मिस नहीं करूँगा। पर आज तो वो दे दो आप जिसे पाने को मैं सालों से पागल हूँ।

सरला मुस्करायी: अच्छा ऐसा क्या चाहिए मुझसे?

राकेश उसको पकड़कर अपने से सटा कर बोला: आप चाहिए मम्मी जी।

सरला: तो मैं बैठी तो हूँ। ले ले मुझे।

राकेश अब उत्तेजित होकर: मम्मी क्यों तड़पा रही हो। सच मुझे आप चाहिए। वो उसकी बाँह सहलाकर बोला: मम्मी जीजा जी को तो बहुत प्यार किया थोड़ा सा मुझे भी कर दो ना।

सरला: तुझे शर्म नहीं आयी अपनी मॉ के बेडरूम में झाँकता है?

राकेश: मम्मी आपको जबसे देख रहा हूँ जब मैं छोटा था। आप ताऊजी के साथ क्या क्या करती हो मुझे सब पता है। प्लीज़ सबको मज़ा दे रही हो तो मुझे क्यों तड़पा रही हैं आप।

सरला: पर तू मेरा सगा बेटा है मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती।

राकेश अपना लंड अपने लोअर के ऊपर से दिखाया और बोला: मम्मी देखो कैसे पगला रहा है ये आपके लिए। वो यह कहकर उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। सरला उसके कड़े लंड के अहसास से सिहर उठी। फिर बोली: देख बेटा मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती। ज़्यादा से ज़्यादा मैं तेरी मूठ्ठ मार सकती हूँ। वो इसके लंड को अब दबाने लगी थी।

राकेश: क्या मम्मी उसमें पूरा मज़ा थोड़ी ना आएगा। मुझे तो आपको चोदना ही है।

सरला: ओह कैसी बात कर रहा है अपनी मम्मी के साथ। ये नहीं हो सकता। बस अब मैं नहाने जा रही हूँ। छोड़ मुझे।

राकेश अब अपने आप को उसकी गोद में गिरा दिया और बोला: मैं तो नहीं उठूँगा जब तक आप हाँ ना कर दो चुदाई के लिए।

अब सरला ने अपनी आवाज़ को कठोर किया और बोली: उठो अभी और जाओ कॉलेज । कह दिया ना कि माँ बेटे में ये नहीं हो सकता। उठो।

राकेश आवेशित मम्मी के इस रूप से डर गया और बोला: ठीक है मम्मी अगर आपका यही जवाब है तो आप भी सुन लो कि मैं आज से भूक़ हड़ताल कर रहा हूँ। जब तक आप चुदाई के लिए हाँ नहीं करोगी मैं खाना नहीं खाऊँगा।

सरला: वाह तू दुनिया का इकलौता बेटा हो जो कि माँ को चोदने के लिए भूक़ हड़ताल करेगा। जा मर मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

अब राकेश चुपचाप उठा और अपना बैग लेकर बाहर चला गया और बोला: मम्मी मैं कॉलेज जा रहा हूँ।

सरला ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह नहाने को बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतारते हुए सोचने लगी। शाम तक उसकी अक़्ल ठिकाने आ ही जाएगी। फिर वह अपने बदन में पानी डालते हुए सोची कि उसके बेटे का लंड तो काफ़ी बड़ा लग रहा था। वह गरम हो गयी और अपनी बुर में साबुन से सनी ऊँगली डाल कर अपनी बुर रगड़ने लगी। अब वह अपनी छाती भी मसल रही थी और बुर भी और जल्दी ही वो उइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी।

उधर राजीव ने सरला को खाने के पहले फ़ोन किया और बोला: फिर शिवा से भरपूर चुदीं या नहीं?

सरला हँसकर: आपका बेटा आप पर ही गया है। मस्त मज़ा दिया है।

राजीव: अब कुछ दिनों में यहाँ आओ और मालिनी को अपनी और शिवा की चुदाई दिखा दो।

सरला: ये बड़ा मुश्किल होगा । मेरी बेटी का दिल टूट जाएग। प्लीज़ और कोई रास्ता ढूँढिए ना। ये बहुत दुखदाई होगा , हम तीनों के लिए।

राजीव : मुझे लगता है कि इससे मालिनी की सेक्स के प्रति भ्रांतियाँ मिट जाएँगी। वो इसे रिश्तों से ऊपर उठकर आदमी और औरत की ज़रूरत की निगाह से देखेगी।

सरला: फिर भी प्लीज़ कुछ वक़्त दीजिए ना।

राजीव : ठीक है ।चलो रखता हूँ। कोई आ रहा है?

सरला अब खाना खाकर लेट गयी।

उधर रात को शिवा आया और मालिनी से बोला: जान आज बिज़नेस बहुत अच्छा हुआ । देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ।

वो एक सुंदर सी लिंगरी लाया था । वो बोला : आज यही पहनना । बहुत सेक्सी लगोगी।

मालिनी: आह बहुत रोमांटिक मूड में लग रहे हो। लगता है रात भर परेशान करने वाले हैं आप।

शिवा: अब तुम्हारी लाल झंडी हरी हुई है तो गाड़ी तो दौड़ाएँगे ही जानू। फिर दोनों हंसने लगे। अब शिवा बाथरूम में जाकर नहाने लगा। मालिनी को पता नहीं क्या सूझा कि वो सीधे वो लिंगरी लेकर राजीव के कमरे में गयी और बोली: पापा देखो ये मेरे लिए क्या लाए हैं ?

राजीव कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था। वो लिंगरी देखा और बोला: उफफफ क्या मस्त माल लगोगी इसमे ? कब पहनोगी इसको?

मालिनी: सोने से पहले।

राजीव: एक बार मुझे भी दिखाना कि कैसी लगती हो इसमें?

मालिनी: कोशिश करूँगी कि आपको दिखा सकूँ। वरना कल आपको दिन में दिखा दूँगी पहन कर।

राजीव उसको गोद में खींचकर उसके होंठ चूमते हुए बोला: बेटा कोशिश करो कि आज रात को ही दिखा दो।

मालिनी: पापा आज दिखाऊँगी तो आप उत्तेजित हो जाओगे। फिर शांत कैसे होगे?

राजीव: बेटा तुम दिखाओ तो मैं रास्ता निकालूँगा। प्लीज़ ।


मालिनी: ओके पापा मैं कोशिश करती हूँ। आप अभी खाना खाने आ जाओ। वो उसकी गोद से उठते हुए बोली। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसकी गाँड़ दबायी और बोला: ठीक है बेटा अभी आता हूँ।
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अब मालिनी खाना लगाई और तब तक शिवा और राजीव दोनों आकर टेबल पर बैठ गए थे और बिज़नेस की बातें कर रहे थे। मालिनी खाना लाई तो दोनों उसको देखने लगे। वो मुस्कुराई और बोली: क्या हुआ आप दोनों मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?

राजीव: बेटा इस सलवार कुर्ता में तुम बहुत स्वीट लग रही हो। है ना शिवा?

शिवा हँसकर: पापा इस पर तो सभी कपड़े जँचते हैं।

राजीव: बिलकुल सच कहा बेटा। हमारी बहु है ही बहुत प्यारी।

मालिनी: चलिए अब मेरे पीछे मत पड़िए और खाना खाइए।
अब सब खाना खाए। फिर थोड़ी देर बाद अपने कमरे में चले गए।

अब शिवा कमरे में मालिनी से बोला: चलो ना अब लिंगरी पहनो ना।

मालिनी मुस्कुराकर बोली: अच्छा बाबा पहनती हूँ अभी।

अब वो लिंगरी लेकर बाथरूम में घुस गयी और अपने पूरे कपड़े उतारे और फिर पूरा बदन साफ़ किया और फिर बिना ब्रा के लिंगरी पहनी। पैंटी तो वो पहनती ही नहीं थी। फिर वो अपने आप पर ही मुग्ध हो गए। उसकी चूचियाँ मस्त लग रही थीं । नेट वाली लिंगरी से उसके निपप्पल साफ़ दिखाई दे रहे थे। उसकी बुर भी साफ़ दिखाई दे रही थी। बुर के फूलें हुए लिप्स भी दिखाई दे रहे थे। बुर के बीच की लकीर जैसे ग़ज़ब ही ढा रही थी। अब वह बाहर आयी और शिवा की आँखें तो जैसे बाहर ही आ गयीं उत्तेजना से । वो अपना लण्ड सहला कर बोला: उफ़्फ़्फ़क क्या दिख रही हो जान। हम्म। वो अपने होंठ पर जीभ फेरकर बोला। वो सोचा कि मालिनी का ग़दराया बदन जैसे बिजली ही गिरा रहा है। और कल मम्मी का बदन भी लिंगरी में मस्त लग रहा था। दोनों माँ बेटी साली बहुत ज़बरदस्त फाड़ू माल हैं।

शिवा: आओ जान अब पास में आओ । बहुत मस्ती आ रही है तुमको देखकर।

मालिनी: आऽऽह ग़लती हो गयी । पापा को रात का दूध देना तो भूल ही गयी। अब क्या करूँ? इन कपड़ों में तो जा नहीं सकती।

शिवा: ओह तो कपड़े बदल लो और दे आओ। अब और क्या हो सकता है।

मालिनी: एक काम करती हूँ मैं ये शाल ले लेती हूँ बहुत बड़ी है । फिर वो पूरा ढाक ली और बोली: देखो अब कुछ दिख रहा है क्या?

शिवा: नहीं अब कुछ दिख नहीं रहा है। पापा पूछेंगे कि ये क्यों पहना है। तो क्या बोलोगी?

मालिनी मुस्करायी: मैं कह दूँगी कि थोड़ी ठंड लग रही है तो पहन लिया है।

शिवा: ठीक है जाओ दूध देकर जल्दी आओ। बहुत तंग कर रहा है ये? वह अपना लंड दबाकर बोला।

मालिनी बाहर आयी और किचन में जाकर दूध लायी और राजीव के कमरे में गयी और दूध साइड टेबल पर रख कर बोली: पापा दूध पी लेना।

राजीव आँख मारकर: वो तो पी ही लूँगा बेटा। ये शाल उतारकर दिखा कि इसके पीछे क्या छिपाया है?

मालिनी अपनी शाल उतार कर बोली: लो देखो । आपको दिखाने के लिए ही तो आयी हूँ।

राजीव के होश ही उड़ गए उसकी अर्धनग्न जवानी देखकर। वो बोला: उफफफफ क्या माल हो बेटा तुम। आऽऽऽऽह मेरा पूरा खड़ा हो गया। वो अपने लण्ड को मसलते हुए बोला।

वो उसकी चूचियाँ देख रहा था जिसके बड़े निपल्ज़ पूरे खड़े हुए थे। शायद वो भी उत्तेजित ही थी। नीचे उसकी बुर का शेप और उसकी फाँक देखकर वो मस्ती से भर गया। वो उठा और उसके निपल को एक ऊँगली और अंगूठे में लेकर मसला और मस्ती से भर गया। फिर नीचे जाकर उसकी बुर के दर्शन किया और वहाँ भी ऊँगली से सहलाया। अब मालिनी बोली: पापा चलती हूँ। वो चोदने के लिए पागल हो रहे हैं।

राजीव: अच्छा बेटा जाओ। पर आज तुमको चुदवाते हुए देखने की इच्छा हो रही है। देख लूँ क्या?

मालिनी हँसकर: पापा आप और ज़्यादा उत्तेजित ही होंगे ।क्या फ़ायदा होगा । देख लो आप क्या चाहते हो।

राजीव उसकी बुर को सहलाते हुए: मेरी इच्छा है तुमको नंगी चुदवाते देखने की। बोलो देख लूँ?

मालिनी हँसकर: ठीक है देख लीजिए। मैं खिड़की थोड़ी सी खोल दूँगी। आप परदे के पीछे से देख लेना। ओके ?

राजीव उसके होंठ चूसते हुए: ठीक है बेटा मैं देखूँगा। वो उसकी चूचियाँ दबाकर उसे जाने का इशारा किया।

मालिनी ने शाल लपेटी और अपने कमरे में जाकर दरवाज़ा बंद किया ।

शिवा: दे दिया पापा को दूध?

मालिनी: हाँ दे दिया। फिर हँसकर अपनी शाल उतारी और बोली: आपको क्या दूँ?

शिवा मुस्कुराया : आओ बताता हूँ क्या लेना है।

मालिनी: आप बाथरूम हो आओ । फिर मैं भी जाऊँगी।

शिवा मुस्कुराया: लंड बिलकुल साफ़ चाहिए चूसने के लिए । यही ना?

मालिनी: हाँ बिलकुल। मैं अपनी भी भी साफ़ रखती हूँ। ताकि आपको भी कोई इन्फ़ेक्शन ना हो।

शिवा बाथरूम में गया और मालिनी ने खिड़की थोड़ी सी खोल दी और पर्दा खींच दिया।

तभी शिवा बाथरूम से बाहर आया और अब वो बाथरूम चली गयी। जब वो बाहर आयी तो उसने देखा कि शिवा पूरा नंगा बिस्तर में पड़ा था और अपने आधे खड़े लंड को सहला रहा था।

मालिनी मुस्कुरा कर: वाह पूरे तय्यार हो चढ़ाई के लिए ।

मालिनी आकर उसके ऊपर चढ़ गयी और दोनों एक प्रगाढ़ चुम्बन में लीन हो गए। शिवा के हाथ उसकी गरदन , पीठ और चूतरों पर घूम रहे थे। अब मालिनी शिवा की जीभ चूस रही थी। उसके कनख़ियों से खिड़की की तरफ़ देखा तो उसे एक परछाईं सी नज़र आयी और वो समझ गयी कि पापा आ गए है । वो ये सोचकर उत्तेजित होने लगी कि पापा उनकी चुदाई देखेंगे।

अब शिवा उसके गाउन को नीचे से पकड़कर ऊपर उठाया और मालिनी की गाँड़ सहलाने लगा। उसके हाथ उसके भरे हुए जाँघों पर भी थे।

उधर राजीव को शिवा पर सवार मालिनी की गाँड़ साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। उसके बड़े बड़े गोरे चूतरों पर शिवा के हाथ मस्ती कर रहे थे मानो आटा गूँद रहे हों। उसकी गाँड़ की दरार में उसकी उँगलियाँ घुसकर मालिनी को उत्तेजित कर रही थीं। राजीव ने अपना लंड बाहर निकाला और उसको सहलाने लगा।

अब मालिनी अपने आप को ऊपर उठायी ताकि शिवा उसकी चूचियाँ भी सहला सके । शिवा उसकी चूचियाँ दबाकर उसकी निपल को वैसे ही ऐठने लगा जैसे कुछ देर पहले पापा ने किया था । मालिनी आऽऽऽहहह कर उठी।

शिवा: जान लिंगरी उतारो ना। अब रहा नहीं जा रहा।

मालिकी उठी और बिस्तर से नीचे आकर खड़ी हो गयी।

शिवा को सरला का डान्स याद आया ! उसे याद करके वो बोला: जान, आज मेरी एक इच्छा पूरी करोगी?

मालिनी: क्या ?

शिवा मोबाइल से वही गाना बजाया - बिड़ी जला ले -- और बोला: जान ज़रा एक सेक्सी डान्स करो ना। और नाचते हुए ही नंगी हो जाना।

राजीव के लंड ने अपने बेटे की ये बात सुनकर झटका मारा। आऽऽऽहहह क्या गरम लौंडा है, बिलकुल मुझपे ही गया है- वो सोचा।

मालिनी मुस्करायी कि बाप बेटा दोनों ही शो देखेंगे। पर बाहर से दिखावे के लिए बोली: छि मुझे शर्म आती है ।

शिवा: अरे जान मुझसे कैसी शर्म? प्लीज़ करो ना।

मालिनी : अच्छा करती हूँ। गाना शुरू से बजाओ।

शिवा ने गाना बजाया। अब मालिनी मस्ती से नाचने लगी । शिवा की तो आँखें ही फैल गयीं थीं। उफफफ क्या नाचती है दोनों माँ बेटी। तभी मालिनी ने अपनी चूचियाँ और गाँड़ किसी रँडी की तरह हिलाने शुरू किए । अब तो शिवा के लण्ड ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया।

मालिनी नाचते हुए खिड़की तक गयी और एकदम से उससे सटकर नाचने लगी और छातियाँ हिलाने लगीं। राजीव परदे के ऊपर से ही उसकी छातियाँदबा दिया। वो फिर मुड़ी और अपनी गाँड़ मटका कर नाचने लगी । राजीव तो जैसे पागल सा हो गया।

अब वो खिड़की से आगे आकर बिस्तर के पास आयी ताकि शिवा भी उसे दबा ले । उसने भी उसके बदन को सहलाया।

अब वो नाचते हुए किसी मस्त रँडी की तरह अपनी लिंगरी उतारने लगी! अब उसने लिंगरी की सामने की रस्सी खोली और उसको ऊपर की ओर उठायी और धीरे धीरे नंगी होने लगी। पूरी नंगी होकर अब वह अपनी छातियाँ हिलाकर और गाँड़ हिलाकर नाच रही थी। शिवा अब तुलना करने लगा माँ और बेटी में। जहाँ मालिनी की चूचियाँ एक दम ठोस थीं और बड़े अनार की तरह उसकी छाती से सटी हुई थी और पूरी तरह से अपने दम पर खड़ी थी। सासु माँ की चूचियाँ बड़े आम सी थीं और अपने वज़न से थोड़ी नीचे को झूँकि हुई थी। और वो थोड़ी नरम भी थीं। मालिनी का पेट एकदम चिपका सा था जबकि सासु माँ का थोड़ा बाहर को निकला हुआ था । और चूतर तो सच में सासु माँ के ही क़यामत थे पूरे उभार लिए हुए जबकि मालिनी के थोड़े छोटे थे पर गोल गोल गोरे चूतर किसी को भी पागल कर सकते थे। अब वो नाचती हुई खिड़की के पास गयी और पहली बार अपने ससुर को अपनी छातियाँ पूरी नंगी दिखा कर मस्ती से हिलाने लगी।

उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ राजीव का बहुत ही बुरा हाल था । आज पहली बार अपनी बहु की नंगी चूचियाँ उसके सामने नंगी थी और वी और वो उनको उछालकर नाच रही थी। वो परदे से सटी और राजीव ने हाथ निकाल कर उसकी नंगी चूचियाँ सहलायी। अब वो खिड़की के ओर अपनी गाँड़ करके अपनी गाँड़ हिलाने लगी। राजीव उसकी रंडीपने से मस्त हो गया।

अब वो आयी और बिस्तर पर लेटे शिवा के लण्ड को सहलायी और चूमने लगी। उसने अपनी गाँड़ को उठाकर खिड़की की तरफ़ किया और टाँगे फैलायीं ताकि पापा को उसकी पूरी छवि साफ़ साफ़ दिखाई दे। अब वो उसके लण्ड को पूरे ज़ोर से चूसने लगी। अब शिवा आऽऽऽहहहहह जान क्या चूस रही हो। अब वो उसको 69 के लिए बोला। मालिनी उसके ऊपर घूम गयी और अब वो उसकी बुर चूसने लगा और वो अब उसके बॉल्ज़ और लण्ड दोनों चूस रही थी।

राजीव अब अपने लौड़े को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा।

शिवा अब मस्त होकर मालिनी को बोला: चलो अब नीचे आओ। वह घूम कर नीचे आ गयी और अपनी टाँगें उठा दी। वह खिड़की की तरफ़ देखा और वहाँ अब भी राजीव का अहसास हुआ उसको । वो मुस्कुराई और अब अपनी टांगों को पूरा फैलायीं और अपने बुर में ऊँगली डालकर शिवा को दी और वो उसे चूसने लगा। अब राजीव के सामने उसकी खुली हुई बुर थी जो उसे पूरी गीली दिखाई दे रही थी ।
अब शिवा उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा और अपना लण्ड धीरे से अंदर किया। अब मालिनी उइइइइइइइ माँआऽऽऽ कर उठी। फिर शिवा ने उसके दूध मसलते हुए उसकी चुदाई शुरू की। राजीव ने देखा कि सच में उसकी चुदाई में कोई बात थी। वो बहुत ही ज़ोरदार धक्के मार रहा था। सरला भी यही बोली थी की बहुत ज़बरदस्त चोदता है।

शिवा की कमर एक मशीन की तरह चुदाई में लगी हुई थी। अब मालिनी की आऽऽऽऽहहह। हाऽऽऽऽऽय्य जीiiii और चोओओओओओओओदो। आऽऽऽऽऽहहह फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽड़ दो ।

फिर वह नीचे से अपनी गाँड़ उछालकर बोली: उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ मैं तोओओओओओओओओ गयीइइइइइइइइइ।

अब शिवा भी अपनी कमर दबाकर आऽऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा।

उधर राजीव भी अपने लंड का माल अपनी लूँगी में गिराने लगा।

तीनों अब शांत थे।

अब राजीव अपने कमरे में आ गया। उसकी बहु का नंगा जवान बदन उसे अब भी मस्ती से भर रहा था। उफफफफ क्या मस्त जवानी है और आज तो उसने नंगी होकर नाच कर भी दिखा दिया। सच में उसे अब चोदना ही होगा जल्द से जल्द।


उधर शिवा और मालिनी थोड़ी देर आराम करने के बाद फिर से एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही वो गरम हो गए और अगले राउंड की चुदाई में लग गए। आधा घंटा गुज़र गया उनकी चुदाई में। फिर दोनों थक कर सो गए।
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